हिंदू धर्म में पवित्र नदी में स्नान करने और दान-पुण्य एवं तप आदि के लिए माघ महीने 2025 को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस महीने में भगवान सूर्य, मां गंगा और भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस पावन महीने में पवित्र नदी में स्नान करता है, उसके पिछले जन्म के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
वहीं दूसरी ओर, इस माह में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं।
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कब शुरू हो रहा है माघ माह 2025
वर्ष 2025 में 14 जनवरी से माघ माह 2025 की शुरुआत हो रही है और यह 12 फरवरी, 2025 को समाप्त होगा। इस माह में कई बड़े व्रत एवं त्योहार पड़ रहे हैं जिनके बारे में आगे विस्तार से बताया जा रहा है।
माघ माह 2025 का महत्व
शास्त्रों के अनुसार माघ के महीने में गौतम ऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया था। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए माघ के महीने में ही इंद्रदेव ने गंगा नदी में स्नान किया था। यही वजह है कि इस दौरान पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर विशेष तौर पर गंगा में स्नान करने को अत्यंत पवित्र और लाभकारी माना जाता है।
मान्यता है कि इस माह में दान करने से मृत्यु काल में लाभ मिलता है। मन की ग्रंथियां खुलती हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
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माघ माह में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार
दिन | व्रत-त्योहार |
14 जनवरी, 2025 | गंगा स्नान, मकर संक्रांति |
17 जनवरी, 2025 | संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ |
21 जनवरी, 2025 | कालाष्टमी |
25 जनवरी, 2025 | षटतिला एकादशी |
26 जनवरी, 2025 | गणतंत्र दिवस |
27 जनवरी, 2025 | प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि |
29 जनवरी, 2025 | अमावस्या, मौनी अमावस्या |
30 जनवरी, 2025 | माघ गुप्त नवरात्रि |
01 फरवरी, 2025 | गणेश जयंती, वरद चतुर्थी |
02 फरवरी, 2025 | बसंत पंचमी |
04 फरवरी, 2025 | रथ सप्तमी |
05 फरवरी, 2025 | बुधाष्टमी व्रत, दुर्गाष्टमी व्रत |
06 फरवरी, 2025 | महानंदा नवमी |
07 फरवरी, 2025 | रोहिणी व्रत |
08 फरवरी, 2025 | जया एकादशी |
10 फरवरी, 2025 | प्रदोष व्रत |
12 फरवरी, 2025 | पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, रविदास जयंती, माघ पूर्णिमा, माघस्नान समाप्त |
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माघ मास 2025 के नियम
माघ के महीने में पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो अपने नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर उससे स्नान कर लें। इससे भी आपको फायदा होगा।
माघ के महीने में रोज़ श्रीमद्भगवद्गीता गीता का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति आती है।
आप नहाने के पानी में तिल के बीज डाल सकते हैं या इनका सेवन भी कर सकते हैं।
माघ मास में रोज़ तुलसी के पौधे के आगे घी का दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं।
माघ माह 2025 में क्या करें या क्या न करें
- अगर आपको शनि दोष है, तो आप माघ महीने में इससे मुक्ति पाने के लिए काले तिल का दान कर सकते हैं।
- वहीं राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए माघ माह में कंबल या गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार इस महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करने का बहुत महत्व है।
- इसके अलावा माघ के पवित्र मास में आलस से बचना चाहिए, सुबह देर तक सोना नहीं चाहिए और रोज़ स्नान करना चाहिए।
- इस मास में तुलसी की पूजा एवं गीता का पाठ करना चाहिए। इससे ईश्वर आपसे प्रसन्न होंगे।
- माघ के महीने में कल्पवास की शुरुआत भगवान शालिग्राम और मां तुलसी के पूजन से होती है।
- इस महीने में मूली का सेवन करना वर्जित माना गया है।
- इसके अलावा इस दौरान तामसिक भोजन करने एवं मदिरा का पान करने से बचना चाहिए।
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माघ माह 2025 में राशि अनुसार उपाय
