शनि करेंगे गुरु के नक्षत्र में प्रवेश; इन राशि वालों की बदलेगी तक़दीर, मिलेगी अपार धन-दौलत!
शनि गोचर 2024: वैदिक ज्योतिष में शनि देव कर्मफल दाता और न्याय के देवता के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि यह लोगों को उनके कर्मों के अनुसार अच्छे और फल प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें नवग्रहों में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह एक निश्चित समय, अंतराल और अवधि के बाद राशि एवं नक्षत्र में गोचर करता है। ग्रहों के गोचर का असर देश-दुनिया के साथ-साथ राशियों पर भी पड़ता है। होली के बाद अब शनि महाराज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शनि ग्रह के नक्षत्र गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। सबसे पहले जानते हैं शनि नक्षत्र गोचर का समय।
शनि का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर: तिथि एवं समय
शनि ग्रह इस समय कुंभ राशि में है और वह शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। लेकिन, अब जल्द ही यह अपना नक्षत्र परिवर्तन करेंगे और शनि देव का यह गोचर बृहस्पति देव के शासित पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में 06 अप्रैल 2024 की दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होने जा रहा है। शनि गुरु ग्रह के नक्षत्र में 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार तक रहेंगे। हालांकि, इनका यह गोचर राशि चक्र की 3 राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा। आइये जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।
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शनि के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर से इन 3 राशियों को मिलेगा धन-समृद्धि का आशीर्वाद
मेष राशि
राशि चक्र की पहली राशि मेष के लिए शनि ग्रह का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर काफ़ी अच्छा रहेगा क्योंकि यह इन जातकों की कुंडली के ग्यारहवें भाव में मौजूद होंगे। इसके फलस्वरूप, इस अवधि में आपकी आय में भारी वृद्धि होगी और ऐसे में, आप अच्छी मात्रा में पैसा कमाने के साथ-साथ धन की बचत करने में भी सफल रहेंगे। इस दौरान परिवार के सदस्यों को तरक्की पाता देखकर आप ख़ुश नज़र आएंगे। शनि के नक्षत्र गोचर के समय आप एक नहीं अनेक स्रोतों से धन कमाने में सक्षम होंगे। यदि आप शेयर बाजार, सट्टा या लॉटरी आदि में रुचि रखते हैं, तो आपको धनलाभ होने की संभावना है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए भी शनि देव का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर बहुत शुभ रहेगा क्योंकि इन जातकों की कुंडली में शनि देव आपके कर्म भाव में स्थित होंगे। ऐसे में, शनि के नक्षत्र गोचर का समय आपको करियर या व्यापार के क्षेत्र में अपार सफलता दिलाने का काम करेगा। साथ ही, जो जातक नौकरी की तलाश में हैं, उन्हें नई नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है। नौकरी और व्यापार करने वालों को इस अवधि में अच्छा लाभ प्राप्त होगा और विभिन्न ग्रहों के शुभ प्रभावों के चलते आपके कई अधूरे काम पूरे होंगे। आपको कार्यस्थल में नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। इन जातकों के रिश्ते पिता के साथ संबंध मज़बूत होंगे।
मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव का नक्षत्र गोचर अत्यंत फलदायी साबित होगा क्योंकि शनि देव आपकी राशि के अधिपति देव भी हैं जो अब आपके धन भाव में विराजमान हैं। इसके परिणामस्वरूप, शनि के नक्षत्र गोचर की अवधि आपके लिए अचानक से धन लाभ लेकर आ सकती है और समाज में आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, इन जातकों को व्यापार के क्षेत्र में अच्छा लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे और आपकी वाणी दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम रहेगी। इस दौरान आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी और ऐसे में, आप कोई नया वाहन या नई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
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तुला मासिक राशिफल अप्रैल 2024
नमस्कार, मेरे यानि हनुमान मिश्रा के इस खास राशिफल ब्लॉग के माध्यम से आप यह अनुमान लगा सकेंगे कि अप्रैल के महीने में आपके साथ किस तरह के घटनाक्रम हो सकते हैं? तदनुसार आप योजनाबद्ध तरीके से काम करते हुए बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। हम ऐसी उम्मीद करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस राशिफल को अपनी लग्न के अनुसार देखना ज्यादा सही रहेगा। यदि आपको अपनी लग्न राशि नही पता है तो आप इस लिंक पर क्लिक करके अपनी मुफ़्त कुंडली बनाकर अपनी लग्न राशि मिनटों में जान सकते हैं अथवा हमारे विद्वान ज्योतिषियों से इस विषय पर सम्पर्क कर सकते हैं।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों के लिए ग्रहों के गोचर
संक्षेप में बात करें अप्रैल महीने के गोचरों की तो सूर्य का गोचर 13 अप्रैल तक आपके छठे भाव में रहेगा। इसके बाद सूर्य आपके सातवें भाव में चले जाएंगे। अर्थात 13 अप्रैल तक सूर्य अनुकूल तो वहीं बाद में थोड़े से कमजोर परिणाम दे सकते हैं। वहीं मंगल ग्रह के गोचर की बात की जाए तो मंगल 23 अप्रैल तक आपके पांचवें भाव में रहेंगे, इसके बाद आपके छठे भाव में पहुंच जाएंगे। यानी की 23 अप्रैल तक मंगल कमजोर तो वहीं बाद में अनुकूल परिणाम दे सकते हैं।
बुध ग्रह 9 अप्रैल तक आपके सप्तम भाव में रहेंगे इसके बाद वक्री होकर पुन: आपके छठे भाव में वापस लौट जाएंगे। अर्थात इस महीने बुध से आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। बृहस्पति ग्रह पिछले महीने की तरह आपके सप्तम भाव में रहेंगे लेकिन विशेष बात यह रहेगी की 17 अप्रैल तक बृहस्पति शुक्र के नक्षत्र प्रभाव में रहेंगे जबकि 17 अप्रैल के बाद सूर्य ग्रह के नक्षत्र के प्रभाव में हो जाएंगे। ऐसे में बृहस्पति आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकते हैं। शुक्र ग्रह के गोचर की बात करें तो शुक्र ग्रह महीने की शुरुआत से लेकर 25 अप्रैल तक आपके छठे भाव में रहेंगे जबकि इसके बाद शुक्र आपके सप्तम भाव में पहुंच जाएंगे। यानी कि इस महीने शुक्र से मिले-जुले परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं।
शनि पिछले महीनों की तरह आपके पांचवें भाव में बने रहेंगे लेकिन इस महीने विशेष यह होगा कि शनि 6 अप्रैल तक राहु के नक्षत्र में रहेंगे। वहीं 6 अप्रैल के बाद शनि बृहस्पति ग्रह के नक्षत्र में विचरण करने लगेंगे। अर्थात बहुत अधिक अनुकूल न सही लेकिन शनि इस महीने तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम देना चाहेंगे। राहु ग्रह की बात की जाए तो राहु पिछले महीनों की तरह आपके छठे भाव में बुध के नक्षत्र में रहने वाले हैं अर्थात राहु आपको काफी हद तक अनुकूल परिणाम दे सकते हैं जबकि केतु पिछले महीनों की तरह ही आपके द्वादश भाव में चंद्रमा के नक्षत्र में रहने वाले हैं। ऐसे में केतु से अनुकूलता की अधिक उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
आइए अब जानते हैं कि इन सभी ग्रहों के गोचरों का संयुक्त रूप से आपकी राशि अर्थात तुला लग्न या तुला राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों का करियर
तुला राशि वालों, कार्यक्षेत्र के मामले में यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। विशेषकर महीने का पहला हिस्सा सूर्य की कृपा से काफी हद तक अनुकूल रह सकता है। वहीं महीने के दूसरे हिस्से में परिणाम थोड़े से कमजोर रह सकते हैं। व्यापार व्यवसाय से जुड़े लोगों को कुछ कठिनाई के बाद संतोषप्रद परिणाम मिल जाने चाहिए। वहीं नौकरीपेशा लोग संतुलित मात्रा में उपलब्धियां प्राप्त करते रहेंगे। इस महीने सहकर्मियों के साथ संबंधों को मेंटेन करने की थोड़ी सी एक्स्ट्रा कोशिश करनी पड़ सकती है। मामला व्यापार व्यवसाय का हो या फिर नौकरी का, दोनों ही मामलों में कोई बहुत बड़ा जोखिम उठाना ठीक नहीं रहेगा लेकिन यदि बदलाव करना जरूरी ही हो तो नौकरीपेशा लोग महीने की पहले हिस्से में बदलाव की कोशिश कर सकते हैं।
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अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों की आर्थिक स्थिति
तुला राशि वालों, आर्थिक मामले में अप्रैल का महीना एवरेज या फिर एवरेज से कुछ हद तक बेहतर परिणाम भी दे सकता है। आपके लाभ भाव का स्वामी सूर्य 13 अप्रैल तक छठे भाव में रहकर अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। वहीं 13 अप्रैल के बाद उच्च अवस्था में होने के कारण यथासंभव अनुकूलता देना चाहेंगे। आपके धन भाव के स्वामी मंगल 23 अप्रैल तक पंचम भाव में रहेंगे, यह मंगल के लिए बहुत अधिक अनुकूल स्थिति नहीं है लेकिन लाभ भाव को देखने के कारण लाभ के मामले में कुछ हद तक सपोर्ट कर सकते हैं। 23 अप्रैल के बाद मंगल की स्थिति बेहतर होगी, इसलिए मासांत में मंगल उन लोगों के लिए काफी अच्छे परिणाम दे सकते हैं, जो लोग कहीं से लोन प्राप्त करना चाह रहे हैं अथवा लोन चुकाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों का स्वास्थ्य
तुला राशि वालों, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अप्रैल का महीना बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। महीने की शुरुआत से लेकर 25 अप्रैल तक शुक्र ग्रह भले ही उच्च के रहें लेकिन छठे भाव में रहेंगे। अतः कोई बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं आएगी। फिर भी छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं रह सकती हैं। विशेषकर जिन लोगों को कमर के आसपास की तकलीफ है, जनन अंगों से संबंधित तकलीफ है अथवा डायबिटीज इत्यादि की परेशानी है। उन्हें इस अवधि में स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहना जरुरी रहेगा। 25 अप्रैल के बाद भी इन्हीं सावधानियां को अपनाने की स्थिति में स्वास्थ्य को मेंटेन रखा जा सकेगा।
तुला राशि वालों, शिक्षा के दृष्टिकोण से अप्रैल का महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी औसत से ज्यादा अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। वहीं प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को इस महीने तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करने की जरूरत रहेगी। हालांकि प्रतिस्पर्धात्मक मामलों में 9 अप्रैल के बाद का समय प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी अच्छा रह सकता है। ऐसी स्थिति में स्वयं के भीतर प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने की जरूरत रहने वाली है। ऐसा करके मेहनत करिए और शानदार परिणाम आप प्राप्त कर सकते हैं लेकिन ऐसा न करने की स्थिति में परिणाम कमजोर भी रह सकते हैं। इस तरह से हम कह सकते हैं कि शिक्षा के दृष्टिकोण से अप्रैल का महीना औसत या फिर औसत से अच्छे परिणाम दे सकता है।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों का प्रेम और दांपत्य जीवन
तुला राशि वालों, प्रेम संबंध के मामले में अप्रैल का महीना थोड़ा सा कमजोर रह सकता है। विशेषकर 23 अप्रैल तक आपके पंचम भाव में शनि मंगल की युति प्रेम संबंधों में कमजोरी देने का काम कर सकती है। आपस में अनबन और लड़ाइयां देखने को मिल सकती हैं। शुक्र ग्रह भी इस महीने अधिकांश समय छठे भाव में होने के कारण बहुत अधिक अनुकूल परिणाम नहीं दे सकेगा। वही दांपत्य संबंधी मामलों में इस महीने एवरेज या एवरेज से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यद्यपि सप्तम भाव के स्वामी की स्थिति दांपत्य संबंधी मामलों में बहुत अधिक अनुकूल नहीं रहेगी, साथ-साथ शनि की दृष्टि भी सप्तम भाव पर बनी रहेगी लेकिन बृहस्पति की अनुकूलता संबंधों में संतुलन देने का काम कर सकती है। अर्थात छोटी-मोटी विसंगतियां आएगी और जल्दी ही ठीक भी हो जाएंगी। विवाह आदि से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों का गृहस्थ व पारिवारिक जीवन
तुला राशि वालों, पारिवारिक मामलों में इस महीने परिणाम थोड़े से कमजोर रह सकते हैं। आपके दूसरे भाव का स्वामी मंगल, शनि के साथ युति कर रहा है। इतना ही नहीं शनि की दशम दृष्टि आपके दूसरे भाव पर बनी हुई है। ऐसे में परिजनों के साथ आपकी बातचीत का तौर तरीका कड़क रह सकता है। जिसे पारिवारिक मामलों के लिए अच्छा नहीं कहा जाएगा। ऐसी स्थिति में परिजनों के साथ बातचीत करते समय बहुत ही पोलाइट रहना समझदारी का काम होगा। गृहस्थ संबंधी मामलों में किसी बड़ी समस्या के योग नहीं है जो जैसा चल रहा था, वैसा ही चलते रहने की संभावनाएं हैं।
अप्रैल 2024 में तुला राशि वालों के लिए उपाय
नियमित रूप से काली गाय की सेवा करें।
नीम के पेड़ की जड़ों पर नियमित रूप से जल चढ़ाएं।
किसी सौभाग्यवती स्त्री को श्रृंगार सामग्री भेंट करते हुए उसका आशीर्वाद लें।
तो हम उम्मीद करते हैं कि अप्रैल महीने के इस राशिफल को जानने के बाद आप अपने इस महीने को और बेहतर ढंग से प्लान करेंगे और उस प्लानिंग के अनुसार सही ढंग से आचार व्यवहार करते हुए आप बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सफल रहेंगे। भगवती आप सब पर कृपा बनाए रखें।
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मासिक राशिफल अप्रैल 2024: कैसा रहेगा ये महीना कन्या राशि वालों के लिए?
