इन जातकों को धारण करना चाहिए लहसुनिया रत्न, पहनने से पहले जान लें इसकी ख़ासियत!

ज्‍योतिष शास्‍त्र में कई बेशकीमती रत्नों के बारे में चर्चा की गई है और इन रत्नों का संबंध ग्रहों से बताया गया है, जो हमारे जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक तरह से प्रभावित करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, जिसे लहसुनिया कहा जाता है। लहसुनिया रत्न मटमैले से रंग का चमकीला पत्थर होता है। यह एक रत्न है और ज्‍योतिष शास्‍त्र में इसे केतु ग्रह से जोड़ होता है। कुंडली में जब केतु ग्रह कमज़ोर होता है, तब लहसुनिया रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। लहसुनिया रत्न बाजार में कई रंगों में उपलब्ध होता है यह पीले, काले, सफेद और हरे रंग में भी मिल जाएगा। लेकिन, ज्योतिषी केतु के बुरे अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए लहसुन रंग के रत्न को पहनने की सलाह देते हैं।

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इस रत्न को पहनने से व्यापार, नौकरी में बहुत अधिक तरक्की प्राप्त होती है। यह बेहद चमकीला दिखने वाले रत्न की बीच में से बिल्ली की आंखों की तरह बनावट होती है। इसी कारण इसे अंग्रेजी में कैट्स आई कहा जाता है। रत्न शास्त्र के अनुसार, इस रत्न को धारण करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं लहसुनिया रत्न के बारे में कुछ ख़ास बातें।

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इन जातकों को पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न

  • रत्न शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में विराजमान हैं, तो वह इस रत्न को धारण कर सकता है। इसे पहनने से भय से मुक्ति मिलती है और साथ ही भ्रम की स्थिति नहीं बनती।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में केतु की अंतर या महा दशा चल रही हो, तो लहसुनिया रत्न पहनना उसके लिए बहुत अधिक शुभ साबित होगा।
  • रत्न शास्त्र के अनुसार, वह लोग भी लहसुनिया रत्न को धारण कर सकते हैं जिनकी कुंडली में केतु पहले, तीसरे, चौथे, पांचवें, नौवें और दसवें भाव पर मौजूद होता है।
  • यदि कुंडली में केतु के साथ सूर्य मौजूद हैं, तो वह भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
  • इसके अलावा, नजर दोष से बचने के लिए भी लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। यदि आप छोटे बच्चे को यह रत्न पहना रहे हैं, तो एक चांदी के लॉकेट में जड़कर इस रत्न को पहना सकते हैं।
  • यदि किसी जातक की कुंडली में छाया ग्रह केतु भाग्येश या फिर पांचवें भाव में मौजूद हैं, तो लहसुनिया रत्न पहनने से बहुत अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
  • यदि किसी जातक को लगातार व्यापार में हानि हो रही है और लगातार धन डूब रहा है तो ज्योतिषी की सलाह लेकर लहसुनिया रत्न धारण किया जा सकता है।

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इन लोगों को नहीं पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न

  • रत्न शास्त्र के मुताबिक, जिन जातकों की कुंडली में केतु दूसरे, सातवें, आठवें या फिर बारहवें भाव में हो तो इन लोगों यह रत्न नहीं पहनना चाहिए।
  • यदि किसी जातक ने पुखराज, मोती, हीरा या फिर माणिक्य रत्न पहन रखा हो, तो वह लहसुनिया रत्न बिल्कुल भी धारण न करें। लहसुनिया रत्न तो इन रत्नों के साथ धारण करने से बुरे परिणामों की प्राप्ति हो सकती है और फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
  • यदि आप लहसुनिया रत्न धारण करने का विचार बना रहे हैं, तो एक बार इस रत्न को पहनने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञों से राय जरूर ले लें। अपनी कुंडली जरूर दिखा लें। इसके बाद ही इस रत्न को धारण करें।
  • लहसुनिया रत्न धारण करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि इसमें चार या उससे अधिक धारियां ना हो क्योंकि उसके नुकसान भी हो सकते हैं।

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लहसुनिया रत्न से इन बीमारियों से मिलती है मुक्ति

लहसुनिया रत्न का उपयोग कई तरह के रोगों से निपटने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी जातक को श्वास से संबंधित कोई बीमारी हो या फिर निमोनिया जैसी कोई बीमारी से ग्रस्त हो, तो ऐसे में उसे लहसुनिया रत्न पहनना लाभकारी साबित होता है।

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इस विधि से करें धारण

रत्न शास्त्र के अनुसार, सवा रत्ती लहसुनिया, चांदी की अंगूठी या लॉकेट में शनिवार के दिन धारण कर सकते हैं। लहसुनिया को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इसके अलावा, विशाखा नक्षत्र में मंगलवार के दिन सात, आठ या बारह रत्ती लहसुनिया मध्यम उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है। इस रत्न को पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध में अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद इसे धूप-दीप दिखाकर केतु के मंत्र “ऊं क्लां क्लीं क्लूं स: केतवे स्वाहा:” का 108 बार जाप करने के बाद पहनें।

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लहसुनिया रत्न को पहनने के फायदे

  • यह रत्न केवल केतु के कमज़ोर होने पर ही नहीं बल्कि केतु की अंतर एवं महा दशा चलने पर भी आपको लहसुनिया रत्न धारण किया जा सकता है।
  • अगर आपको नजर दोष या कोई भय सता रहा है तो भी आपको लहसुनिया रत्न धारण कर लेना चाहिए। आप इसे अंगूठी या फिर चांदी के लॉकेट में धारण कर सकते हैं।
  • लहसुनिया रत्न को कभी भी पुखराज, मोती और हीरे के साथ धारण नहीं करना चाहिए। बहुत से लोग हीरे की अंगूठी में लहसुनिया रत्न लगवा लेते हैं, जिसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे देखने को मिलता है।
  • इस रत्न के लाभ के साथ-साथ हानियां भी होती है इसलिए उसी पत्थर का चुनाव करें जिसमें कम से कम चार या फिर इससे अधिक धारियां हों।
  • यदि आपको अपने व्यापार में लगातार हानि उठाना पड़ रहा है तो ज्योतिषी की सलाह से लहसुनिया रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहन सकते हैं।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. लहसुनिया रत्न पहनने से क्या फायदा होता है?

उत्तर 1. लहसुनिया पहनने से बुरी नजर नहीं लगती है। साथ ही आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। 

प्रश्न 2. लहसुनिया रत्न कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?

उत्तर 2. लहसुनिया को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

प्रश्न 3. लहसुनिया रत्न कितने दिन में असर दिखाता है?

उत्तर 3. लहसुनिया रत्न एक माह में असर दिखाता है।

प्रश्न 4. लहसुनिया की पहचान कैसे करें?

उत्तर 4. लहसुनिया को एक कपड़े से रगड़े अगर लहसुनिया की चमक बढ़ जाए तो समझिए लहसुनिया असली है।

राजनीति करने वाले इन ग्रहों को रखें प्रसन्न, वरना हो सकती है जेल!

राजनीति की तुलना शतरंज से की जाती है क्योंकि यहाँ हर कदम फूंक-फूंककर रखना होता है। एक कदम आपकी जीत को हार में बदल सकता है। इसी प्रकार, राजनीति में बने रहना हर किसी के लिए आसान बात नहीं होती है। हालांकि, राजनीति में एक बड़ा नाम बनने के लिए भाग्य का साथ भी बहुत जरूरी होता है। ऐसे में, व्यक्ति की कड़ी मेहनत के साथ-साथ ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। 

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अगर कुंडली में ग्रह शुभ होते हैं, तो व्यक्ति लंबे समय तक सफलता प्राप्त करता है, लेकिन अशुभ ग्रहों के होने पर व्यक्ति कानूनी विवाद का शिकार हो जाता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको ऐसे ही ग्रहों के बारे में बताएगा जो राजनीति में इंसान को देश के बड़े नेता बनाने से लेकर जेल की हवा तक खिला सकते हैं। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।   

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राजनीति में रखना चाहते हैं कदम, तो कुंडली में मज़बूत करें लें इन ग्रहों को 

सूर्य देव 

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह को शक्ति, नेतृत्व और मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है, वह राजनीति में अपना परचम लहराते हैं और ख़ूब सफलता हासिल करते हैं। साथ ही, उच्च पद भी प्राप्त करते हैं। इसके विपरीत, कुंडली में सूर्य के कमज़ोर होने पर लाख कोशिशों के बाद भी राजनीति में सफलता प्राप्त नहीं होती है। ऐसे जातक जनता के बीच ज्यादा लोकप्रिय होने में असफल रहते हैं। 

सूर्य को मज़बूत करने के उपाय

  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें और इसके लिए आप लाल चंदन, लाल फूल और तांबे के लोटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। अर्घ्य देते हुए सूर्य मंत्र का जाप करें। 
  • रविवार के दिन सूर्य देव के मंदिर में दर्शन करें और गेहूं का दान करें। प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व उठकर उगते हुए सूर्य के दर्शन करें। 

