बुध ग्रह के उदय से बन रहा है भद्र योग, तीन लोगों की पलटने वाली है किस्‍मत

समय समय पर ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और उनके इस गोचर का असर देश-दुनिया समेत सभी राशियों के जीवन पर देखने को मिलता है। गोचर के अलावा ग्रह अस्‍त और उदित भी होते हैं और इसकी वजह से भी लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। अब जून के महीने में बुध उदित होने जा रहे हैं।

27 जून को 04 बजकर 22 मिनट पर बुध मिथुन राशि में उदित होने जा रहे हैं और इस दौरान भद्र राजयोग बन रहा है। इस योग से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है और इस ब्‍लॉग में उन्‍हीं राशियों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध के मिथुन राशि में उदित होने पर बन रहे भद्र राजयोग से किन राशियों के लोगों को लाभ मिलने की संभावना है।

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इन राशियों के शुरू होंगे अच्‍छे दिन

मिथुन राशि

इस मिथुन राशि से लग्‍न भाव में बुध का उदय होने जा रहा है। यह समय आपके लिए बहुत ज्‍यादा फायदेमंद रहने वाला है। आपको अपने हर काम में सफलता मिलेगी और आपके व्‍यक्‍तित्‍व में भी निखार आएगा। आप अपने लिए वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। इसके अलावा आपके धन में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। आप आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे।

नौकरीपेशा जातकों को अपनी मेहनत का फल मिल सकता है। इन्‍हें अपने कार्यक्षेत्र में शुभ फल प्राप्‍त होंगे। आपने जो योजनाएं सोची हुई थीं, वे सब सफल होंगी। शादीशुदा लोगों की जिंदगी में प्‍यार बढ़ेगा। पति-पत्‍नी के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा। वहीं सिंगल लोगों के लिए भी शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है।

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कन्‍या राशि

बुध आपकी राशि से कर्म भाव में उदित होने जा रहे हैं। यह समय आपके लिए बहुत ज्‍यादा अनुकूल रहने वाला है। व्‍यापारियों को इस समय बड़ा मुनाफा होने की संभाववना है। आपको अपने बिज़नेस में खूब तरक्‍की मिलेगी। आपको अपने हर काम में अपने परिवार का सहयोग प्राप्‍त होगा।

यदि आप नौकरी ढूंढ रहे हैं, तो अब आपको मनचाही नौकरी मिलने के संकेत हैं। वहीं नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति के योग बन रहे हैं। आपका अपनी पसंद की जगह पर ट्रांसफर हो सकता है। व्‍यापारियों को भी धन लाभ होने की उम्‍मीद है। यह समय आपके लिए बहुत अनुकूल रहने वाला है।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि से धन और वाणी के स्‍थान पर बुध का उदय होने जा रहा है। आपको इस योग के प्रभाव से कई तरह के लाभ प्राप्‍त होंगे। आपको अचानक से धन प्राप्‍त हो सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने की संभावना है। आप अपने घर की साज-सज्‍जा पर ध्‍यान दे सकते हैं।

आप अपने लिए नया घर भी खरीद सकते हैं। आपकी वाणी में मधुरता आएगी और लोग आपकी बातों से आसानी से प्रभावित होंगे। मीडिया और मॉडलिंग के क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी लाभ होगा। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए बहुत अच्‍छा साबित होगा।

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क्‍या है भद्र राजयोग

ज्‍योतिषशास्‍त्र में पांच सबसे शुभ योगों या‍नी पंच महापुरुष राजयोग का उल्‍लेख किया गया है जिसमें से एक भद्र महापुरुष राजयोग भी है। बुध के अपनी स्‍वराशि कन्‍या या मिथुन में लग्‍न भाव से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में गोचर करने पर इस योग का निर्माण होता है।

इस राजयोग के प्रभाव से जातक की बुद्धि में वृद्धि होती है और उसकी तर्क करने की शक्‍ति बढ़ती है। इसके साथ ही व्‍यक्‍ति की विश्‍लेष्‍णात्‍मक क्षमता और संचार कौशल भी बेहतर होता है। इनका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है। इस योग से जातक को अपने व्‍यवसाय, रचनात्‍मक क्षेत्रों, मीडिया और संचार, राजनीति, वैज्ञानिक अनुसंधान और ज्‍योतिष आदि क्षेत्रों में बड़ी सफलता प्राप्‍त होती है।

भद्र महापुरुष योग एक अत्‍यंत शुभ योग है और इसका प्रभाव सभी लोगों के जीवन पर पड़ता है।

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बुध को प्रसन्‍न करने के उपाय

आप बुध ग्रह को खुश करने के लिए निम्‍न ज्‍योतिषीय उपाय कर सकते हैं:

  • बुध के लिए आप पन्‍ना रत्‍न पहन सकते हैं।
  • बुधवार के दिन गाय को हरा चारा और घास खिलाएं।
  • बुधवार के दिन व्रत रखें।
  • हरी घास, साबुत मूंग दाल, पालक, कांस्‍य के बर्तन, नीले रंग के फूल और कपड़े एवं हरे रंग के वस्त्रों का दान करें।
  • इसके साथ ही किन्‍नरों का आशीर्वाद लेने से भी बुध प्रसन्‍न रहते हैं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. भद्र योग क्‍या होता है?

उत्तर. बुध के केंद्र भावों में मिथुन या कन्‍या में होने पर यह योग बनता है।

प्रश्‍न. भद्र राजयोग क्‍या है?

उत्तर. यह एक प्रकार का पंचमहापुरुष योग है।

प्रश्‍न. भद्र योग के क्‍या फायदे हैं?

उत्तर. यह योग सफलता दिलाता है।

प्रश्‍न. बुध किस राशि में उदय हो रहे हैं?

उत्तर. मिथुन राशि में बुध का उदय हो रहा है।

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बुध के उदय होते ही इन राशियों को करियर, कारोबार और शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगी तरक्की!

मिथुन राशि में बुध उदय: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और संचार का ग्रह कहा जाता है। सभी 12 राशियों में से दो राशियों पर इसका आधिपत्य होता है और ये राशियाँ हैं मिथुन और कन्या राशि। बात करें मिथुन राशि में बुद्धि के ग्रह बुध के होने के प्रभाव की तो इससे जातकों के लिए एक लौकिक मार्ग प्रशस्त होने लगता है जो व्यक्ति को ज्यादा स्पष्टवादी, वस्तुनिष्ठ और मानसिक रूप से लचीला बनने में मददगार साबित होता है। 

मिथुन राशि में बुध का होना व्यक्ति को नएपन का एहसास दिलाता है और जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। साथ ही ये व्यक्ति के अंदर जिज्ञासा को भी बढ़ाता है। बुध जून में अपनी ही राशि मिथुन में ही उदित होने वाले हैं।

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जहां एक तरफ बुध ग्रह तथ्यों और विचारों और उस जानकारी को संप्रेषित करने के तरीकों को दर्शाता है तो वहीं मिथुन एक वायु राशि है जो शांत, वैराग्य और कारण से जुड़ी मानी जाती है। ऐसे में बुध का मिथुन राशि में होना सूचना, प्रवाह के लिए अंतिम माध्यम बन जाता है। 

अपने इस खास ब्लॉग में आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे मिथुन राशि में बुध के उदय होने का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। जिन राशियों पर उसके नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे उन्हें क्या कुछ उपाय करने चाहिए और ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व होता है। आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले बात कर लेते हैं मिथुन राशि में बुध उदय के समय के बारे में।

मिथुन राशि में बुध का उदय- क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात कर ले समय की तो, बुद्धि, विद्या और शिल्प कौशल का ग्रह बुध 27 जून 2024 को 4:22 मिनट पर उदय होने जा रहा है।

बुध के उदित होने से ये राशियाँ कमाएँगी लाभ 

ऐसी तीन राशियाँ हैं जिनका जीवन बुध के उदित होते ही 360 डिग्री बदलने वाला है। उदित होकर बुध इन राशियों का भाग्य चमकाएंगे। इन राशियों को इस अवधि में करियर, व्यवसाय में तरक्की मिलने की संभावना है। कौन सी हैं ये राशियाँ चलिये जान लेते हैं।

मिथुन राशि: सबसे पहली जिस राशि को बुध उदय से लाभ मिलेगा वो है मिथुन राशि। इस दौरान मिथुन जातकों की सभी योजनाएं सफल होगी, इच्छाएं पूरी होगी, प्रेम और वैवाहिक जीवन अच्छा बना रहेगा, घर परिवार में सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द देखने को मिलेगा। इसके अलावा इस राशि की जो जातक पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें अपार लाभ मिलने की संभावना है और इस राशि के जो लोग अभी तक और अविवाहित हैं उनके जीवन में विवाह का कोई शानदार प्रस्ताव आ सकता है।