कन्या मासिक राशिफल अप्रैल 2024: एस्ट्रोसेज एक बार फिर लेकर आया है कन्या राशि वालों के लिए “मासिक राशिफल अप्रैल 2024” का यह विशेष ब्लॉग। उम्मीद है कि 2024 का यह राशिफल जानकर आप महीने की अच्छे से प्लानिंग कर सकेंगे। अप्रैल 2024 के राशिफल के माध्यम से हम जानेंगे कि कन्या राशि के लिए अप्रैल 2024 का महीना कैसा रहेगा और उसके आधार पर आप भी अनुमान लगा सकेंगे कि अप्रैल के महीने को और बेहतर बनाने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने जीवन को सही दिशा दे पाएंगे।
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों के लिए ग्रहों के गोचर
इस महीने के गोचरों की बात करें, तो सूर्य का गोचर 13 अप्रैल तक आपके सप्तम भाव में रहेगा और इसके बाद सूर्य आपके आठवें भाव में चले जाएंगे। वैसे तो सूर्य के ये दोनों ही गोचर अनुकूल नहीं कह गए हैं, लेकिन 13 अप्रैल के बाद सूर्य उच्च अवस्था में बृहस्पति के प्रभाव में रहेंगे। अतः 13 अप्रैल के बाद कुछ मामलों में परिणाम अच्छे भी मिल सकते हैं। वहीं, मंगल 23 अप्रैल तक आपके छठे भाव में रहेंगे और बाद में आपके सप्तम भाव में पहुंच जाएंगे। ऐसे में, मंगल 23 अप्रैल तक आपको अनुकूल और बाद में कमज़ोर परिणाम दे सकते हैं। बुध ग्रह 9 अप्रैल तक आपके अष्टम भाव में रहेंगे और बाद में वक्री होकर आपके सप्तम भाव में वापस चले जाएंगे। अतः इस महीने हमें बुध से अनुकूलता की अधिक उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
बृहस्पति ग्रह पिछले महीने की तरह आपके अष्टम भाव में रहेंगे। लेकिन, विशेष बात यह रहेगी कि 17 अप्रैल तक बृहस्पति शुक्र के नक्षत्र प्रभाव में रहेंगे जबकि 17 अप्रैल के बाद सूर्य के नक्षत्र के प्रभाव में हो जाएंगे। ऐसे में, बृहस्पति भी इस महीने कोई बड़ा सपोर्ट करने में पीछे रह सकते हैं। शुक्र ग्रह के गोचर की बात करें, तो शुक्र ग्रह महीने की शुरुआत से लेकर 25 अप्रैल तक आपके सप्तम भाव में रहेंगे जबकि इसके बाद शुक्र आपके अष्टम भाव में पहुंच जाएंगे। हालांकि, सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है, परंतु उच्च अवस्था में होने के कारण शुक्र 25 अप्रैल तक आपको मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। बाद में परिणाम थोड़े बेहतर हो सकते हैं।
शनि पिछले महीनों की तरह आपके छठे भाव में बने रहेंगे, लेकिन इस महीने विशेष यह होगा कि शनि 6 अप्रैल तक राहु के नक्षत्र में रहेंगे। वहीं, 6 अप्रैल के बाद शनि बृहस्पति ग्रह के नक्षत्र में विचरण करने लगेंगे। छठे भाव में शनि अच्छे परिणाम देते हैं, परंतु इस महीने शुभ फलों में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। फिर भी शनि से आप काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं। वहीं, राहु पिछले महीनों की तरह आपके सप्तम भाव में बुध के नक्षत्र में रहने वाले हैं। ऐसे में, राहु से अनुकूलता की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए जबकि केतु पिछले महीनों की तरह ही आपके पहले भाव में चंद्रमा के नक्षत्र में रहने वाले हैं। ऐसे भी हम कह सकते हैं कि केतु भी अनुकूलता देने में असमर्थ रह सकते हैं। आइए अब जानते हैं कि इन सभी ग्रहों के गोचरों का संयुक्त रूप से आपकी राशि अर्थात कन्या राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
मासिक राशिफल अप्रैल 2024: कन्या राशि वालों का भविष्यफल
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों का करियर
कार्यक्षेत्र में अप्रैल का महीना आपको कुछ कठिनाइयां दे सकता है। आपके करियर स्थान का स्वामी बुध महीने की शुरुआत से 9 अप्रैल तक वक्री अवस्था में आठवें भाव में रहेगा जो कि कमज़ोर स्थिति है। लेकिन, 9 अप्रैल के बाद बुध सप्तम भाव में नीच अवस्था में रहेंगे और यह कमज़ोर स्थिति कही जाएगी। ऐसे में. व्यापार-व्यवसाय से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही, साझेदारी के साथ संबंधों को यथासंभव मेंटेन करने की कोशिश करनी होगी। नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी कठिनाई के बाद उनके लक्ष्य तक पहुंचने में अप्रैल का महीना मददगार हो सकता है। ओवरऑल अप्रैल के महीने को कार्यक्षेत्र के मामले में अधिक अनुकूल नहीं कहा जाएगा।
आर्थिक जीवन में अप्रैल का महीना मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आपके धन भाव का स्वामी शुक्र 25 अप्रैल तक उच्च अवस्था में रहेगा। यह अच्छी बात है लेकिन सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। इस कारण से आर्थिक मामले में शुक्र अधिक सपोर्ट नहीं कर पाएंगे। हालांकि, बृहस्पति की धन भाव पर दृष्टि जरूरत के हिसाब से धन की व्यवस्था करवाने का संकेत कर रही है। अर्थात भले ही आर्थिक मामले में निरंतरता न रहे लेकिन अप्रत्याशित रूप से बीच-बीच में धन प्राप्ति होते रहने के संकेत मिल रहे हैं। धन के कारक बृहस्पति 17 अप्रैल तक आपके धन भाव के स्वामी शुक्र के प्रभाव में रहेंगे। यह भी एक सकारात्मक संकेत है अर्थात इस महीने आर्थिक मामलों में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं।
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों का स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, इस महीने को अधिक अनुकूल नहीं कहा जाएगा क्योंकि आपके लग्न या राशि के स्वामी बुध ग्रह की स्थिति इस महीने अधिक मजबूत नहीं रहेगी। हालांकि, महीने के अधिकांश समय बुध ग्रह नीच के रहेंगे लेकिन आपके प्रथम भाव को देखेंगे। इसके फलस्वरूप, स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं आ सकती हैं, परंतु अनुकूल बात यह है कि वह समस्याएं जल्दी ही दूर भी हो जाएंगी। आरोग्यता के कारक ग्रह सूर्य की स्थिति इस महीने अधिक अनुकूल नहीं रहेगी। अतः स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें, विशेषकर 23 अप्रैल के बाद जब मंगल ग्रह आपके सप्तम भाव में होंगे, उस समय वाहन इत्यादि भी सावधानी से चलाने की आवश्यकता रहेगी क्योंकि चोट-खरोच इत्यादि लगने का भय रह सकता है।
अप्रैल का महीना शिक्षा के क्षेत्र में आपको मिले-जुले परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। हालांकि, चतुर्थ भाव के स्वामी तथा उच्च शिक्षा के कारक ग्रह बृहस्पति की स्थिति अधिक अच्छी नहीं है, लेकिन फिर भी वह चतुर्थ भाव को देख रहा है। अतः उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनकी मेहनत के अनुरूप परिणाम मिलते रहेंगे। वहीं, पंचम भाव के स्वामी शनि की स्थिति भी ऐसी ही रहेगी अर्थात शनि भी आपको आपकी मेहनत के अनुरूप परिणाम देना चाह रहा है। ऐसे में, प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी करने वाले मेहनती विद्यार्थी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, लापरवाही से काम लेने वाले विद्यार्थियों को परिणाम कमज़ोर मिल सकते हैं। अत: मेहनत करिए और शिक्षा के मामले में अच्छे परिणाम प्राप्त करिए।
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों का प्रेम और दांपत्य जीवन
प्रेम जीवन के लिए यह महीना अधिक अनुकूल नज़र नहीं आ रहा है, लेकिन फिर भी 6 अप्रैल के बाद आपके पंचम भाव के स्वामी शनि पर बृहस्पति का प्रभाव होगा, जो सच्चे प्रेम करने वाले लोगों के लिए मददगार बन सकते हैं। वह लोग जिनके लिए प्रेम एक पवित्र भाव है, उन्हें अच्छे परिणाम मिलते रहेंगे, परंतु अन्य लोगों को कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। वहीं, विवाह आदि से संबंधित मामलों के लिए महीना बहुत अच्छा तो नहीं है, फिर भी तुलना करें तो महीने का पहला हिस्सा बेहतर परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। महीने के दूसरे हिस्से में परिणाम कुछ कमज़ोर रह सकते हैं।
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों का गृहस्थ व पारिवारिक जीवन:
पारिवारिक जीवन में कोई बहुत बड़ी समस्या प्रतीत नहीं हो रही है, लेकिन फिर भी संबंधों के प्रति गंभीर रहना उचित रहेगा। विशेषकर जब पारिवारिक स्त्रियों के साथ किसी भी तरीके का वाद-विवाद हो, तो उस दौरान शब्दों के चयन पर बहुत ध्यान देना होगा। ऐसा करके संबंधों को मेंटेन रखा जा सकेगा। वहीं, गृहस्थ जीवन में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं क्योंकि चौथे भाव के स्वामी की स्थिति अधिक अनुकूल नहीं है, लेकिन 17 अप्रैल तक बृहस्पति पर शुक्र का प्रभाव घर-गृहस्थी को काफ़ी हद तक अनुकूल बनाए रखेगा जबकि बाद में कठिनाइयां थोड़ी बढ़ सकती हैं।
अप्रैल 2024 में कन्या राशि वालों के लिए उपाय:
इस महीने नमक कम खाएं और संभव हो तो रविवार के दिन नमक बिल्कुल न खाएं।
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शुक्र का मीन राशि में गोचर: इन राशियों की सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य में होगी वृद्धि!
एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको शुक्र का मीन राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम एवं भौतिक सुखों का कारक ग्रह कहा गया है और अब यह 31 मार्च 2024 को अपनी राशि परिवर्तन करते हुए मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में, यह जानना दिलचस्प होगा कि शुक्र का मीन राशि में गोचर का असर आपकी राशि पर कैसा होगा।
मीन राशि शुक्र ग्रह की उच्च राशि है इसलिए इस राशि में शुक्र की स्थिति मज़बूत होती है या फिर जब शुक्र देव अपने स्वामित्व वाली राशि वृषभ और मीन राशि में होते हैं, तो इनकी स्थिति अच्छी मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र को आकर्षण, सुंदरता, ख़ुशियां, विलासिता, रोमांस, प्रेम रचनात्मकता आदि का कारक ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं इसलिए इन्हें “खुशियों के देवता” कहा जाता है।
अगर आप जानते हैं कि कुंडली किस तरह से काम करती है, तो आपको जरूर पता होगा कि प्रत्येक ग्रह कुंडली के 12 भावों और राशि चक्र की 12 राशियों में उपस्थित होता है। इस प्रकार, किसी व्यक्ति के जन्म के समय कुंडली में शुक्र की स्थिति उस इंसान के प्रेम जीवन और जीवन में मिलने वाले ऐश्वर्य को दर्शाती है। बता दें कि शुक्र ग्रह लगभग 224 दिनों में सूर्य की परिक्रमा पूरा करता है और हर राशि में तक़रीबन 18 से 24 दिनों तक रहता है। चंद्रमा के बाद शुक्र दूसरा ऐसा ग्रह है जो रात के समय सबसे ज्यादा चमकता है। सामान्यतौर पर, शुक्र को पृथ्वी का जुड़वा भी कहा जाता है।
शुक्र का मीन राशि में प्रभाव
जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि शुक्र मीन राशि में उच्च के होते हैं और यह स्थिति जातकों को जीवन में सकारात्मक परिणाम प्रदान करती है। जल तत्व की राशि मीन का शुक्र पर प्रभाव होने की वजह से इस राशि के जातक गहरे व्यक्तित्व के होते हैं, बिल्कुल एक नदी के समान इसलिए इनके स्वभाव में नदी के पानी की तरह उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। लेकिन, इन लोगों में शांत पानी की तरह शांत रहने और बिना कुछ कहे दर्द सहने की प्रवृत्ति भी होती है। शुक्र का संबंध प्रेम से है और ऐसे में, जब यह मीन राशि में मौजूद होते हैं, तो इस राशि के जातकों के रोमांस में वृद्धि होती है। यह जातक दिखने में आकर्षक होते हैं और इनकी वाणी बेहद विनम्र होती है। इस राशि के लोग जो भी बोलते हैं उनके शब्द दूसरों के लिए जादू की तरह काम करते हैं और कठोर से कठोर दिलों को पिघलाने में सक्षम होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र मीन राशि में होते हैं, वह बहुत भाग्यशाली होते हैं और लोगों के बीच काफ़ी प्रसिद्ध होते हैं। यह अपने जीवनकाल में अपार पैसा कमाते हैं।
ऐसे जातक तालमेल बिठाने में माहिर होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे किसी बर्तन में पानी डालने पर वह उसी के आकार में ढल जाता है और यह बात विशेष रूप से इनके प्रेम जीवन में लागू होती है। इन लोगों के भीतर प्रेम जीवन में अस्वीकार होने का डर बैठा होता है। साथ ही, यह अपने पार्टनर को प्रसन्न करने और रिलेशनशिप को मज़बूत बनाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। यह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि इन्हें अपने जीवन में साथी का प्रेम पाना होता है और यह उनके साथ आपसी समझ मज़बूत करने के इच्छुक होते हैं। अक्सर, इन जातकों को अपने मन में उठने वाले तूफ़ान को शांत करने के लिए किसी की जरूरत होती है, बिल्कुल उसी तरह से जैसे पानी के तेज़ बहाव को रोकने के लिए बांध की आवश्यकता होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शुक्र का मीन राशि में गोचर: समय
प्रेम एवं भौतिक सुखों के कारक शुक्र अब मीन राशि में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं जो कि इनकी उच्च राशि भी है। इस राशि में शुक्र की स्थिति काफ़ी अच्छी होती है जो कि 31 मार्च 2024 की शाम 04 बजकर 31 मिनट पर मीन राशि में गोचर कर जाएंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस गोचर का देश-दुनिया पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र का मीन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
वृषभ राशि
शुक्र का मीन राशि में गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह आपके लग्न भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। अब यह अपनी उच्च अवस्था में आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का गोचर ग्यारहवें भाव में होने से आपकी आय में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और आपके सामाजिक जीवन में भी सुधार आएगा। इस दौरान आपकी आय दोगुनी गति से बढ़ेगी और ऐसे में, आप अपने जीवन में निर्धारित किये गए लक्ष्य पूरे करने में सक्षम होंगे। साथ ही, यह समय आपकी सभी इच्छाओं और सपनों को पूरा करने का काम करेगा। वहीं, वृषभ राशि वाले अपने रुके या अटके हुए कार्यों को पूरा कर सकेंगे।
इन जातकों के जो काम या प्रोजेक्ट पैसों की कमी की वजह से रुक गए थे अब आप उन्हें पूरा करने में सक्षम होंगे क्योंकि अब लाभ होने की वजह से आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी। शुक्र गोचर की अवधि में नया वाहन खरीदने के योग बनेंगे। इसके अलावा, इस समय को प्रेम जीवन के लिए भी अच्छा कहा जाएगा और ऐसे में, आपके व पार्टनर के बीच प्रेम और जुनून दोनों में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप, आपका रिश्ता पहले की तुलना में कई गुना परिपक्व होगा और मधुर बना रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र को लाभकारी ग्रह माना गया है क्योंकि यह आपके लग्न भाव के स्वामी बुध के मित्र हैं। आपकी कुंडली में यह पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का मीन राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा और ऐसे में, यह आपके करियर में प्रगति और प्रमोशन की तरफ इशारा कर रहा है इसलिए इस समय को मन लगाकर काम करने के लिए उत्तम कहा जाएगा। जिन जातकों का संबंध रचनात्मक क्षेत्रों से है, उनका प्रदर्शन इस अवधि में शानदार रहेगा क्योंकि मीन राशि में शुक्र उच्च के होंगे जो आपको बुलंदियों पर पहुंचाने और पदोन्नति दिलाने में सहायता करेंगे। इसके विपरीत, फर्नीचर डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग आदि का व्यापार करने वालों को नए और लाभदायी डील्स मिलने की प्रबल संभावना है। लेकिन, आपको दूसरों के साथ अच्छे से व्यवहार करना होगा और अपनी छवि को अच्छा बनाए रखना होगा।हालांकि, परिवार में प्रेम और सौहार्द बना रहेगा। इस दौरान आपका ध्यान घर की डेकोरेशन करने पर होगा और ऐसे में, आप घर को सुंदर बनाने के लिए कुछ धन खर्च भी कर सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में नौवें भाव का संबंध भाग्य, लंबी दूरी की यात्राओं, धर्म और पिता आदि से होता है। शुक्र का मीन राशि में गोचर के दौरान आपकी रूचि नई-नई जगहों के बारे में जानने में होगी और ऐसे में, आपको कुछ नई जगहों पर जाने का अवसर भी मिलेगा। साथ ही, यह जातक अपने करीबियों के साथ लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं जहां आप उनके साथ मन को लुभाने वाली सुंदरता का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। हालांकि, यह यात्राएँ आपके व्यापार को बढ़ाने और नए लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने में सहायक साबित होगी। इसके फलस्वरूप, आपको बिज़नेस बढ़ाने के अनेक अवसर मिलेंगे।
जब शुक्र मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तो कर्क राशि के जातकों को उन समस्याओं से राहत प्रदान करेंगे जिनका आप सामना कर रहे थे। इन लोगों को भाग्य का साथ मिलेगा और धन लाभ के भी कई अवसर आपके सामने आएंगे। जिन जातकों का काम लंबे समय से रुक गया था, तो अब आप उन्हें जल्द ही पूरा कर सकेंगे। शुक्र गोचर की अवधि आपके लिए नौकरी में बदलाव लेकर आ सकती है और आप नौकरी के किसी अच्छे ऑफर को स्वीकार कर सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं जो आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का मीन राशि में गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। ऐसे में, आपको ऐसा महसूस होगा कि पार्टनर के साथ रिश्ते में प्रेम बढ़ गया है या फिर आप साथी या जिन्हें आप पसंद करते हैं आप उनके बेहद करीब आ गए हैं। इन जातकों को रिश्ते में आपसी तालमेल बेहतर करने के अवसर मिलेंगे और पार्टनर के साथ आपका रिश्ता रोमांटिक बना रहेगा। साथ ही, आप एक-दूसरे के साथ खूब समय बिताएंगे।
शुक्र गोचर के समय आप और पार्टनर एकसाथ ख़ुश नज़र आएंगे। इसके अलावा, आप घर-परिवार के साथ-साथ आसपास में होने वाली छोटी से छोटी बात पर ध्यान देंगे। हालांकि, इस गोचर को व्यापार के लिए अच्छा कहा जाएगा। इन लोगों को अपनी कंपनी में कुछ लेन-देन करना पड़’सकता है और पार्टनर के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखना व्यापार की वृद्धि के लिए बेहद जरूरी होगा। अगर आप अपने साथी के साथ समय बिताना चाहते हैं, तो आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें तरक्की के अवसर मिलेंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों का प्रेम जीवन शानदार रहेगा और आपकी बात करने की क्षमता बेहतरीन रहेगी। ऐसे में, आप दूसरों से प्रभावशाली तरीके से बात करते हुए नज़र आएंगे और यह पांचवें भाव में शुक्र के गोचर का प्रभाव होगा। इस दौरान आप दोनों प्रेम के सागर में डूबे रहेंगे और आप वह सब करेंगे जिससे आपके पार्टनर को ख़ुशी मिले फिर चाहे वह साथ में समय बिताना हो या फिर अपने विचार शेयर करना हो।
अगर आप सिंगल हैं, तो इस समय आपके जीवन में कोई ख़ास दस्तक दे सकता है जिसके साथ आप प्यार में पड़ सकते हैं। शुक्र गोचर के दौरान आपको करियर में भी बदलाव देखने को मिल सकता है और ऐसे में, इन जातकों को अच्छी सैलरी वाली नई नौकरी मिलने की संभावना है। वृश्चिक राशि वालों का विवाह पक्का हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप, आप शादी के बंधन में बंध सकते हैं इसलिए इसके संबंध में बातचीत चलती रहेगी और आप जश्न मनाते हुए दिखाई देंगे। शुक्र का मीन राशि में गोचर आपकी आय में वृद्धि करवाने का काम करेगा। संभव है कि आपको माता-पिता बनने का सुख मिले जिससे आप जान सकेंगे कि मां-पिता बनना किस तरह का अनुभव होता है। इन लोगों के सामने विदेश जानकर पढ़ाई करने का विकल्प भी मौजूद होगा।
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शुक्र का मीन राशि में गोचर: इन राशियों को करेंगे नकारात्मक रूप से प्रभावित
