शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!

शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!

शुक्र मीन राशि में मार्गी: एस्ट्रोसेज एआई समय-समय पर ज्योतिष की दुनिया में होने वाले छोटे से लेकर बड़े बदलावों से आपको अवगत करवाता रहा है। हमारे आज का यह लेख आपको “शुक्र मीन राशि में मार्गी” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। बता दें कि शुक्र महाराज 13 अप्रैल 2025 को मीन राशि में अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं जिसका असर संसार के साथ-साथ सभी राशियों पर भी दिखाई दे सकता है। हालांकि, आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान है, तो ऐसे में,  क्या हम शुक्र से उत्तम परिणामों की उम्मीद कर सकते है? आइए जानते हैं शुक्र मार्गी के प्रभावों के बारे में।

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वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, आनंद और रिश्तों के कारक कहे गए हैं। यह दर्शाते हैं कि हम जीवन में किस चीज़ को महत्व देते हैं, हम अपने प्रेम को किस तरह से व्यक्त करते हैं और हमारे जीवन में कौन सी चीज़ें ख़ुशियाँ और प्रेम लेकर आती हैं। राशि चक्र की सभी बारह राशियों में शुक्र महाराज को वृषभ और तुला राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं इसलिए इन दोनों राशियों के जातकों में शुक्र ग्रह के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, हमारे जीवन में शुक्र ग्रह धन-वैभव और भौतिक सुख भी लेकर आते हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति से हम यह जान सकते हैं कि आपके जीवन में पैसा कितना मायने रखता है, धन कमाने और खर्च करने को लेकर आपके विचार क्या हैं और धन-संपत्ति से आप किस तरह का सुख पाना चाहते हैं । साथ ही, शुक्र देव की स्थिति इस बात की तरफ भी संकेत करती है कि आपके लिए जीवन में क्या महत्वपूर्ण है फिर चाहे वह भौतिक सुख हो या भोग-विलासिता से पूर्ण जीवन। 

शुक्र मीन राशि में मार्गी: समय 

जैसे कि हम भली-भांति जानते हैं कि ज्योतिष में शुक्र देव प्रेम, सुंदरता और कला के कारक माने गए हैं। अब यह मीन राशि में मार्गी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बता दें कि शुक्र ग्रह 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर राशि मीन में मार्गी हो रहे हैं जो कि इनकी उच्च राशि है। मीन राशि में शुक्र की उपस्थिति को बहुत शुभ माना गया है और इसके परिणामस्वरूप, इनसे सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा की जा सकती है। लेकिन दूसरी तरफ, मीन राशि में शुक्र महाराज पापी ग्रह शनि, राहु और सूर्य के साथ बैठे होंगे। चलिए अब जानते हैं सभी राशियों पर इसके प्रभाव के बारे में। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: इन राशियों पर बरसेगी शुक्र देव की कृपा 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके लग्न भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। बता दें कि कुंडली में ग्यारहवां भाव इच्छाओं की पूर्ति का होता है। ऐसे में, शुक्र मीन राशि में मार्गी आपके लिए शुभ रहेगा। व्यापार या नौकरी करने वालों के लिए यह समय बेहतरीन अवसर लेकर आ सकता है। शुक्र मार्गी के दौरान आपको दोस्तों, रिश्तेदारों और पेशेवर जीवन के लोगों से किसी समारोह या पार्टी का निमंत्रण मिल सकता है। साथ ही, इन मुलाकातों में आप कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ संपर्क में आ सकते हैं। 

शुक्र मार्गी होकर आपकी भौतिक ज़रूरतों को पूरा करने का काम करेंगे। ऐसे में, आपके पेशेवर और निजी जीवन में भी सुधार देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके मामा और बड़ी बहन के पास पर्याप्त मात्रा में पैसा आएगा। साथ ही, आपके रिश्ते उनके साथ मज़बूत होंगे। आपकी किसी सलाह की वजह से आपके मामा को आर्थिक रूप से लाभ होगा जिसके चलते आपके रिश्ते उनके साथ भी पहले की तुलना में मज़बूत होंगे।              

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके पांचवें भाव और बारहवें के स्वामी हैं। कुंडली में पांचवां भाव बुद्धि, प्यार, प्रेम संबंध, संतान एवं शिक्षा का होता है जबकि बारहवां भाव खर्चों का होता है। अब शुक्र मीन राशि में मार्गी आपके दसवें भाव में हो रहे हैं जिसका संबंध आपके पेशेवर जीवन और करियर से होता है। इसके परिणामस्वरूप, आपका पेशेवर जीवन इस दौरान समृद्ध रहेगा और आपको कई तरह से लाभ की प्राप्ति होगी।

शुक्र मार्गी की अवधि में आपके वरिष्ठ अधिकारी आपकी नई सोच और सही निर्णय लेने की क्षमता को पहचानेंगे और इसके लिए आपको सराहना भी मिलेगी। आपके रिश्ते सहकर्मियों के साथ मज़बूत बनेंगे। इसके अलावा, आपको करियर के अनेक अवसर प्राप्त होंगे, विशेष रूप से विदेशों से या फिर काम के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा पर जाने के अवसर मिलेंगे। 

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कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके ग्यारहवें भाव और चौथे भाव के अधिपति देव हैं। बता दें कि ग्यारहवां भाव मनोकामनाओं की पूर्ति एवं भौतिक इच्छाओं का होता है जबकि कुंडली का चौथा भाव शांति, भावनाओं, परिवार की ख़ुशियों, माता और जन्मभूमि का होता है। अब यह आपके नौवें भाव में मार्गी हो रहे हैं और ऐसे में, यह समय आपके लिए शानदार रहेगा। शुक्र की मार्गी चाल को स्त्री या महिलाओं से जड़े कार्यों में शामिल होने के लिए श्रेष्ठ कहा जाएगा। साथ ही, इस अवधि में आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। शुक्र की मार्गी अवस्था धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा की योजना बनाने के लिए उत्तम रहेगा। 

इस दौरान आपको काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है जो आपके लिए लाभदायक साबित होगी। ऐसे में, आप ख़ुश और संतुष्ट दोनों दिखाई देंगे। चाहे आप दोस्तों या परिवार के साथ यात्रा या किसी ट्रिप पर जाएं, वह आपके लिए फलदायी रहेगा। संभव है कि इस दौरान आपका सारा ध्यान घर-परिवार की जरूरतों को पूरा करने पर हो या फिर अगर आप घर के लिए कोई बड़ी खरीदारी करने जैसे कि नया घर, वाहन आदि के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह समय अच्छा रहेगा। ऐसे में, आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकेंगे। 

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में, यह समय आपके मान-सम्मान में वृद्धि करेगा। हालांकि, वर्तमान समय में शुक्र ग्रह मीन राशि में विराजमान हैं। इनके प्रभाव से आपकी दूर दृष्टि बेहतर बनेगी और ऐसे में, लोग आपको पसंद करेंगे। साथ ही, आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। आपको बता दें कि सातवें भाव में बैठकर शुक्र की दृष्टि आपके लग्न भाव पर होगी। इसके फ़लस्वरूप, आपका जीवन प्रेम और आनंद से भरा रहेगा।  आप अपने सौंदर्य को लेकर सजग रहेंगे।     

आर्थिक जीवन के भाव दूसरे और भाग्य भाव के स्वामी के रूप में शुक्र की मार्गी अवस्था आपके लिए धन से जुड़े अनेक अवसर लेकर आएगी। जीवनसाथी की सहायता से आप आर्थिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। शुक्र मार्गी का समय धन संबंधित बड़े फैसले लेने और अविवाहित जातको के लिए अपने पिता, गुरु या मेंटर की सलाह का पालन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके अलगाव, हानि और अध्यात्म के भाव यानी कि बारहवें भाव के साथ-साथ रिश्ते और विवाह के भाव अर्थात सातवें भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके पांचवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएंगे। बता दें कि इस राशि में शुक्र देव उच्च अवस्था में होते हैं और इनका संबंध आनंद, संतोष, प्रेम और रोमांस आदि से है जो कि पांचवें भाव के गुणों से मिलता है, इसलिए इनसे मिलने वाले परिणाम अनुकूल हो सकते हैं।   

वृश्चिक राशि के जो जातक सिंगल हैं, वह इस अवधि में किसी दूसरी संस्कृति या किसी दूसरे देश में रहने वाले इंसान के साथ रिलेशनशिप में आ सकते हैं। वहीं, जिन जातकों का संबंध कला से जुड़े क्षेत्रों से है या फिर फिल्म या सोशल मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत हैं, उन्हें इस अवधि में करियर में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके अलावा, इस दौरान आपको घूमना-फिरना या ट्रेवल खुशी देने का काम करेगा। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान 

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके सातवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं। कुंडली में सातवां भाव रिलेशनशिप का होता है जबकि दूसरे भाव का संबंध धन से होता है। इन जातकों को अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि सातवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र आपके बारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में, यह आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकते हैं। अगर आपने कोई लोन लिया हुआ है, तो यह अवधि आपके लिए मुश्किल रह सकती है क्योंकि इस दौरान आप उसे चुकाने में नाकाम रह सकते हैं या फिर आपको धन का प्रबंधन करना कठिन लग सकता है इसलिए आपको थोड़ा सावधान होकर चलना होगा।

शुक्र मीन राशि में मार्गी के दौरान आपको बहुत सोच-समझकर धन के संबंध में फैसले लेने होंगे क्योंकि यह दूसरे भाव के स्वामी के रूप में आपके बारहवें भाव में जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों को अपने दोस्तों या करीबी रिश्तेदारों को भी पैसे उधार देने से बचना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि यह पैसा कभी आपको वापस न मिले। धन हानि या खर्चों का बढ़ना, विशेषकर रोगों के इलाज में पैसा लगने से आप तनाव में आ सकते हैं।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले/लग्न भाव में मार्गी हो रहे हैं। बता दें कि मीन राशि में शुक्र अपनी उच्च अवस्था में होंगे। इस राशि में मौजूद शुक्र पापी ग्रहों के साथ युति का निर्माण करेंगे जैसे कि शनि, सूर्य और राहु। मीन राशि वालों के लिए इन तीन ग्रहों के साथ शुक्र का होना अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस समय आपको अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखना होगा और लापरवाही बरतने से बचना होगा क्योंकि आपको गर्भाशय से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

छाया ग्रह राहु के साथ शुक्र की युति की वजह से आप अपने आकर्षक व्यक्तित्व का फायदा उठाते हुए दूसरों को ऐसे गलत काम करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं जिसका सीधा लाभ आपको प्राप्त होगा। यह एक ऐसी अवधि होगी जब आपके इरादों या चरित्र पर लोग सवाल उठाने का काम कर सकते हैं जिसका गहरा असर आपके आत्मसम्मान पर पड़  सकता है। इसी क्रम में, आपको दूसरे लोगों के साथ बातचीत करते समय काफ़ी सतर्क रहना होगा क्योंकि इस बात की संभावना है कि आप छलकपट या धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। साथ ही, नौकरी में परिवर्तन या अनचाहा ट्रांसफर आपकी परेशानी का सबब बन सकता है। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: सरल एवं प्रभावी उपाय  

  • शुक्र ग्रह के प्रभावों में वृद्धि और घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए प्रत्येक शुक्रवार देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
  • खुद को आत्मविश्वासी और आकर्षक बनाने के लिए छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें। 
  • कुंडली में शुक्र को बलवान करने के लिए आप मध्यमा उंगली में हीरा या ओपल पहनें। हालांकि, किसी भी रत्न को पहनने से पहले विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
  • शुक्रवार  के दिन व्रत करें। साथ ही, गरीब कन्याओं और स्त्रियों को घर में बनी खीर बांटें।
  • प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। 
  • नियमित रूप से परफ्यूम या इत्र का इस्तेमाल करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. शुक्र ग्रह की नीच राशि कौन सी है?

कन्या राशि। 

2. ज्योतिष के अनुसार शुक्र किसके कारक हैं?

शुक्र ग्रह को प्रेम, पत्नी और विलासिता का प्रतीक माना जाता है।

3. शुक्र देव का शत्रु कौन हैं?  

सूर्य और चंद्र ग्रह। 

सूर्य का मेष राशि में गोचर, इन राशियों पर पड़ सकता है भारी, इनकी होगी बल्‍ले-बल्‍ले!

सूर्य का मेष राशि में गोचर, इन राशियों पर पड़ सकता है भारी, इनकी होगी बल्‍ले-बल्‍ले!

सूर्य गोचर 2025: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं सूर्य का मेष राशि में गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग। 14 अप्रैल, 2025 को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसका देश-दुनिया एवं राशियों पर गहरा प्रभाव देखने को मिलेगा।

सूर्य को मेष राशि में उच्‍च का माना जाता है, तो क्‍या सूर्य के इस गोचर से शुभ परिणाम प्राप्‍त होंगे? जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर का देश-दुनिया, शेयर मार्केट और राशियों पर क्‍या असर पड़ेगा।

आप कैसे हैं, आपका व्‍यक्‍तित्‍व कैसा है और आपके अंदर क्‍या गुण हैं, वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति से इन सभी चीज़ों का पता चलता है। कुंडली में सूर्य को सबसे महत्‍वपूर्ण ग्रहों में से एक माना गया है जो कि अहंकार, उत्‍साह एवं रचनात्‍मक ऊर्जा का कारक है। सूर्य किस राशि और भाव में बैठा है, इसके आधार पर व्‍यक्‍ति के चरित्र के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। इससे उसके जीवन के उद्देश्‍य और दुनिया के सामने खुद को व्‍यक्‍त करने के तरीके के बारे में भी पता चल सकता है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: समय

ज्‍योतिषशास्‍त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है। अब सूर्य अपनी उच्‍च राशि मेष में गोचर करने जा रहे हैं। सूर्य का मेष राशि में होना सूर्य की सबसे शक्‍तिशाली स्थितियों में से एक मानी जाती है। इस बार 14 अप्रैल, 2025 को सुबह 03 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।

सूर्य का मेष राशि में गोचर: विशेषताएं

मेष राशि में सूर्य के होने पर व्‍यक्‍ति साहसी, ऊर्जा से भरपूर और आत्‍मविश्‍वासी बनता है। मेष अग्नि तत्‍व की राशि है जिसके स्‍वामी ग्रह मंगल हैं। मंगल कार्य करने और प्रे‍रणा का कारक है जिससे इस राशि वाले जातक गतिशील और साहसी होते हैं।

  • आत्‍मविश्‍वासी और आत्‍मनिर्भर: मेष राशि वाले जातकों को उनके आत्‍मविश्‍वास के लिए जाना जाता है। ये आत्‍मनिर्भर होते हैं और अपने लक्ष्‍यों को पाने एवं निर्णय लेने के लिए खुद पर भरोसा करते हैं। ये खुद पर विश्‍वास करते हैं और अपनी बात पर अडिग रहते हैं।
  • जोश और उत्‍साह से भरपूर: जिन लोगों की कुंडली में मेष राशि में सूर्य स्थित होता है, वे जातक जोश से भरपूर होते हैं। ये उत्‍साह के साथ जीवन जीते हैं और हमेशा आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं। ये चुनौतियों का सामना करने से डरते नहीं है और तेजी से कार्य करते हैं।
  • साहसी और निडर होते हैं: मेष राशि वालों को जोखिम उठाने में बिलकुल भी डर नहीं लगता है। ये चुनौतियों का सामना करने से कतराते नहीं हैं। इनकी मानसिकता डरने की नहीं बल्कि कुछ करने की होती है। अपने इस निडर स्‍वभाव के कारण ये सफल हो सकते हैं लेकिन कभी-कभी यह प्रवृत्ति इन्‍हें लापरवाह भी बना सकती है।
  • आवेगशील और जल्‍दी गुस्‍सा करते हैं: मेष राशि वाले आवेणपूर्ण हो सकते हैं और जल्‍दबाज़ी में निर्णय ले सकते हैं। इस आवेग की वजह से इनमें कुंठा आ सकती है या इनसे गलतियां हो सकती हैं। इन्‍हें बहुत जल्‍दी गुस्‍सा आता है लेकिन थोड़ी ही देर में चला भी जाता है।
  • प्रतिस्‍पर्धी और महत्‍वाकांक्षी होते हैं: मेष राशि के जातकों के अंदर जीतने और सर्वश्रेष्‍ठ बनने की मज़बूत इच्‍छा होती है। बात चाहे करियर की हो या खेल या फिर निजी जीवन में आने वाली चुनौतियों की, ये बहुत ज्‍यादा प्रतिस्‍पर्धी होते हैं। इनकी महत्‍वाकांक्षाएं इन्‍हें लगातार प्रेरित करती रहती हैं।
  • आशावादी और प्रेरक होते हैं: जिन जातकों की कुंडली में मेष राशि में सूर्य होता है, वे लोग जीवन के प्रति आशावादी रवैया रखते हैं। इनकी सकारात्‍मक ऊर्जा दूसरों को प्रेरित करती है। इनके अंदर स्‍वाभाविक रूप से लीडर बनने का गुण होता है। ये खुद को और दूसरों को कार्य करने एवं अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए प्रेरित करने में माहिर होते हैं।
  • सीधी बात करते हैं: मेष राशि वाले सीधी बात करना पसंद करते हैं। ये किसी भी बात को घुमा-फिराकर नहीं कहते हैं और जो भी कहना होता है सीधा कह देते हैं। ये स्‍पष्‍टता को महत्‍व देते हैं और धोखे को नापसंद करते हैं।
  • बेचैन और आसानी से बोर होने वाले: इन्‍हें हमेशा कुछ न कुछ ऐसा चाहिए होता है, जो इन्‍हें उत्तेजित करे। मेष राशि वाले अपनी दिनचर्या या किसी भी ऐसी चीज़ से ऊब जाते हैं, जो स्थिर लगती है। इन्‍हें किसी भी काम में अपनी रुचि बनाए रखने के लिए उत्‍साहित रहने, अलग-अलग चीज़ें करने और बदलाव की ज़रूरत होती है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: विश्‍व पर प्रभाव

