बुध वृश्चिक में वक्री: इन तीन राशियों को हो सकती है पैसों की तंगी
बुध वक्री 2024: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं जल्द ही वक्री होने वाले बुध से संबंधित यह खास ब्लॉग। इस ब्लॉग में हम आपको 26 नवंबर, 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री हो रहे बुध से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि बुध के वक्री होने पर राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और इसका व्यास लगभग 4,880 किलोमीटर है। इस ग्रह की संचरना चट्टानी है और बुध की कक्षा अंडाकार है एवं इसे सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 88 दिन लगते हैं। बुध अपनी धुरी पर धीरे-धीरे घूमता है और इसे एक चक्कर पूरा करने में 59 दिन लगते हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध व्यक्ति के संचार कौशल, ज्ञान और बौद्धिक प्रक्रियाओं से है। ये बुध के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय पहलुओं में से एक हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को संचार का कारक भी कहा जाता है एवं कुंडली में बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है कि हम अपने विचारों और भावनाओं को किस तरह से नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा हमारा बात करने का तरीका भी बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है। यह संचार के लगभग हर प्रकार को प्रभावित करता है जिसमें लिखना और बोलना भी शामिल है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: समय
26 नवंबर, 2024 को बुध अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में शाम 07 बजकर 39 मिनट पर वक्री होंगे। तो चलिए जानते हैं कि बुध के वक्री होने से राशियों और देश-दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।
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बुध वृश्चिक राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं। अब बुध वृश्चिक राशि में वक्री होने पर आपके सातवें भाव में रहेंगे। बुध के वक्री होने के दौरान शिक्षकों, कोच, प्रशिक्षक, कंसल्टेंट, थेरेपिस्ट, सलाहकार, वकील, अभिनेता, वक्ता, पत्रकार और ब्लॉगर आदि को अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
इस दौरान आप खूब पैसा कमाएंगे और आपके साथ आपका बिज़नेस पार्टनर अच्छा व्यवहार करते हुए नज़र आएंगे। आपको अपने बिज़नेस पार्टनर का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। यदि व्यक्ति की कुंडली में बुध पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो मोटा पैसा कमाने के लिए यह समयावधि शानदार रहने वाली है।
वक्री होने पर बुध सिंह राशि के चौथे भाव में रहेंगे। बुध सिंह राशि के जातकों के लिए उनके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आप अपने घर-परिवार में सुधार करने के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं। आप घर या कार को रेनोवेट करवाने, घर के लिए कोई नया उपकरण खरीदने या घर पर पार्टी रखने या दोस्तों से मिलने-जुलने के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं। बुध ग्रह सिंह राशि के जातकों के वित्त को नियंत्रित करता है इसलिए इसके वक्री होने पर इस तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे। बुध के आपके चौथे भाव में वक्री होने की वजह से यह ग्रह आपके ऊपर चौथे भाव से संबंधित चीज़ों में निवेश करने का दबाव बना सकता है। आपको अपनी मां के सहयोग से लाभ होने की संभावना है।
बुध वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वक्री होकर वह आपके पहले भाव में रहेंगे। बुध के पहले भाव में वक्री अवस्था में आने पर जातक को कई तरह से लाभ प्राप्त होंगे। जातक को अपने दोस्तों का साथ मिलता है, सेहत अच्छी रहती है, दीर्घायु होती है, करियर एवं वित्तीय स्थिति अच्छी रहती है, अधिकार, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है एवं सिलेब्रिटीज़ को भी फायदा होता है।
इन जातकों को अपने दोस्तों से लाभ होने के आसार हैं। इन्हें अपनी दोस्ती की वजह से सफलता, संपन्नता, लोकप्रियता या कोई अधिकार मिल सकता है। ये जीवनभर लोगों की सहायता कर सकते हैं और उनकी समस्याओं को सुलझाने में उनकी मदद कर सकते हैं। अध्ययन के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों को लाभ एवं नए अवसर मिलने के संकेत हैं।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। अब वृश्चिक राशि में वक्री होकर बुध आपके आठवें भाव में रहेंगे। इस दौरान आपके बात करने के तरीके में कुछ बदलाव आ सकता है। आपकी बातों को गलत समझा जा सकता है और दूसरों के लिए आपकी बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। आपको बात करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
बुध के वक्री होने के दौरान आपको गले या त्वचा से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। वहीं अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण आपको बेचैनी भी हो सकती है। बेहतर होगा कि आप इन स्वास्थ्य समस्याओं को नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि ऐसा करने से आपको दीर्घकालिक बीमारियां हो सकती हैं। बुध की नवम भाव से आपके दूसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है। इससे आप अधिक पैसों की बचत कर पाने में सक्षम होंगे लेकिन इसके साथ ही आपके सामने अचानक से खर्चे भी आ सकते हैं।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। बारहवां भाव खर्चों, मल्टीनेशनल कंपनी, अस्पताल, घर में अकेले रहने और दूरदराज के देशों को दर्शाता है। बुध के बारहवें भाव में वक्री होने पर आपके लिए विदेश में नौकरी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
वृश्चिक राशि में बुध के वक्री होने पर आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी लेकिन फिर भी आप अपनी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे। आपके बारहवें भाव में सप्तमेश के उपस्थित होने से आपके जीवनसाथी को स्वास्थ्य से संबंधित समस्या या एंग्जायटी हो सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. किस ग्रह की अपनी नीच राशि में होने पर अपनी उच्च राशि पर दृष्टि पड़ती है?
उत्तर. यह बुध ग्रह है।
प्रश्न 2. कौन सा ग्रह ज्ञान का कारक है?
उत्तर. ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान का कारक माना गया है।
प्रश्न 3. कुंडली में किन भावों पर बुध का आधिपत्य होता है?
उत्तर. दूसरे और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं।
साप्ताहिक राशिफल: 18 से 24 नवंबर का यह सप्ताह इन राशियों के लिए लाएगा खुशियों की सौगात!
एस्ट्रोसेज के इस नवंबर साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग के माध्यम से आपको अपने मन में उठ रहे सभी सवालों के सटीक जवाब प्राप्त होंगे जैसे कि इस सप्ताह किन राशियों पर होगी धन की वर्षा? क्या मिलेगी आपको मनपसंद नौकरी? किसे मिलेगा अपने सपनों का प्यार और किसे करना पड़ेगा थोड़ा इंतज़ार? और भी बहुत कुछ। बता दें कि साप्ताहिक राशिफल का यह विशेष ब्लॉग हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों-नक्षत्रों की चाल, स्थिति और दशा का विश्लेषण करके तैयार किया गया है ताकि आप अपने आने वाले सप्ताह को बेहतर बना सकें और ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बच सकें।
इसके अलावा, हमारे साप्ताहिक राशिफल के ब्लॉग में आपको आने वाले सप्ताह में पड़ने वाले व्रत, त्योहार, गोचर और ग्रहण के साथ-साथ उन मशहूर हस्तियों की भी जानकारी प्राप्त होगी जिनका जन्म 18 से 24 नवंबर के बीच हुआ है। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि नवंबर का यह तीसरा सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के जीवन में किस तरह के परिवर्तन लेकर आएगा।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
अगर हम बात करें नवंबर के तीसरे सप्ताह के बारे में, तो इस हफ़्ते की शुरुआत मृगशिरा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 18 नवंबर 2024 को होगी और इसकी समाप्ति उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी कि 24 नवंबर 2024 को हो जाएगी। इस अवधि में अनेक तरह के शुभ-अशुभ योग बनेंगे जिसका प्रभाव आपके जीवन पर भी दिखाई देगा और इसके बारे में राशिफल में विस्तार से बात की गई है। साथ ही, इस दौरान कुछ ग्रह गोचर भी करेंगे, लेकिन यहाँ हम आपको सबसे पहले 18 नवंबर से 24 नवंबर के दौरान मनाए जाने वाले पर्वों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
जैसे कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि व्रत एवं पर्व हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बन गए हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारी व्यस्त ज़िन्दगी में हमें व्रत एवं त्योहार अपनों से मिलकर खुशियां बांटने का मौका देते हैं जिससे इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। आपसे कोई ख़ास व्रत या त्योहार चूक न जाए, इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको नवंबर 2024 के तीसरे सप्ताह में पड़ने वाले व्रत एवं पर्वों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
संकष्टी चतुर्थी (18 नवंबर 2024, सोमवार): संकष्टी चतुर्थी के अर्थ की बात करें, तो यह संकट को हरने वाली चतुर्थी है। हिंदू धर्म का यह एक प्रसिद्ध त्योहार है जो प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित होता है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
इस सप्ताह (18 नवंबर से 24 नवंबर, 2024) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
वैदिक ज्योतिष में नौ ग्रहों के गोचर, स्थिति या दशा में परिवर्तन और ग्रहण को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहों की स्थिति में होने वाले बदलाव का सीधा असर मनुष्य पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है इसलिए कोई भी भविष्यवाणी करने से पूर्व ग्रहों-नक्षत्रों की स्थिति देखी जाती है। हालांकि, आपको बता दें कि नवंबर महीने के इस सप्ताह में न तो कोई ग्रहण लगेगा और न ही कोई गोचर।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
जिन लोगों को बैंक अवकाशों के बारे में जानकारी होती है, वह बैंक से जुड़े जरूरी कामों को पहले ही पूरा कर लेते हैं जिससे उनका काम रुक या अटक न सके। ऐसे में, हम बात करें 18 से 24 नवंबर के दौरान पड़ने वाले बैंक अवकाशों की, तो उसकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तिथियों पर।
जब बात आती है विवाह मुहूर्त की, तो नवंबर के इस सप्ताह में 3 मुहूर्त पड़ रहे हैं। ऐसे में, जो जातक विवाह करने के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं या फिर आपके परिवार में कोई सदस्य विवाह योग्य है, तो आप शादी के लिए इन तिथियों पर नज़र डाल सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तारीख़ एवं दिन
मुहूर्त
नक्षत्र
तिथि
18 नवंबर 2024, सोमवार
सुबह 06 बजकर 46 मिनट से सुबह 07 बजकर 56 मिनट तक
मृगशिरा
तृतीया
22 नवंबर 2024, शुक्रवार
रात 11 बजकर 44 मिनट से 23 नवंबर की सुबह 06 बजकर 50 मिनट तक
मघा
अष्टमी
23 नवंबर 2024, शनिवार
सुबह 06 बजकर 50 मिनट से रात 11 बजकर 42 मिनट तक
मघा
अष्टमी
इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त
जो माता-पिता अपनी संतान का नामकरण संस्कार करवाने के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, उन्हें हम नवंबर के इस सप्ताह में नामकरण के लिए शुभ तिथियां एवं मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
18 नवंबर 2024, सोमवार
06:46:28 से 15:49:04
20 नवंबर 2024, बुधवार
14:50:47 से 30:48:04
21 नवंबर 2024, गुरुवार
06:48:52 से 15:36:12
इस सप्ताह के वाहन खरीद मुहूर्त
अगर आप नया वाहन जैसे कार या स्कूटी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है, तो आपको हम नवंबर के इस सप्ताह के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. नवंबर में जन्मे लोग कैसे होते हैं?
जिनका जन्म नवंबर में होता है, वह साहसी और निडर होते हैं।
2. नवंबर में कौन सा ग्रह मार्गी हो रहा है?
नवंबर के महीने में शनि देव कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं।
3. उत्पन्ना एकादशी कब है?
