शनि की कृपा से मिला है शाहरुख को इतना बड़ा मुकाम, कुंडली में बन रहे हैं दो राजयोग
फिल्मों की दुनिया में अगर कोई ऐसा शख्स है जिसे नाम, शोहरत, पैसा और प्यार सब कुछ मिला है, तो वो सिर्फ शाहरुख खान ही हैं। विवादों में आने पर भी शाहरुख के लिए लोगों का प्यार कम नहीं हुआ और इसकी वजह उनकी कड़ी मेहनत तो थी ही लेकिन उनकी किस्मत ने भी खूब साथ दिया है।
जब हम सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं, तो इसमें हमारी कड़ी मेहनत का योगदान तो होता ही है लेकिन साथ ही हमारी कुंडली के ग्रहों की चाल भी कुछ इस तरह रहती है कि हमें एक के बाद एक सक्सेस मिलती चली जाती है। शाहरुख के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बता रहे हैं कि शाहरुख खान को अपनी कुंडली में किन ग्रहों की वजह से अपने करियर और जीवन में इतनी बड़ी सफलता हासिल हुई है।
शाहरुख खान का जन्म 02 नवंबर, 1965 को दोपहर के 02 बजे दिल्ली में हुआ था।। उनकी लग्न राशि सिंह है और जन्म के समय तुला राशि में सूर्य थे और वृश्चिक राशि में बुध, मंगल और केतु की युति हो रही थी। इसके साथ ही शुक्र धनु राशि में था और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान थे।। वहीं शनि अपनी ही राशि कुंभ में थे और राहु वृषभ में एवं बृहस्पति मिथुन राशि में बैठे थे।
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शाहरुख को किन ग्रहों की वजह से मिली इतनी सफलता
शाहरुख खान का फिल्मी करियर दो चरणों में बंटा हुआ है। 1992 से लेकर 2008 तक का पहला चरण बृहस्पति ग्रह का है। उनका लग्न सिंह राशि का है और बृहस्पति ग्यारहवें भाव में बैठे हैं जो कि लाभ का स्थान है और इस पर पंचम भाव से शुक्र की दृष्टि पड़ रही है।
शनि सप्तम भाव में हैं और सूर्य तीसरे भाव में हैं। मंगल केतु और बुध के साथ चौथे भाव में हैं और मंगल की अष्टम दृष्टि गुरु पर पड़ रही है। गुरु यहां बहुत ज्यादा बलवान हैं और सूर्य शनि एवं गुरु त्रिकोण बना रहे हैं। ज्योतिष में सभी ग्रहों में त्रिकोण को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
गुरु और शुक्र की परस्पर दृष्टि दर्शाती है कि लड़का बहुत ही ज्यादा प्रतिभावान होगा और एक्टिंग के क्षेत्र में खूब नाम कमाएगा। ग्रहों के इस संयोजन के कारण शाहरुख को पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल हुई है। वहीं सूर्य के नीच में होने की वजह से शाहरुख के सिर से कम उम्र में ही उनके पिता का साया उठ गया था। इसके बावजूद सूर्य ने उन्हें बहुत ज्यादा आत्मविश्वास और ताकत प्रदान की है।
सातवें भाव में शनि दिग्बल है और विवाह ने उनके भाग्य को मज़बूती दी है। बृहस्पति वक्री है और ग्यारहवें भाव में बैठा है। गुरु पर योगकारक मंगल की चौथे भाव से दृष्टि पड़ रही है। मंगल स्वयं रुचक नामक पंच महापुरुष योग में शामिल है। सातवें भाव में शनि की उपस्थिति से एक और पंच महापुरुष योग शश राजयोग बन रहा है।
बृहस्पति बुद्धि प्रदान करते हैं लेकिन ग्यारहवें भाव में मज़बूत होने पर ये संपन्नता भी देते हैं। बृहस्पति और शनि के बीच त्रिकोण बनने से शाहरुख को पूरी दुनिया से प्यार मिला है। वहीं बृहस्पति और सूर्य से बन रहे अन्य त्रिकोण ने उन्हें गुरु की महादशा के दौरान बॉलीवुड का राजा बना दिया और ऐसी लोकप्रियता प्रदान की जो पहले कभी किसी और को नहीं मिल सकी है।
मंगल के गुरु पर प्रभाव के कारण शाहरुख को हमेशा अपनी किस्मत का साथ मिला है। साल 2008 तक गुरु की महादशा की वजह से उन्हें अपने करियर में खूब तरक्की मिली है।
साल 2008 से 2027 तक शाहरुख की जिंदगी का दूसरा चरण चल रहा है। शनि की महादशा 19 साल तक रहेगी। सिंह राशि के लोगों के लिए शनि की महादशा ज्यादा कष्टकारी होती है लेकिन शाहरुख के मामले में ऐसा नहीं है।
शनि शश राजयोग नामक पंच महापुरुष योग बना रहे हैं। ऐसे सिर्फ पांच पंच महापुरुष राजयोग ही हैं जो जातक को अकेले अपने दम पर सफलता पाने का मौका देते हैं। पांच ग्रहों के विशेष स्थिति में होने की वजह से कुछ खास राजयोगों का निर्माण हुआ है। पंच महापुरुष योग के पांच योगों में से दो योग शाहरुख की कुंडली में मौजूद हैं। इनमें से एक है मंगल द्वारा बन रहा रुचक योग और दूसरा है शश राजयोग।
06 मार्च 2027 तक शाहरुख की शनि की महादशा चल रही है। शनि मज़बूत है और उनकी कुंडली में अच्छे स्थान में बैठा है। गोचर में शनि शाहरुख के छठे भाव में बैठा है जो कि सेहत और मुकदमेबाज़ी का कारक है।
कुंभ राशि में प्रवेश करने तक शनि का शाहरुख को सहयोग मिलता रहेगा। उनकी सेहत अच्छी रहेगी और उनका स्टारडम भी बरकरार रहने वाला है।
शाहरुख की कुंडली में भाग्य बहुत मज़बूत है लेकिन इसमें ग्रहों का कुछ नकारात्मक प्रभाव भी है। साल 2021 में शाहरुख के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। छठे भाव के स्वामी शनि की वजह से शाहरुख कानूनी पचड़ों में फंसे।
साल 2021 में शाहरुख की शनि की मुख्य महादशा शुरू हुई थी जो अब तक चल रही है। गुरु वक्री होकर कानूनी मामलों के छठे भाव में बैठा है। शनि और गुरु की इस स्थिति के कारण शाहरुख के बेटे को आगे चलकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके बाद शाहरुख की कुंडली में अगली महादशा बुध की है जो कि उनके करियर के लिए बहुत ज्यादा अच्छी रहने वाली है लेकिन उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा शाहरुख को अपनी किस्मत का साथ मिलता रहेगा और वो खूब लाभ कमाएंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. शाहरुख खान की कौन सी राशि है?
उत्तर. शाहरुख खान सिंह लग्न के हैं।
प्रश्न. शाहरुख की जन्मतिथि क्या है?
उत्तर. शाहरुख 02 नवंबर, 1965 को दिल्ली में पैदा हुए थे।
प्रश्न. अभी बॉलीवुड का किंग कौन है?
उत्तर. शाहरुख खान को ही बॉलीवुड का किंग खान कहा जाता है।
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100 साल बाद तीन बड़े ग्रह आएंगे एक साथ, सिंह सहित इन राशियों के चमकेंगे भाग्य!
वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रह एक निश्चित समयांतराल की अवधि पूरी करने के बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। कई बार एक ही राशि में जब दो से तीन ग्रह एक साथ विराजमान रहते हैं यानी युति करते हैं तो इससे कई शुभ योगों का निर्माण होता है। इस योग का प्रभाव जातक के जीवन में देखने को मिलता है। इसी क्रम में तीन शुभ ग्रह शुक्र, सूर्य व देव गुरु बृहस्पति वृषभ राशि में एक साथ युति करेंगे और इस युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। वृषभ राशि में इस योग का निर्माण 100 साल बाद हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक, इस समय सूर्य और गुरु वृषभ राशि में विराजमान है और 19 मई को शुक्र भी वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुक्र के वृषभ राशि में प्रवेश करते ही सूर्य गुरु और शुक्र एक ही राशि में आ जाएंगे, जिससे त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। इस योग का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों के जीवन पर पड़ेगा लेकिन 6 राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस दौरान बेहद शुभ फलों की प्राप्ति होगी। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वे कौन से छह राशियां हैं, जिन्हें इस दौरान धन लाभ होगा लेकिन इससे पहले जान लेते हैं त्रिग्रही योग के बारे में।
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कैसे बनता है त्रिग्रही योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की युति का विशेष महत्व होता है और इन ग्रहों की युति से कई शुभ योगों का निर्माण होता है। इसी क्रम में त्रिग्रही योग का निर्माण तब होता है जब तीन ग्रहों की युति होती है। यह योग किसी राशि में तीन ग्रहों के एक साथ आने पर बनता है। यह बेहद शुभ योगों में एक है और अत्यंत फलदायी योग है। अब जानते हैं कि इस योग से किन जातकों को लाभ होने वाला है।
त्रिग्रही योग से इन 6 राशियों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशि के जातक की बात करें तो त्रिग्रही योग से आपको बेहद शुभ परिणाम मिलेंगे। इस दौरान आपको अपनी सारी समस्याओं का समाधान मिलेगा। आपको अपने करियर में संतुष्टि प्राप्त होगी और आर्थिक जीवन में अप्रत्याशित लाभ होगा। साथ ही, आपको भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा। इस दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक हो सकता है और आप धर्म-कर्म के कामों में बढ़ चढ़कर भाग ले सकते हैं, जिससे आपको संतुष्टि महसूस हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस गोचर के फलस्वरूप आप तेज़ी से धन कमाने में सक्षम होंगे। साथ ही, आपको अधिक धन कमाने के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। वहीं, जो लोग सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियों से संबंध रखते हैं उन्हें अच्छा लाभ होगा। ऐसे में, आप इस अवधि अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल रहेंगे। आपका लंबे समय से रुका हुआ धन वापस मिलेगा।
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह अवधि शानदार रहेगी। करियर के लिहाज़ से, नौकरी में तरक्की लेकर आएगा। आपको नौकरी में नए अवसर प्राप्त होंगे जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं और आपका करियर तेजी से प्रगति के रास्ते पर आएगा। इस अवधि आपको नौकरी के सिलसिले में विदेश से भी अवसर मिल सकते हैं। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी। आप इस दौरान किसी बिज़नेस डील से अच्छा लाभ कमाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। आर्थिक रूप से देखा जाए तो, यह अवधि आपके लिए भाग्यशाली साबित होगी क्योंकि इस दौरान आप अच्छा ख़ासा पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। वहीं, जो लोग विदेश में रहते हैं वह काफ़ी धन अर्जित करेंगे। इस अवधि आप एक से अधिक स्रोतों से धन कमाने में सफल हो सकते हैं और बचत करने में भी सफलता हासिल करेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग बेहद शुभ साबित होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको अपने काम में किए गए कठिन से कठिन प्रयासों से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। आपके कार्यों और आपकी ऊर्जा को देख आपके वरिष्ठ आपकी सराहना करेंगे और आपको इसके लिए पुरस्कृत भी कर सकते हैं। आप अधिक लाभ कमाएंगे और तेजी से आगे बढ़ेंगे। जो लोग व्यापार कर रहे हैं वह इस दौरान धन लाभ कमाते हुए बिज़नेस में सफलता प्राप्त करेंगे और परिणाम आपके पक्ष में आएंगे। आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और पूरे उत्साह से अपने काम को पूरा करेंगे। इसके अलावा, आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सफल हो सकते हैं। पार्टनरशिप में व्यापार करना आपके लिए अच्छा साबित होगा। आर्थिक रूप से आपको काफ़ी धन लाभ होगा और अधिक धन कमाने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग शुभ परिणाम देने वाले साबित हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। ये जातक अपने जीवन का दायरा बढ़ाते हुए दिखाई दे सकते हैं। अगर आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं, तो उसके सफल होने की संभावना है। करियर के लिहाज़ से, यह अवधि आपके लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है क्योंकि इस समय आप कार्यों में सफलता के साथ-साथ उच्च पद प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप करियर में तेजी आगे बढ़ेंगे और शीर्ष पर पहुंचेंगे। आपको पदोन्नति आदि के रूप में अधिक लाभ प्राप्त होगा। यही नहीं आपको विदेश से भी नए अवसर मिलने की संभावना है जो आपके लिए फलदायी रहेंगे। जो जातक व्यापार करते हैं उन्हें इस दौरान भाग्य का साथ मिलेगा और आपको अच्छी दर पर मुनाफा होगा। आर्थिक रूप से यह योग आपके लिए बहुत अधिक भाग्यशाली साबित होगा क्योंकि इस दौरान आपके लिए धन के योग बनेंगे। साथ ही, आप ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने में सक्षम होंगे।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के करियर के लिए यह समय लाभकारी रहेगा। आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपकी किस्मत अच्छी रहेगी। नौकरी करने वाले जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल साबित होगी। आपको कार्यक्षेत्र में पदोन्नति के साथ-साथ आपके वेतन में वृद्धि भी होगी। इस दौरान आपको अपनी मेहनत के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है। आपको नई-नई चीज़ें सीखने को मिलेगी। इस दौरान घर में मांगलिक कार्य हो सकते हैं। घर में खुशी का माहौल रहेगा और आपको विदेश यात्रा पर भी जाने के अवसर प्राप्त होंगे। व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। आपको इस दौरान भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। व्यापार में आपको कुछ ऐसे पल देखने को मिल सकते हैं जो आपके बिज़नेस के लिए फलदायी साबित होंगे। साथ ही, इस दौरान आप अच्छा लाभ कमाने में भी सक्षम होंगे।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के व्यापार में वृद्धि होगी। आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। साथ ही, इन लोगों में सेवा की भावना प्रबल होने की संभावना है। करियर की बात करें तो, इस दौरान आपको वेतन वृद्धि, प्रमोशन आदि के रूप में लाभ प्राप्त होगा। जीवन का दायरा बढ़ाते हुए दिखाई दे सकते हैं। अगर आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं, तो उसके सफल होने की संभावना है। करियर के लिहाज़ से, आपके लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है क्योंकि इस समय आप कार्यों में सफलता के साथ-साथ उच्च पद प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप करियर में तेजी आगे बढ़ेंगे और शीर्ष पर पहुंचेंगे। आपको पदोन्नति आदि के रूप में अधिक लाभ प्राप्त होगा। यही नहीं आपको विदेश से भी नए अवसर मिलने की संभावना है जो आपके लिए फलदायी रहेंगे। आपके दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां दूर होगी। मीन राशि के छात्रों के लिए यह समय अच्छा रहेगा। साथ ही, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों को शुभ समाचार मिल सकता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गुरु शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 1. इस राशि के जातकों के लिए सूर्य शुक्र और गुरु की युति से त्रिग्रही योग लाभकारी साबित होगा।
प्रश्न 2. सूर्य और गुरु की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 2. सूर्य-गुरु की युति से गुरु आदित्य योग का निर्माण होता है।
प्रश्न 3. शुक्र का शत्रु ग्रह कौन सा है?
उत्तर 3. बुध और शुक्र शत्रु समान हैं।
प्रश्न 4. गुरु चांडाल योग कैसे होता है?
उत्तर 4. अगर कुंडली में राहु बृहस्पति एक साथ हों तो गुरु चांडाल योग बन जाता है।
बुध का वृषभ में गोचर- 4 राशियों के लिए वरदान और 2 राशियों को उठाना पड़ेगा नुकसान!
बुध का वृषभ में गोचर: ऐस्ट्रोसेज हमेशा से अपने रीडर्स को ज्योतिष की इस रहस्यमई दुनिया की नवीनतम अपडेट देते आया है। आज इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध गोचर से संबन्धित हमारा यह खास ब्लॉग जिसके माध्यम से हम जानेंगे कि जल्द होने वाला बुध का वृषभ राशि में गोचर किन राशियों के लिए अनुकूल रहेगा और किन राशियों को इसके प्रतिकूल परिणाम उठाने पड़ेंगे।
इस ब्लॉग में हम बुध के वृषभ राशि में होने वाले गोचर के बारे में जानेंगे जो 31 मई 2024 को होने वाला है। साथ ही जानेंगे कि देश, दुनिया और राशियों को यह गोचर किस तरह से प्रभावित करेगा।
ज्योतिष में बुध संचार, बुद्धि और मन से जुड़ा ग्रह माना जाता है। यह इस बात को भी निर्धारित करता है कि एक व्यक्ति खुद को मौखिक या फिर लिखित रूप से औरों के सामने किस तरह से व्यक्त करते हैं, हम जानकारी को कैसे संसाधित करते हैं और अपने तात्कालिक वातावरण के साथ कैसे बातचीत करते हैं। बुध ग्रह यात्रा, प्रौद्योगिकी और वाणिज्य से भी जुड़ा ग्रह माना जाता है। माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध की स्थिति उनकी संचार शैली, सोच, पैटर्न और सीखने की प्राथमिकताओं को प्रभावित करती है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो मेष जैसी अग्नि राशि में बुध वाला व्यक्ति अपने संचार में ज्यादा प्रत्यक्ष और मुखर हो सकता है वहीं मीन जैसी जल तत्व की राशि में बुध वाला व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति में ज्यादा सहज और सहानुभूति पूर्ण होगा। सभी 12 राशियों में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें समय की तो बुध 31 मई 2024 को दोपहर 12:02 पर अपने मित्र शुक्रद्वारा शासित वृषभ राशिमें गोचर कर जाएगा। वृषभ बुध की मित्र राशि है और कहा जाता है कि यह वृषभ राशि में सहज रहता है। आईए जानते हैं कि इस गोचर का राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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वृषभ राशि में बुध विशेषताएं
