नौकरी में सफलता- दुश्मनों पर जीत- सब दिलाएँगी माँ कालरात्रि, बस कर लें ये छोटा सा उपाय !

आप सभी को चैत्र नवरात्रि की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। अपने इस नवरात्रि विशेष ब्लॉग की कड़ी  में हम आ पहुंचे हैं नवरात्रि के सातवें दिन के ब्लॉग पर। ऐसे में आज बात करेंगे नवरात्रि के सातवें दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

साथ ही जानेंगे नवरात्रि के सातवें दिन मां के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, मां का स्वरूप कैसा है, मां की पूजा करने से किस तरह के लाभ मिलते हैं, क्या ज्योतिषीय महत्व होता है और क्या कुछ उपाय करके आप इस दिन का महत्व अपने जीवन में बनाए रख सकते हैं।

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मां कालरात्रि का स्वरूप

नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है जिन्हें देवी पार्वती के समतुल्य माना गया है। देवी के नाम का शाब्दिक अर्थ निकालें तो काल अर्थात मृत्यु या समय और रात्रि का अर्थ होता है रात। ऐसे में मां के नाम का अर्थ होता है अंधेरे को खत्म करने वाली देवी। बात करें मां के स्वरूप की तो देवी कालरात्रि का वर्ण कृष्ण के वर्ण के समान है। यह गधे की सवारी करती हैं। देवी की चार भुजाएं होती हैं जिसमें से दोनों दाहिने हाथ में उन्होंने अभय मुद्रा और वरद मुद्रा में धारण किए हुए हैं जबकि बाएँ दोनों हाथ में उन्होंने तलवार और खड़ग लिया हुआ है।

मां कालरात्रि की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

मां कालरात्रि की पूजा से मिलने वाले ज्योतिषीय महत्व की बात करें तो कहा जाता है देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में अगर देवी कालरात्रि की नियमित रूप से और विधिपूर्वक पूजा की जाए तो व्यक्ति के जीवन से शनि के बुरे प्रभाव कम होने लगते हैं।

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मां कालरात्रि की पूजा महत्व 

मां कालरात्रि की पूजा से मिलने वाले लाभ की बात करें तो मां कालरात्रि को दोषों का विनाश करने वाली देवी माना जाता है। इसके साथ ही जो लोग मां की भक्ति पूर्वक पूजा पाठ करते हैं उन्हें माता हमेशा शुभ फल प्रदान करती हैं। यही वजह है की मां का एक नाम शुभंकारी भी है। मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को भय और रोग से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही भूत, प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक, इस तरह की परेशानियां भी व्यक्ति के जीवन से समाप्त होने लगती है। मां का यह रूप भय उत्पन्न करने वाला है हालांकि केवल पापियों के लिए। यह पापियों का नाश करती हैं। माता के तीन बड़े-बड़े नेत्र हैं जिससे माँ अपने भक्तों पर हमेशा अनुकंपा की दृष्टि बनाए रखती है।

कहा जाता है की मां दुर्गा का कालरात्रि स्वरूप शुभ निशुंभ और रक्तबीज को करने के लिए लिया गया स्वरूप है और देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह है। उनके श्वास से अग्नि निकलती है और गले में विद्युत की चमक वाली माला होती है। मां के केश बड़े-बड़े और बिखरे हुए होते हैं।

मां कालरात्रि को अवश्य लगाएँ ये भोग 

अब बात कर लें माँ कालरात्रि के प्रिय भोग की तो माँ कालरात्रि को गुड़ बहुत प्रिय होता है। ऐसे में नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा में आप माता रानी को फल, मेवे आदि अर्पित करने के साथ गुड़ का भोग अवश्य लगाएँ।

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देवी कालरात्रि का पूजा मंत्र

ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि के सातवें दिन अवश्य करें ये अचूक उपाय

  • जो कोई भी भक्त नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि के बीज मंत्र का जाप करता है, रात्रि जागरण करता है और दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है ऐसे व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस मंत्र का सवा लाख बार जाप करना होता है। कहा जाता है तभी यह मंत्र सिद्ध होता है और व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। 
  • नवरात्रि की सप्तमी तिथि के दिन माँ कालरात्रि को पेठे का भोग अवश्य लगाएँ और मुमकिन हो तो पेठे की बाली भी अवश्य दें। इससे व्यक्ति को बल और विजय की प्राप्ति होती है। साथ ही अगर आपका कोई कानूनी मामला फंसा हुआ है तो इसमें भी आपको विजय मिलती है। 
  • अगर आपके जीवन में नकारात्मक शक्तियां बनी हुई है या घर में छोटे बच्चे हैं जिनको आए दिन नजर लगती रहती है तो नवरात्रि के सातवें दिन उन्हें ताबीज पहना दें। इसके लिए आप एक काले कपड़े में पीली सरसों ले लें, टूटी हुई सूई डालकर कपड़े में लपेट दें और इस ताबीज को बच्चों के गले में पहना दें। कहा जाता है इससे बच्चों को बुरी नजर नहीं लगती और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • देवी के 32 नाम का जाप विशेष फलदाई माना जाता है। ऐसे में सप्तमी तिथि के दिन जो कोई भी भक्त रात में मां के 32 नाम का 108 बार जाप करता है उनके जीवन से सभी परेशानियां दूर होती है और उन्हें रोग और शोक से भी मुक्ति मिलती है। 
  • नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर देवी को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि अगर सप्तमी तिथि के दिन माँ कालरात्रि को आप उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर भोग लगा दें और इस पूजा के बाद प्रसाद के रूप में लोगों को बाँट देते हैं तो इससे माँ की कृपा आपके जीवन में बनी रहती है। साथ ही तमाम ग्रहों का प्रतिकूल प्रभाव भी आपके जीवन से दूर होने लगता है। 
  • मां कालरात्रि को गुड़हल का फूल बहुत पसंद होता है। ऐसे में नवरात्रि में गुड़हल के फूल को पूजा में अवश्य शामिल करें और सप्तमी तिथि पर पूजा के दौरान मां को लाल गुड़हल की माला पहना दें। ऐसा करने से भी व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी अवश्य होती है। 

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क्या यह जानते हैं आप? 

देवी कालरात्रि दोषों का विनाश करने वाली होती है। मां के स्मरण मात्र से दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, पिशाच, भयभीत होते हैं। इसके अलावा देवी को ग्रह बाधाओं को दूर करने वाली देवी भी माना जाता है। देवी कालरात्रि की पूजा कर ली जाए तो व्यक्ति को अग्नि, जल, जंतु शत्रु, रात्रि, इन सभी से संबंधित भय  कभी नहीं होता है। इसके अलावा मां की कृपा से भक्त को सर्वथा भय से मुक्ति मिलती है।

इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां कालरात्रि की पूजा 

मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को रोग, भय की परेशानी से निजात मिलती है। इसके अलावा विशेष रूप से जिन लोगों के जीवन में बीमारी बनी हुई है या फिर शत्रुओं से पराजय मिल रही है उन्हें माँ कालरात्रि की पूजा करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रह बाधा हो या किसी बात को लेकर भय बना हुआ हो तो ऐसे लोगों को भी नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए।

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मां कालरात्रि से संबंधित पौराणिक कथा 

पौराणिक कथा की बात करें तो कहा जाता है कि एक बार रक्तबीज नाम के दैत्य ने चारों तरफ हाहाकार और आतंक मचा के रखा था। इसके आतंक से मानव से लेकर देवी देव सभी परेशान होने लगे थे। रक्तबीज को ऐसा वरदान मिला था कि अगर उसके रक्त की एक भी बूंद धरती पर गिरेगी तो उसी के समान एक और शक्तिशाली दैत्य तैयार हो जाएगा। 

ऐसे में रक्तबीज के सामान्य बलशाली दैत्य तैयार होता गया और उसका आतंक भी बढ़ता गया। तब रक्तबीज से परेशान होकर सभी देवगण भगवान शिव के पास पहुंचे। भगवान शिव को पता था कि रक्तबीज का अंत केवल मां पार्वती ही कर सकती हैं। तब उन्होंने मां पार्वती से अनुरोध किया और इसके बाद मां पार्वती ने अपनी शक्ति और तेज से माँ कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद रक्त बीज के साथ मां का युद्ध हुआ। इस युद्ध में रक्तबीज के शरीर से जितनी भी रक्त की बूंदे निकली उसे मां कालरात्रि ने अपने मुख में ले लिया। ऐसा करते-करते अंत में जब रक्तबीज का रक्त क्षीण हो गया  तब इस तरह से रक्तबीज का अंत हुआ।

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विवाह में बार-बार आ रही है अड़चन तो नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर अवश्य करें ये उपाय!

आज के अपने इस खास ब्लॉग में हम बात करेंगे नवरात्रि के छठे दिन से जुड़ी कुछ विशेष बातों की। यहां हम जानेंगे नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही जानेंगे मां की पूजा का महत्व और ज्योतिषी महत्व क्या है।

सिर्फ इतना ही नहीं इसके अलावा मां का पूजा मंत्र, इस दिन किए जाने वाले उपाय, मां से संबंधित पौराणिक कथा, आदि की जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से देने वाले हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं देवी के छठे स्वरूप से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातें।

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मां कात्यायनी का स्वरूप

चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। अर्थात मां कात्यायनी मां दुर्गा का छठ स्वरूप है। देवी ने अपना यह रूप महिषासुर नामक राक्षस का वाढ करने के लिए धारण किया था। माना जाता है की माता का यह रूप काफी हिंसक है इसीलिए मां कात्यायनी को युद्ध की देवी भी कहते हैं।  

बात करें मां के स्वरूप की तो कात्यायनी देवी शेर पर सवारी करती हैं, इनकी चार भुजाएं हैं जिसमें से बाएं दोनों हाथों में इन्होंने कमल लिया हुआ है और तलवार लिया हुआ है। दाहिने दोनों हाथ वरद और अभय मुद्रा में है। देवी लाल रंग के वस्त्र में बेहद ही सुंदर नजर आती है।

मां कात्यायनी की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

बात करें ज्योतिषीय संदर्भ की तो ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की देवी कात्यायनी का सीधा संबंध बृहस्पति ग्रह से है। वह बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में मां की पूजा करने से बृहस्पति से संबंधित बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है।

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मां कात्यायनी की पूजा महत्व 

चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित होता है। मां का स्वरूप बेहद ही भव्य और दिव्य माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां के कात्यानी स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मां की कृपा से ऐसे व्यक्ति दुनिया के सभी सुखों को भोगते हुए मोक्ष की प्राप्ति करते हैं। साथ ही मां अपने भक्तों के जीवन से सभी कष्टों को दूर करती हैं।

इसके अलावा जैसा कि अक्सर देखा क्या है कि बहुत से लोगों को जीवन में सौभाग्य बहुत देरी से प्राप्त होता है। ऐसे लोगों को भी मां कात्यायनी की विशेष रूप से पूजा करने की सलाह दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति विधि विधान से मां कात्यायनी के स्वरूप की पूजा करें फिर हो चाहे स्त्री हो या फिर पुरुष उन्हें शीघ्र विवाह की मनोकामना भी पूरी होती है।

