72 साल बाद सावन मास में बन रहा है दुर्लभ राजयोग, तीन लोगों पर बरसेगी भोलेनाथ की कृपा
हिंदू धर्म में सावन माह का अत्यंत महत्व है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए होता है। स्कंदपुराण के अनुसार भगवान शिव को सभी महीनों में से सावन का महीना सबसे अच्छा लगता है। इस दौरान भगवान विष्णु निद्रा में होते हैं और संसार की बागडोर भगवान शिव के हाथ में रहती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू धर्म का पांचवां महीना होता है और अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार सावन माह जुलाई-अगस्त में आता है। हर साल आषाढ़ मास के खत्म होने के बाद सावन के महीने की शुरुआत होती है। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई, 2024 से लेकर 19 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। कई वर्षों के बाद ऐसा हो रहा है, जब सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और इसका समापन भी सोमवार को ही हो रहा है।
सावन के पहले सोमवार को प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा सावन के महीने में शुक्रादित्य योग, बुधादित्य योग, नवपंचम योग, गजकेसरी योग, कुबेर योग, शश योग भी बन रहे हैं। इस प्रकार इस बार का सावन मास अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
शुभ योग एवं राजयोग बनने से कुछ खास राशियों के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्लॉग में हम आपको उन्हीं राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके लिए इस बार का सावन मास बहुत फायदेमंद साबित होगा।
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इन राशियों के लिए सावन मास रहेगा शुभ
मेष राशि
मेष राशि के लोगों के लिए सावन का महीना बहुत शुभ रहने वाला है। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। यदि लंबे समय से आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह भी पूरा हो सकता है। परिवार में कोई समस्या चल रही है, तो अब वह भी समाप्त हो जाएगी।
भगवान शिव की कृपा से आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। निवेश करने के लिए भी अनुकूल समय है। इस समय किए गए निवेश से आपको मोटा लाभ हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को भी इस दौरान लाभ होने की संभावना है।
यदि आपकी सिंह राशि है, तो आपके लिए सावन मास बहुत ही ज्यादा शुभ और मंगलकारी सिद्ध होने वाला है। आपके जीवन में इस समय खूब खुशियां आने वाली हैं। करियर के क्षेत्र में आपको अपार सफलता मिलने के योग हैं। इसके साथ ही अब आपकी नौकरी की तलाश भी खत्म हो सकती है।
कार्यक्षेत्र में आपके शानदार प्रदर्शन की वजह से आपको पदोन्नति या वेतन में वृद्धि भी मिल सकती है। आपके लिए व्यापार में अपार सफलता मिलने के संकेत मिल रहे हैं। आप अपने लिए नया वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। कुल मिलाकर सावन माह आपके लिए ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आ रहा है।
सावन के महीने में मकर राशि के लोगों को भगवान शिव की विशेष कृपा मिलने वाली है। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही आपके अटके हुए काम भी पूरे होंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और लोग आपकी प्रशंसा करेंगे।
सावन के महीने में आपकी अध्यात्म में रुचि बढ़ सकती है। आप किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करने भी जा सकते हैं। आपको इस महीने में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा रहने वाला है। आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद उठाएंगे।
इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आप निम्न ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं:
भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। बेलपत्र अर्पित करते समय उसकी तीनों पत्तियों में सफेद चंदन लगा दें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपको अपने भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा है, तो आप सावन के मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। मंदिर में नंदी की मूर्ति के पीछे के पैर छुएं।
जिन लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही है, वे एक धतूरा लें और उसे हल्दी के लेप में लपेट दें। इसे भगवान शिव को चढ़ा दें। इस उपाय को करने से आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न. सावन 2024 कब से शुरू हो रहे हैं?
उत्तर. सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है।
प्रश्न. सावन में किस भगवान की पूजा होती है?
उत्तर. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
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मंगल गोचर से बनेगा बेहद घातक पाश्विक राजयोग, मिथुन समेत इन तीन राशियों को रहना होगा सावधान!
मंगल महाराज को युद्ध, साहस एवं पराक्रम के कारक ग्रह माना गया है और ऐसे में, यह मनुष्य जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं जो कि एक निश्चित समय के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। मंगल ग्रह लगभग हर 45 दिन के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। अब यह जल्दी ही मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का वृषभ राशि में गोचर में बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस गोचर से एक अशुभ राजयोग बनने जा रहा है और ऐसे में, यह कुछ राशियों के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।
जब-जब मंगल ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है, तो यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, अब मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, मंगल के राशि परिवर्तन का असर हर इंसान के जीवन पर किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देगा। हालांकि, मंगल के गोचर से बेहद खतरनाक पाश्विक राजयोग बनने जा रहा है और यह अशुभ राजयोग सबसे ज्यादा मिथुन राशि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। लेकिन, मिथुन राशि के अलावा ऐसी दो राशियां भी हैं जिनके जीवन में इस राजयोग की वजह से अनेक तरह की समस्याएं जन्म ले सकती हैं। तो चलिए नज़र डालते हैं पाश्विक योग से प्रभावित होने वाली राशियों पर।
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पाश्विक राजयोग से इन 3 राशियों की कदम-कदम पर बढ़ेंगी समस्याएं
मिथुन राशि
मिथुन राशि का नाम उस सूची में सबसे पहला है जिनके लिए कुंडली में बनने वाला पाश्विक योग सबसे ज्यादा अशुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको जीवन के बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, अगर आपके लिए कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना आवश्यक है, तो किसी बड़े से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें, तब आपको नुकसान होने की संभावना बेहद कम है।
जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उन्हें वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है और साथ ही, इस दौरान बेकार का क्रोध करने से बचें। इन लोगों को थोड़ा सतर्क रहना होगा क्योंकि आपके माता-पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जिसके चलते आप चिंतित नज़र आ सकते हैं। इस वजह से आपको काफ़ी धन खर्च करना पड़ सकता है। वहीं, इस राशि के नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर थोड़ी सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आपके सामने एक के बाद एक समस्याएं आ सकती हैं।
कन्या राशि के जातकों के लिए पाश्विक राजयोग ज्यादा फलदायी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मंगल का गोचर वृषभ राशि के नौवें भाव में होने जा रहा हैं। इसके परिणामस्वरूप, कन्या राशि के शादीशुदा जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप पार्टनर के साथ बेकार के वाद-विवाद में पड़ सकते हैं जिसके चलते आप दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है।
लेकिन, अगर आप शांतिपूर्वक रहेंगे, तो आपका जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहने के आसार है। इस अवधि में इन जातकों के खर्चों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जिसकी वजह से आप बहुत परेशान नज़र आ सकते हैं। अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो आपको सावधान रहना होगा, अन्यथा आपको आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस दौरान आपसे कोई कीमती सामान खो या फिर चोरी हो सकता है इसलिए सतर्क रहें। कन्या राशि वालों की रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी।
धनु राशि वालों के लिए भी पाश्विक राजयोग अशुभ परिणाम लेकर आ सकता है क्योंकि आपकी राशि के छठे भाव में मंगल गोचर करने जा रहा है। इसके फलस्वरूप, यह राजयोग आपकी आर्थिक स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और आपके खर्चें बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आपको कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है। जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें कार्यस्थल पर सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आप वरिष्ठ अधिकारियों या सहकर्मियों के साथ मतभेद या वाद-विवाद में पड़ जाएं।
यह लोग उग्र स्वभाव के होते हैं इसलिए थोड़ा संभलकर आगे बढ़ें। इस दौरान आपके पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर मतभेद या बहस होने की आशंका है। धनु राशि वालों का स्वास्थ्य नाज़ुक रह सकता है इसलिए आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। इसके विपरीत, आपके करियर में परेशानियां बनी रह सकती हैं और ऐसे में, आपको बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा।
बार-बार क्रोध आना: जिन जातकों की कुंडली में मंगल कमज़ोर होते हैं, उनको बार-बार बेवजह की बातों पर गुस्सा आने लगता है और इनके स्वभाव में चिढ़चिढ़ापन बढ़ने लगता है। अशुभ मंगल आक्रामकता और क्रोध की वजह बनता है।
नई शुरुआत से करते हैं परहेज़: कमज़ोर मंगल की वजह से आप अपने जीवन में नई चीजों पर हाथ आजमाने से डरते है और यह लोगों से मिलना भी पसंद नहीं करते हैं। साथ ही, कुंडली में मंगल की दुर्बलता जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
व्यक्ति में जन्म लेता है अहंकार: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर होता है, उनमें ईर्ष्या और अहंकार की भावना देखने को मिलती है। साथ ही, आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं विशेषकर पाचन की समस्या परेशान करने लगती है।
कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर तीन, पांच या सात माला “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” मंत्र का जाप करें।
मंगलवार के दिन व्रत करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है।
मंगल ग्रह के अशुभ होने पर मंगलवार के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल मिलाकर सिंदूर अर्पित करें।
मंगल को बलवान करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाना शुभ रहता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कुंडली में राजयोग होने पर क्या होता है?
