कुंडली में ग्रहों की इन स्थितियों के कारण हो सकता है तलाक, पति-पत्नी के बीच रहता है क्लेश
हमारे जीवन और संबंधों पर ग्रह-नक्षत्रों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के प्रभाव के कारण कुछ लोगों को अपने जीवन में आसानी से सफलता मिल जाती है, तो वहीं कुछ लोगों को कड़ी मेहनत करने के बाद भी अपने लक्ष्य तक पहुंचने में दिक्कत आती है। ग्रहों के शुभ प्रभाव देने पर आपके अधिकतर फैसले सही साबित होते हैं लेकिन जब यही ग्रह कुंडली में कमज़ोर स्थिति में बैठे हों, तो व्यक्ति का सही निर्णय भी गलत साबित हो सकता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुछ ग्रह दोषों के कारण आपको अपने प्रेम जीवन में असफलताओं या अपने पार्टनर से अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आगे बताया गया है कि किन ग्रहों और ग्रहीय स्थिति के कारण ब्रेकअप, वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध में मनमुटाव या तलाक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
जन्मकुंडली में ग्रहों की निम्न स्थितियों के कारण पति-पत्नी के बीच अलगाव या तलाक होने की आशंका रहती है:
सप्तमेश के छठे या आठवें भाव में होने पर पति-पत्नी का तलाक हो सकता है।
छठे आठवें भाव के स्वामी ग्रह का सातवें भाव में सप्तमेश के साथ होना भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। यदि इस पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो, तो समस्याएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं।
मंगल का पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव के साथ किसी अन्य अशुभ ग्रह के साथ संबंध हो, तो इसकी वजह से तलाक और अलगाव हो सकता है।
सप्तमेश के छठे भाव में होने पर इसके ऊपर मंगल की दृष्टि पड़ रही है, तो पति-पत्नी अचानक से अलग हो सकते हैं।
लड़के की कुंडली में पहले और सातवें भाव में शनि और मंगल की एक-दूसरे पर दृष्टि होने और लड़कियों की कुंडली में पांचवे और ग्यारहवें भाव में इन दो ग्रहों की एक-दूसरे पर दृष्टि होने पर शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां आने का खतरा रहता है।
शनि और मंगल दोनों की सातवें या आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही हो, तो वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है।
ज्योतिषशास्त्र में शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना गया है और अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र दोष हो या शुक्र कमज़ोर हो, तो उस व्यक्ति को शुक्र से संबंधित क्षेत्रों में अच्छे परिणाम नहीं मिल पाते हैं जिनमें से एक प्रेम भी है। शुक्र दोष के कारण जातक के विवाह में अड़चनें और रुकावटें आती हैं। उसे प्रेम संबंध में बार-बार असफलता देखने को मिलती है। इनके कई रिश्ते बनकर टूट जाते हैं। अगर किसी तरह से बात शादी तक पहुंच भी जाए और विवाह संपन्न हो जाए, तो जीवनसाथी के साथ मतभेद रहते हैं और पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता रहता है। इस स्थिति में जीवनसाथी का किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी संबंध बन सकता है।
ज्योतिषशास्त्र में राहु को छाया ग्रह की उपाधि दी गई है और इसे पापी ग्रह भी माना जाता है। कहते हैं कि राहु इंसान की बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है और व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले लेने लगता है। इंसान के शब्द भी कटु हो जाते हैं जिसकी वजह से उसके अपने भी उससे दूर हो जाते हैं। प्रेम जीवन में राहु के कारण हमेशा पति-पत्नी के बीच मतभेद और मनमुटाव रहते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी इनके जीवन में प्यार टिक नहीं पाता है और परिवार के साथ भी इनकी कलह रहती है। राहु दोष के कारण जातक की देर से शादी होती है और शादी हो भी जाए, तो भी पति-पत्नी के बीच लड़ाई रहती है। इनका रिश्ता तलाक तक भी पहुंच सकता है।
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शनि दोष से होता है नुकसान
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष बन रहा हो, तो उसका वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। इन लोगों की शादी में देरी और रुकावटें आती हैं। रिश्ता बार-बार पक्का होकर टूट सकता है। शनि के अशुभ प्रभाव के कारण ये कभी भी अपनी शादी में खुश नहीं रह पाते हैं। हो सकता है कि शनि दोष के कारण ये अपने जीवनसाथी के प्रति समर्पण भाव न रखें।
वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने के ज्योतिषीय उपाय
वैदिक ज्योतिष में ऐसे कई उपायों का उल्लेख किया गया है जिनकी मदद से आप अपने वैवाहिक जीवन में आई किसी भी तरह की परेशानी को दूर कर सकते हैं।
रिश्ते में सुधार लाने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें।
वैवाहिक सुख-शांति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
अगर आपको बृहस्पति के कारण समस्याएं आ रही हैं, तो आप पीले रंग की खाने की चीजें या हल्दी, मिठाई या वस्त्र आदि का दान करें।
मंगल दोष के कारण पति-पत्नी के बीच अनबन चल रही है, तो मंगलवार के दिन गुड़ का दान करें।
शादीशुदा जिंदगी में चंद्रमा के कारण आए तूफान को शांत करने के लिए चांदी का कोई आभूषण पहनें।
सूर्य की वजह से परेशानी हो रही है, तो गरीबों और जरूरतमंद लोगों को गेहूं और गुड़ का दान करें।
परिवार में सुख-शांति बनाए रखने एवं पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाने के लिए आप सप्ताह में एक दिन नमक के पानी से फर्श पर पोंछा जरूर लगाएं।
वैवाहिक संबंध में प्रेम बनाए रखने के लिए स्त्रियां पीले रंग की चूडियां या सोने की चूड़ी पहनें।
मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार के दिन नाखून काटने से बचें।
यदि पति-पत्नी के परिवारों के बीच कलह और अनबन रहती है, तो सात कच्ची हल्दी के टुकड़े लें, तीन तांबे के सिक्के, गुड़ और केसर लें। इन सभी चीज़ों को एक पीले रंग के कपडे में बांधकर अपने ससुराल पक्ष के घर की ओर फेंक दें।
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J अक्षर से शुरू होता है नाम तो अभी पढ़ें ये हैरान कर देने वाली प्रेम भविष्यवाणी!
अगर आपका नाम अंग्रेजी के J अक्षर से शुरू होता है तो आपका व्यक्तित्व कैसा है और 2024 में आपको किस तरह के परिणाम प्रेम जीवन में मिलने वाले हैं इन सभी सवालों का जवाब समेटे हमारा ही खास ब्लॉग आपके सामने पेश है।
इसके माध्यम से हम आपके व्यक्तित्व की एक झलक देखेंगे और साथ ही जानेंगे की नई साल में आपका प्रेम जीवन आपको क्या सुख या फिर चुनौतियां देने वाला है। आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले एक नजर डाल लेते हैं J अक्षर के जातकों के व्यक्तित्व पर।
सबसे पहले व्यक्तित्व की बात करें तो अंक शास्त्र के अनुसार J पर अंक 1 का शासन होता है। अंक एक का स्वामी ग्रह सूर्य को माना गया है। इसके अलावा J अक्षर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का भी स्वामित्व होता है। दिशाओं में उत्तर दिशा J अक्षर से संबंधित मानी जाती है और इन्हीं सब के चलते J अक्षर के जातक हमेशा अपने जीवन में आगे रहना चाहते हैं और दूसरों पर राज करते हैं।
अंग्रेजी के सभी अक्षरों में J को एक दिलचस्प अक्षर माना गया है और यह बेहद ही सौभाग्यशाली भी माना जाता है। इस अक्षर के जातक आशावादी स्वभाव के होते हैं, कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानते हैं और सफलता बखूबी हासिल करना जानते हैं। आप कितनी भी कठिन परिस्थिति में क्यों ना हो आप आगे बढ़ते रहते हैं और जीत अपने नाम करते हैं। आप हमेशा चीजों को सकारात्मक आईने से देखते हैं और आपका यह स्वभाव आपको दूसरों से अलग बनाता है।
आप किसी नीरस वातावरण को भी खुशनुमा बनाने का दम रखते हैं। J अक्षर की जातक हमेशा खुश रहते हैं, अपने आसपास के वातावरण को खुश बनाए रखते हैं और एक ऐसी ऊर्जा दर्शाते हैं जो बहुत ही पॉजिटिव होती है जिससे आपके आसपास रहने वाले लोग भी खुश महसूस करते हैं। काम के संदर्भ में बात करें तो आप बेहद ही हार्ड वर्किंग होते हैं। कोई भी काम का बीड़ा उठाते हैं तो उसे पूरा किए बिना राहत की सांस नहीं लेते हैं। आपके अंदर लीडरशिप क्वालिटी देखने को मिलती है और आप हमेशा एक टीम की तरह काम करने में विश्वास करते हैं।
इस अक्षर के जातक स्वभाव में न्याय प्रिय होते हैं, किसी के साथ भी गलत व्यवहार हो तो आप उसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं और लोगों से भी यही अपेक्षा करते हैं कि लोग गलत चीज को सहें नहीं। आप हमेशा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं। इसके अलावा J अक्षर के जातक कल्पनाशील होते हैं और आप ऐसी चीजों की कल्पना करने की भी क्षमता रखते हैं जिसके बारे में और कोई सोच भी नहीं सकता है।
ऐसे जातक दिल से बेहद ही कोमल होते हैं और किसी को भी चोट पहुंचाने के बारे में आप कभी सोचते भी नहीं है। लोगों को भी आप बहुत ही आसानी से माफ कर देते हैं और कोमल स्वभाव की ही वजह से अगर आपको कोई छोटी सी बात भी कहते तो वह दिल पर लग जाती है और कई बार लोग आपके इसी स्वभाव का फायदा भी उठाते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
व्यक्तित्व के बारे में जानने के बाद चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि J नाम के लोगों का प्रेम राशिफल क्या कहता है।
कैसा रहेगा J अक्षर के जातकों का प्रेम जीवन?