बात करें विशेषताओं की तो जब संचार और बुद्धि का ग्रह बुध वृषभ राशि में होता है तो यह व्यक्ति के सोचने, जानकारी संसाधित करने और खुद को अभिव्यक्त करने के तरीकों को प्रभावित करता है। वृषभ एक पृथ्वी चिन्ह है जो अपनी स्थिरता, व्यवहारिकता और जमीनी स्वभाव के लिए जाना जाता है। यहां आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वृषभ राशि में बुध किस तरह के विशेषताएं दिखाता है।
व्यवहारिक सोच: वृषभ राशि के प्रभाव से बुध व्यावहारिक मामलों पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। ऐसी स्थिति वाले लोग मूर्त वास्तविक दुनिया के समाधानों के बारे में सोचते हैं। वह अमूर्त सिद्धांतों के बजाय ठोस तथ्यों और विचारों से निपटना ज्यादा पसंद करते हैं।
स्थिर संचार: संचार शैली सुविचार और स्थिर हो जाती है। वृषभ राशि में बुध वाले लोग धीरे-धीरे और सोच समझ कर बोलते हैं। अपने शब्दों का चयन सावधानीपूर्वक करते हैं, स्पष्टता को महत्व देते हैं और उनमें जटिल विचारों को सरल शब्दों में व्यक्त करने की शानदार क्षमता होती है।
संवेदी बुद्धि: वृषभ इंद्रियों और शारीरिक अनुभवों से जुड़ा ग्रह माना जाता है। वृषभ राशि के जातकों में बुध को संवेदी विवरण के बारे में गहरी जागरूकता होती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति कला, संगीत, भोजन या प्रकृति जैसे विषयों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं। यह सभी चीज इंद्रियों से संलग्न में रहती हैं।
परिवर्तन के प्रति प्रतिरोधी: वृषभ एक स्थिर राशि है जो परिवर्तन के लिए प्रतिरोधी होने के लिए जानी जाती है। इसी प्रकार वृषभ राशि के जातकों में बुध रूढ़िवादी मानसिकता वाला हो सकता है और नए विचारों या प्रौद्योगिकियों को अपने में धीमा साबित हो सकता है। वह स्थिरता पसंद करते हैं और निर्णय लेने में जल्दबाजी नहीं दिखाते हैं।
मजबूत और स्पष्ट राय: एक बार जब ऐसे व्यक्ति कोई राय बना लेते हैं तो उस पर कायम रहते हैं। वह आसानी से दूसरों के बहकावे में नहीं आते हैं और जब अपने विश्वासों का बचाव करने की बात आती है तो वह जिद्दी स्वभाव के भी नजर आ सकते हैं।
वित्तीय समझदारी: वृषभ धन और संपत्ति पर शासन करता है इसलिए वृषभ राशि में बुध वाले लोग वित्त के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हैं। वे पैसों को लेकर सतर्क रहते हैं और जोखिम लेने के बजाय अपने जीवन में बचत करना और समझदारी पूर्वक निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं।
कलात्मक अभिव्यक्ति: सुंदरता और रचनात्मकता के लिए वृषभ की सराहना भी वृषभ राशि के व्यक्तियों की अभिव्यक्ति में बुध को प्रभावित कर सकती है। ऐसे व्यक्तियों में लिखने, बोलने या कलात्मक बातचीत के अन्य रूपों की प्रतिभा हो सकती है। खासकर जब स्थाई मूल्य की कोई चीज बनाने की बात आती है तब।
कुल मिलाकर देखा जाए तो वृषभ राशि में बुध स्थिरता, कामुकता और जीवन के मूर्त पहलुओं पर ध्यान देने के साथ संचार और सोच के लिए एक व्यवस्थित व्यावहारिक और जमीनी दृष्टिकोण लेकर आता है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर- इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे घर का और पंचम भाव का स्वामी है और अब पहले घर में गोचर करने वाला है। करियर के संबंध में यह गोचर वृषभ राशि के जातकों को ज्यादा पेशेवर लाभ और नौकरी के अच्छे अवसर प्राप्त करने में सफलता प्रदान करेगा। इस गोचर के दौरान जातकों को विदेश में नौकरी के प्रस्ताव या अवसर भी मिल सकते हैं। वह अपने व्यवसाय में अपनी बुद्धि का पूरा उपयोग करते और उसमें सफलतापूर्वक पूरा करने में कामयाब होंगे। धन के मामले में बात करें तो वृषभ राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान ज्यादा लाभ होगा और इस गोचर के दौरान आप बचत भी करने में कामयाब रहेंगे। इस दौरान पैसे कमाने के संबंध में आपके अंदर ज्यादा जागरुकता देखने को मिलेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और करियर के दसवें भाव में गोचर करने जा रहा है। आईटी क्षेत्र में काम करने वाले जातकों के लिए यह गोचर बेहद ही शुभ साबित होगा। लोग खुद को धीरे-धीरे काम में डूबता हुआ पाएंगे। अपने काम की योजना बनाना और एक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार काम करने से आप अपने लक्ष्य को तेजी से हासिल कर पाने में कामयाब रहेंगे। यूं तो व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह समय बेहद ही लाभदायक नहीं साबित होगा। हालांकि आपकी व्यावसायिक रणनीतियों में थोड़ा सा बदलाव आपको वांछित लाभ प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकता है। अगर आप सही दिशा में प्रयास करेंगे तो चीज़ें आपके लिए निश्चित रूप से कामयाबी लेकर आएंगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले घर और दसवें घर का स्वामी है और अब नवम भाव में गोचर करने जा रहा है। करियर के लिहाज से इन जातकों के लिए यह समय ज्यादा अनुकूल रहने वाला है। आपको नई नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे जिससे आपको संतुष्टि मिलेगी। बुध के वृषभ राशि में गोचर के दौरान जातकों को अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करने में उच्च सिद्धांत बनाए रखने में कामयाबी मिलेगी। इस दौरान व्यवसायी जातकों को भी भारी मुनाफा होगा और इन जातकों को नया व्यवसाय शुरू करने के अवसर भी मिल सकते हैं। भाग्य और आर्थिक स्थिति आपके पक्ष में रहने वाली है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और अब पंचम भाव में गोचर करेगा। करियर के मामले में इन जातकों को वृद्धि और विदेश में कोई अच्छी संभावना प्राप्त हो सकती है जो आपके लिए खुशियां लेकर आएगी। मकर राशि के जातकों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि भी मिलने के योग बन रहे हैं। इस राशि के जो जातक व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह गोचर नए व्यावसायिक अवसर लेकर आएगा जो आपको ज्यादा रिटर्न दिलाएंगे। इस दौरान इन जातकों को व्यापार के सिलसिले में ज्यादा यात्राएं करनी पड़ सकती है। वित्तीय पक्ष पर बात करें तो अगर आप सट्टा बाजार में निवेश करते हैं तो पांचवे घर में बुध की स्थिति आपको बेहतर रिटर्न प्रदान करने में कामयाब रहेगी।
बुध का वृषभ राशि में गोचर- इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल है मंगल और बुध शत्रु होते हैं और बुध मेष राशि के जातकों के लिए एक हानिकारक ग्रह भी है जो तीसरे और छठे भाव पर शासन करता है। अब अगर बुध वृषभ राशि में दूसरे भाव में स्थित है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक मित्र राशि में स्थित है लेकिन इस तथ्यों के चलते यह बुरे घरों पर शासन करता है। बुद्ध यहां सकारात्मक परिणाम नहीं दे पाएगा। इस अवधि में आपको वित्त में कमी देखने को मिलेगी।
साथ ही आपके जीवन से वित्तीय स्थिरता भी गायब रहने वाली है। आपके खर्च आपकी कमाई से ज्यादा रहेंगे। आपको अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और नौकरी में भी समस्याएं उठानी पड़ सकती हैं। व्यवसाय में शामिल लोगों को मुनाफे के संदर्भ में उतार-चढ़ाव और बढ़े हुए ऊपरी खर्चों का सामना करना पड़ेगा।
वृश्चिक राशि
बुध आठवें और ग्यारहवें घर का स्वामी है और अब साझेदारी, व्यापार और विवाह के सातवें घर में गोचर करेगा। आठवें भाव के स्वामी के रूप में सातवें भाव में बुध एक अच्छी स्थिति नहीं दर्शाता है और यह पार्टनर्स के बीचअ शांति पैदा कर सकती है। आपकी बातचीत करने की शैली, आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में समस्याएं खड़ी कर सकती है। बिजनेस पार्टनर के साथ भी आपका विवाद होने की प्रबल आशंका है।
बुध का वृषभ राशि में गोचर- ये उपाय दिलाएंगे राहत
भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा घास और देसी घी के लड्डू चढ़ाएँ।
बुध ग्रह के लिए हवन करें और अपने परिवार की महिलाओं को वस्त्र और हरी चूड़ियों का दान करें।
किन्नरों का आशीर्वाद लें।
प्रतिदिन गाय को चारा खिलाएं।
पक्षियों को भीगे हुए चने खिलाएँ विशेष कर कबूतरों और तोतों को।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न: मई के महीने में बुध का वृषभ राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: 31 मई 2024 को बुध वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे।
प्रश्न: बुध का वृषभ राशि में गोचर किन राशियों के लिए अनुकूल रहेगा?
उत्तर: वृषभ राशि, सिंह राशि, कन्या राशि और मकर राशि के जातकों को बुध के इस गोचर से अनुकूल परिणाम मिलेंगे।
प्रश्न: बुध का वृषभ राशि में गोचर किन राशियों के लिए प्रतिकूल रहेगा?
उत्तर: मेष और वृश्चिक राशि के लिए ये गोचर ज़्यादा अनुकूल नहीं साबित होगा।
प्रश्न: बुध के मजबूत होने से कैसे परिणाम मिलते हैं?
उत्तर: बुध ग्रह मजबूत होता है तो व्यक्ति के बोलने, समझने, समझाने, आदि का शानदार कौशल होता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
30 साल बाद बन रहे शश और मालव्य राजयोग से 5 राशियों की लगेगी लौटरी!
वैदिक ज्योतिष में, सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करते हैं। कई बार एक साथ दो या दो से अधिक ग्रह राशि परिवर्तन करते हुए एक ही राशि में आ जाते हैं, तो इसे ग्रहों की युति कहते हैं और इस युति से कई शुभ योगों का निर्माण होता है। जिसका प्रभाव जातक के जीवन में पड़ता है। इसी क्रम में शनि के गोचर से दो बेहद शुभ योगों शश और मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है।
इन योग का निर्माण 30 साल बाद हो रहा है। बता दें कि यह दोनों योग शुक्र और शनि के गोचर के फलस्वरूप बन रहा है। इसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा लेकिन कुछ राशियां इन योगों के प्रभाव से बेहद भाग्यशाली साबित होंगी। तो आइए जानते हैं यह योग कैसे बन रहा है और इस योग से किन जातकों को लाभ मिलने वाला है।
कैसे बन रहे हैं ये योग
बता दें कि शनि अभी अपनी ही राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं और शनि के गोचर से शश योग व 19 मई 2024 को शुक्र वृषभ राशि में गोचर करेंगे। शुक्र के गोचर से मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र उसकी राशि के पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में यानी वृषभ और तुला में या उच्च राशि मीन में स्थित होता है, तो मालव्य योग बनता है। शुक्र ग्रह को धन का कारक ग्रह माना जाता है और इस योग के बनने से जातक को कभी भी धन की कमी नहीं महसूस होती है।
शश योग की बात करें तो शश राजयोग तो शश योग कुंडली में शनि ग्रह की विशेष स्थिति के कारण बनता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में शनि अपने स्वयं की राशि मकर, कुंभ में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है तब शश योग बनता है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन योग से किन जातकों को लाभ होने वाला है।
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शश व मालव्य राजयोग से इन जातकों को होगा धन लाभ!
