शनि-मंगल की दृष्टि से, इन 2 राशियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें; हो जाएं सावधान!
एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग में हम शनि और मंगल की एक-दूसरे पर पड़ने वाली संयुक्त दृष्टि के बारे में विस्तार से बात करेंगे। बता दें कि शनि ग्रह मीन राशि में विराजमान हैं जबकि मंगल देव ने हाल ही में कन्या राशि में प्रवेश किया है। ऐसे में, यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। शनि और मंगल की यह दुर्लभ स्थिति का प्रभाव 13 सितंबर 2025 की रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद मंगल महाराज तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाले हर परिवर्तन से अवगत करवाता रहा है। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं शनि-मंगल की संयुक्त दृष्टि के बारे में।
अगस्त के महीने में संसार एक दुर्लभ और शक्तिशाली घटना का साक्षी बनेगा क्योंकि न्याय के देवता शनि और ग्रहों के सेनापति मंगल एक-दूसरे के आमने-सामने बैठे होंगे जो अनुशासन में रहते हुए एक अशुभ स्थिति का निर्माण करेंगे। हालांकि, जब मंगल देव व्यवहारिकता की राशि कन्या में मौजूद होंगे, तब शनि ग्रह जल तत्व की राशि मीन में वक्री अवस्था में होंगे। यह स्थिति एक ऐसी अवधि को दर्शाती है जो आंतरिक और बाहरी रूप से तनाव लेकर आ सकती है। इस समय आपकी इच्छाएं और मनोकामनाएं प्रबल होंगी, लेकिन उन्हें पूरा होने में देरी का सामना करना पड़ सकता है या फिर उन्हें पूरा करने के मार्ग में आपको बाधाओं और समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है।
ऐसे में, यह हमें सीमाओं में रहने, धैर्य बनाए रखने और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर जीवन के लक्ष्यों को पाने की राह में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। ज्योतिष की दुनिया में होने वाली यह घटना दृढ़ता, जिम्मेदारी और योजना बनाकर किए गए प्रयासों के माध्यम से परिवर्तन की दिशा का निर्धारण करेगी।
इस अवधि में आने वाली सामान्य समस्याएं:
योजनाओं में देरी, विशेष रूप से करियर या नेतृत्व से जुड़ी भूमिकाओं में।
इच्छाओं और जिम्मेदारियों के बीच आंतरिक जंग।
अधिकारियों और व्यवस्था के बीच मतभेद।
शारीरिक थकान या फिर मनचाहे परिणाम न मिलने पर कड़ी मेहनत करना।
इस अवधि में लोगों को चीज़ों या कार्यों के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही बरतने से बचना चाहिए। हालांकि, शनि और मंगल की यह दृष्टि जातकों को धैर्य रखने, रचनात्मक तरीके से आक्रामकता को नियंत्रित करने और जीवन की मुश्किलों के माध्यम से प्रगति पाने के लिए प्रोत्साहित करेगी वे। इसी क्रम में, शनि ग्रह मंगल के क्रोध को दबाने का काम कर सकते हैं जिससे मंगल देव के भीतर नाराज़गी पैदा हो सकती है। यह स्थिति किसी व्यक्ति को शांत लेकिन आक्रमक या फिर सोच-समझकर कदम उठाने वाला बना सकती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शनि-मंगल की संयुक्त दृष्टि, इन राशियों को करेगी सबसे ज्यादा प्रभावित
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल महाराज आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं जबकि आपके सातवें भाव में मौजूद शनि ग्रह पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं जो इन दोनों भावों की ऊर्जा के साथ सातवें भाव में बैठे हैं। अब शनि और मंगल की यह संयुक्त दृष्टि आपके लिए समस्या बन सकती है, विशेष रूप से दांपत्य जीवन और बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए। लग्न भाव में स्थित मंगल देव आपके क्रोध में वृद्धि कर सकते हैं और ऐसे में, आपको बार-बार गुस्सा आ सकता है। इसका नकारात्मक प्रभाव आपके निजी और पेशेवर जीवन पर नज़र आ सकता है।
कुंडली में सातवां भाव, दसवें भाव से दसवां भाव माना जाता है और इस भाव में बैठे शनि देव कामकाज से संबंधित कार्यों में देरी करवाने और समस्याएं पैदा करने का काम करते हैं। साथ ही, आपको सहकर्मियों के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं या फिर बॉस आपसे नाराज़ रह सकता है। ऐसे में, आपके अंदर मन ही मन में आक्रोश और क्रोध जन्म ले सकता है।
मंगल ग्रह की दृष्टि आपके चौथे भाव पर होने से घर-परिवार में तनाव का माहौल रह सकता है जिसकी वजह से मानसिक शांति भंग हो सकती है। आपके और जीवनसाथी के बीच होने वाला कोई भी छोटा-मोटा विवाद बड़ा रूप ले सकता है इसलिए आपको सतर्क रहना होगा। वहीं, इस राशि के जो जातक व्यापार के क्षेत्र में किसी भी तरह के मुकदमे से जूझ रहे हैं, उनके लिए परिस्थितियां बद से बदतर हो सकती हैं।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके दूसरे और नौवें भाव के अधिपति देव हैं। वहीं, शनि महाराज आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। बता दें कि मीन राशि में शनि देव आपके लग्न/पहले भाव में स्थित हैं जबकि मंगल ग्रह सातवें भाव में उपस्थित हैं। ऐसे में, इन दोनों ग्रहों की स्थिति 1-7 अक्ष का निर्माण करेगी। कई पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कुंडली के सातवें भाव में मंगल की स्थिति को अशुभ माना जाता है क्योंकि मंगल का सातवें भाव में बैठा होना मांगलिक दोष को जन्म देता है।
दूसरी तरफ, लग्न भाव में उपस्थित शनि महाराज आपके आगे बढ़ने की रफ़्तार को धीमा करेंगे और कार्यों में देरी करने का काम करेंगे। वहीं, सातवें भाव में स्थित मंगल आपके करियर और वैवाहिक जीवन में ऐसी समस्याएं उत्पन्न करेंगे जिनका समाधान आपको तुरंत करना होगा या फिर खोजना होगा। शनि देव और मंगल ग्रह एक-दूसरे के विरोधो माने जाते हैं और ऐसे में, यह योजनाओं को बनाने और उन्हें लागू करने के मार्ग में परेशानियां पैदा कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपका जीवनसाथी आपसे नाख़ुश दिखाई दे सकते हैं और आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गिरावट का अनुभव हो सकता है। साथ ही, इन जातकों को धन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष के अनुसार, शनि और मंगल की संयुक्त दृष्टि (जब वह दोनों आमने-सामने वाली राशि में हों, तो सातवीं दृष्टि होती है) देश-विदेश में होने वाली घटनाओं को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। जब शनि-मंगल की यह दृष्टि भारत की कुंडली पर या कुछ महत्वपूर्ण भावों पर पड़ती है, तो अक्सर चिंता, तनाव, संघर्ष और बदलाव लेकर आती है। आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं भारत पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में। इस ख़ास सेक्शन में हम भारत में होने वाली उन घटनाओं के बारे में चर्चा करेंगे जो शनि-मंगल की दृष्टि के दौरान हो सकती हैं।
शनि-मंगल की दृष्टि भूकंप, आगजनी, औद्योगिक क्षेत्रों में दुर्घटनाएं या इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में असफलता का कारण बन सकती है। बता दें कि शनि देव भूकंप और संरचना का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि मंगल ग्रह आग और मशीनों में आने वाली समस्याओं का प्रतीक माने जाते हैं।
इनकीदृष्टि के प्रभाव से सरकार और आम जनता के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
शनि-मंगल ग्रह की दृष्टि उद्योगों, कृषि और परिवहन से जुड़े क्षेत्रों में समस्याएं या फिर सुधार में देरी लेकर आ सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट और कृषि से जुड़े क्षेत्रों की रफ़्तार को धीमा कर सकती है।
अर्थव्यवस्था में सुधार या निजीकरण के प्रयासों के लिए उठाए गए कदम के खिलाफ विद्रोह देखने को मिल सकता है।
इस अवधि में देश की राजनीति में एक-दूसरे पर दोषारोपण, आरोप-प्रत्यारोप या सरकार और विपक्ष के बीच संघर्ष जैसी परिस्थितियां जन्म ले सकती हैं।
साथ ही, मीडिया की आज़ादी को नियंत्रित करने वाले सख़्त कानून सरकार लेकर आ सकती है।
देश की सीमाओं के आसपास पड़ोसी देशों जैसे चीन या पाकिस्तान की तरफ से गतिविधियां बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, डिफेन्स पर होने वाले ख़र्चों में बढ़ोतरी हो सकती है और सेना को मज़बूत बनाने पर सरकार का ध्यान केंद्रित हो सकता है।
शनि-मंगल की दृष्टि के अशुभ प्रभाव से यातायात से जुड़ी दुर्घटनाएं (रेलवे, रोड) जैसी पुल टूटना या आग लगना आदि हो सकती हैं।
हालांकि, इस तरह की दुर्घटनाएं सरकार और देश की जनता को यह सोचने पर मज़बूत करेगी कि वास्तविक प्रगति अनुशासन के साथ आती है, न कि आक्रामकता से। अगर हम इस दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम करेंगे, तो निश्चित रूप से परिस्थितियाँ भारत के पक्ष में रहेंगी, विशेष रूप से उस समय जब ग्रह प्रतिकूल स्थिति में होंगे।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या शनि और मंगल मित्र हैं?
नहीं, शनि और मंगल एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं।
2. क्या ज्योतिष अलग-अलग देशों को भी प्रभावित करता है?
हाँ, ज्योतिष का प्रभाव सभी घटनाओं पर पड़ता है भले ही वह किसी व्यक्ति के जीवन में हो, देश में हो या वैश्विक स्तर पर हो।
3. इस समय कौन सी राशियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी?
जैसे कि शनि मीन राशि में हैं और मंगल कन्या राशि में हैं, तो ऐसे में, इन दोनों राशियों पर सबसे ज्यादा प्रभाव दिखाई देगा।
गणेश चतुर्थी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और राशि अनुसार भोग
गणेश चतुर्थी 2025: गणपति बप्पा मोरया की गूंज से जब गली-मोहल्ले, मंदिर और घर आंगन गूंजने लगते हैं, तब समझिए कि शुभ समय आ गया है बप्पा के स्वागत का। गणेश चतुर्थी सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, उमंग और नए आरंभ का प्रतीक है। यह दिन उस देवता का जन्मदिन है, जिन्हें सबसे पहले पूजा जाता है वह है विघ्नहर्ता गणपति। कहते हैं, जो उन्हें सच्चे मन से पूजता है, उसके सारे संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शुभता का प्रवेश होता है।
इस पावन अवसर पर सिर्फ पूजन-विधान और मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है, बल्कि राशि अनुसार गणपति को प्रिय भोग अर्पित करना भी विशेष फलदायी माना जाता है। आइए जानें कि इस बार गणेश चतुर्थी 2025 कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और आपकी राशि के अनुसार बप्पा को कौन सा भोग अर्पित करें, जिससे उनकी विशेष कृपा मिले।
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 26 अगस्त की दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की समाप्त: 27 अगस्त की दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर।
उदया तिथि के आधार पर 27 अगस्त दिन बुधवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।
पूजा मुहूर्त 2025
गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : 27 अगस्त की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 34 मिनट
समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है : 26 अगस्त की दोपहर 01 बजकर56 मिनट से रात 08 बजकर 27 मिनट तक।
समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है : 27 अगस्त की सुबह09 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक।
गणेश विसर्जन 2025 में कब होगा
इस बार 6 सितंबर 2025, को अनंत चतुर्दशी दिन शनिवार को गणेश विसर्जन किया जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2025 का धार्मिक महत्व
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और संकट मोचन माना जाता है। वे प्रथम पूज्य हैं, किसी भी शुभ कार्य, पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत उन्हीं के नाम के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन शास्त्रों के अनुसार, देवी पार्वती ने मिट्टी से एक बालक की रचना की थी और उसमें प्राण फूंक कर उसे अपने द्वारपाल के रूप में नियुक्त कर दिया। बाद में भगवान शिव द्वार उसका मस्त काटे जाने और फिर हाथी का सिर लगाकर उसे नया जीवन देने की कथा इस दिन को और भी विशेष बनाती है। यही दिन गणेश जी के पृथ्वी पर अवतरण का भी प्रतीक है।
इस दिन श्रद्धालु बप्पा की मूर्ति की स्थापना कर, उन्हें भोग, फूल दूर्वा और मोदक अर्पित करते हैं। गणपति जी की पूजा विशेष रूप से बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और शांति की प्राप्ति के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त उन्हें सच्चे मन से पूजता है, उसके जीवन की भी विघ्न-बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और नए कार्यों में सफलता निश्चित मिलती है।
इस पर्व में सिर्फ पूजा ही नहीं बल्कि समाज में एकता, उल्लास और सांस्कृतिक समरसता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। घर-घर और सार्वजनिक स्थानों पर गणपति स्थापना कर 10 दिनों तक उत्सव, कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सेवा कार्य होते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
गणेश चतुर्थी 2025 की पूजन विधि
गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
पूजी स्थान को साफ करके वहां पीली या लाल कपड़े की चटाई बिछाएं।
उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बप्पा का मुख करके स्थापना करें।
एक लकड़ी या पीढ़े पर लाल कपड़ा बिछाकर बप्पा की मूर्ति को रखें।
बप्पा के साथ कलश, दीपक, फल, फूल दूर्वा, मोदक, नारियल, चावल, कपूर आदि सामग्री पास रखें।
“ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करते हुए भगवान को आमंत्रित करें।
फूल अर्पित करते हुए बप्पा को आसन दें।
गंगाजल या दूध से प्रतीकात्मक स्नान कराएं, फिर साफ जल से शुद्ध करें।
माथे पर चंदन और रोली लगाएं, फिर हल्दी और अक्षत चढ़ाएं।
कपूर और घी का दीप जलाएं, सुगंधित धूप दें।
आखिरी में आरती करें और हाथ जोड़कर बप्पा से विघ्न दूर करने, ज्ञान व बुद्धि देने की प्रार्थना करें।
10 प्रसिद्ध व्यंजन: भोग लगाकर गणेश जी को करें प्रसन्न
व्यंजन
विवरण
मोदक
भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग। खासकर उकड़ीचे मोदक (चावल के आटे और गुड़-नारियल से बने) महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्ध हैं।
बेसन के लड्डू
शुद्ध घी, बेसन और शक्कर से बने लड्डू जिन्हें बप्पा को अर्पित किया जाता है।
तिल-गुड़ के लड्डू
तिल और गुड़ से बने लड्डू को गर्मी भी देते हैं और बप्पा को प्रिय भी हैं।
सूजी का हलवा
शुद्ध देसी घी और सूजी से बना हलवा शुभ माने जाने वाला प्रसाद है।
पंचामृत
दूध, दही, शहद, घी और मिश्री से बना पंचामृत भगवान को स्नान कराने व भोग में अर्पित किया जाता है।
नारियल के लड्डू
घी और दूध से बने नारियल लड्डू श्री गणेश को अर्पण किए जाते हैं, खासकर दक्षिण भारत में।
केसरिया खीर
चावल, दूध, शक्कर और केसर से बनी यह खीर भोग में अत्यंत शुभ मानी जाती है।
सत्तू का पीठा
खासकर बिहार और झारखंड में भगवान गणेश को चने के सत्तू से बनी पिठा या लड्डू चढ़ाए जाते हैं।
फल (विशेषकर केला, अनार)
भगवान गणेश को ताजे फल अर्पण करना भी शुभ होता है। केला उनका प्रिय फल माना गया है।
खोया बर्फी या मावा मिठाई
मावे या खोये से बनी मिठाइयां जैसे पेड़ा या बर्फी भी गणेशजी को प्रसन्न करती हैं
गणेश चतुर्थी 2025 पर गणपति की मूर्ति की स्थापना का महत्व
गणेश चतुर्थी 2025 के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने की परंपरा सदियों पुरानी है और उसके पीछे गहरा धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व छिपा है। गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्म का पर्व माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन माता पार्वती ने उन्हें बनाया था और भगवान शिव ने उन्हें गणों का अधिपति यानी गणपति घोषित किया था। इस दिन उनकी मूर्ति स्थापित कर उन्हें साक्षात रूप में घर या पंडाल में आमंत्रित किया जाता है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाला कहा जाता है। जब हम उनकी मूर्ति को विधिपूर्वक स्थापित करते हैं, तो वह विश्वास किया जाता है कि वे हमारे घर में प्रवेश कर हमारे दुख, कष्ट और विघ्नों को हर लेते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खोलते हैं।
जब हम श्रद्धा और नियम से बप्पा की मूर्ति को घर में लाते हैं, तो पूरे वातावरण में पवित्रता, अनुशासन और भक्ति का संचार होता है। दस दिनों तक की पूजा, आरती और सेवा से घर का वातावरण अत्यंत सकारात्मक और भक्तिमय हो जाता है। गणपति स्थापना सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक उत्सव भी है। यह समाज को जोड़ता है। लोग मिलकर पूजा करते है, गीत-भजन गाते हैं, सेवा कार्य करते हैं और सामूहिक एकता और भक्ति का संदेश फैलाते हैं।
गणेश चतुर्थी 2025 के दिन क्या करें क्या न करें
क्या करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर की सफाई करें, विशेष रूप से पूजा स्थल को शुद्ध और साफ रखें।
गणेश जी की मूर्ति उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्थापित करें।
लाल या पीले कपड़े पर मूर्ति रखें, ये रंग बप्पा को प्रिय हैं।
21 दूर्वा जरूर अर्पित करें, यह गणेश जी को अत्यंत प्रिय है।
मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं, विशेषकर घर में बना हुआ।
शुद्ध देसी घी का दीपक और धूप जलाएं। साथ ही, “ॐ गं गणपतये नमः” या “जय गणेश देवा” जैसे मंत्रों का जाप करें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. भगवान गणेश को कौन सा भोग सबसे प्रिय है?