कन्या राशि: तीसरी जिस राशि के लिए उदित बुध बेहद शुभ रहने वाले हैं वह है कन्या राशि। काम और कारोबार में कन्या जातकों को तरक्की मिलेगी, धन लाभ के अवसर मिलेंगे, बैंक बैलेंस में बढ़ोतरी होगी, आप जिस भी क्षेत्र में काम करते हैं उसमें आपको सफलता मिलेगी, नौकरी पेशा जातक जो नौकरी की तलाश में है उन्हें शुभ समाचार मिल सकता है और जो लोग पहले से ही नौकरी के क्षेत्र में जुड़े हुए हैं उनका प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिलने के योग बनेंगे। इस राशि के व्यापारी जातकों को भी अच्छा धन लाभ होगा।

तुला राशि: तीसरी और आखिरी जिस राशि के बारे में हम बात करने जा रहे हैं वह है तुला राशि। बुध ग्रह का उदित होना तुला जातकों के जीवन में भी अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान तुला राशि के जातक धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, देश विदेश की यात्रा करेंगे, भाग्य आपके पक्ष में रहेगा जिससे आपके सभी अधूरे काम पूरे होंगे, धन लाभ होगा, नौकरी पेशा जातकों को किसी और कंपनी से अच्छा ऑफर मिल सकता है, वहीं इस राशि के जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें सफलता मिलने की संभावना बढ़ेगी।

बुध ग्रह से जुड़ी कुछ रोचक बातें 

  • बुध सौरमंडल का सबसे भीतरी और आकार में आठवां ग्रह माना जाता है। 
  • शास्त्रीय ग्रीस में बुध को अपोलो कहा जाता था। यह सूर्योदय से ठीक पहले सुबह के तारे के रूप में नजर आता था और रोमन देवता बुध के ग्रीक समक्ष हेर्मीज सूर्यास्त के ठीक बाय शाम के तारीख के रूप में नजर आते थे। 
  • यह पृथ्वी के बाद दूसरा सबसे घना ग्रह है, जिसका विशाल धातु कोर लगभग 2,200 से 2,400 मील (3,600 से 3,800 किलोमीटर) चौड़ा है, या ग्रह के व्यास का लगभग 75% है। क्योंकि ग्रह सूर्य के बहुत करीब है, बुध की सतह का तापमान 840 डिग्री फ़ारेनहाइट (450 डिग्री सेल्सियस) तक पहुँच सकता है। 
  • बुध सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है – यह पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा ही बड़ा है। चूंकि इसके पास प्रभावों को रोकने के लिए कोई महत्वपूर्ण वातावरण नहीं है, इसलिए यह ग्रह क्रेटरों से घिरा हुआ है। 
  • बुध जितना सूर्य के करीब है, 2012 में, नासा के मेसेंजर अंतरिक्ष यान ने इसके उत्तरी ध्रुव के आसपास के गड्ढों में पानी की बर्फ की खोज की, जहां क्षेत्र स्थायी रूप से सूर्य की गर्मी से छायांकित हो सकते हैं। 
  • दक्षिणी ध्रुव में बर्फीले क्षेत्र भी हो सकते हैं बुध को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 88 पृथ्वी दिन लगते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बात करें तो ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब किसी व्यक्ति का बुध कमजोर होता है तो ऐसे लोग नौकरी में सफलता नहीं पाते, व्यवसाय में उन्हें परेशानियां उठानी पड़ती है, ऐसे लोगों को बाल झड़ने की समस्या हो जाती है, नाखून कमजोर होने लगते हैं, ऐसे लोगों को रोग हो जाता है जिसका पता उन्हें नहीं चल पाता और भविष्य में उन्हें परेशानियां उठानी पड़ती है। 

ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार ऐसे व्यक्ति को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं। 

बुध को मजबूत बनाएंगे ये उपाय 

  • हरी चूड़ियां और हरे वस्त्र अपने जीवन में शामिल करें। 
  • अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएँ। नियमित रूप से उसकी पूजा करें। 
  • अपने घर के मुख्य द्वार पर अशोक के पत्तों का नया तोरण बाँधें। 
  • सुहागिन महिला को हरे रंग की साड़ी दान करें। 
  • इसके अलावा आप चाहें तो पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले आपको हम विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श लेने की सलाह देते हैं।

मिथुन राशि में बुध का उदय- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और आपके तीसरे…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और आपके दूसरे ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे घर का स्वामी है और यह आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और यह आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध द्वितीय और एकादश भाव का स्वामी है और आपके एकादश …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और इस दौरान आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें भाव का स्वामी है और आपके नवम भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और आपके …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके छठे भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और यह आपके पंचम …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके चतुर्थ भाव में ही…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: बुध ग्रह को किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: बुध ग्रह को अंग्रेजी में मरकरी कहते हैं और इसे ग्रहों का राजकुमार के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न 2: बुध ग्रह पर तापमान कितना है?

उत्तर: चूंकि बुध ग्रह सूर्य के बहुत करीब है, बुध की सतह का तापमान 840 डिग्री फ़ारेनहाइट (450 डिग्री सेल्सियस) तक पहुँच सकता है।

प्रश्न 3: सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में बुध को कितना समय लगता है? 

उत्तर: बुध को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 88 पृथ्वी दिन लगते हैं।

प्रश्न 4: मिथुन राशि में बुध का उदय किन तीन राशियों के लिए शुभ साबित होगा? 

उत्तर: मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि

जुलाई में इन 4 मूलांक वालों को चलना होगा संभलकर, एक चूक पड़ सकती है भारी!

ज्योतिष शास्त्र के समान ही अंकज्योतिष को एक महत्वपूर्ण विद्या माना जाता है जिसमें महारत हासिल करने के लिए व्यक्ति को लगातार कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता होती है। इसमें अंकों के माध्यम से लोगों के व्यवहार से लेकर आने वाले समय तक की भविष्यवाणी जानने में देर नहीं लगती है क्योंकि यह अंकों का खेल होता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको जानकारी प्रदान करेगा कि किन मूलांक के जातकों के लिए जुलाई 2024 का महीना मुश्किल भरा रह सकता है और ऐसे में, किन्हें इस माह बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं अंक ज्योतिष के बारे में।

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क्या होता है अंक ज्योतिष?

अंक ज्योतिष एक बहुत प्राचीन विद्या है जिसे वर्तमान समय में न्यूमरॉलजी के नाम से भी जाना जाता है। अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम से व्यक्ति और उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है। अंक शास्त्र में 1 से लेकर 9 तक के अंकों पर किसी न किसी ग्रह का शासन होता है और इस प्रकार, अंकों और ग्रहों का विश्लेषण करके भविष्यवाणी की जाती है। आइए अब बात करते हैं उन मूलांक वालों की जिन्हें जुलाई 2024 में सावधान रहना होगा।

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जुलाई में इन 4 मूलांक वालों को रहना होगा सतर्क

 मूलांक 1

मूलांक 1 वालों के लिए जुलाई का महीना ज्यादा ख़ास नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह महीना आपको औसत परिणाम दे सकता है। इस दौरान आपको नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप थोड़े प्रयास करेंगे, तो आपको कार्यों में औसत से बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकेंगे, लेकिन कुछ एक मामलों में कठिनाइयों से जूझना पड़ सकता है। इस मूलांक के जातकों के सामने कुछ ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जिसके चलते आपके आगे बढ़ने की रफ़्तार थम सकती है। ऐसे में, आपको किसी भी काम को पूरा करने के लिए थोड़ा अधिक समय लेकर चलने की सलाह दी जाती है। 

आज का गोचर

इन जातकों को इस बात का बहुत ध्यान रखना होगा कि जुलाई माह में धार्मिक या धर्म-कर्म के मामलों को लेकर किसी भी तरह की अनुचित टिप्पणी न करें। साथ ही, इस दौरान किसी व्यक्ति पर भी आँखें मूंदकर विश्वास न करें, अन्यथा आपको हानि उठानी पड़ सकती है। यदि आपको कोई निर्णय लेना है, तो बेहतर होगा कि अच्छी तरह से सोच-विचार करके ही कोई फैसला लें। कुल मिलाकर, जुलाई का महीना आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है, लेकिन ऐसा तब ही होगा जब आप बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ेंगे।

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मूलांक 4

मूलांक 4 के जातकों के लिए जुलाई का महीना थोड़ा मुश्किल रह सकता है क्योंकि इस अवधि में ज्यादातर अंक आपके आपके सपोर्ट में नज़र नहीं आ रहे हैं, विशेषकर अंक 1 और 7। इसके परिणामस्वरूप, आपको इस माह में मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। ऐसे में, आपको अपने कामों को पूरा करने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो इस अवधि में आपको हर काम जल्दबाजी में करने के बजाय धैर्य के साथ करना होगा। साथ ही, इन लोगों के लिए कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का मार्गदर्शन और सहयोग भी बेहद आवश्यक होगा, अन्यथा आप अपनी ऊर्जा और क्षमताओं का सही दिशा में इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे जिसके चलते आपको कमज़ोर परिणामों की प्राप्ति होगी।