प्रेम जीवन की बात करें तो जनवरी से अप्रैल का समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान आपके जीवन में प्रेम और आकर्षक दोनों बढ़ेगा जिससे आपके रिश्ते में मजबूती आएगी। आप अपने जीवनसाथी के साथ खूब प्यार और रोमांस का लुफ्त उठाएंगे। इस दौरान आप अपने परिवार में होने वाले किसी शुभ कार्यक्रम में भी हिस्सा ले सकते हैं जिससे भी आपके रिश्ते में मजबूती आएगी।
इस अवधि में आपको अपने पार्टनर के साथ सामंजस्य से बनाए रखने की सलाह दी जाती है तभी आपका प्रेम जीवन खुशनुमा और मजबूत बनेगा। मई से दिसंबर का जो समय है इस दौरान आपके रिश्ते में थोड़ी खटास आने की आशंका है। इस दौरान आप दोनों की दूरियां बढ़ सकती हैं जिसके चलते प्रेम में कमी देखने को मिलेगी। अगर आप किसी नए रिश्ते की शुरुआत कर रहे हैं तो अप्रैल तक का समय इसके लिए शुभ रहेगा। आप इस दौरान किसी नए रिश्ते में प्रवेश कर सकते हैं और यह रिश्ता आपके जीवन में बेहद ही भाग्यशाली भी साबित होगा।
इस साल आप अपने प्रेम संबंध को बढ़ाने और इसे मजबूत करने में सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही अपने प्रेम जीवन में चल रही हर परेशानी को सुलझाने में भी सफल रहने वाले हैं। आपका साथी आपसे जो भी अपेक्षा रखता है आप उसे पूरा कर पाएंगे। अप्रैल जनवरी से लेकर अप्रैल के दौरान आप अपने पार्टनर के साथ किसी शुभ कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं या कहीं ट्रिप पर जाने की योजना बना सकते हैं।
मई से नवंबर के दौरान प्रेम जीवन में थोड़ी खटास देखने को मिल सकती है। इस दौरान आप दोनों के रिश्ते में समझ की कमी भी नजर आएगी। ऐसे में आपको इस दौरान धैर्य बना कर रखना और रिश्ते में सामंजस्य बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। जरूरत पड़े तो एडजस्ट करके ही सही लेकिन अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखें।
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साप्ताहिक राशिफल (11 मार्च से 17 मार्च, 2024): इस सप्ताह इन राशियों की किस्मत चमकेगी सोने की तरह!
साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च 2024: एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसमें आपको साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च, 2024 की जानकारी प्राप्त होगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि मार्च महीने का यह सप्ताह राशि चक्र की 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा। साथ ही, इस राशिफल की मदद से कैसे आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं, तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
साप्ताहिक राशिफल 11 मार्च से 17 मार्च, 2024: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि तुलनात्मक रूप से कमज़ोर रह सकती है। व्यर्थ की भागदौड़ और बेकार के खर्चे आपको कुछ हद तक चिंतित कर सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय एक नई स्फूर्ति और नई ऊर्जा के साथ आपको आगे ले जाने में मददगार बन सकता है। आपके वरिष्ठ और गुरुजनों का मार्गदर्शन भी आपके लिए सहायक साबित होगा।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप एवरेज से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक और पारिवारिक मामलों में यह अवधि अनुकूल परिणाम दे सकती है। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। कहीं से कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है और यात्राएं लाभकारी रह सकती हैं।
उपाय: नियमित रूप से पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
वृषभ राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि काफ़ी अच्छे परिणाम देने का संकेत कर रही है। इस दौरान आपके सहयोगी आपको लाभ दिलाने में मददगार बनेंगे। साथ ही, यात्राएं भी फायदेमंद रह सकती हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। अतः इस अवधि में बेकार के खर्चों और यात्राओं से बचना जरूरी होगा। हालांकि, इस अवधि में दूर की यात्राएं संभावित हैं जिनका भविष्य में कोई लाभ भी मिल सकता है, लेकिन तात्कालिक लाभ मिलने की संभावना कम है।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य का समय काफ़ी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। इस अवधि में आप आत्मविश्वास के साथ विभिन्न मामलों में अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे। न केवल कार्यक्षेत्र और सामाजिक मामले में बल्कि निजी संबंधों में भी इस समय अनुकूलता के योग बन रहे हैं। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। सावधानी पूर्वक निर्वाह करने पर अनुकूलता बनी रहेगी, फिर भी वाणी पर संयम रखना होगा।
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको अनुकूल परिणाम मिल सकेंगे। विशेषकर कार्यक्षेत्र से लेकर सामाजिक पद-प्रतिष्ठा से जुड़े मामलों में आप अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। विशेषकर आर्थिक मामलों में इस दौरान अच्छी उपलब्धियां मिल सकती हैं। घर-परिवार के लिए भी समय अनुकूल रहेगा।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। हालांकि, चंद्रमा उच्च का है, इसके बावजूद भी आर्थिक मामलों में लापरवाही उचित नहीं रहेगी। शांतचित्त होकर सोने की स्थिति में स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा, अन्यथा चिंताएं बेचैन करने का काम कर सकती है। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपकी खोई ऊर्जा को पुनः लौटने का काम करेगा और इसके फलस्वरूप आप नए उत्साह के साथ अपने काम में लग सकेंगे।
उपाय: माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करें।
कर्क राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको औसत परिणाम मिल सकते हैं। धर्म-कर्म और अध्यात्म से लेकर पिता से जुड़े मामलों में भी आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन कार्यक्षेत्र में परिणाम औसत या मिले-जुले रह सकते हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छी अनुकूलता देना चाहेगा। सामाजिक कार्यों से आपका जुड़ाव हो सकता है और आप सम्मानित भी किये जा सकते हैं। इसके अलावा, कामों में सफलता दिलाने में भी यह अवधि मददगार बनेगी।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम अच्छे ही रहने चाहिए। लाभ भाव में उच्च का चंद्रमा आपको विभिन्न मामलों में लाभ दिलवा सकता है। साथ ही, व्यक्तिगत संबंधों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य आदि के लिए भी समय अनुकूल रहेगा। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको कमज़ोर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। अत: इस दिन किसी भी प्रकार का बड़ा रिस्क लेने से बचें।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाएं।
सिंह राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। अतः इस दौरान किसी भी प्रकार का रिस्क न लें, खासकर स्वास्थ्य और निवेश संबंधी मामलों में।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आपकी सकारात्मक सोच और ईश्वर पर विश्वास आपको सफलता के रास्ते पर ले जाने का काम करेगा।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप काफ़ी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्षेत्र में अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी। विशेषकर यदि आपका संबंध विदेश या किसी भी प्रकार के दूर स्थान से है तो आपको बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सामाजिक मामलों में भी अच्छी अनुकूलता बनी रहेगी।
वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन अनुकूल रहेगा। आपकी मेहनत के परिणाम आपको मिलते रहेंगे, विशेषकर आर्थिक मामलों में आप अच्छा कर सकेंगे।
उपाय: श्रद्धापूर्वक बुजुर्गों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम सामान्य तौर पर अनुकूल ही रहेंगे। यदि आप व्यापार-व्यवसाय से जुड़े हुए हैं अथवा आपका काम साझेदारी का है, तो आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकेंगे। निजी संबंध विशेषकर विवाह आदि से संबंधित मामले और वैवाहिक जीवन के लिए भी समय अनुकूल रह सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। भले ही चंद्रमा बृहस्पति के साथ रहेगा, लेकिन आपकी मेहनत के परिणाम इस अवधि में मिलने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। बेहतर होगा कि मन को शांत करके ध्यान और मेडिटेशन इत्यादि का सहारा लें, जिससे आने वाले समय के लिए आप अपनी ऊर्जा को सुरक्षित रख सकें।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य आप नई स्फूर्ति और नई ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं। वरिष्ठों के सहयोग से और पुराने अनुभव के आधार पर आप अपनी गलतियों को सुधार कर सकारात्मक दिशा में बढ़ सकेंगे। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। आपकी मेहनत रंग लाएगी।
उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लें।
तुला राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपके कर्म भाव के स्वामी चंद्रमा छठे भाव में रहेंगे जो नौकरीपेशा लोगों को काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोग तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करके इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय सामान्य तौर पर अनुकूल रह सकता है। निजी संबंधों, विशेषकर वैवाहिक संबंधों के लिए समय अच्छा रहेगा। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों का प्रदर्शन भी काफ़ी अच्छा रहने की संभावना है।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम कमज़ोर रह सकते हैं। भले ही चंद्रमा उच्च का है, लेकिन कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में इस अवधि में कोई रिस्क न लें। धैर्य पूर्वक काम करने की स्थिति में अनुकूलता बनी रहेगी।
वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम दे सकता है। पिछली समस्याएं धीरे-धीरे करके दूर होंगी और आप सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें।
