बृहस्‍पति के वक्री होते ही बदल जाएगी इन लोगों की किस्‍मत, तिजोरी भर के मिलेगा पैसा और शोहरत

ज्‍योतिषशास्‍त्र में बृहस्‍पति को सबसे शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। शनि के बाद बृहस्‍पति ही हैं जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। वे एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग एक साल का समय लेते हैं। इस प्रकार राशिचक्र की 12 राशियों में गोचर करने में गुरु को 12 साल लग जाते हैं।

बृहस्‍पति के राशि परिवर्तन का मानव जीवन पर भी गहरा असर पड़ता है और यह प्रभाव लंबे समय तक रहता है। बृहस्पति 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर चुके हैं और इस समय इसी राशि में विराजमान हैं। गुरु वृषभ राशि में साल 2025 तक रहने वाले हैं। इस दौरान गुरु अस्‍त और उदित होने के साथ-साथ वक्री और मार्गी अवस्‍था में रहेंगे।

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आपको बता दें कि 09 अक्‍टूबर को गुरु मिथुन राशि में वक्री होंगे। इससे कुछ राशियों की किस्‍मत चमकने वाली है और आज इस ब्‍लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि बुध के वक्री रहने पर किन राशियों के लोगों को सौभाग्‍य की प्राप्‍ति होगी।

इन राशियों की चमक सकती है किस्‍मत

मिथुन राशि

मिथुन राशि के बारहवें भाव में गरु वक्री होंगे इसलिए यह समय इस राशि के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। आपके रुके हुए काम अब बन सकते हैं। आपको इस समय खूब लाभ होने की संभावना है। समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी। आपकी आमदनी के नए स्रोत बनेंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। इससे आप पैसों की बचत भी कर पाएंगे।

नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन देंगे जिससे उनके उच्‍च अधिकारी और सहकर्मी उनके काम की प्रशंसा कर सकते हैं। आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होगी और आप अपने भविष्‍य को संवारने के लिए कोई फैसला ले सकते हैं। नई नौकरी देख रहे लोगों का भी सपना पूरा हो सकता है।

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वृश्चिक राशि

इस राशि के सातवें भाव में गुरु वक्री होंगे। आपके लिए भी यह समय अनुकूल साबित होगा। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा में हिस्‍सा लेना चाहते हैं, तो इस दौरान आपको मनचाहे परिणाम मिल सकते हैं। अगर किसी कानूनी मसले में फंसे हैं, तो अब आपको उससे छुटकारा मिल सकता है। आपको अपने करियर के क्षेत्र में भी फायदा होगा।

आपको कार्यक्षेत्र में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन आप अपनी समझदारी से इन्‍हें भी आसानी से पार कर लेंगे। व्‍यापारियों को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। परिवार में भी सुख-शांति का माहौल रहेगा। आपको काम के सिलसिले में विदेश जाना पड़ सकता है। इस यात्रा से आपको लाभ ही होगा।

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तुला राशि

इस राशि के आठवें भाव में गुरु वक्री होंगे। आपको इस समय मनचाहे परिणाम मिलने की संभावना है। यदि आपके कार्यक्षेत्र में कोई समस्‍या चल रही है, तो अब उसका अंत होगा। व्‍यापारियों के लिए भी मुनाफा कमाने का समय है। व्‍यापार को आगे बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो यह समय एकदम अनुकूल रहेगा।

आपने जो निवेश किया है, उससे भी आपको लाभ मिल सकता है। पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार और स्‍नेह बढ़ेगा। प्रेम संबंध में हैं, तो आप अपने रिश्‍ते को शादी के बंधन में बदल सकते हैं। पैसों की बचत करने में सक्षम होंगे।

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ज्‍योतिष में बृहस्‍पति का महत्‍व

ज्योतिष में बृहस्पति को लाभकारी और ज्ञान का ग्रह माना गया है। यह स्वभाव से पुरुष प्रधान ग्रह  है। अगर कुंडली में बृहस्पति अपनी ही राशि धनु या फिर मीन में स्थित हो तो उस व्यक्ति को अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा गया है। आध्यात्मिक ग्रह होने की वजह से इस ग्रह में सभी दैवीय गुण मौजूद हैं। बृहस्पति के आशीर्वाद के बिना शुभ चीजों पर वर्चस्व और नियंत्रण पाना नामुमकिन होता है। 

मज़बूत बृहस्पति वाला व्यक्ति या जिसकी कुंडली में जन्‍म के समय गुरु अपनी ही राशि धनु और मीन में स्थित हो तो उस व्यक्ति को सभी अच्छे गुण, भाग्य आदि प्राप्त होते हैं। यदि बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में स्थित हो, तो ये जातक किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। इन्‍हें समाज में अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ने का मौका भी मिलता है।

बृहस्‍पति की कृपा से व्‍यक्‍ति का वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। उसे उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। किसी जातक का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा, इस पर बृहस्‍पति ग्रह का गहरा प्रभाव रहता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न. बृहस्‍पति किन राशियों के स्‍वामी हैं?

उत्तर. गुरु धनु और मीन के स्‍वामी हैं।

प्रश्‍न. बृहस्‍पति का रत्‍न कौन सा है?

उत्तर. पुखराज बृहस्‍पति का भाग्‍य रत्‍न है।

प्रश्‍न. बृहस्‍प‍ति के लिए कौन सा दिन है?

उत्तर. बृहस्‍पतिवार का दिन गुरु को समर्पित है।

प्रश्‍न. बृहस्‍पति कितने दिनों में गोचर करते हैं?

उत्तर. गुरु लगभग एक साल में गोचर करते हैं।

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