सूर्य का मीन राशि में गोचर 2024: आत्मा, शक्ति, रोशनी, अनुशासन के कारक ग्रह सूर्य 14 मार्च 2024 को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। सूर्य देव 14 मार्च 2024 को कुंभ राशि को छोड़कर बृहस्पति की दूसरी राशि मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं जो कि सूर्य के लिए अतिमित्र राशि मानी जाएगी। 13 अप्रैल 2024 तक सूर्य मीन राशि में रहेंगे और इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह जानने से पहले आइए जानते हैं कि सूर्य का मीन राशि में गोचर भारतवर्ष को कैसे प्रभावित करेगा।
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सूर्य गोचर का भारत पर प्रभाव
सूर्य भारत की कुंडली के चौथे भाव के स्वामी हैं और अग्नि तत्व के ग्रह हैं। ऐसे में, अग्नि तत्व वाले चतुर्थेश का जल तत्व की द्विस्वभाव राशि में जाना जनता के मन को बांटने का काम कर सकता है अर्थात सूर्य के इस गोचर के चलते जनता में आपसी विरोध देखने को मिल सकता है। गुटबाजी की स्थिति बन सकती है। लगभग हर दल में आंतरिक कलह या गुटबाजी आ सकती है, लेकिन अनुकूल बात यह है कि सूर्य अतिमित्र राशि में रहेंगे। इसके फलस्वरूप, जनता को इस बात का अनुमान रहेगा कि गुटबाज़ी या विवाद से हमारा ही नुकसान होगा। शायद इसके चलते कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं आएगी।
हालांकि, सूर्य के घर अर्थात चतुर्थ भाव पर शनि-मंगल की दृष्टि के चलते विवाद व अराजकता की स्थिति निर्मित हो सकती है, लेकिन बृहस्पति अर्थात जन जागरूकता के माध्यम से विषम परिस्थितियों पर नियंत्रण बना रहेगा। मीन राशि में जाकर सूर्य राहु के निकट होंगे और इसके फलस्वरूप, राजनीतिक रंग चरम पर रहेगा। भारतवर्ष के लिए सूर्य का यह गोचर कुछ परेशानियों के बाद कुछ अच्छे परिणाम देने और दिलाने का काम कर सकता है। विशेषकर आर्थिक मोर्चे पर अच्छा कहा जाएगा। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा?
सूर्य का मीन राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा जाएगा। इसके चलते विद्यार्थियों का अपने सब्जेक्ट से फोकस हट सकता है। प्रेम संबंधों में भी कमज़ोरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, बेकार की यात्राएं और सरकारी मामलों में कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाकर मंदिर में लाल फल चढ़ाएं।
वृषभ राशि
सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी हैं तथा वर्तमान में यह आपके लाभ भाव में गोचर करने वाले हैं। वैसे तो सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है लेकिन चतुर्थेश का राहु के साथ होना घर-गृहस्थी को लेकर कुछ चिंताएं देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, घर के सदस्यों का आपस में कुछ मनमुटाव भी देखने को मिल सकता है। साथ ही, सूर्य का यह गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी करवा सकता है और पद प्रतिष्ठा के लिए भी यह गोचर एवरेज से बेहतर रहेगा।
उपाय: तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा आदि का त्याग करते हुए शुद्ध और सात्विक बने रहें।
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मिथुन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी हैं तथा यह आपके दशम भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा कहा गया है। यह गोचर आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा, लेकिन राहु के प्रभाव को देखते हुए आपको ओवर-कॉन्फिडेंट होने से बचने की सलाह दी जाती है। वैसे, सूर्य का यह गोचर पद-प्रतिष्ठा दिलाने में सहायक बनेगा। कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। पिता व वरिष्ठों का मार्गदर्शन आपके लिए हितकारी रहेगा।
उपाय: काले और पर्पल रंग के कपड़े गरीबों में दान करें।
कर्क राशि
सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव के स्वामी होकर आपके भाग्य भाव में गोचर करने वाले हैं। सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है, फिर भी पिछले गोचर की तुलना में यह गोचर अच्छा रहेगा। इसके बावजूद भी आर्थिक और पारिवारिक मामले में किसी भी तरीके का रिस्क नहीं लेना है। भाई-बंधुओ से यथासंभव बेहतर संबंध बनाए रखने होंगे। कामों में कुछ समस्याएं देखने को मिल सकते हैं। अतः कामों को पूरा करने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा समय लेकर चलें।
उपाय: सूर्य भगवान को नियमित रूप से जल चढ़ाएं।
सिंह राशि
सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी हैं तथा वर्तमान में यह आपके अष्टम भाव में गोचर करेंगे। सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा जाएगा क्योंकि आपके लग्न या राशि स्वामी का आठवें भाव में जाना कमज़ोरी का सूचक है। अतः इस गोचर की अवधि में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। शासन-प्रशासन के कामों में समस्याएं आ सकती हैं। आर्थिक जीवन में भी समझदारी पूर्वक निर्वाह करें।