वृश्चिक राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर रह सकते हैं। हालांकि निजी संबंधों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है, लेकिन संबंधों को लेकर ट्रांसपेरेंट रहना और एक-दूसरे पर संदेह करने से बचना होगा।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। मेष राशि में गुरु और चंद्रमा की युति आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकती है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से अपने ज्ञान और अनुभव के दम पर बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। आर्थिक मामले में भी अनुकूलता मिलती हुई प्रतीत हो रही है।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य भी परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। इस अवधि में आप अपने कार्य-व्यापार में अच्छा करते हुए देखे जाएंगे। साथ ही, दांपत्य जीवन में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिलेगी। ईश्वरीय कृपा का अनुभव भी इस अवधि में आप कर सकेंगे।
वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अत: इस दिन किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचें।
उपाय: पूर्वजों के निमित्त यथा सामर्थ्य गरीबों को भोजन करवाएं।
धनु राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में परिणाम थोड़े कमज़ोर रह सकते हैं। भले ही कोई बड़ी समस्या न आए, लेकिन मन-मस्तिष्क में किसी बात को लेकर चिंता या तनाव के भाव देखने को मिल सकते हैं, जिनका असर आपके अन्य कामों पर पड़ सकता है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। बृहस्पति के साथ चंद्रमा की युति आपको अध्यात्म या गूढ़ विद्याओं से जोड़ने का काम कर सकती है। इसके फायदे देर-सवेर आपको मिल सकेंगे। शिक्षा और प्रेम संबंधी मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकेगी।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। चंद्रमा उच्च का आपके छठे भाव में रहेगा, जो आपको अपने क्षेत्र के महान लोगों से जोड़ने का काम कर सकता है। अप्रत्याशित रूप से भी कुछ सफलताएं आपके हिस्से में आ सकती हैं। वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको अनुकूल परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है, विशेषकर निजी और व्यापार-व्यवसाय संबंधी मामलों में।
उपाय: तामसिक चीज़ों जैसे मांस-मदिरा आदि से दूर रहें और अपना चरित्र स्वच्छ रखें।
मकर राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि अनुकूल रहेगी। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। कहीं से कोई अच्छी खबर भी आपको मिल सकती है।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय कमज़ोर रहेगा। हालांकि, चंद्रमा बृहस्पति के साथ युति कर रहा होगा लिहाजा ध्यान, योग और अध्यात्म से जुड़े रहने पर तनाव कम होगा और स्थिति बेहतर रहेगी।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य समय काफ़ी हद तक अनुकूल रह सकता है। उच्च का चंद्रमा निजी संबंधों में अच्छी अनुकूलता देने और दिलाने का काम करेगा। प्रेम और वैवाहिक संबंध में अनुकूलता के चलते आपका मन प्रसन्न रहेगा।
वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। आप अपने कामों को बेहतर ढंग से संपन्न कर सकेंगे।
उपाय: भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें।
कुंभ राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं जिसमें सकारात्मकता का स्तर अधिक रहेगा। आपकी अच्छी बातचीत परिजनों के साथ आपके संबंधों को मेंटेन करने का काम करेगी। वहीं, लापरवाही की स्थिति में आर्थिक और पारिवारिक मामले में कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देना चाहेगा। आपकी स्वयं की लगन और अनुभव आपको आगे ले जाएंगे। साथ ही, आपको अच्छे सलाहकार भी मिल सकेंगे, जिनके मार्गदर्शन और सहयोग से आप काफ़ी अच्छा कर सकेंगे।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य का समय तुलनात्मक रूप से कमज़ोर है। अतः इस अवधि में यदि पहले के जैसी स्थितियां न रहें तो परेशान होने की बजाय एक-दो दिनों तक धैर्य पूर्वक निर्वाह करना समझदारी का काम होगा।
वहीं, सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देगा और आप सही रास्ते पर सही ढंग से आगे बढ़ने लग जाएंगे।
उपाय: दादाजी या किसी बुजुर्ग के साथ मंदिर जाकर वहां पर उनका आशीर्वाद लें।
मीन राशि
सप्ताह के शुरुआती हिस्से अर्थात 11 मार्च से लेकर 12 मार्च की शाम 8:30 बजे के बीच की अवधि में आपको अनुकूल परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। विद्यार्थियों को यह अवधि अच्छे परिणाम देना चाहेगी। वहीं, प्रेम संबंध के लिए भी अवधि अनुकूल कही जाएगी।
सप्ताह का मध्य भाग अर्थात 12 मार्च की शाम 8:30 बजे से लेकर 14 मार्च की रात 10:40 के बीच का समय आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। दूसरे भाव में चंद्रमा बृहस्पति की युति जिस पर मंगल का प्रभाव भी रहेगा, आपको आर्थिक और पारिवारिक मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में अच्छे परिणाम दे सकती है।
सप्ताहांत अर्थात 14 मार्च की रात 10:40 से लेकर 16 मार्च के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है। कहीं से कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। इस समय की गई यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं।
वहीं सप्ताह का अंतिम दिन अर्थात 17 मार्च का दिन आपको तुलनात्मक रूप से कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अतः इस दिन बेकार की चिंता किए बिना जो जैसा चल रहा है उसे उसी तरह आगे बढ़ने दें और अपने आराध्य का ध्यान करते रहें।
उपाय: मंदिर जाकर भगवान के चरणों में दंडवत प्रणाम करें।
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मीन में उदय हो रहे हैं बुध, इन राशियों को रहना होगा संभलकर; शेयर बाज़ार में आएगा उछाल
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का मीन राशि में उदयके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा और इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। बता दें, बुध 15 मार्च 2024 को मीन राशि में उदित हो रहे हैं। आइए जानते हैं इस दौरान सभी राशियों सहित देश-दुनिया व शेयर मार्केट पर अनुकूल व प्रतिकूल कैसा प्रभाव पड़ेगा।
जन्म कुंडली में बुध के मज़बूत होने पर व्यक्ति अपने जीवन में संतुष्ट महसूस करता है और उसे उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही ये जातक मानसिक रूप से मज़बूत और स्थिर होते हैं। बुध के उच्च होने पर व्यक्ति तार्किक व बुद्धिमान होता है एवं इनमें अपने व्यवसाय को अच्छे से चलाने की क्षमता मौजूद होती है। इनके भीतर अच्छा जीवन जीने की शक्ति और भावना विद्यमान होती है।
ज्योतिषशास्त्र में बुध को एक तटस्थ ग्रह बताया गया है। यह ग्रह दृष्टिकोण, तर्क करने की क्षमता और विचारों के कारक हैं। बुध की स्थिति से पता चलता है कि व्यक्ति की तालमेल बिठाने या समझौता करने, योजना बनाने, तर्क करने, किसी सूचना या बात को समझने एवं ग्रहण करने की कितनी क्षमता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह जातक की हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेने, अपने विचारों को प्रभावी रूप से व्यक्त करने एवं बोलते समय शब्दों का चयन करने की क्षमता पर प्रभाव डालता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध मज़बूत होता है, वे लोग अपनी बातों से दूसरों को प्रेरित करते हैं और इनका संचार कौशल भी शानदार होता है। बुध के प्रभाव से व्यक्ति बुद्धिमान बनता है एवं इनकी बातों में भी तर्क की झलक देखने को मिलती है। इन जातकों में अक्सर बेचैन और अशांत रहने की प्रवृत्ति नज़र आती है। ऐसे लोगों का जीवन तेज रफ़्तार से आगे बढ़ता है।
बुद्धि का ग्रह बुध छोटी यात्राओं, परिवहन और दोस्तों एवं पड़ोसियों से मेलजोल बनाने का कारक है। बुध एक ऐसा ग्रह है जो हमें बाहरी दुनिया को समझने के साथ-साथ अपने आप और अपनी काबिलियत एवं क्षमता को समझने में सहायता करता है।
मीन राशि में बुध की विशेषताएं
मीन एक दोहरी स्वभाव वाली जल तत्व की राशि है जिसके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। बुध का बृहस्पति के साथ तटस्थ संबंध है जबकि बृहस्पति, बुध के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। मीन राशि में बुध को नीच का माना जाता है, लेकिन इस बार मार्च के महीने में बुध मीन राशि में उदित हो रहे हैं, वह अशुभ और अमंगलकारी नहीं है क्योंकि इस ज्योतिषीय घटना में शामिल ग्रह लाभकारी प्रभाव देते हैं। इन्हें शुभ ग्रह माना जाता है इसलिए बुध का मीन राशि में उदय होना औसत माना जाएगा।
जन्म के समय जिन लोगों की कुंडली में बुध मीन राशि में होते हैं, उन जातकों के विचारों में बहुत रचनात्मकता देखने को मिलती है। ये बहुत संवेदनशील स्वभाव के होते हैं इसलिए बहुत जल्दी आहत भी हो जाते हैं। इनके बारे में ऐसा कहा जा सकता है कि इन लोगों की आंखों पर हमेशा गुलाबी चश्मा लगा रहता है जो इन्हें हर चीज में अच्छाई ही दिखाता है। ये लोग बहुत जल्दी दूसरों पर भरोसा कर लेते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
ये जातक बहुत नरम और दयालु स्वभाव के होते हैं। इनकी दूसरों पर बहुत जल्दी और अत्यधिक भरोसा करने की प्रवृत्ति कभी-कभी इन पर ही भारी पड़ जाती है। अपने इस स्वभाव की वजह से इन्हें बिज़नेस पार्टनरशिप और प्रेम संबंधों में धोखा मिलने का खतरा रहता है। इन लोगों की कला, पेंटिंग और संगीत में अधिक रुचि होती है। जिन लोगों की कुंडली में मीन राशि में बुध होते हैं, वे बहुत सपने देखते हैं और हमेशा अपने सपनों की दुनिया में ही खोए रहते हैं। ये लोग टेलीपैथिक कम्युनिकेशन में तो अच्छे होते हैं लेकिन बात करने में ज्यादा कुशल नहीं होते हैं। ये बोलने के बजाय कविता या कला के ज़रिए अपनी बात व्यक्त करते हैं।
मीन राशि में बुध के उदित होने का समय