सरकार

  • सूर्य का मेष राशि में गोचर होने पर सरकार और कुछ राजनेता ऐसे महत्‍वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं जो देश को सकारात्‍मक एवं महत्‍वपूर्ण तरीके से प्रभावित करेंगे।
  • भारत और दुनियाभर की सरकारें अपने-अपने देश में अपनी स्थिति को लेकर आशवस्‍त रहेंगी। इस गोचर के दौरान वे और अधिक मज़बूत होंगे।
  • राजनेताओं, शिक्षकों, विद्वानों, आध्‍यात्मिक उपदेशकों, काउंसलर, पब्लिक रिलेशन, लेखकों, कलाकारों, मूर्तिकारों, सरकारी अधिकारियों और प्रशासकों के लिए यह गोचर अत्‍यंत लाभकारी रहने वाला है।
  • इस समय सरकार देश की आंतरिक व्‍यवस्‍था को अच्‍छे से संभालने में सक्षम होगी।
  • सरकारी या उच्‍च पदों पर बैठे लोग अपनी जिम्‍मेदारियों को उत्‍कृष्‍टता से निभाएंगे। इनके कार्यों के लिए इनकी प्रशंसा की जा सकती है।

व्‍यवसाय और आर्थिक स्थिति

  • वित्तीय संस्‍थाएं जैसे कि बैंक, देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रणाली और न्‍याय प्रणाली में अचानक सुधार देखने को मिल सकता है। इन सभी क्षेत्रों को और अधिक मज़बूत करने के लिए नई नीतियां भी लागू की जा सकती हैं।
  • अधिकांश व्‍यवसायों और दुनियाभर के व्‍यापारियों को मार्केट के अंदर एक नई ऊर्जा का अनुभव होगा एवं चीज़ें सही दिशा में आगे बढ़ेंगी।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: स्‍टॉक मार्केट पर असर

  • केमिकल उद्योग, पब्लिक सेक्‍टर, फार्मास्‍यूटिकल सेक्‍टर, बिजली सेक्‍टर और सीमेंट उद्योग अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे।
  • इलेक्ट्रिक उत्‍पाद बनाने वाले उद्योग, इलेक्‍ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट, उद्योग, डायमंड इंडस्‍ट्री, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग इंडस्‍ट्री भी इस समयावधि में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
  • एड-टेक यानी शिक्षण एवं टेक्‍नोनॉजी कंपनियां और शिक्षण संस्‍थान अच्‍छा प्रदर्शन करते हुए नज़र आएंगे।
  • सोने के दाम नई ऊंचाईयां छू सकते हैं।

सूर्य का मेष राशि में गोचर: रिलीज़ होने वाली फिल्‍में

फिल्‍म का नामस्‍टार कास्‍टरिलीज़ की तारीख़
तेरी मेहरबानियांशक्‍ति कपूर और तनवी वर्मा15 अप्रैल, 2025
द भूतनीसंजय दत्त और पलक तिवारी18 अप्रैल, 2025
किक 2सलमान खान20 अप्रैल, 2025

सूर्य ग्रह का मेष राशि में गोचर का मनोरंजन उद्योग पर बहुत सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा क्‍योंकि सूर्य रचनात्‍मकता को दर्शाता है। हालांकि, रचनात्‍मकता का कारक शुक्र उच्‍च अवस्‍था में होने पर भी शनि और राहु जैसे अशुभ ग्रहों के बीच फंसा हुआ है जिससे मनोरंजन उद्योग के लिए अप्रैल का महीना ज्‍यादा अच्‍छा साबित नहीं होगा और फिल्‍में अच्‍छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगी।

तेरी मेहरबानियां बॉक्‍स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन कर सकती है जबकि द भूतनी औसत बिज़नेस करेगी। वहीं किक 2 बॉक्‍स ऑफिस पर अच्‍छा प्रदर्शन कर के फिल्‍म उद्योग को थोड़ी राहत दे सकती है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्‍मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवे भाव के स्‍वामी हैं जो कि साझेदारी, प्‍यार और संतान का कारक है। अब सूर्य आपके पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि व्‍यक्‍तित्‍व, चरित्र और स्‍वयं का कारक होता है। पेशेवर जीवन में सूर्य का मेष राशि में गोचर करने से आपको अपने काम के लिए प्रेरणा और उत्‍साह मिलेगा। इससमय आप अधिक महत्‍वाकांक्षी, प्रभावशाली और आत्‍मविश्‍वासी होंगे। इससे आप अपने कार्यक्षेत्र में आसानी से जोखिम उठा पाएंगे। मेष राशि वाले अपने लक्ष्‍यों को पाने एवं विकार के अवसरों का लाभ उठाने को लेकर बहुत ज्‍यादा आक्रामक हो सकते हैं।

इस गोचर के दौरान मेष राशि के जातकों को अपने करियर में काफी उन्‍नति देखने को मिल सकती है जैसे कि उन्‍हें प्रमोशन मिल सकता है, उनके काम को पहचान मिल सकती है या फिर उन्‍हें या बिज़नेस शुरू करने का मौका मिल सकता है। इनकी नेतृत्‍व करने की क्षमता और काम करने का दिलचस्‍प तरीका, इनके वरिष्‍ठ अधिकारियों या संभावित बिज़नेस पार्टनर का ध्‍यान आकर्षित कर सकती है। मेष राशि के जातकों को अपनी काबिलियत को दिखाने और कार्यस्‍थल में किसी खास वरिष्‍ठ अधिकारी से चुनौतियों को स्‍वीकार करने का शानदार अवसर होगा।

मेष राशिफल 2025

मिथुन राशि

मिथुन राशि के ग्‍यारहवें भाव में सूर्य का गोचर होने जा रहा है जो कि संपत्ति और इच्‍छा का कारक है। मिथुन राशि के तीसरे भाव के स्‍वामी सूर्य देव हैं। यह भाव भाई-बहन, पड़ोसियों और लघु यात्रा को दर्शाता है। करियर के मामले में मिथुन राशि वालों के ग्‍यारहवें घर पर सूर्य के गोचर का प्रभाव पड़ेगा। आपके वेतन में वृद्धि होने के संकेत हैं। इसके साथ ही आपको पदोन्‍नति का अवसर भी मिल सकता है।

अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्‍त करने के अलए आप अपने प्रबंधन कौशल को और बेहतर करने एवं अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ मज़बूत संबंध बनाने पर ध्‍यान दे सकते हैं। आप एक साथ कई काम करने में माहिर होंगे जिससे आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होगी और इंडस्‍ट्री में आपकी स्थिति में सुधार आएगा।

मिथुन राशिफल 2025

कर्क राशि

कर्क राशि के दूसरे भाव में सूर्य विराजमान हैं और अब वह इस राशि के दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह सूर्य की उत्तम स्थिति है। इस समय आपको अपने कार्यस्‍थल में बड़ी उपलब्धियां और मान्‍यता मिलने के संकेत हैं। आपको अपने क्षेत्र में सफल होने के अवसर प्राप्‍त होंगे।। इसके साथ ही आप कोई कौशल भी सीख सकते हैं जैसे कि काम को प्रबंध करना या फिर आपको प्रमोशन भी मिल सकता है। आपके कार्यस्‍थल का माहौल सकारात्‍मक रहेगा जिससे आपको अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी। वहीं सहकर्मियों और मैनेजर के साथ सकारात्‍मक बातचीत होने से करियर के क्षेत्र में प्रगति हासिल होगी।

आपको निवेश पर वित्तीय लाभ होने के आसार हैं। व्‍यापारियों के पास जल्‍द ही विकास और वृद्धि के अधिक अवसर होंगे जिससे उन्‍हें सफलता और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। आर्थिक स्‍तर पर वित्तीय विकास और स्थिरता के कई अवसर मिलने की वजह से पैसों की बचत और धन संचय करने के लिए अनुकूल समय है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के पहले भाव के स्‍वामी सूर्य ग्रह हैं जिसका संबंध चरित्र, विशिष्‍टता और पहचान से होता है। नौवें भाव का संबंध उच्‍च शिक्षा, धर्म और अध्‍यात्‍म से होता है एवं सूर्य का मेष राशि में गोचर होने के दौरान सूर्य ग्रह सिंह राशि के नवम भाव में गोचर करेंगे जो कि सूर्य की उच्‍च स्थिति है। इस गोचर के दौरान आपको करियर में शानदार सफलता और अवसर मिलने के योग हैं। इस समय आपको पदोन्‍नति, वेतन में वृद्धि और अन्‍य उपलब्धियां मिल सकती हैं।

आपको उच्‍च पद की नोकरी का अवसर या उच्‍च लाभ के साथ पदोन्‍नति मिलने की संभावना है। यह समय व्‍यवसाय और व्‍यापारिक कार्यों के विस्‍तार के लिए अनुकूल रहने वाला है।

सिंह राशिफल 2025

वृश्चिक राशि

सूर्य दसवें भाव का स्‍वामी है जिसका संबंध नाम, सिलेब्रिटी और पहचान से होता है। अब सूर्य छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि कर्ज़, शत्रु और रोग का कारक है। सूर्य का मेष राशि में गोचर होने पर आपको अपने करियर में प्रगति मिलेगी। आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है, प्रमोशन मिल सकता है या आपकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को पहचान मिल सकती है।

आप अपने क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंच सकते हैं और आत्‍मविश्‍वास एवं कौशल के साथ टीम एवं प्रोजेक्‍ट का नेतृत्‍व कर सकते हैं। इसके अलावा करियर में प्रगति के अवसर मिल सकते हैं साथ ही खासतौर पर पब्लिक सेक्‍टर में नौकरी के नए ऑफर मिलने के भी योग हैं। व्‍यापारियों के लिए भी यह समय अनुकूल है। आप अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़कर आगे निकल जाएंगे। उन्‍हें आप जितनी सफलता पाने का बहुत कम ही मौका मिलेगा।

वृश्चिक राशिफल 2025

धनु राशि

धनु राशि के नौवें भाव के स्‍वामी सूर्य देव हैं और इस भाव का संबंध अध्‍यात्‍म, लंबी यात्रा और उच्‍च शिक्षा से होता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान सूर्य आपके पांचवे भाव में प्रवेश करेगा जो कि प्रेम, रोमांस और संतान का भाव है। चूंकि, यह गोचर आपके पांचवे भाव में होने जा रहा है इसलिए इससे आपको करियर में लाभ होगा। आपको करियर में उन्‍नति और नए अवसर मिलने की संभावना है।

आप उत्‍साह और पेशेवर तरीके से काम कर के अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त कर सकते हैं। आप अपने पेशेवर लक्ष्‍यों को पाने के लिए नई रणनीतियां अपना सकते हैं। व्‍यापारियों को भी खासतौर पर साझेदारी से अधिक पैसा कमाने का मौका मिलेगा। इस समय आपके सारे लक्ष्‍य और इच्‍छाएं पूरी होंगी।

 धनु राशिफल 2025

सूर्य का मेष राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्‍मक प्रभाव

तुला राशि

तुला राशि के ग्‍यारहवें भाव का स्‍वामी सूर्य है। यह भाव भौतिक सुख और इच्‍छाओं का कारक होता है। अब सूर्य विवाह और संबंधों का कारक यानी सप्‍तम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। तुला राशि वालों को कार्यस्‍थल में खासतौर पर अपने सहकर्मियों के साथ संबंधों को लेकर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा ये जातक अपने कार्यक्षेत्र में अधिक परेशान और तनाव में रह सकते हैं जिसकी वजह से अचानक यात्राएं और प्रतिकूल परिणाम मिलने के संकेत हैं। आपको अपने कार्यस्‍थल पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है जिससे निर्णय लेते समय सावधानी बरतने की ज़रूरत होगी अन्‍यथा आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है।

तुला राशिफल 2025

मीन राशि

सूर्य जो कि पहले मीन राशि के छठे भाव का स्‍वामी था, अब सूर्य का मेष राशि में गोचर होने के दौरान वह आपके दूसरे भाव में उच्‍च का है। आमतौर पर सूर्य के दूसरे भाव में होने को अत्‍यधिक लाभकारी नहीं माना जाता है।

इस दौरान आपको मुंह से संबंधित समस्‍याएं, आंखों से जुड़े विकार और वित्तीय नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा आपके अपने रिश्‍तेदारों के साथ संबंध खराब हो सकमे हैं। हालांकि, अगर आप लोन और वित्तीय सहायता लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह गोचर लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

सूर्य का मेष राशि में गोचर: उपाय

  • गुड़ और दूध से बनी मिठाईयों का दान करें।
  • रविवार के दिन मंदिर या वरिष्‍ठ पुरुषों को गेहूं और तांबे के बर्तन दान में दें।
  • रोज़ तुलसी के पौधे को पानी दें और उसकी पूजा करें। रविवार के दिन तुलसी पूजन न करें।
  • आप नियमित रूप से आदित्‍य स्‍तोत्रम का पाठ करें।
  • आप ज्यादा से ज्‍यादा लाल और नारंगी रंग का प्रयोग करें।
  • आप रोज़ तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें गुलाब की कुछ पंखुडियां डालकर सूर्य को अर्घ्‍य दें।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. किस बिंदु पर सूर्य सर्वोच्‍च उच्‍चता पर होता है?

उत. 10 डिग्री पर।

प्रश्‍न 2 सूर्य किसका कारक हैं?

उत्तर. सूर्य आत्‍मा का कारक हैं और कुंडली में यह पिता, प्रशासन, आरोग्‍य बल, आंखों, हड्डियों और आत्‍मविश्‍वास को दर्शाता है।

प्रश्‍न 3. सूर्य का किन ग्रहों के साथ मैत्री संबंध है?

उत्तर. बृहस्‍पति, चंद्रमा और मंगल।

मीन राशि में शुक्र की मार्गी चाल शेयर बाज़ार के लिए रहेगी अशुभ, रहना होगा सावधान!

मीन राशि में शुक्र की मार्गी चाल शेयर बाज़ार के लिए रहेगी अशुभ, रहना होगा सावधान!