उत्तर 1. किसी व्यक्ति की कुंडली में जन्म से राजयोग होने पर व्यक्ति राजा की तरह अपना जीवन जीता है।
प्रश्न 2. कुंडली में राजयोग कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर 2. ज्योतिष शास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग के बारे में बताया गया है।
प्रश्न 3. मंगल किस राशि में गोचर करेंगे?
उत्तर 3. मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे।
ये बुरी आदतें पड़ सकती हैं आप पर भारी, हो सकते हैं ग्रह दोष के शिकार!
बचपन से ही हम सबके अंदर कुछ न कुछ आदतें बनने लगती है। हर किसी के अंदर कुछ बुरी और कुछ अच्छी आदतें होती हैं। अच्छी आदतें हमें सफल होने में मदद करती हैं, जबकि वहीं बुरी आदतें हर किसी के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। कुछ बुरी हैबिट्स ऐसी होती हैं जो दूसरों के साथ खुद को भी परेशान कर सकती हैं और ये बुरी आदतें आपके जीवन की खुशियों तक छीन सकती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति के साथ व्यक्ति की कुछ आदतें जीवन की प्रगति में बाधा पैदा कर सकती है। इसके लिए व्यक्ति को अपनी डेली रूटीन में कुछ आदतों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए। दरअसल, किसी इंसान की ये बुरी आदतें ग्रह दोष को पैदा कर सकते हैं। जिसकी वजह से जीवन में कई प्रकार की हानि उठानी पड़ सकती है। यहां तक की जातकों के बनते काम बिगड़ सकते हैं।
तो चलिए एस्ट्रोसेज से इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि ऐसी कौन सी आदतें है, जिससे हर किसी को बचना चाहिए और इसका हमारे जीवन पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को मदिरा शराब पीने की आदत है तो यह ग्रह दोष का कारण बन सकती है। दरअसल शराब के नशे में व्यक्ति अपने से कमज़ोर व्यक्ति को सताता है और बुरा व्यवहार भी करने लगता है। ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह कमज़ोर हो सकता है। शनि को न्याय का देवता कहते हैं और ये जातक को कर्म के हिसाब से फल देते हैं। ऐसे में शनि की कमज़ोर स्थिति आपके जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो उसे कभी भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
देर से उठना
कुछ लोगों की आदत होती है देर रात सोने और फिर देर तक उठने की, ज्योतिष शास्त्र में देर तक अच्छा नहीं माना गया है। एक कहावत भी आपने जरूर सुनी होगी- ‘जो सोया वो खोया, जो जागा वो पाया’। यह वाकई सच है। यदि आप सुबह देर से उठते हैं तो यह भी ग्रह दोष का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सुबह में देर से उठना कुंडली में सूर्य दोष का कारण बन सकता है।
अपने से बड़ों का अपमान करना भी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों में बड़ों या फिर अपने गुरु का अपमान करने की आदत है तो यह भी कुंडली में ग्रह दोष का कारण बन सकता है। दरअसल यह कुंडली में बृहस्पति दोष को उत्पन्न करने का काम करती है। यदि व्यक्ति की कुंडली में गुरु दोष आ जाए तो उसे करियर में हमेशा उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और लाख कोशिशों की बाद भी असफलता ही हाश लगती है इसलिए हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करना चाहिए।
बेजुबानों को न करें परेशान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप किसी बेजुबान जानवर को तंग कर रहे हैं तो यह भी कुंडली में केतु ग्रह को कमज़ोर करता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के जीवन में अशांति फैल जाती है जिसकी वजह से मानसिक तनाव के साथ कई परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती है। यदि आप घर पर जानवर पालते हैं और उसके साथ बदसलूकी करते हैं, तो आशंका है कि ऐसा करने से आपको जीवन में कभी भी सुख व शांति की प्राप्ति नहीं होती।
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स्त्रियों का अपमान करना
यदि आप स्त्रियों का अपमान करते हैं, माता के साथ आपके संबंध खराब हैं और आप उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब हो सकती है। इसके साथ ही पानी की बर्बादी करने वालों से भी चंद्रदेव नाखुश रहते हैं इसलिए चंद्रमा को मजबूत करना चाहते हैं तो ये आदतें तुरंत छोड़ दें।
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आस-पास गंदगी करना
यदि आप रोजाना अपने पार्टनर से झगड़ा करते हैं या मारपीट करते हैं तो ऐसे में, आप शुक्र दोष से प्रभावित हो सकते हैं। शुक्र दोष के प्रभाव से आप भौतिक सुखों से वंचित रह सकते हैं और आर्थिक जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही अगर आप साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते और मैले कपड़े पहनते हैं तो शुक्र की स्थिति कुंडली में खराब हो सकती है और आप कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से घिर सकते हैं।
झूठ बोलना या गलत काम करना
यदि आपके अंदर झूठ बोलने की आदत है या आप अवैध कार्यों में लिप्त हैं तो आप राहु दोष से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसे में, आपके कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती है। वहीं यदि आप दूसरों की सफलता से जलते हैं तो राहु दोष से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। राहु दोष के कारण आपके काम बनते बनते बिगड़ने सकते हैं और मेहनत करने के बाद भी आपको मनचाही सफलता प्राप्त नहीं होती।
जो लोग अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध बनाकर नहीं रखते और लड़ाई-झगड़ा करते हैं, वे मंगल दोष से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे जातक कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं। वे किसी लंबी बीमारी से भी ग्रस्त हो सकते हैं। मंगल को मजबूत करने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना चाहिए और भाई-बहनों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. रोज स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।प्रश्न 1. ग्रह दोष कैसे दूर करें?
प्रश्न 2. कौन सा भगवान सभी ग्रहों को नियंत्रित करता है?
उत्तर 2. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सभी नौ ग्रह के भगवान शिव के अधीन रहते हैं।
प्रश्न 3.ग्रहों के राजा कौन है?
उत्तर 3. सूर्य ग्रहों के राजा है।
प्रश्न 4. कौन सा ग्रह मान सम्मान दिलाता है?