देवताओं के दूत के रूप में प्रसिद्ध बुध 15 मार्च, 2024 की रात 01 बजकर 07 मिनट पर मीन राशि में उदित होने जा रहे हैं। लंबे समय से अस्त रहने के बाद अब बुध ग्रह उदित हो रहे हैं जो कि एक सकारात्मक घटना है और इससे विश्व में थोड़ी राहत देखने को मिलेगी। कुछ राशियों के लिए बुध की उदित अवस्था लाभकारी रहने वाली है। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के मीन राशि में उदित होने पर देश-दुनिया में क्या बदलाव आने की संभावना है।
मीन राशि में बुध के उदित होने से इन राशियों को होगा लाभ
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के लिए बुध दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके ग्यारहवें भाव में उदित हो रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने पर आपकी आमदनी में वृद्धि देखने को मिलेगी इसलिए आप इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार रहें। आप अपनी जमा पूंजी से कोई नया बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं जिसके सफल होने की प्रबल संभावना है। आपको अपनी बुद्धिमानी और समझदारी से धन कमाने का मौका मिलेगा।
आपके प्रेम संबंध के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आप अपने प्रेमी या जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर किसी सुन्दर स्थान पर घूमने भी जा सकते हैं। आपके नए दोस्त बनेंगे और आपके सामाजिक दायरे में भी वृद्धि होगी। निवेश करने के लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा। इसके साथ ही आप निवेश के ज़रिए भी धन कमा सकते हैं। आयात-निर्यात का व्यापार करने वाले लोगों को कोई विशेष लाभ मिलने के संकेत हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में सुधार आएगा। शेयर मार्केट, लॉटरी और सट्टे बाज़ार से भी आपको धन लाभ हो सकता है।
मिथुन राशि के लग्न भाव के स्वामी स्वयं बुध ग्रह हैं। बुध मिथुन राशि के पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दसवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। कुंडली का दसवां भाव करियर, प्रसिद्धि और पहचान का कारक है। मीन राशि में बुध के उदय होने पर कार्यक्षेत्र में आपको अपने भाग्य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा। हालांकि, इस समय आपको अपने काम पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि आपके विरोधी इस दौरान आपको परेशान करने का प्रयास कर सकते हैं। आपकी छोटी-सी गलती भी आपकी मेहनत और प्रयासों को बर्बाद कर सकती है। आपका सारा ध्यान अपने काम पर रहने वाला है और इस समय आप काफी व्यस्त भी रहेंगे। इससे आपको अपने करियर में सफलता प्राप्त होगी। वहीं पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहेगा और परिवार के लोग आपके पक्ष में रहेंगे।
आपको अपने परिवार की ओर से कोई कार्य मिल सकता है जिसकी वजह से परिवार के सदस्यों के प्रति आपके प्रेम में वृद्धि होगी। इस दौरान आप अपनी मां की सेहत को लेकर चिंतित रह सकते हैं। आपको आलस से दूर रहने की सलाह दी जाती है एवं पर्याप्त ज्ञान के बिना किसी पर भी भरोसा न करें वरना आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। इस समय आप पैसों की बचत कर पाएंगे और आपके लिए आय के नए स्रोत खुलेंगे।
बुध आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब उनका उदय आपके नौवें भाव में होने जा रहा है। मीन राशि में बुध के उदित होने पर आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। इस समय आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी और समाज में आपकी प्रतिष्ठा में भी इज़ाफा होगा। इससे आपको कई तरह के लाभ मिलने के संकेत हैं। आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे एवं इससे आपकाे आर्थिक लाभ मिलेगा।
कार्यक्षेत्र में लोग आपसे प्रभावित होंगे। आपको अपने करीबियों से खूब प्यार मिलेगा और आपको अपने पिता से भी सहयोग प्राप्त होगा। आप प्रॉपर्टी भी खरीद सकते हैं। इस समय आपको कोई ऐसा साधन मिल सकता है जिससे आप खूब पैसा कमाएंगे। आप किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं। आपकी अध्यात्म और फिलॉसफी में भी रुचि बढ़ने की संभावना है।
कन्या राशि के स्वामी ग्रह बुध ही हैं एवं बुध ग्रह का इस राशि के पहले और दसवें भाव पर आधिपत्य है। बुध आपकी राशि के सातवें भाव में उदित होने जा रहे हैं और ऐसे में, आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी। आपके और जीवनसाथी के बीच नज़दीकियां बढ़ेंगी। आपको अपने पार्टनर से कोई अच्छी सलाह या परामर्श मिल सकता है। आप दोनों ही एक-दूसरे के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे, लेकिन बुध अपनी नीच राशि में हैं, इसलिए आपके जीवन में तनाव बढ़ सकता है।
प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिए आप रिश्ते में प्यार और स्नेह को बढ़ाने का प्रयास करें। आपको अपने करियर में भी प्रगति करने के अवसर मिलेंगे। व्यापार करने वाले जातकों को सरकार की ओर से कोई लाभ मिलने की उम्मीद है। व्यापारियों के लिए भी उन्नति के योग बन रहे हैं। हालांकि, आपको इस समय किसी नए प्रोजेक्ट को शुरू करने से बचना चाहिए। तेजी से निर्णय लेने से आपके सारे काम आसानी से पूरे होंगे।
मीन राशि में बुध के उदित होने से इन राशियों पर पड़ेगा अशुभ प्रभाव
मेष राशि
बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके बारहवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध के मीन राशि में उदित होने पर आपके खर्चों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। आपको अपनी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान देने की जरूरत हो सकती है क्योंकि इस समय आपकी सेहत बिगड़ सकती है और आपका इलाज पर काफी खर्चा होने के संकेत हैं। सेहत को लेकर आप चिंतित हो सकते हैं और आपका मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
कामकाज को लेकर आपको काफी भागदौड़ करनी पड़ेगी। आपके परिवार में से किसी सदस्य को शहर के बाहर जाना पड़ सकता है। विदेश में कार्य करने वाले जातकों को किसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपको अत्यधिक सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि आपके विरोधी आपके खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं। अगर आपको अपने कार्यक्षेत्र में कोई समस्या आ रही है और आप नौकरी बदलना चाहते हैं, तो कुछ समय के लिए काम से ब्रेक लें लेकिन नौकरी न छोड़ें। नौकरी छोड़ने से आपकी स्थिति खराब हो सकती है।
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध हैं और अब वह आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने पर आपकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इस समय आपको त्वचा में जलन, एलर्जी या आंखों से जुड़ी समस्या हो सकती है इसलिए सावधान रहें। विवाहित जातकों को अपने ससुराल वालों के साथ अच्छे संबंध बनाने का मौका मिलेगा। आपके संबंधों में मिठास बढ़ेगी लेकिन फिर भी थोड़ी-बहुत तकरार की स्थिति बनी हुई है।
आपके रिश्तों में ज्यादा खटास न आए, इससे बचने के लिए आप समस्या के समाधान पर ध्यान दें और सतर्क रहें। आप सोच-समझकर पैसों का निवेश करें वरना आपको धन हानि हो सकती है। इस समय आपको स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने से भी बचना चाहिए क्योंकि आपको इस समयावधि में पैसों का नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा आपको अपने सहकर्मियों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है और किसी पर भी तुरंत भरोसा न करें वरना वह आपका फायदा उठा सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध को व्यापार का कारक माना गया है और अब बुध अपनी नीच राशि में उदय हो रहे हैं जिससे निश्चित ही विश्व स्तर पर व्यवसाय प्रभावित होगा।
कई बड़ी कंपनियों और मल्टीनेशनल कंपनियों को मैनेजमेंट करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कई स्टार्टअप कंपनियों को मार्केट में टिके रहने और मुनाफा कमाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। बिज़नेस अच्छा न चलने की वजह से कई स्टार्टअप कंपनियां बंद भी हो सकती हैं।
परिवहन, नेटवर्किंग और आईटी सेक्टर में भी मंदी देखने को मिल सकती है।
बुध के नीच राशि में आने से मंदी आने की संभावना है जिससे दुनियाभर की सॉफ्टवेयर कंपनियों को नुकसान होने की आशंका है।
स्टॉक और शेयर मार्केट
स्टॉक मार्केट और सट्टे बाज़ार में एक बार फिर से अचानक मंदी देखने को मिल सकती है।
प्रमुख राजनेता और ऊंचे पदों पर बैठे लोग गैर-जिम्मेदाराना बयान देने की वजह से मुश्किल में फंस सकते हैं। इन्हें सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
लोगों का आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में रुझान बढ़ेगा।
केमिकल उद्योग, पब्लिक सेक्टर, फार्मास्यूटिकल, पॉवर और सीमेंट उद्योग अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
सूर्य और मंगल के अच्छी स्थिति में होने के कारण इलेक्ट्रिक से बने प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी उद्योग, सीमेंट उद्योग, डायमंड इंडस्ट्री, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का काम बेहतर होगा।
बुध के अपनी नीच राशि में होने की वजह से कुछ उद्योगों में मंदी आने का खतरा है।
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शनि का कुंभ राशि में उदय: जानें देश-दुनिया व विश्व पर प्रभाव
शनि का कुंभ राशि में उदय: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों को ग्रहों की चाल एवं स्थिति में होने वाले परिवर्तनों की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करता है। अब हम आपको न्याय के देवता शनि की चाल में होने वाले बद्लाव के बारे में बताएंगे। इस ब्लॉग में हम आपको शनि का कुंभ राशि में उदय से जुड़ी समस्त जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही जानेंगे, शनि के उदय होने से देश-दुनिया पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। आपको बता दें कि शनि महाराज 18 मार्च 2024 को कुंभ राशि में उदित हो जाएंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि शनि की इस अवस्था का संसार पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