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चंद्र देव 

नवग्रहों में से एक चंद्रमा जनता का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में मजबूत चंद्रमा होने पर व्यक्ति लोकप्रिय होता है और उसे जनता का समर्थन मिलता है। दूसरी तरफ, चंद्रमा के कमजोर होने पर जातक को आसानी से जनता का समर्थन नहीं मिलता है। राजनीति के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी होता है और ऐसे में, अगर चंद्रमा कमजोर है, तो व्यक्ति लंबे समय तक राजनीति में नहीं टिक पाता है। 

चंद्रमा को मज़बूत करने के लिए करें उपाय

  • चंद्रमा को बलवान करने के लिए प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें और उन्हें दूध चढ़ाएं। 
  •  सोमवार के दिन चंद्रमा के मंत्र “ॐ सोम नमः” का जाप करें। 
  • सोमवार को सफेद वस्त्र धारण करें और संभव हो, तो खीर का दान करें। 
  •  पूर्णिमा और अमावस्या के दिन व्रत रखें। 

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गुरु ग्रह 

 नवग्रहों में बृहस्पति देव को विशेष स्थान प्राप्त है जो कि “देवताओं के गुरु” के नाम से जाने जाते हैं। ज्योतिष में गुरु ग्रह को शुभ एवं लाभकारी ग्रह माना जाता है। साथ ही, यह ज्ञान, संपदा और भाग्य का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होते हैं, उन्हें राजनीति के क्षेत्र में खूब मान-सम्मान की प्राप्ति होती हैं। सत्ता से संबंध रखने वाले जातकों को गुरु ग्रह की कृपा की सदा आवश्यकता रहती है। बृहस्पति देव के आशीर्वाद से राजनीति में सक्रिय जातक समाज में  मान-सम्मान प्राप्त करता है और खूब प्रसिद्धि हासिल करता है। इसके विपरीत, अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो राजनीति में धीरे-धीरे इंसान का नाम खराब होने लगता है। 

गुरु को मज़बूत करने के लिए उपाय  

  • गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। साथ ही, उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होते हैं। 
  • बृहस्पतिवार को पीले रंग के वस्त्र धारण करें। साथ ही, पीले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। गुरुवार के दिन गुरु मंत्र “ॐ गुरुवे नमः” का जाप करें और  केसर का दान करना फलदायी रहता है। 

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शनि ग्रह 

न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनि ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। इनके नाम से भी लोग भयभीत हो जाते हैं। यह न्याय, अनुशासन और कर्म के ग्रह हैं जो व्यक्ति को उनके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति  मजबूत होती है, वह राजनीति के क्षेत्र में ख़ूब मेहनत करते हैं। साथ ही, इन लोगों के द्वारा लिए गए निर्णय न्याय से पूर्ण होते हैं। शनि ग्रह के आशीर्वाद से राजनीति में रुचि रखने वाले इस क्षेत्र में अपार सफलता हासिल करते हैं। शनि महाराज के मेहरबान होने पर व्यक्ति को राजनीति में की गई मेहनत का पूरा-पूरा फल प्राप्त होता है। दूसरी तरफ, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ या कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो ऐसे मनुष्य को जेल की हवा तक खाने की नौबत आ सकती है। 

शनि ग्रह को मज़बूत करने के उपाय 

  • कुंडली में शनि ग्रह को बली करने के लिए शनिवार के दिन भगवान शनि की उपासना करें। साथ ही, उन्हें तेल चढ़ाएं। 
  • शनिवार को काले रंग के कपड़े पहनें और काली उड़द का दान करना श्रेष्ठ रहता है। 
  • शनिवार के दिन शनि मंत्र “ॐ शनिदेवाय नमः” का जाप करना चाहिए। 
  • संभव हो, तो नियमित रूप से शनिवार को व्रत रखें और इस दिन लोहे का दान करें। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. राजनीति में सफलता पाने के लिए किन ग्रहों को प्रसन्न करना चाहिए?

उत्तर 1. सूर्य, चंद्रमा, गुरु और शनि ग्रह के मज़बूत होने पर राजनीति में सफलता मिलती है।

प्रश्न 2.  गुरु ग्रह को कैसे मज़बूत करें?

उत्तर 2. बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने से गुरु ग्रह मज़बूत होते हैं। 

प्रश्न 3. शनि की साढ़े साती कितने साल की होती है?

उत्तर 3. शनि साढ़े साती सात साल तक रहती है।

सूर्य का कर्क राशि में गोचर: विश्व समेत शेयर बाजार में आएंगे बड़े बदलाव

नवग्रहों के राजा के नाम से प्रसिद्ध सूर्य का कर्क राशि में गोचर होने जा रहा है और इस गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों के साथ-साथ विश्व पर भी नज़र आएगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको 16 जुलाई 2024 को होने वाले सूर्य के कर्क राशि में गोचर से संबंधित सारी जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, समय एवं प्रभाव। सिर्फ इतना ही नहीं, इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको सूर्य के राशि परिवर्तन से विश्व और शेयर बाजार पर पड़ने वाले प्रभावों से भी अवगत कराएंगे।

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सूर्य का कर्क राशि में गोचर: तिथि एवं समय 

सूर्य देव 16 जुलाई 2024 की सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर चंद्र देव की राशि कर्क में गोचर कर जाएंगे। 

कर्क राशि में सूर्य की विशेषताएं 

सूर्य के कर्क राशि में उपस्थिति होने पर जातकों के व्यक्तित्व में कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं जिनमें  संवेदनशीलता, दयालुता, स्वयं को लेकर सुरक्षात्मक होना, प्रेमपूर्ण, मनोरंजन पसंद और बेहतरीन सेंस ऑफ ह्यूमर आदि शामिल हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य कर्क राशि में मौजूद होता है, उन लोगों का मन अस्थिर होता है इसलिए यह कोई निर्णय लेने में सक्षम नहीं होते हैं। इन लोगों में अनेक गुण देखने को मिलते हैं और अधिकतर नियम-कायदों का पालन करने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्ति ख़ूब सम्मान प्राप्त करते हैं और इनमें राजसी झलक भी नज़र आती है। इस दौरान इन लोगों के अपने पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ संबंध प्रेमपूर्ण नहीं रहने की आशंका है। साथ ही, आपको कफ और पित्त से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।

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जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कर्क राशि में उपस्थित होते हैं, वह अपने करीबी लोगों के मूड और भावनाओं से अत्यधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि यह उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। इन लोगों को मानसिक रूप से मज़बूत होने के मार्ग में समस्याओं का अनुभव हो सकता है। हालांकि, यह जातक इमेजिनेशन करने में काफ़ी अच्छे होते हैं और ऐसे में, इनके मन में नए एवं रचनात्मक आईडिया आते रहते हैं। सूर्य के कर्क राशि में होने पर जातकों की याददाश्त बहुत मज़बूत होती है इसलिए अगर कोई इनके दिल को दुख पहुंचता है. तो यह कभी कुछ नहीं भूलते हैं न ही कभी माफ़ करते हैं। यह अपने दर्द को किसी से कहते नहीं हैं और अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं। इन्हें अपनी भावनाओं को मन में दबाकर रखने की आदत होती हैं। ऐसे जातकों के दोस्त जीवनभर साथ देने वाले होते हैं और दिखावटी रिश्ते बनाना पसंद नहीं करते हैं।

आज का गोचर

सूर्य का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ

वृषभ राशि 

सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपकी नौकरी में बदलाव की तरफ संकेत कर रहा है। अगर आप नौकरी बदलने का मन बना रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा और ऐसे में, आप एक अच्छा पद पाने में सफल रहेंगे। साथ ही, यह नौकरी आपके लिए लाभदायी रहेगी। सूर्य का कर्क राशि में गोचर वृषभ राशि के लोगों की नौकरी में स्थानांतरण करवा सकता है।

इसके अलावा, जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह गोचर बिज़नेस में सकारात्मक बदलाव लेकर आ सकता है। यह समय मार्केटिंग और सेल्स की नई रणनीतियों को लागू करने के लिए अनुकूल रहेगा जिससे आपके कारोबार में वृद्धि होगी। साथ ही, मार्केट में आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। व्यक्तिगत जीवन में, सूर्य गोचर के दौरान आप कुछ बड़े और सख्त निर्णय लेते हुए नज़र आएंगे। आप खुद के द्वारा लिए गए फैसलों को लेकर स्पष्ट और दृढ़ होंगे। हालांकि, आपके निर्णय पारिवारिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। 

