टैरो साप्ताहिक राशिफल 07 से 13 सितंबर 2025: इन राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 07 से 13 सितंबर 2025: इन राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ!

टैरो साप्ताहिक राशिफल 07 से 13 सितंबर 2025: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।

टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्‍या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्‍य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्‍मा से बात करने का मौका देता है।

आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं।

इन कारणों से या अन्‍य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।

टैरो की उत्पति 15वीं शताब्‍दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्‍यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्‍व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।

टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्‍त किया जा सकता है। आप कुछ स्‍तर पर अध्‍यात्‍म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।

तो आइए अब इस साप्ताहिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि 07 से 13 सितंबर, 2025 तक का यह सप्ताह राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?

दुनियाभर के विद्वान टैरो रीडर्स से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

टैरो साप्ताहिक राशिफल 07 से 13 सितंबर, 2025: राशि अनुसार राशिफल

मेष राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: टेम्पेरन्स

करियर: फाइव ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: क्वीन ऑफ वैंड्स 

मेष राशि के प्रेम जीवन की बात करें तो, यदि आप किसी रिलेशनशिप में हैं तो क्वीन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि अब आपका रिश्ता एक मजबूत कमिटमेंट की तरफ बढ़ रहा है। अगर आप परिवार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह कार्ड बहुत अच्छा संकेत है। यदि आप अपने पार्टनर से दूर हैं तो यह कार्ड दर्शाता है कि आप उन्हें प्यार, देखभाल और अपनापन महसूस करवाएंगे, जिससे रिश्ता और मजबूत होगा।

आर्थिक जीवन की बात करें तो टेम्परेन्स कार्ड यह संकेत देता है कि आपको पैसों के मामलों में धैर्य और संतुलन बनाए रखना होगा। यह बताता है कि लंबे समय की आर्थिक स्थिरता पाने के लिए आपको सोच-समझकर निवेश, बचत और खर्च करना चाहिए। जल्दबाजी या भावुक होकर लिए गए फैसले से बचें और वित्तीय संतुलन बनाने की कोशिश करें।

करियर में फाइव ऑफ कप्स संकेत देता है कि इस सप्ताह आपको नुकसान, निराशा या असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। यह कहता है कि आपको अपने पिछले अनुभवों और गलतियों से सबक लेना चाहिए। लेकिन सिर्फ अतीत पर अटकना नहीं, बल्कि आगे बढ़कर नए मौकों की तलाश करनी चाहिए। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आपके जीवन में नौकरी खोने, प्रमोशन न मिलने या अच्छे मौके हाथ से निकल जाने जैसी परिस्थितियां आ सकती हैं, लेकिन इनसे आपको सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।

क्वीन ऑफ वैंड्स कार्ड सेहत के मामले में बहुत अच्छा संकेत है। यह बताता है कि आपके अंदर मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बनी रहेगी और आप हेल्थ से जुड़ी चुनौतियों को आसानी से पार कर पाएंगे। यह कार्ड प्रजनन (fertility) और नई शुरुआत का भी संकेत है, खासकर उनके लिए जो परिवार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही यह कार्ड योगा, डांस या किसी भी ऐसी एक्टिविटी की तरफ प्रेरित करता है जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से एक्टिव और खुश रखे।

भाग्यशाली फूल: कैला लिली

वृषभ राशि

प्रेम जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: क्वीन ऑफ कप्स 

करियर: एट ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: फोर ऑफ कप्स

वृषभ राशि वालों को प्रेम जीवन में टू ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि इस समय आपको कई जिम्मेदारियों और प्राथमिकताओं को संभालना पड़ सकता है, जिसका असर आपके रिश्ते पर भी पड़ सकता है। चाहे आप सिंगल हों या रिलेशनशिप में, आपको संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। अगर आप कपल हैं तो आपके लिए करियर, पैसे और रिश्ते के बीच तालमेल बैठाना बेहद जरूरी होगा। 

आर्थिक जीवन की बात करें तो, क्वीन ऑफ कप्स कार्ड यह संकेत देता है कि आपका आर्थिक भविष्य सुरक्षित और अच्छा होगा। लेकिन यह भी चेतावनी देता है कि बहुत जटिल या भावनात्मक होकर निवेश न करें। यह कार्ड दिखाता है कि आपकी संवेदनशीलता और समझदारी दोनों आपके वित्तीय फैसलों में काम आएंगी। यानी आपको पैसों के मामले में दिमाग और दिल दोनों से काम लेना होगा। 

करियर में एट ऑफ़ कप्स कार्ड बताता है कि आप अपनी नौकरी या मौजूदा परिस्थिति से संतुष्ट नहीं हैं और अब बदलाव की ज़रूरत महसूस कर रहे हैं। यह संकेत है कि आप किसी ऐसी चीज़ को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं जो आपकी तरक्की में रुकावट बन रही है। भले ही इसके लिए आपको तुरंत मिलने वाली सुरक्षा छोड़नी पड़े, लेकिन आगे आपको ज़्यादा सुकून और संतोष मिलेगा। 

स्वास्थ्य के लिहाज़ से फोर ऑफ़ कप्स कार्ड सेहत के मामले में मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन या मेडिकल प्रॉब्लम से परेशान होने का संकेत देता है। यह बताता है कि आपको थोड़ा रुककर अपनी भावनाओं को समझने और खुद की देखभाल करने की जरूरत है। इस समय आत्म चिंतन आपके लिए बहुत जरूरी होगा ताकि आप भावनात्मक संतुलन फिर से पा सकें।

भाग्यशाली फूल: ट्यूलिप

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन राशि

प्रेम जीवन: पेज़ ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: किंग ऑफ पेंटाकल्स

करियर: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: टेन ऑफ कप्स

मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन की बात करें तो पेज़ ऑफ वैंड्स कार्ड संकेत देता है कि इस सप्ताह आपको जीवन में उत्साह, जोश और नई शुरुआत की संभावना है। यह कार्ड अक्सर तेज तर्रार रोमांस, मज़ेदार फ़्लर्ट और पुराने रिश्ते में भी नई ताजगी का संकेत देता है। अगर ऑफ रिलेशनशिप में हैं तो इसमें एक नया उत्साह देखने को मिलेगा। वहीं सिंगल लोगों के लिए यह कार्ड किसी नए रोमांचक इंसान के आने की ओर इशारा करता है।

आर्थिक जीवन की बात करें तो, किंग ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड दिखाता है कि आपके लिए आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। यह समय सफलता, संपत्ति और स्थिरता पाने का है। समझदारी से किए गए निवेश और पैसों की सही मैनेजमेंट आपको फायदा देंगे। लेकिन यह कार्ड यह भी चेतावनी देता है कि अगर खर्चे जरूरत से ज्यादा किए गए या पैसों को सही तरीके से नहीं संभाला तो आर्थिक दिक्कतें भी हो सकती हैं। 

करियर में फाइव ऑफ़ स्वोर्ड्स कार्ड बताता है कि आपके करियर में इस समय झगड़े, मतभेद और चुनौतियां आ सकती हैं। काम पर किसी टकराव या विवाद की स्थिति बन सकती है। यह कार्ड सलाह देता है कि आपको समझदारी से अपने मुद्दे चुनने चाहिए, हर जगह लड़ने की जरूरत नहीं। साफ और स्पष्ट संवाद करना बेहद जरूरी है ताकि आप खुद को नुकसान पहुंचाने वाली स्थितियों से बच सकें।

स्वास्थ्य के लिहाज से टेन ऑफ़ कप्स कार्ड बहुत अच्छे परिणामों का संकेत देता है। अगर आप सेहत को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो उसका अच्छा असर जरूर दिखेगा। यह कार्ड मानसिक शांति, भावनात्मक खुशी और आंतरिक संतुलन की ओर भी इशारा करता है। यानी आपके लिए आने वाला समय ऊर्जा से भरा और संतुलित रहने का है।

भाग्यशाली फूल: पिटूनिया 

कर्क राशि 

प्रेम जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ कप्स

करियर: नाइन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: नाइट ऑफ वैंड्स

कर्क राशि वालों के लिए नाइट ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि आपके जीवन में एक ऐसा साथी हो सकता है, जो स्थिर, भरोसेमंद और जमीन से जुड़ा हुआ है। यह व्यक्ति रिश्तों में गंभीरता और वफादारी को बहुत महत्व देता है। रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए वह धैर्य और मेहनत से काम करेगा। आप बड़े-बड़े रोमांटिक सरप्राइज की उम्मीद न करें बल्कि छोटे-छोटे ख्याल रखने वाले काम और लंबे समय तक साथ निभाने की सोच रिश्ते की खूबसूरती बढ़ाएंगे।

आर्थिक जीवन की बात करें तो सेवेन ऑफ कप्स कार्ड दिखाता है कि आपके सामने पैसों से जुड़ी कई संभावनाएं और विकल्प आएंगे। लेकिन इसमें कन्फ्यूजन भी रहेगा, कुछ मौके अच्छे होंगे, कुछ बेकार और कुछ सिर्फ सपनों जैसे। इस दौरान आपको हर अवसर को ध्यान से देखना होगा और बिना सोचे समझे फैसले लेने से बचना होगा। किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेना भी फायदेमंद रहेगा। सिर्फ दिखावे या हवा-हवाई बातों पर भरोसा करना नुकसानदेह हो सकता है।

नाइन ऑफ कार्ड बताता है कि आपके करियर में इस समय मेहनत और चुनौतियां दोनों रहेंगे। यह कार्ड यह संकेत देता है कि आप एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन हिम्मत और धैर्य से आप अंत में सफलता जरूर पाएंगे। यह समय आपको और मजबूत बनाएगा। आखिरी पड़ाव तक पहुंचने के लिए आपको बस थोड़ा और धैर्य और ऊर्जा जुटाने की जरूरत हैं।

नाइट ऑफ़ वैंड्स कार्ड स्वास्थ्य के मामले में अच्छा संकेत है। यह बताता है कि आपके अंदर सेहत सुधारने की जबरदस्त ऊर्जा और उत्साह रहेगा। आप नई गतिविधियां शुरू करने के लिए तैयार रहेंगे। लेकिन इस कार्ड की चेतावनी है कि जल्दबाजी या ज्यादा मेहनत करने से चोट या थकान हो सकती है। इसलिए उत्साह तो रखें लेकिन संतुलन भी बनाएं।

भाग्यशाली फूल: डेज़ी

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

सिंह राशि

प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स 

आर्थिक जीवन: द हीरोफेंट 

करियर: सेवेन ऑफ वैंड्स

स्वास्थ्य: फोर ऑफ वैंड्स

सिंह राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बताता है कि आपके जीवनसाथी या पार्टनर बहुत समझदार, आत्मनिर्भर और भावनाओं को अच्छे से समझने वाले होंगे। रिश्तों में यह इंसान साफगोई और सच्चाई को सबसे ज्यादा महत्व देता है। वे दिमाग से सोचकर और सावधानी से रिश्ते निभाते हैं। भले ही वे हर समय बहुत रोमांटिक या प्यार जताने वाले न हों, लेकिन दिल से बेहद वफादार रहते हैं। उन्हें अपनी प्राइवेसी की भी जरूरत होती है।

आर्थिक जीवन की बात करें तो, हीरोफेंट कार्ड दिखाता है कि आप पैसों के मामले में सुरक्षित और पारंपरिक तरीकों को अपनाना पसंद करेंगे। रिस्क लेने से बचेंगे और ऐसे तरीकों पर भरोसा करेंगे जो पहले से आजमाए और परखे हुए हैं। आप भरोसेमंद संस्थाओं या सुरक्षित निवेश योजनाओं को ज्यादा प्राथमिकता देंगे।

करियर में सेवेन ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि आपको अपनी मेहनत और कामयाबी को बचाने और साबित करने की जरूरत होगी। यह समय चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा से भरा हो सकता है। आपको अपने काम, इज्जत और पद को सुरक्षित रखने के लिए डटे रहना होगा। मेहनत और आत्मविश्वास से आप अपनी जगह बनाए रख पाएंगे।

स्वास्थ्य में फोर ऑफ वैंड्स कार्ड स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है। यह अच्छा स्वास्थ्य, बीमारियों से उभरना और नई ऊर्जा का संकेत देता है। यह कार्ड गर्भधारण या सुरक्षित प्रसव का भी संकेत देता है। घर-परिवार और माहौल में खुशी और शांति रहेगी, जो आपके स्वास्थ्य को और मजबूत बानएगी।

भाग्यशाली फूल: डेज़ी : सूरजमुखी

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कन्या राशि 

प्रेम जीवन: सिक्स ऑफ वैंड्स

आर्थिक जीवन: द मून  

करियर: पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) 

स्वास्थ्य: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स

कन्‍या राशि वालों के लिए सिक्स ऑफ वैंड्स कार्ड बताता है कि आपके रिश्तों में जीत, सफलता और मान-सम्मान मिलेगा। पार्टनर के साथ आपका रिश्ता सहयोग और आपसी सम्मान से भरा होगा। आप दोनों एक-दूसरे की हौसला-अफ़ज़ाई करेंगे और एक-दूसरे की कामयाबी पर गर्व करेंगे। अगर आप अविवाहित हैं तो यह कार्ड संकेत देता है कि कोई ऐसा साथी आपकी जिंदगी में आ सकता है, जो आपके आत्मविश्वास और उपलब्धियों से आकर्षित होगा।

आर्थिक जीवन की बात करें तो द मून कार्ड दर्शाता है कि इस समय पैसों से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला लेते समय बहुत सावधानी बरतनी होगा। हो सकता है कि आपके सामने सारी जानकारी साफ नजर नहीं आ रही हो या कुछ बातें छिपी हो सकती है। यह कार्ड कहता है कि अपनी समझ और अंतर्ज्ञान का इस्तेमाल करें, लेकिन ज़रूरी जानकारी इकट्ठा करने के बाद ही कोई बड़ा निर्णय लें। 

करियर में पेज़ ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) कार्ड बताता है कि कामकाज में इस समय आपका फोकस कमजोर हो सकता है। आप एक चीज़ से दूसरी चीज पर जल्दी-जल्दी ध्यान बदल सकते हैं और किसी स्पष्ट दिशा में नहीं बढ़ पा रहे होंगे। इससे मौके छूट सकते हैं। यह समय थोड़ा असमंजस और ध्यान भटकने वाला हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप खुद को केंद्रित रखें।

स्वास्थ्य में टेन ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड दिखाता है कि आपको मानसिक या शारीरिक रूप से बहुत थकान और दबाव महसूस हो सकता है। यह स्थिति बर्नआउट या किसी स्वास्थ्य समस्या तक भी ले जा सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि यह कठिन समय अब समाप्त होने की ओर है। आपको आराम, आत्म-देखभाल और हीलिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

भाग्यशाली फूल: ग्लैडियोलस

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

तुला राशि   

प्रेम जीवन: नाइन ऑफ पेंटाकल्स 

आर्थिक जीवन: टू ऑफ स्वॉर्ड्स 

करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स (रिवर्सड) 

स्वास्थ्य: नाइन ऑफ कप्स

तुला राशि वालों के लिए नाइन ऑफ पेंटाकल्स कार्ड दिखाता है कि आपके रिश्ते में आत्मनिर्भरता, आपसी सम्मान और खुशहाली होगी। इस कार्ड का मतलब है कि दोनों पार्टनर अपनी-अपनी जगह सफल और आत्मविश्वासी होंगे और एक-दूसरे की उपलब्धियों की कद्र करेंगे। इसमें रिश्ते की स्थिरता, लंबे समय तक चलने वाला भरोसा और साथ में आगे बढ़ने की संभावना भी झलकती है। 

आर्थिक जीवन की बात करें तो टू ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड बताता है कि पैसों से जुड़े मामलों में आप दुविधा या टालमटोल की स्थिति में हो सकते हैं। हो सकता है कि आप किसी सच्चाई का सामना करने से बच रहे हों। यह कार्ड आपको संकेत देता है फैले से भागने के बजाय आपको जरूरी जानकारी इकट्ठा करके सही और समझदारी वाला निर्णय लेना चाहिए। जल्दबाजी में कदम उठाना या बिना सोचे-समझे आगे बढ़ना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह समय आपको यह संदेश देता है कि रुककर, सोचकर और ठोस योजना बनाकर ही आगे बढ़ें।

नाइन ऑफ कप्स कार्ड स्वास्थ्य के मामले में बहुत अच्छा माना जाता है। यह बताता है कि आपके सेहत सुधरेगी या आप बीमारी से उबर जाएंगे। अगर आप पहले से स्वास्थ हैं तो यह कार्ड संकेत देता है कि आप अच्छी सेहत बनाए रखेंगे। यह कार्ड यह भी याद दिलाता है कि खुद का ख्याल रखना और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों में संतुलन बनाना बहुत ज़रूरी है।

भाग्यशाली फूल: कार्नेशन 

वृश्चिक राशि

प्रेम जीवन: पेज़ ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: टू ऑफ वैंड्स 

करियर: द वर्ल्ड 

स्वास्थ्य: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स

वृश्चिक राशि वालों के लिए पेज़ ऑफ पेंटाकल्स कार्ड बताता है कि आपके जीवन में एक नया रिश्ता शुरू हो सकता है, जो व्यावहारिकता, वफादारी और साझा लक्ष्यों पर आधारित होगा। इसमें दिखावा कम और स्थिरता व एक-दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ने की भावना ज्यादा होगी। यह कार्ड यह भी दर्शाता है कि आपको एक ऐसा पार्टनर मिल सकता है, जो गंभीर, जिम्मेदार और रिश्ते को मजबूत बनाने वाला होगा।