शनि महाराज को कड़ी मेहनत, कर्म और न्याय के देवता कहा जाता हैं। नवग्रहों में शनि एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने जीवनकाल में किये गए कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और उन्हीं कर्मों के अनुसार व्यक्ति को अच्छे या बुरे परिणाम प्रदान करते हैं। शनि देव को मुख्य रूप से मेहनत, अनुशासन और जिम्मेदारी आदि के लिए जाना जाता है। यह मनुष्य को अपने जीवन में बाधाओं का सामना करने, परेशानियों को झेलने और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। शनि देव के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में मिलने वाले सबक और परिपक्वता की प्राप्ति होते हैं।
शनि ग्रह के पास कुल 62 उपग्रह हैं, ठीक इसी तरह पृथ्वी के पास चंद्रमा है। हर साल लगभग 135 दिनों तक शनि वक्री गति में रहते हैं और इन्हें अपना एक राशि चक्र पूरा करने में 30 वर्षों का समय लगता है क्योंकि यह एक राशि में तक़रीबन 2.5 वर्ष तक रहते हैं। शनि ग्रह मनुष्य के पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर उसके जीवन में समस्याएं और परेशानियां पैदा करते हैं जिसकी सहायता से हम अपनी गलतियों को पहचान पाते हैं और उन्हें समझते हुए उसकी जिम्मेदारी लेते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में शनि की स्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति को अपने जीवन के किस क्षेत्र में चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। साथ ही, कुंडली में इनकी मज़बूत स्थिति संकेत करती हैं कि कोई व्यक्ति जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने में सक्षम होगा या फिर इन परेशानियों के सामने हार मान जाएगा।
सूर्य की कुंभ राशि में उपस्थिति की वजह से शनि लंबे समय तक अस्त रहने के बाद अब 18 मार्च 2024 की सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर कुंभ राशि में उदित हो जाएंगे। हालांकि, शनि के उदित होने को सकारात्मक कहा जाएगा जो कि लोगों को राहत देने का काम करेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शनि की यह चाल दुनिया को कैसे प्रभावित करेगी।
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कुंभ राशि में शनि का प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में कुंभ राशि में शनि मौजूद होते हैं, वह ज्यादातर स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं और इन्हें आज़ाद रहना पसंद होता है। कभी-कभार यह लोग दूसरों से दूरियां भी बना लेते हैं। हालांकि, इन लोगों का दृष्टिकोण दूसरों के प्रति खुशमिज़ाज होता हैं, परन्तु इन लोगों में अहंकार भी देखने को मिलता है।
ऐसे लोग अक्सर स्वार्थी और आत्म-केंद्रित होते हैं, लेकिन यह अपने मन में हमेशा इंसानियत के भाव को बनाए रखते हैं। कुंडली में कुंभ राशि में शनि की उपस्थिति से मनुष्य का व्यक्तित्व संतुलित और मज़बूत होता है। हालांकि, इन जातकों के विचार सबसे अलग होते हैं और इस बात पर उन्हें अपने आप पर गर्व भी होता है। ऐसे जातक कड़ी मेहनत करते हुए नए-नए अविष्कार करने में सक्षम होते हैं।लेकिन, यह लोग कभी-कभी अपने आइडियाज को एक तरफ रख देते हैं ताकि यह दूसरों की सलाह या राह भी ले सकें।
कुंभ राशि में शनि की स्थिति वाले जातक लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते में विश्वास रखते हैं इसलिए यह हमेशा अपने दोस्तों, सहकर्मियों और करीबियों के प्रति वफादार रहते हैं। ऐसे जातक सामान्यतौर पर उन लोगों के साथ ही दोस्ती करते हैं जिनकी रुचियां इनसे मिलती हैं। यह जातक व्यापार के क्षेत्र में समान उद्देश्य होने पर एक साथ आ सकते हैं या फिर बिज़नेस को लेकर इनके विचारों मिल सकते हैं। यह लोग अक्सर भविष्य के बारे में सोच-विचार करते हुए नज़र आ सकते हैं।
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शनि का कुंभ राशि में उदय: विश्व पर प्रभाव
सरकार एवं न्यायपालिका
शनि का कुंभ राशि में उदय देश की न्याय व्यवस्था को मज़बूत बनाने का काम करेगा क्योंकि शनि देव को न्याय के देवता माना गया है। ऐसे में, निश्चित रूप से शनि के उदय होने का सकारात्मक असर देश की न्याय व्यवस्था पर दिखाई देगा।
भारत सरकार तेल की बेकाबू होती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नीतियां लेकर आ सकती हैं, लेकिन फिर भी कीमतों में वृद्धि बनी रह सकती है।
सरकार समेत देश के लोग बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं और ऐसे में, कोई सख्त कदम उठाने की भी संभावना हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार कठोर नीतियां लागू कर सकती हैं।
विश्व के कुछ देशों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं या फिर शांति बनाए रखने या गलत जानकारी फैलाने की वजह से सोशल मीडिया के उपयोग को विभिन्न देशों में सीमित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की आशंका हैं।
वित्त एवं व्यापार
भारत व्यापार के लिए दक्षिण-पूर्वी देशों को आमंत्रित कर सकता है।
पश्चिमी देशों के सहयोग से देश में व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और इसके परिणामस्वरूप, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते भी मजबूत होंगे।
लेदर, स्टील, लोहा, पेट्रोलियम और खनन उद्योग आदि क्षेत्रों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
शनि के उदय होने की अवधि में ऑटोमोबाइल और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में तेज़ी आएगी।
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शनि का कुंभ राशि में उदय: शेयर बाज़ार भविष्यवाणी
केमिकल, पेट्रोलियम इंडस्ट्री, पब्लिक सेक्टर, फार्मास्युटिकल, पावर और सीमेंट इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में इनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
शनि का कुंभ राशि राशि में उदय इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स से जुड़ी इंडस्ट्री, इलेक्ट्रिकल, बिजली, चाय और कॉफी, सीमेंट, हीरा, केमिकल, हैवी इंजीनियरिंग आदि उद्योगों के लिए समय अच्छा कहा जाएगा।
इस दौरान एड-टेक फर्म और शैक्षणिक संस्थानों का प्रदर्शन भी उत्तम रहेगा।
शनि के उदय होने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेज़ रफ़्तार के साथ आगे बढ़ेगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
पैसा कमाने में माहिर होते हैं इस मूलांक वाले लोग, बिज़नेस-करियर में मिलती है अपार सफलता
राशिफल की मदद से आप अपने भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा अंकशास्त्र से भी भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अंकशास्त्र में 1 से 9 तक मूलांक होते हैं जिन्हें आपकी जन्मतिथि की सहायता से जाना जा सकता है जैसे कि अगर आपका जन्म महीने की 26 तारीख को हुआ है, तो 2 और 6 का जोड़ करने पर 8 अंक आता है और यही आपका मूलांक है एवं आपके स्वामी ग्रह शनि देव हैं।
आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको मूलांक 5 वाले जातकों की विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। 5 मूलांक के स्वामी ग्रह बुद्धि के देवता बुध ग्रह हैं। जिन लोगों का जन्म महीने की 5, 14 या 23 तारीख को होता है, उनका मूलांक 5 होता है। आगे जानिए कि 5 मूलांक वाले जातक कैसे होते हैं और इन लोगों के स्वभाव में क्या खास बातें होती हैं।
अंकशास्त्र के मुताबिक 5 अंक के स्वामी ग्रह बुध हैं। 5 अंक शुभ माना जाता है और यह जीवन में सौभाग्य लेकर आता है। इस मूलांक वाले जातक योजना बनाने में माहिर होते हैं और इनकी सोचने की क्षमता भी बहुत मज़बूत होती है। ये निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही ये जातक बुद्धिमान और साहसी होते हैं। इन लोगों को यात्रा करना या घूमना-फिरना बहुत अच्छा लगता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शर्मीले होते हैं
5 मूलांक वाले जातक बहुत शर्मीले स्वभाव के होते हैं और ये अपने मन की बात आसानी से व्यक्त नहीं कर पाते हैं। हालांकि, ये लोग व्यापार करने में निपुण होते हैं। इन लोगों को कला से बहुत प्रेम होता है और ये कला के क्षेत्र की जानकारी भी रखते हैं।
इस मूलांक के लोग स्वभाव से बहुत व्यवहारिक होते हैं। बुध का मूलांक होने की वजह से ये बहुत बुद्धिमान होते हैं और इनमें दूरदर्शिता का गुण भी होता है। ये पैसों की बचत करने को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं और खर्चों से पहले पैसे बचाने पर ध्यान देते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहती है।
मूलांक 5 वाले जातकों के बारे में ये कहा जा सकता है कि ये व्यापार करने में बहुत निपुण होते हैं। इन्हें व्यवसाय के क्षेत्र की अच्छी समझ होती है और ये अपनी बुद्धिमानी से बहुत कम समय में अच्छा पैसा कमा लेते हैं। इनका धन कमाने पर सबसे ज्यादा ध्यान रहता है। हालांकि, काम के मामले में ये थोड़े लापरवाह होते हैं।
इस मूलांक का शुभ रंग हरा, हल्का भूरा और सफेद होता है। इन्हें अपने कपड़ों, चादर और तकिये में इन रंगों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
5 अंक वालों का करियर कैसा रहता है
इस मूलांक के लोग लेखक बन सकते हैं या किसी प्रोडक्शन कंपनी में काम कर सकते हैं। ये ट्रैवल एजेंसी या मार्केटिंग के क्षेत्र में भी अपनी किस्मत आज़मा सकते हैं। इनमें अपना खुद का व्यापार शुरू करने की काबिलियत होती है। इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में काम और नौकरी के कई बेहतरीन अवसर मिलते हैं। इन्हें अपने कौशल के हिसाब से करियर चुनने की सलाह दी जाती है।
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चंद्र और केतु की युति से बनेगा बालारिष्ट दोष, इन राशियों को रहना होगा सावधान!