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मिथुन राशि 

सूर्य देव का कर्क राशि में गोचर होने से मिथुन राशि के जातकों को अपने भाई-बहनों का हर कदम पर साथ मिलेगा। बता दें कि सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करके आपके दूसरे भाव में रहेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपके भाई-बहन जीवन के हर पहलू में आपकी सहायता करेंगे और अगर आपको आर्थिक मदद की भी आवश्यकता होगी, तब भी वह अपने कदम पीछे नहीं खीचेंगे। दूसरी तरफ, इस अवधि में आपको दोस्तों का भरपूर साथ मिलेगा और जरूरत पड़ने पर वह आपकी मदद के लिए भी आगे आएंगे। ऐसे में, आपका अपना दोस्तों पर विश्वास बढ़ेगा।

जो लोग सरकारी नौकरी करते हैं, उन्हें सूर्य गोचर के दौरान धन लाभ कमाने के कई बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे। वहीं, मिथुन राशि के जो जातक नौकरी करते हैं, उनके वेतन में वृद्धि के योग बनेंगे। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो इस समय आपको अनुकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। हालांकि, यह परिणामों आपकी मेहनत के अनुसार हो सकते हैं। सूर्य गोचर से आपको अच्छा खासा धन लाभ मिलने की संभावना है। 

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह कर्क राशि में गोचर करके आपके दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, सूर्य का कर्क राशि में गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। ऐसे में, आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा और धन-समृद्धि में भी वृद्धि होगी। साथ ही, इस राशि के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में अपार सफलता की प्राप्ति होगी और आपको नए लोगों से जुड़ने का भी मौका मिलेगा।

इस राशि के लोगों को सूर्य के कर्क में उपस्थित होने पर समाज के अमीर और सरकार के प्रभावशाली व्यक्तियों का साथ मिलने से लाभ होगा। सूर्य के गोचर को विशेष रूप से उन लोगों के लिए अच्छा कहा जाएगा जो सरकारी नौकरी करते हैं क्योंकि अब उन्हें अपने काम से उच्च मुनाफा प्राप्त हो सकता है। इसके विपरीत, जो पब्लिक सेक्टर में नौकरी करते हैं, उन्हें कोई उच्च पद मिलने के योग बनेंगे। साथ ही, कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों का व्यवहार आपके प्रति अच्छा रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

तुला राशि 

तुला राशि वालों की कुंडली में सूर्य आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह कर्क राशि में प्रवेश करके आपके दसवें भाव में रहने वाले हैं ऐसे में, सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपके करियर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इन लोगों का प्रदर्शन कार्यक्षेत्र में शानदार रहेगा और फलस्वरूप सहकर्मी आपकी प्रशंसा करेंगे। साथ ही, आप एक अलग पहचान बनाने में सक्षम होंगे। इस दौरान आपको पदोन्नति के साथ-साथ वेतन वृद्धि के अवसर प्राप्त होंगे। कार्यस्थल में सब आपको एक लीडर के रूप में देखेंगे जिससे टीम के सदस्यों के बीच में आपका सम्मान बढ़ेगा। लेकिन, आपको ओवर कॉंफिडेंट होने से बचने की सलाह दी जाती है।

तुला राशि के जो जातक अपना व्यापार करते हैं, उनके लिए सूर्य का कर्क राशि में गोचर मनचाहा लाभ लेकर आएगा। इसके परिणामस्वरूप, आपको बिज़नेस में कुछ बड़े लोगों से नेटवर्किंग से जुड़े अवसर मिल सकते हैं जो आपके कारोबार को बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे जिसके चलते आपका नाम और प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलेगी। साथ ही, वह सेल्स और मार्केटिंग में बेहद सक्रिय होंगे। 

वृश्चिक राशि

सूर्य का कर्क राशि में गोचर वृश्चिक राशि वालों का समाज में मान-सम्मान बढ़ाने का काम करेगा। साथ ही, समाज में आपकी एक अलग पहचान बनेगी। इस राशि के जातक धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए दिखाई देंगे। सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपकी मुलाकात कुछ नए लोगों से करवा सकता है जिनके संपर्क में आने से आपके प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और दूसरे आपकी तारीफ करेंगे। हालांकि, इस दौरान आपको पिता के साथ रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और उनको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं  इसलिए आपको थोड़ा सावधान रहना होगा और पिता की सेहत का ख्याल रखना होगा।

करियर की बात करें, तो यह समय आपके लिए औसत रहने की संभावना है क्योंकि इस दौरान। आपको अचानक से नौकरी में स्थानांतरण या फिर डिपार्टमेंट में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य के कर्क राशि में गोचर की अवधि नौकरी में बदलाव करने की सोच रहे वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगी। जो जातक अपना व्यापार करते हैं, तो उन्हें यह गोचर बिज़नेस के क्षेत्र में अनुकूल परिणाम दिलाने का काम करेगा, विशेष रूप से रियल एस्टेट, ट्रेवल इंडस्ट्री और सरकारी क्षेत्र से जुड़े कार्यों के लिए।

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सूर्य का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों को रखना होगा फूंक-फूंक कर कदम

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह कर्क राशि में गोचर करके आपके आठवें भाव में उपस्थित होंगे। नकारात्मक पक्ष की बात करें, तो इस गोचर को आपके लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान आपको धन के साथ-साथ स्वास्थ्य समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। सूर्य गोचर की अवधि में इन जातकों को पेट दर्द, तेज बुखार और कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो इस समय आपको सावधानी बरतनी होगी, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

इसके अलावा, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश होने से आपके कुछ छिपे हुए रहस्य दुनिया के सामने आ सकते हैं जिसके चलते आपको बदनामी झेलनी पड़ सकती है इसलिए थोड़ा सतर्क रहें। इस अवधि में आपको धैर्य बनाए रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही, किसी भी तरह का कोई बड़ा फैसला लेने से बचें। इसके विपरीत, धनु राशि वालों को ऑफिस में चल रहे षड्यंत्रों का शिकार बनाया जा सकते हैं इसलिए जितना हो सके, दूसरों की बातों या विवादों में पड़ने से बचें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में यह गोचर करके आपके सातवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश आपके वैवाहिक जीवन और बिज़नेस पार्टनरशिप को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकता  है। अगर आप पार्टनरशिप में कोई व्यापार करते हैं, तो आपको कारोबार को संभालने में कुछ अनिश्चितताओं से जूझना पड़ सकता है जिसे आपको बहुत ध्यान से संभालना होगा। बिज़नेस पार्टनर इन लोगों के लिए समस्याओं की वजह बन सकते हैं और इसका सीधा असर आपके व्यापार पर नज़र आ सकता है।

इसके फलस्वरूप, सूर्य गोचर की अवधि में कोई भी महत्वपूर्ण फैसला जल्दबाज़ी में न लें, वरना आपको धन हानि हो सकती है। निजी जीवन को देखें, तो मकर राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में मतभेद जन्म ले सकते हैं। आप दोनों का रवैया आपके झगडे की वजह बन सकता है और ऐसे में, आपके बीच गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। 

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में सूर्य महाराज आपके सातवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके छठे भाव में जा रहे हैं और ऐसे में, यह गोचर आपके लिए नकारात्मक रहेगा। इसके फलस्वरूप, सूर्य के कर्क राशि में होने से इस राशि के जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिससे आप तनाव में आ सकते हैं। आपके पार्टनर के साथ-साथ उनका व्यवहार भी खराब रहने की आशंका है और ऐसे में, आप दोनों के बीच प्रेम में कमी देखने को मिल सकती है। 

हालांकि, इस दौरान आप अपने शत्रुओं को पराजित करने में सक्षम होंगे और आप उन पर जीत हासिल कर सकेंगे क्योंकि सूर्य के कर्क में होने की अवधि में दुश्मन आपका सामना करने में नाकाम रह सकते हैं। लेकिन, यह गोचर कुंभ राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए अनुकूल रहेगा जिससे आपको अपने प्रियजन के करीब आने के अवसर प्राप्त होंगे।

सूर्य का कर्क राशि में गोचर कुंभ राशि के जातकों के खर्चों को बढ़ाने का काम करेगा, परन्तु यह आपके लिए विदेश यात्रा जैस सुनहरे अवसर भी लेकर आ सकता है। अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपको करियर के क्षेत्र में अच्छी सफलता की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपको बहस या वाद-विवाद में हराना आसान नहीं होगा, लेकिन किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए बेकार की बहस में पड़ने से बचना बेहद जरूरी होगा और यह आपके लिए बेहतर भी होगा। जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनके लिए सूर्य का कर्क राशि में गोचर औसत रहेगा।

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सूर्य गोचर के दौरान अवश्य करें ये सरल उपाय

  • रविवार के दिन गुड़, गेहूं और तांबे आदि का दान करें।
  • गरीबों, जरूरमंदों को रविवार के दिन गुड़ बांटें। साथ ही, इस दिन मंदिर में भी गुड़ का दान करें।
  • रविवार को छोड़कर हर रोज़ तुलसी के पौधे को पानी दें। 
  • प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • संभव हो, तो ज्यादा से ज्यादा लाल और नारंगी कपड़े पहनें। 
  • प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल लें और उसमें गुलाब की पंखुड़ियां डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। 

