मंगल कर्क राशि में वक्री: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं जल्द ही वक्री होने वाले मंगल से संबंधित यह खास ब्लॉग। मंगल ग्रह 07 दिसंबर, 2024 को कर्क राशि में वक्री होने जा रहे हैं।
तो चलिए जानते हैं कि कर्क राशि में मंगल के वक्री होने से किन राशियों को नकारात्मक प्रभाव मिलने की संभावना है और मंगल के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए क्या ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह राशि में उल्टी चाल चलता हुआ प्रतीत होता है, तब उसे वक्री कहा जाता है। मंगल के वक्री होने का प्रभाव अक्सर जीवन के उन क्षेत्रों में चिंतन, पुनर्विचार और पुनर्मूल्यांकन की अवधि से जुड़ा होता है जो प्रेरणा, कार्य, महत्वाकांक्षा और संघर्ष से संबंधित होते हैं।
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मंगल ग्रह ऊर्जा, दृढ़ता और आक्रामकता को दर्शाता है और जब ये ग्रह वक्री होता है, तब ये गुण व्यक्ति के अंदर आ सकते हैं, देरी करवा सकते हैं या गलत दिशा में जा सकते हैं। जब मंगल कर्क राशि में वक्री होता है, तब मंगल की ऊर्जा पर कर्क राशि का प्रभाव पड़ता है। कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं जिनका संबंध घर, परिवार, भावनाओं और सुरक्षा से होता है। चंद्रमा और कर्क राशि का मेल वक्री मंगल की ऊर्जा को एक नया आयाम देता है।
कर्क राशि में मंगल का होना पहले से ही मंगल के अप्रत्यक्ष और भावनात्मक पहलू को दर्शाता है और वक्री होने पर यह व्यक्ति की घर-परिवार को लेकर भावनात्मक ज़रूरतों पर सवाल उठा सकता है। इस समय व्यक्ति अपने पुराने भावनात्मक घावों को याद कर सकता है या उसने दूसरों और अपनी कैसे देखभाल और सुरक्षा की थी, इस बारे में विचार कर सकता है। जिस तरह से आप अपनी या दूसरों की देखभाल करते हैं, आप उसमें बदलाव करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
- घरेलू समस्याएं: कर्क राशि में मंगल के वक्री होने पर परिवार के सदस्यों के बीच पुरानी बातों को लेकर विवाद हो सकता है। आप जहां रहते हैं या जो लोग आपके सबसे करीब हैं, यह समय उनके साथ अपने मसलों या समस्याओं को सुलझाने का है।
- पुरानी यादों से जुड़ना: इस समय आपको अपने बचपन के घर या यादों से फिर से जुड़ने की ज़रूरत महसूस हो सकती है। यह समय अपने परिवार की पुरानी रीतियों का पता लगाने के लिए भी हो सकता है जो कहीं न कहीं आपका मार्गदर्शन कर रही हैं।
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मंगल के कर्क राशि में होने की विशेषताएं
वैदिक ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का होना उस स्थिति को दर्शाता है जहां मंगल की दृढ़ता और कुछ कर गुज़रने की ऊर्जा कर्क राशि की भावनात्मक, सहज और सुरक्षात्मक प्रवृत्ति के साथ मिल जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति अनूठा दृष्टिकोण रखता है, अपनी भावनात्मक ज़रूरतों से प्रेरित होता है और अपने करीबी लोगों की सुरक्षा करने की इच्छा रखता है। लेकिन इसके साथ ही उसे भावनाओं और कुछ करने के संबंध में चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
मंगल के कर्क राशि में होने का प्रभाव
करियर: जिन लोगों की कुंडली में कर्क राशि में मंगल होता है, वे जातक ऐसे क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं जहां पर भावनात्मक रूप से मज़बूत होने, दूसरों की देखभाल या सुरक्षा करने की जरूऱत होती है। इसमें शिक्षक, नर्स, समाजसवेक या घर से संबंधित व्यापार शामिल हैं। ये नकारात्मक और आक्रामक माहौल के प्रति आकर्षित नहीं होते हैं बल्कि ऐसे काम करना पसंद करते हैं जहां ये दूसरों की देखभाल या सुरक्षा कर सकें।