उत्तर 4. सूर्य को माना जाता है ग्रहों का राजा।
राहु को प्रिय है ये नंबर, इन लोगों पर रहते हैं मेहरबान; हर हाल में देते हैं सफलता
ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक ज्योतिष भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी प्रदान करता है। अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम से आपके भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। हिंदी में अंक ज्योतिष को अंक शास्त्र कहते हैं जबकि अंग्रेजी में न्यूमेरोलॉजी कहा जाता है। बता दें कि 1 से लेकर 9 तक के अंकों का संबंध नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरु, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरुण, शनि और मंगल आदि से होता है। इसी क्रम में, हम आपको एक ऐसे अंक के बारे में बताने जा रहे हैं जो राहु को अति प्रिय हैं और इस अंक से जुड़े लोगों पर वह सदा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको राहु के पसंदीदा अंक 4 से जुड़ें रोचक तथ्यों के बारे में अवगत करवाएगा।
आइए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं कौन सा है वह अंक जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि अंक ज्योतिष में किसी की जन्म तिथि के माध्यम से उसके मूलांक और उसके भविष्य के संबंध में जान सकते हैं। ऐसे में, अंक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका रिश्ता हमारी जन्म तिथि से लेकर एनिवर्सरी तक से होता है। अंकों की सहायता से करियर, प्रेम जीवन, आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है। अब हम बात करते हैं राहु के प्रिय अंक 4 की।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
राहु की कृपा से अंक 4 वालों की लाइफ रहती है धन-धान्य, वैभव एवं ऐश्वर्य से पूर्ण
दिमाग होता है तेज़: जिन जातकों का जन्म किसी भी महीने की 13, 4, 22 और 31 तारीख को हुआ है, तो आपका अंक 4 होगा और इस अंक के स्वामी ग्रह राहु हैं। जो जातक अंक 4 के अंतर्गत आते हैं, वह लोग बहुत एक्टिव होते हैं और इन जातकों का दिमाग बेहद तेज़ होता है। इनके सामने चाहे कितनी ही मुश्किल परिस्थितियां आ जाएं, यह कभी घबराते नहीं हैं और हर स्थिति को बहुत आसानी से संभाल लेते हैं।
रखते हैं तार्किक सोच: यह जातक अपने आगे किसी की चालाकी को चलने नहीं देते हैं और इनके साथ अगर कोई चालाकी करने की कोशिश करता है, तो यह परिस्थितियों को पहले से समझकर सावधानी बरतकर बच जाते हैं। यह हर बात को तार्किक होकर सोचते हैं इसलिए इन्हें मूर्ख बनाना आसान नहीं होता है।
बनते हैं अच्छे राज़दार: जिन लोगों का अंक 4 होता है, उनसे आप बेझिझक होकर अपने राज़ शेयर कर सकते हैं क्योंकि इन्हें दूसरे के सीक्रेट्स को अपने दिल के अंदर छिपाना बहुत अच्छे से आता है। यह जातक बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन अगर ये कुछ ठान लेते हैं, तो इनका इरादा बदलना बेहद मुश्किल होता है। इन लोगों को अपनी पसंद-नापसंद होती है जिन्हें बदलना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।
इन क्षेत्रों में बनाते हैं करियर: अंक 4 वाले जातक अपना करियर एंकर, कानून, पत्रकार, रिपोर्टर, मीडिया,आईटी और मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में बनाते हैं। इन क्षेत्रों में इनकी पकड़ बहुत मज़बूत होती है। लेकिन, इन लोगों के लिए ओवर कॉंफिडेंट होना हानिकारक साबित होता है इसलिए आपको अति आत्मविश्वासी होने से बचना चाहिए, अन्यथा ओवर कॉन्फिडेंस आपके लिए गलती की वजह बन सकता है।
पहले से जारी कामों में मिलती है सफलता: ज्योतिष के अनुसार, जो जातक मूलांक 4
के तहत आते हैं, तो आपके अंक के स्वामी राहु हैं। इस मूलांक के जो लोग किसी काम की शुरुआत खुद करेंगे, तो उन्हें उसमें सफलता मिलने की संभावना है। लेकिन, अगर पहले से जारी किसी कार्य को अपने हाथ में लेते हैं, तो आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इन लोगों को पूरी तरह से तैयार रूप रेखा मिलने पर आपको कामयाबी मिल सकती है। अंक 4 वाले बहुत जिद्दी और अड़ियल स्वभाव के होते हैं। कल्पनाशक्ति की कमी होने के कारण इनका यह रूप पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर हो जाता है। ऐसे जातकों से काम निकलवाना बहुत मुश्किल होता है।
अंक 4 वालों के लिए शुभ रंग: मूलांक 4 वालों के लिए नीला, हरा, लाल और गुलाबी आदि रंग शुभ होते हैं क्योंकि इन रंगों से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। लेकिन, इन जातकों को काले रंग से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. राहु खराब होने पर क्या होता है?
उत्तर 1. राहु के कमज़ोर होने पर मनुष्य का दिमाग असंतुलित हो जाता है और वह भ्रमित रहने लगता है।
प्रश्न 2. राहु का लकी नंबर क्या है?
उत्तर 2. मूलांक 4 के जातकों के लिए राहु बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है क्योंकि अंक 4 का स्वामी राहु है।
प्रश्न 3. राहु के लिए कौन सा नंबर अच्छा है?
उत्तर 3. अंक ज्योतिष के अनुसार, अंक 4 का संबंध राहु ग्रह से है और यह चतुर, ऊर्जावान, नेतृत्व क्षमता और ज्ञान से पूर्ण व्यक्ति को दर्शाते हैं।
प्रश्न 4. राहु के लिए कौन सी राशि अच्छी है?
उत्तर 4. मिथुन राशि में राहु उच्च और धनु राशि में नीच के होते हैं। राहु कन्या, कुंभ राशि और तीसरे, छठे एवं ग्यारहवें भाव में मज़बूत होते हैं।
वक्री गुरु अगले आठ महीने इन राशियों को देंगे शुभ परिणाम, मान-सम्मान में भी होगी वृद्धि
वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को शुभ एवं लाभकारी ग्रह कहा जाता है इसलिए इनके वक्री, मार्गी, उदय या अस्त होने को एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है। यह ज्ञान, वैभव एवं मंगल कार्यों के कारक ग्रह मान गए हैं जो 01 मई 2024 से वृषभ राशि में विराजमान हैं और आने वाले साल यानी कि वर्ष 2025 तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। इसी क्रम में, यह मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और संसार सहित राशियों को भी प्रभावित करेंगे। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको गुरु वक्री होकर किन राशियों को करेंगे सकारात्मक रूप से प्रभावित और किन राशियों के लिए होगा गोल्डन पीरियड शुरू आदि की जानकारी प्राप्त होगी। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन राशियों को गुरु की वक्री अवस्था देगी शुभ परिणाम।
ज्ञान के कारक ग्रह गुरु 09 अक्टूबर 2024 की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री गति में गोचर कर जाएंगे और अगले साल यानी 04 फरवरी 2025 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। बता दें कि बृहस्पति देव की वक्री चाल कभी-कभी कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ परिणाम लेकर आती है। चलिए नज़र डालते हैं उन लकी राशियों पर।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
गुरु की वक्री चाल रहेगी लकी, इन राशियों के सुख-सौभाग्य में होगी वृद्धि
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह की वक्री चाल शुभ रहेगी क्योंकि यह आपकी राशि के दसवें भाव में वक्री होंगे। इसके फलस्वरूप, यह आपको जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्रदान करेंगे। साथ ही, इनके शुभ प्रभाव की वजह से आपको आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे और अच्छी मात्रा में धन मिलने से आपके बैंक-बैलेंस में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह अवधि आपके खर्चों को कम करवाने का काम करेगी और आपके मान-सम्मान को बढ़ाएगी। इस दौरान आप कुछ बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेने में सक्षम होंगे।
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज का वक्री होना अनुकूल रहेगा क्योंकि यह आपकी राशि के ग्यारहवें भाव में वक्री होंगे। ऐसे में, यह आपको हर क्षेत्र में अच्छे परिणाम देने का काम करेंगे और इस दौरान आप काम में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको सफलता की प्राप्ति होगी। इस राशि के जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें सफलता मिलने के योग बनेंगे। आपका मन धार्मिक कार्यों में लगेगा और साथ ही, आपके घर-परिवार का वातावरण खुशियों से भरा रहेगा। अगर आपका धन कहीं रुक गया है, तो अब वह आपको वापिस मिल सकता है। यह जातक परिवार के साथ यादगार समय बिताते हुए नज़र आएंगे।
धनु राशि का नाम भी उन राशियों में शामिल है जिनके लिए गुरु की वक्री अवस्था फलदायी रहेगी क्योंकि यह आपकी राशि के छठे भाव में वक्री हो रहे हैं। ऐसे में, इन जातकों को हर कदम पर अपने भाग्य का साथ मिलेगा जिसके चलते आपके सारे काम बिना किसी समस्या के पूरे होंगे और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा। करियर के क्षेत्र में आप प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे और धन से जुड़े मामलों में भी सफलता प्राप्त होगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गुरु ग्रह की राशि कौन सी है?
उत्तर 1. राशि चक्र में धनु और मीन का स्वामित्व गुरु ग्रह को प्राप्त है।
प्रश्न 2. बृहस्पति देव कब वक्री होंगे?
