वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय का कारक माना गया है। शनि देव धीमी चाल चलने वाले ग्रहों में से एक हैं और वे एक राशि में लंबे समय तक रहते हैं। हालांकि, इस बीच वे वक्री और मार्गी चाल चलते हैं। अब शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दिन वरियन योग बन रहा है। इस योग की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट पर होगी और इसका समापन रात्रि 03 बजकर 32 मिनट पर होगा।
आज इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि कुंभ राशि में मार्गी होने पर शनि किन राशियों का भाग्य चमकाएंगे और किन राशियों के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शनि ग्रह के ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे।
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वरीयान योग क्या है
शनि देव तब मार्गी हो रहे हैं, तो उस तिथि पर वरीयान योग बन रहा है। यह 27 योगों में से 18वां योग है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग का संबंध बृहस्पति ग्रह और भगवान कुबेर से है। इस योग में जन्म लेने वाले जातक संगीत, नृत्य और कला के अन्य रूपों में निपुण होते हैं। इन क्षेत्रों में करियर बनाने पर इन्हें आसानी से सफलता मिल सकती है। इन लोगों की रचनात्मक क्षेत्रों में रुचि होती है। इस योग के प्रभाव से ये जातक मज़बूत और शक्तिशाली बनते हैं।
न्याय के देवता शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं।
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कुंभ राशि में शनि के मार्गी होने का प्रभाव
शनि देव को अनुशासन और कर्मों का कारक माना गया है। शनि के वक्री अवस्था से मार्गी चाल चलने से यह संकेत मिलता है कि इस दौरान जीवन में अधिक स्पष्टता और गति आएगी। शनि के मार्गी होने पर लोगों को अपना मार्ग स्पष्ट दिखाई देगा। शनि के वक्री होने पर जिस देरी या बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था, अब वे सब समाप्त होने लगेंगी। इससे शनि के प्रभाव से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति मिलेगी।
शनि के वक्री रहने पर जातक जिम्मेदारियों, लक्ष्यों और सीमाओं को लेकर चिंतन कर रहा था लेकिन अब कार्य करने का समय है। अपनी योजनाओं को लागू करने का समय आ गया है। अब आप अधिक स्पष्टता के साथ निर्णय ले सकते हैं। यह समय मेहनत, अनुशासन और स्थिरता लाने के लिए है।
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शनि के मार्गी होने का कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वह आपके लग्न/पहले भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। इस दौरान आपके साथ कोई दुर्घटना होने की आशंका है। कार्यक्षेत्र में आपका अपने उच्च अधिकारियों के साथ मतभेद होने के संकेत हैं। इसके कारण आप अपना काम समय पर पूरा करने में विफल रह सकते हैं।
वहीं व्यापारियों को भी अपने क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। आपको अपने बिज़नेस में मुनाफा कमाने के लिए नई रणनीतियों पर काम करना चाहिए। शनि के मार्गी होने पर आपको धन हानि होने का डर है। आपकी लापरवाही की वजह से पैसों का नुकसान हो सकता है।
आपके निजी जीवन की बात करें, तो इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल में कमी आ सकती है। आपके रिश्ते में अहंकार की वजह से समस्याएं उत्पन्न होने के संकेत हैं। इसके कारण आपके वैवाहिक जीवन की सुख-शांति भंग हो सकती है। सेहत के मामले में इस समय आपकी इम्युनिटी काफी कमज़ोर रहने वाली है। आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको तनाव से दूर रहने की सलाह दी जाती है। आप शनि देव की अगले छह महीने तक पूजा करें।
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शनि ग्रह की प्रकृति क्या है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि एक बंधनकारी, ठंडा, बंजर, स्थिर, कठोर और गुप्त प्रकृति वाला ग्रह है। इसे मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह तुला राशि में 20 डिग्री पर उच्च का होता है और मेष राशि में 20 डिग्री पर नीच का होता है। जिन लोगों का जन्म शुक्र की राशियों यानि वृषभ और तुला में होता है, उनके लिए शनि को बहुत शुभ माना जाता है। वहीं बुध की राशियों यानी कन्या और मिथुन के लिए शनि अशुभ माने जाते हैं।