आर्थिक जीवन में टू ऑफ़ वैंड्स कार्ड आर्थिक मामलों में समझदारी से आगे बढ़ने का संकेत देता है। यह समय आपके लिए सुरक्षित और स्थिर रहेगा, जिसमें आप सोच-समझकर फैसले ले पाएंगे। यह कार्ड लंबी अवधि की योजनाओं, भविष्य की ग्रोथ और निवेश या साझेदारी जैसे अवसरों की ओर इशारा करता है। 

द वर्ल्ड कार्ड करियर के लिहाज़ से बहुत शुभ माना जाता है। यह बताता है कि इस समय आपकी मेहनत का अच्छा फल मिलेगा और पुराने काम पूरे होंगे। साथ ही,  कार्य से जुड़े यात्राओं के योग भी बन सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी रहेंगे। यह कार्ड सफलता, उपलब्धि और लंबे समय से रुके हुए लक्ष्यों की प्राप्ति का प्रतीक है।

स्वास्थ्य की बात करें तो ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स कार्ड स्वास्थ्य के मामले में मानसिक स्पष्टता और ठोस कदम उठाने की जरूरत को दर्शाता है। इस मतलब है कि अब आपको अपनी सेहत को लेकर गंभीर होना होगा और जरूरी बदलाव करने होंगे। यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यह कार्ड यह भी संकेत देता है कि कुछ लोगों को सर्जरी या किसी मेडिकल प्रोसीजर की जरूरत पड़ सकती है।

भाग्यशाली फूल: डहेलिया

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

धनु राशि 

प्रेम जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स (रिवर्सड)

आर्थिक जीवन: सेवेन ऑफ पेंटाकल्स 

करियर: नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: नाइन ऑफ वैंड्स 

धनु राशि  वालों को प्रेम जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स संकेत देता है कि आपके रिश्ते में अस्थिरता, असंतोष या मतभेद हो सकते हैं। यह पारिवारिक मुद्दों, आर्थिक असुरक्षा या उस रिश्ते में फंसे होने की ओर इशारा करता है, जो अब आपकी जरूरतों को पूरा नहीं कर रहा। यह कार्ड यह भी बताता है कि आपको रिश्तों में स्पष्ट सीमाएं तय करने और और यह समझने की जरूरत है कि आपके लिए वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है।

आर्थिक जीवन में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स बताता है कि आपकी मेहनत और लगन अब रंग लाने लगी है। यह कार्ड यह दर्शाता है कि आप बचत, निवेश या प्रोफेशनल ग्रोथ के जरिए धीरे-धीरे आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, यह तुरंत परिणाम देने वाला समय नहीं है, इसलिए धैर्य और लंबी सोच रखने की जरूरत है। आपकी लगन से आगे जाकर अच्छे फल जरूर मिलेंगे।

 नाइन ऑफ़ स्वोर्ड्स करियर के मामले में मानसिक तनाव, चिंता और दबाव को दर्शाता है। यह बताता है कि आप काम बोझ से थकान महसूस कर सकते हैं या इस हद तक परेशान हो सकते हैं कि टूटने जैसा लगे। यह कार्ड यह भी कहता है कि हो सकता है आप समस्या को वास्तविकता से कहीं ज्यादा बड़ा मान रहे हों और नकारात्मक विचारों में फंसकर खुद को परेशान कर रहे हों। जरूरी है कि आप खुद को थोड़ा शांत करें और व्यावहारिक सोच अपनाएं।

नाइन ऑफ वैंड्स के लिहाज से सकारात्मक संकेत देता है। खासतौर पर यदि आप किसी लंबे समय से चल रही बीमारी या परेशानी से जूझ रहे हैं तो इसमें सुधार और राहत मिलने के योग हैं। यह कार्ड तेज रिकवरी की ओर इशारा करता है। साथ ही, यह सुझाव देता है कि भविष्य की सेहत को ध्यान में रखते हुए आवश्यक ऑपरेशन, इलाज या मेडिकल कल फैसले पर भी अभी विचार करना फायदेमंद होगा।

भाग्यशाली फूल: गेंदा

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

मकर राशि

प्रेम जीवन: ऐट ऑफ पेंटाकल्स

आर्थिक जीवन: थ्री ऑफ पेंटाकल्स

करियर: सिक्स ऑफ कप्स

स्वास्थ्य: टेन ऑफ स्वॉर्ड्स

मकर राशि वालों के लिए ऐट ऑफ पेंटाकल्स यह बताता है कि रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आपको मेहनत, समर्पण और धैर्य की जरूरत होगी। यह कार्ड इस बात पर जोर देता है कि प्यार को लंबे समय तक टिकाऊ और संतुलित बनाने के लिए दोनों पार्टनर्स को मिलकर लगातार कोशिश करनी होगी। इसमें यह संदेश छुपा है कि सच्चा रोमांस केवल भावनाओं से नहीं बल्कि रोजमर्रा की मेहनत और सुधार से भी आगे बढ़ता है यानी जितना आप रिश्ते में समय और ईमानदारी देंगे, उतना ही आपका रिश्ता मजबूत होगा। 

आर्थिक जीवन की बात करें तो थ्री ऑफ़ पेंटाकल्स आर्थिक मामलों में सहयोग, टीमवर्क और मिलकर कुछ बड़ा बनाने का प्रतीक है। यह कार्ड यह बताता है कि वित्तीय सफलता पाने के लिए मेहनत, धैर्य और टीम भावना जरूरी होगी। यह समय सीखने, नेए कौशल विकसित करने और भविष्य की सफलती की ठोस नींव रखने का है। यानी पार्टनरशिप साझा योजनाएं और सामूहिक प्रयास आपको आर्थिक स्थिरता की ओर ले जाएंगे।

करियर में सिक्स ऑफ़ कप्स प्रोफेशनल जीवन में अतीत की ओर झुकाव दिखाता है। हो सकता है कि आप किसी पुराने करियर पथ पर वापस लौटें या अपनी पहले से मौजूद स्किल्स और अनुभवों का दोबारा इस्तेमाल करें। यह कार्ड यह भी बताता है कि आपको अपने शुरुआती सपनों और पुरानी सीखों से प्रेरणा मिलेगी। ऑफिस या बिज़नेस माहौल में यह कार्ड उदारता, संसाधन साझा करने और सहयोग की भावना को दर्शाता है। 

स्वास्थ्य के लिहाज़ से, मेंटेन ऑफ़ स्वोर्ड्स सेहत के मामले में थकान, मानसिक दबाव और तनाव का संकेत देता है। यह कार्ड यह दर्शाता है कि अत्यधिक स्ट्रेस और बोझ आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें यह भी इशारा है कि कठिन दौर अब समाप्ति की ओर है और अब आपको आराम, आत्म-देखभाल और हीलिंग पर ध्यान देने की ज़रूरत है। यानी अपने शरीर और मन को रिलैक्स करने के लिए समय निकालना बेहद ज़रूरी है।

भाग्यशाली फूल: गुलाब

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें। 

कुंभ राशि

प्रेम जीवन: द लवर

आर्थिक जीवन: द स्टार

करियर: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स

स्वास्थ्य: ऐस ऑफ पेंटाकल्स

कुंभ राशि राशि के जातकों के प्रेम जीवन में द लवर कार्ड गहरे सामंजस्य, जुड़ाव और आत्मा के स्तर पर रिश्ता दर्शाता है। यह अक्सर ऐसे रिश्ते की ओर इशारा करता है, जो आपसी सम्मान, भरोसे और समान मूल्यों पर टिका हो। यह कार्ड यह भी संकेत दे सकता है कि आपके प्रेम जीवन में कोई बड़ा निर्णय या मोड़ आने वाला है, जहां आपको दिल और दिमाग दोनों से सोचकर आगे बढ़ना होगा। यानी यह समय है कि आप अपने दिल की सच्ची चाहत को पहचानें और उसी हिसाब से निर्णय लें।

आर्थिक जीवन में द स्टार कार्ड आर्थिक मामलों में आशा, नई शुरुआत और उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करता है। यह बताता है कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं और अगर फिलहाल कोई कठिनाई है तो आप उसे पार कर लेंगे। यह कार्ड आपको धन का संतुलित उपयोग करने की प्रेरणा देता है, यानी अपनी कमाई का आनंद लें लेकिन भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। साथ ही, यह कार्ड कृतज्ञता का संदेश देता है कि जो आपके पास है, उसकी कद्र करें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।

करियर में सिक्स ऑफ़ स्वोर्ड्स आपके बदलाव की ओर इशारा करता है। यह दर्शाता है कि आप किसी कठिन, तनावपूर्ण स्थिति से निकलकर एक बेहतर और सहयोगी कार्य वातावरण की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें नौकरी बदलना, स्थानांतरण होना, या नई जिम्मेदारियाँ लेना शामिल हो सकता है। लेकिन इसका सीधा अर्थ है कि आप सही दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं और आपकी पेशेवर जिंदगी में धीरे-धीरे स्थिरता आएगी।

स्वास्थ्य में ऐस ऑफ़ पेंटाकल्स कार्ड नई शुरुआत और बेहतर सेहत का संकेत देता है। यह कार्ड प्रेरित करता है कि आप अपनी दिनचर्या में अच्छे बदलाव लाएँ, जैसे – व्यायाम, सही खानपान और मानसिक शांति पर ध्यान देना। यह कार्ड बताता है कि अब आपके पास सेहत को नई दिशा देने का अवसर है और यदि आप सकारात्मक कदम उठाएंगे तो आने वाला समय स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा रहेगा।

भाग्यशाली फूल: कुमुदिनी 

मीन राशि

प्रेम जीवन: हर्मिट  

आर्थिक जीवन: द चैरिएट

करियर: किंग ऑफ वैंड्स 

स्वास्थ्य: थ्री ऑफ कप्स 

मीन राशि राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो यह कार्ड आत्ममंथन और आत्मचिंतन की जरूरत को दर्शाता है। इसका मतलब है कि अभी आपको अपने दिल और दिमाग से यह समझने की जरूरत है कि असल में आप एक रिश्ते से क्या चाहते हैं। यह कार्ड यह भी बताता है कि अगर आप पहले से ही किसी रिश्ते में हैं, तो उसमें गहराई और भावनात्मक नजदीकी लाने के लिए थोड़ी आत्मचिंतन और गंभीर बातचीत की आवश्यकता है। यानी जल्दबाजी से बेहतर है कि आप पहले खुद को समझें और फिर सही फैसले लें।

आर्थिक जीवन में द चैरिएट कार्ड आर्थिक मामलों में दृढ़ निश्चय, फोकस और सही दिशा की ओर बढ़ने का संकेत देता है। यह बताता है कि यदि आप मेहनत और आत्मविश्वास के साथ अपने पैसों को संभालेंगे, योजनाएं बनाएंगे और समझदारी से निर्णय लेंगे तो किसी भी आर्थिक चुनौती को जीत सकते हैं। यह समय है कि आप अपने लक्ष्यों  पर नजर बनाए रखें और मजबूत इच्छाशक्ति से वित्तीय स्थिरता की ओर कदम बढ़ाएं।

किंग ऑफ वैंड्स करियर में महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और सफलता का प्रतीक है। यह कार्ड बताता है कि आपके अंदर अपने लक्ष्यों को हासिल करने की  ऊर्जा और दूरदर्शिता मौजूद है। आने वाले समय में आपके काम की सराहना होगी और आपको प्रमोशन या नेतृत्व की कोई बड़ी ज़िम्मेदारी भी मिल सकती है। यह समय आपके लिए तरक्की, पहचान और अपने विचारों से दूसरों को प्रेरित करने का है। आपके जुनून और रचनात्मकता से करियर में नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

थ्री ऑफ कप्स स्वास्थ्य के क्षेत्र में खुशहाली सहयोग और अच्छे रिश्तों का महत्व दिखाता है। यह कार्ड कहता है कि आपकी सेहत के लिए भावनात्मक सहयोग और अपने प्रियजनों का साथ बहुत जरूरी है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, हंसी मजाक करना और सामाजिक  जुड़ाव आपके लिए मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से फायदेमंद होगा। यह समय है कि आप सकारात्मक माहौल में रहें, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होता जाएगा।

भाग्यशाली फूल: बेबीज़ ब्रीथ 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. किस कार्ड पर अनंत का चिन्ह है?

जादूगर

2. टैरो में बुध किस कार्ड पर शासन करता है?

बुध

3. टैरो में बृहस्पति किस कार्ड पर शासन करता है?

द हिरोफेंट

क्‍या है भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 की पूजन विधि, नोट कर लें उपाय!

क्‍या है भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 की पूजन विधि, नोट कर लें उपाय!

सनातन धर्म में पूर्णिमा व्रत को अत्‍यंत महत्‍व दिया गया है। भादो के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 रखा जाता है। प्रत्‍येक माह की शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर यह व्रत किया जाता है और भादो के महीने में आने वाली पूर्णिमा तिथि को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है।

भविष्‍य पुराण में बताई गई बत्तीसी पूर्णिमा व्रत के अनुसार माघ, मार्गशीर्ष और वैशाख माह की पूर्णिमा से शुरू कर के भाद्रपद और पौष माह की पूर्णिमा को इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 को करने से सभी प्रकार के सुख-वैभव और संतान एवं पुत्र की प्राप्‍ति होती है।

एस्‍ट्रोसेज एआई द्वारा इस विशेष ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि भाद्रपद पूर्णिमा व्रत कब है, इसका क्‍या महत्‍व है, पूजन विधि और ज्‍योतिषीय उपाय क्‍या हैं। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं भादो पूर्णिमा व्रत 2025 के बारे में।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 कब है

07 सितंबर, 2025 रविवार के दिन भाद्रपद पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। 07 सितंबर को सुबह 01 बजकर 43 मिनट पर पूर्णिमा त‍िथि आरंभ होगी और 07 अगस्‍त को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं जैसे कि सुकर्मा योग और धृति योग।

क्‍या है सुकर्मा और धृति योग

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार सुकर्मा योग ग्रहों का एक शुभ एवं लाभकारी योग है जो कि सफलता, संपन्‍नता और सौभाग्‍य लेकर आता है। जब शुभ ग्रह चंद्रमा या लग्‍न से उपाच्‍य भावों यानी तीसरे, छठे, दसवें और ग्‍यारहवें भाव में होते हैं, तब इस योग का निर्माण होता है। सुकर्मा का अर्थ होता है अच्‍छे कर्म।

शास्‍त्रों में शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए धृति योग को श्रेष्‍ठ माना गया है। मान्‍यता है कि इस योग में शुरू किए गए कार्यों के सफल होने की अधिक संभावना रहती है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 में किसकी होती है पूजा

इस दिन व्रत रखकर चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्‍य दिया जाता है। इससे कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और यदि कोई चंद्र दोष हो, तो उससे भी छुटकारा मिल जाता है। इस दिन सत्‍यनारायण भगवान की पूजा करने का भी विधान है। इस व्रत को करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 की पूजन विधि

मान्‍यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा पर पूरी विधि के साथ सत्‍यनारायण की कथा और पूजन करने से मनुष्‍य को अपने सभी दुखों से मुक्‍ति मिल जाती है। इस दिन आप निम्‍न विधि से पूजा कर सकते हैं:

  • भादो के महीने में आने वाली पूर्णिमा पर सुबह जल्‍दी उठकर किसी पवि‍त्र नदी, तालाब या कुंड में स्‍नान कर लें। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो आप अपने घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान कर सकते हैं।
  • अब आप व्रत का संकल्‍प लें और सत्‍यनारायण की पूजा एवं कथा करें।
  • इस पूर्णिमा 2025 पर भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा के लिए पुष्प, धूप, दीप, फल, मिठाई, और जल रखें। तर्पण के लिए तिल, जल, दूध, और कुशा घास की जरूरत होती है।
  • सबसे पहले भगवान विष्णु की पूजा करें। उनके चरणों में पुष्प, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें। इसके पश्‍चात् विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करें।
  • भाद्रपद पूर्णिमा 2025 व्रत पर पितरों का तर्पण अवश्य करें। इसके लिए एक साफ बर्तन में जल, दूध, और तिल मिलाएं और कुशा घास के माध्यम से पितरों को जल अर्पित करें। इस दौरान पितरों का ध्यान करते हुए तर्पण मंत्र का उच्चारण करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • शाम के समय चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्‍य दें। एक साफ थाली में पुष्प, धूप, दीप, और मिठाई रखें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए एक बर्तन में शुद्ध जल लें और उसमें चावल और फूल डालें। इस जल को चंद्रमा की ओर मुख करके अर्घ्य दें। अब चंद्र देव से अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
  • इस व्रत में पंचामृत और चूरमे का प्रसाद भी बनाया जाता है जिसे पूजन के पश्‍चात् सभी लोगों में बांटा जाता है। विधि विधान से पूजा करने के बाद ब्राह्मण को भोजन और गरीबों को दान दिया जाता है।
  • पूर्णिमा व्रत 2025 में केवल फलाहार करें।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 पर जरूर पढ़ें ये कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी और पुत्र के साथ रहता था। उसका परिवार अत्‍यंत धार्मिक था और पुण्य कर्मों में विश्वास रखता था लेकिन वे बहुत गरीब थे। जब ब्राह्मण के पुत्र ने युवा अवस्था में कदम रखा, तब उसने अपने माता-पिता से पूछा कि उनके घर में इतनी गरीबी क्‍यों है।