मां कात्यायनी को अवश्य लगाएँ ये भोग 

देवी के छठे अर्थात कात्यानी स्वरूप को सफलता और यश का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा नवरात्रि के छठे दिन का संबंध पीले रंग से भी जोड़कर देखा जाता है। बात करें भोग की तो इस दिन मां को यदि शहद का भोग लगाया जाए तो इसे बेहद ही शुभ मानते हैं। ऐसे में आप इस दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना ना भूलें।

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देवी कात्यायनी का पूजा मंत्र

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि के छठे दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

  • नवरात्रि के छठे दिन अगर आप छोटी कन्याओं को घर पर बुलाकर खिलौना या उनके मनपसंद की चीज देते हैं तो ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनाए रखती हैं। 
  • जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है, विवाह में रुकावटें आ रही है या बात बनते-बनते बिगड़ जा रही है उन्हें नवरात्रि के छठे दिन शाम के समय में मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान पूजा में हल्दी की तीन गांठ चढ़ाएँ और माँ से सुयोग्य वर/वधू की कामना करें। आपकी मनोकामना निश्चित और जल्दी पूरी होगी। 
  • अगर आपके जीवन में आर्थिक तंगी बनी हुई है और आप इससे निजात पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के छठे दिन पान के पांच पत्ते ले लें और इन्हें साफ कर लें। इसके बाद सभी पत्तों पर मां दुर्गा के बीज मंत्र लिखकर मां के चरणों में से अर्पित कर दें। अगले दिन इन पत्तों को लाल रंग के साफ कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। अगली नवरात्रि में इन पत्तों को जल में प्रवाहित कर दें। 
  • इसके अलावा आप नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर पान के पत्तों पर गुलाब के पंखुड़ियां रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। इस उपाय को करने से व्यक्ति के घर में धन का प्रवाह बना रहता है और बढ़ता रहता है। 
  • शीघ्र विवाह की कामना है तो नवरात्रि के छठे दिन 11 पान के पत्ते ले लें, इन पर हल्दी लगा दें और मां कात्यायनी को एक-एक करके अर्पित करते जाएं। ऐसा करने से जल्द ही विवाह के योग बनने लगते हैं। 
  • अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं या पति पत्नी के बीच क्लेश होता रहता है तो नवरात्रि की षष्ठी तिथि पर पान के पत्ते पर केसर रखकर मां दुर्गा को अर्पित कर दें। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में परिवार के सभी लोगों को बाँट दें। 
  • नवरात्रि के आखिरी शनिवार के दिन पान के पांच पत्तों पर सिंदूर से जय श्री राम लिख दें और इन पत्तों को हनुमान मंदिर में जाकर चढ़ा दें। इस बेहद ही सरल उपाय को करने से आपको नौकरी और कारोबार में आ रही हर तरह की समस्या से छुटकारा मिलता है और आपको तरक्की मिलेगी। 

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क्या यह जानते हैं आप? 

अगर किसी व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा है या विवाह में बार-बार अड़चनें आ रही है या बात बनते बनते बिगड़ जाती है तो ऐसे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि नवरात्रि के छठे दिन मां के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां कात्यायनी की पूजा 

बात करें कि किन लोगों को विशेष रूप से मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए तो जिन जातकों का विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह के संदर्भ में परेशानियां आ रही है उन्हें विशेष रूप से मां कात्यायनी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में गुरु ग्रह अर्थात बृहस्पति ग्रह कमजोर अवस्था में हो उन्हें भी मां कात्यायनी की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

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मां कात्यायनी से संबंधित पौराणिक कथा 

पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि, एक बार महर्षि कात्यायन ने कठोर तपस्या की। इस तपस्या के पीछे वजह थी संतान प्राप्ति। तब महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर मां भगवती ने उन्हें दर्शन दिए। इसके बाद ऋषि कात्यायन ने मां के सामने संतान प्राप्ति की अपनी इच्छा प्रकट की। तब मां ने उनसे कहा और उन्हें वचन दिया कि वह उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लेंगी।

इसके कुछ समय बाद महिषासुर नामक एक राक्षस हुआ जो तीनों लोगों में अत्याचार करने लगा। दिन-ब-दिन उसका अत्याचार बढ़ता जा रहा था जिससे सभी देवी देवता परेशान होने लगे। तब ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने अपने तेज से एक देवी को उत्पन्न किया जिन्होंने महर्षि कात्यायन के घर में जन्म लिया। क्योंकि मां देवी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर में हुआ था इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। पुत्री के रूप में जन्म लेने के बाद ऋषि कात्यायन ने सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि पर मां कात्यायनी की विधिपूर्वक पूजा की। इसके बाद दशमी तिथि के दिन मां कात्यायनी ने महिषासुर का वध किया और तीनों लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई।

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मीन में आने वाले हैं मंगल, पैसों की तंगी से परेशान हो जाएंगे इन राशियों के लोग

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार ग्रहों के गोचर करने पर देश-दुनिया में कई तरह के बदलाव आते हैं और सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आने की संभावना रहती है। ग्रहों के गोचर करने के दौरान किसी के जीवन में खुशियां आती हैं, तो किसी को दुखों एवं अड़चनों का सामना करना पड़ता है। ग्रहों में मंगल ग्रह को प्रमुख स्‍थान दिया गया है और उनके गोचर करने पर सभी राशियों के जीवन में विभिन्‍न तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं।

अब अप्रैल के महीने में मंगल ग्रह का गोचर होने जा रहा है और इस दौरान कुछ राशियों के लोगों को अपने आर्थिक जीवन में समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल का गोचर कब और किस राशि में हो रहा है और इसके दौरान किन राशियों के लोगों को पैसों की तंगी होने की आशंका है।

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मंगल कब करेंगे गोचर

मंगल ग्रह को क्रोध और आक्रामकता का कारक माना गया है और अब वह 23 अप्रैल, 2024 को सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वैदिक ज्‍योतिष में मंगल को अशुभ ग्रह माना गया है जबकि बृहस्‍पति अत्‍यंत ही शुभ ग्रह हैं और मीन राशि के स्‍वामी ग्रह बृहस्‍पति ही हैं। हालांकि, मंगल और बृहस्‍पति के बीच मित्रता का संबंध है।

अब जब मंगल मीन राशि में प्रवेश करेंगे, तो इस समयावधि में कुछ राशियों के लोगों को अपने आर्थिक जीवन में संभलकर रहने की जरूरत है।

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इन राशियों को होगी पैसों की तंगी

मेष राशि

मेष राशि के लोगों को धन के मामले में सतर्क रहने की जरूरत है। आपके लिए यह समय औसत रहने वाला है। आपकी आमदनी में कमी आने की आशंका है। आपके लिए धन कमा पाना बहुत मुश्किल रहने वाला है। आपका पैसा बेकार की चीज़ों पर खर्च हो सकता है और आपको धन की हानि होने का भी डर है। आपको इस दौरान पैसों को लेकर बहुत ज्‍यादा सावधान रहने की जरूरत है। आपको अपने पैसों को बहुत संभालकर रखना होगा।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों को मंगल के गोचर के दौरान धन की हानि होने की आशंका है। आपको धन से जुड़ा कोई भी फैसला बिना सोचे-समझे नहीं लेना है वरना आपको पैसों का नुकसान हो सकता है। आपकी लापरवाही की वजह से कोई बड़ा नुकसान होने की आशंका है। आप एक-एक रुपए को बहुत सोच-समझकर खर्च करें क्‍योंकि आगे चलकर आपकी परिस्थिति और ज्‍यादा खराब हो सकती है। इसके विपरीत, यह जातक अप्रत्याशित स्रोतों जैसे पैतृक संपत्ति और अन्य माध्यमों से लाभ कमाने में सक्षम होंगे।

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कन्‍या राशि

आर्थिक जीवन में कन्‍या राशि के लोगों को पैसा कमाने में दिक्‍कत हो सकती है। इस दिशा में आपको कई तरह की दिक्‍कतें होने की भी संभावना है। आपके लिए अपने खर्चों को पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा और इस स्थिति में आप पैसों की बचत भी नहीं कर पाएंगे। आपके खर्चे भी बढ़ जाएंगे जिसकी वजह से आपको तनाव होने की आशंका है। पैसों की तंगी को देखकर आपका मन परेशान हो सकता है और आप निराश हो सकते हैं।

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तुला राशि

मंगल के मीन राशि में आने पर तुला राशि के लोगों की धन कमाने की सारी कोशिशें व्‍यर्थ होने वाली हैं। आप पैसे तो कमाएंगे लेकिन बचत करने में पीछे रह जाएंगे। आप जितना भी पैसा कमाएंगे, उससे आपको संतुष्टि नहीं मिल पाएगी और अपनी आय में गिरावट को देखकर आपका मन बेचैन हो सकता है। आपके लिए अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। आपको अपने फिजूल के खर्चों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है वरना आपको हो रही पैसों की तंगी और ज्‍यादा बढ़ सकती है।

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मकर राशि

अगर आपकी मकर राशि है, तो आपको पैसों के मामले में थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है। बहुत प्रयास करने के बाद भी आप अधिक पैसा कमाने में असफल रहेंगे और कम आय होने की वजह से आप पैसों की बचत भी नहीं कर पाएंगे। पारिवारिक जिम्‍मेदारियां बढ़ने के कारण आपके खर्चों में भी वृद्धि होने की आशंका है। आपके लिए बचत करना भी मुश्किल होने वाला है। यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं है।

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वृश्चिक राशि

मंगल का गोचर वृश्चिक राशि के लोगों पर भी भारी पड़ने वाला है। आप धन से संबंधित किसी फैसले को लेकर कंफ्यूज़ हो सकते हैं। वहीं आपके बढ़े हुए खर्चे भी आपको परेशान कर सकते हैं। आप जो भी कमाएंगे, वो सारा पैसा खर्च हो जाएगा और इस वजह से आपको पैसों की बचत करने में परेशानी आएगी। अगर आपकी वृश्चिक राशि है, तो आप मंगल के गोचर के दौरान संभलकर रहें और छोटे-छोटे फैसलों में भी सावधानी बरतें। ध्‍यान रखें कि आपका छोटा-सा गलत फैसला भी आपके ऊपर भारी पड़ सकता है।

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सूर्य के मेष राशि में गोचर से, इन जातकों की चमक उठेगी किस्मत!

