सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका शुभाशुभ प्रभाव!

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान हॉलीवुड व बॉलीवुड में आने वाली फिल्में कैसा प्रदर्शन करेगी इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि सूर्य 15 जून 2024 को बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: तिथि व समय

ज्योतिष में मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता के कारक ग्रह व ग्रहों के राजा सूर्य 15 जून 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर बुध द्वारा शासित राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। बुध और सूर्य मित्र राशि हैं इसलिए मिथुन सूर्य की मित्र राशि है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्य का मिथुन राशि में गोचर से देश-दुनिया पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा। बता दें कि सूर्य 15 जुलाई 2024 तक मिथुन राशि में ही विराजमान रहेंगे।

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मिथुन राशि में सूर्य: विशेषताएं

जब किसी भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य मिथुन राशि में विराजमान होते हैं, तो यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में कई बड़े बदलाव लेकर आता है। मिथुन राशि बुध द्वारा शासित एक वायु तत्व की राशि है, जो संचार, बुद्धि, बहुमुखी प्रतिभा और जिज्ञासा के कारक है। मिथुन राशि में सूर्य आमतौर पर बौद्धिक क्षमता का प्रतीक है, इसके परिणामस्वरूप मिथुन राशि में सूर्य की मौजूदगी से व्यक्ति जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है और मानसिक रूप से चुस्त होता है। ऐसे जातक विभिन्न विषयों को सीखने और उसका आनंद लेने में विश्वास करते हैं। इन लोगों एक से ज्यादा चीज़ों में रुचि रखते हैं। मिथुन एक परिवर्तनशील राशि है, जो अनुकूलनशीलता का संकेत देती है।

मिथुन राशि में सूर्य वाले लोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में भी घुल मिल जाते हैं। ये लोग ऐसे वातावरण में रहना पसंद करते हैं, जहां त्वरित सोच और बहुमुखी प्रतिभा की आवश्यकता होती है। मिथुन राशि में सूर्य के जातक आमतौर पर मिलनसार होते हैं और विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ बातचीत करना और समय बिताना इन्हें पसंद होता है। वे अक्सर पार्टी में आकर्षण का केंद्र होते हैं और अपने ज्ञान और सेंस ऑफ ह्यूमर से दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर देते हैं। कुल मिलाकर, मिथुन राशि में सूर्य बुद्धि, अनुकूलनशीलता, संचार कौशल और विविधता और सीखने की क्षमता प्रदान करता है। 

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव

राजनीति और सरकार

  • भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अन्य राजनेता कुशलतापूर्वक बातचीत करने में सक्षम होंगे।
  • राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े कई लोग आगे आकर अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों को संभालते हुए नज़र आ सकते हैं।
  • भारत सरकार देश के मुद्दों को बड़ी समझदारी से निपटने में सक्षम होगी।

मीडिया एवं पत्रकारिता

  • भारत और दुनिया के अन्य प्रमुख हिस्सों में मीडिया, पत्रकारिता, शिक्षण, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि से जुड़े क्षेत्रों में वृद्धि का अनुभव होगा।
  • दुनिया भर में यात्रा और पर्यटन उद्योग तेज़ी से आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। साथ ही, भारत के साथ-साथ विदेशों में भी पर्यटकों और यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
  • इस गोचर से अनुवादकों, सार्वजनिक वक्ताओं और प्रेरक वक्ताओं को लाभ होगा।
  • संचार और बौद्धिक अभिव्यक्ति जैसे मार्केटिंग पर निर्भर क्षेत्रों में वृद्धि देखी जाएगी।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी

सूर्य उन प्रमुख ग्रहों में से एक है जो शेयर बाजार को काफी हद तक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिस पर बुध ग्रह का शासन हैं। आइए देखते हैं कि सूर्य का मिथुन राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,

  • शेयर बाजार की भविष्यवाणियों के अनुसार, इस अवधि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है क्योंकि स्टॉक तेज गति से ऊपर और नीचे जा सकते हैं।
  • सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के तुरंत बाद तम्बाकू, गैस और रबर उद्योगों में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
  • खाद्य वनस्पति तेल उद्योग में तेज़ी आने की संभावना है।
  • बैंकिंग क्षेत्र और वित्त कंपनियों में तेजी आ सकती है और लंबे समय के बाद विकास का दौर देखने को मिल सकता है।

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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: आने वाली बॉलीवुड व हॉलीवुड फिल्मों में इसका प्रभाव

सूर्य रचनात्मकता के कारक हैं। कालपुरुष की कुंडली में भी सूर्य रचनात्मकता के पांचवें भाव पर शासन करता है इसलिए जब हम रचनात्मकता से संबंधित किसी भी क्षेत्र की बात करते हैं तो सूर्य के बारे में बात करना महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी क्रम में हम जून के महीने में सूर्य के मिथुन राशि में गोचर का फिल्मों और उनके व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आइए एक नजर डालते हैं कि इस गोचर का फिल्मों और उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर क्या असर पड़ेगा। बता दें कि कि मिथुन राशि पर बुध का शासन है और यह संचार और मीडिया से संबंधित है। सूर्य मिथुन राशि में बहुत सहज है।

15 जून 2024 के बाद रिलीज़ होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में

फिल्म का नामस्टार कास्टरिलीज़ की तारीख़दिन
काइंड ऑफ काइंडनेसएम्मा स्टोन, जेसी पेलेमन्स21 जून, 2024शुक्रवार
इश्क विश्क रिबाउंडपश्मीना रोशन, रोहित सराफ28 जून, 2024शुक्रवार
औरों में कहाँ दम थातब्बू, अजय देवगन, जिमी शेरगिल05 जुलाई, 2024शुक्रवार
वेदाजॉन अब्राहम12 जुलाई, 2024शुक्रवार
डेस्पिकेबल मीस्टीव कैरेल, क्रिस्टन वाइग03 जुलाई, 2024बुधवार

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून 2024 के बाद होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। हालांकि, जॉन अब्राहम की फिल्म वेदा के लिए यह गोचर अनुकूल नहीं दिख रहा है। आशंका है कि फिल्म अनुमान से कम प्रदर्शन करें लेकिन फिल्म में कुछ कलाकार अपने व्यक्तिगत अभिनय से प्रशंसा बटोर सकते हैं।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सूर्य का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?

उत्तर 1.  सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर होगा।

प्रश्न 2. क्या मिथुन राशि सूर्य के लिए एक अच्छा स्थान है?

उत्तर 2. हां, यह सूर्य कू मित्र राशि है। ऐसे में, सूर्य मिथुन राशि में मजबूत स्थिति में होते और अच्छे परिणाम देते हैं। 

प्रश्न 3. मिथुन राशि में सूर्य होने की क्या विशेषता है?

उत्तर 3. जब किसी भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य मिथुन राशि में विराजमान होते हैं, तो यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में कई बड़े बदलाव लेकर आता है।

प्रश्न 4. सूर्य का गोचर कितने समय के लिए होता है?

उत्तर 4. सूर्य का गोचर एक महीने का होता है।

बुध के अस्‍त होने पर इन राशियों के बिगड़ेंगे रिश्‍ते, पति-पत्‍नी के बीच नहीं थमेगी लड़ाई

ज्‍योतिषशास्‍त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है। इस ग्रह का असर व्‍यक्‍ति के संचार कौशल पर भी पड़ता है। अब बुद्धि के देवता बुध 02 जून को शुक्र की राशि वृषभ में अस्‍त होने जा रहे हैं। इसके बाद 14 जून को बुध मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे और 27 जून को मिथुन राशि में ही इनका उदय होगा।

बुध 02 जून को शाम 06 बजकर 10 मिनट पर वृषभ राशि में अस्‍त होंगे। बुध के अस्‍त होने पर लोगों के जीवन के सभी पहलुओं पर इसका असर पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें इस दौरान अपने प्रेम जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इन राशियों के बारे में जानने से पहले आप बुध के अस्‍त होने के बारे में जान लें।

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ज्‍योतिष में बुध का अस्‍त होना

ज्योतिष में बुध को बुद्धि, तर्क, शिक्षा और संचार कौशल का कारक माना गया है। कुंडली में बुध के कमज़ोर होने पर जातक के मन में असुरक्षा की भावना पैदा होती है और उसके अंदर एकाग्रता में कमी आ सकती है। कभी-कभी इनकी याद्दाश्‍त भी कमज़ोर हो सकती है।

जब कोई ग्रह अस्‍त होता है, उससे प्राप्‍त होने वाले सकारात्‍मक परिणाम एवं प्रभाव कम हो जाते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि अस्‍त होने पर ग्रहों की शक्‍ति कम हो जाती है।

राहु-केतु के अलावा अन्‍य कोई भी ग्रह जब सूर्य के 10 डिग्री के भीतर आता है, तब वह सूर्य की शक्‍ति प्राप्‍त कर लेता है और कमज़ोर हो जाता है। बुध के वृषभ राशि में अस्‍त होने पर लोगों को धन की कमी और परिवार में समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वृषभ राशि में अस्‍त होने पर बुध किन राशियों के प्रेम जीवन पर भारी पड़ने वाले हैं।

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इन राशियों की लव लाइफ में आएंगी परेशानियां