इस साल उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर मंगलवार को पड़ेगी।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (17 नवंबर से 23 नवंबर, 2024): कैसा रहेगा ये सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए? जानें!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 नवंबर से 23 नवंबर 2024: टैरो कार्ड एक प्राचीन विद्या है जिसका उपयोग भविष्य जानने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही टैरो कार्ड रीडर और रहस्यवादियों द्वारा अंतर्ज्ञान प्राप्त करने और किसी विषय की गहराई तक पहुँचने के लिए होता रहा है। यदि कोई व्यक्ति बेहद आस्था और विश्वास के साथ मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढ़ने के लिए आता है, तो टैरो कार्ड की दुनिया आपको हैरान कर सकती है। बहुत से लोग मानते हैं कि टैरो एक मनोरंजन का साधन है और इसे ज्यादातर मनोरंजन के रूप में देखते हैं।
साल 2024 के ग्यारहवें महीने नवंबर का यह तीसरा सप्ताह यानी कि टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 नवंबर से 23 नवंबर 2024 अपने साथ क्या कुछ लेकर आएगा? यह जानने से पहले हम टैरो कार्ड के बारे में बात करेंगे। आपको बता दें कि टैरो की उत्पति आज से 1400 वर्ष पहले हुई थी और इसका सबसे पहला वर्णन इटली में मिलता है। शुरुआत में टैरो को ताश के रूप में राजघरानों की पार्टियों में खेला जाता था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया। मध्यकाल में टैरो को जादू-टोना से जोड़कर देखा जाने लगा और इसके परिणामस्वरूप आम लोगों ने भविष्य बताने वाली इस विद्या से दूरी बनाना सही समझा।
लेकिन टैरो कार्ड का सफर यही थमा नहीं और इसने कुछ दशकों पहले पुनः प्रसिद्धि प्राप्त की जब दुनिया के सामने इसे एक भविष्य बताने वाली विद्या के रूप में पहचान मिली। भारत समेत दुनियाभर में टैरो की गिनती भविष्यवाणी करने वाली महत्वपूर्ण विद्याओं में होती है और अंत में टैरो कार्ड वह सम्मान पाने में सफल हुआ है जिसका वह हक़दार था। तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि नवंबर महीने का यह तीसरा सप्ताह यानी कि 17 नवंबर से 23 नवंबर 2024 तक का समय सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहने की संभावना है?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 नवंबर से 23 नवंबर, 2024: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द हाई प्रीस्टेस
करियर: ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ़ पेंटाकल्स
मेष राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें, तो किंग ऑफ पेंटाकल्स संकेत कर रहा है कि इस राशि के जातक साथी के सामने अपनी भावनाओं का इज़हार शब्दों में करने से बचेंगे, बल्कि इनके द्वारा किये जा रहे कामों में प्यार झलक सकता है। साथ ही, यह लोग अपने परिवार के लिए एक सुखद और सुरक्षित माहौल का निर्माण करने का प्रयास करेंगे। हालांकि, जब आपकी पार्टनर से मुलाकात होगी, तो आप देखेंगे कि वह रिश्ते को गंभीरता से लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले एक-दूसरे को जानने-समझना चाहेंगे इसलिए आप धीमी रफ़्तार में आगे बढ़ेंगे।
बात करें आर्थिक और पेशेवर जीवन की, तो धन से जुड़े मामलों में हाई प्रीस्टेस आपको धैर्य रखने और बुद्धिमानी से काम करने की सलाह दे रहा है। साथ ही, अगर आपने अपनी आर्थिक स्थिति को अच्छे से समझ लिया है, तो आप अपनी अंतरात्मा की बात सुन सकते हैं, अन्यथा आप किसी फाइनेंसियल एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। हालांकि, आपको अपने खर्चों पर नज़र बनाकर रखनी होगी।
करियर के क्षेत्र में ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स एक नई शुरुआत, अवसर और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, यह कार्ड धन से जुड़े मामलों में सफलता और रिश्ते में स्थिरता लेकर आने का काम करेगा। करियर के संबंध में नए अवसरों की प्राप्ति होगी।
स्वास्थ्य के मामले में फोर ऑफ़ पेंटाकल्स बुरी आदतों और गलत रवैये को दर्शाता है। यह बुरी आदतें आप पर हावी हो सकती हैं इसलिए जितनी जल्दी हो सके, इन्हें दूर कर लें ताकि आप स्वस्थ बने रहें।
लकी चार्म: कार्नेलियन ब्रेसलेट
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स
प्रेम जीवन में वृषभ राशि वालों को टू ऑफ कप्स मिला है जो दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आपकी मुलाकात आपके हमसफर से हो सकती है। साथ ही, यह कार्ड दो लोगों के बीच प्रेम में वृद्धि का भी प्रतिनिधित्व करता है फिर चाहे वह पार्टनर हो, दोस्त हो या परिवार के सदस्य हों। इसके अलावा, टू ऑफ कप्स रोमांस से दूर प्रेम और शांति से भरे एक रिश्ते की तरफ संकेत कर रहा है।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो फाइव ऑफ पेंटाकल्स आपको चेतावनी दे रहा है कि इस अवधि में आपको आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है या फिर आपके कंगाल होने की नौबत भी आ सकती है। ऐसे में, इन जातकों के सामने कुछ बड़े आर्थिक संकट आ सकते हैं इसलिए आपको धन की बचत करने के साथ-साथ धन से जुड़ी योजनाओं का निर्माण करने की सलाह दी जाती है।
आर्थिक जीवन में नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स कहता है कि इस राशि के जातक एकाग्रचित और आत्म प्रेरित रहेंगे और ऐसे में, वह अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकेंगे। इन जातकों का करियर सामान्य रहेगा और कोई चिंता की बात नहीं होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि आप जो भी काम करेंगे, उसमें आप महारत हासिल करेंगे। इन जातकों की मेहनत और समर्पण देखकर कभी-कभी आपके सहकर्मी भयभीत हो सकते हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।
क्वीन ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इन जातकों की सेहत इस सप्ताह अच्छी बनी रहेगी जो आपके लिए राहत की बात है। हालांकि, आपको यह बात सुनिश्चित करनी होगी कि आप अपने स्वास्थ्य पर काम करना जारी रखें।
लकी चार्म: जेड क्रिस्टल अपने साथ रखें।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: फाइव ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ स्वॉर्ड्स
प्रेम जीवन की बात करें, तो ऐस ऑफ वैंड्स मिथुन राशि के सिंगल जातकों के जीवन में एक नए रिश्ते की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, यह सिंगल लोगों को अपनी पसंद के शख़्स को यह बताने के लिए प्रेरित करेगा कि आप उन्हें कितना पसंद करते हैं और उनके लिए क्या महसूस करते हैं।
आर्थिक जीवन में इन जातकों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है या फिर आपके सामने कुछ आर्थिक संकट आ सकते हैं जो आपके लिए तनाव का कारण बन सकते हैं। ऐसे में, आर्थिक और भावनात्मक रूप से आप टूट सकते हैं और साथ ही, आपको तलाक की वजह से अपनी संपत्ति का बंटवारा करना पड़ सकता है या फिर अब आप अपने अपार्टमेंट के खर्चों को उठाने में समर्थ नहीं होंगे।
करियर के क्षेत्र में मिथुन राशि के जातकों के हाथ से कोई बड़ी डील, प्रोजेक्ट या फिर कोई पद निकल सकता है जो आप काफ़ी समय से पाना चाहते थे। ऐसे में, यह परिस्थितियां आपको करियर में एक कदम पीछे लेने पर मजबूर कर सकती हैं। इस बात की भी आशंका है कि जिस प्रोजेक्ट पर आप काम रहे होंगे, उस पर काम करने से आपका कोई सहकर्मी मना कर सकता है या फिर आप इस प्रोजेक्ट को छोड़ सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, यह अवधि आपके लिए कठिन रह सकती है, लेकिन यह अपने साथ कुछ परिवर्तन लेकर आएगी।
स्वास्थ्य को देखें, तो द फोर ऑफ स्वॉर्ड्स आपको भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से एक ब्रेक लेते हुए छुट्टियों पर जाने के लिए कह रहा है जिससे आप खुद को तरोताज़ा कर सकें। साथ ही, आपको खुद की सेहत का ध्यान भी रखना होगा क्योंकि तनाव और चिंता का लगातार बने रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
लकी चार्म: क्रिस्टल डाइस
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द वर्ल्ड
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्स
करियर: टेम्पेरन्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
कर्क राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द वर्ल्ड मिला है जो कि एक शानदार कार्ड कहा जाएगा। यह एक प्रेम से पूर्ण स्थिर रिश्ते की तरफ संकेत कर रहा है और ऐसे में, आप पार्टनर के साथ ख़ुश दिखाई देंगे क्योंकि उनके लिए आप पूरी दुनिया होंगे।
आर्थिक जीवन के लिए ऐस ऑफ पेंटाकल्स कह रहा है कि यह सप्ताह आपके लिए स्थिर और धन-समृद्धि से भरा रहेगा। हालांकि, अगर आपका खुद का व्यापार है, तो यह बात बिल्कुल सच साबित हो सकती है क्योंकि इस अवधि में आपको अच्छा खासा धन लाभ मिलने की संभावना है।
करियर के क्षेत्र में टेम्पेरन्स कार्ड आपको बता रहा है कि कर्क राशि के जातकों द्वारा सही दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं और आप जीवन के लक्ष्यों को पाने के प्रति दृढ़ रहेंगे। यह सप्ताह आपके लिए प्रेरणा से भरा रहेगा और ऐसे में, आप अपने लक्ष्यों को पाने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य के मामले में ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स संकेत कर रहा है कि यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगी और ऐसे में, आपके विचार पहले की तुलना में स्पष्ट होंगे। साथ ही, आप प्रेरणा से भरे रहेंगे और अपनी सेहत की कमान खुद के हाथों में लेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप जीवन में अच्छी आदतों को अपनाते हुए दिखाई दे सकते हैं।
टूऑफ स्वॉर्ड्स संकेत कर रहा है कि सिंह राशि के सिंगल जातकों के लिए अपने रिश्ते को रोमांटिक मोड़ देना मुश्किल हो सकता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो टू ऑफ स्वॉर्ड्स किसी नतीजे पर न होने या कोई फैसला न लेने को भी दर्शाता है। प्रेम जीवन में आपके सामने दो लोगों के बीच में से किसी एक का चयन करने की स्थिति हो सकती है या फिर जीवन के दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं में से? ऐसे में, आप खुद को फंसा हुआ महसूस कर सकते हैं जिससे आपको बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है। हालांकि, इस सप्ताह को रिश्ते में चल रही समस्याओं को नज़रअंदाज़ करने के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, इन बाधाओं को दूर करने के लिए साथी से खुलकर बात करें और एक साथ मिलकर काम करें।
आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ वैंड्स को शुभ कार्ड माना जाएगा। इस दौरान आप कड़ी मेहनत के फल से मिलने वाले परिणामों का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। ऐसे में, बैंक-बैलेंस में वृद्धि होगी। आप छुट्टियों पर जाने, ट्रैवल करने और अपने दायरों का विस्तार करने के बारे में सोच सकते हैं या फिर आप स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ़ उठा सकते सकते हैं।
थ्री ऑफ़ पेंटाकल्स करियर के लिए कह रहा है कि सिंह राशि के जातक अपने ज्ञान और क्षमताओं का उपयोग सही तरीके से कर रहे हैं ताकि आप जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकें। बता दें कि आपको करियर में मिलने वाली सफलता पार्टनरशिप में प्राप्त होगी, लेकिन आपको बहुत सावधानी से काम करना होगा और टीम के सदस्यों की सोच और उनके गुणों को सही दिशा में इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ना होगा।
सिंह राशि वालों को स्वास्थ्य में सेवेन ऑफ कप्स (रिवर्सड) मिला है जो संकेत करता है कि इन जातकों को जीवन में स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, अनियमित जीवनशैली और कंफर्ट जोन से बाहर आना आपकी सेहत के लिए फलदायी साबित होगा।
लकी चार्म: सिट्रीन पेंडेंट धारण करें।
कन्या राशि
प्रेम जीवन: द चेरियट
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ कप्स
करियर: नाइन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द हैंग्ड मैन
प्रेम जीवन की बात करें, तो कन्या राशि के जातकों के लिए द चेरियट भविष्यवाणी कर रहा है कि इन लोगों को रिलेशनशिप की कमान अपने हाथों में लेनी होगी कि आप किस तरह के रिश्ते में आना चाहते हैं। सरल शब्दों में कहें, तो द चेरियट का अर्थरास्ते का निर्धारण करने के बाद उस पर आगे बढ़ने के लिए खुद को तैयार करने से होता है। हम कह सकते हैं कि जैसे ही आप अपनी लव लाइफ को संभालेंगे, तो इसका लाभ आपको रिश्ते में जरूर मिलेगा। इन लोगों के भीतर का साहस, आत्मविश्वास और जोश आपको सफलता दिलाने का काम करेगा।
टैरो रीडिंग में सिक्स ऑफ कप्स का संबंध परोपकार से होता है और ऐसे में,यह कार्ड दान करने, दूसरों की मदद करने या धन से जुड़े मामलों में सहायता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधि में आप दान कर सकते हैं या गरीब एवं जरूरतमंद लोगों या फिर सेवा कार्य करने वाले संगठनों की सहायता करते हुए नज़र आ सकते हैं।
स्वास्थ्य की बात करें तो, द हैंग्ड मैन आपकी स्वास्थ्य समस्याओं को एक नए नज़रिये से देखने के लिए कह रहा है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप अपनी बिगड़ती हुई सेहत का असर अपनी ज़िन्दगी के दूसरे पहलुओं पर भी देखेंगे।
तुला राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए फाइव ऑफ पेंटाकल्स कहता है कि यह सप्ताह आपके लिए कठिन रहने की आशंका है। पार्टनर की तरफ से आप अलग-थलग या दूर-दूर महसूस कर सकते हैं। वहीं, जो जातक रिश्ते में हैं, उनका रिश्ता टूटने या ब्रेकअप की कगार पर पहुंच सकता है।
आर्थिक जीवन में सिक्स ऑफ पेंटाकल्स बता रहा है कि आपको मार्गदर्शन की जरूरत होगी। साथ ही, इस दौरान आपको धन का प्रबंध करने या लोन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
करियर के क्षेत्र में नाइन ऑफ वैंड्स को एक नकारात्मक कार्ड माना जाएगा। इस दौरान आपको ऐसा महसूस हो सकता सकता है कि करियर में आप जहां हैं, वह जगह आपके लिए नहीं हैं और साथ ही, कुछ भी आपके मनमुताबिक नहीं हो रहा है। इन जातकों की प्रगति काफी समय से करियर में रुक गई है फिर चाहे वह पदोन्नति के रूप में ही क्यों न हो। इसके फलस्वरूप,यह जातक अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ने के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं।
तुला राशि वालों के स्वास्थ्य के लिए किंग ऑफ वैंड्स को शुभ कहा जाएगा जो भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। ऐसे में, आप एक स्वस्थ जीवनशैली जीने में सफल रहेंगे और आपकी सेहत पूरी तरह से आपके हाथों में होगी।
लकी चार्म: रेनबो कीरिंग
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ कप्स
करियर: ऐस ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
वृश्चिक राशि वालों को प्रेम जीवन में टेन ऑफ कप्स मिला है जो कि आपके लिए एक शानदार कार्ड कहा जाएगा। यह जातक परिवार के साथ यादगार समय बिताते हुए दिखाई देंगे और ऐसे में, सदस्यों के साथ समय बिताने से आपको उन्हें जानने-समझने और कीमती यादें बनाने का अवसर प्राप्त होगा। यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगी और आप शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करेंगे।