सभी ग्रह एक अवधि के बाद अपनी राशि में बदलाव करते हैं। इसी क्रम सूर्य गोचर करने जा रहे हैं सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहते हैं और जिस दिन सूर्य राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस बार सूर्य मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं इसलिए इस दिन मेष संक्रांति का उत्सव मनाया जाएगा। सूर्य का मेष राशि में गोचर होने पर सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। कुछ राशियों की की सैलरी बढ़ सकती है तो कुछ जातकों को व्यापार में वृद्धि देखने को मिलेगी, तो वहीं कुछ जातकों को उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि सूर्य के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: तिथि व समय

नवग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का मेष राशि में गोचर 13 अप्रैल 2024 की रात 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। सूर्य ग्रह का यह गोचर सभी 12 राशियों समेत देश-दुनिया को प्रभावित करेगा। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य का मेष राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस गोचर के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए हम आपको कुछ सरल एवं अचूक उपायों से भी अवगत कराएंगे। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं मेष राशि में सूर्य किस प्रकार के परिणाम देते हैं।

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मेष राशि में सूर्य

ज्योतिष के अनुसार, मेष राशि में सूर्य का गोचर बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, सूर्य महाराज जब मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो यह ऊर्जा, उत्साह और नई शुरुआत का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि मेष एक उग्र राशि है जिसके आधिपत्य देव मंगल हैं। ऐसे में, यह जीवन शक्ति और प्रेरणा आदि को दर्शाती है। कुंडली में मेष राशि में यदि सूर्य होता है तो जातक गौरवमयी, पराक्रमी बलवान तो बनता ही है साथ ही वह राजाओं की तरह जीवन जीता है। ऐसे जातक व्यापार के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ऐसे लोग आवेगी होते हैं और उनके पास अतिरिक्त ऊर्जा होती है। वे दृढ़ इच्छाशक्ति वाले होते हैं और कठिन से कठिन समय में जीवित रहने की सहनशक्ति रखते हैं। ये जातक चुनौती से कभी पीछे नहीं हटते बल्कि डटकर उसका सामना करते हैं। 

बता दें कि मेष एक उग्र राशि है जिसके आधिपत्य देव मंगल हैं। ऐसे में, यह जीवनशक्ति और प्रेरणा आदि को दर्शाती है। सूर्य के मेष में प्रवेश के दौरान जातक कार्यों को संपन्न करने की दिशा में कदम उठाने और अपने लक्ष्यों को दृढ़ संकल्प के साथ पाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं। ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त किए हार नहीं मानते हैं। ये अपना सारा ध्यान दूसरे से आगे निकलने और खुद को साबित करने में लगाते हैं। ये इतनी दृढ़ता से काम करते हैं कि अपने हर प्रयास में सफलता अर्जित करते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व

ज्योतिष में सूर्य का विशेष महत्व है। यह हर महीने अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव को मान-सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता का कारक माना जाता है, जिन्हें  सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। सूर्यदेव मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के होते हैं। हिन्दू ज्योतिष में सूर्य ग्रह जब किसी राशि में प्रवेश करता है तो वह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय होता है। इस दौरान लोग आत्म शांति के लिए धार्मिक कार्यों का आयोजन कराते हैं तथा सूर्य की उपासना करते हैं। जब कुंडली में सूर्य महाराज शुभ भाव में बैठे होते हैं, तब वह जातक को अच्छी नौकरी और समाज में प्रसिद्धि, मान- सम्मान आदि प्रदान करते हैं। हालांकि, जब सूर्य शुभ भाव में विराजमान होते हैं, तो उस समय यह ज्यादा शुभ परिणाम नहीं देते हैं क्योंकि यह एक उग्र ग्रह होने की वजह से उस भाव के कारक तत्वों को नष्ट कर देते हैं। 

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मेष राशि का स्वभाव

बात मेष राशि करें तो इस राशि के लिए बहुत अधिक होशियार होते हैं और ये अपना काम निकलवाना अच्छे से जानते हैं। दूसरों के प्रति इनका व्यवहार अच्छा रहता है। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बहुत अधिक जोशीले होते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिद्दी भी होते हैं। ये अपना अपमान बर्दाश्त नहीं करते हैं। इस राशि के लोग अच्छे मित्र और प्रेमी होते हैं। एक बार किसी के हो जाते हैं, तो उसे अपना सब कुछ मान बैठते हैं। ये लोग कपड़े, फर्निचर और पुस्तकों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं इसके परिणामस्वरूप इस राशि के जातक साहसी, निडर, पराक्रमी और ऊर्जावान होते हैं। यदि मेष राशि के जातकों की कुंडली में मंगल शुभ हो तो जातक को हर काम में सफलता मिलती है। ऐसे जातकों को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

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कुंडली में सूर्य के कमज़ोर होने के संकेत

अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है तो आपके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानें आपके जीवन में मिलने वाले संकेतों के बारे में।

  • यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपको इच्छाशक्ति में कमी महसूस हो सकती है और ऐसा हो सकता है कि आपका किसी काम में मन न लगे, जिसके चलते आपको असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
  • कमज़ोर सूर्य की वजह से आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। अगर आप कोई भी काम करते हैं और आपको उस पर भरोसा नहीं होता है कि वह सही है या गलत, तो ये कमजोर सूर्य की वजह से भी हो सकता है।
  • यदि आप किसी काम को करने का ज्यादा प्रयास ही नहीं करते हैं तो ये आपकी कुंडली में कमजोर सूर्य की स्थिति का संकेत हो सकता है। कमज़ोर सूर्य की इस बात को भी दर्शाता है कि यदि आप कोई काम शुरू कर रहे हैं तो उसे पूरा करने की बजाए बीच में ही छोड़ देते हैं। 
  • कुंडली में यदि सूर्य कमज़ोर है तो आप किसी भी काम के लिए आत्मनिर्भर नहीं होंगे। ऐसा भी हो सकता है कि आपको हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़े या दूसरों की सलाह की आवश्यकता पड़े और आप खुद के लिए सही निर्णय न ले पाएं।
  • सूर्य पिता के कारक हैं, ऐसे में यदि आपका अपने पिता से रोजाना बहस या विवाद हो रहा है तो और आप उनके निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो ये कमजोर सूर्य का कारण भी हो सकता है।
  • यदि सूर्य की स्थिति कुंडली में कमजोर है तो आपको बिना वजह स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई ऐसी बीमारी हो जिसका पता लगा पाना मुश्किल हो रहा हो और आप सही इलाज कराने में असमर्थ हो।
  • यदि सोते समय यदि मुंह खुला रहता है और लार गिरती है तो सूर्य ग्रह कमजोर है।

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कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति के संकेत

  • सूर्य शुभ स्थिति होने पर जातक के नाखून खूबसूरत होते हैं और आंखों में चमक होती है।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में हैं तो वह व्यक्ति अपने जीवन में खूब तरक्की प्राप्त करता है और ऊंचे मुकाम को हासिल करता है।
  • ऐसे जातकों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। 
  • कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति को हर तरह की सुख-सुविधा प्राप्त होती है, इन जातकों को कभी भी पैसों और सुख सुविधा की कमी नहीं होती है।
  • ऐसे जातकों को कभी भी धनवान होते हैं।
  • सूर्य की शुभ स्थिति के परिणामस्वरूप जातक को अपने पिता का पूरा सहयोग मिलता है और पिता के आशीर्वाद से ये जातक खूब आगे बढ़ते हैं।

सूर्य मजबूत करने के आसान उपाय

  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन जल में लाल रंग या रोली मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस दौरान “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • यदि आप सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो रविवार के दिन लाल रंग के वस्त्र का दान करें। यदि आप दान नहीं कर सकते हैं, तो रविवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें। इस उपाय को करने से सूर्य देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
  • यदि आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, तो 11 रविवार को सूर्य देव के लिए व्रत रखें और पूजा पाठ करें।
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य करें। इसके अलावा, रविवार के दिन भी दान कर सकते हैं। रविवार के दिन गुड़ का दान अवश्य करें।
  • यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हैं तो ऐसी स्थिति में जब भी घर से बाहर जाएं थोड़ा सा मीठा खाकर निकलें। ऐसा करने से कमज़ोर सूर्य को मजबूती मिलती है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

करियर की बात करें, तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए ऊर्जा और प्रेरणा लेकर लाएगा। इस अवधि में आप दृढ़ता और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

कुंडली में चौथा भाव विलासिता, सुख-सुविधाओं और ख़ुशियों का होता है जबकि बारहवां भाव असुविधा और धन हानि का होता है(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

करियर की बात करें तो, सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लाभ और इच्छाओं के भाव में हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

करियर की बात करें, तो सूर्य का गोचर आपके दसवें भाव में होगा जो आपके करियर में वृद्धि लेकर आएगा। इस अवधि में आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा और ऐसे में(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

करियर को देखें, तो सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए शानदार रहेगा क्योंकि यह आपके लिए वेतन में वृद्धि, पदोन्नति और तरक्की के अनेक अवसर लेकर आएगा(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

बारहवें भाव में सूर्य का गोचर आपके करियर में समस्याएं और बाधाएं देने का काम कर सकता है। आपके ऊपर काम का बढ़ता बोझ और लापरवाही की वजह से काम में गलती हो सकती है(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

इस राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर आपके सातवें भाव में होगा और ऐसे में, यह आपके करियर में चुनौतियां लेकर आ सकता है, विशेषकर सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

करियर के लिए सूर्य का मेष राशि में गोचर उन्नति लेकर आएगा और यह तरक्की आपको काम में की गई मेहनत के लिए पदोन्नति, वेतन में बढ़ोतरी आदि के रूप में मिल सकती है(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

करियर के लिहाज़ से, सूर्य का मेष राशि में गोचर धनु राशि वालों के करियर के लिए फलदायी रहने का अनुमान है। पांचवें भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

सूर्य का मेष राशि में गोचर करियर के क्षेत्र में समस्याएं और परेशानियां लेकर आ सकता है। हालांकि, चौथे भाव में सूर्य की स्थिति स्थिरता, सुख-सुविधाओं और पारिवारिक जीवन का(विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

करियर की बात करें, तो इस राशि के जातक काम में जो भी प्रयास करेंगे, उसमें उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम होंगे। साथ ही(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

सूर्य का मेष राशि में गोचर करियर के क्षेत्र में समस्याएं और परेशानियां लेकर आ सकता है। इन जातकों को कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी नौकरी में अपने लक्ष्यों को पाने में बाधाओं से(विस्तार से पढ़ें)

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चैत्र नवरात्रि पाँचवाँ दिन: विवाह में आ रही है अड़चन तो इस दिन अवश्य करें ये अचूक उपाय!