बप्पा को मोदक सबसे प्रिय है। खासकर उकड़ीचे मोदक यानी गुड़-नारियल से भरे चावल के मोदक उन्हें बहुत पसंद हैं।
2. क्या घर में गणपति की मूर्ति स्थापना की जा सकती है?
बिल्कुल! शुद्ध मन, श्रद्धा और नियम से बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित कर सकते हैं। ध्यान रहे कि मूर्ति मिट्टी की हो और विसर्जन तक रोज पूजा की जाए।
3. मूर्ति किस दिशा में रखें?
बप्पा की मूर्ति उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखें। यह शुभ और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर, इन राशियों की पलट देंगे तकदीर, होगा भाग्योदय!
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम, विलासिता, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है।
ऐसे में, हम समझ सकते हैं कि हमारे जीवन में शुक्र का महत्व कितना अधिक है। जब शुक्र ग्रह अपनी चाल, दशा और राशि में परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव संसार, 12 राशियों के साथ-साथ आपके जीवन पर भी पड़ता है। अब यह जल्द ही अपना राशि परिवर्तन करते हुए कर्क राशि में जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज एआई का यह लेख आपको “शुक्र का कर्क राशि में गोचर” के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि और समय आदि।
हम इस ब्लॉग में शुक्र गोचर के बारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि यह राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर किस तरह से अपना असर डालेगा। जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कुंडली में शुक्र देव के बलवान होने पर जातक को जीवन में हर वह सुख मिलता है जिसकी वह अभिलाषा करता है। साथ ही, शुक्र की शुभता के प्रभाव से प्रेम और वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है। लेकिन, शुक्र देव के कमज़ोर होने पर व्यक्ति का जीवन समस्याओं से भर जाता है। ऐसे में, आप किन उपायों को अपनाकर शुक्र देव को प्रसन्न कर सकते हैं? शुक्र ग्रह कैसे करेंगे आपके प्रेम जीवन को प्रभावित? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस लेख में प्राप्त होंगे। तो आइए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सबसे पहले शुक्र गोचर का समय।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: तिथि और समय
धन, प्रेम, वैभव, ऐश्वर्य और आकर्षण के ग्रह माने जाने वाले शुक्र देव का गोचर हर महीने यानी कि 30 दिनों में होता है। इसी क्रम में, शुक्र महाराज अब 21 अगस्त 2025 की रात 01 बजकर 08 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं जिन्हें शुक्र ग्रह अपना शत्रु मानते हैं। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि शुक्र का यह गोचर अपने शत्रु की राशि में होने जा रहा है, जिसका शुभ-अशुभ प्रभाव राशियों पर नज़र आ सकता है। हालांकि, हम नीचे बात करेंगे बुध और शुक्र की युति से बनने वाले योग की।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: बनेगा लक्ष्मी नारायण योग
प्रेम के ग्रह शुक्र 21 अगस्त 2025 को चंद्र देव की राशि कर्क में प्रवेश कर जाएंगे, उस समय वहां पहले से बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध देव विराजमान होंगे। ऐसे में, शुक्र और बुध दोनों ग्रह कर्क राशि में युति का निर्माण करेंगे। इन दोनों ग्रहों के एक साथ बैठे होने से कर्क राशि में लक्ष्मीनारायण योग का निर्माण होगा। हालांकि, यह योग केवल 09 दिनों तक रहेगा और इसके बाद बुध दूसरी राशि में चले जाएंगे।
शुक्र और बुध से निर्मित होने वाला लक्ष्मी नारायण योग जातकों की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने का काम करेगा। साथ ही, इसके प्रभाव से आपकी बुद्धि तेज़ होगी और लोगों के प्रति आपके मन में दया का भाव आएगा। आप दूसरों की भावनाओं को समझेंगे। इसके अलावा, लक्ष्मीनारायण योग आपको अचानक से धन लाभ करवा सकता है और आपकी मुलाकात किसी ख़ास से हो सकती है। अब हम नज़र डालेंगे कर्क राशि में शुक्र के प्रभावों पर।
कर्क राशि में शुक्र का प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव कर्क राशि में मौजूद होते हैं, उनके रिश्ते अपने जीवनसाथी, परिवार और करीबियों के साथ बहुत मज़बूत और गहरे होते हैं।
यह लोग अपने पार्टनर के प्रति बेहद सुरक्षात्मक और वफादार होते हैं। अक्सर ये ऐसे लोगों की तरफ झुकते हैं जो परिवार और रिश्तों को समझने में सक्षम होते हैं।
कर्क राशि में शुक्र के तहत जन्मे जातक बहुत रचनात्मक और संवेदनशील होते हैं जो करियर में उत्कृष्टता प्रदान करते हैं।
ऐसे लोग नर्सिंग, काउंसलिंग और शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हैं और इसमें इन्हें सफलता की प्राप्ति होती है।
शुक्र की कर्क राशि में मौजूदगी इस बात की तरफ संकेत करती है कि व्यक्ति बहुत भावुक होगा इसलिए वह अपने रिश्तों को आसानी से संभालने में कामयाब रहेगा।
जो जातक रचनात्मक कार्यों से जुड़े होते हैं, उसमें उन्हें सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
बता दें कि शुक्र देव का कर्क राशि में गोचर हर इंसान के जीवन को अत्यंत प्रभावित करता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि इस अवधि में आप बेहद भावुक हो सकते हैं। साथ ही, यह समय स्वयं की देखभाल करने के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत करने के लिए श्रेष्ठ रहेगा।
चलिए हम जानते हैं शुक्र की महादशा कैसे परिणाम देती है।
सौंदर्य और भौतिक सुखों के ग्रह शुक्र की महादशा 20 वर्षों तक चलती है। ऐसे में, शुक्र महादशा के दौरान जातक को अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम मिलेंगे? यह पूरी तरह से कुंडली में शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं शुक्र महादशा कैसे फल प्रदान करती है।
शुक्र शुभ होने पर महादशा का प्रभाव
कुंडली में किसी व्यक्ति पर जब शुक्र की महादशा चल रही होती है और शुक्र मज़बूत स्थिति में होता है, तो जातक को जीवन में सभी तरह के भौतिक सुख, धन, वैभव और आकर्षक व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है।
ऐसे जातक को कभी भी जीवन में धन का अभाव नहीं होता है और उसे हर सुख की प्राप्ति होती है।
जब शुक्र की महादशा चलती है और यह शुभ स्थिति में होते हैं, तो इनके प्रभाव से वैवाहिक जीवन सुख-शांति और खुशियों से भरा रहता है।
प्रेम जीवन में भी जीवनसाथी के साथ रिश्तों में मधुरता बनी रहती है और व्यक्ति रिश्ते का आनंद लेता हुआ दिखाई देता है।
शुक्र अशुभ होने पर महादशा का प्रभाव
शुक्र ग्रह की महादशा लगातार 20 वर्षों तक चलती है। ऐसा माना जाता है कि हर इंसान के जीवन में शुक्र महादशा एक बार जरूर आती है।
जिन जातकों पर शुक्र की महादशा चल रही होती है और उनकी कुंडली में शुक्र दुर्बल होते हैं, तो जातक को आर्थिक संकट के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जब कुंडली में शुक्र दुर्बल होता है और शुक्र महादशा चल रही होती है, तब व्यक्ति को अनेक प्रयासों के बाद भी भौतिक सुख प्राप्त नहीं होते हैं।
ऐसी स्थिति में शुक्र महादशा के दौरान आपको गुप्त और किडनी से जुड़े रोग घेर सकते हैं।
अब हम आपको अवगत करवाते हैं शुक्र शुभ होने पर आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब होगा?
प्रेम के ग्रह शुक्र 21 अगस्त 2025 को कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
शुक्र कौन हैं?
ज्योतिष में शुक्र ग्रह प्रेम और वैवाहिक जीवन के ग्रह हैं जबकि हिंदू धर्म में यह असुरों के देवता माने गए हैं।
क्या शुक्र और चंद्रमा मित्र हैं?
नहीं, शुक्र ग्रह चंद्रमा के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं।
कारको भाव नाशाये: अगस्त में इन राशि वालों पर पड़ेगा भारी!
एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं। इस ब्लॉग में हम आपको कारको भाव नाशाये के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि 21 अगस्त, 2025 को होने जा रहा है। इस विशेष ब्लॉग में विस्तार से बताया गया है कि इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताए गए हैं।
वैदिक ज्योतिष में ‘कारको भाव नाशाये’ के संस्कृत सूत्र का अर्थ है:
“यदि किसी भाव का कारक उसी भाव में स्थित हो, तो इससे उस भाव के शुभ फल नष्ट या कमज़ोर हो सकते हैं।”
यह सिद्धांत पराशर और जैमिनी ज्योतिष से लिया गया है और इसे एक नियम के बजाय चेतावनी के रूप में देखा जाता है। कारक शब्द का प्रयोग उस ग्रह के लिए किया जाता है जो कि जीवन के किसी भाव या पहलू को दर्शाता है। भाव वह घर होता है जिसे कुंडली में कोई ग्रह अपने स्वाभाविक कारकत्व को ध्यान में रखते हुए दर्शाता है। नाशाय एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब होता है नाश या हानि।
जब भाव का कारक उसी घर में बैठा हो, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, तो ऐसे में कभी-कभी उस भाव के परिणाम या अर्थ खराब हो सकते हैं। हालांकि, यह जितना लग रहा है, हमेशा उतना खराब नहीं होता है। सही मायने में इस अवधारणा के अस्तित्व में आने और किसी व्यक्ति के जीवन से संबंधित क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए कुछ चीज़ों का होना जरूरी है। इस अवधारणा को पूरा करने वाली चीज़ों के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं कि कौन सा ग्रह किस भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
कारको भाव नाशाये: ग्रह और उनका महत्व
ग्रह
भाव
कारक
सूर्य
पहला और नौवां
पिता और जीवनशक्ति
चंद्रमा
चौथा
भावनाएं, शांति और मां
मंगल
तीसरा, चौथा और छठा
भाई, जमीन और शत्रु
बुध
पहला और दसवां
बुद्धि और करियर
बृहस्पति
पांचवां और दसवां
ज्ञान, संतान और करियर
शुक्र
सातवां
पार्टनरशिप और विवाह
शनि
तीसरा, आठवां और दसवां
प्रयास, दीर्घायु और करियर
कारको भाव नाशाये: इस नियम के लिए इन बातों पर दिया जाता है ध्यान
यह नियम पूर्णत: निश्चित नहीं है। इसे हमेशा सावधानीपूर्वक और संदर्भ के अनुसार ही लेना चाहिए।
शक्ति, गौरव (स्वराशि, उच्च आदि) और दृष्टि महत्वपूर्ण है।
अपने ही भाव में स्थित कारक,अन्य ग्रहों की युति और शुभ दृष्टि पड़ने पर, परिणाम बढ़ सकते हैं।
यदि ग्रह अपनी स्वराशि, मूलत्रिकोण या उच्च राशि में है, तो आमतौर पर नकारात्मक प्रभाव निष्प्रभावी हो जाता है।
युति, दृष्टि और योग इस नियम को रद्द कर सकते हैं।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
कारको भाव नाशाये: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
कर्क राशि
शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह कर्क राशि के पहले भाव में रहेंगे। वैसे तो यह अन्य पहलुओं में लाभकारी होता है, लेकिन शुक्र की पहले भाव से आपके सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है जिससे कारको भाव नाशाये बन रहा है। ऐसे में आपका वैवाहिक जीवन या बिज़नेस पार्टनरशिप खराब हो सकती है। कर्क राशि में शुक्र के पहले भाव में होने से व्यक्ति अपने रिश्तों में शारीरिक आकर्षण या बाहरी सौंदर्य पर बहुत ज्यादा ध्यान देने लगता है। ऐसे में, यदि रिश्ते की वास्तविक भावना को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए, तो इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
कार्यक्षेत्र में व्यक्ति अच्छे कपड़े तो पहनता है लेकिन बिज़नेस के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान नहीं दे पाता है और उसके बिज़नेस पार्टनर नाराज़ हो सकते हैं। ऐसा व्यक्ति अक्सर अपने कौशल को लेकर भ्रमित हो सकता है और कड़ी मेहनत या काम पर वास्तविक प्रयास करने से विमुख हो सकता है। प्रथम भाव में जल तत्व की राशि में शुक्र व्यक्ति को अधिक भावुक और आलोचना को सकारात्मक रूप से लेने के प्रति संवेदनशील बना सकता है। इसे ऑफिस में अक्सर नकारात्मक गुण माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर या पीड़ित है, तो ये प्रभाव और भी बढ़ सकते हैं।
शुक्र आपके पांचवे और नौवें भाव का स्वामी है और अब वह आपके सातवें भाव में उपस्थित रहेंगे। शुक्र सातवें भाव में होने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा भावुक बना देता है और कभी-कभी रिश्तों को लेकर अत्यधिक आदर्शवादी दृष्टिकोण दे सकता है। जीवनसाथी के साथ ये बहुत ज्यादा रोमांटिक हो सकते हैं। ऐसे में अगर वास्तविकता इनके आदर्शों से मेल नहीं खाती है, तो इनका रिश्ते से मोहभंग या निराशा हो सकती है।
चूंकि, शुक्र अपने ही कारक भाव में है, इसलिए रिश्ते में अपने पार्टनर के लिए कुछ करने और उनसे भी कुछ करने की अपेक्षा करने के बीच, संतुलन लाना महत्वपूर्ण होता है। इनके अंदर बहुत ज्यादा मिलनसार होने की प्रवृत्ति हो सकती है जिससे कुछ मामलों में ये अपने पार्टनर पर अत्यधिक निर्भर रह सकते हैं। इससे ये अपने ऑफिस में भी तर्क की बजाय बहुत ज्यादा भावुक हो सकते हैं जो कि इनकी बिज़नेस डील या नौकरी से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन्हें सावधान रहना चाहिए।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या ज्योतिष में सभी ग्रह कारको भाव नाशाय उत्पन्न करते हैं?