बालारिष्ट दोष: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों को ज्योतिष के क्षेत्र में होने वाले बदलावों और कुंडली में बनने वाले शुभ-अशुभ दोषों से अवगत करवाता रहा है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बालारिष्ट दोष के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि जब 24 मार्च 2024 की दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर चंद्रमा और केतु एक साथ उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में कन्या राशि में स्थित होंगे और ऐसे में, इन दोनों ग्रहों की युति से बालारिष्ट दोष का निर्माण होगा। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मार्च में बनने वाले इस दोष के बारे में और यह आपके बच्चे को कैसे प्रभावित करेगा और आप कैसे संतान की इस अशुभ दोष से रक्षा कर सकते हैं।
जब एक परिवार में नवजात शिशु का जन्म होता है वह ख़ुशियां लेकर आता है। लेकिन, संतान का जन्म कभी-कभी ग्रहों की ऐसी स्थिति के तहत होता है जो शिशु के बचपन या शिशु के जीवन के लिए खतरनाक होता है और इसे ही बालारिष्ट या बाल ग्रह दोष कहा जाता है।
बालारिष्ट दोष का अर्थ “बचपन या जन्म के साथ पैदा होने वाली समस्याएं” है। कुंडली में बन रहा बालारिष्ट दोष शिशु की लंबी आयु और उसके स्वास्थ्य के लिए ख़तरा बन जाता है। जिस बच्चे की कुंडली में बालारिष्ट दोष होता है, तो वह जीवन में बार-बार बिमारियों से पीड़ित होता है और इन रोगों के इलाज में मेडिकल भी असफल रहता हैं। हालांकि, अगर डॉक्टर की सहायता लेने के साथ-साथ ज्योतिषीय उपाय भी किये जाते हैं, तो संतान समेत माता-पिता को थोड़ी राहत प्राप्त होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
बालारिष्ट दोष का महत्व
शिशु की कुंडली में बालारिष्ट दोष होता है, तो यह उसके जीवन के शुरुआती 12 वर्षों को प्रभावित करता है। हालांकि, बालारिष्ट दोष के तीन चरण होते हैं:
पहला चरण: बच्चे के जन्म से लेकर 4 वर्ष तक पहला चरण रहता है। अगर कोई शिशु इस दौरान बालारिष्ट दोष से परेशान रहता है, तो यह उसके माता के पूर्व जन्म के बुरे कर्मों की वजह से होता है।
दूसरा चरण: बालारिष्ट दोष के दूसरे चरण की शुरुआत पांचवें वर्ष से होती है जो 9 वर्ष की आयु तक चलता है। इस अवधि में संतान को जो शारीरिक समस्याएं होती हैं, वह पूर्व जन्म में पिता के बुरे कर्मों का परिणाम होती है।
तीसरा चरण: बालारिष्ट दोष का तीसरा और अंतिम चरण 9 वर्ष की आयु से लेकर 12 वर्ष की आयु तक चलता है। इस दौरान बच्चा जिन स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होता है, वह शिशु द्वारा पूर्वजन्म में किये गए पाप के कारण होता है।
बालारिष्ट दोष एक अशुभ दोष है जो बच्चे को स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से अपंग बना सकता है या फिर ज्यादा गंभीर होने पर बचपन में शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन, कुछ विशेष स्थितियों में बालारिष्ट दोष बच्चे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। अब हम उनके बारे में बात करेंगे।
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ग्रहों की स्थिति से होगा बालारिष्ट दोष का निर्माण
कुंडली में अनेक ग्रहों की स्थिति बालारिष्ट दोष को जन्म देती है और इसे नीचे दी गई ग्रहों की स्थिति के आधार पर पहचाना जा सकता है।
अगर कुंडली में लग्न भाव के स्वामी की स्थिति कमज़ोर हो या अशुभ ग्रहों की इन पर दृष्टि हो।
कुंडली में 5, 8, 9 और 12वें भाव में अशुभ ग्रह बैठे हो और किसी शुभ ग्रह की इन पर दृष्टि न हो।
जब चंद्रमा छठे या आठवें भाव में किसी शुभ ग्रह की दृष्टि के बिना उपस्थित हो।
आठवें भाव में बैठे चंद्रमा पर शनि की दृष्टि हो या वह राहु-केतु के साथ युति में हो।
केंद्र भाव में तीन अशुभ ग्रह मौजूद हों।
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ग्रहों की विशेष स्थिति से कम होता है बालारिष्ट दोष का प्रभाव
कभी-कभी कुंडली में बालारिष्ट दोष होने पर वह शिशु को या उसके जीवन को हानि नहीं पहुंचा पाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुंडली में बनने वाली अन्य ग्रहों की शुभ स्थिति बालारिष्ट दोष के प्रभाव को नकार देती है।
लग्न भाव में उच्च के बृहस्पति या अपनी राशि में स्थित बृहस्पति या मित्र राशि में बैठे गुरु इस दोष को समाप्त कर देते हैं।
अगर गुरु केंद्र भाव में से किसी एक भाव (चौथे, सातवें, दसवें भाव) में बैठे हों, परन्तु अच्छी डिग्री पर स्थित होते हैं और शुभ एवं मित्र ग्रहों की इन पर दृष्टि हो, तो यह दोष हानि नहीं पहुंचा पाता है।
शुक्र या बुध जैसे शुभ ग्रह (पापी ग्रहों की इन पर दृष्टि न हो और न ही उनके साथ बैठे हो) कुंडली में मज़बूत होने पर बालारिष्ट दोष के प्रभाव को कम कर देते हैं।
हालांकि, बालारिष्ट दोष को कुंडली से हटाने का कोई विशेष उपाय नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ उपायों को करने से इस दोष के प्रभाव कम किये जा सकते हैं।
बालारिष्ट दोष के निवारण के लिए करें ये उपाय
हर रोज़ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से बालारिष्ट दोष के प्रभावों में कमी आती है। अगर यह दोष केतु की वजह से बन रहा है, तो यह उपाय फलदायी साबित होता है।
बालारिष्ट दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए देवी दुर्गा की पूजा करें।
ग्रह शांति निवारण पूजा के माध्यम से भी आप बालारिष्ट दोष को शांत कर सकते हैं।
चंद्रमा और केतु की युति कन्या राशि में और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगी। यह युति आपके पहले भाव में बनेगी जिससे बालारिष्ट दोष का निर्माण होगा। इस अवधि में जिन बच्चों का जन्म होगा या जिन बच्चों की कुंडली में पहले से ही बालारिष्ट दोष है, उन्हें इस समय शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे बच्चों के माता-पिता को अपनी संतान के प्रति बेहद सावधान रहना होगा।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों की कुंडली के सातवें भाव में केतु और चंद्रमा युति करेंगे। इन दोनों ग्रहों की दृष्टि आपके पहले भाव में होगी यानी कि इस राशि के बच्चों को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करेंगी जिससे आपका दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, यह अनेक रोगों से जूझते हुए दिखाई दे सकते हैं और इन बीमारियों की गंभीरता कुंडली में चंद्र की स्थिति पर निर्भर करती है। हालांकि, मीन राशि के बच्चों के माता-पिता को इस अवधि में सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
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गुरु की राशि में आएंगे शुक्र, इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम
ज्योतिषशास्त्र में शुक्र को प्रेम और भौतिक सुखों का कारक माना गया है। एक व्यक्ति अपने जीवन में कितना संपन्न रहेगा और उसे कितने प्रकार की सुख-सुविधाओं का आनंद उठाने का मौका मिलेगा, यह सब कुंडली में शुक्र की स्थिति पर ही निर्भर करता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र के गोचर को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। प्रेम के प्रतीक इस ग्रह के गोचर करने पर सभी राशियां प्रभावित होती हैं और अब मार्च के महीने में शुक्र का एक महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है।
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आगे यही बताया गया है कि मार्च में शुक्र के गोचर करने पर किन राशियों को अपने भाग्य का साथ मिलेगा लेकिन उससे पहले ज्योतिषशास्त्र में शुक्र के महत्व और मार्च में होने वाले शुक्र के गोचर की तिथि एवं समय के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
शुक्र, वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं और कन्या इनकी नीच और मीन उच्च की राशि है। शुुक्र के उच्च स्थान में होने पर जातक को सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा शुक्र उन ग्रहों में से एक हैं जो शीघ्रता से चलते हैं। यह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में 23 दिनों का समय लेते हैं। शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में ही गोचर करने जा रहे हैं और शुक्र के उच्च अवस्था में आने से कुछ राशियों के लोगों की किस्मत खुलने के संकेत हैं। आगे जानिए कि मार्च में किस तिथि एवं समय पर शुक्र का यह गोचर होने जा रहा है।
शुक्र के मीन राशि में गोचर की तिथि एवं समय
31 मार्च, 2024 को रविवार की शाम को 04 बजकर 31 मिनट पर शुक्र, बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शुक्र कुंभ राशि से निकल कर मीन में गोचर करेंगे। मीन को शुक्र की उच्च राशि माना जाता है और शुक्र इस राशि में 24 अप्रैल, 2024 की रात्रि 11 बजकर 44 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद वे मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र के अपनी उच्च राशि में प्रवेश करने से कुछ राशियों के लोगों को अत्यधिक लाभ होने की संभावना है।
तो चलिए अब जानते हैं कि शुक्र के मीन राशि में गोचर करने पर किन राशियों के जातकों के सपने पूरे होने वाले हैं।
मेष राशि
मेष राशि के दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं शुक्र और अब उनका इस राशि के बारहवें भाव में गोचर होने जा रहा है। इस समय आपके खर्चे तो बढ़ेंगे लेकिन इन्हें संभालने के लिए आपके पास पर्याप्त धन होगा। आप अपनी सुख-सुविधाओं पर भी खर्च करने वाले हैं। आपके लिए विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। आप भौतिक सुखों का भरपूर आनंद लेंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने शत्रुओं और विरोधियों को परास्त कर पाएंगे। करियर में भी आपको अपार सफलता मिलने की संभावना है। इसके अलावा व्यापारी भी इस समय खूब मुनाफा कमाएंगे।
शुक्र, वृषभ राशि के स्वामी ग्रह हैं और इसके साथ ही वह आपके छठे भाव के स्वामी भी हैं और अपने इस गोचर के दौरान शुक्र आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र के गोचर से आपकी आय में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलेगी। आप अपने खर्चों को बेहतर ढंग से संभाल पाएंगे। आय बढ़ने से आप अपने सपनों को पूरा करेंगे और जो भी आपने योजनाएं बनाकर रखी थीं, उन्हें पूरा करेंगे। इस समय आपके अटके हुए काम भी पूरे होंगे। यदि पैसों की कमी की वजह से आपका कोई काम रुका हुआ था, तो अब वह कार्य भी पूर्ण हो सकता है। शुक्र के शुभ प्रभाव के कारण आप अपने लिए कोई नया वाहन भी खरीद सकते हैं। आपके वैवाहिक एवं प्रेम जीवन के लिए भी बहुत अनुकूल समय है। आपके और आपके पार्टनर के बीच प्यार और रोमांस बढ़ेगा। आप दोनों अपने प्रेम संबंध को शादी के रिश्ते में बदलने के बारे में भी सोच सकते हैं। इसके अलावा संतान की ओर से भी वृषभ राशि के लोगों को कोई शुभ समाचार मिल सकता है। छात्रों को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। वहीं नौकरीपेशा जातकों के वेतन में वृद्धि होने के संकेत हैं। व्यापारियों के लिए भी उन्नति के योग बन रहे हैं।
धनु राशि के लिए शुक्र उनके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के मीन राशि में आने से धनु राशि के जातकों को अपार सुख मिलेगा। आपके घर-परिवार में सुख और खुशियों का माहौल रहेगा। परिवार में कोई खुशखबरी भी मिल सकती है। इससे हर किसी के चेहरे पर प्रसन्नता दिखाई देगी। पारिवारिक संबंधों में आपसी तालमेल बेहतर होगा। आप अपने लिए प्रॉपर्टी या वाहन भी खरीद सकते हैं। घर पर कोई शुभ कार्यक्रम भी आयोजित हो सकता है। आप कोई सुख-सुविधा का सामान खरीद सकते हैं। करियर के लिए भी शुक्र का यह गोचर बहुत अनुकूल साबित होने वाला है। नौकरीपेशा जातक शानदार प्रदर्शन करेंगे। वहीं व्यापारियों को भी इस समय उच्च मुनाफा होने की संभावना है।
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वृश्चिक राशि
शुक्र ग्रह वृश्चिक राशि के सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब शुक्रआपकी राशि से पांचवें भाव में प्रवेश कर रहे हैं। शुक्र के इस गोचर से आपका प्रेम संबंध मज़बूत होगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ रोमांटिक पल बिताएंगे। आप दोनों को ही ऐसा लगेगा, जैसे आप एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते हैं। वहीं सिंगल लोगों की किसी खास व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों को नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे। आपके वेतन में भी वृद्धि होने के योग हैं। विवाह के योग्य जातकों का रिश्ता पक्का हो सकता है। वहीं विवाहित लोगों के लिए संतान सुख के योग बन रहे हैं। छात्रों को विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। इसके साथ ही आपकी आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होगी। वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ेगा। पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहने वाला है।
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कब मनाया जाएगा फुलेरा दूज का त्योहार? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि!