मेष राशि

मेष राशि के स्‍वामी ग्रह मंगल हैं और बुध इनके तीसरे एवं छठे भाव के स्‍वामी हैं। अब बुध इनके दूसरे घर में अस्‍त होने जा रहे हैं। आपके रिश्‍तों में अशांति आ सकती है। आपके और आपके पार्टनर के बीच टकराव एवं मतभेद होने की आशंका है। आप दोनों के बीच बातचीत कम होने की वजह से ऐसा हो सकता है। अपने प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में सब कुछ ठीक करने के लिए आप रोज़ 19 बार ‘ॐ भौमाय नमः’ मंत्र का जाप करें।

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वृषभ राशि

इसी राशि में बुध अस्‍त होने जा रहे हैं और इस राशि के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं। बुध इनके दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी हैं। अब बुध इनके पहले भाव में अस्‍त होने वाले हैं। आपको इस समय अपने जीवन के विभिन्‍न पहलुओं में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपनी संतान की ओर से भी कोई चिंता हो सकती है। इस दौरान आपके रिश्‍ते की गतिशीलता प्रभावित होगी। आपके और आपके पार्टनर का रिश्‍ता कमज़ोर हो सकता है। आप रोज़ “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का प्रतिदिन 11 बार जाप करें।

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तुला राशि

तुला राशि के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं और बुध इनके नौवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं। अब बुध इनके आठवें भाव में अस्‍त होने जा रहे हैं। इस दौरान तुला राशि के लोगों को अहंकार से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। इसका नकारात्‍मक असर आपके और आपके पार्टनर के रिश्‍ते पर भी पड़ेगा। अपनी शादीशुदा जिंदगी में सुख-शांति को बनाए रखने के लिए आपको अपनी ओर से थोड़ा तालमेल बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। आप रोज़ 11 बार ‘ॐ श्री दुर्गाय नमः’ मंत्र का जाप करें।

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धनु राशि

बुध धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके छठे घर में अस्‍त होने जा रहे हैं। इस दौरान धनु राशि के लोगों की अपने जीवनसाथी के साथ अनबन होने की आशंका है। आपके और आपके पार्टनर के बीच अ‍हंकार से संबंधित समस्‍याएं भी हो सकती हैं। बेहतर होगा कि आप और आपका जीवनसाथी, दोनों ही अपने अहंकार पर नियंत्रण रखें। आप गुरुवार के दिन गुरु के लिए यज्ञ हवन करवाएं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. बुध कब उदय हो रहे हैं?

उत्तर. बुध 27 जून को मिथुन राशि में उदित होंगे।

प्रश्‍न. बुध कितने डिग्री पर अस्‍त होता है?

उत्तर. बुध 13 अंश पर अस्‍त होता है।

प्रश्‍न. बुध ग्रह को सक्रिय कैसे करें?

उत्तर. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें।

प्रश्‍न. अस्‍त ग्रह का क्‍या प्रभाव होता है?

उत्तर. अस्‍त ग्रह की सारी शक्‍तियां शून्‍य हो जाती हैं।

प्रश्‍न. बुध ग्रह की शांति के लिए क्‍या करें?

उत्तर. बुधवार के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें।

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मंगल के गोचर में इन लोगों को लगाने पड़ेंगे अस्‍पताल के चक्‍कर, सेहत नहीं देगी साथ

01 जून को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर मंगल ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल के इस गोचर का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। किसी को इस गोचर से सकारात्‍मक प्रभाव मिलेंगे, तो वहीं कुछ राशियों को इस दौरान नकारात्‍मक प्रभाव मिलेंगे। मंगल के मेष राशि में आने पर कुछ राशियों के लोगों की सेहत में भी गिरावट आने की आशंका है।

मेष राशि के स्‍वामी ग्रह मंगल ही हैं और वे अपनी स्‍वराशि में गोचर करने पर अधिक शक्‍तिशाली हो जाते हैं। मेष के अलावा वृश्चिक राशि पर मंगल का स्‍वामित्‍व है। इस गोचर के दौरान रूचक योग भी बन रहा है क्योंकि यह अपनी प्राकृतिक राशि से केंद्र स्थान में है और यह मंगल का सबसे शक्तिशाली योग है।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने की आशंका है।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं और मंगल आपके बारहवें घर में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान वृषभ राशि के लोगों को अपनी सेहत को लेकर थोड़ा संभलकर रहने की आवश्‍यकता है। इस समयावधि में आपको आंखों से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है। आपकी आंखों में दर्द होने की भी आशंका है। इसके अलावा आप दांत में दर्द की चपेट में भी आ सकते हैं।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के स्‍वामी ग्रह बुध हैं और इस राशि के तीसरे एवं आठवें घर के स्‍वामी मंगल हैं। अब मंगल आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको इस गोचर के दौरान अपनी आंखों का खास ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है। आप आंखों की जांच करवाने ज़रूर जाएं। आपको आंखों में जलन महसूस होने की शिकायत हो सकती है। आंखों से जुड़ी किसी भी समस्‍या को नज़रअंदाज़ न करें।

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तुला राशि

तुला राशि का स्‍वामी ग्रह शुक्र है और इस राशि के दूसरे एवं सातवें भाव के स्‍वामी मंगल हैं। अब मंगल आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इनकी सेहत की बात करें, तो इस समय तुला राशि के लोगों को सिरदर्द और माइग्रेन होने की आशंका है। बेहतर होगा कि आप पहले से ही इनसे बचाव की तैयारी शुरू कर दें।

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मकर राशि

मकर राशि के चौथे और एकादश भाव के स्‍वामी मंगल हैं और अब मंगल आपके चौथे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस समय आपकी इम्‍युनिटी थोड़ी कमज़ोर रहने वाली है। आपको आराम करने का मौका ही नहीं मिल पाएगा। आप अपनी मां की सेहत का भी ख्‍याल रखें। आपको उनके इलाज पर मोटा पैसा खर्च करना पड़ सकता है।

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ज्‍योतिष में मंगल का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल को योद्धा और साहस का प्रतीक माना गया है। इन्‍हें ग्रहों के सेनापति की उपाधि भी दी गई है। यह गतिशील और आदेश देने वाला ग्रह है। इसके अलावा मंगल को साहस, पराक्रम और आक्रामकता का कारक भी माना गया है। मंगल के प्रभाव से व्‍यक्‍ति के अंदर साहस बढ़ता है लेकिन अगर मंगल का अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो, तो जातक गुस्‍सैल प्रवृत्ति का हो सकता है। उसे बात-बात पर या छोटी-छोटी बातों पर गुस्‍सा आने लगता है।

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मेष राशि पर मंगल का प्रभाव

मेष राशि के लोगों के लिए मंगल किसी सुपरपॉवर से कम नहीं है। यह व्‍यक्‍ति को साहस और ऊर्जा प्रदान करता है। इसे युद्ध का देवता भी कहा जाता है और यह मेष राशि के लोगों को मज़बूत और दृढ़ बनाता है। मेष राशि का स्‍वामी ग्रह मंगल ही है। मंगल के प्रभाव से मेष राशि के लोग अपना बेहतरीन देने के लिए तत्‍पर रहते हैं।

मंगल मेष राशि के लोगों को निडर बनाता है। इन्‍हें चुनौतियों से डर नहीं लगता है और ये हमेशा अपने एवं दूसरों के लिए खड़े रहते हैं। ये हमेशा बड़े सपने देखते हैं और मंगल इन्‍हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्‍साहित करता है। मेष राशि के लोग अपने काम को अपने तरीके से करना पसंद करते हैं और मंगल इन्‍हें लीडर बनने और अपने फैसले खुद लेने के लिए प्रेरित करता है। मेष राशि के जातकों को अपनी पसंद के काम करना अच्‍छा लगता है और मंगल अपने पैशन को पूरा करने के लिए इनमें अधिक जज्‍बा पैदा करता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. मंगल के खराब होने के क्‍या लक्षण हैं?

उत्तर. व्‍यक्‍ति को खून से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

प्रश्‍न. मंगल ग्रह कौन सी बीमारियां देता है?

उत्तर. मंगल की वजह से बीपी, कंठ रोग, मूत्र रोग, पाइल्‍स आदि हो सकता है।

प्रश्‍न. खुजली कौन से ग्रह से होती है?

उत्तर. बुध को त्‍वचा का कारक माना गया है। यही खुजली भी पैदा करते हैं।

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शनि के कुंभ राशि में वक्री होने से, इन राशि वालों के होंगे वारे-न्यारे; हर कदम पर मिलेगी सफलता!