आर्थिक जीवन में आपको थ्री ऑफ कप्स मिला है और यह कार्ड दर्शा रहा है कि आप पर्याप्त मात्रा में पैसा कमाएंगे और आसानी से इस सप्ताह अपनी सभी धन से जुड़ी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकेंगे। यह जातक अपनी आर्थिक स्थिति को बख़ूबी संभालने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप धन से जुड़े मामलों में संतुलन बनाकर चल सकेंगे।
करियर की बात करें, तो ऐस ऑफ वैंड्स भविष्यवाणी कर रहा है कि आप रचनात्मकता से जुड़े कार्यों में आगे बढ़ेंगे या या फिर आप पहले से ही किसी रचनात्मक क्षेत्र से संबंध रखते होंगे। साथ ही, इस बात की प्रबल संभावना है कि आपका व्यापार कलात्मक चीज़ों से जुड़ा हो सकता है या फिर पहले से आप यह बिज़नेस करते होंगे। इस सप्ताह वृश्चिक राशि वालों को व्यापार में लाभ की प्राप्ति होगी।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, नाइन ऑफ पेंटाकल्स को सकारात्मक कार्ड कहा जाएगा जो कि दर्शाता है कि इन जातकों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। हालांकि, अगर आप पहले से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो अब आप स्वस्थ हो जाएंगे।
लकी चार्म: वॉलेट में एक त्रिभुज (ट्रायंगल) रखें।
धनु राशि
प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द हर्मिट
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स
धनु राशि वालों को प्रेम जीवन में स्ट्रेंथ कार्ड मिला है और यह दर्शा रहा है कि आप खुद को किसी रिश्ते में फंसा हुआ पा सकते हैं। साथ ही, यह भावनात्मक रूप से मज़बूत रिश्ते की तरफ भी इशारा कर रहा है जो कि जलन और क्रोध आदि से भरा हो सकता है।
करियर में नाइट ऑफ पेंटाकल्स को एक शुभ कार्ड कहा जाएगा। यह एक सुरक्षित आर्थिक भविष्य के साथ-साथ धन से जुड़े दीर्घकालिक लक्ष्यों को पाने के प्रति इशारा करता है। धनु राशि वाले कम धन खर्च करना पसंद करते हैं फिर चाहे आपको अच्छी क्वालिटी की चीज़ें ही पसंद क्यों न हों। हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि धन से संबंधित कोई भी फैसला लेते समय खुद पर भावनाओं को हावी न होने दें।
करियर के क्षेत्र में द हर्मिट प्राप्त हुआ है जो कि अपने लक्ष्यों पर पुनर्विचार करने को दर्शा रहा है। यह कार्ड आपको करियर के संबंध में निर्धारित किए गए लक्ष्यों के बारे में दोबारा सोच-विचार करने और भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर आर्थिक जीवन में सफलता पाने के प्रयासों में बाधाओं की तरफ इशारा कर रहा है।
स्वास्थ्य की बात करें तो, आपको नाइट ऑफ वैंड्स मिला है जो आपके अच्छे स्वास्थ्य की तरफ इशारा कर रहा है क्योंकि यह उत्साह, जोश और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, इन जातकों को किसी भी तरह की चोट से बचने के लिए काम को ध्यान से और आराम से करने की सलाह दी जाती है।
लकी चार्म- क्रिस्टल ट्रिंकेट
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मकर राशि
प्रेम जीवन: फाइव ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: द सन
करियर: ऐस ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: टेन ऑफ कप्स
मकर राशि के जातकों के प्रेम जीवन में फाइव ऑफ कप्स निराशा, दुख और किसी चीज़ से मोहभंग की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो यह कार्ड दो लोगों के अलग होने, तलाक या फिर किसी रिश्ते के अंत को भी दर्शा रहा है। ऐसे में, आपको इन सब बातों को भूलकर नए सिरे से एक नई शुरुआत करनी होगी। साथ ही, भावनात्मक रूप से मज़बूत होना होगा।
जब बात आती है आर्थिक जीवन की, तो द सन सफलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इन जातकों को धन से जुड़े कामों के साथ-साथ निवेश में सफलता मिलने की संभावना है। ऐसे में, आप अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति से संतुष्ट दिखाई दे सकते हैं और ईश्वर के प्रति आभार प्रकट कर सकते हैं।
करियर को देखें तो, ऐस ऑफ पेंटाकल्स को एक शक्तिशाली कार्ड माना जाता है जो कि नई शुरुआत, नए अवसरों, धन-समृद्धि और सौभाग्य को दर्शाता है। ऐसे में, यह आपके जीवन में धन के मामलों में सफलता, रिश्ते में स्थिरता और करियर एवं आर्थिक जीवन में नए अवसर लेकर आ सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में टेन ऑफ कप्स का संबंध सकारात्मक ऊर्जा और स्वस्थ होने से है। यह दर्शाता है कि अगर आप स्वस्थ होने के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो अब आपको जल्द ही अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। ऐसे में, आप ऊर्जावान महसूस करेंगे और सेहत में भी सुधार देखने को मिलेगा।
लकी चार्म- सिल्वर या फिरोज़ा पेंडेंट
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ कप्स
करियर: फोर ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ वैंड्स
कुंभ राशि को प्रेम जीवन में थ्री ऑफ कप्स मिला है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि यह जातक अगर सिंगल हैं, तो एक बार दोबारा आप पार्टनर के साथ अपने पुराने रिश्ते को पुनर्जीवित कर सकते हैं। साथ ही, इस राशि के जातकों के पास काफ़ी समय तक सिंगल रहने के बाद कई प्रस्ताव आ सकते हैं।
इस सप्ताह कुंभ राशि वालों के पास धन कमाने के अनेक अवसर मौजूद होंगे और ऐसे में, आपको अनेक स्रोतों से धन की प्राप्ति होगी। हालांकि, फिलहाल आप उन अवसरों को लेकर निराश महसूस कर रहे होंगे जो आपके हाथ से निकल चुके होंगे। लेकिन, आप परेशान न हों क्योंकि हालात जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
करियर के संबंध में फोर ऑफ कप्स कह रहा है कि आप काम या आर्थिक जीवन के प्रति उदासीन महसूस कर सकते हैं। साथ ही, आपके मन में असंतुष्टि के भाव हो सकते हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में आपकी सेहत सर्वश्रेष्ठ रहेगी और आप इसका आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, पेज ऑफ वैंड्स आपको खुद को पूरी तरह से स्वस्थ बनाने के लिए अपने पैशन को जारी रखने और अपने मन को टटोलने के लिए कह रहा है। इस दौरान आपको कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।
लकी चार्म: वॉलेट में सदैव तांबे का सिक्का या तांबे का टुकड़ा रखें।
मीन राशि
प्रेम जीवन: द लवर्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ कप्स
करियर: पेज ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स
मीन राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहेगा। जीवन के सभी क्षेत्रों में परिस्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी। द लवर कार्ड दर्शा रहा है कि यह जातक अपने रिश्ते में खुश हैं और इनका रिश्ता सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आर्थिक जीवन के लिए इस सप्ताह को अच्छा कहा जाएगा और आपको अनेक अवसरों की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आपका करियर सही दिशा में आगे बढ़ेगा। लेकिन, अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आपको इनका समाधान ढूंढ़ने की आवश्यकता होगी या फिर नौकरी के साथ आप कोई दूसरा काम भी शुरू कर सकते हैं, तब आप इन परिस्थितियों से बाहर आ सकेंगे।
करियर के क्षेत्र में पेज ऑफ कप्स आपको शुभ समाचार मिलने के साथ-साथ नौकरी के अवसरों को दर्शा रहा है। संभव है कि अगर आप करियर में बदलाव करने के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं या फिर नई जगह नौकरी के लिए अप्लाई करने की सोच रहे है, तो इस सप्ताह आप सफल हो सकते हैं। साथ ही, आपको प्रमोशन मिलने के भी योग बनेंगे। इसके अलावा, यह जातक रचनात्मकता या फैशन से जुड़े क्षेत्रों की तरफ आकर्षित हो सकते हैं।
स्वास्थ्य की बात करें, तो मीन राशि वाले अपने जीवन में एक साथ कई चीज़ों को मैनेज कर रहे होंगे जिसका असर आपके स्वास्थ्य पर दिखाई दे सकता है। ऐसे में, आपको शरीर द्वारा दिए जा रहे संकेतों को नज़रअंदाज़ करने से बचना होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. भारत में टैरो कार्ड को प्रसिद्धि कब मिली?
इंटरनेट पर टैरो कार्ड्स की मौजूदगी अधिक होने की वजह से भारत में टैरो को लोकप्रियता मिली।
2. क्या दुनिया के कुछ क्षेत्रों में टैरो को आज भी अशुभ माना जाता है?
हां, वर्तमान समय में आज भी दुनिया के कुछ भागों में सांस्कृतिक और धार्मिक कारणों से टैरो का उपयोग नहीं किया जाता है।
3. क्या यूरोप में टैरो का उपयोग किया जाता है?
हाँ, टैरो की उत्पत्ति यूरोप में ही हुई थी।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 17 नवंबर से 23 नवंबर, 2024
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (17 नवंबर से 23 नवंबर , 2024)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 के जातकों में अनेक तरह की स्किल्स और कार्यों में सकारात्मक परिणाम पाने के लिए अच्छी प्रशासनिक क्षमता मौजूद होती है। साथ ही, यह जातक सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें, तो इस मूलांक के जातक अपने रिश्ते में साथी के साथ खुशियां बनाए रखने में नाकाम रह सकते हैं। इसकी वजह आप दोनों के बीच आपसी तालमेल की कमी हो सकती है और इसे बरकरार रखने में आप असमर्थ रह सकते हैं।
शिक्षा: मूलांक 1 के छात्रों का इस सप्ताह पढ़ाई से मन हट सकता है और ऐसे में, यह अच्छे अंक हासिल करने के मार्ग में समस्या बन सकती है। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को एकाग्रचित होकर पढ़ाई करने की सलाह दी जाती है।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें, तो मूलांक 1 के जो जातक नौकरी करते हैं, वह अपने ऊपर बढ़ रहे काम के दबाव को झेलने में असफल रह सकते हैं। वहीं, जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है और साथ ही, आपके हारने की भी संभावना है।
स्वास्थ्य: इस मूलांक के लोगों को त्वचा से जुड़ी एलर्जी जैसे कि सनबर्न आदि परेशान कर सकती है। ऐसे में, आपको फिटनेस को अच्छा बनाए रखने के लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ आदित्याय नमः” का 19 बार जाप करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 2 के अंतर्गत जन्मे जातक की रुचि डेयरी से जुड़े उत्पादों का व्यापार करने में होती है और वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक होते हैं। इसके अलावा, यह अपनी बुद्धि को तेज़ बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं और यह मूडी स्वभाव के होते हैं।
प्रेम जीवन: मूलांक 2 के लोग रिश्ते में सकारात्मकता बनाए रखने में असफल हो सकते हैं और ऐसे में, आप साथी के सामने प्रेम का प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपके रिश्ते से ख़ुशियां नदारद रह सकती हैं जिस पर आपको काम करने की जरूरत होगी।
शिक्षा: आपका ध्यान पढ़ाई से भटक सकता है जिसके चलते आप शिक्षा में अच्छे थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं जो शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के मार्ग में एक बाधा का काम कर सकता है।
पेशेवर जीवन: मूलांक 2 के जो लोग नौकरी करते हैं, वह कार्यक्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करने में पीछे रह सकते हैं क्योंकि इस दौरान आपसे काम में कुछ गलतियां होने की आशंका है। दूसरी तरफ, जिन लोगों का अपना व्यापार है, उनके हाथ से लाभ कमाने के अवसर निकल सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, मूलांक 2 के जातकों के लिए यह सप्ताह थोड़ा नाज़ुक रह सकता है क्योंकि आपमें ऊर्जा की कमी रह सकती हैं। ऐसे में, आप अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने में असफल हो सकते हैं।
उपाय: सोमवार के दिन चंद्र ग्रह की पूजा फूलों से करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 3 के तहत जन्मे जातकों में अहंकार पैदा हो सकता है जो नकारात्मक रूप से आपको प्रभावित कर सकता है। यह दूसरों से सीधे और स्पष्ट रूप से बात करेंगे और यह इनके लिए फलदायी साबित होगा।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो इस मूलांक के जातकों का व्यवहार साथी के साथ मिठास से पूर्ण रहेगा। ऐसे में, आप रिश्ते में उच्च मूल्य बनाए रखने में सक्षम होंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह के दौरान मूलांक 3 के जो छात्र बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, इकोनोमेट्रिक्स आदि विषयों का अध्ययन कर रहे हैं, उनका प्रदर्शन शानदार रहेगा। साथ ही, वह साथी छात्रों को पछाड़ने में सक्षम होंगे। इस दौरान अपने मनपसंद विषयों के प्रति आपके दृष्टिकोण में नयापन देखने को मिलेगा।
पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन को देखें, तो मूलांक 3 के जातकों का प्रदर्शन कार्यक्षेत्र में आपकी सोच से कहीं ज्यादा अच्छा हो सकता है। वहीं, अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आप स्वयं के लिए लक्ष्य निर्धारित करके उन्हें प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, आपके लिए यह सप्ताह अच्छा रहेगा औरआपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। इस दौरान आप ऊर्जावान बने रहेंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ बृहस्पतये नमः” का 21 बार जाप करें।
मूलांक 4
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
जिन जातकों का मूलांक 4 है, वह खुद के प्रति बेहद जुनूनी होते हैं। साथ ही, यह समय आपके लिए विदेश यात्रा के अवसर लेकर आ सकता है और इन लोगों को स्वादिष्ट भोजन बेहद पसंद होता है।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 4 वाले रिश्ते में अपने साथी के साथ ख़ुश नज़र आएंगे क्योंकि इस दौरान परिस्थितियां आपके पक्ष में होने की संभावना हैं। आप पार्टनर के साथ एक लंबी यात्रा का लुत्फ़ उठाते हुए दिखाई देंगे जिससे आपका रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इस मूलांक के पढ़ाई करने वाले छात्र अपनी क्षमताओं और योग्यताओं का प्रदर्शन टीचर्स के सामने करने में सक्षम होंगे। इसके फलस्वरूप, आपको उनसे सराहना की प्राप्ति होगी।
पेशेवर जीवन: मूलांक 4 के जो जातक नौकरी करते हैं, वह कार्यस्थल में बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल होंगे और आपका शानदार प्रदर्शन वरिष्ठों को हैरान करने का काम कर सकता है। अगर आपका अपना व्यापार है, तो इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलने से अच्छे लाभ की प्राप्त हो सकती है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें, तो इन लोगों की सेहत इस हफ़्ते अच्छी बनी रहेगी जो कि आपके मज़बूत आत्मविश्वास का परिणाम होगी। साथ ही, आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं परेशान नहीं करेंगी।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ दुर्गाय नमः” का 22 बार जाप करें।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 5 के तहत जन्म लेने वाले जातक जो भी काम करेंगे, उसमें तर्क ढूंढ़ने में सक्षम होंगे। इन लोगों का झुकाव ट्रेडिंग में होगा और इसी के माध्यम से आप लाभ कमाना चाहेंगे। ऐसे में, इस मार्ग में आगे बढ़ने के लिए आप कुछ नई नीतियों का निर्माण कर सकते हैं और उसी पर चलेंगे।
