तुला राशि में सूर्य का प्रवेश, किन राशियों को बनाएंगे धनवान और किन्हें करेंगे परेशान? जानें

एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए “सूर्य का तुला राशि में गोचर” का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें हम आपको सूर्य गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेंगे जैसे कि तिथि, समय आदि। हम सभी यह भली-भांति हैं कि सूर्य महाराज को ज्योतिष के साथ-साथ हिंदू धर्म में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। सनातन धर्म में इन्हें देवता मानकर पूजा जाता है, तो वहीं नवग्रहों में सूर्य को राजा का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में, सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन बहुत मायने रखता है क्योंकि इसका प्रभाव देश-दुनिया सहित सभी राशियों पर पड़ता है। अब यह 17 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

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इसके परिणामस्वरूप, सूर्य देव का यह गोचर किन राशियों के लिए रहेगा शुभ और किनके लिए अशुभ? किन राशियों को इस अवधि में रहना होगा सावधान और किस राशि के जातकों पर सूर्य देव रहेंगे मेहरबान आदि सवालों के जवाब आपको इस लेख में प्राप्त होंगे। इसके अलावा, कुंडली में सूर्य के कमज़ोर और मज़बूत होने पर व्यक्ति को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, यह भी हम आपको बताएंगे। सबसे जरूरी सूर्य देव को प्रसन्न करने के उपाय भी प्रदान करेंगे। आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं सूर्य गोचर की तिथि और समय के बारे में। 

कब और किस समय होगा सूर्य का गोचर?

नवग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का गोचर सामान्य रूप से हर महीने होता है क्योंकि यह एक राशि में केवल 30 दिनों के लिए रहते हैं। इस प्रकार, सूर्य देव को अपना राशि चक्र पूरा करने में तक़रीबन एक साल का समय लगता है और ऐसे में, यह बारी-बारी से प्रत्येक राशि में प्रवेश करते हैं। अब सूर्य महाराज 17 अक्टूबर 2024 की सुबह 07 बजकर 27 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि तुला सूर्य देव की नीच राशि है और इस राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं जिन्हें सूर्य का शत्रु माना जाता है। ऐसे में, इस स्थिति को ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा  सकता है। चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं सूर्य के महत्व के बारे में। 

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ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य         

वैदिक ज्योतिष में सूर्य आत्मा, पिता, आत्मविश्वास, पद, मान-सम्मान और सरकारी नौकरी के कारक ग्रह माने गए हैं। इसके अलावा, मनुष्य के जीवन में यह स्वाभिमान, गरिमा, करियर समर्पण, अहंकार, सिद्धांतों, जीवन शक्ति, सहनशक्ति, और नेतृत्व क्षमता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। बात करें शरीर के अंगों की, तो सूर्य महाराज मानव शरीर में दिल और हड्डियों के कारक हैं। 

वहीं, सूर्य ग्रह जब अपनी मूल त्रिकोण राशि सिंह में मौजूद होते हैं, तब जातकों को बहुत शुभ परिणाम देते हैं। मंगल ग्रह की राशि मेष में सूर्य उच्च के होते हैं और यहाँ इनकी स्थिति काफ़ी मज़बूत होती है। राशिचक्र की पांचवीं राशि सिंह के स्वामी ग्रह सूर्य हैं जो कि कुंडली में पांचवें भाव के भी अधिपति देव हैं। इस भाव का संबंध संतान और शिक्षा से होता है।

कुंडलो में सूर्य ग्रह के शुभ होने पर जातकों को करियर में ऊंचे पद की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्यक्ति को जीवन में अच्छा स्वास्थ्य, तेज़ दिमाग और संतुष्टि प्रदान करते हैं। इसके विपरीत कुंडली में सूर्य के कमज़ोर होने पर व्यक्ति को आँखों और हृदय से जुड़ी समस्याएं देता है। साथ ही, जातक को अहंकारी, ईर्ष्यालु, गुस्सैल और आत्म केंद्रित बना सकता है।

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तुला राशि में होगी सूर्य, बुध और शुक्र की युति 