शनि कुंभ राशि में वक्री: वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह न्याय के देवता और कर्मफल दाता के नाम से जाने जाते हैं क्योंकि यह व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो अच्छे कर्मों के लिए शनि महाराज पुरस्कृत करते हैं, तो वहीं बुरे कर्मों के लिए शनि देव दंडित करते हैं। इनकी चाल, दशा और स्थिति में होने वाला बदलाव विश्व समेत सभी 12 राशियों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अब यह जल्द ही कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको शनि कुंभ राशि में वक्री के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे उन भाग्यशाली राशियों से जिनके लिए शनि की वक्री अवस्था शुभ रहेगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन लकी राशियों के बारे में।  

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शनि कुंभ राशि में वक्री: तिथि एवं समय

इस पूरे साल शनि देव कुंभ राशि में ही रहने वाले हैं और इसके फलस्वरूप, 2024 में शनि का कोई गोचर नहीं होगा। लेकिन, 2024 में शनि ग्रह अपनी वक्री और मार्गी चाल के आधार पर जातकों को परिणाम देंगे। बता दें कि वर्ष 2024 में शनि ग्रह 29 जून की रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं और यह 15 नवंबर 2024 को पुनः मार्गी हो जाएंगे। ऐसे में, शनि की वक्री अवस्था कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगी। आइए जानते हैं उन राशियों के नाम जिन्हें वक्री शनि शुभ परिणाम देंगे। 

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कुंभ राशि में शनि के वक्री होने से, इन राशियों का होगा भाग्योदय 

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री अवस्था बेहद शुभ रहने वाली है। इनके लिए यह अवधि अत्यंत फलदायी रहेगी। इसके फलस्वरूप, इस राशि के लोग आर्थिक जीवन और करियर के क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करेंगे और साथ ही, इन्हें खूब तरक्की मिलेगी। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें बिज़नेस में अच्छा लाभ प्राप्त होगा। शनि की वक्री अवस्था आपके रुके हुए कामों या योजनाओं को पुनः शुरू करवाने का काम करेगी। 

ऐसे में, आपको अच्छा ख़ास लाभ प्राप्त होगा। शनि महाराज की यह अवस्था लाभ करवाने की दृष्टि से अच्छी कही जाएगी। वहीं, अगर आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही हैं, तो अब आपको उनसे रहत मिलेगी। जो जातक किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं, उन्हें थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है।  प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्रों को सफलता मिलने के योग बनेंगे। साथ ही, अगर आपने किसी को धन उधार दिया है, अब वह आपको वापस मिल जाएगा। 

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

धनु राशि

धनु राशि वालों का नाम भी उन भाग्यशाली राशियों में शामिल हैं जिनके लिए शनि की वक्री अवस्था शुभ रहेगी। ऐसे में,  शनि के कुंभ राशि में वक्री होने से धनु राशि के जातकों को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इन लोगों को कुछ क्षेत्रों में अचानक से सफलता मिलने की संभावना है और हो सकता है कि इस तरह की कामयाबी के बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। कार्यथल में आपको अपने सहकर्मियों का हर कदम पर साथ मिलेगा और इस वजह से नौकरी में आपकी स्थिति और पकड़ दोनों मज़बूत होगी। 

इस अवधि में यह जातक अपने दोस्तों के साथ यादगार समय बिताते हुए दिखाई देंगे। कुंभ राशि में वक्री शनि के शुभ प्रभाव की वजह से आपको व्यापार के साथ-साथ कार्यक्षेत्र में भी सफलता की प्राप्ति होगी। साथ ही, भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते में प्रेम में बढ़ोतरी होगी और ऐसे में, आप उनकी सहायता करते हुए दिखाई देंगे। इस अवधि में भाग्य आपका भरपूर साथ देगा जिससे आपके सभी रुके हुए काम बनने लग जाएंगे। इस दौरान आप काम में जो भी मेहनत करेंगे, उसके आपको अच्छे ही परिणाम मिलेंगे। 

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मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शनि का कुंभ राशि में वक्री होना बेहद शुभ रहेगा। यह समय आपके आर्थिक जीवन के लिए अच्छा कहा जाएगा और ऐसे में, आपको पर्याप्त मात्रा में लाभ मिलने के योग बनेंगे। शनि के वक्री होने से आप धन की बचत कर सकेंगे और इस वजह से आपके बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यदि आप काफ़ी समय से कोई संपत्ति बेचना चाहते थे और इस काम में आपको कामयाबी नहीं मिल रही थी, तो अब यह काम हो जाएगा। साथ ही, नई संपत्ति खरीदने के लिए भी समय शुभ रहेगा। इस राशि के जातकों के घर-परिवार में सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। वहीं, प्रेम जीवन के लिए भी शनि वक्री की अवधि अच्छी रहेगी और इस राशि के जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। साथ ही, लोग आपसे जल्द ही प्रभावित हो जाएंगे। 

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

  • रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं।
  • काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बनवाकर बीच की ऊँगली में धारण करना लाभदायी रहता है।
  • शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शनि देव कब तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे?

उत्तर 1. शनि देव 15 नवंबर, 2024 तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे।

प्रश्न 2. कुंभ राशि के लिए क्या शनि शुभ है?

उत्तर 2. कुंभ राशि वालों पर शनि देव अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं।

प्रश्न 3. कुंभ राशि के स्वामी कौन हैं?

उत्तर 3. शनि ग्रह कुंभ राशि के अधिपति देव हैं।

सालों बाद बन रहा है शश व बुधादित्य राजयोग, एक साल इन राशियों पर होगी धन की वर्षा!

शनि का नाम सुनते ही अधिकतर लोगों में एक डर पैदा हो जाता है क्योंकि जब भी शनि अपनी स्थिति या अपनी चाल में बदलाव करते हैं तो लोगों को लगता है कि इस पर उनके जीवन पर जरूर बुरा प्रभाव पड़ेगा लेकिन, ऐसा जरूर नहीं होता है कि शनि हमेशा ही नकारात्मक प्रभाव से डाले। दरअसल शनि को कर्मफल दाता कहा जाता है और शनि किसी भी व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। कई बार शनि के गोचर या चाल परिवर्तन से शुभ योग का निर्माण होता है, जिसका प्रभाव भी बहुत अधिक शुभ होता है। इसी क्रम में शनि कुंभ राशि में मौजूद हैं। अपनी ही राशि में मौजूद होने के कारण शनि शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। शनि 2025 तक कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। इस एक साल में कई राशि के जातकों को शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी।

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वहींं सूर्य और बुध ग्रह भी वृषभ राशि में मौजूद हैं। बता दें कि वृषभ राशि में इनका गोचर मई माह में हो चुका है और इन ग्रहों के एक ही राशि में मौजूद होने से बुधादित्य योग का निर्माण हुआ है। बुधादित्य राजयोग व शश राजयोग का निर्माण एक साथ हो रहा है और इसके निर्माण से चार राशि के जातकों को शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी है वह भाग्यशाली राशियां।

शश व बुधादित्य राजयोग से इन राशियों पर होगी धन की वर्षा

तुला राशि

तुला राशि वाले जातकों भी शनि द्वारा निर्मित शश राजयोग व सूर्य, बुध से बनने वाले बुधादित्य राजयोग से लाभ प्राप्त होगा। तुला राशि वाले जातकों को इस अवधि विदेश जाने का अवसर मिलेगा। विशेषकर, जो स्टूडेंट विदेश में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें काफी लाभ मिलेगा। वहीं, संतान सुख प्राप्त करने के अभिलाषी लोगों को संतान सुख भी प्राप्त होगा। यही नहीं यदि आप घर बनाने या नई गाड़ी खरीदने का विचार बना रहे हैं तो आपकी यह इच्छा इस अवधि पूरी होगी। इसके अलावा, आप उच्च स्तर की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं। करियर के मोर्चे पर, आप वरिष्ठों का विश्वास जीतने और सराहना प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। तुला राशि वाले जो लोगों अपने कुद के बिज़नेस से जुड़े हैं, उन्हें लाभ होगा

रिश्ते के मोर्चे पर आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है और आप एक-दूसरे का साथ बेहतरीन समय व्यतीत करेंगे। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव होगा।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वाले लोगों को इन शुभ योगों से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। आपके करियर की बात करें तो आपको नई ऊंचाइयां देखने को मिलेगी। यही नहीं प्रमोशन व वेतन वृद्धि होने की भी संभावना है। वहीं, यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं, तो आपको बिजनेस में लाभ होगा। साथ ही, बिजनेस में आपको कई प्रभावशाली लोगों का साथ मिलेगा। करियर में ही नहीं वृश्चिक राशि वालों को प्रेम जीवन में भी काफी लाभ मिलेगा। पार्टनर के साथ आप अच्छे पलों का आनंद लेंगे और इससे आपका रिश्ता पहले से अधिक मजबूत होगा। 

आर्थिक जीवन की बात करें तो आप बचत करने और अधिक धन प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। आशंका है कि आपको भाग्य का पूरा साथ मिले। यदि आप शेयर बाज़ार से जुड़े हैं तो आप अच्छा मुनाफ़ा प्राप्त करें, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। रिश्ते के मोर्चे पर आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिल सकता है। सेहत के मोर्चे पर, आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं और यह मजबूत प्रतिरक्षा स्तर के कारण संभव हो सकता है।

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मकर राशि

मकर राशि वाले जातकों के लिए यह शुभ योग कई सारे अच्छे अवसर प्रदान करेंगे। मकर राशि के जो जातक उच्च शिक्षा के लिए प्रयास कर रहे थे, उनके प्रयास इस अवधि सफल होंगे। वहीं, कार्यक्षेत्र की बात करें, तो आपको प्रमोशन मिल सकता है और आप टीम लीडर की पोजीशन में पदोन्नति हासिल करेंगे। वहीं, बिजनेस से जुड़े हुए लोगों को पैसा कमाने का बहुत ही अच्छा मौका मिलेगा। अच्छे रिटर्न मिलने के साथ आपको बिजनेस में कोई नई डील भी मिल सकती है। आपके आर्थिक पहलू की बात करें तो आप धन संचय करने और साथ ही, बचत करने में सक्षम होंगे। आशंका है कि आप अपने बच्चों पर खर्च करें।

