बृहस्‍पति 2032 तक रहेंगे अतिचारी, जानें क्‍या पड़ेगा 12 राशियों पर प्रभाव!

बृहस्‍पति 2032 तक रहेंगे अतिचारी, जानें क्‍या पड़ेगा 12 राशियों पर प्रभाव!

बृहस्‍पति का ‘अतिचारी’ गोचर 2032 तक चलेगा। तो क्‍या बृहस्‍पति की इस चाल की वजह से हमारे आसपास कोई खतरा मंडरा रहा है? एस्‍ट्रोसेज एआई के इस ब्‍लॉग में हम आपको अतिचारी बृहस्‍पति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम बात की जाती है। इसे लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे लेकिन सबसे पहला और अहम सवाल यही होगा कि आखिर इस अतिचारी बृहस्‍पति का मतलब क्‍या है?

आखिर, किसी ग्रह के अपनी सामान्‍य गति से थोड़ा तेज चलने में समस्‍या क्‍या है? इसे लेकर इतना शोर क्‍यों हो रहा है? बता दें कि जब कोई ग्रह अपनी सामन्‍य गति से तेज चलता है, तो यह कोई शुभ बात नहीं है लेकिन यह हमेशा बुरा भी नहीं होता है। आमतौर पर इस स्थिति में कोई भी ग्रह अचानक, अस्थिर, असामान्‍य या अप्रत्‍याशित परिणाम दे सकता है।

Read Here In English: Atichari Jupiter Till 2032

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बृहस्‍पति अतिचारी 2032 तक: क्‍या है मतलब

वैदिक ज्‍योतिष में अतिचारी बृहस्‍पति का अर्थ है जब गुरु ग्रह किसी राशि में अपनी सामान्‍य गति से ज्‍यादा तेजी से गोचर करता है। सामान्‍य तौर पर बृहस्‍पति को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 12 से 13 महीने का समय लगता है। हालांकि, जब बृहस्‍पति की गति तेज हो जाती है, तब यह जीवन के विभिन्‍न पहलुओं जैसे कि करियर, प्रेम जीवन और विकास पर गहरा एवं महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। अतिचारी का मतलब है ‘बहुत तेज’ या ‘त्‍वरित’। बृहस्‍पति बुद्धि, समझ और सौभाग्‍य का प्रतीक है इसलिए जब यह तेज गति से चलता है, तो इसके त्‍वरित और गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं। इस समय बृहस्‍पति ज्‍यादा तेज गति से चल रहे हैं जिस वजह से बृहस्‍पति अपने प्राकृतिक कारकत्‍व में कमी लाएंगे। हालांकि, इस तेज गति से चलने की वजह से वह आपको गलत जानकारी दे सकता है जिससे आप गलत तथ्‍यों पर भरोसा कर के ऐसे फैसले ले सकते हैं जो आप सामान्‍य परिस्थिति में नहीं लेते। यह गोचर प्रगति, सुख-सुविधा और संपन्‍नता प्रदान करेगा।

तो अब आपको पता चल गया कि अतिचारी बृहस्‍पति क्‍या होता है, अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि क्‍या ऐसा पहली बार हो रहा है या पहले भी ऐसा हो चुका है? आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भी ऐसी घटना होती है, तब दुनिया किसी ऐसी बड़ी आपदा का सामना करती है या उसे पार करती है जिसका प्रभाव पृथ्‍वी पर रहने वाले हर जीव-जंतु पर पड़ता है।

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बृहस्‍पति अतिचारी 2032 तक: अतीत में इसका प्रभाव

पिछली शताब्दियों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब बृहस्‍पति ने अतिचारी गति में गोचर किया है और इस दौरान भारत और दुनियाभर में इतिहास की कई घटनाएं घटीं। जब बृहस्‍पति किसी भी राशि में अतिचारी होता है, तब यह अशांति लेकर आता है और ऐसे निर्णय दिलवाता है जो किसी व्‍यक्‍ति को खुश नहीं कर सकते हैं। बृहस्‍पति एक शुभ ग्रह है और इसके तेज गति से चलने से कई बार उथल-पुथल और अस्थिरता आती है। वर्तमान समय में दुनिया के पूर्वी और पश्चिमी देशों के मध्‍य संघर्ष चल रहा है और यह वैश्चिक स्‍तर पर एक बड़े असंतुलन के आने का संकेत दे रहा है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जब कुरूक्षेत्र में ऐतिहासिक महाभारत युद्ध हुआ था, तब बृहस्‍पति अतिचारी थे। उस समय कौरवों और पांडवों के बीच जबरदस्‍त रक्‍तपात के बाद पांडवों ने सत्ता हासिल कर बड़ा परिवर्तन किया था।

वहीं द्वितीय विश्‍व युद्ध के दौरान भी कई महान ज्‍योतिषियों ने बृहस्‍पति को अतिचारी देखा था और दुनिया पर मंडरा रहे बड़े खतरे की भविष्‍यवाणी की थी। उस समय सेना और आम नागरियों को मिलाकर कुल 75 मिलियन लोग मारे गए थे।

15 अगस्‍त, 1947 को भारत की स्‍वतंत्रता एक और बड़ी घटना थी। यह भी सत्ता में बड़ा बदलाव था और इस बार भी खूब रक्‍तपात हुआ था। आश्‍चर्य की बात है कि जब ब्रिटिश उपनिवेश से भारत की स्‍वतंत्रता की घोषणा के बाद देश के नेताओं ने सत्ता संभाली। आज़ादी के लिए लंबी और थका देने वाली जंग में कई स्‍वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाज़ी लगाई और भारत को स्‍वतंत्र करवाया।

कोरोना वायरस : एक वैश्विक महामारी और आर्थिक मंदी

साल 2020 में बृहस्‍पति के फिर से तेज गति से चलने की वजह से दुनिया को कोरोना वायरस जैसी महामारी का प्रकोप झेलना पड़ा। इस महामारी ने हर तरीके से परेशानियां खड़ी की, लोग बेघर हो गए, नौकरियां चली गईं, दुनियाभर में कई लोगों की जान गई और वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में जबरदस्‍त गिरावट देखने को मिली।

हालांकि, कोविड-19 को राहु-केतु की चाल और प्रभाव से भी जोड़कर देखा जाता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कोरोना वायरस को बहुत ही कम समय में तेजी से फैलाने में बृहस्‍प‍ति की भी अहम भूमिका रही है। बृृहस्‍पति का स्‍वभाव विस्‍तार करने का है और यह बहुत तेजी से चीज़ों को बढ़ाता है। इस बार बृहस्‍पति की तेज गति ने इस ऊर्जा को नकारात्‍मक रूप से प्रभावित किया।

वर्तमान की स्थिति और ऐसे क्षेत्र जिन पर ध्‍यान देना चाहिए

बृहस्‍पति की अतिचारी अवधि खासतौर पर 2025 से लेकर 2032 तक निजी जीवन, करियर और दुनियाभर में बड़े बदलाव लेकर आएगी। वर्तमान में चल रहे युद्ध, संघर्ष और संकट, यह दर्शाते हैं कि इन कुछ वर्षों में वैश्विक स्थिति में कितनी तेजी से बदलाव आया है और इन बदलावों के प्रभाव अब और अधिक स्‍पष्‍ट नज़र आएंगे। यदि वैश्विक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें, तो तीन प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्‍यान देना होगा:

  1. सरकार
  2. अर्थव्‍यवस्‍था
  3. धर्म

यह घटना और बृ‍हस्‍पति की तेज गति दुनियाभर में कई युद्धों को तेज करने का काम कर सकती है। जैसा कि हम पहले से ही देख रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अभी तक किसी निष्‍कर्ष पर नहीं पहुंचा है और फरवरी 2022 से ही युद्ध चल रह है। वहीं दूसरी ओर, इज़राइल अपनी ही परेशानियों से जूझ रहा है। वहीं 29 मार्च, 2025 को शनि के मीन राशि में प्रवेश करने के बाद 30 मार्च, 2025 को छह ग्रहों की मीन राशि में युति हो चुकी है। यह स्थिति अतिचारी बृहस्‍पति के साथ मिलकर दुनिया को एक बड़ी आर्थिक मंदी की ओर धकेल सकती है जो कि 1929 की तरह ही भयानक हो सकती है।

इस चरण के गुज़र जाने के बाद दुनिया की कई बड़ी अरअर्थव्यवस्थाएं पूरी तरह से बिखर सकती हैं और इन देशों को इससे उबरने में वर्षों का समय लग सकता है और भारत भी इनमें से एक होगा। ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार जब शनि और राहु की युति होती है, तब यह लोगों और अन्‍य प्रमुख अर्थव्‍यवस्थाओं के लिए वित्तीय संकट का समय होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब शनि बृहस्‍पति की किसी भी राशि में गोचर करता है, तब वैश्विक स्‍तर पर ‘दुर्भिक्षा’ या मंदी की‍ स्थिति बन सकती है क्‍योंकि बृहस्‍पति धन का कारक हैं और शनि दरिद्रता का कारक हैं। इसलिए जब शनि बृहस्‍पति की राशि में होता है, तो धन के मामले में हमेशा असंतुलन की स्थिति पैदा होती है।

2025 की शुरुआत से ही विभिन्‍न धर्मों और संस्‍कृति के लोग अपनी परंपराओं एवं संस्‍कारों को बनाए रखने को लेकर अधिक कट्टर और दृढ़ हो सकते हैं। चाहे वह भारत हो, अमेरिका हो या फिर कोई अन्‍य देश हो, लोग अपने धर्म को थोपने में अधिक कठोरता दिखा सकते हैं या फिर नौकरियों और सेवाओं आदि में विदेशियों की तुलना में अपने समुदाय के लोगों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति दिख सकती है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बृहस्‍पति अतिचारी 2032 तक: 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव का स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति है। कुंडली का नौवां भाव धर्म का और बारहवां भाव अलगाव या विदेश यात्रा का कारक होता है। साल 2025 में 01 मई से ही बृहस्‍पति मेष राशि के तीसरे भाव में विराजमान है। बृहस्‍पति की नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से इस समय आपकी आध्‍यात्मिक कार्यों में अधिक रुचि हो सकती है।

कुछ लोगों के लिए विदेश यात्रा या विदेश में बसने के योग बन सकते हैं जिससे उन्‍हें निश्‍चित रूप से लाभ होगा। बृहस्‍पति लेखकों, मीडियाकर्मियों, कलाकारों आदि को उत्तम परिणाम प्रदान करेगा। हालांकि, बृहस्‍पति की नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आप धार्मिक या आध्‍यात्मिक कार्यों में धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

मेष राशिफल 2025

वृषभ राशि

वृषभ राशि के आठवें और ग्‍यारहवें भाव का स्‍वामी बृहस्‍पति ग्रह है। कुंडली का आठवां भाव आकस्मिक घटनाओं और ग्‍यारहवां भाव बड़े भाई-बहनों का कारक होता है। बृहस्‍पति आय और पारिवारिक संपत्ति का कारक है। गुरु का दूसरे भाव में होना अत्‍यंत शुभ माना जाता है। आमतौर पर यह सौभाग्‍य, आर्थिक समृद्धि और मज़बूत नैतिक मूल्‍यों का संकेत देता है। आठवें भाव का स्‍वामी होने की वजह से बृहस्‍पति आपके लिए वित्तीय समस्‍याएं पैदा कर सकते हैं। वहीं अतिचारी बृहस्‍पति आपकी सेहत पर भी नकारात्‍मक प्रभाव डालेंगे लेकिन आपको कुछ लाभ भी दे सकते हैं। यह समय आपके लिए औसत रहेगा।

वृषभ राशिफल 2025

मिथुन राशि

मिथुन राशि के पहले घर में बृहस्पति का गोचर होने जा रहा है और इस राशि के सातवें और दसवें भाव का स्वामी बृहस्पति है। इस गोचर से उत्पन्न किसी भी प्रकार के अप्रिय विचार से बचने के आपको सचेत प्रयास करना चाहिए। आपको इस समय दीर्घकालिक लाभ मिलने को संभावना कम है।

करियर की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है या नौकरी में बदलाव के भी योग हैं लेकिन ये विकल्प उतने अच्छे नहीं होंगे जितनी आप उम्मीद कर रहे हैं। यदि इस समयावधि में व्यापारियों को अपनी उम्मीद के अनुसार लाभ न मिला तो, उन्हें चिंता हो सकती है। आप आर्थिक रूप से स्थिर हो सकते हैं लेकिन फिर भी आपको लगेगा कि आपको आमदनी आपके खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार के कारण मतभेद हो सकते हैं जिससे आपके रिश्ते का संतुलन बिगड़ सकता है।

मिथुन राशिफल 2025

कर्क राशि

कर्क राशि के छठे और नौवें भाव का स्वामी बृहस्पति है और अब वह आपके बारहवें भाव में हैं। इस घटना के कारण आपको अपने बढ़ते हुए दायित्वों को संभालना मुश्किल हो सकता है। इस समय आपको लोन लेने के लिए दबाव महसूस कर सकते हैं।

करियर की बात करें, तो आपको अपनी नौकरी में दबाव महसूस हो सकता है जो कि इस समयावधि में आऊ ज्यादा बदतर हो सकता है। व्यापारी नई चीजें करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं जिससे उन्हें पैसा कमाने में मदद मिलेगी। हालांकि, कंपनी के सफल होने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की ज़रूरत है। वित्त की बात करें तो इस समय आपको धन को सावधानीपूर्व संभालने की ज़रूरत है क्योंकि लापरवाही की वजह से परेशानियां हो सकती हैं।

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सिंह राशि

सिंह राशि के पांचवें और आठवें भाव का स्वामी बृहस्पति है और अब वह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहा है। आपकी इच्छाएं पूरी होंगी और आपको अचानक लाभकारी अनुभव हो सकते हैं।

नौकरीपेशा जातक लगातार प्रगति करेंगे और दीर्घकालिक सफलता के लिए आधार तैयार करेंगे। इस समय आपके प्रयासों को पहचान मिलेगी। अगर आप खासतौर पर ट्रेडिंग या स्टॉक के बिजनेस करते हैं, तो इस दौरान आपकी अच्छी आमदनी होगी और आपको रोमांचक अवसर प्राप्त होंगे। वित्त की बात करें, तो आपको बड़ा लाभ हो शक्तभाई और आपको अपनी बचत के अवसर बढ़ाने के अवसर मिलेंगे।

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कन्या राशि

कन्या राशि के चौथे और सातवें भाव का स्‍वामी बृहस्‍पति है जो कि अब आपके दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहा है। इस समय आप कम सहज महसूस कर सकते हैं। लेकिन आप अपने रिश्‍तों और करियर पर अधिक ध्‍यान देते हुए नज़र आएंगे।

करियर की बात करें, तो आपकी नौकरी में लाभकारी बदलाव होने की संभावना है। व्‍यापारियों को उच्‍च आय के लिए पर्याप्‍त अवसर प्राप्‍त होंगे जिससे आप उल्‍लेखनीय उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। वित्त की बात करें, तो इस समयावधि में आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के संकेत हैं और इसका श्रेय आपके भाग्‍य को जाता है।

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तुला राशि

तुला राशि के तीसरे और छठे भाव का स्‍वामी बृहस्‍पति इस राशि के नौवें भाव में अतिचारी है। इस समय आप अपनी काबिलियत से ज्‍यादा कुछ हासिल कर सकते हैं और आपको यात्रा करने के अधिक अवसर मिलेंगे। अब आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलना शुरू हो सकता है।

करियर की बात करें, तो आपको विदेश से नए अवसर मिलने की संभावना है जो आपके लिए अनुकूल साबित होंगे। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो आप इस समय नई व्‍यावसायिक योजनाएं बना सकते हैं जिनमें अधिक धन कमाने की क्षमता होगी। वित्तीय जीवन की बात करें, तो इस समय आप आर्थिक रूप से मज़बूत रहेंगे। आपको यात्रा के ज़रिए अधिक धन कमाने के अवसर मिलेंगे। निजी जीवन में आपका जीवनसाथी आपकी ईमानदारी की सराहना कर सकता है।

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वृश्चिक राशि

अतिचारी बृहस्‍पति वृश्चिक राशि के आठवें भाव में हैं जिससे आपके लिए कुछ कठिनाईयां उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति हैं। अगर आप नौकरी के नए अवसरों को अनदेखा करते हैं, तो आपको अपने करियर में परेशानियां हो सकती हैं। इस समयावधि में आपको अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों से बात करते समय सावधान रहने की ज़रूरत है क्‍योंकि इस दौरान कार्यक्षेत्र में समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं।

यदि आप व्‍यवसाय करते हैं, तो आपके अवसरों और आमदनी में गिरावट आने की आशंका है। इन अड़चनों से उबरने के लिए व्‍यवस्थित और रणनीतिक योजना बनाना आवश्‍यक है। धन की बात करें, तो आप सामान्‍य रूप से धन कमाएंगे। अगर आप पैसा कमा भी लेते हैं, तो भी इसके डूबने का खतरा रहेगा। आपके लिए बचत करना मुश्किल हो सकता है।

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धनु राशि

धनु राशि के सातवें भाव में बृहस्‍पति है जो कि इस राशि के पहले और चौथे भाव का स्‍वामी भी है। इस समय आपकी अध्‍यात्‍म रुचि अधिक बढ़ सकती है। आप अपने आध्‍यात्मिक विकास की खोज में अधिक धन खर्च कर सकते हैं।

आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्रा करनी पड़ सकती है और इनमें से कुछ यात्राएं मुश्किल साबित होंगी। व्‍यापारियों के लिए इस समयावधि में अधिक लाभ अर्जित करना प्राथमिकता रहने वाली है। अगर आप रणनीतिक योजना के साथ आगे बढ़ते हैं, तो आपके प्रयास अच्‍छे वित्तीय परिणाम देंगे और आप धन संचय भी कर सकते हैं।

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मकर राशि

मकर राशि के छठे भाव में बृहस्‍पति रहेंगे और इस राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति हैं। इस समय आपको अप्रत्‍याशित आय होने के संकेत हैं। बृहस्‍पति के अतिचारी होने के दौरान लोन लेना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

आप अपने काम में अधिक रुचि लेंगे और सेवा भावना से प्रेरित होकर काम कर सकते हैं जिससे आपको संतुष्टि महसूस होगी। हालांकि, अगर आप बिज़नेस करते हैं, तो आपको इस समय अपने व्‍यवसाय के दायरे को सीमित करने की आवश्‍यकता हो सकती है क्‍योंकि इस दौरान आपके लिए मुनाफा कमाना कठिन हो सकता है। आपके खर्चों में वृद्धि होने और वित्तीय नुकसान के योग बन रहे हैं जिससे नई जिम्‍मेदारियों के चलते लोन लेने की ज़रूरत बढ़ सकती है।

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कुंभ राशि

बृहस्‍पति इस राशि के दूसरे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी हैं जो कि अब आपके पांचवे भाव में उपस्थित हैं। इससे आपको अनुकूल और लाभकारी परिणाम प्राप्‍त होंगे। इस समय आप आत्‍मविश्‍वास से भरपूर और आशावादी महसूस करेंगे।

करियर के मामले में आप अपनी स्थिति से संतुष्‍ट रहने वाले हैं। इसके अलावा आपको अपने प्रयासों के लिए सराहना और मान्‍यता मिल सकती है। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो इस समय आपको सफलता मिलेगी और खासतौर पर ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में काम करने वाले लोगों की आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपकी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी होने के आसार हैं। जैसे-जैसे आप अधिक पैसा बचाने की मानसिकता रखेंगे, वैसे-वैसे आपको अधिक धन कमाने और बचाने के वित्तीय अवसर प्राप्‍त होंगे।

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मीन राशि

मीन राशि के पहले और दसवें भाव के स्‍वामी बृहस्‍पति हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में हैं। इससे आपको अधिक सुख-सुविधा मिल सकती है। इस समय आप अपने करियर को लेकर अधिक ध्‍यान केंद्रित रहेंगे। आपको यात्रा करने के अधिक अवसर मिलेंगे और आप शायद स्‍थानांतरण भी कर सकते हैं।

आपका आत्‍मविश्‍वास और तेजी से निर्णय लेने की क्षमता आपको अपने कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता और प्रगति दिला सकती है। यदि आप व्‍यापार करते हैं, तो आप विभिन्‍न व्‍यावसायिक कार्यों में सफल होंगे, अधिक पैसा कमाएंगे और आपको महत्‍वपूर्ण लाभ मिल सकता है। धन की बात करें, तो इस समय आपकी आय और खर्चों दोनों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपका पारिवारिक कार्यक्रमों और स्‍वास्‍थ्‍य पर खर्चा हो सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. ज्‍योतिष में अतिचारी का क्‍या मतलब होता है?

उत्तर. अतिचारी का अर्थ होता है जब कोई ग्रह अपनी सामान्‍य गति से अधिक तेजी से चलता है और इसका लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

प्रश्‍न 2. क्‍या बृहस्‍पति एक शुभ ग्रह है?

उत्तर. हां, बृहस्‍पति सबसे शुभ ग्रहों में से एक है।

प्रश्‍न 3. बृहस्‍पति कब तक अतिचारी रहेंगे?

उत्तर. 2032 तक गुरु अतिचारी रहने वाले हैं।

मेष राशि में सूर्य के प्रवेश से बन जाएंगे इन राशियों के बिगड़े काम; धन लाभ के भी बनेंगे योग!

मेष राशि में सूर्य के प्रवेश से बन जाएंगे इन राशियों के बिगड़े काम; धन लाभ के भी बनेंगे योग!

सूर्य का मेष राशि में गोचर:  वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव “नवग्रहों के जनक” के नाम से जाने जाते हैं क्योंकि यह अन्य ग्रहों की तरह कभी भी अस्त, उदित, वक्री और मार्गी नहीं होते हैं। लेकिन, हर माह अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं इसलिए सूर्य के गोचर को बहुत ख़ास माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह का गोचर राशि चक्र के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है। अब यह जल्द ही मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इसका सकारात्मक और नकारात्मक असर संसार और मनुष्य जीवन दोनों पर दिखाई दे सकता है। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश आपके जीवन के भिन्न-भिन्न आयामों जैसे करियर, व्यापार, प्रेम और वैवाहिक जीवन आदि को प्रभावित करेगा।

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ऐसे में, आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि सूर्य का मेष राशि में गोचर किन राशियों के लिए शुभ रहेगा और किन राशियों की परेशानियों को बढ़ाएगा? क्या आपको करियर में मिलेगी सफलता? आर्थिक स्थिति में होगा सुधार या बनी रहेंगी धन से जुड़ी समस्याएं? इन सभी सवालों के जवाब आपको एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। सूर्य का मेष राशि में गोचर का यह लेख हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा सूर्य की स्थिति और दशा की गणना करने के बाद तैयार किया गया है। आइए जानते हैं कि सूर्य का मेष राशि में गोचर का समय और डेट। 

सूर्य का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय 

सूर्य का मेष राशि में गोचर बेहद ख़ास माना जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य अपना एक राशि चक्र पूरा कर लेते हैं। साथ ही, पहली राशि होने के कारण मेष राशि में प्रवेश के साथ सूर्य के नए राशि चक्र की शुरुआत हो जाती है। इसी क्रम में, सूर्य महाराज अब 14 अप्रैल 2025 की रात 03 बजे मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं जो कि उग्र स्वभाव के हैं और सूर्य को भी उग्र स्वभाव का ग्रह माना जाता है। ऐसे में, मेष राशि में सूर्य गोचर के दौरान संसार में कुछ बड़े परिवर्तन नज़र आ सकते हैं। आइए अब जानते है धार्मिक दृष्टि से सूर्य गोचर का महत्व। 

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: धार्मिक दृष्टि से

सूर्य गोचर का ज्योतिष के अलावा धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व होता है। बता दें कि जब सूर्य महाराज अपना राशि परिवर्तन करते हैं या फिर एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस घटना को हिन्दू धर्म में संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य का गोचर हर माह होने के कारण हर महीने संक्रांति आती है और इस तिथि को बहुत शुभ माना गया है। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं, उस संक्रांति का नाम उसी राशि के नाम पर पड़ता है जिनमें वह गोचर करते हैं।

अब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं, तो इस तिथि को मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। यह सौर वर्ष का पहला दिन होता है और इस अवसर पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाता है। इनकी उपासना से जातक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही, आपको सभी तरह की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है। 

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खरमास 2025 का होगा अंत 

शायद ही आप इस बात को जानते होंगे कि जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है, तब खरमास लग जाता है। इसके साथ ही अगले एक महीने के लिए सभी तरह के धार्मिक कार्यों जैसे शादी-विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाती है। इसी क्रम में, सूर्य देव पिछले 14 मार्च 2025 से मीन राशि में विराजमान थे इसलिए खरमास लगा हुआ था, लेकिन अब सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास का अंत हो जाएगा। ऐसे में, एक बार फिर से शुभ एवं मांगलिक कार्य किये जा सकेंगे। चलिए अब जानते हैं सूर्य ग्रह का ज्योतिष में महत्व।

सूर्य ग्रह का ज्योतिषीय महत्व 

  • ज्योतिष की दुनिया में सूर्य ग्रह को महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है जो हर माह अपनी राशि में बदलाव करते हैं। 
  • मनुष्य जीवन में सूर्य महाराज मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता और उच्च पद का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
  • राशि चक्र में सिंह राशि के स्वामी सूर्य ग्रह हैं और इनकी उच्च राशि मेष है जबकि यह तुला राशि में नीच अवस्था में होते हैं। 
  • हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रह जिस दिन किसी राशि में प्रवेश करते हैं, वह तिथि और अवधि सभी तरह के धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। 
  • सूर्य गोचर की अवधि में लोग आत्मशांति के लिए अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। साथ ही, सूर्य देव की आराधना करते हैं। 
  • हालांकि, अगर कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ भाव में मौजूद होते हैं, तो जातक को अच्छी नौकरी समाज में मान-सम्मान और प्रसिद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन, कभी-कभी ऐसा होता है कि यह अपने उग्र स्वभाव की वजह से थोड़े बेहतर परिणाम देने में पीछे रह जाते हैं। 

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सूर्य का धार्मिक महत्व 

  • जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि सूर्य ग्रह को सौरमंडल का राजा कहा जाता है। इसी क्रम में, ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में सूर्य को सूर्य देव माना गया है इसलिए इनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। 
  • पौराणिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव के पिता महर्षि कश्यप और माता अदिति हैं  इसलिए इन्हें आदित्य के नाम से भी जाना जाता है। 
  • सूर्य महाराज से शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति के लिए सूर्य को नियमित रूप से जल का अर्घ्य देना चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। 
  • हिन्दू पंचांग में सूर्य को रविवार का दिन समर्पित है और इसे सप्ताह का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

इन पांच कामों से प्रसन्न होते हैं सूर्य 

  1. आप सूर्य ग्रह को मज़बूत करने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना एवं पूजन कर सकते हैं। 
  2. सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए “ॐ भास्कराय नमः” मंत्र का जाप करें। 
  3. सूर्य से शुभ परिणाम पाने के लिए किसी ज्योतिषी की सलाह पर आप माणिक्य रत्न भी धारण कर सकते हैं। 
  4. आप दैनिक जीवन में पीला या केसरिया रंग ज्यादा से ज्यादा धारण करें। 
  5. बेल मूल की जड़ के इस्तेमाल से आप सूर्य ग्रह की कृपा पा सकते हैं। 

चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं सूर्य को मज़बूत करने के उपायों से। 

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान  

सूर्य का मेष राशि में गोचर के दौरान अपनाएं ये उपाय

  • सूर्य ग्रह को मज़बूत करने के लिए प्रत्येक रविवार लाल रंग के वस्त्र धारण करें या फिर इनका दान करें।
  • आप नियमित रूप से ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।
  • सूर्य की स्थिति को बलवान बनाने के लिए कम से कम 11 रविवार उपवास करें। साथ ही, रोज़ाना सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • कुंडली में सूर्य को बली करने के लिए सूर्य महाराज को जल अर्पित करने से पूर्व उसमें लाल चंदन मिलाएं।
  • संभव हो, तो सूर्य देव से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए 11 रविवार नमक का सेवन न करे।
  • जातक के लिए सूर्य देव के 12 नामों का नियमित रूप से जाप करना शुभ रहेगा।
  • अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषी की सलाह पर आप माणिक्य रत्न धारण कर सकते है। 
  • सूर्य के प्रभाव को प्रबल करने के लिए रविवार के दिन दलिया, घी, गेहूं और दूध चीनी आदि का सेवन करें।
  • सूर्य देव को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम एवं सरल उपाय यह है कि प्रत्येक रविवार सूर्य चालीसा का पाठ करें।
  • रविवार के दिन गुड़ का दान करें। साथ ही, गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करें।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि में… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचर करते हुए आपके… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

सूर्य आपके दूसरे भाव अर्थात धन भाव के स्वामी होकर उच्च अवस्था में कर्म भाव… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होते हैं और सूर्य का मेष राशि में गोचर… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का मेष राशि… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके सप्तम… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

सूर्य आपकी कुंडली में दशम भाव अर्थात कर्म भाव की स्वामी होते हैं और सूर्य … (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

सूर्य आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य ग्रह आपकी कुंडली के आठवें भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

सूर्य आपका सप्तमेश अर्थात सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश आपके… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचर में आपके… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. ज्योतिष में सूर्य का गोचर कब होता है?

हर महीने सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और इस तरह पूरे साल हर राशि में बारी-बारी से गोचर करते हैं, इसको ही सूर्य का गोचर कहा जाता है।

2. सूर्य का मेष राशि में गोचर कब होगा? 

साल 2025 में सूर्य का मेष राशि में गोचर 14 अप्रैल 2025 को होगा।

3. मेष राशि किसकी है?

मेष राशि पर मंगल देव का स्वामित्व है। 

  

इस सप्ताह सूर्य का होगा मेष में गोचर, बदल जाएगी इन 3 राशि वालों की तक़दीर!

इस सप्ताह सूर्य का होगा मेष में गोचर, बदल जाएगी इन 3 राशि वालों की तक़दीर!

एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास ब्लॉग में आपको अप्रैल 2025 के तीसरे सप्ताह से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तारपूर्वक प्राप्त होगी। हम सभी के मन में यह उत्सुकता रहती है कि आने वाला कल हमारे लिए कैसा रहेगा? साप्ताहिक राशिफल के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि अप्रैल का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा? यह हफ़्ता आपके व्यापार के लिए कैसा रहेगा? क्या स्वास्थ्य में आएंगे उतार -चढ़ाव या आपकी सेहत बनी रहेगी शानदार? प्रेम और वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होंगी समस्याएं या मिठास से भरा रहेगा जीवन? आपकी ज़िंदगी में कोई नया शख्स दस्तक देने वाला है या नहीं? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। यहाँ आप जान सकेंगे शिक्षा से लेकर अपनी लव लाइफ तक का हाल।

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

साप्ताहिक राशिफल का यह विशेष लेख हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है जो कि पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित है। हम आपको ग्रह-नक्षत्रों की चाल, दशा और स्थिति की गणना करने के बाद आपको सभी 12 राशियों के लिए भविष्यवाणी प्रदान करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, अप्रैल के इस सप्ताह में कब और कौन से व्रत-त्योहार को मनाया जाएगा, कब और किस समय कौन सा ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेगा, कब-कब होंगे बैंक अवकाश और विवाह के लिए कब है विवाह का मुहूर्त आदि के बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं और जानते हैं इस सप्ताह का का भविष्यफल।

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना 

हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह का यह दूसरा सप्ताह होगा जिसकी शुरुआत स्वाति नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा यानी कि 14 अप्रैल 2025, सोमवार के दिन होगी। वहीं, इसका अंत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि अर्थात 20 अप्रैल 2025 को होगा। यह सप्ताह बेहद ख़ास रहेगा क्योंकि इसका अंत सिद्ध योग के तहत होगा। इस सप्ताह में अनेक पर्वों एवं त्योहार को मनाया जाएगा और कई ग्रहण-गोचर भी होंगे, जिनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे। 

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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी

व्रत एवं त्योहार के बिना हमारा जीवन अधूरा माना जाता है क्योंकि यह ज़िन्दगी में खुशियां, सौभाग्य और एक-दूसरे से मिलने के अवसर लेकर आता है, इसलिए हर व्रत या त्योहार को पूरे मन से मानना चाहिए। लेकिन आज की व्यस्त ज़िन्दगी के कारण हम पर्वों की तिथियों को भूल जाते हैं, आपके साथ ऐसी कोई घटना न हो इसलिए हम आपको नीचे सभी पर्वों एवं व्रतों की तिथियां प्रदान कर रहे हैं, चलिए देखते हैं कब-कौन सा पर्व मनाया जाएगा। 

मेष संक्रांति (14 अप्रैल 2025 सोमवार): मेष संक्रांति भगवान सूर्य को समर्पित होती है और यह साल भर में पड़ने वाली 12 संक्रांति तिथियों में से एक होती है। बता दें कि संक्रांति तिथि उस दिन मनाई जाती है जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। अब सूर्य जल्द ही मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं इसलिए इसे मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। यह तिथि दान-स्नान के लिए शुभ होती है। 

संकष्टी चतुर्थी (16 अप्रैल 2025, बुधवार): हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी को हर कष्ट और संकट को हरने वाला कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश का पूजन और व्रत करने से भक्त के जीवन से सभी कष्टों और संकटों का नाश होता है। साथ ही, जातक को इस व्रत से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रोदय के साथ समाप्त होता है।

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे। 

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इस सप्ताह में होने वाले गोचर और ग्रहण

हम आपको अपने पिछले लेखों में बताते आये हैं कि ग्रहण और गोचर का मनुष्य के जीवन पर सीधा और गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए ज्योतिष में भी ग्रहण और गोचर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस सेक्शन में हम अप्रैल 2025 के तीसरे सप्ताह (14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2025) में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में विस्तार से चर्चा कराएंगे। हालांकि, आपको बता दें कि इस हफ़्ते में केवल एक ही ग्रह का गोचर होने जा रहा है।  

सूर्य का मेष राशि में गोचर (14 अप्रैल 2025): ग्रहों के जनक के नाम से विख्यात सूर्य महाराज 14 अप्रैल 2025 की रात 03 बजे गुरु ग्रह की राशि मीन से निकलकर मंगल देव की राशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे। 