प्रेम जीवन: मूलांक 5 के जातक इस सप्ताह बिना किसी वजह के पार्टनर में गलतियां निकालने का काम करसकते हैं। ऐसे में, आप दोनों के रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है जो कि आपसी तालमेल को कमज़ोर करने का काम करेगा। ऐसे में, इन जातकों को इस पर काम करने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: शिक्षा की बात करें, तो इस मूलांक के छात्रों को कॉस्टिंग, अकाउंटेंसी जैसे पेशेवर विषयों की पढ़ाई करते हुए काफ़ी सावधानी बरतनी होगी क्योंकि एकाग्रता की कमी की वजह से आपसे काम में गलतियां हो सकती हैं।
पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो कार्यस्थल पर आप जो भी काम कर रहे हैं, उसे पूरे ध्यान के साथ करें। वहीं, जिन जातकों का जुड़ाव व्यापार से है, उन्हें बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशंका है और ऐसे में, आपके हाथ से कुछ अच्छे अवसर निकल सकते हैं।
स्वास्थ्य: मूलांक 5 के जातकों के लिए यह हफ़्ता थोड़ा कठिन रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपको तंत्रिका तंत्र और त्वचा से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसे में, आप चिंतित नज़र आ सकते हैं इसलिए आपको सेहत का ध्यान रखने के साथ-साथ हेल्थ चेकअप करवाते रहने होंगे।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 41 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 6 के तहत पैदा होने वाले जातकों को खेलकूद और इससे जुड़ी गतिविधियों में भाग लेना बेहद पसंद होता है। साथ ही, यह लोग जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा ले सकते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो इन जातकों के मन में पार्टनर के प्रति प्रेम कूट-कूट कर प्रेम भरा होगा जो कि आपकी वफ़ादारी का परिणाम होगा। साथ ही, आपकी वाणी मधुर रहेगी जिससे आपके रिश्ते में निखार आएगा।
शिक्षा: जब बात आती है शिक्षा की, तो मूलांक 6 के छात्र पढ़ाई में अपनी चमक बिखेरते हुए दिखाई देंगे। आप जो भी पढ़ेंगे, उसमें आप शानदार प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में, आप अपनी एक अलग पहचान बनाने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: मूलांक 6 के नौकरीपेशा जातक कार्यक्षेत्र में तरक्की हासिल करेंगे और ऐसे में, आपका प्रदर्शन भी बेहतरीन रहेगा। इस अवधि में वरिष्ठों का ध्यान आपकी तरफ आकर्षित होगा। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उन्हें बिज़नेस में अपनी सकारात्मक सोच की वजह से लाभ की प्राप्ति होगी।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा। आप दृढ़ और साहस से भरे रहेंगे जिसके चलते आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। यह लोग अपनी फिटनेस के प्रति सजग रहेंगे।
उपाय: शुक्रवार को शुक्र ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 7 के जातक दार्शनिक होने के साथ-साथ धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इन्हें जीवन में काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और ऐसी यात्राएं आपके लिए सफलता लेकर आती हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें, तो मूलांक 7 के जातकों को पार्टनर के साथ रिश्ते में दूरी का एहसास हो सकता है। ऐसे में, आपके रिश्ते में आकर्षण की कमी रह सकती है इसलिए आपको साथी से बेझिझक होकर बात करने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में आपको पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करते हुए अपने कार्यों को आगे लेकर जाने की जरूरत होगी क्योंकि इस सप्ताह आपका मन भटक सकता है इसलिए आपको पढ़ाई के संबंध में सावधान रहना होगा।
पेशेवर जीवन: मूलांक 7 के जो जातक नौकरी करते हैं, वह स्वयं को मिलने वाले काम के प्रति उदासीन महसूस कर सकते हैं। ऐसे में, आगे बढ़ने की राह में आपको हर कदम उठाना मुश्किल लग सकता है। दूसरी तरफ, जिन लोगों का खुद का व्यापार है, वह प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली टक्कर को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें, तो इन लोगों को इस सप्ताह पाचन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं और ऐसे में, आपको अपने खानपान को लेकर बेहद सावधानी बरतनी होगी।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 8 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातक ईमानदार स्वभाव के होते हैं और दूसरों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं। यह लोग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। साथ ही, यह अपने कार्यों को मेहनत और समर्पण के साथ पूरा करते हैं।
प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें, तो आपको रिश्ते में पार्टनर के साथ प्रेम एवं खुशियां बनाए रखने के लिए आपसी सामंजस्य बिठाना होगा। संभव है कि आपके घर-परिवार में समस्याएं चल रही हों और इस वजह से आपका साथी के साथ मतभेद होने की आशंका है।
शिक्षा: मूलांक 8 के छात्रों को इस सप्ताह पढ़ाई में काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है क्योंकि आपको पढ़ा हुआ याद न रहने की संभावना है। ऐसे में, आपको अपने ज्ञान का इस्तेमाल करने में परेशानी उत्पन्न हो सकती है जिसके चलते आप चिंतित दिखाई दे सकते हैं।
पेशेवर जीवन: मूलांक 8 के जो जातक नौकरी करते हैं, उन पर काम का दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, आपको मिलने वाला काम वरिष्ठों द्वारा दिया जा सकता है। अगर आपका जुड़ाव व्यापार से है, तो इस दौरान आपको औसत रूप से लाभ की प्राप्ति हो सकती है या फिर आपके सामने न लाभ न हानि वाली स्थिति आ सकती है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह सप्ताह ज्यादा ख़ास न रहने का अनुमान है क्योंकि आपको पैरों में दर्द की शिकायत रह सकती है जिसकी वजह तनाव हो सकता है। ऐसे में, आपको चिंता न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह आपके दर्द को बढ़ाने का काम क्र सकती है।
उपाय: प्रतिदिन “ॐ वायुपुत्राय नमः” का 11 बार जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 9 के तहत पैदा होने वाले जातक एकदम स्पष्ट होते हैं और यह अपनी बातों या विचारों को सीधे तरीके से रखना पसंद करते हैं। साथ ही, यह जीवन में सिद्धांतों पर चलने वाले होते हैं।
प्रेम जीवन: जब बात आती है प्रेम जीवन की, तो आपके और पार्टनर के विचारों में अंतर देखने को मिल सकता है। ऐसे में, आप दोनों के बीच बहस होने की संभावना है जिसके चलते आप दोनों के रिश्ते से ख़ुशियां नदारद रह सकती हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह मूलांक 9 के छात्रों को पढ़ाई के संबंध में बड़े फैसले लेने से बचना होगा क्योंकि इस दौरान आपको मनचाहे परिणाम न मिलने की आशंका है। साथ ही, पेशेवर कोर्स की पढ़ाई करने के लिए इस समय को अनुकूल नहीं कहा जाएगा।
पेशेवर जीवन: मूलांक 9 के नौकरी करने वाले जातकों को कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिससे आपकी छवि ख़राब हो सकती है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको बिज़नेस में उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य: इन लोगों की सेहत इस हफ़्ते थोड़ी नाज़ुक रह सकती है। इस दौरान आप तेज बुखार से पीड़ित हो सकते हैं जिसकी वजह आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अंक 5 का स्वामी कौन है?
अंक ज्योतिष में अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है।
2. मूलांक 4 का करियर कैसा रहेगा इस सप्ताह?
नवंबर का यह सप्ताह मूलांक 4 वालों के करियर के लिए अच्छा रहेगा।
3. मूलांक क्या होता है?
किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़ने पर जो अंक आता है, उसे मूलांक कहते हैं।
सूर्य करेंगे मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर – इन राशियों की पलटेगी किस्मत!
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना गया है। सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। सूर्य का गोचर हर महीने होता है और अब 16 नवंबर 2024 को सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर सूर्य मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं।
यह गोचर शुभ योग में होने जा रहा है। 17 नवंबर को शिव योग बन रहा है। यह योग 16 नवंबर को रात्रि को 11 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन रात्रि 08 बजकर 20 मिनट पर होगा।
आज इस खास ब्लॉग के ज़रिए हम जानेंगे कि वृश्चिक राशि में प्रवेश करने पर सूर्य किन राशियों के जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे और किन राशियों के जातकों को अपने जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही सूर्य से संबंधित अन्य विशेष बातों के बारे में भी जानेंगे।
शिव योग को एक दिव्य योग के रूप में जाना जाता है। पंचमेष के नौवें भाव में प्रवेश करने, नवमेश के दसवें भाव में गोचर करने और दशमेश के पांचवे भाव में आने पर शिव योग का निर्माण होता है। यह योग शिक्षा और पेशे में सफलता प्रदान करता है। यह परेशानियों का सामना करने के लिए साहस और दृढ़ शक्ति देता है और व्यक्ति को अपने पेशेवर जीवन में सफल बनाता है।
16 नवंबर 2024 को सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर सूर्य मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं।
सूर्य गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह गोचर करके आपके लग्न भाव में जा रहे हैं। सूर्य के प्रभाव से आप काम के संबंध में अपने सिद्धांतों पर चलना पसंद करेंगे। इस समय आपका पूरा ध्यान सिर्फ अपने काम पर रहने वाला है। करियर के क्षेत्र में आपको नौकरी के नए और शानदार अवसर मिलने की संभावना है। इन्हें पाकर आप बेहद प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगे।
व्यापारी नई योजनाओं और आइडिया के दम पर अपने व्यावसायिक क्षेत्र में मुनाफा कमा सकते हैं। वित्तीय क्षेत्र में आप खूब धन कमाने में सफल होंगे और आप अधिक मात्रा में पैसों की बचत भी कर पाएंगे। आपको इंसेंटिव और अन्य लाभ भी मिल सकता है।
वैवाहिक जीवन में आपके और आपके पार्टनर के बीच प्रेम बना रहेगा। आप दोनों एक-दूसरे से मीठी-मीठी बाते करते हुए नज़र आएंगे। आप दोनों के बीच स्नेह बढ़ेगा। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहने वाला है।। आप फिट रहेंगे और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। इम्युनिटी के मज़बूत होने की वजह से यह सब संभव हो पाएगा। आप रोज़ “ॐ भौमाय नमः” का 27 बार जाप करें।
कुंडली में सूर्य के मज़बूत होने पर व्यक्ति अच्छे गुणों से संपन्न होता है। इनके अंदर अंतर्ज्ञान की शक्ति और प्रेरणा होती है। जब सूर्य अनुकूल राशि में होते हैं, तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिलते हैं और सूर्य किसी भी कार्य को पूरा करने में दृढ़ इच्छा शक्ति प्रदान करते हैं। ये जातक खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं और इन्हें अपने भाग्य का साथ मिलता है। सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
सूर्य से लाभकारी प्रभाव मिलने पर जातक महत्वाकांक्षी, साहसी, प्रतिभावना, लीडर, गरिमा में रहने वाला और ऊर्जा से भरपूर बनता है। सूर्य विश्वास, अनुग्रह, उदारता, प्रसिद्धि, आशा, सुख, दयालु, वफादारी, राजसीपन, कुलीनता, उत्साह और सद्गुण प्रदान करते हैं। सूर्य देव नेतृत्व क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं और इनकी कृपा मिलने पर जातक एक अच्छा लीडर बन सकता है।
वहीं अगर सूर्य पीड़ित हो, तो यह व्यक्ति को धोखेबाज़, अभिमानी, अपमान करने वाला, दूसरों से ईर्ष्या रखने वाला और क्रोधी बनाता है।
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शरीर के किन अंगों पर होता है सूर्य का प्रभाव
प्रत्येक ग्रह का शरीर के कुछ अंगों पर विशेष प्रभाव होता है। मस्तक के बीचों-बीच सूर्य का स्थान है। इस ग्रह का असर हमारे मस्तिष्क और बुद्धि पर रहता है। सूर्य का प्रभाव अस्थि, अग्नाश्य, मस्तिष्क, नेत्र और हृदय पर होता है।
सूर्य के कमज़ोर होने पर जातक को हृदय से संबंधित रोग होने का खतरा रहता है। इन्हें आंखों से जुड़ी कोई बीमारी भी हो सकती है। सूर्य के नीच स्थान या कमज़ोर होने पर चेहरे पर मुहांसे, तेज बुखार, टायफाइड, मिर्गी और पित्त की शिकायत हो सकती है।
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सूर्य ग्रह की प्रकृति कैसी है
सूर्य एक गर्म प्रकृति वाला ग्रह है और यह मर्दाना स्वभाव का है। इसके अलावा यह शुष्क एवं सकारात्मक ग्रह है। सूर्य देव को स्वभाव से उग्र ग्रह के रूप में जाना जाता है। जून और जुलाई के महीनों में सूर्य पूर्वी दिशा और ग्रीष्म ऋतु पर शासन करते हैं। इनका तांबे और सोने जैसी धातुओं पर आधिपत्य है।
सूर्य की किस दिन पूजा की जाती है
सूर्य देव को रविवार का दिन समर्पित है। यदि किसी व्यक्ति की सूर्य की महादशा चल रही है, तो उसे रविवार के दिन बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए किए जाने वाले उपाय विशेष रूप से रविवार के दिन किए जाते हैं। सूर्य को मज़बूत करने के लिए रविवार का व्रत रखने का विधान है।
सिंह राशि पर सूर्य देव का आधिपत्य होता है। मेष सूर्य की उच्च राशि है और सूर्य को प्रसन्न करने के लिए माणिक्य रत्न पहना जाता है।
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सूर्य के लिए कौन सी जड़ी पहनें
अगर आप सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो बेल मूल धारण कर सकते हैं। रविवार के दिन सूर्य के होरा और नक्षत्र में इस जड़ को धारण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। सूर्य का कृतिका, उत्तरा फाल्गुना और उत्तरा षाढ़ा नक्षत्र पर स्वामित्व है। सूर्य के लिए एक मुखी या बारह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
सूर्य के लिए किस दिन और किन चीज़ों का दान करें
सूर्य से संबंधित सभी चीज़ों का दान करने के लिए रविवार के दिन को विशेष माना गया है। इस दिन सूर्य के होरा एवं नक्षत्र में दान करने से दोगुना फल मिलता है। बता दें कि सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान प्रात:काल 10 बजे से पूर्व करना चाहिए।
सूर्य देव की कृपा पाने के लिए आप गुड़, तांबा, गेहूं, लाल रंग के पुष्पों, मैनसिल और खस आदि का दान कर सकते हैं।
अगर आप सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं या उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो अपने पिता एवं पिता तुल्य व्यक्ति का सम्मान करें।
प्रात:काल उठकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। सूर्य को चढ़ाने वाले जल में कुमकुम, हल्दी, लाल फूल तीनों या इनमें से कोई एक चीज़ ज़रूर डालें।
आप रविवार के दिन व्रत करें और सरसों के तेल एवं नमक का प्रयोग बिलकुल न करें।
इसके अलावा कपिला गाय एवं बंदरों को खाना खिलाएं।
आप एक तांबे का लोटा या बर्तन लें और उसमें रातभर के लिए पानी भरकर छोड़ दें। इस बर्तन को आपको सोते समय अपने सिरहाने रखना है। अब सुबह उठकर आप इस पानी को ग्रहण करें।
सीधे हाथ में तांबे का कड़ा पहनने से भी सूर्य को बल मिलता है।
अपने नहाने के पानी में गंगा जल और लाल चंदन को घिसकर डालें। इस पानी से स्नान करने से लाभ होगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सूर्य देव को किस राशि का स्वामित्व प्राप्त है?