पुत्र के प्रश्‍न पर ब्राह्मण ने कहा कि यह पितरों का श्राप है। उसने बताया कि उनके पूर्वजों ने अपने जीवन में कुछ ऐसे कर्म किए थे, जिससे उनके और उनके परिवार के लिए पितृ दोष उत्पन्न हुआ और उन्‍हें उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो पा रहा है। पुत्र ने पूछा कि इस दोष से मुक्ति का उपाय क्या है। तब ब्राह्मण ने कहा कि, भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण और पूजा करने से पितृ दोष से मुक्‍ति मिल सकती है।

जो भी व्‍यक्‍ति पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस व्रत को करता है, उसका पितृ दोष समाप्त हो जाता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। जब पितृ प्रसन्न होते हैं, तो वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

यह सब सुनने के बाद पुत्र ने अपने माता-पिता के कहने पर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत रखा। उसने पूर्ण श्रद्धा और पूरे विधि-विधान से अपने पितरों का तर्पण किया और उनके निमित्त दान-पुण्य भी किया। उसके व्रत से पितृ प्रसन्न हुए और उन्होंने अपने वंशजों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद, ब्राह्मण के घर में दरिद्रता समाप्त हो गई और वहां समृद्धि एवं संपन्‍नता का वास हो गया। तभी से भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। इस व्रत को रखने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 से होगी श्राद्ध की शुरुआत

07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 है और इसी दिन से श्राद्ध भी आरंभ हो रहे हैं। श्राद्ध 21 सितंबर, 2025 को सर्वपितृ अमावस्‍या पर समाप्‍त होंगे। श्राद्ध के दिनों में पितरों का तर्पण करने का अत्‍यधिक महत्‍व है। इससे पितरों की आत्‍मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों से प्रसन्‍न होते हैं।

मान्‍यता है कि श्राद्ध 2025 के दौरान जो भी व्‍यक्‍ति सच्‍चे मन से अपने पितरों का तर्पण या श्राद्ध करेगा, उसका जीवन एवं घर सुख-समृद्धि से भर जाएगा और उसे पितृ दोष से भी मुक्‍ति मिलेगी।

पूर्णिमा व्रत में क्‍या खाया जाता है

पूर्णिमा के किसी भी व्रत में जल, फल और दूध से बनी सात्विक चीज़ों का सेवन किया जाता है। कई श्रद्धालु केवल जल पर उपवास करते हैं जबकि कुछ निर्जल व्रत भी रखते हैं। इस व्रत में अनाज, मसाले, तंबाकू, चाय और कॉफी आदि का सेवन करना वर्जित होता है। इसके अलावा मांसाहार आदि का सेवन करने की भी मनाही होती है।

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 का पारण

पूर्णिमा 2025 व्रत का पारण शाम को चंद्रमा को अर्घ्‍य देने के बाद किया जाता है। इसके पारण हेतु ब्राह्मण को अन्‍न, वस्‍त्र, घी, तिल और चावल आदि का दान किया जाता है। इसके बाद दक्षिणा देकर ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद स्‍वयं फलाहार लिया जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 पर क्‍या दान करें

भाद्रपद पूर्णिमा पर आप अपनी राशि के अनुसार निम्‍न चीज़ों का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि और संपन्‍नता का आगमन होगा।

  • मेष राशि के जातक लाल रंग के फलों का दान कर सकते हैं। इससे उन्‍हें मंगल ग्रह से शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
  • जिनकी वृषभ राशि है, वे पूर्णिमा 2025 पर चीनी और चावल का दान करें। इससे इन जातकों को सुख की प्राप्‍ति होगी।
  • मिथुन राशि के लोग साबुत मूंग या दाल का दान कर सकते हैं।
  • कर्क राशि वाले चावल और दूध का दान करें। इससे उन्‍हें भगवान विष्‍णु का आशीर्वाद मिलेगा।
  • सिंह राशि के जातक भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 पर पूजन करने के बाद मसूर की दाल और मूंगफली का दान करें।
  • जिनकी कन्‍या राशि है, वे हरी सब्जियों को दान में दे सकते हैं। इससे उन्‍हें अपने व्‍यापार में प्रगति प्राप्‍त होगी।
  • तुला राशि के लोग गरीब और जरूरतमंद लोगों को सफेद रंग के वस्‍त्र दान करें।
  • यदि किसी वृश्चिक राशि वाले जातक की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे पूर्णिमा 2025 के दिन गेहूं और लाल रंग के वस्‍त्रों का दान करना चाहिए।
  • धनु राशि के जातकों के लिए पीले रंग के फल और पीले चावलों का दान करना शुभ रहेगा।
  • मकर राशि वाले अपने घर से नज़दीकी मंदिर में काले तिलों का दान करें। इससे उन्‍हें भगवान शिव की कृपा प्राप्‍त होगी।
  • भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 पर कुंभ राशि वाले उड़द की दाल और काले रंग के वस्‍त्रों का दान कर सकते हैं।
  • मीन राशि के लोग पीले रंग के वस्‍त्रों का दान कर सकते हैं।

भाद्रपद प‍ूर्णिमा व्रत 2025 के लिए ज्‍योतिषीय उपाय

आप अपनी मनोकामना के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा 2025 पर निम्‍न उपाय कर सकते हैं:

  • अगर किसी के घर में लड़ाई-झगड़ा होता रहता है और घर में सुख-शांति नहीं है, तो उस व्‍यक्‍ति को पूर्णिमा 2025 के दिन भगवान विष्‍णु का पूजन करना चाहिए और उन्‍हें सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति आती है और कलह दूर होती है।
  • जिन लोगों के घर में पैसों की तंगी है, पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा करें और उन्‍हें लाल रंग का पुष्‍प अर्पित करें। इसके साथ ही कनकधारा स्‍तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी रहता है। इससे मां लक्ष्‍मी उस व्‍यक्‍ति को धन-धान्‍य का आशीर्वाद देती हैं।
  • पुण्‍य की प्राप्ति के लिए भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 रखा जा सकता है। इस दिन केवल फलाहार करें और पूरा दिन भगवान का ध्‍यान करें। यह व्रत पापों का नाश करता है और पुण्य को बढ़ाता है।
  • यदि कोई व्‍यक्‍ति मानसिक पीड़ा से परेशान है, तो उसे भाद्रपद पूर्णिमा 2025 के दिन ध्यान और साधना करनी चाहिए। सुबह-शाम ध्यान करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और आत्मिक उन्नति होती है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. भाद्रपद पूर्णिमा व्रत 2025 कब है?

उत्तर. 07 सितंबर, 2025 को है।

प्रश्‍न 2. भाद्रपद पूर्णिमा व्रत कब पड़ता है?

उत्तर. यह व्रत भादो की पूर्णिमा तिथि पर आता है।

प्रश्‍न 3. भाद्रपद पूर्णिमा के साथ और क्‍या है?

उत्तर. इस दिन से श्राद्ध 2025 भी शुरू हो रहे हैं।

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: जानें, आपकी जिंदगी में क्या बदलाव आएगा

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: जानें, आपकी जिंदगी में क्या बदलाव आएगा

आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: एस्ट्रोसेज एआई अपने पाठकों को समय-समय पर ज्योतिष की दुनिया में होने वाले बदलावों से अवगत करवाता रहा है। आज यहां हम आपको साल 2025 में पड़ने वाले आखिरी चंद्र ग्रहण 2025 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे।

इस ब्लॉग में आपको बताया जाएगा कि यह आखिरी चंद्र ग्रहण दुनिया भर पर कैसा असर डालेगा, अलग-अलग राशियों पर इसके क्या प्रभाव होंगे और किन राशियों पर इसके नकारात्मक असर दिख सकते हैं। इसके साथ ही हम ग्रहण के समय, सूतक काल और हर राशि के लिए खास उपाय भी बताएंगे। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। यह एक दुर्लभ और बेहद खूबसूरत खगोलीय घटना है, जिसे देखना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव होता है।  ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसकी गहराई में जाने से पहले, आइए सबसे पहले इस अद्भुत घटना के असली स्वरूप को समझते हैं।

चंद्र ग्रहण 2025: ज्योतिषीय महत्व

चंद्र ग्रहण, जिसे वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रहण कहा जाता है, एक शक्तिशाली खगोलीय घटना मानी जाती है। माना जाता है कि यह गहरे भावनात्मक बदलाव, आध्यात्मिक जागृति और कर्मों की शुद्धि लाता है। यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है और पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच स्थित होती है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का कारण राहु और केतु नामक छाया ग्रह होते हैं। ये ग्रह हमारे भीतर छिपी हुई ऊर्जा को सक्रिय करते हैं, अधूरे कर्मों को सामने लाते हैं और जीवन में अचानक बदलाव की स्थितियां पैदा कर सकते हैं इसलिए चंद्र ग्रहण को केवल एक खगोलीय घटना ही नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक और कर्म संबंधी संकेत भी माना जाता है।

पूर्ण चंद्र ग्रहण और इसका महत्व

प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण

चंद्र राशि: कुंभ राशि

नक्षत्र: पूर्वाभाद्रपद

  • यह चंद्र ग्रहण बृहस्पति ग्रह के स्वामित्व वाले पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है, जो रहस्यमय और परिवर्तनकारी ऊर्जा से भरपूर है। 
  • यह ऊर्जा हमें सार्वभौमिक सच्चाईयों के साथ जुड़ने, आध्यात्मिक जागृति पाने और पुराने, अप्रासंगिक विचारों या प्रणालियों से दूरी बनाने के लिए प्रेरित करती है।
  • कुंभ राशि मानवीय मूल्यों, दूरदृष्टि और सामूहिक क्रांति का प्रतीक है। इस ग्रह के दौरान हमारे समाज, तकनीक और धर्म को लेकर सोचने का नजरिया बदल सकता है। यह समय नई सोच और बदलाव के द्वार खोल सकता है।

साल 2025 में दो महत्वपूर्ण चंद्र ग्रहण होंगे। ये दोनों ही ग्रहण कर्मों से मुक्ति, भावनात्मक परिवर्तन और गहरी आध्यात्मिक जागरूकता की राह खोलेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण ब्रह्मांडीय शुद्धि का समय होता है, जब छुपे हुए राज़ सामने आते हैं और भीतर से बदलाव निश्चित हो जाता है। ये चंद्र ग्रहण खास ऊर्जा लेकर आते हैं, जो न केवल व्यक्तिगत जीवन को बल्कि सामूहिक चेतना को भी प्रभावित करती है। यह ऊर्जा उस समय विशेष रूप से प्रभावी होती है, जब ग्रहण खास नक्षत्रों और राशियों में घटित होते हैं, जैसा कि इस बार हो रहा है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

चंद्र ग्रहण के प्रकार

चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण। इनकी पहचान पृथ्वी की छाया के हिस्सों अम्ब्रा (गहरी छाया) और पेनम्ब्रा (हल्की छाया) में चंद्रमा के आने के आधार पर की जाती है।

पूर्ण चंद्र ग्रहण 

जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की सबसे गहरी छाया अम्ब्रा से गुजरता है, तो यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कहलाता है। इस दौरान चंद्रमा का रंग हल्का लाल या तांबे जैसा जाता है, जिसे ब्लड मून (रक्त चंद्र) कहा जाता है।

आंशिक चंद्र ग्रहण

इस स्थिति में चंद्रमा का केवल एक हिस्सा ही उम्ब्रा (गहरी छाया) से गुजरता है, जबकि बाकी हिस्सा पेनुम्ब्रा (हल्की छाया) में रहता है। इस वजह से चंद्रमा का एक हिस्सा गहरा और एक हिस्सा हल्का दिखता है।

उपछाया चंद्र ग्रहण

इस प्रकार के ग्रहण में चंद्रमा केवल पेनुम्ब्रा (हल्की बाहरी छाया) से गुजरता है। इसकी वजह से चंद्रमा पर हल्का सा अंधेरा या फीका पन दिखाई देता है, जो सामान्य आंखों से थोड़ा मुश्किल से दिखाई देता है, लेकिन ध्यान से देखने पर महसूस किया जा सकता है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

चंद्र ग्रहण 2025: समय और पक्ष

तिथिदिन तथा दिनांकचंद्र ग्रहण प्रारंभ समय (भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार)चंद्र ग्रहण समाप्त समयदृश्यता का क्षेत्र
भाद्रपद माह की पूर्णिमारविवार/सोमवार, 7/8 सितंबर, 202507 सितंबर की रात 9 बजकर 57 मिनट से08 सितंबर की मध्यरात्रि 01 बजकर 26 मिनट तकभारत, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका सहित संपूर्ण एशिया

नोट: यदि ग्रहण 2025 की बात करें, तो उपरोक्त तालिका में दिया गया चंद्र ग्रहण का समय भारतीय मानक समय के अनुसार है।

भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। जहां-जहां यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां इसका सूतक काल भी मान्य होगा। 7 सितंबर 2025 को सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट शुरू होगा और ग्रहण समाप्त होने तक चलेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन पड़ेगा।

ग्रहण की शुरुआत 07 सितंबर रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और यह 8 सितंबर 2025 की रात 1 बजकर 26 मिनट बजकर (25:26) समाप्त होगा। यह पूर्ण ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि में घटित होगा। इस अद्भुत खगोलीय घटना का साफ और स्पष्ट दृश्य भारत, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका के पूर्वी हिस्सों में देखने को मिलेगा।

2025 का चंद्र ग्रहण: सूतक काल

07 सितंबर 2025 को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इस ग्रहण से जुड़े सूतक काल और उसके प्रभाव के बारे में पहले ही जानकारी दी जा चुकी दी जा चुकी है। अब आइए, चंद्र ग्रहण 2025 से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं और खास बातों पर नजर डालते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

चंद्र ग्रहण 2025: सभी 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

चंद्रमा इस समय राहु के साथ आपकी कुंडली के 11वें भाव में स्थित है और मेष राशि वालों के लिए यह चतुर्थ भाव का स्वामी बन रहा है। इस दौरान आपको विदेश या लंबी दूरी की यात्राओं से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसी यात्राओं में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। चंद्रमा और राहु का 11वें भाव में होना आपके वैवाहिक जीवन और घर-परिवार की छवि पर असर डाल सकता है। इस समय विवाहेतर संबंध बनने की संभावना भी रहती है।

वित्तीय दृष्टि से भी यह समय अनुकूल नहीं है। धन की बचत करने में कठिनाई आ सकती है और खर्च बढ़ सकते हैं। चंद्रमा-राहु का यह योग भौतिक सुख-सुविधाओं, दूसरों से प्रशंसा पाने या किसी प्रकार की संतुष्टि की तीव्र इच्छा पैदा कर सकता है, जिसके चलते लत या आदतों पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो सकता है।

उपाय: सकारात्मकता लाने के लिए भगवान शिव की पूजा करें

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि

वृषभ राशि  वालों के लिए चंद्रमा इस समय तीसरे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपकी कुंडली के दसवें भाव में स्थित है। दसवें भाव में राहु के साथ चंद्रमा की युति होना आपके सामाजिक जीवन, रिश्तों और विवाह की संभावनाओं पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। राहु, चंद्रमा का शत्रु ग्रह माना जाता है इसलिए यह स्थिति चंद्रमा के शुभ फलों को कमजोर कर देती है। कुंभ राशि में राहु के साथ होने पर चंद्रमा कमजोर और काफी गोपनीय स्वभाव का हो जाता है। इस समय आपके प्रमोशन और सम्मान मिलने की संभावनाओं पर भी असर पड़ सकता है। आपके अंदर अधिकार पद और पहचान की प्रबल इच्छा हो सकती है, लेकिन यह इच्छा कभी-कभी सफलता दिलाने के साथ-साथ निराशा भी ला सकती है।

इस स्थिति के प्रभाव से भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक एकाग्रता में कमी आ सकती है, इसलिए समझदारी से परिस्थितियों को संभालना जरूरी है। स्वास्थ्य के लिहाज से कान से जुड़ी परेशानियां, सुनने में दिक्कत या अन्य समस्याएं हो सकती है।

उपाय: किसी भी चिंता या भय को दूर करने के लिए भगवान हनुमान की पूजा करें।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए चंद्रमा इस समय दूसरे भाव के स्वामी है और यह राहु के साथ आपकी कुंडली के नौवें भाव में स्थित होंगे। बाकि राशियों की तुलना में इस चंद्र ग्रहण से मिथुन राशि वालों को वित्तीय और प्रोफेशनल लाभ मिलने की संभावना कम है। इस दौरान अपनी आंखों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि आंखों में संक्रमण या जलन जैसी समस्याएं हो सकती है। चंद्रमा और राहु की यह युति अक्सर भ्रम, तीव्र इच्छाएं और असामान्य चीज़ों की ओर आकर्षण पैदा करती है, जिससे बेचैनी और पारंपरिक सोच के प्रति आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सकती है।

इस स्थिति के कारण आपका रुझान पारंपरिक धर्म से हटकर किसी अलग तरह की आध्यात्मिकता, विदेशी विचारधाराओं या नए विश्वास प्रणालियों को खोजने में बढ़ सकता है।

उपाय: जीवन में आने वाली किसी भी समस्या के समाधान के लिए गणेश अभिषेक का पाठ करें।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए चंद्रमा इस समय लग्न के स्वामी हैं और अब यह राहु के साथ आपकी कुंडली के आठवें भाव में स्थित होंगे। आठवां भाव, नौवें भाव से बारहवां होता है इसलिए यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके पिता के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है। चंद्र राहु का योग अक्सर गंभीर बीमारियों या आजीवन मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का संकेत देता है। अगर आप पहले से चिंता से पीड़ित हैं, तो इस समय मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