उत्तर. हां।
प्रश्न 2. कालपुरुष की कुंडली में कौन सा भाव शुक्र को दर्शाता है?
उत्तर. सातवां भाव।
प्रश्न 3. किस राशि में शुक्र का होना अत्यधिक भावुक बना देता है?
उत्तर. कर्क राशि।
सिंह राशि में बुधादित्य योग, इन राशि वालों की चमकने वाली है किस्मत!
सिंह राशि में बुधादित्य योग: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं सिंह राशि में बुधादित्य योगसे संबंधित यह खास ब्लॉग। 30 अगस्त, 2025 को सिंह राशि में बुधादित्य योग बनने जा रहा है। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि बुधादित्य योग का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य और बुध की एक ही भाव में युति होती है, तब बुधादित्य योग बनता है। चूंकि, सूर्य को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है इसलिए सूर्य और बुध की युति से बनने वाले योग को बुधादित्य योग का नाम दिया गया है। इस योग को अत्यंत शुभ माना जाता है और यह बुद्धि, संचार एवं नेतृत्व करने की क्षमता का प्रतीक है। जिन लोगों की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है, वे अपनी बात स्पष्टता से रख पाते हैं, वे बुद्धिमान और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। ये मानसिक रूप से मज़बूत होने और स्पष्ट सोच के दम पर सफलता प्राप्त करते हैं। ये लेखन, शिक्षण, प्रशासनिक, पब्लिक स्पीकिंग या ऐसा कोई भी पेशा जिसमें बुद्धि और निपुणता से बोलने की जरूरत हो, उसमें उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।
बुध और सूर्य, इन दोनों ग्रहों की गरिमा, जिस भाव में युति हो रही है और बुध अस्त हो रहा है या नहीं, ये सभी इस योग की प्रबलता को प्रभावित करते हैं। यदि बुधादित्य योग सही स्थिति में हो और कोई अशुभ ग्रह प्रभावित न कर रहा हो, तो ऐसे में यह योग लोकप्रियता, प्रसिद्धि और समाज में सकारात्मक छवि का आशीर्वाद देता है। वहीं अगर बुध अस्त हो रहा हो या इस अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो, तो इससे अहंकार से संबंधित समस्याएं या गलतफहमियां हो सकती हैं।
सिंह राशि में बुधादित्य योग: समय
30 अगस्त, 2025 को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर सिंह राशि में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। इस ब्लॉग में बताया गया है कि बुधादित्य योग का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि यहां पर दिया गया राशिफल लग्न राशि के आधार पर है। अपना लग्न जानने के लिए एस्ट्रोसेज एआई लग्न कैलकुलेटर का उपयोग करें।
बुधादित्य योग और उसका प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव
बुद्धि तेज होती है ये जातक तेज दिमाग वाले और विश्लेष्णात्मक सोच के होते हैं। इनके अंदर जल्दी निर्णय लेने की क्षमता होती है।
मजबूत संचार कौशल इनकी अपनी भावनाओं या विचारों को बोलकर और लिखकर व्यक्त करने की क्षमता बेहतर होती है। इससे व्यक्ति दूसरों को प्रेरित करने वाला, तार्किक और स्पष्टवादी बनता है।
नेतृत्व करने का गुण आत्मविश्वास, आकर्षण और अपना कार्यभार संभालने की क्षमता बढ़ती है। मैनेजमेंट या प्रशासनिक पदों के लिए यह स्थिति उपयुक्त होती है।
शिक्षा में प्रगति छात्रों की खासतौर पर गणित, कॉमर्स, लॉ और साहित्य जैसे विषयों में रुचि बढ़ती है।
करियर में सफलता लेखन, शिक्षण, पब्लिक स्पीकिंग, मीडिया, मार्केटिंग, राजनीति और सरकारी सेवाओं से संबंधित पेशों को लाभ होता है।
लोकप्रियता और पहचान यदि विशेष रूप से बुध सार्वजनिक या केंद्र भाव जैसे कि दशम भाव में बैठा हो, तो व्यक्ति की लोकप्रियता में वृद्धि होती है।
नकारात्मक प्रभाव (यदि पीड़ित हो तो)
बुध अस्त
अगर बुध सूर्य के बहुत नज़दीक है तो यह अस्त हो सकता है। इससे व्यक्ति की मानसिक स्पष्टता में कमी आती है और उसे संचार से संबंधित समस्याएं देखनी पड़ सकती हैं।
अहंकार और घमंड
व्यक्ति घमंडी, दूसरों पर हावी रहने वाला या दूसरों की राय को नज़रअंदाज़ करने वाला बन सकता है।
बेचैनी या चिंता
यदि अशुभ भाव या राशि में युति हो रही हो, तो इससे व्यक्ति ज्यादा सोचने लगता है, निर्णय नहीं ले पाता है या तनाव में रहता है।
चालाक होता है
पीड़ित बुधादित्य योग के कारण व्यक्ति अपनी बुद्धि का प्रयोग स्वार्थ या कपट से भरे उद्देश्यों के लिए कर सकता है।
टैरो या ग्रह-नक्षत्र, आपके भविष्य का सही आईना कौन? जानें रहस्य सिर्फ Spotify Podcast पर
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
बुधादित्य योग: कब होता है प्रभावशाली
कुंडली में बुधादित्य योग से संपूर्ण लाभ मिलने के लिए कुछ ज्योतिषीय स्थितियों का होना आवश्यक है। इन स्थितियों के बिना यह योग कमज़ोर, निष्क्रिय या अशुभ हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि बुधादित्य योग से लाभ प्राप्त करने के लिए कुंडली में किन स्थितियों का होना जरूरी है।
सूर्य और बुध की उचित युति सूर्य और बुध कुंडली में एक ही राशि और भाव में होने चाहिए। सूर्य और बुध डिग्री (14 डिग्री के अंतर्गत) में एक-दूसरे के जितने ज्यादा नज़दीक होंगे, योग उतना ही ज्यादा प्रबल होगा लेकिन अत्यधिक नज़दीक होने पर बुध अस्त हो सकता है।
बुध अस्त नहीं होना चाहिए बुध को अपनी शक्ति बनाए रखनी चाहिए और बुध सूर्य के बहुत ज्यादा नज़दीक (लगभग 4 डिग्री के भीतर) नहीं होना चाहिए वरना वह अस्त हो सकता है। इससे योग के परिणाम कमज़ोर हो सकते हैं।
दोनों ग्रह मजबूत स्थिति में होने चाहिए दोनों ग्रहों की युति केंद्र यानी पहले, चौथे, सातवें, दसवें या त्रिकोण भावों यानी पहले, पांचवे और नौंवे भाव में होनी चाहिए। इस योग के लिए मिथुन, कन्या, सिंह और तुला राशि अनुकूल हैं।
अशुभ प्रभाव नहीं होना चाहिए सूर्य और बुध पर राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे किसी भी अशुभ ग्रह का प्रभाव नहीं होना चाहिए। मज़बूत अशुभ ग्रहों के साथ कोई युति या उनकी दृष्टि नहीं होनी चाहिए। इससे योग खराब हो सकता है।
बुध मज़बूत होना चाहिए मज़बूत बुध (स्वराशि मिथुन या कन्या या उच्च का होने पर) बुद्धि, स्पष्टता और संचार कौशल में वृद्धि करता है। यदि बुध नीच का (मीन राशि में) हो या वक्री और कमज़ोर हो, तब यह योग अपनी शक्ति खो देता है।
सूर्य अधिकार या शासन का समर्थन करना चाहिए शुभ स्थिति में सूर्य का होना (स्वराशि सिंह या उच्च राशि मेष में होना) नेतृत्व करने की क्षमता, शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है। इन सभी स्थितियों के पूर्ण होने पर बुधादित्य योग बुद्धि, पहचान और नेतृत्व प्रदान करता है। व्यक्ति शिक्षा, करियर और ऐसे क्षेत्रों या कार्यों में सफल होता है, जहां पर संचार कौशल की आवश्यकता हो।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
सिंह राशि में बुधादित्य योग का राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
बुध मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और सूर्य इस राशि के पांचवे भाव के स्वामी हैं। अब दोनों ग्रह सिंह राशि में बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं। यह पूरी तरह से सकारात्मक युति नहीं है क्योंकि मेष राशि के लोगों के लिए बुध एक शुभ ग्रह नहीं है। आपको या आपकी संतान को स्वास्थ्य समस्याएं होने का डर है। कार्यस्थल पर आपका विरोध किया जा सकता है और व्यापारियों को अपने व्यवसाय में कुछ हद तक और कुछ समय के लिए मंदी देखनी पड़ सकती है।
हालांकि, तीसरे भाव के स्वामी का पांचवे घर में होना अच्छा माना जाता है। इससे निजी जीवन और करियर दोनों में ही वो कार्य करने का साहस मिलता है, जिसे आप करना चाहते हैं। प्रेम संबंध में सावधानी बरतें क्योंकि इस समय ब्रेकअप और दिल टूटने की संभावना बनी हुई है।
वृषभ राशि
बुध वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव का स्वामी है और सूर्य का इस राशि के चौथे भाव पर आधिपत्य है। कुल मिलाकर वृषभ राशि के लोगों के जीवन पर बुधादित्य योग का सकारात्मक पभाव देखने को मिलेगा। बुध और सूर्य के चौथे भाव में होने पर, यदि आप अपने करियर में नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो आपको अच्छे अवसर मिल सकते हैं क्योंकि इन दोनों ही ग्रहों की आपके दसवें भाव पर दृष्टि पड़ेगी। इस योग से आपके घर-परिवार में सुख-शांति और सकारात्मकता आएगी और पारिवारिक संबंधों के साथ-साथ रिश्तेदारों के साथ भी बेहतस संबंध बनेंगे।
बुधादित्य राजयोग 2025 से मिथुन राशि के लोगों को अत्यंत अनुकूल परिणाम मिलने वाले हैं और इससे इनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आएगा। आप विभिन्न स्रोतों से धन कमा सकते हैं और आपको अपने निवेश से अच्छा लाभ होने के आसार हैं। इसके अलावा आप अपनी वित्तीय समस्याओं को आसानी से पार कर पाएंगे।
इस समयावधि में आपके लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है। सिंगल जातकों के लिए विवाह के योग बन रहे हैं। वहीं शादीशुदा जातकों और जिनका प्रेम संबंध चल रहा है, वे अपने पार्टनर के करीब आ सकते हैं। आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा और आप अपने कार्यक्षेत्र में खूब धन कमाएंगे। आप करियर के क्षेत्र में प्रगति करेंगे और आपके प्रयास फलदायी साबित होंगे।
बुध ग्रह कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और सूर्य देव दूसरे भाव के स्वामी हैं। अब बुधादित्य योग दूसरे भाव यानी परिवार, आय और वाणी के भाव में बन रहा है। चूंकि, बुध आपके लिए नकारात्मक भावों का स्वामी है, इसलिए अगर आप पहले से ही आंखों से संबंधित किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो इस समय आपकी परेशानी बढ़ सकती है इसलिए सावधान रहें। अगर आप मनचाही सफलता पाने के लिए अपने घर और काम से दूर किसी अन्य जगह पर यात्रा कर रहे हैं, तो इससे आपको लाभ होने की उम्मीद है।
इस दौरान आपकी अपने परिवार के लोगों या रिश्तेदारों से लड़ाई भी हो सकती है। इस समय आर्थिक उतार-चढ़ाव भी देखने पड़ सकते हैं। दूसरे भाव में बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होने के कारण अधिक खर्चा करने की प्रवृत्ति दे सकता है। हालांकि, सूर्य के स्वराशि में होने से आपको धन कमाने के अवसर मिलते रहेंगे।
सिंह राशि के लोगों को बुधादित्य राजयोग 2025 से अपने निजी जीवन में अनुकूल परिणाम मिलने की उम्मीद है। इस समयावधि में आपकी अध्यात्म की ओर रुचि बढ़ सकती है जिससे आपको शांति और स्पष्टता मिलेगी एवं आपका जीवन बेहतर होगा। आपको अपनी कड़ी मेहनत के लिए करियर में सफलता और संपन्नता प्राप्त होगी। इसके साथ ही अगर आपको कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो उसमें अब आपको अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
आपको अपने भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा जिससे परिवार में रिश्ते बेहतर एवं मज़बूत होंगे। सिंह राशि के बच्चों को सूर्य और बुध के प्रभाव के कारण अपने जीवन में प्रगति मिल सकती है। इससे आपकी सफलता और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। इस समयावधि में आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से उबर सकते हैं और कई तरह के कामों को करने के लिए प्रेरित रहेंगे।
कन्या राशि के लोगों को साल 2025 में शानदार सफलता मिलने के योग हैं। चूंकि, बुध पहले और दसवें भाव का स्वामी है और अब वह सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है इसलिए इस समय आपको कई क्षेत्रों में सफलता मिल सकती है। आपका वैवाहिक संबंध सफल होगा और आप दोनों एक-दूसरे का सम्मान करेंगे एवं एक-दूसर के प्रति जिम्मेदार बनेंगे। इसके अलावा, जमीन या प्रॉपर्टी से संबंधित सभी लंबित मामले सुलझ सकते हैं। इससे आपको भौतिक और भावनात्मक रूप से संतुष्टि प्राप्त होगी।
यदि आप काम करते हैं, तो आपको कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने के आसार हैं और आपको अपने करियर में प्रगति करने के कई अवसर मिल सकते हैं। इस समय आपकी स्वास्थ्य समस्याएं ठीक हो जाएंगी और आप आसानी से वित्तीय अड़चनों को पार कर पाएंगे।
तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह सूर्य के साथ आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान रहेंगे जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। इस योग से आपकी आमदनी में स्थिरता आएगी और आप अधिक धन कमा सकते हैं और भौतिक इच्छाओं को अपने प्रयासों, बुद्धि एवं प्रभाव से पूरा कर पाएंगे। आप ग्रुप, सामाजिक संगठन या ऑनलाइन कम्युनिटी में लीडर बन सकते हैं। व्यापारियों, समाज की बड़ी हस्तियों या पीआर/कम्युनिकेशन में काम करने वाले लोगों के लिए अनुकूल समय है।
ग्यारहवां भाव इच्छाओं का होता है। यदि यह भाव पीडित हो, तो व्यक्ति बहुत ज्यादा भौतिक चीज़ों से मोह रखने वाला, बिखरा हुआ या असंतुष्ट हो सकता है। वह लोकप्रियता या लग्ज़री के पीछे भाग सकता है। चूंकि, बुध का संबंध मोक्ष यानी बारहवें भाव से भी है, इसलिए इसके अस्त या पीडित होने पर व्यक्ति बाहरी लाभ के चक्कर में आंतरिक विकास को अनदेखा कर सकता है। यदि खासतौर पर मंगल, शनि या राहु की इस योग पर दृष्टि पड़ रही हो, तो आपके अपने बड़े भाई-बहनों के साथ अहंकार को लेकर टकराय या संचार संबंधित समस्याएं होने का डर रहता है।