और देखते-देखते आ चुका है नवरात्रि का पांचवा दिन। नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी के स्वरूप के नाम का अर्थ देखें तो स्कंद का मतलब होता है भगवान कार्तिकेय और मां का मतलब होता है माता। अर्थात यह माता का यह स्वरूप स्कंद देव की माता है। 

आज अपने इस खास ब्लॉग में हम नवरात्रि की पांचवें दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे इस दिन मां को किस वस्तु का भोग लगाया जा सकता है जिससे व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त हो। इसके अलावा जानेंगे इस दिन की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ और पूजा महत्व क्या है, मां का स्वरूप कैसा है और इस दिन क्या कुछ उपाय करके आप स्कंदमाता देवी का शुभ प्रभाव अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।

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मां स्कंदमाता का स्वरूप

सबसे पहले बात करें मां का स्वरूप कैसा है तो कहा जाता है की देवी स्कंदमाता की चार भुजाएं होती है जिसमें से देवी ने दो हाथों में कमल, एक हाथ में कार्तिकेय भगवान को लिया हुआ है और एक हाथ अभय मुद्रा में है। देवी स्कंदमाता कमल पर भी विराजमान होती है जिसके चलते इनका एक नाम पद्मासना भी है।

कहा जाता है की माता की पूजा करने से भक्तों को सुख और ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। जो कोई भी भक्त देवी की सच्चे मन से पूजा करता है उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा देवी के स्वरूप को अग्नि देवी के रूप में भी जाना जाता है।

मां स्कंदमाता की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

अब बात करें देवी की पूजा के ज्योतिषीय संदर्भ की तो ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में अगर किसी की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर अवस्था में है या पीड़ित अवस्था में है तो देवी की पूजा करने से उन्हें बुध ग्रह से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं साथ ही बुध ग्रह के दुष्प्रभाव जीवन में कम होने लगते हैं।

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मां स्कंदमाता की पूजा महत्व 

बात करें मां स्कंदमाता की पूजा के से मिलने वाले महत्व की तो, कहा जाता है की मां दुर्गा के सभी नौ रूपों में स्कंदमाता स्वरूप सबसे ममतामई है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान की असीमित प्राप्ति होती है।

इसके अलावा कहा जाता है कि जो कोई भी भक्त संतान हीन है या संतान के अभिलाषा रखते हैं वह अगर सच्चे मन से नवरात्रि के पांचवें दिन का व्रत करें, मां की पूजा पाठ करें तो उनकी सूनी गोद जल्दी भर जाती है। इसके अलावा मां अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं उनके जीवन से कष्ट को दूर करती हैं।

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मां स्कंदमाता को अवश्य लगाएँ ये भोग 

अब बात करें मां के प्रिय भोग की तो कहा जाता है कि माँ के इस स्वरूप को पीले रंग की वस्तुएं सबसे ज्यादा प्यारी होती है। ऐसे में इस दिन आप माता को पीले रंग के फल, पीले रंग के मिठाई भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो केसर की खीर का भोग भी माँ को लगा सकते हैं। अगर आप विद्या या फिर बुद्धि के लिए मां की पूजा कर रहे हैं तो इस दिन मां को पांच हरी इलायची अवश्य अर्पित करें। साथ ही लौंग का एक जोड़ा भी चढ़ा दे।

देवी स्कंदमाता का पूजा मंत्र

ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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नवरात्रि के पांचवें दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

सर्व बांधा निवारण मन्त्र

सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।

मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।|।

  • अगर परिवार में किसी का विवाह नहीं हो पा रहा है या कोई रुकावट आ रही है तो इसे दूर करने के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन 36 लौंग और 6 कपूर का टुकड़ा ले लें। इसमें हल्दी और चावल मिलाकर मां दुर्गा को आहुति दें। आहुति से पहले ऊपर दिया गया बाधा निवारण मंत्र का जाप अवश्य करें। 
  • संतान प्राप्ति की कामना है तो लौंग और कपूर में अनार के दाने मिलकर मां दुर्गा को आहुति दें। इससे पहले पांच माला बाधा निवारण मंत्र जरूर पढ़ें। 
  • अगर व्यवसाय सही ढंग से नहीं चल पा रहा है तो लौंग और कपूर में अमलतास के फूल मिला लें या तो कोई भी पिला फूल मिल सकते हैं फिर मां दुर्गा को आहुति दें। 
  • अगर परिवार में किसी को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी है तो 152 लौंग 42 कपूर के टुकड़े लेकर इसमें नारियल की गिरी, शहद और मिश्री मिलाकर हवन करें। आहुति से पहले सामग्री पर बाधा निवारण मंत्र की पांच माला का जाप करें। 
  • अगर संपत्ति से संबंधित कोई परेशानी है तो आप लौंग और कपूर में गुड़ और खीर मिलकर मां दुर्गा को आहुती दें। इससे पहले सामग्री पर बाधा निवारण मंत्र की दो माला का जाप करें। 
  • नवरात्रि के दौरान पीपल के पेड़ की मिट्टी अपने घर में ले आयें। इसके आगे दीपक जलाएं। अगले दिन मिट्टी को वापस पीपल के पेड़ के नीचे डाल दें। ऐसा करने से कार्य में आ रही रुकावटें दूर होती है। 

क्या यह जानते हैं आप

कहा जाता है कि माँ स्कंदमाता की पूजा करने या उनसे संबंधित कथा पढ़ने या सुनने मात्र से भी संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा स्कंदमाता की कृपा से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञानी हो सकता है। कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत तक रचनाएं मां स्कंदमाता की कृपा से ही मुमकिन हो पाई है।

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इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां स्कंदमाता की पूजा 

बात करें विशेष रूप से किंहें मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए तो जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हैं, विवाह में रुकावटें आ रही हैं या फिर संतान प्राप्ति से संबंधित दिक्कतें जीवन में बनी हुई है उन्हें विशेष रूप से देवी स्कंदमाता की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

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मां स्कंदमाता से संबंधित पौराणिक कथा 

माँ स्कंदमाता से जुड़ी प्राचीन कथा के अनुसार कहा जाता है कि एक बार तारकासुर नामक राक्षस का आतंक बहुत बढ़ गया था लेकिन इस असुर का कोई भी अंत नहीं कर सकता था क्योंकि भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के हाथों ही उसका अंत होना मुमकिन था। ऐसे में मां पार्वती ने अपने पुत्र स्कंद यानी कार्तिकेय देव को युद्ध के लिए तैयार किया करने के लिए स्कंदमाता का रूप धारण किया। स्कंदमाता से युद्ध का प्रशिक्षण लेने के बाद भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया।

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साप्ताहिक राशिफल (15 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2024): किन राशियों की चमकेगी किस्मत और किनकी बढ़ेगी परेशानी?

साप्ताहिक राशिफल 15 अप्रैल से 21 अप्रैल 2024: एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है जिसमें आपको साप्ताहिक राशिफल 15 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2024 की जानकारी प्राप्त होगी। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि अप्रैल का यह सप्ताह राशि चक्र की 12 राशियों के लिए कैसे परिणाम लेकर आएगा। साथ ही, इस राशिफल की मदद से कैसे आप इस सप्ताह को बेहतर बना सकते हैं, तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।

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साप्ताहिक राशिफल 15 अप्रैल से 21 अप्रैल, 2024: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। अच्छे समाचार और अच्छी ऊर्जा आपको यह अवधि दे सकती है जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से लेकर 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम थोड़े कमजोर रह सकते हैं। हालांकि, चंद्रमा अपनी राशि में रहेगा और ऐसे में धैर्य के साथ काम करने पर परिणाम संतोषप्रद भी रह सकते हैं।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर रह सकते हैं। विशेषकर मित्रों से संबंधित काम और शिक्षा से संबंधित लाभ अनुकूल दिशा में रहेंगे।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। इसके बावजूद भी चंद्रमा पर राहु-केतु के प्रभाव को देखते हुए आवेगी होकर काम करने से बचना होगा। ऐसा करने से सामान्य तौर पर आप अच्छी स्थिति में रह सकते हैं।

उपाय: मंदिर जाकर भगवान के चरणों में दंडवत प्रणाम करना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। आत्मविश्वास के साथ काम करने की स्थिति में आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से लेकर 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम काफ़ी शानदार रह सकते हैं। यात्राओं के माध्यम से लाभ और अच्छी खबरें सुनने के मौके मिल सकते हैं।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य का समय कुछ हद तक कमजोर रह सकता है। अतः इस अवधि में धैर्य के साथ काम करना बहुत जरूरी होगा। कही सुनी बातों पर यकीन करने की बजाय तथ्यों तक पहुंचने की कोशिश करें।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको तुलनात्मक रूप से बेहतर किंतु मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। मन की बेचैनी को शांत करके अपनों के लिए समय निकालने पर परिणाम अनुकूल मिल सकते हैं।

उपाय: यदि घरेलू स्तर पर दूध या दूध के बने उत्पादों का व्यापार करते हैं, संभव हो, तो कम से कम इस सप्ताह ऐसा करने से बचें। 

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मिथुन राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। न केवल काम बनने के योग बन रहे हैं बल्कि मानसिक प्रसन्नता के भी अच्छे योग प्रतीत हो रहे हैं। साथ ही, 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य अपनी राशि का चंद्रमा आपको आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अच्छी संतुष्टि दे सकता है।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम काफ़ी हद तक अनुकूल रह सकते हैं। संतुलित आत्मविश्वास के साथ किए गए प्रयास अच्छी सफलता दिलाने में मददगार बनेंगे।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको परिणाम कुछ हद तक कमजोर मिल सकते हैं। इस समय मन में एक अजीब सी बेचैनी रह सकती है। बेहतर होगा कि इस दौरान महत्वपूर्ण निर्णय को कुछ समय के लिए टाल दें।

उपाय: दादाजी या किसी बुजुर्ग के साथ मंदिर जाएं और वहां पर उनका आशीर्वाद लें। 

कर्क राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपके लिए कुछ कमजोर रह सकता है। राशि स्वामी का द्वादश में जाना स्वास्थ्य और आर्थिक मामलों के लिए भी थोड़ा कमजोर रह सकता है। जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। पिछली समस्याओं से छुटकारा तो मिल जाएगा। साथ ही, नई योजनाओं के बनने से नया उत्साह भी देखने को मिलेगा।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम मिले-जुले रह सकते हैं। संयमित वाणी लाभ दिलाने का काम करेगी और समझदारी भरा निवेश भी फायदेमंद रह सकता है।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं, लेकिन राहु-केतु के प्रभाव को देखते हुए सावधानी के साथ आगे बढ़ना जरूरी रहेगा।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

सिंह राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। आर्थिक मामलों में अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। साथ ही, दूर के स्थान से जुड़े मामले भी अनुकूल रह सकते हैं जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम थोड़े कमजोर रह सकते हैं। अतः बेकार के खर्चों को रोकने की कोशिश करें और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम काफ़ी हद तक आपके फेवर में रह सकते हैं। दूर की यात्राएं फायदेमंद रहेंगी। पिछले दिनों से चला आ रहा तनाव अब दूर होने लग जाएगा।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। इस अवधि में वाणी पर संयम रखना बहुत जरूरी होगा। साथ ही, उचित खान-पान अपनाना होगा और ऐसा करने की स्थिति में कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी।

उपाय: माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करें। 

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कन्या राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम दे सकता है। विशेषकर कार्यक्षेत्र और सामाजिक जीवन से जुड़े मामलों में आप सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे। साथ ही, 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य भी परिणाम अनुकूल रह सकते हैं। विभिन्न माध्यमों से लाभ प्राप्त होगा।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम कमजोर रह सकते हैं। काम बनते बनते रुक सकते हैं। अतः इस दौरान कोई नया प्रयोग करने से बचें और बेकार के खर्चों को रोकने की कोशिश करें।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। यदि आप अपने जज्बातों को नियंत्रण में रखेंगे और निष्ठापूर्वक अपना काम करेंगे, तो आपको अधिकांश मामलों में सफलता मिल सकेगी।

उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा। 

तुला राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकता है। मन में अध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ सकता है और वरिष्ठों का सहयोग फायदेमंद रह सकता है जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य का समय लगभग पूरी तरह ही आपका फेवर करना चाहेगा। कार्यक्षेत्र से जुड़े मामले हो या फिर सामाजिक पद-प्रतिष्ठा से संबंधित मामले, इनमें आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य का समय आपको विविध प्रकार के लाभ करवा सकता है। आर्थिक मामलों में विशेष अनुकूलता देखने को मिल सकती है। किए गए प्रयत्न सफलता देने का काम करेंगे।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको कमजोर परिणाम मिल सकते हैं। अतः इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क लेने से बचें। साथ ही, अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रखें।

उपाय: तामसिक चीज़ें जैसे कि मांस, मदिरा, आदि से बचें और अपना चरित्र स्वच्छ बनाए रखें। 

वृश्चिक राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपके लिए कमजोर रह सकता है। किसी भी मामले में रिस्क नहीं लेना है, परंतु 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से लेकर 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। अपनी राशि का चंद्रमा भाग्य का अच्छा साथ दिलाने में मददगार बनेगा। साथ ही, वरिष्ठों का मार्गदर्शन भी आपके लिए हितकारी सिद्ध होगा।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम काफ़ी अच्छे रह सकते हैं। आप अपने टारगेट को आसानी से पूरा कर सकेंगे। वरिष्ठों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे और सामाजिक प्रतिष्ठा के दृष्टिकोण से भी यह अवधि अनुकूल कही जाएगी।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं, फिर भी राहु-केतु के प्रभाव के चलते थोड़ी सावधानी के साथ आगे बढ़ने पर परिणाम अच्छे मिलेंगे।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लें। 

धनु राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपके लिए काफ़ी अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है। विशेषकर साझेदारी का मामले के लिए समय अच्छा रहेगा जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य अपनी राशि का होते हुए भी चंद्रमा आपको अनुकूल परिणाम दिलाने में असमर्थ रह सकता है। अत: इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क बिल्कुल नहीं लेना है।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम तुलनात्मक रूप से बेहतर रह सकते हैं। यदि आपने निष्ठापूर्वक काम किया, तो भाग्य का साथ मिलने के कारण आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकेंगे।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सावधानी और निष्ठा के साथ आगे बढ़ने पर न केवल आपके कामों के संपन्न होने के योग मजबूत होंगे बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी आप स्वयं को बेहतर और मजबूत स्थिति में पाएंगे।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें। 

मकर राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको काफ़ी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आप प्रतिस्पर्धात्मक मामलों में अच्छा कर सकते हैं। साथ ही, 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य भी आप अनुकूल परिणाम प्राप्त करते रहेंगे। साझेदारी के कामों में अच्छा लाभ मिल सकता है। दांपत्य जीवन भी अनुकूल रहने की संभावना है।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम कमजोर रह सकते हैं। अत: इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है, खासकर घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में तो बिल्कुल ही नहीं लेना है।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको राहत भरे परिणाम मिल सकते हैं। पुरानी समस्याएं दूर होने लग जाएंगी और वरिष्ठों के मार्गदर्शन से आप नए रास्ते पर बेहतर स्फूर्ति के साथ बढ़ सकेंगे।

उपाय: किसी पूर्वज के निमित्त अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन करवाएं। 

कुंभ राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपको एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर परिणाम दे सकता है। प्रेम प्रसंग और शिक्षा से संबंधित मामलों में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से लेकर 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम लगभग पूरी तरह से आपके फेवर में रह सकते हैं। इस समय आप कठिन कामों को भी बड़े प्यार से संपन्न कर सकेंगे।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम आपके फेवर में ही रहने चाहिए। आपका पराक्रम और आपका आत्मविश्वास आपको विभिन्न मामलों में सफलता दिलाने का काम कर सकता है।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको कमजोर परिणाम मिल सकते हैं। अतः इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है, विशेषकर दांपत्य संबंधी मामलों में। साथ ही, साझेदारी के कामों में बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें। 

मीन राशि

सप्ताह का पहला दिन यानी कि 15 अप्रैल का दिन उस पर भी शाम 8 बजकर 40 मिनट तक का समय आपके लिए कुछ हद तक कमजोर रह सकता है। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों को लेकर कुछ चिंताएं रह सकती हैं जबकि 15 अप्रैल की शाम 8 बजकर 40 मिनट से 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे के मध्य परिणाम एवरेज या फिर एवरेज से बेहतर भी रह सकते हैं। अपनी राशि का चंद्रमा आत्मीय आनंद देकर तनाव को दूर करने में मददगार बनेगा।

वहीं, सप्ताह के मध्य भाग अर्थात 18 अप्रैल की सुबह 8:00 बजे से लेकर 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट के मध्य परिणाम पूरी तरह आपके फेवर में रह सकते हैं। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे। इन सभी कामों में परिजनों का सहयोग भी विशेष रह सकता है।

सप्ताहांत अर्थात 20 अप्रैल की शाम 8 बजकर 50 मिनट से लेकर 21 अप्रैल के बीच आपको काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। आप दैनिक रोजगार के कामों में अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे, लेकिन राहु-केतु तथा मंगल का प्रभाव चंद्रमा पर होने के कारण स्वयं को आवेगी होने से बचाना होगा और मन को शांत रखना होगा। 

उपाय:  भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना शुभ रहेगा। 

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मंगल की कृपा से टूट जाएगा इन राशियों का घर, पति-पत्‍नी की होगी खूब लड़ाई

जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसका प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर पड़ता है। गोचर के दौरान किसी को करियर में पदोन्‍नति मिलती है, तो किसी के आर्थिक जीवन में लाभ होता है। हर किसी के लिए गोचर का प्रभाव एवं फल अलग-अलग होता है। इस बार अप्रैल के महीने में मंगल ग्रह का एक प्रमुख गोचर होने जा रहा है। इस गोचर की वजह से कुछ र‍ाशियों के प्रेम जीवन में मुश्किलें आने की आशंका है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि अप्रैल में मंगल का गोचर कब होने जा रहा है।

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कब हो रहा है मंगल ग्रह का गोचर

23 अप्रैल, 2024 को सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मंगल ग्रह मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल उग्र स्‍वभाव वाले ग्रह हैं और अब वह अध्‍यात्‍म की राशि मीन में प्रवेश करने जा रहे हैं।

यदि मंगल कुंडली में मजबूत हो, तो व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। इनका स्‍वास्‍थ्‍य भी बहुत अच्‍छा रहता है और इन्‍हें अपने करियर में सफलता एवं मान-सम्‍मान मिलता है। वहीं, अगर मंगल किसी अशुभ ग्रह जैसे कि राहु या केतु के साथ हो, तो जीवन में कई तरह की समस्‍याएं आती हैं। इनकी सेहत खराब रहती है, तनाव रहता है और समाज में मान-सम्‍मान में भी कमी आती है। इसके साथ ही इन लोगों को धन हानि होने का भी डर रहता है।

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इस बार मंगल का मीन राशि में प्रवेश करना कुछ राशियों के जातकों के प्रेम जीवन में मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

इन लोगों की लव लाइफ होगी खराब

मेष राशि

मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर जिन राशियों की लव लाइफ में मुश्किलें आने वाली हैं, उसमें सबये पहले मेष राशि का नाम आता है। आपके रिश्‍ते में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। आपके लिए अपने रिश्‍ते में मधुरता को बनाए रखना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। आप दोनों की एक-दूसरे से बातचीत भी कम हो सकती है और आप निराश एवं दुखी महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल भी कम रहने वाला है। आपको इस समय धैर्य से काम लेने और अपने जीवनसाथी के साथ सामंजस्‍य बिठाने की सलाह दी जाती है।

मेष साप्ताहिक राशिफल         

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सिंह राशि

अगर आपकी सिंह राशि है, तो 23 अप्रैल को मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर आपको सावधान रहना चाहिए। आप अपने जीवनसाथी से बात करते समय अपने शब्‍दों पर थोड़ा नियंत्रण रखें। आपके मुंंह से कोई ऐसी बात निकल सकती है, जिससे आपके रिश्‍ते में दरार आने की आशंका है। आपकी छोटी-सी लापरवाही भी आपके रिश्‍ते को खराब कर सकती है। आपको पार्टनर ही नहीं बल्कि अपने घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ भी थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

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तुला राशि

तुला राशि के लोगों के लिए इस समय अपने और अपने पार्टनर के बीच सुख-शांति को कायम रखना मुश्किल हो जाएगा। आप दोनों के बीच अहंकार से संबंधित समस्‍याएं हो सकती हैं। आपको अपने जीवनसाथी से किसी भी तरह की बहस नहीं करनी है। आप दोनों छोटी-छोटी बातों पर झगड़ सकते हैं। आपके लिए अपने रिश्‍ते में प्‍यार को बनाए रखना कठिन होने वाला है। तुला राशि वाले अपने पार्टनर का ख्याल रखें और उनसे कोई भी गलत बात न कहें। इससे आपके और आपके पार्टनर का रिश्‍ता मजबूत हो सकता है।

तुला साप्ताहिक राशिफल

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लोगों का अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिगड़ सकता है। आपको लग सकता है कि आपको अपने जीवनसाथी के साथ प्रति अपने व्‍यवहार में बदलाव करने की आवश्‍यकता है। मंगल की वजह से आप दोनों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। आपका अहंकार आप दोनों के प्‍यार पर भारी पड़ सकता है। आपके लिए अपने रिश्‍ते में मधुरता और प्रेम को बनाए रखना मुश्किल होगा। आप अपने पार्टनर पर भरोसा करने की कोशिश करें।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

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मकर राशि

मकर राशि के लोग अपने प्रेम जीवन में सोच-समझकर कदम उठाएं। आप दोनों के बीच मधुरता कम रहेगी और बात-बात पर खटपट होगी। आप दोनों के बीच आपसी समझ की कमी की वजह से समस्‍याएं होने की आशंका है। आपके अंदर अहंकार बढ़ सकता है और आप दोनों की छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई हो सकती है।

 मकर साप्ताहिक राशिफल

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अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2024

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2024: यह सप्‍ताह अलग-अलग मूलांक के लोगों के लिए कई बेहतरीन अवसर लेकर आएगा। अगर आप अपने मूलां‍क के आधार पर अपने प्रेम जीवन, करियर, सेहत या आर्थिक स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस ब्‍लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। इस लेख में हमारे अनुभवी अंकज्योतिषी और ज्योतिषाचार्य हरिहरन जी ने मूलांक के आधार पर अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 14 अप्रैल से 20 अप्रैल के लिए सटीक भविष्‍यवाणी प्रदान की है।

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला साल? विद्वान ज्योतिषियों से जानें इसका जवाब

कैसे जानें अपना रूट नंबर या मूलांक? 