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लेकिन, अगर आप काम को अनुभवी लोगों के मार्गदर्शन में करेंगे, तो परिणाम बेहतर रहने की संभावना है। जुलाई के माह में आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पिता या पिता तुल्य व्यक्तियों के साथ आपके रिश्ते मधुर बने रहें और इसके लिए आपको लगातार प्रयास भी करने होंगे। साथ ही, इन जातकों को बातचीत करते हुए अपनी वाणी विनम्र रखनी होगी ताकि आप किसी बहस से बच सकें। मूलांक 4 वालों को खुद को अहंकारी होने से बचाना होगा।

मूलांक 7

मूलांक 7 वालों के लिए जुलाई का महीना प्रतिकूल रहने की आशंका है इसलिए आपको इस अवधि में औसत परिणामों की प्राप्ति होगी। हालांकि, इस माह के दौरान आपके सामने छोटी-मोटी समस्याएं बनी रह सकते हैं या फिर हो सकता है कि कुछ मामलों में आपको मनचाही सफलता न मिले, लेकिन निराश न हो क्योंकि अधिकतर परिणाम आपके पक्ष में रहने की उम्मीद है। दूसरी तरफ. राहु और केतु का प्रभाव आपको थोड़ा बैचैन करने का काम कर सकता है, परंतु अपने पुराने अनुभवों को नजरअंदाज करने से बचें। 

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ऐसा करने से आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि कोई भी छोटा रास्ता बड़ी मंजिल तक पहुंचाने का काम नहीं करता है इसलिए सफलता पाने के लिए जल्दबाजी में कोई गैर-कानूनी काम न करें। इस अवधि में आपको सामाजिक मान-सम्मान का ख्याल रखना होगा। अगर आप सतर्कता से तकनीक का सहारा लेकर कोशिश करेंगे, तो आपको परिणाम अच्छे मिल सकते हैं। इन लोगों को अपने बातचीत के तरीके को विनम्र रखना होगा।

मूलांक 9

मूलांक 9 के जातकों के लिए जुलाई का महीना थोड़ा उतार-चढ़ावभरा रह सकता है और इस माह में 2 और 7 अंकों को छोड़कर बाकी के अंक आपके लिए अनुकूल नहीं कहे जा सकते हैं। जुलाई के दौरान आपको कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इस समय आपको काम में किसी भी तरह की लापरवाही करने से बचना होगा। जितना हो सके आलस से भी दूर रहें, यह आपके लिए बेहतर होगा। चाहे मामला प्रेम जीवन का हो या फिर स्त्रियों का, इन दोनों ही मामलों में आपको सावधान रहना होगा और कोई गलती करने से बचना होगा, इनसे जुड़े हर कार्य को सीमा में रहकर करें। 

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अगर आपकी रुचि कला या साहित्य में है या फिर आप इन क्षेत्रों से संबंध रखते हैं, तो आपको यह माह कुछ समस्याओं के बाद सफलता दिलाने का काम करेगा, लेकिन आपको मेहनत करनी होगी। हालांकि, यह अवधि आपके लिए घूमने-फिरने और मनोरंजन के अवसर भी लेकर आ सकते हैं, परंतु मनोरंजन के लिए जरूरी कामों को नजरअंदाज करने से आपको बचना होगा। फुर्सत के समय में आप घूमने-फिरने का आनंद लें और काम के समय काम करें। यदि आप किसी महिला बॉस या सीनियर के अंडर काम करते हैं, तो अपने व्यवहार और बर्ताव को उनके प्रति अच्छा रखें। जुलाई में किसी भी स्त्री की निंदा या स्त्री से विवाद करने से बचना ही आपके लिए बेहतर होगा। मूलांक 9 के जातकों द्वारा इन सावधानियों का पालन करने पर यह माह अनुकूल रह सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कैसे होते हैं 7 अंक वाले?

उत्तर 1. 7 अंक के तहत जन्म लेने वाले जातक दार्शनिक एवं चिंतन करने वाले होते हैं तथा यह हमेशा किसी न किसी शोध में लगे रहते हैं।

प्रश्न 2. किस ग्रह का कौन सा अंक है?

उत्तर 2. अंक ज्योतिष के अनुसार 1 अंक सूर्य का, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक गुरु का, चार अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 का स्वामी ग्रह मंगल है।

प्रश्न 3. अंक 8 के स्वामी कौन है?

उत्तर 3. अंक ज्योतिष के अनुसार, अंक 8 के स्वामी शनि देव हैं

2025 में राहु-केतु का गोचर पलटेगा इन लोगों का भविष्‍य, चारों तरफ से होगा मुनाफा

ग्रहों के गोचर करने पर मानव जीवन में उतार-चढ़ाव आता है। लगभग सभी ग्रह एक समयावधि के बाद राशि परिवर्तन करते हें जिसे ज्‍योतिषीय भाषा में गोचर कहा जाता है। ज्‍यो‍तिष में राहु और केतु को छाया ग्रह बताया गया है और इन्‍हें पाप एवं अशुभ ग्रह भी कहा जाता है। कुंडली में राहु और केतु अपनी स्थिति के आधार पर ही परिणाम देते हैं।

अब वर्ष 2025 में राहु और केतु के गोचर करने पर दो राशियों के जीवन में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। आगे जानिए कि साल 2025 में किस तिथि पर इन दो ग्रहों का स्‍थान परिवर्तन हो रहा है और इससे किन दो राशियों को लाभ मिलने की संभावना है।

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कब होगा राहु-केतु का गोचर

राहु और केतु हमेशा वक्री चाल चलते हैं। इस समय राहु और केतु मीन एवं कन्‍या राशि में विराजमान हैं। अगले साल 18 मई, 2025 को राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। राहु और केतु के इस गोचर से कुल तीन राशियों की किस्‍मत पलटने वाली है और इस ब्‍लॉग में आगे उन्‍हीं राशियों के बारे में बताया गया है।

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राहु-केतु गोचर से किसे होगा लाभ

कुंभ राशि

साल 2025 में राहु और केतु के राशि परिवर्तन करने पर कुंभ राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। कुंभ राशि के स्‍वामी ग्रह शनि देव हैं और इनका राहु के साथ मित्रता का संबंध है। इस प्रकार शनि और राहु मिलकर कुंभ राशि के लोगों को जीवन में सफलता प्राप्‍त करने में मदद करेंगे।

मई 2025 से लेकर आने वाले ढ़ाई सालों में कुंभ राशि के लोग खूब तरक्‍की करेंगे। आप अपने लिए प्रॉपर्टी, घर या वाहन भी खरीद सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको अपार सफलता एवं प्रगति प्राप्‍त होगी। इससे आपका मन प्रसन्‍न एवं संतुष्‍ट रहेगा। आपको करियर में बड़ी उपलब्धियां हासिल हो सकती हैं।

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सिंह राशि

अगर आपकी सिंह राशि है, तो आपके लिए भी राहु-केतु के गोचर के बाद के ढाई साल बहुत शुभ रहने वाले हैं। ये दोनों ग्रह मिलकर आपके जीवन को संवारने का काम कर सक‍ते हैं। करियर के लिए भी अच्‍छा समय है। आपको खूब तरक्‍की मिलेगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति के योग बन रहे हैं। आपके वेतन में भी वृद्धि हो सकती है। आपको अपने जीवनसाथी का सहयोगा मिलेगा।

यदि आपका कोई कानूनी मसला चल रहा है, तो अब आपको उसमें भी जीत मिल सकती है। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति और खुशियां आएंगी। रिश्‍तों में सुधार आने की उम्‍मीद है।

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वृषभ राशि

मई 2025 में राहु और केतु के गोचर से लाभान्वित होने वाली राशियों में वृषभ राशि का नाम भी शामिल है। इस समय आपको अपने जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होंगे। ऐसा समझ लीजिए कि यहां से आपका गोल्‍डन टाइम शुरू हो जाएगा और आपको अपने हर काम में सफलता मिलेगी। आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आपके जीवन में खुशियां दस्‍तक देंगी।

आप खूब धन कमाएंगे और इसके साथ ही पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे। हर तरह से यह गोचर आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

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ज्‍योतिष में केतु ग्रह का महत्‍व

ज्‍योतिष में केतु को एक पाप ग्रह बताया गया है। ये सकारात्‍मक और नकारात्‍मक दोनों तरह के प्रभाव देता है। केतु को मोक्ष, अध्‍यात्‍म, तांत्रिक क्रियाओं आदि का कारक माना गया है। इसे किसी भी राशि का आधिपत्‍य प्राप्‍त नहीं है। धनु केतु की उच्‍च राशि है जबकि मिथुन इसकी नीच राशि है। 27 नक्षत्रों में से तीन नक्षत्रों अश्विनी, माघ और मूल पर केतु का आधिपत्‍य है। केतु एक छाया ग्रह है।

