बृहस्पति जल्द होगा अस्त: जानें अर्थव्यवस्था और राजनीति में आएंगे क्या परिवर्तन?

19 फरवरी को बृहस्पति ग्रह अस्त होने के लिए तैयार हैं। बृहस्पति का अस्त होना सभी राशियों के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आएगा। इसके अलावा यह परिवर्तन देश के साथ-साथ दुनिया के लिए भी कई मायनों में खास रहने वाला है। आइए आगे बढ़ते हैं और पढ़ते हैं बृहस्पति अस्त से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण और जानने वाली बातें।

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह: एक झलक

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति का अस्त होना शुभ घटना नहीं माना जाता है और इस दौरान शादी, सगाई जैसे मांगलिक कार्यों से भी बचा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अस्त होने की प्रक्रिया में देवताओं के गुरु बृहस्पति कमजोर हो जाते हैं।

अब सवाल उठता है कि, बृहस्पति अस्त कब होते हैं? तो दरअसल जब बृहस्पति सूर्य के दोनों तरफ से 11 अंश के भीतर आता है तो अस्त हो जाता है और सूर्य के निकट होने के चलते अपनी शक्ति भी खोने लगता है। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को आर्थिक संपन्नता, मान-सम्मान, धर्म, स्त्री की कुंडली में पति, संतान, शिक्षा, मिठाई आदि का कारक माना गया है।

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बृहस्पति के अस्त होने की स्थिति में व्यक्ति को इन सभी चीजों से संबंधित सुखों में कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा इस समय अवधि के दौरान आपके जीवन में कार्यों की गति में भी कुछ देरी देखने को मिल सकती है।

कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त का समय

बृहस्पति 19 फरवरी, 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर  कुंभ राशि में अस्त हो जाएगा और 20 मार्च 2022, रविवार को सुबह 9:35 बजे कुम्भ राशि में सामान्य अवस्था में आ जाएगा।

कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त: देश-दुनिया पर प्रभाव

  • विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार की गति धीमी रहने वाली है।
  • शिक्षकों, व्याख्याताओं, सलाहकारों, वकीलों जैसे परामर्श विशेषज्ञों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • इस समयावधि में लोग धार्मिक और पौराणिक चीजों में रूचि खो सकते हैं और भौतिकवादी दुनिया और भौतिकवादी चीज़ों की तरफ लोगों का झुकाव ज्यादा रहने वाला है।
  • सोने की कीमतों में गिरावट हो सकती है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में विकास धीमा हो सकता है।
  • विश्व नेताओं और महत्वपूर्ण मंत्रियों के बीच संघर्ष और गलतफहमी की स्थिति खड़ी हो सकती है।

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कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त का जातकों पर प्रभाव

  • आप अपने आर्थिक पक्ष की वजह से कुछ परेशान हो सकते हैं। 
  • संतान से संबंधित परेशानियां जीवन में आ सकती हैं। 
  • शैक्षणिक परिणामों से आपको निराशा मिल सकती है जिससे आप अपने जीवन में हारा हुआ महसूस करेंगे। 
  • इस दौरान आप के मान सम्मान और प्रतिष्ठा में कुछ बाधा आने की आशंका बन रही है। 
  • विवाह मिलान में अवांछित देरी का सामना करना पड़ सकता है।

कुंभ राशि में बृहस्पति अस्त का राशि अनुसार प्रभाव

मेष राशि: मेष जातकों को धन संबंधित मामलों को लेकर सचेत रहने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि इस अवधि में कहीं आपका पैसा अटक सकता है और आपको भुगतान में देरी का सामना भी करना पड़ सकता है। इस दौरान आपका ज्यादा झुकाव भौतिकवादी चीजों और भौतिकवादी दुनिया की तरफ रहने वाला है।

वृषभ राशि: इस समय अवधि में आपको अपने पेशेवर जीवन में अचानक से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा कार्यस्थल पर आपको आत्मविश्वास और प्रेरणा की कमी भी महसूस हो सकती है। मुमकिन है कि इस दौरान आप जो भी मेहनत कर रहे हैं उसके लिए आपको भुगतान काफी कम मिले।