वृश्चिक राशि के लिए बुधादित्य राजयोग 2025 लाभकारी सिद्ध होगा। आपकी समृद्धि बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आपको अचानक से वित्तीय लाभ होने के संकेत हैं और आपको अपना पैसा वापस भी मिल सकता है। निवेश से होने वाले धन लाभ से आपके जीवन में स्थिरता आने की संभावना है।
नौकरीपेशा जातकों की समाज में स्थिति बेहतर होगी और उनके पास काम के कई अवसर हो सकते हैं। इसके अलावा पारस्परिक संबंधों के बेहतर होने के कारण अपने करीबियों से आपके रिश्ते मजबूत होंगे। इस समयावधि में आपकी सेहत अच्छी रहेगी और आप अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे।
धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब सूर्य के साथ आपके नौवें भाव में रहेंग जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। इस योग से धनु राशि वालों को असीम लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि इस समय उन्हें अपने भाग्य का पूरा साथ मिल पाएगा। आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। आपके अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते बेहतर होंगे और इस समय आपको अपनी संतान के जन्म लेने की खबर मिल सकती है।
इस समयावधि में आपको अपने पिता और गुरुजनों का सहयोग मिलेगा। इसके अलावा आप अपने निजी एवं पेशेवर जीवन में प्रगति करेंगे। इस दौरान आपकी वित्तीय स्थिति भी स्थिर रहेगी और आप प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच सकते हैं। आपको ऑफिस में प्रमोशन भी मिल सकता है।
मकर राशि के छठे और नौवें भाव के स्वामी बुध अब इस राशि के आठवें भाव में सूर्य के साथ उपस्थित रहेंगे। इस तरह मकर राशि के आठवें भाव में सिंह राशि में बुधादित्य योग बनने से शोधकर्ताओं और विद्वानों को लाभ मिलेगा और इस योग से उन्हें अपने शोध में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। ये दोनों ग्रह आठवें भाव में रहेंगे जिससे आपको असीम बुद्धि प्राप्त होगी और आप दीर्घकालिक बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे।
हालांकि, सूर्य और बुध की इस युति से आपको त्वचा से संबंधित कुछ बीमारियां और रैशेज़ आदि परेशान कर सकते हैं। इस दौरान आपको अचानक आर्थिक लाभ होने के भी संकेत हैं और आपकी वित्तीय स्थिति मज़बूत होगी। व्यापारियों और नौकरीपेशा जातकों दोनों को ही पेशेवर लाभ होने के आसार हैं।
कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और आपके सातवें भाव के स्वामी सूर्य ग्रह हैं। अब ये दोनों ग्रह एकसाथ सातवें भाव में रहेंगे जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हाोगा। वैवाहिक संबंध मज़बूत होगा और हो सकता है कि आपके और आपके पार्टनर के बीच उम्र का बड़ा फासला हो। कंसल्टेंसी, कानूनी परामर्श, संचार, शिक्षण या पार्टनरशिप या साझेदारी में किए गए व्यवसायों में नेतृत्व से संबंधित भूमिकाओं में शानदार संभावनाएं मौजूद हैं।
आप एक प्रभावशाली पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं या फिर खुद अपने रिश्ते में पार्टनर पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं। सातवां भाव सामाजिक लेन-देन और कानूनी मामलों को दर्शाता है। यदि यह योग अशुभ ग्रहों जैसे कि शनि, राहु या मंगल से पीडित हो, तो शादीशुदा जिंदगी में कलह या कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकता है। यह योग व्यक्ति को खासतौर पर व्यक्तिगत लेन-देन और जिम्मेदारियों को लेकर अपने ज्ञान और शक्ति का समझदारी से उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
मीन राशि के छठे भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और अब वह आपके छठे भाव में ही प्रवेश करने जा रहे हैं। बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं जिससे आपके छठे भाव में सिंह राशि में बुधादित्य योग बनने जा रहा है। इस योग के कारण आप एक मज़बूत प्रतिद्वंदी के रूप में सामने आ सकते हैं। आप प्रतियोगी परीक्षाओं, कानूनी मामलों और कार्यक्षेत्र में शत्रुता के मामले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। इन जातकों में अधिक दबाव या मतभेद की स्थिति में विश्लेषण करने, तर्क करने और मानसिक स्पष्टता अधिक रहती है।
कानून, मेडिसिन, सरकारी सेवा, रक्षा, अकाउंटिंग या आपदा प्रबंधन जैसे पेशों के लिए लाभकारी समय है। ये जातक अपने विरोधियों पर विजय प्राप्त करेंगे, अपने कर्ज को जल्दी चुका पाएंगे और विवादों को कुशलता से सुलझाते हुए नज़र आएंगे। अगर यह योग शनि, राहु या मंगल से पीडित हो, तो तंत्रिका तंत्र, पाचन या त्वचा से संबंधित मामूली समस्याएं हो सकती हैं। सूर्य का छठे भाव में होने से आप दूसरों पर हावी होने या उन्हें नियंत्रण करने की कोशिश कर सकते हैं जिससे आपके निजी जीवन और करियर में मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं।
सिंह राशि में बुधादित्य योग: उपाय
आप रोज़ सुबह आदित्य हृदयम स्रोत का पाठ करें।
गरीब लोगों को गुड़, चना और लाल रंग के वस्त्र दान करें।
नियमित रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
हर बुधवार को गणेश अभिषेक करें।
गाय को हरा चारा खिलाएं और किसी भी तरह से उनकी सेवा करें।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. किन दो ग्रहों की युति से बुधादित्य योग बनता है?
उत्तर. सूर्य और बुध की युति से।
प्रश्न 2. इन दोनों ग्रहों द्वारा अलग-अलग बनने वाले योग कौन से हैं?
उत्तर. भद्रा योग, वाशी योग और वेशी योग।
प्रश्न 3. किन दो ग्रहों से गजकेसरी योग बनता है?
उत्तर. बृहस्पति और चंद्रमा से।
शुक्र-बुध की युति से बनेगा लक्ष्मीनारायण योग, इन जातकों की चमकेगी किस्मत!
एस्ट्रोसेज एआई हमेशा यही कोशिश करता है कि हर नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष से जुड़ी ताजा और सबसे जरूरी जानकारी दी जाए, ताकि आप ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया की हर बड़ी घटना से जुड़े रहें। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे लक्ष्मी नारायण योग की जो कर्क राशि में शुक्र और बुध के युति से बनने जा रहा है। इसके अलावा, यह योग किस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा यह भी इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। बता दें कि यह विशेष योग 21 अगस्त 2025 की मध्यरात्रि 01 बजकर 8 मिनट पर बनने वाला है।
लक्ष्मी नारायण योग वैदिक ज्योतिष में एक बहुत ही शुभ योग माना जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में धन, समृद्धि, बुद्धि और समाज में मान-सम्मान लाने वाला होता है। यह योग तब बनता है जब कुंडली में शुक्र और बुध की स्थिति और आपसी संबंध अच्छे होते हैं। यह योग इस बात का प्रतीक होता है कि जब दिव्य बुद्धि भगवान विष्णु (नारायण) और देवी लक्ष्मी का मिलन होता है, तब जीवन में संतुलन और खुशहाली आती है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है, उनका जीवन अक्सर शांतिपूर्ण, संतुलित और नैतिकता से भरा होता है। ऐसे लोग समाज सेवा की भावना भी रखते हैं और उन्हें जीवन में सफलता और सम्मान भी मिलता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
लक्ष्मी नारायण योग कब बनता है?
जब बुध और शुक्र एक साथ हों यानी युति कर रहे हों या एक-दूसरे को देख रहे हों।
ये दोनों ग्रह लग्न (जन्म कुंडली का पहला भाव) से केंद्र (पहले, चौथे, सातवें, दसवें) या त्रिकोण (पहले, पांचवें, नौवें) भावों में स्थित हों।
दोनों ग्रह अच्छी स्थिति में हों यानी नीच के न हों (कमजोर न हों) और राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे पाप ग्रहों से पीड़ित न हों।
लक्ष्मी नारायण योग बनने के कारक
लक्ष्मी नारायण योग दरअसल कुंडली में धन और आर्थिक सफलता की संभावना को दिखाता है, जो खास ग्रहों की स्थिति से बनता है। लेकिन सिर्फ ग्रहों की स्थिति से ही सब कुछ तय नहीं होता। जीवन में कब क्या होगा, हमारी मेहनत और बाकी कई ज्योतिषीय बातें भी इसके असर पर बड़ा फर्क डालती हैं। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बना होता है, उन्हें इसका पूरा फायदा तभी मिलता है जब वे अपनी किस्मत के साथ-साथ मेहनत, समझदारी और सही फैसलों से भी काम लें।
आखिर में, लक्ष्मी योग हमें यह सिखाता है कि ग्रह भले ही हमारे जीवन को एक दिशा दें, लेकिन हमारी असली सफलता और किस्मत हमारे खुद के काम और कोशिशों से ही बनती है। अगर हम अपने लक्ष्यों को सही मेहनत और अपनी कुंडली में मिले योगों के साथ जोड़कर आगे बढ़ें, तो जीवन में समृद्धि और खुशहाली जरूर मिलती है।
यदि यह योग कुंडली में सक्रिय और मजबूत हो, तो व्यक्ति को जीवन में कई तरह के शुभ फल मिलते हैं। इसके प्रभाव कुछ इस प्रकार होते हैं:
धन और आर्थिक समृद्धि मिलती है।
अच्छी शिक्षा और तेज़ बुद्धि प्राप्त होती है।
कलात्मक प्रतिभा और अच्छी बोलचाल की क्षमता मिलती है।
व्यक्ति में आकर्षण होता है और वह समाज में लोकप्रिय होता है।
संबंधों में मधुरता और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का अनुभव होता है।
समाज में सम्मान और पहचान मिलती है।
इस योग को सौभाग्य, सुंदरता और बुद्धिमत्ता का योग माना जाता है, जिसमें भौतिक सुख और आध्यात्मिक समृद्धि दोनों का संतुलन होता है। कुछ प्रसिद्ध लोगों की कुंडली में भी यह योग पाया जाता है, जैसे रानी मुखर्जी और अल्बर्ट आइंस्टीन। लेकिन सिर्फ योग का होना ही काफी नहीं होता। इसके असली फल कब मिलेंगे, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि इस समय किस ग्रह की महादशी चल रही है। अगर लक्ष्मी योग से जुड़े शुभ ग्रहों की महादशी चल रही हो, तो जीवन में बड़ा लाभ मिल सकता है। लेकिन अगर उस समय कोई अशुभ ग्रह प्रभाव में हो, तो इस योग के प्रभाव थोड़े कम हो सकते हैं। इसलिए कुंडली देखते समय महादशाओं का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है, तभी इस योग का पूरा असर समझा जा सकता है।
टैरो या ग्रह-नक्षत्र, आपके भविष्य का सही आईना कौन? जानें रहस्य सिर्फ Spotify Podcast पर
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र और बुध का दूसरा भाव (जो धन और परिवार का भाव है)में आना बहुत शुभ माना जाता है। यहां लक्ष्मी नारायण योग बनने से आपको नई आर्थिक संभावनाएं मिल सकती हैं। अगर आपका कोई पैसा कहीं अटका हुआ था तो अब उसके वापस मिलने के पूरे योग बन रहे हैं। यह योग रचनात्मक क्षेत्रों (जैसे गायन, अभिनय आदि) में काम करने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। परिवार का माहौल शांतिपूर्ण रहेगा और यदि किसी तरह के झगड़े या गलतफहमियां चल रही थी तो वे अब सुलझेगी। इस समय आपकी बोलने की कला भी प्रभावशाली होगी।
आप अपनी बुद्धिमत्ता और समझदारी से कई समस्याओं को केवल बातचीत से ही हल कर पाएंगे। कुल मिलाकर यह समय मिथुन राशि वालों के लिए धन, शांति और लोकप्रियता लाने वाला होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह योग 21 अगस्त से प्रभाव में आएगा और उनकी कुंडली के नौवें भाव में बनेगा, जो भाग्य और ईश्वर कृपा का संकेत है। इस समय भाग्य का साथ मिलने की पूरी संभावना है। व्यापार करना वालों के अच्छे समाचार मिल सकते हैं और जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें सभी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं।
कोई पुराना रुका हुआ काम पूरा होगा, जिससे आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। उच्च अधिकारियों या सरकार से संबंध मजबूत होंगे और जीवन में सकारात्मकता का अनुभव होगा। इस दौरान आपको अपने गुरुओं और मेंटर्स से भरपूर मार्गदर्शन और सहयोग मिल सकता है।
मीन राशि
मीन राशि की बात करें तो यह योग आपके पांचवें भाव में बन रहा है, जो संतान, निवेश और रचनात्मकता से जुड़ा होता है। इस समय संतान से जुड़ी कोई शुभ सूचना मिल सकती है। यदि आपने कहीं निवेश किया हुआ है, तो अब उसका अच्छा लाभ मिल सकता है। रचनात्मक क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को विशेष सफलता मिलेगी।
परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा और जीवनसाथी के साथ मिलकर किसी निवेश की योजना बन सकती है। शेयर बाजार से जुड़े लोगों की भी इस समय बड़ा मुनाफा मिलेगा। अगर कुंडली के अन्य ग्रह भी सहयोग करें। कुल मिलाकर यह समय मीन राशि वालों के लिए आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख-संतोष का संकेत देता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. लक्ष्मी नारायण योग कौन से ग्रह बनाते हैं?
बुध और शुक्र
2. यह योग किन भावों में प्रभावी होता है?
केंद्र भाव (1, 4, 7, 10), त्रिकोण भाव (5वां और 9वां) या दूसरा और 11वां भाव।
3. क्या यह एक प्रकार का राजयोग है?
हाँ
अजा एकादशी 2025 पर जरूर करें ये उपाय, रुके काम भी होंगे पूरे!