उत्तर 2. गुरु ग्रह 09अक्टूबर 2024 की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर मिथुन राशि में वक्री हो जाएंगे।
प्रश्न 3. साल 2025 में गुरु कब मार्गी होंगे?
उत्तर 3. वर्ष 2025 में गुरु ग्रह 04 फरवरी 2024 की दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर मार्गी हो जाएंगे।
11 जुलाई को कर्क राशि में उदित हो जाएंगे शुक्र- इन राशियों की सुख-सुविधा में होगा बंपर इजाफा!
11 जुलाई 2024 को शुक्र ग्रह कर्क राशि में उदित होने जा रहे हैं। शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, प्रेम, कला, सुंदरता, प्रसिद्धि आदि का कारक ग्रह माना जाता है। इसके अलावा शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे जातकों को जीवन में हर तरह के भौतिक और वैवाहिक सुख, विलासिता, प्रसिद्धि सब प्राप्त होती है। आज के अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कर्क राशि में शुक्र के उदय होने का क्या प्रभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही जानेंगे की प्रेम जीवन और पेशेवर जीवन पर शुक्र उदित होकर किस तरह के असर डालेंगे।
आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले बात करें शुक्र उदय के समय की तो, कर्क राशि में शुक्र का यह उदय 11 जुलाई को 7 बजकर 59 मिनट पर हो जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्योतिष के अनुसार किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने के लिए शुक्र ग्रह का उदित होना बेहद ही जरूरी माना गया है।
शुक्र उदय- महत्व
बात करें शुक्र उदय के महत्व की तो, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी विवाह में शुभ मुहूर्त का होना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और शादी का बंधन या विवाह संस्कार हिंदू धर्म में सबसे पवित्र अनुष्ठानों में से एक माना जाता है इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना बेहद अनिवार्य है। आपकी जानकारी के लिए बता दें शादी के शुभ मुहूर्त के लिए नौ ग्रहों में से गुरु ग्रह, शुक्र ग्रह और सूर्य ग्रह का उदित होना बेहद ही जरूरी होता है। जब भी शुक्र या गुरु ग्रह अस्त होते हैं तो कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
कर्क राशि में शुक्र के उदय होने से ज्ञान, शिक्षा और करियर के क्षेत्र में जातकों को शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इसके अलावा इस अवधि में धन लाभ और आकस्मिक रूप से धन प्राप्ति के भी योग बनेंगे। कुछ राशि के जातक इस अवधि में विदेश यात्रा का सुख भी अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा क्योंकि शुक्र ग्रह सुख, समृद्धि और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है ऐसे में प्रेम, रिश्ते और रचनात्मकता के क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना अधिक नजर आ रही है।
शुक्र उदित की अवधि के दौरान लोगों के आत्म विश्वास और आत्मसम्मान में वृद्धि होगी और नेतृत्व क्षमता में भी विकास देखने को मिलेगा। व्यापार और कारोबार करने वाले जातकों को लाभ मिलेगा, कुछ राशि के जातकों के परिवार और सामाजिक जीवन में खुशियां आएंगी, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होगी और इस दौरान आध्यात्मिकता की और लोगों का रुझान बढ़ने की संभावना है।
शुक्र अस्त और उदय के अर्थ की बात करें तो जब भी कोई ग्रह सूर्य ग्रह से एक निश्चित दूरी तक आ जाता है तो इसे ग्रह का अस्त होना कहते हैं। क्योंकि इस दौरान सूर्य के प्रभाव के चलते वो ग्रह अपनी शक्तियों को खो देता है। वही ग्रह जब दोबारा सूर्य से दूर चला जाता है तो इसे उस ग्रह का उदित होना कहा जाता है।
सभी नौ ग्रहों में शुक्र ग्रह का विशेष महत्व माना जाता है। शुक्र ग्रह को सबसे चमकीले सितारे के रूप में भी जानते हैं। जब भी यह सूर्य ग्रह के 10 डिग्री करीब पहुंच जाता है तो यह अस्त होने लगता है। शुक्र ग्रह के अस्त की अवधि के दौरान आंखों की सर्जरी न करवाने की सलाह की जाती है। इसके अलावा क्योंकि हीरा रत्न का संबंध शुक्र ग्रह से होता है ऐसे में शुक्र अस्त की अवधि के दौरान हीरा खरीदना और पहनना दोनों ही वर्जित होते हैं। शुक्र अस्त के दौरान नई गाड़ी या वाहन नहीं खरीदे जाते हैं। शुक्र ग्रह के अस्त के दौरान मुंडन और गृह प्रवेश नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा विशेष तौर पर शुक्र अस्त के दौरान विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। एक बार दोबारा जब शुक्र उदित हो जाए तब इस तरह के आयोजन किए जा सकते हैं।
यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि शुक्र ग्रह बेहद महत्वपूर्ण ग्रह होता है। ऐसे में जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में यह कमजोर अवस्था में मौजूद हो तो ऐसी हालत में ज्योतिष के जानकार उन्हें शुक्र से संबंधित कुछ विशेष उपाय करने की सलाह देते हैं। जैसे,
शुक्रवार के दिन सफेद रंग के कपड़े धारण करने चाहिए।
सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना शुभ होता है।
शुक्र यंत्र घर में स्थापित करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इसके अलावा आप गाय को चारा खिलाकर भी शुक्र के प्रकोप से मुक्ति पा सकते हैं और शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
इसके अलावा आपको शुक्र के शुभ परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं तो केमिकल वाले परफ्यूम की जगह आप प्राकृतिक महक वाले इत्र अपने जीवन में इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
इसके साथ ही कहा जाता है कि अगर शुक्र कमजोर है तो ऐसे इंसान को कभी भी फटे पुराने कपड़े नहीं पहनने चाहिए अन्यथा इससे शुक्र ग्रह अशुभ फल देने लगता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व क्या है?
उत्तर: ज्योतिष के अनुसार शुक्र को भौतिक सुख, प्रेम जीवन, विलासिता आदि का कारक ग्रह माना गया है।
प्रश्न 2: शुक्र का कर्क राशि में उदय कब होने जा रहा है?
उत्तर: शुक्र ग्रह 11 जुलाई को कर्क राशि में उदित हो जाएंगे।
प्रश्न 3: शुक्र कमजोर है तो क्या करें?
उत्तर: कुंडली में शुक्र कमजोर है तो शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें और अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग शामिल करें।
प्रश्न 4: शुक्र अस्त के दौरान क्या कुछ कार्य नहीं करने चाहिए?