उत्तर कालामृत के अनुसार शनि स्वराशि में होने पर या बृहस्पति की राशि में होने पर या उच्च के होने पर लाभकारी प्रभाव देते हैं। शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं। शनि के कुप्रभाव के कारण कार्यों में देरी आ सकती है। इसके कारण मनमुटाव, विवाद, परेशानियां, उदासी, निराशा और कुंठा मिलती है।
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शनि ग्रह कैसा प्रभाव देता है
कुंडली में शुभ स्थान में होने पर शनि अच्छे परिणाम देते हैं। जातक को अपनी इच्छा के अनुसार फल मिलता है। शनि का शुभ स्थान में होना उत्तम स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए फायदेमंद होता है। ये लोग न्यायप्रिय और सच बोलते हैं। वहीं शनि देव को लंबी उम्र का कारक भी माना गया है।
शुभ शनि का प्रभाव: लाभकारी शनि परिश्रम, लगन, काम, विवेक, धैर्य, बचत, उद्योग, रहस्य रखने, आत्म-नियंत्रण, धीरज, मितव्ययिता और कर्तव्य की भावना के लिए जिम्मेदार होता है। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति सच्चा, ईमानदार, विश्वसनीय, निष्ठावान और वफादार बनता है।
अशुभ शनि का प्रभाव: शनि के पीड़ित या अशुभ स्थान में होने पर कार्यों में देरी आती है और व्यक्ति निराशा एवं उदासी से घिर सकता है। ये जातक को आलसी, सुस्त और निष्क्रिय बनाता है।
शनि शांति के लिए सुबह क्या उपाय करें
यदि आपको शनि के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं, तो आप सुबह उठकर स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा ज़रूर करें। इसके अलावा राधेश्याम की आराधना करने से भी लाभ होगा। हनुमान जी और कूर्म देव की पूजा करना भी अच्छा माना जाता है।
अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनसे शुभ प्रभाव पाने की कामना रखते हैं, तो शनिवार के दिन व्रत रखें और शनि देव की विशेष पूजा करें। इसके अलावा आप शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीया भी जला सकते हैं।
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शनि शांति के लिए क्या दान करना चाहिए
शनिवार के दिन शनि के होरा एवं शनि के नक्षत्र में शनि देव से संबंधित चीज़ों का दान करना लाभकारी माना गया है। शनि के नक्षत्र हैं पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद। शनि की चीज़ों का दान दोपहर या शाम के समय करना चाहिए।
शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं में लोहा, साबुत उड़द की दाल, तेल, काले रंग के वस्त्र और तिल के बीज शामिल हैं।
शनि शांति के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए
शनि देव को प्रसन्न करने या उनकी कृपा पाने के लिए नीलम रत्न पहना जाता है। मकर और कुंभ राशि के जातक इस रत्न को पहन सकते हैं। इस स्टोन को धारण करने से शनि से मिल रहे नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है।
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तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कुंभ राशि में शनि के मार्गी होने का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
शनि कुंभ राशि में मार्गी – राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह आपके दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों की कुंडली में शनि देव को नौवें और दसवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है जो कि अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शनि देव आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपके छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शनि महाराज आपकी कुंडली में पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शनि महाराज आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपकी कुंडली में तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शनि महाराज आपके दूसरे और तीसरे भाव के अधिपति देव हैं और अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि वालों की कुंडली में शनि ग्रह आपके लग्न और दूसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव आपकी कुंडली में लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शनि महाराज ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
उत्तर. शनिवार का दिन शनि देव के लिए समर्पित है।
उत्तर. शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाएं।
उत्तर. शनि के लिए नीलम रत्न पहना जाता है।