अजा एकादशी 2025: अजा एकादशी सनातन धर्म में अत्यंत पावन और फलदायी मानी जाती है। यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत और उपवास रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अजा का अर्थ होता है- जिसका कभी जन्म न हो, अर्थात् यह एकादशी हमें आध्यात्मिक जन्म और शुद्धि का अवसर देती है। इस व्रत का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि कहा जाता है कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र को इस व्रत के प्रभाव से ही अपने खोए हुए राज्य, पत्नी और पुत्र की पुन: प्राप्ति हुई थी। अत: यह व्रत कठिन जीवन परिस्थितियों से मुक्ति और आत्मबल की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है। जो भी श्रद्धालु इस दिन नियम, संयम और भक्ति के साथ उपवास करते हैं, उन्हें भगवान श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम अजा एकादशी 2025 व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे, साथ ही इसके महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और कुछ उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो चलिए बिना किसी देरी के अपने ब्लॉग की शुरुआत करते हैं।
अजा एकादशी 2025: तिथि और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त की शाम 05 बजकर 24 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 19 अगस्त की दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को किया जाएगा।
अजा एकादशी पारण मुहूर्त : 20 अगस्त की सुबह 05 बजकर 52 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 36 मिनट
दिल टूटा… लेकिन क्यों? इस पॉडकास्ट में बताएंगे हमारे ज्योतिष
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
अजा एकादशी का महत्व
अजा एकादशी सनातन धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायिनी तिथि मानी जाती है। यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस दिन व्रत और उपवास रखने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपने पिछले पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, और इस दिन भक्तजन विशेष रूप से भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं। यह एकादशी कष्टों के निवारण, पापों के प्रायश्चित और सद्गति की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है, जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमपूर्वक इस व्रत को करता है, उसे स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। और जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत के साथ-साथ दान, जप और भगवान विष्णु का स्मरण करना विशेष फलदायी माना जाता है।
अजा एकादशी का व्रत करने के लिए दशमी के दिन सादा और सात्विक भोजन करें। रात को जल्दी सो जाएं और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, स्वच्छ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
घर के पूजा स्थान को साफ कर वहां भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद दीपक जलाएं और भगवान विष्णु को चंदन, फूल, तुलसी, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। इस दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें या विष्णु सहस्रनाम पढ़ें।
इस दिन पूजा के दौरान श्री विष्णु जी की कथा व अजा एकादशी व्रत कथा को श्रद्धा से सुनें या पढ़ें।
व्रतधारी दिनभर उपवास करें। इस दिन केवल फलाहार या पानी पी सकते हैं।
दिन में भगवान का नाम जपें, भजन करें और धार्मिक पुस्तकें पढ़ें।
इस दिन रात को भगवान विष्णु की आरती करें और भजन कीर्तन करें।
रात में एक बार कुछ फल या दूध ले सकते हैं।
द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद और मध्याह्न से पहले व्रत खोलें। पहले ब्राह्मणों को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें। फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें।
अजा एकादशी की व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में हरिश्चंद्र नामक एक राजा थे। वे सत्यवादी, धर्मनिष्ठा और प्रजावत्सल थे। एक बार उन्होंने अपने राज्य स्त्री और पुत्र व अन्य सभी कुछ त्याग दिया और एक चांडाल के यहां श्मशान में काम करने लगे। उन्हें यह कष्ठ एक ऋषि के श्राप के कारण मिला था। राजा हरिश्चंद्र अत्यंत दुखी थे, पर उन्होंने सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। वे श्मशान में कार्य करते हुए अपना जीवन यापन कर रहे थे और अपने पुत्र को भी खो चुके थे। वह प्रतिदिन सोचते थे कि उन्हें इस कष्ट से कब मुक्ति मिलेगी। एक दिन महर्षि गौतम वहां आए। उन्होंने राजा हरिश्चंद्र की दयनीय स्थिति देखी और उन्हें अजा एकादशी व्रत करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा – हे राजन यदि आप भाद्रपद कृष्ण एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करते हैं,तो आपके समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे और आप अपने पूर्व जीवन की अवस्था में लौट आएंगे। राजा ने महर्षि के कहे अनुसार श्रद्धा से अजा एकादशी का व्रत किया। व्रत पूर्ण होते ही उनके समस्त पाप समाप्त हो गए। उनकी पत्नी और पुत्र पुन: प्राप्त हो गए और स्वर्ग से देवदूत रथ लेकर आए तथा उन्हें स्वर्ग ले गए।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी या जल से स्नान करें।
पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें तुलसी, पीले फूल, पंचामृत, धूप-दीप अर्पित करें।
इस दिन भगवत गीता का पाठ जरूर करें।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, पैसे या ज़रूरत की चीज़ों का दान करें।
पवित्रता का पालन करें और मन को शांत रखें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
क्या न करें
एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है। यह नियम भगवान विष्णु की पूजा से जुड़ा है।
व्रतधारी दिन में न सोए और मन में गलत भाव न लाएं।
झूठ, क्रोध, निंदा, अपशब्द से बचें और पूरी तरह सात्विक आचरण करें।
मांसाहार, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि न खाएं क्योंकि तामसिक भोजन एकादशी के दिन वर्जित होता है।
शुभ कार्य जैसे-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि न करें क्योंकि चातुर्मास की शुरुआत होने से ये सभी कार्य वर्जित हो जाते हैं।
एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, बल्कि पहले से तोड़े हुए पत्ते ही भगवान को चढ़ाए।
अजा एकादशी के दिन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए जरूर करें ये आसान उपाय
धन प्राप्ति के लिए
अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष पीले पुष्प, तुलसी पत्र और केसर मिश्रित खीर अर्पित करें। इसके बाद ॐ श्रीं नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय आर्थिक स्थिति को सुधारता है और धन की वृद्धि करता है।
पारिवारिक कलह शांति के लिए
एकादशी की सुबह स्नान करके गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु के समक्ष ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 21 बार उच्चारण करें। दीपक में लौंग डालें और घर के प्रत्येक कोनों में घुमा लें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
इस दिन भगवान विष्णु को सफेद मिठाई का भोग लगाएं। फिर दंपत्ति साथ में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। यह उपाय संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए शुभ होता है।
मन की शांति व मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए
एकादशी व्रत के दौरान सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। शांत स्थान पर बैठकर “ॐ नमो नारायणाय का जाप 108 बार करें। इससे मन स्थिर रहता है और मानसिक शांति मिलती है।
बुरी नज़र या बाधा से बचाव के लिए
अजा एकादशी की रात को मुख्य द्वार पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। द्वार पर घी का दीपक जलाएं और नींबू पर सात बार ऊंट के बाल घुमा कर बाहर फेंक दें। यह घर को नजर दोष और शत्रु बाधा से बचाता है।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए
सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना जरूर करें। साथ ही भगवान विष्णु को उनके प्रिय चीज़ों का भोग अवश्य लगाएं।
सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए
अजा एकादशी के दिन तुलसी पौधे की पूजा-अर्चना करना उत्तम फलदायी माना जाता है। आपको बता दें तुलसी पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इस उपाय को करने से व्यक्ति का वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। साथ ही, रिश्ते भी मजबूत होते हैं।
मनचाही नौकरी पाने के लिए
अजा एकादशी के दिन पूजा के दौरान एक सिक्के पर रोली, अक्षत और फूल चढ़ाएं। इसके बाद उसे लाल कपड़े में बांधकर घर या ऑफिस में रख दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनने लग जाते हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
सभी कार्यों में सफलता के लिए
हिंदू धर्म में सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए अन्न और वस्त्र का दान करना शुभ साबित होगा। साथ ही, व्यक्ति को उत्तम परिणाम भी प्राप्त होते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. अजा एकादशी 2025 का व्रत कब रखा जाएगा?
अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को किया जाएगा।
2. अजा एकादशी के दिन किस देवता की पूजा की जाती है?
इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
3. अजा एकादशी के दिन आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए क्या उपाय करें?
आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु के समक्ष पीले पुष्प, तुलसी पत्र और केसर मिश्रित खीर अर्पित करें।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर, इन राशि वालों पर पड़ेगा भारी, इन्हें होगा लाभ!
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं शुक्र का कर्क राशि में गोचरसे संबंधित यह खास ब्लॉग। 21 अगस्त, 2025 को शुक्र का कर्क राशि में गोचर होने जा रहा है। इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि शुक्र के इस गोचर का देश-दुनिया एवं राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि में शुक्र का होना रिश्तों में सुरक्षा की भावना और भावनात्मक स्तर पर मजबूत संबंध की प्रबल इच्छा और दूसरों की देखभाल करने की क्षमता को दर्शाता है। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र इस राशि में होता है, वे जातक प्रेम संबंधों, परिवार और घर को अत्यधिक महत्व देते हैं। ये दूसरों की देखभाल कर के और भावनात्मक रूप से करीब रह कर अपने प्यार को दर्शाते हैं। इन्हें रिश्ते में स्नेह और सुरक्षा की भावना चाहिए होती है। ये जातक अक्सर ऐसे लोगों के प्रति आकर्षित होते हैं जो इनकी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता की कद्र करते हैं।
शुक्र ग्रह 21 अगस्त, 2025 को रात्रि 01 बजकर 08 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। तो चलिए जानते हैं कि शुक्र के कर्क राशि में गोचर करने के दौरान किन राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
दिल टूटा… लेकिन क्यों? इस पॉडकास्ट में बताएंगे हमारे ज्योतिष
शुक्र का कर्क राशि में गोचर : इन राशि वालों को होगा लाभ
मेष राशि
मेष राशिके दूसरे और सातवें भाव का स्वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आमतौर पर चौथे भाव में शुक्र के गोचर को लाभकारी माना जाता है और इससे शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। शुक्र का कर्क राशि में गोचर कई तरह से आपकी सहायता कर सकता है और आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
धन भाव यानी दूसरे भाव के स्वामी के अपने से तीसरे भाव में गोचर करने की वजह से आपको इस समय आर्थिक लाभ होने के संकेत हैं। आपको रियल एस्टेट या प्रॉपर्टी से संबंधित सुख-सुविधा मिल सकती हैं। इसके अलावा आपके अपने परिवारजनों और रिश्तेदारों से संबंध मजबूत होंगे। दूसरों के साथ आपके संबधों में प्रगाढ़ता आएगी।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
वृषभ राशि
वृषभ राशि के छठे और लग्न भाव के स्वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के तीसरे भाव में गोचर करने को शुभ माना जाता है। शुक्र का कर्क राशि में गोचर करना आपकी मित्रता को मजबूत करेगा। आपके दोस्त आपकी मदद भी कर सकते हैं। इस समय आपका आत्मविश्वास उच्च रहेगा और आपको कहीं से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इस पूरी समयावधि में आप भाग्यशाली रहने वाले हैं। आपको अपने भाई-बहनों से सकारात्मक सहयोग और आनंद मिल सकता है। यदि आप किसी भी तरह से सरकार क्षेत्र से संबंधित कोई कार्य करते हैं, तो यह गोचर सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। कुल मिलाकर आपको शुक्र के इस गोचर से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
मिथुन राशि के दूसरे भाव में शुक्र का यह गोचर होने जा रहा है। शुक्र इस राशि के पांचवे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। चूंकि, शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होने जा रहा है इसलिए इससे आपको उत्कृष्ट परिणाम मिलने के संकेत हैं। इस समय आपको सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इस गोचर काल में आपके लिए नए वस्त्र या आभूषण खरीदना लाभकारी रहेगा। आपकी संगीत और गायन में रुचि बढ़ सकती है। जिन लोगों का साहित्य, कला या संगीत से संबंध है, उन्हें शुक्र के इस गोचर से सकारात्मक प्रभाव मिलने के संकेत हैं।
आपके परिवार में कोई महत्वपूर्ण अवसर आ सकता है या आपको अपने प्रियजनों के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिल सकता है। इस दौरान आपको वित्तीय लाभ होने के भी आसार हैं। प्रशासनिक या सकरार से संबंधित मामलों में सकारात्मक परिणाम मिलने की वजह से आप मानसिक रूप से संतुष्ट महसूस करेंगे। कुल मिलाकर आपको शुक्र का कर्क राशि में गोचर से सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
कर्क राशि के पहले या लग्न भाव में शुक्र गोचर करने जा रहे हैं। इस राशि के चौथे और ग्यारहवें भाव पर शुक्र का आधिपत्य है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि शुक्र के पहले भाव में उपस्थित होने पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शुक्र के कर्क राशि में गोचर करने पर आपको अधिक सुख-सुविधाएं और लग्ज़री मिलने के आसार हैं। शुक्र लाभ भाव का भी स्वामी है और अब वह आपके पहले भाव में गोचर कर रहा है, इसका मतलब है कि इससे आपको कई तरह से लाभ मिल सकता है। शुक्र के कर्क राशि में गोचर करने के दौरान आपको खासतौर पर वित्तीय मामलों में अनुकूल परिणाम मिलने के संकेत हैं।
यदि आप छात्र हैं और खासतौर पर साहित्य और कला में आपकी रुचि है, तो शुक्र के इस गोचर का आपकी शिक्षा पर लाभकारी प्रभाव पड़ेगा। प्रेम संबंधों के लिए भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल रहने वाला है। इस गोचर से आपको अपनी वैवाहिक समस्याओं को सुलझाने में मदद मिल सकती है। इस गोचर काल में आपको मनोरंजन, आनंद और आराम करने का मौका मिलेगा। आपको अपने करियर या व्यवसाय में भी सफलता मिलने के योग हैं।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
कन्या राशि
कन्या राशि के नौवें और दूसरे भाव के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। कुंडली का नौवां भाव भाग्य और दूसरा भाव धन का कारक होता है। शुक्र का कर्क राशि में गोचर के दौरान शुक्र आपके ग्यारहवें भाव में रहेंगे जो कि लाभ का भाव है। चूंकि, ज्यादातर ग्रह ग्यारहवें भाव में विराजमान होने पर सकारात्मक परिणाम ही देते हैं , इसलिए शुक्र के इस भाव में उपस्थित रहने से आपको अपने आप ही लाभकारी परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। आप आर्थिक रूप से उन्नति करेंगे और आपको वित्तीय रूप से मजबूत होने के अवसर भी मिलेंगे। ऐसा दूसरे भाव के स्वामी के लाभ भाव में प्रवेश करने की वजह से हो सकता है। आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा। धन भाव के स्वामी का लाभ भाव में होना अत्यंत लाभकारी होता है।
आपको ये परिणाम लाभ धन के मामले में ही नहीं बल्कि जीवन के कई पहलुओं में देखने को मिल सकते हैं। आपको पारिवारिक और वित्तीय दोनों मामलों में सफलता मिलने के आसार हैं। शुक्र का कर्क राशि में गोचर करने के दौरान आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी जिससे आपके धन एवं संपन्नता में वृद्धि होगी। आपको अपने दोस्तों और सहयोगियों से सहायता मिलने की उम्मीद है। कुल मिलाकर आपको इस गोचर से अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है।
वृश्चिक राशिके सातवें और बारहवें भाव का स्वामी शुक्र देव हैं और अब इस गोचर के दौरान वह आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली का नौवां भाव लंबी यात्राओं, धर्म, भाग्य और संपन्नता का कारक होता है। शुक्र के नौवें भाव में गोचर करने को शुभ माना जाता है इसलिए शुक्र के कर्क राशि में गोचर से आपको अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है। सप्तमेष के भाग्य के भाव में प्रवेश करने से आप अपने व्यावसायिक और पेशेवर गठबंधनों का विस्तार करेंगे। यदि आप व्यापारी हैं या अपनी खुद की कंपनी चलाते हैं, तो इस गोचर से आपको उन्नति और सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
यदि आपका किसी अधिकारी से संपर्क है या आप सरकारी क्षेत्र में काम करते हैं, तो आपको अच्छा सहयोग मिल सकता है। धार्मिक या आध्यात्मिक यात्रा की योजना बनाने के लिए यह समय उत्तम रहेगा। ये यात्राएं आपके लिए फलदायी और लाभकारी सिद्ध होंगी। इसके अलावा परिवार और रिश्तेदारों के साथ घर या परिवार में कोई शुभ कार्यक्रम हो सकता है।