उत्तर: शुक्र अस्त के दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
कुंडली के नौवें भाव में बैठे ग्रह बना और बिगाड़ सकते हैं आपका भाग्य, जानें कैसे
ज्योतिष को हमारे जीवन में एक अहम दर्जा प्राप्त है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जा सकता है। इसी क्रम में, कुंडली में 12 भाव होते हैं जो किसी न किसी ग्रह से जुड़े होते हैं। एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम आपको नौवें भाव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, कुंडली के इस भाव में ग्रहों की स्थिति कैसे करती है आपके भाग्य का निर्धारण? यह जानने के लिए चलिए शुरुआत करते हैं इस लेख की।
कुंडली के सभी बारह भावों का संबंध नवग्रहों में से किसी न किसी ग्रह से होता है। इस प्रकार, देवगुरु बृहस्पति को नौवें भाव का स्वामी ग्रह माना जाता है इसलिए यह भाव गुरु ग्रह से अत्यधिक प्रभावित रहता है। बृहस्पति देव के प्रभाव से मनुष्य का स्वभाव धार्मिक बनता है और उसका झुकाव दान-पुण्य एवं धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़ता है। साथ ही, व्यक्ति को नाम और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि, कुंडली का नौवां भाव पूजा-पाठ, ज्ञान एवं विश्वास आदि का प्रतिनिधित्व करता है जो कि शुभ माना जाता है। प्रत्येक मनुष्य के कर्मों के आधार पर हम जान सकते है कि क्या कहता है आपका भाग्य और क्या कुछ छिपा है आपके भविष्य में।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कुंडली के नौवें भाव में शुभ ग्रहों की उपस्थिति
कुंडली का नौवां भाव धर्म या पितृ भाव भी माना गया है जो मनुष्य के अच्छे कर्मों को दर्शाता है। यदि नौवें भाव में शुभ ग्रह मौजूद होते हैं, तो आपके जीवन पर इसका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में चंद्रमा, गुरु, शुक्र और बुध को शुभ ग्रह कहा जाता है और ऐसे में, इन ग्रहों में से कोई भी ग्रह आपके नौवें भाव में होता है, तो यह किस तरह आपके जीवन को प्रभावित करता है, चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
नौवें भाव में बुध देव की स्थिति बनाती है विद्वान
जिन जातकों की कुंडली के नौवें भाव में बुध महाराज विराजमान होते हैं, वह धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति होते हैं और उनकी रुचि अध्यात्म के प्रति होती है। ऐसे जातक शिक्षक हो सकते हैं। नौवें भाव में बुध के बैठे होने से जातक बहुत रचनात्मक होता है और साथ ही, वह ज्ञानी होता है इसलिए लेखन से जुड़े क्षेत्रों में इनकी दिलचस्पी होती है। इस भाव में बुध ग्रह की मौजूदगी को अत्यंत शुभ माना जाता है इसलिए ऐसे जातकों में गलत या बुरी आदतें न के बराबर होती हैं।
इनका मेलजोल अच्छे लोगों के साथ होता है। इसके अलावा, बुध के नौवें भाव में होने पर जातकों का रुझान शोध कार्यों में भी होता है और इसके परिणामस्वरूप, अक्सर यह जातक नई-नई खोज करने में व्यस्त रहते हैं। इन लोगों पर बुध महाराज का शुभ प्रभाव होने की वजह से यह बेहद बुद्धिमान होते हैं इसलिए यह अधिकांश अच्छे वक्ता, ज्योतिषी या लेखक हो सकते हैं। इन जातकों को परिवार समेत समाज में भी मान-सम्मान प्राप्त होता है।
कुंडली के नौवें भाव में चंद्रमा की मौजूदगी को व्यक्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस भाव में बैठे चंद्रमा की वजह से जातक का मन पढ़ाई में लगता है और ऐसा शख्स दार्शनिक होता है। यह लोग चंद्रमा के प्रभाव की वजह से काल्पनिक दुनिया में खोये रहते हैं और ऐसे में, इनके लिए सही और गलत के बीच अंतर कर पाना बहुत कठिन होता है। हालांकि, ऐसा व्यक्ति अत्यंत विद्वान होने के साथ-साथ साहसी स्वभाव का होगा।
यह अपने जीवनकाल में काफी धन संपत्ति कमाने में सक्षम होते हैं और इन्हें समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही, यह अपने जीवन में विदेश यात्राएं भी कर सकते हैं और इनका तालमेल अपने पिता के साथ शानदार होता है। इसी प्रकार, इनकी संतान इनके प्रति समर्पित रहती हैं जिससे इनका जीवन खुशियों से भरा रहता है। ऐसे जातकों का स्वभाव दूसरों की मदद करने वाला होता है इसलिए यह हमेशा जरूरतमंदों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
कुंडली के नौवें भाव के स्वामी ग्रह गुरु हैं और इन्हें एक शुभ ग्रह माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति देव नौवें भाव में मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो ऐसे जातकों को अपने जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा प्राप्त होती है। इन लोगों के स्वभाव में नैतिकता एवं दयालुता देखने को मिलती है और यह अपने जीवन में उच्च सिद्धांतों का पालन करते हैं।
गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव की वजह से व्यक्ति विद्वान बनेगा और साथ ही, वह धार्मिक प्रवृत्ति का होगा। ऐसे जातक सच बोलना पसंद करते हैं और बेहद शांत एवं नेक होते हैं। यह जातक ईश्वर में विश्वास रखते हैं और पिता के साथ इनके रिश्ते काफी गहरे होते हैं। इन लोगों को अपने घर का आशीर्वाद मिलता है और करियर के क्षेत्र में भी उच्च पद की प्राप्ति होती है। नौवें भाव में गुरु ग्रह होने पर जातक लेखन और कानूनी कार्यों आदि में रुचि रखते है।
शुक्र महाराज का कुंडली के नौवें भाव में उपस्थित होना शुभ माना जाता है। जिन जातकों की कुंडली के नौवें भाव में शुक्र स्थित होते हैं, उनका झुकाव कला और संगीत के क्षेत्र में होता है। यह लोग विदेशी संस्कृति के प्रति आकर्षित रहते हैं। हालांकि, शुक्र देव के प्रभाव की वजह से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत होता है। यह लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं जो बेहद परोपकारी और भगवान में विश्वास करने वाले होते हैं। ऐसे में, यह अपने जीवन में तीर्थ यात्रा करते हैं और भगवान, गुरुओं एवं अतिथियों की सेवा करने में समय बिताकर इन्हें प्रसन्नता मिलती है।
अगर स्वभाव की बात करें, तो ऐसे जातक बेहद दयालु और संतोषी किस्म के होते हैं। शुक्र देव का प्रभाव होने से इन लोगों को अपनी मेहनत के बल पर धन की प्राप्ति होती है इसलिए यह आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। ऐसे जातकों को अपने जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा प्राप्त होती है। कुंडली के नौवें भाव में शुक्र देव के बैठे होने पर जातक अभिनेता या फिर सिंगिंग में रुचि रखने वाला हो सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कुंडली का नौवां भाव किसका है?
उत्तर 1. ज्योतिष के अनुसार, नौवें भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
प्रश्न 2. नवम भाव से क्या देखा जाता है?
उत्तर 2. कुंडली का नौवां भाव व्यक्ति के भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसे भाग्य का भाव कहा जाता है।
प्रश्न 3. कुंडली में ससुराल पक्ष का भाव कौन सा होता है?
उत्तर 3. कुंडली में सातवां भाव पत्नी, ससुराल, प्रेम, पार्टनरशिप और गुप्त व्यापार आदि का माना जाता है।
इस घर में आ जाए केतु, तो प्यार और परिवार से कर देता है अलग, चारों तरफ अकेलापन ही दिखता है
वैदिक ज्योतिष में केतु को एक छाया ग्रह बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि राहु इच्छा को दर्शाता है और केतु इच्छाओं से मुक्ति पाने का कारक है। केतु एक रहस्मयी ग्रह है जिसका संबंध अध्यात्म से है। चूंकि, केतु धड़ है और इसका सिर नहीं है इसलिए यह ग्रह जिज्ञासा की गहराईयों तक लेकर जाता है।
अत: यह ग्रह गहन ज्ञान, अध्ययन, आत्म-निरीक्षण और किसी भी मामले को गहराई से जानने से संबंधित है। कुंडली के हर भाव में केतु का प्रभाव अलग-अलग होता है और आज इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि जन्मकुंडली के पंचम भाव में केतु का क्या प्रभाव होता है।
केतु के पांचवे भाव में होने पर जातक की फिलॉस्फी और इससे संबंधित विषयों में रु
चि बढ़ती है। ये अध्ययन कार्यों या इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने एवं इसमें विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। अपने इस ज्ञान के कारण इन्हें खूब नाम और शोहरत मिलने की संभावना रहती है। केतु के इस भाव में होने पर जातक गूढ़-विज्ञान में रुझान रखता है और वह इस क्षेत्र में पढ़ाई भी कर सकता है। आप इसमें अपना करियर भी बना सकते हैं क्योंकि इसमें आपको प्रगति और शोहरत मिलने की संभावना अधिक रहती है।
इस भाव में जब केतु हो, तो व्यक्ति की धर्म और अध्यात्म में रुचि बढ़ती है और वह आध्यात्मिक कार्यों में लीन रहता है। इससे व्यक्ति को शांति और सुकून मिलता है।
कुंडली का पांचवां भाव प्रेम और रोमांस का कारक होता है। यह भाव बताता है कि आपके जीवन में आपके रिश्ते कैसे रहेंगे और ये आपके लिए कितना मायने रखते हैं। इसी भाव से जातक के यौन सुख का भी पता चलता है। शेयर मार्केट में निवेश करने और यहां से मिलने वाला लाभ भी इसी भाव पर निर्भर करता है।