उत्तर. सूर्य का सिंह राशि पर आधिपत्य है।
प्रश्न 2. सूर्य को खुश करने के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए?
उत्तर. सूर्य के लिए माणिक्य रत्न पहना जाता है।
प्रश्न 3. सूर्य को प्रसन्न करने का सरल उपाय क्या है?
उत्तर. रोज़ सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देना चाहिए।
प्रश्न 4. सूर्य वृश्चिक राशि में कब प्रवेश कर रहे हैं?
उत्तर. सूर्य का गोचर 17 नवंबर को होने जा रहा है।
मार्गशीर्ष माह में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण त्योहार, राशि अनुसार करें ये उपाय होगी हर मनोकामना पूरी!
हिंदू कैलेंडर के नौवां महीना मार्गशीर्ष का महीना कहलाता है। वैदिक ज्योतिष में इस माह को बहुत अधिक शुभ माना जाता है और यह महीना भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय है। मार्गशीर्ष माह के बारे में श्री कृष्ण ने भगवद् गीता में कहा है कि ‘मासनम मार्गशीर्ष सम नक्षत्राणां तथभिजीत’। यानी महीनों में, वे मार्गशीर्ष (अगहन) मास हैं, जो सबसे श्रेष्ठ है। “नक्षत्राणाम तथाभिजीत” का अर्थ है कि नक्षत्रों में वे अभिजीत नक्षत्र हैं, जो शुभ और विजय दिलाने वाला है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने से सतयुग का आरंभ हुआ था, इस कारण से पूजा, जप, तप और ध्यान का विशेष महत्व होता है।
आज इस ब्लॉग में हम मार्गशीर्ष मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्योहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।
मार्गशीर्ष माह का आरंभ 16 नवंबर 2024 शनिवार को होगा जिसकी समाप्ति 15 दिसंबर 2024 रविवार को हो जाएगी। फिर इसके बाद 10वां महीना पौष आरंभ हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष मास, भगवान श्री कृष्ण की उपासना के लिए भी समर्पित है क्योंकि यह माह श्री कृष्ण को बहुत अधिक प्रिय है।
मार्गशीर्ष मास का महत्व
मार्गशीर्ष मास, जिसे ‘अगहन’ भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का नौवां महीना है और इसे अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है और इसे गीता में उन्होंने श्रेष्ठ महीना कहा है। इस मास में पूजा, व्रत, और ध्यान विशेष फलदायी माने जाते हैं। मार्गशीर्ष मास को साधना और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इस मास में ध्यान करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। विशेषकर इस महीने पड़ने वाली एकादशी व्रत और पूजा अत्यधिक फलदायी होती है।
इस मास को सत्य और धर्म का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान किए गए धार्मिक अनुष्ठान और पूजा व्यक्ति को सत्य और धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाते हैं। इस माह में श्री कृष्ण की पूजा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। धन, सुख, और समृद्धि के लिए इस मास में व्रत, पूजा, और दान करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
यही नहीं यह मास कृषि कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। नए अनाज की शुरुआत इस मास में होती है, इसलिए इसे समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। किसानों के लिए यह उत्सव और खुशी का समय होता है।
मार्गशीर्ष मास यानी कि 16 नवंबर 2024 से 15 दिसंबर 2024 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
वार
पर्व
16 नवंबर, 2024
शनिवार
वृश्चिक संक्रांति
18 नवंबर, 2024
सोमवार
संकष्टी चतुर्थी
26 नवंबर, 2024
मंगलवार
उत्पन्ना एकादशी
28 नवंबर, 2024
गुरुवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
29 नवंबर, 2024
शुक्रवार
मासिक शिवरात्रि
01 दिसंबर, 2024
रविवार
मार्गशीर्ष अमावस्या
11 दिसंबर, 2024
बुधवार
मोक्षदा एकादशी
13 दिसंबर, 2024
शुक्रवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
15 दिसंबर, 2024
रविवार
धनु संक्रांति,मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
मार्गशीर्ष मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
मार्गशीर्ष मास में जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व और स्वभाव में कई विशेष गुण होते हैं। इस मास का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है, जो इसे विशेष बनाता है। इस माह में जन्म लेने वाले लोग धार्मिक और आध्यात्मिक होते हैं। वे पूजा-पाठ, ध्यान, और योग में रुचि रखते हैं और अक्सर जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयासरत रहते हैं। इस माह में जन्मे व्यक्ति धैर्यवान होते हैं। वे समस्याओं और कठिनाइयों का सामना धैर्यपूर्वक करते हैं और कभी भी हार नहीं मानते। उनकी सहनशीलता उन्हें जीवन में सफल बनाती है।
इनके स्वभाव में सौम्यता और प्रेम की भावना होती है। वे दूसरों के साथ विनम्रता से पेश आते हैं और किसी की भी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। उनके आसपास के लोग उनके साथ सहज महसूस करते हैं। ये लोग नैतिकता और ईमानदारी के पथ पर चलते हैं। साथ ही, सच्चाई और धर्म का पालन करने में विश्वास रखते हैं और जीवन में नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं।
इसके अलावा, मार्गशीर्ष में जन्मे लोग कला और रचनात्मकता में भी निपुण होते हैं। उन्हें संगीत, नृत्य, लेखन, चित्रकला जैसी कलाओं में रुचि होती है और वे अपने रचनात्मक गुणों से जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं। ये लोग आर्थिक रूप से सफल होने का प्रयास करते हैं और उन्हें धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी देवी की कृपा इन पर बनी रहती है और वे जीवन में समृद्धि और सफलता की ओर अग्रसर रहते हैं।
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मार्गशीर्ष मास में भगवान कृष्ण की पूजा का महत्व
मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान श्रीकृष्ण को धर्म और सत्य का प्रतीक माना जाता है। इस मास में उनकी पूजा करने से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा पाता है और धर्म के अनुसार जीवन जीने का संकल्प लेता है। मार्गशीर्ष मास में गीता जयंती जैसे पर्व आते हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उपदेशों से जुड़े हुए हैं। इन पर्वों पर उनकी पूजा, गीता का पाठ और गौ सेवा करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा सुलभ होती है।
मार्गशीर्ष मास ध्यान और साधना के लिए उत्तम समय माना जाता है। इस मास में श्रीकृष्ण का ध्यान, मंत्र जाप करना मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति प्रदान करता है। इस मास में भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्मरण और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। गीता के उपदेश जीवन में सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और व्यक्ति को धर्म, कर्म, और मोक्ष के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
मार्गशीर्ष मास में भगवान कृष्ण को तुलसी दल और दूध से स्नान कराकर उनकी पूजा करें। उन्हें माखन और मिश्री का भोग अर्पित करें। इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
मार्गशीर्ष मास के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
इस मास में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना और भक्ति करें। तुलसी दल और दूध से स्नान कराकर उन्हें ताजे फल, माखन-मिश्री और फूल अर्पित करें। इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मार्गशीर्ष मास में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस मास में सेवा और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें। गौ सेवा करें और पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
मार्गशीर्ष मास के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और तामसिक और राजसिक भोजन से परहेज करें।
श्रीमद्भागवत गीता का पाठ मार्गशीर्ष मास में विशेष पुण्यदायी होता है। गीता के उपदेशों को समझने और उनके अनुसार जीवन जीने का संकल्प लें। यह आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने का श्रेष्ठ समय है।
इस मास में गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है। यदि संभव न हो, तो घर में स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इस पवित्र मास में क्रोध, ईर्ष्या, और द्वेष जैसी नकारात्मक भावनाओं से बचें। शांत और सकारात्मक रहने का प्रयास करें।
मार्गशीर्ष माह में नीचे दिए गए मंत्र का जाप करने से भगवान कृष्ण के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है और मन को शांति मिलती है। इस मंत्र को प्रतिदिन 108 बार जपना शुभ माना जाता है।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
यह महामंत्र भगवान श्रीकृष्ण और भगवान राम की भक्ति का प्रमुख मंत्र है। इस मंत्र का जाप मार्गशीर्ष मास में करने से मन की शुद्धि होती है और भक्त को भगवान की भक्ति में लीन होने का अवसर मिलता है।
ॐ श्री कृष्णाय नमः
यह सरल और शक्तिशाली मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसे प्रतिदिन जपने से भगवान की कृपा, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप सुबह-सुबह स्नान के बाद करना शुभ होता है।
ॐ विष्णवे नमः
यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है और उनके सभी रूपों की आराधना का प्रतीक है।
गोविंद दामोदर माधवेति
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न नामों का स्मरण कराता है।
ॐ नमो नारायणाय
यह मंत्र भगवान विष्णु के स्वरूप नारायण की आराधना का प्रतीक है। इसका जाप मार्गशीर्ष मास में करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं।
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ॐ शांति: शांति: शांति:
यह शांति मंत्र है, जो मन, शरीर और आत्मा की शांति के लिए जपा जाता है। इसे मार्गशीर्ष मास में जपने से जीवन में सकारात्मकता और शांति आती है।
मार्गशीर्ष महीने में राशि अनुसार करें ये ख़ास उपाय
मेष राशि
इस राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूल और ताजे फल अर्पित करें। साथ ही, प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे करियर में उन्नति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी।
वृषभ राशि
भगवान कृष्ण को तुलसी और दूध से स्नान कराएं। तुलसी के पौधे की पूजा करें और शुक्रवार के दिन भगवान को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इससे स्वास्थ्य में सुधार आएगा और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
मिथुन राशि
“हरे कृष्ण हरे राम” मंत्र का प्रतिदिन जाप करें। बुधवार के दिन गरीबों को हरे वस्त्र या फल दान करें। यह उपाय आपके मानसिक तनाव को दूर करेगा और समृद्धि लाएगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को भगवान श्रीकृष्ण को सफेद चंदन से स्नान कराना चाहिए और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए। सोमवार को चंद्रमा के मंत्र “ॐ सोमाय नमः” का जाप करें। इससे आपके पारिवारिक जीवन में शांति और प्रेम बना रहेगा।
सिंह राशि
“ॐ श्री कृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें और रविवार को भगवान को गुड़ और गेहूं का भोग लगाएं। इससे करियर में सफलता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
कन्या राशि
भगवान श्रीकृष्ण को घी और शहद से स्नान कराएं और गुरुवार के दिन भगवान को केले का भोग लगाएं। “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करने से आर्थिक उन्नति होगी और व्यापार में लाभ मिलेगा।
तुला राशि
इस राशि के लोग भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें और शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजन करें। “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
वृश्चिक राशि
भगवान कृष्ण को लाल वस्त्र अर्पित करें और मंगल के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही, इस मंत्र “ॐ हनुमते नमः” का भी जाप करें। इससे साहस और शक्ति प्राप्त होगी।
धनु राशि
गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण को पीला चंदन और तुलसी पत्र अर्पित करें। इस दौरान “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का जाप करें। यह उपाय धार्मिक उन्नति और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होगा।
मकर राशि
शनिवार के दिन भगवान कृष्ण को नीले पुष्प अर्पित करें और गरीबों को भोजन कराएं। “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। इससे कार्यक्षेत्र में सफलता और जीवन में स्थिरता प्राप्त होगी।
कुंभ राशि
भगवान श्रीकृष्ण को काले तिल और शुद्ध जल से स्नान कराएं। “ॐ वासुदेवाय नमः” का जाप करें। शनिवार को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान दें। इससे मानसिक शांति और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
मीन राशि
भगवान कृष्ण को पीले वस्त्र अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। गुरुवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें। इससे आध्यात्मिक उन्नति होगी और स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- मार्गशीर्ष माह की शुरुआत कब से हो रही है?
मार्गशीर्ष माह का आरंभ 16 नवंबर 2024 शनिवार को होगा जिसकी समाप्ति 15 दिसंबर 2024 रविवार को हो जाएगी।
2- मार्गशीर्ष माह में किस देवता की पूजा की जाती है?
मार्गशीर्ष माह में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है।
3- मार्गशीर्ष कौन से महीने को कहते हैं?
यह हिंदी कैलेंडर का 9वां महीना होता है।
4- मार्गशीर्ष महीना शुभ क्यों है?
मार्गशीर्ष का महीना कृष्ण भक्तों के लिए विशेष है। कहते हैं इस महीने में जप, तप और ध्यान से हर बिगड़े काम बन जाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें इन चीज़ों का दान; मिलेंगे हजारों लाभ!
सनातन धर्म में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही ख़ास माना जाता है इसे कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। साथ ही, मान्यता है कि इस दिन स्नान के बाद दान व दीपदान करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस विशेष दिन लोग व्रत-उपवास रखते हैं। कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने और व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप व कष्ट मिट जाते हैं।
इस दिन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा यह त्रिदेवों की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम जानते हैं साल 2024 में कार्तिक पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा, इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए व इस दिन पढ़ी जाने वाली कथा।
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव, और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही, इस पर्व को देव दीपावली और गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं और दीपों के माध्यम से उनका स्वागत किया जाता है।
इस दिन पवित्र नदियों, विशेष रूप से गंगा, यमुना, और सरस्वती में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसे गुरु नानक जयंती के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर, और अरदास की जाती है, जो सेवा और समर्पण का प्रतीक है। इसके अलावा, इस दिन ध्यान, साधना और उपवास का भी विशेष महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना जाता है।
यदि संभव हो, तो इस दिन किसी पवित्र नदी, विशेषकर गंगा, यमुना या किसी तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा के लिए की तैयार करें।
भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, चंदन, रोली, धूप, दीप, अगरबत्ती, अक्षत (चावल), फूल (विशेष रूप से कमल), पंचामृत, फल और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
इसके अलावा, भगवान विष्णु को पीले फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी का उपयोग अवश्य करें।
भगवान शिव को जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। भगवान शिव की पूजा में पंचामृत से अभिषेक करना विशेष फलदायी माना जाता है।
दीपक जलाएं और भगवान की आरती करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “ॐ नमः शिवाय” मंत्रों का जाप करें।
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का विशेष महत्व है। शाम के समय अपने घर या मंदिर में दीप जलाएं और यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी के किनारे दीपदान करें।
इस दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि संभव हो, तो निराहार उपवास रखें या फलाहार ग्रहण करें।
व्रत के साथ-साथ भगवान विष्णु के नाम का जाप करते रहें और शाम को आरती के बाद व्रत का पारण करें।
इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, धन, और दीपदान करें। विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कार्तिक पूर्णिमा की कथा
कार्तिक पूर्णिमा से जुड़ी कई अन्य कथाएं भी प्रसिद्ध हैं। आइए जानते हैं इन कथाओं के बारे में..