करियर के क्षेत्र में भी इस समय काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नौकरी में बार-बार परिवर्तन हो सकता है और किसी एक स्थान पर लंबे समय तक संतुष्ट रहना मुश्किल हो सकता है। अचानक ट्रांसफर या नौकरी से निकालने जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। कार्यस्थल पर राजनीति से सावधान रहें, क्योंकि कुछ लोग आपकी छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं।

उपाय: जीवन में शांति और स्वास्थ्य लाने के लिए रुद्राभिषेक करें।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि  वालों के लिए चंद्रमा इस समय बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह राहु के साथ आपकी कुंडली के सातवें भाव में स्थित होगा। सातवें भाव में चंद्र राहु का यह योग बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है। चंद्र ग्रहण के समय आपका मन अशांत रह सकता है, सोचने का तरीका उलझा हुआ और रवैया अस्थिर हो सकता है। इस दौरान नैतिक मूल्यों की कमी और लोगों के प्रति संदेहपूर्ण व्यवहार भी देखने को मिल सकता है।

इस योग के प्रभाव से आपके अंदर रिश्तों की प्रबल इच्छा तो रहेगी, लेकिन लोगों पर भरोसा करना कठिन होगा, जिससे बहस या टकराव की स्थितियां बन सकती है। इसके अलावा, यह स्थिति विदेश में या अपने क्षेत्र से बाहर रिश्ते तलाशने की प्रवृत्ति का भी संकेत देती है। 

उपाय: अनाथालयों और शरणालयों में छाछ वितरित करें।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

कन्या राशि

कन्‍या राशि इस समय चंद्रमा आपकी कुंडली के छठे भाव में आ गया है और यह ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इसका मतलब यह है कि आप स्वभाव के चालाक चतुर और आत्मनिर्भर हो सकते हैं। छठा भाव नौकरी, रोजमर्रा की जिंदगी और झगड़ों से जुड़ा होता है। चंद्रमा और राहु की मौजूदगी के कारण इन क्षेत्रों में कुछ तनाव या उलझन हो सकती है, जैसे कि परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों या अधीनस्थों से अनबन हो सकती है। 

छठा भाव सेवा और दूसरों की मदद से भी जुड़ा होता है। इस समय आप समाज के लिए कुछ अच्छा करने या किसी बड़े उद्देश्य के लिए काम करने की प्रेरणा महसूस कर सकते हैं। ऐसे लोग समस्याओं को हटके ढंग से सुलझाने में माहिर हो सकते हैं और ऐसे कामों में अच्छा कर सकते हैं जहां नया सोचने की जरूरत होती है।

उपाय: ध्यान करें, “ॐ” का जाप करें और किसी ब्राह्मण को काले तिल दान करें।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

तुला राशि इस समय चंद्रमा आपकी कुंडली में दसवें भाव के स्वामी बनकर पांचवें भाव में राहु के साथ स्थित है। चंद्रमा और राहु का यह संयोग आपकी सोच और व्यक्तित्व पर अच्छा असर नहीं डालता। इसका असर ये हो सकता है कि आपको जिंदगी भर मानसिक तनाव और थकान महसूस हो। अगर आपके व्यक्तित्व से नकारात्मकता झलकती है, तो लोगों को साथ बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। 

पांचवें भाव में राहु और चंद्रमा की युति से पितृ दोष भी बनता है। इसका मतलब यह है कि आपको भावनात्मक रूप से बेचैनी हो सकती है और बदला लेने की भावना मन में बनी रह सकती है। जब तक आप किसी से हिसाब बराबर नहीं कर लेते, तब तक मन शांत नहीं होगा। इस योग का असर आपकी संतान या उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।

उपाय: व्रत रखें और देवी दुर्गा की पूजा करें।

तुला साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि इस समय चंद्रमा आपकी कुंडली में नौवें भाव के स्वामी है और राहु के साथ चौथे भाव में स्थित है। इस योग के कारण आप स्वभाव से बुद्धिमान और समझदार बन सकते हैं। हालांकि चंद्रग्रहण के समय आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई आपको नहीं समझ रहा, लेकिन अगर आप आत्मविश्वास बनाए रखते हैं, तो धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा। 

चौथे भाव में चंद्रमा और राहु की युति से मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक जीवन में खटपट और मां से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है। फिर भी इस स्थिति से आपके अंदर ध्यान, अध्यात्म और जीवन के ऊंचे उद्देश्य की ओर झुकाव भी बढ़ सकता है। योग और आत्मिक साधन जैसे कार्यों में मन लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

उपाय: चंद्र बीज मंत्र (ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः) का जाप लाभकारी रहेगा।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

धनु राशि इस समय चंद्रमा जो आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी हैं, वह राहु के साथ तीसरे भाव में स्थित है। यह योग आपको साहसी बना सकता है और सोच-समझकर जोखिम उठाने की हिम्मत भी देगा। हालांकि, राहु चंद्रमा की भावनाओं को और तीव्र कर देता है, जिससे मूड बार-बार बदल सकता है, चिंता बढ़ सकती है या चीज़ों को ज़रूरत से ज़्यादा सोचने की आदत हो सकती है। 

यह संयोग आपके सामाजिक संपर्क, बातचीत और रचनात्मकता में बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अपने मन और भावनाओं पर नियंत्रण रखें और कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। खासकर भाई- बहनों से संबंध और बातचीत के मामलों में धैर्य रखना बहुत जरूरी होगा, वरना आप जल्दबाज फैसले ले सकते हैं।

उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि  के जातकों के लिए चंद्रमा आपकी कुंडली के सातवें भाव के स्वामी हैं और इस समय यह दूसरे भाव में रहेंगे, जो परिवार, आय और वाणी का भाव है। तीसरे भाव में, राहु और चंद्रमा के साथ होने से आपके स्वभाव में एक तरफ आराम और सुख की चाह रहेगी, तो दूसरी तरफ मन में उदासी भी बनी रहेगी। कभी आप अपने रोजमर्रा के जीवन पर ध्यान नहीं देंगे, तो कभी जरूरत से ज्यादा काम में लगे रहेंगे। 

इस समय छोटे भाई-बहनों से आपके संबंधों में खटास आ सकती है और हिम्मत की कमी के कारण आप अपने फैसलों पर शक करने लगेंगे। अगर इस दौरान आर्थिक परेशानी हुई तो हालात और मुश्लिक हो सकते हैं।

उपाय: जरूरतमंदों को काले जूते दान करें और नमक से स्नान करें।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि  के जातकों के लिए चंद्रमा छठे भाव के स्वामी हैं, लेकिन 2025 के चंद्र ग्रहण के समय यह दूसरे भाव में रहेंगे। इस दौरान आपकी वाणी मीठी और मनमोहक होगी और आप अपने पैसे या अपनी चीज़ों का दिखावा करने में आनंद ले सकते हैं। चूंकि राहु और चंद्रमा दोनों की दूसरे भाव में रहेंगे इसलिए आप चतुराई से काम लेंगे। 

आप अपनी बातों से किसी को भी आसानी से उलझा सकते हैं, लेकिन इसी वजह से कभी-कभी आप बेईमानी या छल-कपट करने लगेंगे। इस समय आपके परिवार में असंतोष का माहौल रह सकता है। घर में लगातार बहसें और ढोंग करने वाले लोगों की भरमार हो सकती है। अगर आप इस समय किसी को पैसा उधार देंगे, तो उसके वापस मिलने की संभावना बहुत कम होगी।

उपाय: सरसों का तेल और जूते दान करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए चंद्रमा पांचवें भाव के स्वामी हैं, लेकिन 2025 के चंद्र ग्रहण के दौरान यह बारहवें भाव में रहेगा। जब राहु और चंद्रमा पहले भाव में एक साथ होते हैं, तो आपका व्यक्तित्व संदिग्ध लग सकता है और महिलाओं से जुड़े मामलों में आपकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। संभावना है कि आप लोगों से झूठ बोलने की आदत अपना लें। जरूरत पड़ने पर आप परिस्थितियों के अनुसार अपनी बातें और व्यवहार बदलकर कूटनीतिक ढंग से पेश आ सकते हैं।

राहु और चंद्रमा के इस अशुभ प्रभाव  के कारण आपका स्वभाव जल्दी आहत होने वाला और सोच में अस्थिर हो सकता है। यह आदत जीवन भर आपके साथ रह सकती है कि आप नकारात्मक सोच रखें और कार्यस्थल या बाहर के माहौल में बातें छुपाकर रखें।

उपाय: चंद्र मंत्र का 108 बार जाप करें और चंद्र देव को अर्घ्य दें।

मीन साप्ताहिक राशिफल

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण कब है?

7 सितंबर, 2025 को दूसरा चंद्र ग्रहण है।

2. चंद्र ग्रहण के दौरान कौन सा ग्रह दिखाई नहीं देता है?

चंद्रमा

3. सूर्य ग्रहण के दौरान कौन सा ग्रह सबसे अधिक प्रभावित होता है?

सूर्य

10 साल बाद राहु का संयोग: 3 राशियों की किस्मत लेगी करवट, भाग्य का मिलेगा साथ!

10 साल बाद राहु का संयोग: 3 राशियों की किस्मत लेगी करवट, भाग्य का मिलेगा साथ!

राहु का नक्षत्र में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना गया है, जो हमेशा वक्री गति से चलते हैं और हर डेढ़ साल में राशि परिवर्तन करते हैं। राहु का नक्षत्र परिवर्तन बेहद दुर्लभ और खास माना जाता है क्योंकि यह लंबे समय बाद होता है और इसका असर गहरा पड़ता है। इस साल नवंबर 2025 में राहु पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र से निकलकर शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शतभिषा नक्षत्र के स्वामी स्वयं राहु ही हैं, इसलिए राहु का अपने ही नक्षत्र में आना अत्यधिक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

ज्योतिष के अनुसार, राहु का यह गोचर न सिर्फ देश-दुनिया में बड़े बदलाव लेकर आएगा बल्कि 12 राशियों के जीवन में भी नई परिस्थितियां और परिणाम उत्पन्न करेगा। ख़ास बात यह है कि 10 साल बाद राहु अपने ही नक्षत्र में लौट रहे हैं और यह परिवर्तन तीन राशियों के लिए अत्यधिक शुभ फल देने वाला साबित होगा, जातकों की किस्मत पलटेगी और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलेंगे।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ज्योतिष में राहु का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जिसका कोई  कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा होता है। राहु हमेशा वक्री गति में चलते हैं और यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव, रहस्यमयी परिस्थितियां और अप्रत्याशित घटनाएं लाते हैं। राहे को मायाजाल, छल-कपट राजनीति, नशा, भ्रम और आधुनिक तकनीक का कारक माना जाता है। यह ग्रह इंसान को कभी बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचा देता है तो कभी गहरे संकट में डाल देता है। इसलिए राहु का प्रभाव हमेशा रहस्यमयी और अप्रत्याशित माना जाता है। राहु शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को विदेश यात्रा, उच्च पद, लोकप्रियता, राजनीति और मीडिया क्षेत्र में सफलता दिलाता है।

यह अचानक धन लाभ, आधुनिक तकनीक में महारत और रहस्यमयी विद्या का ज्ञान भी देता है। वहीं यदि राहु अशुभ हो तो यह मानसिक भ्रम, नशे की लत, गलत संगति, धोखा कोर्ट-कचहरी के झंझट और दुर्घटनाओं तक का कारण बन जाता है। राहु का महादशा काल 18 वर्षों का होता है और इस दौरान इंसान की जिंदगी पूरी तरह बदल सकती है। मित्र ग्रह शुक्र, बुध और शनि हैं जबकि सूर्य, चंद्र और मंगल इसके शत्रु माने गए हैं। यही कारण है कि राहु को समझना और संतुलित करना ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण है।

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

इन राशि के जातकों के लिए यह अवधि साबित होगी शुभ

मिथुन राशि

राहु का शतभिषा नक्षत्र में गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए कई मायनों में शुभ और लाभकारी साबित होगा। इस दौरान आपकी मेहनत रंग लाएगी और नौकरी या व्यवसाय में बड़ी तरक्की के अवसर मिलेंगे। लंबे समय के अटके कार्य पूरे होंगे और धन की वृद्धि होगी। मान-सम्मान बढ़ेगी और आपका सामाजिक दायरे में भी इजाफा होगा।

आपकी रचनात्मकता और सोचने समझने की क्षमता इस समय अपने चरण पर होगी, जिससे आप अपने काम में नए आयाम जोड़ पाएंगे। कार्यस्थल पर आपकी जिम्मेदारियों में इजाफा होगा लेकिन आप उन्हें पूरी ईमानदारी और क्षमता से निभाएंगे। पिता के साथ संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे और उनका आशीर्वाद आपको सफलता की राह पर आगे बढ़ाएगा। कुछ जातकों को पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना भी है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएगी।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का शतभिषा नक्षत्र में आना कई शुभ फल लेकर आएगा। इस दौरान आपकी लोकप्रियता अपने चरम पर होगी। लोग आपके व्यक्तित्व से प्रभावित होंगे और जहां भी जाएंगे, वहां सम्मान और आदर पाएंगे। आपका आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ेगा, जिससे करियर और सामाजिक जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल होंगी। आपकी लाइफस्टाइ और रहन-सहन का स्तर भी बेहतर होगा, जिससे भीतर से खुशी और संतुष्टि का अनुभव करेंगे।

कार्यक्षेत्र में आपके प्रयासों की सराहना होगी और तरक्की की राह आसान बनेगी। कई जातकों के लिए यह समय यात्रा का भी संकेत दे रहा है, जो लाभकारी और सुखद अनुभव देने वाली होगी। कुल मिलाकर यह समय कर्क राशि वालों के जीवन में सकारात्मकता और सफलता से भरा रहेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

कुंभ राशि

कुंभ राशि के स्वामी शनि और राहु के बीच मित्रता का भाव है इसलिए राहु का अपने ही नक्षत्र शतभिषा में आना आपके लिए खासतौर पर शुभ साबित होगा। नवंबर 2025  के बाद आपके जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आर्थिक रूप से यह समय बेहद फलदायी रहेगा, नए स्रोतों से धन प्राप्त होगा और पुरानी आर्थिक परेशानियां दूर होंगी। प्रेम-रोमांस के मामलों में भी यह समय अनुकूल रहेगा। अविवाहित जातकों के विवाह के योग प्रबल होंगे और दांपत्य जीवन में भी मधुरता आएगी।

कार्यक्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे और आपकी मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा। इस दौरान आपकी योजनाएं सफल होंगी और सफलता आपके कदम चूमेगी। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आपकी पहचान और मजबूत होगी।

राहु को मजबूत करने के उपाय

  • रोज़ाना “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • शनिवार या बुधवार को काले तिल, उड़द की दाल, नीले कपड़े, सरसों का तेल, और लोहे की वस्तु दान करें।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे राहु का दोष कम होता है।
  • विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को भैरव बाबा को प्रसन्न करें।
  • झूठ बोलने, नशा करने और गलत संगत से बचें।
  • राहु को प्रसन्न करने के लिए नाग-नागिन की पूजा करें।
  • शनिवार को सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
  • गरीबों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की मदद करें।
  • नीला, काला और ग्रे रंग जीवन में अधिक अपनाएं।
  • मोबाइल, कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक सामान का दान भी राहु को शांत करता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. राहु किस प्रकार का ग्रह है?

राहु एक छाया ग्रह है, इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह हमेशा वक्री (retrograde) गति करता है।

2. राहु का शुभ और अशुभ प्रभाव क्या होता है?

शुभ राहु इंसान को टेक्नोलॉजी, विदेश यात्रा, अचानक लाभ और प्रसिद्धि देता है। अशुभ राहु भ्रम, नशा, धोखा, मानसिक तनाव और अचानक हानि दे सकता है।

3. राहु किस नक्षत्र का स्वामी है?

राहु भरणी, आर्द्रा और शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है।

इस तिथि से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष 2025, नोट कर लें कब-कब करना है श्राद्ध!

इस तिथि से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष 2025, नोट कर लें कब-कब करना है कौन-सा श्राद्ध!

हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का अत्‍यंत महत्‍व है। इसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार पितृ पक्ष 2025 के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं। कहते हैं कि पितृ पक्ष में श्राद्ध एवं तर्पण करने से पितरों की आत्‍मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से उनके वंशजों का जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है।

एस्‍ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको पितृ पक्ष 2025 की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इस ब्‍लॉग में बताया गया है कि श्राद्ध 2025 की शुरुआत किस तिथि से हो रही है और आखिरी श्राद्ध कब है।

इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण किस प्रकार करना चाहिए और श्राद्ध के दिनों में पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए क्‍या ज्‍योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं। तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं पितृ पक्ष 2025 के बारे में।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

पितृ पक्ष 2025 कब है

साल 2025 में 07 सितंबर से श्राद्ध एवं पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृ पक्ष के दौरान प्रत्‍येक श्राद्ध की तिथि आगे बताई गई है।

तिथिश्राद्ध
07 सितंबर, 2025पूर्णिमा श्राद्ध
08 सितंबर, 2025प्रतिपदा श्राद्ध
09 सितंबर, 2025द्वितीया श्राद्ध
10 सितंबर, 2025तृतीया श्राद्ध
10 सितंबर, 2025चतुर्थी श्राद्ध
11 सितंबर, 2025पंचमी श्राद्ध
11 सितंबर, 2025महाभरणी श्राद्ध
12 सितंबर, 2025षष्‍ठी श्राद्ध
13 सितंबर, 2025सप्‍तमी श्राद्ध
14 सितंबर, 2025अष्‍टमी श्राद्ध
15 सितंबर, 2025नवमी श्राद्ध
16 सितंबर, 2025दशमी श्राद्ध
17 सितंबर, 2025एकादशी श्राद्ध
18 सितंबर, 2025द्वादशी श्राद्ध
19 सितंबर, 2025त्रयोदशी श्राद्ध
19 सितंबर, 2025मघा श्राद्ध
20 सितंबर, 2025चतुर्दशी श्राद्ध
21 सितंबर, 2025सर्वपितृ अमावस्‍या

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

पितृ दोष निवारण पूजा

जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है या जिनके पितर उनसे प्रसन्‍न नहीं होते हैं, उन्‍हें ज्‍योतिषियों द्वारा पितृ दोष निवारण पूजा करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आपके पास समय की कमी है या आप घर बैठे ही अपने पितरों को प्रसन्‍न करना चाहते हैं, तो आप एस्‍ट्रोसेज एआई से पितृ दोष निवारण पूजा करवा सकते हैं।

इस पूजा में वैदिक मंत्रों द्वारा पितृ शांति की जाती है एवं आपको पितृ दोष के कारण अपने जीवन में जिन भी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन सभी का घर बैठे ही निवारण हो जाएगा। पिृत दोष निवारण पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर निकाला जाता है ताकि आपको इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

अगर आप भी अपने जीवन में कष्‍ट उठा रहे हैं और आपको इसका कारण समझ नहीं आ पा रहा है, तो एक बार पितृ दोष निवारण पूजा करवारक जरूर देखें। क्‍या पता इस एक पूजा से आपकी किस्‍मत पलट जाए।

किस तिथि पर किसका श्राद्ध किया जाता है

मृत्‍यु की तिथि के अनुसार पितृ पक्ष 2025 में श्राद्ध कर्म किया जाता है। यदि किसी व्‍यक्‍ति की मृत्‍यु की तिथि पता नहीं है, तो इस स्थिति में उसका श्राद्ध अमावस्‍या तिथि पर किया जा सकता है। इस दिन सर्वपितृ अमावस्‍या होती है।

यदि किसी स्‍त्री की मृत्‍यु सुहागिन हुई है, तो उनका श्राद्ध नवमी तिथि को किया जाता है। वहीं अगर किसी महिला की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है, तो उनका भी श्राद्ध नवमी के दिन किया जा सकता है।

सभी वैष्णव संन्यासियों का श्राद्ध एकादशी तिथि पर किया जाता है। वहीं शस्त्रघात, आत्महत्या, विष, और दुर्घटना आदि से मृत लोंगों का श्राद्ध चतुर्दशी को किया जाता है। सर्पदंश, ब्राह्मण श्राप, वज्रघात, अग्नि से जले हुए, दंतप्रहार से, हिंसक पशु के आक्रमण से, फांसी लगाकर मरने वाले, कोरोना जैसी महामारी, क्षय रोग, हैजा आदि किसी भी तरह की महामारी से, डाकुओं के मारे जाने से हुई मृत्यु वाले प्राणियों के श्राद्ध पितृपक्ष की चतुर्दशी और अमावस्या के दिन करना चाहिए।

करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

इसके बिना अधूरा है श्राद्ध कर्म

धार्मिक नियमों के अनुसार पितरों को प्रसन्‍न करने के लिए किए जाने वाले श्राद्ध कर्म, तर्पण या पिंडदान में कुशा का उपयोग करना बहुत जरूरी होता है। हिंदू धर्म में कुशा को ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश का प्रतीक माना गया है। कहते हैं कि कुशा से तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

ऐसा करने से पुण्‍य फल की प्राप्‍ति होती है। दाएं हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी बनाकर कुशा को धारण किया जाता है। प्रत्‍येक श्राद्ध कर्म के समय कुशा के आसन पर बैठना ही उचित माना जाता है। कहते हैं कि तभी पूजा पूर्ण होती है।

दोपहर में करना चाहिए श्राद्ध

धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार श्राद्ध या तर्पण दोपहर के समय करना चाहिए। दोपहर 12:00 बजे के बाद श्राद्ध कर्म करने से अनुरूप फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा दिन में कुतुप और रोहिणी मुहूर्त, पूजा या फिर श्राद्ध कर्म के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के दिन किसी योग्‍य ब्राह्मण को घर पर बुलाकर मंत्रों का उच्‍चारण करें और पूजा के बाद जल से तर्पण करें। इसके बाद भोग लगाएं और उसमें से गाय, कुत्ते और कौवे का हिस्‍सा अलग कर दें। इन तीन जीवों को भोजन देते समय अपने पितरों का स्‍मरण करें और मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन भी करें। 

गंगा नदी के किनारे श्राद्ध करने का महत्‍व

गंगा नदी के तट पर श्राद्ध करने का बहुत महत्‍व है। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर पर भी श्राद्ध कर्म किया जा सकता है। श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और उन्‍हें अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

कितने प्रकार के होते हैं पितर

शास्‍त्रों के अनुसार चंद्र लोक के अलावा एक और लोक है जिसे पितृ लोक कहते हैं। पितरों को दो हिस्‍सों में बांटा गया है जिसमें एक दिव्‍य पितर और दूसरे मनुष्‍य पितर हैं। जीवित मनुष्‍यों के कर्मों के आधार पर दिव्‍य पितर उनका न्‍याय करते हैं। यहां पर अर्यमा को पितरों का प्रधान माना गया है एवं यमराज यहां के न्‍यायाधीश हैं।

तर्पण के बाद पितरों को भोजन कैसे मिलता है

पौराणिक मान्‍यता है कि हमारे पितर गंध और स्‍वाद के तत्‍वों से प्रसन्‍न होते हैं। जब व्‍यक्‍ति अपने घर में सुख-शांति के लिए गाय के गोबर से बने जलते हुए उपले पर गुड़, घी और अन्‍न अर्पित करता है, तो इससे पैदा हुई गंध से पितरों को भोजन प्राप्‍त होता है।

पितृ पक्ष 2025 में पितरों को जल देने की विधि

पितरों को जल अर्पित करने को तर्पण कहते हैं। कुशा लें और अपने दोनों हाथ जोड़ें। अब आपको अपने जिस पितर को जल अर्पित करना है, उनका ध्‍यान करें। इस दौरान ‘ॐ आगच्‍छन्‍तु में पितर एवं ग्रहन्‍तु जला‍न्‍जलित’ मंत्र का जाप करें। अब अपने अंगूठे का उपयोग करते हुए 5 से 7 बार या 11 बार जल को जमीन पर चढ़ाएं। मान्‍यता है कि अंगूठे से जल चढ़ाने से ही पितर संतुष्‍ट हो जाते हैं।

पितृ पक्ष 2025 में घर पर कैसे करें श्राद्ध  

श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12:24 की अवधि के बीच श्राद्ध करें। 

  • श्राद्ध वाले दिन सुबह उठकर स्नान कर लें, घर की साफ-सफाई करें, घर में गंगाजल और गोमूत्र छिड़कें।
  • अब दक्षिण दिशा की ओर मुंह रखकर बाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने को जमीन पर टिका कर बैठ जाएं। 
  • फिर तांबे के चौड़े बर्तन में काले तिल, गाय का कच्चा दूध, गंगाजल पानी डालें।
  • इस जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं। इस तरह 11 बार करते हुए अपने पितरों का तर्पण करें।
  • महिलाएं स्‍नान करने के बाद शुद्ध मन से पितरों के लिए भोजन तैयार करें। 
  • श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ ब्राह्मण को घर पर अवश्य बुलाएं, ब्राह्मण को भोजन कराएं और ब्राह्मण के पैर धोएं। ऐसा करते समय पत्नी को दाहिनी तरफ होना चाहिए। 
  • पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अवश्य अर्पित करें। 
  • ब्राह्मण को भोजन करने से पहले पंचबली यानी गाय, कुत्ते, कौवे, देवता और चींटी के लिए भोजन अवश्य निकालें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुंह कर के कुशा, जौ, तिल, चावल और जल लेकर संकल्प करें और फिर एक या तीन ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  • भोजन के बाद उन्हें भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, अनाज, गुड, चांदी या फिर नमक का दान करें। 
  • श्राद्ध कर्म पूर्ण होने के बाद ब्राह्मणों का आशीर्वाद लें।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

पितृ पक्ष 2025 में कैसे करें तर्पण

पितरों को पानी पिलाने की प्रक्रिया को तर्पण कहा जाता है। अक्‍सर लोग तर्पण के लिए गया, पुष्कर, प्रयागराज या हरिद्वार जैसे तीर्थ जाते हैं। हालांकि, आप अपने गांव, शहर में ही कहीं कोई पवित्र नदी या सरोवर के पास भी तर्पण कर सकते हैं या फिर अपने घर पर भी तर्पण विधि पूर्ण कर सकते हैं। पितरों का तर्पण करने की विधि इस प्रकार है:

  • सबसे पहले आप तर्पण करने के लिए एक पीतल या फिर स्टील की परात लें। 
  • अब इस परात में शुद्ध जल डालें और फिर थोड़े काले तिल और दूध डालें। 
  • इसे अपने सामने रखें और एक अन्य खाली पात्र पास में रखें। 
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों के अंगूठे और तर्जनी के मध्य में दूर्वा यानी कुशा लेकर अंजलि बना लें। यानी दोनों हाथों को मिलाकर उसमें जल भर लें। 
  • अब अंजलि में भरा हुआ जल दूसरे खाली पात्र में डाल लें।  
  • खाली पात्र में जल डालते समय अपने प्रत्येक पितृ के लिए कम से कम तीन बार अंजलि से तर्पण करें। 
  • इस विधि से आप अपने घर में ही तर्पण कर सकते हैं।

आज का गोचर

पितृ पक्ष 2025 में न करें ये काम

पितृ पक्ष के दौरान कुछ कार्य करने के लिए मना किया जाता है, जैसे कि:

  • इस दौरान कोई भी नया बिज़नेस शुरू नहीं करना चाहिए। इस समयावधि को नए कार्य करने के लिए अशुभ माना जाता है क्‍योंकि इस दौरान केवल पितरों को सम्‍मान दिया जाता है।
  • इसके अलावा श्राद्ध के दिनों में किसी भी तरह का कोई उत्‍सव या जश्‍न भी नहीं मनाना चाहिए। इस समय विवाह, गृह प्रवेश या मुंडन आदि जैसे कार्य वर्जित होते हैं।
  • पितृ पक्ष 2025 में नए वस्‍त्र, आभूषण, प्रॉपर्टी, वाहन या कोई भी नई वस्‍तु खरीदने से मना किया जाता है।
  • श्राद्ध के समय में मांसाहारी भोजन, शराब और अन्‍य नशे आदि से दूर रहना चाहिए।
  • यह समय आध्‍यात्मिक शुद्धि के लिए होता है और इस दौरान इन चीज़ों से दूरी बनाकर रखना अपने पितरों को सम्‍मान देने का प्रतीक है।
  • श्राद्ध के दिनों में बाल और नाखून काटने से भी मना किया जाता है। इसे अशुभ एवं पितरों का अपमान माना जाता है।
  • इस समयावधि में घर के अंदर शांतिपूर्ण और सकारात्‍मक माहौल बनाकर रखना चाहिए। परिवार के सदस्‍यों से बहस न करें और किसी से भी किसी भी तरह का कोई विवाद न करें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे घर के अंदर नकारात्‍मकता आए।
  • पितृ पक्ष 2025 के दौरान रात्रि के समय यात्रा करने से मना किया जाता है क्‍योंकि ऐसा करना अत्‍यंत जोखिम से भरा और अशुभ होता है। इस दौरान घर में ही रहना चाहिए और अपने पितरों का स्‍मरण करना चाहिए।
  • तर्पण एवं पितरों के लिए जो भोजन बनाया है, उसे तर्पण करने से पहले न खाएं। यह भोजन दिवंगत आत्‍माओं के लिए होता है और इसे पहले से खाना अपमानजनक हो सकता है।
  • तर्पण एवं पितरों के लिए जो भोजन बनाया है, उसे तर्पण करने से पहले न खाएं। यह भोजन दिवंगत आत्‍माओं के लिए होता है और इसे पहले से खाना अपमानजनक हो सकता है।
  • पितृ पक्ष के समय यौन क्रियाओं से भी बचने की सलाह दी जाती है। यह समयावधि आध्‍यात्मिक शुद्धि के लिए होता है इसलिए इस दौरान इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए।
  • पितृ पक्ष के समय ब्राह्मणों और मेहमानों आदि का अनादर नहीं करना चाहिए।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न 1. पितृ पक्ष 2025 कब से शुरू हो रहे हैं?

उत्तर. 07 सितंबर, 2025 से।

प्रश्‍न 2. पितृ पक्ष के दौरान क्‍या किया जाता है?

उत्तर. इस समय पितरों का श्राद्ध एवं तर्पण किया जाता है।

प्रश्‍न 3. क्‍या पितृ पक्ष को शुभ माना जाता है?

उत्तर. पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 07 से 13 सितंबर, 2025

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 07 से 13 सितंबर, 2025

कैसे जानें अपना मुख्य अंक (मूलांक)? 

अंक ज्योतिष साप्ताहिक भविष्यफल जानने के लिए अंक ज्योतिष मूलांक का बड़ा महत्व है। मूलांक जातक के जीवन का महत्वपूर्ण अंक माना गया है। आपका जन्म महीने की किसी भी तारीख़ को होता है, उसको इकाई के अंक में बदलने के बाद जो अंक प्राप्त होता है, वह आपका मूलांक कहलाता है। मूलांक 1 से 9 अंक के बीच कोई भी हो सकता है, उदाहरणस्वरूप- आपका जन्म किसी महीने की 10 तारीख़ को हुआ है तो आपका मूलांक 1+0 यानी 1 होगा। 

इसी प्रकार किसी भी महीने की 1 तारीख़ से लेकर 31 तारीख़ तक जन्मे लोगों के लिए 1 से 9 तक के मूलांकों की गणना की जाती है। इस प्रकार सभी जातक अपना मूलांक जानकर उसके आधार पर साप्ताहिक राशिफल जान सकते हैं।

दुनियाभर के विद्वान अंक ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक अंक राशिफल (07 सितंबर से 13 सितंबर, 2025)

अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख़ से संबंध होता है। नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है कि हर व्यक्ति की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं। 

जैसे कि मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है। चंद्रमा मूलांक 2 का स्वामी है। अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है। अंक 5 बुध ग्रह के अधीन है। 6 अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है। शनि देव को अंक 8 का स्वामी माना गया है। अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं।

करियर की हर समस्या का जवाब, Spotify पॉडकास्ट में ज्योतिष और न्यूमरोलॉजी के साथ

 बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 1

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 1 के जातक हर काम को बहुत पेशेवर तरीके से करने के लिए जाने जाते हैं। साथ ही, वह बड़े साहसिक फैसले लेते हुए दिखाई देते हैं। इन लोगों के व्यक्तित्व में प्रशासनिक क्षमताएं मौजूद होती हैं इसलिए यह अपने जीवन में तेज़ी से आगे बढ़ने में सक्षम होते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, मूलांक 1 के जातक इस सप्ताह अपने साथी के साथ रिश्ते को मज़बूत बनाए रखने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं जिसकी वजह आप दोनों के विचारों का न मिलना हो सकता है।

शिक्षा: इस मूलांक के जो छात्र प्रोफेशनल कोर्स जैसे कि बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनेंशियल अकाउंटिंग आदि की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आपको आसानी से सफलता की प्राप्ति होगी। 

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें तो, मूलांक 1 के जातकों पर काम का बोझ बढ़ सकता है इसलिए आपकी ख़ुशियों में कमी आ सकती है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो लाभ कमाने के मामले में आप पीछे रह सकते हैं।  

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर रह सकती है इसलिए आपमें ऊर्जा की कमी रह सकती है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ सूर्याय नमः” का 19 बार जाप करें।

मूलांक 2

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20, 29 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 2 के तहत पैदा होने वाले जातकों को इस सप्ताह अपने करीबियों और परिवार के सदस्यों के साथ भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आप अपने लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, आपका मूड स्विंग हो सकते हैं जिसके चलते आप जीवन के बड़े फैसले लेने में असमर्थ रह सकते हैं।

प्रेम जीवन: मूलांक 2 वालों को प्रेम जीवन में साथी के साथ विवादों या बहस का सामना करना पड़ सकता है जिनकी वजह घर-परिवार में चल रहे मतभेद हो सकते हैं। ऐसे में, आपको थोड़ा सावधान रहने की सलाह दी जाती है। 

शिक्षा: मूलांक 2 के जातकों को पढ़ाई में सुधार करने के लिए एक्स्ट्रा क्लास लेने की आवश्यकता होगी जो आपके लिए मददगार साबित होगी। ऐसे में, आप सफलता की राह में आगे बढ़ेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी। 

पेशेवर जीवन: बात करें पेशेवर जीवन की, तो मूलांक 2 के जातकों को काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। लेकिन, आपको सकारात्मक परिणाम न मिलने की आशंका है। जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते आपका मुनाफा कम रह सकता है।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को देखें तो, इन जातकों में साहस की कमी रह सकती है जिसकी वजह से आप अच्छी फिटनेस को बनाए रखने में नाकाम रह सकते हैं। ऐसे में, आपके लिए योग और ध्यान करना फलदायी साबित होगा। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ चंद्राय नमः” का 108 बार जाप करें।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