रिश्ते के मोर्चे पर, आप अपने जीवनसाथी का विश्वास जीतने और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखने की स्थिति में होंगे। आप खुलकर अपनी बातों को अपने पार्टनर के सामने रखने में सक्षम होंगे। जीवनसाथी के साथ गलतफहमियां दूर हो जाएंगी। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, आशंका है कि आपको इस अवधि कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े। हालांकि छोटी-मोटी समस्याएं जैसे- आंखों से संबंधित जलन आदि देखने को मिल सकता है लेकिन घबराने की बात नहीं है।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों की बात करें तो शश व बुधादित्य राजयोग से आपको बहुत अधिक लाभ होगा। इस दौरान आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा, जिसके चलते आपको करियर में शानदार परिणाम प्राप्त होंगे। नौकरी में पदोन्नति और वेतन वृद्धि होने की भी प्रबल संभावना है। वहीं, सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लोगों को इस अवधि में कोई शुभ समाचार मिल सकता है, जिससे आपको सुख और संतुष्टि प्राप्त होगा। यदि आप अगर पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं, तो आपको धन लाभ के कई शानदार अवसर प्राप्त होंगे। वहीं, आपको भिन्न-भिन्न स्रोतों से आय की प्राप्ति होगी। 

जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि अच्छा मुनाफा कमाने में सफल रहेंगे और अपने बिज़नेस में तेज़ी से तरक्की प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा और यदि आपने हाल-फिलहाल में कोई निवेश किया है तो उससे भी आपको आगे चलकर अच्छा लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि आपको भाग्य का साथ मिलेगा। इसके अलावा, परिवार में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में सफल होंगे, जिससे घर का माहौल बेहद खुशनुमा और सकारात्मक होगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शश राजयोग कैसे बनता है?

उत्तर 1. शनि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहला, चौथा, सातवां या दसवें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हो तो यह शश योग बनाता है।

प्रश्न 2. बुधादित्य राजयोग क्या होता है?

उत्तर 2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में जब सूर्य और बुध एक साथ आते हैं, तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है।

प्रश्न 3. बुध ग्रह मजबूत होने से क्या होता है?

उत्तर 3. कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होने पर जातक को जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होता है।

प्रश्न 4. बुधादित्य योग के क्या फायदे हैं?

उत्तर 4. बुधादित्य योग जिस किसी की कुंडली में बनता है उसके बनने से व्यक्ति को धन, सुख-सुविधा, वैभव, और मान-सम्मान मिलता है।

139 दिनों तक शनि अपनी राशि में रहेंगे वक्री, इन जातकों की संपत्ति में होगी तेज़ी से बढ़ोतरी!

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बहुत अधिक महत्व होता है। लोगों के अंदर शनि का नाम लेते ही भय पैदा हो जाता है क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है कि शनि केवल बुरे परिणाम ही देते हैं लेकिन, ऐसा नहीं है शनि को कर्मफल दाता कहा जाता है और वे लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है और यह एक राशि में करीब ढाई सालों तक विराजमान रहते हैं। इस तरह एक राशि में दोबारा गोचर करने के लिए इन्हें 30 वर्षों का समय लगता है। एक ही राशि में रहकर शनि समय-समय पर वक्री और मार्गी होते रहते हैं, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है। 

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शनिदेव अभी कुंभ राशि में हैं और 29 जून की रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री होने जा रहे हैं। वक्री शनि का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों के ऊपर अवश्य पड़ेगा। ऐसे में कुछ राशि वालों को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। इन जातकों के मान-सम्मान और धन-संपत्ति में काफी इजाफा होगा। आइए जानते हैं किन-किन राशियों की पलटेगी किस्मत।

वक्री शनि से इन जातकों को होगी लाभ की प्राप्ति

मेष राशि

वक्री शनि आपको करियर के क्षेत्र में अपार लाभ प्रदान करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई दे सकते हैं। आपको इस अवधि में विदेश से नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं और इस तरह के मौके आपके लिए फलदायी साबित होंगे। साथ ही, काम में की गई कड़ी मेहनत के लिए आपको सराहना मिलने की संभावना है। इस अवधि करियर के संबंध में यात्राओं पर जाना पड़ सकता है और यह यात्रा आपको संतुष्टि प्रदान करेगी। इस अवधि में यह जातक नौकरी में अपनी बुद्धि और स्किल्स का उपयोग करके दूसरों को प्रभावित कर पाएंगे। जिन जातकों का अपना व्यापर है, वह इस समय बिज़नेस पार्टनर की मदद से अच्छा ख़ासा मुनाफ़ा कमाएंगे। इस दौरान आप प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे।

इस अवधि पार्टनर के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। आपकी जीवनसाथी के साथ प्यार भरी नोकझोंक हो सकती है। इस दौरान इन जातकों का अपने पार्टनर के साथ रिश्ता मधुर रहेगा और आपको ऐसा लग सकता है जैसे कि आप दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप जीवनसाथी के साथ प्रेम और सौहार्द से पूर्ण रिश्ता कायम कर सकेंगे। शनि वक्री के दौरान आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, हल्की सर्दी-खांसी, पैरों में दर्द आदि की शिकायत हो सकती है।

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मिथुन राशि

शनि वक्री मिथुन राशि के जातकों के लिए शानदार साबित होगी। इसके परिणामस्वरूप आपके आय में वृद्धि के नए स्रोत बनेंगे। ऐसे में, आपका सारा ध्यान बेहतर भविष्य के निर्माण पर केंद्रित होगा। करियर, परिवार और अच्छा पैसा कमाने में भाग्य आपका साथ देगा। इस अवधि में इन लोगों को काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिसमें विदेश यात्रा भी शामिल होगी। करियर की बात करें, तो आप नौकरी में शीर्ष पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए नज़र आ सकते हैं और आपकी मेहनत इस अवधि रंग लाती दिखेगी। यदि आप पदोन्नति या वेतन वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो आपको तरक्की जरूर हासिल होगी। इस अवधि आपको नौकरी के भी नए अवसर प्राप्त होंगे।

वक्री शनि के दौरान आपको पदोन्नति या फिर कोई विशेष इंसेंटिव मिलने के योग बन रहे हैं और यह आपके बेहतरीन कौशल की वजह से आपको मिल सकता है। यदि आपका खुद का व्यापार हैं, तो अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए आप अपने सभी कामों को बहुत सोच-समझकर व ध्यान लगाकर करेंगे। साथ ही, आप अपने प्रतिद्वंदियों के लिए एक मज़बूत प्रतिद्वंदी बनकर उनके सामने उभरेंगे। आर्थिक रूप से, आपको धन लाभ होगा और आप काफ़ी बचत कर पाएंगे। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के इच्छुक रह सकते हैं।

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों की बात करें तो, वक्री शनि आपके प्रेम जीवन के लिए शानदार साबित होगा। इस अवधि में आप पार्टनर के साथ अपने रिश्ते में प्रेम और तालमेल बनाए रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता खुशियों से भरा रहेगा। यह जातक जीवनसाथी के साथ सुखद लम्हें बिताएंगे जिसके चलते आपका रिश्ता मधुर बना रहेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इन जातकों का रवैया सकारात्मक रहेगा और इसके परिणामस्वरूप, आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

 कार्यक्षेत्र में एक सफल टीम लीडर के रूप में अपनी जगह बनाने में सफल रहेंगे। आने वाला समय आपके लिए प्रमोशन और नौकरी के बेहतरीन अवसर लेकर आ सकता है। आपके लिए पदोन्नति और वेतन वृद्धि के योग बनेंगे, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। वहीं, जिन जातकों का अपना व्यापार है उनका प्रदर्शन इस समय शानदार रहेगा और जो शेयर बाज़ार से जुड़े हैं, उन्हें अपने भाग्य का साथ मिलेगा। जबकि व्यापार करने वालों को ज्यादा उच्च लाभ की प्राप्ति नहीं होगी।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों को वक्री शनि के दौरान भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और इसके चलते जीवन के हर पहलू में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करेंगे। इस राशि के जातक जो भी काम कर रहे हैं या फिर जिस काम को आगे बढ़ाने की उम्मीद लगाए हुए हैं, उसमें आपको इस सफलता अवश्य प्राप्त होगी। आप मन लगाकर काम करेंगे। काम के सिलसिले में आपको लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है, जो आपके लिए आरामदायक होगी। कार्यक्षेत्र में आपकी छवि एक टीम लीडर के रूप में उभरकर सामने आएगी। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उनके लिए यह समय शेयर मार्केट के माध्यम से पैसा कमाने के लिए अच्छा रहेगा। इस अवधि में आप अपने निवेश से अच्छा रिटर्न प्राप्त करने में सक्षम होंगे । इसके अलावा, आपको अपने क्षेत्र में लोकप्रियता भी हासिल होगी।

आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, कुंभ राशि के जातक इस समय अच्छा धन अर्जित करते हुए नज़र आएंगे। आपको पैतृक संपत्ति से भी धन की प्राप्ति हो सकती है। यदि आपके धन कहीं फंसा हुआ है तो वह भी मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। प्रेम जीवन की बात करें तो, आप रिश्ते में पार्टनर के साथ संतुष्ट दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता प्रेम और सद्भाव से भरा रहेगा। जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाते हुए रिश्ते में खुशियां बनाए रख सकेंगे। इसके अलावा, आप ऊर्जा और उत्साह से भरे रहेंगे जिसके चलते आप बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने में सक्षम होंगे।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शनि वक्री कब होंगे?

उत्तर 1. शनि 29 जून की रात 11 बजकर 40 मिनट पर अपनी ही राशि कुंभ में वक्री होने जा रहे हैं।

प्रश्न 2. शनि वक्री होने पर क्या करें?