उपाय: सूर्य भगवान को कुमकुम मिला हुआ जल चढ़ाएं।
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कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी हैं और द्वादश भाव के स्वामी होते हुए यह आपके सप्तम भाव में जाएंगे। सूर्य के इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है। ऐसे में, साझेदारी के कामों में सावधानी बरतें। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ संबंध बिगड़ने न पाए, इस बात का ख्याल रखना होगा। यथासंभव यात्राओं से बचना भी समझदारी का काम होगा और व्यापार-व्यवसाय में भी किसी प्रकार का रिस्क न लें।
उपाय: इस अवधि में नमक कम खाएं। संभव हो, तो रविवार के दिन नमक बिल्कुल न खाएं।
तुला राशि
सूर्य आपके लाभेश होकर छठे भाव में गोचर करने वाले हैं। छठे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है। विशेषकर नौकरीपेशा लोगों को का यह गोचर अच्छा लाभ दिलाने का काम करेगा। यदि कंपनी की पॉलिसी के अनुसार प्रमोशन इत्यादि इस समय अवधि में होते हैं तो पदोन्नति की संभावनाएं भी मजबूत होंगी। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी, लेकिन इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का रिस्क न लेने की सलाह हम आपको देना चाहेंगे।
उपाय: नियमित रूप से गंगाजल का सेवन करें।
वृश्चिक राशि
दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। सूर्य के गोचर को पंचम भाव में भी अच्छा नहीं कहा गया है। विद्यार्थियों को इस अवधि में अपने सब्जेक्ट पर पूरा ध्यान देना होगा। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो बातचीत का तौर-तरीका बेहद सभ्य और सौम्य रखना होगा, अन्यथा पार्टनर किसी बात पर नाराज हो सकता है। संतान के साथ संबंधों को मेंटेन करने की भी जरूरत होगी। उचित खान-पान रखने की स्थिति में पेट से संबंधित समस्याओं से बचा जा सकेगा।
उपाय: नियमित रूप से सरसों के तेल की 8 बूंदें कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके चौथे भाव में गोचर कर जाएंगे। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अतः इस गोचर की अवधि में आप कुछ हद तक तनावग्रस्त रह सकते हैं। परिवारजनों विशेषकर माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। इनके साथ अपने संबंधों को भी बेहतर रखने की कोशिश करनी होगी। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की सलाह भी हम आपको देना चाहेंगे।
उपाय: जरूरतमंद लोगों को अपने सामर्थ्य अनुसार भोजन करवाएं।
मकर राशि
सूर्य आपके अष्टमेश हैं और वर्तमान में ये आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा माना गया है। ऐसी स्थिति में आपको कुछ अप्रत्याशित लाभ देखने को मिल सकते हैं। वैसे तो स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा लेकिन दूसरे भाव में शनि-मंगल की उपस्थिति खानपान बिगाड़ने का काम कर सकती है। अतः अपनी प्रकृति के अनुसार खान-पान और रहन-सहन अपनाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने की स्थिति में सामान्य तौर सूर्य का यह गोचर आपको अधिकांश मामलों में अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: मंदिर में दूध का दान करें।
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कुंभ राशि
सप्तमेश सूर्य आपके दूसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के इस गोचर को अच्छा नहीं कहा गया है। ऐसी स्थिति में आपको अपने व्यापार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। खासकर यदि आपका काम किसी भी प्रकार की डीलिंग या बातचीत आदि से जुड़ा है, तो आपको अपनी वाणी पर बहुत ही अधिक संयम बरतना होगा। सूर्य के इस गोचर के चलते आंखों में दर्द के साथ-साथ आर्थिक तथा पारिवारिक परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। अतः इस अवधि में इन मामलों में जागरूक रहें।
उपाय: शिव जी के मंदिर में जटा वाले सूखे नारियल चढ़ाएं।
मीन राशि
सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी होकर आपके प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं। प्रथम भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना गया है। ऊपर से छठे भाव के स्वामी का प्रथम भाव में जाना स्वास्थ्य में कुछ कमज़ोरी देने का काम कर सकता है। अत: इस अवधि में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक व सचेत रहें। इस दौरान आपको क्रोधित होने से बचने की सलाह दी जाती है। उचित खान-पान अपनाने की स्थिति में स्वास्थ्य को मेंटेन रख सकेंगे। साथ ही, इस समय रिश्तेदारों के साथ विवाद में पड़ने से बचें।
उपाय: नियमित रूप से आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
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