सूर्य का कर्क राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

सरकार एवं राजनीति

  • सूर्य का कर्क राशि में गोचर होने से भारत सरकार के प्रवक्ता और प्रमुख पदों पर आसीन राजनेता बहुत सोच-समझकर बात करते हुए दिखाई देंगे।
  • इस अवधि में राजनीति से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण लोग आगे आकर अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाएंगे।
  • सरकार भिन्न-भिन्न मामलों का बुद्धिमानी से समाधान करने में सक्षम होगी।’

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मीडिया, जर्नलिज्म एवं काउंसलिंग

  • मीडिया, जर्नलिज्म, टीचिंग, फाइनेंस, हेल्थकेयर, शिक्षा आदि से जुड़े क्षेत्रों में भारत और दुनियाभर में व्यापार में बढ़ोतरी होगी।
  • भारत समेत विश्व में ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री में अचानक से तेज़ी देखने को मिलेगी। साथ ही, भारत सहित विदेशों में पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी।
  • ट्रांसलेटर, पब्लिक स्पीकर और मोटिवेशनल स्पीकर आदि लोगों को सूर्य के कर्क राशि में होने से फायदा होगा।   
  • कम्युनिकेशन और बुद्धि से जुड़े क्षेत्र तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेंगे।
  • जिन जातकों का संबंध काउंसलिंग और नर्सिंग आदि से है, उनका प्रदर्शन सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के दौरान अच्छा रहेगा।
  • यह समय टीचर, एजुकेशनलिस्ट, लेखक आदि के लिए शानदार रहेगा।

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सूर्य का कर्क राशि में गोचर के दौरान रिलीज़ होने वाली फिल्में

सूर्य देव को रचनात्मकता का स्वामित्व प्राप्त है और कालपुरुष कुंडली में सूर्य को पांचवें भाव का स्वामी माना गया है जो कि रचनात्मकता का भाव होता है इसलिए जब हम क्रिएटिविटी की बात करते हैं, तो सूर्य का जिक्र करना भी स्वाभाविक हो जाता है। ऐसे में, अब हम आपको जुलाई में होने वाले सूर्य के कर्क राशि में गोचर के दौरान रिलीज़ होने वाली फिल्मों और उनके व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताएंगे। बता दें कि कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं और मनोरंजन एवं फिल्म के कारोबार में चंद्रमा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब हम आपको 16 जुलाई 2024 के बाद रिलीज़ होने वाली फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं। 

रिलीज़ होने वाली फिल्मस्टार कास्टतिथि
बैड न्यूज़विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी19 जुलाई, 2024
तेहरानजॉन अब्राहम,मनुष्य छिल्लर24 जुलाई, 2024
एपीजे अब्दुल कलामबोमन ईरानी24 जुलाई, 2024
हॉन्टेड – घोस्ट्स ऑफ़ द पास्टकोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।27 जुलाई 2027

फ़िल्मी सितारों की कुंडली और फिल्म रिलीज़ की तिथियों के दिन ग्रहों की स्थिति को देखकर हम कह सकते हैं कि बैड न्यूज़ और तेहरान जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम भी बेहतर कर सकती है, लेकिन हॉन्टेड- द घोस्ट्स ऑफ द पास्ट फैंस को निराश कर सकती है और ऐसे में, इसका प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर खराब रहने की आशंका है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कर्क राशि में किस ग्रह को शुभ माना जाता है?

उत्तर 1. कर्क राशि में चंद्रमा की उपस्थिति को शुभ माना जाता है।

प्रश्न 2. क्या कर्क राशि में सूर्य उच्च का होता है?

उत्तर 2. नहीं, सूर्य ग्रह की उच्च राशि मेष है।

प्रश्न 3. कर्क राशि में सूर्य क्या करते हैं?

उत्तर 3. सूर्य कर्क राशि में बैठकर जातक को वफादार बनाते हैं।

 

शुक्र की वजह से खराब होगी 6 लोगों की सेहत, डॉक्‍टर भी पकड़ लेंगे माथा

स्‍त्री तत्‍व वाला ग्रह शुक्र अब 11 जुलाई को 07 बजकर 59 मिनट पर कर्क राशि में उदित होने जा रहे हैं। शुक्र के उदित होने पर सभी राशियों के जीवन में उथल-पुथल आने की संभावना है। चंद्रमा की राशि कर्क शुक्र की शत्रु राशि है।

वैसे तो शुक्र के उदित होने से सभी राशियों के जीवन का हर पहलू प्रभावित होगा लेकिन इस ब्‍लॉग में हम आपको राशियों के स्‍वास्‍थ्य का हाल बताने वाले हैं। इस ब्‍लॉग में बताया गया है कि किन राशियों के लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहने वाला है और किन लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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इन राशियों की सेहत रहेगी अच्‍छी

मेष राशि

मेष राशि के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर के स्वामी हैं। आपको इस समय आंखों को लेकर कोई शिकायत या समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा आपको कोई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। आपका स्‍वास्‍थ्‍य उत्तम रहने वाला है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर के स्वामी हैं। सेहत की बात करें तो इस समय आप बहुत फिट महसूस करेंगे। आपको सेहत को लेकर कोई परेशानी या शिकायत नहीं होगी। आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेंगे।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और बारहवें घर के स्वामी हैं। इस समय आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहने वाला है। सेहत को लेकर आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और ग्यारहवें घर के स्वामी हैं। आपको इस समय स्किन एलर्जी से सावधान रहने की आवश्‍यता है। इसके अलावा आपको कोई अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं। सेहत की बात करें, तो शुक्र के उदित होने के दौरान आप फिट रहने वाले हैं। इस समय आपकी सकारात्‍मक सोच का असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इन राशियों की सेहत में आएगी गिरावट

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर के स्वामी हैं। इस समय आपकी इम्‍युनिटी में कमी आने की आशंका है। इस वजह से आपको कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या घेर सकती है।

मीन साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपको अपनी मां की सेहत को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है। उनके इलाज पर खर्चा हो सकता है।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। सेहत के मामले में आपको इस समय अधिक सतर्क और सावधान रहने की ज़रूरत है। आपको इस समय बुखार हो सकता है इसलिए संभलकर रहें।

धनु साप्ताहिक राशिफल

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं। इस समय आपको अपने पिता के इलाज पर पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। इस वजह से आप थोड़ा परेशान रहने वाले हैं।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें घर के स्वामी हैं। वैसे तो आपकी सेहत इस समयावधि में ठीक रहेगी लेकिन आपको इस दौरान फ्लू की शिकायत हो सकती है। इससे बचकर रहें।

तुला साप्ताहिक राशिफल

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दशम भाव के स्वामी हैं। स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आपको इस समय थोड़ी घबराहट महसूस हो सकती है। इस वजह से आप इस समय ज्‍यादा अच्‍छा महसूस नहीं कर पाएंगे।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

शुक्र को प्रसन्‍न करने के ज्‍योतिषीय उपाय

शुक्र ग्रह को खुश करने के लिए आप निम्‍न ज्‍योतिषीय उपाय कर सकते हैं:

  • आप किसी से भी भी मुफ्त में कोई चीज न लें।
  • विधवा स्त्रियों को मिठाई खिलाने से भी शुक्र मज़बूत होता है।
  • किसी धार्मिक स्‍थल पर शुद्ध देसी घी का दान करें और अपने घर में भी शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें। इससे शुक्र का प्रभाव शांत होता है।
  • शुक्रवार के दिन छोटी कन्‍याओं को सफेद रंग की चीज़ें खिलाएं या दान में दें।
  • बहती हुई नदी में सफेद रंग के पुष्‍प प्रवाहित कर दें।
  • अपने घर से नकारात्‍मकता को दूर करने के लिए आप रोज़ शाम को घर के अंदर कपूर का दीया जलाएं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्‍न. डायबिटीज किस ग्रह के खराब होने पर होती है?

उत्तर. शुक्र की वजह से मधुमेह का रोग हो सकता है।

प्रश्‍न. शुक्र को मज़बूत करने के लिए क्‍या पहनें?

उत्तर. आपको ओपल स्‍टोन पहनना चाहिए।

प्रश्‍न. शुक्र के लिए क्‍या दान करना चाहिए?

उत्तर. सफेद चीज़ों का दान शुक्रवार के दिन करें।

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18 महीनों बाद वृषभ राशि में आएंगे मंगल- इन राशियों की चमकने वाली है किस्मत, अच्छे दिन होंगे शुरू!

ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम, शौर्य, रक्त, ऊर्जा, भूमि, शक्ति आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण ग्रह में कोई भी परिवर्तन होता है तो विशेष रूप से व्यक्ति के जीवन में बदलाव या परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें जल्द ही 12 जुलाई को मंगल ग्रह का वृषभ राशि में महत्वपूर्ण गोचर होने वाला है। ऐसे में अपने खास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताने का प्रयत्न करेंगे कि मंगल का गोचर कैसे सभी राशियों पर प्रभाव डालने वाला है और साथ ही जानेंगे इस दौरान किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी।

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मंगल का वृषभ राशि में गोचर- क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात करें समय की तो 18 महीने बाद होने वाला मंगल का वृषभ राशि में यह गोचर 12 जुलाई को 19:03 पर होने वाला है। मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर तकरीबन 18 महीनों के बाद होने जा रहा है जिससे स्वाभाविक रूप से कुछ राशियों को शुभ परिणाम मिलेंगे तो वहीं कुछ राशियों को इसके नकारात्मक परिणाम भी उठाने पड़ सकते हैं। 

चलिए अपने खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि सभी 12 राशियों पर मंगल के इस गोचर का कैसा परिणाम देखने को मिलेगा। साथ ही जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपायों की भी जानकारी।

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इन तीन राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा मंगल का गोचर

मेष राशि: मंगल का यह अहम गोचर मेष राशि की जातकों के लिए बेहद ही शुभ रहेगा। मंगल आपकी ही राशि के स्वामी हैं। ऐसे में इस दौरान सरकारी नौकरी के योग बनेंगे, जो लोग पहले से सरकारी नौकरी नौकरी में कार्यरत हैं उन्हें भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे, आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी, कारोबारी जातकों को फंसा हुआ धन वापस मिलेगा। 

वृषभ राशि: दूसरी जिस राशि के लिए मंगल का गोचर शुभ रहने वाला है वह है वृषभ राशि। इस दौरान वृषभ राशि के जातकों के जीवन में शौर्य और पराक्रम की वृद्धि होगी, धन सम्मान बढ़ेगा, कारोबारी जातकों को लाभ मिलेगा, नौकरी पेशा जातकों को सफलता मिलेगी और जो लोग अपने करियर में आगे बढ़ने का विचार कर रहे हैं उन्हें नया ऑफर मिल सकता है। 

कर्क राशि: तीसरी और आखिरी जिस राशि के लिए मंगल का यह गोचर अति शुभ रहने वाला है वह है कर्क राशि। इस दौरान कर्क राशि के जातकों की आय में बढ़ोतरी होगी, धन कमाने के कई स्त्रोत आपके रास्ते में आएंगे, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बैंक बैलेंस में इजाफा होगा, कारोबारियों को लाभ होगा और अगर आप कहीं निवेश करते हैं इससे भी आपको लाभ मिलेगा।

कपल होरोस्कोप

क्या यह जानते हैं आप? अगर मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होते हैं ऐसे व्यक्तियों शत्रुओं से भय, जमीन संबंधी विवाद, कर्ज आदि की समस्या उठानी पड़ती है। इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल पीड़ित हो तो व्यक्ति को रक्त से संबंधित परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है, विवाह में देरी होने लगती है, आदि। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार मंगल से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय करने की सलाह देते हैं। जैसे, 

  • मंगल को मजबूत करने के लिए सबसे आसान उपाय है बजरंगबली को खुश करना। ऐसे में बजरंगबली की नियमित रूप से पूजा करें।
  • मंगलवार के दिन कम से कम दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • मंगल ग्रह कमजोर हो तो कम से कम 12 या 21 मंगलवार का उपवास करें। 
  • इसके अलावा मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए गेहूं, मसूर की दाल, कनेर का फूल, गुड, लाल कपड़ा, तांबा, सोना आदि का दान भी किया जा सकता है।

12 वर्षों बाद होगी अद्भुत युति 

अधिक जानकारी: 12 जुलाई को होने वाले मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से वृषभ राशि में गुरु और मंगल की महत्वपूर्ण युति भी होने वाली है। ज्योतिष के अनुसार जब भी ग्रहों की युति होती है तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, 1 मई को देवगुरु बृहस्पति ने 12 वर्षों बाद वृषभ राशि में गोचर कर लिया है। इसके बाद जुलाई के महीने में मंगल देव वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में गुरु ग्रह और मंगल ग्रह की युति बनने जा रही है जो कि 12 वर्षों बाद बनेगी। 

गुरु-मंगल युति: अर्थ और महत्व 

ज्योतिष के अनुसार जब भी गुरु और मंगल की युति होती है तो इससे गुरु मंगल योग बनता है जो की एक बेहद ही शुभ योग माना जाता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में उच्च पद और आर्थिक लाभ दोनों प्राप्त होते हैं। गुरु मंगल की युति वाला व्यक्ति काफी निपुण होता है, साथ ही ऐसे लोग बेहद ही ज्ञानी, तर्कशील और बातचीत में निपुण होते हैं। इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में मंगल गुरु का योग होता है ऐसे लोगों की नेतृत्व क्षमता शानदार होती है, उन्हें ज्ञान की अच्छी समझ होती है। 

ऐसे लोग अपने ज्ञान से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। हालांकि कई बार इनका क्रोध लोगों को हैरान कर देता है। गुरु मंगल योग (Guru Mangal Yoga) वाले जातक उच्च शिक्षा हासिल करते हैं और पढ़ाई के प्रति हमेशा जागरूक रहते हैं। धार्मिक कार्यों में, पूजा पाठ में, उनका मन लगता है। कुंडली में गुरु न्याय का और मंगल को क्रूर ग्रह का दर्जा दिया है ऐसे में गुरु मंगल की युति व्यक्ति को कानून और पुलिस से सहयोग की दिलवाने का काम करती है।

क्या आपकी कुंडली में है गुरु-मंगल योग? जानने के लिए अभी ज्योतिषियों से प्रश्न करें

मांगलिक दोष कैलकुलेटर – मांगलिक दोष के लक्षण

मंगल का वृषभ राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और बारहवें भाव का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल बारहवें और पंचम भाव का स्वामी है और आपके छठे...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और इस ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और इस ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: मंगल ग्रह का क्या महत्व है?

उत्तर: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम, शौर्य, रक्त, ऊर्जा, भूमि, शक्ति आदि का कारक माना जाता है। 

प्रश्न 2: मंगल का वृषभ में गोचर कब होगा?

उत्तर: 18 महीने बाद होने वाला मंगल का वृषभ राशि में यह गोचर 12 जुलाई को 19:03 पर होने वाला है।

प्रश्न 3: मंगल के वृषभ में गोचर से कौन सी युति होगी?

उत्तर: 12 जुलाई को होने वाले मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से वृषभ राशि में गुरु और मंगल की महत्वपूर्ण युति भी होने वाली है।

लाइफ में पाना चाहते हैं हर सुख और करियर में तरक्की? तो भूलकर भी न करें इन ग्रहों को नाराज़!

हर व्यक्ति की चाह होती है कि उसे जीवन में हर सुख मिले फिर चाहे करियर में सफलता हो या लाइफ में मिलने वाली खुशियां हों। इंसान अपने इस सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन फिर भी कई बार वह अपना मनचाहा मुकाम पाने में पीछे रह जाता है। बता दें कि जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए कुंडली में ग्रहों का शुभ होना भी बेहद जरूरी होता है क्योंकि ग्रहों की कृपा ही मनुष्य को रंक से राजा बनाने का सामर्थ्य रखती है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको उन ग्रहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें लाइफ में खुशियां और करियर में सफलता पाने के लिए प्रसन्न रखना आवश्यक होता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं उन ग्रहों के बारे में। 

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जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए इन ग्रहों को कुंडली में करें मज़बूत 

बृहस्पति ग्रह देते हैं नौकरी में प्रगति

बृहस्पति महाराज को देवताओं के ‘गुरु’ के नाम से जाना कहा जाता है। राशिचक्र में जहां यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं, तो वहीं गुरु ग्रह को पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त है। बृहस्पति देव को ज्ञान, संतान, शिक्षा, धार्मिक कार्य, धन, और वृद्धि आदि के कारक माना गया है। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि गुरु ग्रह वृद्धि और प्रगति के कारक ग्रह हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ऐसे में. जो जातक अपनी नौकरी में तरक्की प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी कुंडली में बृहस्पति ग्रह को बलवान करना होगा। इन्हें भाग्य और ज्ञान का कारक भी कहा गया है। इसके फलस्वरूप, जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं, तो ऐसे लोग अपनी नौकरी और करियर दोनों में खूब तरक्की हासिल करते हैं। साथ ही, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति दसवें भाव में मौजूद होते हैं, तो आपको बहुत अच्छी नौकरी की प्राप्ति होती है। 