बता दें कि अप्रैल के इस सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।

इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश 

अप्रैल 2025 के दूसरे सप्ताह के व्रत और त्योहार के बारे में जानने के बाद अब हम बात करेंगे इस हफ़्ते के बैंक अवकाशों की। जिन लोगों को आने वाले सप्ताह में बैंक से जुड़े काम निपटाने हैं, उन्हें नीचे दी गई तारीखों का ध्यान रखना होगा।

तिथि दिनपर्वराज्य
14 अप्रैल 2025सोमवारबंगाली नववर्षत्रिपुरा और पश्चिम बंगाल
14 अप्रैल 2025 सोमवारबिहु त्योहारअरुणाचल प्रदेश और असम
14 अप्रैल 2025सोमवारचेइरोबा महोत्सवमणिपुर
14 अप्रैल 2025सोमवारअंबेडकर जयंतीसभी राज्य सिवाय अंडमान निकोबार , अरुणाचल प्रदेश , असम,चंडीगढ़, दादर और नागर हवेली, दमन और दिऊ, दिल्ली, लक्षद्वीप,मणिपुर, मेघालय , मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा
14 अप्रैल 2025सोमवारतमिल नव वर्षतमिलनाडु
14 अप्रैल 2025सोमवारविशुकेरल
15 अप्रैल 2025मंगलवारहिमाचल दिवसहिमाचल प्रदेश
16 अप्रैल 2025बुधवारबोहाग बिहू उत्सवअसम
18 अप्रैल 2025शुक्रवारगुड फ्राइडेसभी राज्य सिवाय हरियाणा और जम्मू कश्मीर
19 अप्रैल 2025शनिवारईस्टर शनिवारराष्ट्रीय अवकाश
20 अप्रैल 2025रविवारईस्टर रविवारकेरल और नागालैंड

अब जान लेते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों के बारे में।

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14 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच विवाह मुहूर्त

जो लोग अप्रैल के इस सप्ताह में शादी-विवाह करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यहाँ हम आपको विवाह की तिथियां प्रदान कर रहे हैं।

तारीख़ एवं दिनमुहूर्तनक्षत्रतिथि
14 अप्रैल 2025, सोमवारस्वातिद्वितीयासुबह 06 बजकर 10 मिनट से रात 12 बजकर 13 मिनट तक
16 अप्रैल 2025, बुधवारअनुराधाचतुर्थीरात 12 बजकर 18 मिनट से सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक
18 अप्रैल 2025, शुक्रवारमूलषष्ठीरात 01 बजकर 03 मिनट से सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक
19 अप्रैल 2025, शनिवारमूल षष्ठीसुबह 06 बजकर 06 मिनट से अगली सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक
20 अप्रैल 2025, रविवारउत्तराषाढ़ा सप्तमी, अष्टमी सुबह 11 बजकर 48 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक

इस सप्ताह के मुंडन मुहूर्त 

जो माता-पिता अपनी संतान के मुंडन संस्कार के लिए अप्रैल के इस सप्ताह में मुहूर्त की तलाश कर रहे हैं,तो यहां हम आपको शुभ मुहूर्त की जानकारी दे रहे हैं।

तिथि मुहूर्त का आरंभ मुहूर्त की समाप्ति  
14 अप्रैल 2025, सोमवार 08:27:4524:13:56
17 अप्रैल 2025, गुरुवार 15:26:2729:54:14

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इस सप्ताह जन्मे कुछ मशहूर सितारे

14 अप्रैल 2025: राजेश्वरी सचदेव, अनीता हसनंदानी, मैक्सिम लोइक फ्यूडजोउ

15 अप्रैल 2025: मंदिरा बेदी, क्लाउडिया कार्डिनल, स्टीवन डिफोर 

16 अप्रैल 2025: लारा दत्ता, चार्ली चैपलिन, गुरविंदर सिंह 

17 अप्रैल 2025: शोकोड्रान मुस्तफी, विलियम होल्डन, सिरीमावो बांदरानाइके

18 अप्रैल 2025: के एल राहुल, लोकेश राहुल, एडगर राइट

19 अप्रैल 2025: मुकेश अंबानी,मारिया शारापोवा, हेक्टर मिगुएल हेरेरा

20 अप्रैल 2025: न्यासा देवगन, ममता कुलकर्णी, रतन राजपूत

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

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साप्ताहिक राशिफल 14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2025

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल 

आपकी चंद्र राशि से राहु के बारहवें भाव में उपस्थित होने की वजह से इस सप्ताह….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

इस सप्ताह आपके प्रेम जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के पहले भाव में होने के कारण आपके घर….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

 प्रेम एक अद्वितीय अहसास है यह आपको इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह मीठी चीजें खाने की इच्छा, आपके मन में जागृत….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आप अपने प्रिय को बहुत याद करेंगे, परंतु….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के तीसरे भाव में होने के कारण इस सप्ताह आपको…. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

 अपने प्रेम संबंधों में इस सप्ताह आपको, नई उर्जा और ताज़गी ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से बृहस्‍पति के दसवे भाव में होने के कारण आपके ….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

आपके कार्यक्षेत्र पर चल रही विपरीत परिस्थितियों के कारण,……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के बारहवें भाव में होने के कारण इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

ये सप्ताह आपके प्रेम और रोमांस में वृद्धि लेकर आएगा। इस….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

जिस तरह मसाले, बेस्वाद खाने को लज़ीज़ बनाते हैं। उसी …..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका प्रिय आपको बहुत से कड़वे शब्द….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें और…..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

प्रेम राशिफल के अनुसार आपके बीच म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

इस हफ्ते आपको ऐसी चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

यदि आप शादीशुदा है और बावजूद इसके आप किसी विपरीत…..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के नौवें भाव में होने के कारण इस राशि….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपका मन प्रेमी के साथ कुछ अच्छा समय….(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

आपकी चंद्र राशि से केतु के आठवें भाव में होने के कारण…. (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ प्रेम राशिफल

आपके ज़हन में काम का दबाव होने के बावजूद, इस सप्ताह….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

इस सप्ताह आपको मोटापे या वजन बढ़ने की समस्या…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

 इस सप्ताह आप चाहकर भी अपने प्रेमी से मिलने….(विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. सूर्य का मेष राशि में गोचर कब होगा?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव 14 अप्रैल 2025 को मेष राशि में गोचर करेंगे।

2. मेष संक्रांति कब है 2025 में? 

इस साल मेष संक्रांति 14 अप्रैल 2025 को होगी। 

3. हनुमान जयंती 2025 में कब है?

वर्ष 2025 में हनुमान जयंती 12 अप्रैल 2025 की है।  

बेहद शुभ योग में मनाया जाएगा बैसाखी का त्योहार, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व!

बेहद शुभ योग में मनाया जाएगा बैसाखी का त्योहार, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व!

बैसाखी 2025: बैसाखी बसंत की फसलों का पर्व है जो मुख्यतः पंजाब और भारत के उत्तरी भाग में धूमधाम से मनाया जाता है। सिख कैलेंडर के अनुसार, बैसाखी को नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है जिसे हिंदू वर्ष के दूसरे माह वैशाख के प्रथम दिन मनाया जाता है। वहीं, ग्रेगोरियन कैलेंडर में बैसाखी का पर्व सामान्य रूप से हर साल 13 या 14 अप्रैल के दिन पड़ता है और इस वर्ष यह 14 अप्रैल, सोमवार को पड़ेगा। बैसाखी पर मेष संक्रांति को भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य महाराज मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करते हैं। मान्यता है कि इस अवसर पर अपनी राशि के अनुसार उपाय करने से आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। तो आइए बिना देर किए शुरुआत करते हैं एस्ट्रोसेज एआई के इस ख़ास लेख “बैसाखी 2025” की और जानते हैं इस पर्व से जुड़ीं सारी महत्वपूर्ण बातें।   

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि सिख समुदाय के लोग बैसाखी को नए साल के तौर पर मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है और भजन-कीर्तन जैसे धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी बैसाखी का त्योहार महत्वपूर्ण माना गया है। बैसाखी को दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा में बेहद उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। जहाँ पंजाब, हरियाणा के लिए बैसाखी फसलों का पर्व है, तो वहीं इसे बिहार में सतुआन के नाम से जाना जाता है और इस दिन सत्तू खाने की परंपरा है।

बैसाखी 2025: तिथि और पूजा मुहूर्त

सिखों के नए वर्ष के प्रतीक बैसाखी का पर्व हर साल हिंदू कैलेंडर विक्रम संवत के प्रथम माह में आता है। हालांकि, पूरे देश में यह उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन इसकी अलग ही रौनक पंजाब में दिखाई देती है। बता दें कि सन् 1699 में बैसाखी पर ही सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह ने पवित्र खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस वर्ष बैसाखी 14 अप्रैल 2025, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त पर।    

बैसाखी 2025 की तिथि:  14 अप्रैल 2025, सोमवार

बैसाखी संक्रांति का क्षण: सुबह 03 बजकर 30 मिनट

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

इस शुभ योग में मनाया जाएगा बैसाखी का त्योहार    

सिख धर्म के लिए बैसाखी को बेहद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है क्योकि यह उन तीन त्योहारों में से एक है जिसको सिखों के तीसरे गुरु, ‘गुरु अमर दास’ जी ने मनाया था। हालांकि, मेष संक्रांति और बैसाखी एक दिन मनाए जाने के कारण इस दिन साधारण उपाय भी करना फलदायी साबित होता है, लेकिन जब बैसाखी पर कोई शुभ योग बनता है तो इसका महत्व बढ़ जाता है। इसी क्रम में, बैसाखी 2025 पर बुध और शुक्र की मीन राशि में युति होने से लक्ष्मी नारायण योग बनने जा रहा है इसलिए इस दिन आप धन की देवी लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कुछ सरल उपाय कर सकते हैं।

बैसाखी का अर्थ और महत्व 

बैसाखी 2025 के इस खूबसूरत पर्व को फसलों का त्योहार कहा जाता है जिसे सिखों के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी बिना भेदभाव के मनाते हैं। इस पर्व को नए साल के रूप में मनाने के पीछे वजह यह है कि 1699 में गुरु गोविंद सिंह ने बैसाखी के दिन खालसा की स्थापना की थी और इसके साथ ही, उन्होंने सभी जातियों के बीच व्याप्त भेदभाव को समाप्त करते हुए हर इंसान को समान घोषित कर दिया था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बैसाखी पर सूर्य देव राशि चक्र की पहली राशि मेष में प्रवेश करते हैं। 

विद्वान ज्योतिषियों से प्रश्न पूछें और पाएं हर समस्या का समाधान 

इस दिन भगवान सूर्य और लक्ष्मीनारायण की पूजा करना शुभ सिद्ध होता है। ऐसा करने से आपको जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बैसाखी का संबंध फसलों से माना गया है क्योंकि रबी की फसल वैशाख माह आते-आते पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू हो जाती है। इस प्रकार, बैसाखी पर फसलों की कटाई करके घर लेकर आने की खुशी में सब भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और अनाज की पूजा करते हैं। इसके बाद, शाम के समय खुशियां मनाते हैं और भांगड़ा करते हैं

कैसे मनाई जाती है बैसाखी?

  • बैसाखी का इंतज़ार बेसब्री से सिख समुदाय के लोगों को रहता है और इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्थान को दूध से शुद्ध किया जाता है। 
  • इसके पश्चात, पवित्र किताब को ताज के साथ उसके स्थान पर रख दिया जाता है और इस दौरान हाथों की साफ-सफ़ाई का ख़ासतौर पर ध्यान रखा जाता है। 
  • पवित्र किताब को ताज के साथ रखने के बाद इसका पाठ किया जाता है और सभी अनुयायी गुरु के प्रवचन को ध्यानपूर्वक सुनते हैं। 
  • बैसाखी के अवसर पर भक्तों के लिए अमृत भी तैयार करने का रिवाज है और बाद में इसको सभी को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। 
  • परंपराओं के अनुसार, एक पंक्ति में लगकर अनुयायी अमृत को 5 बार ग्रहण करते हैं या फिर इसे अरदास के बाद गुरु को प्रसाद का भोग लगाकर सभी अनुयायियों में बांट दिया जाता है।

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बैसाखी पर ज़रूर करें इन चीज़ों का दान  

  • बैसाखी 2025 पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है इसलिए इस दिन खरबूजा, तरबूज, घड़ा, पंखा, शरबत, पानी आदि चीजों का दान करना शुभ रहता है। 
  • आप अपनी इच्छा के अनुसार चीनी, गुड़, कच्चे आम और आम पन्ना आदि का भी दान कर सकते हैं।
  • बैसाखी के दिन सत्तू का दान भी पुण्यकारी होता है, वहीं इस पर्व पर जौ दान को स्वर्ण दान के समान माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि इन चीज़ों का दान करने से जातक को रोगों से मुक्ति मिलती है। 
  • मेष संक्रांति होने की वजह से इस दिन पूजा, जप, तप, दान और स्नान-ध्यान करने का विधान है। आप मेष संक्रांति पर मसूर की दाल, गेंहू, गुड़, चावल और लाल रंग से जुड़ीं चीज़ों का दान कर सकते हैं। 

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बैसाखी 2025 पर राशि अनुसार जरूर करें ये ज्योतिषीय उपाय

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए बैसाखी पर सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करना शुभ रहेगा।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातक इस दिन तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा। 

मिथुन राशि 

बैसाखी पर मिथुन राशि वालों के लिए भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाना उत्तम रहेगा।

कर्क राशि 

कर्क राशि के लोगों को बैसाखी के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना चाहिए।

सिंह राशि 

सिंह राशि वाले इस दिन देवी दुर्गा को लाल फूल चढ़ाएं और उनके सामने दीपक जलाकर अपनी मनोकामना की प्रार्थना करें। 

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कन्या राशि

कन्या राशि वालों को बैसाखी के दिन भगवान बुद्ध को जल अर्पित करना चाहिए। इस उपाय से करियर में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। 

तुला राशि  

तुला राशि के जातकों के लिए इस दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना लाभकारी रहेगा। 

वृश्चिक राशि  

वृश्चिक राशि वाले बैसाखी के शुभ अवसर पर उत्तम सेहत और बुरी शक्तियों से सुरक्षा के लिए हनुमान जी को सफेद वस्त्र अर्पित करें।

धनु राशि 

बैसाखी पर धनु राशि के लोग भगवान कृष्ण को पीले रंग के फूल चढ़ाएं। 

मकर राशि 

मकर राशि वालों को बैसाखी के अवसर पर भगवान शनि को काले तिल अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से करियर में स्थिरता आती है। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातक जीवन में सुख-सौभाग्य के लिए इस दिन समुद्र के देवता वरुण देव को जल अर्पित करें।

मीन राशि  

बैसाखी के पर्व पर मीन राशि के लोग भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और उनके सामने दीपक जलाकर जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्ति की प्रार्थना करें।  

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. साल 2025 में बैसाखी कब है?

इस वर्ष बैसाखी का पर्व 14 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। 

2. मेष संक्रांति कब है 2025 में? 

मेष संक्रांति 14 अप्रैल 2025 के दिन ही मनाई जाएगी। 

3. बैसाखी पर किसकी पूजा करनी चाहिए? 

बैसाखी 2025 के दिन सूर्य देव और लक्ष्मीनारायण की पूजा करना शुभ होता है।

 

धन-वैभव के दाता शुक्र करेंगे अपनी चाल में बदलाव, इन राशियों के बनेंगे नौकरी में तरक्की के योग!

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है जिन्हें प्रेम, ऐश्वर्य, भोग-विलास एवं विवाह आदि के कारक माना गया है। सरल शब्दों में कहें तो, शुक्र महाराज के आशीर्वाद से किसी व्यक्ति का प्रेम जीवन सदैव प्रेमपूर्ण, सुखी और ख़ुशहाल बना रहता है। अब शुक्र देव अप्रैल के महीने में अपनी स्थिति में परिवर्तन करने जा रहे है और ऐसे में, यह राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया में कुछ बड़े बदलाव लेकर आ सकते है। आपको बता दें कि शुक्र ग्रह के प्रभाव से ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र मज़बूत स्थिति में होते हैं, उनकी लव लाइफ शानदार रहती है। वहीं, जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमज़ोर होते है, उन्हें अपने जीवन में अनेक तरह की समस्याओं का सामना करन पड़ता है। अब इस क्रम में, शुक्र की मार्गी चाल आपकी राशि को शुभ या अशुभ किस तरह से प्रभावित करेगी? क्या जीवनसाथी के साथ रिश्ते में आएगा उतार-चढ़ाव? आदि के जवाब हम आपको यहाँ प्रदान करेंगे। 

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दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

एस्ट्रोसेज एआई का यह ख़ास आपको “शुक्र मीन राशि में मार्गी” से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि समय, तिथि आदि। हम अपने पिछले लेखों में आपको बताते आये हैं कि ग्रहों के गोचर और इनकी चाल, दशा या स्थिति में होने वाले बदलाव संसार समेत विश्व को प्रभावित करते हैं। ऐसे में, शुक्र मार्गी होने से मानव जीवन के महत्वपूर्ण पहलू जैसे व्यापार, करियर, वैवाहिक और प्रेम जीवन आदि अछूते नहीं रहेंगे इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पहले से अवगत करवा रहे हैं जिससे आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, हमारे अनुभवी एवं विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा शुक्र से शुभ परिणाम पाने के लिए अचूक उपाय प्रदान किए जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र मीन राशि में मार्गी कब और किस समय होगा। 

शुक्र मीन राशि में मार्गी: तिथि एवं समय 

प्रेम, धन-संपदा और भोग-विलासिता के कारक के नाम से विख्यात शुक्र देव का गोचर लगभग हर महीने होता है और इसी क्रम में, शुक्र ग्रह की चाल एवं स्थिति में भी समय-समय पर बदलाव होता रहता है। हालांकि, अब शुक्र महाराज 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर मीन राशि में अपनी वक्री अवस्था से बाहर आते हुए मार्गी हो जाएंगे। बता दें कि गुरु देव के स्वामित्व वाली राशि मीन शुक्र महाराज की उच्च राशि है। मीन राशि में शुक्र ग्रह 28 जनवरी 2025 से उपस्थित है जो 02 मार्च को इसी राशि में वक्री हो गए थे। अब लगभग एक महीने बाद यह पुनः मार्गी होंगे। ऐसे में, शुक्र देव की युति से बनने वाले योग दोबारा मज़बूती से परिणाम देने लगेंगे। इनका प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग तरह से नज़र आ सकता है। 

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किसे कहते हैं ग्रह का मार्गी होना?