मूलांक 3

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, 30 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 3 के जातक सामान्य रूप से खुले विचार वाले होते हैं। इस सप्ताह इन्हें अपने करियर के संबंध में कोई लंबी यात्रा करनी पड़ सकती है। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, मूलांक 3 के जातक इस सप्ताह एक नए रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन आपको रिलेशनशिप में भावनाओं के बजाय अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। 

शिक्षा: बात करें शिक्षा की तो, इस मूलांक के छात्रों के लिए यह सप्ताह काफ़ी अच्छा रहेगा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो मास्टर और पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं। अगर आपका संबंध इन क्षेत्रों से है, तो आप अच्छे अंक हासिल करने में सक्षम होंगे। 

पेशेवर जीवन: अगर आप नौकरी करते हैं, तो इस सप्ताह कार्यक्षेत्र में आप शानदार प्रदर्शन करेंगे। दूसरी तरफ, जिन जातकों का अपना व्यापार है, तो यह समय मल्टीलेवल नेटवर्किंग व्यापार से जुड़ने के लिए अनुकूल रहेगा। साथ ही, आप अधिक लाभ कमाने में भी सफल होंगे।

स्वास्थ्य: इस सप्ताह के दौरान मूलांक 3 के जातक ध्यान और शारीरिक गतिविधियों को करते हुए दिखाई दे सकते हैं जिसका असर आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है।

उपाय: प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें। 

मूलांक 4

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22, 31 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 4 के अंतर्गत जन्म लेने वाले जातकों को इस सप्ताह कार्य करने के लिए योजना बनाकर चलना होगा क्योंकि संभव है कि इस दौरान आपको कुछ तनाव से दो-चार होना पड़ सकता है।

प्रेम जीवन: जब बात आती है प्रेम जीवन की, तो यह सप्ताह आपके रिश्ते के लिए उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है क्योंकि आप दोनों के बीच आपसी तालमेल कमज़ोर रह सकता है।   

शिक्षा: मूलांक 4 के छात्रों के लिए यह सप्ताह शिक्षा की दृष्टि से ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपको पढ़ाई में काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। आपको शिक्षा में योजना बनाकर चलना होगा।  

पेशेवर जीवन: पेशेवर जीवन की बात करें तो, इन जातकों पर नौकरी में काम का दबाव बढ़ सकता है जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। अगर आप व्यापार करते हैं, तो आपको प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है इसलिए सावधान रहें। 

स्वास्थ्य: मूलांक 4 के जातक यदि अपनी सेहत को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको भोजन समय पर करना होगा, अन्यथा आपको पाचन से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। ऐसे में, आपके भीतर ऊर्जा की कमी रह सकती है।  

उपाय: प्रतिदिन “ॐ राहवे नमः” का 22 बार जाप करें।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

मूलांक 5

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 5 के जातक को इस सप्ताह कार्यों में सफलता की प्राप्ति होगी। ऐसे में, आप अपने लक्ष्यों को पाने में सक्षम होंगे। इन लोगों में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी होगी। साथ ही, इस अवधि में आप जो भी काम करेंगे, उसे तार्किक होकर करेंगे।

प्रेम जीवन: बात करें प्रेम जीवन की तो, यह सप्ताह मूलांक 5 वालों के लिए प्रेम से भरा रहेगा और  आपको साथी के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। आप और आपके पार्टनर घर-परिवार के मामलों को एक-दूसरे से शेयर करते हुए नज़र आ सकते हैं। 

शिक्षा: इस सप्ताह के दौरान मूलांक 5 के छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अपनी योग्यताओं को साबित करने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप तेज़ी से आगे बढ़ेंगे और परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे।

पेशेवर जीवन: मूलांक 5 के जातकों को अपने पेशेवर जीवन में कड़ी मेहनत और बेहतरीन काम के लिए सराहना की प्राप्ति होगी। इन जातकों को नौकरी के नए अवसर भी मिलेंगे और ऐसे में, आप प्रसन्न और संतुष्ट दिखाई देंगे। अगर आप खुद का व्यापार है, तो आपको बिज़नेस में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, मूलांक 5 के जातकों के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान आपकी सेहत अच्छी रहेगी जिसकी वजह आपके भीतर की प्रसन्नता होगी।  

उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमो नारायणाय” का 41 बार जाप करें।

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

मूलांक 6

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15, 24 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 6 के अंतर्गत पैदा होने वाले जातकों को इस सप्ताह यात्रा के माध्यम से लाभ की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही, आपके भीतर कुछ विशिष्ट क्षमताएं पैदा हो सकती हैं। जो जातक संगीत सीख रहे हैं या फिर इसका अभ्यास कर रहे हैं, उनके लिए यह अवधि आगे बढ़ने के लिए उत्तम रहेगी। 

प्रेम जीवन: मूलांक 6 वाले इस सप्ताह रिश्ते में पार्टनर के साथ प्रेम बनाए रखने में सक्षम होंगे और ऐसे में, आप संतुष्ट दिखाई देंगे। इस हफ़्ते के दौरान आप साथी के साथ कहीं घूमने-फिरने के लिए जा सकते हैं जिसके चलते आप ख़ुश नजर आएंगे। 

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में मूलांक 6 के छात्र कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर, अकाउंटिंग आदि विषयों में महारत हासिल करेंगे। आप खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे और दूसरे छात्रों के लिए एक मिसाल कायम करेंगे। 

पेशेवर जीवन: इस सप्ताह यह जातक काम की वजह से काफ़ी व्यस्त रह सकते हैं। हालांकि, इन कार्यों में आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। साथ ही, नौकरी के नए अवसर भी मिल सकते हैं जो कि आपके मनमुताबिक हो सकते हैं। यदि आपका खुद का व्यापार है, तो यह समय अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए एकदम श्रेष्ठ रहेगा।

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से, यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा और आप फिट रहेंगे। इस दौरान आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी। आपका हंसमुख मिज़ाज आपकी अच्छी सेहत का राज़ होगा।

उपाय: शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

मूलांक 7 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख़ को हुआ है)

मूलांक 7 के जातकों का झुकाव इस सप्ताह धर्म, गूढ़ विज्ञान और फिलॉसोफी में हो सकता है। इसके अलावा, इन लोगों को धार्मिक यात्राएं करने के अवसर मिल सकते हैं। 

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन की बात करें तो, इस सप्ताह जीवनसाथी को लेकर आपके रवैये में बदलाव नज़र आ सकता है। इस दौरान आपको रिश्ते में धैर्य बनाकर रखने की सलाह दी जाती है, वरना आप दोनों के बीच तनाव जन्म ले सकता है। 

शिक्षा: मूलांक 7 के जो छात्र किसी पेशेवर कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं,  उनके लिए यह सप्ताह ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपको पढ़ाई में थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। 

पेशेवर जीवन: बात करें पेशेवर जीवन की, तो इस सप्ताह जातकों पर काम का बोझ काफ़ी बढ़ सकता है जिसके चलते आप नौकरी में बदलाव करने का मन बना सकते हैं। ऐसे अवसर जो आपके हितों को बढ़ावा देंगे। लेकिन, संभावना है कि आपको मनपसंद नौकरी इतनी आसानी से न मिले जितना आपने सोचा होगा। वहीं, मूलांक 7 के व्यापार करने वाले जातकों को बिज़नेस में लाभ कमाने की राह में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह सप्ताह आपके लिए थोड़ा मुश्किल रह सकता है क्योंकि आपको स्किन रैशेज और एलर्जी जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसे में, आपको समय पर दवाई लेने की सलाह दी जाती है।   

उपाय: मंगलवार को केतु ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

मूलांक 8 

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17, 26 तारीख़ को हुआ है)

जिन जातकों का जन्म मूलांक 8 के तहत हुआ है, वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे। इन लोगों ने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए होंगे, लेकिन इन्हें पूरा होने में थोड़ा समय लग सकता है।

प्रेम जीवन: बात करें आपकी लव लाइफ की, तो मूलांक 8 वाले इस समउ थोड़े तनाव में रह सकते हैं जिसके वजह से आप पार्टनर के साथ रिश्ते का आनंद लेने में असमर्थ होंगे। साथ ही, इस कारण आप नाख़ुश दिखाई दे सकते हैं। 

शिक्षा: जब बात आती है शिक्षा की, तो आप मन लगाकर पढ़ाई करने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं और ऐसे में, आप अच्छे अंक लेकर आने में पिछड़ सकते हैं जो आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। यदि आपका खुद का व्यापार है, तो इस सप्ताह आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसका कारण प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलना हो सकता है।

पेशेवर जीवन: मूलांक 8 के जातकों के लिए यह सप्ताह थोड़ा कठिन रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपकी नौकरी छूटने की आशंका है या फिर आप नौकरी में बदलाव कर सकते हैं। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपका लाभ कम रह सकता है जिसकी वजह कारोबार में मिलने वाली भारी टक्कर हो सकती है।

स्वास्थ्य: मूलांक 8 वालों को तनाव और चिंता की वजह से पैरों और घुटनों में दर्द की शिकायत रह सकती है इसलिए आपको तनाव लेने से बचना होगा। 

उपाय: शनिवार के दिन शनि ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

मूलांक 9

(अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18, या 27 तारीख को हुआ है)

मूलांक 9 वाले इस सप्ताह निडर रहेंगे और ऐसे में, आप अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं।

प्रेम जीवन: प्रेम जीवन को देखें तो, इस सप्ताह आपको साथी के सामने अपने प्यार का इज़हार करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है जिसकी वजह भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव हो सकता है। ऐसे में, आपके लिए समय के साथ बदलना जरूरी होगा।

शिक्षा: मूलांक 9 के छात्र शिक्षा को लेकर थोड़े सुस्त रह सकते हैं और ऐसे में, आप ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रह सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप अच्छे अंक लेकर आने में असमर्थ हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन: जब बात आती है पेशेवर जीवन की, तो इस सप्ताह आप काम के बोझ को झेल नहीं पाएंगे। यदि आप व्यापार करते हैं, तो योजनाओं की कमी और व्यापार नीतियों की असफलता के कारण आपका लाभ कम रह सकता है। 

स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के मामले में आपकी सेहत नाज़ुक रह सकती है क्योंकि इस सप्ताह आपको हाइपरटेंशन परेशान कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आपको सिर दर्द रह सकता है। 

उपाय: मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के लिए यज्ञ/हवन करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

अंक ज्योतिष में कौन सा अंक अशुभ होता  है?

अंक ज्योतिष के अनुसार, अंक 4 को अशुभ माना जाता है। 

अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

अंग्रेजी भाषा में अंक ज्योतिष को न्‍यूमरोलॉजी कहा जाता है।

सूर्य का अंक कौन सा है?

अंक शास्त्र में सूर्य का अंक 1 है।  

चित्रा नक्षत्र में मंगल गोचर: 5 राशियों की बदल जाएगी किस्मत, मिलेगा अथाह धन लाभ!

चित्रा नक्षत्र में मंगल गोचर: 5 राशियों की बदल जाएगी किस्मत, मिलेगा अथाह धन लाभ!

मंगल का चित्रा नक्षत्र में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम, ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक माना गया है। यह ग्रह व्यक्ति के साहसिक निर्णयों, नेतृत्व क्षमता और लक्ष्य प्राप्ति की शक्ति को प्रभावित करता है। जब भी मंगल किसी राशि या नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो उसका असर सीधा 12 राशियों के जीवन पर दिखाई देता है। आने वाले 03 सितंबर 2025 को मंगल देव चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से यह परिवर्तन बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि चित्रा नक्षत्र का संबंध रचनात्मकता, सफलता और तेजस्विता से जुड़ा हुआ है। 

मंगल का चित्रा नक्षत्र में गोचर जातकों के जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करेगा। इस दौरान कुछ राशियों को व्यापार, नौकरी और करियर में जबरदस्त प्रगति के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं, शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी यह समय लाभकारी सिद्ध होगा।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

व्यक्तिगत जीवन में भी जातकों के रिश्तों में मजबूती आएगी और नए अवसरों के द्वार खुलेंगे। कुल मिलाकर, यह समय साहस, मेहनत और रचनात्मकता को बढ़ावा देगा, जिससे जातक अपने जीवन में नई दिशा खोज पाएंगे। विशेष रूप से पांच राशियों के लिए यह मंगल गोचर धन, सफलता और सम्मान का मार्ग प्रशस्त करने वाला सिद्ध होगा। आइए जानते हैं वे कौन सी राशियां हैं।

ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ऊर्जा, पराक्रम, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। इसे सेनापति ग्रह भी कहा जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को संघर्ष करने की शक्ति और आगे बढ़ने का जज्बा प्रदान करता है। मंगल भूमि-भवन, भाई-बंधु, रक्त, खेल-कूद, तकनीक कार्य, पुलिस और सेना जैसे क्षेत्रों के कारक है। यदि जन्म कुंडली में मंगल शुभ स्थान पर हो, तो जातक को सफलता, मान सम्मान, जमीन-जायदाद का लाभ और नेतृत्व क्षमता प्राप्त होती है। लेकिन यदि मंगल अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का, आक्रामक और झगड़ालू हो सकता है।

अशुभ मंगल वैवाहिक जीवन में समस्या पैदा करता है, जिसे मंगल दोष कहा जाता है। इसके अलावा, दुर्घटनाएं, रक्त विकार, प्रॉपर्टी विवाद जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। मंगल का शुभ फल देने के लिए हनुमान जी की पूजा, लाल वस्त्र व मसूर की दाल का दान और मंगल मंत्र का जाप लाभकारी माना गया है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

इन पांच राशियों को मंगल का चित्रा नक्षत्र में गोचर से होगा लाभ

मेष राशि

मंगल स्वयं  मेष राशि के स्वामी ग्रह हैं, इसलिए मंगल का गोचर चित्रा नक्षत्र में गोचर आपके लिए शुभ साबित होगा। इस दौरान आपकी कार्यक्षमता और आत्मविश्वास दोनों में बढ़ोतरी होगी। नौकरी करने वाले जातकों को अपने काम में बेहतर प्रदर्शन का अवसर मिलेगा और वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग भी प्राप्त होगा।

व्यवसायियों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा, खासकर यदि आप भूमि, भवन या प्रॉपर्टी से जुड़े कार्य करते हैं तो आपको जबरदस्त मुनाफा मिल सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह समय सुनहरा अवसर लेकर आएगा और सफलता के प्रबल योग बनेंगे।

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल का चित्रा नक्षत्र में गोचर सौभाग्य लेकर आएगा। लंबे समय से अटके हुए कार्य अब पूरे होने लगेंगे, जिससे मन में संतोष और प्रसन्नता का भाव उत्पन्न होगा। पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बढ़ेगा और घर परिवार में खुशहाली का माहौल रहेगा। आर्थिक दृष्टि से यह समय आपको लाभ दिलाने वाला रहेगा।

धन प्राप्ति के साथ-साथ पद-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। दांपत्य जीवन में प्रेम और समझ बढ़ेगी, जिससे वैवाहिक जीवन और भी मधुर बनेगा।

सिंह राशि

मंगल का यह नक्षत्र गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए ऊर्जा और उत्साह से भरने वाला साबित होगा। करियर और व्यवसाय में आपको नए अवसर मिलेंगे, जो आपकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा और आपका सामाजिक दायरा भी विस्तृत होगा। किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए यह समय बेहद अनुकूल है।

यदि आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह समय आपको लाभ देगा। कुल मिलाकर यह गोचर आपकी प्रतिष्ठा और उपलब्धियों में वृद्धि करने वाला होगा।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट 

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल का चित्रा नक्षत्र में प्रवेश सफलता और स्थिरता लेकर आएगा। कार्यक्षेत्र में आपके प्रयासों को सराहना मिलेगी और मान-सम्मान प्राप्त होगा। आर्थिक दृष्टि से यह समय आपकी स्थिति को मजबूत करेगा, जिससे आप नई योजनाओं पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ पाएंगे। विवाह योग्य जातकों के लिए यह समय बेहद अनुकूल है और अच्छे रिश्ते आने के योग हैं। इस अवधि में आपको नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, जो भविष्य में बड़ी उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करेंगी।

कुल मिलाकर, मंगल का चित्रा नक्षत्र में प्रवेश विशेष रूप से इन पांच राशियों के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेगा। यह समय न सिर्फ धन और सफलता दिलाएगा, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार भी करेगा।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर 

वृश्चिक राशि

मंगल वृश्चिक राशि के स्वामी हैं इसलिए यह गोचर आपके लिए अत्यंत लाभ लाभकारी  रहेगा। इस दौरान आपका साहस और आत्मविश्वास कई गुना बढ़ेगा, जिससे आप कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर सकेंगे। नौकरी करने वालों को प्रमोशन या मनचाही जगह पर ट्रांसफर मिलने की संभावना है। 

व्यापार से जुड़े लोग नए कॉन्ट्रैक्ट्स या डील्स से लाभ कमा सकते हैं। यात्राएं शुभ रहेंगी और लंबे समय से रुका हुआ धन वापस मिलने के योग हैं। यह समय आपको मानसिक और आर्थिक दोनों स्तर पर सुकून देगा।

इन उपायों से करें मंगल ग्रह को मजबूत

  • मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और उन्हें लाल फूल, सिंदूर व गुड़-चना अर्पित करें।
  • मंगल मंत्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का जाप प्रतिदिन 108 बार करें:
  • “मंगल स्तोत्र” और “हनुमान चालीसा” का पाठ करना भी मंगल को बलवान बनाता है।
  • गरीबों को लाल वस्त्र, लाल मसूर की दाल, तांबे का बर्तन, गुड़ और लाल फल दान करें।
  • किसी जरूरतमंद को तांबे का सिक्का या लाल मूंगा रत्न (ज्योतिष की सलाह से) दान करना मंगल की कृपा दिलाता है।
  • ज्योतिषीय सलाह के बाद लाल मूंगा धारण करें।
  • मंगल से जुड़ी धातु तांबा है, इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीना लाभकारी होता है।
  • मंगलवार को बजरंगबली के मंदिर में जाकर “सिंदूर और चमेली का तेल” चढ़ाएं।
  • हनुमान को मीठे पान, गुड़ और लाल फूल अर्पित करें।
  • भगवान कार्तिकेय की उपासना करना भी मंगल ग्रह को मजबूत करता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. ज्योतिष में मंगल ग्रह का क्या महत्व है?