उत्तर 2. शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सर्वप्रथम हनुमान जी की पूजा करें और फिर भगवान भैरव की उपासना करें।

प्रश्न 3.वक्री ग्रह क्या फल देता है?

उत्तर 3. वक्री ग्रह अपनी उच्च राशिगत होने के समतुल्य फल प्रदान करता है। कोई ग्रह जो वक्री ग्रह से संयुक्त हो, उसके प्रभाव में मध्यम स्तर की वृद्धि होती है।

प्रश्न 4. शनि अभी किस राशि में है?

उत्तर 4. शनि इस समय अपनी स्वराशि कुम्भ में स्थित हैं।

शुक्र गोचर मेष सहित इन 6 जातकों के लिए रहेगा शानदार; इन 2 राशि वालों को रहना होगा सतर्क!

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रभाव से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को शुक्र के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस ब्लॉग में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे। बता दें कि शुक्र 12 जून 2024 को बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।

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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: तिथि व समय

वैवाहिक सुख, भौतिक सुख, प्रतिभा, सौंदर्य और समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने के लिए तैयार हैं। ये 07 जुलाई तक मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे और उसके बाद कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मिथुन शुक्र की मित्र राशि हैं और ये इस राशि में बेहतर तालमेल बिठाने में सक्षम होंगे। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि शुक्र यहां विश्वव्यापी घटनाओं को कैसे प्रभावित करेगा।

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मिथुन राशि में शुक्र: विशेषताएं

मिथुन राशि वालों के दो व्यक्तित्व होते हैं, जो इन्हें बेहद हाजिर जवाब और फुर्तीला बनाती है। ये जातक मिलनसार और संवेदनशील होते हैं। साथ ही, मौज-मस्ती के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन कई बार अचानक गंभीर, विचारशील और बेचैन हो सकते हैं। ये जातक दुनिया के बारे में जानने की जिज्ञासा रखते हैं और इनको अक्सर ऐसा लग  सकता है कि ये जो कुछ भी करना चाहते हैं उसके लिए समय की कमी है।

मिथुन ऐसे लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो बहुत तेज, स्मार्ट, अनुकूलनीय और अति-जिज्ञासु होते हैं। मिथुन राशि में शुक्र की मौजूदगी आपको कला और शिल्प, संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे लाता है। इसके परिणामस्वरूप जातक का झुकाव रचनात्मक चीज़ों में हो सकता है। इसके प्रभाव से आपका स्वभाव चंचल, मज़ेदार और हंसी मज़ाक करने वाला हो सकता है। ये जातक प्रेम जीवन में कई बार असफल भी हो सकते हैं।

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होगा। तीसरे भाव में शुक्र के गोचर करने के कारण आप अपने दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताना पसंद करेंगे। उनके साथ पार्टी करना, मौज मस्ती करना, आपको खूब पसंद आएगा। भाई-बहनों के साथ भी निकटता बढ़ेगी और उनसे प्रेम बढ़ेगा।

यह समय आपके प्रेम संबंधों को बढ़ाने वाला होगा। आपकी नज़दीकियां अपने पार्टनर से बढ़ेंगी और आपके बीच रोमांस के योग बनेंगे। शुक्र देव के गोचर के प्रभाव से आप अपने अंदर छिपे किसी स्किल्स को सबके सामने लाने में सफल रहेंगे और उससे धन अर्जित भी करने में कामयाब हो सकते हैं। जिससे आपका आर्थिक स्थिति बहुत अधिक मजबूत होगी।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। शुक्र का यह गोचर आपके जीवन में अनुकूल परिणाम के साथ-साथ शांति और समृद्धि लेकर लाएगा। इस अवधि आपको अत्यधिक धन लाभ होगा। साथ ही, आप अपने धन की बचत कर पाने में सक्षम होंगे जिससे आपका बैंक बैलेंस बढ़ेगा।

इस अवधि किसी शादी समारोह में सम्मिलित होकर खुशी का अनुभव करेंगे और अनेक लोगों से मिलना-जुलना होगा जिससे सामाजिक दायरा बढ़ेगा। आप लोगों के बीच आकर हल्का और खुश महसूस करेंगे। आपके घर में भी कोई फंक्शन या अच्छा शुभ काम हो सकता है। शुक्र के गोचर के फलस्वरूप वृषभ राशि के जातकों को करियर में अच्छा मुकाम मिलेगा। लोग आपके काम की प्रशंसा करेंगे और आपके प्रयासों के लिए आपको प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। आपका पारिवारिक जीवन शांति और सद्भाव से भरा रहेगा। आप लोगों से मीठा बोलकर अपना काम निकलवाने में सफल रहेंगे। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, उन्हें अपने बिज़ेनस में वृद्धि देखने को मिलेगी और साथ ही, अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए, शुक्र आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके पहले भाव यानी आपकी ही राशि में होने जा रहा है। शुक्र के इस गोचर के प्रभाव से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। आप लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। आपके जो काम पहले किसी भी वजह से रुके हुए थे, वे अब धीरे-धीरे शुरू होने लगेंगे और आपको उससे सुखद महसूस होगा। आपको गाड़ी या मकान का लाभ मिल सकता है इसलिए यदि आप कोई संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो इस दौरान प्रयास करने से आपको उससे सुख-समृद्धि प्राप्त होगी। इस अवधि संतान की ओर से अच्छा सहयोग प्राप्त होगा और उनसे आपको प्रेम भी प्राप्त होगा। विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होने के योग बन सकते हैं। विदेशी संपर्कों से आपके व्यापार में भी उन्नति होगी और आपका बिज़नेस तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

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सिंह राशि

शुक्र आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में शुक्र में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। इस गोचर के प्रभाव से आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और आपकी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी। कार्यक्षेत्र में आप के वरिष्ठ अधिकारी आपसे प्रसन्न नजर आएंगे और आपके हर काम में आपकी मदद करेंगे। इस अवधि उनका समर्थन आपको प्राप्त होगी, जिसके चलते आप अपने काम को और अधिक बेहतर तरीके से पूरा करने में सक्षम होंगे। वृषभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो आप और आपके प्रियतम के बीच मिलने-जुलने, एक दूसरे के साथ अच्छा समय व्यतीत करने और रोमांस के भरपूर अवसर मिलेंगे। सिंह राशि के जातकों का रिश्ता इस अवधि पहले से अधिक मजबूत होगा और आप एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी है। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। इस दौरान आपको हर कार्य में उन्नति प्राप्त होगी और भाग्य का भरपूर साथ मिलेगी। आपके सभी रुके हुए काम एक बार फिर से शुरू हो जाएंगे। आपकी यदि कुछ व्यावसायिक परियोजनाएं थीं तो वे भी अब आगे बढ़ने लगेंगी जिससे आपको प्रबल धन लाभ होने के योग बनेंगे। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको किसी अच्छी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है जहां आपका पद और वेतन पहले के मुकाबले अधिक हो सकता है। यह समय आपके करियर के लिए अनुकूल रहेगा और आपको भाग्य की कृपा से बहुत कुछ प्राप्त होगा। व्यापार करने वाले लोगों के लिए भी यह अवधि बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी और आपके व्यवसाय को नए लोगों के साथ मिलकर आगे चलाने का अवसर मिलेगा। पारिवारिक जीवन में सुख और शांति रहेगी। कुल मिलाकर शुक्र का गोचर आपको ढेर सारी खुशियां प्रदान करेगा।

धनु राशि

शुक्र आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा। इस दौरान आपका अपने जीवनसाथी से प्रेम बढ़ेगा। आपके बीच रोमांस के योग बनेंगे। आप एक-दूसरे को भरपूर समय देंगे और एक-दूसरे के सच्चे जीवनसाथी बनकर अपनी सभी जिम्मेदारियां बहुत अच्छे से पूरा करेंगे। व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए यह अवधि अनुकूलता लेकर आएगी और आपके व्यवसाय में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी। जीवनसाथी को धन लाभ मिल सकता है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति भी बढ़िया होगी।

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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए, शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। शुक्र के इस गोचर के परिणामस्वरूप अपने अप्रत्याशित खर्चों में बढ़ोतरी देखकर आप परेशान हो उठेंगे लेकिन आपको तनिक भी घबराने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसी बारहवें भाव में स्थित शुक्र महाराज आपको प्रबल धन लाभ भी देंगे। आप अपनी सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के लिए कुछ नई चीजें खरीद कर ला सकते हैं। अपने अतिरिक्त परिवार की साज-सज्जा पर भी धन खर्च कर सकते हैं। घर में रिनोवेशन का कार्य करा सकते हैं और पारिवारिक जरूरत के सामानों के साथ-साथ सुख-सुविधाओं की वस्तुओं में बढ़ोतरी कर सकते हैं। यदि कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो उस पर खर्च करना पड़ सकता है। आपके वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ने के योग बनेंगे।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मिथुन राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। शुक्र का यह गोचर आपके निजी संबंधों में उतार-चढ़ाव लेकर आएगा। इस अवधि जहां एक ओर आप गुपचुप तरीके से अपने प्रेम संबंधों को आगे बढ़ाने पर ध्यान देंगे और अपने अंतरंग संबंधों में बढ़ोतरी महसूस करेंगे। गुप्त सुख पाने की चाह में आप जी भर कर पैसा खर्च करेंगे जो बाद में आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। हालांकि आर्थिक दृष्टि से यह गोचर आपके लिए लाभकारी रहेगा क्योंकि आपको धन लाभ होने के प्रबल योग बन रहे हैं। अगर आपने शेयर बाजार में पहले से निवेश किया हुआ है तो उसका अच्छा प्रतिफल इस दौरान आपको प्राप्त हो सकता है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

इस दौरान ससुराल में किसी के विवाह या फंक्शन में शामिल होने का मौका मिल सकता है जिससे घर-परिवार में प्रेम और उत्साह का वातावरण रहेगा और सभी खुश नजर आएंगे। जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। वाद-विवाद को ज्यादा बढ़ने न दें, इसी में आपका हित होगा। व्यापार में उन्नति होगी और नौकरी करने वाले लोगों को अपने काम के लिए अच्छी पहचान मिलेगी।

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: उपाय

  • शुक्रवार का व्रत करें और सफेद चीजें जैसे चावल, चीनी आदि का दान करें।
  • शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी या देवी दुर्गा की पूजा करें और लाल फूल चढ़ाएं।
  • प्रतिदिन सुबह महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें।
  • अक्सर अधिक सफेद और गुलाबी कपड़े पहनने की कोशिश करें और अच्छी स्वच्छता रखें।
  • शुक्र के मंत्र “ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शुक्र का मिथुन में गोचर कब होने जा रहा है?