आगे बताया गया है कि आप अपनी राशि के अनुसार माघ के महीने में कौन से उपाय कर सकते हैं।
- मेष राशि: आप माघ मास में रोज़ हनुमान जी की पूजा करें या हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आपके मार्ग की सभी बाधाएं दूर होंगी और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।।
- वृषभ राशि: आप माघ मास में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें बेल पत्र चढ़ाएं। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी लाभ होगा।
- मिथुन राशि: आप नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करें और रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
- कर्क राशि: माघ मास में गरीब एवं ज़रूरतमंद लोगों को चावल या गेहूं का दान करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
- सिंह राशि: आप रविवार के दिन सूर्य देव को सूरजमुखी के बीज या लाल रंग के पुष्प अर्पित करें।
- कन्या राशि: किसी मंदिर में या गरीब व्यक्ति को सफेद रंग के वस्त्र या दूध दान करें। इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी।
- तुला राशि: मानसिक शांति के लिए तुला राशि वाले शुक्रवार के दिन घी और चीनी का दान करें।
- वृश्चिक राशि: आप बुधवार के दिन भगवान गणेश को मोदक चढ़ाएं और गणपति स्तोत्र का पाठ करें।
- धनु राशि: बृहस्पतिवार के दिन धनु राशि वाले भगवान विष्णु को हल्दी और पीले रंग के पुष्प अर्पित करें।
- मकर राशि: करियर और जीवन में प्रगति पाने के लिए आप तिल के बीजों और काले रंग के वस्त्रों का दान करें।
- कुंभ राशि: भाग्य में वृद्धि के लिए कुंभ राशि वाले गरीब लोगों को जल का दान करें और जल अभिषेक करें।
- मीन राशि: आर्थिक संकट दूर करने के लिए आप दूध, चीनी और चावल का दान करें।
माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ के महीने में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा का बहुत महत्व है। माघ माह 2025 में पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर होगा।
माघी पूर्णिमा को लेकर पद्म पुराण में कहा गया है कि, अगर माघ पूर्णिमा वाले दिन व्यक्ति पवित्र नदी में स्नान करे, इसके बाद ध्यान, तप, दान कर, तो इससे श्री हरि प्रसन्न होते हैं।
इसके अलावा इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। ऐसे में आप चाहें तो इस दिन गोदान, तिल, गुड़ और कंबल का दान कर सकते हैं। इसके साथ ही आप वस्त्र, गुड, घी, कपास, लड्डू, फल, आदि का भी दान कर सकते हैं। इसके साथ ही माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। ऐसे में अगर आपके लिए मुमकिन हो तो इस दिन गंगा स्नान अवश्य करें, गरीबों और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें।
माघ माह 2025 में किए जाने वाले ज्योतिषीय उपाय
- गरीबों को भोजन खिलाने, मंदिरों एवं तीर्थस्थलों पर दान आदि करने के लिए माघ क महीना बहुत उत्तम माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार गरीब एवं ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने से नकारात्मक कर्मों का नाश होता है और भाग्य में वृद्धि होती है। इस दौरान सफेद या हल्के रंग के वस्त्रों का दान करने, चावल, दाल या अनाज, अन्न या जल और बच्चों को किताबों का दान करना चाहिए।
- चंद्रमा को मज़बूत करने के लिए माघ का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। चंद्रमा मन, भावनाओं और मस्तिष्क का कारक हैं और जल के पास ध्यान करने, पौधों को जल चढ़ाने या चंद्रमा के नीचे बैठकर प्रार्थना करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और भावनात्मक ऊर्जा मिलती है।
- शाम के समय खासतौर पर घर के प्रवेश द्वार या मंदिर में घी का दीपक जलाएं। कहते हैं कि इस उपाय को करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। माघ के महीने में घी का दीया जलाने का बहुत महत्व है।
- माघ के महीने में धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना अच्छा रहता है। आप इस दौरान श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ कर सकते हैं। इससे मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. 14 जनवरी से माघ माह शुरू हो रहा है।
उत्तर. यह 12 फरवरी को खत्म होगा।
उत्तर. इसमें भगवान विष्णु की उपासना होती है।