मंगल को ऊर्जा, साहस, पराक्रम और आत्मविश्वास का ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति को संघर्ष करने की शक्ति देता है और भूमि-भवन, प्रॉपर्टी, भाई-बंधु और नौकरी-व्यवसाय से जुड़े मामलों पर असर डालता है।

2. शुभ मंगल के क्या फल मिलते हैं?

जब मंगल कुंडली में शुभ स्थान पर होता है तो जातक को साहस, नेतृत्व क्षमता, जमीन-जायदाद में लाभ, सफलता, भाई-बहनों से सहयोग और करियर में तरक्की मिलती है।

3. अशुभ मंगल के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

अशुभ मंगल व्यक्ति को क्रोधी और झगड़ालू बना सकता है। वैवाहिक जीवन में तनाव, दुर्घटनाएँ, प्रॉपर्टी विवाद और रक्त संबंधी बीमारियां भी दे सकता है।

अनंत चतुर्दशी 2025 पर ये एक उपाय बदल सकता है आपकी सेहत का भाग्य!

अनंत चतुर्दशी 2025 पर ये उपाय बदल सकते हैं आपका भाग्य!

अनंत चतुर्दशी 2025 हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और शुभ पर्व है, जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के अनंत रूप की आराधना के लिए समर्पित होता है, जो संपूर्ण सृष्टि के पालनकर्ता हैं।

इस दिन अनंत सूत्र बांधकर ईश्वर से जीवन में सुख, शांति और रक्षा की कामना की जाती है। साथ ही, अनंत चतुर्दशी का एक और अत्यंत महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इसी दिन भगवान गणेश का विधिपूर्वक विसर्जन भी किया जाता है। 

दस दिनों तक चले गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर ही होता है। श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ बप्पा को विदा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे अगले वर्ष फिर जल्द आएं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि भर दें। यह दिन न केवल पूजा-पाठ का, बल्कि जीवन की नकारात्मकता, रोग, मानसिक तनाव और दुर्भाग्य से मुक्ति पाने का एक विशेष अवसर भी होता है।

धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन कुछ आसान और प्रभावशाली उपाय करने से कई प्रकार के रोग दूर होते हैं, ग्रहों की बाधाएं शांत होती हैं और पितृ दोष तक कम होने लगता है। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी, चिंता या जीवन में रुकावट का सामना कर रहे हैं, तो यह दिन आपके लिए संजीवनी से कम नहीं। तो आइए अब बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अनंत चतुर्दशी 2025 की तिथि, मुहूर्त, कथा व और भी बहुत कुछ।

अनंत चतुर्दशी 2025: तिथि व मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी 2025 तिथि: 06 सितंबर 2026, शनिवार

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 06 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि 03 बजकर 15 मिनट से

चतुर्दशी तिथि समाप्त:  07 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि 01 बजकर 43 मिनट तक

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त : 06 सितंबर की सुबह 06 बजकर 01 मिनट से 07 सितंबर की मध्यरात्रि 01 बजकर 43 मिनट तक।

अवधि :19 घंटे 41 मिनट

प्रातः मुहूर्त (शुभ): सुबह 07:36 से 09:10 सुबह

अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) : दोपहर 12:19 से 05:02 दोपहर

सायाह्न मुहूर्त (लाभ): शाम 06:37 से 08:02 शाम

रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): 07 सितंबर की शाम 09:28 से 01:45 मध्यरात्रि

उषाकाल मुहूर्त (लाभ): 07 सितंबर की सुबह 04:36 से सुबह 06:02 

अनंत चतुर्दशी 2025 का महत्व

अनंत चतुर्दशी का नाम ही अपने भीतर एक गहरा आध्यात्मिक संदेश समेटे हुए है, अनंत यानी जो अंतहीन है और चतुर्दशी, यानी माह की 14 वीं तिथि। यह तिथि भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की उपासना का विशेष अवसर मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने और अनंत सूत्र यानी एक विशेष धागा बांधने से जीवन में चल रही समस्याओं का अंत और सुख, समृद्धि, आरोग्य और शांति का आरंभ होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखने से मनुष्य को पुनर्जन्म के बंधनों से मुक्ति, पापों से छुटकारा और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

यह दिन उस अनंत शक्ति की याद दिलाता है, जो सृष्टि का संचालन कर रही है और जिसकी शरण में जाकर मनुष्य अपने जीवन के दुखों से मुक्त हो सकता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और घर में दरिद्रता का वास नहीं होता है। साथ ही, यह दिन गणेशोत्सव का अंतिम दिन भी होता है, जब गणपति बप्पा का भावपूर्ण विसर्जन किया जाता है।

भक्तगण गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयघोष के साथ बप्पा को विदा करते हैं और उनके शीघ्र पुनः आगमन की कामना करते हैं। जो जातक श्रद्धा और नियमपूर्वक अनंत चतुर्दशी का व्रत करते हैं और विष्णु भगवान की पूजा कर अनंत सूत्र को दाहिने हाथ में बांधते हैं, उन्हें जीवन में कभी कमी, बीमारी या बाधा नहीं सताती। यह व्रत पारिवारिक सुख, वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और कार्यों में सफलता के लिए भी बहुत फलदायक माना जाता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

अनंत चतुर्दशी 2025 के दिन गणेश विसर्जन

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है और इसी दिन गणेश जी का विसर्जन बड़े धूमधाम से किया जाता है। दस दिनों की पूजा अर्चना के बाद भक्त गणपति बप्पा को विदा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे अगले वर्ष जल्दी आएं। वह विसर्जन न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह त्याग, समर्पण और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।

ऐसा माना जाता है कि गणेश जी हमारे सारे दुख, विघ्न और नकारात्मक ऊर्जा अपने साथ ले जाते हैं और हमें आशीर्वाद देकर जाते हैं।पूर्ण श्रद्धा व आस्था के साथ करें, यही इन उपायों की सबसे बड़ी शक्ति है।

अनंत चतुर्दशी 2025: पूजन विधि

  • अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
  • फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। घर के पूजा स्थान को साफ कर लें और गंगाजल छिड़कें। साथ ही, व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं। उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और उस पर नारियल रखें। विष्णु भगवान के सामने दीपक और धूप जलाएं।
  • अनंत सूत्र एक 14 गांठों वाला पवित्र धागा होता है, जिसे हल्दी से रंगा जाता है। यह रक्षा सूत्र भगवान विष्णु को अर्पित कर फिर स्वयं बांधा जाता है।
  • यह सूत्र पुरुषों को दाहिने हाथ और महिलाओं को बाएं हाथ में बांधा जाता है।
  • भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी दल, चावल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।
  • सामर्थ्यानुसार किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
  • व्रती अगले दिन पूजा कर व्रत का पारण करें।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

अनंत चतुर्दशी 2025: कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल की बात है। भारत में सुमंत नामक एक ब्राह्मण रहते थे। उनकी पत्नी का नाम दीक्षा, पुत्र का नाम देवकी और पुत्रवधू का नाम सुशीला था। सुशीला अत्यंत धर्मपरायण, संयमी और सदाचार में निपुण स्त्री थी। एक दिन सुमंत अपनी पत्नी दीक्षा के साथ तीर्थ यात्रा पर गए और पुत्र देवकी को उसकी पत्नी सुशीला सहित अपने एक मित्र  कौंडिन्य ऋषि के पास छोड़ दिया।

कौंडिन्य आश्रम में रहते थे और वहांं जीवन बहुत सरल और नियमबद्ध था। सुशीला ने आश्रम में रहने वाली कई महिलाओं को अनंत चतुर्दशी का व्रत करते देखा। वे महिलाएं सुंदर वस्त्रों में भगवान विष्णु की पूजा कर रही थीं और फिर अनंत सूत्र भगवान को र्पित करें अपने हाथों में बांध रही थीं। उन्होंने बताया कि यह व्रत करने से सभी दुखों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सुशीला ने श्रद्धापूर्वक वह व्रत किया और अनंत सूत्र को अपने बाएं हाथ में बांधा। देवकी और सुशीला ने कौंडिन्य ऋषि से विदा ली और अपने नगर लौट आए। धीरे-धीरे उनके घर में धन्य-धान्य, सुख-शांति और वैभव बढ़ने लगा। चारों ओर से शुभ समाचार आने लगे। कौंडिन्य को यह सब देखकर आश्चर्य हुआ। उन्होंने अपनी पत्नी से पूछा इतनी समृद्धि का कारण क्या है? सुशीला ने विनम्रता से बताया कि यह सब अनंत चतुर्दशी व्रत और अनंत सूत्र की कृपा से हुआ है। 

कौंडिन्य को यह सुनकर क्रोध आ गया। उन्होंने कहा, “यह सब तो अंधविश्वास है! किसी धागे से क्या हो सकता है?” और उन्होंने सुशीला के हाथ से वह अनंत सूत्र जबरन उतारकर आग में जला दिया। इसके बाद धीरे-धीरे उनके जीवन में संकट आने लगे। धन चला गया, घर की शांति भंग हो गई, रोग और कष्टों ने घेर लिया। पश्चाताप और पुनः प्रयत्न कौंडिन्य को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने अनंत भगवान से क्षमा मांगी और अनंत की खोज में जंगल-जंगल भटकने लगे। वह भूखे-प्यासे, थके हुए, तपस्या करते हुए अंत में बेहोश होकर गिर पड़े। 

तभी भगवान विष्णु अनंत रूप में प्रकट हुए और बोले हे कौंडिन्य! तुमने मेरे प्रतीक अनंत सूत्र का अपमान किया था, इसलिए तुम्हें यह कष्ट मिला। अब तुम पुनः श्रद्धा से अनंत चतुर्दशी का व्रत करो, अनंत सूत्र बांधो और दूसरों को भी इसकी महिमा बताओ, तब तुम्हारे सारे कष्ट समाप्त हो जाएंगे। कौंडिन्य ने विधिपूर्वक व्रत किया, अनंत सूत्र बांधा और फिर से उनके जीवन में सुख-शांति लौट आई। तभी से अनंत चतुर्दशी व्रत की परंपरा चली आ रही है।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें 

अनंत चतुर्दशी 2025 के दिन करें ये उपाय

रोग मुक्ति के लिए

स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाकर यह मंत्र 108 बार जाप करें। मंत्र “ॐ अनन्ताय नमः। ऐसा करने से पुराने और जटिल रोगों से राहत मिलती है, शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

अनंत चतुर्दशी 2025 पर दरिद्रता दूर करने का उपाय

इस दिन 14 गांठ वाला पीला या केसरिया धागा हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें। पूजा के बाद पुरुष इसे दाहिने हाथ और महिलाएं बाएं हाथ में बांधे। यह सूत्र भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का प्रतीक है। इसे बांधने से आर्थिक तंगी, दरिद्रता और दुर्भाग्य दूर होता है।

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए

तुलसी के पौधे पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं, लेकिन अनंत चतुर्दशी के दिन तुलसी पर गंगाजल और कच्चा दूध मिलाकर चढ़ाएं। ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह की कृपा मिलती है और कर्ज से राहत मिलती है।

अनंत चतुर्दशी 2025 पर संतान प्राप्‍ति के लिए

पति-पत्नी एक साथ अनंत चतुर्दशी व्रत करें, भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें और यह मंत्र जपें। मंत्र ॐ विष्णवे अनन्तरूपाय नमः। ऐसा करने से पारिवारिक क्लेश, वैवाहिक तनाव व संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

पितृ दोष निवारण के लिए

सूर्योदय के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काले तिल और कुश डालकर पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से, पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-शांति आती है।

अनंत चतुर्दशी 2025 पर मनोकामना पूर्ति हेतु

किसी विष्णु मंदिर में जाकर अनंत सूत्र भगवान के चरणों में अर्पित करें और अपनी मनोकामना कहें। इसके परिणामस्वरूप मन की इच्छा को शीघ्र पूर्ण करने वाला माना जाता है।

शत्रु से छुटकारा पाने के लिए

शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से, नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और शत्रु कमज़ोर पड़ते हैं।

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

अनंत चतुर्दशी 2025 पर व्यापार में वृद्धि के लिए

अनंत चतुर्दशी के दिन 11 बार श्री सूक्त का पाठ करें और देवी लक्ष्मी व विष्णु भगवान को कमलगट्टे की माला अर्पित करें। ऐसा करने से, धन की वृद्धि होती है, रुका हुआ व्यापार चलने लगता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. अनंत चतुर्दशी 2025 कब मनाई जाती है?

अनंत चतुर्दशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह गणेश चतुर्थी के दसवें दिन आती है और यह गणेश उत्सव का अंतिम दिन होता है।

2. अनंत चतुर्दशी का क्या महत्व है?

इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और रक्षा सूत्र बांधकर अनंत सुख व समृद्धि की कामना की जाती है।

3. क्या हर कोई अनंत चतुर्दशी का व्रत रख सकता है?

हां, स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा सभी यह व्रत रख सकते हैं।

Innovative Indian

Innovative Indian: मौलिकता हमारी रगों में

हर भारतीय की रगों में प्राचीन ज्ञान और मौलिकता का डीएनए है–आर्यभट्ट और सुश्रुत की तरह जिन्होंने अपनी खोजों से दुनिया को नयी दिशा दी है। हम भारतीय आधुनिकता को तो अपनाते हैं लेकिन साथ ही अपनी परंपराओं को लेकर चलते हैं। बहुत ही खूबसूरती के साथ हम अपने अतीत और भविष्य में सामंजस्य स्थापित करते हैं।

AstroSage AI भी इसी सोच को दर्शाता है। AstroSage AI वैदिक ज्योतिष को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत से जोड़ता है और इस बात को साबित करता है कि कैसे हम परंपरा से प्राप्त ज्ञान और नई तकनीक साथ-साथ लेकर चल सकते हैं और आज के समय में हर एक जिज्ञासु को नई राह दिखा सकते हैं।

इसी सोच के साथ आइए हम सब अपने अंदर छुपे innovative Indian को जागृत करें।

Innovative Indian

वे कहते हैं अतीत या भविष्य, एक चुनो
हम कहते हैं दोनों
मैं मंत्र भी जपता हूँ,
और कोड भी लिखता हूँ
मेरा मार्गदर्शन सितारे भी करते हैं,
और आँकड़े भी

मैं किस्मत का इंतज़ार नहीं करता;
अपना पल ढूँढ़ लेता हूँ
मैं पूछता हूँ समझता हूँ। करता हूँ
अपने परिवार के लिए, अपनी टीम के लिए,
अपने भारत के लिए

आर्यभट्ट से कलाम तक वही परंपरा,
नया आत्मविश्वास
AI मेरे हाथ में
सनातनी समझ मेरे दिल में
मैं हूँ Innovative Indian

Engineer your future

https://horoscope.astrosage.com/hindi/mangal-gochar-tula-lucky-unlucky-signs-share-market-report/

मंगल का तुला राशि में गोचर, किस पर पड़ेगा भारी?

