इस मदर्स डे 2025 पर अपनी मां को राशि अनुसार दें तोहफा, खुश हो जाएगा उनका दिल
मदर्स डे 2025: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं। मदर्स डे एक ऐसा मौका होता है जब हर बच्चा अपनी मां को खास महसूस करवाने की कोशिश करने में लगा रहता है। उसकी उम्र चाहे कुछ भी हो, वो किशोरावस्था में हो या फिर वयस्क हो चुका हो, उसका दिमाग यही सोचने में लगा रहता है कि इस मदर्स डे पर अपनी मां को कैसे खुश करे और उन्हें तोहफे में क्या दे?
आज एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप अपनी मां को इस मदर्स डे पर उनकी राशि के अनुसार क्या उपहार दे सकते हैं। इसके साथ ही हम कुछ सिलेब्रिटी की जन्मकुंडली का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास करेंगे कि किन ग्रहों की वजह से मां और संतान के बीच का रिश्ता कमज़ोर और मजबूत बनता है।
जैसे-जैसे वसंत का मौसम खिलता है और हवा में गर्माहट आती है, वैसे–वैसे हमें अपने जीवन को सुगंधित करने वाले एक और खास फूल की याद आती है और वो है हमारी मां। मदर्स डे कैलेंडर की सिर्फ एक तारीख नहीं है बल्कि यह प्यार, त्याग, शक्ति और अटूट सहयोग को मनाने का एक उत्सव है। आपका मार्गदर्शन करना हो, आपका दोस्त बनना हो या फिर पर्दे के पीछे रहकर आपकी ताकत बनना हो, मां इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाती है इसलिए हर मां को सम्मानित ज़रूर करना चाहिए।
हर साल दुनियाभर में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है और इस साल 11 मई, 2025 को मदर्स डे मनाया जाएगा। बचपन में अपनी भावनात्मक और पोषण संबंधित ज़रूरतों को समझना मुश्किल होता है लेकिन वयस्क होने पर आप ज्योतिष और अन्य तरीकों जैसे कि थेरेपी से जान सकते हैं कि मां के जीवन के ये पहलू अब भी आप पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं या नहीं। कोई भी प्रश्न पूछने और किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आप ज्योतिष की मदद से अपने चंद्र स्वभाव और चंद्रमा द्वारा उत्पन्न पहलुओं को समझ सकते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
चंद्रमा, चौथा भाव और मां के साथ रिश्ते को प्रभावित करने वाले ग्रह
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा ग्रह का संबंध मां से होता है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है कि मां के साथ भावनात्मक संबंध कैसा होगा और जीवन पर उनका कैसा प्रभाव होगा। चौथा भाव भी मां, घर और परिवार से जुड़ा होता है और मां के साथ संबंध को समझने के लिए इस भाव को भी देखा जा सकता है। जब चौथे भाव का संबंध खासतौर पर चंद्रमा से हो, तब उसकी मां के व्यक्तित्व, उसके ऊपर मां का प्रभाव और उनके साथ उसके रिश्ते के बारे में जाना जा सकता है।
मां का व्यक्तित्व कैसा है और वे दूसरों के साथ किस तरह से बात करती हैं, यह चौथे भाव में बैठे ग्रहों की स्थिति और विशेषताओं से (खासतौर पर इनका चंद्रमा के साथ संबंध) से पता लगाया जा सकता है। अगर कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक-दूसरे को देख रहे हों, तो यह दिखाता है कि मां और बच्चे के बीच अच्छा रिश्ता नहीं होगा जबकि चौथे भाव में बृहस्पति का मजबूत होना समझदार और उत्साहजनक मां को दर्शाता है। ज्योतिष एक उत्कृष्ट कला और विज्ञान है। कुंडली में मां के प्रभाव की बात करें, तो यह असल में लोगों को समझने जैसा ही होता है। हम सबसे पहले उन ग्रहों के प्रतीकात्मक अर्थ को समझते हैं, जो मां से जुड़े होते हैं। फिर हम देखते हैं कि वे असल जीवन में कैसे दिखाई देते हैं।
यह ज़रूरी है कि जब हम मां के साथ अपने संबंधों की बात करते हैं, तो इसे भाग्यवादी रूप में न देखा जाए। यह सिर्फ एक तरीका है जिससे हम मां के साथ रिश्ते के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करते हैं। इससे हमें पता चल पाता है कि हम कौन हैं, कहां से आएं हैं और कहां जा रहे हैं।
आज हम दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला ऐश्वर्या राय का उदाहरण लेकर मां की भूमिका को समझने की कोशिश करेंगे। ऐश्वर्या ने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत दिखाई है और उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। सबसे सुंदर महिला और करियर में सफल होने के साथ-साथ ऐश्वर्या, आराध्या बच्चन की मां के रूप में भी जानी जाती हैं। ऐश्वर्या अपनी बेटी के लिए हमेशा खड़ी रहती हैं और इन्हें देखकर आपको लगेगा जैसे इन्हें कभी कोई अलग नहीं कर सकता है।
ऐश्वर्या की कुंडली में देखते हैं कि वो क्या चीज़ें हैं जो उन्हें एक प्यार करने वाली मां बनाती हैं, साथ ही भविष्य में ऐश्वर्या और आराध्या के रिश्ते पर भी नजर डालेंगे।
ऐश्वर्या राय तुला लग्न की हैं और उनकी चंद्र राशि धनु है। कुंडली का चौथा भाव न सिर्फ मां के साथ हमारे संबंध को दिखाता है बल्कि इससे हमारे स्वयं के स्वभाव का भी पता चलता है। अगर हम ऐश्वर्या की कुंडली को देखें, तो इसमें बृहस्पति उनके चौथे भाव में बैठे हुए हैं। चूंकि, वह नीच भाव है लेकिन मकर राशि में उच्च का मंगल केंद्र त्रिकोण भाव में मजबूती से स्थित है जिससे बृहस्पति का नीच भाव नष्ट हो रहा है। चौथे भाव में बृहस्पति की उपस्थिति व्यक्ति को बुद्धि, ईमानदारी और ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उसे एक अच्छी मां भी बनाता है।
बृहस्पति ‘संतानकारक’ भी हैं और इस ग्रह का मजबूत होना संतान के साथ अच्छे संबंध का प्रतीक है। ऐश्वर्या की कुंडली में मंगल की लग्न पर दृष्टि पड़ रही है और मंगल रक्षक हैं। मंगल की दृष्टि ऐश्वर्या को अपनी संतान के लिए प्राकृतिक रूप से संरक्षक बनाती है। यही वजह है कि ऐश्वर्या हमेशा अपनी बेटी को लेकर बहुत प्रोटेक्टिव नज़र आती हैं। उनकी कुंडली में भावनाओं का प्रतीक चंद्रमा एक अन्य भावनात्मक ग्रह शुक्र के साथ तीसरे भाव में बैठा है। ये ग्रह ऐश्वर्या को लाड-दुलार करने का गुण प्रदान करते हैं लेकिन चंद्रमा और शुक्र के साथ राहु की उपस्थिति उन्हें अत्यंत बुद्धिमान और तर्कशील भी बनाती है।
तो चलिए अब आराध्या बच्चन की कुंडली पर नजर डालते हैं और जानते हैं कि आगे चलकर इन दोनों मां-बेटी का रिश्ता कैसा रहेगा।
अपनी मां ऐश्वर्या की तरह आराध्या भी तुला लग्न की हैं और उनकी चंद्र राशि मिथुन है। उनकी कुंडली में बृहस्पति सातवें भाव में बैठकर उनके लग्न भाव को देख रहा है और चौथे भाव का स्वामी शनि उच्च का होकर लग्न स्थान में है। ये दोनों ग्रह दिखाते हैं कि आराध्या हमेशा अपनी मां के प्रति आकर्षित रहेंगी और इन दोनों का रिश्ता बहुत मजबूत रहेगा।
आराध्या की कुंडली में चंद्रमा भी दशमेश होकर नौवें भाव में विराजमान है जिससे धर्म-कर्म राजयोग बन रहा है। हम आशा करते हैं कि ऐश्वर्या और आराध्या का रिश्ता इसी तरह से महकता रहे और दोनों अपने प्यार, खुशी और दोस्ती से हर जगह मिसाल कायम करती रहें।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस मदर्स डे 2025 पर आप अपनी मां को उनकी राशि के अनुसार उपहार में क्या दे सकते हैं।
मदर्स डे 2025: राशि अनुसार उपहार
अग्नि तत्व राशियां (मेष, सिंह और धनु)
यदि आपकी मां की अग्नि तत्व की राशि है जैसे कि मेष, सिंह या धनु है, तो आप जानते ही होंगे कि वो कितनी निडर, आत्मविश्वास और जोश से भरपूर हैं। इस मदर्स डे पर आप उनके लिए ऐसी ज्वेलरी चुनें जो उनके निडर स्वभाव को दर्शाती हो। आप तंजानाइट, डायमंड या फिर पेरिडोट सेट को रोज़ गोल्ड और पीले रंग की धातु में बनवाकर उन्हें दे सकते हैं। ग्लैम हूप्स, आकर्षक नेकलेस या एक रिंग, कुछ भी दे सकते हैं। उनके लिए कुछ ऐसा चुनें, जो उनकी तरह ही यादगार और शानदार हो।
वायु तत्व राशियां (मिथुन, तुला और कुंभ)
चाहे कुछ भी हो जाए, वायु तत्व राशि वाली मां हमेशा अपने बच्चे के लिए मौजूद रहती हैं और उनका समर्थन करती हैं। वो हर तरह से आपकी रक्षा करती हैं और आपकी पक्की एवं सच्ची दोस्त होती हैं। इस मदर्स डे 2025 पर आप उनका आभार व्यक्त करें और उन्हें गले ज़रूर लगाएं। आप उनके लिए केक बना सकते हैं और उनके साथ बैठकर कुछ समय बिता सकते हैं। वायु तत्व राशि वाली मांओं को उनके चंचल और खुशमिजाज़ स्वभाव के लिए जाना जाता है लेकिन कभी-कभी उन्हें अपनी स्थिरता को बनाए रखने के लिए मदद की भी ज़रूरत पड़ती है। इस राशि वाली मांओं की बुद्धिमानी को देखते हुए इस मदर्स डे पर उनके लिए ट्रेजर हंट गेम काफी अच्छा विकल्प रहेगा।
इस तत्व की राशि वाली मां खासतौर पर वृषभ राशि वाली मां शांत और दयालु स्वभाव की होती हैं। पृथ्वी तत्व से होने के कारण ये जमीन से जुड़ी रहती हैं। इस मदर्स डे 2025 पर आप अपनी मां को सुबह नाश्ता बनाकर खिला सकते हैं। इस साल मदर्स डे की शुरुआत आप इसी तरीके से कर सकते हैं। इससे आपकी मां बहुत खुश होंगी। कन्या या मकर राशि वाली मां साफ-सफाई और समय की पाबंदी को लेकर बहुत सख्त होती हैं।
आप घर को साफ करने में अपनी मां की मदद कर सकते हैं। घर को साफ रखने के लिए आपकी मां हर दिन बहुत मेहनत करती हैं इसलिए आप उन्हें थोड़ी राहत देने का काम करें। उपहार में आप उन्हें फूल और कविताओं की किताब दे सकते हैं या उनके पसंदीदा लेखक की कोई किताब दे सकते हैं। आप उनके लिए पिज्जा और केक भी बना सकते हैं।
जल तत्व राशियां (कर्क, वृश्चिक और मीन)
इस तत्व की राशि वाली मां बहुत भावुक और घरेलू होती हैं। उन्होंने आज तक आपके लिए जो भी किया है, उसके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए आप उन्हें एक नोट लिखकर दे सकते हैं। वह बहुत दयालु स्वभाव की हैं और वह अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जीना चाहती हैं। उनका सारा ध्यान बस आप पर रहता है। आप उनके लिए एक प्यारा सा ग्रीटिंग कार्ड बना सकते हैं या उनके लिए उनकी पसंदीदा मिठाई लेकर आ सकते हैं। इन छोटी-छोटी चीज़ों से ही वो बहुत खुश हो जाएंगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सबसे पहले मदर्स डे किसने मनाया था?
उत्तर. अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति विल्सन वुडरो ने।
प्रश्न 2. मदर्स डे कब मनाया जाता है?
उत्तर. मई के दूसरे रविवार को।
प्रश्न 3. सभी राशियों में से सबसे ज्यादा भावुक कौन सी राशियां हैं?
उत्तर. कर्क, वृश्चिक और मीन राशि।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (11 मई से 17 मई, 2025): इन 5 राशि वालों की होने वाली है बल्ले-बल्ले!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 11 मई से 17 मई 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 11 मई से 17 मई, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 11 मई से 17 मई, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: किंग ऑफ कप्स
करियर: क्वीन ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: ऐस ऑफ वैंड्स
मेष राशि राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो आपको सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो आपके लिए शुभ साबित होता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है। यह रिश्ते में बेईमानी, विश्वासघात, झूठ और धोखाधड़ी का संकेत दे रहा है।
किंग ऑफ कप्स टैरो कार्ड दर्शा रहा है कि सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान देना काफी नहीं है, बल्कि दूसरों से अच्छे संबंध बनाना, अच्छा व्यवहार करना और भावनात्मक संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है। अगर आप लोगों से अच्छा व्यवहार करेंगे, धैर्य और समझदारी दिखाएंगे, तो लंबे समय तक आर्थिक स्थिरता और सफलता मिल सकती है।
करियर में आपको क्वीन ऑफ कप्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो बता रहा है कि आप इस समय काम को लेकर भावनात्मक रूप से परेशान हो सकते हैं। हो सकता है कि आप अपने काम या ऑफिस के वातावरण की वजह से थका हुआ महसूस करें। कई बार ऐसा भी होता है कि हम अपनी खुद की ज़रूरतों की अनदेखी करते हैं, और यही थकान और तनाव का कारण बन जाती है।
एस ऑफ वैंड्स स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही सकारात्मक कार्ड प्रतीत हो रहा है। यह दर्शा रहा है कि आपकी सेहत में सुधार होगा और आप नई ऊर्जा और जोश के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल शुरू कर सकते हैं। यह कार्ड फिटनेस, एक्सरसाइज या नई हेल्दी आदतों की शुरुआत का भी संकेत देता है। साथ ही, फर्टिलिटी भी इस दौरान आपकी अच्छी होगी।
भाग्यशाली रत्न: ब्लडस्टोन
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ कप्स
करियर: थ्री ऑफवैंड्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ वैंड्स
नाइन ऑफ पेंटाकल्स टैरो कार्ड साप्ताहिक राशिफल 2025 में प्रेम जीवन के लिए शुभ संकेत दे रहा है, जो भविष्यवाणी कर रहा है कि आपका रिश्ता मजबूत, स्थिर और भरोसे पर टिका हो सकता है, जिसमें प्यार और एक-दूसरे के प्रति सम्मान दोनों होगा। अगर आप सिंगल हैं, तो यह कार्ड दिखाता है कि या तो आप अभी किसी रिश्ते के लिए तैयार नहीं हैं या फिर जल्द ही कोई ऐसा साथी मिलेगा जिसके साथ आ अपना घर बसाने की सोच सकते हैं।
नाइन ऑफ कप्स टैरो कार्ड धन के मामले में संतोष, समृद्धि और आर्थिक सुरक्षा का संकेत देता है। यह बताता है कि आपकी आर्थिक इच्छाएं पूरी हो रही हैं और आप अपने बेहतर आर्थिक जीवन का आनंद ले रहे हैं और दूसरों के साथ भी बांट रहे हैं।
थ्री ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में यह संकेत देता है कि आपके लिए यह अवधि आगे बढ़ने, विस्तार करने और नई संभावनाएं तलाशने का सही समय है। यह आपको प्रेरित करता है कि बड़े सपने देखें और समझदारी से जोखिम उठाएं।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में वृषभ राशि वालों के लिए पेज ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड सुधार और समृद्धि का संकेत देता है। अगर आप किसी बीमारी या समस्या से जूझ रहे हैं, तो इससे उबरने की अच्छी संभावना है। इस कार्ड का यह भी मतलब है कि दोस्तों और परिवार का साथ आपकी सेहत को जल्दी ठीक करने में मदद करेगा।
भाग्यशाली रत्न: ओपल
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: द हीरोफेंट
स्वास्थ्य: द हर्मिट
मिथुन राशि राशि के जातकों को प्रेम जीवन में किंग ऑफ कप्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो प्रेम और रिश्तों के मामले में प्यार, भावनात्मक संतुलन और समझदारी भरे रिश्ते का संकेत देता है। चाहे आप किसी रिश्ते में हों या किसी नए रिश्ते की शुरुआत होने वाली हो, ये कार्ड दर्शाता है कि आपके जीवन में एक ऐसा व्यक्ति हो सकता है जो भावनात्मक रूप से समझदार, वफादार और दयालु है।
नाइट ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड दर्शा रहा है कि आपके आर्थिक हालात तेजी से बेहतर हो सकते हैं। आपको कोई बढ़िया इन्वेस्टमेंट का मौका मिल सकता है या फिर अचानक पैसा मिलने की संभावना है, जैसे कोई बकाया राशि या तोहफ़ा। साथ ही, यह भी दिखाता है कि इन दिनों आपका ध्यान ज़्यादा पैसे कमाने या उसे संभालने पर लगा हुआ है।
करियर में द हीरोफेंट कार्ड दर्शा रहा है कि इस अवधि दूसरों के साथ मिलकर काम करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इस अवधि आपको पुराने, भरोसेमंद तरीकों से ही आगे बढ़ना चाहिए और किसी से अनावश्यक टकराव नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा, यह कार्ड यह भी दर्शा सकता है कि कोई अनुभवी व्यक्ति या मेंटर आपकी मदद कर सकता है और आपके करियर को आगे बढ़ाने में मार्गदर्शन दे सकता है।
द हर्मिट स्वास्थ्य को लेकर सलाह दे रहा है कि मानसिक शांति और अनुशासन बहुत ज़रूरी हैं। यह कार्ड कहता है कि अगर आप अपनी सेहत को बनाए रखना या सुधारना चाहते हैं, तो एक सख़्त लेकिन सकारात्मक दिनचर्या अपनाना फायदेमंद रहेगा।
भाग्यशाली रत्न: पन्ना
कर्क राशि
प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: एट ऑफ कप्स
करियर: फाइव ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: द चैरियट
प्रेम जीवन में सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स दर्शा रहा है कि आप एक मुश्किल या दुखद रिश्ते से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे हैं। यह कार्ड बदलाव, सुधार और भावनात्मक हीलिंग का प्रतीक होता है।
आर्थिक जीवन में एट ऑफ कप्स भविष्यवाणी कर रहा है कि कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब हमें अपनी बनाई हुई चीज़ों या फैसलों को पीछे छोड़ना पड़ता है ताकि हम अपने लिए सही निर्णय ले सकें। इस समय अपने धन का ध्यान दें और खर्च करते समय खरीदारी पर नजर रखें।
कर्क राशि वालों के लिए फाइव ऑफ कप्स कार्ड हानि और शोक का प्रतीक है। यह दर्शा रहा है कि इस समय आपको अपने करियर में नुकसान या किसी चीज़ के खोने का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा इस अवधि आपको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है या कोई पसंदीदा प्रोजेक्ट हाथ से निकल सकता है। कोई करीबी सहकर्मी या पार्टनर साथ छोड़ दे या काम से हट जाए। आप खुद भी किसी कारणवश नौकरी छोड़ने का फैसला ले सकते हैं। यह समय थोड़ा उदासी और बदलाव का हो सकता है।
चैरियट टैरो कार्ड संकेत देता है कि स्वास्थ्य संबंधी बाधाओं को दूर करने और बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को अनुशासन, नियंत्रण और नवीनीकृत जीवन शक्ति की आवश्यकता होती है। यह कार्ड मानसिक और शारीरिक दृढ़ता दोनों के मूल्य पर जोर देता है और आपके स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने और आवश्यकता पड़ने पर सहायता प्राप्त करने को बढ़ावा देता है।
प्रेम जीवन में द एम्परर कार्ड यह दर्शाता है कि आपका रिश्ता थोड़ा गंभीर और अनुशासित हो सकता है। प्यार में भावनाओं से ज़्यादा दिमाग से फैसले लिए जा सकते हैं। इस रिश्ते में नियम, सीमाएं और ज़िम्मेदारियां ज़्यादा हो सकती हैं। अगर ध्यान न दिया जाए तो रिश्ता थोड़ा दबाव भरा या कंट्रोलिंग भी हो सकता है। लेकिन यह कार्ड यह भी बताता है कि अगर आप समझदारी, स्थिरता और सम्मान से रिश्ते को संभालें, तो ये प्यार लंबे समय तक टिक सकता है।
आर्थिक जीवन में द वर्ल्ड कार्ड दर्शा रहा है कि आपने अपने आर्थिक लक्ष्यों को हासिल कर लिया है। आपकी मेहनत रंग लाई है, अब आप उसके अच्छे नतीजों का आनंद ले सकते हैं। आपके पास अब वित्तीय स्थिरता है यानी अब आपको धन कमाने की अधिक चिंता नहीं है।
द नाइट ऑफ कप्स कार्ड आपके व्यवसायिक जीवन में स्मार्ट और संवेदनशील तरीके से काम करने की क्षमता को दर्शाता है। इस समय आप बहुत सजग और समझदार तरीके से काम कर रहे हैं। आप जो भी संघर्ष या टेंशन महसूस कर रहे हैं, उन्हें सुखद तरीके से सुलझा सकते हैं। आप भावनाओं और दूसरों की समझ से समस्याओं का हल ढूंढ रहे हैं। आपके इनोवेटिव आईडिया आपके करियर को फायदा पहुंचा सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से टू ऑफ़ स्वॉर्ड्स कार्ड दर्शा रहा है कि आप भावनात्मक रूप से अटका हुआ महसूस कर रहे हैं या किसी निर्णय को लेकर दुविधा में हैं। यह मानसिक स्थिति आपके शरीर पर भी असर डाल सकती है और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। अंदर की समस्याओं को हल करना ज़रूरी है ताकि आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रह सकें।
प्रेम जीवन में टेन ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड बता रहा है कि अब आपके रिश्ते में संबंधों की मजबूती और स्थिरता आ रही है। यह कार्ड एक दीर्घकालिक और मजबूत रिश्ते का संकेत देता है, जो आपके लिए खुशहाल भविष्य और परिवार के निर्माण की शुरुआत हो सकता है। आप दोनों के बीच एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य की संभावना है, जो आपके रिश्ते को और भी मजबूत बनाएगा।
जजमेंट कार्ड आर्थिक समाधान की दिशा में जाने का संकेत देता है। यह कार्ड आपको अपने पिछले फैसलों को ध्यान से देखने और समझने की सलाह देता है, ताकि आप नई योजनाएं बनाने से पहले यह जान सकें कि आपके पुराने निर्णयों का क्या असर पड़ा था। यह समय है जब आपको विचारशील तरीके से अपने भविष्य के बारे में सोचना होगा।
टू ऑफ वैंड्स कार्ड आपको दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देता है। यह समय है जब आपको अपने व्यावसायिक विकास के लिए योजना बनानी चाहिए और रिस्क लेने का सोचना चाहिए, जैसे कि नई मार्केट में प्रवेश करना या नेतृत्व की भूमिका निभाना।
सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड एक बदलाव, ठीक होने और बेहतर स्थिति की ओर बढ़ने का संकेत देता है। यह दिखाता है कि आप धीरे-धीरे किसी बीमारी या परेशानी से बाहर आ रहे हैं। साथ ही, यह भी बताता है कि इस समय आपको आराम करने और स्वस्थ होने के लिए खुद को समय देने की ज़रूरत है। यह एक उम्मीद भरा समय है, लेकिन देखभाल और धैर्य जरूरी है।
द फूल टैरो कार्ड प्यार और रिश्तों के मामले में नई शुरुआत, जोखिम लेने, और ज़िंदगी को खुले दिल से अपनाने का संकेत देता है। यह कार्ड कहता है कि आपको नए अनुभवों के लिए तैयार रहना चाहिए और प्यार के नए मौके आने पर उन्हें अपनाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
चाहे बात किसी बिज़नेस प्रोजेक्ट की हो या किसी फाइनेंशियल पार्टनरशिप की, टू ऑफ कप्स टैरो कार्ड आपको यह सलाह देता है कि ऐसे रिश्ते बनाएं जो आपसी समझ, सहयोग और भरोसे पर टिके हों।
करियर को लेकर थ्रीऑफ स्वॉर्ड्स(रिवर्सड)दर्शा रहा है कि अब आप अपने काम से जुड़ी परेशानियों और रुकावटों से उबर रहे हैं। पुराने दुख, नकारात्मक अनुभव या असफलताएं जो आपकी तरक्की में रुकावट बन रही थीं, अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं। यह कार्ड आपको यही कहता है कि अब समय है पॉजिटिव सोच अपनाने का और भविष्य पर ध्यान देने का।
टू ऑफ वैंड्स टैरो कार्ड सेहत के मामले में ये सलाह देता है कि आपको अपनी भविष्य की सेहत को ध्यान में रखकर फैसले लेने चाहिए। अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए लंबी अवधि के लक्ष्यों पर फोकस करें और नए तरीके अपनाने के बारे में सोचें।
भाग्यशाली रत्न: हीरा
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: एस ऑफ पेंटाकल्स
करियर: किंग ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: जस्टिस
वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए किंग ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड प्राप्त हुआ है, जो एक बेहतरीन कार्ड है। इस हफ्ते आप अकेले समय बिताकर खुश रहेंगे। आप खुद में ही मजबूत और आत्मनिर्भर हैं, और किसी रिश्ते या पार्टनर की ज़रूरत नहीं महसूस कर रहे। अकेले समय बिताना आपके लिए इस समय सबसे सुकूनदायक रहेगा।
आर्थिक जीवन के लिए ऐस ऑफ पेंटाकल्स शुभ संकेत दे रहा है। यह कार्ड दर्शा रहा है कि इस हफ्ते आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। अगर आपने कोई नया बिज़नेस शुरू किया है या करने का सोच रहे हैं, तो वो बहुत अच्छा चलेगा और अच्छा मुनाफ़ा देगा। साथ ही, सैलरी बढ़ने की भी पूरी संभावना है।
किंग ऑफ वैंड्स कार्ड दर्शा रहा है कि आप अपने करियर को लेकर पूरी तरह से कंट्रोल में हैं। संभव है कि आप किसी ऊंचे पद पर हों, जैसे कि मैनेजर या लीडर, या फिर आप खुद का बिज़नेस चला रहे हों और अपनी कंपनी या फर्म की पूरी जिम्मेदारी आपके हाथ में हो। ये कार्ड दिखाता है कि आपमें नेतृत्व की ताकत है और आप आत्मविश्वास से अपने फैसले लेते हैं।
स्वास्थ्य को लेकर जस्टिस टैरो कार्ड दर्शा रहा है कि ये हफ्ता आप सेहतमंद रहेंगे और आप ज़िंदगी का पूरा मज़ा उठाएंगे। अगर इस समय आप किसी बीमारी या परेशानी से जूझ रहे हैं, तो ये कार्ड बताता है कि अब आपकी सेहत में सुधार आने वाला है।
धनु राशि वालों के प्रेम जीवन में टू ऑफ कप्स प्यार और रिश्तों में आपसी आकर्षण और जुड़ाव को दर्शाता है। यह कार्ड बताता है कि इस समय किसी भी तरह की पार्टनरशिप की अच्छी शुरुआत हो सकती है। चाहे वो रोमांटिक रिश्ता हो या किसी और तरह की साझेदारी। इस कार्ड का मतलब है कि दो लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर बहुत अच्छा तालमेल बना सकते हैं और एक-दूसरे का पूरा साथ देंगे। अगर आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो इस हफ्ते आपको महसूस होगा कि आपके रिश्ते में संतुलन, दोस्ती और आपसी समझ पहले से बेहतर हो रही है।
सिक्स ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड करियर के मामले में सफलता, तारीफ़ और जीत का संकेत देता है। यह दर्शाता है कि आपकी मेहनत और लगन का फल अब आपको मिलने वाला है। इसका मतलब हो सकता है कि आपको इस समय प्रमोशन, सैलरी में बढ़ोतरी या कोई नया अच्छा मौका मिल सकता है। आपके काम की सराहना होगी, और लोग आपकी उपलब्धियों को मान्यता देंगे।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में द डेविल (रिवर्सड) दर्शा रहा है कि अब समय आ गया है कि आप अपनी सेहत पर कंट्रोल वापस लें और एक स्वस्थ व संतुलित जीवनशैली अपनाएं। इसका मतलब है कि आपको अपने जीवन से बुरी आदतें, नकारात्मक सोच और अस्वस्थ चीज़ें हटानी होंगी
भाग्यशाली रत्न: पीला नीलम
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मकर राशि
प्रेम जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट
करियर: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स
थ्री ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड यह दर्शाता है कि किसी भी रिश्ते में टीमवर्क, आपसी सम्मान, और साझा लक्ष्यों व मूल्यों की बहुत अहमियत होती है। इसका मतलब है कि आप और आपका साथी अगर मिलकर पार्टनरशिप में काम करते हैं और एक-दूसरे के नजरिए और योगदान की कद्र करते हैं, तो आपका रिश्ता मजबूत, स्थिर और लंबा चलने वाला बन सकता है।
द हीरोफ़ैंट कार्ड आपको सलाह देता है कि इस समय अपने पैसे को सुरक्षित और परंपरागत तरीकों में ही लगाएं। इस समय जोखिम भरे या नए तरीकों से पैसे कमाने की कोशिश करना आपको परेशानी में डाल सकता है। सावधानी से चलें, भरोसेमंद संस्थाओं में निवेश करें, और जल्दबाज़ी में कोई भी बड़ा वित्तीय फैसला न लें।
नाइट ऑफ़ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड प्रोफेशन से जुड़ी स्थिति में महत्वाकांक्षा, जोश और तेज़ी से काम करने की ज़रूरत को दर्शाता है। यह कार्ड बताता है कि आपके पास अभी अपने करियर में आगे बढ़ने का बेहतरीन मौका है। अब समय है कि आप साहसिक लेकिन सोच-समझकर कदम उठाएं।
नाइट ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड जोश, ऊर्जा और उत्साह का संकेत देता है। इसका मतलब है कि आप खुद को पहले से ज्यादा एक्टिव और पॉजिटिव महसूस करेंगे। हालांकि, यह कार्ड एक चेतावनी भी देता है। जोश में आकर कोई ऐसा काम न करें जिससे आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
भाग्यशाली रत्न: नीलम
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्तजन्म कुंडली प्राप्त करें।
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: द सन
आर्थिक जीवन: द हाई प्रीस्टेस
करियर: फोर ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: टेम्पेरन्स
द सन कार्ड खुशियां, पॉजिटिव सोच और एक चमकदार भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है। यह कार्ड दर्शाता है कि आपकी जिंदगी में रोशनी, सच्चाई और खुशहाल पल आने वाले हैं। यह कार्ड दर्शा रहा है कि आपका रिश्ता मज़बूत, साफ-सुथरा और भरोसे से भरा हुआ है।
आर्थिक जीवन के मामले में हाई प्रीस्टेस टैरो कार्ड आपको सलाह देता है कि आप अपने अंदर की आवाज़ पर भरोसा करें और अपने वित्तीय मामलों को निजी रखें। यह कार्ड कहता है कि पैसे से जुड़े फैसले सोच-समझकर और शांति से लें। किसी पर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा न करें और हर किसी से अपने पैसों की बातें शेयर न करें।
टैरो साप्ताहिक राशिफल के अनुसार, फोर ऑफ वैंड्स कार्ड करियर के मामले में सफलता, स्थिरता और सकारात्मक वातावरण का संकेत देता है। ये कार्ड बताता है कि आपकी मेहनत रंग ला रही है। आपको अपने काम के लिए सराहा जा रहा है और आप अपने करियर में सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
यह सुझाव देता है कि आपको बुरी आदतों पर काम करना चाहिए और अपनी भलाई में संतुलन का लक्ष्य रखना चाहिए।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेम्परेंस कार्ड आमतौर पर उपचार, संयम और संतुलन की आवश्यकता का प्रतिनिधित्व करता है।आपको अपनी सेहत को बेहतर करने के लिए बुरी आदतों को छोड़ना होगा और हर चीज़ में बैलेंस बनाना होगा।
भाग्यशाली रत्न: नीलम
मीन राशि
प्रेम जीवन: सेवन ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: द लवर
करियर: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
स्वास्थ्य: पेज ऑफ कप्स
मीन राशि के जातकों के प्रेम जीवन में सेवन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आपकी मौजूदा दोस्तियां आगे चलकर गहरे रिश्तों में बदल सकती हैं। हालांकि कभी-कभी प्यार थोड़ा थकाऊ या बोरिंग लग सकता है, खासकर अगर आप पहले से किसी रिश्ते में हैं। ऐसा हो सकता है कि आपके रिश्ते में थोड़ा ठहराव आ जाए। इसका हल यह है कि आप दोनों मिलकर अपने रिश्ते के लिए कुछ लंबे समय के लक्ष्य बनाएं या अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में थोड़े बदलाव करें। थोड़ा धैर्य और मेहनत से रिश्ता मजबूत बनेगा और आगे चलकर इसका फल बहुत प्यारा होगा।
द लवर टैरो कार्ड दर्शा रहा है कि इस सप्ताह आपको पैसों से जुड़ा कोई मुश्किल फैसला लेना पड़ सकता है। जैसे दो कमाई के रास्तों या मौकों में से किसी एक को चुनना। ऐसे में ज़रूरी है कि आप सोच-समझकर वही रास्ता चुनें जो आपके लंबे समय के लक्ष्यों और मूल्यों के साथ मेल खाता हो। इस हफ्ते काम में धीरे-धीरे लेकिन पक्के कदमों से आगे बढ़ना फायदेमंद रहेगा। कोई शॉर्टकट लेने की बजाय, पूरे फोकस और मेहनत से काम कीजिए।
पेज ऑफ़ कप्स टैरो कार्ड स्वास्थ्य से जुड़े मामले में अच्छी खबर की ओर इशारा करता है। यह कार्ड बताता है कि सेहत से जुड़ी कोई खुशखबरी मिल सकती है, जैसे गर्भधारण की संभावना या फिर शरीर में प्रजनन क्षमता बढ़ने के संकेत। साथ ही, आपको कोई नई दवा, इलाज या तरीका पता चल सकता है जो आपकी सेहत को और बेहतर बना सकता है।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 11 मई से 17 मई, 2025
कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)?
अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा।
इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (11 मई से 17 मई, 2025)
अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं।
जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 1
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)
मूलांक 1 वाले जातक समय के पाबंद हो सकते हैं। इस सप्ताह ये जातक अपने कार्यों को अधिक पेशेवर तरीके से कर सकते हैं। ये हमेशा बड़ी सफलता पाने की ओर अग्रसर रहते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में अधिक नैतिकता दिखा सकते हैं। इससे आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा।
शिक्षा: आप शिक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे। आप पढ़ाई में अपना कौशल और शक्ति के दम पर सफलता पा सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय अच्छे अवसर मिलने के संकेत हैं। इन अवसरों को पाकर आप प्रसन्न महसूस करेंगे। वहीं व्यापारी पेशेवर तरीके से काम करने की वजह से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह साहस और दृढ़ संकल्प के कारण आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आप खुश रहेंगे।
उपाय: आप शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 2
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों की लंबी दूरी की यात्रा करने में अधिक रुचि हो सकती है। कभी-कभी ये जातक जिंदगी के प्रति लापरवाह नज़रिया अपना सकते हैं।
प्रेम जीवन: आप अपने जीवनसाथी के साथ अधिक मधुरता और प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे। आपके मन में अपने पार्टनर के लिए प्यार बढ़ने की वजह से ऐसा हो सकता है।
शिक्षा: आप निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और पढ़ाई के मामले में अपने कौशल को निखारने का प्रयास करेंगे। आप शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस समय नौकरी के नए अवसर मिलने के आसार हैं। इससे आपके करियर को प्रगति मिलेगी। वहीं व्यापारियों के लिए अधिक मुनाफा कमाने के योग बन रहे हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। आपकी इम्युनिटी के मज़बूत होने की वजह से ऐसा हो सकता है।
उपाय: आप सोमवार के दिन मां पार्वती के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक सतर्क और सिद्धांतों पर चलने वाले होते हैं। इस सप्ताह मूलांक 3 वाले जातक अपने लिए अधिक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं और ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर बढ़ सकते हैं।
प्रेम जीवन: आप अपने जीवनसाथी के साथ रहना शुरू कर सकते हैं और इस बात से आपको बहुत खुशी मिलेगी। आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने-फिरने भी जा सकते हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह पढ़ाई में छात्रों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहने वाला है। इस तरह आप पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन करने के लिए अधिक सकारात्मक महसूस करेंगे।
पेशेवर जीवन: आपको कार्यक्षेत्र में अधिक सफलता मिलने के योग हैं। आपको नौकरी के नए अवसर भी मिल सकते हैं। वहीं व्यापारी इस सप्ताह मोटा मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे। आप एक सफल उद्यमी बनने के लिए तैयार हो सकते हैं।
सेहत: शारीरिक स्वास्थ्य की बात करें, तो इस सप्ताह साहस और दृढ़ निश्चयी रहने के कारण आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी। हालांकि, आपके आत्मविश्वास में कमी आ सकती है।
उपाय: आप बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ-हवन करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 4 वाले जातक अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ये जातक अपने कार्यों को स्वतंत्र रूप से करने का प्रयास करेंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपनी प्रेमपूर्ण भावनाओं को अपने पार्टनर के सामने रखने में विफल हो सकते हैं। ऐसा अहंकार से संबंधित समस्याओं के कारण हो सकता है।
शिक्षा: संभव है कि आप अपने पसंदीदा विषय में अधिक रुचि न दिखा पाएं। इसकी वजह से आप अधिक अंक प्राप्त करने में असफल रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपका किसी ऐसी जगह पर स्थानांतरण हो सकता है, जो आपको पसंद न हो। इसके कारण आप दुखी हो सकते हैं। वहीं व्यापरी बड़ा मुनाफा कमाने में असफल हो सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपका स्वास्थ्य भी ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है। आपको त्वचा से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है जिसकी वजह से आपको खुजली हो सकती है। आपको तली-भुनी चीज़ें खाने से परहेज़ करना चाहिए।
उपाय: आप रोज़ 22 बार ‘ऊं राहवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 5
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक अधिक बुद्धिमान होते हैं। आप अपने ज्ञान एवं बुद्धि का सही तरीके से इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह पारिवारिक समस्याओं के चलते आप अपने पार्टनर के प्रति अपने प्यार को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह से आप दोनों का रिश्ता कमज़ोर पड़ सकता है।
शिक्षा: इस समय छात्र शिक्षा के क्षेत्र में उच्च कौशल प्राप्त करने और अधिक अंक लाने में सक्षम हो सकते हैं। आपको प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि फाइनेंशियल अकाउंटिंग और कॉस्टिंग में बड़ी सफलता मिलने के योग हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करने में पीछे रह सकते हैं। आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप इस समय अधिक मुनाफा कमाने में असमर्थ हो सकते हैं।
सेहत: इस सप्ताह आप शारीरिक रूप से अस्वस्थ रह सकते हैं। इम्युनिटी कमज़ोर होने की वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं।
उपाय: आप रोज़ 41 बार ‘ऊं नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 6
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक जुनून से भरे हो सकते हैं। इनकी घूमने-फिरने या यात्रा करने में अधिक रुचि हो सकती है और ये इसे अपने लक्ष्य के रूप में निर्धारित कर सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आप अपने जीवनसाथी के प्रति अधिक संवेदनशील नज़र आ सकते हैं। पारिवारिक विवादों के कारण आप परेशान महसूस कर सकते हैं।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्रों के लिए उच्च अंक प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। पढ़ाई के दौरान आपकी एकाग्रता में कमी आने के संकेत हैं और इस वजह से आप परेशान हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस समय नौकरीपेशा जातक अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असफल हो सकते हैं। आपको योजना बनाकर चलने की आवश्यकता है। वहीं व्यापारियों को इस समय उच्च मुनाफा कमाने में दिक्कत हो सकती है।
सेहत: साहस और दृढ़ता की कमी के कारण आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। ऐसा रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने के कारण हो सकता है।
उपाय: आप रोज़ 33 बार ‘ऊं शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 7
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 7 वाले जातकों का आध्यात्मिक दृष्टिकोण हो सकता है। ये जातक अपने मन के अनुसार कार्य कर सकते हैं।
प्रेम जीवन: इस समय आपके मन में कोई उलझन रह सकती है और इसकी वजह से आप अपने पार्टनर के प्रति अपने प्यार को व्यक्त नहीं कर पाएंगे। आपके लिए अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिता पाना मुश्किल हो सकता है।
शिक्षा: पढ़ाई के बारे में अधिक जानकारी न रख पाने की वजह से आप औसत अंक लेकर आ सकते हैं। वहीं परिणाम आपकी उम्मीद के विपरीत हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों से काम में गलतियां हो सकती हैं इसलिए आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। वहीं व्यापारियों के लिए ऐसी स्थिति बनी हुई है जिसमें उन्हें न मुनाफा होने की उम्मीद है और न ही नुकसान होने के संकेत हैं।
सेहत: आपको एलर्जी के कारण स्किन ट्यूमर होने की आशंका है। आपको जल्द ही इसका उपचार करवाने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप रोज़ 41 बार ‘ऊं केतवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 8
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक समय का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं और योजना बनाकर चल सकते हैं। ये जातक हमेशा अपने काम पर फोकस करते हैं और अपने परिवार को कम समय देते हैं।
प्रेम जीवन: आपकी ओर से अपने पार्टनर के प्रति स्नेह की कमी के कारण उनके साथ आपका तालमेल बिगड़ सकता है। इस समय आपके रिश्ते की सुख-शांति भी भंग हो सकती है।
शिक्षा: यदि आप प्रोफेशनल स्टडीज़ जैसे कि ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय आप उच्च अंक प्राप्त करने में पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरीपेशा जातकों से काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं और इन घटनाओं के कारण उच्च अधिकारियों के सामने आपकी प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। वहीं व्यापारियों को अपनी पुरानी रणनीतियों पर ही काम करने की वजह से अधिक मुनाफा कमाने की संभावना कम ही है।
सेहत: इस सप्ताह आपको जांघों और पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके कारण आपका संतुलन खो सकता है और आप असहज महसूस कर सकते हैं। आपका मन असुरक्षित भावनाओं से घिर सकता है।
उपाय: आप रोज़ 11 बार ‘ऊं हनुमते नम:’ मंत्र का जाप करें।
(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, 27 तारीख़ को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों को इस सप्ताह अपने भाग्य का साथ मिल सकता है। इसके साथ ही इन्हें अधिक संपत्ति मिलने की भी संभावना है। ये जातक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपना सकते हैं। इनका रिश्तों पर अधिक ध्यान हो सकता है।
प्रेम जीवन: आपके और आपके जीवनसाथी के बीच अहंकार से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। इसके कारण आपको अपने पार्टनर के साथ आनंदमय समय बिताने का अवसर नहीं मिल पाएगा।
शिक्षा: इस सप्ताह छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में असमर्थ रह सकते हैं। कभी-कभी आपकी पढ़ाई में रुचि कम हो सकती है और इसकी वजह से आप पीछे रह सकते हैं।
पेशेवर जीवन: संभव है कि इस सप्ताह आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन न कर पाएं और इसकी वजह से आप पीछे रह सकते हैं। वहीं व्यापारियों को भी इस समय अधिक मुनाफा कमाने में मुश्किल आ सकती है।
सेहत: आपको अत्यधिक तनाव लेने के कारण जांघों और कंधों में दर्द होने की आशंका है। आपको मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या अंक ज्योतिष शादी या रिश्तों के बारे में बता सकता है?
उत्तर. हां, मूलांक के आधार पर लड़के और लड़की की कंपैटिबिलिटी जानी जा सकती है।
प्रश्न 2. क्या अंक ज्योतिष से भाग्य को बदला जा सकता है?
उत्तर. नहीं, लेकिन उचित उपायों की मदद से परिवर्तन ज़रूर लाए जा सकते हैं।
प्रश्न 3. क्या अंक ज्योतिष विज्ञान पर आधारित है?
उत्तर. नहीं, इसमें संख्याओं के गूढ़ अर्थ और उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: जानें राशि सहित देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हर नए ब्लॉग में आपको ज्योतिष से जुड़ी ताज़ा और जरूरी घटनाओं की जानकारी देने की कोशिश करता है, ताकि आप हमेशा अपडेटेड रहें। आज इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बृहस्पति के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को बृहस्पति के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि बृहस्पति 15 मई, 2025 को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहा है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
ज्योतिष में, बृहस्पति को एक बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है, जो ज्ञान, बुद्धि, प्रचुरता और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है। बृहस्पति को पूरे राशि चक्र को पूरा करने में करीब 12 साल लगते हैं, यानी हर एक राशि में यह लगभग 1 साल तक रहता है। जब गुरु किसी खास भाव या ग्रह से होकर गुजरता है, तो यह उस क्षेत्र में विकास, भाग्य, और नई सोच का संकेत देता है।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर 15 मई, 2025 की दोपहर 02 बजकर 30 मिनट पर होगा।
मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर: विशेषताएं
जब बृहस्पति मिथुन राशि में होता है, तो यह एक ऐसे स्वभाव को दर्शाता है जो जिज्ञासु, समझदार, मिलनसार और बातचीत में तेज़ होता है। ऐसे लोग नई-नई बातें सीखने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं। हालांकि इन जातकों के लिए एक ही कार्य पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है। ये लोग कई बार बहुत सी बातों में रुचि रखते हैं और अलग-अलग विचारों को जानने में आनंद लेते हैं। ये लोग आमतौर पर मिलनसार, भरोसेमंद और विनम्र स्वभाव के होते हैं। इनके अंदर नई और मौलिक सोच करने की काबिलियत होती है।
कुल मिलाकर बृहस्पति मिथुन राशि में होता है, तो व्यक्ति में जिज्ञासा, अनुकूलता और संवाद की कला प्रबल होती है। ये जातक जीवन में सीखने और खोजबीन को बहुत महत्व देते हैं। हालांकि ध्यान केंद्रित करने में दिक्कतें आ सकती हैं या जानकारी ज़्यादा होने से भ्रम हो सकता है, लेकिन फिर भी ऐसे लोग अपनी बुद्धि और सामाजिक जुड़ाव से कई अवसर और सफलता पा सकते हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। 2025 में बृहस्पति का गोचर आपके आठवें भाव में होगा। ऐसे में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि यह गोचर आपके लिए शुभ प्रतीत नहीं हो रहा है। आपके काम में बाधाएं आएंगी जिन्हें आपको दूर करना होगा। आपके चल रहे काम रुक सकते हैं। भले ही आपको धार्मिक गतिविधियां पसंद हों और आपको आध्यात्मिक अनुभव अच्छा रहा हो, फिर भी आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर होगा सकारात्मक प्रभाव
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वृषभ राशि
बृहस्पति वृषभ राशि के जातकों के लिए आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं, जो आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से आपकी वाणी में गंभीरता रहेगी। लोग आपकी बातों को ध्यान से सुनेंगे और उनको तवज्जो देंगे। लोग आपसे सलाह मांगेंगे।
हालांकि धन की बचत को लेकर कुछ चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन पारिवारिक जीवन सुखी और आरामदायक रहेगा। हालांकि आप अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। बृहस्पति की दृष्टि छठे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव पर रहेगी जिससे पैतृक व्यवसाय में उन्नति होगी। आप अपने परिवार के साथ व्यवसाय करते हैं तो विशेष उन्नति प्राप्त होने के योग बनेंगे। नौकरी करने वाले जातकों को भी उत्तम लाभ के योग बनेंगे। आप धर्म – कर्म तो करेंगे, ससुराल पक्ष से संबंध मजबूत होंगे और उनसे धन लाभ और अनेक प्रकार की मदद मिल सकती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए गुरु देव बृहस्पति सातवें भाव और दसवें भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में गुरु का गोचर आपके लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि यह आपकी ही राशि में गोचर करेंगे। यहां उपस्थित देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके पंचम भाव, सप्तम भाव और नवम भाव पर होगी जिससे संतान से संबंधित सुखद समाचारों के प्राप्ति होगी। यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो संतान प्राप्ति का सपना पूरा हो सकता है। विद्या अध्ययन करने में सफलता मिलेगी। आप नई-नई चीज़ें सीखने में उत्साहित होंगे विवाह के योग बनेंगे। यदि आप अविवाहित हैं तो आपका विवाह हो सकता है। विवाहित जातकों के वैवाहिक जीवन की समस्याओं में कमी आएगी और आपसी सामंजस्य बेहतर बनेगा जिससे वैवाहिक जीवन का सुख मिलेगा। व्यापार में उत्तम उन्नति के योग बनेंगे। समाज के रसूखदार और इज्जतदार लोगों से आपकी मेल मुलाकात होगी जिससे आपको व्यापार में अच्छा लाभ और सामाजिक तौर पर उन्नति मिलेगी।
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। इस प्रकार बृहस्पति का बारहवें भाव में गोचर के परिणामस्वरूप आपके अच्छे कार्यों में धन खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। आप पूजा-पाठ, धर्म, आध्यात्मिक तीर्थ यात्राओं और अच्छे कार्यों पर तथा समाज के हित में अनेक अच्छे कार्य करेंगे और उन पर धन खर्च करेंगे। इससे न केवल आपको मानसिक संतुष्टि मिलेगी बल्कि समाज में भी आपको सम्मानित दृष्टि से देखा जाएगा।
धार्मिक यात्राओं और लंबी यात्राओं के प्रबल योग बनेंगे। आप यदि दिल से कोशिश कर रहे हैं तो आपको विदेश जाने में भी सफलता मिलेगी और आप विदेश गमन कर सकते हैं। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान देना होगा। पेट संबंधी विकार वसा से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती है। बृहस्पति महाराज की दृष्टि आपके चौथे भाव, छठे भाव और आठवें भाव पर होगी जिससे कुछ खर्च बढ़ेंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। । यह आपके लिए अच्छी सफलता का समय होगा। आर्थिक चुनौतियां समाप्त होने लगेंगी और धन प्राप्ति का रास्ता सुगम होगा। आपके पास अच्छी आमदनी आने लगेगी। धन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी। वहां बैठे बृहस्पति महाराज की दृष्टि आपके तीसरे भाव, पंचम भाव और सप्तम भाव पर होगी जिससे अविवाहित जातकों के विवाह के योग बनेंगे। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। संतान की प्रगति होगी। आप संतान प्राप्ति की इच्छा करते हैं तो संतान की प्राप्ति भी हो सकती है। शिक्षा में आपको उत्तम सफलता मिलेगी। अचानक से धन लाभ होने का योग बनेगा। किसी तरह की संपत्ति, जो किसी विरासत में मिले, आपको प्राप्त हो सकती है। गुप्त धन प्राप्त हो सकता है। भाई – बहनों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा और उनसे आपके संबंध मधुर बनेंगे।
तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और बृहस्पति का गोचर आपके नौवें भाव में होगा। नौवें भाव में बृहस्पति का गोचर आपकी धार्मिक मान्यताओं को बढ़ाएगा। आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। धार्मिक यात्राएं और तीर्थ यात्राएं करेंगे। आपको संघर्ष करने के बाद और ज्यादा प्रयास करने के बाद ही सफलता मिलेगी और तभी आपके काम बनेंगे। जितना ज्यादा आपका प्रयास होगा, उतने अधिक आपको परिणाम प्राप्त होंगे। भाई – बहनों से सहयोग के बाद आपके काम में तेजी आएगी। यहां उपस्थित बृहस्पति महाराज आपकी राशि पर यानी आपके पहले भाव, तीसरे भाव और पांचवें भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे आपको शिक्षा और उच्च शिक्षा में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होगी। संतान का सुख मिल सकता है। संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव यानी कि आपके सुख भाव के स्वामी भी हैं और बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव में होगा। यह गोचर आपके वैवाहिक संबंधों के लिए मधुरता का समय लेकर आएगा। आप और आपके जीवनसाथी के मध्य तल्खियां कम होंगी और प्रेम बढ़ेगा। एक – दूसरे के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भाव और समर्पण की भावना बढ़ेगी।
आप यदि कोई व्यवसाय करते हैं तो उसमें भी आपको अच्छी सफलता प्राप्त हो सकती है। जमीन से जुड़ी कोई पुरानी मुराद पूरी हो सकती है। आप संपत्ति अर्जित कर सकते हैं। यहां से बृहस्पति महाराज आपके एकादश भाव, प्रथम भाव और तृतीय भाव को देखेंगे जिससे यात्राओं से लाभ होगा, आपकी आमदनी में बढ़ोतरी और तेजी देखने को मिल सकती है, आपकी निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होगी जिससे आपको फायदा होगा। अक्टूबर में जब बृहस्पति आठवें भाव में जाएंगे तो गहन आध्यात्मिक अनुभव मिल सकते हैं।
गुरुवार को व्रत रखें और प्रसाद के रूप में गुड़ और चने की दाल बांटें।
सकारात्मक परिणामों के लिए गायों की सेवा करें।
अच्छे परिणामों और सकारात्मकता के लिए हर गुरुवार को हवन करें
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियां
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर करते ही लोगों का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ेगा। लोग शांति और अध्यात्म में ज्यादा दिलचस्पी लेने लगेंगे।
इस समय में अधिक से अधिक लोग खुद को जागरूक और ज्ञानवान बनाने के लिए आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन करेंगे और गुप्त विद्याओं में दाखिला लेना पसंद करेंगे।
तेल, घी, खुशबूदार तेल आदि की कीमतों में कमी आ सकती है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिलने की संभावना है।
सरकारी अधिकारी और न्यायपालिका
सरकार में उच्च पदों पर बैठे मंत्री देश की वर्तमान ज़रूरतों के हिसाब से नए नियम और नीतियां बनाते या लिखते हुए नज़र आ सकते हैं।
न्यायपालिका इस दौरान प्रभावी रूप से काम करती नज़र आ सकती है और जनता व देश के हित में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
दुनियाभर के युद्धग्रस्त देशों को अब कुछ राहत मिल सकती है और कई युद्ध खत्म हो सकते हैं, क्योंकि अब न्याय सही तरीके से किया जाएगा।
मंत्री और सरकारी अधिकारी अब कोई भी बयान देने से पहले सावधानी से सोचेंगे और परिपक्वता से बात करेंगे क्योंकि मिथुन राशि में बृहस्पति व्यक्ति को परिपक्वता से सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
शिक्षा और अन्य संबंधित क्षेत्र
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे कि काउंसलर, शिक्षक, प्रशिक्षक, प्रोफेसर आदि इस गोचर से लाभ प्राप्त करेंगे, लेकिन उन्हें अपने कार्यस्थल पर कुछ अनिश्चित या प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
इस गोचर के दौरान लेखक और दार्शनिक अपने शोध, थीसिस, कहानियां और अन्य प्रकाशन कार्यों को दोबारा संवारते या पुनः संरचित करते हुए देखे जा सकते हैं।
इस गोचर के दौरान दुनियाभर के शोधकर्ता, सरकारी सलाहकार और वैज्ञानिकों को लाभ मिलेगा क्योंकि वे अलग-अलग समस्याओं के नए और अनोखे समाधान खोज पाएंगे और चीजों को एक बिल्कुल नए नजरिए से देख सकेंगे।
इस दौरान चिकित्सा क्षेत्र में कुछ बड़े सुधार देखने को मिल सकते हैं।
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
बृहस्पति का गोचर सबसे महत्वपूर्ण गोचरों में से एक है और इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ेगा, जैसे कि यह दुनिया की हर चीज पर पड़ेगा। आइए देखें कि शेयर बाजार की भविष्यवाणियां क्या कहती हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र, सीमेंट उद्योग, ऊनी मिलों, लोहा, इस्पात और आवास में वृद्धि देखी जा सकती है।
फार्मा क्षेत्र, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर उद्योग, उर्वरक और बीमा, साथ ही सौंदर्य प्रसाधन, परिवहन फर्म, कपास मिलों, फिल्म उद्योग, मुद्रण आदि में भी वृद्धि की उम्मीद है।
चिकित्सा और कानूनी कंपनियों के भी धन कमाने की उम्मीद है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. बृहस्पति किन दो राशियों के स्वामी हैं?
बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं।
2. बृहस्पति के नक्षत्र स्वामी कौन हैं?
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है।
3. बृहस्पति को किसकी पूजा होती है?
बृहस्पतिवार का दिन श्री हरि भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है।
मोहिनी एकादशी पर राशि अनुसार करें उपाय, मिट जाएगा जिंदगी का हर कष्ट
साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं और इस प्रकार हर महीने में दो एकादशी तिथि आती हैं। प्रत्येक एकादशी तिथि का अपना एक अलग महत्व और लाभ होता है। हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी का भी बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी पड़ती है।
इस एकादशी पर मां लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और उनके निमित्त व्रत रखने का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने से भी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में बताया गया है कि मोहिनी एकादशी का क्या महत्व है, मोहिनी एकादशी 2025 किस तिथि पर पड़ रही है और इस एकादशी पर क्या उपाय किए जा सकते हैं।
07 मई, 2025 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी और इसका समापन 08 मई, 2025 को 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। इस प्रकार मोहिनी एकादशी 2025 का व्रत गुरुवार को 08 मई को रखा जाएगा।
मोहिनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 09 मई, 2025 को सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 08 बजकर 15 मिनट तक।
समयावधि: 02 घंटे 41 मिनट।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मोहिनी एकादशी 2025 पर बन रहा है शुभ योग
इस बार मोहिनी एकादशी पर हर्षण योग बन रहा है जिसे ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना गया है। यह योग 08 मई को रात 01 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगा और 10 मई को रात 01 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा।
हर्षण 14वां नित्य योग है जिसके स्वामी भग हैं और इसे अत्यंत शुभ योग माना जाता है। इस योग पर सूर्य ग्रह का शासन है। इस योग से सुख-संपत्ति, उत्तम स्वास्थ्य, भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी 2025 की पूजन विधि
मोहिनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और इसके बाद स्नान कर के साफ धुले हुए वस्त्र धारण कर लें। अब आप कलश स्थापना कर के भगवान विष्णु की उपासना करें। मोहिनी एकादशी पर व्रत कथा का पाठ करें या किसी अन्य व्यक्ति से इस कथा को सुनें। रात्रि को भगवान विष्णु का स्मरण करें एवं उनके नाम या मंत्र का जाप करें।
आप इस रात्रि को कीर्तन भी कर सकते हैं। अगले दिन द्वादश तिथि पर अपने व्रत का पारण करें। व्रत का पारण करने से पहले किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाएं और उन्हें दक्षिणा दें। इसके बाद ही आप स्वयं भोजन करें।
मोहिनी एकादशी को लेकर एक प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार सरस्वती नदी के किनारे एक भद्रावती नामक स्थान था। इस स्थान पर चंद्रवंशी राजा धृतिमान का शासन हुआ करता था। वे बड़े धार्मिक प्रवृत्ति के थे और सदैव भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते थे।
राजा के पांच पुत्र थे लेकिन उनका पांचवा पुत्र धृष्टबुद्धि पाप कर्मों में लिप्त रहता था। वह स्त्रियों पर अत्याचार और उनके साथ अनैतिक व्यवहार करता था। उसे जुआ खेलने एवं मांस-मदिरा का सेवन करने का भी शौक था। अपने पुत्र की इस प्रवृत्ति से राजा बहुत परेशान थे इसलिए राजा ने अपने पुत्र का त्याग कर दिया। पिता के त्याग किए जाने के बाद धृष्टबुद्धि ने कुछ दिनों तक अपने आभूषण और वस्त्र बेचकर अपना जीवनयापन किया और इसके बाद उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं बचे थे और वो भूखा-प्यासा इधर-उधर भटकने लगा।
अपनी भूख को शांत करने के लिए उसने डकैती का सहारा लेना शुरू किया और उसे रोकने के लिए राजा ने उसे बंदी बना लिया। इसके बाद उसे राज्य से निष्किासित कर दिया गया। अब वह जंगल में रहकर अपने भोजन के लिए पशु-पक्षियों को मारता था। भूख से व्याकुल होकर वह ऋषि कौंडिन्य के आश्रम में पहुंचा। उस समय वैशाख का महीना चल रहा था और ऋषि गंगा नदी में स्नान कर रहे थे। उस समय ऋषि कौंडिन्य के कपड़े गीले थे और उनके वस्त्रों से कुछ बूंदें धृष्टबुद्धि के ऊपर गिर गईं। इससे धृष्टबुद्धि की पाप बुद्धि में परिवर्तन आया। उसने ऋषि के आगे अपने अपराधों को स्वीकार किया और अपने पाप कर्मों से मुक्ति पाने का उपाय पूछा।
इस पर ऋषि कौंडिन्य ने धृष्टबुद्धि को वैशाख माह में शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी का व्रत करने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस व्रत को करने से उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे। धृष्टबुद्धि ने ऐसा ही किया और उसके सभी पाप मिट गए एवं उसे विष्णु लोक की प्राप्ति हुई। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भी व्यक्ति को सांसारिक मोह से मुक्ति मिल जाती है।
यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है और आप उसे पूरा करना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन एक पीले रंग का नया वस्त्र लें। आप चाहें तो पीले रंग के रुमाल से भी इस उपाय को कर सकते हैं। इस कपड़े के चारों ओर एक चमकीले रंग का गोटा लगाएं। इसे आप भगवान विष्णु के मंदिर में भेंट कर दें। इस उपाय को करने से आपकी इच्छा की पूर्ति होगी।
अगर आप अपने करियर में उन्नति पाना चाहते हैं, तो एकादशी के दिन नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर नहाएं। इसके पश्चात् साफ धुले हुए वस्त्र धारण करें और विष्णु जी का विधिपूर्वक पूजन करें।
धन लाभ के लिए आप मोहिनी एकादशी पर तुलसी के पौधे में दूध चढ़ाएं। फिर दोनों हाथों से तुलसी की जड़ को छूकर उनका आशीर्वाद लें। इस उपाय को करने से आपकी सभी आर्थिक समस्याएं दूर होंगी एवं आप वित्तीय रूप से मजबूत होंगे।
करियर में उन्नति पाने के लिए आप एकादशी पर भगवान विष्णु को माखन और मिश्री का भोग लगाएं एवं उनकी मूर्ति या तस्वीर के आगे बैठकर ‘ऊं नमो भगवते नारायणाय’ का जाप करें। आपको इस मंत्र का 108 बार जाप करना है। इससे आपको अपने करियर में प्रगति मिल सकती है।
जो जातक अपने बिज़नेस को बढ़ाना चाहते हैं, वे मोहिनी एकादशी पर किसी ब्राह्मण को अपने घ बुलाकर उन्हें भोजन करवाएं और फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी दें। यदि किसी कारणवश ब्राह्मण घर पर नहीं आ सकते हैं, तो आप उनकी थाली बनाकर मंदिर या उनके घर पर देकर आएं। इससे आपके व्यवसाय में दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी।
मोहिनी एकादशी 2025 पर व्रत के नियम
अगर आप एकादशी पर व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो इस दिन प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करें और फिर धुले हुए वस्त्र धारण करें।
हर मनुष्य को भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए एकादशी तिथि पर सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इस दिन सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लेना उचित माना गया है। एकादशी तिथि के समाप्त होने तक व्रत रखना होता है।
मोहिनी एकादशी व्रत के दौरान किसी भी तरह का नकारात्मक विचार अपने मन में न लाएं और न ही किसी की निंदा करें। आप इस दिन झूठ बोलने से भी बचें।
कहा जाता है कि एकादशी पर व्रत रखने वाले व्यक्ति को एकादशी की रात्रि को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी बहुत शुभ माना गया है।
एकादशी तिथि पर ब्राह्मण एंव गरीब लोगों को वस्त्र, भोजन और दक्षिणा का दान करना फलदायी होता है।
एकादशी के दिन चावल और जौ का सेवन करना वर्जित है। कहा जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य के अच्छे कर्म नष्ट हो जाते हैं।
भोजन में लहसुन और प्याज़ का उपयोग करना भी वर्जित है।
मोहिनी एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करें और किसी पर भी क्रोध न करें।
मोहिनी एकादशी 2025 पर राशि अनुसार उपाय
मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
मेष राशि: आप भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते और पीले रंग के फूल अर्पित करें। इससे आपको मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलेगा।
वृषभ राशि: इस राशि वाले विष्णु जी को दूध में तुलसी के पत्ते डालकर अर्पित करें। इस उपाय को करने से आपके वैवाहिक संबंध में मधुरता आएगी और आपके लिए धन मार्ग के रास्ते खुलेंगे।
मिथुन राशि: जिन लोगों की मिथुन राशि है, वे मोहिनी एकादशी 2025 पर केले का प्रसाद बनाकर इसे गरीब लोगों में दान करें। ऐसा करने से करियर में तरक्की मिलेगी और मानसिक स्पष्टता आएगी।
कर्क राशि: आप एकादशी तिथि पर विष्णु जी को चावल और सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति का आगमन होगा।
सिंह राशि: इस राशि वाले एकादशी तिथि पर पीले रंग के वस्त्रों का दान करें और दीपक जलाएं। इससे आपके मान-सम्मान और नेतृत्व करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
कन्या राशि: आप तुलसी के पौधे के पास एकादशी के दिन घी का दीपक जलाएं और फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे आप निरोगी बनेंगे और आपकी बुद्धि में भी वृद्धि होगी।
तुला राशि: आप सफेद रंग की मिठाई विष्णु जी को अर्पित करें और गरीबों में भी बांटें। इस उपाय को करने से तुला राशि के जातकों के संबंधों में आपसी तालमेल बढ़ेगा और इन्हें आर्थिक लाभ होगा।
वृश्चिक राशि: आप लाल रंग के फूल विष्णु जी को चढ़ाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
धनु राशि: आप पीले रंग के फल जैसे कि आम या केला विष्णु जी को चढ़ाएं। इससे आपकी आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग खुलेंगे और आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी।
मकर राशि: आप जल में काले तिल डालकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से आपके पाप कर्म नष्ट हो जाएंगे एवं आपको अपने करियर में स्थिरता प्राप्त होगी।
कुंभ राशि: जिन लोगों की कुंभ राशि है, वे भगवान विष्णु का पूजन नीले रंग के फूलों से करें और जल में तुलसी के पत्ते डालकर अर्घ्य दें। इससे आपके अटके हुए काम पूरे होंगे और आपको मानसिक शांति मिलेगी।
मीन राशि: आप मोहिनी एकादशी 2025 को विष्णु जी का पीले रंग के फूलों और चंदन से पूजन करें। इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी और आपको आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मोहिनी एकादशी कब पड़ रही है?
उत्तर. मोहिनी एकादशी 08 मई, 2025 को है।
प्रश्न 2. मोहिनी एकादशी पर किसकी पूजा होती है?
उत्तर. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का पूजन करने का विधान है।
प्रश्न 3. मोहिनी एकादशी 2025 पर मिथुन राशि वाले क्या उपाय करें?
उत्तर. ये जातक केले का प्रसाद बनाकर बांटें।
7 मई ‘ऑपरेशन सिंदूर’: क्या कहती है ग्रहों की चाल भारत के भविष्य को लेकर?
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और वर्ष 2025 में युद्ध होने की संभावना के बारे में बताएंगे। साथ ही, 7 मई को हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से क्या है महत्व, इस बारे में भी बात करेंगे। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहों की स्थिति क्या कहती है?
ऑपरेशन सिंदूर 2025: ज्योतिषीय महत्व
7 मई 2025 की मध्यरात्रि करीब 1:30 बजे, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 9 सर्जिकल स्ट्राइक किए। यह कार्रवाई पाकिस्तान के खिलाफ की गई, जवाब में उन निर्दोष पर्यटकों पर हुए पहलगाम आतंकी हमले के है जो 22 अप्रैल 2025 को हुआ था। हालांकि अभी इसे पूर्ण युद्ध नहीं कहा जा सकता, लेकिन माहौल कुछ ऐसा बन रहा है कि लगता है जंग अब ज्यादा दूर नहीं है। सबसे पहले, आइए देखते हैं कि जब भारत ने यह हमला किया उस वक्त ग्रहों की चाल यानी ग्रहों का गोचर क्या कहता है।
बता दें कि हाल ही में पहलगाम में हुई घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया और सीमा (एलओसी) पर तनाव का माहौल पैदा कर दिया। साल की शुरुआत में जो बड़ी ज्योतिषीय घटना हुई थी यानी जब छह ग्रहों की युति हुई थी, उसी समय से देश की सुरक्षा को लेकर चिंता, सीमा पर तनाव और भारत की तरफ से सैन्य जवाबी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही थी। अब जब हम 2025 में होने वाले ग्रह गोचर को देखते हैं, तो स्थिति और भी चिंताजनक दिखाई देती है। खासतौर से मंगल ग्रह, जो गुस्से, संघर्ष और युद्ध का प्रतीक है, उसकी स्थिति आने वाले समय को थोड़ा मुश्किल बना रही है।
यह साफ है कि 2025 की शुरुआत काफी तनावपूर्ण माहौल में हुई है और यही वजह है कि हर किसी के मन में यह सवाल है कि क्या पाकिस्तान के साथ युद्ध के आसार बन रहे हैं? हम इस ब्लॉग में इसी बात पर फोकस करेंगे कि क्या वाकई ग्रहों का गोचर यह इशारा कर रही है कि हालात और बिगड़ सकते हैं या नहीं।
ऑपरेशन सिंदूर: 7 मई ही क्यों? ग्रहों की स्थिति क्या कहती है
अगर हम 07 मई की मध्य रात्रि 1 बजकर 30 मिनट के समय का राशिफल (लग्न कुंडली) देखें, तो उस समय मकर लग्न था। लग्न का स्वामी शनि तीसरे भाव में बैठा है, जो साहस, पराक्रम और पड़ोसी देशों से जुड़ा होता है। शनि तीसरे भाव का कारक भी है और मंगल के साथ मिलकर यह स्थिति भारत को जबरदस्त ताकत और हिम्मत देती है कि वो डटकर मुकाबला करें। इसके साथ ही, छठे भाव (जो दुश्मनों और युद्ध का भाव माना जाता है) के स्वामी बुध भी तीसरे भाव में है और उसके साथ उच्च का शुक्र भी बैठा है। ये तीनों ग्रह तीसरे भाव में राहु-केतु की धुरी में आकर भारत के पराक्रम को और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं और साथ ही वो जोखिम उठाने की ताकत दे रहे हैं जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसा साहसिक कदम सफल बनाने के लिए चाहिए।
मंगल ग्रह का महत्व
सबसे पहले और महत्वपूर्ण रूप से हमें मंगल ग्रह पर ध्यान देना चाहिए, जो एक तेज, आक्रामक और साहसी ग्रह माना जाता है। यही मंगल इस साल की शुरुआत में बनी छह ग्रहों की बड़ी युति का हिस्सा भी है। ज्योतिष में मंगल सेना, पुलिस, हिंसा और ठोस फैसलों का प्रतीक होता है। इसका इस युति में होना ये साफ इशारा करता है कि आने वाले वक्त में देश की चर्चा का केंद्र निर्णायक सैन्य कार्रवाई और सुरक्षा रणनीतियां रहेंगी।
यहां मंगल एक तरह से चिंगारी का काम कर रहा है, जो माहौल को युद्ध जैसा बना सकता है। खासतौर पर सीमा विवादों और आतंकी घटनाओं के जवाब में। ग्रहों की इस स्थिति से यह बात बिल्कुल साफ हो रही है कि भारत मजबूती, साहस और ठोस इरादों के साथ अपनी प्रतिक्रिया दे सकता है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि फिलहाल भारत की कुंडली में मंगल की महादशा भी चल रही है, जो इस पूरे माहौल को और ज्यादा सक्रिय और प्रभावशाली बना रही है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मीन राशि में राहु-शनि की युति का प्रभाव
इसके अलावा, मीन राशि में शनि और राहु की युति एक खास ज्योतिषीय घटना है। राहु जहां छल-कपट, बाहरी हस्तक्षेप और गुप्त साजिशों का प्रतीक है, वहीं शनि आम जनता, कानून और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है। जब ये दोनों ग्रह मीन राशि में एक साथ युति करते हैं, तो हालात कुछ उलझे हुए बनते हैं। एक तरफ गुस्सा गलत दिशा में जा सकता है और दूसरी तरफ सरकारें अपनी नीतियों में बदलाव कर सकती हैं। मीन राशि वैसे तो अध्यात्म और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन साथ ही यह भ्रम और धोखे को भी दर्शाती है।
यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक राहु मीन से निकलकर 18 मई 2025 को कुंभ राशि में प्रवेश नहीं कर लेता। इस बीच भारत समेत कई बड़े देश खुले तौर पर और पर्दे के पीछे भी एक-दूसरे से टकरा सकते हैं। इस दौरान अपने कूटनीतिक रिश्तों और रक्षा नीतियों में भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।
भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है। इसमें मंगल जो कि सातवें भाव (पड़ोसी देशों से रिश्ते) और बारहवें भाव (विदेशों) के स्वामी हैं, अब तीसरे भाव में जाकर कर्क राशि में नीच के हो जाएंगे। तीसरा भाव आमतौर पर संवाद, छोटी यात्राएं और आस-पास के देशों का प्रतिनिधित्व करता है। यहां कमजोर मंगल का मतलब है कि पड़ोसी देशों के साथ तनातनी और तनाव बढ़ने के संकेत है, खासकर चीन और पाकिस्तान की तरफ से आक्रामकता बढ़ती दिखाई दे सकती है।
साथ ही, यह ग्रह स्थिति यह भी दिखाती है कि इस समय सेना की गतिविधियां, खुफिया एजेंसियों की हलचलें और हथियारों का इस्तेमाल तेज़ी से किया जा सकता है। चूंकि मंगल का कर्क राशि गोचर हो चुका है तो अब तनाव और हिंसक घटनाएं धीरे-धीरे उभरनी शुरू होंगी। आने वाले हफ्तों में और झड़पें और बचाव की रणनीतियां देखने को मिल सकती हैं।
इसके अलावा, मंगल की दृष्टि छठे भाव (युद्ध, दुश्मन और संघर्ष), नौवें भाव (अंतरराष्ट्रीय रिश्ते और सरकारी नीतियां) और दसवें भाव (शासन और सत्ता) पर भी पड़ रही है, जो इस स्थिति को और भड़का सकती है।
अगर अभी के ग्रह गोचर और स्थितियों को देखा जाए, तो यह साफ संकेत देते हैं कि आने वाले समय में देश में तनाव बढ़ सकता है और युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है।
ग्रहों की चाल और संयोग यह दिखा रहे हैं कि आने वाले समय में भारत की सरकार का रुख और भी सख्त और शायद आक्रामक हो सकता है, खासकर जब इसे भारत की कुंडली को ध्यान में रखते हुए दिखा जाए।
देश की प्रतिष्ठा और गौरव को बनाए रखने के लिए सैन्य कार्रवाई जरूरी हो सकती है।
आने वाले दो महीनों में भारत सरकार से कड़े फैसलों की उम्मीद की जा सकती है। सेना को ज्यादा अलर्ट किया जाएगा और सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई जा सकती है। जरूरत पड़ी तो सर्जिकल स्ट्राइक या जवाबी हमले भी किए जा सकते हैं।
यह टकराव सिर्फ एक पड़ोसी देश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत को एक साथ कई पड़ोसी देशों से जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। सेना पर बढ़ते खर्च और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगने वाली संभावित पाबंदियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर भी दबाव बढ़ सकता है।
सितंबर के महीने में हालात और ज्यादा गंभीर हो सकते हैं, जब मंगल छठे भाव (युद्ध और दुश्मनों का भाव) में केतु के साथ आ जाएगा। मंगल जहां युद्ध का प्रतीक है, वहीं केतु गुप्तचर गतिविधियों और खुफिया ऑपरेशनों को दर्शाता है। सितंबर से अक्टूबर 2025 के बीच तनाव अपने चरम पर जा सकता है और हालात और बिगड़ सकते हैं।
भारत की जन्म कुंडली में मंगल की महादशा: उतार-चढ़ाव भरे सात साल
भारत 10 सितंबर, 2025 को मंगल की महादशा में प्रवेश करेगा। भारत की कुंडली के अनुसार, मंगल एक शुभ ग्रह है और इसे योग कारक माना जाता है। इसलिए यह उम्मीद लगाई जा सकती है कि देश को साहस, सैन्य ताकत और पराक्रम के बल पर बड़ी सफलताएं मिलें। लेकिन इसके साथ-साथ बार-बार होने वाले संघर्षों के कारण कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान, अर्थव्यवस्था पर दबाव और सैनिकों व आम लोगों की हानि।
भारत निश्चित रूप से देश के हितों और सुरक्षा के लिए एक मजबूत और आक्रामक रक्षात्मक रुख अपना सकता है।
आंतरिक तौर पर सुरक्षा कड़ी की जाएगी, जैसे कि ज्यादा निगरानी, आतंकवाद विरोधी कानूनों को सख्त बनाना और देशभक्ति को बढ़ावा देने वाली नीतियां लागू करना।
जून से सुरक्षा और भी ज्यादा मजबूत होगी, क्योंकि मंगल चौथे भाव (जो सुरक्षा, रक्षा और मातृभूमि का प्रतीक है) में गोचर करेगा।
चूंकि सिंह राशि गर्व और शाही स्वाभिमान का प्रतीक है, इसलिए इस समय भारत किसी भी दबाव या उकसावे का डटकर मुकाबला कर सकता है।
भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए गंभीर कदम उठा सकता है, चाहे इसके लिए विदेशी दबाव का सामना क्यों न करना पड़े।
जुलाई के अंत में जब मंगल कन्या राशि के पांचवें भाव में प्रवेश करेगा, तो भारत का नजरिया और भी आक्रामक और सैन्य रुख वाला हो सकता है। यह भाव बुद्धि, फैसलों और रणनीतिक योजनाओं से जुड़ा है, इसलिए तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है।
यह तनाव सिर्फ एक पड़ोसी देश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कई अन्य देशों से टकराव की स्थिति बन सकती है।
साथ ही, फौजी खर्चों और संभावित अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक दबाव भी बढ़ेगा।
स्थिति और गंभीर तब होगी जब मंगल छठे भाव में केतु के साथ प्रवेश करेगा।
मंगल (युद्ध) और केतु (गुप्तचर और रहस्य) की युति इस बात का संकेत है कि भारत गुप्त रणनीतियों, खुफिया गतिविधियों और ड्रोन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर सकता है।
भारत अपने दुश्मनों पर विजय जरूर पाएगा, लेकिन इसके साथ आर्थिक चुनौतियां भी आ सकती है।
अगले दो-तीन महीने तक जोरदार संघर्ष और जीतों का सिलसिला जारी रह सकता है, जो दुनिया में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
पहलगाम की घटना के बाद वर्तमान और आने वाले समय की ज्योतिषीय स्थितियां साफ संकेत देती हैं कि भारत अब अपने भीतरी और बाहरी सुरक्षा तंत्र के बेहद अहम मोड़ पर पहुंच चुका है। देश की कहानी आने वाले महीनों में युद्ध, वीरता, रणनीति और सुरक्षा जैसे विषयों के इर्द-गिर्द घूम सकती है, क्योंकि इस समय मंगल गोचर और दशा में मुख्य भूमिका निभा रहा है।हालांकि, अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि क्या युद्ध पूरी तरह से होगा या नहीं। फिलहाल स्थिति “वेट एंड वॉच” वाली बनी हुई है। अगले कुछ महीनों में घटनाएं धीरे-धीरे दिशा तय करेंगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. कौन सा ग्रह युद्ध, सैन्य और सुरक्षा बलों को दर्शाता है?
मंगल
2. भारत वर्तमान में किस महादशा में चल रहा है?
मंगल की महादशा सात साल की है।
3. भारत की जन्म कुंडली में कौन सा लग्न है?
वृषभ लग्न
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: देश-दुनिया में लेकर आएगा कौन से बड़े बदलाव? जानें!
बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर: जैसे कि हम जानते हैं कि बृहस्पति 15 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुछ पंचांगों के अनुसार, गुरु का यह गोचर 14 मई की रात 11 बजकर 20 मिनट पर होगा जबकि कुछ पंचांगों का मानना है कि 15 मई 2025 की रात 02 बजकर 30 मिनट पर गुरु मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। इस राशि में बृहस्पति 18 अक्टूबर 2025 तक रहेंगे और इसके बाद तेज़ गति से कर्क राशि में चले जाएंगे।
लेकिन, 11 नवंबर 2025 को गुरु ग्रह वक्री हो जाएंगे और 5 दिसंबर 2025 को पुनः मिथुन राशि में वापस लौट आएंगे। इसके बाद, गुरु 2 जून 2026 तक मिथुन राशि में रहने वाले हैं। लेकिन, यहां हम चर्चा करेंगे बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर देश-दुनिया को किस तरह से प्रभावित करेगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं।
बृहस्पति गोचर 2025 का भारत पर प्रभाव
बृहस्पति देव ज्ञान, भाग्य और अध्यात्म के कारक ग्रह हैं। वहीं, मिथुन राशि बुद्धि, संचार और व्यापार का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर कुछ मामलों में सकारात्मक रह सकता है जबकि कुछ मामलों के लिए नकारात्मक भी रह सकता है। लेकिन बात करें भारत की तो, भारतवर्ष की कुंडली में लग्न के अनुसार बृहस्पति दूसरे भाव में जाएगा और राशि के अनुसार द्वादश भाव में जाएगा। दूसरे भाव में गुरु का गोचर अनुकूल माना गया है, परंतु द्वादश भाव में जाना कमजोर बिंदु माना जाएगा। अतः ग्रहों की स्थिति के आधार पर भारतवर्ष के लिए यह गोचर औसत या मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मिथुन राशि में जाने के कारण गुरु भारतीय अर्थव्यवस्था पर विशेष प्रभाव डाल सकता है। यदि सुनियोजित तरीके से और सोच-समझकर निर्णय लिया जाएगा, तो यह भारत को आर्थिक समृद्धि देने का काम कर सकता है। व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि होने की अच्छी संभावना बनेगी। सरकार नई नीतियों को बढ़ावा दे सकती है। शेयर बाजार में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में प्रगति संभव है। छात्रों को लेकर सरकार कुछ अच्छी योजनाएं बना सकती है। बात करें संचार और मीडिया की, तो गुरु का मिथुन राशि में गोचर होने के कारण संचार और मीडिया को कुछ ज्यादा महत्व दिया जा सकता है। अतः कुछ मामलों में अनियंत्रण की स्थिति भी बन सकती है जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता रहेगी।
गंभीरता पूर्वक इस मामले में विचार करने पर शासन-प्रशासन या संबंधित विभाग नए विकास और नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं। सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ज़ोर दिया जा सकता है क्योंकि समय-समय पर देश पर ऐसे आरोप लगते रहते हैं कि भारत में मीडिया को दबाया जा रहा है। संभव है कि मिथुन राशि में गोचर करने के बाद मीडिया की स्वतंत्रता में वृद्धि हो, लेकिन स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने से बचेंगे तो मीडिया, देशवासियों और सरकार का भी फायदा मिलेगा, अन्यथा मीडिया को लेकर भी कुछ नए कानून सामने आ सकते हैं। बृहस्पति के मिथुन राशि में गोचर के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा मिल सकता है। कानून और न्याय के क्षेत्र में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है अर्थात भारतवर्ष के लिए मिले-जुले ही सही लेकिन सार्थक और औसत से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
विश्व की बात करें तो, गुरु गोचर 2025 के दौरान अनेक देश नई व्यापारिक साझेदारियों को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। ज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी विकास होने की संभावनाएं हैं। यात्रा और संचार को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में अस्थिरता बनी रहने की आशंका है। सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से समय अनुकूल रहेगा, लेकिन कुछ बाबाओं का बड़बोलापन नकारात्मक सुर्खियां भी बटोर सकता है क्योंकि गुरु संचार के कारक बुध की राशि में गए हैं। ऐसे में, मीडिया का रुझान भी बड़बोले और व्यर्थ की बातें करने वाले बाबाओं की तरफ रह सकता है।
इस वर्ष गुरु को अतिचारी या शीघ्रता से संचार करने वाला ग्रह माना जा रहा है। अतः कुछ क्षेत्रों में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है। यदि उन क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करेंगे या बदलावों के अनुरूप तैयारी नहीं की जाएगी या फिर गंभीर मुद्दों के प्रति भी लापरवाही वाला भाव रहेगा, तो संबंधित व्यक्ति, विभाग या क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर के दौरान कई मामलों में अनुकूलता और कुछ मामलों में लापरवाही बरतने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गुरु 2025 में कब वक्री होंगे?
साल 2025 में गुरु ग्रह 11 नवंबर 2025 को वक्री हो जाएंगे।
मीन राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की अंतिम राशि मीन के अधिपति देव गुरु ग्रह हैं।
मिथुन राशि किसकी है?
बुध ग्रह को मिथुन राशि का स्वामी माना जाता है।
मेष राशि में बुध के गोचर से बन जाएंगे इन राशियों के अटके हुए काम; सुख-समृद्धि और प्रमोशन के हैं योग!
बुध का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संचार, विश्लेषण करने की क्षमता, तर्क और वाणिज्य का कारक माना गया है। यह वाणी, लेखन, शिक्षा, व्यापार, नेटवर्किंग और तकनीकी प्रगति को नियंत्रित करता है। बुद्धि का कारक होने की वजह से बुध ग्रह व्यक्ति की तर्क करने की क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है। बुध ग्रह मिथुन एवं कन्या राशि के स्वामी हैं और वह कन्या राशि में उच्च के होते हैं, यहां बुध की शक्ति सबसे अधिक होती है। बुध एक तटस्थ ग्रह है जो अपने संपर्क में आने वाले ग्रहों और राशियों के अनुसार खुद को ढ़ाल लेता है।
अब बुध का मेष राशि में गोचर होने जा रहा है। राशि चक्र की पहली राशि मेष पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है। इस गोचर का प्रत्येक राशि पर विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कि बुध का मेष राशि में गोचर करने की तिथि क्या है। साथ ही जानेंगे इसके ज्योतिषीय महत्व और प्रभाव के बारे में भी। इस शक्तिशाली गोचर का न सिर्फ मानव जीवन पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि यह सामूहिक चेतना, राष्ट्रीय विकास और वैश्विक घटनाओं को भी प्रभावित करेगा।
बुध के मंगल की राशि में प्रवेश करने का 12 राशियों पर क्या असर पड़ेगा? इस दौरान मेष राशि के जातकों के निजी और पेशेवर जीवन में क्या बदलाव आ सकते हैं? क्या इस दौरान आपको बड़ा निवेश करना चाहिए? इस ब्लॉग में इन सभी सवालों के साथ और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
बुध ग्रह हमारी वाणी, लेखन, शिक्षा, बुद्धिमत्ता, ट्रेड, गणित और ह्यूमर का कारक है। वहीं मेष राशि को निर्भीकता, नेतृत्व करने की क्षमता और नई शुरुआत करने की इच्छा के लिए जाना जाता है। अब 07 मई, 2025 को सुबह 03 बजकर 53 मिनट पर बुध ग्रह मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
बुध के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनुष्य की मानसिक क्षमता साहस और महत्वाकांक्षा से भर जाती है। वह व्यक्ति अपने विचारों के बारे में खुलकर बात करते हैं और बातचीत एवं बौद्धिक कार्यों में जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। यह नई शुरुआत और सीधी बात करने का समय है। तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध और मंगल का कैसा संबंध है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
वैदिक ज्योतिष में बुध और मंगल ग्रह का संबंध
वैदिक ज्योतिष में बुध और मंगल ग्रह दो अलग-अलग लेकिन शक्तिशाली ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंगल एक साहसी ग्रह है जो कि कार्य, आक्रामकता, साहस और प्रयास करने का कारक है। यह हमारी शारीरिक ऊर्जा, इच्छाशक्ति एवं संघर्ष और नेतृत्व करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। वहीं, दूसरी ओर, बुध ग्रह को बुद्धि, संचार, तर्क और विश्लेषात्मक सोच का कारक माना गया है। यह हमारी वाणी, तर्क, व्यावसायिक कौशल और परिवर्तन को स्वीकार करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। जब ये दो ग्रह एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, तब मन और कार्य, वाणी और शक्ति एवं रणनीति और उसे अमल करने के बीच में एक अद्धितीय गतिशीलता देखने को मिलती है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल और बुध के बीच के संबंध को पारंपरिक रूप से शत्रु का ही माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन ग्रहों की स्वाभाविक प्रवृत्तियों के बीच अक्सर आपस में टकराव देखने को मिलता है। मंगल सोचने से पहले कार्य करता है जबकि बुध कार्य करने से पहले सोच-विचार करता है। मंगल में आवेग और जुनून होता है जबकि बुध सोच-समझकर कार्य करने वाला और भावनाओं के बजाय तर्क को महत्व देने वाला होता है। इसलिए जब बुध मंगल के प्रभाव में आता है, तब इससे तेज बुद्धि, तीखी वाणी और बातों में दृढ़ता देखने को मिलती है लेकिन इससे बातों में आक्रामकता, अधीरता और बेचैनी भी आ सकती है।
जन्मकुंडली में जब मंगल और बुध अच्छे स्थान में हों या सकारात्मक प्रभाव दे रहे हों, तब जातक वाद-विवाद में निपुण होता है, वकील, रणनीतिज्ञ या व्यवसायी बन सकता है। ये तेजी से सोचते हैं और सोच-विचार कर के कार्य करते हैं। हालांकि, यदि ये दोनों ग्रह अशुभ स्थान में या पीड़ित हैं, तब वाणी में कठोरता, विवाद करने की प्रवृत्ति, आवेग में आकर निर्णय लेने और मानसिक तनाव की स्थिति देखी जा सकती है। गोचर के दौरान विशेष रूप से मंगल और बुध का संबंध दिलचस्प होता है जैसे कि मंगल की राशि मेष में बुध का गोचर करना। यहां पर बुध आपकी वाणी को प्रभावित करने के साथ-साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता है और ऐसे में आप निडर होकर अपने विचारों को दूसरे के सामने रखने में सक्षम होते हैं।
वैदिक ज्योतिष में मंगल की अग्नि तत्व की राशि मेष और बुद्धि एवं संचार के कारक बुध के बीच का संबंध काफी दिलचस्प और शक्तिशाली है। मेष साहसी और क्रियाशील राशि है जिसे अपनी आवेगपूर्ण ऊर्जा, दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व करने की इच्छा के लिए जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर, बुध तर्क, बुद्धि, वाणी, सीखने और परिवर्तन को स्वीकार करने को दर्शाता है। बुध के मेष राशि में आने पर यह संचार में उग्रता और आत्मविश्वास लेकर आएगा। यह अपने शांत और सोच-समझकर कार्य करने के स्वभाव को स्पष्टता से बात करने, तेज-तर्रार और उत्साह से भरपूर स्वभाव में बदल लेता है।
यह विचार करने के साथ-साथ कार्य करने का समय होता है। मेष राशि में बुध के होने से व्यक्ति तेजी से सोचता है और उसकी वाणी में तीखापन आता है एवं वह निडरता से अपने विचारों को व्यक्त कर पाता है। जिन लोगों की कुंडली में मेष राशि में बुध होते हैं, वे बिना किसी हिचकिचाहट के अपने मन की बात कह देते हैं, कभी-कभी ये मुंहफट या आक्रामक भी लग सकते हैं। हालांकि, ये आत्मविश्वास के साथ स्पष्ट बातें करते हैं और प्रेरणाप्रद होते हैं। मेष राशि बुध को अपनी बात बोलने और बातचीत में जोखिम उठाने का साहस देती है जबकि बुध मेष राशि की आवेगशील ऊर्जा को विवेक और स्पष्टता प्रदान करता है। इस संयोजन से सेल्स, भाषण देने वाले, नेतृत्व करने वाले पदों पर काम करने वालों, मीडिया, मार्केटिंग या व्यवसायियों को लाभ मिलता है। इन क्षेत्रों में जल्दी सोचने और मजबूती से अपने विचारों को व्यक्त करने की जरूरत होती है।
हालांकि, चुनौतियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। बुध के मेष राशि में आने से अधीरता, विवाद करने का स्वभाव या जल्दबाज़ी में निर्णय लेने की प्रवृत्ति भी आ सकती है। मेष राशि के काम को तुरंत करने और बुध के तार्किक होकर सोचने के गुण के बीच आपको संतुलन बनाकर चलना होगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बुध का मेष राशि में गोचर: सूर्य और बुध मेष राशि में बना रहे हैं शुभ योग
बुध के मेष राशि में गोचर करने पर सभी ग्रहों के राजा सूर्य भी मेष राशि में गोचर करेंगे। सूर्य इस राशि में 14 मई, 2025 को वृषभ राशि में गोचर करने तक इसी राशि में रहेंगे। यह संयोजन बुधादित्य योग नामक शुभ योग का निर्माण कर रहा है। बुध का मेष राशि में गोचर होने पर यह योग विशेष रूप से शक्तिशाली हो जाएगा क्योंकि बुध और सूर्य दोनों एकसाथ उग्र और ऊर्जा की राशि मेष में आते हैं।
मेष राशि पर मंगल का स्वामित्व है एवं यह ग्रह कार्य करने, साहस और प्रयास करने का प्रतीक है। मेष राशि में उच्च का सूर्य असीम शक्ति, नेतृत्व करने की क्षमता, अधिकार और आत्मविश्वास प्रदान करता है। जब बुध सूर्य जैसे शक्तिशाली ग्रह के साथ होता है, तब वह इस ग्रह की कुछ गतिशील ऊर्जा को अपना लेता है जिससे संचार, बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इस स्थिति को खासतौर पर भाषण देने वाले, प्रशासन, शिक्षा, मार्केटिंग और राजनीति से संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले जातकों के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। यह युति 14 मई, 2025 तक रहेगी और इसके बाद सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे जिससे यह योग समाप्त हो जाएगा।
यदि जन्म कुंडली में बुध कमजोर या पीडित है, तो इससे व्यक्ति की संचार क्षमता, बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। बुध के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं:
हमेशा खासतौर पर व्यापारिक लेन-देन को लेकर ईमानदार रहें। किसी भी तरह का धोखा, छल या विश्वासघात न करें।
आप चार मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण कर बुध को प्रसन्न कर सकते हैं। हालांकि, इस उपाय को करने से पहले आप किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श जरूर कर लें।
बुधवार के दिन व्रत रखें और नियमित रूप से विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करने के बाद पन्ना रतन धारण करें।
बुधवार के दिन बुध ग्रह से संबंधित चीज़ों जैसे कि साबुत मूंग दाल, हरी घास, पालक, गरीब या जरूरतमंद लोगों को दान करें।
भगवान विष्णु की पूजा करें और बुध को मजबूत करने के लिए उनका आशीर्वाद लें।
आप ज्यादा से ज्यादा हरे रंग के कपड़े पहनने की कोशिश करें क्योंकि हरे रंग का संबंध बुध ग्रह से होता है।
बुध का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के पहले भाव में बुध का गोचर होने जा रहा है लेकिन आपके लग्न भाव के स्वामी के साथ शत्रुता रखने और आपके तीसरे एवं छठे भाव का स्वामी होने की वजह से बुध आपके लिए … (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव का स्वामी बुध है जो कि आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहा है। बुध का मेष राशि में गोचर करने के दौरान… (विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लग्न और चौथे भाव का स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
बुध कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी हैं और बुध का मेष राशि में गोचर होने के दौरान… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं। बुध का मेष राशि में गोचर होने के दौरान बुध आपके नौवें भाव में रहेंगे। बुध आपके लिए… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। जब बुध सातवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान बुध आपके सातवें भाव में प्रवेश करेंगे। यह समय… (विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
इस राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कि अब बुध का मेष राशि में गोचर होने पर आपके… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
बुध धनु राशि के सातवें और दसवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कि अब आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहा है… (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के छठे और नौवें भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
बुध आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जहां बुध स्वयं को सबसे अधिक सहज महसूस करते हैं इसलिए आने वाला समय आपके लिए… (विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशिके दूसरे भाव में बुध का यह गोचर होने जा रहा है। यह भाव परिवार, बचत और वाणी का होता है। बुध मीन राशि के चौथे और … (विस्तार से पढ़ें)
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध का मेष राशि में गोचर 2025 कब होगा?
उत्तर. 07 मई, 2025 को सुबह 03 बजकर 53 मिनट पर बुध मेष राशि में प्रवेश करेंगे।
प्रश्न 2. मेष राशि में बुध के होने से संचार कौशल कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर. इस गोचर से संचार में साहस और ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
प्रश्न 3. इस गोचर के दौरान मेष राशि वालों को क्या उपाय करना चाहिए?