इस राशि के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी शुक्र ग्रह हैं जो कि अब आपके पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। माना जाता है कि शुक्र का पांचवे भाव में गोचर करना अत्यंत सकारात्मक परिणाम प्रदान करता है। जो लोग कला और साहित्य के क्षेत्र में काम करते हैं, उन्हें इस गोचर से अत्यंत लाभ मिलने की संभावना है। इस समय इनकी रचनात्मकता में वृद्धि हो सकती है। मनोरंजन से संबंधित मामलों में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
छात्रों को अपने विचारों को नियंत्रित करने और पढ़ाई पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसा कर के उन्हें उत्कृष्ट परिणाम मिल सकते हैं। इस गोचर का प्रेम संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भाग्य का साथ मिलने की वजह से आप उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।
सच्चे प्यार की पहचान कैसे करें? जानें हमारे ज्योतिष से इस खास पॉडकास्ट में
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: इन राशियों को होगा नुकसान
मकर राशि
मकर राशि के सातवें भाव में शुक्र का यह गोचर होने जा रहा है। शुक्र इस राशि के पांचवे और दसवें भाव के स्वामी हैं। काल पुरुष की कुंडली में सातवे भाव को शुक्र का ही माना जाता है। इसका मतलब है कि शुक्र सातवें भाव का कारक है। आमतौर पर इस भाव में शुक्र के गोचर को अनुकूल नहीं माना जाता है। इस गोचर की वजह से यात्रा में असुविधा और प्रजनन अंगों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं के साथ मनमुटाव होने की आशंका है।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर होने के दौरान आपको अपने जीवन की हर तरह की परिस्थिति को लेकर जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। आपकी आय में समय-समय पर उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। यदि आप प्रेम विवाह करने की सोच रहे हैं, तो पंचमेश का सातवें भाव में आना आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसके अलावा, चूंकि दशमेश सातवें भाव में आ गया है इसलिए कला, साहित्य या मनोरंजन के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। भले ही यह गोचर बहुत लाभकारी न हो, फिर भी शासन की दृष्टि से यह सकारात्मक परिणाम दे सकता है। इस प्रकार शुक्र का कर्क राशि में गोचर विभिन्न प्रकार के प्रभाव लेकर आएगा।
कुंभ राशि के छठे भाव में शुक्र का यह गोचर होने जा रहा है। शुक्र आपकी राशि के चौथे और नौवें भाव का स्वामी है। शुक्र के छठे भाव में गोचर करने को लाभकारी नहीं माना जाता है इसलिए इस गोचर के दौरान आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इस समयावधि में आपको अपने शत्रुओं पर नज़र रखनी चाहिए। अगर आपका किसी से मतभेद या शत्रुता है, तो उनकी हर एक गतिविधि पर पैनी नज़र रखें। इस समय आपको अपनी सेहत पर भी ध्यान देना चाहिए।
इस गोचर के दौरान चौथे भाव के स्वामी के छठे भाव में प्रवेश करने से आपके घर और पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। इसी तरह नवम भाव के स्वामी के छठे भाव में आने से भाग्य का साथ कम मिल पाता है। इसलिए इस गोचरकाल में आपको अपने भाग्य पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि अधिक प्रयास करने चाहिए और अपने कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद और गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें।
छोटी कन्याओं को घी, वस्त्रों, चावल, चीनी और दूध का दान करें।
महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें कॉस्मेटिक का सामान भेंट करें।
आप ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
फूड और बिज़नेस
पूरे विश्व में होटल के व्यवसाय में वृद्धि देखने को मिल सकती है जिससे सारे होटल व्यापारी प्रसन्न रहेंगे।
फूड बिज़नेस में अचानक से वृद्धि देखने को मिलेगी और कई लोग फूड बिज़नेस को अपना पेशा बना सकते हैं।
खाद्य पदार्थों, पैकेज्ड फूड या सूखे मेवों के आयात और निर्यात के काम में बढ़ोतरी होगी और इससे सरकार को अधिक राजस्व मिल सकता है।
रचनात्मक कला और फैशन बिज़नेस
दुनियाभर में फैशन इंडस्ट्री और फैशन बिज़नेस में तेजी देखने को मिल सकती है।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर कॉस्मेटोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन जैसे पेशों को सहयोग मिल सकता है।
ब्यूटी ट्रीटमेंट से जुड़ी तकनीकों और मशीनरी एवं उपकरणों में प्रगति आएगी।
राजनीति और सरकार
सरकार, रेशम और पशमीना आदि कपड़ों के आयात-निर्यात से जुड़ी कुछ नीतियां लेकर आ सकती है जिससे लोगों को वस्त्र उद्योग से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
भारत और विश्व स्तर पर परिवहन और ऑटामोबाइल इंडस्ट्री खूब फल-फूलेगी।
सरकार एयरलाइंस, शिपिंग और रेलवे का समर्थन करने वाले मुक्त व्यापार के कानूनों का लाभ उठा सकती है।
कलात्मक क्षेत्र जैसे कि डिज़ाइनिंग, इंटीरियर डेकोरेशन और ग्लास उत्पादों से संबंधित काम में ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर: स्टॉक मार्केट रिपोर्ट
अब 21 अगस्त, 2025 को शुक्र कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं और इस गोचर का स्टॉक मार्केट पर भी प्रभाव पड़ेगा। तो चलिए जानते हैं कि इस गोचर के दौरान स्टॉक मार्केट में किस तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर से वस्त्र उद्योग और हैंडलूम मिलों को फायदा होगा।
परफ्यूम और गारमेंट उद्योग के साथ-साथ फैशन एसेसरीज़ इंडस्ट्री में भी तेजी देखी जा सकती है।
व्यावसायिक सलाहकार और लेखन या मीडिया विज्ञापन से संबंधित कपंनियों और प्रिंट, दूरसंचार एवं प्रसारण उद्योग के सभी बड़े नामों को सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
आर्किटेक्चर, इंटीरियर डिज़ाइनिंग और फाइनेंस से जुड़ी कंपनियों को इस गोचर से फायदा होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र किस राशि में उच्च के माने जाते हैं?
उत्तर. मीन राशि में।
प्रश्न 2. शुक्र कितने डिग्री पर उच्च के माने जाते हैं?
उत्तर. 27 डिग्री पर।
प्रश्न 3. दूरी के हिसाब से कौन सा ग्रह शुक्र के सबसे नज़दीक का है?
उत्तर. बुध ग्रह।
अगस्त के इस सप्ताह राशि चक्र की इन 3 राशियों पर बरसेगी महालक्ष्मी की कृपा, धन-धान्य के बनेंगे योग!
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025: एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठको के लिए साप्ताहिक राशिफल का यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसके अंतर्गत आपको जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के सही एवं सटीक जवाब प्राप्त होंगे जैसे कि इस सप्ताह आर्थिक जीवन में किन राशियों को करना होगा धन समस्याओं का सामना या फिर धन की होगी बरसात?
प्रेम जीवन रहेगा प्रेम से गुलज़ार या परेशानियां आएंगी बार-बार? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे साप्ताहिक राशिफल के इस ब्लॉग में मिलेंगे। बता दें कि हमारे अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की चाल, दशा और स्थिति का विश्लेषण करके 18 अगस्त से लेकर 24 अगस्त 2025 पर आधारित इस लेख को तैयार किया गया है ताकि आप आने वाले इस सप्ताह को बेहतर बनाने में सक्षम हों सकें। इसके अलावा, आपको ग्रहों की स्थिति के आधार पर कुछ सरल एवं अचूक उपाय भी प्रदान किए जाएंगे।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, अगस्त के तीसरे सप्ताह यानी कि साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग आपको 18 अगस्त से 24 अगस्त 2025 तक की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस हफ़्ते में कब-कब कौन से व्रत-त्योहार पड़ेंगे और कब ग्रहों की चाल एवं स्थिति में बदलाव होगा? शुभ एवं मांगलिक कार्य इस हफ्ते किस तिथि पर किए जा सकेंगे? इस सप्ताह में किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आता है? इसके बारे में भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और राशि अनुसार आपको अवगत करवाते हैं अगस्त 2025 का यह हफ़्ता राशि चक्र की सभी 12 राशियों को किस तरह के परिणाम देगा।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
जैसे कि हम जानते हैं कि जल्द ही हम अगस्त के तीसरे सप्ताह में प्रवेश करने जा रहे हैं जो कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। बात करें पंचांग की, तो इस हफ़्ते की शुरुआत रोहिणी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि यानी कि 18 अगस्त 2025 को होगी।
वहीं, इस सप्ताह की समाप्ति पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि यानी कि 24 अगस्त 2025 को हो जाएगी। इसके अलावा, इस दौरान कई ग्रहों के गोचर के साथ-साथ प्रमुख व्रत-त्योहार भी पड़ेंगे जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे। अब जान लेते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहारों के बारे में।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025 में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग का यह सेक्शन बहुत ख़ास हैं जहां आपको व्रत एवं त्योहारों से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी, क्योंकि आजकल की व्यस्त ज़िन्दगी में हम कई प्रमुख पर्वों की तिथियों को भूल जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप इन व्रत-त्योहार की तैयारी सही तरीके से नहीं कर पाते हैं और आपके आपके साथ ऐसा न हो।
साथ ही, आप हर पर्व का प्रियजनों के साथ आनंद ले सकें, इसलिए यहां हम आपको इस सप्ताह के व्रत एवं पर्वों की तिथि प्रदान कर रहे हैं। तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं इस सप्ताह के व्रत एवं पर्वों की तिथियों से।
अजा एकादशी (19 अगस्त 2025, मंगलवार): हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि एक माह में दो एकादशी तिथि आती है। इसी प्रकार, अगस्त के इस महीने में पहले श्रावण पुत्रदा एकादशी और दूसरी अजा एकादशी आएगी। ऐसी मान्यता है कि जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को अजा एकादशी अतिप्रिय है, इसलिए इस एकादशी का व्रत करने से विष्णु जी और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह अन्नदा एकादशी के नाम से भी जानी जाती है।
प्रदोष व्रत (कृष्ण) (20 अगस्त 2025, बुधवार): प्रत्येक माह किए जाने वाले प्रदीश व्रत को हिंदू धर्म में विशेष माना जाता है जो हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। अगस्त में प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2025 को किया जाएगा और इस व्रत में सूर्यास्त का समय महत्वपूर्ण माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि (21 अगस्त 2025, गुरुवार): हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शिव भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि व्रत विशेष होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले जातक द्वारा शिव जी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। साथ ही, भक्त की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।
भाद्रपद अमावस्या (23 अगस्त 2025, शनिवार): सनातन धर्म में हर महीने अमावस्या तिथि आती है जो कि पितरों की शांति, कालसर्प दोष और दान-पुण्य के निवारण के लिए कल्याणकारी होती है। मान्यता है कि भाद्रपद को भगवान कृष्ण का महीना कहा जाता है इसलिए भाद्रपद अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में, कुशा घास एकत्रित करने और श्राद्ध कार्य करने के लिए यह तिथि सर्वश्रेष्ठ होता है।
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष में ग्रहों की चाल और स्थिति में होने वाला छोटे से छोटे बदलाव भी मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, जीवन के किसी भी क्षेत्र की भविष्यवाणी करने के लिए ग्रहों की स्थिति और दशा का विशेलषण किया जाता है, इसलिए आपको ग्रहों के गोचर और ग्रहण की जानकारी बेहद आवश्यक होता है। हम इस ब्लॉग में आपके लिए 18 से 24 अगस्त के इस सप्ताह के ग्रहण और गोचर की जानकारी लेकर आये हैं। तो चलिए शुरुआत करते हैं और जान लेते हैं कि कब-कब इस हफ़्ते ग्रह करेंगे अपनी चाल में बदलाव।
शुक्र का कर्क राशि में गोचर (21 अगस्त 2025): शुक्र देव को प्रेम, ऐश्वर्य और भोग-विलास के कारक ग्रह के रूप में जाना जाता है इसलिए इनका गोचर महत्वपूर्ण माना जाता है जो अब 21 अगस्त 2025 की रात 01 बजकर 08 मिनट पर चंद्र देव की राशि कर्क में प्रवेश करने जा रहे हैं।
बात करें इस सप्ताह में लगने वाले ग्रहण की, तो अगस्त 2025 के तीसरे सप्ताह में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं इस सप्ताह के शुभ मुहूर्तों से।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025के शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि हर तरह के शुभ और मांगलिक कामों को सदैव शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। इसी क्रम में, हम आपको नीचे अन्नप्राशन से लेकर नामकरण तक के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025 के नामकरण मुहूर्त
यदि आप अपने नवजात शिशु का नामकरण संस्कार सम्पन्न करने के लिए शुभ मुहृत की तलाश में हैं, तो चिंता न करें क्योंकि यहाँ हम आपके लिए इस सप्ताह के नामकरकं संस्कार के शुभ मुहूर्त लेकर आये हैं।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025 के अन्नप्राशन मुहूर्त
जिनकी संतान को 6 महीने पूरे हो गए हैं और अब आप उसका अन्नप्राशन संस्कारकरना चाहते हैं और इसके लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो यहाँ हम आपको 18 से 24 अगस्त के दौरान मौजूद शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।
दिनांक
मुहूर्त का समय
20 अगस्त 2025
15:24-22:03
21 अगस्त 2025
08:26-15:20
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025 के कर्णवेध मुहूर्त
सनातन धर्म में 16 संस्कारों में से एक कर्णवेध संस्कार है और अगर आप इस सप्ताह (18 से 24 अगस्त 2025) के दौरान अपनी संतान का कर्णवेध संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो नीचे हम आपको इस हफ़्ते के कर्णवेध संस्कार प्रदान कर रहे हैं।
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025में जन्मे मशहूर सितारे
18 अगस्त 2025: अरुणा ईरानी, मिशाल रहेजा, प्रीति झंगियानी
19 अगस्त 2025: शेल्डन कॉटरेल, पूर्बी जोशी, विक्रम सिंह चौहान
20 अगस्त 2025: डेमी लोवेटो, जोआन एलन, जॉर्ज थॉमस
21 अगस्त 2025: बरुन सोबती, अजय गोगावले, राधिका सरथकुमार
22 अगस्त 2025: दुआ लीपा, कुनाल करण कपूर, नलिन कोहली
23 अगस्त 2025: वाणी कपूर, पीट विल्सन, रिवर फीनिक्स
24 अगस्त 2025: पूनम यादव, दीप्ती शर्मा, शांतनु भाग्यराज
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
दिल टूटा… लेकिन क्यों? इस पॉडकास्ट में बताएंगे हमारे ज्योतिष
साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 अगस्त, 2025
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार राहु के ग्यारहवें भाव में स्थित होने की वजह से इस…..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
सप्ताह के शुरुआती दिनों में, अर्थात् हफ्ते का पहला भाग में आपके….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार शनि के ग्यारहवें भाव में उपस्थित होने….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपके ऊपर कार्यक्षेत्र की अतिरिक्त जिम्मेदारियों का भार….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार बृहस्पति के पहले भाव में उपस्थित होने के कारण इस….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन प्रेम राशिफल
यदि आप अभी तक सिंगल थे तो, आपको इस सप्ताह प्रेम जीवन की नई ….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार शनि के नौंवे भाव में उपस्थित होने….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आप अपने संगी की भावनाओं को समझ पाने में सफल….(विस्तार से पढ़ें)
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्तजन्म कुंडली प्राप्त करें।
सिंह साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार शनि के आठवें भाव में मौजूद होने ….(विस्तार से पढ़ें)
सिंह प्रेम राशिफल
प्यार-मोहब्बत के लिहाज़ से, ये सप्ताह थोड़ा मुश्किल रहेगा। हालांकि……(विस्तार से पढ़ें)
कन्या साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार शनि के सातवें भाव में उपस्थित होने….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपका प्रेमी आर्थिक व भावनात्मक रूप से, आपकी….(विस्तार से पढ़ें)
तुला साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार राहु के पांचवे भाव में स्थित…..(विस्तार से पढ़ें)
तुला प्रेम राशिफल
प्यार के मामले में यह सप्ताह, आपकी राशि वालों के लिए सामान्य से…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार राहु के चौथे भाव में स्थित होने…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक प्रेम राशिफल
अगर इस हफ्ते के सकारात्मक पहलू पर नजर डालें तो, आपकी…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु साप्ताहिक राशिफल
आपकी चंद्र राशि के अनुसार बृहस्पति के सातवें भाव में उपस्थित होने…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आप लाख कोशिशों के बाद भी, अपने प्रेमी के साथ…..(विस्तार से पढ़ें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शुक्र का कर्क राशि में गोचर कब होगा?