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शुक्र का गोचर आपके छठे भाव में होगा और यह आपकी कुंडली में लग्न भाव व आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मीन राशि में गोचर आपके खर्चों में वृद्धि करवा सकता है। इस दौरान आपको छोटी सी छोटी उपलब्धि और सफलता भी काफ़ी कोशिशों और संघर्ष करने के बाद मिलने की आशंका है इसलिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इस परिस्थितियों की वजह से कार्यक्षेत्र का माहौल थोड़ा असहज रह सकता है जिसमें आपको काम करना मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, काम के प्रति आपकी रुचि भी कम हो सकती है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, तो उन्हें यह अवधि परेशान कर सकती है जिसके चलते आप चिंतित रह सकते हैं। हालांकि, यह मुश्किल दौर ज्यादा समय तक नहीं रहेगा इसलिए चिंता न करें।
मीन राशि में शुक्र के गोचर के दौरान आपके पास विदेश यात्रा पर जाने का विकल्प भी होगा। ऐसे में, अगर आप विदेश जाने की योजनाएं बनाते हैं, तो आपको उसमें देरी का सामना करना पड़ सकता है। इन लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा क्योंकि आपको सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डायबिटीज से पीड़ित जातकों को बेहद सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपकी हालत बिगड़ सकती है। हालांकि, आपको इस समय संपत्ति खरीदने से बचना होगा।
शुक्र का मीन राशि में गोचर: सरल एवं अचूक उपाय
आर्थिक जीवन में बेहतर अवसरों की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन अपने पर्स में एक चांदी का टुकड़ा रखें।
माता लक्ष्मी की पूजा करें और संभव हो, तो उन्हें लाल रंग के या कमल के 5 फूल चढ़ाएं।
किसी विद्वान व अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में उच्च गुणवत्ता वाला ओपल रत्न या हीरे की अंगूठी धारण करें।
आप अपने बैडरूम में रोज़ क्वार्ट्ज क्रिस्टल रखें।
निजी स्वच्छता का ध्यान रखें और नियमित रूप से परफ्यूम का इस्तेमाल करें।
क्या वर्ष 2024 में आपके जीवन में होगी प्रेम की दस्तक? प्रेम राशिफल 2024 बताएगा जवाब
शुक्र का मीन राशि में गोचर: वैश्विक प्रभाव
कला एवं मनोरंजन
शुक्र गोचर के दौरान फाइन आर्ट्स, डिज़ाइनिंग और रचनात्मकता से जुड़े क्षेत्रों में वृद्धि देखने को मिलेगी।
भारत समेत विश्व में फैशन और कपड़ा उद्योग में तेज़ी आने की संभावना है और ऐसे में, फैशन से जुड़ी चीज़ों की मांग में बढ़ोतरी होगी।
जर्नलिज्म, मीडिया और पब्लिक रिलेशन से जुड़े लोग अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे और अपने करियर में प्रगति हासिल करेंगे।
दुनियाभर के सिंगर और राइटर अपनी चमक बिखरते हुए नज़र आएंगे।
व्यापार एवं कंसल्टेशन
जिन जातकों का संबंध ऑनलाइन बिज़नेस से है या फिर रचनात्मकता से जुड़ा कोई काम करते हैं तो उनका प्रदर्शन शानदार रहेगा।
रिसर्च या अविष्कार से जुड़े क्षेत्रों के लिए समय श्रेष्ठ रहेगा।
शुक्र गोचर की अवधि में काउंसलिंग और कंसल्टेशन से संबंधित क्षेत्रों का प्रदर्शन शानदार रहेगा।
जो जातक रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कि इंटीरियर डिज़ाइन या फाइन आर्ट्स से जुड़े हैं वह अच्छा काम करेंगे।
प्रेम के कारक ग्रह शुक्र 31 मार्च 2024 को मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं और बता दें कि इस राशि के अधिपति देवता गुरु ग्रह हैं। शुक्र के इस गोचर का प्रभाव देश के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी दिखाई देगा इसलिए एस्ट्रोसेज आपके लिए शेयर बाजार भविष्यवाणी लेकर आया है जिसके माध्यम से आप स्टॉक मार्केट पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जान सकेंगे।
शुक्र का मीन राशि में गोचर कपड़ा उद्योगों और हैंडलूम मिल्स के लिए फलदायी रहेगा।
फैशन एसेसरीज और परफ्यूम से जुड़े क्षेत्रों के लिए शुक्र का यह गोचर वरदान साबित होगा।
बिज़नेस कंसल्टेशन, लेखक, मीडिया से जुड़ी हुई फर्मों, प्रिंट, टेलीकम्युनिकेशन तथा ब्राडकास्टिंग आदि सेक्टरों के लिए यह समय सकारात्मक रहेगा।
आर्किटेक्चर, इंटीरियर डिज़ाइन और फाइनेंस से जुड़ी फार्मों को इस समय अच्छा खासा लाभ मिलेगा।
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मेष राशि में अस्त होंगे बुध, इन राशि वालों की शादीशुदा जिंदगी में आने वाली हैं मुसीबतें
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के अलावा अस्त और उदित भी होते हैं। जिस प्रकार ग्रहों के गोचर का प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर पड़ता है, उसी प्रकार ग्रहों के अस्त और उदित होने का असर भी व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। इस बार अप्रैल माह में एक प्रमुख ग्रह अस्त हो रहा है और इसके कारण कुछ राशियों के प्रेम जीवन में उथल-पुथल आने की आशंका है।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आगे विस्तार से बताया गया है कि अप्रैल 2024 में कौन-सा ग्रह किस राशि एवं तिथि पर अस्त हो रहा है और इससे किन राशियों के लोगों की लव लाइफ में तूफान आने के संकेत हैं।
विद्या और संचार कौशल के कारक ग्रह बुध 04 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर राशि चक्र की पहली राशि मेष में अस्त होने जा रहे हैं।
जब बुध मंगल ग्रह के साथ युति करते हैं, तो इसके कारण जातक की बुद्धि भष्ट हो सकती है। वह आवेगी और आक्रामक बन जाता है और उसे बहुत जल्दी गुस्सा आने लगता है। मेष मंगल की ही राशि है इसलिए बुध के मंगल की राशि मेष में अस्त होने पर कुछ राशियों के जातकों को अपने प्रेम जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिषशास्त्र में बुध को बुद्धि, तर्क, शिक्षा एवं संचार कौशल का कारक माना गया है। बुध के अशुभ प्रभाव देने पर व्यक्ति का मन असुरक्षा की भावनाओं से घिर सकता है, उसकी एकाग्रता में कमी आ सकती है और उसकी याद्दाश्त तक कमज़ोर हो सकती है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बुध के मेष राशि में अस्त होने पर किन राशियों के लोगों को अपने प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में सावधान रहने की जरूरत है।
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बुध के अस्त होने पर इन राशियों के रिश्ते में आएगी खटास
मेष राशि
मेष राशि के लोगों के पारिवारिक रिश्तों में भी कड़वाहट आने की आशंका है। आपकी अपने भाई-बहनों के साथ अनबन हो सकती है। पारिवारिक संबंधों में गलतफहमियां होने के भी संकेत हैं। आप रिश्तों के मामले में बहुत जल्दी अपना आपा खो सकते हैं। कोई आपको लड़ने के लिए उकसा भी सकता है इसलिए ऐसे लोगों से दूर ही रहें। रिश्तों को लेकर चल रही इस खींचतान की वजह से आपका मन निराशा से घिर सकता है। पति-पत्नी के बीच भी समस्याएं आने की संभावना है। बेहतर होगा कि आप इस समय अपने रिश्तों को संभालकर चलें और अपनी ओर से तालमेल बिठाने का प्रयास करें।
बुध के मेष राशि में अस्त होने पर वृषभ राशि के लोगों को अपने प्रेम जीवन में बहुत संभलकर चलने की जरूरत है। आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल कम हो सकती है और आप दोनों को एक-दूसरे की बातें और भावनाओं को समझने में दिक्कत आ सकती है। आपको अपने जीवनसाथी पर बहुत गुस्सा आ सकता है और इस बीच आप अपना आपा भी खो सकते हैं। आपको इस समयावधि में धैर्य से काम लेने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ का विकसित हो पाना बहुत कठिन हो जाएगा। परिस्थिति को बेहतर करने के लिए आप उनसे खुलकर बातचीत करें।
अगर कर्क राशि के लोग इस समय अपने प्रेम जीवन को लेकर थोड़ा सावधान रहें, तो उनके और उनके पार्टनर के बीच चीज़ें बिगड़ने से बच सकती हैं। अपने रिश्ते में सब कुछ ठीक करने के लिए आपको अपने व्यवहार में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरूरत है। आप दोनों के बीच अहंकार को लेकर परेशानियां खड़ी हो सकती है। यदि आप अपने रिश्ते में छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, तो इससे किसी बड़े विवाद के खड़े होने से बचा जा सकता है। आप दोनों के बीच अधिक बहस होने की आशंका है। आप दोनों को थोड़ा समय एकसाथ अकेले में बिताने की जरूरत है। इससे आप दोनों के रिश्ते में आई कड़वाहट दूर होने की संभावना है।
मकर राशि के लोगों को अपने प्रेम जीवन में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। आप दोनों को अपने रिश्ते में सुख-शांति और आपसी समझ को बनाए रखने में दिक्कत आ सकती है। आप दोनों के बीच आकर्षण में कमी आने की भी आशंका है। आपके मन में अपने पार्टनर के प्रति गलत भावनाएं या सोच विकसित हो सकती है। आपके मन में चल रही इन उलझनों के कारण आपके रिश्ते में दूरियां बढ़ सकती हैं।
प्रेम जीवन को लेकर धनु राशि के जातकों के लिए यह समय बहुत मुश्किल रहने वाला है। आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार संबंधित समस्याएं होने का डर है। आप दोनों के बीच आई गलतफमियां आपके रिश्ते में दूरियों को बढ़ाने का काम करेंगी। इसकी वजह से आपकी शादीशुदा जिंदगी की सुख-शांति भंग हो सकती है। अब यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने रिश्ते में प्यार, आकर्षण और स्नेह को वापिस लाने का प्रयास करें। आप अपने और अपने पार्टनर के बीच के मतभेदों को दूर करने की कोशिश करें। अगर आप अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं करेंगे, तो आपको अपने प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल का सामना करना पड़ सकता है।
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तुला राशि
तुला राशि के लोगों के प्रेम जीवन के लिए भी यह समय थोड़ा कठिन साबित होगा। आपको अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा कर पाने में विफल होते हैं या आपके प्रयासों में कोई कमी आती है, तो आप दोनों के बीच की कड़वाहट के और ज्यादा बढ़ने की आशंका है। आप दोनों को एक-दूसरे के साथ कुछ अच्छे पल बिताने तक का समय नहीं मिल पाएगा। आपके और आपके जीवनसाथी को एक-दूसरे से बातचीत करना बंद नहीं करना चाहिए वरना आप दोनों का रिश्ता और ज्यादा खराब हो सकता है। आप दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर बहस हो सकती है। आशंका है कि बहस इतनी बढ़ जाए कि आप अपना आपा खो दें और अपनी वाणी पर नियंत्रण न रख पाएं। आपके इस रवैये के कारण आप दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घुल सकती है।
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बुध का मेष राशि में गोचर: जानें सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव!