उत्तर 1.  शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर होगा।

प्रश्न 2. शुक्र मिथुन राशि में कैसा व्यवहार करता है?

उत्तर 2. मिथुन राशि शुक्र की मित्र राशि है और इस राशि में शुक्र आमतौर पर अच्छे परिणाम प्रदान करता है।

प्रश्न 3. शुक्र किस राशि में उच्च का होता है?

उत्तर 3. शुक्र मीन राशि में उच्च का होता है।

प्रश्न 4. यदि बुध मिथुन राशि में हो तो इसका क्या मतलब है?

उत्तर 4. यह बुध की अपनी राशि है और इस राशि में बुध मजबूत स्थिति में विराजमान रहते हैं।

500 साल बाद छह शुभ ग्रह मिलकर बनाएंगे 5 राजयोग, सोने से लद जाएंगे ये चार जातक!

प्रत्येक ग्रह एक निश्चित पथ पर एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। इस दौरान ग्रहों की युति होती है यानी एक ही राशि में एक से ज्यादा ग्रह मौजूद होते हैं। ग्रहों की युति से कई शुभ योगों का निर्माण होता है, जिसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ता है। इसी क्रम में जून के महीने में एक साथ छह ग्रहों के गोचर से पांच शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। माना जा रहा है कि 500 सालों बाद पांच राजयोग का निर्माण एक साथ हो रहा है, जिसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों के ऊपर पड़ेगा लेकिन, इस दौरान कुछ राशि वालों को बहुत अधिक शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। 

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बता दें कि सूर्य, बुध, गुरु, शनि, शुक्र, मंगल के गोचर से पांच राजयोग बन रहा है। शुक्र अपनी स्वराशि में विराजमान होकर मालव्य राजयोग का निर्माण करेंगे, बुध और सूर्य वृषभ राशि में बुधादित्य राजयोग, शुक्र और बुध लक्ष्मी नारायण राजयोग, शनि अपनी मूल त्रिकोण कुंभ राशि में रहकर शश राजयोग और गुरु-शुक्र मिलकर गजलक्ष्मी राजयोग बना रहे हैं। ये सभी राजयोग बहुत अधिक शुभ माने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि किन जातकों के लिए ये राजयोग फलदायी साबित होंगे।

छह ग्रहों के गोचर से बन रहे पांच राजयोग से इन जातकों को मिलेंगे शुभ परिणाम

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए यह पांचों राजयोग बहुत अधिक शुभ साबित होंगे। इस दौरान आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी और आप खुद को साबित करने में भी कामयाब रहेंगे। करियर के मोर्चे पर आपको अपनी नौकरी में अच्छी प्रगति प्राप्त होगी। इस अवधि में आपको नई नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। जिन लोगों का खुद का व्यापार है उन्हें इस दौरान उच्च लाभ प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। हो सकता है कि आपको विदेशों से पार्टनरशिप करने का अवसर प्राप्त हो, जिससे आपके बिज़नेस में तेजी से प्रगति होगी। आर्थिक पक्ष पर बात करें तो, आप ज़्यादा धन संचित करने और धन कमाने में कामयाब रहेंगे। पैतृक संपत्ति से भी आपको लाभ होगा। यदि आपका धन कहीं फंसा हैं तो वह इस अवधि आपको मिलेगा। प्रेम जीवन की बात करें तो रिश्ते में मधुर संबंध स्थापित करने में सफल होंगे।

आपके प्रेम जीवन की बात करें तो आपको प्यार में सफलता मिलेगी और आप अपने प्यार को एक मजबूत रिश्ते में बदल सकते। इस अवधि आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने भी जा सकते हैं। बात यदि स्वास्थ्य की करें तो आप खुद को फिट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कदम उठाएंगे। आपकी इम्यूनिटी काफी अच्छी रहेगी। जिसकी वजह से आप स्वस्थ जीवन जिएंगे।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों की बाद करें तो छह ग्रहों के गोचर से बनने वाले पांच शुभ योग से आपको बहुत अधिक शुभ फल की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपको भाग्य का पूरा-पूरा साथ मिलेगा। करियर में आप तेज़ी से प्रगति करेंगे। इस दौरान आपको वेतन वृद्धि, प्रमोशन आदि के रूप में लाभ प्राप्त होंगे और आपका इंतजार करना सफल होगा। आप अपने जीवन का दायरा बढ़ाते हुए दिखाई दे सकते हैं। अगर आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं, तो उसके सफल होने की संभावना है।

आर्थिक रूप से यह अवधि आपके लिए वरदान साबित होगा क्योंकि इस दौरान आपकी संपत्ति में वृद्धि देखने को मिल सकती है। साथ ही, आप ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने में सक्षम होंगे। इसके परिणामस्वरूप, ये जातक धन की बचत कर पाएंगे जिससे इनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी। प्रेम जीवन की बात करें तो, इस अवधि में वृषभ राशि वालों के रिश्ते अपने पार्टनर के साथ अच्छे रहेंगे। ऐसे में, आप दोनों के बीच आपसी तालमेल शानदार रहेगा और यह आपके रिश्ते को मज़बूत बनाने का काम करेगा। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए पांच राजयोग बहुत अधिक शुभ साबित होगा। करियर के लिहाज़ से, आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा क्योंकि इस समय आप कार्यों में सफलता के साथ-साथ उच्च पद प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आप करियर में तेजी आगे बढ़ेंगे और शीर्ष पर पहुंचेंगे। आपको पदोन्नति आदि के रूप में अधिक लाभ प्राप्त होगा। यही नहीं आपको विदेश से भी नए अवसर मिलने की संभावना है जो आपके लिए फलदायी रहेंगे। आप अपनी योग्यताओं को साबित करते हुए बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने में समर्थ होंगे और अच्छा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। आपका मन सकारात्मक विचारों से भरा रहेगा।

सिंह राशि के जो जातक ख़ुद का व्यापार करते हैं उन्हें अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने की राह में कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। इस अवधि के दौरान जातकों को न बहुत अधिक लाभ होगा। ऐसे में, आपके लिए व्यापार को चलाना आपको आसान हो सकता है। आर्थिक स्थिति के लिए यह अवधि फलदायी साबित हो रही है। आप पारिवारिक जिम्मेदारियों को आसानी से निभाने में सक्षम होंगे।

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कुंभ राशि

इस समयावधि में कुंभ राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपकी किस्मत अच्छी रहेगी। आपको कार्यक्षेत्र में पदोन्नति के साथ-साथ आपके वेतन में वृद्धि भी होगी। इस दौरान आपको अपनी मेहनत के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्षेत्र में आप नई-नई चीज़ों को सीखेंगे। इसके अलावा, आपके पास विदेश से भी कई मौके आएंगे, जो आपके भविष्य के लिए शानदार साबित होगी। व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। व्यापार में आपको कुछ ऐसे पल देखने को मिल सकते हैं जो आपके बिज़नेस के लिए फलदायी साबित होंगे। साथ ही, इस दौरान आप अच्छा लाभ कमाने में भी सक्षम होंगे। कुंभ राशि के व्यापारी लोगों में अपनी काबिलियत साबित करने के साथ-साथ प्रतिद्वंदियों से टक्कर लेने की अपार क्षमता मौजूद हो सकती है।

आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, आप पर्याप्त धन कमाने और उसे बचाने की स्थिति में नज़र आ सकते हैं। यह अवधि विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगा जो विदेश में बसे हैं उन्हें हर कदम पर भाग्य का साथ मिलेगा। आप अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में मिठास बनाए रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, ये लोग अपने रिश्ते में उच्च मूल्य स्थापित कर सकते हैं। आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शुक्र ग्रह को क्या पसंद है?

उत्तर 1. शुक्र ग्रह भोग-विलास, सांसारिक सुख, प्रेम, मनोरंजक, व्यवसाय, पत्नी का कारक ग्रह है।

प्रश्न 2. सूर्य ग्रह का स्वामी कौन है?

उत्तर 2. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह भी कहा जाता है। सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं।

प्रश्न 3. बुध ग्रह कमजोर हो तो क्या होता है?

उत्तर 3. यदि किसी की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो इसका प्रभाव भी उसके जीवन पर बेहद अशुभ पड़ता है। बुध दोष के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रश्न 4. शनि अभी किस राशि में है?