यह भाव आपकी रचनात्मकता और कौशल के बारे में बताता है। पंचम भाव बताता है कि आप अपने जीवन में कितने खुश हैं। वहीं दूसरी ओर, केतु आपको अपने परिवार से धीरे-धीरे दूर भी लेकर जाता है और आपकी अध्यात्म एवं धार्मिक कार्यों में लीन रहने की इच्छा करती है और आप इन्हीं कार्यों में अपना अधिकतर समय बिताते हैं। यहां तक कि आप अपने करीबियों से भी दूर हो जाते हैं। केतु के पांचवे भाव में होने पर शेयर मार्केट में खूब लाभ कमाने का मौका मिलता है।
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पंचम भाव में केतु का सकारात्मक प्रभाव
कुंडली के पांचवे भाव में केतु के सकारात्मक स्थिति में होने पर व्यक्ति की नई भाषा सीखने में रुचि होती है और वह इसमें विशेषज्ञ बन सकता है। आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं और आप उनके द्वारा खड़ी की गई किसी भी अड़चन या चुनौती से उभरने में सक्षम रहते हैं। आपका अपने जीवनसाथी के साथ गहरा संबंध रहता है। हालांकि, धीरे-धीरे आपकी प्राथमिकता अध्यात्म की ओर बढ़ने लगती है।
पांचवे भाव में केतु नकारात्मक स्थिति में हो, तो जातक एकांत की ओर बढ़ने लगता है और अपने परिवार एवं दोस्तों से दूर हो जाता है। इन्हें मानसिक तनाव रहता है और समय-समय पर अवसाद महसूस होता रहता है। ये बहुत रोमांचक होते हैं और इसकी वजह से इन्हें चोट लगने का भी खतरा रहता है।
जब केतु पांचवे भाव में हो, राहु ग्यारहवें भाव में हो और सभी ग्रह राहु-केतु के बीच में हों, तब विषधर कालसर्प योग बनता है। इस स्थिति में जातक दूरस्थ स्थानों और विदेश की यात्रा पर जाता है जिससे उसे लाभ भी मिलता है। ये कानूनी विवादों में भी उलझे रहते हैं। इनका भाई-बहन के साथ भी विवाद रह सकता है।
इन नामचीन लोगों की कुंडली के पांचवे भाव में है केतु
ऐसे कुछ नामचीन लोग हैं जिनकी कुंडली के पांचवे भाव में केतु विराजमान है:
अरुण जेटली: वह एक मशहूर राजनेता हैं जो भारत के कैबिनेट मिनिस्टर भी रह चुके हैं। उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है। उन्हें अपने जीवन में सभी उपलब्धियां केतु के पांचवे भाव में होने की वजह से प्राप्त हुई हैं। केतु ने उन्हें सफलता, लोकप्रियता और शोहरत दी है।
जय लललिता: केतु के पांचवे भाव में होने पर उन्हें अभिनय और राजनीति के क्षेत्र में खूब शोहरत हासिल हुई है। वह 14 साल से भी अधिक समय तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रही हैं।
रोज़र मूरे: यह एक लोकप्रिय इंग्लिश कलाकार हैं और उनकी कुंडली के पांचवे भाव में भी केतु विराजमान हैं। जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाने के बाद उन्हें असीम लोकप्रियता हासिल हुई थी और वो पूरी दुनिया में मशहूर हो गए।
कैटरीना कैफ: बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ आज फिल्म जगत की सबसे नामचीन और सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्हें एक मॉडल और एक्टर के तौर पर खूब नाम और पैसा मिला है और इसका श्रेय उनकी कुंडली में पांचवे भाव में बैठे केतु को जाता है।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. केतु पांचवे भाव में हो तो क्या होता है?
उत्तर. इससे व्यक्ति के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
प्रश्न. केतु के पांचवे भाव में होने पर क्या करना चाहिए?
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मंगल गोचर कर्क सहित इन 5 जातकों के लिए रहेगा शानदार; जाने देश दुनिया पर प्रभाव!
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मंगल का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को मंगल के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में मंगल ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि मंगल 12 जुलाई 2024 को शुक्र के स्वामित्व वाली राशि वृषभ में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह लाल ग्रह के नाम से भी विख्यात है। जो भूमि, सेना, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह होता है और इस ग्रह को राशि चक्र की मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामित्व भी प्राप्त है। मंगल देव अपनी उच्च राशि में शक्तिशाली होते हैं। परंतु नीच राशि में उनकी उपस्थिति अशुभ स्थितियों का निर्माण करती है।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: तिथि व समय
मंगल 12 जुलाई, 2024 की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वृषभ राशि के स्वामी मंगल और शुक्र ग्रह आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं और ऐसे में, यह अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहे है। आइये जानते हैं इसका राशियों व देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा लेकिन इससे पहले जान लेते हैं वृषभ राशि में मंगल के गोचर की विशेषताएं।
वृषभ राशि में मंगल: विशेषताएँ
ज्योतिष में, मंगल ग्रह ऊर्जा, क्रिया, जुनून और खुद को व्यक्त करने के तरीके को दर्शाता है। वृषभ पृथ्वी तत्व की राशि है जो स्थिरता, दृढ़ संकल्प, व्यावहारिकता और कामुकता के लिए जानी जाती है। वृषभ राशि में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति बहुत अधिक दृढ़ होते हैं। वे अपने लक्ष्यों को हासिल करने पर ध्यान देते हैं और धैर्य पूर्वक प्राप्त करते हैं। ये जातक सफलता प्राप्त करने की दिशा में काम करते हैं। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं, जो भौतिक सुख और आराम का प्रतीक है। वृषभ राशि में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति का शारीरिक संवेदनाओं से गहरा संबंध हो सकता है। ये अच्छा खाना, संगीत या कहीं अच्छी जगहों पर घूमने फिरने जाना जैसे चीजें पसंद करते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह है क्योंकि यह आपके केंद्र और त्रिकोण भावों पांचवें और दसवें भाव को नियंत्रित करता है और अब यह आपके लाभ के ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी और लाभ प्राप्त होगा। कार्यस्थल पर की गई सारी मेहनत का फल इस अवधि प्राप्त होगा। यदि आप रियल एस्टेट, इंजीनियरिंग या सशस्त्र बलों के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपकी पदोन्नति होने की संभावना है और धन लाभ भी हो सकता है।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर छात्रों के लिए बहुत अच्छा समय साबित होगा और आप एकाग्रचित्त होकर अपने विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे वे अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। वहीं स्वास्थ्य की बात करें तो यदि आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो इस दौरान आपको उससे निजात मिल सकती है। कुल मिलाकर मंगल देव की कृपा आप पर बनी रहेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं, जो आपके लिए योगकारक ग्रह है। यह योगकारक ग्रह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के कारण, आपको अपने पेशेवर जीवन में बहुत लाभ मिलेगा। साथ ही, आधिकारिक पदों पर नए अवसर मिलने के योग बनेंगे। इस दौरान स्वास्थ्य सेवा (सर्जन), रियल एस्टेट और आर्मी आदि से जुड़े जातकों को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। चौथे भाव के स्वामी आपके लग्न पर दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। आप किसी तरह की शारीरिक गतिविधि में खुद को शामिल कर सकते हैं।
चौथे भाव से सातवीं दृष्टि के फलस्वरूप इस अवधि माता जी के साथ संबंधों में मधुरता आएगी और आपको उनकी तरफ से पूरा सहयोग प्राप्त होगा। हालांकि, सिंह राशि के छात्रों का पढ़ाई से अचानक मन हट सकता है क्योंकि कुछ चीज़ों से आपका ध्यान इधर-उधर भटक सकता है इसलिए आपको अधिक केंद्रित होकर पढ़ाई करने की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर, सिंह राशि के जातकों के लिए यह बहुत अच्छा समय है।
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे, जो शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा, मामा का भाव है इसलिए इस गोचर के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय आपके लिए बहुत अनुकूल है। इस समय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक शक्ति अच्छी रहेगी। इस अवधि आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे और न ही आपके काम में कोई बाधा डाल पाएंगे। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है और आप अपनी परीक्षाएं डिस्टिंक्शन के साथ पास करेंगे।