बुध ग्रह का मेष राशि में गोचर: ग्रहों के राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध ग्रह 26 मार्च 2024 को मेष राशि में गोचर करेंगे और फिर 09 अप्रैल 2024 को अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। बुध ग्रह को बुद्धि, विद्या, व्यापार, वाणी व तर्क-वितर्क इत्यादि का कारक माना जाता है। इसके अलावा, सूचना प्रसारण, दूरसंचार, वाद-संवाद इत्यादि पर भी बुध ग्रह का ही नियंत्रण माना गया है। अतः बुध का गोचर करके नीच राशि में जाना इन तमाम क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकता है। इस गोचर के चलते इन सभी क्षेत्रों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि मेष राशि में रहना बुध के लिए यह मित्र अवस्था रहेगी। यहां पर बुध ग्रह बृहस्पति के साथ रहेंगे। हालांकि बुध और बृहस्पति के बीच के रिश्ते अच्छे नहीं माने गए इसके बावजूद भी शिक्षा जगत व अर्थव्यवस्था के लिए यह स्थिति कुछ हद तक फेवर कर सकती है। यही कारण है कि बाजारों में अचानक से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। विशेष कर सकारात्मकता का ग्राफ अधिक रह सकता है। आइए जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा।
बुध का मेष राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर आपके पहले भाव में जा रहें हैं। हालांकि बुध यहां पर मित्र राशि में रहेंगे, इसके बावजूद भी आपको अपनी वाणी पर संयम रखना है। किसी की चुगली बिल्कुल नहीं करनी है, न ही किसी की चुगली सुननी है, अन्यथा संबंधों में कमजोरी देखने को मिल सकती है। अपने संबंधियों का पूरा आदर करना भी समझदारी का काम होगा। दूरभाष इत्यादि पर बात करते समय बहुत ही शालीनता का परिचय देना जरुरी रहेगा। जानबूझकर किसी से विवाद करने से भी बचना समझदारी का काम होगा।
उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। द्वादश भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। हालांकि लाभ भाव के स्वामी की संगति में होने के कारण बुध बहुत अधिक नकारात्मकता नहीं देंगे लेकिन फिर भी आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। साथ ही साथ आप जिससे प्रेम करते हैं अथवा किसी भी प्रियजन के साथ आपके संबंध बिगड़ने न पाएं, इस बात की भी कोशिश लगातार करनी है। स्वयं को चिंता मुक्त रखने की भी कोशिश जरूरी रहेगी।
उपाय: नियमित रूप से केसर का टीका लगाना शुभ रहेगा।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
बुध आपकी लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके लाभ भाव में गोचर करने जा रहे हैं। लग्न या राशि स्वामी का लाभ भाव में जाना सामान्य तौर पर विभिन्न माध्यमों से लाभ प्राप्ति का संकेतक होता है। अतः बुध का यह गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी करवा सकता है। व्यापार करने की स्थिति में व्यापारिक लाभ मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। संतान मित्र आदि से सुख मिलने के भी योग मजबूत होंगे।
उपाय: गाय को हरा पालक खिलाना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और मेष राशि में जाने की स्थिति में यह आपके दशम भाव में गोचर करेंगे। अतः बुध से आप अनुकूल परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं। बुध का यह गोचर आपको पद प्रतिष्ठा दिलाने में मददगार बन सकता है। आप अपने विरोधियों और प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में देखे जा सकेंगे। व्यापार करने की स्थिति में अच्छा व्यापारिक लाभ मिल सकता है। हालांकि कुछ खर्च भी रह सकते हैं लेकिन लाभ का प्रतिशत अधिक रहेगा। इस अवधि में की गई यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर बुध के गोचर को भाग्य भाव में अच्छा नहीं माना गया है। हालांकि लाभ भाव के स्वामी का भाग्य भाव में जाना धार्मिक क्रियाकलापों से लगाव दे सकता है। साथ ही साथ पिता या पिता तुल्य के व्यक्तियों के सहयोग से कुछ लाभ भी मिल सकता है लेकिन इन सब के बावजूद भी भाग्य के भरोसे बैठता उचित नहीं रहेगा। साथ ही साथ अपने कामों को निष्ठा पूर्वक करने की सलाह भी हम आपको देना चाहेंगे। ऐसा कुछ भी नहीं करना है जिसे मान सम्मान को ठेस लगे।
उपाय: मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर किसी धार्मिक स्थान पर दान करना शुभ रहेगा।
बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में यह आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे तो आठवें भाव में बुध के गोचर को अच्छा माना गया है लेकिन लग्न या राशि के स्वामी का आठवें भाव में जाना स्वास्थ्य इत्यादि के मामलों में कमजोर परिणाम दे सकता है। विशेषकर ऐसी स्थिति में जब की बुध ग्रह पर शनि की दृष्टि भी रहेगी। अत: इस अवधि में संयमित ढंग से काम करना जरूरी रहेगा, तभी आप अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। समझदारी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में कामों में सफलता मिलेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा भी मिल सकती है। साथ ही साथ आकस्मिक रूप से धन की प्राप्ति भी संभावित है।
उपाय: किन्नरों को हरे कपड़े और हरी चूड़ियां भेंट करना शुभ रहेगा।
तुला राशि
बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। सप्तम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। उस पर भी द्वादश भाव के स्वामी का सप्तम भाव में जाना। व्यापार व्यवसाय में कुछ कठिनाइयां या नुकसान देने का काम कर सकता है। पार्टनर के साथ कुछ विवाद या मतभेद भी रह सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ बुध के इस गोचर की अवधि में किसी भी तरीके का विवाद नहीं करना है। वाणी पर पूरी तरह से संयम रखना भी जरूरी रहेगा। किसी भी तरीके का बड़ा व्यापारिक निवेश आदि इस समय अवधि में करना उचित नहीं रहेगा।
उपाय: नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। छठे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः बुध का यह गोचर आपको अच्छा लाभ दिलवाना चाहेगा। विशेषकर नौकरीपेशा लोग इस अवधि में काफी अच्छा करते हुए देखे जाएंगे। व्यापारिक मामलों में भी कुछ कठिनाई के बाद अच्छा लाभ मिल सकता है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। मान सम्मान में बढ़ोत्तरी देने का काम भी बुध का यह गोचर कर सकता है। बुध के इस गोचर के चलते कला-साहित्य, लेखन या शिक्षण आदि के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
धनु राशि
बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। हालांकि सामान्य तौर पर बुध के गोचर को पंचम भाव में अच्छा नहीं कहा गया है, क्योंकि ऐसा गोचर मानसिक अशांति देने का काम करता है। योजनाओं में व्यवधान देता है और संतान संबंधी मामलों में कुछ परेशानियां देता है लेकिन बुध के बृहस्पति के संगति में रहने के कारण आपको अच्छे परिणाम भी दे सकेंगे। विशेष कर विद्यार्थियों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आपको आपके प्रियजन के साथ मिलने या बात करने के भी अच्छे मौके मिल सकते हैं। अर्थात बुध का यह गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
मकर राशि
बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। चौथे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना गया है। अतः भूमि-भवन इत्यादि से संबंधित चल रहे विवादों में अब अनुकूलता देखने को मिल सकती है। पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्तियों के सहयोग से कुछ अच्छे कार्य भी पूर्णाहुति की ओर जा सकते हैं। घरेलू सुख सुविधाओं को एकत्र करने में भी बुध का यह गोचर मददगार बन सकता है। बड़े लोगों से मित्रता करवाने में भी बुध का यह गोचर अहम भूमिका निभा सकता है।
बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी होकर आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। तीसरे भाव में बुध के गोचर को मिलेजुले परिणाम देने वाला कहा गया है। बुध का यह गोचर कई बार भाई बंधुधों और पड़ोसियों से विवाद करवाने का काम कर सकता है। अतः इन मामलों में सावधानी दिखाने की आवश्यकता रहेगी। आर्थिक मामले में भी किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा लेकिन कम दूरी की यात्राएं करवाने में बुध का यह गोचर मददगार बन सकता है। साथ ही साथ नए मित्रों के बनने की संभावनाओं को भी बुध का यह गोचर मजबूती दे सकेगा।
उपाय: अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे स्थान पर गोचर कर रहे हैं। दूसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में घर परिवार से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। कुछ पैसे खर्च करके आप घरेलू सुख सुविधाओं को एकत्र करने का काम कर सकते हैं। आभूषण इत्यादि खरीदने की योजना बन सकती है। विद्यार्थियों को यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकेगा। अच्छा भोजन दिलाने तथा संबंधियों के माध्यम से लाभ करवाने में भी बुध का यह गोचर मददगार बन सकता है।
उपाय: मांस, मदिरा व अंडे आदि का त्याग कर शुद्ध और सात्विक रहना शुभ रहेगा।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
शुक्र गोचर से बन रहा मालव्य राजयोग, मेष सहित इन पांच राशियां अप्रैल में हो जाएंगी मालामाल!