अगस्त के माह में शुक्र देव 21 अगस्त 2025 को कर्क राशि में गोचर करेंगे।
मासिक शिवरात्रि अगस्त 2025 में कब है?
इस महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत 21 अगस्त 2025, गुरुवार को रखा जाएगा।
भाद्रपद अमावस्या पर क्या करें?
भाद्रपद अमावस्या पर दान, स्नान और श्राद्ध कर्म करना श्रेष्ठ रहता है।
टैरो साप्ताहिक राशिफल (17 अगस्त से 23 अगस्त, 2025): जानें यह सप्ताह कैसा रहेगा आपके लिए!
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 अगस्त से 23 अगस्त 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं। इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 17 अगस्त से 23 अगस्त, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025: राशि अनुसार राशिफल
मेष राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: पेज ऑफ कप्स
करियर: द हाई प्रीस्टेस
स्वास्थ्य: टू ऑफ कप्स
प्रेम जीवन में क्वीन ऑफ कप्स दर्शा रहा है कि यह समय आपके रिश्तों के लिए करुणा, भावनात्मक संतुष्टि और गहराई से जुड़ाव का है। इसका मतलब है कि आपसी बातचीत साफ और दिल से होगी, एक-दूसरे का सहारा मिलेगा और रिश्ता भरोसा पर मजबूत तरीके से टिका होगा। अगर आप अविवाहित हैं तो यह कार्ड संकेत देता है कि आपको जल्द ही कोई ऐसा व्यक्ति मिल सकता है, जो दयालु, समझदार और आपकी भावनाओं का ध्यान रखने वाला होगा।
आर्थिक जीवन के मामले में पेज ऑफ कप्स आपको सुझाव देता है कि किसी भी बड़े फैसले से पहले ध्यानपूर्वक सोचें और पूरी जानकारी लें। हालांकि, यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आपको आर्थिक रूप से कोई अच्छी खबर या अवसर मिल सकता है। यह आपकी आंतरिक आवाज पर भरोसा करने की सलाह देता है और यह भी बताता है कि आपकी रचनात्मक या कला से जुड़ी मेहनत का अच्छा आर्थिक लाभ मिलेगा। लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी देता है कि बिना सोचे-समझे या जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025 के अनुसार करियर को लेकर आई प्रीस्टेस कार्ड यह संकेत देता है कि यह समय कुछ नया सीखने अपने अंदर की आवाज सुनने और शायद रचनात्मक या कलात्मक कामों पर ध्यान देना का है। यह कार्ड आपको सलाह देता है कि अपने अनुभव या किसी मार्गदर्शक की मदद लें और अगर करियर से जुड़ा कोई बड़ा फैसला लेना हो तो उसे अपने मन की सच्ची भावना से लें।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से टू ऑफ कप्स कार्ड दर्शाता है कि यह समय संतुलन, सामंजस्य और अच्छे संबंधों से जुड़ा है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा। यह संकेत देता है कि आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर अच्छा महसूस कर सकते हैं, खासकर जब आप किसी के साथ अपनी भावनाएं साझा करते हैं या मदद लेते हैं। यह कार्ड यह भी कहता है कि हीलिंग की संभावना है, जब आप अपने जीवन में संतुलन बना पाते हैं।
शुभ अक्षर: ए
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द चैरियट
आर्थिक जीवन: सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)
करियर: द फूल
स्वास्थ्य: द हर्मिट
वृषभ राशि के लिए द चैरियट कार्ड प्रेम संबंधों में दर्शाता है कि अब समय है रिश्ते में सक्रिय भूमिका निभाने का यानी कि खुद जिम्मेदारी लेकर, पूरे आत्मविश्वास के साथ निर्णय लेना और अगर कोई समस्या है तो उसे साहस और संतुलन के साथ दूर करना। यह कार्ड कहता है कि प्यार में आगे बढ़ने के लिए संयम और समझदारी जरूरी है, लेकिन साथ ही थोड़ा साहस और ठोस इरादा भी चाहिए ताकि आप मनचाहा रिश्ता पा सकें। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आप और आपका पार्टनर साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
जब सेवन ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड)कार्ड आता है, तो यह एक चेतावनी है कि धोखा या छल की संभावना है। यह संकेत देता है कि कोई आर्थिक धोखाधड़ी हो सकती है या आप किसी ऐसे झांसे में आ सकते हैं, जहां ईमानदारी नहीं है। यह कार्ड कहता है कि पैसों से जुड़े किसी भी लेन-देन में बहुत सावधानी बरतें और जो भी काम करें उसमें ईमानदारी और नैतिकता जरूर हो। अगर पहले कभी गलत काम हुआ है, तो उसके परिणाम सामने आ सकते हैं।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025 कहता है कि द फूल टैरो करियर में नए अवसरों, नई शुरुआत और जीवन में बदलाव को अपनाने का संकेत देता है। यह समय है जब आप नई नौकरी, नया प्रोजेक्ट या करियर बदलाव के लिए सोच सकते हैं। अगर आप नौकरी की तलाश में हैं, तो यह एक शुभ संकेत है कि अब नई दिशा में कदम बढ़ाना सही रहेगा। अगर पहले से नौकरी में हैं, तो यह संकेत देता है कि कोई नई जिम्मेदारी या प्रोजेक्ट आपके पास आ सकता है। इस समय अपने दिल की सुनें और थोड़ा रिस्क लेना भी लाभदायक होगा।
द हर्मिट टैरो कार्ड बताता है कि इस समय आपको अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह समय है खुद को थोड़ा आराम देने और अपने मन के भीतर झांकने का। लेकिन अगर यह कार्ड (रिवर्सड) आता है, तो यह संकेत करता है कि अकेलेपन और समाज से दूरी से चिंता या डर जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती है इसलिए जरूरी है कि आप अकेलेपन और सामाजिक जुड़ाव के बीच संतुलन बनाए रखें।
शुभ अक्षर: यू
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द एम्प्रेस
आर्थिक जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: किंग ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: नाइटऑफ पेंटाकल्स
प्रेम जीवन के मामले में द एम्प्रेस कार्ड प्रेम संबंधों में प्यार, देखभाल, समृद्धि और रचनात्मकता का प्रतीक है। यह संकेत देता है कि आपका रिश्ता खुशहाल, संतोषजनक और पोषण देने वाला रहेगा। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आपके जीवन में नया रिश्ता शुरू हो सकता है या पहले से मौजूद रिश्ता और गहराई ले सकता है। यहां तक कि विवाह या परिवार शुरू करने का संकेत भी हो सकता है। साथ ही, यह कार्ड बताता है कि एक अच्छे रिश्ते के लिए जरूरी है कि आप खुद का भी ख्याल रखें। आत्म-विकास करें और आत्म प्रेम को प्राथमिकता दें।
नाइन ऑफ पेंटाकल्स आर्थिक जीवन के मामले में शुभ संकेत दे रहा है। यह बताता है कि आपने अब तक मेहनत और सूझबूझ से एक मजबूत आर्थिक स्थिति बना ली है और अब आप स्वतंत्र रूप से जीवन के सुखों का आनंद ले सकते हैं। हालांकि इसका दूसरा पक्ष यह भी दर्शा सकता है कि कहीं आप पैसे को लेकर लापरवाह तो नहीं हो रहे या सिर्फ दिखावे के लिए खर्च कर रहे हैं। यह भी संभव है कि आपके पास धन-दौलत हो, लेकिन भावनात्मक रूप से अंदर से अकेलापन महसूस कर रहे हों।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025 बताता है कि किंग ऑफ वैंड्स करियर के मामले में दर्शाता है कि आप में नेतृत्व की योग्यता, दूर दृष्टि और कार्य करने की ताकत है। आप अपने जूनून और लगन से दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं और टीम को एक लक्ष्य की ओर ले जा सकते हैं। यह कार्ड यह भी बताता है कि आपके सामने करियर में तरक्की, आर्थिक सफलता और एक दीर्घकालिक राह खुल सकती है। बशर्ते आप अपने भीतर की ताकत और दिशा पर भरोसा रखें।
‘नाइट ऑफ पेंटाकल्स’ स्वास्थ्य रीडिंग में दर्शाता है कि आपको शारीरिक सेहत पर ध्यान देने की ज़रूरत है, और इसमें लापरवाही न करें। यह कार्ड बताता है कि अब समय है नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन और पर्याप्त आराम को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का। साथ ही यह भी दर्शाता है कि यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो अब धीरे-धीरे सुधार और नई ऊर्जा मिल सकते है, बशर्ते आप लगातार खुद की देखभाल करते रहें।
शुभ अक्षर: के
सच्चे प्यार की पहचान कैसे करें? जानें हमारे ज्योतिष से इस खास पॉडकास्ट में
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द मून
आर्थिक जीवन: जजमेंट
करियर: पेज ऑफवैंड्स
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स
द मून टैरो कार्ड बताता है कि आपके प्रेम जीवन में इस समय गहरे भावनात्मक उतार-चढ़ाव चल सकते हैं। इस दौरान कुछ बातें अधूरी या अस्पष्ट रह सकती हैं, जिससे गलतफहमी या अनकहे सच रिश्तों में असर डाल सकते हैं। यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि अलगाव के माध्यम से भावनात्मक हीलिंग हो सकती है या फिर आपको भीतर के डर असुरक्षा और भावनात्मक चिंता का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आप किसी से जुड़े हैं तो साफ और ईमानदार संवाद की जरूरत है।
जजमेंट टैरो कार्ड दर्शाता है कि अब आपके जीवन में वित्तीय निर्णयों की समीक्षा और पुनः विचार का समय आ चुका है। यह संभव है कि आपने पहले जो आर्थिक फैसले लिए थे उनके असर अब सामने आ रहे हैं और आपके यह सोचने की जरूरत है कि आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए। यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि नई आर्थिक संभावनाएं या बदलाव आपके सामने आ सकते हैं, लेकिन किसी भी बड़े फैसले से पहले सावधानी और सोच-विचार बेहद जरूरी है।
पेज ऑफवैंड्स कार्ड करियर के मामले में एक नई शुरुआत, उत्साह और रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह समय आपके लिए किस नए प्रोजेक्ट, नई नौकरी या नई दिशा में कदम रखने का हो सकता है, जिससे आपको प्रेरणा मिलेगी। हालांकि यह कार्ड यह भी कहता है कि जोश में आकर बिना तैयारी के कुछ भी न करें। नई शुरुआत से पहले अपने रास्ते को समझना और खुद को तैयार करना जरूरी है।
कर्क राशि वालों को थ्री ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड मिला है जो कि स्वास्थ्य के मामले में सावधानी की चेतावनी देता है। यह संकेत करता है कि आप तनाव, चिंता या किसी भावनात्मक दुख से गुजर सकते हैं, जिसका असर आपके शारीरिक स्वास्थ्य, खासकर हृदय पर पड़ सकता है। यह समय है कि आप अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को उतनी ही अहमियत दें जितना शारीरिक स्वास्थ्य को। यह कार्ड यह भी बता सकता है कि आप किसी हानि या दर्दनाक अनुभव से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और हीलिंग के लिए समय व देखभाल की जरूरत है।
थ्री ऑफ वैंड्स कार्ड प्रेम जीवन में विकास, भविष्य की योजना और रिश्ते को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकेत देता है। यह समय ऐसा हो सकता है जब आप अपने साथी के साथ मिलकर भविष्य की प्लानिंग करें, जैसे शादी, साथ रहना या नया घर लेना। अगर आप सिंगल हैं, तो यह कार्ड बताता है कि आपके जीवन में कोई नया रिश्ता आ सकता है, खासकर यात्रा, नए अनुभव या किसी नए माहौल के माध्यम से। यह कार्ड कहता है कि रिश्ते में आगे बढ़ने के लिए तैयारी और भरोसेमंद नींव बनाना जरूरी है।
जस्टिस टैरो कार्ड दर्शाता है कि इस सप्ताह आपको ईमानदारी, संतुलन और सोच-समझकर फैसले लेने की जरूरत है। आपके आर्थिक मामलों में जो भी लेन-देन होंगे, वे न्यायपूर्ण और पारदर्शी होने चाहिए। यह कार्ड यह भी बताता है कि जो कर्म आप करेंगे, वैसे ही फल मिलेगा इसलिए किसी भी पैसे से जुड़े निर्णय में ईमानदारी और संयम बनाए रखें। इस सप्ताह अगर आप ये गुण अपनाते हैं तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहेगी।
स्ट्रेंथ कार्ड करियर के मामले में आपके भीतर की आत्मिक शक्ति, साहस और आत्मविश्वास की बात करता है। यह कार्ड कहता है कि आपके सामने चाहे जैसी भी चुनौतियां आएं, आप साहस और धैर्य से उन्हें पार कर सकते हैं। आपके पास वह क्षमता है कि आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, बस जरूरत है अपनी आत्म शक्ति और सकारात्मक सोच पर भरोसा रखने की । यह कार्ड बताता है कि करियर में सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत, समझदारी और धैर्य बनाए रखना जरूरी है।
सेवन ऑफ वैंड्स स्वास्थ्य के लिहाज से यह बताता है कि इस समय आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग और सतर्क रहना होगा। आपको स्वस्थ आदतें अपनानी होंगी और किसी भी समस्या से लड़ने के लिए हिम्मत और लगातार प्रयास करते रहना होगा। यह कार्ड यह भी कहता है कि शारीरिक और भावनात्मक सीमाओं की रक्षा करना जरूरी है यानी तनाव या थकान से खुद को बचाना है। यदि किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो सकारात्मक सोच रखें और जरूरत पड़ने पर मदद लेने से न हिचकें।
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025 के अनुसार नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड आपके प्रेम जीवन में चिंता, तनाव और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं का संकेत देता है। इस समय आप भावनात्मक रूप से बेचैनी, डर या नकारात्मक सोच से परेशान हो सकते हैं। हो सकता है कि किसी पुराने रिश्ते गिल्ट, असुरक्षा या बुरी यादें आपके वर्तमान या भविष्य के रिश्तों पर असर डाल रही हों। यदि आप सिंगल हैं तो यह कार्ड दर्शाता है कि पुराने जख्म या अधूरी भावनाएं अभी भी आपके दिल में हैं, जिन्हें सुलझाना जरूरी है ताकि आप नई मोहब्बत को स्वीकार कर सकें।
कन्या राशि के लिए किंग ऑफ वैंड्स कार्ड आर्थिक मामलों में एक सशक्त, आत्मविश्वास से भरी और नेतृत्व करने वाली सोच का प्रतीक है। यह कार्ड बताता है कि आप धन को समझदारी से संभाल रहे हैं, और आपके पास न केवल खुद के लिए योजनाएं हैं, बल्कि आप दूसरों को भी प्रेरित कर सकते हैं। यह समय आपके लिए वित्तीय सफलता और उद्देश्यपूर्ण निर्णयों का हो सकता है। अगर आप निवेश या किसी योजना पर काम कर रहे हैं, तो यह कार्ड सफलता का संकेत देता है। बशर्ते आप दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