रिश्तों में: कर्क राशि में मंगल के होने पर व्यक्ति वफादार, दूसरों की रक्षा करने वाला और समर्पित होता है। इन्हें ऐसे पार्टनर की ज़रूरत होती है जो इन्हें भावनात्मक रूप से सहायता प्रदान कर सके और जो इनके पर्सनल स्पेस की ज़रूरत को समझ सके। अगर इन्हें असुरक्षित महसूस होता है, तो ये अपने पार्टनर को लेकर बहुत ज्यादा पोजे़सिव या चिपकू प्रवृत्ति के हो सकते हैं।
कर्क राशि में मंगल के होने पर भावनाओं और संवेदनाओं के मिश्रण से व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है। ये दूसरों की देखभाल और सुरक्षा करने वाले या जिम्मेदारी उठाने वाले होते हैं।
यदि आपकी कुंडली में मंगल कर्क राशि में है, तो भावनात्मक बुद्धिमत्ता को अपनाना और अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सहायक कार्यों में लगाकर आप इस स्थिति का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर सकते हैं। दूसरी ओर, भावनात्मक उतार-चढ़ाव को संभालना और हताशा या क्रोध को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करने के उपाय खोजना आपके विकास के क्षेत्र हो सकते हैं।
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कर्क राशि में वक्री होने का समय
मंगल 07 दिसंबर, 2024 को सुबह 04 बजकर 56 मिनट पर कर्क राशि में वक्री हो रहे हैं। आगे जानिए कि मंगल वक्री होने पर किन राशियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे।
मंगल कर्क राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मंगल के कर्क राशि में वक्री होने के दौरान पहले और आठवें भाव के स्वामी मंगल आपके चौथे भाव में वक्री होंगे। इसके कारण आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है और आप कम संतुष्ट महसूस कर सकते हैं। परिवार में भी कुछ समस्याएं होने की आशंका है। आपको करियर में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं जैसे कि आपको कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों और सुपरवाइज़र के साथ कुछ समस्याएं आ सकती हैं।
व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा बढ़ने की वजह से पैसों का नुकसान होने के संकेत हैं। मुमकिन है कि आपका बिज़नेस प्लान अब पुराना हो चुका है। पैसों के मामले में आपको उच्च लागत की समस्या और कुछ कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
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वृषभ राशि
कर्क राशि में वक्री होने पर सातवें और बारहवें भाव के स्वामी मंगल आपके तीसरे भाव में रहेंगे। आपको यात्रा के दौरान मुश्किलें आ सकती हैं और आपमें साहस और दृढ़ संकल्प की कमी हो सकती है। बातचीत की कमी की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच समस्याएं पैदा होने की आशंका है।
करियर के क्षेत्र में आपका किसी अज्ञात जगह पर ट्रांसफर हो सकता है। व्यापार के क्षेत्र व्यक्तिगत विकास की कमी के कारण आपकी मुनाफा कमाने की क्षमता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यात्रा के दौरान अगर आप ध्यान नहीं देते हैं, तो आपके पैसों का नुकसान हो सकता है।
मिथुन राशि
छठा और ग्यारहवां भाव मंगल का है। कर्क राशि में वक्री होने के दौरान मंगल आपके दूसरे भाव में रहेंगे। इसकी वजह से आपको परिवार में समस्याएं आ सकती हैं और आपको कर्ज का सामना करना पड़ सकता है। आपके लिए लंबी यात्रा पर जाने के योग बन रहे हैं। करियर के क्षेत्र में आपको अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कुछ समस्या होने के संकेत हैं। इसका असर आपके काम और प्रदर्शन पर पड़ सकता है।