कोई भी ग्रह एक निश्चित अवधि में एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते रहते हैं। इसी क्रम शुक्र ग्रह भी गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष में शुक्र के गोचर का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि शुक्र ग्रह को भौतिक सुख सुविधाओं का प्रतीक माना जाता है। इस ग्रह की मदद से ही जातक को समाज में यश और धन की प्राप्ति होती है। अब भौतिक सुख-सुविधाओं का ग्रह शुक्र जल्द ही मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र मीन राशि में गोचर करते ही कई ग्रहों के साथ युति बनाएंगे, जिससे शुभ योग का निर्माण होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन राशि के जातकों के लिए यह अवधि भाग्यशाली साबित होगी।
प्रेम, भोग, विलास, सुख, समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 31 मार्च 2024 की शाम 04 बजकर 31 मिनट पर कुंभ से निकलकर देव गुरु बृहस्पति द्वारा शासित राशि मीन में गोचर करने जा रहे हैं। यह शुक्र की उच्च राशि है। मीन राशि में आने पर शुक्र की सूर्य और राहु के साथ युति भी बन रही है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब शुक्र उच्च राशि में प्रवेश करेंगे तब मालव्य राजयोग का निर्माण होगा।
मालव्य राजयोग
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जब शुक्र अपनी खुद की राशि यानी वृषभ और तुला या अपनी उच्च राशि मीन में पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव में मौजूद होते हैं, तो मालव्य राजयोग का निर्माण होता है। ज्योतिष के अनुसार, यह योग पंच महापुरुष राजयोग में से एक है और यह बेहद लाभकारी योग माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को धन व सुख-समृद्धि का कारक माना गया है। ऐसे में, कुंडली में इस योग के बनने पर जातक को धन, सुख,समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में, शुक्र के गोचर से बनने वाले राजयोग का फायदा कुछ राशि के जातकों को होगा। इन राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखें जाएंगे और जो लोग नौकरीपेशा हैं, उन्हें पदोन्नति मिलने की संभावना बनेगी। आइए जानते हैं अप्रैल में बन रही ग्रहों की ऐसी स्थिति के बीच किन जातकों को शुभ परिणाम मिलने वाले हैं।
इन जातकों शुक्र के गोचर से बनने वाले योग से मिलेगा विशेष लाभ
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए अप्रैल में बन रहे मालव्य राजयोग बहुत ही शुभ साबित होगा। इस दौरान आपको कई नए अवसर प्राप्त होंगे। आपका करियर भी तेजी से आगे बढ़ेगा। यदि आप नौकरी पेशा हैं तो प्रबल संभावना है कि आपको पदोन्नति मिले या आपके वेतन में वृद्धि हो, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। वहीं जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं उन्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा और आपका बिज़नेस तेजी से आगे बढ़ेगा। आशंका है कि आपको अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए परिवार के किसी व्यक्ति की मदद मिले और वे आपका अच्छे से मार्गदर्शन करें। आर्थिक जीवन की बात करें तो आपके पास धन भी पर्याप्त मात्रा में आएगा। आपके पास धन की कोई कमी नहीं होगी लेकिन साथ ही, आपके खर्चों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
इस अवधि आपके लिए विदेश यात्रा की संभावना बन सकती है। इसके अलावा, आप परिवार के साथ कहीं छुट्टियां मनाने भी जा सकते हैं। पार्टनर के साथ आपके संबंध बेहतरीन होंगे और आप एक-दूसरे के साथ अच्छे पल बिताएंगे। आपके रिश्ते में मधुरता देखने को मिलेगी। जो जातक परिवार को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। पर्सनल और प्रोफेशनल में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलेगा और आपके सभी कार्य बिना किसी समस्या के पूरे होने लगेंगे।
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सिंह राशि
शुक्र के गोचर से बन रहे मालव्य राजयोग से सिंह राशि के जातकों को जीवन के हर क्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा। आपके सपने और आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। इस अवधि आपका करियर में तेज़ी से आगे बढ़ेगा और मन लगाकर अपने काम पर ध्यान देंगे। जो जातक फ्रेशर है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान मन मुताबिक नौकरी प्राप्त होगी, जिससे आपको संतुष्टि मिलेगी। यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है तो इस अवधि आपकी मेहनत रंग लाते दिखेगी। यदि आपका खुद का व्यवसाय है या आप नौकरी छोड़कर बिज़नेस करने का विचार बना रहे हैं तो आपको उसमें सफलता मिलेगी और आपके हर काम अपने आप बनने लगेंगे।
इस दौरान सिंह राशि वालों के भौतिक सुख आसानी से प्राप्त होंगे और अपार ज्ञान की प्राप्ति होगी। आपके जीवन में चल रहे संघर्षों में कमी आएगी और हर कार्यों में सफलता अर्जित करेंगे। वैवाहिक जीवन में अगर कोई अनबन चल रही थी, तो वह खत्म होगी और जीवनसाथी के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। बच्चों के भविष्य के लिए आप कोई बड़ा निवेश कर सकते हैं। मालव्य राजयोग के प्रभाव से आपको अचानक से धन प्राप्ति होगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता देखने को मिलेगी।
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कन्या राशि
कन्या राशि वाले जातकों को अप्रैल में बन रहे मालव्य राजयोग के प्रभाव से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इस दौरान आपकी संपत्ति में अच्छा इजाफा होगा। यदि आप अपने लिए नई गाड़ी या घर खरीदने का विचार बना रहे हैं तो आपकी यह इच्छा इस अवधि अवश्य पूरी होगी। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपको अच्छा लाभ होगा और आपकी आमदनी बढ़ोतरी के कई नए मार्ग खुलेंगे, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति पहले से काफी बेहतर होगी। नौकरीपेशा जातकों को इस अवधि में ढेरों अवसर प्राप्त होंगे और प्रभावशाली लोगों के साथ आपकी अच्छी जान पहचान बढ़ेगी, जिससे आपको भविष्य में मदद मिलेगी। परिवार के लोगों के साथ आपके संबंध अच्छे रहेंगे और माता पिता के आशीर्वाद से कोई नया बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। इस व्यापार में आपको अपने परिजनों का साथ मिलेगा।
अप्रैल में तुला राशि वालों को मालव्य राजयोग के प्रभाव से कई शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपके कार्यक्षेत्र में काम का बोझ हल्का हो जाएगा और आपके ऊपर किसी प्रकार का काम का दबाव नहीं रहेगा और आपके अंदर नई प्रेरण व ऊर्जा देखने को मिलेगी। इस अवधि में आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहेगा जिसके चलते आप धर्म-कर्म के कामों में रुचि लेंगे। इसके अलावा, आप परिवार वालों के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। शुक्र के प्रभाव से आपकी भौतिक सुख सुविधाओं में अच्छा इजाफा होगा और हर तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम भी होंगे। यदि आप खुद का बिजनेस करते हैं तो आपके बिजनेस में अच्छी बढ़ोतरी होगी और समाज में भी आपका मान सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य की बात करें तो, आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे और फिट महसूस करेंगे। हालांकि मौसम में बदलाव के चलते हल्की फुल्की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तुला राशि के गर्भवती महिलाओं को अपना अधिक ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है।
मीन राशि
अप्रैल में मीन राशि वालों को मालव्य राजयोग के प्रभाव से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। इस दौरान आप हर कार्यों को करने से पहले अच्छे से विचार करेंगे और फिर कोई निर्णय लेंगे। धार्मिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान-पुण्य करते हुए नज़र आएंगे। परिवार और दोस्तों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनेंगे, जिससे आपके घर का माहौल सकारात्मक होगा। हो सकता है कि आप अपने परिवार वालों के साथ कहीं बाहर घूमने जाएं या किसी तीर्थ यात्रा पर जाएं। आप इस अवधि का भरपूर लाभ उठाएंगे। आपके परिवार में कोई शुभ व मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। अगर आप कहीं निवेश करते हैं तो आपको अच्छा फायदा मिलेगा और आपकी आर्थिक स्थिति पहले से अधिक मजबूत होगी। दोस्तों और बड़े भाई-बहनों का आपको पूरा साथ मिलेगा और वे काम में आपका प्रोत्साहन करेंगे, जिससे आपको सुख महसूस होगा।
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बुध का मंगल की राशि में गोचर: इन राशियों का गोल्डन टाइम शुरू, होगा अपार धनलाभ!
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा बुध ग्रह को ‘ग्रहों का राजकुमार’ भी कहा जाता है। स्वाभाविक है कि इसका महत्व भी बहुत ज्यादा माना जाता है। ऐसे में जब यह महत्वपूर्ण ग्रह गोचर करेगा तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर निश्चित तौर पर पड़ने ही वाला है। जानकारी के लिए बता दें 26 मार्च 2024 को बुध का मेष राशि में गोचर होने वाला है।
अपने आज के इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे बुध के मेष राशि में गोचर से क्या कुछ बदलाव आने की संभावना है, आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, साथ ही जानेंगे इस गोचर के दौरान किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी। लेकिन आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं बुध का मेष राशि में गोचर आखिर कब होगा।
सबसे पहले बात करें समय की तो बुध का यह गोचर 26 मार्च 2024 को सुबह 2:39 पर होने वाला है। इसके बाद बुध ग्रह मेष राशि में ही 2 अप्रैल 2024 तक बने रहेंगे। 2 अप्रैल 2024 को प्रातः 3:18 पर बुध की यहीं से अपनी वक्री चाल प्रारंभ होगी और यह 9 अप्रैल तक ही चलेगी। इसके बाद 9 अप्रैल को रात 22:06 पर बुध अपनी वक्री अवस्था में रहेंगे। 10 मई को शाम 18:39 पर फिर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
अपने खास ब्लॉग में हम जानेंगे बुध के मेष राशि में गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा लेकिन उसे जानने से पहले चलिए जान लेते हैं बुध ग्रह से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प और जानने योग्य बातें।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संचार, तर्क, चतुराई और मित्रता का कारक ग्रह माना गया है। साथ ही इन्हें ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। वहीं बात करें मेष राशि की तो मेष राशि का स्वामित्व मंगल ग्रह को प्राप्त है। मंगल को वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का सेनापति कहा गया है। बुध और मंगल एक दूसरे के शत्रु ग्रह माने गए हैं।