केतु को प्रसन्‍न करने के उपाय

  • केतु को खुश करने के लिए आप भगवान गणेश की उपासना कर सकते हैं।
  • काले और सफेद रंग के कंबल का दान करें। यदि संभव हो, तो दो रंग के कुत्तों को ब्रेड खिलाएं।
  • घर में कुत्ता पालने से भी केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है।

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ज्‍योतिष में राहु ग्रह का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में राहु को अशुभ ग्रह माना गया है। यह ग्रह कठोर वाणी, जुआ, यात्रा, चोरी और त्‍वचा रोग एवं धार्मिक यात्रा का कारक है। राहु के कुंडली में अशुभ स्‍थान में होने पर व्‍यक्‍ति को अपने भाग्‍य का साथ नहीं मिल पाता है। इस ग्रह को भी किसी राशि का स्‍वामित्‍व प्राप्‍त नहीं है। राहु मिथुन र‍ाशि में उच्‍च का और धनु राशि में नीच का होता है।

राहु को प्रसन्‍न करने के उपाय

  • राहु को खुश करने के लिए आप भगवान शिव का आशीर्वाद लें। रोज़ राहु के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
  • रात को सोने से पहले अपने बिस्‍तर के पास जौ रखें और सुबह इसे दान कर दें। इस उपाय को करने से कुंडली में राहु की स्थिति मज़बूत होती है।
  • जिन लोगों की कुंडली में राहु कमज़ोर है, वे मांस और मदिरा का सेवन न करें।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. राहु-केतु दोष लगने पर क्‍या होता है?

उत्तर. व्‍यक्‍ति तनाव और अनिद्रा से घिर जाता है।

प्रश्‍न. राहु-केतु को खुश करने के लिए क्‍या करें?

उत्तर. काले तिल का दान करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

प्रश्‍न. राहु-केतु के एकसाथ आने पर क्‍या होता है?

उत्तर. कालसर्प दोष लगता है।

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भरणी नक्षत्र में हो चुका है मंगल का प्रवेश, चार लोगों को मिलेगा बंपर फायदा

ज्‍योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के राशि और नक्षत्र परिवर्तन का बहुत महत्‍व है। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है या नक्षत्र परिवर्तन करता है, तो इसका मानव जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।

19 जून को मंगल भरण नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और साहस एवं पराक्रम के कारक मंगल पहले से ही अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष में विराजमान हैं। भरणी नक्षत्र के स्‍वामी ग्रह शुक्र हैं। मंगल ग्रह के नक्षत्र परिवर्तन करने पर आपको शुक्र ग्रह से भी लाभ प्राप्‍त होगा।

ज्‍योतिष की मानें तो मंगल के नक्षत्र परिवर्तन करने पर सभी राशियों के जीवन में बदलाव आने की उम्‍मीद है लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें इस समय सुख-संपत्ति प्राप्‍त होगी और जीवन में सफलता मिलेगी। इस ब्‍लॉग में आगे उन्‍हीं राशियों के बारे में बताया गया है जिन्‍हें मंगल के नक्षत्र परिवर्तन करने पर सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।

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इन राशियों को होगा फायदा

मेष राशि

जब मंगल भरणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब मेष राशि के लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में खूब तरक्‍की मिलेगी। व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफे के योग बन रहे हैं। आपके नए लोगों से संपर्क बनेंगे। आपके व्‍यक्‍तित्‍व में भी निखार आएगा। जो छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, अब उनका सपना पूरा हो सकता है।

यदि आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आपकी सेहत में सुधार आने के संकेत हैं। आप मानसिक रूप से भी स्‍वस्‍थ रहेंगे। पारिवारिक समस्‍या अब दूर होती नज़र आएगी। परिवार के सदस्‍यों के बीच प्रेम बढ़ेगा।

मेष साप्ताहिक राशिफल         

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वृषभ राशि

मंगल के भरणी नक्षत्र में आते ही वृषभ राशि के लोगों के अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे। आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे और आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। आपका अटका हुआ पैसा वापिस मिल सकता है। नौकरीपेशा लोगों को अपने उच्‍च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। आपके लिए करियर में उन्‍नति के योग बन रहे हैं।

नौकरी की तलाश कर रहे जातकों के लिए भी अच्‍छा समय है। वैवाहिक जीवन में पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार बढ़ेगा। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को अच्‍छे से समझ पाएंगे।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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तुला राशि

जिन लोगों की तुला राशि है, उन्‍हें भी मंगल के भरणी नक्षत्र में आने पर फायदा होने वाला है। आपकी जीवनशैली में सुधार आएगा। आप खूब धन कमाएंगे और पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। आप अपने लिए कोई प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं।

समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी। आपको किसी सरकारी योजना से भी लाभ मिल सकता है। आय बढ़ने के आसार हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होगी। आपकी धार्मिक कार्यों और समाजसेवा में रुचि बढ़ेगी।

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वृश्चिक राशि

मंगल का भरणी नक्षत्र में आना वृश्चिक राशि के लोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा। व्‍यापारियों के लिए सफलता के योग बन रहे हैं। आप आर्थिक रूप से संपन्‍न रहेंगे। इस समय आपको करियर में शानदार अवसर मिलने की संभावना है। आप नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं। माता-पिता के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे और आप अपने परिवार को लेकर अपनी जिम्‍मेदारियों को पूरा कर पाएंगे।

जीवन में कोई समस्‍या चल रही है, तो अब उसका भी अंत होगा। अविवाहित जातकों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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ज्‍योतिष में मंगल ग्रह का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को योद्धा और एक गतिशील ग्रह बताया गया है। यह साहस और पराक्रम के भी कारक हैं। मंगल के लिए मेष उनकी मूल त्रिकोण राशि है। राशि चक्र में मंगल को पहले और आठवें भाव का आधिपत्‍य मिला हुआ है। मंगल जातकों को अधिकार और पद के मामले में बहुत लाभ देते हैं। पद-प्रतिष्ठा और अधिकार के संबंध में मंगल देव बहुत लाभकारी सिद्ध होते हैं। 

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र में पैदा हुए बच्‍चे कैसे होते हैं?

उत्तर. इनकी धार्मिक कार्यों में रुचि होती है।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र के देवता कौन हैं?

उत्तर. इस नक्षत्र के देवता यम हैं।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र में जन्‍मे लोगों के लिए शुभ दिशा कौन सी है?

उत्तर. इनके लिए पूर्व सबसे अच्‍छी दिशा है।

प्रश्‍न. भरणी नक्षत्र का स्‍वामी ग्रह कौन है?

उत्तर. इस नक्षत्र का स्‍वामी ग्रह शुक्र देव हैं।

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जुलाई में इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का महीना, जानें कैसे करनी चाहिए शिवलिंग की पूजा

हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही ज्‍यादा शुभ और पवित्र माना जाता है। इस मास में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि सावन मास में सृष्टि की बागडोर भोलेनाथ के हाथ में होती है। हर साल सावन माह में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है। इस ब्‍लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि साल 2024 में सावन माह या श्रावण मास कब से शुरू हो रहा है।

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कब है श्रावण माह 2024

वर्ष 2024 में श्रावण यानी सावन माह 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है। इस दिन सावन का पहला सोमवार भी है। सावन के पहले सोमवार को प्रीति योग बन रहा है। 21 जुलाई को रात्रि 09 बजकर 10 मिनट पर प्रीति योग आरंभ होगा और अगले दिन 22 जुलाई को शाम 05 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा।

यह कुल 27 योगों में से दूसरा योग है। इस योग वाले जातक जीवंत, जिज्ञासु और रोमांचक होते हैं। इन्‍हें सुंदरता से बहुत प्‍यार होता है। ये चतुर होते हैं और सफलता प्राप्‍त करने का गुर इन्‍हें पता होता है।

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सावन 2024 में सोमवार की तिथियां

22 जुलाई को पहला सोमवार पड़ रहा है और इसके बाद 29 जुलाई, 05 अगस्‍त, 12 अगस्‍त और 19 अगस्‍त को सावन का सोमवार है। 19 अगस्‍त को ही श्रावण मास का समापन हो जाएगा। इस बार सावन की शुरुआत भी सोमवार से हो रही है और इसकी समाप्ति भी सोमवार से ही हो रही है। इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ रहे हैं।

सावन में मंगला गौरी का व्रत

सावन मास में पहला मंगला गौरी का व्रत 23 जुलाई को है और इसके बाद फिर 30 जुलाई, 06 अगस्‍त और फिर 13 अगस्‍त को मंगला गौरी का व्रत है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार सावन मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने जो व्रत रखे थे, उनमें से एक मंगला गौरी व्रत भी था। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं।