मिथुन राशि: बृहस्पति अस्त से आपके दांपत्य सुख में कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा अस्त बृहस्पति के प्रभाव से आपका वैवाहिक रिश्ता कई उतार-चढ़ाव से गुजरने वाला है। इसके अलावा इस दौरान आपका आपके जीवन साथी के साथ किन्ही मुद्दों को लेकर असहमति या संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं तो भी आपको साझेदारी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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कर्क राशि: इस समयावधि में कर्क राशि के जातकों को अपनी और अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। इस दौरान हल्की सी भी लापरवाही आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है और आपको फैटी लीवर और डायबिटीज़ जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको उचित आहार और स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस राशि के छात्र छात्राओं की बात करें तो यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हुए हैं तो आपको उसमें परिणाम मिलने में देरी का सामना करना पड़ सकता है।

सिंह राशि: यदि आप लंबे समय से अपने प्रेम रिश्ते को शादी में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह होगा तो अवश्य लेकिन कुछ देरी के बाद। यदि आप पीएचडी या शोध कार्य जैसे उच्च अध्ययन में दाखिला लेने का प्रयास कर रहे हैं तो भी आपकी योजनाओं में कुछ देरी होने की आशंका नजर आ रही है।

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों को अपनी मां और अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता पड़ेगी। सलाह दी जाती है कि आप अपने सभी रूटीन चेकअप करवाते रहें। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी से बचने और पारिवारिक सुख को बनाए रखने के लिए दोनों के बीच उचित संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें।

तुला राशि: यदि आप लंबे समय से किसी कानूनी पचड़े में पड़े हैं तो इस दौरान उसका समाधान होना मुमकिन है। साथ ही यदि आपके पारिवारिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव की स्थिति चल रही है तो आपको इसमें भी स्थिरता मिलेगी। लेकिन यदि आप परिवार शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो फलदाई परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको बृहस्पति के अस्त से बाहर आने तक थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि: यदि आप नया घर, वाहन या कोई नई संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं तो भी आपको इंतजार करना पड़ सकता है और अपनी योजना को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ सकता है। इस समय अवधि  में आपके परिवार में कुछ गंभीर मुद्दे खड़े हो सकते हैं और इससे आपका पारिवारिक जीवन खराब होने की आशंका है।

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धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके लग्न भाव का स्वामी है जो तीसरे भाव में अस्त होने जा रहा है जिसके प्रभाव स्वरूप इस दौरान आपको इस समय आपकी में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। हालांकि आपको उसका परिणाम बेहद ही कम या ना के बराबर मिल सकता है। कार्यस्थल पर आपको किसी बड़ी साजिश का सामना करना पड़ सकता है जिससे आपकी प्रतिष्ठा में कमी आने की आशंका है। आप इस समय अवधि में अपनी जगह या कार्यक्षेत्र बदलने की योजना बना सकते हैं। हालांकि इसमें भी आपको सफलता के लिए कुछ समय रुकना पड़ेगा।

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आपके दूसरे भाव में अस्त होने जा रहा है जिसके प्रभाव स्वरूप आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। अन्यथा गले से संबंधित कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां आपको दिक्कत में डाल सकती हैं। इसके अलावा खराब खानपान की आदतें भी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। लेकिन अगर आप ज्योतिष जैसे गूढ़ विज्ञान को सीखना चाहते हैं तो उसके लिए समय बेहद ही शुभ रहने वाला है।

कुंभ राशि: गुरु के लग्न में स्थित होने से कुंभ राशि के जातकों का वजन काफी बढ़ जाएगा और यदि आपने इस पर ध्यान नहीं दिया तो यह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान आप का अहंकार बढ़ सकता है जिससे आपके दांपत्य जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मीन राशि: लग्नेश बृहस्पति का अस्त होकर 12वें भाव में होना स्वास्थ्य दृष्टि से ज्यादा शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने और खर्चों की संभावना बढ़ सकती है। यदि आप काम के सिलसिले में विदेश जाने की या विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं तो इसमें भी आपको कुछ रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।

बृहस्पति अस्त के दौरान बृहस्पति के लाभकारी प्रभाव को बढ़ाने के उपाय

  • गुरुवार को मंदिर में बृहस्पति ग्रह की पूजा करें।
  • बृहस्पति बीज मंत्र का प्रतिदिन 21 बार जाप करें।
  • गुरुवार के दिन बृहस्पति को पीले फूल अर्पित करें।
  • गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं।
  • शनिवार के दिन गरीबों को केले बांटें।
  • गुरुवार के दिन गाय को चना दाल और गुड़ के आटे की लोई खिलाएं।

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