नए साल में जाने-अनजाने में भी इन 6 मौकों पर न बनाएं रोटी, भुगतना पड़ सकता है खामियाज़ा!

When Not Make Chapati In House: साल 2023 के विदा लेने में सिर्फ़ कुछ दिन ही बचे हैं। नए वर्ष के आने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और ऐसे में, हम सभी की नए साल से ढेरों आशाएं जुड़ी होती हैं। हर व्यक्ति की नए साल को लेकर यही कामना होती है उसके लिए आने वाला साल यानी कि 2024 अपने साथ सुख, समृद्धि और उन्नति लेकर आए। लेकिन, कई बार हम जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका नुकसान हमें अपने आर्थिक जीवन में उठाना पड़ता है। एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम आपको नए साल 2024 में आने वाले ऐसे 6 अवसरों के बारे में बताएंगे जब आपको घर में रोटी बनाने (When Not Make Chapati In House) से बचना चाहिए, अन्यथा आपका जीवन भर सकता है समस्याओं से। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते है इस ब्लॉग की। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

आपको हैरानी जरूर हो रही होगी कि कैसे घर में रोटी बनाने से आपके जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। नए साल में अगर आप इन 6 मौकों पर रोटी बनाते हैं, तो जीवन के हर क्षेत्र में मिलने वाली तरक्की में समस्या पैदा हो सकती है और आपको धन की हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि इन कारणों से वर्ष 2024 में इन 6 अवसरों पर रोटी बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिन घर की रसोई में चूल्हे पर तवा चढ़ाना अशुभ माना जाता है। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और इसके फलस्वरूप, घर में गरीबी एवं दरिद्रता आती है। हिंदू धर्मग्रंथों में माता लक्ष्मी से संबंधित व्रतों, पर्वों एवं त्योहारों के दिन रोटी न बनाने का विधान है। इसके विपरीत, परिवार में जिस दिन श्राद्ध होता है उस दिन भी तवा चढ़ाना वर्जित माना गया है क्योंकि इस दिन सूखा भोजन नहीं बनाया जाता है इसलिए श्राद्ध पर घर की रसोई में तवे को ठंडा रखा जाता है। 

आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि नए साल 2024 में किन-किन अवसरों पर रोटी बनाना अशुभ माना जाता है। 

यह भी पढ़ें:  राशिफल 2024

क्या वर्ष 2024 में आपके जीवन में होगी प्रेम की दस्तक? प्रेम राशिफल 2024 बताएगा जवाब

नया साल 2024: इन 6 अवसरों पर भूल से भी न बनाएं रोटी

मकर संक्रांति (15 जनवरी 2024): नए साल 2024 में प्रवेश करने के साथ ही जो त्योहार सबसे पहले आता है वह मकर संक्रांति है। प्रत्येक वर्ष की तरह यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। नए साल में आने वाले मकर संक्रांति उन पहले अवसरों में से हैं जब रोटी बनाना वर्जित होता है क्योंकि इस दिन खिचड़ी खाने का रिवाज़ है। आप चाहे तो मकर संक्रांति पर चावल से बने खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं।

शीतलाष्टमी (02 अप्रैल 2024): शीतलाष्टमी वर्ष 2024 का दूसरा ऐसा अवसर है जब आपको रोटी बनाने (When Not Make Chapati In House) से बचना चाहिए। इस साल 02 अप्रैल को शीतला अष्टमी का व्रत किया जाएगा। इस पर्व में शीतला माता को बासी खाना अर्थात ठंडे भोजन का भोग लगता है औरजाता है और न ही रोटी बनाई जाती है।

नाग पंचमी (09 अगस्त 2024): नाग पंचमी का त्योहार नए साल में 09 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन आपको घर में रोटी बनाने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन तवे को आग पर नहीं रखा जाता है क्योंकि नाग पंचमी नाग देवता को समर्पित होती हैं और तवे को नाग देवता का स्वरूप माना गया है। 

शरद पूर्णिमा (16 अक्टूबर 2024): शरद पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र एवं शुभ माना जाता है जो कि नए साल 2024 में 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। धर्मग्रंथों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन घर में रोटी बनाने से बचना चाहिए।  मान्यता है कि माता लक्ष्मी से संबंधित त्योहारों पर रोटी नहीं बनानी चाहिए। 

दिवाली (01 नवंबर 2024): शरद पूर्णिमा की तरह ही दिवाली पर भी माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है इसलिए इस दिन भी घर में रोटी नहीं बनाई जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर चूल्हे पर तवा चढ़ाना निषेध होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि दीपावली के दिन बर्तनों को खाली भी नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि यह अपशकुन माना जाता है और ऐसा करने से घर में गरीबी आती है।  

महालक्ष्मी व्रत (11 सितंबर 2024): ऊपर बताए गए सभी व्रतों एवं त्योहारों की तरह ही महालक्ष्मी व्रत धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा की  जाती है इसलिए इस अवसर पर घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.