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सावन शिवरात्रि 2024

सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का बहुत ज्‍यादा महत्‍व होता है। हर महीने कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। 02 अगस्‍त शुक्रवार को सावन की शिवरात्रि पड़ रही है। 02 अगस्‍त को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन अगले दिन दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर होगा। शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है इसलिए 02 अगस्‍त को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी।

सावन माह का क्‍या महत्‍व है

ज्‍योतिष और धार्मिक दृष्टि से सावन मास का बहुत महत्‍व है और यह बहुत फलदायी भी है। सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार बहुत शुभ माने जाते हैं। सावन के सोमवार में व्रत रखने से परिवार में खुशियां आती हैं और जीवन की सभी समस्‍याएं एवं अड़चनें दूर होती हैं।

व्‍यक्‍ति के जीवन में सुख-संपन्‍नता आती है और उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। मान्‍यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से जन्‍मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मज़बूत होती है।

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सावन सोमवार व्रत रखने की पूजन विधि

  • सोमवार के दिन सुबह उठकर स्‍नान कर लें। इसके बाद अपने घर का पूजन स्‍थल साफ करें और उसे फूलों से सजाएं।
  • अब आप भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पंचामृत अर्पित करें।
  • इसके बाद फूल, फल और बेल के पत्ते चढ़ाएं।
  • भगवान शिव की उपासना करें और उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति हेतु प्रार्थना करें।
  • शिव जी को दूध, धतूरा के फल, बेलपत्र, चंदन, दही, शहद, घी और चीनी चढ़ाएं। आप इस दिन महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

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सावन के व्रत में क्‍या करें और क्‍या न करें

सावन के व्रत में व्रती को कुछ नियमों का पालन करना होता है, जैसे कि

  • सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें। इसके बाद साफ और धुले हुए वस्‍त्र ही पहनने चाहिए।
  • पूरा दिन भगवान शिव का नाम लें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को वस्‍त्र और भोजन दान में दें।
  • मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें।
  • व्रत के दिन लहसुन और प्‍याज़ खाने से बचें।

सावन मास में क्‍या किया जाता है?

सावन शिवरात्रि या सोमवार के दिन सुबह जल्‍दी उठें और स्‍नान करने के बाद भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करें। शिवलिंग का जलाभिषेक करें और व्रत रखें। इस पूरे दिन मंत्र और प्रार्थना करें।

सावन शिवरात्रि या सोमवार के व्रत में फल खा सकते हैं और नमक वाली चीज़ों का सेवन करने से परहेज़ किया जाता है। पूरा दिन भगवान की उपासना करें और किसी को भी अपशब्‍द न कहें।

व्रत खोलते समय आप कुट्टू के आटे की पूरी, फल की चाट, उबले हुए आलू, साबूदाना की खीर और योगर्ट या दही आदि खा सकते हैं।

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सावन के महीने में नहीं कटवाने चाहिए बाल

श्रावण मास को उन्‍नति और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून किसानों के लिए खुशी की लहर लेकर आता है। मानसून होने की वजह से इस समय फसलों का भी अच्‍छे से विकास हो पाता है। चूंकि, भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां पर मानसून और बारिश को बहुत महत्‍व दिया जाता है।

श्रावण मास विकास से जुड़ा है इसलिए इसे लेकर माना जाता है कि जो भी चीज़ प्राकृतकि रूप से और किसी प्रयास के बिना उगती है, उसे काटना नहीं चाहिए। बाल हों या नाखून, सावन के महीने में इन्‍हें काटना वर्जित होता है।

सावन में प्‍याज़ और लहसुन क्‍यों नहीं खाते हैं

श्रावण मास में प्‍याज़ और लहसुन न खाने के पीछे लोगों की धार्मिक मान्‍यता है लेकिन इसका एक व्‍यवहारिक कारण भी है। लहसुन और प्‍याज़ परतों वाली सब्‍जी हैं और ये मिट्टी के अंदर उगती हैं। बारिश की वजह से मिट्टी के ऊपर कीचड़ इकट्ठी हो जाती है और वहां पर उगने वाली प्‍याज़ एवं लहसुन में बैक्‍टीरिया पनपने लगता है।

कहा जाता है कि बैक्‍टीरिया प्‍याज़ और लहसुन की सभी परतों में घुस जाता है इसलिए सावन के महीने में इन दोनों चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।

सावन के महीने में क्‍यों नहीं करना चाहिए मास का सेवन

भगवान शिव को पशुपतिनाथ के नाम से भी जाता है। पशुपतिनाथ का अर्थ है सभी जानवरों और जीव-जंतुओं के स्‍वामी। ऋषियों और तपस्वियों का कहना है कि भगवान शिव की पशुपतिनाथ के रूप में पूजा होती है इसलिए उन प्राणियों और जीवों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो उन्‍हें प्रिय हैं और सावन मास में इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 2024 में सावन कब शुरू हैं?

उत्तर. सावन मास 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है।

प्रश्‍न. सावन शिवरात्रि कब है?

उत्तर. सावन में शिवरात्रि 02 अगस्‍त को है।

प्रश्‍न. सावन में किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर. सावन मास में भगवान शिव की उपासना होती है।

प्रश्‍न. हिंदू कैलेंडर में 2024 कौन सा वर्ष है?

उत्तर. यह विक्रम संवत 2081 है।

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शनि चलेंगे वक्री चाल, किसी की सेहत होगी बेहतर, तो किसी का इलाज पर होगा खर्चा

मनुष्‍य के जीवन में शनि ग्रह का बहुत महत्‍व है। हमारे जीवन के लगभग हर पहलू पर शनि देव का प्रभाव देखने को मिलता है। जब भी शनि वक्री या मार्गी होते हैं, तो इससे सभी लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। इस बार जून के माह में शनि का वक्री होना भी लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा।

अब 29 जून को शनि ग्रह रात्रि को 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री अवस्‍था में आएंगे। शनि के वक्री होने पर सभी राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर इसका असर पड़ेगा। इस ब्‍लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि शनि के वक्री होने पर किन राशियों के लोगों की सेहत में गिरावट आने की आशंका है और किन राशियों की सेहत में सुधार आ सकता है।

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इन राशियों का स्‍वास्‍थ्‍य रहेगा अच्‍छा

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वह आपके ग्यारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस समय आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहने वाला है। आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेंगे। हालांकि, आपको सर्दी-खांसी हो सकती है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

इन राशियों की सेहत में आएगी गिरावट

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शनि आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। इस समय शनि आपके बारहवें भाव में वक्री हो रहे हैं। सेहत की बात करें, तो शनि के कारण आपको इस समय पैरों में दर्द और अकड़न की शिकायत हो सकती है।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव राशि स्वामी होने के साथ-साथ लग्न भाव और दूसरे भाव के स्वामी भी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान आपकी आंखों में जलन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा आपको आंखों से संबंधित कोई परेशानी होने की भी आशंका है।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शनि आपके पहले और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके पहले भाव में वक्री हो रहे हैं। आपको इस समय अपनी सेहत पर ध्‍यान देने की ज़रूरत है। कुंभ राशि के लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।

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धनु राशि

धनु राशि के लोगों के लिए शनि देव दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। शनि के वक्री होने से आपको सर्दी-खांसी हो सकती है। इसकी वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए शनि ग्रह आपके तीसरे भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके चौथे भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आपको वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत है। आपके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है। इसकी वजह से आपके पैरों में सूजन भी आ सकती है।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए शनि आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके नौवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। मिथुन राशि के लोगों को पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इस दौरान आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपकी इम्‍युनिटी पॉवर कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। अब शनि कुंभ राशि में आपके छठे भाव में वक्री हो रहे हैं। इस समय आपको अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए दवाइयां लेनी पड़ सकती हैं। आपको स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

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तुला राशि

तुला राशि के लिए शनि देव आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब शनि आपके पांचवें भाव में ही वक्री हो रहे हैं। आपको अपने बच्‍चों की सेहत पर बहुत खर्चा करना पड़ सकता है। इस वजह से आप थोड़ा परेशान रहने वाले हैं।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लिए शनि महाराज छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में अब यह आपके सातवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य की बात करें, तो अभी आपको घुटनों में दर्द की शिकायत हो सकती है।

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वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लोगों की कुंडली में शनि ग्रह नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। इस दौरान वृषभ राशि के लोगों को आंखों में जलन और इंफेक्‍शन होने की आशंका है। आपको अपनी आंखों का ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न. शनि कुंभ राशि में कब तक वक्री रहेंगे?

उत्तर. 15 नवंबर 2024 तक शनि कुंभ राशि में वक्री रहेंगे।

प्रश्‍न. शनि के वक्री होने पर क्‍या होता है?

उत्तर. वक्री होने पर शनि उल्‍टे चलते हुए प्रतीत होते हैं।

प्रश्‍न. शनि के वक्री होने पर क्‍या करें?