शुक्र मीन राशि में मार्गी: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों के लिए ज्योतिष की दुनिया में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव की जानकारी लेकर आता है। अब प्रेम एवं ऐश्वर्य के कारक ग्रह कहे जाने वाले शुक्र 13 अप्रैल 2025 को मीन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। ऐसे में, शुक्र देव की चाल में होने वाले इस बदलाव का असर देश-दुनिया के साथ-साथ सभी राशियों पर पड़ेगा, इस बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में होंगे। ऐसे में, क्या शुक्र की मार्गी अवस्था आपके जीवन को नकारात्मक या सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी? आइए जानते है। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: समय 

वैदिक ज्योतिष में शुक्र महाराज प्रेम, सुंदरता और कला का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अब मीन राशि में मार्गी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शुक्र देव 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर अपनी उच्च राशि मीन में मार्गी हो रहे हैं। बता दें कि शुक्र की मीन राशि में स्थिति को बेहद अच्छा माना जाता है और ऐसे में, इनकी मार्गी चाल जातकों के जीवन में असामान्य और अनिश्चित घटनाएं लेकर आ सकती हैं। चलिए अब जानते हैं कि राशि चक्र की सभी 12 राशियों को शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर किस तरह के परिणाम देंगे। हालांकि, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि शुक्र देव मीन राशि में पापी ग्रह शनि, राहु और सूर्य के साथ मौजूद होंगे। ऐसे में, आपको शुक्र मार्गी से मिलने वाले शुभ परिणामों में कमी आ सकती है। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: विशेषताएं 

शुक्र की मीन राशि में मौजूदगी रिश्ते और प्रेम जीवन में प्रेम और रोमांस लेकर आती है। जिन जातकों का जन्म शुक्र मीन राशि के तहत होता है, वह बेहद दयालु और कोमल हृदय वाले होते हैं। इन लोगों का नज़रिया प्रेम को लेकर सकारात्मक होता है और इन्हें साथी के रूप में ऐसे शख्स की तलाश रहती है जिनके साथ यह आध्यात्मिक रूप से जुड़ाव महसूस कर सकें। इन लोगों की जीवनसाथी को लेकर अपेक्षाएं हकीकत से परे हो सकती हैं क्योंकि यह एक ऐसी प्रेम कहानी चाहते हैं जो एकदम परफेक्ट हो। शुक्र की मीन राशि में स्थिति रचनात्मकता और कला को भी दर्शाती है। जो लोग मीन राशि में शुक्र के अंतर्गत जन्म लेते हैं, उनका झुकाव अक्सर संगीत, कविता, विज़ुअल और खुद को दूसरे के सामने सही तरीके से व्यक्त करने आदि में होता है। सुंदरता को लेकर इनका दृष्टिकोण सबसे अलग और विशिष्ट होता है।

शुक्र मीन राशि के अंतर्गत पैदा होने वाले जातकों में जिम्मेदारियों से बचने की प्रवृत्ति हो सकती है या फिर यह सपनों की दुनिया में खोए रहने वाले हो सकते हैं। अगर इनके रिश्ते में कभी भी उतार-चढ़ाव आते हैं, तो यह इन परिस्थितियों का सामना करने के बजाय इनसे बचने के लिए अपने संसार में खुद को सीमित कर सकते हैं। हालांकि, इनके चरित्र में कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं जिनमें आपके अच्छे-बुरे गुणों की परवाह किए बिना आपको अत्यंत प्रेम करना, आपके प्रति वफादार होना और साथी के प्रति प्रेमपूर्ण होना शामिल हैं। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: विश्व पर प्रभाव

ट्रांसपोर्ट एवं टूरिज्म

  • शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर यातायात और शिपिंग से जुड़े क्षेत्रों में कुछ बड़े परिवर्तन लेकर आ सकते हैं।
  • इस अवधि में विभिन्न देशों के बीच ज़मीन को लेकर राजनीतिक संबंध बिगड़ सकते हैं जिसकी वजह शुक्र महाराज का पापी ग्रहों के साथ बैठे होना होगा।
  • शुक्र मार्गी के दौरान टूरिज्म इंडस्ट्री में गिरावट देखने को मिल सकती है या फिर कोई बड़ी दुर्घटना इस पर बुरा असर डाल सकती है।
  • होटल और खानपान से जुड़े क्षेत्र विशेषकर पैक्ड फ़ूड इंडस्ट्री की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। 

फैशन और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री    

  • शुक्र के मीन राशि में मार्गी होने की अवधि में डिज़ाइनर, वेब डिज़ाइनर और फाइन आर्ट से जुड़े लोगों को बिक्री और मांग में कमी देखने को मिल सकती है।
  • इस दौरान कॉस्मेटिक इंडस्ट्री के साथ-साथ बाल और त्वचा से संबंधित सेक्टरों में भी मंदी नज़र आ सकती है। लेकिन, आर्गेनिक प्रोडक्ट्स की मांग में तेज़ी आने की संभावना है। 
  • शुक्र के मार्गी होने का असर देश के साथ-साथ विश्व स्तर पर भारतीय कपड़ा उद्योग और हैंडलूम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। ऐसे में, इन क्षेत्रों के कारोबार की रफ़्तार सुस्त पड़ सकती है।
  • विश्व स्तर पर फैशन इंडस्ट्री और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में गिरावट आने की आशंका है। साथ ही, फैशन से जुड़ीं चीज़ों की मांग कम हो सकती है। 

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मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री  

  • जर्नलिज्म, मीडिया और पब्लिक रिलेशन से जुड़ाव रखने वाले लोगों को जनता की नाराज़गी झेलनी पड़ सकती है।
  • शुक्र मार्गी होने के दौरान लेखक और गायक उतना नाम और प्रसिद्धि प्राप्त नहीं कर पाएंगे जितना वह हासिल करना चाहते थे।  

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी 

शुक्र महाराज अब 13 अप्रैल 2025 को मीन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं और ऐसे में, यह जातकों के जीवन, देश-दुनिया सहित स्टॉक मार्केट को भी प्रभावित करेंगे। इसी क्रम में, एस्ट्रोसेज एआई आपके लिए शेयर बाजार भविष्यवाणी लेकर आया है जिसके माध्यम से आप जान सकेंगे कि शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर बाज़ार के प्रत्येक क्षेत्र और सेक्टर को किस तरह से प्रभावित करेंगे। 

  • इस महीने के अंत में कॉस्मेटिक, ब्यूटी और परफ्यूम से जुड़े क्षेत्रों को मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
  • शुक्र मीन राशि में मार्गी होने के दौरान फैशन इंडस्ट्री और कपड़ा उद्योग में भी गिरावट आने का अनुमान है।  
  • रिलायंस ब्रांड और विभिन्न उद्योगों, विशेष रूप से फैशन से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाले सेक्टर को मांग और लाभ में कमी का अनुभव हो सकता है।
  • शुक्र की मार्गी चाल कॉस्मेटिक क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। 
  • शेयर बाजार को भी शुक्र देव की वजह से नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में, शेयर की कीमतों और व्यापार को हानि झेलनी पड़ सकती है क्योंकि शुक्र देव पापी ग्रह के साथ विराजमान होंगे। 

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या शुक्र एक पापी ग्रह है? 

नहीं, कुंडली में शुक्र देव बृहस्पति ग्रह के बाद सबसे शुभ एवं लाभकारी ग्रहों में से एक माने गए हैं।

2. क्या हमेशा शुक्र वक्री चाल चलते हैं?

नहीं, सामान्य रूप से शुक्र मार्गी चाल या सीधी गति में आगे बढ़ते हैं, लेकिन यह एक वर्ष में लगभग दो या तीन बार वक्री हो जाते हैं।

3. क्या गुरु ग्रह शुक्र का मित्र है? 

नहीं, ज्योतिष में बृहस्पति और शुक्र ग्रह एक-दूसरे के प्रति तटस्थ संबंध रखते हैं।

कामदा एकादशी 2025: इस दिन राशि अनुसार लगाएं श्री हरि को भोग!

कामदा एकादशी 2025: इस दिन राशि अनुसार लगाएं श्री हरि को भोग!

कामदा एकादशी 2025: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्‍व है। ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार एक माह में दो एकादशी तिथि पड़ती हैं जिससे साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं। चैत्र माह के शुक्‍त पक्ष को आने वाली एकादशी तिथि को कामदा एकादशी 2025 के नाम से जाना जाता है। प्रत्‍येक एकादशी की तरह इस दिन भी भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की आराधना की जाती है। अपनी मनोकामना की पूर्ति, कष्‍टों से मुक्‍ति और सुख-समृद्धि की कामना से इस दिन व्रत रखा जाता है।

एस्‍ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको कामदा एकादशी 2025 की‍ तिथि, महत्‍व और पूजन विधि आदि के बारे में बताएंगे। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वर्ष 2025 मे कामदा एकादशी कब पड़ रही है।

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कब है कामदा एकादशी 2025

कामदा एकादशी 08 अप्रैल, 2025 को मंगलवार के दिन पड़ रही है। 07 अप्रैल, 2025 को रात्रि 08 बजकर 03 मिनट से एकादशी तिथि आरंभ हो जाएगी जिसका समापन 08 अप्रैल को रात्रि 09 बजकर 15 मिनट पर होगा। कामदा एकादशी को ‘चैत्र शुक्‍ल एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है क्‍योंकि यह चैत्र नवरात्रि के बाद आती है।

कामदा एकादशी 2025 की पूजन वि‍धि

  • एकादशी 2025 व्रत से एक दिन पूर्व भोजन करने के पश्‍चात् भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करें। इसके अगले दिन कामदा एकादशी पर सुबह स्‍नान आदि से निवृत्त होने के बाद अपने घर के पूजन स्‍थल में व्रत रखने का संकल्‍प लें।
  • इस एकादशी पर भगवान विष्‍णु को पुष्‍प, फल दूध, पंचामृत, तिल आदि अर्पित करें।
  • पूजन के बाद दिनभर भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करें और उनके नाम का भजन करें। रात में भी जागरण करें। एकादशी के व्रत में अगले दिन पारण किया जाता है।

कामदा एकादशी 2025 के व्रत में क्‍या खाएं

  • कामदा एकादशी पर व्रत रखने पर एक ही समय पर भोजन किया जाता है जिसमें दूध से बने उत्‍पाद, फल, सब्जियां और सूखे मेवे शामिल होते हैं।
  • इस दिन सात्विक और शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए।
  • किसी भी एकादशी पर चावल, मूंग दाल, गेहूं और जौ नहीं खाना चाहिए।
  • सूर्यास्‍त से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए लेकिन अन्‍न का सेवन एकादशी के अगले दिन ब्राह्मण को दक्षिणा और भोजन देने के बाद ही करना चाहिए।

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क्‍यों खास है कामदा एकादशी 2025

प्रथम एकादशी है: कामदा एकादशी हिंदू नववर्ष की प्रथम एकादशी तिथि है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से भी इच्‍छाओं की पूर्ति होती है।

पाप से मुक्‍ति: एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान से व्रत करने पर ब्रह्म हत्‍या जैसे पाप से भी मुक्‍ति मिल सकती है।

संतान प्राप्ति का आशीर्वाद: यदि कोई व्‍यक्‍ति संतान प्राप्ति की कामना रखता है, तो कामदा एकादशी का व्रत ज़रूर रखना चाहिए। इसके साथ ही संतान की लंबी उम्र और सफलता के लिए भी इस दिन व्रत रखा जा सकता है।

मोक्ष प्राप्‍त होता है: माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से सभी सांसारिक सुखों का आनंद लेने के बाद मनुष्‍य को भगवान विष्‍णु के वैकुंठ धाम में स्‍थान मिलता है।

कामदा एकादशी 2025 पर व्रत का पारण करने की विधि

  • एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद ही एकादशी व्रत का पारण किया जाता है। द्वादश तिथि के अंदर ही व्रत का पारण करना जरूरी होता है।
  • हरि वासर के दौरान पारण नहीं करना चाहिए। यदि द्वादश तिथि पर हरि वासर चल रहा है, तो इसके समाप्‍त होने का इंतज़ार करें और इसके बाद ही व्रत खोलें।
  • हरि वासर द्वादश तिथि की पहली एक चौथाई अवधि होती है। व्रत खोलने का सबसे सही समय प्रात: काल का होता है। इसके अलावा आप मध्‍याह्न के समय भी व्रत खोल सकते हैं।

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कामदा एकादशी 2025 पर भूलकर भी न करें ये काम

कामदा एकादशी ही नहीं बल्कि किसी भी एकादशी तिथि पर निम्‍न कार्य करने से बचना चाहिए:

  • देर तक न सोएं: शास्‍त्रों में एकादशी तिथि पर सुबह देर तक सोने को अशुभ माना गया है। इससे घर के अंदर नकारात्‍मक ऊर्जा आती है और कार्यों में अड़चनें आने का डर रहता है। एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान एवं पूजा कर लेनी चाहिए। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्‍य देना चाहिए।
  • चावल का सेवन: सभी कुल 24 एकादशियों पर चावल का सेवन करने से मना किया गया है। कहते हैं कि इस दिन चावल खाने से व्रत निष्‍फल हो सकता है। इसके बजाय आप दूध और कुट्टू के आटे से बनी चीज़ें एवं फल आदि खा सकते हैं।
  • सात्विक भोजन: इस दिन तामसिक भोजन करना वर्जित माना गया है। इसमें लहसुन, प्‍याज़, अंडा और मांस-मदिरा शामिल है। इसके अलावा ज्‍यादा मसालेदार भोजन करने से भी बचना चाहिए। इसके बजाय सात्विक भोजन करें।
  • किसी की निंदा न करें: एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन ईश्‍वर की भक्‍ति और नाम जप में लीन रहना चाहिए। किसी की बुराई करने या किसी को आहत करने से बचना चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य रखें: यदि आप व्रत का संपूर्ण फल प्राप्‍त करना चाहते हैं, तो एकादशी के व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दिन आप भजन-कीर्तन में लीन रह सकते हैं।
  • बाल काटना: एकादशी पर बाल या नाखून काटना अशुभ माना जाता है। इससे घर की सुख-समृद्धि नष्‍ट हो सकती है और घर में दरिद्रता आ सकती है।

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कामदा एकादशी 2025 पर व्रत किए बिना कैसे करें विष्‍णु जी को प्रसन्‍न

यदि आप किसी कारणवश व्रत नहीं रख सकते हैं, तो भी आप कुछ आसान तरीकों एवं उपायों से भगवान विष्‍णु को प्रसन्‍न कर सकते हैं।

  • एकादशी पर सुबह जल्‍दी उठें और साफ धुले हुए वस्‍त्र पहन लें। इसके बाद पूज-अर्चना करें।
  • भगवान विष्‍णु को हल्‍दी, चंदन और कुमकुम लगाएं एवं उनके आगे धूप-दीप दें और तुलसी की पत्तियां अर्पित करें।
  • आप कामदा एकादशी पर 108 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें।
  • भगवान विष्‍णु के मंदिर जाकर पूजा करें एवं भोग लगाएं।
  • एकादशी पर अन्‍न, वस्‍त्र और धन का दान करने का बहुत महत्‍व है। इस दिन गाय को चारा खिला सकते हैं।

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कामदा एकादशी 2025 पर राशि अनुसार लगाएं भोग

जानिए कि कामदा एकादशी पर भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए आप राशि अनुसार किन चीज़ों का भोग लगा सकते हैं: 

  • मेष राशि: आप विष्णु जी को अनार या मीठी पोंगल चढ़ाएं। इससे आपके जीवन में सकारात्‍मकता आएगी और अड़चनें दूर होंगी।
  • वृषभ राशि: यदि आपकी वृषभ राशि है, तो आप विष्‍णु जी को दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। इससे आपके जीवन में संपन्‍नता और सुख-शांति का आगमन होगा।
  • मिथुन राशि: इस राशि वाले मखाने और गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपकी बुद्धि में वृद्धि होगी और आप मानसिक रूप से स्थिर होंगे।
  • कर्क राशि: आपको एकादशी पर विष्‍णु जी को नारियल के लड्डू चढ़ाने चाहिए। इससे आप भावनात्‍मक रूप से मज़बूत होंगे और आपके परिवार में सुख-शांति आएगी।
  • सिंह राशि: इस राशि वाले शहद और आटे का हलवा बनाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके साहस और आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होगी और आपको ईश्‍वर का आशीर्वाद मिलेगा।
  • कन्‍या राशि: जिन लोगों की कन्‍या राशि है, वे तुलसी से बना पंचामृत अर्पित करें। इससे आपके अंदर सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार होगा।
  • तुला राशि : आप भगवान विष्‍णु को मिश्री और मलाई का भोग लगाएं। यह उपाय करने से आपके जीवन में संतुलन और खुशियां आएंगी।
  • वृश्चिक राशि: आप ईश्‍वर को गुड़ का भोग लगाएं। इससे आपको नकारात्‍मक ऊर्जा से मुक्‍ति मिलेगी।
  • धनु राशि: आप विष्‍णु जी को चना दाल का हलवा भोग में दें। आपको ज्ञान और संपन्‍नता मिलेगी।
  • मकर राशि: ये जातक एकादशी पर तिल के लड्डू चढ़ाएं। इससे आपको चुनौतियों और मुश्किलों को पार करने में मदद मिलेगी।
  • कुंभ राशि: भगवान विष्‍णु का आशीर्वाद और संपन्‍नता पाने के लिए आप उन्‍हें मालपुए का भोग लगाएं।
  • मीन राशि: एकादशी तिथि पर मीन राशि के लोग पीले रंग की मिठाई जैसे कि बेसन के लड्डू चढ़ाएं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. 2025 में कामदा एकादशी कब है?

उत्तर. 08 अप्रैल को कामदा एकादशी है।

प्रश्‍न 2. एकादशी पर किसकी पूजा होती है?

उत्तर. भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा होती है।

प्रश्‍न 3. क्‍या एकादशी पर चावल खा सकते हैं?