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह दोनों योग बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। इस अवधि आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होगा, जिसके चलते आप तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। करियर की बात करें तो आप तेज़ी से तरक्की करेंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में लोग आपका मान-सम्मान करेंगे और आपके काम से आपके वरिष्ठ प्रसन्न होंगे। प्रबल संभावना है कि आपको इस अवधि पदोन्नति प्राप्त हो या आपके वेतन में वृद्धि हो। किस्मत से मिल रहे साथ की वजह से कारोबारियों को अच्छा-खासा मुनाफा हो सकता है और धन लाभ भी हो सकता है। आप जल्द ही अपने नाम पर नई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। आमदनी में बढ़ोतरी के भी योग बन रहे हैं, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आप एकदम फिट महसूस करेंगे। हालांकि आपको अपनी दिनचर्या में योग व्यायाम शामिल करने की सलाह दी जाती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए भी यह योग बेहद शानदार साबित होगा। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना की जाएगी। नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन होने के साथ-साथ सैलरी में भी इंक्रीमेंट हो सकता है। इस अवधि आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा और आपको पैसों की कोई कमी नहीं होगी। इस अवधि आप कई स्रोतों से धन कमाने का मौका मिलेगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता देखने को मिलेगी। आपकी कमाल की कम्युनिकेशन स्किल की वजह से आपके रिश्ते अच्छे बन सकते हैं। आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे और आप एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे। जिन लोगों का खुद का बिजनेस है, उन्हें इस अवधि के दौरान अच्छा-खासा मुनाफा हो सकता है। आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और मुमकिन है कि आप ऐसा आपके अंदर मौजूद उचित उत्साह के चलते हो।
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भी यह योग बेहद शुभ साबित होगा। इस दौरान धन लाभ होगा। जो लोग लंबे समय से विदेश जाने का प्लान बना रहे हैं, उनका सपना पूरा हो सकता है। अगर आप व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो आपको मुनाफा मिल सकता है। आर्थिक जीवन भी शानदार रहेगा और आपको नए स्रोतों से धन कमाने का मौका मिलेगा। यदि आपने अपना धन पहले कभी निवेश में लगाया था तो आपको इस अवधि बहुत ही शानदार रिटर्न मिलने वाला है, जो आपने सोचा भी न था। यह अवधि निवेश करने के लिए शानदार रहेगी। रिश्ते की बात करें तो आप अपने जीवन साथी के साथ रिश्ते में आकर्षण बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। शादीशुदा जो जातक परिवार को आगे बढ़ाने का विचार बना रहे हैं, उन्हें इस अवधि खुशखबरी मिल सकती है। स्वास्थ्य की बात करें तो आप एक फिट महसूस करेंगे। हालांकि छोटी-मोटी समस्याएं जैसे- खांसी, जुकाम हो सकता है।
तुला राशि के लोगों के लिए शश और मालव्य राजयोग बेहद लाभकारी रह सकता है। बिजनेस में मुनाफा हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन हो सकता है। विदेशी स्रोत से भी आपको बहुत अधिक धन लाभ हो सकता है। आपका करियर इस अवधि बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ेगा और आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, आपको किसी नए प्रोजेक्ट में काम करने का ऑफर मिल सकता है और इस प्रोजेक्ट में आप पूरे मन से काम करेंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आर्थिक जीवन की बात करें, तो आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और आप अपनी मनपसंद कार खरीद सकते हैं। इसके अलावा प्रॉपर्टी या अन्य जगहों पर निवेश कर सकते हैं। यह अवधि निवेश के लिए अच्छी साबित होगी। आपको अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। जो लोग मीडिया या फैशन डिजाइनिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें जल्द ही बड़ा ऑफर मिल सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्या परेशान हो सकती। हालांकि कोई बड़ी समस्या आपको परेशान नहीं करेगी इसलिए घबराने की कोई बात नहीं हैं।
कुंभ राशि
शश और मालव्य राजयोग के निर्माण से कुंभ राशि के लोगों को बहुत अधिक लाभ होगा। कार्यस्थल में आपके काम की सराहना की जाएगी और आपको नौकरी में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होगी। यदि आप प्रमोशन या वेतन वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं तो आपको ये खुशखबरी मिल सकती है। व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो यह गोचर आपको ज्यादा सफलता और ज्यादा मुनाफा प्रदान करेगा। सात ही आपको कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, व्यापारियों को धन लाभ हो सकता है। आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो आप ज्यादा धन संचित कर पाने में कामयाब होंगे और बचत करने में भी सक्षम होंगे। आपके प्रेम जीवन की बात करें तो जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते बेहद मजबूत होंगे और एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे। आपके स्वास्थ्य पर चर्चा करें तो आप फिट महसूस करेंगे और यह आपके अंदर मौजूद प्रतिरक्षा स्तर के चलते मुमकिन हो पाएगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शश राजयोग कैसे बनता है?
उत्तर 1. शश योग कुंडली में शनि ग्रह की विशेष स्थिति के कारण बनता है।
प्रश्न 2. मालव्य योग क्या होता है?
उत्तर 2. कुंडली में शुक्र उसकी राशि के पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में यानी वृषभ और तुला में या उच्च राशि मीन में स्थित होता है, तो मालव्य योग बनता है।
प्रश्न 3. शश राजयोग का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर 3. शश राजयोग का दूसरा नाम शशका योग है।
प्रश्न 4. देवगुरु बृहस्पति के भगवान कौन है?
उत्तर 4. देवगुरु बृहस्पति के भगवान बृहस्पति हैं।
साप्ताहिक राशिफल (20 मई से 26 मई, 2024): कैसा रहेगा यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए?
साप्ताहिक राशिफल 20 मई से 26 मई 2024: एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसमें आपको साप्ताहिक राशिफल 20 मई से 26 मई, 2024 की जानकारी प्राप्त होगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि मई का यह सप्ताह राशि चक्र की 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा। साथ ही, इस राशिफल की मदद से कैसे आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं, तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
साप्ताहिक राशिफल 20 मई से 26 मई, 2024: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देती हुई प्रतीत हो रही है। अतः इस अवधि में आप कार्यक्षेत्र और आर्थिक मामले में अच्छा कर सकेंगे।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 AM तक की अवधि भी आपके फेवर में नज़र आ रही है। अत: घर-गृहस्थी और दांपत्य जीवन के मामलों में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े मामलों में भी परिणाम अच्छे रह सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय कमजोर रह सकता है। अतः इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही, स्वयं को तनाव मुक्त रखें।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि पुन: धीरे-धीरे अनुकूलता की ओर लेकर जाएगी और आप नई इस स्फ़ूर्ति के साथ आगे बढ़ने लगेंगे।
उपाय: हर प्रकार के आर्थिक रिस्क से दूर रहें और भगवान भोलेनाथ का स्मरण करें।
वृषभ राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकती है। अतः इस अवधि में जोश के साथ-साथ होश का सहारा लेना फायदेमंद रहेगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि आपको काफी अच्छे परिणाम देने का संकेत कर रही है। इस अवधि में आप अपनी जॉब में कुछ विशेष कर सकते हैं। प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाने में भी यह अवधि मददगार हो सकती है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय एवरेज या एवरेज से थोड़ा बेहतर परिणाम दे सकता है। यद्यपि चंद्रमा नीच का रहेगा और यह कमजोर बात है, लेकिन सप्तम भाव में चंद्रमा का गोचर अच्छे परिणाम दिलाने वाला कहा गया है। अतः इस अवधि में मिले-जुले किंतु एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप न केवल काम धंधे में बल्कि निजी जीवन में भी आनंद की अनुभूति कर सकेंगे।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि कमजोर परिणाम दे सकती है। अतः किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही, अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखना होगा।
उपाय: श्रद्धापूर्वक बुजुर्गों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।
मिथुन राशि
इस सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपके लिए कमजोर रहेगी। अतः इस दौरान आर्थिक और पारिवारिक मामलों के साथ-साथ घरेलू मामलों में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी होगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देने का काम कर सकती है। यदि इस अवधि में आपने समझदारी दिखाकर पिछले तनाव को दूर कर लिया तो परिणाम अच्छे रह सकते हैं। विशेषकर अध्ययन-अध्यापन और प्रेम से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता मिल सकती है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है। हालांकि, चंद्रमा नीच का रहेगा और ऐसे में, वाणी और भावनाओं पर संयम रखने की जरूरत तो रहेगी लेकिन इन सावधानियां को अपनाने के बाद अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद की जा सकेगी।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि आपको पूरी तरह से अनुकूल परिणाम देना चाहेगी। इस अवधि में किसी भी प्रकार का कन्फ्यूजन होने की स्थिति में एक्सपर्ट एडवाइस लेकर काम करने पर अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा सकेगी।
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको काफी अच्छे परिणाम देना चाह रही है। अच्छी सूचनाओं के मिलने से आप प्रफुल्लित और उत्साहित रहेंगे। साथ ही, लगभग हर क्षेत्र में अच्छा करने में कामयाब रहेंगे।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि थोड़े कमजोर परिणाम दे सकती है। चतुर्थ भाव में चंद्रमा का गोचर जिस पर मंगल की दृष्टि भी रहेगी, मन में किसी बात को लेकर आक्रोश या तनाव के भाव दे सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। लग्न या राशि का स्वामी चंद्रमा पंचम भाव में नीच अवस्था में रहेगा, अतः आत्मीय संबंधों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहना होगा। बेहतर होगा कि भावनाओं की बजाय तथ्यात्मक होकर काम करें। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में परिणाम अनुकूल रह सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की समय अवधि सामान्य तौर पर अच्छे और अनुकूल परिणाम दे सकती है। आप प्रतिस्पर्धात्मक मामलों में काफी अच्छा कर सकते हैं। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों के अलावा आर्थिक जीवन में भी आप अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे।
