शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर (11 नवंबर): प्रेम. स्वास्थ्य और करियर पर कैसा होगा इस गोचर का प्रभाव

प्रेम और भौतिक सुख का ग्रह शुक्र जल्द ही वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे निवेश, स्वास्थ्य, प्रेम संबंध आदि में बदलाव देखने को मिलेंगे। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम शुक्र गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक बात करेंगे।

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कुंडली पर शुक्र का प्रभाव

प्रेम, सद्भाव, रोमांस और समृद्धि का ग्रह शुक्र राशिचक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं जो वासना इच्छा, रहस्य और अनिश्चितताओं का प्रतिनिधित्व करती है। स्वभाव से इतना अलग होने के बावजूद भी वृश्चिक राशि और शुक्र ग्रह में बहुत कुछ एक जैसा है। तो आइए अब जानते हैं कि शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर हम सबके लिए क्या लेकर आएगा।

शुक्र गोचर की अवधि

शुक्र अपना एक गोचर पूरा करने के लिए 23 दिनों का समय लेते हैं यानी शुक्र को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए 23 दिनों का समय लगता है। 11 नवंबर 2022 को शाम 7 बजकर 52 मिनट पर शुक्र अपनी राशि तुला से वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। शुक्र के लिहाज से ये स्थिति ज्यादा आरामदायक नहीं है, हालांकि ये मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टरों और शोध करने वाले छात्रों को सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

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शुक्र गोचर का प्रभाव

  • निवेश के लिए प्रतिकूल है गोचर- शुक्र का ये गोचर बिज़नेस के लिहाज से अच्छा साबित नहीं होगा। व्यवसाय में किसी भी तरह के जोखिम लेने या निवेश करने के लिए सही समय नहीं है क्योंकि शुक्र की स्थिति इन क्षेत्रों के लिए सकारात्मक नहीं हैं। अभी वक्त है इंतजार करने का, चीजों को देखने का और थोड़ा शोध करने का। अगर निवेश करना अनिवार्य है तो बेहतर रहेगा आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर निवेश करें।
  • स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होगा ये गोचर- हम सभी जानते हैं कि शुक्र ग्रह गुरु शुक्राचार्य का ही स्वरूप हैं जिनके पास संजीवनी विद्या है। जो किसी को भी ठीक कर सकती है और मौत से वापस जीवनदान दे सकती है। यह शक्ति शुक्र ग्रह के पास है, खासतौर पर तब जब वो वृश्चिक राशि में आठवें भाव में हो क्योंकि यह गोपनीयता का भाव होता है। किसी को भी ठीक करने के लिए संजीवनी विद्या एक गुप्त ज्ञान है। ऐसे में, वृश्चिक राशि में शुक्र का ये गोचर कई लोगों को उनके रोगों से निजात दिलाएगा। चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले लोग जैसे डॉक्टर आदि के लिए भी यह वक्त अच्छा रहेगा।

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  • मनोगत विज्ञान की ओर होगा झुकाव- इस गोचर के दौरान लोगों का मनोगत और गुप्त ज्ञान के प्रति काफी झुकाव होगा। अगर आप वैदिक ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसे गुप्त ज्ञान को सीखने के बारे में सोच रहे हैं तो ये समय उसके लिए बहुत अच्छा होगा।
  • प्रेमी जोड़ों के लिए ये समय कठिन रहेगा- शुक्र का वृश्चिक राशि में ये गोचर प्रेमी जोड़ों के लिए परीक्षा का समय होगा। इसलिए आपको अपने साथी की जरूरतों और भावनाओं का ध्यान रखना होगा। अपने साथी की उपेक्षा ना करें, उन्हें हल्के में ना लें और किसी से भी चुलबुला व्यवहार ना करें। हो सकता है इस कारण आपके ऊपर कुछ आरोप लगे जिससे आपकी छवि खराब हो सकती है। किसी भी तरह के सीक्रेट अफेयर्स या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से बचें, नहीं तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। शादीशुदा जातकों को ऐसे कामों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इस वक्त को सफलतापूर्वक बिताने के लिए लो प्रोफाइल बनाकर रखने की कोशिश करें।

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शुक्र की प्रतिकूल दशा के कारण होने वाली परेशानियां

  • वृश्चिक राशि में शुक्र के गोचर के प्रभाव से आमतौर पर लोग अपने प्रेम संबंधों में ज्यादा भावनात्मक और संवेदनशील हो सकते हैं।
  • वीर्य से संबंधित गुप्त रोग और इसी तरह की अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • शुक्र के वृश्चिक राशि में गोचर के प्रतिकूल प्रभाव से आपको चर्म रोग की दिक्कत भी हो सकती है इसलिए स्वच्छता बनाए रखें।
  • महिलाओं को हार्मोन या मेनोपॉज की परेशानी हो सकती है।
  • ज्यादा चिकना और मीठा भोजन करने से या फिर खराब दिनचर्या के कारण आपको डायबिटीज की परेशानी हो सकती है।

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अचूक एवं सरल उपाय

  • रोजाना 108 बार “ऊँ शुक्राय नम:” का जाप करें।
  • अगर आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां हैं तो अपने कमरे में रोज क्वार्ट्ज स्टोन रखें।
  • शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें पांच लाल फूल चढ़ाएं।
  • किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद शुक्र का आशीर्वाद पाने के लिए अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में अच्छी क्वालिटी का ओपल या सोने में बना हुआ हीरा पहनें।
  • शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें।
  • शुक्रवार के दिन मंदिर में महिला पुजारियों को सफेद मिठाई का दान करें।

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