हिंदू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि सोलह संस्कारों में से एक है। हम सभी जानते हैं कि मनुष्य के जीवन काल में अनेक तरह के संस्कार किये जाते हैं। लेकिन, वह कार्य जिन्हें शिशु के जीवन में पहली बार किया जाता है उनका विशेष ही महत्व होता है चाहे वह बच्चे का पहला कदम हो, पहली मुस्कान हो या मुंह से निकला पहला शब्द हो। ऐसे में, अगर आप अपने शिशु का अन्नप्राशन संस्कार मई 2024 में करने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको मई 2024 के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मई 2024 की शुभ तिथियां।
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क्या होता है अन्नप्राशन संस्कार?
प्रत्येक माता-पिता के लिए वह पल बहुत खास होता है जिन्हें वह अपनी संतान के साथ बिताते हैं। हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि जब शिशु का जन्म होता है, तो शुरुआत के 6 महीने उसे सिर्फ माँ का दूध ही पिलाया जाता है क्योंकि बच्चे के लिए मां का दूध ही सबसे पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है। 6 महीने का होने के बाद शिशु को जब पहली बार ठोस आहार अर्थात ठोस भोजन खिलाया जाता है, तो इसे ही अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है।
आइए अब हम बिना देर किये आपको अवगत करवाते हैं मई 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त एवं तिथियों से।
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मई 2024 के लिए अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त:
तिथि: 03 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:49 से सुबह 11:00 तक
दूसरा मुहूर्त:
तिथि: 06 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: सुबह 06:38 से दोपहर 13:08 तक
तीसरा मुहूर्त:
तिथि: 09 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 12:56 से शाम 17:30 तक
शाम 19:49 से रात 22:08 तक
चौथा मुहूर्त:
तिथि: 10 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:22 से 08:17 तक
सुबह 10:32 से शाम 17:26 तक
शाम 19:45 से रात 22:04 तक
पांचवां मुहूर्त:
तिथि: 20 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: रात 21:25 से 23:29 तक
छठा मुहूर्त:
तिथि: 23 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 14:19 से रात 21:13 तक
सातवां मुहूर्त:
तिथि: 27 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: शाम 18:39 से रात 23:01 तक
आठवां मुहूर्त:
तिथि: 30 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: सुबह 06:59 से 09:13 तक
सुबह 11:34 से दोपहर 13:51 तक
किस आयु में करें अन्नप्राशन संस्कार?
धर्मग्रंथों में अन्नप्राशन संस्कार के समय का विस्तृत वर्णन किया गया है जैसे कि किस समय करें और किन बातों का ध्यान रखें आदि। हालांकि, हम आपको बताना चाहेंगे कि अन्नप्राशन संस्कार को उस समय करें जब शिशु 5 से 12 माह का हो जाए। इसी प्रकार, बालकों का अन्नप्राशन संस्कार हमेशा सम महीनों जैसे कि 6, 8, 10 या 12 महीने में किया जाता है। इसके विपरीत, बालिकाओं का अन्नप्राशन विषम महीनों जैसे 5, 7, 9 या 11 महीने में संपन्न होता है।
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अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त निर्धारण के लिए नियम
अगर आप अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार इस वर्ष के मई 2024 में करने का मन बना रहे हैं, तो अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त का चुनाव करते समय कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना होगा जिससे शिशु को ग्रहों-नक्षत्रों एवं ईश्वर की कृपा प्राप्त हो सके।
- कन्याओं का अन्नप्राशन संस्कार विषम महीने में होता है जबकि बालकों का सम महीने में अन्नप्राशन होने की परंपरा है।
- अन्नप्राशन संस्कार को सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन संपन्न करना चाहिए।
- अन्नप्राशन संस्कार को करने के लिए 27 नक्षत्रों में से श्रावण, धनिष्ठा,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, अश्विनी और रोहिणी आदि को शुभ माना गया हैं।
अन्नप्राशन संस्कार के समय इन बातों का रखें ध्यान
- माता-पिता अन्नप्राशन संस्कार के दिन बच्चे को इस तरह के कपड़े पहनाएं जिसमें शिशु आरामदेह महसूस करें।
- अन्नप्राशन संस्कार के लिए आपको भोजन पूरी तरह से साफ़-सफाई के साथ बनाना चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि अन्नप्राशन संस्कार के दौरान जो व्यक्ति शिशु को भोजन कराएं, उसके हाथ स्वच्छ हो, वरना बच्चे को इन्फेक्शन हो सकता है।
- इस संस्कार के समय शिशु को मीठी चीज़ें या मिठाई खिलाने से परहेज़ करें, अन्यथा उसका पेट ख़राब हो सकता है।
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