Chandra Grahan 2022: इस ग्रहण से गर्भवती महिलाएं रहें विशेष सावधान, वरना…

जहां अभी कुछ दिनों पहले ही साल का पहला ग्रहण, सूर्य ग्रहण लगा था वहीं अब 15 दिनों के अंदर ही दूसरा ग्रहण भी लगने जा रहा है। साल का दूसरा ग्रहण होगा चंद्रग्रहण और यह 15-16 मई को लगने जा रहा है। अक्सर आपने सुना होगा कि चंद्र ग्रहण के दौरान विषेशतौर पर गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है लेकिन, आखिर ऐसा क्यों?

आखिर ग्रहण और गर्भवती महिला या गर्भ में पल रहे बच्चे का क्या कनेक्शन होता है? क्या वाकई में ग्रहण का दोष गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है? अगर हां तो गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान क्या कुछ सावधानियां बरतकर नकारात्मक प्रभाव को दूर कर सकती है? आपके मन में उठ रहे इन्हीं सभी सवालों का जवाब लेकर ऐस्ट्रोसेज एक बार फिर आपके सामने हाजिर है।

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अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से एचएम आपको बताएँगे कि साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा, इसका सूतक काल क्या होने वाला है, इस ग्रहण का सूतक काल मान्य भी होगा या नहीं, और ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ेगी।

कब लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण

सबसे पहले बात करें समय की तो साल का पहला चंद्र ग्रहण 15-16 मई को लगने जा रहा है। इसके अलावा समय की बात करें तो 16 मई को सुबह 7 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक चंद्रग्रहण रहेगा।

सूतक काल 

चंद्र ग्रहण के सूतक काल की बात करें तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानी ग्रहण से 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है और ग्रहण के बाद समाप्त होता है।

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क्या होता है सूतक काल और इसे क्यों माना गया है अशुभ? 

ग्रहण कोई भी वह उससे कुछ समय पहले की अवधि को सूतक काल कहते हैं। सूतक काल एक अशुभ घड़ी होती है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य, मांगलिक कार्य या फिर पूजा-पाठ के काम करने वर्जित माने जाते हैं। जहां चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले से ही प्रारंभ हो जाता है। 

सूतक काल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है और यही वजह है कि इस दौरान हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसकी इससे संबंधित ढेरों नियम बताए गए हैं।

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सूतक काल के दौरान क्या करें-क्या न करें  

  • इस दौरान हमें पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए और मुमकिन हो तो अपने घर के पूजा घर का पर्दा लगा दें या फिर दरवाजा बंद कर दें। 
  • इसके अलावा इस दौरान देवी देवताओं को भोग और प्रसाद भी नहीं चढ़ाना चाहिए। 
  • इसके अलावा मुमकिन हो तो ग्रहण के दौरान कुछ खाना पीना भी नहीं चाहिए। 
  • अगर भोजन बचा हुआ है तो इसमें कुछ तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। ऐसा करने से ग्रहण के नकारात्मक तत्व भोजन तक नहीं पहुंच पाते हैं और ग्रहण के बाद हम इन भोजन का उपयोग कर सकते हैं। 

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं चन्द्र ग्रहण के दौरान क्या वाकई में गर्भ में पल रहे बच्चे को कुछ नुकसान पहुंच सकता है?

क्या ग्रहण के दौरान गर्भावस्था को नुकसान पहुंच सकता है?

आगे बढ़ने से पहले यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि, क्या वाकई में ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भवती महिला और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है? दरअसल भारत के साथ-साथ अन्य कई जगहों पर भी ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अपशकुन और नुकसानदेह साबित हो सकता है। 

ग्रहण के दौरान निकल रही किरणों से गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है और इससे बच्चे में कई तरह की शारीरिक विकृतियां जैसे क्लेफ्ट लिप (कटे हुए होंठ) या सुंदर ना दिखे वाले बर्थ मार्क हो सकते हैं।

यूं तो इन बातों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है हालांकि संस्कृति में यह धारणा इतनी रची बसी है कि आज भी लोग ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा को लेकर चिंतित होते हैं और तमाम तरह के उपाय करने लगते हैं। तो आइए जान लेते हैं कि यदि आप भी गर्भवती हैं या आप किसी ऐसी महिला को जानती हैं जो गर्भवती है तो उन्हें चंद्र ग्रहण के दौरान क्या कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