आप अपनी जन्‍म की तारीख को एकल संख्‍या में बदल कर अपनी रूट संख्‍या या मूलांक जान सकते हैं। रूट नंबर 1 से लेकर 9 के बीच होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका जन्‍म महीने की 11 तारीख को हुआ है, तो आपका रूट नंबर 1+1, यानी कि 2 होगा। इस तरह अपना रूट नंबर जानकर अपना राशिफल जान सकते हैं।

जानें अपना मूलांक आधारित साप्ताहिक राशिफल (14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2024)

हमारे जीवन पर अंकज्‍योतिष का बहुत प्रभाव पड़ता है क्‍योंकि हमारी जन्‍म तिथि ही अंकों से बनी होती है। आपकी जन्‍म तिथि के आधार पर ही आपका मूलांक या रूट नंबर तय होता है। अपना रूट नंबर जानने के बाद आप अंकज्‍योतिष के अंतर्गत अपने बारे में काफी कुछ जान सकते हैं और अपने भविष्‍यफल की जानकारी भी ले सकते हैं।

1 अंक के स्‍वामी सूर्य हैं और 2 अंक का चंद्रमा, 3 का बृहस्‍पति, 4 का राहु, 5 का बुध, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 अंक के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। इन ग्रहों के गोचर के कारण व्‍यक्‍ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं और इनके द्वारा शासित अंकों का भी हमारे जीवन पर अहम प्रभाव पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि मूलांक के अनुसार 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक का समय आपके लिए कैसा रहेगा।

मूलांक 1

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है)

मूलांक 1 वाले जातक अपने कार्यों में बहुत पेशेवर होते हैं और बड़े या महत्‍वपूर्ण निर्णय लेते समय अपने उच्‍च मूल्‍यों का उपयोग कर सकते हैं। इन लोगों में गजब की प्रशासनिक क्षमता पाई जाती है और अपने इस गुण की वजह से ये तेजी से आगे बढ़ते हैं। मूलांक 2 के जातक राजाओं जैसा व्यक्तित्व रखते हैं और उनके जीवन में सब कुछ वैसे ही होता भी है। यह मूलांक 1 के जातकों की सबसे बड़ी विशेषता भी मानी जाती है। इन जातकों को काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। ये बड़े और मुश्किल कामों को करने में माहिर होते हैं। ये बिना सोचे-समझे काम करते हैं जिसकी वजह से इनके सामने मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं। इन लोगाें को घूमना-फिरना बहुत पसंद होता है और इनके मन में यही चलता रहता है।

प्रेम जीवन: आपको अपने प्रेम जीवन में मनचाहे परिणाम न मिल पाने की संभावना है और इस समय आपका रिश्‍ता ज्‍यादा प्रभावी नहीं रहेगा। आप दोनों के बीच आपसी समझ कम होने की वजह से विचारों में मतभेद आ सकते हैं और इसके कारण आपके रिश्‍ते में बाधाएं भी उत्‍पन्‍न हो सकती हैं।

शिक्षा: अगर आप मास्‍टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंशियल अकाउंटिंग जैसे किसी प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, तो इस समय सफलता पाने के लिए आपको और ज्‍यादा ध्‍यान लगाने और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। आपको पढ़ाई के मामले में प्रोफेशनल कोचिंग भी लेनी पड़ सकती है। इसकी मदद से आप पढ़ाई में पीछे रहने से बच सकते हैं और यह कोचिंग आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

पेशेवर जीवन: बात करें नौकरी पेशा जातकों की तो इस सप्ताह आपको कार्यक्षेत्र में थोड़ी थकावट महसूस हो सकती है। आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ने की भी आशंका है और इसकी वजह से आप नाखुश रह सकते हैं। आपको अपने काम को लेकर अधिक पेशेवर तरीके से योजना बनाकर चलने की जरूरत है। आपके लिए कार्यक्षेत्र में सफलता पाने का यही एकमात्र तरीका है। इस सप्‍ताह आपके हाथ से नए प्रोजेक्‍ट के अच्‍छे अवसर छूट सकते हैं। वहीं व्‍यापारियों को इस समय ज्‍यादा अच्‍छा मुनाफा न होने के संकेत हैं और इन्‍हें कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में यह सप्‍ताह आपके लिए ज्‍यादा शानदार नहीं रहने वाला है। आपके अंदर इम्‍यूनिटी और स्‍वास्‍थ्‍य मानकों की कमी भी हो सकती है। इसकी वजह से आपकी ऊर्जा में कमी आ सकती है जिसकी आपको इस समय सख्‍त जरूरत है। आपको इस सप्‍ताह तेज जुकाम होने की आशंका है। इसके कारण आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है। आपको पैरों और जोड़ों में भी दर्द हो सकता है। स्‍वस्‍थ रहने के लिए आपको प्रार्थना और ध्‍यान करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: आप रोज़ 19 बार ‘ॐ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें।

सभी बारह राशियों का सबसे विस्तृत 2024 फलादेश: राशिफल 2024

मूलांक 2

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक अपने करीबी लोगों और परिवार के सदस्‍यों के साथ बहस कर के अपने लिए ही परेशानियां खड़ी कर लेते हैं। अपने इस रवैये के कारण मूलांक 2 वाले जातक इस अवधि में अकेले रहने की कोशिश कर सकते हैं। कभी-कभी इन लोगों का दिमाग अस्थिर हो सकता है और यह इनके लिए कुछ बड़ा हासिल करने में रुकावट बन सकता है। कभी-कभी इन लोगों की सोच बहुत सीमित हो सकती है और ये ज्‍यादा खुले विचारों वाले नहीं रहते हैं। इससे इनकी प्रगति के मार्ग में बाधा आ सकती है।

प्रेम जीवन: इस समय आपकी अपने पार्टनर के साथ बहस होने के संकेत हैं। परिवार में चल रही समस्‍याओं की वजह से ऐसा हाे सकता है और इन्‍हें लेकर आप परेशान हो सकते हैं। इस विकट परिस्थिति में आपको धैर्य से काम लेने की जरूरत है और अपने आसपास चल रहे मुद्दों के फायदे-नुकसान के बारे में सोचकर उनका सही समाधान निकालने पर विचार करें।

शिक्षा: पढ़ाई के संबंध में इस दौरान आपको एकाग्रता की कमी देखने को मिलेगी और इसकी वजह से आपने अब तक जो भी पढ़ा है, उसे याद रख पाने में आपको दिक्‍कत आ सकती है। इसके कारण आप सफलता पाने में विफल हो सकते हैं। पढ़ाई के स्‍तर में सुधार लाने के लिए आपको बेहतर क्‍लास लेने पर ध्‍यान देना चाहिए। इसकी मदद से आप शिक्षा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। इस सप्‍ताह आपके लिए परेशानी यही है कि आप जो भी सीखेंगे, वो सब भूल सकते हैं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों के लिए इस सप्‍ताह काम के सिलसिले में अधिक यात्रा करने के योग बन रहे हैं। दुख की बात तो यह है कि आपको इन यात्राओं से अधिक लाभ होने की संभावना कम है। इस समय आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ सकता है इसलिए आप अपने काम को लेकर योजना बनाकर चलें। इससे आपको आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। आपको अपने सहकर्मियों की ओर से भी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है और इसकी वजह से आप बेहतर संभावनाओं की तलाश में नौकरी बदलने के बारे में भी सोच सकते हैं।

सेहत: इस सप्ताह के दौरान आपको गंभीर सर्दी और सिर दर्द परेशान कर सकता है और मुमकिन है कि ऐसा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट की वजह से हो। इस समय साहस में भी कमी आने के कारण आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है। सेहत को दुरुस्‍त करने के लिए आप योग और ध्‍यान की मदद भी ले सकते हैं।

उपाय: रोज़ 108 बार ‘ॐ चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

वर्ष 2024 में कैसा रहेगा आपका स्वास्थ्य? स्वास्थ्य राशिफल 2024 से जानें जवाब

मूलांक 3

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है)

मूलांक 3 वाले जातक खुले विचारों वाले होते हैं। ये धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और धार्मिक नीति पर चलना पसंद करते हैं। इन्‍हें करियर से संबंधित लंबी दूरी की यात्राएं अधिक करनी पड़ती है। अपने निजी जीवन में कभी-कभी इन जातकों को अपने अहंकार की वजह से हार का सामना भी करना पड़ सकता है और ये ज्‍यादा सहयोगी व्‍यवहार वाले नहीं होते हैं। ये जातक महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने में बहुत समझदारी दिखाते हैं और इससे इनके हितों को बढ़ावा मिलता है। अक्सर देखा गया है कि अगर मूलांक 3 के जातक किसी निर्णय पर आगे बढ़ते हैं तो यह उनके करियर की आदि से संबंधित हो सकता है। इस सप्‍ताह आप अपने किसी छिपे हुए कौशल को पहचान सकते हैं जो आपकी क्षमता को बढाने और मुश्किल लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में आपका मार्गदर्शन करेगा।

प्रेम जीवन: आप इस समय अपने प्रेम जीवन में नए रिश्‍ते की शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि, आपको इस समय अपने रिश्‍ते में भावनाओं में बहने के बजाय दिमाग से काम लेने की सलाह दी जाती है। आपके मन में अपने पार्टनर के लिए प्रेमभरी भावनाएं उत्‍पन्‍न होंगी और आप अपने पार्टनर के प्रति अधिक आकर्षण महसूस करेंगे। अपने जीवनसाथी के साथ आपका रिश्‍ता मज़बूत होगा।

शिक्षा: अगर आप मास्‍टर डिग्री और पीएचडी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए यह सप्‍ताह बहुत शानदार रहने वाला है। आपको आगे बढ़ने की दिशा मिलेगी और सारी कंफ्यूज़न दूर हो जाएगी। आप अपने लक्ष्यों को लेकर ज्यादा स्पष्टता महसूस करेंगे।

पेशेवर जीवन: शिक्षकों, मेंटर, धर्म गुरु, मोटिवेशनल स्‍पीकर और इंवेस्‍टमेंट बैंकर के लिए यह सप्‍ताह बहुत अच्‍छा साबित होगा। आपको आर्थिक स्‍तर पर लाभ होने की संभावना है। व्‍यापारियों के लिए मल्‍टी लेवल नेटवर्किंग बिज़नेस अच्‍छा रहेगा और आप अधिक मुनाफा कमाएंगे। यदि आप साझेदारी में व्‍यापार करते हैं, तो आपको अपने बिज़नेस पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा।

सेहत: इस सप्‍ताह आप आध्‍यात्मिक और शारीरिक क्रियाओं जैसे कि योग और ध्यान करने में समय बिताएंगे। इससे आपके शरीर और मन, दोनों को ही लाभ मिलेगा।

उपाय: रोज़ सुबह सूर्य देव को जल दें।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मूलांक 4

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है)

इस समय इस मूलांक वाले जातक जुनून से भरे रहेंगे और इस वजह से ये किसी मुश्किल में भी फंस सकते हैं जिसका इन्‍हें बिल्‍कुल भी अनुमान नहीं होगा। आप मुश्किल काम करने और बहुत कीमती चीज़ों को खरीदने का प्रयास कर सकते हैं और हो सकता है कि इन्‍हें पाने के चक्‍कर में आप अपना ही नुकसान कर लें। इस समय मूलांक 4 वाले लोगों की जरूरतें बहुत ज्‍यादा बढ़ सकती हैं और इसकी वजह से आपके खुद किसी परेशानी में फंसने के संकेत हैं।