नौवें, बारहवें और ग्यारहवें भाव पर मंगल दृष्टि पड़ने के परिणामस्वरूप आप लंबी दूरी की यात्रा की योजना बना सकते हैं। हालांकि, मंगल का गोचर शुरुआत में आपके कुछ खर्चे करवा सकता है, लेकिन कुल मिलाकर यह फायदेमंद साबित होगा। आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आप झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ बहुत अधिक होगा और आप धर्म कर्म के कामों में लगे रहेंगे।
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं, जो बच्चों, शिक्षा, रोमांटिक संबंधों के पांचवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में जिन छात्रों को पढ़ाई में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा था वे इस दौरान राहत महसूस करेंगे। आप पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। यह अवधि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत अच्छा समय है और आप ऊर्जा से भरे रहेंगे। फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि सावधान रहें।
शोध कार्य या रहस्यमय अध्ययनों के लिए भी यह शुरुआत करने के लिए अनुकूल समय है क्योंकि मंगल आपके आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ग्यारहवें और दसवें भाव पर मंगल की दृष्टि कार्यस्थल पर अच्छे अवसर पैदा करेगी और आपका कार्यभार और जिम्मेदारी बढ़ेगी और साथ ही प्रोत्साहन भी मिलेगा। आपके लक्ष्य और आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। मंगल का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए पदोन्नति और कई अच्छे अवसर लेकर आ सकता है। आपको बस अपने बच्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आपके बच्चे बहुत अधिक ऊर्जा से भरे हुए रह सकते हैं और आशंका है कि आपके लिए उन्हें संभालना बहुत मुश्किल हो। यह आपके लिए समस्याओं का कारण बन सकता है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि उनके साथ किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों या खेलों में शामिल होकर उनकी ऊर्जा को केंद्रित करने में उनकी मदद करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। तीसरा भाव आपके भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा, संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, इस दौरान मीन राशि के जातक अपना ध्यान अपने शौक, खास तौर पर खाना पकाने, मार्शल आर्ट आदि को पूरा करने में लगा सकते हैं।
आप अपनी बातचीत में बहुत साहसी और सीधे-सादे होंगे। इसके अलावा छठे भाव पर मंगल की दृष्टि, स्वास्थ्य के लिहाज से अनुकूल साबित होगी। इस दौरान आपकी सहनशक्ति व ऊर्जा बढ़ेगी, जिसकी मदद से आप किसी पुरानी बीमारी या लंबे समय से पीड़ित किसी भी बीमारी से निजात पा सकेंगे। वहीं मंगल की दृष्टि आपके नौवें भाव पर भी पड़ रही है। ऐसे में आपका झुकाव आध्यात्मिकता व रहस्य विज्ञान की ओर अधिक रहेगा। अगर आप ज्योतिष विद्या का अभ्यास करने का विचार बना रहे हैं तो मंगल वृषभ राशि में मार्गी होकर अनुकूल परिणाम प्रदान करेंगे।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको वैवाहिक जीवन में शानदार अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको विदेश जाने का भी मौका मिलेगा। चौथे भाव में मंगल की दृष्टि आपको अपनी मां का सहयोग दिलाएगी। इसके अलावा, किसी प्रॉपर्टी की बिक्री और खरीद से लाभ और प्राप्ति की संभावना है, लेकिन मंगल बारहवें भाव के स्वामी भी हैं जो व्यय के साथ-साथ हानि का भी प्रतिनिधित्व करता है इसलिए आपको किसी भी प्रकार का सौदा या लेन-देन करते वक्त अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। चूंकि मंगल अपने ही भाव पर दृष्टि डाल रहा है, इसलिए यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा समय है जो विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं। इस अवधि आप अपने लिए एक अच्छा साथी खोजने में सक्षम होंगे और विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान यात्रा करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि यह गोचर कुछ अनिश्चितताओं को जन्म दे सकता है।
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मिथुन राशि
मंगल मिथुन राशि के जातकों के लिए छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। और अब यह आपके विदेशी भूमि, मल्टीनेशनल कंपनी, अस्पतालों आदि बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। तीसरे भाव पर मंगल की चौथी दृष्टि दर्शाती है कि आपको अपने छोटे भाई-बहन का सहयोग मिलेगा और आप खाना पकाने, मार्शल आर्ट जैसे अपने शौक को पूरा करने में धन खर्च कर सकते हैं।
यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो इसे अनदेखा न करें इसके बजाय डॉक्टर से मिलें और अपनी उचित जांच करवाएं। साथ ही, आपके प्रभावशाली स्वभाव और अहंकार के टकराव के कारण, आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है; इसलिए कृपया अपने वैवाहिक जीवन पर अतिरिक्त ध्यान दें।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अपने घर में किसी शुभ स्थान पर मंगल यंत्र की स्थापना करें और उसकी पूजा करें।
ज्योतिषी की सलाह से अपने दाहिने हाथ में लाल मूंगा की अंगूठी पहनें।
गरीब व जरूरतमंदों को लाल मूंग की दाल, तांबे के बर्तन, सोना, कपड़े आदि दान करें।
छोटे बच्चों को बेसन की मिठाई या लड्डू दान करें।
मंगल का वृषभ गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
सरकार और राजनीति
मंगल का वृषभ राशि में गोचर के परिणामस्वरूप, सरकार और उसके कार्यों को जनता के द्वारा समर्थन मिल सकता है। साथ ही, सरकार अपने अधिकार और तर्क को बनाए रखते हुए थोड़ी आक्रामक होगी।
भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अन्य राजनेता योजना बनाकर और सोच-विचार कर कोई भी कार्य कर सकते हैं।
सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण जल्दबाजी में कर सकते हैं, लेकिन साथ ही, बहुत ही समझदारी और गहनता से विश्लेषण करते हुए नज़र आ सकते हैं।
सरकार की ओर से भविष्य के लिए आक्रामक योजना देखने को मिल सकती है।
मंगल गोचर के दौरान भारत सरकार के कार्य करने का तरीका और उनकी नीतियां जनता को पसंद आ सकती हैं।
इस अवधि के दौरान भारत सरकार के कामकाज और नीतियों से अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित किया जा सकेगा।
भारत सरकार अब गंभीरता से विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेडिसिन, मैकेनिक्स आदि से संबंधित योजनाओं को लागू करने की दिशा में काम करेगी जिसका फायदा देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को मिलेगा।
देश के नेता आक्रामकता से पूर्ण लेकिन सोच-समझकर कार्य करते हुए दिखाई देंगे।
रियल एस्टेट और कृषि
मंगल का वृषभ राशि में गोचर उन लोगों का समर्थन कर सकता है, जो रियल एस्टेट, ब्रोकर और रियल एस्टेट फर्म से जुड़े हैं, उन्हें इस दौरान लाभ हो सकता है।
मंगल का गोचर के दौरान किसान और कृषि पेशेवरों को लाभ होगा।
बैंकिंग और वित्त
वित्तीय क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस गोचर के दौरान फले-फूलेगें।
इस गोचर के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में सुधार हो सकता है।
आईटी उद्योग, सॉफ्टवेयर उद्योग को कुछ हद तक लाभ होगा।
मंगल के गोचर की इस अवधि के दौरान निवेश बैंकर, बैंक प्रबंधक आदि का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: मौसम की रिपोर्ट
मंगल के वृषभ राशि में गोचर के दौरान यूरोप के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
मध्य और पूर्वी अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में उम्मीद से अधिक बारिश हो सकती है। खासकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में होने वाली प्राकृतिक आपदा का भी संकेत है।
मंगल का वृषभ राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
मंगल ग्रह शुक्र द्वारा शासित वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। आइए देखते हैं कि मंगल का वृषभ राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
मंगल के वृषभ राशि में गोचर करने से रासायनिक उर्वरक उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, इस्पात उद्योग, हिंडाल्को, ऊनी मिलों सहित अन्य उद्योगों के फलने-फूलने की उम्मीद है।
मंगल के वृषभ राशि में गोचर के बाद की अवधि में दवा उद्योग अच्छा प्रदर्शन करेगा।
सर्जिकल उपकरण बनाने और व्यापार करने वाले उद्योग भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में महीने के अंत तक मंदी आ सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मंगल का वृषभ राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 1. मंगल 12 जुलाई, 2024 की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
प्रश्न 2. वृषभ राशि में मंगल किस तरह के पेशेवर विकल्प प्रस्तुत करता है?
