चन्द्र ग्रहण विशेष: जानिए गर्भवती महिलाएं क्या करें और क्या न करें

साल 2021 का पहला चन्द्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक और चंद्रमा को मन का कारक बताया गया है। सूर्य और चंद्रमा दोनों ही बेहद शुभ ग्रह माने जाते हैं। जबकि ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा को राहु व केतु प्रभावित करते हैं और राहु और केतु की गिनती ज्योतिष शास्त्र में पापी ग्रहों के बीच होती है। इस वजह से ग्रहण की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है।

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चन्द्र ग्रहण की घटना हमें कितना प्रभावित करती है। इसे लेकर आचार्य मृगांक बताते हैं,

” चंद्रमा मनुष्य मन के स्वामी हैं। चंद्रमा द्रव्य के स्वामी भी कहे जाते हैं। अब चूंकि मानव शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल से निर्मित है और जल तो द्रव्य ही है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के दौरान इसका प्रभाव हमारे वातावरण से लेकर हमारे शरीर और मन पर पड़ना बेहद स्वाभाविक है। माना जाता है कि चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों से वातावरण में विषाणु और जीवाणु अधिक प्रबल हो जाते हैं। वातावरण में नकारात्मकता की वृद्धि हो जाती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को तो इस समय बेहद सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि अगर सावधानी नहीं बरती गयी तो चन्द्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव उनके साथ-साथ उनके पेट में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है।” 

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यह कथन स्पष्ट करता है कि चन्द्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। खास कर के उन महिलाओं को जो गर्भवती हैं उन्हें इस दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि उनके साथ इस मुश्किल समय में एक और ज़िंदगी जुड़ी हुई है। 

चूंकि हमारा देश इस समय महामारी के प्रकोप से त्रस्त है। हाल के दिनों में स्वास्थ्य पूरे विश्व के लिए एक अहम मुद्दा बनकर उभरा है और भारत जैसे विकासशील देश में स्वास्थ्य व्यवस्था आम लोगों के लिए एक चुनौती सी बन गयी है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों को हमें नज़र अंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में चन्द्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या उपाय अपनाने चाहिए, इस बात की जानकारी देंगे लेकिन उससे पहले चन्द्र ग्रहण से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपके साथ साझा कर देते हैं।

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चन्द्र ग्रहण 2021

चन्द्र ग्रहण तिथि : 26 मई, 2021

चन्द्र ग्रहण दिन : बुधवार

चन्द्र ग्रहण समय : दोपहर के 02 बजकर 17 मिनट से शुरू और शाम के 07 बजकर 19 मिनट पर समापन।

चन्द्र ग्रहण अवधि : 05 घंटे 02 मिनट

आइये अब जानते हैं कि चन्द्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या उपाय अपनाने चाहिए।

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चन्द्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या उपाय करने चाहिए?

बाहर न निकलें

चन्द्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए। चन्द्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव उनके बच्चे के मन और सेहत पर पड़ता है। मान्यता है कि अगर कोई गर्भवती महिला चन्द्र ग्रहण के दौरान बाहर जाती है तो उनकी गर्भ में पल रही संतान के शरीर पर लाल धब्बे या फिर किसी न किसी तरह का कोई निशान उभर आता है जो पूरे जीवन उनके साथ रहते हैं।

नुकीली चीजों से बचें

गर्भवती महिला को चन्द्र ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान किसी भी तरह के नुकीली चीज का उपयोग नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इससे उनके बच्चे के अंगों को नुकसान पहुंचता है। 

न करें सूतक काल में भोजन

चन्द्र ग्रहण के दौरान कोई भी भोजन दूषित हो जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को चन्द्र ग्रहण के सूतक काल में भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए अन्यथा इसका दुष्प्रभाव उनके अजन्मे बच्चे पर पड़ सकता है। साथ ही चन्द्र ग्रहण से पहले अगर कोई भोजन ऐसा हो जिसके बचे रह जाने की आशंका है तो उस भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दें। तुलसी किसी भी भोजन को चन्द्र ग्रहण के दूषित किरणों से बचाती है।

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चन्द्र ग्रहण की किरणों से सावधान

चन्द्र ग्रहण की अवधि के दौरान गर्भवती महिलाओं को चन्द्र ग्रहण की किरणों से भी परहेज करना चाहिए। इस दौरान सभी खिड़की दरवाजे बंद रखें और उन पर पर्दे डाल कर बाहर की रौशनी को घर में न आने दें। इससे माँ और बच्चा दोनों ही चन्द्र ग्रहण के प्रभाव से सुरक्षित रहेंगे।

स्नान का है महत्व

चन्द्र ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाएं जरूर स्नान करें। मान्यता है कि अगर चन्द्र ग्रहण के बाद गर्भवती महिला स्नान नहीं करती है तो उनके शिशु को भविष्य में चरम रोग की समस्या परेशान करती रहती है।

नारियल से दूर होगा चन्द्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव

गर्भवती महिलाएं चन्द्र ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान अपने साथ एक नारियल रखें। इससे चन्द्र ग्रहण से पैदा होने वाली नकारात्मक ऊर्जा को वो नारियल अपने अंदर समाहित कर लेगा।

देव स्तुति से मिलेगा लाभ

चन्द्र ग्रहण की पूरी अवधि में गर्भवती महिलाओं को अपने जीभ पर एक तुलसी का पत्ता रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। इससे चन्द्र ग्रहण का बच्चे के ऊपर किसी भी प्रकार का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।

जरूर करें दान

सनातन धर्म में दान का बहुत महत्व है। ऐसे में चन्द्र ग्रहण के बाद दान अवश्य करें। गर्भवती महिलाएं चन्द्र ग्रहण के बाद सफ़ेद रंग की वस्तु जैसे कि वस्त्र, दही, दूध आदि का दान करें। दान करते वक़्त पितरों को स्मरण करते रहें। 

इन मंत्रों का करें जाप

चन्द्र ग्रहण के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी इसके प्रभाव को कम करता है। इस दौरान इन दो मंत्रों का जाप करते रहें :

” तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन

हेमताराप्रदानेन मम शांतिप्रदो भव ॥”

“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत

दानेनानेन नागास्य रक्ष मां वेधजादभयात॥”

इसके अतिरिक्त ग्रहण काल में भगवान शिव के किसी मंत्र का जाप करना या संतान गोपाल मंत्र का जाप करना भी बहुत लाभदायक होता है।

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