उपाय: माता और माता तुल्य स्त्रियों की सेवा सत्कार करके उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकती है। व्यय भाव का स्वामी धन भाव में रहेगा, अतः खर्चे हो सकते हैं। ऐसे में ध्यान इस बात पर देना होगा कि खर्च व्यर्थ की बजाय सार्थक कामों में होंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। आर्थिक मामलों के अलावा पारिवारिक मामले में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह करना होगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे की अवधि काफी अच्छे परिणाम दे सकती है। आपका आत्मविश्वास आपको लगभग हर मामले में सफलता दिला सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय कमजोर रहेगा। अतः इस अवधि में स्वयं को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करें। यथा संभव यात्राओं से बचने का प्रयास भी करें। कुछ अप्रत्याशित खर्च भी आपको देखने को मिल सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि आपको राहत देने का काम कर सकती है। भले ही सारी चीजें इस अवधि में अनुकूल रहें या न रहें लेकिन कई मामलों में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे और बेहतरी का अनुभव कर सकेंगे।
उपाय: दादाजी या फिर किसी भी बुजुर्ग के साथ मंदिर जाकर वहां पर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकती है। लाभ भाव का स्वामी चंद्रमा प्रथम भाव में आकर आपको विविध माध्यमों से लाभ करवाना चाहेगा। हालांकि, चंद्रमा पर राहु, केतु व मंगल जैसे ग्रहों का प्रभाव धैर्य की जरूरत का संकेत दे रहा है।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि भी आपको मिले-जुले परिणाम देती हुई प्रतीत हो रही है। यद्यपि किसी बड़ी नकारात्मकता के योग नहीं है लेकिन फिर भी आर्थिक और पारिवारिक मामलों में संयमित बातचीत और संतुलित कदम उठाने की जरूरत होगी।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय एवरेज से बेहतर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। लाभेश चंद्रमा आपके तीसरे भाव में पहुंचकर बृहस्पति के प्रभाव के कारण अनुकूल परिणाम ही देना चाहेंगे, लेकिन चंद्रमा की अवस्था नीच की रहेगी। अत: अनुकूलता का ग्राफ थोड़ा कम रह सकता है, फिर भी हम इस अवधि से विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि कुछ मामलों में कमजोर परिणाम देती हुई प्रतीत हो रही है। घर-परिवार या किसी अन्य मामलों को लेकर आप थोड़े से चिंतित या परेशान रह सकते हैं।
उपाय: अपनी कमाई से खरीद कर मां या मां समान स्त्री को वस्त्र भेंट करना शुभ रहेगा।
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपके लिए कुछ हद तक कमजोर प्रतीत हो रही है। व्यर्थ की भागदौड़ और व्यर्थ के खर्चे देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, दूर स्थान से जुड़े कुछ मामलों में अच्छे परिणामों की भी उम्मीद की जा सकती है।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि आपके लिए अनुकूलता का पिटारा लेकर आ रही है। आप अपने कामों को बेहतर ढंग से अंजाम देकर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा की दृष्टिकोण से भी यह अवधि अच्छी कही जाएगी।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय मिले-जुले परिणाम दे सकता है। बेहतर होगा कि घर-परिवार के लोगों और रिश्तेदारों से बातचीत करते समय वाणी में मिठास और विनम्रता के भाव रखे जाएं। ऐसा करने की स्थिति में ही परिणाम संतुलित रह सकते हैं, अन्यथा आर्थिक और पारिवारिक मामले में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकती है। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। आपके चाहने वाले और आपके सहयोगी भी आपके कदम से कदम मिलाकर आपको सफलता तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
उपाय: पीपल के पेड़ पर नियमित रूप से जल चढ़ाना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देगी। दूर की यात्राएं फायदेमंद रहेंगी और वरिष्ठों के सहयोग से आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि कुछ हद तक कमजोर रह सकती है। इस अवधि में बेकार के खर्चे देखने को मिल सकते हैं और बेकार की भागदौड़ भी रह सकती है, लेकिन दूर के स्थान विशेषकर विदेशों से संबंध रखने वाले लोगों को अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कुछ लोगों को एवरेज से बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं। भाग्य स्थान का स्वामी चंद्रमा पहले भाव में नीच अवस्था में रहेगा। अतः संतुलित मन मस्तिष्क के साथ आगे बढ़ने की स्थिति में अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकेगी। मन में अध्यात्म के प्रति भाव मजबूत होंगे।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकती है। मनपसंद भोजन करने के मौके मिलेंगे। आपकी बातों से लोग प्रभावित भी होंगे, लेकिन इन मामलों में भी संयम का साथ नहीं छोड़ना है।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
धनु राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकती है। विशेषकर कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में अच्छी अनुकूलता मिल सकती है। वरिष्ठों के साथ संबंध बेहतर हो सकेंगे, लेकिन यदि कोई वरिष्ठ आपकी किसी बात का विरोध करें तो बात का बतंगड़ बनाने से बचना समझदारी का काम होगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि काफी अच्छे परिणाम दे सकती है। आर्थिक मामले में इस समय में आपका प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है। आमदनी के स्रोतों में इजाफा भी देखने को मिल सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय कमजोर रह सकता है। अतः इस अवधि में किसी भी तरीके का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। हालांकि, अष्टम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में नीच का होना अप्रत्याशित रूप से कुछ फायदे दिलाने का काम भी कर सकता है, लेकिन सामान्य तौर पर इस समय को हम कमजोर ही कहेंगे।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि आपकी खोई हुई स्फूर्ति और सकारात्मकता को वापस लाने का काम करेगी। पुरानी समस्याएं दूर होंगी और आप नए उत्साह के साथ सकारात्मक दिशा में बढ़ सकेंगे।
उपाय: माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मकर राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकती है। यदि कामों में अड़चन नजर आ रही हैं तो एक-दो दिनों तक धैर्य रखते हुए योग, मेडिटेशन और परमात्मा का ध्यान करें।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकती है। विशेषकर व्यापार-व्यवसाय से जुड़े हुए लोग इस अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। साथ ही, अन्य लोगों को भी सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय काफी हद तक अनुकूल रह सकता है। हालांकि, चंद्रमा नीच का रहेगा लेकिन लाभ भाव में होने के कारण आपको लाभ दिलवाना चाहेगा। भले ही छोटी-मोटी चिंताएं या परेशानियां आएं लेकिन सामान्य तौर पर परिणाम आपके फेवर के ही रह सकते हैं।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की समय अवधि कमजोर रह सकती है। अतः इस दौरान जो जैसा चल रहा है उसको उसी तरह चलने देना समझदारी माना जाएगा।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाएं।
कुंभ राशि
इस सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपके लिए कमजोर रह सकती है। अतः इस दौरान किसी भी प्रकार का रिस्क न लें, विशेषकर अपने विरोधियों को हल्के में लेना ठीक नहीं रहेगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह 3:00 बजे तक की अवधि तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम दे सकती है। पुरानी समस्याएं कम होने से आप राहत की सांस लेंगे। इसके अलावा आप किसी नई योजना से जुड़ने की योजना बना सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है, लेकिन चंद्रमा की नीच अवस्था को देखते हुए काम धंधे या वरिष्ठों से संबंधित मामलों में लापरवाही उचित नहीं रहेगी।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि सामान्य तौर पर आपको अच्छी खासी मदद देने का संकेत कर रही है। नौकरीपेशा लोग इस अवधि में काफी अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। लाभ के दृष्टिकोण से भी यह अवधि काफी अच्छी रह सकती है।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मीन राशि
सप्ताह के शुरुआती घंटे अर्थात 20 मई की शाम 4:30 बजे तक की अवधि आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकती है। व्यापार-व्यवसाय की दृष्टिकोण से समय अनुकूल है और प्रेम संबंध के लिए भी इस अवधि को अच्छा कहा जाएगा।
वहीं, 20 मई की शाम 4:30 बजे से लेकर 23 मई की सुबह अर्थात 3:00 बजे तक की अवधि कमजोर परिणाम दे सकती है। अत: इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही, किसी भी तरीके का इंटरव्यू या परीक्षा होने की स्थिति में खूब तैयारी करके जाना ही समझदारी का काम होगा।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 23 मई की सुबह 3:00 से लेकर 25 मई की सुबह 10:30 बजे के बीच का समय मिले-जुले परिणाम दे सकता है। यदि कामों में किसी भी प्रकार की रूकावट या अड़चन है तो एक-दो दिन तक संयम के साथ प्रतीक्षा कर लेना ज्यादा उचित रहेगा। वरिष्ठों के मार्गदर्शन से काम करने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।
सप्ताहांत अर्थात 25 मई की सुबह 10:30 बजे से लेकर सप्ताह के अंतिम मिनट तक की अवधि में परिणाम काफी अच्छे रह सकते हैं। कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में इस अवधि में अच्छी खासी उपलब्धियां देखने को मिल सकती हैं। काम-धंधे को लेकर की गई यात्राएं भी सकारात्मक परिणाम दे सकती हैं। नौकरी आदि में परिवर्तन की योजना के दृष्टिकोण से भी यह अवधि अच्छी कही जाएगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. आज क्या लिखा है तुला राशि में?
उत्तर 1. इन जातकों को व्यर्थ की भागदौड़ और व्यर्थ के खर्चे देखने को मिल सकते हैं।
प्रश्न 2. मेष राशि वालों के दिन कैसे चल रहे हैं?
उत्तर 2. यह अवधि मेष राशि वालों के लिए अनुकूल रहेगी।
प्रश्न 3. इस सप्ताह कैसे परिणाम मिलेंगे मीन राशि वालों को?