फाइव ऑफ पेंटाकाल्स करियर में मुश्किल हालात, नौकरी खोने की आशंका या कार्यस्थल की चुनौतियों को दर्शाता है। यह कार्ड संकेत करता है कि आप अपने ऑफिस में अकेलापन, नजरअंदाज किया जाना या राजनीति का शिकार महसूस कर सकते हैं। इस समय आपको सहायता मांगने से डरना नहीं चाहिए। यह कार्ड कहता है कि हालात चाहे जैसे भी हों कुछ ऐसे लोग जरूर हैं जो आपका साथ देंगे। बस आपको उन्हें पहचानने और मदद मांगने की हिम्मत करनी है।
द टॉवर टैरो कार्ड स्वास्थ्य के मामले में अचानक उथल-पुथल, चौंकाने वाली खबर या आपात स्थिति का संकेत देता है। यह कार्ड दर्शाता है कि कोई बड़ा स्वास्थ्य परिवर्तन आ सकता है, जैसे पुरानी बीमारी का बिगड़ना या नई बीमारी का अचानक पता चलना। यह समय है जब आपको अपनी दिनचर्या, आदतों और सोच में बड़ा बदलाव लाने की जरूरत हो सकती है। यह कार्ड बताता है कि जो चीजें अब तक ठीक लग रही थीं, वे अब चुनौती बन सकती हैं और आपको मजबूती और लचीलापन दिखाने की जरूरत हैं।
सेवेन ऑफ पेंटाकल्स टैरो कार्ड दर्शाता है कि यह समय रिश्ते को गहराई से समझने और सोचना का है। आप या आपकी साथी इस समय यह सोच रहे हैं कि अब तक के रिश्ते में जो मेहनत की गई है, वह आगे चलकर क्या फल देगी। यह समय ऐसा है जब आप यह विचार कर सकते हैं कि क्या यह रिश्ता लंबा समय के लक्ष्य और संतुष्टि के अनुसार है या नहीं। आपके मन में उम्मीदें और सोच दोनों चल रही है। यानी आप यह जानना चाह रहे हैं कि आपके प्रयासों का सही नतीजा मिलेगा या नहीं।
द लवर्स टैरो कार्ड आर्थिक मामलों में दर्शाता है कि इस समय आपके सामने कोई बड़ा निर्णय आ सकता है, खासकर किसी साझेदारी, सहयोग या संयुक्त योजना से जुड़ा हुआ। यह कार्ड कहता है कि पैसों से जुड़े फैसले भावनाओं और मूल्यों से मेल खाने चाहिए, यानी जो भी निर्णय लें, वह आपकी सोच और सिद्धांतों के अनुरूप हो। साथ ही यह सलाह देता है कि अपनी वित्तीय जिंदगी के सभी पहलुओं को संतुलन में रखें, जैसे बचत, खर्च, निवेश आदि।
सिक्स ऑफ कप्स टैरो कार्ड करियर में एक सकारात्मक समय की ओर इशारा करता है, जिसमें टीमवर्क, सहयोग और रचनात्मकता को महत्व मिलेगा। यह समय ऐसा हो सकता है कि जब पुराने अनुभव, स्किल्स या पुराने संपर्क फिर से काम में आ सकते हैं। यह कार्ड कभी-कभी यह भी संकेत देता है कि आप अपने पुराने जॉब या इंडस्ट्री में दोबारा लौटने का विचार कर सकते हैं और यह वापसी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड स्वास्थ्य के मामले में दर्शाता है कि अब समय है तेजी से एक्शन लेने और अपनी सेहत के प्रति सक्रिय होने का। आपमें इस समय जोश और ऊर्जा है, किसी बीमारी या कमजोरी से लड़ने का हौसला भी है। लेकिन यह कार्ड यह भी चेतावनी देता है कि अति उत्साह में लापरवाही न करें या खुद को बहुत ज्यादा थका न दें। धैर्य और स्थिरता के साथ स्वास्थ्य को सुधारें और जरूरत पड़े तो सलाह जरूर लें।
शुभ अक्षर: आर
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: द चैरियट
आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट
करियर: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: डेथ
टैरो साप्ताहिक राशिफल 17 से 23 अगस्त, 2025 के अनुसार द चैरियट कार्ड बताता है कि अब समय है कि आप अपने प्रेम जीवन की कमान खुद संभालें और पूरा आत्मविश्वास और हिम्मत के साथ आगे बढ़ें। अगर आप अपने रिश्ते में कुछ बदलाव या सफलता चाहते हैं तो संतुलन बनाए रखें, फैसला लें और खुद पहल करें। यह कार्ड आपको प्रेरित करता है कि रुकावटों से न डरें, अपने लक्ष्य पर ध्यान दें और अपने प्रेम जीवन को खुशहाल और सफल बनाने के लिए लगातार मेहनत करें।
द हीरोफेंट कार्ड आर्थिक मामलों में परंपरागत सोच, सतर्कता और स्थिरता की सलाह देता है। इस कार्ड का मतलब है कि आपको विश्वसनीय संस्थानों या योजनाओं में निवेश करना चाहिए और किसी रिस्की स्कीम या शॉर्टकट से दूर रहना चाहिए। यह समय धीरे-धीरे लेकिन मजबूत तरीके से आर्थिक विकास करने का है। जैसे- फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा या सरकारी योजनाएं।
फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स टैरो कार्ड करियर में तनाव, झगड़े या ऑफिस पॉलिटिक्स का संकेत देता है। इस समय किसी सहकर्मी से टकराव या धोखा मिलने की संभावना हो सकती है। ऐसी स्थिति में बहस में उलझने की बजाय धैर्य, समझदारी और सही सलाह लेना बेहतर होगा। अगर आपको हैरेसमेंट या मानसिक दबाव महसूस हो रहा है तो सही लोगों से मदद लेने में संकोच न करें।
डेथ कार्ड स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में किसी बड़े बदलाव या जरूरी अंत की ओर इशारा करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि कुछ बुरा होगा, बल्कि यह है कि अब पुरानी, खराब आदतों को छोड़ने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का सही समय है। यह कार्ड आपको नई हीलिंग पद्धतियों, उपचार या बेहतर जीवन शैली की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। अगर आप किसी बीमारी से गुजर रहे हैं, तो यह कार्ड दर्शाता है कि अब बदलाव की जरूरत है, अंदर और बाहर दोनों स्तरों पर।
थ्री ऑफ कप्स टैरो कार्ड आपके प्रेम जीवन में खुशी, उत्सव और मजबूत रिश्तों का संकेत देता है। यह समय ऐसा हो सकता है जब आप अपने साथी के साथ संतोष और सामंजस्य महसूस करें। यदि आप अकेले हैं, तो यह कार्ड बताता है कि किसी दोस्ती, पार्टी या सामाजिक माहौल से आपके जीवन में नई प्रेम कहानी की शुरुआत हो सकती है। पुराने रिश्ते भी इस समय और मजबूत व घनिष्ठ होंगे।
ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड दर्शाता है कि इस सप्ताह आपको पैसों से जुड़े मामलों में साफ-सुथरे, तर्कसंगत और सटीक निर्णय लेने की जरूरत है। भावनाओं में बहकर कोई बड़ा आर्थिक फैसला लेने से बचें। यह समय है दिमाग से सोचने और प्लानिंग के साथ आगे बढ़ने का। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आपके सामने कोई नया आर्थिक मौका या चुनौती आ सकती है, जिसमें सोच-समझकर लिया गया निर्णय ही आपको फायदा देगा।
सेवन ऑफ कप्स कार्ड करियर में बताता है कि इस समय आपके सामने कई विकल्प और अवसर आ सकते हैं, जैसे कि नई नौकरी, प्रोजेक्ट, कोर्स या दिशा। हालांकि ये विकल्प उत्साहजनक हो सकते हैं, लेकिन जल्दबाजी या भ्रम से बचना होगा। आपको ध्यानपूर्वक सोचना और सही विकल्प चुनना होगा ताकि आप भविष्य में अस्थिरता या पछतावे से बच सकें।
नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड स्वास्थ्य में जोश, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस समय आप फिजिकल और मानसिक रूप से मजबूत महसूस करेंगे। यह कार्ड बताता है कि आपमें अच्छी जीवनशैली अपनाने की इच्छा और आत्मबल है। जैसे योग, व्यायाम या हेल्दी डाइट। आपका उत्साही रवैया आपके स्वास्थ्य को और बेहतर बना सकता है।
शुभ अक्षर: डी
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मकर राशि
प्रेम जीवन: टेन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: फोर ऑफ पेंटाकल्स
करियर: द हाई प्रीस्टेस
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ पेंटाकल्स
मकर राशि के लिए टेन ऑफ कप्स कार्ड प्रेम जीवन के लिए बहुत ही शुभ और सौभाग्यशाली संकेत है। यह कार्ड बताता है कि आपका रिश्ता खुशहाल, स्थिर और लंबे समय तक चलने वाला हो सकता है, जिसमें भावनात्मक संतोष, आपसी समझ और पारिवारिक खुशी शामिल है। यह कार्ड एक तरह से हैप्पी एंडिंग जैसा संकेत देता है। जहां प्यार, सम्मान और स्थायित्व जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। यदि आप शादीशुदा हैं या रिश्ते में हैं, तो यह समय आपके लिए भावनात्मक रूप से बहुत संतोषजनक रहेगा।
फोर ऑफ पेंटाकल्स कार्ड आर्थिक मामलों में सुरक्षा, स्थिरता और धन को बचाकर रखने की भावना दर्शाता है। इस समय आप अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने, पैसे बचाने और निवेश करने की सोच में रह सकते है। हालांकि यह अच्छी बात है, लेकिन यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि कहीं आप बहुत ज्यादा पैसे को लेकर कंट्रोलिंग या लालची न हो जाएं। इसलिए संतुलन बनाए रखें न तो अत्यधिक खर्च करें न ही अत्यधिक रोक कर रखें।
हाई प्रीस्टेस टैरो कार्ड करियर में यह दर्शाता है कि यह समय है भीतर की आवाज सुनने, खुद को समझने और ज्ञान बढ़ाने का। आपके लिए अध्ययन, रिसर्च या किसी रचनात्मक या आध्यात्मिक क्षेत्र में करियर बढ़ाने के संकेत हैं। यह कार्ड यह भी बताता है कि अगर आप किसी निर्णय को लेकर उलझन में हैं तो अपने आंतरिक ज्ञान पर भरोसा करें, जवाब वहीं छिपा है।
नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड स्वास्थ्य के मामले में बेहतरी, संतुलन और आत्म-संतोष का प्रतीक है। अगर आपने हाल ही में स्वस्थ जीवनशैली अपनाई है, तो अब उसके अच्छे परिणाम मिलेंगे, चाहे वो डाइट हो, एक्सरसाइज या मानसिक शांति। यह कार्ड महिलाओं के लिए खासतौर पर संकेत देता है कि यह समय गर्भावस्था, प्रसव या रजेनिवृत्ति से जुड़ा हो सकता है लेकिन सकारात्मक रूप में। कुल मिलाकर, यह कार्ड बताता है कि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर सही दिशा में हैं।
शुभ अक्षर: वाई
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्तजन्म कुंडली प्राप्त करें।
कुंभ राशि
प्रेम जीवन: सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: नाइट ऑफ वैंड्स
स्वास्थ्य: द टॉवर (रिवर्सड)
सेवेन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड आपके रिश्ते में धोखे, छल या विश्वास की कमी का संकेत देता है। यह कार्ड बताता है कि रिश्ते में कोई एक व्यक्ति बातों से बच रहा है, छिपाकर व्यवहार कर रहा है या सच्चाई नहीं बता रहा। यह स्थिति मन में संदेह या धोखा जैसा अनुभव करा सकती है। अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो इस समय खुलकर बातचीत करना और सच्चाई जानना बहुत जरूरी है। यह कार्ड कभी-कभी छिपे हुए इरादों या भावनात्मक धोखे की ओर भी इशारा करता है इसलिए सावधानी जरूरी है।
सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड आर्थिक मामलों में यह दर्शाता है कि अब आप कठिन समय से बाहर निकल रहे हैं और एक स्थिर, शांत और बेहतर वित्तीय स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन यह कार्ड यह भी बताता है कि अगर आपकी पुरानी वित्तीय दिक्कतें अब तक पूरी तरह हल नहीं हुई हैं, तो उन्हें नजरअंदाज न करें। अगर आप सिर्फ हालात से बचने की कोशिश करेंगे, तो भविष्य में वही समस्या दोबारा सामने आ सकती है। इसलिए स्थायी समाधान की ओर बढ़ना जरूरी है।
नाइट ऑफ वैंड्स कार्ड करियर के मामले में जोश, ऊर्जा और नए मौकों की बात करता है। इस समय आपके पास किसी नई नौकरी, स्टार्टअप या यात्रा से जुड़े अवसर आ सकते हैं। आप खुद को चुनौतियों को लेने के लिए तैयार और उत्साहित महसूस करेंगे। हालांकि यह कार्ड सावधान करता है कि कहीं आप बिना प्लानिंग के जल्दबाजी में कदम न उठा लें, जिससे बाद में थकान या अवसरों का नुकसान हो सकता है। जोश के साथ होश भी ज़रूरी है।
द टॉवर कार्ड स्वास्थ्य के मामले में यह संकेत देता है कि आप कुछ स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों को नज़रअंदाज कर रहे हैं, जैसे कोई छोटी तकलीफ जिसे आप सोच रहे हैं कि खुद ही ठीक हो जाएगी। अगर ऐसा किया गया तो वो छोटी समस्या आगे चलकर बड़ी बीमारी बन सकती है। दूसरी ओर, यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि अगर हालात बहुत खराब लग रहे थे, तो अब स्थिति काबू में आ रही है या कोई बड़ा खतरा चल गया है या कम हो गया है। कुल मिलाकर यह समय है सावधानी और सजगता बरतने का।
शुभ अक्षर: एस
मीन राशि
प्रेम जीवन: द हर्मिट
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ कप्स
करियर: किंग ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: टू ऑफ स्वॉर्ड्स(रिवर्सड)
मीन राशि के लिए द हर्मिट कार्ड प्रेम के मामले में अंतर्दृष्टि, आत्मचिंतन और अकेले समय बिताने की जरूरत को दर्शाता है। अगर आप रिश्ते में हैं तो यह कार्ड बताता है कि थोड़ा समय अकेले बिताकर रिश्ते को और मजबूत बनाया जा सकता है। अगर आप सिंगल हैं, तो यह समय है कि आप पहले अपने भीतर झांके और जानें कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं। यह कार्ड अकेलेपन की बात नहीं करता, बल्कि यह दर्शाता है कि खुद को समझे बिना किसी रिश्ते में जाना सही नहीं होता।
नाइट ऑफ कप्स टैरो कार्ड वित्तीय मामलों में सकारात्मक बदलाव, अच्छे अवसर और रचनात्मक समाधान का संकेत देता है। यह कार्ड दर्शाता है कि आपको पैसों से जुड़ी चुनौतियों को सजग, लेकिन नए और रचनात्मक नजरिए से देखना चाहिए। कोई नए ऑफर, शुभ समाचार या आकर्षक प्रस्ताव आपके पास आ सकता है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। इस समय रुकी हुई उम्मीदों को नए तरीकों से आजमनें का अवसर है।
किंग ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड करियर में बुद्धिमत्ता, तर्क और राजनीतिक सोच को दर्शाता है। यह कार्ड दर्शाता है कि इस समय आपकी जानकारी, लॉजिक और विश्लेषण करने की क्षमता ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है। कार्यस्थल पर सटीक और निष्पक्ष निर्णय लेना, और अपनी बात आत्मविश्वास से रखना आपको आगे बढ़ा सकता है। यह समय है जब भावनाओं से ज्यादा दिमाग से काम लेना आपके करियर के लिए फायदेमंद रहेगा।
टू ऑफ स्वॉर्ड्स(रिवर्सड) कार्ड बताता है कि आप मानसिक और भावनात्मक रूप से उलझे हुए हैं और शायद अपनी सेहत को लेकर कोई फैसला लेने से बच रहे हैं। आपकी शरीर आपको बार-बार संकेत दे रहा है कि अब समय आ गया है कि आप अपनी सेहत को प्राथमिकता दें। अगर आपने अब भी लापरवाही बरती, तो भविष्य में समस्या गंभीर हो सकती है।