मंगल का तुला राशि में गोचर: एस्‍ट्रोसेज एआई की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं। इस ब्‍लॉग में हम आपको मंगल का तुला राशि में गोचर के बारे में बताने जा रहे हैं।

13 सितंबर, 2025 को मंगल शुक्र की राशि तुला में प्रवेश करेंगे। तो चलिए जानते हैं कि मंगल के तुला राशि में प्रवेश करने पर राशिचक्र की सभी राशियों समेत देश-दुनिया और स्‍टॉक मार्केट पर इसका क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को आक्रामकता, कार्य करने और ऊर्जा का कारक माना जाता है। मंगल को अक्‍सर योद्धा के रूप में भी जाना जाता है। कोई व्‍यक्‍ति अड़चनों का सामना कैसे करता है, अपने लक्ष्‍यों को पाने के लिए किस तरह से काम करता है और बाहरी दुनिया के साथ किस तरह से जुड़ता है, इस सब पर मंगल का प्रभाव होता है। मंगल साहस, महत्‍वाकांक्षा और हिंसा का कारक है। जन्‍मकुंडली में मंगल की स्थिति से इन चीज़ों का पता चलता है और इसका प्रभाव व्‍यक्‍ति के रिश्‍तों, करियर और जीवन की दिशा पर पड़ता है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, कार्य करने और दृढ़ संकल्‍प का प्रतीक बताया गया है। इसे राशियों का योद्धा भी कहा जाता है। मंगल ग्रह साहस, महत्‍वाकांक्षा, पैशन और प्रयास करने की क्षमता को दर्शाता है। अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए हम कितने प्रेरित हैं, चुनौतियों का किस तरह से सामना करते हैं और अपने विचारों को बिना डरे किस तरह से रखते हैं, यह सब मंगल ही दर्शाता है।

इस ग्रह का संबंध अग्नि, शक्‍ति और इच्‍छाशक्‍ति से है। हम अपनी ऊर्जा का उपयोग किस तरह से करते हैं, इस पर मंगल का प्रभाव रहता है। हम सोच समझकर या आवेग में आकर प्रतिक्रिया देते हैं, यह सब मंगल पर निर्भर करता है। वैदिक ज्‍योतिष में मंगल को कुजा भी कहा गया है और यह निडर, पुरुष तत्‍व का और अशुभ ग्रह है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि के स्‍वामी ग्रह हैं।

जन्‍मकुंडली में शुभ स्‍थान में होने पर व्‍यक्‍ति साहसी, नेतृत्‍व करने में सक्षम और उत्‍साह वाला होता है लेकिन पीडित होने पर, यह व्‍यक्‍ति में आक्रामकता, संघर्ष और आतुरता लेकर आता है। वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ऊर्जा, साहस, इच्‍छाशक्‍ति, आक्रामकता, कार्य करने और दृढ़ संकल्‍प का प्रतीक है। जब मंगल राहु, केतु या शनि आदि से पीडित या कमजोर स्थिति में हो या कुंडली में अशुभ स्‍थान में बैठा हो, तब व्‍यक्‍ति गुस्‍सैल, अधीर बन सकता है, उसके साथ दुर्घटना और मतभेद होने का डर रहता है, वह रक्‍त से संबंधित विकार या प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों से परेशान हो सकता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मंगल का तुला राशि में गोचर: समय

13 सितंबर, 2025 को रात को 08 बजकर 18 मिनट पर मंगल तुला राशि में गोचर करेंगे। मंगल के लिए तुला शत्रु राशि है इसलिए इस राशि में मंगल की उपस्थि‍ति दिलचस्‍प रहने वाली है। तो चलिए जानते हैं कि मंगल के इस गोचर का राशियों, देश-दुनिया और स्‍टॉक मार्केट पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

मंगल का तुला राशि में गोचर: विशेषताएं

मंगल ग्रह कार्य करने और उत्‍साह का कारक है जबकि तुला राशि संतुलन, सामंजस्‍य और साझेदारी का प्रतीक है। मंगल के तुला राशि में प्रवेश करने पर मंगल का जोश से भरपूर दृढ़ संकल्‍प तुला राशि की कूटनीतिक शैली से जाकर मिलता है। इससे ऐसा समय बनता है जब अपने विचारों को सीधा व्‍यक्‍त करने के बजाय बातचीत और सहयोग का सहारा लिया जाता है। इस समय लोग रिश्‍तों, पार्टनरशिप और सामाजिक संबंधों को लेकर प्रयास करने के लिए प्रेरित रह सकते हैं और अक्‍सर न्‍याय एवं पारस्‍परिक लाभ की तलाश करते हैं।

रचनात्‍मक कार्य, कानूनी मामले और टीम के साथ प्रोजेक्‍ट तेजी से आगे बढ़ सकते हैं क्‍योंकि मंगज आकर्षण और रणनीतिक सोच को बढ़ावा देता है। हालांकि, यहां पर चुनौती यह है कि आक्रामकता और निर्णय न ले पाने की स्थिति से बचा जाए क्‍योंकि मंगल का तुला राशि में गोचर कभी-कभी दूसरों की राय को जरूरत से ज्‍यादा महत्‍व दिए जाने की वजह से साहसिक कदम उठाने में दिक्‍कत होती है।

तुला राशि में मंगल के गोचर के दौरान लोग अपने कार्यों और आत्‍मविश्‍वास के प्रति अधिक सामंजस्‍यपूर्ण और संतुलित दृष्टिकोण की ओर बदलाव महसूस कर सकते हैं। आमतौर पर मंगल सरलता और आक्रामकता से जुड़ा होता है लेकिन तुला राशि में यह न्‍याय और कूटनीति की इच्‍छा से संतुलित हो जाता है। इस दौरान रिश्‍तों, टीम के साथ मिलकर काम करने और सभी के लिए लाभकारी हल ढूंढने पर अधिक जोर दिया जा सकता है।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

मंगल का तुला राशि में गोचर: विश्‍व पर प्रभाव

राजनीति और सरकार

  • भारत सरकार के वक्‍ता और अन्‍य उच्‍च पदों पर बैठे राजनेता सोच-समझकर काम करते हुए और व्‍यवहारिक योजना बनाते हुए नज़र आएंगे।
  • मंगल के तुला राशि में होने पर शुक्र से भी कुछ विशेषताएं मिलती हैं इसलिए सरकारी अधिकारी इस समय अंतिम निर्णय लेने से पहले अपनी योजनाओं और कार्यों की बारीकी से जांच करेंगे।
  • इस समय भारतीय सरकार की नीतियां और कार्यक्रम बड़ी संख्‍या में लोगों को आकर्षित करेंगे।
  • अब सरकार मैकेनिकक्‍स, चिकित्‍सा आदि जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को लाभ पहुंचाने वाले प्रयासों को जोर-शोर से लागू करेगी।
  • इस समयावधि में देश के नेता आक्रामकता लेकिन विचारशील और बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से कार्य करते हुए दिखाई देंगे।

मेडिकल, मैकेनिकल और अन्‍य क्षेत्र

  • इस समय मैकेनिक्‍स के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को फायदा होगा।
  • नर्सिंग और मेडिकल के क्षेत्र में प्रगति होगी जिससे आम जनता को लाभ प्राप्‍त होगा।
  • कुछ हद तक सॉफ्टवेयर, आईटी और मैकेनिकल इंडस्‍ट्री को फायदा होने की उम्‍मीद है।
  • इस दौरान कवि और लेखक खूब तरक्‍की करेंगे। अलग-अलग विषयों के लेखकों को उन्‍नति मिलेगी।
  • व्‍यापारियों और वार्ताकारों के लिए मंगल का तुला राशि में गोचर अनुकूल साबित होगा।

कला, फैशन और मनोरंजन

  • मंगल का गोचर मनोरंजन के साथ-साथ फैशन इंडस्‍ट्री को भी फायदा पहुंचाएगा।
  • आर्किटेक्‍चर डिज़ाइन या इंटीरियर डिज़ाइनिंग में काम करने वाले लोगों को इस गोचर से लाभ होने के आसार हैं।
  • कपड़े की मिलों और फैशन इंडस्‍ट्री के लिए यह मुनाफे का समय होगा।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

मंगल का तुला राशि में गोचर: स्‍टॉक मार्केट रिपोर्ट

13 सितंबर, 2025 को होने जा रहे मंगल के तुला राशि में गोचर का असर स्‍टॉक मार्केट पर भी देखने को मिलेगा। शेयर मार्केट भविष्‍यवाणी से जानते हैं कि इससे किसे फायदा होने के संकेत हैं।

  • चूंकि मंगल का गोचर तुला राशि में हो रहा है इसलिए केमिकल फर्टिलाइज़र इंडस्‍ट्री, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, स्‍टील इंडस्‍ट्री, हिंडाल्‍को, ऊनी मिलों को उन्‍नति मिलेगी।
  • मंगल के इस गोचर के दौरान फार्मास्‍यूटिकल कंपनियां भी अच्‍छा प्रदर्शन कर सकती हैं।
  • सर्जरी के उपकरण बनाने वाले उद्योग और व्‍यापारी भी शानदार प्रदर्शन करते हुए नज़र आएंगे।
  • रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्‍मेटिक इंडस्‍ट्री, कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी, आईटी और अन्‍य क्षेत्रों में मंदी का दौर जारी रहेगा।
  • इस समय रियल एस्‍टेट कंपनिया फल-फूल सकती हैं।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

मंगल का तुला राशि में गोचर: इन रा‍शि वालों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि के लग्‍न और छठे भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं जो कि अब आपके सातवें भाव में उपस्थित रहेगा। शत्रु राशि में होने के बावजूद लग्‍नेश के सप्‍तम भाव में होने से इस भाव के गुणों में वृद्धि होगी। मंगल का गोचर सातवें भाव में होने से आप अपने रिश्‍तों को लेकर जुनून और उत्‍साह से भर सकते हैं। इस समयावधि में सप्‍तम भाव से जुड़ी सभी महत्‍वपूर्ण बातें आपके जीवन का केंद्र बिंदु बन सकती हैं। हालांकि, ग्रहों की दृष्टि, स्थिति और युति के आधार पर हर किसी के लिए यह परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं।

वकीलों और लॉ या कॉर्पोरेट कंपनी में काम करने वाले लोगों के लिए यह गोचर अनुकूल साबित होगा क्‍योंकि मंगल का सातवें भाव में होने पर व्‍यक्‍ति के अंदर अपने कौशल को लेकर आत्‍मविश्‍वास आता है। वह परिस्थितियों से हार नहीं मानता है। आर्थिक स्थिति के लिए भी लग्‍नेश का सातवें भाव में होना अनुकूल माना जाता है।

मेष साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि के लिए मंगल योग कारक है क्‍योंकि यह इसके केंद्र त्रिकोण यानी पहले भाव और अन्‍य त्रिकोण भाव यानी पांचवे भाव के स्‍वामी हैं। मंगल का गोचर होने के दौरान वह आपके चौथे भाव यानी सुख और सुवधिाओं के भाव में रहेंगे। इस समयावधि में आप अपने लिए नया वाहन खरीद सकते हैं।

करियर की बात करें, तो नौकरीपेशा जातक सफलता और सम्‍मानजनक पद पाने में समर्थ होंगे। वहीं व्‍यापारीगण अपने प्रयासों से अच्‍छा मुनाफा कमा सकते हैं। आप प्रतिस्‍पर्धा करने में भी सक्षम होंगे। वित्तीय स्तर पर आप अपने परिवार के सुख और सुविधाओं पर धन खर्च कर सकते हैं। इसके अलावा आपकी बचत में भी वृद्धि हो सकती है।

 कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि के चौथे और नौवें भाव का स्‍वामी मंगल ग्रह है जो कि अब आपके लाभ और इच्‍छाओं के भाव यानी ग्‍यारहवें घर में रहेगा। करियर की बात करें तो, नौकरीपेशा जातक अपनी नौकरी या काम की जगह बदल सकते हैं। मंगल के गोचर से होने वाले इस बदलाव से आप संतु‍ष्‍ट महसूस कर सकते हैं।

एक्‍सपर्ट होने के नाते आप अपने व्‍यवसाय में खूब धन कमाने में सक्षम होंगे। आप बिज़नेस के क्षेत्र में बड़े स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धा कर सकते हैं। अधिक धन कमाने की वजह से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आप पैसों की बचत भी कर सकते हैं।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

कन्‍या राशि के तीसरे और आठवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं और अब मंगल का तुला राशि में गोचर होने के दौरान वह आपके धन और परिवार के दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे। यदि आप नौकरी करते हैं, तो ॐचे पद और अधिक संतुष्टि पाने के लिए आप नौकरी बदल सकते हैं। 

व्‍यवसाय के मामले में आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। आप अपनी खुशी के लिए अधिक धन कमा सकते हैं। आपके लिए बिज़नेस ट्रिप पर जाने के योग भी बन रहे हैं। वित्त की बात करें, तो आप अधिक धन कमाने में सक्षम होंगे और पैसों की बचत भी कर पाएंगे। निजी जीवन में आपको अपने जीवनसाथी के साथ सकारात्‍मक संबंध बनाए रखने और नैतिक मूल्‍यों का पालन करने का प्रयास करना चाहिए।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि के लोगों के चौथे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं और अब वह आपके दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं जो कि करियर का भाव है। यहां पर मंगल को दिशात्‍मक बल मिल रहा है। ऐसे में आप अपने काम को लेकर अधिक जागरूक रह सकते हैं और कार्यक्षेत्र में अधिक उन्‍नति प्राप्‍त करने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, परिवार में अच्‍छे अवसर आ सकते हैं।

करियर की बात करें, तो मंगल का तुला राशि में गोचर होने पर नौकरीपेशा जातकों को नए अवसर मिल सकते हैं जिससे उन्‍हें संतुष्टि महसूस होगी। आपको इस उद्देश्‍य से यात्रा भी करनी पड़ सकती है। व्‍यवसाय की बात करें, तो आप इस समय उच्‍च मुनाफा कमाने और अपने शत्रुओं के साथ प्रतिस्‍पर्धा करने में सक्षम होंगे। आर्थिक स्‍तर पर आप खूब धन कमाएंगे और संतुष्‍ट महसूस करेंगे।

मकर साप्ताहिक राशिफल

कुंभ राशि

कुंभ राशि के नौवें भाव में मंगल का गोचर होने जा रहा है। मंगल इस राशि के तीसरे और दसवें भाव के स्‍वामी हैं। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी। आप अध्‍यात्‍म में रुचि रखने की वजह से अंदर से संतोष और शांति प्राप्‍त कर सकते हैं।

करियर के क्षेत्र में नौकरीपेशा जातक अपने कार्यक्षेत्र में अच्‍छा प्रयास कर सकते हैं और इसके लिए उनकी प्रशंसा भी की जा सकती है। व्‍यवसाय की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है और इन यात्राओं से आपको अ‍धिक धन मिलने की संभावना है। मंगल का तुला राशि में गोचर होने के दौरान आप अधिक धन कमाने और पैसों की बचत करने में सफल होंगे।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मंगल का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्‍मक प्रभाव

वृषभ राशि

वृषभ राशि के छठे भाव में मंगल का गोचर होने जा रहा है और यह आपके सातवें एवं बारहवें भाव का स्‍वामी है। ऐसे में आपको अपने कार्यों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।

कार्यक्षेत्र में आपको अपनी योजना तैयार करनी पड़ सकती है क्‍योंकि इस समयावधि में आपके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्‍यादा बढ़ सकता है। व्‍यवसाय के क्षेत्र में आपको अपने प्रतिद्वंदियों से प्रतिस्‍पर्धा देखने को मिल सकती है जो कि नई कंपनी की योजनाएं पेश कर सकते हैं। वित्त की बात करें, तो आपके खर्चों में वृद्धि होने का डर है। ऐसे में आपकी बचत भी काफी कम हो सकती है।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

मिथुन राशि के छठे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं और मंगल का गोचर होने के दौरान वह आपके पांचवे भाव में स्थित रहेंगे। आप अपनी संतान की प्रगति और विकास को लेकर चिंतित हो सकते हैं। वहीं आपको आध्‍यात्मिक तरीकों से लाभ होने के आसार हैं। करियर की बात करें, तो इस समयावधि में नौकरीपेशा जातकों को अपने उच्‍च अधिकारियों और सहकर्मियों से समस्‍याएं देखनी पड़ सकती हैं।

इस वजह से आप अपने काम से असंतुष्‍ट हो सकते हैं। व्‍यवसाय के मामले में सट्टे से आप खूब पैसा कमा सकते हैं। अगर आप कोई सामान्‍य व्‍यवसाय करते हैं, तो आप अधिक धन कमाने में पीछे रह सकते हैं। मंगल का तुला राशि में गोचर के दौरान आपकी आमदनी औसत रहेगी और आप ज्‍यादा पैसों की बचत करने में असमर्थ रह सकते हैं।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के बारहवें भाव में मंगल का गोचर होने जा रहे हैं। मंगल छठे और पहले भाव के स्‍वामी हैं। आप लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं और लोन या पैतृक संपत्ति से अधिक धन कमा सकते हैं। आप सट्टे से भी धन अर्जित कर सकते हैं। करियर की बात करें, तो उन्‍नति प्राप्‍त करने के लिए आप नौकरी बदल सकते हैं। हालांकि, मंगल का तुला राशि में गोचर करने के दौरान आप अच्‍छा प्रदर्शन करने में असमर्थ रह सकते हैं।

व्‍यवसाय के क्षेत्र में आपको अपनी जगह बनाने और अधिक मुनाफा कमाने में दिक्‍कत हो सकती है। आप बहुत कम मात्रा में धन कमा पाएंगे। वहीं वित्तीय स्‍तर पर अधिक खर्चों के कारण आपको चिंता हो सकती है। आपके जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। निजी जीवन में परिवार में समस्‍याएं आने की आशंका है और ऐसे में आपको अपने जीवनसाथी से सहायता नहीं मिल पाएगी।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

मंगल का तुला राशि में गोचर: उपाय

  • आप दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में सोने या तांबे में लाल मूंगा धारण करें। मंगल के होरा में मूंगा को अभिमंत्रित करने के बाद मंगलवार के दिन ही इसे धारण करें। हमेशा अनुभवी ज्‍योतिषी से परामर्श करने के बाद ही रत्‍न धारण करना चाहिए।
  • मंगलवार के दिन लाल चंदन की माला से 108 या 1008 बार ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का जाप करें।
  • मंगलवार को व्रत रखें। सूर्यास्‍त के बाद एक बार ही भोजन करें और गुड़ एवं गेहूं से बनी चीज़ें खाएं।
  • हनुमान जी को या कार्तिकेय भगवान को लाल रंग के पुष्‍प, चंदन का पेस्‍ट और मिठाईयां अर्पित करें।
  • नियमित रूप से हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज एआई ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. मंगल किस राशि में उच्‍च का होता है?

उत्तर. मकर राशि।

प्रश्‍न 2. मंगल किस राशि में नीच का होता है?

उत्तर. कर्क राशि।

प्रश्‍न 3. मंगल किस दिशा के स्‍वामी हैं?

उत्तर. दक्षिण दिशा।