सूर्य के आशीर्वाद से मिलती है नौकरी में सफलता

हिंदू धर्म में सूर्य देव को देवता का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यह पूरे संसार को जीवन प्रदान करते हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह नौकरी में उच्च पद और समाज में मान-सम्मान का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यक्ति के भीतर नेतृत्व करने की क्षमता को भी दर्शाते हैं। इन्हें राशि चक्र में सिंह राशि पर  आधिपत्य प्राप्त है। यह मेष राशि में उच्च और तुला राशि में नीच के होते हैं।

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

इस प्रकार, जो लोग नौकरी के क्षेत्र में तरक्की और सफलता पाना चाहते हैं, उनके लिए कुंडली में सूर्य देव को मजबूत करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप नौकरी में सफलता प्राप्ति के इच्छुक हैं, तो आपके लिए सूर्य देव की उपासना करना फलदायी साबित होगा। सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति पर सूर्य देव का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही, प्रतिदिन सूर्य महाराज को जल अर्पित करते हुए ग्यारह बार “ॐ ह्रीं सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। 

जीवन में न हो खुशियां कम, इसके लिए न करें इन ग्रहों को नाराज़ 

सूर्य पुत्र शनि न्याय के देवता कहे गए हैं और इन्हें ज्योतिष में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। मनुष्य शनि ग्रह के नाम से भी भयभीत हो जाते हैं क्योंकि यह मनुष्य को राजा से रंक बनाने में सक्षम होते हैं। बता दें कि शनि देव को दुख, रोग, कष्ट, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, कर्मचारी, श्रमिक आदि के कारक माने जाते हैं। साथ ही, यह राशि चक्र में मकर और कुंभ राशि के स्वामी भी हैं। शनि महाराज व्यक्ति के जीवन में बड़े उलटफेर लेकर आने की क्षमता रखते हैं।  

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लेकिन, किसी व्यक्ति के जीवन की खुशियों को प्रभावित करने में शनि देव के अलावा दूसरे ग्रह भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन ग्रहों में साहस और पराक्रम के ग्रह मंगल तथा छाया ग्रह राहु व केतु का नाम भी शामिल हैं। नवग्रहों में से शनि, मंगल, राहु और केतु यह चार ग्रह ऐसे हैं जो किसी रिश्ते को ख़राब कर सकते हैं। बता दें कि यदि किसी जातक की कुंडली में यह चारों ग्रह एक साथ एक भाव में मौजूद होते हैं, तो रिश्ते में खटास और कड़वाहट बनाए रखने का काम करते हैं। 

यह आपके जीवन का हर रिश्ता चाहे वह दोस्ती हो, प्रेम संबंध हो, भाई-बहन का रिश्ता हो या फिर पति-पत्नी का रिश्ता हो आदि बिगाड़ सकते हैं। आपके बीच हमेशा टकराव की स्थिति बनी रह सकती है। यदि आप जीवन में खुशियां बनाए रखना चाहते हैं, तो कभी भी इन ग्रहों को कुपित न करें और इन्हें सदैव प्रसन्न रखें, तभी आप एक सुख-शांति से पूर्ण जीवन जी सकेंगे। 

नक्षत्र भी करते हैं जीवन को प्रभावित 

मनुष्य जीवन को सिर्फ ग्रह ही प्रभावित नहीं करते हैं, बल्कि नक्षत्रों का प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। साथ ही, इनका असर हमारे रिश्तों पर भी दिखाई देता है। जहां कुंडली में किसी नक्षत्र  की कमज़ोर या अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में निराशा और मायूसी लेकर आ सकती है। वहीं, इनके शुभ होने पर जीवन में खुशहाली और खुशियां दोनों बनी रहती हैं। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. मंगल ग्रह का स्वामी कौन हैं?

उत्तर 1. हनुमान जी को मंगल ग्रह के स्वामी माना जाता है। 

प्रश्न 2. राहु को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर 2. कौवों को भोजन कराने से राहु ग्रह प्रसन्न होते हैं।

प्रश्न 3. शनि ग्रह इस समय किस राशि में है?

उत्तर 3. शनि देव वर्तमान समय में कुंभ राशि में उपस्थित हैं।

72 साल बाद सावन मास में बन रहा है दुर्लभ राजयोग, तीन लोगों पर बरसेगी भोलेनाथ की कृपा

हिंदू धर्म में सावन माह का अत्‍यंत महत्‍व है। यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए होता है। स्‍कंदपुराण के अनुसार भगवान शिव को सभी महीनों में से सावन का महीना सबसे अच्‍छा लगता है। इस दौरान भगवान विष्‍णु निद्रा में होते हैं और संसार की बागडोर भगवान शिव के हाथ में रहती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू धर्म का पांचवां महीना होता है और अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार सावन माह जुलाई-अगस्‍त में आता है। हर साल आषाढ़ मास के खत्‍म होने के बाद सावन के महीने की शुरुआत होती है। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई, 2024 से लेकर 19 अगस्‍त तक रहेगा। इस दौरान एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। कई वर्षों के बाद ऐसा हो रहा है, जब सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है और इसका समापन भी सोमवार को ही हो रहा है।

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सावन के पहले सोमवार को प्रीति योग, आयुष्‍मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा सावन के महीने में शुक्रादित्‍य योग, बुधादित्‍य योग, नवपंचम योग, गजकेसरी योग, कुबेर योग, शश योग भी बन रहे हैं। इस प्रकार इस बार का सावन मास अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण हो जाता है।

शुभ योग एवं राजयोग बनने से कुछ खास राशियों के लोगों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। इस ब्‍लॉग में हम आपको उन्‍हीं राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके लिए इस बार का सावन मास बहुत फायदेमंद साबित होगा।

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इन राशियों के लिए सावन मास रहेगा शुभ

मेष राशि

मेष राशि के लोगों के लिए सावन का महीना बहुत शुभ रहने वाला है। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। परिवार के साथ अच्‍छा समय बिताने का मौका मिलेगा। यदि लंबे समय से आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह भी पूरा हो सकता है। परिवार में कोई समस्‍या चल रही है, तो अब वह भी समाप्‍त हो जाएगी।

भगवान शिव की कृपा से आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। निवेश करने के लिए भी अनुकूल समय है। इस समय किए गए निवेश से आपको मोटा लाभ हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को भी इस दौरान लाभ होने की संभावना है।

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सिंह राशि

यदि आपकी सिंह राशि है, तो आपके लिए सावन मास बहुत ही ज्‍यादा शुभ और मंगलकारी सिद्ध होने वाला है। आपके जीवन में इस समय खूब खुशियां आने वाली हैं। करियर के क्षेत्र में आपको अपार सफलता मिलने के योग हैं। इसके साथ ही अब आपकी नौकरी की तलाश भी खत्‍म हो सकती है।

कार्यक्षेत्र में आपके शानदार प्रदर्शन की वजह से आपको पदोन्‍नति या वेतन में वृद्धि भी मिल सकती है। आपके लिए व्‍यापार में अपार सफलता मिलने के संकेत मिल रहे हैं। आप अपने लिए नया वाहन या प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। कुल मिलाकर सावन माह आपके लिए ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आ रहा है।

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मकर राशि

सावन के महीने में मकर राशि के लोगों को भगवान शिव की विशेष कृपा मिलने वाली है। आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही आपके अटके हुए काम भी पूरे होंगे। समाज में आपका मान-सम्‍मान बढ़ेगा और लोग आपकी प्रशंसा करेंगे।

सावन के महीने में आपकी अध्‍यात्‍म में रुचि बढ़ सकती है। आप किसी धार्मिक स्‍थल की यात्रा करने भी जा सकते हैं। आपको इस महीने में सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्‍त होंगे। इस दौरान आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद उठाएंगे।

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श्रावण मास के लिए ज्‍योतिषीय उपाय

इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए आप निम्‍न ज्‍योतिषीय उपाय कर सकते हैं:

  • भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। बेलपत्र अर्पित करते समय उसकी तीनों पत्तियों में सफेद चंदन लगा दें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपको अपने भाग्‍य का साथ नहीं मिल पा रहा है, तो आप सावन के मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। मंदिर में नंदी की मूर्ति के पीछे के पैर छुएं। 
  • जिन लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही है, वे एक धतूरा लें और उसे हल्‍दी के लेप में लपेट दें। इसे भगवान शिव को चढ़ा दें। इस उपाय को करने से आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न. सावन 2024 कब से शुरू हो रहे हैं?

उत्तर. सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है।

प्रश्‍न. सावन में किस भगवान की पूजा होती है?

उत्तर. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है।

प्रश्‍न. शिवजी को सबसे प्रिय क्‍या है?

उत्तर. शिवजी को धतूरा और आंकड़ का फूल पसंद है।

प्रश्‍न. श्रावण में क्‍या नहीं करना चाहिए?