उत्तर. इस दिन चावल खाना वर्जित है।

मीन राशि में मार्गी होकर बुध, किन राशियों की बढ़ाएंगे मुसीबतें और किन्हें देंगे सफलता का आशीर्वाद? जानें

मीन राशि में मार्गी होकर बुध, किन राशियों की बढ़ाएंगे मुसीबतें और किन्हें देंगे सफलता का आशीर्वाद? जानें

बुध मीन राशि में मार्गी: ज्योतिष में बुध ग्रह को “ग्रहों के राजकुमार” का पद प्राप्त है और इनका वर्णन हिंदू धर्म सहित अनेक पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। बता दें कि 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ “आर्यभटीय” में भी बुध ग्रह का वर्णन किया गया है। अब बुध ग्रह मीन राशि में एक बार फिर से अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए मार्गी होने जा रहे हैं और इनकी स्थिति में बदलाव का असर राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर अलग-अलग से दिखाई दे सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बुध मार्गी का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार और देश दुनिया को भी प्रभावित करेगा। ऐसे में, बुध मीन राशि में मार्गी होकर आपकी राशि को अच्छे-बुरे किस तरह के परिणाम देंगे? यह जानने के लिए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं बुध मार्गी का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, इसके अशुभ प्रभावों से किस तरह बचा जा सकता है।   

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वैदिक ज्योतिष में बुध महाराज को एक शुभाशुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह जातकों को ग्रहों की संगति के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में, जब बुध देव की चाल, दशा और स्थिति में कोई भी बदलाव होता है, तो यह संसार समेत जातकों को सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह के फल देते हैं। इसके अलावा, बुध ग्रह को बुद्धि, तर्कशक्ति,  व्यापार, शेयर बाजार और तार्किक क्षमता का कारक ग्रह माना गया है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज एआई के इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि बुध मीन राशि में कब मार्गी होंगे। 

बुध मीन राशि में मार्गी: तिथि और समय 

बुध महाराज को सभी नवग्रहों में चंद्रमा के बाद सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है क्योंकि एक राशि में यह लगभग 23 दिनों के लिए रहते हैं। इस प्रकार, यह एक राशि में बेहद कम समय के लिए विराजमान होते हैं। अब बुध ग्रह 07 अप्रैल 2025 की शाम 04 बजकर 04 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था से बाहर आते हुए मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे। बता दें कि बुध की नीच राशि मीन है जिसके स्वामी ग्रह गुरु महाराज हैं। बृहस्पति देव के साथ बुध तटस्थ संबंध रखते हैं। ऐसे में, बुध का मीन राशि में मार्गी होना राशियों के साथ-साथ विश्व को निश्चित रूप से प्रभावित कर सकता है। आगे बढ़ने से पहले हम जान लेते हैं कि किसे कहते हैं ग्रह का मार्गी होना। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

क्या होता है किसी ग्रह का मार्गी होना?

जैसे कि हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि प्रत्येक ग्रह समय-समय पर अपनी चाल, दशा या स्थिति में बदलाव करते हुए अस्त, उदय, वक्री और मार्गी होते हैं। हालांकि, सूर्य एकमात्र ऐसा ग्रह है जो हमेशा एक ही अवस्था में रहता है। बात करें ग्रह के मार्गी होने की, तो किसी ग्रह के मार्गी होने का अर्थ उस अवस्था से है जब ग्रह अपनी उल्टी चाल यानी कि वक्री स्थिति से पुनः सीधा चलना लगता है और इसे ही ग्रह का मार्गी होना कहा जाता है। ज्योतिष में जिस तरह ग्रहों के गोचर को महत्वपूर्ण माना जाता है, ठीक उसी प्रकार ग्रहों की स्थिति में होने वाले परिवर्तनों को भी विशेष माना जाता है। चलिए अब नज़र डालते हैं बुध ग्रह के ज्योतिषीय महत्व पर। 

ज्योतिष की दृष्टि से बुध ग्रह

  • वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, व्यापार एवं वाणी के कारक ग्रह के रूप में बुध देव को लाभकारी ग्रह माना गया है।
  • यह चतुरता, मित्र, गणित और संवाद का भी प्रतिनिधित्व करता हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध देव को तीसरे और छठे भाव पर आधिपत्य प्राप्त हैं। 
  • राशि चक्र में बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि पर शासन करते है। बता दें कि कन्या राशि में बुध ग्रह उच्च अवस्था में और मीन राशि में नीच होते हैं। 
  • यह हर राशि में तक़रीबन 24 दिनों तक रहते हैं और उसके बाद, एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते है। 
  • सभी 27 नक्षत्रों में बुध महाराज को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त हैं। 
  • बात करें इनके मित्रों की, तो बुध देव के सूर्य और शुक्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है जबकि चंद्रमा और केतु को इनका शत्रु माना जाता है। वहीं, मंगल, बृहस्पति और शनि के साथ बुध ग्रह के संबंध तटस्थ है। 
  • बुध ग्रह को सप्ताह में बुधवार का दिन समर्पित होता है और इन्हें हरा रंग अतिप्रिय हैं। 
  • शायद ही आप जानते होंगे कि बुध देव को रौहिणेय, तुंगा सौम्य आदि नामों से भी जाना जाता है। ग्रीस की पौराणिक कथाओं में बुध ग्रह हेमीज़ का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

बुध ग्रह का वैज्ञानिक महत्व  

बुध ग्रह का ज्योतिषीय महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है जिसके बारे में हम यहाँ बात करेंगे।

  • वैज्ञानिक दृष्टि से, सौरमंडल का सबसे छोटा और तेज़ गति से चलने वाला ग्रह बुध है। यह अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य के सबसे नज़दीक स्थित है। 
  • एक तरफ, बुध की सतह चट्टान की तरह एकदम ठोस है, तो वहीं इसका वायुमंडल हाइड्रोजन, हीलियम, ऑक्सीजन और सोडियम पोटेशियम आदि से मिलकर बना है।
  • बता दें कि बुध ग्रह का अपना कोई चंद्रमा नहीं है और इस वजह से यहाँ पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। 

अब हम आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं कुंडली में बुध देव के शुभ या अशुभ होने पर जातक को किस तरह के संकेत मिलते हैं।

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मज़बूत बुध के लक्षण 

ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध महाराज मज़बूत या शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें अपने जीवन में कई तरह के सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है जो कि इस प्रकार है:

  • कुंडली में मज़बूत बुध होने पर व्यक्ति का संचार कौशल काफ़ी शानदार होता है और उसकी वाणी से दूसरे जल्द ही प्रभावित हो जाते हैं।
  • इनका शुभ प्रभाव होने से जातक को विश्लेषणात्मक कौशल और तेज़ बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह शुभ होते हैं, वह ट्रेडिंग के क्षेत्र में महारत हासिल करते हैं जिसके चलते वह अच्छा ख़ासा लाभ कमाने में सफल होते हैं।
  • कुंडली में मज़बूत बुध के प्रभाव से इन लोगों का व्यक्तित्व शारीरिक रूप से बेहद आकर्षक और सुंदर होता है। इस वजह से अक्सर यह अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु के ही नज़र आते हैं और इनकी आँखों में एक अलग चमक होती है। ऐसे लोगों की आवाज़ बेहद पतली होती है।
  • जिन लोगों की कुंडली में बुध का प्रभाव मज़बूत होता है, वह वाद-विवाद, तर्क और राजनीति के क्षेत्र में काफ़ी अच्छे होते हैं। इन लोगों का झुकाव नई-नई चीज़ों को सीखने में होती है।
  • बुध देव का जीवन पर शुभ प्रभाव होने की वजह से जातक अच्छा प्रवक्ता, वक्ता, बीमा एजेंट, बहुभाषी और अधिकारी आदि बनता है। 

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कमजोर बुध के लक्षण

ज्योतिषियों का मानना है कि अगर कुंडली में बुध ग्रह अशुभ या दुर्बल स्थिति में होता है, तो जातक का जीवन समस्याओं से भर जाता है। ऐसे में, आपको जीवन में कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है जो कि इस प्रकार है:

  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध कमजोर अवस्था में होता है, उन्हें बातचीत करने में और दूसरों के सामने अपने विचारों को रखने में परेशानी होती है।
  • किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ होने पर आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
  • कमजोर बुध का नकारात्मक प्रभाव होने के कारण जातक के मान सम्मान, यश बल और पद-प्रतिष्ठा में गिरावट आती है। 
  • इसके अलावा, अशुभ बुध का सीधा प्रभाव व्यक्ति के भाषण और बातचीत करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
  • ऐसे लोग जिनका बुध कमजोर होता है, उनके स्वभाव में चतुराई और मूड स्विंग देखने को मिलते हैं। इसके अलावा, इन लोगों में छलकपट की प्रवृत्ति भी होती है।

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बुध मीन राशि में मार्गी; सरल एवं प्रभावी उपाय

  • बुध ग्रह को मज़बूत करने के लिए गाय को हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि खिलाएं।
  • संभव हो, तो बुध ग्रह के लिए बुधवार के दिन व्रत करें। 
  • रोज़ाना सफेद चंदन का मस्तक पर तिलक करना शुभ रहेगा। 
  • बुध से शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए आप चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं, परंतु ऐसा करने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
  • जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ परिणाम दे रहा होता है, वह अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों की सलाह पर पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
  • बुध देव को मज़बूत करने के लिए श्री गणेश पूजा करना शुभ साबित होता है। साथ ही, आप साबुत मूंग और हरे रंग के वस्त्रों का अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।

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बुध मीन राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चतुर्थ…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें) 

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कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके दशम…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव और द्वादश भाव के… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं जो(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं जो…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध मीन राशि में मार्गी कब होंगे?

साल 2025 में बुध मीन राशि में मार्गी 07 अप्रैल 2025 को होंगे।

2. मीन राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की बारहवीं और अंतिम राशि मीन के अधिपति देव गुरु ग्रह हैं।  

3. क्या गुरु ग्रह बुध का शत्रु है? 

नहीं, बुध और गुरु ग्रह के बीच तटस्थ संबंध है।

इस सप्ताह मिलेगा राम भक्त हनुमान का आशीर्वाद, सोने की तरह चमकेगी किस्मत!

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एस्ट्रोसेज एआई साप्ताहिक राशिफल का यह विशेष ब्लॉग अपने पाठकों के लिए लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको अप्रैल माह के पहले सप्ताह यानी कि 07 अप्रैल से 13 अप्रैल, 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, यह सप्ताह आपके जीवन में किस तरह के परिवर्तन लेकर आएगा? करियर और व्यापार का कैसा रहेगा हाल? प्रेम जीवन में बनी रहेगी मिठास या समस्याओं का करना होगा सामना? क्या वैवाहिक जीवन में होगी प्रेम की बरसात? हमारा यह लेख आपको आपको आपके सभी सवालों के सटीक जवाब प्रदान करेगा। साथ ही, ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए कौन से उपाय करना फायदेमंद रहेगा, यह भी हम आपको बताएंगे। आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं अप्रैल 2025 के इस सप्ताह का हाल।

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दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

शायद ही आप जानते होंगे कि साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग पूरी तरह से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है जिसे ग्रह, नक्षत्रों की चाल, दशा और स्थिति की गणना करने के बाद अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। हमारा यह ब्लॉग इस सप्ताह के लिए सभी 12 राशियों को भविष्यवाणी प्रदान करने के साथ-साथ इस हफ़्ते में पड़ने वाले व्रत-त्योहार, ग्रहण-गोचर और बैंक अवकाशों से भी अवगत करवाएगा। लेकिन इस बारे में जानने से पहले जान लेते हैं इस सप्ताह का पंचांग। 

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना 

07 से 13 अप्रैल 2025 का यह सप्ताह अप्रैल का पहला सप्ताह होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस सप्ताह का आरंभ पुष्य नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि अर्थात 07 अप्रैल 2025 , सोमवार के दिन होगा जबकि इस सप्ताह का समापन स्वाति नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि 13 अप्रैल 2025, रविवार को होगा। अंग्रेजी कैलेंडर में अप्रैल चौथा महीना होता है और इस माह के हर हफ़्ते का धार्मिक दृष्टि से अपना महत्व है। इस दौरान कौन-कौन से ग्रह-गोचर होंगे और किन व्रत-त्योहारों को मनाया जाएगा, आइए जानते हैं। 

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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी

सनातन धर्म में अनेक व्रत और त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है जो अब हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। व्यक्ति के जीवन में हर त्योहार खुशियां और सौभाग्य लेकर आता है, परन्तु वर्तमान समय में इंसान अपनी व्यस्त ज़िन्दगी की भागदौड़ में इन पर्वों की तिथियों को भूल जाता है। आपके साथ ऐसा न हों इसलिए यहां हम आपको इस हफ़्ते में आने वाले व्रत एवं त्योहारों की संपूर्ण सूची दे रहे हैं ताकि आप इन त्योहारों की पहले ही तैयारी कर सकें। 

चैत्र नवरात्रि पारणा (7 अप्रैल 2025, सोमवार): पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को चैत्र नवरात्रि का पारण किया जाता है। इस दिन नौ दिनों तक चलने वाली चैत्र नवरात्रि  का समापन होगा। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का पारण 07 अप्रैल, सोमवार को किया जाएगा। 

कामदा एकादशी (08 अप्रैल 2025, मंगलवार): कामदा एकादशी का व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित सबसे उत्तम व्रतों में से एक है। कामदा एकादशी पर भगवान वासुदेव और विष्णु जी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना भक्तिभाव से करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। 

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प्रदोष व्रत (शुक्ल) (10 अप्रैल 2025, गुरुवार): हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह के शुक्ल और  कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत करने का विधान है। बता दें कि सूर्यास्त से पूर्व और रात होने से पहले के समय को प्रदोष काल कहा जाता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना की जाती है और सच्चे मन से व्रत रखने वाले व्यक्ति को मनचाहे वस्तु की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। 

हनुमान जयंती (12 अप्रैल 2025, शनिवार): हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन राम जी के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था इसलिए यह तिथि हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। हनुमान जयंती के अवसर पर देश भर के हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती हैं। 

चैत्र पूर्णिमा व्रत (12 अप्रैल 2025, शनिवार): चैत्र मास की पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहते हैं और यह चैती पूनम के नाम से भी जानी जाती है। हिन्दू वर्ष के पहले माह में आने के कारण चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इस दिन जगत के पालनहार भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है जबकि उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। 

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे। 

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इस सप्ताह (07 अप्रैल से 13 अप्रैल, 2025) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

वैदिक ज्योतिष और सनातन धर्म में ग्रहण और गोचर को विशेष माना गया है जो मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं। ऐसे में, आपको इन ग्रहण और गोचरों की जानकारी होना जरूरी होता है इसलिए यहां हम आपको इस सप्ताह के ग्रहण-गोचर की तिथियां प्रदान कर रहे हैं। बता दें कि अप्रैल 2025 के इस सप्ताह में कोई गोचर नहीं होगा, लेकिन दो बड़े ग्रह अपनी स्थिति में परिवर्तन करेंगे। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको रूबरू करवाते हैं इन ग्रहों की चाल में होने वाले बदलाव के समय से। 

बुध मीन राशि में मार्गी (07 अप्रैल 2025): बुद्धि, वाणी, तर्क और व्यापार के कारक ग्रह बुध महाराज अब मीन राशि में 07 अप्रैल 2025 की शाम 04 बजकर 04 मिनट पर मार्गी होने जा रहे हैं जिसका प्रभाव सभी राशियों और देश-दुनिया पर दिखाई देगा।

शुक्र मीन राशि में मार्गी (13 अप्रैल 2025): शुक्र देव को प्रेम, ऐश्वर्य, भोग-विलास एवं रोमांस के कारक ग्रह कहा जाता है और अब 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर मीन राशि में वक्री अवस्था से बाहर आते हुए  मार्गी होने जा रहे हैं। 

नोट: इस सप्ताह कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है।  

इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश

साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग आपको इस हफ्ते में पड़ने वाले बैंक अवकाशों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा ताकि आप समय रहते हुए अपने सभी कामों को निपटा सकें। 

तिथि दिनपर्वराज्य
10 अप्रैल 2025गुरुवारमहावीर जयंतीछत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दमन और दिऊ, दिल्ली, दादर और नागर हवेली, गुजरात, हरियाणा, झारखण्ड, कर्नाटक, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश, मिजोरम, उड़ीसा, पंजाब , राजस्थान , तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश
13 अप्रैल 2025रविवारमहा विशुबा संक्रांतिउड़ीसा
13 अप्रैल 2025रविवारवैशाखजम्मू कश्मीर और पंजाब

आइए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों से। 

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07 अप्रैल से 13 अप्रैल, 2025 के शुभ मुहूर्त 

अगर आप अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह (07 अप्रैल से 13 अप्रैल, 2025) में कोई शुभ एवं मांगलिक काम करने के लिए शुभ मुहूर्त एवं तिथि ढूंढ रहे हैं, तो हम आपको यहाँ इस हफ्ते के सभी मुहूर्त जैसे कि विवाह, मुंडन और कर्णवेध संस्कार आदि की सूची प्रदान कर रहे हैं। चलिए नज़र डालते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों पर। 

इस सप्ताह के कर्णवेध मुहूर्त 

तिथि दिन
13 अप्रैल 202507:02-12:1914:40-19:13

नोट: अप्रैल के इस सप्ताह में विवाह और मुंडन संस्कार के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं।   

इस सप्ताह जन्मे मशहूर सितारें

अब हम बात करेंगे इस सप्ताह में जन्म लेने वाली मशहूर हस्तियों की जिनका जन्मदिन इस हफ्ते में आएगा।   