ग्रह की मार्गी अवस्था को समझने के लिए सबसे पहले हमें वक्री चाल के बारे में जानना होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई ग्रह अपने परिक्रमा पथ पर चलते हुए उल्टा या पीछे की तरफ चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इस अवस्था को ग्रह का वक्री होना कहा जाता है। इसके विपरीत, कुछ समय तक वक्री रहने के बाद जब ग्रह पुनः आगे की दिशा में या सीधा चलना शुरू कर देता है, तो इसको ग्रह का मार्गी होना कहा जाता है। अक्सर ऐसा होता है कि ग्रह वक्री अवस्था में पूरी क्षमता से परिणाम नहीं दे पाते हैं, लेकिन मार्गी होने पर जातक को शुभ फल देने में सक्षम होते हैं। आइए अब नज़र डालते हैं शुक्र ग्रह के ज्योतिषीय महत्व पर। 

ज्योतिष की दृष्टि से शुक्र ग्रह 

  • शुक्र देव को स्त्री ग्रह माना जाता है और यह व्यक्ति को जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा, ऐश्वर्य और शांतिपूर्ण प्रेम जीवन प्रदान करते हैं। 
  • ज्योतिष में शुक्र को शुभ और लाभदायक ग्रह कहा जाता है जबकि सनातन धर्म में यह शुक्राचार्य के नाम से प्रसिद्ध हैं जो असुरों के गुरु माने गए है।
  • राशि चक्र में इनको वृषभ और तुला राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं। वहीं, 27 नक्षत्रों में शुक्र ग्रह भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों के अधिपति देव हैं। 
  • शुक्र महाराज के संबंध कर्म के कारक ग्रह शनि और बुद्धि के ग्रह बुध के साथ मित्रवत हैं। इसके विपरीत, सूर्य और चंद्रमा के प्रति शुक्र शत्रुता का भाव रखते हैं। 
  • ज्योतिषियों द्वारा प्रेम भाव का विश्लेषण करने के लिए सबसे पहले कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है। इसकी वजह यह है कि जातक की कुंडली में शुक्र के शुभ और बलवान होने से आपका जीवन प्रेम, रोमांस और खुशियों से पूर्ण रहता है। 
  • वहीं, ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह दुर्बल या कमज़ोर होते हैं, उन्हें प्रेम  एवं वैवाहिक जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
  • कुंडली में मज़बूत शुक्र होने से जातक सिंगिंग, एक्टिंग,  पेंटिंग, संगीत आदि में लोकप्रियता हासिल करता है। 

आइए अब जानते हैं शुक्र शुभ होने पर आपके जीवन में किस तरह के बदलाव लेकर आते हैं।

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इन संकेतों से पहचानें शुक्र का शुभ प्रभाव 

वर्तमान समय में हमारे जीवन पर किस ग्रह का आशीर्वाद है, यह पहचानना मुश्किल हो गया है। ऐसे में, अगर आप जानना चाहते हैं कि क्या शुक्र देव आप पर मेहरबान हैं या नहीं? तो आप इन संकेतों से पता कर सकते हैं।

  •  जिन लोगों पर शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव होता है, उनके जीवन में कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं का अभाव नहीं होता है।
  • कुंडली में शुक्र देव अनुकूल स्थिति में होने पर जातक महंगी और लक्ज़री वस्तुओं का शौक़ीन होता है। 
  • शुक्र बलवान होने पर जातक को नौकरी के क्षेत्र में पदोन्नति प्राप्त होती हैं। साथ ही, वह व्यापार में भी ख़ूब लाभ कमाता है।
  • ऐसे लोग जिनके ऊपर शुक्र देव मेहरबान होते हैं, उनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षक होता है और वह काफ़ी सुंदर होते हैं। 
  • अगर आपकी कुंडली में शुक्र शुभ हैं, तो आप अपने पहनावे को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं। 
  • शुक्र देव की अनुकूल स्थिति आपके प्रेम और वैवाहिक जीवन मधुरता से भर देती है और जीवनसाथी के साथ आपसी तालमेल शानदार होता है। 
  • मज़बूत शुक्र के प्रभाव से जातक एंटरटेनमेंट और मीडिया जगत में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। साथ ही, यह एविएशन इंडस्ट्री से भी जुड़े हो सकते हैं।

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कमज़ोर शुक्र इस तरह करते हैं परेशान

जहाँ एक तरफ शुक्र की शुभ स्थिति जीवन को धन-संपदा से भर देती है, तो वहीं इनका अशुभ प्रभाव आपके जीवन को बाधाएं और परेशानियां देने का काम करता है।

  • ज्योतिष का मानना है कि शुक्र ग्रह के कमज़ोर होने पर घर में दरिद्रता आने लगती है।
  • कुंडली में अगर शुक्र अशुभ होता है, तो जातक को संतान प्राप्ति की राह में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 
  • प्रतिकूल शुक्र का प्रभाव आपको जीवन में आर्थिक समस्याएं देने का काम करता हैं। ऐसे में, आप धन की कमी की वजह से परेशान रह सकते हैं।
  • कमज़ोर या पापी शुक्र आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते है और ऐसे मे, आपको शुगर, किडनी, आंत, मूत्र आदि रोगों की शिकायत हो सकती है। 
  •  अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र दुर्बल होता है, तो उसे अपने हर काम में असफलता हाथ लगती है। साथ ही, कड़ी मेहनत करने के बाद भी तरक्की पाने में बाधाओं से दो-चार होना पड़ता है। 
  • शुक्र की स्थिति कुंडली में नकारात्मक होने के कारण आपके शादीशुदा जीवन में परेशानियां या मतभेद बने रहते हैं और धीरे-धीरे समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
  • शुक्र की अशुभ स्थिति का असर सिर्फ़ वैवाहिक जीवन पर नहीं पड़ता है, बल्कि प्रेम जीवन में भी साथी के साथ रिश्ते में खटास आने लगती है।

चलिए अब बात करते हैं ऐसे जातकों के बारे में जिनका जन्म मीन राशि में शुक्र के अंतर्गत हुआ है। 

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मीन राशि में शुक्र: विशेषताएं

ऐसे जातक जिन लोगों का जन्म मीन राशि में शुक्र के तहत हुआ है, उनके अंदर कुछ विशेषताएं देखने को मिलती हैं जो कि इस प्रकार हैं:

  • ऐसे जातक प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना पसंद करते हैं और यह लोग रिश्ते में बेहद रोमांटिक और भावुक होते हैं। 
  • मीन राशि में शुक्र के अंतर्गत पैदा होने वाले जातक अत्यंत भावुक और दयालु होते हैं। साथ ही, यह दूसरों के दर्द को गहराई से समझते हैं और यह अपने साथी की भावनाओं का ख्याल रखते हैं। 
  • इन लोगों की रुचि कला, संगीत, नृत्य या कविता आदि में होती है और इसी क्षेत्र में यह जातक महारत हासिल करते हैं। 
  • शुक्र के मीन राशि में पैदा होने वाले जातक साथी की कमियों को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। ऐसे लोगों के व्यवहार में सबसे बड़ी कमी होती है कि यह मुश्किलें आते ही उससे दूर भागने के रास्ते ढूंढ़ने लगते हैं।

शुक्र मीन राशि में मार्गी के दौरान करें ये उपाय

  • प्रतिदिन सुबह गाय को रोटी खिलाएं।
  • कुंडली में शुक्र देव को बलवान करने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुओं जैसे कि दूध, दही, चीनी, आटा, घी आदि का दान करें।
  • शुक्र ग्रह से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए शुक्रवार के दिन व्रत करें।
  • प्रतिदिन शुक्र देव के बीज मंत्र “ॐ शुं शुक्राय नम:” का 108 बार जाप करना शुभ रहेगा।
  • शुक्र ग्रह को हीरा रत्न अत्यंत प्रिय है इसलिए कुंडली में शुक्र देव को बलवान करने के लिए आप हीरा रत्न धारण कर सकते हैं। लेकिन, ऐसा करने से पहले किसी अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पंचम भाव और द्वादश भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव और लाभ भाव के स्वामी हैं जो अब…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव और दशम भाव के स्वामी हैं। अब…(विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे और भाग्य भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए शुक्र आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव और द्वादश… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव और लाभ भाव… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव और दशम भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में चौथे तथा भाग्य भाव के स्वामी… (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी हैं जो… (विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शुक्र मीन राशि में मार्गी कब होंगे?

साल 2025 में शुक्र मीन राशि में मार्गी 13 अप्रैल 2025 को होने जा रहे हैं। 

2. मीन राशि का स्वामी कौन है?

गुरु ग्रह को मीन राशि का स्वामी माना जाता है।  

3. ग्रह का मार्गी होना किसे कहते हैं?  

जब कोई ग्रह अपनी वक्री अवस्था से बाहर आकर सीधा चलने लगता है, तो इसे ग्रह का मार्गी होना कहा जाता है।  

टैरो साप्ताहिक राशिफल : 13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025

टैरो साप्ताहिक राशिफल : 13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025

टैरो साप्ताहिक राशिफल 13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्‍योतिषयों का मानना है कि टैरो व्‍यक्‍ति की जिंदगी में भविष्‍यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्‍य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्‍यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्‍प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मज़ाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्‍योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्‍पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्‍यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्‍मा से और थोड़ा अपने अंर्तज्ञान और आत्‍म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 06 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा?

यह भी पढ़ें: राशिफल 2025

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो साप्ताहिक राशिफल 13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: द मैजिशियन

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ वैंड्स

करियर: सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वैंड्स

मेष राशि के जातकों को लव लाइफ में द मैजिशियन कार्ड मिला है जो दर्शाता है कि आप अपने रोमांटिक सपनों को फोकस और सही इरादों से साकार कर सकते हैं। य‍ह कार्ड एक नए रिश्‍ते की शुरुआत, मौजूदा संबंध को मज़बूत करने या अपने रोमांटिक सपनों को सच करने के लिए कुछ कदम उठाने के संकेत दे रहा है।

सिक्‍स ऑफ वैंड्स कार्ड सफलता, विजय और उपलब्धि हासिल करने के संकेत दे रहा है। इस कार्ड का कहना है कि अब आप आर्थिक रूप से स्थिर हो सकते हैं और अब आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिल रहा है। आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है या आपको प्रमोशन मिलने की भी उम्‍मीद है या फिर आपको कोई ऐसा अवसर मिल सकता है जिससे आप आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकें।

टैरो रीडिंग में सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड का अपराइट आने का मतलब है कि करियर में आपको अपने प्रयासों का फल मिल रहा है और आप अपने लक्ष्‍यों के नज़दीक पहुंच रहे हैं।

सेहत के मामले में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड उपचार को दर्शाता है। उम्‍मीद है कि आप किसी बीमारी या स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के जूझने के बाद मुश्किलों और संघर्ष से उबरने में सफल होंगे। यह टैरो कार्ड आपको अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहने की भी चेतावनी दे रहा है। आप ज़रूरत से ज्‍यादा तनाव ले रहे हैं जो आपकी सेहत और फिटनेस को खराब कर सकता है।

शुभ धातु: कॉपर और गोल्‍ड

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: द हीरोफैंट

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: सेवन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स

साप्‍ताहिक राशिफल 2025 के अनुसार प्रेम जीवन में वृषभ राशि के लोगों को द हीरोफैंट कार्ड अपराइट मिला है जो कि दर्शाता है कि आप अपने पार्टनर के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहने के लिए तैयार हैं और आप अपने प्रेम संबंध को शादी के बंधन में बदल सकते हैं। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच अच्‍छी आपसी समझ देखने को मिलेगी और आप दोनों ज्‍यादातर मुद्दों पर एक-दूसरे से सहमत होंगे। आपका वैवाहिक जीवन पारंपरिक हो सकता है जहां पर आपके कर्तव्‍य तय हैं और आप खुशी-खुशी उन्‍हें निभा रहे हैं।

इस सप्‍ताह वृषभ राशि के जातकों को धन, प्रॉपर्टी या पैतृक संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद का सामना करना पड़ सकता है। यह सप्‍ताह आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है क्‍योंकि इस समय आपके अपने परिवार और करीब लोगों के साथ कानूनी झगड़े होने की आशंका है। इसके अलावा आपके पैसों की चोरी होने के भी संकेत हैं या फिर आप अपने धन को लेकर चिंतित हो सकते हैं। 

टैरो करियर रीडिंग में सेवन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि आपको अपने पेशेवर स्किल्‍स को और अधिक निखारने की आवश्‍यकता है। इस कार्ड का यह भी कहना है कि आपको अपने ग्राहकों और सहकर्मियों के साथ ईमानदार रहने और खुलकर बात करने की ज़रूरत है।

सेहत में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य और किसी बीमारी या रोग से ठीक होने के संकेत दे रहा है। दोस्‍तों और परिवार के साथ रहने से आपको जल्‍दी ठीक होने में मदद मिलेगी।

शुभ धातु: प्‍लेटिनम और सिल्‍वर

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: जस्टिस

आर्थिक जीवन: फोर ऑफ वैंड्स

करियर: फाइव ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स

मिथुन राशि के लोगों को अपने प्रेम जीवन में जस्टिस कार्ड मिला है जिसके अनुसार इस सप्‍ताह आपको अपनी लव लाइफ में अलग-अलग तरह के अनुभव होंगे और इससे आपको काफी कुछ सीखने को भी मिलेगा। इससे आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ बढ़ेगी। आपको अपने रिश्‍ते में संतुलन लाने का प्रयास करना चाहिए।

वित्तीय जीवन में फोर ऑफ वैंड्स कार्ड आर्थिक रूप से मज़बूत होने के लालच को दर्शा रहा है। आप आर्थिक स्थिरता पाने को अपना एकमात्र लक्ष्‍य बना सकते हैं। आप आर्थिक लाभ पाने के लिए लोगों को खुश करने की प्रवृत्ति भी रख सकते हैं। पैसे खर्च करने के मामले में आप कंजूस हो सकते हैं। आप पैसे बचाने के तरीकों की तलाश कर सकते हैं।

फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड ऑफिस में मतभेद और प्रतिस्‍पर्धा के संकेत दे रहा है। आपके कार्यस्‍थल में प्रतिस्‍पर्धात्‍मक माहौल बनने की आशंका है। यहां दूसरों के साथ व्‍यक्‍तित्‍व और अहम को लेकर चल रहे संघर्ष की वजह से आपकी प्रगति में रुकावट आ सकती है। अपनी कंपनी में किसी के भी अहंकार को ठेस पहुंचाने से बचें और देखें कि सफलता पाने के लिए आप सब एकसाथ मिलकर कैसे काम कर सकते हैं।

हेल्‍थ रीडिंग में टू ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि आपको मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्‍याएं हो सकती हैं या फिर आपको चिकित्‍सकीय सहायता लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। इस सप्‍ताह आप अपनी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का समाधान ढूंढ सकते हैं।

शुभ धातु: गोल्‍ड

कर्क राशि

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: स्‍ट्रेंथ

करियर: द टॉवर (रिवर्स्‍ड)

स्वास्थ्य: टेम्‍पेरेंस (रिवर्स्‍ड)

कर्क राशि के लोगों को नाइन ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है। इस कार्ड के अनुसार इस सप्‍ताह आपको अपने रिश्‍ते में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपके मन में अपने पार्टनर के प्रति नकारात्‍मक भावनाएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। कोई रहस्‍य रखने, बेवफाई करने या धोखा देने की वजह से दुख और अपराध बोध महसूस हो सकता है। बेहतर होगा कि आप इन समस्‍याओं पर अपने पार्टनर से खुलकर बात करें और इसका हल ढूंढने और अपने रिश्‍ते में भरोसे को दोबारा लाने का प्रयास करें। आप अपने पार्टनर से बातचीत करने की कोशिश करें।