ऐसे में स्वाभाविक तौर पर जब मेष राशि में बुध का गोचर होगा तो इसका सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से पड़ने वाला है। हालांकि कुछ ऐसी विशेष राशियाँ भी हैं जिन्हें इस गोचर से खूब लाभ भी मिलेगा। इन राशियों को शिक्षा और कार्यक्षेत्र में लाभ की संभावना बन रही है। साथ ही कुछ जातकों को कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों में सफलता मिलने की भी गुंजाइश नजर आ रही है।
खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह की बात करें तो यह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है और यह सूर्य के सबसे ज्यादा नजदीक भी है। बुध ग्रह के अक्ष का झुकाव अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे कम माना जाता है। बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा 87 दोनों और 30 घंटे में पूरी भी कर लेता है। बुध ग्रह पर पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर एक दिन होता है। इसके अलावा आपको जानकर अचरज होगा कि बुध ग्रह को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के ठीक पहले नग्न आंखों से देखा भी जा सकता है।
बात करें धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह के महत्व के बारे में तो, सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुध हमारी प्रज्ञा के देवता माने गए हैं। यह ग्रह बुद्धि और कारोबार में सफलता पाने के लिए बेहद ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। यही वजह है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। इसके अलावा बुध ग्रह को वृद्धि और समृद्धि देने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है। इनका प्रतिनिधित्व स्वयं भगवान विष्णु करते हैं।
माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के ऊपर बुधदेव की कृपा हो जाए तो उसका जीवन कल्याण हो जाता है। इसके साथ ही उत्तर दिशा का स्वामित्व भी बुध ग्रह के पास होता है। उत्तर दिशा को कुबेर देव का स्थान माना गया है।
अपने इन्हीं सब महत्व के चलते बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि अगर किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में नहीं होते हैं तो ज्योतिष के जानकार उन्हें जल्द से जल्द बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय बताते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं।
बुधवार के दिन बुध की होरा और अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र में बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
आप अपनी यथाशक्ति के अनुसार हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, भूरे और नीले रंग के कपड़े आदि का दान कर सकते हैं।
मुमकिन हो तो बुधवार के दिन व्रत अवश्य प्रारंभ करें। इससे व्यापार में भी सफलता मिलती है, बुद्धि प्रखर होती है, साथ ही घर परिवार से कलह क्लेश भी दूर होता है।
बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त करने के लिए बुध बीज मंत्र का जाप करें। बुध बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!।
वैदिक ज्योतिष में बुध को राजकुमार ग्रह का दर्जा दिया गया है। साथ ही बेहद ही सौम्य ग्रह भी कहलाता है। वहीं बात करें मेष राशि की तो यह राशि चक्र की पहली राशि है और इसका स्वामित्व मंगल को प्राप्त होता है। इसके अलावा मेष एक अग्नि तत्व की राशि भी है। ऐसे में स्वामी मंगल जो की अग्नि ग्रह है और अग्नि तत्व की राशि मेष होने का यह संयोग मेष राशि की अग्नि या ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देता है। यही कारण है की मेष राशि के जातक ज़्यादातर अधिक ओजस्वी, दबंग, साथी और दृढ़ इच्छा शक्ति वाले होते हैं।
मेष राशि में बुध का प्रभाव
जहां एक तरफ बुध ग्रह जातक को स्थिर मन और स्पष्ट और निर्णायक होकर फैसले लेने की दृष्टिकोण प्रदान करता है वहीं मेष राशि में जन्मे जातक जल्दी निर्णय लेने वाले होते हैं जो कभी-कभी मंगल के प्रभाव के चलते आवेग पूर्ण होने के चलते गलत भी साबित हो सकते हैं। बुध की मेष राशि में स्थिति जातकों के अंदर नया जोश और उत्साह लेकर आएगी। मेष राशि में बुध से प्रभावित व्यक्ति स्वभाव में कठोर, झगड़ालू, संशय में रहने वाले, अविश्वसनीय होने के साथ-साथ चालक और सक्रिय मस्तिष्क वाले भी होते हैं।
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का मेष राशि में गोचर सभी 12 राशियों को कैसे और किस तरह से प्रभावित करने वाला है।
बुध का मेष राशि में गोचर राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
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बुध के अस्त होने पर डूब जाएगा इन राशियों का करियर, नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ
बुद्धि के कारक ग्रह बुध 04 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर राशि चक्र की पहली राशि मेष में अस्त होने जा रहे हैं। बुध के अस्त होने पर देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर इसका असर देखने को मिलेगा। कुछ राशि के जातकों के लिए बुध का अस्त होना सौभाग्यशाली साबित होगा, तो वहीं कुछ राशि के लोगों को इस समय मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बुध के अस्त होने का प्रभाव राशियों के जीवन के हर पहलू पर पड़ेगा जिसमें करियर भी शामिल है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध के अस्त होने पर कुछ राशियों के जातकों के करियर में भारी गिरावट आने की आशंका है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आगे विस्तार से बताया गया है कि 04 अप्रैल को बुध के अस्त होने पर किन राशियों के लोगों का करियर डूब सकता है।
बुध के मेष राशि में अस्त होने पर मकर राशि के लोगों को अपने करियर के क्षेत्र में थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है और तनाव में आकर आप नौकरी बदलने तक के बारे में सोच सकते हैं। आपको नौकरी बदलने के बजाय अपने मौजूदा काम को सावधानी और पूरी एकाग्रता के साथ करने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा कर पाते हैं, तो आप अपने करियर में सफलता की ऊंचाईयों को छूने में सक्षम हो पाएंगे।
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धनु राशि
धनु राशि के लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में एक-एक कदम संभलकर रखने की जरूरत है। आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। वहीं काम में आपको पहले से ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन सभी चीज़ों की वजह से आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। आपके सहकर्मी आपके लिए कोई परेशानी खड़ी कर सकते हैं। उनकी वजह से आपको तनाव होने की आशंका है। आपके मन में नौकरी बदलने तक का विचार आ सकता है और यह बात आपके मन को परेशान कर सकती है।
आपके लिए भी बुध का अस्त होना दुखदायी रहने वाला है। आपके ऊपर काम की जिम्मेदारियां बढ़ने के संकेत हैं। आपके अपने वरिष्ठ अधिकारियों से भी संबंध खराब हो सकते हैं। आप उनकी ओर से अपने काम को लेकर जिस सराहना की अपेक्षा कर रहे हैं, वह आपको नहीं मिल पाएगी। इसके कारण आप अपनी नौकरी को लेकर असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। अगर आपके मन में नई नौकरी का ख्याल आ रहा है, ताे अभी उसे भी छोड़ देना ही बेहतर होगा। वहां भी स्थिति आपके अनुकूल नहीं रहने वाली है। अगर आप अपनी मौजूदा नौकरी में ही दबाव और चुनौतियों को पार कर लेते हैं, तो इससे आपकी काबिलियत में और ज्यादा निखार आ जाएगा।
कन्या राशि के जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं। आपको बुध के अस्त होने पर अपने कार्यक्षेत्र में पूरी एकाग्रता के साथ काम करना है। काम के दबाव के कारण आप चिंता में भी आ सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आ रही चुनौतियां आपके आत्मविश्वास को तोड़ सकती हैं। जो जातक रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें भी विचारों में कमी महसूस हो सकती है। इसकी वजह से आप अपने रचनात्मक कौशल को दिखाने में पीछे रह सकते हैं। इसका सीधा असर आपकी पदोन्नति पर पड़ सकता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि आपको अपने कार्यक्षेत्र में निराशा और कठिनाईयों का सामना करना पड़े।
कर्क राशि के लोगों को बुध के अस्त होने पर अपने करियर में एक-एक कदम सोच-समझकर रखना है। आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। हो सकता है कि आपके उच्च अधिकारी इस समय आपका सहयोग न करें। इसकी वजह से आपका दिल टूट सकता है और आपको मन लगाकर काम करने में दिक्कत आ सकती है। अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर आप असंतुष्ट महसूस करने वाले हैं। आप किसी दूसरी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन भी दे सकते हैं। करियर के क्षेत्र में आपके साथ कुछ ऐसा हो सकता है जिसकी आपने उम्मीद न की हो।
बुध का अस्त होना मिथुन राशि के लोगों के करियर के लिए ज्यादा अच्छा नहीं रहने वाला है। आप अपनी नौकरी को लेकर असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। आपको अपनी योग्यता के हिसाब से सफलता न मिल पाने के संकेत हैं। आशंका है कि कार्यक्षेत्र में आपको संतुष्टि न मिले और आप जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं, उसमें भी आपको मनमुताबिक सफलता न मिले। यह बात आपके मन को परेशान कर सकती है। आप अपनी नौकरी को लेकर नकारात्मक विचारों से घिर सकते हैं। वहीं, आपके ऊपर काम का दबाव लगातार बढ़ने वाला है। आपको सफलता की ऊंचाईयों को छू पाना मुश्किल लग सकता है। इस वजह से आपके आत्मविश्वास में भी कमी आने की संभावना है। आपको समझ ही नहीं आएगा कि आपको इस समय क्या करना चाहिए या इस परिस्थिति से कैसे निपटना चाहिए।
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वृषभ राशि
बुध के अस्त होने पर जिन राशियों के करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है, उसमें वृषभ राशि का नाम भी शामिल है। आपको अपने करियर में मनमुताबिक तरक्की न मिल पाने के संकेत हैं। आपको मन लगाकर काम करने में भी दिक्कत आ सकती है और आप अपने कार्य एवं वेतन से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। आपको अपने उच्च अधिकारियों का भी सहयोग नहीं मिल पाएगा। वहीं आपके सहकर्मी भी आपसे नज़रें चुरा सकते हैं। आपके हाथ से नौकरी तक जा सकती है या फिर मौजूदा नौकरी में कुछ ठीक न चल पाने की वजह से आप नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं।
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चैत्र मास: व्रत-त्योहारों से भरा है हिंदू कैलेंडर का पहला माह, राशि अनुसार दान करने से आएगी सुख-समृद्धि!