उत्तर: कृषि, वित्त और कलात्मक पेशे।
प्रश्न 3. मंगल किस भाव में दिग्बल प्राप्त करता है?
उत्तर: दसवां भाव।
प्रश्न 4. मंगल किस राशि में दुर्बल हो जाता है?
उत्तर: कर्क
शुक्र के उदय होते ही शुरू हो जाएं शुभ कार्य, मेष सहित इन राशियों को मिलेगा किस्मत का साथ!
ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत अधिक महत्व है और इसे बहुत अधिक शुभ ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में शुक्र 11 जुलाई की सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कर्क राशि में बुध ग्रह पहले से ही विराजमान हैं। ऐसे में कर्क राशि में बुध और शुक्र ग्रह की युति भी बनेगी। यही नहीं सौंदर्य, ऐश्वर्य और सुख समृद्धि का कारक ग्रह शुक्र के उदय होते ही शुभ व मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह भौतिक सुख सुविधा, भाग्य, धन, उत्तम स्वास्थ्य आदि के भी कारक ग्रह हैं। ऐसे में, शुक्र ग्रह का उदय होना सभी 12 राशि के जातकों पर शुभाशुभ प्रभाव डालेगा पर इनमें से कुछ राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस दौरान बेहद शुभ फलों की प्राप्ति होगी। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वह कौन सी राशि हैं, जिन्हें इस अवधि में सकारात्मक फलों की प्राप्ति होगी।
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का उदय बहुत अधिक शुभ रहेगा। इसके परिणामस्वरूप, आप अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे। कार्यक्षेत्र में आपके काम की सराहना होगी और आप मान-सम्मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, आप अतिरिक्त मेहनत और समर्पण से अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे और आप अपनी मेहनत से शीर्ष पर पहुंचेंगे। यही नहीं, इस अवधि आप अपने काम से अपने वरिष्ठों का दिल जीतने में कामयाब होंगे।
जिन जातकों का खुद का व्यापार है वे इस अवधि अच्छा मुनाफा अर्जित करेंगे और अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए निवेश से आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा और यदि आपने हाल-फिलहाल में कोई निवेश किया है तो उससे भी आपको आगे चलकर अच्छा लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि आपको भाग्य का साथ मिलेगा। आप धन संचय करने और साथ ही, बचत करने में सक्षम होंगे। अगर आपका पैसा कहीं अटका हुआ है तो इस अवधि में वापस आने की संभावना बन रही है।
शुक्र का उदय आपके लिए कई अच्छे बदलाव लेकर आएगा और इन बदलावों से आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। रिश्ते के मोर्चे पर, आप अपने जीवनसाथी का विश्वास जीतने और रिश्ते में बेहतर सामंजस्य बनाए रखने की स्थिति में होंगे। आप खुलकर अपनी बातों को अपने पार्टनर के सामने रखने में सक्षम होंगे। अच्छी बात यह है कि आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि छोटी-मोटी समस्याएं प्रभावित कर सकती है और इसमें आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
शुक्र का उदय आपको दोस्तों के साथ घूमने का मौका भी प्रदान करेगा। जो जातक नौकरीपेशा हैं, उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी उन्नति प्राप्त होगी और आपको उचित पहचान भी मिलेगी, जिससे करियर में संतुष्टि की भावना रहेगी। वहीं व्यापारियों को इस अवधि में अच्छा ख़ासा मुनाफा होगा और किसी निवेश से अच्छा फायदा भी होगा। पारिवारिक जीवन की बात करें तो परिवार के सभी सदस्यों के साथ अच्छे संबंध बने रहेंगे और आप घरवालों की जरूरतों को पूरा करेंगे। आर्थिक मामलों में आपको स्थिरता प्राप्त होगी और अच्छी मात्रा में धन कमाएंगे।
कर्क राशि
शुक्र ग्रह आपकी राशि के लग्न भाव यानी पहले स्थान पर उदय होने वाले हैं। इस दौरान अप्रत्याशित स्रोत से धन लाभ हो सकता है और धन संचय करने में भी कामयाबी मिलेगी। आप बचत करने में सक्षम होंगे। पैसों की बचत करने की गुंजाइश भी पहले से अधिक रहेगी। आपका रिश्ते पार्टनर के साथ प्रेम से भरा रहेगा जिसका आनंद लेते हुए आप दिखाई देंगे। साथ ही, रिश्ते में उच्च मूल्यों की स्थापना भी कर सकेंगे। आपकी फिटनेस अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके भीतर की मज़बूत इच्छा शक्ति और उत्साह का परिणाम होगा।
अगर आप किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से लंबे समय से परेशान हैं तो आपकी सेहत में सुधार देखने को मिलेगा। सरकारी अधिकारियों की मदद से आपके कई कार्य आसानी से पूरे हो जाएंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। यदि आपका खुद का व्यापार है तो आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने में सक्षम होंगे और उन्हें कड़ी टक्कर देंगे। शुक्र ग्रह के प्रभाव से आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होगा और आप धर्म-कर्म के कामों में बहुत अधिक भाग लेंगे।
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कन्या राशि
शुक्र ग्रह आपकी राशि के ग्यारहवें भाव में उदय होने जा रहे हैं। इस दौरान आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों में आपको अच्छी ख़ासी सफलता मिलेगी और जीवन में संतुष्टि भी प्राप्त करेंगे। शुक्र ग्रह के प्रभाव से आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी और आपको भाग्य का भी पूरा-पूरा साथ मिलेगा। आपको तरक्की के कई बेहतरीन अवसर भी मिलेंगे। नौकरी पेशा जातकों को अच्छी सैलरी के साथ किसी दूसरी कंपनी से ऑफर मिल सकता है, जिससे मन काफी प्रसन्न रहेगा और करियर में तेज़ी से तरक्की हासिल करेंगे। यदि आप व्यापार करते हैं तो इस दौरान आपको अपने बिज़नेस में अपार सफलता प्राप्त होगी।
आर्थिक जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको किस्मत का साथ मिलेगा और आप अच्छी मात्रा में धन की बचत करने में सक्षम होंगे। भाई-बहनों के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे और घर पर कोई शुभ कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। आप अपने जीवन साथी के साथ अपने रिश्ते में ईमानदार रहेंगे और आप दोनों के बीच प्रेम-भाव बना रहेगा। आप इस पल का अच्छे से आनंद लेंगे। आशंका है कि आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जाएं या अपने पार्टनर के मिलकर किसी प्रॉपर्टी में निवेश भी कर सकते हैं। स्वास्थ्य के मोर्चे पर उत्साह और जोश के कारण आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
मकर राशि
शुक्र ग्रह आपकी राशि से सातवें भाव में उदय होंगे, जो आपके लिए बहुत अधिक अनुकूल परिणाम लेकर आएंगे। इस दौरान जीवन में खुशियां बढ़ेंगी और आपकी चिंताएं एक एक करके कम होती जाएंगी। आप सकारात्मक ऊर्जा से खुद को भरा हुआ पाएंगे और आपके आस-पास का माहौल भी सकारात्मक रहेगा। कई खास और प्रतिष्ठित लोगों से जान पहचान बढ़ने से आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा, जिसका फायदा आपको भविष्य में भी मिलेगा। इस अवधि आपको कार्यक्षेत्र में आपके काम के लिए सराहना प्राप्त होगी, जिसकी आपने उम्मीद कर रखी थी।
व्यावसायिक मोर्चे पर, यदि आप शेयर बाज़ार से जुड़े हैं तो आपको अच्छा ख़ासा मुनाफा प्राप्त होगा, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। आपके आर्थिक जीवन की बात करें तो आप बचत करने और अधिक धन प्राप्त करने में सफल होंगे। आशंका है कि आपको भाग्य का भरपूर साथ मिले। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति अच्छी होगी। आपके वरिष्ठ आपकी सराहना करते हुए नज़र आएंगे। इसके अलावा, आपको नौकरी के अनेक व नए अवसर प्राप्त होंगे। आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे।