बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान, तुरंत कर लें ये उपाय

बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों को रहना होगा सावधान, तुरंत कर लें ये उपाय

बुध कर्क राशि में मार्गी: बुध बुद्धि, संवाद, तर्क, गणना और व्यापार के कारक ग्रह हैं, जब मार्गी होते हैं, तो जीवन की कई जटिलताएं सरल होने लगती हैं। यह बदलाव न केवल विचारों में स्पष्टता लाता है बल्कि हमारे निर्णयों को भी सशक्त बनाता है। जब बुध वक्री होता है, तो व्यक्ति भ्रम, उलझन और गलतफहमियों से घिरा रह सकता है, लेकिन जैसे ही यह ग्रह मार्गी होता है, वैसे ही जीवन में संतुलन, समझदारी और स्थिरता का आगमन होता है। 

2025 में बुध का यह मार्गी होना कई राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। विशेषकर वे लोग जो शिक्षा, लेखन, संचार, मीडिया, मार्केटिंग या व्यापार से जुड़ें, उन्हें अब तेजी से आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। साथ ही, जिनके काम लंबे समय से अटके हुए थे, अब वे गति पकड़ सकते हैं।

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आइए जानते हैं बुध के मार्गी होने का यह परिवर्तन आपकी राशि को कैसे प्रभावित करेगा और किस दिशा में बदलेगा आपका भाग्य।

बुध कर्क राशि में मार्गी: तिथि व समय

बौद्धिक बल अर्थात समझदारी व चतुराई का कारक ग्रह बुध 18 जुलाई 2025 को कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो गए थे। अब यानी 11 अगस्त 2025 की दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर बुध ग्रह मार्गी हो रहे हैं। बुध मार्गी का प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर पड़ेगा। 

बुध ग्रह मार्गी होने का अर्थ

मार्गी का अर्थ है सीधी गति से चलना। जब कोई ग्रह अपनी सामान्य चाल में चलता है, तो उसे मार्गी कहा जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जब बुध ग्रह वक्री होकर उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है और पुन: अपनी सीधी चाल में लौट आता है, तो यह घटना बुध का मार्गी होना कहलाती है। जब बुध वक्री होता है, तब व्यक्ति को भ्रम, गलतफहमियों, संवाद में रुकावट, इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ियां, कागजी कार्यों में अड़चन और फैसलों में असमंजस का सामना करना पड़ सकता है। 

लेकिन जैसे ही बुध मार्गी होता है जातक के विचारों में स्पष्टता आती है। अटके हुए काम गति पकड़ते हैं। संचार और व्यवहार में सुधार आता है। निर्णय लेना आसान हो जाता है। व्यापारिक कार्यों में सकारात्मक बदलाव आता है। ज्योतिष में यह घटना बहुत मायने रखती है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में ठहराव के बाद एक नए सकारात्मक चरण की शुरुआत मानी जाती है। जिस राशि और भाव में बुध मार्गी होते हैं, वहां से जुड़े क्षेत्र में सुधार और प्रगति देखने को मिलती है।

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बुध ग्रह का धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व

बुध ग्रह को भगवान विष्णु का अंश माना गया है। इसका उल्लेख विभिन्न पुराणों में भी मिलता है। इनकी पूजा से बुद्धि, वाणी, व्यापार और निर्णय क्षमता में सुधार होता है। एक मान्यता के अनुसार, बुध, चंद्र देव और तारा (बृहस्पति की पत्नी) के पुत्र हैं। इस वजह से बुध की प्रकृति में चंचलता और बुद्धि दोनों का मेल देखा जाता है। बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन व्रत रखने का विधान है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करना, हरी मूंग दान देना और गाय को हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है।

बुध ग्रह मनुष्य की बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति, संचार क्षमता, लेखन, शिक्षा, वाणी और व्यापारिक समझ का प्रतीक है। कुंडली में इसका शुभ स्थान पर होना व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि, हाजिर जवाबी और प्रभावशाली वक्ता बनता है। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। कन्या में यह उच्च के और मीन में नीच के माने जाते हैं। बुध ग्रह शुक्र और शनि के मित्र, चंद्रमा के शत्रु और सूर्य के पुत्र समान है। 

कुंडली में इसकी स्थिति के अनुसार, व्यक्ति का प्रोफेशन, बोलचाल और गणितीय क्षमता तय होती है। बुध यदि पहले, दूसरे, पांचवें, छठे और दसवें भाव में स्थित हो तो अत्यंत शुभ फल देते हैं। लेकिन यदि शुभ स्थिति में हो तो यह धोखा, असत्य भाषण, भ्रम और मानसिक उलझनों का कारण बनता है। इसके अलावा, बुध दोष निवारण के लिए पन्ना रत्न धारण किया जाता है। साथ ही गौ माता को हरी चीजें खिलाना, छोटे बच्चों को शिक्षा देना और बुध मंत्र का जाप करना लाभदायक होता है।

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कर्क राशि में बुध ग्रह का प्रभाव

जब बुध ग्रह कर्क राशि में गोचर करता है या जातक की कुंडली में बुध इस राशि में स्थित होता है, तो इसका प्रभाव विशिष्ट होता है। कर्क राशि जल तत्व की, चंद्रमा की स्वामित्व वाली और भावनात्मकता से भरपूर राशि मानी जाती है, जबकि बुध बुद्धि, तर्क और वाणी का कारक है। ऐसे में, कर्क राशि में बुध की स्थिति के परिणामस्वरूप जातक के सोचने और बोलने का ढंग प्रभावित होता है। ऐसे लोग दिल से सोचते हैं, लेकिन अपनी बात को भावनात्मक शैली में बड़ी सहजता से कहने में माहिर होते हैं।

इस योग के जातक लेखन, कहानी, संगीत और कला के क्षेत्र में प्रतिभाशाली हो सकते हैं। खासकर वे लोग जो कविता, नाटक या पत्रकारिता से जुड़े हों, उनके लिए यह स्थिति फायदेमंद मानी जाती है। बुध कर्क में होने पर व्यक्ति पुरानी यादों, पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों से गहराई से जुड़ा रहता है। ये अपनी यादों को संजोकर रखते हैं और दूसरों से जुड़ने में भावनाओं का उपयोग करते हैं। बुध का स्वभाव विश्लेषणात्मक होता है, जबकि कर्क भावनाओं का इसलिए कभी-कभी इस स्थिति में निर्णय लेने में असमंजस, भावनात्मक उतार-चढ़ाव या सोच में अस्थिरता देखी जा सकती है।

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बुध ग्रह के किन भावों में होने पर सावधानी की आवश्यकता होती है?

आठवां भाव अचानक बदलाव, दुर्घटना, रहस्य से जुड़ा होता है। यहां बुध विचारों में उलझन दे सकता है। बारहवां भाव विदेश यात्रा, हानि, खर्च का भाव है। बुध यहां विराजमान हो तो खर्च बढ़ सकता है और मानसिक चिंता दे सकता है, परंतु लेखक, योग, शिक्षक या गुप्त विद्या वाले कार्यों में इसे शुभ भी माना जाता है।

अलग-अलग भावों में बुध के फल

भाव का नामबुध के फल
लग्नअत्यंत शुभ
धनशुभ
सुखशुभ
विद्याबहुत शुभ
रोग/शत्रुशुभ
विवाह/व्यापारऔसत
कर्मबहुत शुभ

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बुध ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय

बुधवार का व्रत करें

हर बुधवार को उपवास करें और हरी चीज़ों का सेवन करें। इस दिन हरे कपड़े पहनें और भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें।

बुध बीज मंत्र का जाप करें

ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र का रोज़ाना 108 बार जाप करें। ऐसा करने से बुध ग्रह की शक्ति बढ़ती है।

गणेश जी की आराधना करें

गणपति बुद्धि के देवता हैं। रोज़ “ॐ गं गणपतये नमः” का 108 बार जाप करें। बुधवार को विशेष रूप से दूर्वा (हरी घास) चढ़ाएं।

पेड़-पौधे लगाएं

हरे रंग का संबंध बुध से है। घर में तुलसी, धनिया, पुदीना, मेंथी या हरसिंगार जैसे पौधे लगाएं और उनकी सेवा करें।

दान करें

बुध से संबंधित वस्तुओं का दान करें। जैसे हरी मूंग, हरा वस्त्र, कच्चा नारियल, ब्राह्मण को हरी सब्जी, साबुत धनिया, पन्ना रत्न, दूर्वा बुध के दिन किसी कन्या या ब्राह्मण को ये  वस्तुएं दान करें।

पन्ना रत्न धारण करें

कुंडली में बुध वाकई अशुभ हो तो ज्योतिषीय सलाह लेकर पन्ना रत्‍न धारण कर सकते हैं। यह बुध की ऊर्जा को बढ़ाता है।

सूर्य को जल दें

तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ा सा हरा तुलसी का पत्ता डालें और “ॐ बुधाय नमः” का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

बुध कर्क राशि में मार्गी: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

तीसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि कुछ…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी आपके…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

 बुध ग्रह मार्गी हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में बुध ग्रह के नकारात्मक परिणामों का ग्राफ और बढ़ सकता है। इसलिए..(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

साथ ही साथ कर्म स्थान के स्वामी होकर लाभ भाव में मार्गी हो रहे हैं, यहां से भी बुध ग्रह की स्थिति…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

आपकी कुंडली में बुध ग्रह भाग्य भाव का स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

क्योंकि बुध ग्रह के गोचर को भाग्य भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। अतः स्वस्थ और…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

आपकी कुंडली में बुध ग्रह सातवें तथा दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं। अर्थात व्यापार और दैनिक रोजगार आदि से…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

 बुध ग्रह की गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है, ऊपर से छठे भाव का स्वामी सप्तम भाव में आया है और…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बुध ग्रह के गोचर को छठे भाव में सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध ग्रह के मार्गी होने का कोई विशेष अनुकूल परिणाम शायद आपको न मिल पाए लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध कर्क राशि में मार्गी कब होंगे?

बुध कर्क राशि में मार्गी 11 अगस्त 2025 को होंगे।

2. बुध के कारक ग्रह कौन हैं?

बुध ग्रह ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, शिक्षा, और व्यापार का कारक माना जाता है।

3. कर्क राशि के जातक कैसे होते हैं?

कर्क राशि के जातक संवेदनशील और भावनात्मक होते हैं और अपने घर और परिवार के आराम के साथ बहुत खुश रहते हैं।

भाद्रपद माह 2025: त्योहारों के बीच खुलेंगे भाग्य के द्वार, जानें किस राशि के जातक का चमकेगा भाग्य!

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भाद्रपद माह 2025: हिंदू पंचांग का पांचवा महीना भाद्रपद मास का है, जिसे आमतौर पर भादो के नाम से भी जाना जाता है। यह माह श्रावण के बाद अश्विन से पहले आता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह आमतौर पर अगस्त-सितंबर के बीच में पड़ता है। इस महीने का नाम नक्षत्र भरणी और पूर्वाभाद्रपद से लिया गया है। यह मास धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। भाद्रपद मास में कृष्ण और शुक्ल पक्ष, दोनों ही पक्षों में कई प्रमुख व्रत, त्योहार और पर्व आते हैं जैसे- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा जयंती आदि।

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यह माह भक्ति, उपासना और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। विशेष रूप से श्रीकृष्ण और भगवान गणेश की उपासना इस माह में अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसके अलावा, इस महीने में श्राद्ध पक्ष की शुरुआत भी होती है, जो पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का समय होता है। संक्षेप में भाद्रपद माह धार्मिक आस्था, त्योहार की रौनक और आत्मिक विकास का संगम है, जो व्यक्ति को धर्म, भक्ति और संस्कारों से जोड़ता है।

आज इस ब्लॉग में हम भाद्रपद मास 2025 से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत-त्यौहार आएंगे? इस माह में कौन से उपाय किए जाने चाहिए? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ऐसी ही कई जानकारियों से लबालब है एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग, इसलिए अंत तक ज़रूर पढ़ें।

भाद्रपद माह 2025: तिथि

साल 2025 में भाद्रपद का महीना 10 अगस्त 2025 से शुरू होगा और 07 सितंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा। । यह महीना हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण और विशेष माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना होता है। वहीं चातुर्मास का दूसरा माह। सावन समाप्त होते ही यह महीना प्रारंभ होता है। झारखंड और बिहार में इस महीने को कई नामों से लोग पुकारते हैं। जैसे- भाद्रपद, भादवा, भाद्र और भादो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन ही नहीं भादों का महीना भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम माना जाता है। 

यह महीना भगवान श्री कृष्ण और भगवान गणेश जी की उपासना के लिए भी समर्पित है। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है और हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

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भाद्रपद मास का महत्व

भाद्रपद मास जिसे सामान्यतः भादो माह कहा जाता है। यह मास धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसी महीने से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी,ऋषि पंचमी, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज, अनंत चतुर्दशी, और राधाष्टमी जैसे अनेक पावन पर्व मनाए जाते हैं। इस महीने भगवान विष्णु के वामन रूप की भी विशेष पूजा होती है। साथ ही, गणपति उत्सव का आरंभ भी इसी मास में होता है, जो पूरे दस दिनों तक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। पितृपक्ष की शुरुआत भी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के बाद होती है, जिसमें लोग अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध करते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस माह में व्रत-उपवास, दान-पुण्य और तीर्थ स्नान का विशेष महत्व होता है, जो व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाकर पुण्य लाभ प्रदान करता है। संक्षेप में, भाद्रपद मास अध्यात्म भक्ति और पारिवारिक संतुलन का संगम है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति लाता है। शास्त्रों में भाद्रपद माह में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करना, शंख की स्थापना करना और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना बहुत अधिक शुभ माना जाता है। यह मास  आत्मचिंतन, साधना और संयम का होता है। वर्षा का समय होने के कारण व्यक्ति बाहरी गतिविधियों की जगह आंतरिक विकास की ओर उन्मुख होता है। इसके अलावा, इस माह में गंगा, यमुना गोदावरी जैसे पवित्र नदियों में स्नान और तर्पण, दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।

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भाद्रपद माह 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार

भाद्रपद मास यानी कि 10 अगस्त 2025 से 07 सितंबर 2025 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

दिनतिथिपर्व
12 अगस्त 2025मंगलवारसंकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज
16 अगस्त 2025शनिवारजन्माष्टमी
17 अगस्त 2025रविवारसिंह संक्रांति
19 अगस्त 2025मंगलवारअजा एकादशी
20 अगस्त 2025बुधवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
21 अगस्त 2025गुरुवारमासिक शिवरात्रि
23 अगस्त 2025शनिवारभाद्रपद अमावस्या
26 अगस्त 2025मंगलवारहरतालिका तीज
27 अगस्त 2025बुधवारगणेश चतुर्थी
03 सितंबर 2025बुधवारपरिवर्तिनी एकादशी
05 सितंबर 2025शुक्रवारप्रदोष व्रत (शुक्ल), ओणम/थिरुवोणम
06 सितंबर 2025शनिवारअनंत चतुर्दशी
07 सितंबर 2025रविवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत

भाद्रपद माह में क्या न करें

भाद्रपद माह में कई बड़े व्रत-त्योहार जैसे कृष्ण जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्दशी आदि आते हैं। इसलिए इस माह में कुछ बातों का ध्यान रखना विशेष जरूरी होता है। आइए जानते हैं, इन बातों के बारे में।

  • भाद्रपद माह देवों को समर्पित होता है, खासकर भगवान श्रीकृष्ण और गणेश जी को। ऐसे में मांस, मछली, अंडा, शराब, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन न करें। इससे पाप बढ़ता है और पुण्य नष्ट होता है।
  • इस महीने में सूर्योदय के समय उठाना और स्नान करके पूजा करना शुभ होता है। देर तक सोना आलस्य बढ़ाता है और मानसिक शांति में बाधा लाता है।
  • भाद्रपद माह में मन, वचन और कर्म की शुद्धता जरूरी मानी जाती है। इसलिए किसी को अपशब्द न कहें, बुराई न करें और झगड़ों से दूर रहें।
  • तेल, मिर्च, प्याज, लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों का अधिक सेवन मन को अस्थिर करता है। इस महीने में सात्विक भोजन करें जैसे फल, दूध, सादा भोजन आदि।
  • घर साफ-सुथरा और पवित्र रखें, खासकर पूजा स्थान को। गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है।
  • अगर आप व्रत रखते हैं या व्रत की कथाएं पढ़ते हैं, तो शुद्धता और नियमों का पालन  करें। मन से तन से और वाणी से पवित्र रहें।
  • इस माह में बड़ों का सम्मान, गुरु की सेवा और माता-पिता की आज्ञा का पालन विशेष पुण्य दायक होता है। किसी की अवज्ञा या अपमान न करें।
  • कोई भी धार्मिक बात, देवी-देवता या परंपरा का मजाक इस माह में करना बड़ा दोष देता है। इससे पुण्य खत्म हो जाता है। 
  • भाद्रपद में मन को संयमित रखना, इच्छाओं को नियंत्रित करना और सत्कर्मों में मन लगाना जरूरी होता है। क्रोध और वासना से बचें।

भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव

भाद्रपद मास हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर अश्विन अमावस्या तक का समय होता है। यह महीना सामान्यतः अगस्त-सितंबर के बीच आता है और भगवान श्रीकृष्ण, गणेश जी और ऋषि पितरों की उपासना से जुड़ा होता है। इस लेख में हम भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले लोगों के स्वभाव और विशेषताओं के बारे में चर्चा करेंगे।

 भाद्रपद मास धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना गया है इसलिए इस माह में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभाव से धार्मिक, भक्ति भाव वाले और ईश्वर में गहरी आस्था रखने वाले होते हैं। इन लोगों को पूजा-पाठ, व्रत- उपवास में गहरी रुचि होती है। ये लोग अधिकतर शांत, गंभीर और विचारशील होते हैं। जल्द किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देते और हर काम सोच-समझकर करना पसंद करते हैं। भाद्रपद मास में जन्मे लोग धैर्यवान और सहनशील होते हैं। दूसरों की गलतियां को आसानी से माफ कर देते हैं और विवादों से दूर रहना पसंद करते हैं। इनकी वाणी मधुर और व्यवहार सभ्य होता है। इनमें ज्ञान की भूख बहुत होती है। ये लोग पढ़ने लिखने शोध और गंभीर विषयों में रुचि लेते हैं।

अक्सर इन्हें दर्शन, पुराण ज्योतिष, वेद-शास्त्र, मनोविज्ञान जैसे विषय आकर्षित करते हैं। भाद्रपद मास के जातक दूसरों की मदद करने में आगे रहते हैं। इनका दिल बड़ा होता है और ये समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं। इन्हें गौ सेवा, वृद्ध सेवा और दान-पुण्य में संतोष मिलता है। इनका दिल बहुत भावुक होता है लेकिन अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना जानते हैं। कभी-कभी जरूरत से ज्यादा सोचने के कारण इन्हें चिंता या मानसिक थकान हो सकती है। भाद्रपद में जन्म लेने वाले लोग अक्सर ईश्वर की विशेष कृपा से जीवन में कई बार संकटों से आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इनकी छठी इंद्रिय तेज होती है और ये अच्छे निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

भाद्रपद मास में जन्म लेने वाले व्यक्ति धार्मिक, समझदार धैर्यशील और परोपकारी होते हैं। इनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा होती है औऱ ये अक्सर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। जीवन में कुछ संघर्ष जरूर होते हैं, लेकिन ये लोग उन्हें संयम और समझदारी के पार कर जाते हैं।

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भाद्रपद माह में इन चीजों का करें दान

दान की वस्तुएंलाभ
तिल (काले तिल)पापों का शमन और पितृ दोष से मुक्ति
घीग्रहों की शांति और आध्यात्मिक उन्नति
अन्न (गेहूं, चावल, जौ)घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती
कपड़े (विशेषतः सफेद/पीले वस्त्र)शांति, सुख, और पुण्य प्राप्ति
फल और मिठाईपुण्य की वृद्धि और मनोकामना पूर्ति
जल भरे हुए घड़े का दानगर्मी से राहत और पितरों की तृप्ति
कुशा और पंचगव्य से बनी चीज़ेंधार्मिक कार्यों की सिद्धि
सोना या चांदी (यदि संभव हो)अत्यंत पुण्यदायी, दीर्घायु और धन वृद्धि के लिए
धातु के बर्तन (तांबा, पीतल)लक्ष्मी कृपा और रोग से छुटकारा
छाता, चप्पल, पंखा, खड़ाऊं आदिसाधु-संतों की सेवा के लिए विशेष फलदायक

दान का महत्व

  • इस मास में दान करने से व्यक्ति को अनेक जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
  • भाद्रपद में श्रद्धा की शुरुआत भी होती है, ऐसे में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दान करना विशेष फलदायी होता है।
  • भाद्रपद में किए गए दान से नकारात्मक ऊर्जा, ग्रह दोष और रोगों से राहत मिलती है।
  • इस मास में विशेष वस्तुओं का दान करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में मंगल व सौहार्द बना रहता है।
  • भाद्रपद मास में किया गया दान सात जन्मों तक फल देने वाला होता है। अगर आप इस पावन मास में थोड़ा भी किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं, तो ईश्वर की विशेष कृपा आप पर बनी रहती है और घर-परिवार में समृद्धि और शांति आती है।

भाद्रपद माह में भगवान कृष्ण की पूजा का महत्व व विधि

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के कारण महत्व रखता है, जो श्री कृष्ण के अवतरण का उत्सव है। इस मास में भगवान की भक्ति और पूजा करने से आध्यात्मिक उन्नति, पापों से मुक्ति और जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं विस्तार से इसका महत्व:

  • भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। यह पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। इस दिन मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव होता है, व्रत, कीर्तन, झांकी और पूजा का आयोजन होता है।
  • श्री कृष्ण को पूर्ण अवतार माना जाता है। भाद्रपद मास में उनकी पूजा करने से जीवन के सारे क्लेश दूर होते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है। यह मास आत्म-संयम, साधना और सेवा का है।
  • इस मास में श्रीमद्भागवत गीता, भागवत पुराण, और कृष्ण लीलाओं का पाठ और श्रवण करने का विशेष महत्व है। यह मन को शांति और जीवन को दिशा देता है।
  • भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण के नाम के अन्न, वस्त्र, फल और द्रव्य का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होता है। उपवास रखने से आत्मिक बल बढ़ता है।
  • इस समय कीर्तन, भजन, रासलीला और नृत्य-नाटिका के माध्यम से श्री कृष्ण की महिमा गाई जाती है। यह घर-परिवार के वातावरण को पवित्र और आनंदमय बना देता है।

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भगवान श्री कृष्ण की पूजन विधि

  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और वहां श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रखें।
  • मूर्ति को पहले गंगाजल या शुद्ध जल से छींटें दें या धो लें यदि संभव हो तो।
  • इसके बाद दीपक व अगरबत्ती जलाएं।
  • फिर व्रत का संकल्प लें और श्रीकृष्ण को वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
  • भगवान को भोग लगाएं। श्री कृष्ण को पीले फूल विशेष रूप से प्रिय हैं। इसके अलावा, तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण तुलसी के बिना भोग नहीं स्वीकार करते।
  • आप माखन, मिश्री, दूध, फल, या कोई मीठा व्यंजन (जैसे खीर, पंचामृत) भोग में रख सकते हैं।

श्री कृष्ण के मंत्र और उनके लाभ

मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

लाभ: मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। कार्यों में सफलता मिलती है।

मंत्र: श्री कृष्ण शरणं मम

लाभ: जीवन की कठिनाइयों से रक्षा मिलती है। भय और असुरक्षा की भावना दूर होती है। मन स्थिर होता है और प्रेमभाव बढ़ता है।

मंत्र: ॐ क्लीं कृष्णाय नमः

लाभ: आकर्षण और प्रेम संबंधों में मधुरता आती है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है। सकारात्मकता और आकर्षण शक्ति बढ़ती है।

मंत्र: गोविंदाय नमः

लाभ: जीवन में आनंद और प्रेम की वृद्धि होती है। चिंता और तनाव दूर होता है। बच्चों और परिवार की रक्षा होती है। 

मंत्र: हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

लाभ: चित्त शांत होता है, ध्यान केंद्रित होता है। भक्ति मार्ग में प्रगति होती है। मन की अशांति, क्रोध और ईर्ष्या समाप्त होती है।

श्री कृष्ण मंत्र जप की विधि

  • प्रातः या संध्या समय स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
  • श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें।
  • घी का दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें।
  • तुलसी दल अर्पित करें (श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है)।
  • 108 बार जप करें ।
  • मंत्र का उच्चारण श्रद्धा, विश्वास और स्पष्टता से करें।

भाद्रपद माह 2025 में करें राशि अनुसार उपाय

मेष राशि

भाद्रपद के मंगलवार को हनुमान मंदिर जाकर लाल फूल और गुड़ चढ़ाएं। ऐसा करने से क्रोध, तनाव और बाधाएं दूर होंगी। नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलेगी। क्रोध, तनाव और बाधाएं दूर होंगी। साथ ही, नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलेगी।

वृषभ राशि

शुक्रवार को लक्ष्मी मंदिर जाकर सफेद मिठाई चढ़ाएं और ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से धन आगमन बढ़ेगा, पारिवारिक कलह समाप्त होगी।

मिथुन राशि

बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं और भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी अर्पित करें। ऐसा करने से बुद्धि तीव्र होगी, संतान पक्ष से खुशियां मिलेंगी।

कर्क राशि

सोमवार को शिवलिंग पर दूध और बेलपत्र चढ़ाएं। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलेगी, घर-परिवार में सौहार्द बढ़ेगा।

सिंह राशि

रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएं और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से सम्मान, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी।

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कन्या राशि

बुधवार को श्रीहरि विष्णु को पीले फूल और कैला अर्पित करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य सुधरेगा और करियर में नए अवसर होंगे।

तुला राशि

शुक्रवार को माता रानी को इत्र, चंदन और गुलाब चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौंदर्य बढ़ेगा और आकर्षण बढ़ेगा।

वृश्चिक राशि

मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला और चमेली का तेल चढ़ाएं। ऐसा करने से शत्रु बाधा से मुक्ति, साहस और आत्मबल में वृद्धि होती है।

धनु राशि

बृहस्पतिवार को पीली वस्तुएं जैसे चने की दाल, हल्दी दान करें। ऐसा करने से गुरु कृपा से पढ़ाई, करियर और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होंगी।

मकर राशि

शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करें। ऐसा करने से शनि दोष से राहत मिलेगी और कार्य में सफलता मिलेगी।

कुंभ राशि

शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करें। ऐसा करने से ग्रह बाधा दूर होगी। साथ ही, मानसिक स्थिरता आएगी।

मीन राशि

गुरुवार को भगवान विष्णु को केसर मिश्रित खीर चढ़ाएं। ऐसा करने से भाग्य जागृत होगा। धन और संतान सुख में वृद्धि होगी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.  भाद्रपद मास 2025 की शुरुआत कब से कब तक होगी?

साल 2025 में भाद्रपद माह की शुरुआत 10 अगस्त से होगी और यह 07 सितंबर को समाप्त होगा।

2. भाद्रपद माह को और किस नाम से पुकारा जाता है?

भाद्रपद माह को भादवा, भाद्र और भादो नाम से भी जाना जाता है।

3. भाद्रपद अमावस्या कब है?

भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त 2025 को है।

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 10 से 16 अगस्त, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 10 से 16 अगस्त, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

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अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (10 अगस्त से 16 अगस्त, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

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मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 के जिन जातकों का जुड़ाव सरकार और प्रशासन से है, उनके लिए यह सप्ताह शानदार रहेगा। इस अवधि में नेता और राजनीति अपने रुतबे का उपयोग समाज की भलाई के लिए कर सकते हैं।

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन में मूलांक 1 के जातकों को अपने पार्टनर के साथ रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिसकी वजह आपका अहंकार हो सकता है। ऐसे में, आप दोनों के बीच समय-समय पर टकराव हो सकता है। साथ ही, इन जातकों को अपने वैवाहिक जीवन पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।        

शिक्षा: शिक्षा को देखें तो, जो छात्र रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, उनके इस सप्ताह परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ सफल होने की प्रबल संभावना है। वहीं, इस मूलांक  के जो छात्र सिविल सर्विस या फिर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह हफ़्ता काफ़ी अच्छा रहेगा।

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन में मूलांक 1 वालों को बड़े और प्रभावशाली पद पर काम करने के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको किसी सरकारी या उच्च अधिकारी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा और आपकी नेतृत्व क्षमता को भी प्रशंसा की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आप काम को पूरे मन से करते हुए दिखाई देंगे।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की बात करें तो, यह सप्ताह आपके लिए शानदार रहेगा। लेकिन, आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक शक्ति को मज़बूत रखने के लिए आपको संतुलित खानपान अपनाना होगा। साथ ही, व्यायाम और ध्यान करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। 

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 के जातक अगर किसी कानूनी विवाद या समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आप इस सप्ताह का इस्तेमाल परिणामों को अपने पक्ष में करने के लिए कर सकते हैं। ऐसे में, आपको अपने दुश्मनों पर निश्चित रूप से जीत की प्राप्ति होगी। 

प्रेम जीवन: इस सप्ताह पार्टनर पर किसी भी तरह का दबाव डालने या फिर उनसे बहस करने के बजाय उनसे बात करके उनके जीवन में चल रही परिस्थितियों को जानने की कोशिश करें। ऐसे में, आपको एक-दूसरे को थोड़ा समय देना होगा और उनकी आपके प्रति वफादारी पर सवाल करने से बचें। 

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 2 के जातकों का इस सप्ताह पढ़ाई में ध्यान भंग हो सकता है इसलिए आप अपने लक्ष्यों पर नज़र बनाए रखें। ऐसे में, आपको पढ़ाई में कड़ी मेहनत करनी होगी और मन लगाकर पढ़ना होगा। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 2 के जिन जातकों का संबंध व्यापार से है, उन्हें इस सप्ताह अपनी नीतियों और प्रयासों से लाभ की प्राप्ति होगी जिससे आपकी आय के साथ-साथ मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें तो, मूलांक 2 वालों को इस सप्ताह खुद को हाइड्रेट रखना होगा और ख़ूब पानी पीना होगा क्योंकि हीट स्ट्रोक की वजह से आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इस मूलांक की महिलाओं को मेनोपॉज और हार्मोन से जुड़ी समस्याएं घेर सकती हैं। 

उपाय- उत्तम स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से गुड़ से बनी मिठाइयों का सेवन करें। 

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मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 वालों का झुकाव इस सप्ताह धार्मिक कार्यों में रहेगा और आप भगवान के प्रति समर्पित रहेंगे। लोगों को धर्म के मार्ग पर ले जाना और उनको शिक्षित करना आपके लिए फलदायी साबित होगा। 

प्रेम जीवन: इस मूलांक के जिन जातकों का विवाह नहीं हुआ है, इस सप्ताह उनके विवाह बंधन में बंधने या फिर नए रिश्ते में आने की संभावना है। साथ ही, इस अवधि में आपको अपनी कॉमन सेंस का इस्तेमाल करना होगा और अपनी भावनाओं को भी नियंत्रित करना होगा। 

शिक्षा: शिक्षा की बात करें तो, मूलांक 3 के जो छात्र मास्टर की डिग्री या फिर डॉक्टोरल की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह सप्ताह काफ़ी अच्छा रहेगा। इस दौरान आपके मन में चल रही सभी तरह की कंफ्यूजन का अंत होगा और अब आप जान सकेंगे कि आपको किस दिशा में आगे बढ़ना है क्योंकि आपको आपका लक्ष्य स्पष्ट होगा। 

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको आर्थिक लाभ होगा। जिन लोगों का संबंध इंस्ट्रक्टर, मेंटर, धर्म गुरु, मोटिवेशनल स्पीकर और इन्वेस्टमेंट बैंकर आदि से है, उनके लिए यह हफ्ता बहुत अच्छा रहेगा। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से, मूलांक 3 के जातक योग और ध्यान जैसे कार्यों में अपना समय बिताएंगे जिसका सीधा लाभ आपके तन-मन को मिलेगा। 

उपाय: रोज़ाना सुबह सूर्य देव को जल में लाल गुलाब की पंखुड़ियाँ डालकर अर्घ्य दें। 

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 के जातकों को इस सप्ताह विदेशी संपर्कों के माध्यम से अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही, आपके लंबी दूरी की यात्रा या फिर विदेश यात्रा पर जाने के भी योग बनेंगे जो आपके लिए फलदायी साबित होंगे। इन जातकों के जीवन में सुधार होने के साथ-साथ आय में भी बढ़ोतरी होगी। 

प्रेम जीवन: बात करें प्रेम जीवन की, तो इस मूलांक वाले अपने आप में इस हद तक डूबे रहेंगे कि आप अपने साथी को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ या फिर उनको अपमानित महसूस करवा सकते हैं। ऐसे में, आपको अपने रिश्ते को प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है। 

शिक्षा: मूलांक 4 के छात्र उच्च शिक्षा या फिर विदेश में पढ़ाई करने को अपना लक्ष्य बना सकते हैं। जिन छात्रों का संबंध इंटीरियर डिजाइन, थिएटर एक्टिंग, फैशन या डिजाइन आदि से है, उनके लिए यह सप्ताह मददगार साबित होगा।

पेशेवर जीवन: इस हफ़्ते को पार्टनरशिप में व्यापार करने वालों के लिए अच्छा कहा जाएगा क्योंकि इस दौरान आप अपने क्लाइंट का भरोसा जीतने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप कुछ लाभदायक सौदे भी कर सकेंगे। 

स्वास्थ्य: मूलांक 4 के जातकों को इस सप्ताह स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या परेशान नहीं करेगी। लेकिन, आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि पार्टियां ज्यादा न करें क्योंकि नशे का ज्यादा सेवन आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। 

 उपाय: प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के जातकों को इस सप्ताह समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। साथ ही, आपके धन कमाने की दिशा में किए गए प्रयास सफल होंगे। इस दौरान आप सामाजिक मेलजोल जैसे पार्टी, इवेंट्स आदि में शामिल होते हुए दिखाई दे सकते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, मूलांक 5 के जातकों को अपने गुस्से को क़ाबू में रखना होगा और अपने व्यवहार पर नज़र बनाए रखनी होगी क्योंकि आप जीवनसाथी को ठेस पहुंचा सकते हैं जिससे आप दोनों के बीच विवाद जन्म ले सकते हैं। 

शिक्षा: शिक्षा को देखें तो, यह सप्ताह मूलांक 5 के उन छात्रों के लिए शानदार रहेगा जो सीए बैंकिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।  इस दौरान आप अपनी उम्मीद के अनुसार परीक्षा को पास करने में सफल रहेंगे और आपका अच्छा प्रदर्शन फाइनेंस के क्षेत्र में आपकी पकड़ को मज़बूत बनाएगा। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 5 वालों का संचार कौशल बेहतरीन रहेगा और आपकी बातों में निडरता और आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलेगी। अगर आप सोशल मीडिया, मार्केटिंग या कंसल्टिंग से जुड़े हैं, तो यह हफ़्ता आपके लिए फलदायी रहेगा क्योंकि इन क्षेत्रों में बातचीत करने की आवश्यकता होती है। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आप सेहत पर धन खर्च करते हुए नज़र आ सकते हैं। लेकिन, आपको वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी और आपको अपने खानपान को संतुलित रखना होगा। साथ ही, साफ़-सफाई का ध्यान रखें। 

 उपाय: प्रतिदिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाएं। 

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मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 के जातक इस सप्ताह साहस और आत्मविश्वास से भरा महसूस करेंगे। इस दौरान आप अपने विचार दुनिया के साथ शेयर करने के लिए उत्साही और सकारात्मक रहेंगे। आप एक स्टेज परफ़ॉर्मर की तरह व्यवहार करेंगे और लोगों से सराहना प्राप्त करेंगे।

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, मूलांक 6 के जातकों को इस सप्ताह अपने पार्टनर की भावनाओं और जरूरतों को समझना होगा क्योंकि इनको नज़रअंदाज़ करना आपके रिश्ते पर भारी पड़ सकता है। 

शिक्षा: मूलांक 6 के छात्र जिनका संबंध डिजाइनिंग, कला, रचनात्मकता या स्टेज परफॉरमेंस से है, उनके पास इस सप्ताह नए-नए आइडिया होंगे। ऐसे में, आप करियर में अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। 

पेशेवर जीवन: मूलांक 6 के जो जातक एक्टर, आर्टिस्ट, एंकर और स्टेज परफॉर्मर हैं, उनके लिए यह सप्ताह काफ़ी अच्छा रहेगा। इस अवधि में सबकी निगाहें आप पर होंगी और आप सबसे प्रशंसा प्राप्त करेंगे।

स्वास्थ्य: इस सप्ताह के दौरान आपको स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है, विशेष रूप से आंखों और हड्डियों से संबंधित जैसे कि गठिया आदि। वहीं, मूलांक 6 की महिलाओं को मेनोपॉज से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। 

उपाय: घर में लाल रंग के फूल लगाएं और उनकी देखभाल करें।

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के जातकों की इस सप्ताह अपने परिवार के बड़े और बुजुर्ग सदस्यों के साथ बहस या मतभेद होने की आशंका है। आपको इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि आप क्या कह रहे हैं, क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्द कड़वे हो सकते हैं और सामने वाले को ठेस पहुंचा सकते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, इस सप्ताह मूलांक 7 वालों को अपने घमंड पर क़ाबू पाना होगा क्योंकि इसका सीधा असर आपके वैवाहिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में, आपको अपने गुस्से को नियंत्रण में करने की सलाह दी जाती है।

शिक्षा: मूलांक 7 के जो छात्र इतिहास, ह्यूमन रिसोर्स और पोलिटिकल साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं, वह इस हफ्ते इन क्षेत्रों में अपार सफलता हासिल करेंगे। हालांकि, इन लोगों को अपने विचार दूसरे के सामने रखने में थोड़ी परेशानी का अनुभव हो सकता है। ऐसे में, आपको हार न मानने और अपने टीचर या मेंटर से सहायता लेना फलदायी रहेगा। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन में यह सप्ताह मूलांक 7 वालों के लिए प्रभावशाली लोगों के साथ नए रिश्ते बनाने की दृष्टि से अच्छा रहेगा। वह आपको आपके करियर में आगे बढ़ने में मार्गदर्शन करेंगे। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस सप्ताह आप उत्साह और ऊर्जा से भरे रहेंगे जो कि आपके भीतर मौजूद ऊर्जा का परिणाम होगा। ऐसे में, आप तुरंत फैसले लेते हुए दिखाई दे सकते हैं इसलिए आपको अपनी ऊर्जा को नियंत्रित करते हुए सही दिशा में इस्तेमाल करना होगा, तब ही आप अच्छा महसूस कर सकेंगे। 

उपाय: हनुमान जी को लाल रंग के फूल अर्पित करें। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 8 के जातकों के लिए यह सप्ताह ज्यादा अनुकूल न रहने की आशंका है, लेकिन फिर भी आप ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। इसके अलावा, आपके व्यक्तित्व में अहंकार की झलक देखने को मिल सकती है जिसके चलते आप लोगों के साथ बहस या विवाद में पड़ सकते हैं। 

प्रेम जीवन: इस सप्ताह मूलांक 8 के जातकों को अपने प्रेम जीवन में थोड़ा सतर्क रहना होगा क्योंकि आपका अहंकार जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में, आपको पार्टनर के साथ किसी भी तरह की बहस या विवाद में पड़ने से बचना चाहिए।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 8 के छात्र पढ़ाई का आनंद लेते हुए दिखाई दे सकते हैं। अब आप पुनः सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। लेकिन, आपको अपना ध्यान भंग होने से बचाना होगा और मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें तो, इस सप्ताह आपको मालूम भी नहीं लगेगा कि कब आपका आत्म-सम्मान अहंकार में बदल जाएगा। ऐसे में, आपको इस बात को लेकर सजग रहना होगा और आलोचना का जवाब बहुत समझदारी से देना होगा, अन्यथा आपका अहंकार बढ़ सकता है और करियर के लक्ष्य पाने में आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

स्वास्थ्य: मूलांक 8 वालों की सेहत के लिए यह सप्ताह अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आपको अपनी किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सहायता लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको नियमित रूप से व्यायाम करना होगा और संतुलित खानपान अपनाना होगा। 

उपाय- रविवार के दिन मंदिर में अनार चढ़ाएं।  

मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)

मूलांक 9 के जातकों को इस सप्ताह करियर में कोई बड़ी उपलब्धि मिलने के साथ-साथ सराहना की भी प्राप्ति होगी। ऐसे में, आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। इस दौरान सब आपकी क्षमताओं और निर्णय लेने की क्षमता से प्रभावित रहेंगे।

प्रेम जीवन: मूलांक 9 वालों के प्रेम जीवन की बात करें तो, इस सप्ताह आपको साथी के साथ किसी भी तरह की बहस या विवाद में पड़ने से बचना होगा क्योंकि अहंकार और गलतफ़हमी आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकती है। 

शिक्षा: इस मूलांक के छात्रों को इस सप्ताह का पूरा-पूरा फायदा अपनी पढ़ाई में प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए उठाना होगा। साथ ही, आपको अलग-अलग लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है और आपकी समझ एवं एकाग्रता काफ़ी मज़बूत रहेगी 

पेशेवर जीवन: मूलांक 9 के जातकों को इस हफ़्ते अपने पेशेवर जीवन में विस्तार, प्रगति और प्रमोशन देखने को मिल सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आप अपने कार्यों को लेकर ऊर्जावान और उत्साही बने रहेंगे। साथ ही, आपकी नेतृत्व क्षमता को सराहा जाएगा। 

स्वास्थ्य: यह सप्ताह मूलांक 9 वालों के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकता है और ऐसे में, अपनी फिटनेस को लेकर गंभीर हो सकते हैं इसलिए आपको थोड़ा समय अपने शरीर और फिटनेस को देने की सलाह दी जाती है जिसका आपको निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा। 

उपाय: हमेशा अपने बटुए या जेब में लाल रंग का रूमाल रखें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. मूलांक 1 का स्वामी कौन है?

अंक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव को मूलांक 1 का स्वामी माना गया है।   

2. राहु का अंक कौन सा है?

राहु ग्रह को अंक 4 का स्वामित्व प्राप्त है। 

3. मूलांक क्या होता है?

आपकी जन्म तिथि को जोड़ने पर जो अंक प्राप्त होता है और उसे ही मूलांक कहा जाता है। 

टैरो साप्ताहिक राशिफल (10 अगस्त से 16 अगस्त, 2025): इस सप्ताह इन राशि वालों की चमकेगी किस्मत!

टैरो साप्ताहिक राशिफल (10 अगस्त  से 16 अगस्त, 2025): इस सप्ताह इन राशि वालों की चमकेगी किस्मत!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 10 से 16 अगस्त 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 10 अगस्त से 16 अगस्त, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो साप्ताहिक राशिफल 10 से 16 अगस्त, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: द एम्परर 

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ वैंड्स

करियर: द टेम्पेरन्स

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स (रिवर्सड) 

प्रेम जीवन में द एम्परर कार्ड देखभाल, समृद्धि और गहरे भावनात्मक संबंध को दर्शाता है। यदि आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो यह मजबूत, प्रेमपूर्ण और स्थिर संबंध की ओर इशारा करता है। यह विवाह, संतान या किसी नई शुरुआत का भी संकेत हो सकता है। यह कार्ड प्रकृति से जुड़ाव और आपके जीवन में आने वाले वफादार, दयालु और संवेदनशील साथी की उपस्थिति को भी दर्शाता है। 

आर्थिक जीवन के मामले में आपको किंग और वैंड्स कार्य प्राप्त हुआ है। यह कार्ड आपके अंदर मौजूद आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और उद्यमशीलता को दर्शाता है। आपके पास न केवल योजनाएं हैं, बल्कि उन्हें कार्य रूप देने की हिम्मत और दूर दृष्टि भी है। यह समय किसी नए बिजनेस की शुरुआत करने या नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए शुभ है। आप अपने धन को बुद्धिमानी से खर्च और बचत करने में सक्षम रहेंगे, जिससे वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी।

करियर के क्षेत्र में यह कार्ड संतुलन, संयम और धैर्य की आवश्यकता को दर्शाता है। आपको अपने कार्य और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए ताकि थकावट और मानसिक दबाव से बचा जा सके। सफलता की ओर धीरे-धीरे बढ़ें और छोटे लेकिन स्थायी कदम उठाएं, जल्दबाजी से बचें।

स्वास्थ्य के लिहाज से थ्री ऑफ वैंड्स (रिवर्सड) कार्ड इंगित करता है कि स्वास्थ्य में धीमी प्रगति, रुकावट या निराशा महसूस हो सकती है। यदि आप किसी इलाज या रिकवरी की प्रक्रिया में हैं तो आपको परिणाम उम्मीद से देर से मिल सकते हैं। यह कार्ड आध्यात्मिक पुनर्विचार और भीतर की झांकने का संकेत भी देता है। यह समय हो सकता है कि आप किसी अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन लें या चिकित्सकीय सलाह अवश्य प्राप्त करें।

शुभ अंक: 09, 18

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ वैंड्स 

करियर: द लवर

स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स

वृषभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, टू ऑफ वैंड्स दर्शाता है कि आपके रिश्ते में अब एक निर्णायक मोड़ आ चुका है। आप या आपका साथी किसी नई शुरुआत, बदलाव या रोमांचक अनुभव की तलाश में हो सकते हैं। यह समय निर्णय लेने का है, क्या आप अपने संबंध को और गहराई देना चाहते हैं या किसी नए रास्ते की ओर बढ़ना चाहते हैं? यह कार्ड सोच-समझकर रिश्ते के भविष्य की दिशा तय करने की आवश्यकता दर्शाता है।

आर्थिक जीवन में फाइव ऑफ वैंड्स कार्ड आर्थिक संघर्ष, प्रतिस्पर्धा और तनाव का संकेत देता है। आपके जीवन में इस समय धन से जुड़े मसलों में विवाद, अस्थिरता या दबाव महसूस हो सकता है। आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए अधिक मेहनत, जागरूकता और आत्मविश्वास दिखाने की जरूरत है। खर्चों पर नियंत्रण रखें और संयम से निर्णय लें। 

करियर में द लवर कार्ड महत्वपूर्ण फैसलों, नई साझेदारियों और अपने मूल्यों के साथ काण को संरेखित करने का प्रतीक है। यह संकेत करता है कि कार्यस्थल पर सहयोगपूर्ण रिश्ते बन सकते हैं या आपको ऐसा काम मिलेगा जो आपके दिल से जुड़ा हो। यह कार्ड आपको प्रोत्साहित करता है कि आप अपने पेशे में ईमानदारी और पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह कार्ड संकेत देता है कि स्वास्थ्य और जीवन की अन्य जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। यह आपको जोड़ों, वजन, त्वचा या दांत से जुड़ी परेशानियों की ओर सचेत करता है। साथ ही, थकान या ऊर्जा की कमी हो सकती है। इस समय अपने शरीर को प्राथमिकता दें, समय पर आराम करें, खानपान और दिनचर्या में संतुलन बनाएं।

शुभ अंक: 15, 24

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मिथुन राशि

प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स

करियर: टेन ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: टेन ऑफ वैंड्स

मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें तो सेवेन ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि अगर आप वर्तमान रिश्ते को बनाए रखना चाहते हैं, तो जान लें कि यह रिश्ता आसान नहीं होगा। इसमें काफी मेहनत, धैर्य और समझदारी की जरूरत होगी। लेकिन अगर आप इस रिश्ते में बने रहना चाहते हैं और मेहनत करने को तैयार हैं, तो यह लंबे समय तक चल सकता है। सिंगल लोगों के लिए जल्द ही एक भरोसेमंद और स्थायी व्यक्ति आपके जीवन में प्रवेश कर सकता है, जो आपके लिए उपयुक्त रहेगा।

आर्थिक जीवन में थ्री ऑफ पेंटाकल्स कार्ड संकेत दे रहा है कि इस समय अपने वित्त को समझदारी से और अनुभव पूर्वक संभाल रहे हैं, जिससे आप एक संतोषजनक और सुरक्षित आर्थिक स्थिति में हैं। यह कार्ड समृद्धि और आर्थिक सफलता का प्रतीक है। परिवार या दोस्तों के साथ इस सफलता का जश्न मनाने का भी संकेत है। अब समय है कि आप पैसे को समझदारी से निवेश करें और भविष्य को सुरक्षित बनाएं।

करियर के लिहाज से टेन ऑफ कप्स कार्ड दर्शा रहा है कि आपको इस समय अपने करियर में स्थिरता और संतुष्टि मिल रही है। आपके पास नई चीजें सीखने और धीरे-धीरे आगे बढ़ने के अच्छे अवसर हैं। चाहे नौकरी हो या व्यवसाय, यह काम आपको वह आंतरिक शांति और संतोष दे रहा है, जिसकी आपको तलाश थी। यह करियर आपकी उम्मीदों पर खरा उतर रहा है।

स्वास्थ्य के लिहाज से अगर आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं, तो यह भविष्य में गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यदि आवश्यक हो तो किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें और नियमित जांच कराएं।

शुभ अंक: 32 और 21

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: जस्टिस

करियर: द एम्प्रेस

स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स 

इस सप्ताह आपके प्रेम जीवन शांतिपूर्ण और सुकून भरा रहेगा। आप और आपके साथी एक साथ अच्छा व शांत समय बिताएंगे। हालांकि कुछ जातकों को अपने साथी की ईर्ष्यालु या अधिकार जताने वाली प्रवृत्ति से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में, खुलकर संवाद करना जरूरी है, जिससे रिश्ते की दिशा स्पष्ट हो सके और भविष्य के फैसले सहज बन सकें।

आर्थिक जीवन की बात करें, तो इस अवधि आपको वित्त मामलों में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है। यह सप्ताह अनावश्यक खर्चों से बचने की चेतावनी दे रहा है क्योंकि इससे आपकी जेब पर भारी असर पड़ सकता है। इस समय आपको सोच-समझकर खर्च करने और पैसों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के नए तरीकों पर ध्यान देना चाहिए।

द इम्प्रेस कार्ड इस ओर इशारा करता है कि आपके कार्यस्थल पर रचनात्मकता, समृद्धि और विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह समय नवाचार, नेतृत्व क्षमता दिखाने और नई सोच को अपनाने के लिए बहुत अनुकूल है। यदि यह कार्ड रिवर्सड हो तो यह विश्वास की कमी, बिखरी हुई ऊर्जा या कार्यस्थल पर संवाद की कमी को दर्शा सकता है। 

स्वास्थ्य के लिहाज से यह कार्ड दिखाता है कि आपकी कुछ दबी हुई भावनाएं या मानसिक तनाव आपके शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। यह जरूरी है कि आप भावनात्मक संतुलन पर ध्यान दें और ऐसी हीलिंग तकनीकें अपनाएं जो आपकी मानसिक व शारीरिक सेहत को बेहतर कर सकें। इस सप्ताह अपने अंतर्ज्ञान की सुनना भी फायदेमंद रहेगा।

शुभ अंक: 02 और 20

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सिंह राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ कप्स 

आर्थिक जीवन: जजमेंट 

करियर: किंग ऑफ पेंटाकल्स

स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स 

सिंह राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो क्वीन ऑफ कप्स भविष्यवाणी कर रहा है कि इस सप्ताह सिंगल्स को नया प्यार मिलने की पूरी संभावना है। यदि आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं तो यह सप्ताह बेहद रोमांटिक रहेगा। आप और आपके साथी के बीच भावनात्मक जुड़ाव गहरा होगा और आप एक-दूसरे के प्यार में पूरी तरह डूबे रहेंगे। 

इस सप्ताह आप पैसों को लेकर बेहद सतर्क और सोच-समझकर खर्च करने वाले हैं। आप वर्तमान नौकरी या किसी नई नौकरी के ऑफर को केवल इस आधार पर तौल सकते हैं कि वह आर्थिक रूप से आपके भविष्य को कितना मज़बूत करेगा। यह सप्ताह ध्यानपूर्वक योजना और वित्तीय निर्णयों के लिए उपयुक्त है।

करियर के क्षेत्र में किंग ऑफ पेंटाकल्स दर्शाता है कि आप इस सप्ताह अपने करियर पर पूरी तरह नियंत्रण में रहेंगे। आपको बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे और आपकी मेहनत और प्रतिबद्धता आपको अपने प्रोफेशन के उच्च शिखरों तक पहुंचा सकती है। यह सप्ताह स्थायित्व, सम्मान और उपलब्धियों से जुड़ा हो सकता है।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह सप्ताह चिंताजनक संकेत दे रहा है। कोई पुरानी स्वास्थ्य समस्या फिर से उभर सकती है, जो आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसलिए अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें, समय रहते डॉक्टर से सलाह लें और आराम के साथ दिनचर्या बनाए रखें।

शुभ अंक: 01 और 10

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: द टॉवर  

करियर: द हर्मिट

स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स 

कन्या राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स दर्शाता है कि आप भावनात्मक रूप से दुखी हो सकते हैं, ब्रेकअप धोखा या किसी करीबी से अलगाव की स्थिति बन सकती है। यदि आप पहले से किसी रिश्ते में हैं तो, यह समय तनावपूर्ण या दिल तोड़ने वाला साबित हो सकता है। इस दौरान खुद को समय देना, भावनाओं को समझना और खुलकर संवाद करना मददगार रहेगा।

आर्थिक जीवन की बात करें तो, द टॉवर कार्ड बताता है कि वित्तीय क्षेत्र में अस्थिरता आ सकती है। यह कार्ड संकेत देता है कि कोई अप्रत्याशित घटना जैसे नौकरी से हटना, अचानक खर्च या आर्थिक नुकसान हो सकता है इसलिए इस सप्ताह बेहद सतर्क रहें, कोई बड़ा निवेश या उधार देने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार करें यह समय धैर्य, योजना और बचत पर ध्यान देना का है।

करियर के मामले में द हर्मिट संकेत करता है कि अब आपके करियर में आत्मचिंतन और आत्म मूल्यांकन का समय है। आप खुद से सवाल पूछ सकते हैं “क्या यह काम मेरी असली रुचियों और मूल्यों से मेल खाता है?” आपका मन करियर में बदलाव की ओर भी जा सकता है। यह सप्ताह आपको भीतर झांकने और यह तय करने का अवसर देगा कि आगे की दिशा क्या होनी चाहिए।

स्वास्थ्य के मामले में यह कार्ड चेतावनी देता है। हो सकता है कि आपको कुछ पुराने लक्षण बार-बार परेशान कर रहे हों, लेकिन डॉक्टर उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हों। यह समय है कि दूसरी राय लें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें और नियमित जांच जरूर कराएं।

 शुभ अंक: 05 और 14

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तुला राशि   

प्रेम जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड) 

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: द एम्परर 

स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ वैंड्स

प्रेम जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है। यदि आपने हाल ही में किसी कठिन दौर का सामना किया है, जैसे मनमुटाव, अकेलापन या दूर तो अब समझदारी और मेल-मिलाप का समय है। यह कार्ड दर्शाता है कि आप पुरानी बाधाओं से उबर रहे हैं, चाहें वो एक टूटे हुए रिश्ते से बाहर निकलना हो या नई उम्मीदों के साथ प्यार की ओर बढ़ना हो, जो लोग सिंगल हैं, उनके लिए यह सलाह है कि अकेलेपन से बाहर निकलें और नए रिश्तों के लिए खुद को तैयार करें।

आर्थिक जीवन में सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड संकेत दे रहा है कि आप अब आपके जीवन में स्थिरता और सुधार आने वाला है। इस कार्ड के अनुसार, आप उन कठिनाइयों से बाहर आ रहे हैं, जो आपको लंबे समय से परेशान कर रही थीं। अब आपके लिए शांति और बेहतर स्थिति का दौर शुरू हो सकता है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि आप पुराने आर्थिक कारणों का समाधान करें, ताकि दोबारा ऐसी स्थिति बने।  यह समय है समझदारी से वित्तीय योजनाएं बनाने का।

इस सप्ताह करियर के क्षेत्र में सफलता, मान-सम्मान और नेतृत्व संभावनाएं प्रबल हैं। आपकी मेहनत और अनुशासन का फल अब मिलने वाला है। यह कार्ड संकेत करता है कि यदि आप संगठित ढंग से काम करते हैं, तो आपके लक्ष्य पूरे होंगे और लोग आपके नेतृत्वकर्ता के रूप में देखेंगे। यह समय है निर्णय लेने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का।

स्वास्थ्य के मामले में आपको सतर्क और सक्रिय रहना होगा। यह कार्ड बताता है कि हो सकता है आप किसी बीमारी या मानसिक दबाव से लड़ रहे हों, ऐसे में खुद की देखभाल और हिम्मत बेहद जरूरी है। आपको अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सीमाएं तय करनी होंगे और यदि कोई स्थिति आपकी सेहत पर असर डाल रही हो तो उसे स्पष्ट रूप से पहचानना होगा।

शुभ अंक: 06 और 15

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: स्ट्रेंथ

आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट 

करियर: व्हील ऑफ फॉर्च्यून

स्वास्थ्य: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स

इस सप्ताह आपको रिश्ते में करुणा, समझ और भावनात्मक सहनशील की जरूर होगी। यह कार्ड दर्शाता है कि आप और आपके पार्टनर के बीच एक गहरा और भावुक रिश्ता हो सकता है, लेकिन इसमें गुस्से या भावनात्मक उतार-चढ़ाव को संतुलित करना जरूरी होगा। यदि आप सिंगल हैं, तो आपके भीतर जो आत्मबल और आत्मविश्वास है, वह आपको एक मजबूत और समझदार साथी की ओर आकर्षित करेगा। रिश्तों में खुलकर संवाद करना और सहनशीलता बनाए रखना इस सप्ताह की कुंजी है।

द हीरोफेंट वित्तीय रूप से यह सप्ताह आपको परंपरागत और सुरक्षित तरीके अपनाने की सलाह देता है। आपको कोई भी बड़ा निर्णय लेते समय अनुभवी व्यक्ति या सलाहकार से मार्गदर्शन लेना चाहिए। यह कार्ड बताता है कि सही दिशा में, नैतिकता और अनुशासन के साथ चलने से आपको स्थायित्व और लाभ मिलेगा। यह समय है निवेश या पैसों को सोच-समझकर व्यवस्थित करने का।

करियर की बात करे तो, व्हील ऑफ फॉर्च्यून दर्शा रहा है कि यह सप्ताह बड़ा बदलाव लेकर आएगा। नई संभावनाएं, अवसर और तरक्की के संकेत मिल रहे हैं। यदि आप नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, प्रमोशन का इंतजार है या नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा। यह कार्ड संकेत देता है कि किस्मत आपका साथ दे रही है, लेकिन आपको मौके को पकड़ना होगा और मेहनत करनी होगी।

स्वास्थ्य के लिहाज से, यह सप्ताह तनाव, थकावट और ऊर्जा की कमी का संकेत देता है। आपको लगता है कि आप लगातार मानसिक या शारीरिक रूप से थके हुए हैं। यह कार्ड यह भी चेतावनी देता है कि अस्वस्थ आदतों से बचें, जैसे गुस्से में खाना, नींद की कमी या नकारात्मक सोच। आराम, ध्यान और पॉजिटिव रूटीन अपनाना आपके लिए जरूरी है।

शुभ अंक: 27 और 09

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धनु राशि 

प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: एट ऑफ वैंड्स

करियर: टेन ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: टू ऑफ पेंटाकल्स 

प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स दर्शा रहा है कि आप अपने रिश्ते में धैर्य, मेहनत और समर्पण दिखाते हुए नजर आएंगे। यह कार्ड बताता है कि आप और आपके साथी दोनों ही रिश्ते को समय और सच्ची भावना से सींच रहे हैं। .यदि आप सिंगल हैं, तो यह समय बीते हुए रिश्तों से सबक लेने और भविष्य के लिए मजबूत नींव तैयार करने का है। आपको इस सप्ताह रिश्ते में धीरे-धीरे आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।

आर्थिक जीवन में एट ऑफ कप्स कार्ड तेजी से बदलाव और आर्थिक प्रगति का संकेत देता है। आपके पास आय के नए स्त्रोत आ सकते हैं, लेकिन खर्चे भी उतनी ही तेजी से बढ़ सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ खर्चों पर नियंत्रण भी बनाए रखें। अगर आप कोई आर्थिक योजना बना रहे हैं, तो यह समय अनुकूल रहेगा।

करियर की बात करें तो, टेन ऑफ कप्स बता रहा है कि यह सप्ताह संतोष, स्थिरता और मान-सम्मान से भरपूर रहेगा। आपका वर्कप्लेस सहयोगपूर्ण और सुखद रहेगा और आपके सहकर्मी और वरिष्ठ आपके काम की सराहना करेंगे। यह कार्ड बताता है कि आपका आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा और आने वाले समय में तरक्की के अवसर मिलेंगे। नौकरी हो या व्यवसाय विकास और संतुलन दोनों नजर आएंगे। 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह कार्ड जीवन और स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखने की सलाह देता है। संकेत मिलते हैं कि जोड़ों, वजन, त्वचा या दांत से संबंधित कोई समस्या हो सकती है। इस समय थकावट भी महसूस हो सकती है इसलिए खुद की देखभाल, व्यायाम और अच्छा खान-पान आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। एक स्थायी और अनुशासित दिनचर्या अपनाना बेहद जरूरी है।

 शुभ अंक: 12 और 03

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मकर राशि

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स

आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स

करियर: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड) 

स्वास्थ्य: द एम्परर 

इस सप्ताह आपके दिल और दिमाग में चिंता, जर या पुराने अनुभवों की टीस बनी रह सकती है। आप किसी गिल्ट, डर या रिश्ते में हुई किसी पुरानी चोट से उबर नहीं पा रहे हैं। यह कार्ड बताता है कि यह समय अंदरूनी भावनात्मक जख्मों को ठीक करने का है। यदि आप रिश्ते में हैं, तो ओपन कम्युनिकेशन से अपने मन की बात शेयर करें। सिंगर लोग लोग भी अपने पुराने अनुभवों से बाहर निकलें और नया नजरिया अपनाएं।

सिक्स ऑफ पेंटाकल्स कार्ड यह सप्ताह संतुलन, सहयोग और उदारता से जुड़ा है। अगर आपको मदद की जरूरत है तो कोई सहायता मिल सकती है और अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं, तो आप किसी की मदद कर सकते हैं। यह कार्ड बताता है कि सही तरीके से पैसे को मैनेज करना सीखना जरूरी है। न ज्यादा खर्च करें न ज्यादा बचत में ही उलझें।

करियर के मामले में यह सप्ताह थोड़ा अस्थिर और अस्त-व्यस्त हो सकता है। यह कार्ड दिखाता है कि आपका फोकस एक जगह नहीं हैं या आप सिर्फ बाहरी सफलता और दिखावे पर ध्यान दे रहे हैं। आपको अपनी प्राथमिकताओं को दोबारा तय करने की जरूरत है। ध्यान रखें कि भावनात्मक असंतुलन आपके काम पर असर डाल सकता है इसलिए संतुलन बनाए रखें।

स्वास्थ्य के मामले में यह सप्ताह अनुशासन और संयम लाने की जरूरत को दर्शाता है। आपको एक संतुलित और नियमित रूटीन अपनाना चाहिए, जिसमें आराम, व्यायाम और चिकित्सा सलाह सभी शामिल हों। अगर आप खुद को बहुत ज्यादा थका रहे हैं तो यह कार्ड कहता है रुकिए, खुद पर ध्यान दीजिए और ऊर्जा को सही दिशा में लगाइए।

शुभ अंक: 08 और 17

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कुंभ राशि

प्रेम जीवन: द फूल

आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ कप्स

करियर: फोर ऑफ कप्स (रिवर्सड)

स्वास्थ्य: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)

प्रेम जीवन यह कार्ड बताता है कि इस सप्ताह आपके प्रेम जीवन में नई शुरुआत के संकेत हैं। सिंगल लोग किसी नए रिश्ते की ओर कदम बढ़ा सकते हैं या किसी दोस्ती में प्यार की शुरुआत हो सकती है। जो लोग पहले से रिश्ते में हैं, उनके लिए यह समय रिश्ते को नए रूप में समझने और ताजगी लाने का है। यह कार्ड सलाह देता है कि दिल से जुड़े फैसले लें, डरे नहीं, लेकिन साथ ही भावनात्मक समझदारी भी रखें।

आर्थिक जीवन में यह सप्ताह स्थिरता और संतुलन का है। आपके पास पैसे की स्थिति ठीक रहेगी, लेकिन यह भी जरूरी है कि आप भावनाओं में बहकर खर्च न करें। यह कार्ड बताता है कि आपको आत्मिक संतुलन और व्यावहारिकता के साथ पैसे को संभालना चाहिए। न ज्यादा लालच करना है और न ही ज्यादा दिखावा।

करियर के लिहाज से सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) बताता है कि आपके करियर में निराशा और ठहराव का समय खत्म हो रहा है। यह कार्ड दर्शाता है कि आप जब नई दिशा में सोचने लगे हैं और कुछ नई संभावनाएं तलाशना शुरू कर चुके हैं। यह बदलाव वर्तमान नौकरी में सुधार ला सकता है या आपको करियर बदलने के बारे में सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह समय है सक्रिय होने और करियर में नया जोश लाने का।

स्वास्थ्य के लिहाज से यह कार्ड संकेत देता है कि आपने कुछ स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों को नजरअंदाज किया है। अब समय है कि स्वस्थ जीवन शैली की ओर ध्यान दें। यदि आप किसी चिकित्सकीय सलाह को लेकर भ्रमित हैं तो दूसरी राय अवश्य लें। यह कार्ड यह भी बताता है कि आदतों में सुधार और स्वयं के साथ ईमानदारी इस समय बेहद जरूरी है।

शुभ अंक: 88 और 26

मीन राशि

प्रेम जीवन: द हीरोफेंट 

आर्थिक जीवन: द वर्ल्ड

करियर: नाइन ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स 

यह कार्ड दर्शाता है कि आपके प्रेम जीवन अब परंपरागत मूल्यों और समर्पण की दिशा में बढ़ रहा है। यदि आप किसी रिश्ते में हैं, तो यह समय गंभीरता से शादी या  दीर्घकालिक कमिटमेंट के बारे में सोचने का है। आप और आपके साथी साझा आदर्शों और भरोसे पर आधारित मजबूत संबंध चाहते हैं। यह कार्ड यह भी दिखाता है कि समाज या परिवार की अपेक्षाएं भी आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकती हैं इसलिए खुले संवाद और आपसी समझदारी बनाए रखें।

आर्थिक जीवन में द वर्ल्ड आपकी मेहनत अब फल देने लगी है। यह कार्ड दर्शाता है कि आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर हो रही है और लंबी अवधि के लक्ष्यों की पूर्ति भी हो सकती है। आपको धन के क्षेत्र में सुरक्षा और संतुष्टि मिलेगी। यह समय है कि आपने अब तक के प्रयासों पर गर्व करें और आभार जताते हुए भविष्य की योजना बनाएं।

करियर में नाइन ऑफ कप्स यह कार्ड एक सफल करियर, संतोष और मान्यता का संकेत है। आपकी कड़ी मेहनत अब सराहे जाने वाली है। चाहे वह प्रमोशन, इंक्रीमेंट या कोई बड़ा प्रोजेक्ट पूरा बोने का रूप ले। यह वह समय है, जब आप अपने कार्यों के फल का आनंद ले सकते हैं और अपनी उपलब्धियों को सेलिब्रेट कर सकते हैं।

 स्वास्थ्य के लिहाज से इस सप्ताह आपकी सेहत में सुधार और ऊर्जा में वृद्धि के संकेत हैं। यदि आप हाल में किसी बीमारी से जूझ रहे थे, तो यह कार्ड बताता है कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं। आपको नई ऊर्जा, उत्साह और मनोबल में वृद्धि महसूस हो सकती है। यह समय है स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने और अपने स्वास्थ्य के लिए खुद पर गर्व करने का।

शुभ अंक: 30 और 21

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. किस उम्र में टैरो रीडिंग करवाई जा सकती है?

अपने लिए या अपने प्रियजनों के लिए टैरो रीडिंग करवाने के लिए कोई विशेष आयु सीमा नहीं है।

2. टैरो डेक में कौन सा कार्ड पोषण और देखभाल को दर्शाता है?

क्वीन ऑफ़ पेंटाकल्स

3. क्या भारत में टैरो रीडिंग वैध है?

हां, भारत में टैरो रीडिंग वैध है।

कब है रक्षाबंधन 2025? क्या पड़ेगा भद्रा का साया? जानिए राखी बांधने का सही समय

कब है रक्षाबंधन 2025? क्या पड़ेगा भद्रा का साया? जानिए राखी बांधने का सही समय

रिश्तों की दुनिया में अगर कोई सबसे खूबसूरत और नायाब रिश्ता है, तो वह है भाई-बहन का। चाहे तकरार हो या हंसी- ठिठोली, रूठना हो या मनाना, इस रिश्ते में नोकझोंक भी होती है और गहरा प्यार भी। इन्हीं भावनाओं को समर्पित है रक्षाबंधन। वह पवित्र पर्व जब बहन, प्रेम और आशीर्वाद की डोरी अपने भाई की कलाई पर बांधती है और भाई जीवन भर उसकी रक्षा का संकल्प लेता है। रक्षाबंधन सिर्फ एक धागा बांधने की रस्म नहीं है, बल्कि भावनाओं, परंपरा और सुरक्षा के वचन का उत्सव है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे समय कितना भी बदल जाए, भाई-बहन का रिश्ता हमेशा खास रहता है। 

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हालांकि रक्षाबंधन अपने आप में एक बेहद शुभ पर्व है, लेकिन यदि इस दिन भद्रा काल का योग बन जाए तो उसकी पवित्रता और शुभ प्रभाव पर असर पड़ सकता है। ज्योतिषीय मान्यता है कि भद्रा काल में कोई भी मांगलिक कार्य करना टाल देना चाहिए क्योंकि यह समय अशुभ फल देने वाला और विघ्न डालने वाला माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा कि रक्षाबंधन के दिन भद्रा के कारण राखी बांधने के समय में फेरबदल करना पड़ा था। इसी वजह से लोग अब पहले से सही मुहूर्त और शुभ समय का इंतजार करते हैं, ताकि रक्षा सूत्र का बंधन ठीक उसी घड़ी में किया जा सके जब उसकी ऊर्जा सबसे शुभ हो।

इस वर्ष भी यही जिज्ञासा बनी हुई है कि क्या रक्षाबंधन वाले दिन  दिन भद्रा काल रहेगा? इसलिए यह आवश्यक है कि हम समय रहते भद्रा की स्थिति और शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त करें ताकि रक्षाबंधन को पूरे विधि-विधान और शुभता के साथ मनाया जा सके।

तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं रक्षाबंधन 2025 की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व, प्रचलित पौराणिक कथाएं के बारे में और साथ ही, जानेंगे राशि अनुसार अपने भाई की कलाई पर किस रंग की राखी बांधे।

कब मनाया जाएगा रक्षा बंधन 2025?

रक्षाबंधन 2025 का पर्व 09 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा क्योंकि इसी दिन सावन मास की पूर्णिमा पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त 2025 की दोपहर 09 बजकर 14 मिनट से 09 अगस्त की दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। इसी अवधि में राखी बांधने का शुभ समय निकलेगा।

रक्षाबंधन 2025 शुभ मुहूर्त: 09 अगस्त 2025 की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक।

अवधि :7 घंटे 40 मिनट

पंचांग

सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट पर

चंद्रोदय: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर

चन्द्रास्त: चन्द्रास्त नहीं

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट तक

निशिता मुहूर्त: रात 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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क्या रक्षाबंधन 2025 में भद्रा लगेगा?

इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर लोगों के मन में एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि किया इस बार भद्रा काल रहेगा? क्योंकि मान्यता है कि भद्रा के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त की दोपहर 09 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है और ठीक उसी समय से भद्रा काल की शुरुआत भी मानी जा रही है। यह स्थिति 09 अगस्त की सुबह 1 बजकर 26 मिनट पर होगी।

हालांकि बताया गया है कि यह भद्रा पाताल लोक से जुड़ी है इसलिए इसका प्रभाव सीमित या कम माना जा रहा है। फिर भी, धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ कार्यों के लिए भद्रा समाप्ति के बाद ही राशि बांधना अधिक उपयुक्त समझा जाता है। सौभाग्य की बात यह है कि इस साल भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, जिससे 09 अगस्त को पूरी श्रद्धा और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ रक्षाबंधन मनाया जा सकेगा। इस दिन भद्रा को कोई प्रभाव नहीं रहेगा और आप पूरे शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। शास्त्रों में भी यह स्पष्ट कहा गया है कि रक्षाबंधन जैसे मांगलिक पर्व को भद्रा-मुक्त समय में ही मनाना श्रेष्ठ और फलदायी होता है।

रक्षाबंधन 2025 का महत्व

रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष की तरह 2025 में भी भाई-बहन के अटूट प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक बनकर आएगा। यह केवल एक रेशमी धागी नहीं बल्कि वह संकल्प है, जो बहन अपने भाई की रक्षा के लिए बांधती है और भाई जीवनभर उसकी मर्यादा, सम्मान और खुशियों की रक्षा का वचन देता है। रक्षाबंधन न केवल पारिवारिक बंधनों को मजबूत करता है, बल्कि यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि रिश्ते केवल खून से नहीं, भावना, परवाह और जिम्मेदारी से भी बनते हैं। 

आज के दौर में जब जीवन की रफ्तार ने रिश्तों में दूरी ला दी है, ऐसे में रक्षाबंधन एक पावन अवसर देता है रिश्तों को फिर से जोड़ने का, उन्हें याद करने का और निभाने का। यह दिन नारी शक्ति, रिश्तों की पवित्रता और संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का अवसर है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और भाई यह संकल्प लेते हैं कि वे जीवन भर अपनी बहन को हर संकट से बचाएंगे। 

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रक्षाबंधन 2025 की पूजा विधि

  • रक्षाबंधन के दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को साफ करें। एक थाली में रक्षा सूत्र यानी राखी, रोली, चावल, दीपक, मिठाई और कुमकुम रखें । 
  • फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बिठाएं। इसके बाद उनके सिर पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा रखें।
  • पहले तिलक लगाएं, फिर अक्षत लगाएं और फिर सबसे पहले सभी देवी-देवताओं की आरती करें।
  • अब राखी बांधें और भाई को मिठाई खिलाएं।
  • भाई बहन को उपहार या दक्षिणा दे और उसकी रक्षा का संकल्प लें।
  • इस दौरान यह मंत्र बोले- “ॐ येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”
  • इसके बाद अपने भाई की आरती उतारकर उन्हें मिठाई खिलाएं।
  • फिर भगवान से उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।

रक्षाबंधन की कथाएं

रक्षाबंधन को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं रक्षाबंधन मनाने के पीछे की पौराणिक कथाएं।

पत्नी शची ने बांधी थी पति को राखी

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। असुरों के राजा वृत्रासुर के नेतृत्व में दानव शक्तिशाली होते जा रहे थे और देवताओं की स्थिति कमजोर हो रही थी। युद्ध में देवताओं के राजा इंद्र की पत्नी शची यानी इंद्राणी ने ऋषि बृहस्पति से मार्गदर्शन मांगा। ऋषि ने उन्हें श्रावण पूर्णिमा के दिन एक पवित्र सूत्र को मंत्रों के साथ अभिमंत्रित करके इंद्र की कलाई पर बांधने की सलाह दी। इंद्राणी ने वैसा ही किया। उन्होंने रक्षासूत्र की पूजा करके, पवित्र मंत्रों के साथ इंद्र की कलाई पर बांधा और उनकी जीवन रक्षा व विजय की प्रार्थना की। 

इस रक्षासूत्र की शक्ति इंद्र को आत्मबल मिला और उन्होंने युद्ध में विजय प्राप्त की। तब से इस दिन को रक्षासूत्र बांधने की परंपरा के रूप में मनाया जाने लगा, जिसे बाद में रक्षाबंधन नाम मिला।

द्रौपदी और श्री कृष्ण की कथा

एक अन्य कथा महाभारत से जुड़ी है, जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध करते समय सुदर्शन चक्र चलाया और उनके हाथ में चोट लग गई। पास में बैठीं द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दिया। कृष्ण ने भावुक होकर वचन दिया कि वह जीवन भर द्रौपदी की रक्षा करेंगे। यही कारण है कि चीरहरण के समय श्री कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई। इस प्रसंग को भाई-बहन के अटूट बंधन की मिसाल माना जाता है। 

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हुमायूं और रानी कर्णवती की कहानी

इसके अलावा एक और कथा रक्षाबंधन को लेकर प्रचलित है। वह इस प्रकार है कि चित्तौड़ की रानी कर्णवती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण से अपने राज्य व अपनी रक्षा के लिए सम्राट हुमायूं को एक पत्र के साथ राखी भेजकर रक्षा का अनुरोध किया था। तब हुमायुं ने राखी को स्वीकार किया और रानी कर्णावती की रक्षा के लिए तुरंत चित्तौड़ रवाना हो गए थे। हालांकि, हुमायूं के पहुंचने से पहले ही रानी कर्णावती ने आत्महत्या कर ली थी।

रक्षाबंधन 2025 पर राशि अनुसार इन मंत्रों का करें जाप

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को इस दौरान ॐ भौमाय नमः रक्षां कुरु कुरु स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से दुर्घटनाओं से रक्षा और आत्मबल में वृद्धि होगी।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों को ॐ शुक्राय नमः सौम्यं सौख्यं देहि मे स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सुख, सौंदर्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातक “ॐ बुधाय नमः बुद्धिं मे देहि स्वाहा।” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से बुद्धि, व्यापार में लाभ और संवाद में स्पष्टता आएगी।

कर्क राशि

कर्क राशि के जातक ॐ चन्द्राय नमः सौम्याय आयुष्मान भव। मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से मानसिक शांति, भावनात्मक सुरक्षा और लंबी उम्र की प्राप्ति होगी।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को ॐ सूर्याय नमः तेजः प्रचण्डं देहि मे स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों को ॐ नमो नारायणाय रक्षां कुरु कुरु स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आरोग्य, शिक्षा और सफलता की प्राप्ति होती है।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों को ॐ श्रीं लक्ष्म्यै नमः धनं मे देहि स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक स्थिरता और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों को ॐ रुद्राय नमः रक्षां कुरु कुरु स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा, साहस और आत्मबल बढ़ता है।

धनु राशि

धनु राशि के जातक ॐ बृहस्पतये नमः ज्ञानं देहि स्वाहा। मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भाग्य वृद्धि, गुरु कृपा और धार्मिक प्रगति होती है।

मकर राशि

मकर राशि के जातक ॐ शनैश्चराय नमः आयुष्मान भव। मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से रोग, शनि दोष और बाधाओं से रक्षा होती है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों को ॐ नमः शिवाय रक्षां कुरु स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक शक्ति, स्वतंत्रता और आत्म कल्याण की प्राप्ति होती है।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों को ॐ विष्णवे नमः सर्वरक्षां कुरु कुरु स्वाहा। मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में संतुलन मिलता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

इस साल रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा?

रक्षाबंधन 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा।

क्या इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रभाव रहेगा?

नहीं, इस बार भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। यानी 9 अगस्त की सुबह से दोपहर तक राखी बांधना पूरी तरह शुभ रहेगा।

रक्षाबंधन पर राखी कौन-कौन बांध सकता है?

परंपरागत रूप से बहन भाई को राखी बांधती है, लेकिन आजकल कजिन, भाभी, मित्र या गुरु भाई को भी राखी बांधी जाती है। यह स्नेह और सुरक्षा के भाव से जुड़ा पर्व है।

बुध का कर्क राशि में उदय: ये 4 राशियां होंगी फायदे में, मिलेगा भाग्य का साथ

बुध का कर्क राशि में उदय: ये 4 राशियां होंगी फायदे में, मिलेगा भाग्य का साथ

बुध का कर्क राशि में उदय: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, व्यापार, तर्क और संचार का कारक माना गया है। जब बुध अपनी स्थिति बदलते हैं और किसी नई राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह घटना सभी 12 राशियों पर किसी न किसी रूप में प्रभाव डालती है। अब बुध का कर्क राशि में उदय हो रहे हैं, जो एक भावनात्मक और जल तत्व की राशि मानी जाती है। इसका प्रभाव न सिर्फ मानसिक सोच पर पड़ेगा बल्कि करियर, वित्त, रिश्तों और सेहत जैसे क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है।

इस गोचर का असर कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ सिद्ध हो सकता है। इन राशि के जातकों को व्यापार में लाभ, करियर में उन्नति और धन लाभ के संकेत मिल रहे हैं। वहीं कुछ राशियों को सावधानी बरतने की भी जरूरत होगी। 

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तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग “बुध का कर्क राशि में उदय” से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त करते हैं, जैसे कि तिथि और समय आदि। अगर आप भी यह जानने के लिए उत्साहित हैं कि बुध का कर्क राशि में उदय किन राशियों के जीवन में सौभाग्य लेकर आएंगे और किन राशियों के लिए यह परेशानी बढ़ाने का काम करेंगे? किन राशियों पर होगी धन की बरसात और किन्हें करना होगा आर्थिक संकट का सामना? इस तरह के सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में प्राप्त होंगे। साथ ही, इस दौरान आप कौन से उपाय अपनाकर बुध के अशुभ प्रभावों से बच सकते हैं, यह भी हम आपको बताएंगे। 

बुध का कर्क राशि में उदय: तिथि और समय 

ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, व्यापार, शिक्षा, संचार, और मित्रता के कारक ग्रह बुध 24 जुलाई 2025 को कर्क राशि में रहते हुए अस्त हो गए थे, अब वे 09 अगस्त 2025 को बुध ग्रह में उदित होंगे।

बुध ग्रह उदय व अस्त होने का अर्थ

ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और गति का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। बुध ग्रह, जो कि बुद्धि, वाणी, तर्क, गणना, शिक्षा, व्यापार और संचार का कारक है, उसका अस्त और उदित होना विशेष महत्व रखता है। जब बुध सूर्य के बहुत निकट चला जाता है, तो वह सूर्य की तेज रोशनी में छिप जाता है और धरती से दिखाई नहीं देता है। इस स्थिति को बुध का अस्त होना कहा जाता है। ज्योतिष में इसका अर्थ होता है कि बुध सकारात्मक ऊर्जा कमजोर हो गई है और उसका शुभ प्रभाव घटने लगता है। इस दौरान वाणी में कटुता या गलतफहमियां हो सकती हैं, निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति बन सकती है, व्यापारी वर्ग को सोच-समझकर फैसले लेने की जरूरत होती है। इसके अलावा, विद्यार्थी एकाग्रता में कमी महसूस कर सकते हैं।

अब बात बुध उदित की करें तो, जब बुध सूर्य से दूरी बनाते हुए फिर से आकाश में दिखने लगते है, तो वह उदित कहलाता है। इसका अर्थ है कि बुध की ऊर्जा अब फिर से सक्रिय हो गई है और वह अपना प्रभाव दिखाने के लिए तैयार है। इस दौरान बुध सकारात्मक परिणाम देते हैं, जैसे बातचीत में स्पष्टता और कुशलता आती है, व्यापारी वर्ग के लिए सौदे करने का समय बेहतर होता है, विद्यार्थी अधिक ध्यान और सफलता की ओर बढ़ते हैं।

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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

भारतीय वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्क, शिक्षा, व्यापार और संचार का प्रतीक माना जाता है। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। कन्या राशि में यह उच्च का होता है और मीन राशि में नीच का माना जाता है। यह एक तटस्थ ग्रह है, जो जिस ग्रह के साथ युति करता है, उसी के स्वभाव को ग्रह कर लेता है। बुध का असर व्यक्ति की सोच, समझने की क्षमता, बातचीत के तरीके, निर्णय लेने की क्षमता और बौद्धिक विकास पर सीधा पड़ता है। बुध की शुभ स्थिति व्यक्ति को बुद्धिमान, चतुर, कुशल वक्ता, व्यावसायिक दृष्टि से सफल और तार्किक बनाता है। दोषपूर्ण बुध भ्रम, हकलाहट, झूठ बोलने की आदत, गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति और पढ़ाई में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

बुध कमजोर होने पर देते हैं ये संकेत

जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह नीच का हो, अशुभ स्थान में हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो वह कमजोर बुध माना जाता है। इसका असर व्यक्ति की बुद्धि, बोलने की क्षमता, शिक्षा और व्यवहार पर सीधा पड़ता है। आइए जानते हैं बुध कमजोर होने पर क्या संकेत होते हैं।

  • व्यक्ति को बात करते समय शब्दों को ढंग से कहने में दिक्कत होती है और बार-बार जुबान लड़खड़ाती है या हकलाने जैसी समस्या होती है।
  • जल्दी बात समझ में नहीं आती तर्कशक्ति और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होती है, जरा सी बात पर कन्फ्यूजन हो जाता है।
  • व्यक्ति अनावश्यक झूठ बोलता है या बातों को घुमा-फिराकर कहता है सच से दूर रहना उसकी आदत बन जाती है।
  • बार-बार चीजें भूल जाना किसी चीज पर ज्यादा देर ध्यान नहीं टिकटा पढ़ाई में मन नहीं लगता।
  • त्वचा संबंधी रोग, सिर में हल्का कंपन या हाथ कांपना नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं।
  • बात-बात पर मूड बदलना, बातों को तोड़-मरोड़कर कहना, हर समय असुरक्षा महसूस करना।
  • व्यापार में घाटा या गलत निर्णय लेना लेखन या संवाद से जुड़ा कार्य करते हुए अड़चनें आना।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मजबूत बुध के संकेत

अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह मज़बूत होता है, तो यह आपकी बुद्धि, वाणी, तर्कशक्ति, और व्यापारिक समझ को बहुत ऊंचाई तक ले जाता है। बुध एक बुद्धि और संचार से जुड़ा ग्रह है, और इसका बलवान होना आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाता है। आइए जानते हैं मजबूत बुध के क्या संकेत होते हैं।

  • व्यक्ति बहुत समझदार और चतुर होता है किसी भी परिस्थितियों में जल्दी निर्णय ले लेता है, दिमाग तेज चलता है और नए विचार जल्दी आते हैं। 
  • बोलने का तरीका बहुत सुंदर और आकर्षक होता है। लोग उसकी बातों से प्रभावित होते हैं बातचीत में विनम्रता और समझदारी होती है।
  • ऐसे जातक पढ़ाई में तेज होते हैं। चीज़ों को जल्दी याद कर लेना और लंबे समय तक याद रखना इनकी विशेषता होती है। गणित, कंप्यूटर, भाषाओं और लेखन में विशेष रुचि रखते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति व्यापारिक मामलों में बहुत समझदार होता है। नुकसान से बचने और मुनाफा कमाने की क्षमता अच्छी होती है। साथ ही, मार्केटिंग और सेल्स जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है।
  • दूसरे से बहुत अच्छे से तालमेल बनाने में माहिर होते हैं। बातचीत में शब्दों का सही उपयोग करते हैं। साथ ही, सलाहकार, शिक्षक, लेखक या पत्रकार जैसे पेशों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।

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बुध का 12 भावों में प्रभाव

भावविशेषता
पहला भावऐसा व्यक्ति बुद्धिमान, तर्कशील और बातूनी होता है। वाणी में आकर्षण होता है और दूसरों को प्रभावित करता है।
दूसरा भाववाणी मधुर और व्यवहार कुशल होता है। आर्थिक मामलों में समझदारी दिखाता है।
तीसरा भावसाहसी, कुशल वक्ता और चतुर होता है। छोटा भाई-बहन बुद्धिमान और मददगार हो सकते हैं।
चौथा भावपढ़ाई में अच्छी सफलता देता है। घर, वाहन, संपत्ति के मामलों में बुद्धिमत्ता से फैसले लेता है।
पांचवां भावपढ़ाई-लिखाई में बहुत अच्छा परिणाम देता है। संतान चतुर, समझदार और होशियार होती है।
छठा भावबुध यहां मिश्रित फल देता है। व्यक्ति समस्याओं को तर्क से हल करता है।
सातवां भावजीवनसाथी बुद्धिमान, चतुर और बातों में माहिर हो सकता है। विवाह और व्यापारिक साझेदारी में चतुराई से सफलता।
आठवां भावबुध यहां रहस्यमय और शोधकर्ता प्रवृत्ति। गूढ़ ज्ञान, ज्योतिष, तंत्र और गुप्त विद्या में रुचि।
नौवां भावभाग्यशाली, विद्वान और धार्मिक प्रवृत्ति का बनाता है। उच्च शिक्षा में रुचि, विदेश यात्रा की संभावना।
दसवां भावकरियर में बहुत अच्छा प्रभाव देता है। व्यक्ति तर्कशील, योजनाकार और व्यवसायिक होता है।
ग्यारहवां भावआय के अच्छे स्रोत देता है। मित्रों की संख्या अधिक और सहयोगी होते हैं।
बारहवां भावविदेश यात्रा और वहां से लाभ की संभावना। वृद्धि और संचार का प्रयोग आध्यात्मिक उन्नति में हो सकता है

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बुध का कर्क राशि में उदय: प्रभावी उपाय

  • बुधवार के दिन हरे मूंग, हरी सब्जी, हरी चूड़ियां, पान, धनिया आदि किसी  ब्राह्मण, कन्या या जरूरतमंद को दान करें। 
  • गाय को हरा चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है।
  • बुधवार को बुध मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का 108 बार जाप करें।
  • बुधवार का व्रत रखें। 
  • हरे वस्त्र पहनें और मीठा दही ग्रहण करें।
  • बुधवार को झूठ न बोलें, वाद-विवाद से बचें।
  • गणेश जी बुध के अधिपति देवता हैं। प्रतिदिन “ॐ गं गणपतये नमः” का जप करें।
  • बुधवार को विशेष रूप से दूर्वा, लड्डू चढ़ाकर गणेश पूजा करें।
  • योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर शुद्ध पन्ना रत्न छोटी उंगली में बुधवार के दिन धारण करें।

बुध का कर्क राशि में उदय: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों को इस दौरान जायदाद से संबंधित मामलों में भी अब तुलनात्मक रूप से बेहतर…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध का कर्क राशि में उदय आपके दूसरे भाव में होगा। दूसरे भाव में बुध ग्रह के गोचर को…(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह बुध का कर्क…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

बुध ग्रह का उदय होना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। लग्न या राशि का स्वामी लाभ…(विस्तार से पढ़ें) 

तुला राशि

उदित होने के कारण बुध ग्रह की अच्छाइयों का ग्राफ बढ़ सकता है। आपको…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

बुध ग्रह की इस स्थिति के अनुसार परिणामों को अच्छा नहीं माना जाएगा लेकिन लाभ भाव के स्वामी…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

आर्थिक मामले में कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कर्म स्थान के स्वामी का उदय होना …(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

 दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां पहले से रही हैं तो वह परेशानियां कोई नया मोड़ ले सकती हैं…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

स्वास्थ्य में यदि किसी तरह की कोई खराबी पिछले दिनों आई है तो वह अब ठीक हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

संतान आदि से संबंधित मामलों में कठिनाइयां भी बढ़ सकती हैं और आर्थिक मामलों को लेकर…(विस्तार से पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध ग्रह का ‘उदय’ होना क्या होता है?

बुध सूर्य से दूरी बनाते हुए फिर से आकाश में दिखने लगते हैं, तो वह उदित कहलाता है।

2. बुध का कर्क राशि में उदय कब होगा?

बुध का कर्क राशि में उदय 09 अगस्त 2025 को होगा।

3. क्या बुध का उदय नौकरी या व्यवसाय में बदलाव ला सकता है?

हां, खासतौर पर कंप्यूटर, लेखन, मार्केटिंग, अकाउंटिंग, एजुकेशन, और संचार क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस दौरान नए अवसर, प्रमोशन या आर्थिक सुधार के संकेत मिल सकते हैं।

बुध कर्क राशि में मार्गी: राशियों पर ही नहीं, देश-दुनिया में भी दिखेगा बदलाव का संकेत

बुध कर्क राशि में मार्गी: राशियों पर ही नहीं, देश-दुनिया में भी दिखेगा बदलाव का संकेत

एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध कर्क राशि में मार्गी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि बुध मार्गी का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किस प्रकार से पड़ेगा। बता दें कुछ राशियों को इससे बहुत अधिक लाभ होगा तो, वहीं कुछ राशि वालों को इस अवधि बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस ब्लॉग में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ शानदार व आसान उपायों के बारे में भी बताएंगे और देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर भी इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।

बता दें कि बुध कर्क राशि में मार्गी 11 अगस्त 2025 को होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किस राशि के जातकों को इस दौरान शुभ परिणाम मिलेंगे और किन्हें अशुभ। 

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बुध कर्क राशि में मार्गी का प्रभाव

11 अगस्त 2025 को बुध ग्रह कर्क राशि में मार्गी होंगे। यह बदलाव हमारे सोचने के ढंग, संवाद और बुद्धि पर प्रभाव डालेगा। बुध के मार्गी होने से लोगों की सोच में स्पष्टता आएगी और बातचीत में भी सहजता व मिठास दिखेगी। रिश्तों में भी पहले की अपेक्षा सामंजस्य बेहतर होगा। कुछ राशियां या लोग इससे सकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे, जबकि कुछ को थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कुल मिलाकर यह समय हमें यह सिखाएगा कि अपने अंतर्मन की आवाज सुनना कितना जरूरी है और कैसे बदलाव को अपनाकर हम नया विकास कर सकते हैं। 

यदि बुध शुभ स्थिति में विराजमान हो तो यह समय हीलिंग, नया आरंभ और आत्म विकास के लिए बहुत अच्छा होगा। इस दौरान जो लोग शिक्षण, बोलचाल, ज्योतिष, आयुर्वेद, चिकित्सा और आध्यात्मिकता से जुड़े हुए हैं, उन्हें विशेष लाभ मिलेगा। बुध जब चंद्रमा की राशि कर्क में आता है, तो यह नवाचार और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। बुध को वैसे व्यापार से जुड़ा ग्रह माना जाता है और जब यह चंद्रमा की राशि में आता है, तो यह योग नए और अनोखे बिज़नेस आइडिया को जन्म देता है। यानी यह समय उद्यमियों के लिए काफी अनुकूल साबित होता है।

बुध कर्क राशि में मार्गी: समय व तिथि

11 अगस्त, 2025 की दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर बुध कर्क राशि में मार्गी होना एक असामान्य लेकिन नियमित घटना है। यह वह समय है जब बुध सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के परिणाम दिखाएगा, लेकिन यह प्रत्येक राशि और विश्वव्यापी घटनाओं को कैसे प्रभावित करेगा, इस पर इस ब्लॉग में आगे चर्चा की जाएगी।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के वालों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी है और यह चौथे भाव में मार्गी होंगे। ऐसा माना जाता है कि जब बुध चौथे भाव में होता है, तो वह शुभ फल देता है और अब जबकि यह कर्क राशि में मार्गी हो रहे हैं तो इसका प्रभाव और भी अच्छा होगा। बुध मार्गी होने से आपको माता से जुड़ी परिस्थितियों में सुधार देखने को मिलेगा। उनके स्वास्थ्य या आपसी संबंधों में सकारात्मकता आ सकती है। 

साथ ही, यह समय जमीन, जायदाद, घर खरीदने या रियल एस्टेट से जुड़े मामलों में भी लाभकारी रहेंगे। इस अवधि में आपको आर्थिक स्थिरता मिलेगी और घर-परिवार में संतोष और सुख-शांति का अनुभव होगा। साथ ही, आपके पास ऐसे प्रभावशाली लोगों से जुड़ने का अवसर भी आ सकता है, जिससे आपको भविष्य में लाभ उठाने का मौका मिलेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और बुध आपके दूसरे भाव में मार्गी होंगे। जब बुध दूसरे भाव में मार्गी होते हैं तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। अब जबकि बुध मार्गी हो रह हैं तो इसके सकारात्मक फल मिलने की संभावना और भी बढ़ जाती है। इस दौरान आप गहने, कपड़े या विलासिता की चीजों की खरीदारी से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

छात्रों के लिए भी यह समय सकारात्मक और फलदायी होगा। खासकर पढ़ाई में अच्छे परिणाम मिलेंगे। अगर आपका काम बोलने, संवाद करने या बातों के माध्यम से दूसरों को प्रभावित करने से जुड़ा है तो इस समय आपकी वाणी में निखार आएगा और उसका अच्छा असर भी दिखेगा। साथ ही, यह गोचर आपको स्वादिष्ट भोजन और मनपसंद पकवानों का आनंद लेने का अवसर भी देगा। बुध के मार्गी होने से आपके परिवारजनों के साथ संबंध भी बेहतर होंगे और घरेलू वातावरण में सौहार्द बना रहेगा।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी आपके ग्यारहवें भाव में होंगे। ऐसा माना जाता है कि बुध ग्यारहवें भाव में होता है, तो यह स्थिति अत्यंत शुभ फल देने वाली होती है। अब जब आपका लग्नेश बुध मार्गी होकर इस लाभ भाव में स्थित है तो यह समय आपके लिए बहुत अनुकूल साबित होगा। 

इस दौरान सोशल नेटवर्किंग, यानी जान पहचान के माध्यम से करियर के नए अवसर मिलेंगे। बुध के इस गोचर से आपको प्रोफेशनल ग्रोथ, मान-सम्मान और संपर्कों के क्षेत्र में सफलता मिलने की पूरी संभावना है। साथ ही, आपकी आय में बढ़ोतरी होगी और यदि आप किसी व्यवसाय में हैं, तो उसमें जो भी बाधाएं या रुकावटें थीं वे अब दूर होंगी। इससे आपको बेहतर मुनाफा होने की संभावना है।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें व बारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध आपके दसवें भाव में मार्गी होंगे। जब बुध दसवें भाव में होता है, तो इसे सकारात्मक और उन्नति देने वाला माना जाता है और जब बुध कर्क राशि में होता है, तब आप अपने लिए अनुकूल परिस्थितियों की आशा कर सकते हैं। इस समय बुध, जो कि आपके भाग्य स्थान (नवम भाव) का भी स्वामी है, कर्म स्थान (दशम भाव) में मजबूत स्थिति में है। इसका मतलब है कि आपके करियर में तरक्की और आर्थिक लाभ मिलने की अच्छी संभावनाएं बन रही हैं।

इसके प्रभावस्वरूप आपकी प्रतिष्ठा और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से एक कदम आगे रहेंगे और यदि आप बिज़नेस करते हैं, तो आपको व्यवसाय में भी लाभ के योग बनेंगे। इसके अलावा, यदि आप स्पष्ट और ईमानदार व्यवहार अपनाते हैं तो लोग आपकी इज्जत करेंगे और आपका सामाजिक सम्मान भी बढ़ेगा।

बुध कर्क राशि में मार्गी: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध कर्क राशि में मार्गी आपके ग्यारहवें भाव में होगा। ये दोनों ही भाव कमाई और लाभ से संबंधित है। अब जब बुध बारहवें भाव में मार्गी हो रहे हैं तो यह स्थिति आमतौर पर लाभदायक नहीं प्रतीत हो रहा है और इसके कारण नकारात्मक परिणामों की संभावना बढ़ सकती है। कर्क राशि में बुध का मार्गी होना आपके लिए बहुत अच्छा संकेत नहीं प्रतीत हो रहा है क्योंकि यह आपको चीज़ों के प्रति नकारात्मक सोच की ओर ले जा सकता है।

इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, आपको फालतू खर्चों में कटौती करना जरूरी है। साथ ही,  मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना आपके लिए बहुत आवश्यक होगा। यदि आप विद्यार्थी हैं, तो अपने पाठ्यक्रम पर पूरी एकाग्रता बनाए रखें, और अपने प्रतिद्वंद्वियों की गतिविधियों पर नजर रखें ताकि वे आपको किसी तरह का नुकसान पहुंचा सकें।

मकर राशि

मकर राशि वाले जातकों के लिए बुध आपकी कुंडली के छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह सातवें भाव में मार्गी होंगे। अब जब छठे भाव के स्वामी सातवें भाव में पहुंचा है और मार्गी होकर पहले से अधिक प्रभावशाली हो गया है, तो इसका अर्थ है कि नकारात्मक परिणामों की संभावना भी बढ़ सकती है। क्योंकि आमतौर पर बुध का सातवें भाव में होना शुभ नहीं माना जाता। अगर पहले से ही बुध का यह गोचर आपके लिए किसी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर रहा था, तो अब जब यह मार्गी हो गया है, तो उन समस्याओं में और बढ़ोतरी हो सकती है।

करियर के क्षेत्र में यदि आप किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आपको सरकारी तंत्र या प्रशासन से जुड़े लोगों से तालमेल बैठाने की दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे। साथ ही, इस समय अनावश्यक यात्राओं से बचना आपके लिए अच्छा रहेगा और कोई बड़ा या नया व्यापारिक निर्णय लेने से परहेज करना समझदारी होगा। बुध मार्गी के प्रभाव से स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होगा, क्योंकि छठे भाव का प्रभाव रोग आदि से जुड़ा होता है।

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बुध कर्क राशि में मार्गी: विश्वव्यापी प्रभाव

व्यापार और राजनीति

  • राजनीतिज्ञों और प्रशासन से जुड़े लोगों पर इसका असर दिखेगा, खासकर बातचीत और विचारों को सही तरीके से रखने की कला पर।
  • कई नेता और प्रवक्ता अब सोच-समझकर बयान देंगे, जिससे उनकी साख मजबूत होगी।
  • भारत सरकार और अन्य देशों के प्रमुख नेताओं को मुश्किल हालात संभालने पड़ सकते हैं, लेकिन इससे विदेशी रिश्तों पर असर भी पड़ सकता है।

मार्केटिंग, पत्रकारिता, टीचिंग और अध्यात्म

  • मार्केटिंग, पत्रकारिता, पब्लिक रिलेशन जैसे क्षेत्रों में कामकाज बढ़ेगा, खासकर भारत और दुनिया के बड़े हिस्सों में।
  • बातचीत और सोचने पर आधारित क्षेत्र जैसे काउंसलिंग में सकारात्मक असर होगा।
  • जो लोग नेगोशिएशन, आध्यात्म, धर्म या ज्योतिष से जुड़े हैं, उन्हें सम्मान और फायदा मिलेगा।
  • इन क्षेत्रों में नौकरी के मौके भी ज्यादा होंगे।
  • टीचर्स और प्रोफेसर्स को भी इस समय अच्छे नतीजे मिलेंगे।

चिकित्सा, लेखन और रचनात्मक क्षेत्र

  • कला और रचनात्मक क्षेत्रों में सुधार दिखेगा।
  • लोग अलग-अलग तरह की कलाओं और संगीत में ज्यादा रुचि दिखा सकते हैं।
  • यात्रा करने वाले ब्लॉगर, ट्रैवल शो होस्ट जैसे लोग ज़्यादा व्यस्त और सफल रहेंगे।
  • लेखक, साहित्य और भाषा से जुड़े लोग पहचान और सराहना पाएंगे।
  • जो लोग प्राकृतिक या पारंपरिक चिकित्सा में काम करते हैं, उनके लिए भी अच्छा समय है।
  • लोग अब प्राकृतिक इलाज की ओर ज्यादा आकर्षित होंगे।

बुध कर्क राशि में मार्गी: शेयर बाजार पर प्रभाव

  • शेयर मार्केट 2025 रिपोर्ट के अनुसार, शेयर बाजार की रफ्तार धीमी रह सकती है, लेकिन पहले से थोड़ी बेहतर होगी।
  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, सूचना तकनीक, बैंकिंग, फाइनेंस कंपनियों, और रबर इंडस्ट्री जैसे सेक्टरों की रफ्तार कमज़ोर पड़ सकती है। मंदी जैला माहौल स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
  • ग्रहों की चाल को देखकर लगता है कि शिपिंग कंपनियां और मोटर कार कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करेंगी। इस क्षेत्रों में तेजी देखने को मिल सकती है।
  • हाउसिंग इंडस्ट्री, केमिकल व फर्टिलाइजर कंपनियां और चाय उद्योग में भी थोड़े सुस्त दौर के बाद उछाल आने की संभावना है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. बुध मार्गी का क्या अर्थ है?

बुध मार्गी ज्योतिष में एक समग्र सकारात्मक चरण है, जहां वक्री होने के बाद बुध सही दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर देता है।

2. क्या कर्क राशि बुध के लिए एक अनुकूल राशि है?

नहीं, कर्क राशि में बुध कभी भी बहुत सहज नहीं होता।

3. कर्क राशि में कौन सा ग्रह नीच का माना जाता है?

मंगल

बुध का कर्क राशि में उदय होने पर इन राशि वालों का शुरू होगा गोल्‍डन टाइम!

बुध का कर्क राशि में उदय होने पर इन राशि वालों का शुरू होगा गोल्‍डन टाइम!

बुध का कर्क राशि में उदय 2025: एस्‍ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं बुध का कर्क राशि में उदय से संबंधित यह खास ब्लॉग। 09 अगस्‍त, 2025 को बुध कर्क राशि में उदित होने जा रहे हैं और इसका सभी राशियों समेत देश-दुनिया पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिलेगा।

कर्क एक भावनात्‍मक राशि है जिसके स्‍वामी चंद्रमा हैं और चंद्रमा का संबंध जल तत्‍व से होता है। बुध का कर्क राशि में आना निश्‍चित ही सभी राशियों के लोगों और वैश्विक घटनाओं को भावनात्‍मक रूप से अधिक उत्तेजित कर सकता है। जब बुध कर्क राशि में होता है, तब मनुष्‍य को बेचैनी महसूस हो सकती है। इसके साथ ही उसके मन में लगातार कुछ न कुछ चलता रहता है। बुध ग्रह बुद्धि और तर्क का कारक हैं जबकि कर्क राशि भावनाओं का प्रतीक है, ऐसे में बुध और कर्क की ऊर्जाओं के बीच टकराव होना संभव है।

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कर्क राशि के लोग अपने आसपास के माहौल और ऊर्जा को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं इसलिए वे अक्‍सर छोटे-छोटे संकेतों को आसानी से महसूस कर पाते हैं। कर्क राशि के जातक अपने परिवार और घर को प्राथमिकता देते हैं एवं एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल बनाना उन्‍हें मानसिक रूप से सुकून प्रदान करता है। ये अपनी पारिवारिक जिम्‍मेदारियों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं और अक्‍सर दूसरों की देखभाल करने वाले शख्‍स के रूप में सामने आते हैं जो अपने प्रियजनों का साथ देते हैं और उनकी परवाह करते हैं।

बुध का कर्क राशि में उदय: समय

बुध कुछ दिनों से सूर्य ग्रह के प्रभाव में थे लेकिन अब 09 अगस्‍त, 2025 को अर्ध रात्रि को 02 बजकर 40 मिनट पर बुध ग्रह उदित होने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि बुध के उदित होने का सभी राशियों और देश-दुनिया पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

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बुध का कर्क राशि में उदय: विशेषताएं

बुध का कर्क राशि में उदय होना एक दिलचस्‍प घटना है जो कि साल में एक बार घटित होती है और इससे व्‍यक्‍ति के मानसिक और भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य के बीच संतुलन आएगा। बुध के कर्क राशि में होने पर बातचीत एवं संचार अधिक संवेदनशील और भावनात्‍मक रूप से सहज हो जाता है। इस समय लोग अधिक सहानुभू‍ति के साथ पेश आते हैं जिससे रिश्‍तों में भी सहानुभूति देखने को मिलती है। इस दौरान घरेलू और पारिवारिक मसलों पर अधिक जोर दिया जाता है। बुध के उदित होने के दौरान व्‍यक्‍ति अपने करियर और निजी निर्णयों या मार्गों का फिर से मूल्‍यांकन कर सकता है और इन मामलों में भावनात्‍मक स्‍पष्‍टता पर अधिक जोर दे सकता है।

बुध से प्राप्‍त नई भावनात्‍मक स्‍पष्‍टता की वजह से व्‍यक्‍ति अपने करियर और निजी विकल्‍पों का पुनर्मूल्‍यांकन करने में सक्षम होता है। कर्क रा‍शि के कारण व्‍यक्‍ति की कल्‍पनाशीलता और रचनात्‍मकता में वृद्धि हो सकती है जिससे नए विचार और प्रेरणा उत्‍पन्‍न हो सकती है। भावनात्‍मक समझ बढने की वजह से निजी विवादों को सुलझाने के लिए यह समय अनुकूल है लेकिन इस दौरान आंतरिक संघर्ष भी हो सकता है।

बुध का कर्क राशि में उदय: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्‍मक प्रभाव

मिथुन राशि

मिथुन राशि के दूसरे भाव में बुध का उदय होने जा रहा है और बुध आपके पहले एवं चौथे भाव के स्‍वामी हैं। बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान आप अधिक धन कमाने और उसकी बचत कर पाने में सक्षम होंगे। आप अपने परिवार के प्रति भी समर्पित रहेंगे। करियर के लिहाज़ से आपकी स्थिति में थोड़ा बदलाव आ सकता है जिससे आपको खुशी मिलेगी।

व्‍यवसाय की बात करें, तो इस समय आप अपनी आय को बढ़ाने और अपने नए प्रयासों में सफल होने पर फोकस करेंगे। इस दौरान आप खूब पैसा कमा सकते हैं जिससे आपकी धन की बचत करने की क्षमता में भी वृद्धि होगी। निजी जीवन में आप अपने जीवनसाथी से मुस्‍कुराते हुए दिल की बातें शेयर करेंगे। बुध का कर्क रा‍शि में उदय होने पर आप अधिक संतुष्‍ट महसूस कर सकते हैं।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

कन्या राशि के ग्‍यारहवें भाव में बुध का उदित होने जा रहा है। इस राशि के पहले और दसवें भाव के स्‍वामी बुध ग्रह हैं। आप अपने लक्ष्‍यों और आकांक्षाओं को पूरा कर सकते हैं। इस समय आप खुद से संतुष्‍ट महसूस करेंगे। बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान आपको अपने करियर में प्रमोशन और वेतन में वृद्धि के रूप में प्रगति और उपलब्धि मिलने की संभावना है।

व्‍यापार के क्षेत्र में आपको अधिक मुनाफा होने और नए ऑर्डर मिलने के आसार हैं। वित्त की बात करें, तो आपको अधिक धन कमाने, उसे बचाने और उसे संचित कर के रखने के कई अवसर मिल सकते हैं। अपने जीवनसाथी के साथ सैर-सपाटे पर जाने से आप निजी जीवन में अधिक प्रसन्‍न रह सकते हैं।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

तुला राशि

बुध तुला राशि के दसवें भाव में उदित होने जा रहे हैं और बुध इस राशि के नौवें एवं बारहवें भाव के स्‍वामी भी हैं। इस दौरान आप आध्यात्मिक कारणों से अधिक यात्राएं कर सकते हैं और नए अवसर प्राप्‍त कर सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आपको अपने कार्यस्‍थल में नए पद मिलने की संभावना है। आपमें से कुछ लोगों को विदेश से भी अवसर प्राप्‍त सकते हैं।

व्‍यवसाय के क्षेत्र में आप अपने लक्ष्‍यों को पाने में सफल होंगे, खूब धन कमाएंगे और आपको नए ऑर्डर भी मिल सकते हैं। आर्थिक जीवन में आप खूब पैसा कमाएंगे और उस पैसे की बचत करने में भी सफल एवं सक्षम होंगे। निजी स्‍तर पर आप अपने पार्टनर के साथ अच्‍छा तालमेल बनाकर रख पाएंगे और उनके साथ बेहतर संबंध बनाए रखने में सफल होंगे।

तुला साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि के सातवें भाव में बुध उदित होने जा रहे हैं और वह आपके छठे एवं नौवें भाव के स्‍वामी हैं। बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान आप भाग्‍यशाली रह सकते हैं और आपको अपने दोस्‍तों एवं सहकर्मियों का सहयोग मिल सकता है। करियर के लिहाज़ से आपको ऑनसाइट घूमने के रोमांचक अवसर मिल सकते हैं। आपको अपने सहकर्मियों से सहायता मिल सकती है।

व्‍यवसाय के क्षेत्र में आप सफलता के परचम लहरा सकते हैं और खूब धन कमाने में भी सक्षम होंगे। आर्थिक स्‍तर पर आपकी आय में भी वृद्धि होने के संकेत हैं जिससे आपको इंसेंटिव भी मिल सकता है। निजी जीवन में बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान आप और आपका जीवनसाथी अधिक खुश और आनंदित महसूस कर सकते हैं।

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कुंभ राशि

इस राशि के छठे भाव में बुध का उदय होने जा रहा है। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार बुध कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्‍वामी हैं। बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान जब आपको सबसे ज्‍यादा जरूरत होगी, तब आपको लोन और पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। करियर की बात करें, तो आपको प्रमोशन मिलने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी और आपको अन्‍य लाभ भी मिल सकते हैं। 

व्‍यवसाय के स्‍तर पर अप्रत्‍याशित लेन-देन के कारण आपकी आय में वृद्धि होने के संकेत हैं। वित्तीय स्‍तर पर आपको लोन से फायदा हो सकता है क्‍योंकि कर्क राशि में बुध के उदित होने के दौरान आपकी जिम्‍मेदारियां बढ़ सकती हैं। इस समयावधि में जीवनसाथी के साथ रिश्‍ता मजबूत होने के कारण आपको अपने रिश्‍ते में अचानक संतुष्टि महसूस हो सकती है।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

बुध का कर्क राशि में उदय: इन राशियों को मिलेगा नकारात्‍मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के चौथे भाव में बुध का उदय होने जा रहा है और बुध ग्रह इस राशि के तीसरे एवं छठे भाव के स्‍वामी हैं। इस दौरान आपकी सुख-सुविधाओं, संतुष्टि एवं आत्‍मविश्‍वास में कमी आ सकती है। बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ाने की वजह से आप अपनी नौकरी से असंतुष्‍ट महसूस कर सकते हैं।

बिज़नेस की बात करें, तो इस समय आपको असंतोष का सामना करना पड़ सकता है और नौकरी से संबंधित कुछ घरेलू समस्‍याएं भी उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। इस समयावधि में आपके लिए अधिक जोखिम हो सकते हैं। वित्त की बात करें, तो लागत बढ़ने और बचत में कमी आने के कारण आप कर्ज में दब सकते हैं। निजी जीवन में आप नाखुश रह सकते हैं और आपकी अपने पार्टनर से बातचीत बंद हो सकती है।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के तीसरे भाव में बुध उदित होने वाले हैं। बुध इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्‍वामी हैं। इस समय खर्चे बढ़ने की वजह से आपको धन को लेकर चिंता हो सकती है। आपको बच्‍चों के ऊपर खर्चा करना पड़ सकता है। करियर के लिहाज़ से आप काम के दबाव के कारण परेशान हो सकते हैं जिससे आपको बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान चिंता होने का डर है।

व्‍यवसाय के क्षेत्र में आपको धन की हानि होने की आशंका है। ऐसा आपके योजना बनाकर न चलने की वजह से हो सकता है। आर्थिक स्‍तर पर आपको यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्‍योंकि इस दौरान आपको धन हानि होने का डर है। निजी जीवन में आपके और आपके पार्टनर के बीच पारिवारिक मसलों को लेकर तीखी बहस हो सकती है।

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कर्क राशि

बुध कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके पहले भाव में उदित होने जा रहे हैं। आपको अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में मुश्किलें आ सकती हैं। आपके आत्‍मविश्‍वास में भी कमी होने के संकेत हैं। इस समय आप धीमी गति से विकास करेंगे। नौकरी पाने के लिए आपको अपने पेशे में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। आपमें से कुछ लोग नए ऑनसाइट पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

बुध का कर्क राशि में उदय होने दौरान आपको मामूली धन लाभ हो सकता है लेकिन आपको अपने बिज़नेस पार्टनर का सहयोग नहीं मिल पाएगा। आर्थिक सतर पर ठीक तरह से योजना बनाकर न चलने की वजह से आपको अचानक धन का नुकसान हो सकता है जिससे आप परेशान रह सकते हैं।

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धनु राशि

बुध धनु राशि के आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं और यह आपके सातवें एवं दसवें भाव का स्‍वामी भी है। इस दौरान आपको ऑफिस में हर दिन अपने सहकर्मियों और जीवनसाथी की ओर से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। करियर की बात करें, तो इस समय आपकी अपनी मौजूदा स्थिति या पद में दिलचस्‍पी कम हो सकती है जिससे आप चिंतित हो सकते हैं।

आपको अपने बिज़नेस पार्टनर से भी सहयोग न मिलने की आशंका है। इससे आपकी कंपनी की प्रगति में बाधा आ सकती है। वहीं दोस्‍तों की सहायता की कमी की वजह से आपको बड़ा वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। निजी जीवन में आप देखेंगे कि आपका जीवनसाथी आपका सहयोग नहीं कर रहा है। इससे बुध का कर्क राशि में उदय होने के दौरान आप दोनों का रिश्‍ता कमजोर हो सकता है।

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बुध का कर्क राशि में उदय: विश्‍व पर प्रभाव

बुध के कर्क राशि में उदित होने का प्रभाव दुनियाभर के कई क्षेत्रों पर एकसाथ पड़ेगा। आगे जानिए कि बुध के उदित होने से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान देखना पड़ेगा।

  • प्रशासनिक क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों को लाभ होने की उम्‍मीद है।
  • खासतौर पर राज्‍य सरकार में सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा होगा।
  • बुध के कर्क राशि में उदित होने का सरकार को कुछ इस तरह से लाभ होगा कि वह जनता से भावनात्‍मक रूप से जुड़ पाएगी।
  • प्रमुख राजनेता और महत्‍वपूर्ण पदों पर बैठे लोग समझदारी भरे बयान देते हुए नज़र आएंगे। ये लोगों की बात सुनेंगे और उनके साथ जुड़ने का प्रयास करेंगे।
  • भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के शिक्षकों और लेखकों को भी फायदा होगा।
  • सभी क्षेत्रों की मल्‍टीनेशनल कंपनियां अच्‍छा मुनाफा कमाएंगी।
  • ट्रांसपोर्ट, हस्‍तशिल्‍प, हैंडलूम आदि जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से मंदी के दौर के बाद तेजी आएगी।
  • सरकार देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में कई शोधन और स्‍कीमों के ज़रिए इन क्षेत्रों का सहयोग करती हुई नज़र आएगी।
  • एक बार फिर से स्‍टॉक मार्केट और सट्टा बाज़ार में मामूली बढ़त देखी जा सकती है।
  • बुध के जल तत्‍व की राशि में जाने से टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग फल-फूलेंगे।
  • ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री और शिपिंग इंडस्‍ट्री को लाभ होगा।

बुध का कर्क राशि में उदय: शेयर मार्केट रिपोर्ट

बुध का कर्क राशि में उदय होना एक ऐसी घटना है जिसका स्‍टॉक मार्केट पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस ब्‍लॉग में हम आपको आगे बताने जा रहे हैं कि बुध के कर्क राशि में उदित होने के दौरान शेयर मार्केट भविष्‍यवाणी 2025 के अनुसार स्‍टॉक मार्केट में क्‍या बदलाव देखने को मिलेंगे।

  • वर्तमान में मार्केट में एक ही तरह के ट्रेंड के बजाय कई तरह की परिस्थितियां दिख सकती हैं। इसलिए आपने जिन शेयरों में पहले से ही निवेश कर रखा है, उन्‍हें बेचते समय धैर्य रखें।
  • जिंदल स्‍टील, अडानी पॉवर, रिलायंस आदि स्‍टॉक अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे।
  • अगस्‍त के तीसरे सप्‍ताह में रियल एस्‍टेट, सीमेंट, आयात-निर्यात, फैशन से जुड़ी चीज़ों, कपड़ों, डेकोर और एसेसरीज़ के शेयर के दामों में वृद्धि होने के संकेत हैं।
  • विदेशी मुद्रा की दरें बढ़ेंगी लेकिन ब्‍याज दरों में गिरावट आ सकती है या इनका ग्राफ नीचे की ओर जा सकता है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. क्‍या कर्क राशि की बुध के साथ मैत्री है?

उत्तर. बुध कर्क राशि में सहज महसूस नहीं करता है क्‍योंकि यह चंद्रमा को अपना शत्रु मानता है।

प्रश्‍न 2. बुध की किन दो राशियों से शत्रुता है?

उत्तर. मेष और वृश्चिक राशि।

प्रश्‍न 3. बुध के साथ कौन सा ग्रह तटस्‍थ रहता है?

उत्तर. बृहस्‍पति।

शुभ योग में रखा जाएगा श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत, संतान के लिए जरूर करें ये उपाय!

शुभ योग में रखा जाएगा श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत, संतान के लिए जरूर करें ये उपाय!

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 हिन्दू धर्म की अत्यंत पुण्यदायिनी और कल्याणकारी तिथि मानी जाती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति, संतान की उन्नति और पारिवारिक सुख-शांति के लिए किया जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित यह एकादशी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसका महत्व धर्मग्रंथों तथा पुराणों में विशेष रूप से बताया गया है। श्रद्धा और आस्था से इस दिन व्रत रखने से न केवल संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि परिवार में समृद्धि और सौभाग्य भी आता है। जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना करते हैं, उनके लिए यह व्रत अचूक माना गया है।

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इस एकादशी का पूजन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का एक श्रेष्ठ माध्यम है। भक्ति, व्रत और नियमों के साथ किया गया श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है और इच्छाओं की पूर्ति करता है।

एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025: तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। हिन्दू धर्म में उदया तिथि मान है। इसलिए 05 अगस्त 2025 को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर सकते हैं।

श्रावण पुत्रदा एकादशी पारण मुहूर्त : 06 अगस्त की सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक से 08 बजकर 25 मिनट तक 

अवधि : 2 घंटे 40 मिनट

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श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 पर विशेष योग

ज्योतिषियों की मानें तो पुत्रदा एकादशी पर दुर्लभ इंद्र योग का संयोग है। साथ ही, भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा दोपहर 11 बजकर 43 मिनट तक स्वर्ग में रहेंगी। इसके बाद भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग और पाताल में रहने के दौरान लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व

श्रावण पुत्रदा एकादशी का धार्मिक, आध्यात्मिक और पारिवारिक दृष्टिकोण से अत्यंत विशेष महत्व है। यह व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है और इसे भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। पुत्रदा शब्द का अर्थ है-पुत्र देने वाली अर्थात् यह एकादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान के सुख-समृद्धि के लिए मनाई जाती है।

श्रावण पुत्रदा एकादशी उन दंपत्तियों के लिए वरदान समान मानी जाती है, जो संतान सुख से वंचित हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा से संतान योग प्रबल होता है और व्रती को संतान की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत का पालन करने से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है। उपवास से पाचन क्रिया सुधरती है और व्रत के दौरान किए गए जाप, ध्यान और पूजा से मन को शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 की पूजा विधि

  • व्रत से एक दिन पूर्व यानी दशमी तिथि की रात को सात्विक भोजन करें और एक बार भोजन करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें और भगवान का स्मरण करें।
  • सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए भगवान को आमंत्रित करें।
  • भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी दल, धूप-दीप, फल, मिठाई, खीर आदि अर्पित करें। पीले वस्त्र या चंदन से भगवान का श्रृंगार करें।
  • पूजा के दौरान भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करें। मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय- 108 बार, श्री विष्णवे नमः, ॐ श्रीं लक्ष्मी-नारायणाय नमः।
  • श्रवण पुत्रदा एकादशी की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
  •  इस दिन रात में भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करते हुए जागरण करें। भजन-कीर्तन करें या श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान के कल्याण के लिए की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से निसंतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं व्रत कथा के बारे में। 

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में महिष्मती नामक नगरी में महाजित नामक एक धर्मात्मा और पराक्रमी राजा राज्य करते थे। वे दानशील, सत्यवादी और प्रजावत्सल थे, लेकिन एक बात उन्हें निरंतर दुखी देती थी, उनके कोई संतान नहीं थी। संतान की प्राप्ति के लिए उन्होंने यज्ञ, हवन, पूजा, व्रत, दान आदि अनेक धार्मिक अनुष्ठान किए, फिर भी कोई लाभ नहीं हुआ।

एक दिन राजा ने अपने दरबार में विद्वान ब्राह्मणों और ऋषियों को आमंत्रित कर अपनी चिंता प्रकट की। उन्होंने पूछा- मैंने जीवन भर धर्म का पालन किया है, फिर भी संतान से वंचित क्यों हूं? तब ब्राह्मणों ने ध्यान लगाकर राजा के पूर्व जन्म को देखा और बताया कि हे राजन! पूर्व जन्म में आप एक धनी व्यापारी थे, परंतु अत्यंत कठोर हृदय के। एक दिन एक भूखा ब्राह्मण आपके द्वार पर भोजन मांगने आया, लेकिन आपने उसे खाली हाथ लौटा दिया। उसी पाप के फलस्वरूप इस जन्म में संतान सुख से वंचित हैं।

राजा ने निवेदन किया, ऋषिवर! कृपा कर कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे मैं इस जन्म में संतान प्राप्त कर सकूं। तब ऋषियों ने कहा, श्रावण शुक्ल एकादशी का व्रत करो, जिसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत और पूजन संतान प्राप्ति हेतु अत्यंत फलदायक है। राजा ने विधिपूर्वक इस व्रत को किया। भगवान विष्णु की कृपा से कुछ समय बाद रानी को गर्भधारण हुआ और समय आने पर एक तेजस्वी और गुणवान पुत्र का जन्म हुआ। 

आगे चलकर वह पुत्र भी धर्म और न्याय से राज्य चलाने वाला बना। यह कथा यह सिखाती है कि श्रद्धा, भक्ति और व्रत से पूर्व जन्म के दोष भी नष्ट हो सकते हैं। जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं, उन्हें श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 पर क्या न करें

  • इस दिन चावल सहित अन्न का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित है। केवल फलाहार करें।
  • तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज, शराब आदि वर्जित हैं।
  • इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़े। पूर्व में तोड़े गए पत्तों को ही पूजा में प्रयोग करें।
  • झूठ बोलना, विवाद करना, गाली-गलौच और अपवित्र विचार वर्जित माने जाते हैं।
  • एकादशी के दिन में सोना निषेध माना गया है। इससे व्रत का पुण्य घटना है।
  • इस दिन शरीर से जुड़े किसी भी अंग को काटना शुभ नहीं माना जाता है।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 के दिन करें सरल उपाय

श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत और पूजन तो अत्यंत शुभ होता है, लेकिन यदि कुछ सरल, प्रभावशाली टोटके किए जाएं, तो इसका फल और भी शीघ्र मिलता है। ये उपाय विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए लाभकारी हैं जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं।

संतान सुख के लिए

श्रावण पुत्रदा एकादशी 2025 के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। एक साफ पाली कपड़ा लें और उसमें पांच बताशे, पांच सुपारी और पांच तुलसी पत्र रखकर उसमें अपनी संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें। यह पोटली अपने पूजा स्थान में 11 दिन तक रखें और रोज ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जपें। 11वें दिन इसे किसी पवित्र जल में प्रवाहित कर दें।

गर्भधारण के लिए

रात को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। 11 बार तुलसी के चारों ओर परिक्रमा करें। हर परिक्रमा पर राधे कृष्ण बोलें और संतान सुख की प्रार्थना करें। यह उपाय लगातार 11 एकादशियों तक करें।

संतान के स्वास्थ्य के लिए

एकादशी को गाय को गुड़ और गेहूं खिलाएं। साथ ही एक लोटा जल में तुलसी पत्ता डालकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। इस दौरान ॐ श्रीं वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।

शारीरिक समस्याओं से छुटकारा के लिए

एकादशी की सुबह 1 नींबू के ऊपर चार लौंग गाड़ें। उसे भगवान विष्णु के सामने रखें और 21 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। फिर उस नींबू को किसी जल में प्रवाहित कर दें। इससे संतान सुख में आ रही बाधाएं दूर होंगी।

मानसिक शांति के लिए

रात को एक कटोरी में दूध लें और भगवान विष्णु के चित्र के सामने रखें। अगले दिन वह दूध तुलसी में अर्पित करें। यह उपाय गर्भस्थ शिशु को शक्ति और मां को मानसिक स्थिरता देता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. श्रावण पुत्रदा एकादशी कब है?

श्रावण पुत्रदा एकादशी 05 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।

2. श्रावण पुत्रदा एकादशी का क्या महत्व है?

श्रावण पुत्रदा एकादशी उन दंपत्तियों के लिए वरदान समान मानी जाती है, जो संतान सुख से वंचित हैं।

3. श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन कौन से योग बन रहे हैं?

श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन इंद्र योग का संयोग बन रहा है और साथ ही, भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है।

सावन के इस अंतिम सप्ताह में मनाए जाएंगे रक्षाबंधन जैसे कई बड़े त्योहार, नोट कर लें डेट!

सावन के इस अंतिम सप्ताह में मनाए जाएंगे रक्षाबंधन जैसे कई बड़े त्योहार, नोट कर लें डेट!

एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों के लिए साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग लेकर आता रहा है जहाँ आपको अगस्त के इस सप्ताह यानी कि 04 से 10 अगस्त, 2025 के बारे में छोटी से छोटी जानकारी प्राप्त होगी। इसी क्रम में, हम साल 2025 के आठवें महीने अगस्त के पहले सप्ताह में प्रवेश करने जा रहे हैं जो धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। ऐसे में, आपके मन में आने वाले सप्ताह को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे जैसे कि यह सप्ताह प्रेम जीवन में कैसे परिणाम देगा? करियर और व्यापार के लिए समय शुभ रहेगा या फिर परेशानियों का करना होगा सामना? स्वास्थ्य रहेगा शानदार या रोगों से पड़ेगा जूझना? इन सभी सवालों के जवाब आपको साप्ताहिक राशिफल के इस लेख में प्राप्त होंगे। साथ ही, किन उपायों को अपनाकर आप जीवन को बेहतर बना सकते हैं, इस बारे में भी हम विस्तार से चर्चा करेंगे। 

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सिर्फ़ इतना ही नहीं, साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग विशेष रूप से हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों-नक्षत्रों की चाल, दशा और स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस ब्लॉग में आपको न केवल सावन के अंतिम सप्ताह की जानकारी प्राप्त होगी, बल्कि इस हफ़्ते में मनाए जाने वाले व्रत-त्योहार, ग्रहण-गोचर की तिथियों के साथ-साथ इस सप्ताह जन्म लेने वाले मशहूर हस्तियों से भी आपको अवगत करवाएंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं साप्ताहिक राशिफल के इस लेख की और जानते हैं सबसे पहले पंचांग के बारे में। 

इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना

धार्मिक दृष्टि से अगस्त का यह पहला सप्ताह बहुत ख़ास रहने वाला है क्योंकि यह सावन मास का अंतिम सप्ताह होगा। बात करें पंचांग की तो, इस हफ़्ते की शुरुआत अनुराधा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी कि 04 अगस्त 2025 को होगी। वहीं, इसका समापन शतभिषा नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि अर्थात 10 अगस्त 2025 को होगा। इस सप्ताह के सात दिनों में कई बड़े पर्वों और व्रतों को मनाया जाएगा। साथ ही, कई प्रमुख ग्रह अपनी चाल और स्थिति में भी बदलाव करेंगे। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं इस हफ़्ते के व्रत-त्योहारों पर।

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इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार 

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि वह समय पर भोजन करना भी भूल जाता है। ऐसे में, व्रत-त्योहारों की तिथियां याद रख पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, आप किसी महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार की तिथि भूल न जाएं, इसलिए यहां हम आपको अगस्त के इस पहले सप्ताह यानी कि 04 से 10 अगस्त, 2025 के दौरान पड़ने वाले पर्वों एवं व्रतों की तिथियां प्रदान कर रहे हैं, ताकि आप हर पर्व को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ धूमधाम से मना सकें।

श्रावण पुत्रदा एकादशी (05 अगस्त 2025, मंगलवार): जैसे कि हम सभी इस बात को जानते हैं कि एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि आती है और प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है। इन्हीं में से एक है श्रावण पुत्रदा एकादशी जो हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर आती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन व्रत करने वाले जातक को वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।     

प्रदोष व्रत (शुक्ल) (06 अगस्त 2025, बुधवार): सनातन धर्म में अनेक तरह के व्रतों को किया जाता है और इनमें से एक कल्याणकारी व्रत है, प्रदोष व्रत। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। बता दें कि हर महीने में प्रदोष व्रत दो बार आता है और सावन महीने के प्रदोष व्रत को बहुत शुभ और पुण्यदायक माना जाता है। यह व्रत सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है और जब सोमवार को पड़ता है, तो उसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। 

रक्षाबंधन (09 अगस्त 2025, शनिवार): रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक होता है जो हर साल श्रावण माह के अंतिम दिन यानी कि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की समृद्धि और दीर्घायु की कामना करते हुए उनके हाथ पर राखी बांधती हैं। वहीं, भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं और इस पर्व को राखी और राखरी के नाम से भी जाना जाता है। 

श्रावण पूर्णिमा व्रत (09 अगस्त 2025, शनिवार): हिंदू धर्म में प्रत्येक माह आने वाली पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, श्रावण माह की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा या श्रावणी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन, दान, स्नान और तप आदि के लिए महत्वपूर्ण होता है और इस तिथि पर ही राखी जैसा बड़ा पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बता दें कि मध्य और उत्तर भारत में कजरी तीज भी श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।

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04 अगस्त से 10 अगस्त के बीच कब है सावन सोमवार व्रत?

सावन माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है इसलिए इस मास में पड़ने वाले हर सोमवार का महत्व बढ़ जाता है। मान्यता है कि सावन सोमवार का दिन शिव जी को प्रसन्न करने, उनका आशीर्वाद पाने और मनचाहा वरदान मांगने के लिए श्रेष्ठ होता है, इसलिए भक्तों द्वारा सावन सोमवार व्रत किया जाता है। ऐसे में, अगस्त माह का यह सप्ताह (04 से 10 अगस्त, 2025) सावन का अंतिम सप्ताह होगा और इस दौरान पड़ने वाला सोमवार श्रावण माह का अंतिम सोमवार होगा। बता दें कि इस सप्ताह सावन सोमवार व्रत 04 अगस्त 2025 को किया जाएगा जो सावन का अंतिम और चौथा सोमवार होता है। 

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आइए अब हम बात कर लेते हैं इस सप्ताह के बैंक अवकाशों के बारे में। 

इस सप्ताह में पड़ने वाले बैंक अवकाश

अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें समय-समय पर बैंक में काम पड़ता रहता है, इसलिए आपको बैंक अवकाशों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि आपका कोई काम अटक न जाएं। ऐसे में, यहाँ हम आपको 04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025 के बीच आने वाले बैंक अवकाशों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

तिथि दिनपर्वराज्य
08 अगस्त 2025शुक्रवारझूलन पूर्णिमाउड़ीसा
08 अगस्त 2025शुक्रवारतेंदोंग लोह रम आस्थासिक्किम
09 अगस्त 2025शनिवाररक्षा बंधनछत्तीसगढ़, दमन और दिऊ, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश,राजस्थान , उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश

इस सप्ताह (04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025) पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

ग्रहों के गोचर और ग्रहण ज्योतिष के साथ-साथ मनुष्य जीवन में भी विशेष महत्व रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भी कोई ग्रह अपनी चाल, दशा या स्थिति में परिवर्तन करता है, तो इसका सीधा असर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से आपके जीवन पर दिखाई देता है। यह नियम ग्रहण पर भी लागू होता है और ऐसे में, आपके लिए ग्रहण और गोचर की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। आइए अब हम जान लेते हैं कि अगस्त 2025 के इस अंतिम सप्ताह यानी कि 04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025 में ग्रहों के गोचर कब-कब होंगे। 

बुध का कर्क राशि में उदय (09 अगस्त 2025): बुध देव को ग्रहों के राजकुमार कहा जाता है जो अब चंद्र देव की राशि कर्क में अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए 09 अगस्त 2025 की दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर उदित होने जा रहे हैं। 

नोट: जब बात आती है ग्रहण की, तो अगस्त 2025 के इस सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है। 

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इस सप्ताह (04 अगस्त से 10 अगस्त) के शुभ मुहूर्त 

अगस्त 2025 के इस पहले सप्ताह के व्रत-पर्व, ग्रहण-गोचर और बैंक अवकाशों से आपको रूबरू करवाने के बाद अब हम आपको इस हफ़्ते के शुभ मुहूर्त नीचे प्रदान कर रहे हैं। 

04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025 के नामकरण मुहूर्त

अगस्त अगर आप अपनी संतान का नामकरण संस्कार इस सप्ताह में संपन्न करवाना चाहते हैं, तो हम आपको नीचे इस हफ़्ते के शुभ मुहूर्त देने जा रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:

दिनांकमुहूर्त का समय 
08 अगस्त 2025, शुक्रवार14:14:12 से 29:46:02
10 अगस्त 2025, रविवार13:53:34 से 29:47:10

04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025 के कर्णवेध मुहूर्त

जो माता-पिता अपनी संतान का कर्णवेध संस्कार सावन मास के इस अंतिम सप्ताह में करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए हम नीचे अगस्त 2025 के इस हफ़्ते के कर्णवेध संस्कार मुहूर्त लेकर आए प्हैं। 

दिनांकमुहूर्त का समय 
04 अगस्त 202509:33-11:49
09 अगस्त 202506:56-11:29,13:49-18:11
10 अगस्त 202506:52-13:45

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इस सप्ताह जन्म लेने वाले मशहूर सितारे

04 अगस्त 2025: दिलीप प्रभावलकर, विशाल भारद्वाज, जमया सेरिंग नामग्याल

05 अगस्त 2025: आशिका रंगनाथ, वत्सल सेठ, महिमा मकवाना

06 अगस्त 2025: साइरस साहूकार, दीपिका कक्कड़, पारुल गुलाटी

07 अगस्त 2025: दीपक चहर, साइरस ब्रोचा, लौरा मार्टिन-स्मिथ

08 अगस्त 2025: निमरत खैरा, मालविका मोहनन, मीराबाई चानू

09 अगस्त 2025: सारिका सिंह बाघेल, रॉय हॉजसन, हंसिका मोटवानी

10 अगस्त 2025: फरीद अहमद मलिक, काइली जेनर, रोसाना अर्क्वेट

एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं। 

साप्ताहिक राशिफल 04 अगस्त से 10 अगस्त, 2025

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. सावन का महीना 2025 में कब खत्म होगा?

वर्ष 2025 में श्रावण मास 09 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।  

2. श्रावण पूर्णिमा 2025 में कब है? 

इस साल श्रावण पूर्णिमा 09 अगस्त 2025 को है। 

3. सावन सोमवार का अंतिम व्रत कब है?

साल 2025 में सावन का अंतिम सोमवार 04 अगस्त, सोमवार को किया जाएगा।