जहां सूर्य महाराज ग्रहों के जनक के नाम से प्रसिद्ध हैं, तो बुध देव को “ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। जैसे कि हम जानते हैं कि सूर्य ग्रह 17 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे और यहाँ पहले से बुध ग्रह मौजूद होंगे। बता दें कि कुंडली में सूर्य और बुध के साथ उपस्थित होने पर बुधादित्य योग बनता है। इस योग की गिनती सबसे शुभ योगों में होती है और इसका सकारात्मक प्रभाव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों पर नज़र आता है। ऐसा माना जाता है कि बुधादित्य योग के प्रभाव से व्यक्ति को धन, मान-सम्मान एवं वैभव की प्राप्ति होती है। इस प्रकार, सूर्य और बुध की युति से बनने वाला योग कुछ राशियों के लिए फलदायी साबित होगा।  इसके अलावा, तुला राशि में सूर्य, बुध के अलावा शुक्र ग्रह भी पहले से विराजमान होंगे। 

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कुंडली में कमज़ोर सूर्य का प्रभाव

कुंडली में सूर्य ग्रह के मज़बूत होने से जातकों को हर क्षेत्र में शुभ परिणाम मिलते हैं, लेकिन अगर यह कमज़ोर अवस्था में होते हैं, तो नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ता है जो कि इस प्रकार हैं:

  • जिन जातकों की कुंडली में सूर्य दुर्बल अवस्था में मौजूद होते हैं, उन लोगों को दिल, आँखों और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • इन जातकों का समाज में मान-सम्मान कम हो सकता है और साथ ही, अपमान होने की संभावना बनी रहती है। 
  • सूर्य के अशुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति को तनाव की समस्या रह सकती है। इसके अलावा, कार्यों में सफलता प्राप्ति के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं।
  • कुंडली में सूर्य का दुष्प्रभाव जातक को महत्वाकांक्षी और गुस्सैल बनाने का काम करता है। 

अब नज़र डालते हैं सूर्य ग्रह के बलवान होने की स्थिति में मिलने वाले शुभ परिणामों पर।  

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मज़बूत सूर्य का प्रभाव 

ग्रहों के राजा सूर्य जिन जातकों की कुंडली में मजबूत स्थिति में होते हैं, तो उनके लिए यह स्थिति काफ़ी फायदेमंद साबित होती हैं।

  • ऐसे लोग जिनकी कुंडली में सूर्य शुभ होते हैं, उनका प्रदर्शन व्यापार में शानदार रहता है और इस क्षेत्र में अच्छा करते हैं। 
  • यह लोग राजनीति और नौकरी के क्षेत्र में भी अपार सफलता प्राप्त करते हैं। साथ ही, इन्हें उच्च पद की प्राप्ति होती है।
  • कुंडली में सूर्य के बलवान होने पर जातकों को हर कदम पर अपने पिता का साथ मिलता है और उनके साथ रिश्ते बहुत अच्छे रहते हैं।
  • इन लोगों को मनचाहे परिणाम की प्राप्ति होती है और इनका अपने आप पर पूरी तरह से नियंत्रण होता है। 

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कुंडली में इन सरल एवं अचूक उपायों से करें सूर्य देव को मज़बूत 

  • प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल लें और इसमें गुलाब की पंखुड़ियां मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • रविवार के दिन गरीबों एवं जरूरतमंदों को गुड़ बांटें। साथ ही, इस दिन मंदिर में भी गुड़ का दान करना चाहिए।
  • प्रतिदिन तुलसी के पौधे को पानी दें, लेकिन इस काम को रविवार के दिन न करें। 
  • हर दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • रविवार के दिन गेहूं, तांबे और गुड़ आदि का दान करें।
  • संभव हो, तो लाल और नारंगी रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनें। 

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सूर्य का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपके छठे……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके पांचवें… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों की कुंडली में सूर्य महाराज को दूसरे भाव का आधिपत्य प्राप्त है और अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों के लिए सूर्य आपके पहले भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में प्रवेश… (विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य महाराज दसवें भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपके नौवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि वालों की कुंडली में सूर्य महाराज आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब इनका गोचर आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य देव सातवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके नौवें भाव में गोचर करने… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

मीन राशि वालों की कुंडली में सूर्य देव को छठे भाव का स्वामित्व प्राप्त हैं और अब इनका गोचर आपके आठवें… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. सूर्य किस राशि के स्वामी हैं?

राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। 

2. तुला राशि में सूर्य कब प्रवेश करेंगे?

सूर्य महाराज 17 अक्टूबर 2024 को तुला राशि में गोचर कर जाएंगे।

3. सूर्य का गोचर कब होता है?

ज्योतिष में सूर्य देव का गोचर हर महीने में होता है। 

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