उत्तर 3. व्यापार एवं प्रेम जीवन के लिए यह समय अच्छा कहा जाएगा।
बुढ़वा मंगल पर बन रहा है शुभ योग, हनुमान जी की पूजा के लिए नहीं मिलेगा इससे ज्यादा शुभ दिन
हर साल ज्येष्ठ मास में बुढ़वा मंगल पड़ता है। इस दिन हनुमान जी के वृद्धि स्वरूप की पूजा की जाती है और यही वजह है कि इस इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं इसलिए अगर आप भी अपनी किसी परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं या किसी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं, तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी की उपासना जरूर करें।
इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि बुढ़वा मंगल 2024 में कब पड़ रहा है और ज्योतिष में इस दिन का क्या महत्व है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 28 मई को पहला बुढ़वा मंगलवार पड़ेगा। आपको बता दें कि 22 मई को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 23 मई को शाम 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। यहीं से प्रतिपदा तिथि आरंभ होगी और यह 24 मई को शाम 07 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। प्रतिपदा तिथि से ही ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष शुरू होंगे और ज्येष्ठ माह का आरंभ होगा। इस प्रकार 28 मई को बुढ़वा मंगल का पहला मंगलवार पड़ेगा।
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पहले बुढ़वा मंगल पर बन रहा है शुभ योग
पहला बुढ़वा मंगल 28 मई को पड़ रहा है और इस दिन एक शुभ योग भी बनने जा रहा है। इस दिन ब्रह्म योग बन रहा है जिसकी शुरुआत 28 मई को ही सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और इसका समापन अर्ध रात्रि 02 बजकर 05 मिनट पर होगा।
ब्रहृम योग एक शुभ योग है जो व्यक्ति को सुख-संपत्ति, ज्ञान और लंबी आयु प्रदान करता है। इस योग में शुभ कार्य एवं दान-पुण्य किया जा सकता है। अगर आप कोई शुभ कार्य या नया काम शुरू करना चाहते हैं, तो बुढ़वा मंगलवार के दिन इस योग में कर सकते हैं। इस योग में किए गए सभी कार्य जरूर सफल होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़े मंगलवार के नाम से जाना जाता है। इसके बाद बुढ़वा मंगलवार 04 जून, 11 जून और 18 जून को पड़ेगा।
क्या है बुढ़वा मंगल का इतिहास
इस शुभ दिन के इतिहास का संबंध रामायण और महाभारत काल से है। इस दिन को लेकर यह माना जाता है कि एक बार पांडव पुत्र भीम को अपने बल और शक्ति पर घमंड हो गया था। उस समय हनुमान जी वहां पर एक बूढ़े वानर के रूप में प्रकट हुए।
हनुमान जी ने इसी रूप में भीम को सबक सिखाया था और तभी से उस दिन को हिंदू धर्म में बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाने लगा है।
हनुमान जी के जन्म की लीला रामायण काल से अधिक संंबंधित है। जब हनुमान जी माता सीता को ढूंढते हुए लंका पहुंचे और रावण ने उन्हें बंदी बना लिया था, तब लंकापति रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी थी। हनुमान जी ने अपनी जली हुई पूंछ से पूरी लंका में आग लगा दी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उस दिन ज्येष्ठ मास का बुढ़वा मंगलवार ही था। यही वजह है कि हनुमान जी की उपासना के लिए ज्येष्ठ मास के बुढ़वा मंगल को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
यदि आप हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो बुढ़वा मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जी के मंदिर दर्शन करने जाएं और प्रसाद चढ़ाएं। इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व है। आप हनुमान जी को एक बड़ के पेड़ का पत्ता भी अर्पित कर सकते हैं।
इस पत्ते के सूख जाने पर आप उसे किसी पवित्र नदी में बहा दें। इस उपाय को करने से आपके जीवन के सारे कष्ट दूर हो सकते हैं।
बुढ़वा मंगल पर कैसे करें हनुमान जी की पूजा
बुढ़वा मंगल पर आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं और इसके बाद अपने घर के पूजन स्थल की सफाई करें। आपको आज के दिन साफ और धुले हुए वस्त्र ही पहनने हैं। इसके बाद पूजन स्थल के सामने कुश का आसन ग्रहण करें।
यदि आप आज व्रत कर रहे हैं, तो हनुमान जी की मूर्ति के आगे घी का दीपक जलाएं और व्रत रखने का संकल्प लें। इसके पश्चात् हनुमान जी को सिंदूर, पुष्प, तिलक और धूप-दीप दें। हनुमान जी को बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय हैं इसलिए आज के दिन आप उन्हें इनका भोग जरूर लगाएं। इसके बाद हनुमान जी की आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।
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हनुमान जी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें
ज्योतिष में मंगलवार के दिन व्रत रखने को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अगर इस दिन आपके घर में किसी ने बुढ़वा मंगलवार का व्रत रखा है, तो आप इस दिन तामसिक भोजन या मांस-मदिरा का सेवन न करें।
मंगलवार के दिन काले या सफेद रंग के वस्त्र पहनना भी अशुभ रहता है। आप इस दिन किसी को भी पैसे उधार न दें और न किसी से पैसे उधार लें।
बुढ़वा मंगलवार के दिन दान-पुण्य करें और किसी का भी अपमान न करें। उत्तम होगा अगर आप इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
हनुमान जी की प्रिय राशियां
राशिचक्र की सभी राशियों में से कुछ राशियां ऐसी हैं जिन पर सदैव हनुमान जी की कृपा बरसती है। आगे उन्हीं राशियों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
मेष राशि
मेष राशि के लोगों के जीवन के सारे संकट हनुमान जी की उपासना से दूर हो सकते हैं। इस राशि के लोगों को हनुमान जी ज्ञान, कौशल और बुद्धि प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मेष राशि के लोगों को हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
इससे उनके जीवन के सारे संकट दूर होते हैं और उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इन जातकों की आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
इस राशि के लोगों पर भी हनुमान जी की विशेष कृपा बरसती है। यदि ये सच्चे मन से हनुमान जी की उपासना करें, तो इनका जीवन परेशानियों और अड़चनों से मुक्त हो सकता है। इनके परिवार में सुख-शांति रहती है और इनका जीवन संपन्नता से भर जाता है।
वृश्चिक राशि के लोगों को हनुमान जी की कृपा से अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ये मुश्किल काम को आसानी से कर लेते हैं और अपनी सभी जिम्मेदारियों और कर्त्तव्यों को पूरा करते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से इन्हें संपन्नता प्राप्त होती है।
हनुमान जी की प्रिय राशियों में कुंभ राशि का नाम भी आता है। इनके कार्य बिना किसी अड़चन के पूरे होते हैं। ये शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं और आर्थिक स्थिति भी इनकी संतुलित रहती है। हनुमान जी कुंभ राशि के लोगों की भक्ति से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इन्हें हर मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए।
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बुध के गोचर से बिगड़ने वाला है 7 लोगों का करियर, नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ
ग्रह के गोचर करने पर राशिचक्र की सभी राशियां प्रभावित होती हैं। ग्रह गोचर करने के अलावा मार्गी और वक्री चाल भी चलते हैं और इसका प्रभाव लोगों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। गोचर के प्रभाव से किसी के करियर में प्रगति आती है, तो वहीं कुछ राशियों के लोगों की लव लाइफ में मुश्किलें आती हैं। ज्योतिष के अनुसार गोचर लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव लेकर आता है और इस बार मई के महीने में होने जा रहे बुध के गोचर से भी कुछ ऐसी ही उम्मीद लगाई जा रही है।
इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि बुध का गोचर कब एवं किस राशि में हो रहा है और इस गोचर से किन राशियों के लोगों को अपने करियर में असफलता मिलने के योग हैं।
31 मई 2024 को बुध वृषभ राशि में 12:02 पर गोचर कर जाएंगे। बुध के इस गोचर का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें बुध के इस राशि परिवर्तन के कारण अपने करियर में सफलता, प्रगति और उन्नति देखने को मिलेगी। आगे ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह के महत्व के बारे में बताया गया है।
वैदिक ज्योतिष में बुध का महत्व
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध शुभ स्थान या उच्च राशि में बैठा हो तो उस जातक को अपने जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं और उसकी वाणी में मधुरता एवं प्रभावशीलता आती है। ये लोग व्यापार करने में निपुण होते हैं और अपनी बात को अच्छे से रख पाते हैं। बुध जातक को बुद्धिमान, सरल और विश्लेष्णात्मक बनाते हैं।
वहीं अगर बुध पीड़ित हो, तो जातक चतुर और शरारती बनता है। इन्हें जो भी पसंद नहीं आता है, ये उसके खिलाफ रहते हैं। ये दिखावा करने में विश्वास रखते हैं और धोखेबाज़ एवं झूठ बोलने वाले होते हैं। ये अपने किए वादों को बहुत जल्दी भूल जाते हैं और मनमौजी स्वभाव के होते हैं।
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इन राशियों का बिगड़ सकता है करियर
मेष राशि
मेष राशि के लोगों को अपने करियर और आर्थिक जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपकी एकाग्रता में भी कमी आने की आशंका है। इसकी वजह से आप पूरे फोकस के साथ काम करने में असफल हो सकते हैं। ऐसे में आपके प्रदर्शन में भी गिरावट आने का डर है। यह समय नौकरीपेशा जातकों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।
वृषभ राशि के लोगों को करियर के क्षेत्र में कुछ रुकावटों और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही नौकरी से मिलने वाले लाभ से भी आपको कोई परेशानी होने की आशंका है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में बुद्धिमानी और कौशल से काम लेने की सलाह दी जाती है। इससे आपको अपने पेशेवर जीवन में सफलता मिल सकती है।
मिथुन राशि के लोगों को बुध के वृषभ राशि में आने पर अपने काम में रुकावटें देखने को मिल सकती हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र में प्रेरणा की कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा आप अपने करियर को लेकर थोड़ा असंतुष्ट महसूस करेंगे और नाखुश नज़र आएंगे। इस समय आपकी दक्षता एवं कौशल में भी कमी देखने को मिल सकती है।
सिंह राशि के लोगों को भी बुध के गोचर के दौरान संभलकर रहने की आवश्यकता है। आपके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ सकता है और आपके सामने कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं। यदि आप इस मुश्किल समय में खुद को साबित करना चाहते हैं, तो अपने काम की योजना बनाकर चलें और अपने कार्यक्षेत्र में व्यवस्थित होकर आगे बढ़ें। इससे आपको अपने करियर में संतुलन लाने में मदद मिल सकती है।
करियर के क्षेत्र में तुला राशि के लोगों को अचानक से कोई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आपकी नौकरी में कोई परिवर्तन आ सकता है या फिर आपका स्थानांतरण होने की भी संभावना है। व्यापारियों को मुनाफा कमाने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको किसी भी तरह की हानि से बचने के लिए सावधान रहने और अपने काम को प्रबंधित होकर करने की सलाह दी जाती है।
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वृश्चिक राशि
करियर के क्षेत्र में वृश्चिक राशि के लोगों को अपने उच्च अधिकारियों की ओर से दबाव मिल सकता है। आपके अपने सहकर्मियों के साथ भी अच्छे संबंध नहीं रहने वाले हैं। आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ने की आशंका है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपके काम को पहचान नहीं मिल पाएगी और इस वजह से आप निराशा से घिर सकते हैं।
करियर के मामले में धनु राशि के लोगों के लिए भी यह समय ज्यादा अनुकूल साबित नहीं होगा। आपको अपने काम में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपके ऊपर काम का दबाव भी बढ़ सकता है। इन सभी चीज़ों की वजह से आप थोड़ा असंतुष्ट महसूस करेंगे। आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति करने की गति धीमी पड़ सकती है। आपको इस समय अपने काम को लेकर योजना बनाकर चलने और दृढ़ता के साथ काम करने की सलाह दी जाती है।
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साप्ताहिक राशिफल (20 से 26 मई 2024): इस सप्ताह गड़बड़ा सकता है आर्थिक पक्ष, ये राशियां भूल से भी न दें उधारी!