उत्तर. इस समय हनुमान जी की पूजा करना फलदायी रहता है।

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बुध का कर्क राशि में गोचर: देश-दुनिया समेत राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव!

एस्ट्रोसेज का यह खास ब्लॉग “बुध का कर्क राशि में गोचर” विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको बुध गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी जैसे तिथि, समय आदि। हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष की दुनिया में बुध ग्रह को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है क्योंकि इन्हें बुद्धि, व्यापार, संचार और तर्क आदि के कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर मनुष्य जीवन के साथ-साथ देश-दुनिया में बड़े परिवर्तन लेकर आ सकता है और शेयर बाजार पर भी इसका प्रभाव दिखाई दे सकता है। बुध का यह गोचर कैसे करेगा देश-दुनिया को प्रभावित? आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।    

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

ज्योतिष में बुध ग्रह को अहम स्थान प्राप्त है जो संचार कौशल, वाणी और सोच-विचार करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इन्हें मिथुन और कन्या राशि के स्वामी भी माना जाता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो बुध दर्शाता है कि कोई मनुष्य अपनी बातचीत, लिखने और संचार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करके विचारों को कैसे व्यक्त करता है। साथ ही, विभिन्न माध्यमों से मिलने वाली जानकारी के बारे में क्या सोचता है या उसका उपयोग कैसे करता है। इस ग्रह का संबंध बुद्धि, तर्क और मानसिक मज़बूती से है। जन्म कुंडली में बुध की स्थिति की सहायता से किसी व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता, सीखने, ताकत और जीवन में आने वाली समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं का पता किया जा सकता है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: तिथि एवं समय

बुध महाराज और चंद्र देव एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसे में, अब बुध देव चंद्र की राशि कर्क में 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर गोचर करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि कर्क राशि में बुध ज्यादा अच्छे परिणाम देने में असफल रह सकते हैं, लेकिन इस राशि में बुध की स्थिति को न ज्यादा अच्छा और न ही बुरा कहा जा सकता है। बुध देव कर्क राशि में 19 जुलाई 2024 तक रहेंगे और इसके बाद यह सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि यह गोचर राशियों समेत देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा।      

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बुध कर्क राशि में: विशेषताएं 

बुध की कर्क राशि में उपस्थिति किसी व्यक्ति के जीवन में करुणा, संचार में गहराई, बुद्धिमता और भावुकता लेकर आती है। ऐसे लोग निजी जीवन में दूसरों के साथ आसानी से जुड़ जाते हैं। हालांकि, वह शुरुआत में आपको थोड़े शर्मीले स्वभाव के लग सकते हैं, लेकिन एक बार जब वह कम्फर्टेबले हो जाते हैं, तो वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और इनका संचार कौशल भी शानदार होता है। यह जातक अपनी इंट्यूइशन पावर का उपयोग करके जीवन की भिन्न-भिन्न समस्याओं से बाहर निकलने में सक्षम होते हैं। हालांकि, कभी-कभी इन्हें अपने विचारों और भावनाओं को दूसरों के सामने रखने में परेशनी का अनुभव होता है। सरल शब्दों में कहें, तो इन्हें सीधी-स्पष्ट बात करने के बजाय घुमा-फिराकर बात करना पसंद होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन्हें किसी तरह के विवाद या फिर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का डर होता है।  

जिन जातकों का जन्म कर्क राशि में बुध के अंतर्गत होता है, उनकी याददाश्त काफ़ी अच्छी होती है, विशेष रूप से अतीत में हुई ऐसी घटनाओं के लिए जो भावनात्मक रूप से महत्व रखती हों। यह जातक पुरानी यादों को याद करके ख़ुश रह सकते हैं और कभी-कभी यह इन पलों का इस्तेमाल सामने वाले से बात करने के लिए कर सकते हैं। अगर हम बात करें जीवन का कोई महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला लेने की, तो इसके लिए यह अपनी अंतर्ज्ञान क्षमताओं पर विश्वास करते हैं। ऐसे में, यह भविष्य का कुछ-कुछ सही अंदाज़ा लगाने में सक्षम होते हैं और इनके इसी गुण की वजह से यह किसी घटना या परिस्थिति के पीछे की भावनाओं और प्रेरणा को समझ सकते हैं। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा बेहद सावधान

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, इस अवधि को आपके आर्थिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है और ऐसे में, परिवार एवं अन्य जिम्मेदारियों की वजह से आप बोझिल महसूस कर सकते हैं। इस अवधि में जातक अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं जिसके चलते आपके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। 

बुध का कर्क राशि में गोचर के दौरान काम में की गई मेहनत के लिए आपको सराहना न मिलने की आशंका है और यह बात आपके लिए चिंता का कारण बन सकती है। जो जातक व्यापार कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में अच्छा लाभ न मिलने की संभावना है। साथ ही, आपको व्यापार चलाने में भी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपके मुनाफे में कमी आ सकती है। बुध गोचर के दौरान आपको प्रतिद्वंदियों से काफ़ी टक्कर मिल सकती है जिसकी वजह से आपको परिस्थितियों को संभालना मुश्किल लग सकता है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब  यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर, बुध की यह स्थिति वृषभ राशि के जातकों के करियर और आर्थिक जीवन के लिए प्रगति और सफलता के अनेक अवसर लेकर आएगी। बुध का यह गोचर आपको विभिन्न मार्गों से धन कमाने के अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, आपकी आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाएगा और ऐसे में, आप परिवार की सुख-सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

करियर के लिहाज़ से, बुध गोचर के दौरान वृषभ राशि के जातकों को ज्यादा लाभ या नौकरी के नए अवसर न मिलने का अनुमान है। इस समय आपका स्थानांतरण हो सकता है या फिर आपको विदेश जाने का मौका मिल सकता है जो कि आपके लिए फलदायी साबित होगा। लेकिन, आपको यात्रा के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें थोड़ा सा लाभ कमाने के लिए भी मशक्क्त करनी पड़ सकती है। प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इस राशि के जातकों की सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है और साथ ही, इन लोगों को मिलने वाले लाभ में भी देरी हो सकती है। बुध गोचर के दौरान आपको घर-परिवार में सदस्यों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, किसी गलतफ़हमी की वजह से आपका सदस्यों के साथ वाद-विवाद हो सकता है जिसके चलते घर का वातावरण अशांत रह सकता है। 

करियर की बात करें, तो आपके पेशेवर जीवन के लिए बुध का कर्क राशि में गोचर अनुकूल न रहने की आशंका है। इस अवधि में अधिक काम होने की वजह से आप थोड़े व्यस्त रह सकते हैं और ऐसे में, आप कभी-कभी काम पूरा करने में असमर्थ भी रह सकते हैं। हालांकि, विदेश में काम करने वाले जातकों के लिए बुध का कर्क राशि में गोचर फलदायी साबित होगा। वहीं, कुछ लोगों का ट्रांसफर अचानक से विदेश में हो सकता है। व्यापार की बात करें, तो इस राशि के जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें अच्छा लाभ कमाने के लिए काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। वहीं, जिन का व्यापार पार्टनरशिप में हैं, उन्हें पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसी समस्याओं की वजह आपसी विवाद हो सकती हैं जिसके चलते बिज़नेस में गिरावट देखने को मिल सकती है। 

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, आपको प्रगति की राह में समस्याओं और देरी का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के जो जातक विदेश में कार्यरत हैं, वह इस दौरान अच्छी कमाई करने के साथ-साथ बचत करने में भी सक्षम होंगे। इन लोगों के सामने ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जहां आपको आय और व्यय के बीच संतुलन बनाना पड़ें। बुध गोचर के दौरान आपको परिवार में भी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता हैं।

करियर के लिए इस अवधि को अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि सिंह राशि के जातकों को परेशानी महसूस हो सकती है जिसकी वजह आप पर काम का अधिक दबाव होने की आशंका है। ऐसे में, आपको इससे बाहर आने का तरीका ढूंढ़ना होगा। बुध गोचर के दौरान आपको सहकर्मियों के साथ भी समस्याओं का अनुभव हो सकता है जिसके चलते आपकी एकाग्रता क्षमता कमज़ोर हो सकती है। इन परिस्थितियों का सीधा असर नौकरी में आपके प्रदर्शन पर दिखाई दे सकता हैं और ऐसे में, आपको मिलने वाली पदोन्नति में देरी होने की संभावना है। जिन जातकों का अपना व्यापार हैं, उन्हें जीत पाने के लिए अपनी योजनाओं में बदलाव करना होगा और ऐसा करना आपके लिए बहुत जरूरी होगा। साथ ही, इन लोगों को व्यापार की कमान अपने हाथों में लेनी होगी, तभी भी अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।