पहली कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में त्रिपुरासुर नामक एक शक्तिशाली असुर था। वह तीन नगरों (त्रिपुर) का राजा था और अपने आतंक से सभी देवताओं और मनुष्यों को त्रस्त कर रखा था। त्रिपुरासुर ने कठोर तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया था कि उसे केवल एक ही व्यक्ति मार सकेगा और वह व्यक्ति त्रिपुरासुर को तभी मार पाएगा जब वह तीनों नगरों को एक साथ नष्ट कर सके। इस वरदान के कारण त्रिपुरासुर और भी अहंकारी हो गया और उसने सभी लोकों पर अपना शासन स्थापित कर लिया।
त्रिपुरासुर के आतंक से त्रस्त होकर देवता भगवान शिव की शरण में गए। उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे त्रिपुरासुर का वध करें और उन्हें उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाएं। भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना स्वीकार की और त्रिपुरासुर को पराजित करने के लिए तैयार हो गए। भगवान शिव ने तब अपने दिव्य धनुष पर एक अद्भुत बाण चढ़ाया और तीनों नगरों को एक साथ निशाना बनाकर नष्ट कर दिया, जिससे त्रिपुरासुर का अंत हुआ।
त्रिपुरासुर के वध के बाद देवताओं ने इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में मनाया और इसे भगवान शिव की महिमा का प्रतीक माना गया। इस घटना के बाद से ही कार्तिक पूर्णिमा को शिव भक्ति और उपासना का विशेष दिन माना जाने लगा।
दूसरी कथा: एक अन्य कथा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था, जो उनके दशावतारों में से पहला अवतार माना जाता है। इस अवतार में भगवान विष्णु ने धरती को जलप्रलय से बचाया था और सभी प्राणियों को सुरक्षा दी थी। इस कारण, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।
देव दीपावली की कथा
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर आकर गंगा नदी के किनारे दीप जलाते हैं। इसे देवताओं की दीपावली कहा जाता है, और विशेष रूप से काशी में गंगा तट पर दीप जलाने की परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा: राशि अनुसार उपाय व दान
मेष राशि
मेष राशि के जातकों को इस दिन भगवान विष्णु को लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए और साथ ही, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इस दिन तांबे का बर्तन, गुड़, और लाल कपड़े का दान करें।
वृषभ राशि
इन दिन वृषभ राशि के जातकों को भगवान शिव का अभिषेक दूध और जल से करें और बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही, सफेद वस्त्र, चावल, और दही का दान करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाएं और भगवान विष्णु को पीले फल अर्पित करें। हरी मूंग, पुस्तकें, और हरे वस्त्र का दान करना आपके लिए लाभकारी रहेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातक कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव को दूध और जल अर्पित करें और “ॐ सों सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें। दूध, चावल, और चांदी का दान करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
सिंह राशि
भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। साथ ही, गेहूं, गुड़, और तांबे का दान करें।
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कन्या राशि
भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दुर्वा अर्पित करें। साथ ही, हरी मूंग, किताबें, और हरे रंग का वस्त्र दान करें।
तुला राशि
देवी लक्ष्मी की पूजा करें और कमल का पुष्प अर्पित करें। सफेद कपड़े, शक्कर, और सुगंधित वस्त्रों का दान करें।
वृश्चिक राशि
भगवान शिव को जल चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। लाल वस्त्र, मसूर की दाल, और तांबे का दान करें।
धनु राशि
भगवान विष्णु को पीले फूल और तुलसी दल अर्पित करें। पीले वस्त्र, चने की दाल, और गुड़ का दान करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातक को भगवान शिव को काले तिल और जल अर्पित करें। काले तिल, लोहे का दान, और कंबल का दान करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातक को हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें चोला अर्पित करें। काले तिल, तेल, और नीले वस्त्र का दान करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातक भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और तुलसी पत्र अर्पित करें। साथ ही, चने की दाल, पीले वस्त्र, और केले का दान करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- कार्तिक की पूर्णिमा कब है 2024 में?
2024 में, भारत में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।
2- कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है।
3- कार्तिक पूर्णिमा पर किसकी पूजा होती है?
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं।
4- कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसका जन्म हुआ था?
सिख सम्प्रदाय में कार्तिक पूर्णिमा का दिन प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था।
शनि ने चली मार्गी चाल – इन राशियों पर रहेगा प्रकोप!
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय का कारक माना गया है। शनि देव धीमी चाल चलने वाले ग्रहों में से एक हैं और वे एक राशि में लंबे समय तक रहते हैं। हालांकि, इस बीच वे वक्री और मार्गी चाल चलते हैं। अब शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दिन वरियन योग बन रहा है। इस योग की शुरुआत 15 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट पर होगी और इसका समापन रात्रि 03 बजकर 32 मिनट पर होगा।
आज इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि कुंभ राशि में मार्गी होने पर शनि किन राशियों का भाग्य चमकाएंगे और किन राशियों के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शनि ग्रह के ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे।
शनि देव तब मार्गी हो रहे हैं, तो उस तिथि पर वरीयान योग बन रहा है। यह 27 योगों में से 18वां योग है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग का संबंध बृहस्पति ग्रह और भगवान कुबेर से है। इस योग में जन्म लेने वाले जातक संगीत, नृत्य और कला के अन्य रूपों में निपुण होते हैं। इन क्षेत्रों में करियर बनाने पर इन्हें आसानी से सफलता मिल सकती है। इन लोगों की रचनात्मक क्षेत्रों में रुचि होती है। इस योग के प्रभाव से ये जातक मज़बूत और शक्तिशाली बनते हैं।
न्याय के देवता शनि ग्रह 15 नवंबर 2024 की शाम 05 बजकर 09 मिनट पर कुंभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं।
शनि देव को अनुशासन और कर्मों का कारक माना गया है। शनि के वक्री अवस्था से मार्गी चाल चलने से यह संकेत मिलता है कि इस दौरान जीवन में अधिक स्पष्टता और गति आएगी। शनि के मार्गी होने पर लोगों को अपना मार्ग स्पष्ट दिखाई देगा। शनि के वक्री होने पर जिस देरी या बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था, अब वे सब समाप्त होने लगेंगी। इससे शनि के प्रभाव से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति मिलेगी।
शनि के वक्री रहने पर जातक जिम्मेदारियों, लक्ष्यों और सीमाओं को लेकर चिंतन कर रहा था लेकिन अब कार्य करने का समय है। अपनी योजनाओं को लागू करने का समय आ गया है। अब आप अधिक स्पष्टता के साथ निर्णय ले सकते हैं। यह समय मेहनत, अनुशासन और स्थिरता लाने के लिए है।
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शनि के मार्गी होने का कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव लग्न और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब वह आपके लग्न/पहले भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। इस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। इस दौरान आपके साथ कोई दुर्घटना होने की आशंका है। कार्यक्षेत्र में आपका अपने उच्च अधिकारियों के साथ मतभेद होने के संकेत हैं। इसके कारण आप अपना काम समय पर पूरा करने में विफल रह सकते हैं।
वहीं व्यापारियों को भी अपने क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। आपको अपने बिज़नेस में मुनाफा कमाने के लिए नई रणनीतियों पर काम करना चाहिए। शनि के मार्गी होने पर आपको धन हानि होने का डर है। आपकी लापरवाही की वजह से पैसों का नुकसान हो सकता है।
आपके निजी जीवन की बात करें, तो इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल में कमी आ सकती है। आपके रिश्ते में अहंकार की वजह से समस्याएं उत्पन्न होने के संकेत हैं। इसके कारण आपके वैवाहिक जीवन की सुख-शांति भंग हो सकती है। सेहत के मामले में इस समय आपकी इम्युनिटी काफी कमज़ोर रहने वाली है। आपको पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको तनाव से दूर रहने की सलाह दी जाती है। आप शनि देव की अगले छह महीने तक पूजा करें।
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शनि ग्रह की प्रकृति क्या है
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि एक बंधनकारी, ठंडा, बंजर, स्थिर, कठोर और गुप्त प्रकृति वाला ग्रह है। इसे मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह तुला राशि में 20 डिग्री पर उच्च का होता है और मेष राशि में 20 डिग्री पर नीच का होता है। जिन लोगों का जन्म शुक्र की राशियों यानि वृषभ और तुला में होता है, उनके लिए शनि को बहुत शुभ माना जाता है। वहीं बुध की राशियों यानी कन्या और मिथुन के लिए शनि अशुभ माने जाते हैं।
उत्तर कालामृत के अनुसार शनि स्वराशि में होने पर या बृहस्पति की राशि में होने पर या उच्च के होने पर लाभकारी प्रभाव देते हैं। शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं। शनि के कुप्रभाव के कारण कार्यों में देरी आ सकती है। इसके कारण मनमुटाव, विवाद, परेशानियां, उदासी, निराशा और कुंठा मिलती है।
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शनि ग्रह कैसा प्रभाव देता है
कुंडली में शुभ स्थान में होने पर शनि अच्छे परिणाम देते हैं। जातक को अपनी इच्छा के अनुसार फल मिलता है। शनि का शुभ स्थान में होना उत्तम स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए फायदेमंद होता है। ये लोग न्यायप्रिय और सच बोलते हैं। वहीं शनि देव को लंबी उम्र का कारक भी माना गया है।
शुभ शनि का प्रभाव: लाभकारी शनि परिश्रम, लगन, काम, विवेक, धैर्य, बचत, उद्योग, रहस्य रखने, आत्म-नियंत्रण, धीरज, मितव्ययिता और कर्तव्य की भावना के लिए जिम्मेदार होता है। शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति सच्चा, ईमानदार, विश्वसनीय, निष्ठावान और वफादार बनता है।
अशुभ शनि का प्रभाव: शनि के पीड़ित या अशुभ स्थान में होने पर कार्यों में देरी आती है और व्यक्ति निराशा एवं उदासी से घिर सकता है। ये जातक को आलसी, सुस्त और निष्क्रिय बनाता है।
शनि शांति के लिए सुबह क्या उपाय करें
यदि आपको शनि के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं, तो आप सुबह उठकर स्नान करने के बाद शनि देव की पूजा ज़रूर करें। इसके अलावा राधेश्याम की आराधना करने से भी लाभ होगा। हनुमान जी और कूर्म देव की पूजा करना भी अच्छा माना जाता है।
अगर आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनसे शुभ प्रभाव पाने की कामना रखते हैं, तो शनिवार के दिन व्रत रखें और शनि देव की विशेष पूजा करें। इसके अलावा आप शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीया भी जला सकते हैं।
शनिवार के दिन शनि के होरा एवं शनि के नक्षत्र में शनि देव से संबंधित चीज़ों का दान करना लाभकारी माना गया है। शनि के नक्षत्र हैं पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद। शनि की चीज़ों का दान दोपहर या शाम के समय करना चाहिए।
शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं में लोहा, साबुत उड़द की दाल, तेल, काले रंग के वस्त्र और तिल के बीज शामिल हैं।
शनि शांति के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए
शनि देव को प्रसन्न करने या उनकी कृपा पाने के लिए नीलम रत्न पहना जाता है। मकर और कुंभ राशि के जातक इस रत्न को पहन सकते हैं। इस स्टोन को धारण करने से शनि से मिल रहे नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शनि किन राशियों के स्वामी ग्रह हैं?
उत्तर. शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं।
प्रश्न 2. शनि देव की पूजा किस दिन की जाती है?
उत्तर. शनिवार का दिन शनि देव के लिए समर्पित है।
प्रश्न 3. शनि देव को प्रसन्न करने का क्या उपाय है?
उत्तर. शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाएं।
प्रश्न 4. शनि के लिए कौन सा रत्न पहना जाता है?
उत्तर. शनि के लिए नीलम रत्न पहना जाता है।
कब और क्यों मनाई जाती है देव दिवाली, जानें क्यों सभी देवता भगवान शिव की करते हैं पूजा!
सनातन धर्म में दीपावली के त्योहार के साथ-साथ देव दिवाली के पर्व का भी विशेष महत्व है। दिवाली के ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि देव दीपावली यानी देवताओं की दिवाली के दिन सभी देवता काशी पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं। मुख्य रूप से देव दिवाली काशी में गंगा नदी के तट पर मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरासुर का वध किया और इसके बाद देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया जो देव दीपावली के रूप में प्रचलित है।
इस पावन दिन में पवित्र नदी में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है। वहीं काशी में देव दीपावली का अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। पूरी काशी को दीपों से सजाया जाता है और गंगा घाट पर चारों तरफ मिट्टी के दिए जलाए जाते हैं। साथ ही, लोग अपने घरों के बाहर भी दीपक जलाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं देव दिवाली 2024 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, पौराणिक कथा और ज्योतिषीय उपाय के बारे में।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को दिन शुक्रवार को पड़ रही है।
पूर्णिमा तिथि आरंभ : 15 नवंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 21 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 16 नवंबर 2024 की सुबह 02 बजे तक।
देव दिवाली का महत्व
देव दिवाली को देव दीपावली भी कहा जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत, खासकर वाराणसी में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसे “देवताओं की दिवाली” कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन सभी देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर गंगा नदी के तट पर आते हैं और दीप जलाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और दिवाली के रूप में इस त्योहार को मनाते हैं।
देव दिवाली का संबंध भगवान शिव से है और इस दिन भोलेनाथ की प्रिय काशी के गंगा घाटों पर दीपों की पंक्ति सजाई जाती है और भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। भक्त गंगा नदी में स्नान करके शिवलिंग पर जल और पुष्प अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में देवता, ऋषि-मुनि, और पृथ्वी के लोग मिलकर दीप जलाते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं। देव दिवाली के दिन, भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं, जिसे अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। यह स्नान व्यक्ति के पापों को धोने और आत्मा को शुद्ध करने में सहायक होता है।
देव दिवाली की पूजा करने से पहले प्रातः काल स्नान करें। यदि संभव हो, तो गंगा नदी या किसी पवित्र जल में स्नान करें।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें।
गंगा किनारे, घर के मंदिर, या आंगन में दीप जलाएं।
पूजा स्थल पर भगवान शिव और गंगा माता की मूर्ति या चित्र रखें।
शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करें। चंदन, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करके भगवान शिव की आरती करें।
गंगा माता की मूर्ति के समक्ष ताजे फूल, धूप, और दीप अर्पित करें और मां गंगा आरती करें।
देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा का महत्व है क्योंकि यह कार्तिक पूर्णिमा का अवसर है। भगवान विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीप जलाएं और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
भगवान विष्णु की आरती करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान शिव, गंगा माता, और भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें। प्रसाद में फल, मिठाई, या विशेष पकवान शामिल करें।
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में त्रिपुर नामक तीन बहुत ही शक्तिशाली राक्षस थे, जिन्हें त्रिपुरासुर कहा जाता था। वे तीनों भाई थे और उन्होंने कठोर तपस्या करके ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त कर लिया था। ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया कि वे तीन अलग-अलग शहरों (त्रिपुर) में निवास करेंगे, जो आकाश में स्थित होंगे और उन तीनों को केवल एक साथ मिलकर एक ही समय पर नष्ट किया जा सकता है। इस वरदान से त्रिपुरासुर अत्यंत अभिमानी और शक्तिशाली हो गए।
त्रिपुरासुर ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया और देवताओं को परेशान करने लगे। वे तीनों राक्षस स्वर्गलोक और पृथ्वी पर अत्याचार करने लगे, जिससे देवता और ऋषि-मुनि अत्यधिक पीड़ित हो गए। देवताओं ने इस संकट से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की शरण ली और उनसे त्रिपुरासुर का वध करने की प्रार्थना की। भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना स्वीकार की और त्रिपुरासुर का वध करने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने धनुष से एक दिव्य बाण का निर्माण किया। कार्तिक पूर्णिमा के दिन, भगवान शिव ने अपने रथ पर चढ़कर तीनों त्रिपुर को निशाना बनाया और अपने धनुष से बाण चलाकर तीनों को एक साथ नष्ट कर दिया। इस प्रकार त्रिपुरासुर का अंत हुआ और देवताओं को उनके अत्याचारों से मुक्ति मिली।
भगवान शिव की इस विजय के बाद, देवताओं ने प्रसन्न होकर उनकी आराधना की और दीप जलाकर उत्सव मनाया। यह वही दिन था जब देवताओं ने पहली बार “देव दिवाली” मनाई थी। इस दिन को देवताओं के दिवाली के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। देवताओं ने गंगा तट पर आकर दीप जलाए और भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
देव दिवाली के दिन जरूर करें ये ख़ास उपाय
शत्रुओं से बचाव के लिए
देव दिवाली के दिन हनुमानजी की पूजा करें। उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय शत्रुओं से आपकी सुरक्षा करेगे और हर समस्याओं का निवारण करेगा।
राहु-केतु दोष से छुटकारा पाने के लिए
देव दिवाली के दिन शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और कुंडली में उपस्थित शनि दोष और राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है। साथ ही, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए
देव दिवाली के दिन काले तिल का दान करना विशेष फलदायी होता है। इससे शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और कुंडली में शनि दोष का निवारण होता है। इसके अलावा, काले तिल को जल में प्रवाहित करना भी शनि ग्रह को शांत करता है।
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सुख-समृद्धि के लिए
इस दिन घर के कोनों में गंगा जल का छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, गंगाजल का छिड़काव वास्तु दोष को समाप्त करता है और घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है।
बुध ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए
देव दिवाली पर गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें और गौ माता को हरा चारा और गुड़ खिलाएं।
गुरु की स्थिति मजबूत करने के लिए
देव दिवाली के दिन पीपल के वृक्ष के पास दीया जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। पीपल वृक्ष को जल अर्पित करने से गुरु ग्रह का दोष शांत होता है और कुंडली में गुरु की स्थिति सुदृढ़ होती है।
मंगल दोष दूर करने के लिए
देव दिवाली के दिन लाल कपड़े में गुड़ बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। यह उपाय मंगल दोष को शांत करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1- 2024 में कब है देव दिवाली?
इस साल देव दिवाली 15 नवंबर को मनाई जाएगी।
2- देव दीपावली पर क्या करें?
देव दीपावली यानी कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में डुबकी लगानी चाहिए और शाम के समय मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए।
3- देव दीपावली का क्या महत्व है?
कालांतर में भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दीपावली मनाई जाती है।
बाल दिवस 2024: जानें राशि अनुसार बच्चों को मिलेंगे कैसे परिणाम!
बाल दिवस 2024: हम उम्र के किसी भी पड़ाव पर क्यों न हों, बाल दिवस का नाम सुनते ही मन यादों में डूब जाता है। पुराने दिनों को याद करते हुए हम सोचते हैं कि वो भी क्या दिन थे जब बाल दिवस पर तैयार होकर स्कूल पहुंचने की जल्दी रहती थी। इस दिन स्कूल में होने वाले मनोरंजक कार्यक्रम और आखिर में मिलने वाली मिठाई की यादें ताजा हो जाती हैं। खैर, वो समय तो बीत गया और अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि चिल्ड्रेंस डे के इस ब्लॉग में क्या-क्या जानकारी दी गई है।
हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस पर चिल्ड्रेंस डे यानी बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं और उन्हें अच्छी तरह से शिक्षित किया जाना चाहिए एवं उनका सही तरह से विकास हो पाए, इसके लिए उनकी उचित देखभाल करनी चाहिए। नेहरू जी की इसी बात को ध्यान में रखते हुए बाल दिवस का प्रमुख उद्देश्य होता है कि बच्चों के अधिकारों और शिक्षा एवं संरक्षण की ज़रूरत को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाए।
अक्सर कहा जाता है कि वयस्कों पर बच्चों को सही मार्गदर्शन देने और सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी होती है ताकि बच्चे अपनी प्रतिभा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। अक्सर हम अनजाने में अपने लिए गलत नौकरी या करियर क्षेत्र का चुनाव कर लेते हैं जिस पर आगे चलकर हमें पछतावा होता है। उस समय ऐसा लगता है कि अगर हमें शुरुआत में ही किसी ने सही सलाह दे दी होती, तो हम अपने करियर में आज बेहतर प्रदर्शन कर रहे होते। इसी वजह से एस्ट्रोसेज ने एक विशेष ज्योतिषीय रिपोर्ट तैयार की है जिसका नाम ‘कॉग्नि एस्टो रिपोर्ट’ है। इस रिपोर्ट में एस्ट्रोसेज के विद्धान और अनुभवी ज्योतिष बच्चे की कुंडली का अध्ययन करने के बाद उसके व्यक्तित्व और प्रतिभा के आधार पर उसके लिए उपयुक्त नौकरी की जानकारी देंगे।
बाल दिवस 2024: कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट और राशि अनुसार पेरेंटिंग टिप्स
कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट में करियर से संबंधित हर प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा। डॉ. कार्ल जंग के सिद्धांतों से मिले मानव मनोविश्लेषण के आधार पर ज्योतिषी पुनीत पांडे ने अपने ज्योतिषीय ज्ञान से इस रिपोर्ट को तैयार किया है।
इस रिपोर्ट की मदद से माता-पिता अपने बच्चे के व्यक्तित्व और उसकी रुचियों को अच्छे से समझ पाएंगे। इससे उन्हें अपने बच्चे का सही मागर्दशन करने और उसके भविष्य को बेहतर तरीके से संभालने में सहायता मिलेगी।
जब माता-पिता के सामने यह सवाल आता है कि उनके बच्चे के लिए सबसे अच्छा क्या है और प्रगति करने के लिए कैसे उसका मार्गदर्शन करना है, तब अक्सर पेरेंट्स खुद को असहाय और निराश महसूस करते हैं। अभिभावक ही नहीं बल्कि बच्च्चे भी अक्सर ऐसे सवालों से घिरे रहते हैं कि जिंदगी में क्या हासिल करना है?, क्या हम बेहतर प्रदर्शन दे पाएंगे?, मेरे या मेरे बच्चे के लिए करियर के क्षेत्र में सबसे अच्छा विकल्प क्या रहेगा?
अक्सर दिनभर मन इस तरह के सवालों में उलझा रहता है। अपने सवालों का जवाब जानने के लिए हम कई मनोवैज्ञानिक परीक्षण और स्टडीज़ करते हैं लेकिन इससे हम और भी ज्यादा कंफ्यूज़ हो जाते हैं। इस चिल्ड्रेंस डे ब्लॉग को उन माता-पिता और बच्चों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार किया गया है जो भविष्य को लेकर उत्साहित होने के साथ-साथ डरे हुए होते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
राशि-अनुसार पेरेंटिंग टिप्स
माता-पिता बनने के बाद कई तरह की मुश्किलें आती हैं और हर दिन बच्चे की ज़रूरतों के हिसाब से खुद को ढालना चुनौतीपूर्ण और कठिन लगने लगता है। हर बच्चा अलग होता है और उसका व्यक्तित्व, कौशल एवं सीमाएं भी भिन्न होती हैं। यदि माता-पिता को अपने बच्चे की विशेषताओं और खास बातों के बारे में पता हो, तो वे अपने बच्चे का ज्यादा अच्छे से मार्गदर्शन एवं पालन-पोषण कर सकते हैं।
अपनी संतान के व्यक्तित्व के बारे में गहराई से जानने के लिए ज्योतिष एक बेहतरीनत मार्ग एवं उपाय है। बच्चे की राशि की प्रकृति और उसकी विशिष्टता जानने के बाद आप अपने बच्चे की पसंद-नापंसद, काबिलियत और प्रगति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कई माता-पिता अपने बच्चे के साथ अपने रिश्ते को मज़बूत करने के लिए इसे एक सहायक उपकरण के रूप में भी देखते हैं।
राशि
पेरेंटिंग टिप्स
मेष राशि
इनकी एनर्जी को सही दिशा में लगाने के लिए आप इन्हें शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।संयम दिखाकरऔर दृढ़ सीमाएं बनाकर आप अपने बच्चे को धैर्य का पाठ सिखा सकते हैं।बच्चे की उपलब्धियों के साथ-साथ उसके प्रयासों की भी सराहना करें। इससे बच्चा खुद को हर परिस्थिति के लिए तैयार करना सीखेगा।
वृषभ राशि
बच्चे को एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल दें ताकि उसका विकास अच्छे से हो पाए।बच्चे के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें और उसके जिद्दी व्यवहार के आगे धैर्य से काम लें।नई सोच और अनुभवों के साथ बच्चे को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं।
मिथुन राशि
खेल, पहेलियों और साहित्य की मदद से बच्चे के सीखने के जुनून को प्रोत्साहित करें।बातचीत से उनका विकास होता है इसलिए उन्हें लोगों से घुलने-मिलने का मौका दें।उसकी उम्र और क्षमता के हिसाब से लक्ष्य निर्धारित करके ध्यान केंद्रित करने में मदद करें।
कर्क राशि
बच्चों के लिए घर में प्यारभरा और सुरक्षित माहौल बनाएं।उनकी भावनाओं को समझें और मुश्किल वक्त में सांत्वना और सहानुभूति दें।उसे बताएं कि कभी-कभी कमज़ोर महसूस करने में कोई बुराई नहीं है और उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
सिंह राशि
बच्चे की रचानात्मक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उसे कला या परफॉर्मेंस से संबंधित गतिविधियों में हिस्सा लेने दें।आपसी सहयोग और शेयरिंग सिखाकर उसके अंदर विनम्रता का भाव विकसित करें।समय-समय पर उनकी सराहना करें और उन्हें स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही उन्हें दूसरों का महत्व समझने की भी सीख दें।
कन्या राशि
बच्चे को परिणाम के बजाय प्रयास करने पर ध्यान देना सिखाएं। ऐसा कर के आप उसे अपने परफेक्शनिज्म को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।तनाव से बचने के लिए आप उसे आराम करने और ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें जिससे उन्हें खुशी मिलती हो।उसे बताएं कि सीखने और विकास के रास्ते में गलतियां होना स्वाभाविक है।
तुला राशि
उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने और अपने फैसले खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।बच्चे को सिखाएं कि किसी के साथ असहमति होना गलत बात नहीं है और इस असहमति को सौहार्दपूर्ण सुलझाया जा सकता है।बच्चे को फैसले लेने और अपनी निर्णय लेने की क्षमता पर विश्वास करना सिखाएं।
वृश्चिक राशि
उसे बताएं कि अपनी भावनाओं को शेयर करना ठीक है और वो खुलकर बात कर सकता है।उसके जुनून को रुचि या मनोरंजन में बदलने में उसकी मदद करें।बच्चे को दूसरों को माफ करने और गिले-शिक्वे दूर करने की सीख दें।