मई महीने का तीसरा सप्ताह मेष से लेकर मीन राशि के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आने वाला है। आपके जीवन पर इस सप्ताह का क्या प्रभाव पड़ेगा? स्वास्थ्य, आर्थिक पक्ष, पारिवारिक जीवन, प्रेम जीवन, नौकरी, व्यवसाय आदि के संदर्भ में इस सप्ताह आपको किस तरह के परिणाम मिलेंगे यह जानने के लिए पढ़ें हमारा विशेष राशिफल ब्लॉग।
वैदिक ज्योतिष पर आधारित हमारे राशिफल ब्लॉग में सभी 12 राशियों की विस्तृत भविष्यवाणी के साथ-साथ हम आपको इस सप्ताह में मनाए जाने वाले व्रत त्योहारों की जानकारी, इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण गोचर की जानकारी, सप्ताह के विवाह मुहूर्त और बैंक अवकाश की जानकारी आदि भी प्रदान कर रहे हैं।
तो चलिए इन्हीं सभी बातों को जानने और समझने के लिए शुरू करते हैं हमारे खास ब्लॉग। सबसे पहले जान लेते हैं इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य क्या कुछ कह रहे हैं।
इस सप्ताह का हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना
सबसे पहले बात करें सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की तो मई महीने का यह सप्ताह शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को चित्रा नक्षत्र के तहत वैशाख के महीने में प्रारंभ हो जाएगा। वहीं इस सप्ताह का समापन कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मूल नक्षत्र के तहत वैशाख माह में होगा।
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इस सप्ताह में किए जाने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी
व्रत और त्योहार ही एक सप्ताह को जीवंत और खुश गवार बनाते हैं। हालांकि कई बार अपने व्यस्त जीवन के चलते हम इन त्योहारों को भूल जाते हैं। ऐसे में आपके साथ भी यह ना हो और आप कोई भी महत्वपूर्ण तिथि न भूलें इसके लिए चलिए जान लेते हैं मई के तीसरे सप्ताह में कौन-कौन से दिन कौन-कौन से व्रत और त्योहार किए जाएंगे।
बात करें ग्रहण और गोचर की तो ज्योतिष में ग्रहों का विशेष महत्व माना गया है और ग्रहों से जुड़ी हर छोटी बड़ी हलचल को भी खास माना जाता है। यही वजह है कि जब भी भविष्यवाणी की जाती है तो ग्रहों की चाल का विशेष विश्लेषण किया जाता है। इस सप्ताह सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर किन ग्रहों का विशेष रूप से प्रभाव दिखने वाला है अर्थात कौन से ग्रह गोचर करने वाले हैं, बात करें इस बारे में तो इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण या गोचर नहीं होने वाला है।
20 से 26 मई 2024: विवाह मुहूर्त
बात करें विवाह मुहूर्त की तो मई के महीने में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है।
20 से 26 मई 2024: बैंक अवकाश
मई के दूसरे सप्ताह में तीन बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं जिनमें से पहला अवकाश 23 मई गुरुवार को होगा इस दिन बुद्ध पूर्णिमा है। दूसरा 24 मई शुक्रवार को होगा इस दिन काजी नज़रुल जयंती है। 25 मई शनिवार चौथा शनिवार है। ऐसे में इसका भी बैंक अवकाश मनाया जाएगा।
20 से 26 मई 2024: इस सप्ताह जन्मे सितारों की जानकारी
20 से 26 मई के सप्ताह में जन्मे सितारों के जन्म दिन के बारे में जानने से पहले आइये बात करते हैं मई के महीने में जन्मे लोगों के स्वभाव के बारे में। सबसे पहले बात करें करियर की तो मई में जन्मे लोग चाहे व्यापार का रास्ता चुनें या नौकरी का इन्हें सफलता अवश्य मिलती है। अक्सर देखा गया है कि मई में जन्मे लोग कंप्यूटर इंजीनियर, जर्नलिस्ट, पायलट या प्रशासनिक अधिकारी बनने का विकल्प चुनते हैं। इस महीने में जन्मी लड़कियों का फैशन सेंस बहुत अच्छा होता है ऐसे में वह फैशन उद्योग में भी सफलता प्राप्त करती है।
मई में जन्मे लोगों की कल्पना शक्ति बेहद ही शानदार होती है और बुद्धि बहुत ही तेज होती है। कला के प्रति भी इनका रुझान देखने को मिलता है। मई महीने में जन्मे लोग साहित्य और कल के प्रेमी होते हैं। रोमांटिक जीवन की बात करें तो मई के महीने में जन्म लेने वाले लोग स्वभाव में बेहद ही रोमांटिक होते ।हैं इसकी एक वजह यह भी है कि इन जातकों पर शुक्र ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम और काम का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना गया है।
अब बात करें मई में जन्मे लोगों के व्यक्तित्व से जुड़ी नकारात्मक बातों की तो मई के महीने में जन्मे लोग बेहद ही जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के होते हैं। यह दोनों ही चीज उनके व्यक्तित्व की एक बहुत बड़ी नकारात्मकता मानी गई है जो कई बार उनकी तरक्की की राह में बाधा भी बनती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. साप्ताहिक राशिफल क्या होता है?
उत्तर 1. साप्ताहिक राशिफल वह होता है, जिसमें सभी 12 राशियों के लिए एक सप्ताह की भविष्यवाणी की जाए।
प्रश्न 2. मिथुन राशि का साप्ताहिक राशिफल क्या है?
उत्तर 2. ये सप्ताह आपका स्वास्थ्य जीवन, काफी बेहतरीन रहने की उम्मीद है।
प्रश्न 3. मेष राशि का साप्ताहिक राशिफल क्या है?
उत्तर 3. यदि आप अपने प्रेमी से सच्चा प्यार करते हैं तो, इस सप्ताह कई जातक अपने प्रेमी संग शादी की योजना बना सकते हैं।
प्रश्न 4. इस सप्ताह वृश्चिक राशि वालों के लिए क्या हो रहा है?
उत्तर 4. इस राशि की महिलाओं के लिये इस सप्ताह एरोबिक्स करना, उनके स्वास्थ्य में अनुकूल बदलाव लाने में मदद कर सकता है।
शुक्र की राशि में आएंगे बुध, पांच राशियों को देंगे पैसों की तंगी
सौरमंडल में कुल नौ ग्रह हैं जिनमें से केवल सात ग्रहों को ही प्रमुख माना गया है। इनमें से राहु और केतु छाया ग्रह हैं। एक तय समयावधि के बाद सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और इनके गोचर करने के कारण सभी राशियां एवं मानव जीवन प्रभावित होता है। ग्रह के गोचर के दौरान कुछ राशियों को अनुकूल परिणाम मिलते हैं, तो वहीं कुछ राशियों के लोगों के जीवन में संकट के बादल छाने शुरू हो जाते हैं।
इस बार मई के महीने में बुध ग्रह का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जो कि कुछ राशियों के जातकों की आर्थिक स्थिति के लिए अशुभ साबित हो सकता है। इन राशियों के बारे में जानने से पहले आप यह जान लें कि बुध का गोचर कब एवं किस राशि में हो रहा है और ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है।
31 मई 2024 को बुध वृषभ राशि में 12 बजकर 02 मिनट पर गोचर करेंगे। वैसे तो बुध के इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया और मानव जीवन पर देखने को मिलेगा लेकिन मेष राशि, कन्या राशि, मिथुन राशि, कुंभ राशि और तुला राशि के जातकों को विशेष रूप से बुध ग्रह के इस गोचर का प्रभाव महसूस होगा। आगे जानिए कि ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है
ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है जो बुद्धि और ज्ञान प्रदान करते हैं। इसके अलावा उन्हें ग्रहों के राजकुमार की उपाधि भी दी गई है। बुध ग्रह की स्थिति से ही यह निर्धारित होता है कि व्यक्ति का संचार कौशल कैसा होगा और उसकी निर्णय लेने की क्षमता कैसी होगी। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध ही हैं।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध ग्रह के वृषभ राशि में गोचर करने पर किन राशियों को वित्तीय क्षेत्र में परेशानियां हो सकती हैं।
इन राशियों को होगी आर्थिक तंगी
मेष राशि
इस समय आपके लिए अपने खर्चों और बचत के बीच संतुलन बनाकर चलना मुश्किल हो जाएगा। बढ़ते हुए खर्चों के बीच पैसों की बचत न कर पाने की वजह से आप बहुत ज्यादा तनाव में आ सकते हैं। हालांकि, आपको धन लाभ होने की भी संभावना है लेकिन आपको खर्चों और मुनाफों के बीच संतुलन बनाने में परेशानियां आ सकती हैं। बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें और बचत करने पर ध्यान दें। इस तरह आपकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार आ सकता है।
मिथुन राशि के लोगों के लिए भी बुध का वृषभ राशि में प्रवेश करना ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होने की आशंका है। इसके अलावा आपका ज्यादातर पैसा दवाओं और इलाज पर खर्च हो सकता है। इस वजह से आप परेशानी में आ सकते हैं। आपको अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए किसी से पैसे उधार तक लेने पड़ सकते हैं। आर्थिक जीवन में इस तरह की समस्याओं को देखने के बाद आप थोड़ा उदास और बोझिल महसूस कर सकते हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको कर्ज तक लेना पड़ सकता है।
सिंह राशि के लोगों के लिए भी बुध का यह गोचर मंगलकारी साबित नहीं होगा। आपको इस समय खर्चों के साथ-साथ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। आप इस दौरान धन से जुड़ा कोई भी निर्णय न लें वरना आपको हानि होने की आशंका है। आपको धन कमाने में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह कुल मिलाकर यह गोचरकाल आपकी आर्थिक स्थिति के लिए अशुभ साबित होगा।
