राहु गोचर 2025 से जानें, किन राशियों के होंगे वारे-न्यारे और किनकी बढ़ेंगी मुसीबतें?

वैदिक ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह का दर्जा प्राप्त है जो कि क्रूर एवं पापी माने गए हैं। इन्हें एक रहस्यमयी ग्रह कहा जाता है क्योंकि राहु को समझना आसान नहीं है। शनि देव की तरह ही राहु महाराज का नाम आते ही लोगों के मन में एक डर पैदा हो जाता है। बता दें कि ज्योतिष में राहु को सबसे अप्रत्याशित फल देने वाला ग्रह कहा गया है। ऐसे में, इनकी चाल, दशा या राशि में होने वाला परिवर्तन लोगों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। हालांकि, राहु महाराज लंबे समय तक एक राशि में रहने के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में, नए वर्ष यानी कि साल 2025 में राहु देव अपनी राशि बदलने जा रहे हैं और इस गोचर का कैसा होगा आपकी राशि पर असर? यह गोचर देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे। तो चलिए शुरुआत करते है इस लेख की। 

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भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

बता दें कि एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको वर्ष 2025 में होने वाले राहु गोचर से जुड़ी समस्त जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही, इस साल राहु का गोचर राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा और क्या है राहु का हमारे जीवन पर प्रभाव, इसके बारे में भी आपको अवगत करवाएंगे। चलिए अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं राहु ग्रह के बारे में।

वर्ष 2025 में कब और किस समय होगा राहु का गोचर?

बात करें राहु गोचर की तो, राहु महाराज का राशि परिवर्तन सामान्य रूप से हर 18 महीने के बाद होता है और इस अवधि के पश्चात यह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में, अब वर्ष 2025 में राहु देव 18 मई 2025 की शाम 05 बजकर 08 मिनट पर शनि देव की राशि कुंभ में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, राहु ग्रह काफ़ी समय से गुरु देव की राशि मीन में विराजमान थे और अब यह अगले 18 महीने कुंभ राशि में रहेंगे। 

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ज्योतिष की दृष्टि से राहु ग्रह और इनकी स्थिति 

जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वैदिक ज्योतिष में राहु महाराज को रहस्यमयी माना जाता है। यह हमेशा वक्री चाल में चलते हैं और छाया ग्रह होने के नाते कभी अस्त और उदित नहीं होते हैं। हालांकि,  इनका संबंध कूटनीति और राजनीति से है। इन्हें एक मायावी ग्रह भी कहते हैं इसलिए राहु को कलयुग में एक ऐसा ग्रह कहा गया है जो व्यक्ति के जीवन को रातों रात बदलने की क्षमता रखता है। यही वजह है कि राहु देव को कलयुग के सबसे प्रभावशाली ग्रह के रूप में देखा जाता है। 

बता दें कि इनकी उच्च और नीच राशि को लेकर ज्योतिषियों के मतों में अंतर देखने को मिलता है जहां कुछ ज्योतिषी वृषभ राशि और कुछ मिथुन राशि को राहु की उच्च राशि मानते हैं। वहीं, वृश्चिक और धनु राशि इनकी नीच राशि कही गई है। जब राहु और केतु केंद्र और त्रिकोण के स्वामी के साथ अनुकूल स्थिति में केंद्र और त्रिकोण भाव में बैठे होते हैं, तो राजयोग का निर्माण करते हैं। 

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राहु इन ग्रहों से रखते हैं शत्रुता 

धर्मग्रंथों में वर्णन मिलता है कि राहु स्वर्भानु नामक दैत्य का शीश है जिसे जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अपने मोहिनी अवतार के रूप में सुदर्शन चक्र से काट दिया था, परंतु अमृत पान की कुछ बूँदें गले से नीचे जाने की वजह से शीश और धड़ हमेशा के लिए अमर हो गया। इस प्रकार, स्वर्भानु का सिर राहु और धड़ केतु के नाम से जाने लगा। राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता का भाव रखते हैं इसलिए इन पर ग्रहण लगाते हैं जो कि सूर्य और चंद्र ग्रहण के रूप में जाना जाता है। इसी क्रम में, जिनकी कुंडली में राहु देव अनुकूल स्थिति में होते हैं, वह अपने जीवन में उम्मीद से कई गुना बेहतर परिणाम प्राप्त करते हैं। 

रातोंरात बदल देते हैं लोगों की तकदीर 

राहु भले ही छाया ग्रह है, लेकिन इन्हें किसी भी ग्रह से कम नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि यह रातों-रात तकदीर बदलने वाला ग्रह है। ऐसे में, राहु ग्रह को कभी भी कम समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। राहु महाराज अपनी दशा और गोचर काल में आपको ऐसे-ऐसे रंग दिखाता है जिनकी जीवन में कल्पना भी नहीं की जा सकती है। शायद ही आप जानते होंगे कि राहु को ब्याहु के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, कुंडली में राहु की दशा आने पर कई बार जातक के विवाह योग बन जाते हैं और यह शादी बेमेल भी हो सकती है।

राहु देव निरंकुश प्रवृत्ति का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में राहु मज़बूत होते हैं, उनकी बुद्धि बहुत तेज़ होती है। इसके परिणामस्वरूप, वह जीवन में आने वाली हर समस्या का हल ढूंढ़ने में सफल रहते हैं। वहीं, अगर कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थिति या कमज़ोर अवस्था में होने पर जातकों को नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं। इनके प्रभाव से जातक बुरी आदतों में पड़ जाता है और लोगों के साथ छल, कपट और धोखा करने लगता है। साथ ही, वह मांस-मदिरा और तामसिक चीज़ों का सेवन करता है। इसके अलावा, अशुभ राहु इंसान को अधर्मी बनाने का काम करता है।

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राहु गोचर 2025: राशि अनुसार राशिफल और उपाय 

मेष राशि 

राहु गोचर 2025 के अनुसार मेष राशि के जातकों के जीवन में राहु का गोचर कुंभ राशि…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर दशम भाव में होने वाला है। वैसे तो दशम…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए राहुका गोचर नवम भाव में होने जा रहा है। इस गोचर के प्रभाव से आपकी…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 की बात करें तो यह आपकी राशि से अष्टम…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 आपकी राशि से सप्तम भाव में होने जा रहा है। सप्तम…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए राहु गोचर 2025 आपकी राशि से छठे भाव में होगा। आमतौर…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

तुला राशि 

राहु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर पंचम भाव में…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर चतुर्थ भाव में होने वाला है। यह आपके लिए…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए राहु महाराज तीसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। आपके…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में होने…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि के जातकों के लिए राहु का यह गोचर विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि राहु गोचर…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मीन राशि 

राहु गोचर 2025 आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि राहु महाराज…..(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

राहु कितने समय में राशि बदलते हैं?

ज्योतिष के अनुसार, राहु ग्रह प्रत्येक राशि में 18 महीने तक रहते हैं और इसके बाद दूसरी राशि में चले जाते हैं। 

कुंभ राशि का स्वामी ग्रह कौन हैं?

शनि देव को कुंभ राशि पर आधिपत्य प्राप्त है। 

वर्ष 2025 में राहु का गोचर किस राशि में होगा?

नए साल अर्थात वर्ष 2025 में राहु देव मीन राशि में गोचर करेंगे। 

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