उत्तर. इस समय शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।

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मंगल गोचर से बनेगा बेहद घातक पाश्विक राजयोग, मिथुन समेत इन तीन राशियों को रहना होगा सावधान!

मंगल महाराज को युद्ध, साहस एवं पराक्रम के कारक ग्रह माना गया है और ऐसे में, यह मनुष्य जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं जो कि एक निश्चित समय के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। मंगल ग्रह लगभग हर 45 दिन के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। अब यह जल्दी ही मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का वृषभ राशि में गोचर में बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस गोचर से एक अशुभ राजयोग बनने जा रहा है और ऐसे में, यह कुछ राशियों के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।

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मंगल गोचर से बनेगा अशुभ पाश्विक राजयोग  

जब-जब मंगल ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है, तो यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, अब मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, मंगल के राशि परिवर्तन का असर हर इंसान के जीवन पर किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देगा। हालांकि, मंगल के गोचर से बेहद खतरनाक पाश्विक राजयोग बनने जा रहा है और यह अशुभ राजयोग सबसे ज्यादा मिथुन राशि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। लेकिन, मिथुन राशि के अलावा ऐसी दो राशियां भी हैं जिनके जीवन में इस राजयोग की वजह से अनेक तरह की समस्याएं जन्म ले सकती हैं। तो चलिए नज़र डालते हैं पाश्विक योग से प्रभावित होने वाली राशियों पर।

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पाश्विक राजयोग से इन 3 राशियों की कदम-कदम पर बढ़ेंगी समस्याएं 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि का नाम उस सूची में सबसे पहला है जिनके लिए कुंडली में बनने वाला पाश्विक योग सबसे ज्यादा अशुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको जीवन के बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, अगर आपके लिए कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना आवश्यक है, तो किसी बड़े से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें, तब आपको नुकसान होने की संभावना बेहद कम है।

आज का गोचर 

जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उन्हें वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है और साथ ही, इस दौरान बेकार का क्रोध करने से बचें। इन लोगों को थोड़ा सतर्क रहना होगा क्योंकि आपके माता-पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जिसके चलते आप चिंतित नज़र आ सकते हैं। इस वजह से आपको काफ़ी धन खर्च करना पड़ सकता है। वहीं, इस राशि के नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर थोड़ी सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आपके सामने एक के बाद एक समस्याएं आ सकती हैं।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए पाश्विक राजयोग ज्यादा फलदायी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मंगल का गोचर वृषभ राशि के नौवें भाव में होने जा रहा हैं। इसके परिणामस्वरूप, कन्या राशि के शादीशुदा जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप पार्टनर के साथ बेकार के वाद-विवाद में पड़ सकते हैं जिसके चलते आप दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। 

लेकिन, अगर आप शांतिपूर्वक रहेंगे, तो आपका जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहने के आसार है। इस अवधि में इन जातकों के खर्चों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जिसकी वजह से आप बहुत परेशान नज़र आ सकते हैं। अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो आपको सावधान रहना होगा, अन्यथा आपको आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस दौरान आपसे कोई कीमती सामान खो या फिर चोरी हो सकता है इसलिए सतर्क रहें। कन्या राशि वालों की रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी।

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए भी पाश्विक राजयोग अशुभ परिणाम लेकर आ सकता है क्योंकि आपकी राशि के छठे भाव में मंगल गोचर करने जा रहा है। इसके फलस्वरूप, यह राजयोग आपकी आर्थिक स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और आपके खर्चें बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आपको कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है। जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें कार्यस्थल पर सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आप वरिष्ठ अधिकारियों या सहकर्मियों के साथ मतभेद या वाद-विवाद में पड़ जाएं। 

यह लोग उग्र स्वभाव के होते हैं इसलिए थोड़ा संभलकर आगे बढ़ें। इस दौरान आपके पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर मतभेद या बहस होने की आशंका है। धनु राशि वालों का स्वास्थ्य नाज़ुक रह सकता है इसलिए आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। इसके विपरीत, आपके करियर में परेशानियां बनी रह सकती हैं और ऐसे में, आपको बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा। 

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कुंडली में कमज़ोर मंगल के लक्षण

बार-बार क्रोध आना: जिन जातकों की कुंडली में मंगल कमज़ोर होते हैं, उनको बार-बार बेवजह की बातों पर गुस्सा आने लगता है और इनके स्वभाव में चिढ़चिढ़ापन बढ़ने लगता है। अशुभ मंगल आक्रामकता और क्रोध की वजह बनता है।

नई शुरुआत से करते हैं परहेज़: कमज़ोर मंगल की वजह से आप अपने जीवन में नई चीजों पर हाथ आजमाने से डरते है और यह लोगों से मिलना भी पसंद नहीं करते हैं। साथ ही, कुंडली में मंगल की दुर्बलता जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं का कारण बनती है।

व्यक्ति में जन्म लेता है अहंकार: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर होता है, उनमें  ईर्ष्या और अहंकार की भावना देखने को मिलती है। साथ ही, आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं विशेषकर पाचन की समस्या परेशान करने लगती है।

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इन उपायों से मज़बूत होंगे कुंडली में मंगल

  • कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर तीन, पांच या सात माला “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” मंत्र का जाप करें।
  • मंगलवार के दिन व्रत करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है।
  • मंगल ग्रह के अशुभ होने पर मंगलवार के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल मिलाकर सिंदूर अर्पित करें।
  • मंगल को बलवान करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाना शुभ रहता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कुंडली में राजयोग होने पर क्या होता है?

उत्तर 1. किसी व्यक्ति की कुंडली में जन्म से राजयोग होने पर व्यक्ति राजा की तरह अपना जीवन जीता है।

प्रश्न 2. कुंडली में राजयोग कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर 2. ज्योतिष शास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग के बारे में बताया गया है।

प्रश्न 3. मंगल किस राशि में गोचर करेंगे?

उत्तर 3. मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे।

ये बुरी आदतें पड़ सकती हैं आप पर भारी, हो सकते हैं ग्रह दोष के शिकार!

बचपन से ही हम सबके अंदर कुछ न कुछ आदतें बनने लगती है। हर किसी के अंदर कुछ बुरी और कुछ अच्छी आदतें होती हैं। अच्छी आदतें हमें सफल होने में मदद करती हैं, जबकि वहीं बुरी आदतें हर किसी के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। कुछ बुरी हैबिट्स ऐसी होती हैं जो दूसरों के साथ खुद को भी परेशान कर सकती हैं और ये बुरी आदतें आपके जीवन की खुशियों तक छीन सकती है। 

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति के साथ व्यक्ति की कुछ आदतें जीवन की प्रगति में बाधा पैदा कर सकती है। इसके लिए व्यक्ति को अपनी डेली रूटीन में कुछ आदतों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए। दरअसल, किसी इंसान की ये बुरी आदतें ग्रह दोष को पैदा कर सकते हैं। जिसकी वजह से जीवन में कई प्रकार की हानि उठानी पड़ सकती है। यहां तक की जातकों के बनते काम बिगड़ सकते हैं।

तो चलिए एस्ट्रोसेज से इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि ऐसी कौन सी आदतें है, जिससे हर किसी को बचना चाहिए और इसका हमारे जीवन पर क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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इन आदतों से बिगड़ सकते हैं आपके ग्रह दोष

शराब पीना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को मदिरा शराब पीने की आदत है तो यह ग्रह दोष का कारण बन सकती है। दरअसल शराब के नशे में व्यक्ति अपने से कमज़ोर व्यक्ति को सताता है और बुरा व्यवहार भी करने लगता है। ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह कमज़ोर हो सकता है। शनि को न्याय का देवता कहते हैं और ये जातक को कर्म के हिसाब से फल देते हैं। ऐसे में शनि की कमज़ोर स्थिति आपके जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो उसे कभी भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

देर से उठना

कुछ लोगों की आदत होती है देर रात सोने और फिर देर तक उठने की, ज्योतिष शास्त्र में देर तक अच्छा नहीं माना गया है। एक कहावत भी आपने जरूर सुनी होगी- ‘जो सोया वो खोया, जो जागा वो पाया’। यह वाकई सच है। यदि आप सुबह देर से उठते हैं तो यह भी ग्रह दोष का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सुबह में देर से उठना कुंडली में सूर्य दोष का कारण बन सकता है।

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अपने से बड़ों का अपमान

अपने से बड़ों का अपमान करना भी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों में बड़ों या फिर अपने गुरु का अपमान करने की आदत है तो यह भी कुंडली में ग्रह दोष का कारण बन सकता है। दरअसल यह कुंडली में बृहस्पति दोष को उत्पन्न करने का काम करती है। यदि व्यक्ति की कुंडली में गुरु दोष आ जाए तो उसे करियर में हमेशा उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और लाख कोशिशों की बाद भी असफलता ही हाश लगती है इसलिए हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करना चाहिए।