उत्तर. बुध के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने और मानसिक स्पष्टता पाने के लिए आप इस गोचर के दौरान बुध के बीज मंत्र का जाप करें।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: राशि सहित देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा इसका प्रभाव
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का वृषभ राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि सूर्य के गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को सूर्य के गोचर से बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
बता दें कि सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 14 मई 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ।
ज्योतिष शास्त्र, खासकर प्राचीन और हेलेनिस्टिक ज्योतिष में, सभी दिखाई देने वाले खगोलीय पिंडों को “ग्रह” माना जाता था। इसमें सूर्य और चंद्रमा भी शामिल थे (इन्हें प्रकाश देने वाले भी कहा जाता है)। इसलिए भले ही सूर्य वैज्ञानिक रूप से एक तारा है, लेकिन ज्योतिष में इसे ग्रहों की तरह ही माना जाता है, क्योंकि इसका प्रतीकात्मक और व्याख्यात्मक महत्व बहुत बड़ा है। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। ये बिल्कुल सही बैठता है क्योंकि सिंह राशि वाले लोग आमतौर पर गर्वित, आत्मविश्वासी और लाइमलाइट में रहना पसंद करते हैं, जैसे आसमान में चमकता हुआ सूर्य। पांचवें भाव का संबंध रचनात्मकता, खुशी, बच्चों और आत्म-अभिव्यक्ति से होता है।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: समय व तिथि
सूर्य 14 मई, 2025 की रात 11 बजकर 51 मिनट पर शुक्र के स्वामित्व वाली राशि वृषभ में गोचर करेंगे। ज्योतिष में सूर्य और शुक्र को शत्रु माना जाता है और इस वजह से वृषभ राशि में सूर्य बहुत अच्छा प्रदर्शन करने में असमर्थ होते हैं। हालांकि, कुछ राशियों के लिए यह सकारात्मक परिणाम भी देंगे। तो आइए जानते हैं सूर्य का गोचर किन राशि के जातकों के लिए शुभ व किन जातकों के लिए अशुभ परिणाम लेकर आ रहे हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके तीसरे भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान सूर्य आपके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और विदेश के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपके अंदर ऊर्जा की कमी हो सकती है। आपको अपने व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जीवन के प्रयासों में अपना पूरा ज़ोर लगाने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको अपने भाई-बहनों, विशेष रूप से बड़े भाई-बहनों के साथ संबंध में कुछ ग़लतफ़हमियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप नई जगहों पर घूमना पसंद कर सकते हैं। आपको यह सलाह दी जाती है कि नए दोस्त बनाते समय सावधान रहें चूंकि ऐसी आशंका है कि वे आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको यह सलाह दी जाती है कि अपनी आंखों का ध्यान रखें क्योंकि इस दौरान आपकी आंखों में किसी प्रकार का संक्रमण या एलर्जी होने की आशंका है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपका पेशेवर जीवन थोड़ा अस्त-व्यस्त रह सकता है। आपको काम के सिलसिले से कुछ यात्राओं की योजना बनानी पड़ सकती है लेकिन ऐसी आशंका है कि उन यात्राओं से आपको सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं होंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके दसवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान सूर्य वृश्चिक राशि के सातवें भाव यानी कि संगठन, साझेदारी और विवाह के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप स्वभाव से गुस्सैल व मुखर हो सकते हैं। आप अपने व्यक्तिगत या पेशेवर जीवन में कोई भी ज़िम्मेदारी वाला काम लेने में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आपके गुस्सैल रवैये को झेलना आपके जीवनसाथी के लिए मुश्किल हो सकता है, जिससे कि आपके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। हो सकता है कि आपका जीवनसाथी आपसे दूरी बनाने के लिए कुछ यात्राओं की योजना बनाए या फिर किसी बातचीत में शामिल न हो। हालांकि जो जातक एकल जीवन व्यतीत कर रहे हैं और किसी रिश्ते में आना चाहते हैं, उनके लिए इस दौरान कुछ अच्छे और समृद्ध परिवारों से प्रस्ताव आ सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़ास ख़्याल रखें चूंकि इस दौरान आप घबराहट, सनस्ट्रोक और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों पर बरसेगी सूर्य की कृपा
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव यानी कि मनोरंजन, संतान, शिक्षा, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और पिछले कर्मों के भाव के स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान सूर्य मेष राशि के दूसरे भाव यानी कि वाणी, संपत्ति और परिवार के भाव से गोचर करेगा। सूर्य का यह गोचर आपकी बातचीत में कुछ बदलाव लेकर आएगा। आप अपनी बातचीत में मुखर और तीखे हो सकते हैं। आप कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे सामने वाला भावनात्मक रूप से आहत हो सकता है, जो कि आपको अपने प्रियजनों से दूर भी कर सकता है। इस दौरान आपको अपना पारिवारिक जीवन भी प्रभावित नज़र आ सकता है, आशंका है कि आपको अपने माता-पिता या घर के अन्य सदस्यों के साथ कुछ विवादों का सामना करना पड़ सकता है।
इस दौरान आपको अपने परिवार के सदस्यों की तरफ़ से समर्थन और सहायता की कमी भी महसूस हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य का यह गोचर आपके लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। एक से अधिक स्रोतों से कमाई होने के योग बन रहे हैं। इस दौरान आप अपने शौक और रुचि के काम को अपने पेशे में बदल सकते हैं और उसके ज़रिए अच्छी कमाई करने में भी सफलता हासिल कर सकते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके चौथे भाव यानी कि सुख, भूमि, संपत्ति और वाहन के भाव के स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान सूर्य वृषभ राशि के पहले भाव यानी कि शरीर, मस्तिष्क और व्यक्तित्व के भाव में गोचर करेंगे।
इस दौरान आपका झुकाव अपने परिवार के सदस्यों की ओर अधिक रहने की संभावना है। आप उनकी सुरक्षा से लेकर हर छोटी-बड़ी ज़रूरतों का ध्यान रखते नज़र आ सकते हैं। हालांकि, आपका मुखर और सख़्त रवैया आपके जीवनसाथी के साथ संबंध में कुछ मतभेद पैदा कर सकता है। हो सकता है कि उन्हें आपके इस तरह के स्वभाव का सामना करने में कुछ परेशानी हो और वे आपसे दूरी बनाए रखने का प्रयास करें। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको अपना ख़्याल रखने की सलाह दी जाती है चूंकि ऐसी आशंका है कि इस दौरान आपको सिरदर्द, माइग्रेन और उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके दूसरे भाव यानी कि धन, अभिव्यक्ति और परिवार के भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान सूर्य कर्क राशि के ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ, मित्र और विस्तार के भाव में गोचर करेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धन के दो भावों की युति जातक के लिए अच्छे योग का निर्माण करती है और जातक के जीवन में आर्थिक रूप से संपन्नता लेकर आती है। इस दौरान आप अधिक सामाजिक हो सकते हैं और अपने दोस्तों से मिलने के लिए किसी एक जगह पर इकट्ठा होने की योजना बना सकते हैं।
इसके अलावा, इस दौरान आप कुछ उच्च अधिकारियों के संपर्क में भी आ सकते हैं और उन्हें डिनर या किसी कैज़ुअल मीटिंग के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। जो जातक वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, वे अपने जीवनसाथी के साथ एक अच्छा समय साझा करने में सफलता प्राप्त सकते हैं, जिससे आपके रिश्ते में मज़बूती आएगी और आपसी समझ में इज़ाफ़ा होगा। आप में से कुछ लोग अपने वैवाहिक रिश्ते से बाहर निकलकर अच्छे दोस्त की तलाश कर सकते हैं। आर्थिक रूप से देखा जाए तो यह अवधि कर्क राशि के जातकों लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है। यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं तो आप उससे अच्छा खासा आर्थिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य उनके बारहवें भाव यानी कि व्यय, मोक्ष और विदेश यात्रा के भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान सूर्य कन्या राशि के नौवें भाव यानी कि धर्म और भाग्य के भाव में गोचर करेंगे। कन्या राशि के बारहवें भाव और नौवें भाव का यह संबंध जातकों के जीवन में कुछ यात्राएं लेकर आ सकता है। संभावना है कि इस दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर रहेगा।
अपने धर्म के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए तथा शास्त्रों के समझने के लिए आप कुछ धार्मिक स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं। आप अपने पूर्वजों के सम्मान हेतु कुछ करने का प्रयास कर सकते हैं जैसे कि इस दौरान आप उनके लिए कुछ यज्ञ वगैरह करा सकते हैं या कोई बड़ा दान-पुण्य का काम कर सकते हैं। आपके संबंध अपने पिता के साथ बहुत अच्छे न रहने की आशंका है लेकिन एक-दूसरे के सम्मान में कोई कमी नहीं होगी। पेशेवर रूप से देखा जाए तो कार्यक्षेत्र का माहौल आपके लिए संतोषजनक रह सकता है। हालांकि, आप अपने काम को एकाग्रचित्त होकर करने में सक्षम नहीं रह सकेंगे। जो जातक विदेशी ग्राहकों से साथ डीलिंग का काम करते हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल है।
तांबे के बर्तन में चुटकी भर सिंदूर डालकर सूर्य को जल या अर्घ्य दें।
सूर्य यंत्र की पूजा करें।
प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
सरकार और भारत का प्रशासन
संभावना है कि इस अवधि के दौरान सरकार बहुत अच्छी तरह से काम नहीं कर पाएगी। जैसे ही सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करते ही संभव है कि सरकार को अपनी ज़्यादा आक्रामक नीति या रुख के लिए आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्र और सूर्य शत्रु हैं और ऐसे में संभव है कि सूर्य का वृषभ राशि में गोचर अच्छा प्रदर्शन न करें।
भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है और सूर्य का पहले भाव में होना यह संकेत देता है कि सरकार कभी-कभी गुस्से और आक्रामकता की वजह से सही निर्णय न ले पाए। यह स्थिति अहंकार या जल्दबाज़ी में लिए गए फैसलों की ओर इशारा कर सकती है।
यह माना जाएगा कि भारत और अन्य देशों की सरकारें दुनिया में अपनी जगह को लेकर अनिश्चित हैं। दुनिया भर में, कई जगहों पर राजनीतिक उथल-पुथल दिखाई दे सकती है।
आशंका है कि इस समय प्रमुख देशों की सरकारें अपने आंतरिक व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से संभालने में सफल न हो पाए।
ऊंचे पदों पर बैठे लोगों या सरकार के भीतर काम कर रहे लोगों के लिए अपना काम सही ढंग से करना मुश्किल बना सकते हैं।
चिकित्सा, कृषि और विविध
सूर्य का गोचर शिक्षकों, शोधकर्ताओं, आध्यात्मिक नेताओं, परामर्शदाताओं, जनसंपर्क पेशेवरों, लेखकों, मूर्तिकारों और कलाकारों के लिए अनुकूल प्रतीत हो रहा है।
बेहतर फसल और उच्च पैदावार कृषि उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा देगी। इस गोचर से निस्संदेह किसानों को लाभ होगा।
चिकित्सा उद्योग का विस्तार होगा और लाभ होगा।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट
सीमेंट, बिजली, फार्मास्यूटिकल्स, सार्वजनिक क्षेत्र और रासायनिक उद्योग सभी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
चूंकि सूर्य और शुक्र दोनों ही आंखों के कारक हैं, इसलिए ऑप्टिकल क्षेत्र निस्संदेह लाभ कमाएगा।
इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी, सीमेंट, हीरा, रसायन और भारी इंजीनियरिंग उद्योग सभी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
इस दौरान, शैक्षणिक संस्थान और एड-टेक कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करेगी।
सोने की कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: फिल्म क्षेत्र में कैसा पड़ेगा प्रभाव
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख
अबीर गुलाल
फवाद खान, वाणी कपूर
09 मई, 2025
भूल चूक माफ
राजकुमार राव, वामिका गब्बी
09 मई, 2025
स्वागतम् खुशामदीद
पुलकित सम्राट, इसाबेल कैफ
16 मई, 2025
सितारों और ग्रहों के गोचर को देखते हुए, सप्ताह के दौरान जो एक फिल्म अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, वह है भूल चूक माफ़ और अन्य दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन में असफल हो सकती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. वृषभ राशि में सूर्य कैसा प्रदर्शन करता है?
वृषभ राशि में सूर्य मिले जुले परिणाम दे सकते हैं।
2. किस राशि में सूर्य उच्च का हो जाता है?
मेष राशि
3. किस राशि पर सूर्य का शासन है?
सिंह राशि
मई 2025 के इस सप्ताह में इन चार राशियों को मिलेगा किस्मत का साथ, धन-दौलत की होगी बरसात!
एस्ट्रोसेज एआई अपने इस ख़ास ब्लॉग में आपको मई 2025 के पहले सप्ताह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। हम सभी इस बात को लेकर उत्सुक रहते हैं कि आने वाला हफ़्ता आपके लिए कैसा रहेगा? साप्ताहिक राशिफल के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि सभी 12 राशियों को यह सप्ताह कैसे परिणाम देगा? व्यापार में आएंगी समस्याएं या होगा लाभ? सेहत रहेगी अच्छी या स्वास्थ्य में आएंगे उतार-चढ़ाव? क्या प्रेम जीवन बना रहेगा खुशहाल या परेशानियों से होगा आमना-सामना? आपका शादीशुदा जीवन रहेगा सुखी या हो सकते हैं मतभेद? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस स्पेशल ब्लॉग में प्राप्त होंगे। करियर, व्यापार से लेकर शिक्षा और प्रेम जीवन से लेकर वैवाहिक जीवन तक, आपको हर क्षेत्र के बारे में बताएंगे।
इसके अलावा, मई 2025 के इस पहले सप्ताह अर्थात 05 मई से 11 मई 2025 के दौरान मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों, ग्रहण-गोचर और बैंक अवकाशों के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, इस हफ्ते में किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आएगा और कौन सा दिन और मुहूर्त होगा सबसे उत्तम शुभ कार्यों को करने के लिए आदि से भी आपको रूबरू करवाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं, मई का यह सप्ताह सभी 12 राशियों के लिए कौन सी नई सौगात लेकर आएगा, इस विषय में भी हम चर्चा करेंगे।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
व्रत-त्योहारों के बारे में जानने से पहले हम बात करेंगे इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्यों की, तो मई माह के इस सप्ताह की शुरुआत अश्लेषा नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि अर्थात 05 मई 2025, सोमवार को होगी जबकि इस हफ़्ते का समापन स्वाति नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कि 11 मई 2025, रविवार को होगा। बता दें कि इस सप्ताह अनेक व्रत एवं त्योहारों को मनाया जाएगा जिनके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कब और किस दिन कौन सा व्रत एवं त्योहार मनाया जाएगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी
व्रत एवं त्योहार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि यह हमें एक-दूसरे से मिलने और ख़ुशियाँ बांटने का मौका देते हैं। हालांकि, अगर आप भी अपनी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी की वजह से पर्वों की तिथियां भूल जाते हैं, तो यहाँ हम आपको मई 2025 के पहले सप्ताह (05 मई से 11 मई 2025) में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहार की संपूर्ण सूची प्रदान कर रहे हैं।
मोहिनी एकादशी व्रत (08 मई 2025, गुरुवार): जैसे कि हम सभी जानते हैं कि एक साल में24 एकादशी तिथियां आती हैं और इस प्रकार, हर माह में 2 एकादशी आती है। इन्हीं में से एक है मोहिनी एकादशी जो कि प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। इस एकादशी को बहुत शुभ एवं कल्याणकारी माना जाता है। बता दें कि मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रत का विधान है। मोहिनी एकादशी का व्रत जातक को मोह के बंधन से मुक्ति दिलाता है।
प्रदोष व्रत (शुक्ल)(09 मई 2025, शुक्रवार): प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है जिसे हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। बता दें कि प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जातक को दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, भक्त की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन को खुशियाँ और उमंग से भर देंगे।
ज्योतिषीय भविष्यवाणी करने के लिए सबसे पहले ग्रहों की चाल, दशा और स्थिति को देखा जाता है। इसी क्रम में, जब कभी साप्ताहिक भविष्यवाणी की जाती है, तो ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों की चाल की गणना विशेष तौर पर की जाती है जो कि अनिवार्य होती है। चलिए अब हम जान लेते हैं कि मई के इस पहले सप्ताह में कौन-कौन से ग्रहों की स्थिति या राशि में परिवर्तन देखने को मिलेगा।
बता दें कि मई 2025 के इस सप्ताह में कोई भी ग्रह अपनी चाल या राशि में परिवर्तन नहीं करेगा और न ही इस दौरान कोई ग्रहण नहीं लगने वाला है।
इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश
हर महीने या सप्ताह में अनेक बैंक अवकाश आते हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होना जरूरी है ताकि आपके कोई काम न रुक सकें। ऐसे में, हम आपको इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तिथियां प्रदान कर रहे हैं जिससे आपके सभी काम समय रहते हुए पूरे हो सकें और आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़ें।
हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य को शुभ मुहूर्त में करना अनिवार्य है, विशेषकर शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य को। अगर आप इस हफ़्ते विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं, तो हम आपको सभी शुभ मुहूर्त की तिथियां प्रदान कर रहे हैं।
दिनांक एवं दिन
नक्षत्र
तिथि
मुहूर्त का समय
05 मई 2025, सोमवार
माघ
नवमी
रात 08 बजकर 28 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक
06 मई 2025, मंगलवार
माघ
नवमी, दशमी
सुबह 05 बजकर 54 मिनट से दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक
8 मई 2025, गुरुवार
उत्तराफाल्गुनी, हस्त
द्वादशी
दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक
09 मई 2025, शुक्रवार
हस्त
द्वादशी, त्रयोदशी
सुबह 05 बजकर 52 मिनट से रात 12 बजकर 08 मिनट तक
10 मई 2025, शनिवार
स्वाति
चतुर्दशी
सुबह 03 बजकर 15 मिनट से अगली सुबह 04 बजकर 01 मिनट तक
इस सप्ताह के नामकरण मुहूर्त
ऐसे माता-पिता जो अपनी संतान का नामकरण संस्कार मई 2025 के पहले सप्ताह में करने का सोच रहे हैं, तो यहाँ नामकरण संस्कार 2025 की शुभ तिथियां प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
07 मई 2025, बुधवार
18:17:51 से 29:36:01
08 मई 2025, गुरुवार
05:35:17 से 29:35:17
09 मई 2025, शुक्रवार
05:34:34 से 29:34:33
11 मई 2025, रविवार
20:04:43 से 30:17:41
इस सप्ताह कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
आप अपने शिशु का कर्णवेध संस्कार 05 मई से 11 मई 2025 के दौरान इन शुभ तिथियों पर कर सकते हैं क्योंकि यह तिथियां कर्णवेध संस्कार के लिए सर्वाधिक शुभ हैं।