आर्थिक जीवन में स्‍ट्रेंथ कार्ड आपको अपने खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखने की सलाह दे रहा है। कोई भी आर्थिक निर्णय लेने से पहले सोच-विचार कर लें। इस कार्ड का कहना है कि आपको भावनात्‍मक स्‍तर पर संतुलन और आत्‍मविश्‍वास को बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही यह कार्ड करियर में प्रगति और लाभ के संकेत भी दे रहा है।

द टॉवर रिवर्स्‍ड कार्ड इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि आप अपने करियर या मौजूदा स्थिति में बदलाव करने से इनकार कर रहे हैं। यह कार्ड बदलाव को स्‍वेच्‍छा से स्‍वीकार न करने को दर्शाता है। आप बदलाव को अपनाने के बजाय पुरानी विचारधाराओं से चिपके रह सकते हैं जबकि आपको पता होगा कि अब वे आपके लिए लाभकारी नहीं रही हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने के कारण आपका ध्‍यान भटक सकता है। आपको इस समय अपनी दिनचर्या से बाहर निकलने और अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रखने के लिए कोई तरीका खोजने की आवश्‍यकता है। कार्यक्षेत्र से संबंधित समस्‍याएं आपके स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित कर सकता है और आपकी सफलता के मार्ग में बाधा उत्‍पन्‍न कर सकती हैं।

शुभ धातु: सिल्‍वर

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स

करियर: थ्री ऑफ कप्‍स

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ वैंड्स

सिंह राशि के जातकों को प्रेम जीवन में फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है। आप कुछ समय अकेले रहना चाहते हैं ताकि आप समझ सकें कि आप अपने रिश्‍ते से क्‍या चाहते हैं और आपका रिश्‍ता किस दिशा में जा रहा है। सिंगल जातकों को किसी नए रिश्‍ते की शुरुआत करने से पहले अपने आप में कुछ सुधार लाने और खुद को बेहतर बनाने पर ध्‍यान देना चाहिए।

आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड आपके लिए अच्‍छे संकेत दे रहा है। जल्‍द ही आपकी आय के नए स्रोत खुलने वाले हैं। आप कोई नया व्‍यवसाय शुरू कर सकते हैं या अच्‍छी सैलरी के लिए नौकरी बदलने के बारे में भी सोच सकते हैं।

करियर में थ्री ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि अब आप अपने पेशेवर जीवन में किसी मुश्किल स्थिति से बाहर निकल पाने में सक्षम होंगे और राहत महसूस करेंगे। करियर के मामले में अब आप अपनी सारी चिंताओं और परेशानियों को पीछे छोड़कर सहज और स्थिर महसूस करने वाले हैं। आप अपने पेशेवर जीवन में संतुलन और सुरक्षा की ओर आगे बढ़ेंगे।

सेहत में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड कहता है कि इस सप्‍ताह आप बहुत ज्‍यादा तनाव में रहने वाले हैं और इसकी वजह से आपके स्‍वास्‍थ्‍य में भी गिरावट आ सकती है। आपको इस समय अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

शुभ धातु: गोल्‍ड

कन्या राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स

प्रेम जीवन में कन्‍या राशि के लोगों के लिए किंग ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि इस सप्‍ताह आपके पार्टनर आपका बहुत ज्‍यादा ख्‍याल रखने वाले हैं। वे आपके प्रति संवेदनशील रहेंगे और आपको उनका भावनात्‍मक पहलू देखने को मिलेगा। इससे आप दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ सकती हैं। सिंगल जातक नए रिश्‍ते की शुरुआत कर सकते हैं।

सिक्‍स ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड बताता है कि इस समय आपका सारा ध्‍यान अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत, स्थिर और सुरक्षित करने पर रहेगा। आ‍प अपने आर्थिक लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए एक प्रभावशाली योजना बना सकते हैं। आप अपनी योजना पर अच्‍छे से काम करेंगे और अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने में सफल होंगे।

करियर में ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड कहता है कि इस समय आपको नई उपलब्धियां मिलने वाली हैं। आपके पेशेवर जीवन में कुछ नया होने वाला है। आपको नई नौकरी मिल सकती है या मौजूदा नौकरी में ही कोई नया काम या जिम्‍मेदारी मिलने की संभावना है। वहीं व्‍यापारियों को कोई नया बिज़नेस पार्टनर या सपंर्क बनाने का मौका मिल सकता है। यह नया बदलाव आपको सफलता की ओर लेकर जाएगा।

सेहत में आपको थ्री ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि अच्‍छे संकेत नहीं दे रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर मामूली सी परेशानी होने पर भी आप डॉक्‍टर को जरूर दिखाएं। आपमें से कुछ लोगों को हृदय संबंधी समस्‍याएं होने का डर है।

शुभ धातु: गोल्‍ड

तुला राशि

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्‍स

आर्थिक जीवन: सिक्‍स ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: नाइन ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: किंग ऑफ कप्‍स

प्रेम जीवन में तुला राशि के लोगों को फोर ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जिसके अनुसार इस समय आप अपने प्रेम संबंध को लोगों की नज़रों से छिपाकर प्राइवेट रखना चाहते हैं। आप अपनी सभी जिम्‍मेदारियों और काम से दूर अपने पार्टनर के साथ कुछ समय बिताने की इच्‍छा रखते हैं।

सिक्‍स ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड के अनुसार इस सप्‍ताह आपको जिस सहायता की ज़रूरत है, वह आपको ज़रूर मिलेगी। इस कार्ड का कहना है कि आपको अपने धन को संभालने या नौकरी आदि के लिए लोन लेने के लिए आवश्‍यक सहायता प्राप्‍त होगी।

नाइन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड सकारात्‍मकता की ओर संकेत दे रहा है। आप जो काम कर रहे हैं, उसमें आनंदित महसूस करेंगे। इस समय आपके कार्यक्षेत्र में जो कुछ भी चल रहा है, वह आपके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है और आप निश्‍चित ही इस सकारात्‍मक समय का आनंद ले रहे हैं। आपने बिना किसी की मदद के बहुत कड़ी मेहनत की है इसलिए आज जो आपको सफलता मिली है, आप उसके पूरे हकदार हैं।

किंग ऑफ कप्‍स कार्ड आपके लिए अच्‍छी सेहत की ओर इशारा कर रहा है। इस सप्‍ताह आपको कोई बड़ी बीमारी या चोट परेशान नहीं करेगी। आप स्‍वस्‍थ जीवन जिएंगे और सेहत को लेकर कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा। आपका शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य इस समय दुरुस्‍त रहने वाला है।

शुभ धातु: प्‍लेटिनम और पंचधातु

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: किंग ऑफ स्‍वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स

करियर: किंग ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: जस्टिस

वृश्चिक राशि के लोगों को किंग ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कहता है कि इस सप्‍ताह आप अकेले ही काफी खुश रहेंगे। आप एक मज़बूत और स्‍वतंत्र व्‍यक्‍तित्‍व वाले इंसान हैं और आपको किसी जीवनसाथी की ज़रूरत नहीं है।

आर्थिक जीवन को लेकर ऐस ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड कहता है कि इस समय धन के मामले में आपकी स्थिति मज़बूत रहने वाली है। आपको अपने नए बिज़नेस में सफलता मिलेगी और आप उच्‍च मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे। वहीं नौकरीपेशा जातकों के लिए वेतन में वृद्धि होने की भी प्रबल संभावना है।

किंग ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि इस समय आपका अपने करियर पर पूरा नियंत्रण रहने वाला है। आपको अपनी कंपनी में कोई ऊंचा पद मिल सकता है। वहीं, अगर आप व्‍यापारी हैं, तो आपका अपनी कंपनी पर पूरा कंट्रोल रहने वाला है।

सेहत में आपको जस्टिस कार्ड मिला है जिसके अनुसार यह सप्‍ताह आपके लिए अच्‍छा रहेगा और आप जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। हालांकि, अगर आपको अस्‍वस्‍थ महसूस हो रहा है, तो समझ लें कि अब जल्‍द ही आपकी सेहत में सुधार आने वाला है।

शुभ धातु: कॉपर

धनु राशि 

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ कप्‍स

करियर:  सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स

स्वास्थ्य: द टॉवर

प्रेम जीवन में धनु राशि के लोगों को थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड मिला है जिसके अनुसार यह सप्‍ताह आपके रिश्‍ते के लिए परीक्षा का समय हो सकता है। आपके और आपके पार्टनर दोनों को ही कुछ ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें आपके धैर्य और एक-दूसरे के लिए प्रतिबद्धता की परीक्षा देनी पड़े। आप दोनों एक-दूसरे के साथ अच्‍छा तालमेल बनाने की कोशिश करें ताकि आप इन मुश्किलों को आसानी से पार कर पाएं।

आर्थिक जीवन में टू ऑफ कप्‍स कार्ड कहता है कि आपको इस सप्‍ताह अपने बिज़नेस पार्टनर या परिवार और दोस्‍तों का काफी सहयोग मिलने वाला है। वे आपको वित्तीय सहायता भी प्रदान कर सकते हैं। यदि आप साझेदारी में व्‍यापार करते हैं, तो यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है।

करियर में धनु रा‍शि के लोगों को सेवन ऑफ पेंटाकल्‍स कार्ड मिला है जो आपके लिए खुशखबरी लेकर आया है। जो नौकरीपेशा जातक लंबे समय से पदोन्‍नति का इंतज़ार कर रहे थे, अब उनकी यह मनोकामना पूरी होगी। लंबे इंतज़ार और कड़ी मेहनत के बाद अब आपको अपने प्रयासों का परिणाम मिलने की उच्‍च संभावना है।

स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको द टॉवर कार्ड मिला है जो अच्‍छे संकेत नहीं दे रहा है। यह कार्ड आपके लिए शारीरिक बीमारी और चोट लगने की ओर इशारा कर रहा है। आपको इस समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है ताकि आप कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बच सकें अन्‍यथा आपको सेहत को लेकर परेशा‍नियां उठानी पड़ सकती हैं।

शुभ धातु: गोल्‍ड और पीतल

मकर राशि       

प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ कप्‍स

करियर: द एम्‍प्रेस

स्वास्थ्य: द टेम्‍पेरेंस

मकर राशि के लोगों को प्रेम जीवन में टेन ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है जिसके अनुसार यह समय आपके प्रेम संबंध के लिए अनुकूल रहने वाला है। आप अपने परिवार और जीवनसाथी के साथ बिताए समय का आनंद लेंगे। आपको अपने पार्टनर के साथ कुछ अच्‍छा समय बिताने का भी मौका मिलेगा। आप खुद इस खूबसूरत समय का आनंद लेना चाहेंगे।

आर्थिक जीवन में मकर राशि के लोगों को नाइन ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है। आपकी आर्थिक स्थिति वैसी ही रहेगी, जैसा आप चाहते हैं। आपको अपने निवेश से बहुत अच्‍छा लाभ मिलेगा और आप इस समय आर्थिक रूप से स्थिर एवं सुरक्षित महसूस करेंगे।

मकर राशि के जातकों को इस सप्‍ताह अपने करियर में प्रगति मिलने की उम्‍मीद है। अगर आप प्रमोशन का इंतज़ार कर रहे हैं, तो अब आपको यह मिल सकती है। यह कार्ड ताकत और आधिपत्‍य का प्रतीक है। आपमें इतनी हिम्‍मत और साहस है कि आप पुराने रिवाज़ों को तोड़कर नए रिवाज़ बना सकते हैं।

इस समय आपको अपनी जीवनशैली का आंकलन करना चाहिए और सेहत में संतुलन लाने के लिए कुछ बदलाव करने चाहिए। हो सकता है कि आप तनाव से निपटने के लिए गलत तरीकों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

शुभ धातु: पंचधातु

कुंभ राशि

प्रेम जीवन: ऐस ऑफ कप्‍स

आर्थिक जीवन: जजमेंट

करियर: सेवन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: द डेविल (रिवर्स्‍ड)

कुंभ राशि के जातकों को लव लाइफ में ऐस ऑफ कप्‍स कार्ड मिला है। इस सप्‍ताह आपके लिए एक नए रिश्‍ते की शुरुआत हो सकती है। अगर आप किसी को प्रपोज़ करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको जवाब हां में मिल सकता है। सिंगल जातकों की जिंदगी में उनका पसंदीदा इंसान प्रवेश कर सकता है।

टैरो साप्‍ताहिक राशिफल 2025 के अनुसार जजमेंट कार्ड कहता है कि वित्तीय जीवन में आपको अपनी योग्‍यता के अनुसार परिणाम मिलेंगे। नौकरीपेशा जातकों के वेतन में वृद्धि होने के आसार हैं। आपको जल्‍द ही इंक्रीमेंट लेटर मिल सकता है। आपकी कड़ी मेहनत के लिए आपको सराहा जाएगा और आपकी आय का स्रोत नैतिक रहने वाला है।

सेवन ऑफ वैंड्स कार्ड का कहना है कि आप बहुत मेहनती इंसान हैं। आपके उच्‍च अधिकारी और बॉस आपकी कड़ी मेहनत को पहचानेंगे और आप अपनी कंपनी में एक भरोसेमंद कर्मचारी बन सकते हैं। आपकी कड़ी मेहनत आपको सफलता तक पहुंचाने में मदद करेगी।

हेल्‍थ रीडिंग में द डेविल रिवर्स्‍ड कार्ड बताता है कि कुछ स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से गुज़रने के बाद अब आप अपनी सेहत पर ध्‍यान दे रहे हैं। संभव है कि आप पहले खराब सेहत से जूझ चुके हैं लेकिन अब आपकी स्थिति में सुधार आ रहा है और आप अपनी सेहत को लेकर अधिक सचेत हो रहे हैं।

शुभ धातु: आयरन

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मीन राशि

प्रेम जीवन: व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून

आर्थिक जीवन: फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स

करियर: नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: द वर्ल्‍ड

मीन राशि के लोगों को व्‍हील ऑफ फॉर्च्‍यून कार्ड मिला है जिसके अनुसार इस समय आपके रिश्‍ते में सकारात्‍मक बदलाव आने के संकेत हैं। आपके और आपके पार्टनर के बीच नज़दीकियां बढ़ेंगी और आप दोनों का रिश्‍ता मज़बूत होगा। आप अपने रिश्‍ते को एक कदम आगे लेकर जा सकते हैं।

आर्थिक जीवन में फोर ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो बताता है कि आपको अपने दिमाग से व्‍यर्थ के विचारों को निकाल देना चाहिए। बेहतर होगा कि आप कुछ और चीज़ों के बारे में सोचें। व्‍याकुल कर देने वाले विचारों और नकारात्‍मक सोच को खुद पर हावी न होने दें।

नाइट ऑफ स्‍वॉर्ड्स कार्ड कहता है कि आप अपने करियर में जो कुछ भी पाना चाहते हैं, उसे लेकर बहुत आशवस्‍त हैं। नौकरी के मामले में आप किसी भी चीज़ से डरते नहीं हैं। आप जो भी काम करेंगे, उसमें उतकृष्‍ट आएंगे और आप अपने प्रोजेक्‍ट को पूरी दक्षता के साथ पूरा करेंगे। कई लोग आपके इस अंदाज़ से घबरा सकते हैं लेकिन आपके लिए यह सामान्‍य बात है।

सेहत के मामले में आपको द वर्ल्‍ड कार्ड मिला है जो कि आपके लिए सकारात्‍मक संकेत दे रहा है। यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है और आपकी सेहत भी अच्‍छी रहेगी। आप इस समय स्‍वस्‍थ और खुश रहेंगे।

शुभ रंग: गोल्‍ड और पीतल

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. क्‍या टैरो भविष्‍यवाणी करने का सही तरीका है?

उत्तर. टैरो भविष्‍यवाणी करने के बजाय मार्गदर्शन करने का एक तरीका है।

प्रश्‍न 2. टैरो डेक में सबसे दुखद कार्ड कौन सा है?

उत्तर. ऐट ऑफ कप्‍स।

प्रश्‍न 3. टैरो डेक में सबसे ऊर्जावान कार्ड कौन सा है?

उत्तर. द फूल और द सन।

चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: इस विधि से करेंगे पूजा, तो ज़रूर प्रसन्‍न होंगे श्री हरि!

चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: इस विधि से करेंगे पूजा, तो ज़रूर प्रसन्‍न होंगे श्री हरि!

चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: हिंदू धर्म में कई व्रत एवं त्‍योहार मनाए जाते हैं जिनका व्‍यक्‍ति के जीवन में विशेष महत्‍व है। ऐसे ही व्रतों में से एक है चैत्र मास की पूर्णिमा पर पड़ने वाला चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025। हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा का अत्‍यधिक महत्‍व है। माना जाता है कि चैत्र पूर्णिमा का खासतौर पर कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्‍त से संबंध है।

हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार चित्रगुप्‍त मनुष्‍य के कर्मों का हिसाब रखते हैं और अच्‍छे और बुरे कर्मों को अलग कर के उन्‍हें मृत्‍यु के देवता यमराज के सामने पेश करते हैं। ब्रह्मा जी ने सूर्य देव के माध्‍यम से चित्रगुप्‍त की रचना की थी और चित्रगुप्‍त को यमराज का छोटा भाई माना जाता है। चित्रगुप्‍त का आशीर्वाद पाने के लिए पूर्णिमा का दिन अत्‍यंत शुभ होता है क्‍योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे पिछले पाप कर्म नष्‍ट हो जाते हैं और ऐसे गुणों की प्राप्ति होती है जो इस जीवन और परलोक दोनों में आत्‍मा की यात्रा को सफल बनाते हैं।

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एस्‍ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्‍लॉग में हम जानेंगे चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025 के महत्‍व, तिथि, पूजन विधि और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा पर व्रत रखने से क्‍या लाभ मिलते हैं।

चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: समय और तिथि

इस साल चैत्र पूर्णिमा का व्रत शनिवार को 12 अप्रैल, 2025 को रखा जाएगा।

चंद्रोदय का समय: शाम 06 बजकर 18 मिनट

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत: 12 अप्रैल, 2025 को सुबह 03 बजकर 24 मिनट पर।

पूर्णिमा तिथि का समापन: 13 अप्रैल, 2025 को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर।

चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025 का महत्‍व

चैत्र पूर्णिमा हिंदू चंद्रमास की चैत्र की पूर्णिमा तिथि पर आती है। इसका आध्‍यात्मिक और धार्मिक महत्‍व बहुत ज्‍यादा है। साल 2025 में पूरे भारत में सभी श्रद्धालु एवं भक्‍तगण पूरी श्रद्धा और आस्‍था के साथ इस पावन अवसर को मनाएंगे। हिंदू धर्म में चैत्र महीने को अत्‍यंत पवित्र माना जाता है और चैत्र पूर्णिमा से ही चैत्र मास का समापन होता है। इस दिन विशेष अनुष्‍ठान, व्रत एवं दान-पुण्‍य आदि किए जाते हैं। मान्‍यता है कि चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने से संपन्‍नता, आध्‍यात्मिक विकास और पिछले जन्‍म के कर्मों से मुक्‍ति मिल जाती है।

चैत्र पूर्णिमा का एक प्रमुख पहलू यह है कि इसका भगवान विष्‍णु और हनुमान जी से संबंध है। चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु विष्‍णु जी और हनुमान जी की वि‍शेष पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्‍त करते हैं। इस शुभ अवसर पर सत्‍यनारायण व्रत भी रखा जाता है जिसमें सत्‍यनारायण की कथा सुनी और पढ़ी जाती है। मान्‍यता है कि इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों जैसे कि गंगा, यमुना या गोदावरी में स्‍नान करने को अत्‍यंत शुभ माना जाता है। इससे आत्‍मा की शुद्धि होती है और पाप कर्मों से मुक्‍ति मिल जाती है।

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चैत्र पूर्णिमा वैशाख मास की शुरुआत का भी प्रतीक है। हिंदू पंचांग में वैशाख मास सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य, शांति और संपन्‍नता की प्राप्ति होती है। इस शुभ दिन पर गरीबों और ज़रूरतमंद लोगों को अन्‍न, वस्‍त्र और अन्‍य ज़रूरी सामान का दान करने का बहुत लाभकारी होता है। मान्‍यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन आध्‍यात्मिक ऊर्जा अपने चरम पर होती है इसलिए इस दिन ध्‍यान, मंत्र उच्‍चारण और प्रार्थना करना विशेष रूप से फलदायी होता है।

चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती

भारत के कई हिस्‍सों में खासतौर पर उत्तरी इलाकों में चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्‍मोत्‍सव यानी हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन हनुमान जी के मंदिरों में दर्शन करने के लिए भक्‍तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस शुभ अवसर पर हनुमान जी के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है।

चैत्र पूर्णिमा का ज्‍योतिषीय महत्‍व

ज्‍योतिषीय दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा का दिन उन्‍नति करने एवं बाधाओं को दूर करने के लिए किए जाने वाले अनुष्‍ठानों के लिए एक शक्‍तिशाली समय होता है। प्रार्थनाओं और ध्‍यान साधना की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए पूर्णिमा की ऊर्जा को सहायक माना जाता है। इससे यह दिन आध्‍यात्मिक कार्यों के लिए आदर्श बन जाता है।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

विभिन्‍न क्षेत्रों में चैत्र पूर्णिमा का महत्‍व

पूरे भारत में चैत्र पूर्णिमा श्रेत्रीय परंपराओं के अनुसार मनाई जाती है:

  • महाराष्‍ट्र: इसे चैत्र पौर्णिमा के नाम से जाना जाता है और इस राज्‍य में भक्‍त एवं श्रद्धालु चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में दर्शन करते जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
  • तमिलनाडु: यहां पर चैत्र पूर्णिमा को चित्रा पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है और भक्‍त इस दिन चित्रगुप्‍त की पूजा करते हैं। इस दिन होने वाले अनुष्‍ठानों में शुद्धिकरण एवं पूर्वजों का तर्पण करना शामिल है।
  • उत्तर प्रदेश और बिहार: भारत के इन राज्‍यों में चैत्र पूर्णिमा के दिन बड़े जोश और उत्‍साह के साथ हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन जुलूस निकलते हैं, विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।

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चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025 की पूजन विधि

चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालु भगवान श्री हरि विष्‍णु की पूरी श्रद्धा और आस्‍था से पूजा करते हैं। चूंकि, इस दिन हनुमान जयंती भी है इसलिए इस दिन हनुमान जी और भगवान विष्‍णु की पूजा करना अत्‍यंत शुभ माना जाता है। आगे चैत्र पूर्णिमा 2025 की पूजन विधि बताई गई है:

  • चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्‍नान आदि से निवृत्त होने के बाद पीले या केसरी रंग के वस्‍त्र पहनें क्‍योंकि इन रंगों को शुभ माना जाता है।
  • अब सच्‍चे मन से भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करते हुए पूरा दिन व्रत रखने का संकल्‍प लें।
  • इसके बाद आप पूजन स्‍थल में भगवान विष्‍णु की मूर्ति या चित्र की स्‍थापना करें और पंचामृत से उनका अभिषेक करें। इसके बाद स्‍वच्‍छ जल से स्‍नान करवाएं।
  • भगवान विष्‍णु को प्रसाद के रूप में केले और खीर के साथ पीले रंग के पुष्‍प अर्पित करें। इसके अलावा भगवान विष्‍णु के पूजन में तुलसी की पत्तियों के उपयोग को बहुत शुभ माना गया है।
  • आप चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025 पर कनकधारा स्‍तोत्र का पाठ करें। इससे ईश्‍वर की कृपा प्राप्‍त होती है। इसके साथ ही शाम के समय आरती करें और भजन गाएं।
  • रात्रि को चंद्र देव की विधिपूर्वक पूजा करें और उन्‍हें अर्घ्‍य दें।

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चैत्र पूर्णिमा व्रत 2025: व्रत कथा

प्राचीन समय में एक धनवान व्‍यापारी अपनी पत्‍नी के साथ एक नगर में रहता था। उसकी पत्‍नी भगवान विष्‍णु की परम भक्‍त थी और प्रतिदिन पूरी श्रद्धा और विश्‍वास के साथ उनकी पूजा-अर्चना किया करती थी। हालांकि, उसकी इस भक्‍ति से उसका पति चिढ़ता था और एक दिन उसने क्रोध में आकर अपनी पत्‍नी को घर से बाहर निकाल दिया।

घर से निकाले जाने के बाद व्‍यापारी की पत्‍नी के पास रहने का कोई ठिकाना नहीं था इसलिए वो जंगल में भटकने लगी। चलते-चलते उसने देखा कि चार पुरुष जमीन खोदने का काम कर रहे हैं। उस महिला ने वहां पर जाकर कहा कि ‘मुझे भी काम करने दो’। उसकी विनती सुनकर उन चार पुरुषों ने उसे काम पर रख लिया। हालांकि, कठोर परिश्रम के कारण उसके हाथों पर छाले पड़ गए। उसकी इस पीड़ा को देखकर उन चार पुरुषों ने खुदाई का काम बंद कर के घर के काम करने का सुझाव दिया। इस पर वह महिला सहमत हो गई और उसने घर जाकर उन चारों के लिए खाना पकाया।

प्रत्‍येक दिन वो चार पुरुष चार मुट्ठी चावल लेकर आते हैं जिसे वो आपस में बराबर बांट लेते थे। व्‍यापारी की पत्‍नी उन चारों पुरुषों के इतनी कम मात्रा में खाने से परेशान थी इसलिए उसने कहा कि अब से वे आठ मुट्ठी चावल लेकर आया करें। उसकी सलाह पर वे चारों अधिक चावल लेकर आने लगे। वह महिला खाना परोसने से पहले चावल का पहला हिस्‍सा भगवान विष्‍णु को चढ़ाती। सभी हैरान थे कि भोजन इतना स्‍वादिष्‍ट बना है। चारों पुरुष खाने के स्‍वाद से आश्‍चर्यचकित थे और उन्‍होंने उस महिला इसे इसका रहस्‍य पूछा। इस पर उसने जवाब दिया कि ‘पहले भोजन भगवान विष्‍णु को चढ़ाया जाता है और इसी वजह से उसका स्‍वाद एकदम दिव्‍य है।

वहीं अपनी पत्‍नी को घर से निकालने के बाद व्‍यापार भूख और पश्‍चाताप से पीड़ित होने लगा। अब उससे यह दुख सहन नहीं हो रहा था इसलिए वो अपनी पत्‍नी की तलाश में निकल पड़ा और उसी जंगल में जाकर पहुंचा। वहां पर उसने चार पुरुषों को खुदाई करते हुए देखा। व्‍यापारी ने उनसे काम देने के लिए विनती की जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार लिया।

हालांकि, खुदाई करते समय व्‍यापारी के हाथों में दर्दभरे छाले हो गए, जैसे उसकी पत्‍नी के हुए थे। फिर उन चार पुरुषों से उससे घर के कामों में हाथ बंटाने के लिए कहा। उनकी बात मानकर व्‍यापारी उनके घर के लिए निकल पड़ा, जहां उसने अपनी पत्‍नी को देखा लेकिन घूंघट में होने की वजह से उसकी पत्‍नी उसे पहचान नहीं पाई।

हमेशा की तरह भोजन परोसने से पहले व्‍यापारी की पत्‍नी ने भगवान विष्‍णु को भोग लगाया लेकिन जब वो अपने पति को खाना परोसने लगी, तब भगवान विष्‍णु ने उसका हाथ पकड़ लिया और पूछा ‘तुम क्‍या कर रही हो’? तब उसने उत्तर दिया ‘भगवन! मैं सभी को खाना परोस रही हूं।’

इस दिव्‍य लीला को देखते हुए चारों पुरुषों ने भगवान विष्‍णु के दर्शन करने की विनती की। उनके अनुरोध पर भगवान विष्‍णु प्रकट हुए और उन चारों को अपना आशीर्वाद दिया। इस चमत्‍कार को देखते हुए व्‍यापारी को अपनी गलती का आभास हुआ और वो अपनी पत्‍नी से माफी मांगने लगा। उसने अपनी पत्‍नी से अपने साथ घर लौटने का भी अनुरोध किया।

वे चारों पुरुष जो वास्‍तव में उस महिला के भाई थे, उन्‍होंने अपनी बहन को खूब संपत्ति भेंट की और पूरे सम्‍मान के साथ विदा किया। उस दिन से वह व्‍यापारी भी भगवान विष्‍णु का भक्‍त बन गया और खुद को विष्‍णु जी की पूजा-अर्चना में समर्पित कर दिया। ऐसा माना जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से भगवान विष्‍णु, हनुमान जी, भगवान राम और माता सीता की कृपा प्राप्‍त होती है। इससे जीवन में सुख-संपत्ति, शांति और आध्‍यात्मिक उन्‍नति आती है।

चैत्र पूर्णिमा व्रत रखने के लाभ

  • चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत एवं पूजा-अर्चना करने से आत्‍मा और मन दोनों शुद्ध हो जाते हैं जिससे आध्‍यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति एवं आंतरिक विकास होता है।
  • इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने और दान आदि करने से भक्‍तों को अपने पिछले पाप कर्मों से मुक्‍ति मिल जाती है और ईश्‍वर की कृपा प्राप्‍त होती है।
  • इस दिन सच्‍चे मन से प्रार्थना और अनुष्‍ठान करने से देवताओं का आर्शीवाद और सफलता मिलती है एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  • भक्‍तों को अपनी भक्ति के माध्‍यम से शांति, स्थिरता और सुकून की अनुभूति होती है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. 2025 में चैत्र पूर्णिमा का व्रत किस तिथि पर है?

उत्तर. 12 अप्रैल, 2025 को चैत्र पूर्णिमा का व्रत है।

प्रश्‍न 2. चैत्र पूर्णिमा पर किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर. इस दिन भगवान विष्‍णु और हनुमान जी की उपासना होती है।

प्रश्‍न 3. इस दिन और कौन सा व्रत किया जाता है?

उत्तर. चैत्र पूर्णिमा पर सत्‍यनारायण व्रत भी किया जाता है।

हिंदू नववर्ष की इस पूर्णिमा पर मनाई जाएगी हनुमान जयंती, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि!

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हनुमान जयंती 2025: चैत्र माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है क्योंकि इस महीने कई बड़े एवं प्रमुख पर्वों को मनाया जाता है। इसी क्रम में, हनुमान जी के भक्तों को चैत्र मास का बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इस माह में हनुमान जयंती आती है। भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में हनुमान जयंती को मनाया जाता है। बता दें कि हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं और इनकी पूजा-अर्चना करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह के संकट और बाधाओं का निवारण होता है। कहते हैं कि हनुमान जी की आराधना करने से भक्तों को हर भय और पीड़ा से मुक्ति मिलती है। साथ ही, हनुमान जयंती को चैत्र पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। 

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“हनुमान जयंती 2025” का यह विशेष ब्लॉग एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों के लिए लेकर आया है ताकि आपको हनुमान जयंती की तिथि, मुहूर्त, इसका महत्व और सही पूजा विधि की सटीक जानकारी प्राप्त हो सके। साथ ही, इस दिन किन उपायों को करने से आप हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के साथ-साथ नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा पा सकते है,  इस बारे में भी हम बात करेंगे। तो चलिए बिना देर किए शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और जानते हैं हनुमान जयंती के बारे में सब कुछ।

हनुमान जयंती 2025: तिथि एवं मुहूर्त  

भगवान हनुमान को आठ चिरंजीवियों में से एक माना गया है और इनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान जयंती का दिन सर्वश्रेष्ठ होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को हनुमान जयंती के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तों द्वारा हनुमान जी की आराधना की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है। बता दें कि हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा पर आती है इसलिए इस दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत भी किया जाता है। हालांकि, उत्तर और दक्षिण भारत में हनुमान जयंती की तिथियों में अंतर देखने को मिलता है। इस बारे में हम बाद में चर्चा करेंगे, उससे पहले जान लेते हैं हनुमान जयंती की सही तिथि। 

हनुमान जयंती की तिथि: 12 अप्रैल 2025, शनिवार

पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 12 अप्रैल 2025 की रात 03 बजकर 24 मिनट पर, 

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक। 

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हनुमान जयंती का धार्मिक महत्व 

हनुमान जी को राम जी के सबसे बड़े भक्त का दर्जा प्राप्त है जो साहस और निडरता के प्रतीक माने गए है। इनके पिता केसरी और माता अंजनी हैं। संकटमोचन को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार माना जाता है। हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि हिन्दू धर्म के महाकाव्य रामायण में हनुमान जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बजरंगबली की शक्ति, भक्ति और पराक्रम ने भगवान राम की रावण के विरुद्ध युद्ध जीतने में सहायता की थी। 

भक्ति और निष्ठा के प्रतीक के रूप में हनुमान जी की कृपा एवं सानिध्य पाने के लिए हनुमान जयंती का दिन सर्वश्रेष्ठ होता है। इनकी गिनती आठ चिरंजीवियों में होती है जो कलयुग में भी अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हैं। कहते हैं कि इस दिन श्रद्धापूर्वक और सच्चे मन से पूजा एवं व्रत करना भक्तों के लिए फलदायी साबित होता है। हनुमान जयंती के अवसर पर देश भर के हनुमान मंदिरों में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठानों एवं भंडारों का आयोजन किया जाता है। साथ ही, हनुमान जी के जन्म कथा और लीलाओं का पाठ किया जाता है। 

हनुमान पूजा के लाभ 

हनुमान जयंती एक बेहद शुभ अवसर होता है संकटमोचन की कृपा पाने के साथ-साथ अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली के निमित्त व्रत एवं पूजन करने से भक्त के जीवन से हर तरह के दुख और संकट का नाश होता है। कहते है कि इस दिन हनुमान पूजन के दौरान वायुपुत्र को सिंदूर अवश्य अर्पित करना चाहिए, अन्यथा पूजा अधूरी रहती है। ऐसा करने से भक्त को आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है।

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दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती?