प्रेम जीवन: आपके रिश्‍ते में सुख-शांति तो रहेगी लेकिन इसके बावजूद आप अपने प्रेम जीवन को लेकर संतुष्ट महसूस नहीं कर पाएंगे। हो सकता है कि आपका अपने पार्टनर के साथ रिश्‍ता खत्‍म होने की कगार तक पर पहुंच जाए और आपको ऐसा महसूस हाे जैसे आपके हाथ से सब कुछ छूट रहा है। यह बस आपकी कल्‍पना हो सकती है जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं होने वाला है और आपके मन में कोई ऐसी भावना आ सकती है जैसे कुछ अप्रिय घटित होने वाला है। इस वजह से आपको अपने रिश्‍ते और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए अपने पार्टनर के साथ तालमेल बनाकर चलने की जरूरत है।

शिक्षा: इस सप्‍ताह कौशल होने के बावजूद आप पढ़ाई पर ध्‍यान देने या एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने में पीछे रह सकते हैं। ऐसा आपके मन में चल रही कंफ्यूज़न और पढ़ाई में शिखर तक पहुंचने की उत्‍सुकता की वजह से हो सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए आपको बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है। आप सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन और विजुअल कम्‍युनिकेशन जैसे विषयों काे चुन सकते हैं जिसमें आपके लिए उच्‍च अंक प्राप्‍त करने की संभावना बहुत कम है। आपको ये विषय मुश्किल लग सकते हैं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को इस सप्‍ताह अपनी परिस्थिति थोड़ी मुश्किल लग सकती है। इस समय कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ सकता है और आप अपने काम को ठीक तरह से संभालने में असफल हो सकते हैं। चूंकि, इस समय आपके ऊपर काम का बोझ बढ़ने की संभावना है इसलिए इसे संभालने के लिए आपको बहुत ज्‍यादा योजना बनाकर चलने और अपने काम में सफल होने का प्रयास करने की जरूरत है। इस सप्‍ताह काम पर से आपका ध्‍यान भटक सकता है इसलिए इस समय आपको अधिक एकाग्रता के साथ कार्य करने की आवश्‍यकता है।

सेहत: इस समय आप त्‍वचा संबंधित एलर्जी होने की वजह से परेशान हो सकते हैं। आप इस सप्‍ताह मोटापे की चपेट में भी आ सकते हैं और यह चीज़ स्‍वस्थ रहने में बाधा का काम कर सकती है। आपको इस समय वसा वाली चीज़ें खाने और रात को देर से खाना खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

उपाय: रोज़ 22 ‘ॐ राहवे नम: मंत्र का जाप करें।

वर्ष 2024 में कैसा रहेगा आपका स्वास्थ्य? स्वास्थ्य राशिफल 2024 से जानें जवाब

मूलांक 5

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक बहुत बुद्धिमान होते हैं और जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं। जीवन में सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए इनमें आवश्‍यक कौशल होते हैं और सफल होने के लिए ये कड़ी मेहनत करते हैं। ये जातक बहुत हंसमुख स्‍वभाव के होते हैं और इसकी मदद से जीवन में बहुत कुछ प्राप्‍त करते हैं। इनकी रचनात्‍मक चीज़ों में रुचि होती है और इसकी सहायता से वो अपने अंदर कुछ सुधार ला सकते हैं।

प्रेम जीवन: इस समय आप काफी हंसमुख स्‍वभाव के रहने वाले हैं और इसकी मदद से आप रोमांस से भरपूर महसूस करेंगे। आप अपने जीवनसाथी के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं और इस ट्रिप से आपकी जीवनशैली में सुधार आने की संभावना है और आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी समझ बढ़ेगी। इस ट्रिप से आप काफी उत्‍साहित और प्रसन्‍न महसूस करेंगे और आपके रिश्‍ते में आकर्षण बढ़ेगा।

शिक्षा: इस सप्‍ताह छात्र पढ़ाई में उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में सफल होंगे और आप पेशेवर तरीके से पढ़ाई करेंगे। कॉस्टिंग, फाइनेंशियल अकाउंटिंग और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग जैसे विषयों में प्रगति करेंगे और आपकी क्षमता में सुधार आएगा। यह सब आपके आसपास आनंदित या खुशहाल माहौल रहने की वजह से संभव हो पाएगा और इससे आपको उच्‍च अंक प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी। 

पेशेवर जीवन: काम के मामले यह सप्‍ताह आपके पक्ष में रहने वाला है। नौकरीपेशा जातकों को विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। नौकरी के क्षेत्र में मिल रहे अच्‍छे अवसरों से आपकी विश्‍वसनीयता बढ़ेगी और इसकी मदद से आप अच्‍छा प्रदर्शन कर पाएंगे। इस समय व्‍यापारी अपने प्रतिद्वंदियों पर हावी रहेंगे और इस तरह आप अपने प्रतिस्‍पर्धियों को कड़ी टक्‍कर देगे। इस दौरान आप रणनीतियां विकसित करने और उन्हें अपने व्यापार में लागू करने की स्थिति में नजर आएंगे

सेहत: इस सप्‍ताह आपकी सेहत बहुत अच्‍छी रहने वाली है। आपके अंदर जोश और उत्‍साह बढ़ने की वजह से ऐसा हो सकता है। आपको इस समय कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या होने के संकेत नहीं हैं।

उपाय: रोज़ विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें।

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मूलांक 6

(यदि आपका जन्‍म महीने की किसी भी 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले लोगों को इस सप्‍ताह औसत परिणाम मिलने की संभावना है। इस समय आपकी रचनात्‍मक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और आप इस दिशा में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आपको इस सप्‍ताह लंबी दूरी की यात्रा पर जाने का मौका भी मिल सकता है और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सि द्ध होंगी। इस समय आपके अंदर कोई विशेष कौशल विकसित होगा और आप अच्‍छे से काम कर पाएंगे।

प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके जीवनसाथी के बीच दूरियां आने की संभावना है। आप दोनों के बीच में अहंकार संबंधी समस्‍याएं होने की वजह से ऐसा हो सकता है। अपने रिश्‍ते में सुख-शांति बनाए रखने के लिए आपको अपनी ओर से तालमेल बिठाकर चलने की जरूरत है। इस समय पारिवारिक समस्‍याओं की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच अधिक बहस होने की आशंका है।

शिक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बेहतर करने के लिए आपको अपनी ओर से अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है वरना आप उच्‍च अंक प्राप्‍त करने से पीछे रह सकते हैं। उच्‍च शिक्षा को लेकर आपके हाथ से कुछ अच्‍छे अवसर भी छूट सकते हैं और ये अवसर आपको प्रगति और लाभ प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। हाे सकता है कि आपके साथी छात्र आपसे आगे निकल जाएं और कुछ शानदार करें। इसकी वजह से आप सफलता की ऊंचाई क पहुंचने और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्‍मक प्रभाव डालने में विफल हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन:  इस समय नाैकरीपेशा जातकों के लिए अपने कार्यक्षेत्र में औसत सफलता प्राप्‍त होने के योग बन रहे हैं। आपके आत्‍मविश्‍वास में भी कमी हाेने के संकेत हैं और इसकी वजह से आपके प्रदर्शन में भी गिरावट आ सकती है और आपसे काम में गलतियां हो सकती हैं। आपके सहक‍र्मी आपका लाभ उठाने की सोच सकते हैं। वहीं व्‍यापारियों को बेहतर योजना बनाने और अपने व्‍यवसाय पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आपको नुकसान होने के आसार हैं। इस सप्‍ताह अधिक मुनाफा कमाने के लिए आपको अपनी रणनीति में बदलाव करने की आवश्‍यकता है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको त्‍वचा से संबंधित समस्‍याएं और अन्‍य एलर्जी होने की आशंका है। इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा आपको आंखों में संक्रमण की शिकायत हाेने के भी संकेत हैं और यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य में बाधा बन सकता है।

उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ भार्गवाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 7

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातकों के कौशल में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके साथ ही आपके अंदर अच्‍छे और बुरे की पहचान करने और दुनिया में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का कौशल भी विकसित हो सकता है। इस समय आपकी अध्‍यात्‍म की ओर रुचि बढ़ेगी और आप आध्‍यात्मिक कार्यों में व्‍यस्‍त रहेंगे। आप अपने लिए कोई बड़ा या महत्‍वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। आपको धार्मिक कार्यों को लेकर अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और इन यात्राओं से आपके उद्देश्‍य की पूर्ति होने की भी संभावना है।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्‍ते में खटास आने के संकेत हैं। ऐसा आप दोनों के बीच आपसी समझ की कमी और सकारात्‍मक विचारों या भावनाओं की कमी की वजह से हो सकता है। आप अपने रिश्‍ते में इन दोनों चीज़ों को बढ़ाने पर ध्‍यान दें। आप अपने रिश्ते में प्रेम और खुशी को बरकार रखने के लिए प्रयास करते रहें। ऐसा करने से आपका रिश्‍ता बेहतर हो सकता है।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह सप्‍ताह आपके लिए औसत रहने वाला है। आप इस समय बहुत ज्‍यादा तनाव में रह सकते हैं और इसकी वजह से आप सफलता पाने और अपने लिए एक खास जगह बनाने में असफल हो सकते हैं। इस सप्‍ताह आपके कानून के विषय में उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने की संभावना है। आपको अपनी ओर से पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है ताकि आप शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का बेहतरीन उदाहरण पेश कर सकें। इसके अलावा पढ़ाई में उच्‍च अंक और अधिक सफलता पाने के लिए आपको धैर्य बनाए रखने की आवयश्‍कता है।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने काम के सिलसिले में अपनी इच्‍छा के विरुद्ध यात्रा करनी पड़ सकती है। इसकी वजह से अपनी मौजूदा नाैकरी को लेकर आप थोड़ा असंतुष्‍ट महसूस कर सकते हैं। वहीं व्‍यापारियों से इस समय अपने बिज़नेस में कुछ गलतियां होने की संभावना है और इसके कारण आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपके प्रतिस्‍पर्धी इस बात का फायदा उठाकर आपसे आगे निकल सकते हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको अपनी सेहत पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है। आपको सनबर्न होने की समस्या हो सकती है या आपको गर्मी से कोई परेशानी और ट्यूमर होने की आशंका है। ये चीज़ें आपके स्‍वास्‍थ्‍य में बाधा बन सकती हैं।

उपाय: मंगलवार के दिन केतु ग्रह को प्रसन्‍न करने के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 8

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है)

इस मूंलाक वाले सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं और अपने कार्यों के प्रति समर्पित होते हैं। इनकी लंबी दूरी की यात्रा करने में अधिक रुचि होती है। मूलांक 8 वाले जातक अपने परिवार के साथ समय कम बिताते हैं और इनका सारा ध्‍यान अपने काम पर ही रहता है।

प्रेम जीवन: प्‍यार के मामले में आप बुद्धिमानी से काम करेंगे और अपने रिश्‍ते में प्‍यार को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। आप अपनी बुद्धिमानी और समझदारी से अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बनाने और अपने रिश्‍ते को मज़बूत करने में सफल होंगे। आपकी बुद्धिमानी की वजह से आपके और आपके जीवनसाथी के बीच प्‍यार बढ़ेगा।

