पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, शनि न्याय के देवता और भगवान सूर्य का पुत्र माना जाता है। शनि ग्रह का नाम लेते ही लोगों में एक भय पैदा हो जाता है क्योंकि हर किसी को लगता है कि शनि ग्रह केवल दंड और बुरे परिणाम ही देते हैं पर ऐसा नहीं है। शनि को कर्म फल दाता कहा जाता है। यानी शनि कर्मों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को फल देते हैं। कर्मों का हिसाब-किताब करने वाले शनि देव ही होते हैं। इन्हें किस्मत चमकाने वाले देवते भी हैं इसलिए इन्हें भाग्य विधाता भी कहा जाता है।
यदि शनि देव की अशुभ दृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो उसे लेने के देने पड़ जाते हैं। उसके जीवन में परेशानियां अपने आप बढ़ जाती है। जातक को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं मान-सम्मान का नुकसान भी होता है और परिवार में क्लेश बढ़ जाता है। वहीं किसी व्यक्ति पर यदि शनि देव की शुभ शुभ दृष्टि पड़ जाए तो व्यक्ति का उद्धार हो जाता है। उसकी जिन्दगी खुशियों से भर जाती है। घर में आय के अनेक रास्ते खुलने लगते हैं और व्यापार या नौकरी में अच्छे योग बनने शुरू हो जाते हैं। हालांकि कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और व्यक्ति को इसका अंजाम भुगतना पड़ जाता है।
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एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आज हम आपको उन आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो गलती से भी नहीं करना चाहिए अन्यथा शनि देव नाराज़ हो जाते हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन कामों के बारे में, लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं ज्योतिष में शनि ग्रह का क्या महत्व है।
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ज्योतिष में शनि का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का देवता यानी न्यायाधीश कहा जाता है। कुंडली में शनि की स्थिति से ही धन की स्थिति तय होती है। शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति राजा से रंक बन सकता है और शनि के शुभ फल और अच्छे कर्म से रंक भी राजा बन जाता है। ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, तकनीकी, लोहा, सेवक, राजा, रंक, जेल आदि का कारक माना जाता है। इन्हें मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। तुला राशि शनि उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि इनकी नीच राशि मानी जाती है। शनि का गोचर एक राशि में ढाई वर्ष तक रहता है। ज्योतिषीय भाषा में इसे शनि ढैय्या कहते हैं। नौ ग्रहों में शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है।
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शनि देव को नाराज कर देती हैं ये आदतें
बड़े-बुजुर्गों से खराब व्यवहार करना
जो लोग बड़े बुजुर्गों और अपने माता-पिता से बुरा व्यवहार करते हैं, उन्हें शनिदेव कभी नहीं बख्शते हैं। ऐसे लोगों का समाज और परिवार में मान-सम्मान कम हो जाता है और आर्थिक रूप से भी वे कमज़ोर हो जाते हैं। बड़े बुजुर्गों का अपमान करने पर जीवन भर कष्ट झेलना पड़ता है और मानसिक तनाव भी झेलना पड़ता है। यही नहीं गरीब व जरूरतमंदों को परेशान करने से भी शनिदेव नाराज़ हो जाते हैं।
जूते-चप्पल घसीट कर चलता
हम में से कुछ लोगों की आदत होती है जूते-चप्पलों को घसीट कर चलने की और इस बात के लिए अक्सर हमारे बड़े बुजुर्ग डांट लगाते हैं। दरअसल कहा जाता है कि जूते-चप्पलों घसीट कर चलने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और उन्हें शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है इसलिए यदि आप इस तरह से चलते हैं तो तत्काल अपनी आदत में सुधार कर लें, अन्यथा आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और आप कर्ज और लोन के चक्कर में जीवन भर पड़ सकते हैं।
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पैर हिलाने की आदत
कई लोग कुर्सी या बिस्तर में बैठे-बैठे पैर हिलाने लगते हैं और अक्सर इन कामों के लिए हमारे घर वाले टोकते हैं। इसके पीछे भी बड़ी वजह है। दरअसल ये आदत अच्छी नहीं मानी जाती है। घर परिवार के लोगों का मानना है कि ऐसी आदत से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और दंड देते हैं। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ जाता है और व्यक्ति चारों तरफ परेसान रहता है इसलिए आगे से इस बात का विशेष ध्यान दें।
उधार पैसे न लौटाना
कुछ लोगों आपको ऐसे जरूर मिल जाएंगे जो पैसे लेने के बाद लौटाने का नाम नहीं लेते हैं। मान्यता है कि जो लोग पैसा उधार लेते हैं और जानबूझ कर वापस नहीं करते हैं, उन्हें शनि की अशुभ दृष्टि का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि ऐसे लोगों को धन हानि का सामना करना पड़ा है और वे जीवन में पैसों की तंगी से परेशान रहते हैं इसलिए किसी से उधार लें तो उसे बताए गए समय पर वापस कर दें अन्यथा आपको जीवन भर नुकसान उठाना पड़ेगा।
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बाथरूम और रसोई को न रखें गंदा
यदि आप शनि के प्रकोप से बचना चाहते हैं और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेष रूप से बाथरूम और रसोई कभी भी गंदा नहीं छोड़ना चाहिए। नहाने के बाद बाद बाथरूम को अच्छे से साफ करना चाहिए ताकि बाथरूम गीला न रहे। वही खाना बनाने के बाद किचन को साफ कर देना चाहिए। विशेष रूप से रात के समय खाना बनाने के बाद रसोई साफ कर के ही सोए अन्यथा शनि देव नाराज हो सकते हैं और आपके घर नकारात्मक ऊर्जा का वास हो सकता है। मान्यता है कि रसोई में जूठे बर्तन का ढेर रखना या बाथरूम को गंदा रखना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
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शनि के प्रकोप से बचने के लिए उपाय
- शनि देव की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि के बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
- शनि देव को तिल, तेल और छायापात्र दान अत्यन्त प्रिय हैं इसलिए इन चीज़ों का दान करना शुभ रहेगा।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए सात मुखी रुद्राक्ष शनिवार या सोमवार को धारण करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. मान-सम्मान का नुकसान भी होता है और परिवार में क्लेश बढ़ जाता है।
उत्तर 2. शनि को न्याय का देवता कहा जाता है और ये कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
उत्तर 3. शास्त्रों के अनुसार शनि ग्रह के अधिपति देव भगवान भैरव हैं।
उत्तर 4. शनि ग्रह को खुश करने के लिए शनि के बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।