फाल्गुन मास के बाद चैत्र मास की शुरुआत होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास साल का आखिरी माह होता है। इसके बाद चैत्र मास आता है, जो साल का पहला महीना होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इसी के साथ नया विक्रम संवत 2081 भी शुरू हो जाएगा। चैत्र माह को मधुमास के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम नक्षत्रों के नाम पर रखा गया है। चित्रा नक्षत्र की पूर्णिमा के कारण इस महीने को चैत्र का महीना कहा जाता है। चैत्र मास की शुरुआत मार्च और अप्रैल माह से होती है। शास्त्रों के अनुसार, चैत्र मास में ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करनी आरंभ की थी। हिंदू नववर्ष को कई नामों से जाना जाता है। आंध्र प्रदेश में इसे उगादिनाम यानी युग का आरंभ, जम्मू- कश्मीर में नवरेह, पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, सिंध में चेतीचंड, केरल में विशु, असम में रोंगली बिहू जैसे नामों से जाना जाता है। सनातन धर्म में चैत्र महीना का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, पापमोचिनी एकादशी, हनुमान जयंती आदि कई बड़े व्रत-त्योहार आते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम चैत्र मास से जुड़ी तमाम रोचक जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे, जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से तीज व त्योहार आएंगे? इस माह में किस तरह के उपाय लाभकारी होंगे? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए और किन चीज़ों का दान करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए? आदि ऐसी ही कई जानकारियां यहां हम आपको प्रदान करेंगे इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
चैत्र मास 2024: तिथि
चैत्र माह का आरंभ 26 मार्च 2024 मंगलवार से होगी और इसकी समाप्ति 23 अप्रैल 2024 शुक्रवार को हो जाएगी। चैत्र माह में भगवान विष्णु की भी उपासना की जाती है। इस महीने में भगवान विष्णु के मछली स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नव वर्ष की शुरुआत होती है। ब्रह्मा जी ने इसी समय से सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसका उल्लेख आपको स्वयं नारद पुराण में भी मिल जाएगा, जिसमें ये कहा गया है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रथमहिं सूर्योदय काल से ही इस जगत के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर जल प्रलय में घिरे मनु को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। प्रलय काल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई। वहीं, यह भी माना जाता है कि मां दुर्गा ने पहली बार अपने नव दुर्गा रूप के दर्शन समस्त संसार को इसी माह में दिए थे। इसलिए इस महीने में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि या गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नव संवत यानी कि हिन्दू नव वर्ष के शुरुआत होने के साथ-साथ ही प्रकृति में भी बदलाव दिखने को भी मिलता है। चैत्र मास से सर्दियां पूरी तरह से समाप्त हो जाती है और गर्मियों की शुरुआत होती है। पर्यावरण में आसपास काफी हरियाली रहती है।
हिंदू धर्म में यह चैत्र का महीना को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है। वहीं आयुर्वेदिक सिद्धांत के अनुसार भी इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में प्रकृति के साथ-साथ मौसम में भी कई सारे परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
चैत्र माह की विशेषता
चैत्र महीने के आखिरी दिन यानी चैत्र माह की पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है, इसके चलते इस महीने का नाम चैत्र पड़ा। इस माह में चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस माह को भक्ति को संयम का महीना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। इस महीने से ही वसंत ऋतु का समापन और ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।
चैत्र मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
चैत्र मास यानी कि 26 मार्च 2024 से 23 अप्रैल 2024 के दौरान सनातन धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
दिनांक
दिन
व्रत त्योहार
28 मार्च 2024
गुरुवार
संकष्टी चतुर्थी
05 अप्रैल 2024
शुक्रवार
पापमोचिनी एकादशी
06 अप्रैल 2024
शनिवार
प्रदोष व्रत (कृष्ण)
07 अप्रैल 2024
रविवार
मासिक शिवरात्रि
08 अप्रैल 2024
सोमवार
चैत्र अमावस्या
09 अप्रैल 2024
मंगलवार
चैत्र नवरात्रि, उगाडी घटस्थापना, गुड़ी पड़वा
10 अप्रैल 2024
बुधवार
चेटी चंड
13 अप्रैल 2024
शनिवार
मेष संक्रांति
17 अप्रैल 2024
बुधवार
चैत्र नवरात्रि पारण, रामनवमी
19 अप्रैल 2024
शुक्रवार
कामदा एकादशी
21 अप्रैल 2024
रविवार
प्रदोष व्रत (शुक्ल)
23 अप्रैल 2024
मंगलवार
हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024
चैत्र मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
चैत्र के महीने में कई लोगों का जन्मदिन आता है। हम आपको बताएंगे कि चैत्र माह में जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है और उनके अंदर क्या खूबियां होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास तारीखों और महीनों में जन्मे लोगों की अलग-अलग खूबियां और विशेषताएं भी बताई गई हैं। व्यक्ति जिस महीने में जन्म लेता है उसके आधार पर भी उसके स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो हमारे जन्म का महीना हमारे जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है। चैत्र मास में जिन लोगों का जन्म होता है, उनमें कुछ विशेष प्रकार की खूबियां और कमियां पाई जाती हैं। तो आइए जानते हैं।
चैत्र माह में जन्मे लोग बड़े ही जुनूनी होते हैं। इस माह में जन्मे लोग स्पोर्ट्स, मीडिया, एडवरटाइजिंग और राजनीति आदि क्षेत्र में अधिक रुचि लेते हैं। ये लोग काफी बहादुर और धैर्यवान होते हैं। इन लोगों के अंदर किसी भी चीज का डर नहीं होता। ये हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी डटकर खड़े होते हैं और हर परिस्थितियों का खुलकर सामना करते हैं। इन लोगों को वो काम करने में बहुत अधिक मजा आता है, जो हर किसी के बस का नहीं होता है। ये अपने दोस्तों और अपने प्रिय के बेहद खास होते हैं। ये जिस भी जगह जाते हैं वहां आकर्षण का केंद्र होते हैं। ये रोमांटिक होते हैं और इन्हें अपने पार्टनर को अच्छे से रिझाना आता है। इनका स्वभाव दयालु होता है और ये हर किसी पर दया करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का जन्म चैत्र में होता है वे कला प्रेमी होते हैं। इन्हें घर सजाने का भी शौक होता है और खुद भी सज सवर कर रहते हैं। इन जातकों को नई-नई चीजों को जानने की काफी इच्छा होती है। इनमें जिज्ञासु प्रवृत्ति होती है। ये लोग काफी इमोशनल भी होते हैं और ये ना सिर्फ अपनी बल्कि खुद से जुड़े लोगों की भावनाओं की भी अच्छे से कद्र करते हैं। इसके अलावा जो लोग इनके साथ धोखा करते हैं वे इनकी नजरों से गिर जाते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी वे अपनी जगह नहीं बना पाते हैं। इनका नकारात्मक पक्ष देखें तो, जिन लोगों का जन्म चैत्र माह में हुआ है, उन्हें दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप करने की बुरी आदत होती है। जिसके कारण इन्हें कभी-कभी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सामने वाले से इनके रिश्ते भी खराब हो जाते हैं। ये लोग बड़बोले भी होते हैं और बोलने से पहले बिल्कुल नहीं सोचते हैं।
पार्टनर के लिए इनके दिल में बेशुमार प्यार होता है। ये अपने पार्टनर को कभी धोखा नहीं देते हैं। साथ ही ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति में भी पार्टनर का साथ नहीं छोड़ते हैं। इन लोगों की एक और खास बात होती है कि इनकी इंट्यूशन पॉवर बहुत शानदार होती है। इस कारण ये भविष्य में होने वाले नुकसान या आने वाली चुनौतियों को पहले ही भांप लेते हैं और उसके अनुसार अपने फैसले लेते हैं। इनके अंदर ये उनका ये गुण उन्हें करियर में खूब तरक्की दिलाता है।
चैत्र मास में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा का महत्व
चैत्र के महीने में ही मत्स्य जयंती मनाई जाती है। मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का दसवें अवतार में पहला अवतार है। इस रूप में प्रकट होकर श्री हरि ने प्रलय से सृष्टि को बचाया और इस अवतार में भगवान ने वेदों की भी रक्षा की थी। मान्यता है कि चैत्र माह के पावन महीने में किसी पवित्र नदी में स्नान, पूजा और व्रत से तन और मन की शुद्धि होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। साथ ही, मत्स्य पुराण को सुनने या पढ़ने चाहिए। इस अवधि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए दान-पुण्य करना चाहिए।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सभी महीनों का अलग महत्व है। ऐसे ही महीनों में एक महीना है चैत्र का महीना। इस पूरे महीने को बहुत ही पावन माना जाता है क्योंकि ये महीना मां दुर्गा को समर्पित होता है और इसी महीने में चैत्र नवरात्रि भी होती है। चैत्र के पूरे महीने में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। माना जाता है कि इन कार्यों को करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है। आइए जानते हैं चैत्र के महीने में किन कामों को करने से बचना चाहिए।
तामसिक भोजन से रहें दूर
चैत्र के पूरे महीने में मांसाहार व तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे महीने में मांसाहार का सेवन करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है और ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
गुड़ का सेवन करने से बचें
चैत्र माह में कई व्रत और त्योहार आते हैं और इन त्योहारों में सबसे प्रमुख त्योहार नवरात्रि का है। इस व्रत के दौरान और पूरे चैत्र महीने में आपको गुड़ के सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि गुड़ की तासीर गर्म होती है और गर्मी बढ़ने के कारण इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
प्याज व लहसुन से बनाएं दूरी
चैत्र के पूरे महीने में प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि चैत्र का महीना मां दुर्गा को समर्पित होता है और इस महीने में किसी प्रकार का तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। विशेष रूप से प्याज व लहसुन का।
नशे से दूर रहें
चैत्र का महीने सबसे पवित्र व पावन महीना माना जाता है इसलिए इस महीने में गलती से भी नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस महीने में नशा आदि पदार्थों का सेवन करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।
चमड़े से बने चीज़ों का इस्तेमाल न करें
चैत्र के एक महीने चमड़े से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनता है इसलिए चैत्र महीने में चमड़े की चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अन्यथा भक्तों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बाल व नाखून न काटे
चैत्र के महीने यानी 26 मार्च से 23 अप्रैल तक भूलकर भी बाल नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बाल कटवाने से मनुष्य की मति भ्रमित हो सकती है और घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। इसके अलावा, नाखून भी नहीं काटने चाहिए। न ही पुरुषों को दाढ़ी बनवानी चाहिए।
लड़ाई-झगड़े से दूर रहें
ज्योतिष के अनुसार, चैत्र के महीने में किसी को भी लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए। विशेष रूप से महिलाओं से। न ही क्रोध व अहंकार की भावना अपने अंदर लानी चाहिए। इसके अलावा, घर में कलेश करने से भी बचना चाहिए। अन्यथा माता लक्ष्मी रूठ सकती है।
चैत्र मास में अवश्य करें ये काम
चैत्र की महीने में सूर्यदेव की पूजा करें व उन्हें जल व अर्घ्य दें। इस महीने सूर्यदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को हर रोगों के छुटकारा मिलता है।
इस माह में मां दुर्गा के अलावा भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करना शुभ माना जाता है। इस माह में आपको भगवान विष्णु के मछली के स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
चैत्र मास में गुप्त तरीके से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करना काफी अच्छा माना जाता है।
चैत्र मास में करें ये आसान उपाय
ज्योतिष के अनुसार, चैत्र माह में एक लाल कपड़े में 5 तरह के लाल फल व लाल फूल रखकर ब्राह्मण को दान करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
चैत्र माह में पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और 7 बार परिक्रमा करते हुए लाल रंग अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन में शांति स्थापित होती है।
चैत्र माह में पड़ने वाले प्रत्येक बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष की पूजा करते हुए भगवान विष्णु के मंत्रों का लगातार 108 बार जाप करना चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
चैत्र माह में जानवरों को पानी पिलाने चाहिए और पशु-पक्षियों को दाना डालना चाहिए। इससे घर में माता लक्ष्मी का वास बना रहता है।
चैत्र माह में 108 बार अपने इष्ट देव का पान के पत्तों पर नाम लिखकर मंदिर में रखने से घर में शुभता बनी रहती है।
चैत्र मास 2024: चैत्र मास में राशि अनुसार इन चीजों का करें दान
मेष राशि
मेष राशि के जातकों चैत्र मास के महीने में गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से जातकों को माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में आर्थिक समृद्धि आएगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को चैत्र मास के महीने में सफेद मिश्री का दान करना चाहिए। यह आपके लिए शुभ साबित होगा। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को चैत्र मास में हरी मूंग की दाल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से इस राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन में चली आ रही समस्या से छुटकारा मिलता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए चैत्र मास के महीने में चावलों का दान अवश्य करना चाहिए। चावलों के दान से कर्क राशि के लोगों को मानसिक शांति की प्राप्ति होगी।
सिंह राशि
इस राशि के जातकों को चैत्र मास में गेहूं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
कन्या राशि
इस राशि के लोगों को चैत्र पूर्णिमा के दिन जानवरों और पशु-पक्षियों को हरा चारा व दाना खिलाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के लोगों को चैत्र मास के दौरान कन्याओं को खीर खिलाना चाहिए और पैसे देकर आशीर्वाद लेना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को चैत्र मास के दिन गुड़ और चने का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको शत्रुओं और विरोधियों पर विजय की प्राप्ति होती है और उनका नाश होता है।
धनु राशि
जीवन में खुशहाली और समृद्धि के प्राप्त करने के लिए धनु राशि के जातकों को चैत्र पूर्णिमा के दिन मंदिर में काले चने का दान करना चाहिए या ब्राह्मणों को काले चने व हलवा का भोजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से आपके आर्थिक स्थिति में स्थिरता प्राप्त होती है।
मकर राशि
यदि आपको अपनी नौकरी में या कार्यक्षेत्र में समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है तो चैत्र महीने के दौरान गरीबों व जरूरतमंदों को वस्त्रों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी।
कुंभ राशि
चैत्र मास में कुंभ राशि के लोगों को काली उड़द की दाल दान करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके बिजनेस में आ रही सभी तरह की परेशानी दूर हो जाएगी।
मीन राशि
मीन राशि के लोगों को चैत्र पूर्णिमा के दिन हल्दी और बेसन की मिठाई का दान करना चाहिए। इसका दान करने से आपको कई स्रोतों से धन की प्राप्ति होती है।