शायद आपको यह बात हैरान कर सकती है कि एक वर्ष में हनुमान जयंती दो बार मनाई जाती है, पहली चैत्र पूर्णिमा के दिन और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि पर। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर देवी अंजनी के गर्भ से हुआ था। वहीं, दूसरी हनुमान जयंती के पीछे एक कथा जुड़ी है जिसमें ऐसा कहा गया है कि एक बार हनुमान जी सूर्य को फल समझकर निगल गए थे और इससे क्रोधित होकर इंद्रदेव ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार कर दिया था जिससे वह मूर्छित हो गए थे, तब पवन देव के क्रोधित होने पर ब्रह्मा जी और सभी देवी-देवताओं ने बजरंगबली को पुनः जीवनदान दिया था, उस समय से ही यह दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाने लगा। 

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हनुमान जयंती पूजा विधि

हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर हनुमान जी का पूजन नीचे दी गई विधि से करें।   

  • प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थान की साफ़-सफाई  करें।
  • पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी का चित्र या मूर्ति की स्थापना करें। 
  • इसके बाद बजरंगबली के सामने घी का दीपक जलाएं और धूप, दीप दिखाएं। 
  • अब अनामिका अंगुली से हनुमान जी को तिलक करें और उन्हें पूजन सामग्री सिंदूर, चंदन गंध और फूल अर्पित करें।
  • पंचोपचार पूजन के उपरांत संकटमोचन को नैवेद्य अर्पित करें।
  • वायुपुत्र हनुमान जी की पूजा के बाद उन्हें गुड़-चने का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। 
  • आरती करने के बाद सबको प्रसाद दें और आप भी इसका सेवन करें। 

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हनुमान जयंती के लिए मंत्र, प्रिय भोग और फूल 

हनुमान मंत्र 

 ॐ हनु हनु हनु हनुमते नम:

हनुमान जी का प्रिय भोग

हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की कृपा पाने के लिए आप बेसन, केले या बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं।

हनुमान जयंती पर अर्पित करें ये फूल 

हनुमान जयंती पर हनुमान पूजन के लिए लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें और इनकी पूजा में लाल गुलाब के फूल अर्पित करें।

हनुमान जयंती पर करें ये सरल उपाय

  • घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए हनुमान जयंती के दिन से हनुमान जी के मंदिर जाना शुरू करें और अगले 9 मंगलवार 9 बताशे, एक जनेऊ और एक पान अर्पित करें।
  • रोगों से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती पर सूर्योदय के समय हनुमान मंदिर जाएं और बजरंगबली को दण्डवत प्रणाम करें।

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सुरक्षा प्राप्ति के लिए हनुमान जयंती 2025 पर राशि अनुसार करें ये उपाय  

मेष राशि 

साहस, दृढ़ता में वृद्धि और सफलता की प्राप्ति के लिए हनुमान जयंती पर मेष राशि के जातक हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और हनुमान को लाल फूल चढ़ाएं। 

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातक अपने करियर में स्थिरता और तरक्की पाने के लिए भगवान हनुमान को सिंदूर और गुड़ अर्पित करें। साथ ही, बजरंग बाण का पाठ करें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि वाले हनुमान जयंती पर हनुमान अष्टक का 108 बार पाठ करें और बजरंगबली को हरे चने का भोग लगाएं।

कर्क राशि

कर्क राशि वाले इस दिन हनुमान जी को दूध और शहद चढ़ाएं। जीवन में भावनात्मक स्थिरता पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करें।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातक नेतृत्व क्षमता को मज़बूत बनाने के लिए हनुमान जयंती पर संकटमोचन के मंत्र “ॐ हनुमते नमः” का 108 बार जाप करें। साथ ही, उन्हें लाल चंदन चढ़ाएं।

कन्या राशि

कन्या राशि वाले हनुमान जयंती के दिन हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र का 12 बार पाठ करें। साथ ही, हनुमान जी को पीले रंग के फूल अर्पित करें। 

तुला राशि

तुला राशि के जातक इस अवसर पर हनुमान आरती का पाठ करें और उन्हें तिल का तेल चढ़ाएं। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लोग बुरी शक्तियों से सुरक्षा के लिए संकटमोचन हनुमान को सिंदूर अर्पित करें। साथ ही, हनुमान कवच का 108 बार पाठ करें।

धनु राशि

धनु राशि वाले आर्थिक समृद्धि के लिए हनुमान जी को पीले रंग की मिठाई या पेड़े का भोग लगाएं और हर मंगलवार को हनुमान मंदिर जाएं।

मकर राशि

मकर राशि के जातक भगवान हनुमान को सरसों का तेल अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वाले हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को नीले रंग के फूल चढ़ाएं और हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली का 108 बार पाठ करे। 

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए हनुमान स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही, हनुमान जी को सफेद रंग के फूल अर्पित करें।

हनुमान जन्म की पौराणिक कथा 

धार्मिक ग्रंथों में वर्णित कथाओं के अनुसार, माता अंजना एक अप्सरा थीं जिन्हें एक श्राप की वजह से धरती पर जन्म लेना पड़ा था। देवी अंजना को इस श्राप से मुक्ति तब ही मिल सकती थी जब वह अपने गर्भ से संतान को जन्म देतीं। वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि श्री हनुमान जी के पिता केसरी थे जो सुमेरू के राजा थे और बृहस्पति देव के पुत्र थे। देवी अंजना ने संतान की प्राप्ति के लिए 12 वर्षों तक भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी और इसके बाद, उन्होंने हनुमान जी को पुत्र रूप में प्राप्त किया, इसलिए भगवान हनुमान को शिव जी का अवतार माना जाता है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. साल 2025 में हनुमान जयंती कब है?

इस वर्ष हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।

2. चैत्र पूर्णिमा 2025 कब है?    

साल 2025 में चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 को पड़ेगी। 

3. हनुमान जी के पिता कौन हैं?   

भगवान हनुमान के पिता वानरराज केसरी हैं।

साप्ताहिक अंक फल (13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025): कैसा रहेगा यह सप्ताह आपके लिए?

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कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (13 अप्रैल से 19 अप्रैल, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या फिर 28 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको मिले-जुले या औसत से कुछ हद तक कमजोर परिणाम भी दे सकता है। इस सप्ताह आपके तेवर कुछ बदले हुए रह सकते हैं। कभी कभार बेवजह में भी क्रोध देखने को मिल सकता है। इस कारण से भाइयों और मित्रों के साथ आपके संबंध थोड़े से कमज़ोर भी हो सकते हैं। इसी तरह ही जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में सावधानी पूर्वक काम करने पर अनुकूल परिणामों की उम्मीद की जा सकेगी। 

वैसे सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में यह सप्ताह अधूरे पड़े हुए कामों को पूरा करने में मददगार बन सकता है। यदि आप किसी काम से अब अलग होना चाह रहे हैं, मुक्ति या छुटकारा पाना चाह रहे हैं तो उस मामले में भी यह सप्ताह आपके लिए मददगार बन सकता है। हृदय रोग इत्यादि से संबंधित मामलों के लिए सप्ताह थोड़ा सा कमजोर है। ऐसे में जिन लोगों को सीने या हृदय से संबंधित कोई परेशानी पहले से है उन्हें इस सप्ताह सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। अर्थात सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में इस सप्ताह कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

मूलांक 2

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या फिर 29 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। यद्यपि किसी भी मामले में कोई चिंता जैसी बात नहीं है लेकिन किसी भी मामले में लापरवाही बरतनी भी ठीक नहीं रहेगा। इस सप्ताह वरिष्ठों के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर चलने की जरूरत रहेगी। यदि आपका किसी से कोई काम है, तो उसे मामले में स्वयं ही जागरूक रहना है। साथ ही साथ जिस व्यक्ति के माध्यम से कम होना है उन्हें भी उचित समय पर याद दिलाकर काम करवाने का निवेदन करना है, न कि इस अहंकार में रहना है कि मैंने तो कह दिया है अब सामने वाला करे या न करे। क्योंकि अंक 1 का प्रभाव ऐसा ही संकेत कर रहा है कि यदि आप अहंकार का त्याग करके वरिष्ठों के सहारे कोई काम करेंगे तो उसमें आपको सफलता मिल जाएगी। 

किसी भी मामले में जरूरत से ज्यादा भावुक होने से बचना भी जरूरी रहेगा। इस तरह से काम करने की स्थिति में आप नए कामों की शुरुआत भी कर सकेंगे और सामाजिक सामंजस्य भी बिठा सकेंगे। इतना ही नहीं अपने मान सम्मान के ग्राफ को भी मेंटेन कर सकेंगे। यदि पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो इस अवधि में उनकी सेवा आदि के लिए पूरा समय निकालना जरूरी रहेगा। इससे दोनो पक्षों को लाभ मिलेगा। अन्य लोगों को भी पिता के माध्यम से लाभ मिलने की संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में सूर्य भगवान को कुंकुम मिला जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

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मूलांक 3

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या फिर 30 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। इस सप्ताह के अंक इस बात का संकेत कर रहे हैं कि मूलांक 3 वाले लोगों को इस सप्ताह अधिकांश मामलों में काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। पहले से चल रहे कामों को और अधिक गति देने में आप कामयाब हो सकेंगे। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो अच्छे प्रदर्शन के लिए वरिष्ठों के द्वारा आपको प्रशंसा मिल सकती है। वहीं अपना काम करने वाले लोग भी अपनी उपलब्धियों से प्रसन्न रहेंगे। यह सप्ताह रिश्तों को सुधारने में भी मददगार बन सकता है। यदि किसी से अपने दिल की बात कहनी है तो सप्ताह की शुरुआत में ही कर लेना ज्यादा अच्छा रहेगा। 

यद्यपि बाद में भी परिणाम सकारात्मक रहने की संभावनाएं हैं लेकिन शुरुआती दिन अपेक्षाकृत ज्यादा सकारात्मक रह सकते हैं। साझेदारी के कामों के लिए भी इस सप्ताह को काफी अच्छा माना जाएगा। साझेदारी के कामों में अच्छा लाभ मिलेगा। पार्टनर के साथ संबंध भी बेहतर हो सकेंगे। यद्यपि भावनाओं में आकर निर्णय लेने से बचने की जरूरत भी रहेगी। साथ ही साथ इस सप्ताह में धैर्य के ग्राफ को बढ़ाना भी जरूरी रहेगा। हालांकि आप धैर्यवान व्यक्ति हैं लेकिन इस सप्ताह कुछ मामलों में थोड़ी सी जल्दबाजी कर सकते हैं। उसको मेंटेन करेंगे तो परिणाम और भी अच्छे रहेंगे।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी मां समान स्त्री को दूध और चावल भेंटकर उसका आशिर्वाद लेना शुभ रहेगा।

मूलांक 4

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 14, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 4 होगा। मूलांक 4 वालों के लिए यह सप्ताह औसत लेवल के परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। यदि आप किसी मामले में ऐसा महसूस कर रहे हैं कि इस मामले में किसी की सलाह ले लेना अच्छा रहेगा तो संकोच करने या चुप बैठने से अच्छा है किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह ले ली जाए। क्योंकि ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। यदि आप विद्यार्थी है तो वरिष्ठों और गुरुजनों का सम्मान करते रहना बहुत जरूरी रहेगा। साथ ही साथ अपनी विषय वस्तु पर कंसंट्रेट करना भी बहुत जरूरी रहेगा। तभी परिणामों का ग्राफ और बेहतर हो सकेगा। सामाजिक गतिविधियों के लिए यह सप्ताह बेहतर है। 

यदि पिछले दिनों किसी बात को लेकर आपकी छवि बिगड़ गई थी तो यही वह समय है जब आप अपनी छवि को सुधार सकते हैं। ऐसे में, सामाजिक कामों में निष्ठा पूर्वक भाग लेना जरूरी रहेगा। यदि आप किसी भी तरह के क्रिएटिव कामों से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो यह सप्ताह आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। यह सप्ताह कार्यक्षेत्र के अलावा मित्रों से संबंधित मामलों में भी बेहतर परिणाम दे सकता है। यद्यपि किसी भी काम को मित्रों के भरोसे छोड़ना ठीक नहीं रहेगा लेकिन मित्रों पर विश्वास बनाए रखना जरूरी रहेगा। 

यदि किसी मित्र को आपके सहयोग की जरूरत है तो आप उस मित्र के लिए समय निकालने का प्रयास जरूर करें। इस तरह से आप अपने संबंधों को तो मेंटेन कर ही सकेंगे साथ ही साथ कार्यक्षेत्र में भी संतुलित परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। जैसा कि हमने पहले ही कहा कि यह सप्ताह नए सिरे से कोई बहुत बड़ी उपलब्धि देता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है लेकिन अनुकूल बात यह है कि सप्ताह कोई नुकसान भी नहीं देगा। ऐसे में जो चीजें जैसे चल रही हैं उनको मेंटेन करना संभव हो सकेगा। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में केसर मिश्रित जल से शिव जी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।

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मूलांक 5

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या फिर 23 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 5 होगा। ऐसे में यह सप्ताह आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है। वैसे तो यह सप्ताह बीच-बीच में आपको वैचारिक रूप से उलझाने का काम कर सकता है लेकिन अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर आप उसे उलझाओं से बच सकेंगे और बेहतर निर्णय ले सकेंगे। उचित निर्णय लेने की स्थिति में यह सप्ताह तेजी से उन्नति देने का काम कर सकता है। अर्थात इस सप्ताह के अंकों का प्रभाव ऐसा रहेगा की जल्दबाजी दिखाने का मन करेगा लेकिन आप जल्दबाजी से बचेंगे और बेहतर निर्णय लेंगे तो परिणाम फिर जल्दी-जल्दी मिलने शुरू हो जाएंगे। 

अतः कुछ विशेष स्थितियों में यह सप्ताह आपको काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। हो सकता है कि कुछ कामों में जल्दबाजी दिखाना उचित न रहे और जल्दबाजी की स्थिति में काम खराब भी हो जाए तो ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि किसी भी काम को कंप्लीट करने के लिए आप रेगुलर लगने वाले समय से थोड़ा सा अधिक समय लेकर चले और धैर्य पूर्वक काम करके बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें। अनुभवी लोगों से सलाह लेना भी उचित रहेगा। वैसे बेहतर तो यही रहेगा कि इस सप्ताह कोई नया प्रयोग न किया जाए लेकिन यदि करना बहुत जरूरी हो तो एक्सपर्ट एडवाइस लेकर आप कर सकते हैं। 

इस सप्ताह ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे आपके मान सम्मान को ठेस पहुंचे। यदि आप ऐसा करने में कामयाब हो सकेंगे तो न केवल आप अपने सम्मान की रक्षा कर सकेंगे बल्कि सामाजिक सम्मान भी प्राप्त कर सकेंगे। यह सप्ताह आपको चर्चित बन सकता है। अर्थात आप किसी चर्चा के केंद्र बिंदु रह सकते हैं। बेहतर होगा कि आप कुछ अच्छा करें, जिससे यह चर्चा सकारात्मक रहे। ऐसे लोग जो आपको अपमानित करने के मौके तलाशते रहते हैं; इस सप्ताह उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी। फिर भी जानबूझकर विरोधियों को मौका देना उचित नहीं रहेगा। अर्थात स्वयं को अनुशासित बनाए रखें और आगे बढ़ते रहें; अच्छे परिणाम मिलते रहेंगे। इंटरनेट इत्यादि से जुड़े हुए काम करने वाले लोग काफी शानदार परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और काले तिल अर्पित करना शुभ रहेगा।

मूलांक 6 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या फिर 24 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा। और इस सप्ताह विशेष की बात की जाए तो यह सप्ताह आपके लिए मिले-जुले परिणाम दे सकता है। कुछ मामलों में परिणाम औसत से कमजोर भी रह सकते हैं। फिर भी धैर्य के साथ काम करने वाले लोग न केवल परिणाम को संतुलित रख सकेंगे बल्कि अच्छे मौके ढूंढ निकालेंगे और सार्थक परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। अर्थात इस महीने सार्थक और अनुकूल परिणाम प्राप्त करना आसान तो नहीं रहेगा लेकिन मुमकिन हो सकेगा। हो सकता है कि इस सप्ताह आपके निर्णय का विरोध करने वाले लोग बड़ी मात्रा में मिलें, तो ऐसे में संभव हो तो निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए भविष्य के दिनों का चयन किया जाए। वर्तमान के अवरोधों को देखते हुए स्वयं को शांत ही रखना उचित रहेगा। 

वैसे यह सप्ताह स्वयं को विस्तार देने में सहायक बन सकता है लेकिन विस्तार देने की प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करना ठीक नहीं रहेगा। अर्थात नए सिरे से कोई काम न करें लेकिन जो काम पहले से कर रहे हैं उनमें कुछ नए प्रयोग आप कर सकते हैं। यद्यपि गैरजरूरी यात्राओं से बचना उचित रहेगा लेकिन जरूरी यात्राओं में सावधानी बरतने की स्थिति में चाहे गए परिणाम मिल सकेंगे। मनोरंजन करने के मौके भी मिलने की संभावनाएं हैं लेकिन व्यर्थ के खर्च करके मनोरंजन करना उचित नहीं रहेगा। अर्थात यदि आप समर्थवान है और खर्च करने से कोई जरूरी काम बाधित नहीं हो रहा तो आप मनोरंजन कर सकते हैं। इस सप्ताह मिलने वाले अवसरों का लाभ ले सकते हैं। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में बुधवार के दिन गणेशजी को दुर्वा अर्पित करना शुभ रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 7