व्यापार के क्षेत्र में यदि व्यापारी नई रणनीति नहीं अपनाते हैं, तो उन्हें नुकसान होने की आशंका है। पैसों के मामले में योजना न बनाने और लापरवाही की वजह से आपको धन की हानि होने के संकेत हैं। निजी स्तर पर आप अपने जीवनसाथी की बातों से नाराज़ हो सकते हैं और इससे आप दोनों के रिश्ते के कमज़ोर होने का डर है।
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कर्क राशि
कर्क राशि में मंगल के वक्री होने के दौरान पंचम और दशम भाव के स्वामी मंगल आपके पहले भाव में वक्री होंगे। इस समय आप अपने बच्चों के विकास में अधिक रुचि रखेंगे और इस दिशा में अधिक मेहनत करते हुए नज़र आएंगे। करियर के मामले में आप उच्च मुनाफे और अधिक संतुष्टि पाने की चाहत में नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं।
व्यापारी अपने मौजूदा व्यवसाय में मुनाफा न मिल पाने की वजह से कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। आर्थिक स्तर पर आपको ट्रेड से लाभ होने की उम्मीद है और आप इस समय अधिक पैसों की बचत कर पाएंगे। इस समय अपने पार्टनर को लेकर आपके मन में असुरक्षा की भावना है और इसकी वजह से आप उनके प्रति अपने प्यार को दिखाने में असमर्थ हो सकते हैं।
कन्या राशि
कर्क राशि में वक्री होने पर तीसरे और आठवें भाव के स्वामी मंगल आपके ग्यारहवें भाव में रहेंगे। इस दौरान आप अपनी ज़रूरतों को पूरा कर पाने में असक्षम हो सकते हैं। बातचीत के ज़रिए आप जीत हासिल कर सकते हैं। वहीं पेशेवर जीवन में कड़ी मेहनत और दृढ़ता की मदद से आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इस समयावधि में व्यापारियों को पैतृक संपत्ति और सट्टेबाज़ी से लाभ होने के आसार हैं। वहीं आर्थिक स्तर पर आप अधिक पैसा कमाएंगे लेकिन उसे खर्च भी कर देंगे। निजी जीवन में आप अपने पार्टनर से अच्छे से बात करेंगे और उनके साथ प्यार से पेश आएंगे।
तुला राशि
कर्क राशि में वक्री होने के दौरान दूसरे और सातवें भाव के स्वामी मंगल आपके दशम भाव में रहेंगे। आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है और अच्छी बात यह है कि आपकी ये यात्राएं सफल होंगी। करियर के मामले में आप इस समय संतुष्ट महसूस करेंगे और आपको काम के नए अवसर मिलने के संकेत हैं।
व्यापारी नए गठबंधन बना सकते हैं और ऐसा कर के आपको संतुष्टि महसूस होगी। इस समय नए रिश्ते बनाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आर्थिक स्तर पर आप अधिक पैसा कमाएंगे और आपके पास प्रगति करने के कई अवसर मौजूद होंगे। वहीं निजी जीवन की बात करें, तो आप दूसरों के साथ प्यार से पेश आएंगे और इससे आपके दूसरों के साथ अच्छे संबंध बन पाएंगे।
मंगल के कर्क राशि में वक्री होने पर करें ये उपाय
- आप हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अपने घर में किसी शुभ स्थान पर मंगल यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करें।
- कुंडली का विश्लेषण करवाने के बाद आप लाल मूंगा धारण कर सकते हैं।
- आप गरीब लोगों को लाल मूंग दाल, तांबे के बर्तन, सोना और कपड़े आदि का दान करें।
- छोटे बच्चों को बेसन से बनी मिठाई या लड्डुओं का दान करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. कर्क राशि में बृहस्पति उच्च का होता है।
उत्तर. इसके स्वामी शनि देव हैं।
उत्तर. इसमें शनि ग्रह नीच का होता है