07 अप्रैल 2025: संचिता शेट्टी, जितेंद्र, जैकी चैन

08 अप्रैल 2025: रोहन मेहरा, रॉबिन राइट, नित्या मेनन

09 अप्रैल 2025: तीरथ सिंह रावत, राणा रणबीर, स्वरा भास्कर

10 अप्रैल 2025: टेरेंस लुईस, चेतन चंद्र, अनंत अंबानी

11 अप्रैल 2025: शुभांगी अत्रे, ज्योतिराव फुले, इयान बेल

12 अप्रैल 2025: दिग्विजय देशमुख, ब्रेंडन यूरी, सुमित्रा महाजन 

13 अप्रैल 2025: सतीश कौशिक, मानविता, एरिक एवरी

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

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साप्ताहिक राशिफल 07 अप्रैल से 13 अप्रैल, 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपको कुछ थकान भरे कार्यों से समय निकलते हुए, आराम करने….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह योग बन रहे हैं कि किसी न किसी कारणवश, आपका….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह स्वास्थ्य को लेकर आपको, चुनौतियों का सामना नहीं करना….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह एकतरफ़ा प्रेम में पड़े जातकों को, प्रियतम के समक्ष….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के चौथे भाव में होने के दौरान तरोताज़ा होने….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप अपने प्रियतम के साथ, किसी यात्रा पर जाने का ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

क़ानूनी मामलों की वजह से, इस सप्ताह आपको शारीरिक और मानसिक…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

आप इस सप्ताह अपने प्रेम संबंधों में जुनून और रोमांस की कमी महसूस ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

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सिंह प्रेम राशिफल

इस सप्ताह ग्रहों के शुभ संयोग से, उत्तरार्ध में प्रेम विवाह के योग……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस समय आपको ये बात समझने की ज़रूरत होगी कि, मानसिक शांति ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने प्रेम संबंधों को बेहतर बनाने के लिए, उन सभी….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से राहु के छठे भाव में उपस्थित होने पर इस सप्ताह…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने प्रेम संबंध की जिम्मेदारियों के प्रति….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के सातवें भाव में होने के कारण आपकी…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

यह सप्ताह प्रेम के दृष्टिकोण से आपके लिए, काफी अनुकूल परिणाम लेकर…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह, आपकी सेहत ज्यादा अच्छी …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप किसी कार्य में अपने प्रियतम से हार सकते है, जिससे आ…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के नौवें भाव में उपस्थित होने पर ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

 इस हफ्ते आप अपने अतीत से जुड़े कई राज, अपने प्रियतम….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के आठवें भाव में उपस्थित होने पर इस…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह यदि आप अपने प्रेम संबंधों में मजबूती चाहते हैं तो….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

आपकी चंद्र राशि से राहु के पहले भाव में उपस्थित होने पर इस …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

आपकी राशि के प्रेमी लोगों के लिए, यह समय काफी अच्छा रहेगा और….(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में कामदा एकादशी कब है?

इस साल कामदा एकादशी 08 अप्रैल 2025, मंगलवार को है। 

2. अप्रैल में हनुमान जयंती कब है?  

हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। 

3. बुध मीन राशि में मार्गी कब हो रहे हैं?

बुध देव 07 अप्रैल 2025 को मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे।    

टैरो साप्ताहिक राशिफल : 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025

टैरो साप्ताहिक राशिफल : 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025

टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्‍योतिषयों का मानना है कि टैरो व्‍यक्‍ति की जिंदगी में भविष्‍यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्‍य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्‍यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्‍प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्‍योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्‍पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्‍यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्‍मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्‍म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?

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टैरो साप्ताहिक राशिफल 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: द चैरियट

स्वास्थ्य: द हाई प्रीस्‍टेस

टैरो साप्‍ताहिक राशिफल के अनुसार मेष राशि के जातकों को टू ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपके रिश्‍ते में आकर्षण बढ़ेगा और आपका रिश्‍ता मज़बूत होगा। इस कार्ड का कहना है कि आपका और आपके पार्टनर का रिश्‍ता भावनात्‍मक स्‍तर पर मज़बूत होगा, आपके रिश्‍ते में सुख-शांति आएगी और आप एक नए रिश्‍ते की शुरुआत भी कर सकते हैं।

ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड धन के मामले में समृद्धि और नए अवसरों को दर्शाता है। आपको बिज़नेस, प्रमोशन या नया पद मिलने से वित्तीय सफलता प्राप्‍त हो सकती है। यह कार्ड आपको सोच-समझकर जोखिम उठाने और इन अवसरों का लाभ उठाने की सलाह दे रहा है।

करियर रीडिंग में द चैरियट कार्ड दृढ़ संकल्‍प, चुनौतियों को पार करने और लक्ष्‍यों तक पहुंचने की प्रबल इच्‍छा को दर्शाता है। यह कार्ड इस बात का भी संकेत देता है कि आपके अंदर अपने उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए आत्‍म-नियंत्रण और समर्पण मौजूद है।

हेल्‍थ रीडिंग में द हाई प्रीस्‍टेस कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य में बदलाव को दर्शाता है। यह कार्ड इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि आपकी स्थिति में बदलाव आने के आसार हैं। आप किसी बीमारी से उबर रहे हैं या अपनी जीवनशैली में आवश्‍यक बदलाव कर के स्‍वास्‍थ्‍य एक नए चरण में प्रवेश कर सकते हैं।

लकी चार्म: की या लाल रंग का कोई रत्‍न

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: द वर्ल्‍ड

आर्थिक जीवन: ऐट ऑफ वैंड्स

करियर: ऐस ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: ऐट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में वृषभ राशि के जातकों को द वर्ल्‍ड कार्ड मिला है कि जो लव लाइफ में संतोषजनक परिणाम तक पहुंचने का प्रतीक हो सकता है। यह कार्ड खुशियों, उत्‍सवों और परिवार के साथ मेल-जोल के सुखद पलों का प्रतिनिधित्‍व करता है। आप अपने जीवनसाथी या परिवार के अन्‍य सदस्‍यों के साथ घूमने जाने की योजना बना सकते हैं।

वित्तीय जीवन में ऐट ऑफ वैंड्स कार्ड वित्तीय लक्ष्‍यों की ओर तेजी से आगे बढ़ने, लाभ प्राप्‍त करने और प्रगति पाने की ओर इशारा कर रहा है। इस कार्ड का एक अर्थ यह भी है कि आपके प्रयास रंग ला रहे हैं और आपकी आर्थिक स्थिति सही दिशा में जा रही है। आपके निवेश या व्‍यावसायिक प्रयासों में वृद्धि हो सकती है या आपको त्‍वरित लाभ मिलने की भी संभावना है।

ऐस ऑफ कप्‍स कार्ड नए अवसरों और अच्‍छे विचारों को दर्शाता है और करियर के मामले में इनका प्रयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। नौकरी की तलाश कर रहे जातक अपने करियर में एक नई शुरुआत कर सकते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको ऐट ऑफ स्‍वॉर्ड्स रिवर्स कार्ड मिला है जो कि बीमारी से ठीक होने, मानसिक रूप से मज़बूत होने और चिंता से राहत पाने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड आपको याद दिला सकता है कि आप ठीक होने और स्‍वस्‍थ जीवन जीने में सक्षम हैं।

लकी चार्म: अंक 7

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मिथुन राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: पेज ऑफ कप्‍स

करियर: नाइट ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द सन

प्रेम जीवन में मिथुन राशि को टू ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जो कि रिश्‍ते में बेचैनी या असंतुष्टि की ओर इशारा कर रहा है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आप निर्णय ले सकते हैं कि आपको प्रेम जीवन में नए अवसरों पर ध्‍यान देना है या अपने मौजूदा रिश्‍ते में ही बना रहना है।

पेज ऑफ कप्‍स कार्ड दिन में सपने देखने और अवास्‍तविक वित्तीय अपेक्षाएं रखने को दर्शा सकता है। आपको लॉटरी या किसी अन्‍य जोखिम भरे निवेश से अपनी इच्‍छाओं को पूरा करने के बजाय अपने भविष्‍य के लिए व्‍यावहारिक चीज़ों पर ध्‍यान केंद्रित करने और एक समय पर एक लक्ष्‍य को पूरा करने पर ध्‍यान देना चाहिए।

नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड खातसैर पर करियर बदलने के बारे में सोच रहे जातकों के लिए शुभ समाचार या नौकरी के नए अवसर मिलने के संकेत दे रहा है। यह कार्ड नौकरी के लिए आवेदन करने या प्रमोशन पाने में सफलता के संकेत भी कर सकता है।

द सन कार्ड जीवनशक्‍ति, शांति और उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का प्रतीक है। इस कार्ड का कहना है कि आप अब जल्‍दी ठीक हो जाएंगे और पहले से ज्‍यादा बेहतर महसूस करेंगे। इसके अलावा इस दौरान आपका आध्‍यात्मिक और व्‍यक्‍तिगत विकास भी होगा।

लकी चार्म: वेंचुरीन

कर्क राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ कप्‍स

करियर: द एम्‍पेरर

स्वास्थ्य: ऐट ऑफ कप्‍स

कर्क राशि के जातकों को प्‍यार के मामले में नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है। आपका पार्टनर साहसी, सरल और बुद्धिमान हो सकता है या फिर आपके अंदर ये गुण हो सकते हैं। यह कार्ड आत्‍मविश्‍वास से भरपूर और साहसी प्रेमी बनने या फिर आपके इस तरह के रिश्‍ते में आने के संकेत दे रहा है।

सिक्‍स ऑफ कप्‍स कार्ड दान या उपहार के लेन-देन का संकेत दे रहा है। इस कार्ड के अनुसार आपको पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। सिक्‍स ऑफ कप्‍स कार्ड तब भी दिखाई देता है, जब आप वसीयत के बारे में या इसे बनाने पर विचार कर रहे हों। अपने माता-पिता के घर जाकर रहने से आप अपने लिए अधिक पैसों की बचत कर पाएंगे। वहीं दूसरी ओर, आप अपने घर में परिवार के सदस्‍यों को वापस बुला सकते हैं और अपने संसाधनों को साझा कर सकते हैं।

आपको अपने करियर में अपनी कड़ी मेहनत, फोकस एवं व्‍यवस्थित दृष्टिकोण की वजह से सफलता प्राप्‍त होने की उम्‍मीद है। अगर वर्तमान समय में आपका कार्यक्षेत्र या आपके काम करने की प्रक्रिया थोड़ी अव्‍यवस्थित या परेशान करने वाली है, तो अब कमान अपने हाथ में लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है और आप काम करने के लिए एक नया ढांचा बना सकते हैं। इससे आपको और आपके सहकर्मियों को अच्‍छे से काम करने में मदद मिलेगी। इस कार्ड के अनुसार आपको अपने कार्यक्षेत्र में वरिष्‍ठ सहकर्मी या सुपरवाइज़र से अपने करियर में मार्गदर्शन या सहायता मिलने के योग हैं।

सेहत के मामले में आपको ऐट ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आप इस समय भावनात्‍मक रूप से तनाव में हो सकते हैं। आपको थेरेपी या मेडिटेशन से राहत मिलने की उम्‍मीद है। अगर आपको लगता है कि बात करने से आपको मदद मिलेगी या राहत महसूस होगी, तो आप अपने करीबी दोस्‍तों या परिवार के किसी सदस्‍य से बात कर सकते हैं।

लकी चार्म: मूनस्‍टोन

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: सिक्‍स ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: थ्री ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द हर्मिट

टैरो कार्ड रीडिंग में सिक्‍स ऑफ वैंड्स कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अपने प्रेम जीवन में उपलब्धि हासिल करने वाले हैं। इस समय कोई आपके प्रति आकर्षित हो सकता है। यदि आप अपने लिए पार्टनर की तलाश कर रहे हैं, तो वह व्‍यक्‍ति इस समय आपसे पहले से ज्‍यादा खुलकर बात कर सकता है। आपको सिर्फ पहला कदम बढ़ाने की ज़रूरत है।

वित्त के मामले में नाइन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड दर्शाता है कि आपको अपनी कड़ी मेहनत और सावधानीपूर्वक योजना बनाकर चलने की वजह से वित्तीय सुरक्षा, स्‍वतंत्रता और स्थिरता प्राप्‍त हो रही है। यह कार्ड संकेत दे रहा है कि आप एक ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, जहां आप बिना किसी चिंता के भौतिक सुख-सुविधाओं और विलासिता का आनंद ले सकते हैं। यह वित्तीय सफलता अर्जित करने को दर्शाता है।

करियर के क्षेत्र में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड विस्‍तार करने, नए अवसरों की खोज करने और पेशेवर जीवन में भविष्‍य के लिए योजना बनाने और विकास पर ध्‍यान केंद्रित करने का संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि आपको नए बाज़ार, अवसरों या प्रोजेक्‍ट की ओर आशावादी रहने एवं उनमें सफल होने के लिए अपनी योग्‍यता पर विश्‍वास करना चाहिए।

सेहत के मामले में द हर्मिट कार्ड आपको याद दिलाता है कि स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर आपको अति करने से बचना चाहिए। जब हम काम से ब्रेक लेने को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो इसका असर हमारी सेहत पर पड़ सकता है। चाहे आप दिन में कुछ मिनट के लिए ही ब्रेक लें, द हर्मिट कार्ड आपको अपने लिए समय निकालकर आराम करने और अपने शरीर एवं मन से जुड़ने की सलाह दे रहा है।

लकी चार्म: सनस्‍टोन

कन्या राशि

प्रेम जीवन: सेवन ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द सन

करियर: टेम्‍पेरेंस

स्वास्थ्य: द हर्मिट

कन्‍या राशि को सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार आपको अपने रिश्‍ते के लिए लड़ना पड़ सकता है या ऐसी समस्‍याओं या चीज़ों का सामना करना पड़ सकता है जो आपके रिश्‍ते को खतरे में डाल सकती हैं। इससे आपको यह समझ आएगा कि आपको अपने रिश्‍ते में कुछ सीमा निर्धारित करने और अपने पार्टनर के प्रति प्रतिबद्ध रहने की ज़रूरत है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो यह कार्ड संभावित खतरों से अपने रिश्‍ते को बचाने और उसकी रक्षा करने के संकेत दे रहा है।

वित्तीय जीवन में द सन कार्ड समृद्धि और आर्थिक संपन्‍नता को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपनी वर्तमान की वित्तीय स्थिति को लेकर संतुष्‍ट और कृतज्ञ रहना चाहिए।

द टेम्‍पेरेंस कार्ड आपको अपने उद्देश्‍यों को निर्धारित करने और दृढ़ एवं धैर्यपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए कह रहा है। आप अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं और मुश्किल समय में भी शांत रहने का गुण रखते हैं। आपकी यही बात आपको दूसरों से अलग बनाती है। यह कार्ड इस बात की याद दिलाता है कि आपको करियर में सफलता पाने में समय लग सकता है।

द हर्मिट कार्ड स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आत्‍म-विश्‍लेषण और आत्‍म-निरीक्षण करने एवं खुद की देखभाल करने के महत्‍व को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने शरीर पर ध्‍यान देना चाहिए, ज़रूरत पड़ने पर आराम करना चाहिए और खुद को थकाने के बजाय अपने स्‍वास्‍थ्‍य की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से समझने के लिए आंतरिक मार्गदर्शन की तलाश करनी चाहिए।

लकी चार्म: ईविल आई

तुला राशि

प्रेम जीवन: द लवर्स

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ कप्‍स

करियर: ऐट ऑफ स्‍वॉर्ड्स (रिवर्स्‍ड)

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ कप्‍स

तुला राशि के जातकों को लव लाइफ के मामले में द लवर्स कार्ड मिला है। टैरो कार्ड रीडिंग में द लवर्स कार्ड ऊर्जा, सामंजस्‍य और संतुलन का प्रतिनिधित्‍व करता है। यह कार्ड एक ऐसे कपल को दर्शाता है जो एक दूसरे को पूरा करते हैं। हालांकि, यह कार्ड रिश्‍ते में प्रतिबद्धता और पसंद को भी दर्शाता है। यह कार्ड आपको प्‍यार के प्रति अपने समर्पण पर विचार करने के लिए कह रहा है।

सिक्‍स ऑफ कप्‍स कार्ड दूसरों की सहायता करने और चीज़ों को साझा करने का प्रतिनिधित्‍व करता है। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने परिवार या पूर्व में किए गए निवेशों से आर्थिक सहायता मिल सकती है। जो आर्थिक सहायता या धन आपको मिलेगा, वह केवल भौतिक संपत्ति नहीं होगी बल्कि उससे गहरी भावनाएं या पुरानी यादें जुड़ी होंगी। इस समय आप वित्तीय रूप से स्थिर रहेंगे जिससे आप दूसरों की आर्थिक सहायता करने या दान करने में सक्षम होंगे।