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या फिर 25 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 7 होगा। सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। भले ही रास्ता बहुत आसान न रहे लेकिन इतना कठिन भी नहीं रहेगा कि आप अपने लक्ष्य तक न पहुंच पाएं। अर्थात थोड़ी सी कोशिश करके आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकेंगे और अनुकूल परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। विशेषकर घर परिवार से संबंधित मामलों में काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रेम प्रसंग के दृष्टिकोण से भी यह सप्ताह अनुकूल परिणाम देने का काम करेगा। 

यदि आप विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ आप क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के मौके निकाल सकेंगे। यदि विवाह की बात चल रही है तो बातों की आगे बढ़ाने और अनुकूल परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके बावजूद भी क्रोध और विवाद से बचना समझदारी का काम होगा। अर्थात् किसी भी मामले में जल्दबाजी नहीं दिखानी है। चाहे वह मामला कार्य क्षेत्र से संबंधित हो या फिर प्रेम प्रसंग की अथवा विवाह आदि के मामले में किसी मेडिएटर व्यक्ति से उलझना उचित नहीं रहेगा। इन सावधानियां को अपनाने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। इन सबके बावजूद भी सामाजिक मर्यादा का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। आमोद प्रमोद और मनोरंजन इत्यादि के लिए इस सप्ताह को सामान्य तौर पर अच्छा कहा जाएगा। यदि संभव हो तो दीन-हीन गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद भी की जाए। 

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर दही और चीनी चढ़ाएं। 

मूलांक 8

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या फिर 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 होगा। ऐसे नहीं आ सकता आपको मिले जुले परिणाम दे सकता है। यह सप्ताह आपके लिए कुछ अनुकूल परिणाम दे सकता है। तो वहीं कुछ प्रतिकूल परिणाम भी दे सकता है। कुल मिलाकर यह सप्ताह आपको इस बात की अनुभूति करवा सकता है कि कौन सा व्यक्ति आपके लिए हितकर है और कौन सा व्यक्ति आपका हितैषी होने का दिखावा मात्र कर रहा है। हालांकि धर्म कर्म और आध्यात्म आदि से संबंधित मामलों के लिए यह सप्ताह अच्छा कहा जाएगा। ऐसे में वो लोग जो आध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाने की इच्छा रखते हैं उन्हें काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं लेकिन सांसारिक मामलों के लिए सप्ताह मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार का रिस्क लेना इस सप्ताह में उचित नहीं रहेगा।

किसी नए काम की शुरुआत या नए प्रयोग करना भी उचित नहीं रहेगा। किसी अजनबी व्यक्ति पर यकीन कर लेना भी ठीक नहीं रहेगा। साइबर फ्रॉड इत्यादि से बचने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। अर्थात इन सावधानियों को अपनाकर आप परिणामों को तुलनात्मक रूप से बेहतर कर सकेंगे लेकिन लापरवाह होने की स्थिति में नुकसान भी हो सकता है।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में काला कुत्ता जो पालतू न हो उसे सावधानी पूर्वक रोटी खिलाएं।

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मूलांक 9 

यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या फिर 27 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 9 होगा। ऐसे में या सप्ताह आपको मिले-जुले किंतु एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। हालांकि इस सप्ताह में जल्दबाजी से बचने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे। यह सप्ताह आपसे धैर्य की डिमांड कर सकता है। धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में न केवल काम पूरे होंगे बल्कि उन कामों के परिणाम भी सार्थक और फेवर में रह सकते हैं। विशेषकर आर्थिक मामलों में यह सप्ताह आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। 

आपके भीतर की शक्ति को बढ़ाने के लिए भी यह सप्ताह मददगार हो सकता है। व्यापार व्यवसाय इत्यादि में धैर्य पूर्वक के लिए गए निर्णय आपको फायदा पहुंचा सकते हैं। हालांकि या सप्ताह बदलाव का समर्थन कर रहा है अर्थात आप कोई नया काम शुरू कर सकते हैं या कुछ नए प्रयोग कर सकते हैं लेकिन जल्दबाजी नहीं दिखानी है। इस तरह से संयम बरतने की स्थिति में आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। क्रोध और जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं दिखानी है। यद्यपि आप किसी काम को जल्द से जल्द पूरा कर लेने का स्वभाव रखने वाले व्यक्ति हो सकते हैं लेकिन कम से कम इस सप्ताह जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं दिखानी है जो भी करें उसे करने से पूर्व भली भांति चिंतन मंथन करना जरूरी रहेगा।

उपाय: उपाय की बात करें तो उपाय के रूप में किसी मजदूर को भोजन कराना शुभ रहेगा।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. नंबर 3 के लिए यह सप्ताह कैसा है?

यह सप्ताह आपको औसत से बेहतर परिणाम दे सकता है।

2. 7 नंबर में बालों के लिए यह सप्ताह कैसा रहेगा?

यह सप्ताह आपके अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। 

3. 4 नंबर का स्वामी कौन है?

अंक शास्त्र के मुताबिक, मूलांक 4 के स्वामी राहु ग्रह हैं।

शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!

शुक्र मीन राशि में मार्गी होकर इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, अच्छा समय होगा शुरू!

शुक्र मीन राशि में मार्गी: एस्ट्रोसेज एआई समय-समय पर ज्योतिष की दुनिया में होने वाले छोटे से लेकर बड़े बदलावों से आपको अवगत करवाता रहा है। हमारे आज का यह लेख आपको “शुक्र मीन राशि में मार्गी” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। बता दें कि शुक्र महाराज 13 अप्रैल 2025 को मीन राशि में अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं जिसका असर संसार के साथ-साथ सभी राशियों पर भी दिखाई दे सकता है। हालांकि, आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान है, तो ऐसे में,  क्या हम शुक्र से उत्तम परिणामों की उम्मीद कर सकते है? आइए जानते हैं शुक्र मार्गी के प्रभावों के बारे में।

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वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, आनंद और रिश्तों के कारक कहे गए हैं। यह दर्शाते हैं कि हम जीवन में किस चीज़ को महत्व देते हैं, हम अपने प्रेम को किस तरह से व्यक्त करते हैं और हमारे जीवन में कौन सी चीज़ें ख़ुशियाँ और प्रेम लेकर आती हैं। राशि चक्र की सभी बारह राशियों में शुक्र महाराज को वृषभ और तुला राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं इसलिए इन दोनों राशियों के जातकों में शुक्र ग्रह के गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, हमारे जीवन में शुक्र ग्रह धन-वैभव और भौतिक सुख भी लेकर आते हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति से हम यह जान सकते हैं कि आपके जीवन में पैसा कितना मायने रखता है, धन कमाने और खर्च करने को लेकर आपके विचार क्या हैं और धन-संपत्ति से आप किस तरह का सुख पाना चाहते हैं । साथ ही, शुक्र देव की स्थिति इस बात की तरफ भी संकेत करती है कि आपके लिए जीवन में क्या महत्वपूर्ण है फिर चाहे वह भौतिक सुख हो या भोग-विलासिता से पूर्ण जीवन। 

शुक्र मीन राशि में मार्गी: समय 

जैसे कि हम भली-भांति जानते हैं कि ज्योतिष में शुक्र देव प्रेम, सुंदरता और कला के कारक माने गए हैं। अब यह मीन राशि में मार्गी होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बता दें कि शुक्र ग्रह 13 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर राशि मीन में मार्गी हो रहे हैं जो कि इनकी उच्च राशि है। मीन राशि में शुक्र की उपस्थिति को बहुत शुभ माना गया है और इसके परिणामस्वरूप, इनसे सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा की जा सकती है। लेकिन दूसरी तरफ, मीन राशि में शुक्र महाराज पापी ग्रह शनि, राहु और सूर्य के साथ बैठे होंगे। चलिए अब जानते हैं सभी राशियों पर इसके प्रभाव के बारे में। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: इन राशियों पर बरसेगी शुक्र देव की कृपा 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके लग्न भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। बता दें कि कुंडली में ग्यारहवां भाव इच्छाओं की पूर्ति का होता है। ऐसे में, शुक्र मीन राशि में मार्गी आपके लिए शुभ रहेगा। व्यापार या नौकरी करने वालों के लिए यह समय बेहतरीन अवसर लेकर आ सकता है। शुक्र मार्गी के दौरान आपको दोस्तों, रिश्तेदारों और पेशेवर जीवन के लोगों से किसी समारोह या पार्टी का निमंत्रण मिल सकता है। साथ ही, इन मुलाकातों में आप कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ संपर्क में आ सकते हैं। 

शुक्र मार्गी होकर आपकी भौतिक ज़रूरतों को पूरा करने का काम करेंगे। ऐसे में, आपके पेशेवर और निजी जीवन में भी सुधार देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके मामा और बड़ी बहन के पास पर्याप्त मात्रा में पैसा आएगा। साथ ही, आपके रिश्ते उनके साथ मज़बूत होंगे। आपकी किसी सलाह की वजह से आपके मामा को आर्थिक रूप से लाभ होगा जिसके चलते आपके रिश्ते उनके साथ भी पहले की तुलना में मज़बूत होंगे।              

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके पांचवें भाव और बारहवें के स्वामी हैं। कुंडली में पांचवां भाव बुद्धि, प्यार, प्रेम संबंध, संतान एवं शिक्षा का होता है जबकि बारहवां भाव खर्चों का होता है। अब शुक्र मीन राशि में मार्गी आपके दसवें भाव में हो रहे हैं जिसका संबंध आपके पेशेवर जीवन और करियर से होता है। इसके परिणामस्वरूप, आपका पेशेवर जीवन इस दौरान समृद्ध रहेगा और आपको कई तरह से लाभ की प्राप्ति होगी।

शुक्र मार्गी की अवधि में आपके वरिष्ठ अधिकारी आपकी नई सोच और सही निर्णय लेने की क्षमता को पहचानेंगे और इसके लिए आपको सराहना भी मिलेगी। आपके रिश्ते सहकर्मियों के साथ मज़बूत बनेंगे। इसके अलावा, आपको करियर के अनेक अवसर प्राप्त होंगे, विशेष रूप से विदेशों से या फिर काम के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा पर जाने के अवसर मिलेंगे। 

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कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके ग्यारहवें भाव और चौथे भाव के अधिपति देव हैं। बता दें कि ग्यारहवां भाव मनोकामनाओं की पूर्ति एवं भौतिक इच्छाओं का होता है जबकि कुंडली का चौथा भाव शांति, भावनाओं, परिवार की ख़ुशियों, माता और जन्मभूमि का होता है। अब यह आपके नौवें भाव में मार्गी हो रहे हैं और ऐसे में, यह समय आपके लिए शानदार रहेगा। शुक्र की मार्गी चाल को स्त्री या महिलाओं से जड़े कार्यों में शामिल होने के लिए श्रेष्ठ कहा जाएगा। साथ ही, इस अवधि में आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। शुक्र की मार्गी अवस्था धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा की योजना बनाने के लिए उत्तम रहेगा। 

इस दौरान आपको काम के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है जो आपके लिए लाभदायक साबित होगी। ऐसे में, आप ख़ुश और संतुष्ट दोनों दिखाई देंगे। चाहे आप दोस्तों या परिवार के साथ यात्रा या किसी ट्रिप पर जाएं, वह आपके लिए फलदायी रहेगा। संभव है कि इस दौरान आपका सारा ध्यान घर-परिवार की जरूरतों को पूरा करने पर हो या फिर अगर आप घर के लिए कोई बड़ी खरीदारी करने जैसे कि नया घर, वाहन आदि के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह समय अच्छा रहेगा। ऐसे में, आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकेंगे। 

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सातवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में, यह समय आपके मान-सम्मान में वृद्धि करेगा। हालांकि, वर्तमान समय में शुक्र ग्रह मीन राशि में विराजमान हैं। इनके प्रभाव से आपकी दूर दृष्टि बेहतर बनेगी और ऐसे में, लोग आपको पसंद करेंगे। साथ ही, आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनेगा। आपको बता दें कि सातवें भाव में बैठकर शुक्र की दृष्टि आपके लग्न भाव पर होगी। इसके फ़लस्वरूप, आपका जीवन प्रेम और आनंद से भरा रहेगा।  आप अपने सौंदर्य को लेकर सजग रहेंगे।     

आर्थिक जीवन के भाव दूसरे और भाग्य भाव के स्वामी के रूप में शुक्र की मार्गी अवस्था आपके लिए धन से जुड़े अनेक अवसर लेकर आएगी। जीवनसाथी की सहायता से आप आर्थिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। शुक्र मार्गी का समय धन संबंधित बड़े फैसले लेने और अविवाहित जातको के लिए अपने पिता, गुरु या मेंटर की सलाह का पालन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके अलगाव, हानि और अध्यात्म के भाव यानी कि बारहवें भाव के साथ-साथ रिश्ते और विवाह के भाव अर्थात सातवें भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपके पांचवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएंगे। बता दें कि इस राशि में शुक्र देव उच्च अवस्था में होते हैं और इनका संबंध आनंद, संतोष, प्रेम और रोमांस आदि से है जो कि पांचवें भाव के गुणों से मिलता है, इसलिए इनसे मिलने वाले परिणाम अनुकूल हो सकते हैं।   

वृश्चिक राशि के जो जातक सिंगल हैं, वह इस अवधि में किसी दूसरी संस्कृति या किसी दूसरे देश में रहने वाले इंसान के साथ रिलेशनशिप में आ सकते हैं। वहीं, जिन जातकों का संबंध कला से जुड़े क्षेत्रों से है या फिर फिल्म या सोशल मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत हैं, उन्हें इस अवधि में करियर में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके अलावा, इस दौरान आपको घूमना-फिरना या ट्रेवल खुशी देने का काम करेगा। 

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शुक्र मीन राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान 

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके सातवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं। कुंडली में सातवां भाव रिलेशनशिप का होता है जबकि दूसरे भाव का संबंध धन से होता है। इन जातकों को अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि सातवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र आपके बारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं। ऐसे में, यह आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकते हैं। अगर आपने कोई लोन लिया हुआ है, तो यह अवधि आपके लिए मुश्किल रह सकती है क्योंकि इस दौरान आप उसे चुकाने में नाकाम रह सकते हैं या फिर आपको धन का प्रबंधन करना कठिन लग सकता है इसलिए आपको थोड़ा सावधान होकर चलना होगा।

शुक्र मीन राशि में मार्गी के दौरान आपको बहुत सोच-समझकर धन के संबंध में फैसले लेने होंगे क्योंकि यह दूसरे भाव के स्वामी के रूप में आपके बारहवें भाव में जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन लोगों को अपने दोस्तों या करीबी रिश्तेदारों को भी पैसे उधार देने से बचना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि यह पैसा कभी आपको वापस न मिले। धन हानि या खर्चों का बढ़ना, विशेषकर रोगों के इलाज में पैसा लगने से आप तनाव में आ सकते हैं।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले/लग्न भाव में मार्गी हो रहे हैं। बता दें कि मीन राशि में शुक्र अपनी उच्च अवस्था में होंगे। इस राशि में मौजूद शुक्र पापी ग्रहों के साथ युति का निर्माण करेंगे जैसे कि शनि, सूर्य और राहु। मीन राशि वालों के लिए इन तीन ग्रहों के साथ शुक्र का होना अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस समय आपको अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखना होगा और लापरवाही बरतने से बचना होगा क्योंकि आपको गर्भाशय से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

छाया ग्रह राहु के साथ शुक्र की युति की वजह से आप अपने आकर्षक व्यक्तित्व का फायदा उठाते हुए दूसरों को ऐसे गलत काम करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं जिसका सीधा लाभ आपको प्राप्त होगा। यह एक ऐसी अवधि होगी जब आपके इरादों या चरित्र पर लोग सवाल उठाने का काम कर सकते हैं जिसका गहरा असर आपके आत्मसम्मान पर पड़  सकता है। इसी क्रम में, आपको दूसरे लोगों के साथ बातचीत करते समय काफ़ी सतर्क रहना होगा क्योंकि इस बात की संभावना है कि आप छलकपट या धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। साथ ही, नौकरी में परिवर्तन या अनचाहा ट्रांसफर आपकी परेशानी का सबब बन सकता है। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

शुक्र मीन राशि में मार्गी: सरल एवं प्रभावी उपाय  

  • शुक्र ग्रह के प्रभावों में वृद्धि और घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए प्रत्येक शुक्रवार देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
  • खुद को आत्मविश्वासी और आकर्षक बनाने के लिए छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें। 
  • कुंडली में शुक्र को बलवान करने के लिए आप मध्यमा उंगली में हीरा या ओपल पहनें। हालांकि, किसी भी रत्न को पहनने से पहले विद्वान एवं अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
  • शुक्रवार  के दिन व्रत करें। साथ ही, गरीब कन्याओं और स्त्रियों को घर में बनी खीर बांटें।
  • प्रतिदिन “ॐ शुक्राय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। 
  • नियमित रूप से परफ्यूम या इत्र का इस्तेमाल करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. शुक्र ग्रह की नीच राशि कौन सी है?

कन्या राशि। 

2. ज्योतिष के अनुसार शुक्र किसके कारक हैं?

शुक्र ग्रह को प्रेम, पत्नी और विलासिता का प्रतीक माना जाता है।

3. शुक्र देव का शत्रु कौन हैं?  

सूर्य और चंद्र ग्रह।