उत्तर 4. शनि इस समय अपनी स्वराशि कुम्भ में स्थित हैं।

गरीब के घर पैदा होकर भी अमीर बना देता है ये राजयोग, कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं?

सनातन धर्म में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो समय, नक्षत्र, ग्रह और तिथि के अनुसार उस बच्चे की कुंडली तैयार की जाती है। ऐसे में, कुछ लोगों की कुंडली में ऐसे राजयोग होते हैं, जो जातक को गरीब होते हुए भी अमीर बना देते हैं। ज्योतिष में ऐसे कई राजयोग के बारे में चर्चा की गई है, जो व्यक्ति को धन, दौलत और शौहरत दिलाते हैं। राजयोग का प्रभाव इतना अधिक होता है कि व्यक्ति चाहे गरीब घर में भी पैदा हो लेकिन वह अमीर बनता है। ऐसे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहती है और वह समाज में अपनी अलग पहचान बनाता है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम एक ऐसे ही राजयोग के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जिसके शुभ प्रभाव से रंक भी राजा बन जाता है। 

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यह योग है शश राजयोग, जिसका निर्माण शनि के द्वारा होता है। शनि नवग्रह में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। एक राशि में वह कम से कम ढाई सालों तक रहते हैं, लेकिन अपनी स्थिति में बदलाव करते रहते हैं। इन बदलाव से व्यक्ति की कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शश राजयोग के बारे में। साथ ही, यह भी जानेंगे कि यह राजयोग कैसे बनता है और इसके बनने से जातक को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

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जानिए कैसे बनता है शश राजयोग

ज्योतिष के अनुसार, शश महापुरुष राजयोग की चर्चा पंच महापुरुष राजयोग में होती है। शनि के लग्न भाव में होने या चंद्र से केंद्र भाव पर होने पर इस योग का निर्माण होत है। बता दें कि शनि देव अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें या दसवें स्थान पर तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हों, तो ऐसे में कुंडली में शश योग का निर्माण होता है। बता दें कि जिस भी जातक की कुंडली में यह योग बनता है वह बहुत अधिक भाग्यशाली होता है।

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गरीब को भी अमीर बना देता है ये राजयोग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि दु:ख, बीमारी, शोक, दारिद्रय, मृत्यु आदि के कारक ग्रह शनि तुला राशि में विराजमान हो, तो शश राजयोग बेहद शुभ फल प्रदान करता है। बता दें कि शनि देव की उच्च राशि तुला है इसलिए जिस व्यक्ति की कुंडली में ये राजयोग बनता है वह गरीब से गरीब परिवार में जन्म लेकर भी अमीर बनता है और खूब नाम कमाता है। इतना ही नहीं, इन लोगों की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत होती है। ये लोग खूब पैसे वाले होते हैं और इन्हें कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। ये लोग बहुत धनवान भी होते हैं। इतना ही नहीं, ये लोग जरूरतमंदों की भी मदद करने के लिए आगे आते हैं।

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शश राजयोग के फायदे

जिस भी जातक की कुंडली में शनि कुंभ राशि में या केंद्र में या मूल त्रिकोण में मौजूद है और शुभ अवस्था में है तो शश राजयोग का उसे बहुत अधिक शुभ फल प्राप्त हो सकता है। इसी के साथ गोचर के अनुसार भी जातक को शश राजयोग का बहुत अधिक लाभ मिलता है। बता दें कि वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान होकर शश राजयोग का निर्माण कर रहा है। आइए जानते है कि जब यह राज योग किसी जातक की कुंडली में बनता है तो उसे किस प्रकार के फायदे हो सकते हैं।

  • ज्योतिष के अनुसार, शश राजयोग के शुभ प्रभाव से जातक में बड़े से बड़े रोग से उबरने की मजबूत क्षमता होती है।
  • इस योग के परिणामस्वरूप जातक की आयु लंबी होती है और वह लंबे आयु तक स्वस्थ जीवन जीता है।
  • जिन जातकों का अपना व्यापार होता है, उन्हें इस योग से बहुत अधिक लाभ होता है। व्यापार में दिन प्रतिदिन मुनाफा होता है और तेजी से बिज़नेस आगे बढ़ता है। साथ ही, जातक अपने बिज़नेस करने में बहुत अधिक प्रैक्टिकल होते हैं।
  • ऐसे जातक, जरूरत पूर्ति या आवश्यकता अनुसार की बातचीत करता है और हर किसी को अपनी राय नहीं देता है।
  • ये लोग बहुत अधिक ज्ञानी होते हैं और लोग इनसे राय लेना पसंद करते हैं।
  • इनका मन रहस्यों को जानने और उसे अपनी तरह से लोगों तक पहुंचाने में होता है।
  • राजनीति के क्षेत्र में तो ये अपार सफलता प्राप्त करते हैं और कूटनीति करने में सबसे आगे होते हैं।
  • कार्यक्षेत्र में ये शीर्ष पद पर आसीन होते हैं और हर किसी से खूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
  • यदि जातक की कुंडली में शश राजयोग का निर्माण हो रहा है तो उस पर कभी भी शनि के कुप्रभाव, साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
  • यदि ये जातक सरकारी नौकरी, आईएएस, पीसीएस की तैयारी करते हैं तो इन्हें सफलता मिलने की अधिक संभावना होती है।

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शश योग में जन्म लेने वाले जातक का व्यक्तित्व

शश योग को शशका योग भी कहते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले बच्चे बहुत अधिक भाग्यशाली होते हैं। इनके व्यक्तित्व की बात करें तो इनका चेहरा छोटा होता है, आंखें फुर्तीली होती हैं और मध्यम ऊंचाई वाले छोटे दांत हो सकते हैं। इन लोगों को घूमने-फिरने का बहुत अधिक शौक होता है। ऐसे जातक कई ज्यादातर यात्रा करने की योजना बनाते हैं। उन्हें वादियां और पहाड़ों पर जाना बहुत अधिक पसंद होता है। शश योग के जातकों को बहुत जल्दी गुस्सा आ सकता है और ये अपने क्रोध पर जल्दी लगाम नहीं लगा पाते हैं। ये जिद्दी और साहसी स्वभाव के भी होते हैं। इसके अलावा, ये पार्टियों की मेजबानी करना और लोगों को घर पर आमंत्रित करना बहुत अधिक पसंद करते हैं। ये लोग बहुत अधिक मेहनती होते हैं और अपने प्रयासों से सफलता अवश्य प्राप्त करते हैं।

यह दूसरों की सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वे धातु की वस्तुओं को बनाने में कुशल होते हैं। ऐसे जातक विपरीत लिंग की तरफ सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं। कई बार ये लोग अपना पैसा दूसरों पर बहुत अधिक बर्बाद कर सकते हैं। ये लोग अपने माता-पिता से बहुत अधिक प्यार करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। ये लोग हेल्थ में भी काफी फिट होते हैं और कोई बड़ी बीमारी इन्हें परेशान नहीं कर सकती है। फिट रहने के साथ-साथ ये आकर्षक भी होते हैं और हर कोई जल्द इनकी तरफ आकर्षित हो सकता है। हालांकि वे काफी बुद्धिमान होते हैं इसलिए दूसरों में अक्सर दोष ढूंढते रहते हैं, जिसकी वजह से लोग इन से जल्द नाराज भी हो सकते हैं।

शनि के अशुभ प्रभाव से भी बचाता है शश योग

शश योग शनि के अशुभ प्रभाव को सुधारने में सहायक होता है और जातक को शुभ परिणाम देता है। यह योग जातक को शनि के नकारात्मक प्रभाव से बचाने में अत्यधिक फलदायी है। ‘शनि साढे़साती’ और ‘शनि ढैय्या’ के बुरे प्रभाव को भी समाप्त करने की क्षमता रखता है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शश राजयोग कैसे बनता है?

उत्तर 1. शश राजयोग तब बनता है, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव में स्थित हो, यानी शनि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहला, चौथा, सातवें या दसवें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हो, तो यह शश योग बनाता है।

प्रश्न 2. शश योग का फल कब मिलता है?

उत्तर 2. शश योग तब बनता है जब कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि (मकर, कुंभ) में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है।

प्रश्न 3. शश राजयोग का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर 3. शश राजयोग का दूसरा नाम शशका योग है।

प्रश्न 4. शनि देव के गुरु कौन है?

