शनि और राहु की युति से बनेगा विनाशकारी पिशाच योग; जानें कैसे कर सकता है आपको प्रभावित!

पिशाच योग 2023: शनिदेव को कर्म प्रभावी माना जाता है। आसान भाषा में कहें तो कलयुग में शनि जातक को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। कलयुग में शनि का बेहद अहम किरदार माना गया है और इन्हें न्याय के देवता के रूप में देखा जाता है। शनि के आशीर्वाद से जातक रातों रात तरक्की करते हैं और कामयाबी हासिल करते हैं। वहीं शनि की प्रतिकूल दिशा, जीवन में कई परेशानियों को न्योता देती है। हम सभी इस बात को जानते हैं कि ग्रहों की युति, चाल और नक्षत्रों में बदलाव से अलग-अलग योग बनते हैं। 

Varta Astrologers

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें जीवन से संबंधित सारी जानकारी 

कई ऐसे योग हैं, जिन्हें अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है, वहीं कई ऐसे भी योग हैं जिन्हें महाविनाशकारी समझा जाता है। आज हम ऐसे ही एक अशुभ योग के बारे में जानेंगे। शनि और राहु की युति से अलग-अलग योग बनते हैं और इन्हीं में से एक है पिशाच योग। इस ब्लॉग में हम इसके प्रभाव और दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानेंगे।

क्या होता है पिशाच योग ?

वैसे शनि और राहु की युति से दूर्ता योग बनता है, जिसे मंडी योग भी कहा जाता है। इसके अलावा इन दो महत्वपूर्ण ग्रहों की युति से पिशाच योग का निर्माण भी होता है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह बेहद खतरनाक और अशुभ योग है। जातकों को इसके कई सारे नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, यह किसी के भी जीवन को पूरी तरह से तबाह कर सकता है इसलिए इसका निवारण करना अति आवश्यक बताया जाता है। इसके उपाय के लिए आम तौर पर पितरों का विधिपूर्वक श्राद्ध कराया जाता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

ज्योतिष में राहु ग्रह का महत्व

राहु को एक छाया ग्रह कहा जाता है और मान्यता के अनुसार यह पापी ग्रह है। इसके अलावा राहु को भ्रामक ग्रह भी माना जाता है। यह हमेशा ही वक्री यानी उल्टी अवस्था में चलता है। राहु की महादशा का प्रभाव जातकों के जीवन में 18 सालों तक रहता है। राहु और शनि का स्वभाव लगभग एक ही तरह है। राहु की कमज़ोर स्थिति के परिणामस्वरूप आपको जीवन में अलग-अलग रोगों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, कुंडली में राहु का आशीर्वाद मिलने से जातक राजनीति में अच्छा नाम कमाते हैं और यह सभी साहसी, चतुर और बेहद बातूनी होते हैं।

पिशाच योग के प्रभाव को कैसे करें कम ?

  • इसके अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए गाय का दान करें।
  • शनि और राहु के बीज मंत्रों का प्रतिदिन जाप करना भी फायदेमंद रहता है।
  • किसी नेत्रहीन व्यक्ति को भोजन कराने से भी पिशाच योग का प्रतिकूल परिणाम कम होता है।
  • महामृत्युंजय मंत्र का रोज़ाना जाप करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना भी फायदेमंद साबित होगा।
  • पिशाच योग को कम करने के लिए उड़द की दाल, लोहा, काले रंग के वस्त्र और जूते दान किए जा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न.1 शनि राहु की युति से कौन सा योग बनता है?

उत्तर. शनि और राहु का मिलन होता है तो पिशाच योग का निर्माण होता है।

प्रश्न.2 शनि और राहु होने पर क्या होता है?

उत्तर. शनि व राहु की युति से व्यक्ति चिंताओं से घिरा रह सकता है।

प्रश्न.3 क्या शनि राहु को नियंत्रित कर सकता है?

उत्तर.बृहस्पति एकमात्र ग्रह है जो राहु को नियंत्रित कर सकता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.