  • सबसे पहले सावधानी तो यही है कि किसी भी तरह से ग्रहण की किरणों के संपर्क में न आयें। इसके लिए कोशिश करें और ग्रहण की अवधि के दौरान घर में ही रहे क्योंकि मान्यता के अनुसार ग्रहण का ग्रहण की किरणों का सीधा प्रभाव गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है। 
  • इसके अलावा घर में भी है तो आपको अपने कमरे को पूरी तरह से मोटे पर्दों या फिर कार्डबोर्ड से ढक लेने की सलाह दी जाती है। ताकि कहीं से भी ग्रहण की किरणें आपके और आपके बच्चे के जीवन में ना सके।
  • इसके साथ ही ग्रहण की अवधि के दौरान ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ और ध्यान में मन लगाने की सलाह गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। ऐसा करने से भी आप अपने जीवन और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के जीवन पर ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम या रोक सकती हैं। 
  • ग्रहण की अवधि के दौरान कोई भी नुकीली चीज़ें जैसे चाकू, कैची,या सुई आदि का इस्तेमाल करने से बचें। 
  • आम धारणा है कि ग्रहण की अवधि में कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए लेकिन गर्भावस्था में समय-समय पर कुछ खाने पीने की सलाह दी जाती है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं इस बात का ध्यान रखते हुए ग्रहण की अवधि में अन्न-जल लेती रहें। अगर आप खाना पानी नहीं पीना चाहती हैं तो इससे पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है 
  • ग्रहण के बाद नहाए अवशय। 
  • साथ ही ग्रहण खत्म होने के बाद घर की साफ सफाई और पूजा पाठ का भी ध्यान रखें। 
  • इसके अलावा क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान चांद का गुरुत्वाकर्षण बहुत ज्यादा हो जाता है ऐसे में कोशिश करें कि यदि आप गर्भवती है तो भूल से भी ग्रहण ना देखें। 
  • इसके अलावा आमतौर पर देखा गया है कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव आने लगते हैं जैसे बहुत ज़्यादा बेचैनी होना, पसीना आना और कमजोरी हो सकती है। ऐसे में इस अवधि में अकेले मत रहें और अपने साथ हमेशा किसी विश्वसनीय व्यक्ति को रहने के लिए कहें। 
  • इसके अलावा ग्रहण की अवधि के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें। 

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ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या करें

क्या ना करें कि जानकारी के बाद आइये आगे बढ़ते हो जान लेते हैं ग्रहण अवधि के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या कुछ उपाय या क्या कुछ काम कर सकते हैं जिससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे और उनके जीवन पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव ना पड़े।

  • अपने इष्ट देवता का ध्यान करें। 
  • पूजा पाठ में ध्यान लगाएं। 
  • इसके अलावा क्योंकि हम यहां चंद्र ग्रहण की बात करें ऐसे में आप चंद्र से संबंधित मंत्रों का जाप भी कर सकती हैं। ऐसा करने से भी चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से आपके और आपके गर्भस्थ शिशु की रक्षा होगी। 
  • आम मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला या फिर गर्भ में पल रहे बच्चे के ऊपर रहे ना इसके लिए बेहद आवश्यक है कि ग्रहण अवधि के बाद गर्भवती महिला को स्नान कर लेना चाहिए। ऐसा करने से शिशु को त्वचा से संबंधी रोग होने की आशंका खत्म या न के बराबर हो जाती है।
  • ग्रहण की अवधि के दौरान अपने मुंह में तुलसी का पत्ता रख लें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं एक नारियल अपने पास रखें। माना जाता है इससे ग्रहण का बुरा असर आपके जीवन पर नहीं पड़ेगा।

चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप 

ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात् 

साल का पहला चंद्र ग्रहण किन राशियों के लिए बेहद शुभ

2022 का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह ग्रहण किन राशि वालों के लिए भाग्य और सफलता की चाबी लेकर आने वाला है।

मेष राशि: वर्ष 2022 का पहला चंद्र ग्रहण मेष राशि वालों के लिए बेहद ही उत्तम और शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपको चौतरफा सफलता मिलेगी। साथ ही नौकरी पेशा हैं तो प्रमोशन की उम्मीद भी कर सकते हैं। इसके अलावा निवेश के लिए यह समय बेहद शानदार रहेगा। पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा और आप विदेश जाने का अपना सपना भी इस दौरान पूरा कर सकते हैं।

सिंह राशि: साल के पहले चन्द्र ग्रहण से लाभ प्राप्त करने वाली दूसरी राशि है सिंह राशि। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति काफी शानदार रहने वाली है। पेशेवर जीवन में सफलता और तारीफों के लिए तैयार रहें। इसके अलावा कुछ जातकों को अच्छा प्रमोशन भी मिल सकता है। एक से अधिक स्रोतों से धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे और जीवन साथी के साथ आपका रिश्ता अनुकूल और मजबूत रहेगा।

धनु राशि: इसके अलावा साल का पहला चंद्र ग्रहण धनु राशि के जातकों के लिए भी बेहद में महत्वपूर्ण और शुभ रहने वाला है। इस दौरान नौकरी ढूंढ रहे जातकों को सफलता मिलेगी। विभिन्न स्त्रोतों से धन प्राप्त होगा। कोई काम अटक गया था या रुक गया था तो वह सफलतापूर्वक पूरा होगा। इसके अलावा आप अपने परिवार के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना सकते हैं। सलाह केवल इतनी दी जाती है कि कोई भी फैसला जल्दबाजी में ना लें। अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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