फुलेरा दूज 2024: भारतवर्ष में अनेक पर्वों एवं त्योहारों को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और प्रत्येक पर्व का अपना एक अलग महत्व होता है। इसी प्रकार, फुलेरा दूज को भी सनातन धर्म में प्रमुख माना जाता है और इस दिन से सभी लोग होली की तैयारियों में जुट जाते हैं। यह त्यौहार भगवान कृष्ण और माता पार्वती को समर्पित होता है। साथ ही, भक्तों द्वारा इस पर्व को बहुत जोश एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग आपको फुलेरा दूज 2024 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि कि तिथि, मुहूर्त व शुभ योग आदि। इसके अलावा, क्यों मनाया है यह त्योहार और क्या है इसका महत्व आदि से भी आपको रूबरू करवाएंगे। तो चलिए, बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस लेख की।
आपको बता दें कि भारत के कुछ हिस्सों में फुलेरा दूज को बेहद हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस पर्व की रौनक मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा, ब्रज और वृंदावन आदि स्थानों पर देखने को मिलती है। हालांकि, बसंत पंचमी और होली के बीच फुलेरा दूज का त्योहार आता है जो कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाने का विधान है। इस दिन श्री राधा और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। अब आपको अवगत करवाते हैं फुलेरा दूज की तिथि एवं मुहूर्त से।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आती है। सामान्यतौर पर, यह पर्व वसंत पंचमी से होली के बीच में पड़ता है। हिंदू वर्ष के दौरान फुलेरा दूज साल के अंतिम माह फाल्गुन में मनाई जाती है। सामान्यतौर पर, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह दिन मार्च या फरवरी के महीने में आता है। वर्ष 2024 में फुलेरा दूज 11 मार्च 2024, रविवार के दिन मनाई जाएगी।
फुलेरा दूज की तिथि: 11 मार्च 2024, रविवार
द्वितीया तिथि का आरंभ: 11 मार्च 2024 की सुबह 10 बजकर 47 मिनट से
द्वितीया तिथि की समाप्ति: 12 मार्च 2024 की सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक
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शुभ योग में मनाई जाएगी फुलेरा दूज
जब किसी पर्व या त्योहार पर कोई शुभ योग बनता है तो उस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इसी क्रम में, फुलेरा दूज पर भी 27 योगों में से एक शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शुभ योग 11 मार्च 2024 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। आपको बता दें कि यह योग जातक को अच्छा लाभ और अपार सफलता प्रदान करता है।
फुलेरा दूज का महत्व
फाल्गुन शुक्ल की द्वितीया को मनाये जाने वाली फुलेरा दूज को होली आगमन का प्रतीक माना जाता है क्योंकि इस दिन से होली की तैयारियों का आरंभ हो जाता है। वहीं, कुछ लोग फुलेरा दूज को होली रखने वाले दिन के रूप में जानते हैं। यह पर्व राधा-कृष्ण के भक्तों के लिए बेहद ख़ास होता है क्योंकि इस दिन से श्रीकृष्ण के मंदिरों में होली का रंग चढ़ने लगता है। इस त्योहार के अवसर पर फूलों से रंगोली बनाई जाती है। साथ ही, श्रीकृष्ण और राधा जी का फूलों से श्रृंगार करके उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। ब्रजभूमि एवं मथुरा के कृष्ण मंदिरों के लिए फुलेरा दूज को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन यहां फूलों से होली खेली जाती है और भजन-कीर्तन आदि किये जाते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज का दिन फाल्गुन माह का सबसे शुभ दिन होता है और यह तिथि हर तरह के मांगलिक कार्यों को करने के लिए शुभ होती है। फुलेरा दूज पर अबूझ मुहूर्त होने की वजह से विवाह भी संपन्न किये जा सकते हैं। यह पर्व प्रेमियों के जीवन में प्रेम लेकर आता है
जबकि विवाह की दृष्टि से भी फुलेरा दूज बहुत महत्व रखता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है।ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त कृष्ण जी को माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं, उनसे प्रभु जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही, वह भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
फुलेरा दूज पर करें विवाह
फुलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए यह तिथि शादी-विवाह के लिए श्रेष्ठ होती है। यही वजह है कि इस दिन बड़ी संख्या में शादी-विवाह संपन्न किए जाते हैं। बता दें कि होली से लगभग पंद्रह दिन पूर्व ही विवाह के मुहूर्त समाप्त हो जाते हैं और पूरे माह में फुलेरा दूज एक ऐसा दिन होता है जब इस दिन का हर पल, हर क्षण बहुत ही शुभ होता है इसलिए इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य किया जा सकते हैं। इसके अलावा, यह तिथि विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना आदि कार्य करने के लिए भी सर्वश्रेठ हैं। फुलेरा दूज के अवसर पर नए व्यापार की शुरुआत करने से बिज़नेस में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जो भक्त भगवान श्री कृष्ण की कृपा एवं आशीर्वाद पाने के इच्छुक हैं, वह इस दिन कुछ ख़ास उपायों को कर सकते हैं। इसमें से सबसे प्रभावी है फुलेरा दूज के दिन मंदिर में बांसुरी का दान करना क्योंकि ऐसा करने से बांसुरी आपके वैवाहिक जीवन में मिठास और प्रेम घोलने का काम करती है और सभी परेशानियां दूर होती हैं।
अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको बताते हैं फुलेरा दूज की सही पूजा विधि के बारे में।
फुलेरा दूज 2024: पूजन विधि
फुलेरा दूज पर भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है।
इस दिन लड्डू गोपाल का स्नान गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल से करना चाहिए।
इसके पश्चात, श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को पीतांबर अर्थात पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। साथ ही, प्रसाद के रूप में माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
फुलेरा दूज के अवसर पर श्रीकृष्ण और राधा जी की मूर्ति के साथ आप फूलों से होली खेलें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको राधा रानी और कृष्ण जी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण के मंत्र का करें जाप
फुलेरा दूज पर श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप कर सकते हैं।
अगर आप अपने जीवन से समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, तो फुलेरा दूज 2024 पर जरूर करें इन सरल एवं अचूक उपायों को।
प्रेम जीवन के लिए: जिन जातकों के प्रेम जीवन में समस्याएं एवं परेशानियां चल रही हैं, तो आपकोफुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण और राधा जी को पीले रंग के वस्त्र और फूल अर्पित करने चाहिए। साथ ही, माखन-मिश्री का प्रसाद रूप में भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके प्रेम जीवन से समस्याएं दूर हो जाएंगी।
सुखी व खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए: यदि आपके वैवाहिक जीवन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है और अक्सर आप दोनों के बीच बहस या विवाद होता रहता है, तो आप दोनों को फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और माखन-मिश्री का भोग अवश्य लगाएं। इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है।
मनचाहा व्यक्ति के साथ विवाह के लिए: जो लोग किसी से प्रेम करते हैं या फिर किसी को पसंद करते हैं और उसके साथ विवाह करना चाहते हैं, वह फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा करने के बाद एक साफ कागज पर केसर से अपने साथी का नाम लिखें और इसे राधा-रानी के चरणों में रख दें। इससे जल्द ही विवाह में सफलता प्राप्त होने के योग बनेंगे।
रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए: यदि किसी वजह से आपका रिश्ता टूट गया है या फिर टूटने वाला है, तो आपको इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें श्रद्धापूर्वक पीले रंग के फूल और वस्त्र अर्पित करने चाहिए।
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साप्ताहिक राशिफल (11 मार्च से 17 मार्च): होली से पहले इन राशियों के जीवन में भरने वाला है किस्मत का रंग!