अगर आपकी तुला राशि है, तो समझ लें कि यह गोचर आपके लिए ज्यादा अच्छे परिणाम लेकर नहीं आ रहा है। इस समय आपके खर्चे बहुत ज्यादा बढ़ने वाले हैं और आपके लिए इन खर्चों को पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इसकी वजह से आप बहुत ज्यादा तनाव में आ सकते हैं। यात्रा के दौरान होने वाले किसी भी तरह के नुकसान और अन्य अप्रत्याशित परिस्थितियों से आपकी वित्तीय चिंता बढ़ने वाली है। यात्रा करते समय सावधान रहें और किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरतें। आप पैसों की बचत करने पर ध्यान दें और आर्थिक योजना बनाकर चलें।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को भी बुध के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर धन के मामले में संभलकर रहने की जरूरत है। आपको इस समय पैसों को लेकर बहुत सावधानी बरतनी होगी। नए निवेश को लेकर इस समय कोई भी फैसला न लें। इसके अलावा इस मामले में किसी भी तरह की कोई लापरवाही या जल्दबाज़ी भी न करें। आप धन के मामलों में बुद्धिमानी और समझदारी से काम करें। आर्थिक स्थिति को संतुलित करने और जोखिम के खतरे को कम करने के लिए आपको वित्तीय योजना बनाने की आवश्यकता है।
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मोहिनी एकादशी पर इन उपायों से दूर होगी पैसों की तंगी, खुलेगा मोक्ष प्राप्ति का द्वार
हिंदू धर्म में अनेक व्रत एवं त्योहार हैं जिनमें से एकादशी के व्रत को सर्वोत्तम माना जाता है। पुराणों के अनुसार एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र गायों का दान करने जितना पुण्य मिलता है। सभी एकादशियों में से मोहिनी एकादशी को भी विशेष महत्व दिया गया है। भगवान विष्णु की उपासना करने एवं अपनी मनोकामना की पूर्ति हेतु मोहिनी एकादशी फलदायी मानी गई है।
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी पड़ती है। इस बार 19 मई, 2024 को रविवार के दिन मोहिनी एकादशी पड़ रही है। मोहिनी एकादशी पारण मुहूर्त 20 मई को सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और 08 बजकर 11 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी।
18 मई, 2024 को सुबह 11 बजकर 24 मिनट से एकादशी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 19 मई, 2024 को 01 बजकर 52 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में इस एकादशी को पवित्र और फलदायी माना गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत एवं पूजन करता है, उसके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति मोह-माया से निकल कर मोक्ष पाने की ओर अग्रसर होता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बन रहा है शुभ योग
मोहिनी एकादशी पर सिद्धि योग बन रहा है और 19 मई, 2024 को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर इस योग की शुरुआत होगी और यह 20 मई, 2024 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।
कुल 27 योगों में से एक सिद्धि योग भी है। इसे सिद्ध योग के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में सिद्ध योग को बहुत ही शुभ और शक्तिशाली योग बताया गया है। यह कोई दुर्लभ योग नहीं है बल्कि अत्यंत मंगलकारी है। इस योग में किए गए कार्य निश्चित ही सफल होते हैं।
मोहिनी एकादशी की पूजन विधि
जानिए कि मोहिनी एकादशी पर पूजन एवं व्रत करने की विधि क्या है:
एकादशी तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और इसके बाद स्नान कर के साफ धुले हुए वस्त्र धारण कर लें।
इसके बाद कलश स्थापना कर के भगवान विष्णु की उपासना करें। मोहिनी एकादशी पर व्रत कथा का पाठ करें या किसी अन्य व्यक्ति से इस कथा को सुनें। रात्रि को भगवान विष्णु का स्मरण करें एवं उनके नाम या मंत्र का जाप करें।
आप इस रात्रि को कीर्तन भी कर सकते हैं। अगले दिन द्वादश तिथि पर अपने व्रत का पारण करें। व्रत का पारण करने से पहले किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाएं और उन्हें दक्षिणा दें। इसके बाद ही आप स्वयं भोजन करें।
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था। उस समय अमृत पान करने को लेकर देवताओं और असुरों के बीच आपाधापी शुरू हो गई। देवताओं और असुरों के बीच इस तनातनी को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और असुरों को अपने मोह जाल में फंसाकर पहले देवताओं को अमृत पिला दिया। उस दौरान राहु नाम के एक राक्षस ने देवता का रूप धारण कर अृमत का पान कर लिया। इससे क्रोध में आकर मोहिनी अवतार लिए विष्णु जी ने उस असुर का अपने सुदर्शन चक्र से सिर काट दिया। तभी से, इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
मोहिनी एकादशी का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर और संत वशिष्ठ ने भगवान राम को मोहिनी एकादशी के महत्व के बारे में बताया था। यदि कोई व्यक्ति पूरे मन और श्रद्धा के साथ मोहिनी एकादशी का व्रत रखता है, तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
अनेक तीर्थस्थानों की यात्रा करने, यज्ञ करने और हजार गायों का दान करने से जितना पुण्य मिल सकता है, उतना सिर्फ मोहिनी एकादशी पर व्रत रखने से मिल जाता है।
इसके अलावा मोहिनी एकादशी को लेकर यह भी माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से श्रद्धालु को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सरस्वती नदी के किनारे एक भद्रावती नाम का स्थान था। इस जगह पर चंद्रवंशी राजा धृतिमान का शासन हुआ करता था। वे बड़े धार्मिक प्रवृत्ति के थे और भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे।
उनके पांच पुत्र थे लेकिन उनका पांचवा पुत्र धृष्टबुद्धि पापी था। वह स्त्रियों पर अत्याचार करता था और उनके साथ अनैतिक व्यवहार करता था। उसे जुआ खेलने एवं मांस-मदिरा का सेवन करने का भी शौक था। अपने पुत्र की इस प्रवृत्ति से राजा बहुत परेशान थे इसलिए राजा ने अपने पुत्र का त्याग कर दिया। पिता के त्याग करने के बाद धृष्टबुद्धि ने कुछ दिनों तक अपने आभूषण और वस्त्र बेचकर अपना जीवनयापन किया लेकिन इसके बाद उसके पास भोजन के लिए पैसे नहीं बचे और वो भूखा-प्यासा इधर-उधर भटकने लगा।
अपनी क्षुधा को शांत करने के लिए उसने डकैती का सहारा लेना शुरू किया और उसे रोकने के लिए राजा ने उसे बंदी बना लिया। इसके पश्चात् उसे राज्य से निष्किासित कर दिया गया। अब वह जंगल में रहकर अपने भोजन के लिए पशु-पक्षियों को मारने लगा। भूख से व्याकुल होकर वह ऋषि कौंडिन्य के आश्रम में पहुंचा। उस समय वैशाख का महीना चल रहा था और ऋषि गंगा नदी में स्नान कर रहे थे। उस समय ऋषि कौंडिन्य के कपड़े गीले थे और उनके वस्त्रों से कुछ बूंदें धृष्टबुद्धि के ऊपर गिर गईं। इससे धृष्टबुद्धि की पाप बुद्धि में परिवर्तन आया। उसने ऋषि के आगे अपने अपराधों को स्वीकार किया और अपने पाप कर्मों से मुक्ति पाने का मार्ग पूछा।
इस पर ऋषि कौंडिन्य ने धृष्टबुद्धि को वैशाख माह में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी का व्रत करने को कहा। उनका कहना था कि इस व्रत को करने से उसके सभी पाप मिट जाएंगे। धृष्टबुद्धि ने ऐसा ही किया और उसके सभी पाप मिट गए एवं उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हुई। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भी व्यक्ति को भौतिकवाद से छुटकारा मिल जाता है।
एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद धुले हुए वस्त्र पहनें। दशमी तिथि की शाम से ही मोहिनी एकादशी व्रत की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
एकादशी तिथि पर सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इस दिन सूर्यास्त से पूर्व ही भोजन करना उचित माना गया है। एकादशी तिथि के समाप्त होने तक व्रत रखना होता है। इस व्रत को करने के दौरान किसी भी तरह का बुरा या नकारात्मक विचार अपने मन में आने न दें। इसके अलावा आप इस दिन झूठ बोलने से भी बचें।
जो भी व्यक्ति मोहिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे एकादशी की रात्रि को सोना नहीं चहिए। पूरी रात भगवान विष्णु की उपासना करें और उनके मंत्र का जाप करें।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी बहुत शुभ माना गया है।
इस शुभ दिन पर ब्राह्मण एंव गरीब लोगों को वस्त्र, भोजन और दक्षिणा का दान देना चाहिए।
एकादशी पर चावल और जौ न खाएं। ऐसा करने से मनुष्य के अच्छे कर्म नष्ट हो जाते हैं।
इस दिन बाहर का खाना खाने से भी बचना चाहिए। भोजन में लहसुन और प्याज़ का उपयोग भी न करें।
मोहिनी एकादशी पर क्रोध करने से बचें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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मोहिनी एकादशी के लिए ज्योतिषीय उपाय
अगर आप आर्थिक तंगी से ग्रस्त हैं और बहुत प्रयास करने के बाद भी आपके जीवन से धन की कमी दूर नहीं हो रही है, तो आप मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को गाय के दूध से तैयार खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को लाल रंग के वस्त्र भी अर्पित करें। इस उपाय को करने से आपकी पैसों की तंगी की समस्या अवश्य दूर हो जाएगी।
मोहिनी एकादशी पर राहगीरों को जल पिलाएं एवं पशु-पक्षियों के लिए भी जल की व्यवस्था करें। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए गरीबों को अन्न, जूते-चप्पल या छाता आदि दान करें।