धनु राशि

धनु राशि की कुंडली में बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवें भाव के स्वामी की आठवें भाव में मौजूदगी आपके बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं की वजह बन सकती हैं इसलिए इस समय को आपके व्यापार के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रह सकता है क्योंकि आपको होने वाला लाभ कम रह सकता है। इसी प्रकार, यह अवधि नौकरीपेशा जातकों के लिए भी कठिन रह सकती है और आपको नौकरी छूटने या नौकरी में बदलवा जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

करियर की बात करें तो, बुध का गोचर आपके लिए ज्यादा ख़ास नहीं रहने का संकेत दे रहा है क्योंकि इस अवधि में आपके ऊपर दबाव बढ़ सकता है जिसको संभालना आपके लिए मुश्किल होगा। संभव है कि इस समय काम में कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको सराहना न मिले जो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों का होगा अच्छा समय शुरू 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध देव आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह गोचर करके आपके ग्यारहवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, यह जातक नौकरी के क्षेत्र में अपनी चमक बिखरने में सक्षम होंगे जिसके चलते आप संतुष्ट रहेंगे और अपनी इच्छाओं को पूरा करते हुए दिखाई देंगे। 

करियर की दृष्टि से, बुध का कर्क राशि में गोचर आपके लिए उत्तम रहेगा। इन लोगों को नौकरी के सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे, विशेष रूप से विदेश में नौकरी के। इस अवधि में आपको कार्यथल में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा और साथ ही, वरिष्ठों से सराहना की भी प्राप्ति होगी। इसके फलस्वरूप, आपके वेतन में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है जिससे आप प्रसन्न नज़र आएंगे। इस राशि के व्यापार करने वाले जातकों को काफ़ी मुनाफा होने के योग बनेंगे। साथ ही, आपको बिज़नेस का विस्तार करने के भी अवसर मिलेंगे। इसके विपरीत, जो लोग सट्टेबाजी या ट्रेडिंग से जुड़ें हैं, वह बुध गोचर के दौरान अच्छा लाभ अर्जित करने में सक्षम होंगे।

मकर राशि

मकर राशि वालों लिए बुध देव आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध का कर्क राशि में गोचर की अवधि में आपका झुकाव आध्यात्मिकता के प्रति हो सकता है। इन जातकों द्वारा की गई लंबी दूरी की यात्रा फायदेमंद साबित होगी। बुध का यह गोचर उन लोगों के लिए लाभदायी रहेगा जो पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं।

करियर की बात करें, तो कर्क राशि के जातकों की प्रगति की रफ़्तार तेज रहेगी और आपको विदेश में नौकरी करने के भी अवसर मिल सकते हैं जो कि आपके लिए फलदायी रहने की संभावना है। बुध गोचर की अवधि में काम में की गई मेहनत का फल आपको प्रमोशन के रूप में मिलने के योग बनेंगे। साथ ही, आपको अचानक से इंसेंटिव भी मिल सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय प्रगति और विकास लेकर आएगा और ऐसे में, आप पर्याप्त मात्रा में लाभ कमाने में सक्षम होंगे। इस अवधि में कर्क राशि के जातक हर क्षेत्र में कामयाबी प्राप्त करेंगे और यह आपके द्वारा अपनाए नई योजनाओं की वजह से हो सकता है। यह लोग अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: अचूक एवं प्रभावी उपाय

  • विघ्नहर्ता गणेश की उपासना करें और उन्हें दूर्वा घास के साथ-साथ देशी घी से बने लड्डू का भोग प्रसाद रूप में लगाएं। 
  • बुध ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
  • परिवार की स्त्रियों को कपड़े और हरे रंग की चूड़ियां उपहार में दें। 
  • किन्नरों का आशीर्वाद लें। 
  • रोज़ाना गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • पक्षियों को भीगे हुए हरे चने खिलाएं। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

सरकार और राजनीति

  • देश के अविकसित क्षेत्रों की सरकार विभिन्न योजनाओं और सुधारों के माध्यम से सहायता करती हुई नज़र आएगी।
  • देश के बड़े राजनेता और उच्च पदों पर आसीन लोग जिम्मेदारी से भरे बयान देंगे। साथ ही, यह लोगों से जुड़ने और उनकी बात सुनते हुए दिखाई दे सकते हैं।
  • भावनात्मक स्तर पर सरकार जनता से जुड़ने का प्रयास करेगी। लेकिन, कुछ  नेता इनकी भावनाओं का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। 

अध्यात्म, शिक्षा, काउंसलिंग और मेडिकल

  • बुध का कर्क राशि में गोचर धार्मिक गुरुओं, ज्योतिषी, काउंसलर आदि को जनता तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा। 
  • यह गोचर मेडिकल के क्षेत्र में प्रगति की रफ़्तार को तेज़ करेगा। 
  • बुध गोचर के दौरान शेयर बाजार और सट्टा बाजार में अस्थिरता बनी रहने की आशंका है।
  • पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले जातकों को विभिन्न स्रोतों से लाभ की प्राप्ति होगी। 

बुध का कर्क राशि में गोचर: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी 

बुध को व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है और ऐसे में, इनका यह गोचर निश्चित रूप से शेयर बाज़ार को प्रभावित करेगा। हालांकि, बुध महाराज का प्रत्येक गोचर शेयर मार्केट के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों के शेयरों पर भी असर डालता है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर एस्ट्रोसेज ने शेयर बाज़ार भविष्यवाणी को विशेष रूप से आपके लिए तैयार किया है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध का कर्क राशि में गोचर शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा। 

  • बुध का कर्क राशि में गोचर फार्मा, आईटी इंडस्ट्री और पब्लिक सेक्टर आदि के लिए मुश्किल दौर लेकर आ सकता है। 
  • बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियों से भरा समय महीने के अंत तक जारी रहने की आशंका है। 
  • हालांकि, रबर, तंबाकू और खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल आदि क्षेत्रों के लिए आने वाला समय अच्छा कहा जाएगा। 

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बुध का कर्क राशि में गोचर: आने वाले खेल टूर्नामेंटों पर प्रभाव

बुध गोचर के दौरान कुछ विशेष खेल टूर्नामेंट होंगे जो कि 29 जून से लेकर 19 जुलाई तक चलेंगे। 

टूर्नामेंटतारीख़
विंबलडन 01 जुलाई से 14 जुलाई 2024
साइकिलिंग-टूर डे फ्रांस29 जून से 21 जुलाई 2024

जैसे कि हम जानते हैं कि बुध का कर्क राशि में गोचर हो रहा है और  ऐसे में, यह निश्चित रूप से आने वाले स्पोर्ट्स टूर्नामेंट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है क्योंकि बुध अपनी शत्रु राशि में मौजूद होंगे। इसके परिणामस्वरूप, इन टूर्नामेंट्स के परिणाम आश्चर्यजनक और हैरान करने वाले हो सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. क्या कर्क राशि बुध की मित्र राशि है?

उत्तर 1. नहीं, बुध ग्रह के लिए कर्क मित्रवत राशि नहीं है।

प्रश्न 2. क्या चंद्रमा बुध का मित्र है?

उत्तर 2. नहीं, बुध और चंद्र शत्रु ग्रह है।

प्रश्न 3. बुध ग्रह की नीच राशि कौन सी है?

उत्तर 3.  मीन राशि में बुध नीच के होते हैं। 

जून में इस तारीख से लग रहा है आषाढ़ का महीना, कुछ आसान उपायों से बन सकते हैं अमीर

हिंदू धर्म में साल के तीसरे महीने को आषाढ़ माह के नाम से जाना जाता है। यह महीना इसलिए बहुत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसमें कई व्रत और त्‍योहार आते हैं। आध्‍यात्मिक और ज्‍योतिषीय दृष्टि से इस माह का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है। इस महीने में भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस महीने में मां दुर्गा के गुप्‍त नवरात्रि भी आते हैं। इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि इस साल आषाढ़ महीने की शुरुआत कब हो रही है।

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कब शुरू हो रहा है आषाढ़ माह

वैदिक पंचांग के अनुसार 22 जून को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्‍ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन सुबह 05 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार आषाढ़ महीने की शुरुआत 23 जून को हो रही है। यह महीना 21 जुलाई, 2024 को समाप्‍त होगा। ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्‍कर योग की स्‍थापना इसी दिन हुई थी।

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आषाढ़ माह का क्‍या महत्‍व है

ज्‍योतिष में इस महीने को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में धार्मिक तीर्थस्‍थलों की यात्रों करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है। प्राचीन मंदिरों और पौराणिक स्‍थानों का दर्शन करना चाहिए। आाषाढ़ महीने में आने वाली देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस समय उनकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं इस महीने में आने वाली गुप्‍त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

आषाढ़ माह को लेकर नियम

ऋतु में परिवर्तन आने का प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। एक ऋतु के खत्‍म होने के बाद दूसरी ऋतु के शुरू होने पर पाचन शक्‍ति में भी बदलाव आता है। इस महीने में बारिश होने की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है। यही वजह है कि इस दौरान खानपान का विशेष ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है। इस समय बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।