धनु राशि
बच्चे को विभिन्न संस्कृतियों और अनुभवों से परिचित करवाएं। इससे बच्चे साहसी बनेंगे।बच्चे को अपने कार्यों के प्रति जवाबदेही और अपने शब्दों पर टिके रहना सिखाएं।बच्चे को स्थिरता और स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाने में सहायता करें।
मकर राशि
बच्चे को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का मौका दें। इससे वह महत्वाकांक्षी बनेगा।थकान से बचने के लिए उसे आराम और सुकून के पल बिताने के लिए प्रोत्साहित करें।उसे लक्ष्य को महत्व देने के बजाय वहां तक पहुंचने की यात्रा का आनंद लेना सिखाएं।
कुंभ राशि
उसकी रुचियों का समर्थन करें और उसकी कल्पनाशीलता को बढ़ावा दें।बच्चे को दूसरों को समझने और सहानुभूति रखने का महत्व बताएं। इससे उसके भावनात्मक रिश्ते मज़बूत होंगे।उसे अपने विचारों के साथ प्रयोग करने की आज़ादी दें। इसके साथ ही सही दिशा दिखाएं और प्रोत्साहन भी दें।
मीन राशि
बच्चे को कहानियों, संगीत या पेंटिंग के ज़रिए क्रिएटिव बनाने की कोशिश करें।उसे जरूरी स्किल्स सिखाएं और रूटीन में रहने का महत्व बताएं। इससे बच्चे जमीन से जुड़े रहते हैं।उन्हें बताएं कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना चाहिए एवं उन्हें भावनात्मक रूप से सहयोग प्रदान करें।
नोट: चूंकि, वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा हमारे मन, भावनात्मक क्षमता और मां का कारक होता है इसलिए चिल्ड्रेंस डे 2024 के लिए चंद्रमा के गोचर और स्थिति के अनुसार भविष्यवाणी की गई है।
मेष राशि
14 नवंबर को चंद्रमा वृषभ राशि के दूसरे भाव में होंगे जो कि उनकी उच्च राशि है। चंद्रमा मेष राशि के लिए कुंडली के चौथे भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव शिक्षा को दर्शाता है। चंद्रमा के दूसरे भाव में होने से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। यदि 14 नवंबर को किसी परीक्षा का परिणाम आने वाला है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि नतीजा सकारात्मक ही होगा। नवंबर में होने वाले अन्य ग्रहों के गोचरों को ध्यान में रखते हुए आप किसी भी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर के सफल होंगे। हालांकि, आपको अतिआत्मविश्वासी होने से बचना चाहिए।
चंद्रमा के दूसरे भाव में होने से, जो जातक अपने पारिवारिक व्यवसाय में काम कर रहे हैं या जो लिक्विड, केमिकल और फूड आदि के क्षेत्र में अपना खुद का व्यापार कर रहे हैं, उन्हें शानदार परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है। आप अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित करने और अपना काम करवाने में सक्षम होंगे।
उपाय: सफलता और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हर सोमवार को रुद्राभिषेक करें।
पहले भाव में उच्च का चंद्रमा उत्कृष्ट बौद्धिक और भावनात्मक क्षमता प्रदान करता है। वृषभ राशि के जातकों के लिए चंद्रमा तीसरे भाव के स्वामी हैं। जो जातक रचनात्मक क्षेत्र में काम या व्यापार करते हैं, उनके लिए चंद्रमा की यह स्थिति श्रेष्ठ साबित होगी। ये जन्म से ही कई प्रतिभाओं के धनी और कला प्रेमी होते हैं। निर्णय लेने के मामले में ये तर्क के बजाय अपने मन की ज्यादा सुनते हैं।
इस भाव के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और जब तक वह किसी अशुभ प्रभाव में नहीं आते, तब तक इस स्थिति में वह अच्छा प्रभाव ही देते हैं। आप शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे ओर दूसरों की मदद करने में भी सक्षम होंगे। हालांकि, अगर चंद्रमा आपकी कुंडली में अशुभ प्रभाव में है या नकारात्मक स्थान पर बैठा है, तो ऊपर बताए गए सकारात्मक प्रभावों में कमी आ सकती है।
चंद्रमा के इस स्थिति में होने की वजह से व्यक्ति बहुत ज्यादा मिलनसार स्वभाव का होता है और इसकी वजह से उसकी एकाग्रता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यही वजह है कि वृषभ राशि के छात्रों के माता-पिता और शिक्षकों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपाय: वृषभ राशि के बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मोती के साथ चांदी की चेन गले में धारण करनी चाहिए।
मिथुन राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके दूसरे भाव के स्वामी हैं। यह भाव संपन्नता, परिवार और वाणी का होता है। इस दौरान चंद्रमा आपके बारहवें भाव में रहेंगे जो कि अध्यात्म, अस्पताल और उससे संबंधित, मल्टीनेशनल कंपनी या विदेशी भूमि को दर्शाता है। जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं, अब उनका यह सपना पूरा हो सकता है। वहीं नौकरीपेशा जातकों को भी काम के सिलसिले में विदेश जाकर रहने का मौका मिल सकता है। (आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दशा से भी इसकी पुष्टि होनी चाहिए।)
चंद्रमा की यह स्थिति एक ऐसे कल्पनाशील व्यक्ति को दर्शाती है जो दिन में सपने देखना पसंद करते हैं। कल्पनाशील होने की वजह से ये बहुत रचनात्मक होते हैं और लेखक या फिल्म मेकर बनते हैं और खूब धन कमाते हैं। छात्रों को ध्यान लगाने और पढ़ाई के लिए एक नियमित दिनचर्या को बनाए रखने में दिक्कत आ सकती है। इन्हें अपने शिक्षकों और माता-पिता से अधिक देखभाल और मदद की जरूरत पड़ सकती है।
कर्क राशि के जातकों के लिए चंद्रमा लग्न भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके लाभ के स्थान यानी ग्यारहवें भाव में स्थित रहेंगे। चंद्रमा के इस भाव में होने की वजह से आप अत्यंत सम्मोहक व्यक्तित्व के और रचनात्मक गुणों से लबरेज़ होते हैं। इससे आपको अपने कार्यों में आगे बढ़ने और जीवन में संतुष्टि पाने में मदद मिलेगी। अपनी उत्कृष्ट कला की वजह से आप खूब पैसा कमाएंगे। यदि आप अपने जीवन में अच्छे और बुरे दोनों तरह के समय का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी जिंगदी में संतुलन बनाकर चलना होगा।
कर्क राशि के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और उन्हें अपनी उम्मीद से ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। आपके स्कूल या कॉलेज में कोई प्रतियोगिता होने वाली है, तो निश्चित रूप से आप उसमें अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
उपाय: चंद्रमा के बीज मंत्र – ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’ का जाप करें।
सिंह राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके दसवें भाव में रहेंगे। आप एक प्रसिद्ध, सभी के चहेते और सफल व्यक्ति होंगे। ये लोग मनोहर व्यक्तित्व और चरित्र के होते हैं। ये जातक बहुत बुद्धिमान, रचनात्मक और सत्ताधारी होते हैं। हालांकि, चंद्रमा की इस स्थिति में बॉस के साथ मतभेद होने की भी आशंका रहती है। ये छात्र पढ़ाई में उत्कृष्ट आएंगे। यदि आप विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है।
ये बहुत संवेदनशील स्वभाव के होते हैं और व्यवस्थित एवं जिम्मेदार होते हैं । साथ ही यह भावुक होते हैं। अपने खुले विचारों और जीवन के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण रखने की वजह से ये दूसरों से अलग होते हैं। इन्हें शांति से और कभी-कभी अकेले रहने का मन कर सकता है। इन जातकों को ट्रेड या वित्तीय उद्योग में सफलता मिलने की संभावना है। ये इंजीनियर या पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के रूप में सफल हो सकते हैं। इस समय आपको डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस या आईएफएस अधिकारी बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के आसार हैं। फार्मास्यूटिकल, मेडिकल और कॉस्मेटिक के क्षेत्र में भी आपको प्रगति मिलेगी।
उपाय: आप रोज़ दूध में पानी और थोड़ी सी चीनी डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
कन्या राशि के जातकों के लिए चंद्रमा उनके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि लाभ और मनोकामना की पूर्ति का स्थान है। चंद्रमा अपने त्रिकोण भाव यानी नौवें घर में रहेंगे। यह चंद्रमा की उत्कृष्ट स्थिति है। चंद्रमा के नौवें भाव में होने की वजह से आप लंबी दूरी की यात्राओं का आनंद लेंगे। विदेश में प्रशंसा मिलने की वजह से आप वहां स्थायी या अस्थायी रूप से रहने की इच्छा रख सकते हैं। नवम भाव पर चंद्रमा के प्रभाव के कारण जातक को अक्सर समुद्री यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। इन्हें अध्यात्म में शांति का अनुभव होगा। इन जातकों में दुनिया को समझने की क्षमता या योग्यता दूसरों से कहीं ज्यादा होती है।
जब बुद्धि की बात आती है तो चंद्रमा की ऐसी स्थिति वाले छात्र अपने काम में अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ये तत्वविज्ञान, फिलॉस्फी, धर्म, आध्यात्मिकता, कानून, रीति-रिवाज़ और सभ्यता आदि के मामले में उत्कृष्ट होते हैं। आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कहां काम करते हैं इसलिए सफलता पाने के लिए आप इस समय कहीं और काम के अवसरों की तलाश करनी शुरू कर दें।
तुला राशि के दसवें भाव पर चंद्रमा का आधिपत्य है एवं यह भाव करियर को दर्शाता है। अब चंद्रमा आपके आठवें भाव में रहेंगे जिसे रहस्यों का कारक माना जाता है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में विराजमान होता है, वे उद्यमी, महत्वाकांक्षी और अपने जीवन को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं। ये कई स्रोतों से ज्ञान अर्जित करते हैं और बहुत कुछ सीखते हैं। इसके अलावा इनके अंदर तनावपूर्ण या मुश्किल स्थिति में भी शांत रहने का गुण विद्यमान होता है। इससे इन्हें अपने निजी और पेशेवर जीवन में काफी लाभ मिलता है। ये जातक अन्याय का विरोध करते हैं और सच बोलते हैं एवं दूसरों के प्रति समर्पण और दया का भाव रखते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा इस स्थिति में होते हैं, वे जातक किसी भी चीज़ या परिस्थिति को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं और इनके पास नए विचारों का खजाना होता है। इन्हें रहस्यमयी, थ्रिलर या भूत की कहानी लिखने वाले लेखक या डायरेक्टर के रूप में सफलता मिल सकती है। ये साइकोलॉजिस्ट या साइकैट्रिस्ट के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं। इससे इन्हें सफलता के साथ-साथ विदेश तक में पहचान मिल सकती है। चंद्रमा के आठवें भाव में होने पर जातक डॉक्टर, उपचार करने वाला, ज्योतिषी, योगा निर्देशक, मार्गदर्शक, काउंसलर, आध्यात्मिक गुरु या देख-रेख करने वाला बन सकता है। ये उन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं जहां पर तुरंत उपचार और सहारे की ज़रूरत होती है।
इस राशि के नौवें भाव पर चंद्रमा का आधिपत्य है और चिल्ड्रेंस डे पर चंद्रमा आपके सातवें भाव में रहेंगे। अगर आप लंबे समय से किसी खास जगह की यात्रा करने का इंतज़ार कर रहे थे, तो अब आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है। धन की कोई कमी न होने की वजह से आप दूर-दराज वाली जगहों पर छुट्टियों का आनंद लेंगे।
आपको घूमने-फिरने और अपनी यात्राओं के बारे में लिखने से लोकप्रियता और सफलता मिलने के आसार हैं। आप प्रशासनिक सेवाओं, कॉमर्स बिज़नेस और एक राजनयिक दूत के रूप में कामयाब हो सकते हैं। आप आयात-निर्यात के बिज़नेस से खूब पैसा कमा सकते हैं।
उपाय: हर सोमवार और मंगलवार को गरीब लोगों को चावल और चीनी का दान करें।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए चंद्रमा आठवें भाव के स्वामी हैं और अब चंद्रमा उच्च स्थिति में छठे भाव में बैठे हैं और विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। जिन लोगों की कुंडली में छठे भाव में चंद्रमा होता है, उनमें दूसरों की सेवा और मदद करने का गुण होता है। ये लोग अपनी रुचि में बदलाव करते हुए दूसरों की मदद करने को अपने विकास का हिस्सा बना सकते हैं।
इन्हें अपने जीवनसाथी, परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ अपने रिश्तों को कायम रखने में संघर्ष करना पड़ सकता है। आपको अजनबियों और कभी-कभी विदेशियों से भी मदद मिलने की संभावना है। आप अपने ज्ञान और समझदारी से लिए गए निर्णयों की वजह से बेहतरीन करियर बना सकते हैं। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा इस स्थिति में और मज़बूत होता है, वे अपनी असाधारण समझ और एकाग्रता की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।
मकर राशि के सातवें भाव के स्वामी चंद्रमा हैं और अब वह आपके पाचंवे भाव में रहेंगे। चंद्रमा का इस भाव में होना शुभ संकेत है। चूंकि, कुंडली का पांचवां भाव शिक्षा को दर्शाता है इसलिए इस समय मकर राशि के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। यदि इनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान में बैठा हो, तो इन्हें और भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
विद्यार्थियों को पढ़ाई के मामले में उच्च परिणाम मिलने के संकेत हैं। वहीं युवाओं को भी काम के शानदार अवसर मिल सकते हैं। चंद्रमा शुक्र की राशि में उच्च स्थान में बैठा है जिससे रचनात्मकता में वृद्धि होती है। इस वजह से रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वाले जातक बेहतरीन काम करेंगे। आप अपने अनोखे आइडियाज़ और अपने कौशल एवं प्रतिभा से अपने बॉस को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। करियर के मामले में यह दिन आपके लिए अच्छा साबित होगा।
कुंभ राशि के छठे भाव के स्वामी चंद्रमा हैं और यह भाव प्रतियोगिता, कर्ज और कानूनी मामलों को दर्शाता है। अब चंद्रमा उच्च के होकर आपके चौथे भाव में विराजमान हैं। कुंडली का यह भाव मां, सुख और सुविधा को दर्शाता है। चूंकि, कालपुरुष की कुंडली में चंद्रमा का घर चौथा भाव ही होता है, इसलिए वृषभ राशि में चौथे घर में चंद्रमा का होना सहजता और भावनात्मक रूप से संतुलन प्रदान करता है।
जिन जातकों की कुंडली में वृषभ या कर्क राशि में चंद्रमा चौथे भाव में होते हैं, वे अपनी मां के प्रति बहुत समर्पित रहते हैं और इन पर मां की ममता या उनके देखभाल करने के व्यवहार का बहुत ज्यादा प्रभाव रहता है। चंद्रमा की दृष्टि दसवें भाव पर पड़ रही है जिससे जातक किसी ऐसे पेशे से जुड़ सकता है जहां पर लोगों की सहायता करनी हो जैसे कि शिक्षक, रियल एस्टेट एजेंट, चाइल्ड काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट, नर्स या एचआर। जो व्यक्ति पहले से ही इन पदों पर काम कर रहे हैं, वे उत्कृष्ट प्रदर्शन देंगे और चिल्ड्रेंस डे के इस सप्ताह में छात्रों की एकाग्रता उच्च स्तर की रहने वाली है।
मीन राशि के पांचवे भाव के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और यह शिक्षा का भाव है। अब चंद्रमा साहस, शौर्य और एकाग्रता के भाव यानी तीसरे घर में रहेंगे। बाल दिवस का यह सप्ताह छात्रों के लिए बहुत ज्यादा अच्छा साबित होगा। आप अपने शिक्षकों और साथी छात्रों से बेहतर ढंग से जुड़ पाएंगे और आपको पढ़ाई के साथ-साथ एक्स्ट्रा कर्रिकुलर एक्टिविटीज़ में भी में अपने दोस्तों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
सर्जन, डॉक्टरों, नर्स और मेडिकल या फार्मा से संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए भी यह अच्छा समय है। इस सप्ताह आपको अपनी पेशेवर जिंदगी में सफलता मिलेगी और आपके सामाजिक एवं व्यावसायिक नेटवर्क का भी विस्तार होगा।
उपाय: आप रोज़ भगवान शिव की उपासना करें और ॐ का जाप एवं ध्यान करें।