उत्तर 4. शनि देव के गुरु भगवान शिव हैं।

शनिदेव की आराधना के लिए शुभ माना जाता है ज्येष्ठ अमावस्या का दिन, ये उपाय करने से मिलेगा लाभ!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको ज्येष्ठ अमावस्या 2024 के बारे में बताएंगे और साथ ही इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि इस दिन राशि के अनुसार किस प्रकार के उपाय करने चाहिए ताकि आप इन उपायों को अपनाकर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त कर सके। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि विस्तार से ज्येष्ठ अमावस्या के पर्व के बारे में।

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ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं। धार्मिक शास्त्रों में ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र ​नदियों में स्नान करने के बाद दान देने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन स्नान और दान से ​पितर प्रसन्न होते हैं और उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, इस अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और भोजन करवाना भी बेहद शुभ माना गया है। इस अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। बता दें कि ज्येष्ठ अमावस्या पर न्याय के देवता शनि देव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। शनि के कारण ज्येष्ठ अमावस्या को शनि अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा करने का विशेष महत्व है। आइए सबसे पहले जानते हैं ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि व मुहूर्त के बारे में।

ज्येष्ठ अमावस्या 2024: तिथि व समय

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में में पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है। साल 2024 में यह तिथि को 06 जून 2024 गुरुवार के दिन पड़ रही है।
अमावस्या आरम्भ: जून 5 2024 की शाम 07 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी 

अमावस्या समाप्त: जून 6 2024 को की शाम 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी।

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ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर पितरों को तर्पण प्रदान करने से उनकी आत्मा तृप्त हो जाती है। साथ ही इस दिन जल का दान करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से खास महत्व है क्योंकि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सात जन्मों के पाप और पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिष के मुताबिक अमावस्या तिथि के स्वामी पितर है इसलिए इस तिथि पर व्रत पूजन करके पितरों को तर्पण व पिंडदान करना शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन शनि देव का जन्म हुआ था और ऐसे में, इस दिन शनिदेव की उपासना करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या व महादशा से मुक्ति मिल सकती है। उत्तर भारत में ज्येष्ठ अमावस्या को बहुत पवित्र, पुण्य फल देने वाली तिथि माना गया है।

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ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि

  • ज्येष्ठ अमावस्या के पवित्र दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर के सभी कामों से मुक्त हो जाए। इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • इस दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण कर ब्राह्मण भोजन करवा सकते हैं।
  • यदि संभव हो तो ज्येष्ठ अमावस्या पर तीर्थ स्नान व दान जरूर करें। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पितृ दोष भी दूर होता है।
  • इसके बाद पीपल के पेड़ पर जल, अक्षत, सिंदूर आदि चीजें अर्पित करें और कम से कम 11 या 07 बार परिक्रमा अवश्य करें।
  • ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है इसलिए इस दिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा भी करें। इसके अलावा, शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, काला कपड़ा और नीले फूल अर्पित करें। इसके बाद शनि मंत्र का जाप करें व शनि चालीसा का पाठ करें।

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ज्येष्ठ अमावस्या पर करें इन चीजों का दान

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और कुंडली में ग्रहों की स्थिति में सुधार करने के लिए व्यक्ति को इन सात प्रकार की चीजों का दान अवश्य करना चाहिए, जो इस प्रकार है-

  • चावल
  • गेहूं
  • जौ
  • कंगनी
  • चना
  • मूंग दाल
  • तिल

ये सभी चीजें अन्न की श्रेणी में आती हैं और अमावस्या पर इस सात प्रकार के अनाज का दान करने से सात ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। वहीं शनि और सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए गेहूं, काले चने व काले तिल का दान करना शुभ होता है। वहीं सफेद तिल के दान से शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं। मूंग दाल के दान से बुध ग्रह की स्थिति प्रबल होती है। वहीं चंद्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए चावल का दान करना शुभ होता है। इसके अलावा, जौ और मसूर की दाल का दान करने से देव गुरु बृहस्पति व मंगल देव की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या ना करें

  • ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
  • घर में झाड़ू पोछा लगाने के बाद गंगाजल या गोमूत्र से पूरे घर पर छिड़काव करें।
  • पितरों के नाम लेकर और घर की दक्षिण दिशा में देसी घी का दीपक जलाएं।
  • ज्येष्ठ अमावस्या का व्रत करें और पीपल के पेड़ के आगे दीपक जलाते हुए, 11 या 07 बार परिक्रमा करें।
  • लहसुन-प्याज व शराब मदिरा जैसे तामसिक चीज़ों से दूर रहें और इस पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति का गलती से भी अपमान न करें और हो सके तो उनकी मदद करें।

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ज्येष्ठ अमावस्या पर पढ़ें शनि की जन्म की कथा

अलग-अलग धार्मिक ग्रंथों में शनिदेव की जन्म कथा का वर्णन अलग-अलग तरीके से किया गया है। कुछ ग्रंथों में शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन तो कुछ ग्रंथों में शनिदेव का जन्म भाद्रपद शनि अमावस्या के दिन बताया गया है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, शनि देव का जन्म ऋषि कश्यप के यज्ञ से हुआ था, लेकिन स्कंद पुराण में शनि देव के पिता का नाम सूर्य और माता का नाम छाया बताया गया है। आइए जानते हैं इस कथा के बारे में। कथा के मुताबिक, राजा दक्ष की कन्या संज्ञा का विवाह सूर्य देव के साथ संपन्न हुआ था। विवाह के बाद संज्ञा सूर्य देव  के तेज से काफी परेशान रहती थीं और वह उस तेद से निकलने का रास्ता ढूंढ रही थीं। धीरे-धीरे समय बीत रहा था। इस बीच संज्ञा ने वैवस्वत मनु, यमराज और यमुना नाम की तीन संतानों को जन्म दिया। इसके बाद संज्ञा ने निर्णय लिया है वे कठोर तपस्या करेंगी और सूर्यदेव के तेज को सहने में सक्षम बनेंगी, लेकिन उन्हें बच्चों के पालन पोषण की चिंता हो रही थी। ऐसे में, बच्चों के पालन में कोई दिक्कत न आए और सूर्यदेव को उनके फैसले के बारे में पता न चले इसके लिए संज्ञा ने अपने तप से अपनी ही तरह की एक महिला को पैदा किया और उसका नाम संवर्णा रखा। यह उनकी ही छाया थी। संज्ञा संवर्णा को बच्चों और सूर्यदेव की जिम्मेदारी देकर तप के लिए चली गईं और इस बारे में किसी को पता नहीं चला।

संवर्णा सूर्यदेव के तेज से परेशानी नहीं होती थी। इस बीच संवर्णा ने भी सूर्यदेव की तीन संतानों मनु, शनि देव और भद्रा को जन्म दिया। कहा जाता है जब शनिदेव संवर्णा के गर्भ में थे तो संवर्णा भगवान शिव का कठोर तप कर रहीं थीं। भूख-प्यास, धूप-गर्मी सहने के कारण इसका सारा प्रभाव उनकी संतान यानी शनिदेव पर पड़ा। इसके कारण शनिदेव का जन्म हुआ तो उनका रंग काला था। यह रंग देखकर सूर्यदेव को शक हुआ कि यह पुत्र उनका नहीं हैं। उन्होंने छाया पर संदेह करते हुए उन्हें अपमानित किया।

माता के तप की शक्ति शनिदेव में भी आ गई थी। मां का अपमान देखकर उन्होंने क्रोधित होकर पिता सूर्यदेव को देखा तो सूर्यदेव काले पड़ गए और उनको कुष्ठ रोग हो गया। अपनी यह दशा देखकर घबराए हुए सूर्यदेव भगवान शिव की शरण में पहुंचे, तब भगवान शिव ने सूर्यदेव को उनकी गलती का अहसास कराया। सूर्यदेव को अपने किए का पश्चाताप हुआ, उन्होंने क्षमा मांगी और फिर उन्हें अपना असली रूप मिला लेकिन इसके बाद पिता पुत्र के संबंध खराब हो गए।

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ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये आसान उपाय

यदि आप भी न्याय के देवता शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन के ख़ास उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में

शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए

शनि देव की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद काले रंग के कपड़े धारण करें। इसके बाद शनि मंदिर जाकर शनिदेव को नीले रंग का पुष्प, सरसों का तेल, काले तिल आदि चीजें अर्पित करें। ऐसा करने से शनि के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन इन चीज़ों का दान अवश्य करें- काले कपड़े, सरसों का तेल, लोहे, उड़द दाल आदि। साथ ही, गरीबों व जरूरतमंदों को अपनी सामर्थ्य से खाना खिलाएं। ऐसा करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न और अपनी विशेष कृपा प्रदान करते हैं। 

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साढ़े साती से बचने के लिए

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन किसी भी असहाय व निर्धन व्यक्ति को न सताए और अगर हो सके तो उसकी मदद करें। ऐसा करने से शनि के साढ़े साती के प्रभाव से बचा जा सकता है और आपको जीवन में खूब सफलता भी प्राप्त होगी।

आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए

ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती भी पड़ रही है। ऐसे में, इस दिन पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाएं। इसके बाद, तिल के तेल का दीपक जलाएं और शनि स्तुति करें। ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है और यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आपको इससे राहत मिलेगी।

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए 

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर केसर डालकर खीर बनाए और माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु को इसका भोग लगाएं और इसके बाद प्रसाद के रूप में सबको बांटे। साथ ही, इस दिन पितरों के नाम का ब्राह्मणों को भोजन कराएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी और यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो उससे भी छुटकारा मिल जाता है। साथ ही, धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है।

 कालसर्प दोष दूर करने के लिए

ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन बहते हुए पानी में नारियल बहाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से कालसर्प दोष दूर होता है और व्यक्ति के हर काम आसानी से बनने लगते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. ज्येष्ठ मास की अमावस्या कब है?

उत्तर 1. साल 2024 में ज्येष्ठ माह की अमावस्या 06 जून 2024 गुरुवार के दिन पड़ रही है।

प्रश्न 2. अमावस्या के दिन घर में क्या करना चाहिए?

उत्तर 2. माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए सुबह पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें।

प्रश्न 3. अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें?

उत्तर 3. अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान के बाद पितरों का स्मरण करें और उनका तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।

प्रश्न 4. पितरों के लिए कौन सा दीपक लगाना चाहिए?

उत्तर 4. अमावस्या पर पितरों के लिए घी का दीपक जलाना चाहिए।