मार्च का दूसरा सप्ताह शुरू होने वाला है ऐसे में अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं कि यह सप्ताह आपके लिए विभिन्न मोर्चों पर कैसा रहने वाला है तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इसी बारे में जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे।
ऐस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे 11 से 17 मार्च का यह महीना सभी 12 राशियों के लिए कितना खास रहेगा। साथ ही जानेंगे इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत, त्यौहार, ग्रहण, गोचर की जानकारी। इस सप्ताह कौन-कौन से बैंक अवकाश पड़ने वाले हैं और इस सप्ताह के शुभ विवाह मुहूर्त क्या हैं इन सभी बातों की जानकारी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
तो बिना देरी किए चलिए पढ़ते हैं यह खास ब्लॉग और जानते हैं इस सप्ताह से जुड़ी हर छोटी बड़ी और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी।
सबसे पहले बात करें महीने के सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की तो मार्च का दूसरा सप्ताह शुरू होगा शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के तहत फाल्गुन मास में और इस सप्ताह का समापन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मृगक्षरा नक्षत्र के तहत फाल्गुन मास में ही हो जाएगा।
इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी
अब बात करें इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी के बारे में तो, हमारा यह खास सेगमेंट इस बात को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है कि कई बार अपनी व्यस्त जिंदगी की भाग दौड़ में हम व्रत और त्योहारों को भूल जाते हैं। ऐसे में आपके साथ भी यह ना हो इसी के चलते हम आपको यहां पर इस सप्ताह के व्रत त्योहार की सूची प्रदान कर रहे हैं।
11 मार्च चंद्र दर्शन है
12 मार्च को फुलेरा दूज है। साथ ही इस दिन रामकृष्ण जयंती भी है।
13 मार्च को विनायक चतुर्थी
14 मार्च मासिक कार्तिकगाई, मीन संक्रांति
15 मार्च स्कंद षष्ठी
16 मार्च रोहिणी व्रत
17 मार्च मासिक दुर्गा अष्टमी है।
हम उम्मीद करते हैं यह व्रत और त्योहार आपके जीवन को और भी खास और यादगार बनाएँ।
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इस सप्ताह में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष में ग्रहों की चाल, उनकी स्थिति, उनका कोई भी परिवर्तन विशेष महत्व रखता है क्योंकि ग्रहों का गोचर और परिवर्तन व्यक्ति के जीवन को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित अवश्य करता है। ऐसे में यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि कब कौन सा ग्रह गोचर करने वाला है।
बात करें मार्च के इस सप्ताह की तो इस सप्ताह में तीन महत्वपूर्ण ग्रहों का परिवर्तन होने वाला है। सूर्य मंगल और बुध
पहला गोचर होगा 14 मार्च को जब सूर्य मीन राशि में गोचर कर जाएंगे
दूसरा गोचर होगा 15 मार्च को जब मंगल कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे और
तीसरा परिवर्तन 15 मार्च को ही होने वाला है जब मीन राशि में बुध उदय हो जाएंगे। निश्चित तौर पर ग्रहों का यह परिवर्तन व्यक्ति के जीवन को प्रभावित अवश्य करेगा।
वहीं बात करें ग्रहण की तो इस सप्ताह कोई भी ग्रहण नहीं लगने वाला है।
11-17 मार्च 2024: विवाह मुहूर्त 2024
ज्योतिष के अनुसार हिंदू धर्म के विवाह शुक्र के उदय के दौरान करना ही बेहद शुभ होता है। इसके अलावा वैदिक ज्योतिष के अनुसार साल में पांच ऐसे भी मुहूर्त आते हैं जिन्हें सिद्ध मुहूर्त कहा जाता है जिनमें किसी मुहूर्त को देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और इस दिन किसी भी तरह का शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है यह पांच मुहूर्त होते हैं फुलेरा दूज, बसंत पंचमी, विजयदशमी, अक्षय तृतीया और देवउठनी एकादशी। अब बात करें इस सप्ताह के शुभ विवाह मुहूर्तों की तो,
10 मार्च रविवार इस दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा और प्रतिपदा तिथि रहेगी
11 मार्च 2024 सोमवार इस दिन नक्षत्र रेवती नक्षत्र रहेगा और प्रतिपदा और द्वितीय तिथि रहेगी और
तीसरा होगा 12 मार्च का दिन यह फुलेरा दूज का दिन है। इस दिन रेवती नक्षत्र रहेगा और तृतीया तिथि रहेगी।
ऐसे में मार्च के महीने में इन तीन तिथियां पर विवाह का विशेष महत्व माना जा रहा है।
नोट: भारत में सार्वजनिक छुट्टियाँ हैं जो राष्ट्रीय छुट्टियाँ हैं, और भारत के सभी राज्यों पर लागू होती हैं, साथ ही क्षेत्रीय छुट्टियाँ भी हैं जो केवल विशिष्ट राज्यों पर लागू होती हैं। मार्च 2024 में सार्वजनिक छुट्टियों की सूची निम्नलिखित है:
12 मार्च मंगलवार रमजान प्रारंभ।
इस सप्ताह जन्मे कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी
अपने इस खास और आखिरी सेगमेंट में हम जानेंगे मार्च के सप्ताह में जन्म लेने वाले कुछ मशहूर सितारों के जन्म दिन की जानकारी लेकिन उससे जाने से पहले जान लेते हैं मार्च के महीने में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है।
अगर आपका जन्म भी 11 से 20 मार्च के बीच हुआ है तो ज्योतिष के अनुसार आपका स्वामी मंगल ग्रह होता है। व्यक्तित्व की बात करें तो देखा जाता है कि ऐसे लोग सफल कैसे हासिल करनी है यह बखूबी ढंग से जानते हैं। हालांकि ये बेहद ही काल्पनिक स्वभाव के होते हैं और कई तरह के भ्रम से घिरे रहते हैं। ऐसे व्यक्ति चमत्कार की कल्पना करते हैं। हालांकि इसे दूसरों के सामने जाहिर नहीं करते हैं।
कई बार इन्हें बेचैनी, अवसाद और मानसिक बीमारियों की परेशानी भी जूझनी पड़ सकती है। बात करें करियर की तो इनका दिमाग बेहद तेज होता है और अपनी बुद्धिमता के लिए यह लोग जाने जाते हैं। ऐसे जातक शिक्षा में विशेष रुचि रखते हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त करके उच्च पदों तक पहुंचते हैं। मार्च के महीने में पैदा हुए जातक मेडिकल इंजीनियरिंग, केमेस्ट्री, जैसी फील्ड में अपना नाम कमाते हैं।
बात करें इस महीने में जन्म लेने वाले सितारों की तो,
11 मार्च पूनम पांडे
12 मार्च श्रेया घोषाल, आदित्य धार
13 मार्च निमरत कौर
14 मार्च फरीदा जलाल, रोहित शेट्टी
15 मार्च अभय देओल, आलिया भट्ट
16 मार्च राजपाल यादव, रणविजय सिंह
ऐस्ट्रोसेज आपको और इन सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। अगर आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
साप्ताहिक राशिफल 2024 (11-17 मार्च)
अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें: चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आप पाएंगे कि आपके आसपास के लोग व करीबी, अपने कार्यक्षेत्र में सामान्य से बेहतर कर रहे …..(विस्तार से पढ़ें)
मेष प्रेम राशिफल
इस सप्ताह भी आपका अपने दोस्तों पर ज़रूरत से ज्यादा समय और धन व्यर्थ करना, ….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ साप्ताहिक राशिफल
तरोताज़ा होने के लिए, अच्छी तरह से आराम करें। क्योंकि इस सप्ताह आपके पास ख़ुद के लिए पर्याप्त समय….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ प्रेम राशिफल
इस दौरान आप और आपका प्रेमी एक दूसरे संग, अच्छा समय व्यतीत करने में असमर्थ….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन साप्ताहिक राशिफल
बेहतर ज़िन्दगी के लिए अपनी सेहत और व्यक्तित्व में सुधार लाने की इस हफ्ते कोशिश करें। ऐसे में अच्छी ….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आप अपने प्रेमी के साथ कही बाहर, खाने या घूमने जाने का प्लान कर सकते ….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क साप्ताहिक राशिफल
अभी तक अपनी जिस ऊर्जा को आप खो चुके थे, वो सकारात्मक ऊर्जा इस सप्ताह आपके पास भरपूर मात्रा में….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क प्रेम राशिफल
प्रेम जीवन खुशनुमा रहेगा, आप इस सप्ताह अपने लवमेट के साथ मिलकर भविष्य की ….(विस्तार से पढ़ें)
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सिंह साप्ताहिक राशिफल
दोस्त या सहकर्मी का स्वार्थी बर्ताव, इस सप्ताह आपका मानसिक सुकून ख़त्म कर सकता है। ऐसे में संभव….(विस्तार से पढ़ें)
सिंह प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आप अपने प्रिय को किसी और के साथ थोड़ा ज़्यादा दोस्ताना मिज़ाज का होता ……(विस्तार से पढ़ें)
कन्या साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपको अपना खोया आत्मविश्वास और ऊर्जा, पुनः वापस लौटती प्रतीत होंगी। जिसके परिणामस्वरूप, ….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या प्रेम राशिफल
इस सप्ताह आपके मुँह पर हंसी तो होगी, लेकिन चमक कुछ फीकी दिखाई देगी। क्योंकि आपकी ….(विस्तार से पढ़ें)
तुला साप्ताहिक राशिफल
दोस्त या सहकर्मी का स्वार्थी बर्ताव, इस सप्ताह आपका मानसिक सुकून ख़त्म कर सकता है। ऐसे में संभव है कि…..(विस्तार से पढ़ें)
तुला प्रेम राशिफल
इस सप्ताह प्रेम में पड़े जातक अपने प्रेमी संग, खुलकर संवाद कायम करने में सफल होंगे। जिसके…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल
इस समय आपको अपने घर के किसी सदस्य की बिगड़ती तबियत में सुधार देखकर, खुद भी मानसिक तनाव…..(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक प्रेम राशिफल
इस पूरे ही सप्ताह यूँ तो, आपका प्रेम जीवन सामान्य ही तौर पर चलता रहेगा। परंतु बावजूद…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु साप्ताहिक राशिफल
इस सप्ताह आपके स्वभाव में अपने स्वास्थ्य को लेकर, थोड़ी अधिक सजकता देखी जाएगी। जिसके कारण आप पहले से…..(विस्तार से पढ़ें)
धनु प्रेम राशिफल
ये सप्ताह प्रेम संबंधों के लिए ख़ासा बेहतरीन रहेगा, परंतु आपको इस बात का भी विशेष ध्यान रखना…..(विस्तार से पढ़ें)