ऐट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड रिवर्स्‍ड का कहना है कि भले ही थोड़ा समय लगा हो लेकिन अब आप अपने करियर से संबंधित चिंता से बाहर निकल रहे हैं। अब आपकी सोच अधिक स्‍पष्‍ट हो गई है और अब आपको परिस्थितियां आसान लग सकती हैं। कभी-कभी यह कार्ड करियर के क्षेत्र में नए अवसरों या प्रमोशन के संकेत भी देता है जिससे आप अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग कर पाएंगे।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में थ्री ऑफ कप्‍स कार्ड का कहना है कि आप पार्टी या छुट्टियां मनाने के लिए तैयार हैं जिससे आपको खाने-पीने या बार-बार जश्‍न मनाने का मौका मिलेगा। इस समय का आनंद लें लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य को नकारात्‍मक प्रभाव से बचाने के लिए ज्‍यादा न खाएं और संतुलन बनाए रखें।

लकी चार्म: जेड पेंडेंट

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वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून

आर्थिक जीवन: द हीरोफैंट

करियर: ऐट ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: टेन ऑफ पेंटाकल्‍स

क्‍या आप जिन्‍हें पसंद करते हैं, उनसे बात करने की सोच रहे हैं या फिर आप अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्‍ते को संभालने के लिए तैयार हैं? क्‍या आपके रिश्‍ते में किसी तरह की कोई समस्‍या चल रही है? घबराइए नहीं क्‍योंकि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा और आपका रिश्‍ता समय की कसौटी पर खरा उतरेगा।

द हीरोफैंट कार्ड का कहना है कि इस सप्‍ताह आपकी आर्थिक स्थिति अनुकूल रहेगी और आपके पास अपने बिल भरने एवं आरामदायक जीवन जीने के लिए पर्याप्‍त धन होगा। इस सप्‍ताह आप अपने धन को समझदारी से संभालने में सक्षम होंगे और स्थिति को आसान बनाने के लिए बजट बनाकर चलेंगे।

करियर रीडिंग में ऐट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड बताता है कि आप काम में डूबे रह सकते हैं और इस सप्‍ताह आपका पूरा फोकस अपने काम पर ही रहने वाला है। हालांकि, आपको बहुत ज्‍यादा काम करने से बचने और जीवन के अन्‍य महत्‍वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्‍यान देने की सलाह दी जाती है।

हेल्‍थ रीडिंग में टेन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड एक शुभ संकेत है क्‍योंकि यह बताता है कि आप अपने परिवार और दोस्‍तों की सहायता से उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य को प्राप्‍त कर पाएंगे। आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेंगे और आपको कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी।

लकी चार्म: ब्‍लैक ब्रेसलेट

धनु राशि

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वैंड्स

करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स

धनु राशि के जातकों के लिए नाइट ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड एक ऐसे रिश्‍ते को दर्शाता है जो मज़बूत और विश्‍वसनीय है लेकिन उसमें रोमांस और आकर्षण की कमी हो सकती है। अगर आप अपने प्रेम जीवन में प्रतिबद्धता, स्थिरता और सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं, तो यह कार्ड आपके लिए शुभ संकेतक होगा। इस कार्ड का कहना है कि आप और आपका पार्टनर दोनों ही अपने दीर्घकालिक लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए एक साथ काम करेंगे।

किंग ऑफ वैंड्स कार्ड मैच्‍योर होने और विकास को दर्शाता है। इस कार्ड का कहना है कि वित्तीय रूप से मज़बूत होने के लिए आपने कठिन संघर्ष किया है और अब आप आर्थिक रूप से स्थिर एवं सुरक्षित होने के महत्‍व को बखूबी समझते हैं।

करियर रीडिंग में किंग ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड प्रमोशन और प्रगति के संकेत दे रहा है। यह कार्ड बताता है कि आप भले ही किसी कंपनी में काम करते हों या आपकी खुद की कंपनी हो, इस सप्‍ताह आप अपनी कंपनी में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आपके बॉस और सहकर्मी आपकी प्रशंसा और सराहना करते हुए नज़र आएंगे।

हेल्‍थ रीडिंग में आपको सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जिसका मतलब है कि आप बहुत प्रयास और संघर्ष करने के बाद अब बीमारी और स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से उबर रहे हैं। अब आप ठीक होने की राह पर हैं।

लकी चार्म: एलम

मकर राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: द एम्‍पेरर

करियर: किंग ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: जस्टिस

चूंकि, य‍ह कार्ड संचार से जुड़ा हुआ है इसलिए मकर राशि के जातकों के लिए किंग ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड का कहना है कि आपको अपने दिल की बात खुलकर व्‍यक्‍त करनी चाहिए। आप जिस चीज़ में विश्‍वास नहीं करते हैं, उसके लिए खड़े न हों। आपको अपने दिल और दिमाग की सुननी चाहिए और वह करें, जो आपको अपने लिए सही लगता है।

द एम्‍पेरर कार्ड का कहना है कि आपको धन को लेकर संयमित, अनुशासित और जिम्‍मेदार बनने की ज़रूरत है। आपको पता होना चाहिए कि आपका पैसा कहां जा रहा है, आप कैसे पैसे खर्च कर रहे हैं। आप अपने लिए बजट बनाकर चलें और उस पर टिके रहें और हर हफ्ते देखें कि आप बजट में रहते हुए काम कर रहे हैं या नहीं।

किंग ऑफ कप्‍स कार्ड दर्शाता है कि आप कार्यस्‍थल में अशांत या नकारात्‍मक माहौल में खुद को शांत रखने की कोशिश कर रहे हैं। आपको जल्‍द ही नौकरी के नए प्रस्‍ताव और बेहतर अवसर मिलने वाले हैं। आपको किसी अन्‍य विभाग में भी भेजा जा सकता है जिससे ये सभी समस्‍याएं जल्‍द ही समाप्‍त हो जाएंगी।

हेल्‍थ रीडिंग में जस्टिस कार्ड बताता है कि आपका स्‍वास्‍थ्‍य बेहतरीन रहेगा और आपको अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेने का अवसर प्राप्‍त होगा। हालांकि, आपको इस आनंद में बहक कर अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ नहीं करना है।

लकी चार्म: रेड सेक्रेड थ्रेड

कुंभ राशि

प्रेम जीवन: द टॉवर

आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: थ्री ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स

कुंभ राशि के जातकों को द टॉवर कार्ड मिला है जो कि शुभ संकेत नहीं है। इस कार्ड का कहना है कि आपका रिश्‍ता अब टूटने की कगार पर है। छोटे-छोटे झगड़े, बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं और आप यह सोचने पर मजबूर हो सकते हैं कि यह रिश्‍ता आपके लिए सही है या नहीं। यह आपके लिए आगे बढ़ने का समय है।

फोर ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड दर्शाता है कि इस सप्‍ताह आपको वित्त के मामले में कोई परेशानी नहीं होगी। आपने आर्थिक रूप से मज़बूत होने के लिए कड़ी मेहनत की है और अब आप अपनी मेहनत का फल भोग रहे हैं।

थ्री ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि आपको अपने करियर में आनंद मिल रहा है। इसके साथ ही आपको दुनियाभर के लोगों से मिलने-जुलने का अवसर भी मिलेगा। आपकी जान-पहचान में कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जो करियर में आगे बढ़ने में आपकी मदद कर सकते हैं। आपकी नौकरी में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।

थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि आपको कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। यदि आप लंबे समय से बीमार चल रहे थे, तो अब आप ठीक हो सकते हैं। इस समय ने आपको जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण दिया है और आपके सोचने के तरीके को बदल दिया है।

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मीन राशि

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स (रिवर्स्‍ड)

आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ वैंड्स

करियर: फोर ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ कप्‍स

थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स (रिवर्स्‍ड) कार्ड का कहना है कि आप हाल ही में एक ऐसे रिश्‍ते से निकलकर आए हैं जो आपके लिए अपमानजनक था या आपके लिए सही नहीं था और आपका दिल टूट गया है। हालांकि, अब आप जिंदगी को एक नए नज़रिए से देखना शुरू कर रहे हैं।

मीन राशि के जातकों को नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसका कहना है कि आपको पैसों की बचत करने के साथ-साथ धन को संभालने पर ध्‍यान देने की ज़रूरत है। इस सप्‍ताह आपके पास पैसा तो आएगा लेकिन वह जल्‍दी खर्च भी हो जाएगा। आपको अपने खर्चों में कटौती करने की आवश्‍यकता है।

करियर र‍ीडिंग में फोर ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि आपको अपनी नौकरी या करियर में प्रेरणा की कमी या असंतुष्‍ट महसूस हो सकता है। आप दूसरों की सफलता, जीवन और उपलब्धियों से ईर्ष्‍या करने के चक्‍कर में अपने कार्यक्षेत्र के अच्‍छे पहलुओं को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। 

नाइट ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि अगर आप बेहतर होने या किसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या से ठीक होने की कोशिश कर रहे हैं, तो अब आपको अपने परिवार, दोस्‍तों और डॉक्‍टर से भावनात्‍मक एवं चिकित्‍सकीय सहयोग प्राप्‍त होगा।

लकी चार्म: गोल्‍ड रिंग

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. क्‍या टैरो अंक ज्‍योतिष पर आधारित होता है?

उत्तर. टैरो अंक ज्‍योतिष से मेल खाता है लेकिन इस पर पूरी तरह से निर्भर नहीं है।

प्रश्‍न 2. टैरो में सबसे ज्‍यादा रिसोर्सफुल कार्ड कौन-सा है?

उत्तर. द मैजिशियन कार्ड।

प्रश्‍न 3. टैरो डेक में परिवार के लिए कौन-सा कार्ड है?

उत्तर. टेन ऑफ कप्‍स।

चैत्र नवरात्रि 2025: महानवमी पर कन्या पूजन में जरूर करें इन नियमों एवं सावधानियों का पालन!!

चैत्र नवरात्रि 2025: महानवमी पर कन्या पूजन में जरूर करें इन नियमों एवं सावधानियों का पालन!!

चैत्र नवरात्रि 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व साल में दो बार चैत्र और आश्विन माह में मनाया जाता है। इन दोनों नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी व महानवमी को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 को शुरू हुए थे और अब जल्द ही नवमी के साथ नवरात्रि भी समाप्त हो जाएगी। सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है और नवमी तिथि के साथ इसका समापन होता है। इन नौ दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। देवी से भक्त शक्ति, धन-संपदा और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं। हालांकि, चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर राम नवमी का पर्व भी मनाया जाता है। 

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दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको चैत्र नवरात्रि 2025 महानवमी और रामनवमी पर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस दिन माँ के किस स्वरूप की पूजा की जाएगी? नवमी का महत्व, कन्या पूजन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, कथा आदि के बारे में बताएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, राम नवमी के पर्व से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले नज़र डालते हैं महानवमी 2025 की तिथि और मुहूर्त पर। 

चैत्र नवरात्रि 2025 नौवां दिन: तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को राम नवमी भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि की नवमी देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को समर्पित होती है और इस दिन इनकी पूजा का विधान है। वहीं, कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है इसलिए महानवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से मां आदिशक्ति प्रसन्न होती है और भक्त को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है। चलिए बिना देर किए अब जानते हैं महानवमी की तिथि और पूजा मुहूर्त।

चैत्र नवरात्रि 2025 का नौवां दिन: 06 अप्रैल 2025, रविवार

नवमी तिथि का आरंभ: 05 अप्रैल की शाम 07 बजकर 29 मिनट से

नवमी तिथि समाप्त: 06 अप्रैल 2025 की शाम 07 बजकर 26 मिनट तक 

 जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि इस दिन राम नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। ऐसे में, हम आपको राम नवमी 2025 का मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। 

रामनवमी 2025 का पूजा मुहूर्त और शुभ योग  

हम आपको बता चुके हैं कि चैत्र नवरात्रि पर आदिशक्ति के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और उनकी कृपा पाने के लिए भक्त व्रत भी करते हैं। दूसरी तरफ, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुआ था जो कि चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होता है। ऐसे में, इस दिन महानवमी और राम नवमी को धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2025 की नवमी तिथि पर माँ दुर्गा और राम जी की पूजा सुकर्मा योग में की जाएगी जो कि बेहद शुभ माना जाता है। अब हम जान लेते हैं भगवान राम के भक्तों के लिए अपने आराध्य की पूजा किस समय में करना श्रेष्ठ रहेगा। 

राम नवमी की तिथि: 06 अप्रैल 2025, रविवार

राम नवमी मध्याह्न पूजा मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक। 

राम नवमी मध्याह्न का क्षण: दोपहर 12 बजकर 23 पर 

राम नवमी 2025 की तिथि एवं पूजा मुहूर्त से आपको अवगत करवाने के बाद आइए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री के स्वरूप की।  

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माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप 

बात करें मां सिद्धिदात्री के स्वरूप की, तो माता सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और इनकी सवारी शेर है। देवी की चार भुजाएं हैं और इन्होंने दाहिने एक हाथ में गदा और दूसरे हाथ में चक्र धारण किया हुआ है जबकि बाएं तरफ के दोनों हाथों में माता ने शंख और कमल का फूल लिया हुआ है। माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत कोमल है और अपने भक्तों को विशेष सिद्धियां प्रदान करने वाला है। 

अगर हम इनके नाम के अर्थ की बात करें, तो देवी सिद्धिदात्री के नाम का अर्थ सिद्धि देने वाली देवी से है। माँ दुर्गा का नवम स्वरूप अपने भक्तों को सभी तरह की बुराइयों और अंधकार से मुक्ति दिलाता है और उनमें ज्ञान का संचार करती है। साथ ही, भक्त के जीवन को सुख-शांति से पूर्ण बनाने के साथ-साथ आपके सभी मनोरथ पूर्ण करती हैं।

क्यों की जाती है माँ सिद्धिदात्री की पूजा?  

चैत्र नवरात्रि 2025 के अंतिम दिन अर्थात नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि-विधान से की जाती है। यह नवदुर्गा का नौवां और अंतिम स्वरूप हैं और इनकी उपासना से जातक के जीवन से सभी संकटों का नाश होता है। मां सिद्धिदात्री की पूजा से यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नाग, देवी-देवता और मनुष्य को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो जातक नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत नहीं कर पाते हैं, वह नवमी तिथि का व्रत और देवी सिद्धिदात्री की आराधना करके नवरात्रि के 9 दिनों की पूजा के समान फल प्राप्त कर सकते हैं।

मां सिद्धिदात्री का ज्योतिषीय महत्व 

एक तरफ, मां सिद्धिदात्री को हिंदू धर्म में माता जगदंबा का शक्तिशाली स्वरूप माना जाता है इसलिए इनका विशेष धार्मिक महत्व है। लेकिन, देवी का धार्मिक के साथ-साथ अपना ज्योतिषीय महत्व भी है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में देवी सिद्धिदात्री का संबंध केतु ग्रह से माना गया है और इस ग्रह को माँ द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस प्रकार, जिन जातकों की कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति अशुभ होती है या जो केतु के नकारात्मक परिणामों से जूझ रहे हैं, उनके लिए नवमी तिथि पर माता सिद्धिदात्री की पूजा शुभ रहती है।

माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि

  • महानवमी तिथि पर आप प्रातःकाल उठकर स्नानादि से निवृत होकर देवी की पूजा एवं कन्या पूजन का संकल्प करें।
  • इसके पश्चात, मां सिद्धिदात्री के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें नौ कमल के फूल  भी चढ़ाएं। 
  • संभव हो, तो आप देवी को 9 प्रकार के पकवान, मिठाई या फल भी अर्पित करे।
  • अब आप माँ सिद्धिदात्री के मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” का जाप करें और फिर माता के सामने लाल कपड़े में लपेट कर कमल का फूल रखें। 
  • इसके पश्चात, माँ सिद्धिदात्री को अर्पित खाद्य पदार्थों को गरीबों को बांटने के बाद स्वयं भी उसका सेवन करें। 

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देवी सिद्धिदात्री की पूजा में करें इन मंत्रों का जाप

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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महानवमी पर कन्या पूजन की विधि

अगर आप महानवमी पर कन्या पूजन करेंगे, तो देवी की कृपा पाने के लिए इस विधि से कन्या पूजन करें। 

  • नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री के पूजन के बाद कन्या पूजन प्रारंभ करें।  
  • कन्या पूजन के लिए सर्वप्रथम कन्याओं को अपने घर पर पूजन और भोजन के लिए आमंत्रित करें।  
  • घर पर कन्याओं का स्वागत पूरे मान-सम्मान के साथ करें और मां दुर्गा के नौ नामों के जयकारे लगाएं।
  • इसके बाद. कन्याओं को आसन पर बैठाएं। इन नौ कन्याओं के साथ एक बटुक यानी कि एक बालक को भी अवश्य बैठाएं।
  • बता दें कि कन्याओं के साथ बैठे हुए बटुक को भगवान भैरव का स्वरूप माना जाता है।  
  • इन सभी के पैरों को थाली में रखकर अपने हाथों से धोएं। 
  • अब कन्याओं के मस्तक पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं और माँ का ध्यान करके कन्याओं को भोजन कराएं। 
  • प्रसाद के रूप में हलवा, पूरी और चने को सबसे उत्तम माना जाता है और भोजन के बाद कन्याओं को अपनी क्षमता के अनुसार उपहार और दक्षिणा दें। इसके बाद, कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीष लें और उन्हें विदा करें। 

कन्या पूजन के दौरान करें इन नियमों का पालन

  • कन्या पूजन के लिए कन्याओं को पहले से आमंत्रित करें और उन्हें पूरे मान-सम्मान के साथ घर में बुलाकर भोजन कराएं।
  • कन्याओं का मुख पूर्व दिशा की तरफ करके उनका तिलक करें और उन्हें लाल चुनरी अवश्य अर्पित करें।
  • किसी भी कन्या को जबरदस्ती भोजन न खिलाएं। 
  • कन्याओं को भोजन करवाने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें दक्षिणा देकर विदा करें और इसके पश्चात, आप व्रत का पारण करें।
  • इन कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप माना जाता है इसलिए इनका भूल से भी अनादर न करें और न ही इन्हें डांटे और न ही अपशब्द कहें।
  • कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को परोसने वाला भोजन सात्विक होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें। 

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चैत्र नवरात्रि 2025 पारण मुहूर्त

अगर आप भी चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि का पारण मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो यहाँ हम आपको  चैत्र नवरात्रि 2025 के पारण का समय बताने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार है:

चैत्र नवरात्रि पारण की तिथि: 07 अप्रैल 2025, सोमवार

पारण का समय: सुबह 06 बजकर 05 मिनट के बाद

चैत्र नवरात्रि 2025 महानवमी पर करें ये उपाय   

चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर कुछ विशेष उपायों को करने से आप देवी दुर्गा को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं महानवमी के विशेष उपायों के बारे में।

  • जो लोग आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें नवमी तिथि पर दुर्गा रक्षा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं।
  • महानवमी के दिन पीले रंग का आसन बिछाएं और उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठें। इसके बाद, देवी दुर्गा के सामने 9 दीप प्रज्वलित करें और लाल रंग के चावल की ढेरी बनाकर उस पर श्रीयंत्र की स्थापना करें। इसके पश्चात, लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए पूजा-पाठ करें। अब इस श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थान पर रखें। ऐसा करने से आपको धन लाभ की प्राप्ति होती है।
  • महानवमी पर आप देवी को गुड़ का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। साथ ही, आप देवी को हलवा, काले चने और पूरी का भोग भी लगा सकते हैं। 

चैत्र नवरात्रि के बारे में हम आगे भी बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं राम नवमी का महत्व और इस दिन किए जाने वाले उपाय।

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राम नवमी 2025 का धार्मिक महत्व  

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि की महानवमी और राम नवमी दोनों पर्वों को बेहद उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र शुक्ल नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था और उस समय से ही माँ सिद्धिदात्री के साथ भगवान श्रीराम की भी पूजा-अर्चना की जाती है। आज भी इन दोनों बड़े पर्वों को एक साथ एक दिन मनाया जाता है। रामनवमी पर भक्तजन श्रीराम की उपासना करते हैं। इस मौके पर राम मंदिरों में पूजा-अर्चना और यज्ञ-हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। साथ ही, देशभर में अनेक स्थानों पर लोग भंडारे का आयोजन करते हैं। यह तिथि चैत्र नवरात्रि की भी अंतिम तिथि होती है। 

बात करें धार्मिक महत्व की, तो धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने रावण के अत्याचारों से संसार को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्रीराम का अवतार लिया था। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर हुआ था। बता दें कि राम जी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था और मध्याह्न की अवधि सामान्य रूप से दो घंटे 24 मिनट की होती है। राम नवमी के अवसर पर भगवान राम के भक्त पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान श्रीराम की आराधना सच्चे मन से करते हैं।

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रामनवमी के दिन इन उपायों से पाएं श्रीराम का आशीर्वाद  

  • सौभाग्य, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रामनवमी पर आप अपने मस्तक पर चंदन का तिलक करें।
  • रामनवमी पर नवदुर्गा और श्रीराम की पूजा के बाद सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। 
  • भगवान राम को लाल रंग के कपड़े में 1 गोमती चक्र, 11 लौंग और 11 बताशे बांधकर अर्पित करें। घर के मंदिर में एक कटोरी जल रखकर रक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें। इस उपाय को करने से धन-समृद्धि में वृद्धि होगी।
  • रामनवमी के दिन मां दुर्गा को रोली, चंदन और हल्दी का तिलक करें। इसके बाद, माता से घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।

माँ सिद्धिदात्री से जुड़ी पौराणिक कथा 

धर्म शास्त्रों में माँ सिद्धिदात्री की कथा का वर्णन मिलता है और इस कथा के अनुसार, माता सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या करने के बाद भगवान शिव ने आठ सिद्धियां प्राप्त की थी। मां सिद्धिदात्री की कृपा से महादेव का आधा शरीर देवी का हो गया था और उस समय से ही भगवान शिव अर्धनारीश्वर कहलाए गए। देवी दुर्गा का यह नौवां स्वरूप बाकी आठ स्वरूपों की तुलना में सर्वाधिक शक्तिशाली माना गया है।

मान्यता है कि आदिशक्ति के इस स्वरूप का अवतरण देवी-देवताओं के तेज से हुआ है। एक बार जब महिषासुर के आतंक से देवी-देवता से लेकर मनुष्य तक परेशान हो गए थे, उस समय सभी देवता भगवान शिव और विष्णु जी की शरण में गए और वहाँ उपस्थित देवताओं में से एक तेज निकला और इस दिव्य तेज से एक दिव्य शक्ति उत्पन्न हुई और इसको ही संसार में सिद्धिदात्री के नाम से जाना गया। देवी ने नवमी तिथि पर दैत्य महिषासुर का वध करके तीनों लोकों को उसके भय से मुक्ति प्रदान की थी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में चैत्र नवरात्रि महानवमी कब है?

इस साल महानवमी का पर्व 06 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।

2. महानवमी पर देवी के किस स्वरूप की पूजा की जाती है?

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर माँ सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है।  

3. 2025 में कब है राम नवमी? 

वर्ष 2025 में राम नवमी 06 अप्रैल 2025 को है।

साप्ताहिक अंक फल (06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?

साप्ताहिक अंक फल (06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?

मूलांक 1

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1 होगा। ऐसे में यह सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। भावनात्मक संबंधों के लिए यह सप्ताह काफी अच्छा साबित हो सकता है। फिर भी प्रेम संबंध आदि के मामले में मर्यादित आचरण जरूरी रहेगा। आप कहीं दूर की यात्रा करना चाह रहे हैं या फिर किसी भी प्रकार की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो इस मामले में भी यह सप्ताह आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है।

कला और साहित्य से जुड़े हुए लोगों को भी इस सप्ताह में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। दूध और पानी का व्यापार करने वाले लोग भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। साझेदारी के कामों में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। धैर्य के साथ किए गए प्रयास सामान्य तौर पर शुभ फल दिलाएंगे। 

यदि आप किसी भी तरह के क्रिएटिव काम से जुड़े हुए हैं तो इस सप्ताह काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। माता और माता तुल्य स्त्रियों के माध्यम से भी आपको न केवल भावनात्मक सपोर्ट मिल सकता है बल्कि उनके मार्गदर्शन और आशीर्वाद से आपके जीवन की अनुकूलता का ग्राफ और भी बढ़ सकता है। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में सोमवार या शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाना शुभ रहेगा। 

मूलांक 2 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। ऐसे में यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। यदि आप किसी भी तरह से किसी सामाजिक कार्य से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो यह सप्ताह आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। व्यवस्थापन या बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा जगत से जुड़े हुए लोगों को भी अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। यदि आप अभी शिक्षा ले रहे हैं अर्थात आप विद्यार्थी हैं तो आपको भी इस सप्ताह अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। 

यदि आप कहीं पर कोई धन निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो यह सप्ताह उस योजना को और बेहतर बनाने में आपके लिए मददगार बन सकता है। किसी वरिष्ठ के मार्गदर्शन से आपके कामों को नई ऊर्जा मिल सकती है। यदि आप जल्दबाजी पर थोड़ा सा नियंत्रण कर सकेंगे और अनुभव को महत्व देंगे तो इस सप्ताह मिलने वाले परिणामो में सकारात्मकता का प्रतिशत और अधिक बढ़ सकता है। क्रिएटिव कामों के लिए भी इस सप्ताह को अनुकूल कहा जाएगा। मित्रता निभाने और मित्रों से सहयोग दिलाने के मामलों भी अनुकूल परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में अपने शिक्षक या गुरु जी से मिलकर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।

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मूलांक 3

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या फिर 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। ऐसे में यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपको मिले जुले या औसत लेबल के परिणाम दे सकता है। इस सप्ताह विचारों में कुछ उलझाव रह सकता है। कामों में भी कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं। ऐसे में जरूरी कामों के लिए कुछ एस्ट्रा टाइम लेकर चलना समझदारी का काम होगा। हो सकता है कि इस सप्ताह आपको कुछ ऐसे भी सलाहकार लोग भी मिले जो किसी मामले में अनुभव न रखते हो लेकिन आपको नए रास्ते पर जाने का सुझाव दे सकते हैं। बेहतर होगा अपने विवेक से निर्णय ले या फिर उस लाइन से जुड़े हुए अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन लें। 

इसके बाद ही उस काम में आगे बढ़े। वैसे बेहतर तो यही रहेगा कि इस सप्ताह कोई नया प्रयोग न ही किया जाय तो ही अच्छा रहेगा। इस सप्ताह ऐसा कुछ भी नहीं करना है जिससे आपके मान सम्मान को किसी भी तरह की हानि पहुंचे। ऐसा व्यक्ति जो आपको अपमानित करने के मौके तलाशते रहते हों; उससे उलझना ठीक नहीं रहेगा। हर मामले में स्वयं को अनुशासित रखना भी जरूरी रहेगा। किसी भी प्रकार से अमर्यादित नहीं होना है। हालांकि इंटरनेट आदि से जुड़े हुए काम करने वाले लोगों को इस सप्ताह अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में बहते हुए शुद्ध जल में जटा वाले चार नारियल बहाना शुभ रहेगा।

मूलांक 4 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 14, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 4 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकता है। यदि आप धैर्य के साथ काम करेंगे तो ज्यादातर कामों में कोई कमी नहीं रहेगी और आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। इस सप्ताह में आपके निर्णय का विरोध करने वाले लोग भी बहुत कम होंगे या फिर नहीं होंगे। यही कारण है की सूझबूझ के साथ आगे बढ़ने के कारण और बाधा रहित रास्ते मिलने के कारण आप बिना किसी बड़ी परेशानी के अपने हर तरह के कामों को कंप्लीट कर सकेंगे। यदि आप वर्तमान में कोई काम कर रहे हैं और उस काम को और बड़ा बनाने की सोच रहे हैं तो यह सप्ताह आपको और विस्तार देने का काम कर सकता है। 

यानि कि यदि आप अपने किसी काम को और बढ़ाना चाह रहे हैं तो इस समाप्त में आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है। किसी नए काम की शुरुआत करने में भी यह सप्ताह मददगार बन सकता है। यदि किसी व्यक्ति से कोई जरूरी बात करनी थी तो इस हफ्ते आप उस बात को आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं यदि आप कोई परिवर्तन करना चाह रहे थे तो इस हफ्ते उस परिवर्तन के कदम को आगे बढ़ा सकते हैं। यात्रा आदि के लिए भी यह हफ्ता शानदार रहने वाला है। अमोद प्रमोद व मनोरंजन आदि के लिए भी यह सप्ताह काफी अच्छा रहने वाला है।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।

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मूलांक 5 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको मिले जुले परिणाम दे सकता है। यह सप्ताह पारिवारिक संबंधों के लिए समर्पित रह सकता है। यदि आप विवाहित हैं तो आप जीवन संगिनी यह जीवन साथी के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकेंगे। प्रेम संबंधों के लिए भी या सप्ताह सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम दे सकता है। विवाह आदि से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने के लिए भी सप्ताह अनुकूल रहेगा। इस सप्ताह में क्रोध और विवाद से बचना समझदारी का काम होगा। विशेषकर किसी महिला से विवाद न होने पाए इस बात का ख्याल गंभीरता पूर्वक रखना जरूरी रहेगा। 

ऐसे में नए-नए युवा हो रहे लोगों को इस बात का ख्याल रखना जरूरी रहेगा कि यदि कोई आपको पसंद नहीं करता है तो जबरन उसके पीछे भागना ठीक नहीं रहेगा। यानी कि सामाजिक मर्यादा का ख्याल रखते हुए प्रेम पूर्वक किसी को प्रपोज करना हो तो आप रिस्क ले सकते हैं अन्यथा नए सिरे से प्रेम प्रसंग का रास्ता तलाशना या अमर्यादित आचरण अपनाना उचित नहीं रहेगा। आमोद प्रमोद और मनोरंजन इत्यादि के लिए यह सप्ताह काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। साथ ही साथ शासन प्रशासन से जुड़े हुए मामलों में भी यह सप्ताह अच्छे परिणाम दे सकता है।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी सौभाग्यवती स्त्री को सौभाग्य सामग्री भेंट कर उसका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।

मूलांक 6 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको मिले जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। इस हफ्ते आपको कुछ खट्टे मीठे अनुभव हो सकते हैं। हालांकि इस तरह के मिले-जुले हुए घटनाक्रम आपको बहुत कुछ सिखाने का काम भी कर सकते हैं। ऐसे में आपको इस बात का अनुभव हो सकेगा कि कौन सा व्यक्ति आपके लिए हितकर है और कौन आपका नुकसान चाहता है। कौन सा व्यक्ति वास्तव में आपका मित्र है और कौन सा व्यक्ति मित्र होने का दिखावा कर रहा है। 

धर्म कर्म और अध्यात्म से संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। ऐसे में आध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यह समय अवधि अनुकूल कही जाएगी। वहीं इस अवधि में किसी भी मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। यानी कि इस सप्ताह नए सिरे से कोई नया प्रयोग न किया जाय तो ज्यादा अच्छा रहेगा। 

बेहतर होगा पुराने काम को ही अपने पुराने अनुभव के सहारे आगे बढ़ाया जाय। न तो नया प्रयोग करना उचित रहेगा और न ही नए काम की शुरुआत करना ठीक रहेगा। किसी अजनबी या नए व्यक्ति पर यकीन करना भी उचित नहीं रहेगा। यदि इन सावधानियां को आप अपनाएंगे तो परिणाम आपके फेवर में हो सकेंगे। यानी कि सावधानी पूर्वक कार्य करने की स्थिति में अनुकूल परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। वहीं लापरवाही की स्थिति में नुकसान होने की संभावनाएं भी बन रही हैं। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में भगवान गणेश को पीले पुष्प अर्पित करना शुभ रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 7

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा। ऐसे में यह सप्ताह सामान्य तौर पर आपके लिए अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। सिर्फ क्रोध की अधिकता के चलते कभी-कभी कोई काम खराब भी हो सकता है। ऐसे में यदि आप क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति हैं तो इस सप्ताह बहुत ही संयम के साथ काम करने की जरूरत रहेगी।

बाकी अन्य मामलों में सामान्य तौर पर आप काफी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। विशेषकर आर्थिक मामलों में धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। किसी को दिए हुए उधार पैसे थोड़ी सी कोशिश से मिल सकते हैं। यह सप्ताह आपके आत्मविश्वास और पावर को बढ़ाने का काम कर सकता है। धैर्य पूर्वक कुछ नए और अच्छे प्रयोग भी इस सप्ताह की अवधि में किए जा सकेंगे। यदि आप व्यवसायी हैं तो आपकी कार्यशैली में कुछ नयापन देखने को मिल सकता है। 

क्रोध और जल्दबाजी इस सप्ताह की सबसे बड़ी कमजोरी हो सकती है। अतः इनसे बचने की स्थिति में आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। इस सप्ताह कभी कभार आपकी इच्छा हठ करने की भी हो सकती है। हालांकि आप जिद्दी स्वभाव के व्यक्ति नहीं होंगे लेकिन इसके बावजूद भी आप इस सप्ताह किसी मामले में जिद पकड़ सकते हैं।

वैसे जिद्दी होने से पूर्व या बाद में यदि आप इस बात का मंथन कर लेंगे कि जिस बात के लिए आप जिद कर रहे हैं वह कितनी सार्थक है, तो शायद आपकी ऊर्जा और आपका समय दोनों ही बचा सकेंगे। इस सप्ताह धैर्य और अनुभव आपके सबसे बड़े साथी सिद्ध हो सकते हैं।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी जरूरतमंद को भोजन करवाना शुभ रहेगा।

