12 साल बाद बन रहा है गजकेसरी योग, इन लोगों पर बरसेगा खूब पैसा

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार एक समयावधि के बाद सभी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं लेकिन इन ग्रहों के गोचर करने का समय अलग-अलग होता है। सभी ग्रहों में शनि एक ऐसा ग्रह है जो सबसे अधिक समय के बाद राशि परिवर्तन करता है और इसके बाद नाम आता है बृहस्‍पति ग्रह का।

इस समय बृहस्‍पति वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं और गुरु के गोचर काल में कई ग्रहों के साथ इसकी युति होने वाली है। वहीं गुरु अधिक समय तक एक राशि में रहते हैं इसलिए इनका प्रभाव लोगों के जीवन पर लंबे समय तक रहता है।

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अब गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग बनने जा रहा है। यह एक अत्‍यंत ही शुभ योग है और ज्‍योतिष के अनुसार इस योग के प्रभाव से लोगों की जिंदगी में कई तरह की खुशियां आ सकती हैं। हालांकि, इस बार गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग नहीं बन रहा है बल्कि जब चंद्रमा किसी राशि में प्रवेश करता है और गुरु की उस पर शुभ दृष्टि पड़ रही हो, तब भी इस राजयोग का निर्माण होता है।

इस बार 14 जून को गजकेसरी योग बन रहा है और इस योग से कुछ खास राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। आपको बता दें कि 14 जून को चंद्रमा सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर कन्‍या राशि में प्रवेश कर जाएंगे। चंद्रमा 16 जून तक इसी राशि में रहने वाले हैं। गुरु की पंचम दृष्टि चंद्रमा पर पड़ रही है जिससे गजकेसरी योग बन रहा है।

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जानिए क्‍या होता है गजकेसरी योग

जब गुरु चंद्रमा से केंद्र स्‍थान यानी पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हो, तो इस स्थिति में गजकेसरी योग बनता है। कुंडली में केंद्र को सबसे शक्‍तिशाली स्थिति माना जाता है। यह भाव आपके जीवन का एक प्रमुख स्‍तंभ होता है। अगर केंद्र मज़बूत हो, तो जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त करता है और सभी अड़चनों को पार करने में सफल होता है।

अगर गुरु और चंद्रमा की कर्क राशि में युति हो और कोई अशुभ दृष्टि न पड़ रही हो, तो इसे सबसे शक्‍तिशाली गजकेसरी योग माना जाता है क्‍योंकि कर्क स्‍वयं चंद्रमा की राशि है और गुरु की उच्‍च राशि है। इस योग के बनने पर व्‍यक्‍ति को सुख-सम‍ृद्धि प्राप्‍त होती है।

वहीं अगर चंद्रमा और गुरु केंद्र भाव में हों और इनकी एक-दूसरे पर दृष्टि पड़ रही हो, तो इस स्थिति में शुभ गजकेसरी योग बनता है। यदि गुरु की चंद्रमा पर पंचम, सप्‍तम और नवम भाव से दृष्टि पड़ रही हो, तो जातक को अपार संपत्ति मिलती है।

तो चलिए अब जानते हैं कि जून में बन रहे गजकेसरी योग से किन राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।

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कर्क राशि

कर्क राशि में गुरु की पंचम दृष्टि तीसरे भाव पर पड़ रही है। आपको इस समय भाग्‍य का पूरा साथ मिलने वाला है। आप नए कार्यों को पूरे जोश और उत्‍साह के साथ करेंगे। आप पूरे मन से काम करेंगे और आपको अपने कार्यों में सफलता भी प्राप्‍त होगी। आपके अपने भाई-बहन के साथ रिश्‍ते मज़बूत होंगे। 

करियर को लेकर आप सही निर्णय ले पाएंगे और आपके मन में चल रही उलझनें अब खत्‍म होंगी। ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने से आपको सफलता मिल सकती है। उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने की इच्‍छा है, तो आपको इसके लिए विदेश जाने का मौका मिल सकता है। आपके लिए तीर्थयात्रा के योग भी बन रहे हैं।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि से चंद्रमा चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। यह समय आपके लिए बहुत ज्‍यादा शुभ और फलदायी साबित होगा। आपकी सुख-सुविधाओं में इज़ाफा होगा और अब आपका मानसिक तनाव भी कम हो सकता है। परिवार में सुख-शांति का माहौल रहेगा। यदि प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद चल रहा है, तो अब वह भी समाप्‍त हो जाएगा।

आप अपने लिए घर या वाहन आदि खरीद सकते हैं। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके उच्‍च अधिकारी आपसे प्रसन्‍न होंगे।

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धनु राशि

धनु राशि के दसवें भाव में गजकेसरी योग बनने जा रहा है। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्‍त होंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अच्‍छा समय है। करियर में उन्‍नति पाने के लिए आप जो भी प्रयास कर रहे हैं, उसमें आपको सफलता मिलेगी। आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं।

समाज में आपका मान-सम्‍मान और प्र‍तिष्‍ठा बढ़ेगी। आपके अपने कार्यक्षेत्र में उच्‍च अधिकारियों से अच्‍छे संबंध बनेंगे। आपको सरकार की तरफ से धन लाभ के योग बन रहे हैं। व्‍यापारियों के लिए भी लाभ का समय है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न. गजकेसरी योग बनने से क्‍या होता है?

उत्तर. व्‍यक्‍ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त होती है।

प्रश्‍न. 2024 में किस राशि में गजकेसरी योग बन रहा है?

उत्तर. मई में वृषभ राशि में यह योग बना था।

प्रश्‍न. चंद्रमा का गोचर कब होगा?

उत्तर. 14 जून को चंद्रमा राशि परिवर्तन करेंगे।

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