वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है और यह उग्र स्वभाव के पुरुष ग्रह हैं इसलिए इनकी भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में, सूर्य महाराज की स्थिति में होने वाला प्रत्येक बदलाव विशेष मायने रखता है और अब यह जल्द ही अपना राशि परिवर्तन करते हुए धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग आपको सूर्य का धनु राशि में गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय और प्रभाव आदि। यह हम सभी जानते हैं कि जब-जब सूर्य ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो यह संसार सहित व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पहलू जैसे कि करियर, व्यापार, शिक्षा एवं प्रेम जीवन आदि को प्रभावित करते है। अगर आप जानना चाहते हैं कि सूर्य का यह गोचर आपकी राशि के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा, तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
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ऐसे में, सूर्य के इस गोचर को लेकर आपके मन में अनेक सवाल उठे रहे होंगे और इस लेख के माध्यम से हम यहां आपकी हर कन्फ्यूज़न को दूर करेंगे। साथ ही, राशि चक्र की सभी 12 राशियों को मिलने वाले सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। लेकिन, आइए सबसे पहले नज़र डालते हैं सूर्य का धनु राशि में गोचर के समय और तिथि पर।
सूर्य का धनु राशि में गोचर: तिथि एवं समय
सूर्य महाराज को नवग्रहों के राजा और धरती पर जीवन का प्रमुख स्रोत माना जाता है क्योंकि यह समस्त प्राणियों को जीवन देते हैं। बता दें कि सूर्य देव को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में एक माह का समय लगता है और इस अवधि को बेहद शुभ माना जाता है। अब 15 दिसंबर 2024 की रात 09 बजकर 56 मिनट पर सूर्य का धनु राशि में गोचर होने जा रहा है जिसका अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव राशियों समेत विश्व पर दिखाई देगा। आइए अब जानते हैं सूर्य गोचर के बारे में कुछ विशेष बातें।
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सूर्य और गुरु: शत्रु या मित्र?
जैसे कि आप सभी जानते हैं कि सूर्य का गोचर धनु राशि में होने जा रहा है और इस राशि के स्वामी ग्रह देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव हैं। इनकी गिनती शुभ एवं लाभकारी ग्रहों में होती है जबकि सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। ऐसे में, गुरु की राशि में सूर्य का गोचर शुभ या अशुभ कैसा रहेगा? सूर्य और बृहस्पति एक-दूसरे के मित्र हैं या शत्रु? चलिए आपको बताते हैं इन दोनों ग्रहों का ज्योतिषीय महत्व।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को अधिकार और गुरु ग्रह को ज्ञान का कारक माना जाता है। इस प्रकार, यह दोनों ग्रह जातकों के जीवन में कुछ बड़े बदलाव लेकर आ सकते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि सूर्य और बृहस्पति में अच्छी मित्रता है और यह दोनों ही ग्रह जातक को बौद्धिक, शक्तिशाली, और निडर बनाने का काम करते हैं।
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ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य
एक तरफ, ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह को नौ ग्रहों का राजा कहा जाता है जो कभी अस्त, उदय, वक्री और मार्गी नहीं होते हैं, तो वहीं हिंदू धर्म में इन्हें देवता स्वरूप में पूजा जाता है। सूर्य एकमात्र ऐसे देवता है जो अपने भक्तों को रोज़ाना दर्शन देते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, सूर्य ग्रह आत्मा, पिता, सरकार, शक्ति और अधिकार के कारक हैं। इसके अलावा, मनुष्य जीवन में सूर्य महाराज का संबंध शक्ति, जीवन की ऊर्जा, जीवन में चल रही कठिन परिस्थितियों और प्रतिरोधक क्षमता से भी है।
कुंडली में सूर्य की स्थिति क्यों है महत्वपूर्ण?
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि किसी व्यक्ति को सूर्य जीवन में अच्छे या बुरे कैसे परिणाम देंगे? यह बात पूरी तरह से सूर्य की स्थिति पर निर्भर करती है। जिनकी कुंडली में सूर्य मज़बूत होते हैं, उनको अपने जीवन में शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। इनके शुभ प्रभाव से बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं और ऐसे जातकों का दृष्टिकोण भी सकारात्मक होता है। ऐसे जातक बेहद स्मार्ट और दयालु होते हैं।
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दूसरी तरफ, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमज़ोर होते हैं, उन्हें जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दुर्बल सूर्य वाले जातकों के स्वभाव में अहंकार और ईर्ष्या देखने को मिलती है। साथ ही, यह अति महत्वाकांक्षी होते हैं। इन्हें अपनी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है और इनके रिश्ते पिता और गुरु के साथ ज्यादातर ख़राब रहते हैं। अगर आपकी कुंडली में भी सूर्य कमज़ोर हैं, तो ज्योतिष में सूर्य को मज़बूत करने के लिए अनेक उपायों का वर्णन किया गया है। यहाँ अब हम आपको बताने जा रहे हैं सूर्य को शुभ बनाने के उपाय।
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इन 09 उपायों को अपनाकर कुंडली में मज़बूत करें सूर्य
- प्रतिदिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
- सूर्य को शुभ बनाने के लिए अपने पिता का सम्मान करें और उनके दिल को ठेस पहुंचाने से बचें।
- सूर्य गोचर के दिन गेहूं और गुड़ आदि का दान फलदायी साबित होता है।
- भगवान सूर्य के लिए रविवार के दिन व्रत करें।
- तांबे के बर्तन में जल भरें और उसमें थोड़ा सा गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- रोज़ाना गायत्री मंत्र का जाप करें और सूर्य यंत्र की स्थापना करके नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
- गरीब एवं जरूरतमंदों को लाल रंग के कपड़े दान करें।
- प्रातःकाल सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
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सूर्य का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके नौवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में सूर्य देव आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
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कर्क राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे… (विस्तार से पढ़ें)
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सिंह राशि वालों की कुंडली में सूर्य देव आपके लग्न भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके … (विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य देव आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि आपके तीसरे भाव… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य महाराज दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में…(विस्तार से पढ़ें)
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मकर राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य महाराज आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
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मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रह आपके छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
राशि चक्र की पांचवीं राशि सिंह पर सूर्य देव का स्वामित्व है।
गुरु ग्रह धनु राशि के स्वामी माने गए हैं।
ज्योतिष में गुरु और सूर्य आपस में मित्रवत संबंध रखते हैं।
आत्मा के कारक सूर्य एक महीने में अपना राशि परिवर्तन करते हैं।