कुंडली में अलग-अलग भावों में सूर्य योग का फल और उपाय

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह को सफलता और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह माना गया है। ऐसे लोग सदैव सफलता, सामाजिक मान-प्रतिष्ठा, धन प्राप्त करते हैं जिनकी कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। जिस भी व्यक्ति पर सूर्य की कृपा होती है, उसे जीवन में सफलता पाने से कोई भी नहीं रोक सकता। कुंडली में सूर्य का शुभ भाव में होना व्यक्ति के जीवन में सफलता हासिल कराता है, ठीक उसके विपरीत यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ भाव में है, तो वह व्यक्ति को जीवन में  नौकरी करियर और व्यवसाय से जुड़ी हुई समस्याएं देता है। क्योंकि ज्योतिष में सूर्य को आत्मा यश कीर्ति गुलाबी रंग और तेज का कारक माना गया है।

सूर्य योग

जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है और योग कारक होता है तो इसे सूर्य योग कहा जाता है। सूर्य की अच्छी उपस्थिति से व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही जीवन भर ऐसा व्यक्ति सुख-शांति से जीता है। सूर्य अलग-अलग भावों में अलग फल प्रदान करता है।

कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाने के लिए क्या करें

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की उपस्थिति तृतीय भाव में है तो उसकी आय में वृद्धि होती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति अन्याय को सहता है, या फिर देखकर शांत रहता है, तो उसका सूर्य कमजोर हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को घर में बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए, ऐसा करने से सूर्य शुभ फल देता है।

जन्म कुंडली पर सूर्य का प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य शुभ अवस्था में है, तो वह व्यक्ति को निडर और आत्मविश्वासी बनाता है। उसे समाज में एक नई दिशा प्रदान करता है। उसका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है। ठीक उसके विपरीत यदि सूर्य अशुभ स्थान पर बैठा है, तो जातक को सदैव निराशा हाथ लगती है। जीवन भर स्वास्थ्य से संबंधित समस्या बनी रहती है।

सूर्य योग का प्रथम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रथम भाव में है, तो ऐसे व्यक्ति सदैव सच का साथ दें। अपनी आय का एक हिस्सा ज़रूरतमंदों को दान करें। ऐसा करने से आपके जीवन में आने वाली परेशानियां कुछ हद तक कम हो जाएंगी।

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सूर्य योग का दूसरे भाव में उपाय

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य दूसरे भाव में है, तो व्यक्ति स्वभाव से झगड़ालू हो जाता है। ऐसे व्यक्ति अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। पूजा पाठ में मन लगाएं । दान-पुण्य करें, और जीवन में सदाचार का पालन करें।

सूर्य योग का तृतीय भाव में उपाय

व्यक्ति की कुंडली में यदि तृतीय भाव में सूर्य की उपस्थिति है, तो ऐसे व्यक्ति बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें, उनका आशीर्वाद लें, अपने आस-पास हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाए। धार्मिक स्थलों पर जाकर देवी-देवताओं के दर्शन करें ।

सूर्य योग का चतुर्थ भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव में उपस्थित है, तो ऐसे व्यक्ति गरीबों को भोजन कराएं। ज़रूरतमंदों को दान करें।

सूर्य योग का पंचम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य पांचवे भाव में है, तो ऐसे व्यक्ति को हमेशा पेट से जुड़ी समस्याएं बनी रहती है। आपको सूर्य को रोजाना जल चढ़ाना  चाहिए। संभव हो तो लाल मुंह वाले बंदर को गुड़ और चना खिलाएं।

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सूर्य योग का छठे भाव का उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य छठे भाव में उपस्थित है, तो वह पिता के साथ अच्छे संबंध  बनाए, आय में बढ़ोतरी होगी। चांदी की एक वस्तु हमेशा अपने पास रखें। 

सूर्य योग का सप्तम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य सप्तम भाव में विराजमान है, तो वह खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें। काली गाय की सेवा करें। 

सूर्य योग का अष्टम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अष्टम भाव में है, तो वह अपने घर में सफेद रंग के कपड़ों का इस्तेमाल ना करें। किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले मीठा जरूर खाएं। बहती हुई नदी में गुड़ प्रवाहित करें।  

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सूर्य योग का नवम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य नवम भाव में उपस्थित है, तो ऐसा व्यक्ति किसी से भी उपहार में या दान में चांदी की वस्तु ना ले। चांदी से बनी हुई वस्तुओं का दान करें। अपनी वाणी पर संयम रखें, और गुस्सा करने से बचे। 

सूर्य योग का दशम भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य दशम भाव में उपस्थित है, तो इसके शुभ प्रभाव के लिए नीले और काले रंग के कपड़ों से परहेज करें।  बहती हुई नदी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें। 

सूर्य योग का ग्यारहवें भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्यारहवें भाव में उपस्थित है, तो उसके शुभ परिणाम के लिए मांस-मदिरा का सेवन ना करें। रात में सोते वक्त अपने सिर के पास बादाम और मूली रखें, और दूसरे दिन इन वस्तुओं को मंदिर में दान कर दें ।  

सूर्य योग का बारहवें भाव में उपाय

यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य बारहवें भाव में उपस्थित है, तो उसके शुभ परिणाम के लिए घर में आंगन जरूर बनवाएं।  पूजा-पाठ करें, धर्म का पालन करें। दूसरों को उनकी गलतियों के लिए क्षमा करें।  सूर्य की शांति के लिए घर या ऑफिस में सूर्य यंत्र की स्थापना करें।

Dharma

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