मूलांक 8

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 होगा। वैसे तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है लेकिन लापरवाही की स्थिति में परिणाम औसत से कमजोर भी रह सकते हैं। वैसे तो यह सप्ताह अधूरे पड़े हुए कामों को पूरा करवाने में मददगार बन सकता है लेकिन किसी कारण से आप ऐसा करने में पीछे भी रह सकते हैं। जरूरी होगा उस कारण को तलाशना, उस कमी को दूर करना; इसके बाद पेंडिंग पड़े हुए कामों को कंप्लीट करना। 

इस सप्ताह अलसी होने से बचना है लेकिन इतना जल्दबाज भी नहीं होना है कि आपका स्वभाव ही बदला हुआ नजर आए और बातें बनने की बजाय खराब हो जाएं। अर्थात आलस्य भी बचाना है, जल्दबाजी से भी बचना है। संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ना है तभी आप कामों को कंप्लीट कर सकेंगे। भाई बंधु और मित्रों के साथ संबंध बिगड़ने न पाए इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। तो इस तरह से कुछ सावधानियां को अपनाने के बाद आप अपने कामों को संपन्न करके उनसे बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे और नकारात्मकता के लेवल को कम भी कर सकेंगे। 

यदि आप जमीन जायदाद से जुड़ा हुआ कोई काम कर रहे हैं या आपका कोई काम जो जमीन जायदाद से संबंधित हो; इस सप्ताह होने वाला है तो उसे मामले में किसी भी प्रकार के लापरवाही उचित नहीं रहेगी न ही उन मामलों में किसी व्यक्ति पर जरूरत से ज्यादा यकीन कर लेना उचित रहेगा। 

अर्थात भूमि भवन से जुड़े हुए मामलों में आत्मनिर्भर रहते हुए पुराने अनुभव के सहारे काम करना ही उचित होगा यदि वाहन इत्यादि स्वयं चलते हैं तो वाहन की गति पर संयम जरूरी रहेगा। साथ ही साथ दुर्घटना संभावित क्षेत्रों से नहीं गुजरेंगे तो और भी अच्छा रहेगा। और भी बेहतर होगा कि व्यर्थ की यात्राओं से ही बचा जाए। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में हनुमान जी के मंदिर में लाल फल चढ़ाना शुभ रहेगा।

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मूलांक 9

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या फिर 27 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा। वैसे तो सामान्य तौर पर यह सप्ताह मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है लेकिन अनुकूलता का लेवल एवरेज से कुछ हद तक बेहतर भी रह सकता है। जरूरी रहेगा तो क्रोध और अहंकार से बचना। दूसरों का सम्मान करना। इसके बाद सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम की प्राप्ति की प्रतीक्षा करना। यह सप्ताह कुछ नए कामों की शुरुआत करने में भी मददगार बन सकता है। किसी नए काम की नींव रखने की बात हो या फिर नई दिशा की खोज करनी हो सभी मामलों में यह सप्ताह आपके लिए मददगार बन सकता है। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को नौकरी मिलने की भी अच्छी संभावनाएं बन रही है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं विद्यार्थी या लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। 

यदि इस अवधि में किसी परीक्षा का आयोजन होता है तो उसमें आपका प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े हुए मामलों में भी यह सप्ताह आपके अनुकूल परिणाम दे सकता है अथवा दिलवा सकता है। कोर्ट कचहरी इत्यादि से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता का ग्राफ बढ़ेगा। यदि इस सप्ताह कोई फैसला आता है तो बहुत संभव है कि उसे फैसले में आपका फायदा निहित हो सकता है। पिता आदि से संबंधित मामलों में भी सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावनाएं प्रतीत हो रही है। यदि पिता का स्वास्थ्य पिछले दिनों खराब रहा है तो अब, विशेषकर इस सप्ताह में उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार देखने को मिल सकता है। अर्थात सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। बस क्रोध अहंकार और जल्दबाजी से बचने की जरूरत रहने वाली है, साथ ही साथ वरिष्ठों का मार्गदर्शन भी जरूरी रहेगा। ऐसा करने की स्थिति में परिणाम शानदार रह सकते हैं।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में मंदिर में साबुत गेहूं दान करना शुभ रहेगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. नंबर 5 के लिए यह सप्ताह कैसा है?

इस सप्ताह विचारों में कुछ उलझाव रह सकता है। कामों में भी कुछ कठिनाइयां रह सकती हैं।

2. 8 नंबर में किसका प्रभाव है?

यह सप्ताह आपके लिए कुछ अनुकूल परिणाम दे सकता है। 

3. 2 नंबर का स्वामी कौन है?

अंक ज्योतिष के मुताबिक, मूलांक 2 का स्वामी चंद्रमा है।

महाअष्टमी 2025 पर ज़रूर करें इन नियमों का पालन, वर्षभर बनी रहेगी माँ महागौरी की कृपा!

महाअष्टमी 2025 पर ज़रूर करें इन नियमों का पालन, वर्षभर बनी रहेगी माँ महागौरी की कृपा!

चैत्र नवरात्रि 2025: चैत्र और शरद दोनों ही नवरात्रि में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह समय आदि शक्ति की परम कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता हैं। हालांकि, नवरात्रि के अंतिम दो दिनों अर्थात् अष्टमी और नवमी को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन घर-घर में पूजा, हवन, कन्या पूजन जैसे धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। हालांकि, यहाँ हम बात करेंगे चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के बारे में। एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग आपको चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन अर्थात् “अष्टमी तिथि” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस दिन देवी के किस स्वरूप की पूजा की जाती है? क्या है इस दिन का महत्व, पूजा मुहूर्त, नियम और कथा आदि से भी आपको रूबरू करवाएंगे। तो आइए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं अष्टमी तिथि के बारे में सब कुछ। 

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चैत्र नवरात्रि 2025 आठवां दिन: तिथि और मुहूर्त

साल 2025 की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत बेहद ख़ास थी क्योंकि इससे एक दिन पहले वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। हालांकि, आज के दिन यानी कि अष्टमी तिथि पर माता महागौरी की उपासना की जाती है और व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि अष्टमी पर देवी का पूजन मनुष्यों के साथ-साथ देव, दानव, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर भी करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि को महाअष्टमी के रूप में मनाया जाता है और इस साल माता महागौरी का पूजन और व्रत 05 अप्रैल 2025 को किया जाएगा। चलिए अब हम नज़र डालते हैं चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि के बारे में।

चैत्र नवरात्रि 2025 का आठवां दिन: 05 अप्रैल 2025, शनिवार

अष्टमी तिथि का आरंभ: 04 अप्रैल की रात 08 बजकर 15 मिनट पर

अष्टमी तिथि समाप्त: 05 अप्रैल की शाम 07 बजकर 29 मिनट तक

नोट: हिंदू धर्म में उदया तिथि को महत्व दिया जाता है इसलिए उदया तिथि के अनुसार, अष्टमी तिथि 05 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।  

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अष्टमी तिथि पर बनेंगे ये बेहद शुभ योग 

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि अत्यंत विशेष रहेगी क्योंकि इस दिन दो बेहद शुभ योग बनने जा रहे हैं। बता दें कि अष्टमी तिथि की शुरुआत शोभन योग में होगी और दूसरी तरफ, इस दिन दो योग पहले से बने हुए हैं। अष्टमी तिथि अर्थात् 05 अप्रैल 2025 पर बुधादित्य योग और पंचग्रही योग बना हुआ है इसलिए इन शुभ योगों में माता की पूजा-अर्चना करने से आर्थिक तंगी की समस्या भी दूर होगी। आपको देवी दुर्गा का आशीर्वाद भी मिलेगा। साथ ही, इस दिन के दौरान ग्रहों की शांति पूजा करवाना श्रेष्ठ रहेगा। 

कैसा है माँ महागौरी का स्वरूप? 

अगर हम बात करें आदिशक्ति की आठवीं शक्ति माता महागौरी के स्वरूप की, तो देवी का स्वरूप एकदम श्वेत हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी को वर्षों कठोर तपस्या करने के बाद गौर वर्ण की प्राप्ति हुई थी। इस प्रकार, माता का आठवां स्वरूप महागौरी श्वेत वर्ण, उज्जवल एवं कोमल है और देवी ने सफेद रंग के वस्त्र धारण किए हुए हैं। माता को गीत-संगीत अत्यंत प्रिय है और इनकी सवारी वृषभ यानी बैल है। माँ की चार भुजाएं हैं और दाहिने हाथ अभय मुद्रा में हैं और त्रिशूल लिया हुआ है जबकि बाएं हाथ में डमरू पकड़ा हुआ है और एक हाथ अभय मुद्रा में है। इनके हाथ में डमरू होने की वजह से ही इनको शिवा के नाम से भी जाना जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता महागौरी के अवतरित होने के समय देवी की आयु 8 वर्ष थी और इस वजह से ही चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर इनकी पूजा करने की परंपरा है। चैत्र मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर माँ महागौरी की पूजा-अर्चना और उपासना करने से भक्त को धन-समृद्धि, सुख-शांति और वैभव का आशीर्वाद मिलता है। 

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माता महागौरी का ज्योतिषीय महत्व

सनातन धर्म में माँ महागौरी को देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप माना गया है। हालांकि, देवी को ज्योतिष शास्त्र में भी विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि माता शक्ति के नौ स्वरूप में से प्रत्येक स्वरूप का संबंध किसी न किसी ग्रह से माना गया है। इसी क्रम में, माँ महागौरी का संबंध छाया ग्रह राहु से है और यह राहु को नियंत्रित करती हैं। जिन जातकों की कुंडली में राहु ग्रह अशुभ है या जो राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए अष्टमी तिथि पर देवी के आठवें स्वरूप की पूजा करना फलदायी साबित होता है। साथ ही, आपको राहु ग्रह से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। 

चैत्र नवरात्रि आठवां दिन: महाअष्टमी व्रत का महत्व

देवी दुर्गा के भक्त माँ की कृपा एवं आशीर्वाद पाने के लिए नवरात्रि के नौ दिन लगातार उनकी पूजा-अर्चना एवं व्रत करते हैं। लेकिन, अगर आप नवरात्रि के 9 दिन व्रत नहीं रख पाए हैं, तो आप अष्टमी तिथि का व्रत रख सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि चैत्र मास की दुर्गाष्टमी पर उपवास करने वाले जातक को नवरात्रि के नौ दिन की पूजा के समान फल प्राप्त होता है। बता दें कि अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की उपासना की जाती है जिन्हें साक्षात अन्नपूर्णा का रूप माना गया है इसलिए महाअष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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चैत्र नवरात्रि 2025 अष्टमी तिथि की पूजा विधि

आदिशक्ति के आठवें स्वरूप माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए अष्टमी तिथि पर इस विधि से करें देवी का पूजन।  

  • प्रातःकाल उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को गंगा जल छिड़कर शुद्ध कर लें। 
  • पूजा को शुरू करते समय सबसे पहले कलश स्थापना करें और फिर प्रथम पूज्य श्रीगणेश का ध्यान करें। 
  • इसके पश्चात सच्चे मन से माँ के मंत्रों का जाप करें और उन्हें लाल चुनरी अर्पित करें। 
  • अगर आप अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करने जा रहे हैं, तो लाल चुनरी कन्याओं को जरूर चढ़ाएं। 
  • इसके बाद, देवी को चावल, सिंदूर, फल और फूल आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। 
  • अष्टमी पूजा में आप दुर्गा यंत्र को भी रख सकते हैं। 
  • अब आप हाथ में सफेद फूल लेकर सच्चे मन से माता महागौरी का ध्यान करें। 
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और पूजा के अंत में आरती करें। 
  • सबसे आख़िर में माँ से अनजाने में हुई गलती के लिए माफ़ी मांगें और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें।

महाअष्टमी तिथि पर भूलकर भी न करें ये काम

  • चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा को नारियल का भोग लगाया जाता है, लेकिन इस दिन नारियल खाना वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर नारियल का सेवन करने से बुद्धि का नाश होता है। 
  • इसके अलाव, इस दिन कद्दू और लौकी को खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि कुछ स्थानों पर कद्दू, ककड़ी और लौकी आदि की बलि दी जाती है। 

अष्टमी पर माता महागौरी को लगाएं इन चीज़ों का भोग 

अष्टमी तिथि पर माता महागौरी को पूजा में उनकी प्रिय वस्तु का भोग अवश्य लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अष्टमी तिथि के दिन माँ महागौरी को नारियल या नारियल से बनी हुई चीजों का भोग लगाना चाहिए। यदि आप माँ को नारियल का भोग 

लगाते हैं, तो इस नारियल को किसी ब्राह्मण को दान कर दें। इस नारियल को प्रसाद के रूप में सभी लोगों को बांटें। अष्टमी तिथि पर कन्या पूजा करने वाले लोग देवी को पूरी, सब्जी, हलवे और काले चने का भी प्रसाद के रूप में भोग लगा सकते हैं।

महारात्रि पूजन के लिए मंत्र

माता महागौरी की पूजा आठवें नवरात्रि के दिन निम्न मंत्रों से करें। 

॥ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

स्त्रोत

सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।

ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।

डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।

वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्

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अष्टमी पर कन्या पूजन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान 

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि दोनों ही दिन कन्या पूजन किया जाता है। शायद ही  आप जानते होंगे कि अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करना विशेष माना गया है। अगर आप भी चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन कर रहे हैं, तो इन बातों को ध्यान में रखकर आप कन्या पूजन से मिलने वाले परिणामों को बढ़ा सकते हैं, आइए नज़र डालते हैं इन बातों पर। 

  • कन्या पूजन में सदैव 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को शामिल करना चाहिए। 
  • बता दें कि 2 वर्ष की कन्या को कुमारी, 3 वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति, 4 वर्ष की कन्या को कल्याणी, 5 वर्ष की कन्या को रोहिणी, 6 वर्ष की कन्या को कालिका, 7 वर्ष की कन्या को चंडिका, 8 वर्ष की कन्या को शांभवी, 9 वर्ष की कन्या को दुर्गा और 10 वर्ष की कन्या को सुभद्रा का रूप माना जाता है। 
  • कन्या पूजन में शामिल होने वाली हर कन्या के हाथ-पैर आपको स्वयं धोने चाहिए और सम्मान पूर्वक आसन बिछाकर कन्याओं को उस पर बिठाएं।
  • इसके पश्चात उन्हें श्रद्धापूर्वक हलवा-पूरी और काले चने का भोजन कराएं। 
  • भोजन करने के पश्चात कन्याओं के पैर छूकर उनको दक्षिणा देकर विदा करें। 

महाअष्टमी पर दुखों के अंत के लिए करें ये सरल उपाय 

  1. प्रेमी या प्रेमिका के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए अष्टमी तिथि पर दो जमुनिया रत्न लेकर गंगाजल में डुबोकर रखे। इसके बाद, अगले 11 दिनों तक इस गंगा जल का छिड़काव आप निरंतर अपने घर में करें। साथ ही, इस “विधेहि देवी कल्याणं विधेहि परमां श्रियम।” मंत्र का जाप करें।
  2. जिन जातकों को अपने मनपसंद वर या वधु से विवाह करने में समस्या आ रही है, वह अष्टमी पर देवी दुर्गा को इलायची का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। इसके अलावा, देवी के लिए “सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।” मंत्र का 21 बार जाप करें।
  3. जो लोग अपने व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं, वह अष्टमी तिथि पर स्नान करन के बाद देवी दुर्गा की पूजा विधि-विधान से करे और कपूर से आरती करें। इसक बाद, माता को हलवे और चने का भोग लगाएं। 
  4. अगर आप सुखी एवं प्रेम पूर्ण वैवाहिक जीवन पाना चाहते है, तो आप अष्टमी तिथि पर देवी के लिए इस मंत्र का 21 बार जाप करें: “विधेहि देवी कल्याणं विधेहि परमां श्रियम। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।”

माता महागौरी से जुड़ी पौराणिक कथा 

धर्मग्रंथों में माता महागौरी से जुड़ी एक कथा का वर्णन मिलता है जो हम आपको बताने जा रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने भीषण गर्मी, कड़ी सर्दी और भयंकर बरसात में वर्षों तक कठोर तपस्या की थी जिसकी वजह से उनका रंग काला पड़ गया था। इसके पश्चात, शिव जी ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया और इस स्नान से देवी का वर्ण गोरा हो गया, उस समय से ही देवी को माता महागौरी के नाम से जाने जाना लगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 में अष्टमी कब है?

चैत्र नवरात्रि 2025 में अष्टमी तिथि 5 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। 

2. देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप कौन सा है?

माता रानी का आठवां स्वरूप माँ महागौरी का है।

3. आठवें नवरात्रि पर किसकी पूजा की जाती है? 

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर माता महागौरी की पूजा का विधान है।