25 अगस्त से शुक्र के गोचर से चमकेगी इन जातकों की किस्मत, इन्हें रहना होगा सावधान!

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। शुक्र को आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र की स्थिति का आकलन कर के ही जातक के सुख व संपन्न तथा प्रेम की गणना किया जाता है और इससे पता चलता है कि जातक के जीवन में प्रेम व सुख कब आएगा इसकी जानकारी मिलती है। शुक्र चंद्रमा के बाद रात में चमकने वाला दूसरा ग्रह है और यह आकार व द्रव्यमान में पृथ्वी के समान ही है। शुक्र के गोचर की बात करें तो इनकी गोचर करने की अवधि लगभग 23 दिन की होती है यानी यह शुक्र ग्रह एक राशि में 23 दिनों तक मौजूद रहते हैं और उसके बाद दूसरी राशि में चले जाते हैं।

बता दें कि शुक्र जल्द ही अगस्त माह में कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे अगस्त में कन्या राशि में शुक्र के गोचर की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी, ज्योतिष में शुक्र के गोचर का क्या महत्व होता है, साथ ही जानेंगे शुक्र के गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल और ज्योतिषीय उपायों की जानकारी। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं शुक्र का कन्या राशि में गोचर करने की समयावधि।

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: समय व तिथि

सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 25 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 59 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलेगा, किसी में सकारात्मक रूप से तो किसी में नकारात्मक रूप से। तो आइए सबसे पहले जानते ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व।

शुक्र ग्रह का ज्योतिष में महत्व

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत अधिक महत्व है। शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, कला, और सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। यह ग्रह जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं, धन-धान्य, और विलासिता का प्रतीक होता है। शुक्र ग्रह से संबंधित व्यक्ति आमतौर पर आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं और समाज में उनकी छवि अच्छी होती है।

शुक्र ग्रह का तात्पर्य वैवाहिक जीवन से भी है। यह रिश्ते में प्रेम, समझ, और सामंजस्य की भावना में वृद्धि करता है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, तो उनका दांपत्य जीवन सुखमय होता है। शुक्र का प्रभाव महिलाओं पर विशेष रूप से देखा जाता है क्योंकि यह ग्रह स्त्रियों के सौंदर्य, प्रेम, और उनके जीवन के भौतिक पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति कला, संगीत, और अन्य रचनात्मक कार्यों में उत्कृष्ट हो सकता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में भौतिक सुखों का आनंद उठाता है। ऐसे लोग अक्सर फैशन, डिजाइन, और रचनात्मक क्षेत्रों में सफल होते हैं।

दूसरी ओर, अगर किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है, तो यह प्रेम संबंधों में तनाव, वैवाहिक जीवन में असंतोष, और भौतिक सुखों की कमी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कमजोर शुक्र से व्यक्ति के जीवन में वित्तीय समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, और सौंदर्य में कमी भी देखी जा सकती है।

शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और यह ग्रह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच का माना जाता है। यदि शुक्र शुभ भाव में स्थित हो तो वह व्यक्ति को जीवन में विभिन्न प्रकार की खुशियों का अनुभव कराता है। कुंडली में शुक्र ग्रह की दशा और स्थिति का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सुख-सुविधा, और वैवाहिक जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है।

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शुक्र ग्रह का धार्मिक महत्व

शुक्र ग्रह का सनातन धर्म में बहुत गहरा धार्मिक महत्व है। शुक्र को असुरों के गुरु, यानी “दैत्यगुरु” के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार, शुक्राचार्य का उल्लेख इस रूप में किया गया है कि उन्होंने असुरों को ज्ञान, विज्ञान, और जीवन के रहस्यों की शिक्षा दी थी। शुक्राचार्य ने कई महत्वपूर्ण मंत्र और औषधियों का आविष्कार किया, जिससे असुरों ने देवताओं के साथ युद्ध में विजय प्राप्त की।

धार्मिक दृष्टिकोण से शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, और भौतिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह जातकों को आकर्षक व्यक्तित्व, कला, और संगीत में निपुणता प्रदान करने वाला ग्रह है। शुक्र ग्रह की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सुख, और समृद्धि का वास होता है।

शुक्र ग्रह का संबंध माता लक्ष्मी से भी है, जो धन, वैभव, और समृद्धि की देवी हैं। शुक्र की कृपा से व्यक्ति को जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं, प्रेम संबंधों में सफलता, और वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त होता है। धार्मिक अनुष्ठानों में शुक्र की विशेष पूजा की जाती है ताकि व्यक्ति को जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और संतोष प्राप्त हो सके।

12 भावों में शुक्र ग्रह का प्रभाव

कुंडली में शुक्र ग्रह का विभिन्न भावों में अलग-अलग प्रभाव होता है। हर भाव जीवन के किसी विशेष क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, और उसमें शुक्र की स्थिति उसके उस क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाती है।

पहले भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का पहले भाव में होना व्यक्ति को सुंदर, आकर्षक, और सौम्य बनाता है। ऐसे व्यक्ति में रचनात्मकता और कला के प्रति विशेष रुचि होती है। उनका व्यक्तित्व आकर्षक और करिश्माई होता है।

दूसरे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभा

इस भाव में शुक्र का प्रभाव व्यक्ति को धन-संपत्ति, सुख-सुविधा, और मीठी वाणी प्रदान करता है। ऐसे व्यक्ति का पारिवारिक जीवन सुखी होता है और वे भोजन, संगीत, और लग्जरी में रुचि रखते हैं।

तीसरे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का इस भाव में होना व्यक्ति को साहसी, रचनात्मक, और यात्रा प्रिय बनाता है। वह अपने विचारों और कला को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करता है।

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चौथे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