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आषाढ़ महीने में क्‍या करना चाहिए

आषाढ़ महीने में लोगों को कुछ विशेष नियमों का पालन एवं उपाय करने चाहिए।

आप आषाढ़ के महीने में रोज़ सुबह उठकर ‘ॐ नम: शिवाय’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इसके अलावा ध्‍यान भी कर सकते हैं।

इस माह में सूर्योदय से पहले उठें और स्‍नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।

गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। उन्‍हें कपड़े और छाता दान में दें।

इस महीने में तीर्थयात्रा करने से भी अधिक पुण्‍य मिलता है। स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है और मानसिक शांति भी मिलती है।

इस महीने में ही गुरु पूर्णिमा आती है इसलिए इस दौरान अपने गुरु का सम्‍मान करें और उनका आशीर्वाद लें।

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कैसे होते हैं आषाढ़ मास में जन्‍मे लोग

इस महीने में जिन लोगों का जन्‍म होता है, वे मनमौजी और मस्‍त हाेते हैं। ये दूसरों को बहुत आसानी से प्रभावित कर देते हैं। ये लोग बहुत समझदारी और मेहनती होते हैं। इसके साथ ही इन्‍हें दूसरों से अपने काम निकलवाना बखूबी आता है। इन्‍हें अकेले रहना बिल्‍कुल भी अच्‍छा नहीं लगता है।

ये अपने दोस्‍तों के साथ ज्‍यादा खुश रहते हैं। इन्‍हें घूमने-फिरने का भी शौक होता है। ये तीर्थस्‍थल की यात्रा करना भी पसंद करते हैं। इन लोगों को समझ पाना काफी मुश्किल होता है। इनका मूड बहुत ज्‍यादा बदलता रहता है।

ये कोई भी निर्णय जल्‍दबाज़ी में नहीं करते हैं बल्कि बहुत सोच-समझकर फैसला लेते हैं। इनका स्‍वभाव दूसरों के लिए थोड़ा जटिल हो सकता है।

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आषाढ़ माह को कैसे मिला यह नाम

आषाढ़ महीने को यह नाम पूर्वाषाढ़ा अैर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर मिला है। आषाढ़ पूर्णिमा पर चंद्रमा इन दो नक्षत्रों के बीच में होता है इसलिए इस मास का नाम आषाढ़ रखा गया है। हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम उस मास में पड़ने वाली पूर्णिमा के नक्षत्र पर रखा गया है।

इन उपायों से मिलेगी सुख-समृद्धि

इस महीने में आप सच्‍चे मन से ईश्‍वर की भक्‍ति करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

आषाढ़ के मास में भगवान विष्‍णु के साथ जल देवता की पूजा करने से सुख-संपन्‍नता मिलती है। इसके अलावा सूर्य और मंगल देव की उपासना करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का एहसास होता है।

इस मास में गुप्‍त नवरात्रि भी आती हैं। इस समय मां दुर्गा की उपासना एवं व्रत करने से व्‍यक्‍ति की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 2024 में आषाढ़ कब है?

उत्तर. 23 जून से लेकर 21 जुलाई तक है।

प्रश्‍न. हिंदू कैलेंडर में 2024 कौन सा वर्ष है?

उत्तर. यह विक्रम संवत् 2081 है।

प्रश्‍न. आषाढ़ में कौन सी एकादशी आती है?

उत्तर. इस समय देवशयनी एकादशी आती है।

प्रश्‍न. क्‍या आषाढ़ का महीना शुभ होता है?

उत्तर. पूजा-पाठ के लिए यह मास शुभ होता है।

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मिथुन में बन गया है त्रिग्रही योग, तीन लोगों की जिंदगी में होगा चमत्‍कार

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार एक समय के अंतराल के बाद सभी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन के दौरान वे किसी एक भाव या राशि में एकसाथ उपस्थित होकर युति का निर्माण करते हैं। ग्रहों की युति से कुछ राजयोग का भी निर्माण होता है।

इस बार जून के महीने में तीन प्रमुख ग्रहों के गोचर करने से त्रिग्रही योग बन रहा है। इस त्रिग्रही योग से कुछ विशेष राशियों के लोगों को लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्‍लॉग में उन्‍हीं राशियों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि जून में किन तिथियों पर ये गोचर हुए हैं।

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कब हुए हैं गोचर

शुक्र 12 जून 2024 को 18:15 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद 14 जून 2024 को 22:55 पर बुध मिथुन राशि में गोचर कर चुके हैं। इसके अलावा सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 15 जून 2024 00:16 बजे हो चुका है। इस तरह 15 जून से मिथुन राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है।

ज्‍योतिष की मानें तो इस त्रिग्रही योग से कुछ राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है। इन्‍हें अपार धन मिलेगा और इनकी हर मनोकामना की पूर्ति होगी।

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इन राशियों को मिलेगा भाग्‍य का साथ

मेष राशि

यह त्रिग्रही योग आपकी राशि से तीसरे भाव में बना है। इस समय आपके साहस में वृद्धि होगी और आपका आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ेगा। विदेश से काम करने वाले लोगों के लिए मुनाफे के योग बन रहे हैं। आप कोई नया काम भी शुरू कर सकते हैं।

आपके भाई-बहन हर काम में आपका सहयोग करेंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अच्‍छी स्थिति बनी हुई है। आप कोई नया या बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको प्रमोशन मिलने के भी संकेत हैं। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो अब आपको इस दिशा में सफलता मिल सकती है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि में ही त्रिग्रही योग बना है। आपने जो भी योजनाएं बनाई हैं, उनके सफल होने की प्रबल संभावना है। समाज में आपको मान-सम्‍मान मिलेगा और आपकी प्रतिष्‍ठा में भी इज़ाफा होगा। यदि आपका कोई कानूनी मसला चल रहा है, तो अब आपको उसका छुटकारा मिल सकता है।

शादीशुदा लोगों की जिंदगी में भी खुशियां आ सकती हैं। व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफे और तरक्‍की के योग बन रहे हैं। आप किसी नए व्‍यवसाय में भी निवेश कर सकते हैं। सिंगल लोगों के लिए शादी का प्रस्‍ताव आ सकता है।

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तुला राशि

यह योग आपकी गोचर कुंडली के नौवें भाव में बना है। इस दौरान आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है। आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। आपको किसी धार्मिक या मांगलिक कार्य में शामिल होने का अवसर भी मिल सकता है।

पेशेवर जीवन में उन्‍नति करने के आपको शानदार मौके मिलेंगे। इन्‍हें पाकर आप काफी प्रसन्‍न और संतुष्‍ट रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और देश-विदेश की यात्रा पर भी निकल सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनुकूल समय है।

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क्‍या होता है त्रिग्रही योग

जब एक ही भाव या राशि में तीन ग्रहों की युति होती है, तब त्रिग्रही योग का निर्माण होता है। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार यह योग दुर्लभ ही बनता है और इसकी वजह से लोगों के जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होते हैं। इस बार बुध, शुक्र और सूर्य की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है।

सूर्य ग्रह की बात करें, तो सूर्य को उच्च अधिकार प्राप्त गतिशील ग्रह माना जाता है। यह ग्रह सिद्धांतों पर चलना सिखाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मज़बूत होता है, वे जातक ज्यादा उग्र स्वभाव के हो सकते हैं। सूर्य की कृपा से कोई भी व्यक्ति अपने करियर में शीर्ष स्थान पर पहुंच सकता है।

बुध ग्रह की बात करें, तो ये ग्रह सभी आवश्यक संतुष्टि, अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत दिमाग प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। बुध व्‍यक्‍ति को अपने व्यवसाय में सही फैसले लेने में मार्गदर्शन कर सकता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होता है, वे शेयर मार्केट और बिज़नेस में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ये ज्योतिष, रहस्यवाद, गुप्त विद्याओं में ज्यादा माहिर होते हैं।

शुक्र ग्रह मज़बूत हो तो जातक को खुशी और आनंद प्राप्त होता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मज़बूत होता है, वे आरामदायक जीवन जीते हैं। ये धन कमाने और अपनी सुख सुविधाएं बढ़ाने में सफल होते हैं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. त्रिग्रही योग क्‍या है?

उत्तर. तीन ग्रहों की युति होने पर त्रिग्रही योग बनता है।

प्रश्‍न. क्‍या त्रिग्रह योग अच्‍छा है?

उत्तर. इससे शुभ परिणाम प्राप्‍त होते हैं।

प्रश्‍न. ज्‍योतिष में सबसे अच्‍छा योग कौन सा?

उत्तर. सबसे शुभ योग राजयोग होता है।

प्रश्‍न. त्रिग्रही योग बनने पर क्‍या होता है?

उत्तर. पद-प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होती है।

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