बेजुबानों को न करें परेशान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप किसी बेजुबान जानवर को तंग कर रहे हैं तो यह भी कुंडली में केतु ग्रह को कमज़ोर करता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के जीवन में अशांति फैल जाती है जिसकी वजह से मानसिक तनाव के साथ कई परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती है। यदि आप घर पर जानवर पालते हैं और उसके साथ बदसलूकी करते हैं, तो आशंका है कि ऐसा करने से आपको जीवन में कभी भी सुख व शांति की प्राप्ति नहीं होती।

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स्त्रियों का अपमान करना

यदि आप स्त्रियों का अपमान करते हैं, माता के साथ आपके संबंध खराब हैं और आप उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब हो सकती है। इसके साथ ही पानी की बर्बादी करने वालों से भी चंद्रदेव नाखुश रहते हैं इसलिए चंद्रमा को मजबूत करना चाहते हैं तो ये आदतें तुरंत छोड़ दें।

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आस-पास गंदगी करना 

यदि आप रोजाना अपने पार्टनर से झगड़ा करते हैं या मारपीट करते हैं तो ऐसे में, आप शुक्र दोष से प्रभावित हो सकते हैं। शुक्र दोष के प्रभाव से आप भौतिक सुखों से वंचित रह सकते हैं और आर्थिक जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही अगर आप साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते और मैले कपड़े पहनते हैं तो शुक्र की स्थिति कुंडली में खराब हो सकती है और आप कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से घिर सकते हैं।

झूठ बोलना या गलत काम करना

यदि आपके अंदर झूठ बोलने की आदत है या आप अवैध कार्यों में लिप्त हैं तो आप राहु दोष से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसे में, आपके कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती है। वहीं यदि आप दूसरों की सफलता से जलते हैं तो राहु दोष से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। राहु दोष के कारण आपके काम बनते बनते बिगड़ने सकते हैं और मेहनत करने के बाद भी आपको मनचाही सफलता प्राप्त नहीं होती।

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भाई-बहनों से झगड़ा करना

जो लोग अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध बनाकर नहीं रखते और लड़ाई-झगड़ा करते हैं, वे मंगल दोष से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे जातक कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं। वे किसी लंबी बीमारी से भी ग्रस्त हो सकते हैं। मंगल को मजबूत करने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना चाहिए और भाई-बहनों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर 1. रोज स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।प्रश्न 1. ग्रह दोष कैसे दूर करें?

प्रश्न 2. कौन सा भगवान सभी ग्रहों को नियंत्रित करता है?

उत्तर 2.  धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सभी नौ ग्रह के भगवान शिव के अधीन रहते हैं।

प्रश्न 3.ग्रहों के राजा कौन है?

उत्तर 3. सूर्य ग्रहों के राजा है।

प्रश्न 4. कौन सा ग्रह मान सम्मान दिलाता है?

उत्तर 4. सूर्य को माना जाता है ग्रहों का राजा।

राहु को प्रिय है ये नंबर, इन लोगों पर रहते हैं मेहरबान; हर हाल में देते हैं सफलता

ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक ज्योतिष भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी प्रदान करता है। अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम से आपके भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। हिंदी में अंक ज्योतिष को अंक शास्त्र कहते हैं जबकि अंग्रेजी में न्यूमेरोलॉजी कहा जाता है। बता दें कि 1 से लेकर 9 तक के अंकों का संबंध नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरु, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरुण, शनि और मंगल आदि से होता है। इसी क्रम में, हम आपको एक ऐसे अंक के बारे में बताने जा रहे हैं जो राहु को अति प्रिय हैं और इस अंक से जुड़े लोगों पर वह सदा अपनी कृपा बनाए रखते हैं। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको राहु के पसंदीदा अंक 4 से जुड़ें रोचक तथ्यों के बारे में अवगत करवाएगा। 

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आइए शुरुआत करते हैं इस लेख की और जानते हैं कौन सा है वह अंक जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि अंक ज्योतिष में किसी की जन्म तिथि के माध्यम से उसके मूलांक और उसके भविष्य के संबंध में जान सकते हैं। ऐसे में, अंक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका रिश्ता हमारी जन्म तिथि से लेकर एनिवर्सरी तक से होता है। अंकों की सहायता से करियर, प्रेम जीवन, आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है। अब हम बात करते हैं राहु के प्रिय अंक 4 की।

आज का गोचर 

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राहु की कृपा से अंक 4 वालों की लाइफ रहती है धन-धान्य, वैभव एवं ऐश्वर्य से पूर्ण

दिमाग होता है तेज़: जिन जातकों का जन्म किसी भी महीने की 13, 4, 22 और 31 तारीख को हुआ है, तो आपका अंक 4 होगा और इस अंक के स्वामी ग्रह राहु हैं। जो जातक अंक 4 के अंतर्गत आते हैं, वह लोग  बहुत एक्टिव होते हैं और इन जातकों का दिमाग बेहद तेज़ होता है। इनके सामने चाहे कितनी ही मुश्किल परिस्थितियां आ जाएं, यह कभी घबराते नहीं हैं और हर स्थिति को बहुत आसानी से संभाल लेते हैं।

रखते हैं तार्किक सोच:  यह जातक अपने आगे किसी की चालाकी को चलने नहीं देते हैं और इनके साथ अगर कोई चालाकी करने की कोशिश करता है, तो यह परिस्थितियों को पहले से समझकर सावधानी बरतकर बच जाते हैं। यह हर बात को तार्किक होकर सोचते हैं इसलिए इन्हें मूर्ख बनाना आसान नहीं होता है।

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बनते हैं अच्छे राज़दार: जिन लोगों का अंक 4 होता है, उनसे आप बेझिझक होकर अपने राज़ शेयर कर सकते हैं क्योंकि इन्हें दूसरे के सीक्रेट्स को अपने दिल के अंदर छिपाना बहुत अच्छे से आता है। यह जातक बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन अगर ये कुछ ठान लेते हैं, तो इनका इरादा बदलना बेहद मुश्किल होता है। इन लोगों को अपनी पसंद-नापसंद होती है जिन्हें बदलना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।

इन क्षेत्रों में बनाते हैं करियर: अंक 4 वाले जातक अपना करियर एंकर, कानून, पत्रकार, रिपोर्टर, मीडिया,आईटी और मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में बनाते हैं। इन क्षेत्रों में इनकी पकड़ बहुत मज़बूत होती है। लेकिन, इन लोगों के लिए ओवर कॉंफिडेंट होना हानिकारक साबित होता है इसलिए आपको अति आत्मविश्वासी होने से बचना चाहिए, अन्यथा ओवर कॉन्फिडेंस आपके लिए गलती की वजह बन सकता है।

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पहले से जारी कामों में मिलती है सफलता: ज्योतिष के अनुसार, जो जातक मूलांक 4

के तहत आते हैं, तो आपके अंक के स्वामी राहु हैं। इस मूलांक के जो लोग किसी काम की शुरुआत खुद करेंगे, तो उन्हें उसमें सफलता मिलने की संभावना है। लेकिन, अगर पहले से जारी किसी कार्य को अपने हाथ में लेते हैं, तो आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इन लोगों को पूरी तरह से तैयार रूप रेखा मिलने पर आपको कामयाबी मिल सकती है। अंक 4 वाले बहुत जिद्दी और अड़ियल स्वभाव के होते हैं। कल्पनाशक्ति की कमी होने के कारण इनका यह रूप पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर हो जाता है। ऐसे जातकों से काम निकलवाना  बहुत मुश्किल होता है।

अंक 4 वालों के लिए शुभ रंग: मूलांक 4 वालों के लिए नीला, हरा, लाल और गुलाबी आदि रंग शुभ होते हैं क्योंकि इन रंगों से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। लेकिन, इन जातकों को काले रंग से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. राहु खराब होने पर क्या होता है?

उत्तर 1. राहु के कमज़ोर होने पर मनुष्य का दिमाग असंतुलित हो जाता है और वह भ्रमित रहने लगता है।

प्रश्न 2. राहु का लकी नंबर क्या है?

उत्तर 2. मूलांक 4 के जातकों के लिए राहु बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है क्योंकि अंक 4 का स्वामी राहु है।

प्रश्न 3. राहु के लिए कौन सा नंबर अच्छा है?

उत्तर 3. अंक ज्योतिष के अनुसार, अंक 4 का संबंध राहु ग्रह से है और यह चतुर, ऊर्जावान, नेतृत्व क्षमता और ज्ञान से पूर्ण व्यक्ति को दर्शाते हैं।

प्रश्न 4. राहु के लिए कौन सी राशि अच्छी है?

उत्तर 4. मिथुन राशि में राहु उच्च और धनु राशि में नीच के होते हैं। राहु कन्या, कुंभ राशि और तीसरे, छठे एवं ग्यारहवें भाव में मज़बूत होते हैं।