शुक्र का चौथे भाव में होना व्यक्ति के लिए घर-परिवार, संपत्ति, और वाहन सुख का संकेत है। उनका गृहस्थ जीवन संतोषजनक और सुखद रहता है।

पांचवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

यह भाव प्रेम, शिक्षा, और संतान का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र का पंचम भाव में होना प्रेम संबंधों में सफलता, उच्च शिक्षा, और रचनात्मकता में उत्कृष्टता का सूचक है।

छठे भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना स्वास्थ्य समस्याओं और विवादों का संकेत दे सकता है। व्यक्ति को प्रेम और वित्तीय मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए।

सातवें भाव में शुक्र ग्रह का महत्व

शुक्र का सातवें भाव में होना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ होता है। यह सुखद और सामंजस्यपूर्ण विवाह का संकेत देता है, जिसमें प्रेम और समझ बनी रहती है।

आठवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना व्यक्ति को गहरे रहस्यों और आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित कर सकता है। हालांकि, यह अचानक वित्तीय लाभ या हानि का भी संकेत देता है।

नौवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

नौवें भाव में शुक्र व्यक्ति को धार्मिक, दार्शनिक, और भाग्यशाली बनाता है। वह विदेश यात्राओं और उच्च शिक्षा में सफल होता है।

दसवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र का होना व्यक्ति के करियर में सफलता, सम्मान, और समाज में उच्च स्थान का सूचक है। वह कला, मीडिया, या फैशन में करियर बना सकता है।

ग्यारहवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

इस भाव में शुक्र व्यक्ति को इच्छाओं की पूर्ति, मित्रों से सहयोग, और समाज में प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

बारहवें भाव में शुक्र ग्रह का प्रभाव

बारहवें भाव में शुक्र का होना व्यक्ति को आध्यात्मिकता, विदेशी स्थानों से लाभ, और विलासिता का आनंद लेने की इच्छा का सूचक है। हालांकि, यह अनावश्यक खर्चों की भी चेतावनी देता है।

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शुक्र ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष में कुछ बताए जा रहे हैं जो जीवन में सुख, सौंदर्य, और समृद्धि को बढ़ाते हैं। यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर है, तो नीचे दिए गए उपाय करके उसे शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है:

शुक्र मंत्र का जाप

शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का नियमित रूप से 108 बार जाप करें। यह मंत्र शुक्र के प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

सफेद वस्त्र धारण करना

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद रंग के वस्त्र पहनना लाभकारी होता है। सफेद रंग शुक्र का प्रतीक माना जाता है और इस रंग के कपड़े पहनने से शुक्र के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है।

शुक्र से संबंधित दान

शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे चांदी, सफेद मिठाई, दही, सफेद फूल, चावल, और वस्त्र दान करना भी शुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन इन चीजों का दान करने से शुक्र की कृपा प्राप्त होती है।

व्रत रखना

शुक्रवार के दिन व्रत रखने से शुक्र ग्रह का बल बढ़ता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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गाय को खिलाना

शुक्रवार को गाय को हरा चारा, गुड़, और रोटी खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शुक्र ग्रह प्रसन्न होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

सुगंधित इत्र का प्रयोग

शुक्र ग्रह का संबंध सुगंध से होता है। अच्छे और सुगंधित इत्र का नियमित प्रयोग करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और व्यक्ति के जीवन में आकर्षण और सौंदर्य का वास होता है।

सफेद चंदन का तिलक

शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए रोजाना सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। यह उपाय शुक्र के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।

विवाह संबंधी उपाय

शुक्र को मजबूत करने के लिए पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बनाए रखना चाहिए। शुक्रवार को एक दूसरे को उपहार देना और प्रेमपूर्वक व्यवहार करना भी शुक्र के प्रभाव को बढ़ाता है।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

आपको परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही, आपको…(विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि 

इस दौरान आप अपने बारे में विचार कर के चिंतित हो सकते हैं और बच्चों की प्रगति…(विस्तार से पढ़ें) 

मिथुन राशि 

आपको अपने परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और अप्रत्याशित परिवर्तन…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

जीवन साथी के साथ तालमेल में कमी भी देखने को मिल सकती है और यह समस्या बातचीत की कमी…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

आपको धन संबंधी समस्याओं, निजी जीवन में समस्याओं और काम में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

आप अधिक से अधिक धन अर्जित करने के बारे में सोच सकते हैं और धन में बढ़ोतरी कर सकते हैं। हालांकि…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

आपको अनचाही यात्रा, अप्रत्याशित निराशा और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

आपको यात्रा के माध्यम से सफलता मिल सकती है, नए अच्छे दोस्त मिल सकते हैं और भाग्य में…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

आपको करियर में समस्याएं, सुस्ती और असुरक्षा की भावना का सामना करना पड़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको भाग्य का साथ मिलेगा और …(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

आशंका है कि आपको भाग्य का साथ न मिले। परिवार के साथ आपके संबंध…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

आपको दोस्तों, परिवार के साथ तालमेल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। संभावना है कि… (विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. शुक्र का कन्या राशि में गोचर कब होने जा रहा है?

सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 25 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 59 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

2. ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व?


यह ग्रह जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं, धन-धान्य, और विलासिता का प्रतीक होता है। शुक्र ग्रह से संबंधित व्यक्ति आमतौर पर आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं और समाज में उनकी छवि अच्छी होती है।

3. शुक्र कौन सी राशि में उच्च का होता है?

उत्तर. शुक्र, वृष और तुला राशि का स्वामी है। साथ ही मीन राशि में शुक्र उच्च का, जबकि कन्या राशि में यह नीच का होता है।

प्रश्न 4. शुक्र का गोचर कितने दिनों का होता है?

उत्तर. शुक्र ग्रह का गोचर 23 दिन का होता है।

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