शिक्षा: आप शिक्षा के क्षेत्र में अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त करेंगे और आपके अंदर सकारात्‍मकता बढ़ेगी। इस सकारात्‍मकता की वजह से आप पढ़ाई में उच्‍च अंक और ग्रेड प्राप्‍त करने में सफल होंगे। प्रोफेशनल स्‍टडीज़ जैसे कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्र इस सप्‍ताह शानदार प्रदर्शन करेंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरीपेशा जातक अपने काम के प्रति प्रतिबद्धता दिखाएंगे और कार्यक्षेत्र में आपकी प्रतिष्‍ठा में इज़ाफा होगा। आपके वरिष्‍ठ अधिकारी आपकी प्रशंसा करेंगे और वे काम में आपके कौशल को पहचान सकते हैं। व्‍यापारियों को इस सप्‍ताह अच्‍छा मुनाफा होने के आसार हैं। आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर देने में सक्षम होंगे।

सेहत: स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में यह सप्‍ताह अनुकूल रहने वाला है। आपके अंदर ऊर्जा और उत्‍साह दोनों में वृद्धि होगी और इसका सकारात्‍मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। आपको इस समय कोई बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या परेशान नहीं करेगी। हालांकि, आपको मामूली स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या जैसे कि सिरदर्द और पैरों में दर्द आदि हो सकता है।

उपाय: शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्‍न करने के लिए यज्ञ-हवन करें।

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मूलांक 9

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है)

मूलांक 9 वाले जातक तेजी से अपना काम करते हैं और समय पर अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने पर ध्‍यान देते हैं। कभी-कभी अपनी तेजी या जल्‍दबाज़ी की वजह से ये मुश्किल में भी फंस जाते हैं। इनके आवेग में आकर काम करने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। अपने आवेगपूर्ण व्‍यवहार की वजह से इन जातकों के हाथ से अच्‍छे अवसर छूट सकते हैं।

प्रेम जीवन: आपके प्रेम जीवन की बात करें, तो इस सप्‍ताह आपके अंदर अहंकार की भावना पैदा हो सकती है। इससे आपके रिश्‍ते में खटास आने की संभावना है। आपको अपने पार्टनर के साथ अपने व्‍यवहार में पारदर्शिता दिखाने और अपने जीवनसाथी से खुलकर बात करने की जरूरत है। अगर आप अपने रिश्‍ते में सुख-शांति को बनाए रखना चाहते हैं, तो अहंकार से दूर रहें।

शिक्षा: इस समय पढ़ाई के मामले में छात्रों का अधिक प्रयास करने को लेकर धैर्य छूट सकता है। आपके धैर्य में कमी आने के संकेत हैं जिसकी वजह से आप पढ़ाई में उच्‍च अंक प्राप्‍त करने से पीछे रह सकते हैं। पढ़ाई को लेकर आपको अपने तरीके और दृष्टिकोण को बदलने की जरूरत है। ऐसा करके आप अच्‍छे अंक प्राप्‍त करने में सफल हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों को अपने काम पर अधिक ध्‍यान देने और एकाग्रता के साथ काम करने की सलाह दी जाती है। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आपसे काम में ज्‍यादा गलतियां हो सकती हैं और इसकी वजह से आपके हाथ से पदोन्‍नति और इंसेंटिव जैसे कीमती अवसर छूट सकते हैं। वहीं व्‍यापारी आवेग में आकर बिज़नेस से संबंधित कोई गलत निर्णय ले सकते हैं और इस वजह से इन्‍हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपको अपना बिज़नेस सही दिशा में ले जाने के लिए महत्‍वपूर्ण मूल्‍यों और तथ्‍यों को जानने की जरूरत है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको तेज सिरदर्द और थकान होने की आशंका है। इस समय इम्‍युनिटी कमज़ोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है और इससे आपके स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने की संभावना है। स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार लाने के लिए आपको योग और ध्‍यान करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: मंगलवार के दिन मंगल ग्रह की कृपा प्राप्‍त करने के लिए यज्ञ-हवन करें।

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बुध के गोचर से बन रहा है त्रिग्रही योग; मिथुन सहित इन जातकों को जल्द होने वाला है बड़ा लाभ!

सूर्य के सबसे नजदीक ग्रह बुध हैं और यह सौरमंडल का सबसे छोटा व चमकीला ग्रह भी है। बुध सूर्य से लगभग 57.9 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन्हें प्रत्येक राशि में गोचर करने के लिए 23 से 30 दिन का समय लगता है और राशि चक्र का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 12 महीने का समय लगाते हैं। इसी क्रम में पहली नवरात्रि के दिन बुध ने अपनी राशि में परिवर्तन कर लिया है। दरअसल बुद्धि, विद्या और शिल्प कौशल का कारक ग्रह बुध 9 अप्रैल 2024 की रात 10 बजकर 06 मिनट पर अपनी राशि में परिवर्तन कर चुके हैं। 

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बता दें इस राशि में पहले से शुक्र और सूर्य देव विराजमान हैं, जिसके चलते मीन राशि में तीन ग्रहों की युति हो रही है और इस युति से त्रिग्रही योग का निर्माण हुआ है। इस योग का प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा लेकिन चार राशि के जातकों को इस दौरान बहुत अधिक धन लाभ होने वाला है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी वह चार राशियां हैं, जिन्हें इस अवधि सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने वाले हैं।

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कैसे बनता है त्रिग्रही योग

बता दें कि त्रिग्रही योग का निर्माण तब होता है जब तीन ग्रहों की युति हो रही हो। किसी राशि में तीन ग्रहों के एक साथ होने पर यह योग बनता है, जिसे एक दुर्लभ संयोग माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, जिस भी कुंडली में त्रिग्रही योग का निर्माण होता है उस जातक का भाग्योदय होता है और समाज में उनका मान सम्मान बढ़ता है। बुध का मीन राशि में प्रवेश के साथ ही इस दिन कई वर्षों बाद यह योग बन रहा है।
त्रिग्रही योग से इन जातकों को होगा धन लाभ

त्रिग्रही योग से चार राशि के जातकों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। इन लोगों को आर्थिक जीवन व करियर में अपार सफलता मिलेगी। वहीं बिज़नेस में भी बड़ा मुनाफा होगा और नौकरी में पदोन्नति व वेतन वृद्धि की प्राप्ति होगी। तो आइए जानते हैं किन चार राशियों की किस्‍मत इस अवधि चमकने वाली है।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग काफी फायदेमंद साबित होगा। इस दौरान आप अपने स्वास्थ्य, नौकरी और अपने परिवार पर अधिक ध्यान और इन सभी पहलुओं में अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे। इस अवधि आप करियर के संबंध में बड़े निर्णय ले सकते हैं, जो आपके लिए फलदायी साबित होगा। कार्यक्षेत्र में आपको तरक्की हासिल होगी और आपके वेतन में वृद्धि भी होने की संभावना है। यदि आप नई नौकरी बदलना चाहते हैं या नया घर खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए यह अवधि अनुकूल प्रतीत होती नज़र आ रही है। 

करियर के मोर्चे पर, इस अवधि आपको अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप संतुष्टि प्राप्त होगी। साथ ही, आप इस दौरान अपनी नौकरी के संबंध में आवश्यक लाभ प्राप्त करने में आप सफल होंगे। यदि आपका खुद का बिज़नेस हैं तो आपको अच्छा मुनाफा होगा और आप अच्छा मात्रा में धन लाभ प्राप्त करेंगे। त्रिग्रही योग के चलते आपको आर्थिक जीवन में स्थिरता प्राप्त होगी और आप अच्छा खासा धन अर्जित करने में सफल होंगे। यदि आपने पहले कोई ऋण या लोन लिया है तो इस अवधि उसे चुकाने में सफल होंगे। पारिवारिक जीवन भी आपका सुखमय होगा और पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने का प्लान कर सकते हैं और एक-दूसरे के साथ बेहतरीन पल बिता सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको इस अवधि कई बड़ी समस्या नहीं होगी और आप पूरी तरह फिट महसूस करेंगे।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग जीवन के सभी पहलुओं के लिए शुभ साबित होगा। इस दौरान आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और कई अच्छे मौके भी प्राप्त होंगे। इस अवधि आप किसी तीर्थ यात्रा पर जाने का भी प्लान कर सकते हैं, जिससे आपको संतुष्टि प्राप्त होगी। करियर के मोर्चे पर, आशंका है कि आपको इस दौरान नौकरी के सिलसिले से मन पसंद जगह पर ट्रांसफर मिल जाए। इसके अलावा, इस दौरान आपको अपने वरिष्ठों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा और वे आपके काम की सराहना करेंगे, जिसके चलते आपको कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए समय अच्छा है, आपको मनचाही कंपनी से जॉब के ऑफर आ सकते हैं। जिन जातकों का खुद का व्यापार हैं, उन्हें अच्छे और अधिक जानकार लोगों से पार्टनरशिप करने का मौका मिल सकता है और वे आपकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे। इस अवधि आप प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे और अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। 

यदि आप किसी से प्रेम करते हैं और उससे शादी करने व घर वालों से मिलने का विचार बना रहे हैं तो आपको आगे कदम बढ़ाना चाहिए क्योंकि प्रबल संभावना है कि आपको इस काम में सफलता हासिल हो। इसके अलावा, पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे और माता-पिता के साथ समय बीताएं और कहीं एक साथ बाहर घूमने लेकर जा सकते हैं। आर्थिक जीवन के लिहाज से देखा जाए तो, आपको धन लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे, जिससे आपके बैंक बैलेंस में वृद्धि हो सकती है। आपके रिश्ते मजबूत होंगे और आप अपने पार्टनर के और भी अधिक करीब आएंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से देखा जाए तो इस दौरान आप फिट महसूस करेंगे। हालांकि  आपको पाचन संबंधी समस्या परेशान कर सकती है। लेकिन आपकी इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहेगा। फिर भी आपको अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करते हुए समय पर भोजन करना होगा और मसालेदार, तला-भुना खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध के मीन राशि में गोचर से बन रहे त्रिग्रही योग से बहुत अधिक लाभ होगा। इसके परिणामस्वरूप आपका अपने भाई-बहनों से रिश्ता बहुत अधिक मजबूत होगा। आपको भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा, जिसके चलते आपको हर क्षेत्र में तरक्की हासिल होगी। करियर के लिहाज़ से आपको नौकरी के संबंध में ऐसी जगह ट्रांसफर मिल सकता है, जिसके लिए आप बहुत पहले से कोशिश कर रहे थे और इससे आपको संतुष्टि भी प्राप्त होगी। इस दौरान आप  कार्यक्षेत्र में अपने काम पर अधिक से अधिक ध्यान देंगे और कड़ी मेहनत करेंगे, जिसका परिणाम भी आपको प्राप्त होगा। हो सकता है कि आपके वरिष्ठ आपकी मेहनत देखकर आपको उच्च पद प्रदान करें और आपके वेतन में भी वृद्धि हो। 

इस अवधि कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी और सफलता हासिल होगी।  जिन जातकों का खुद का व्यवसाय हैं, उन्हें इन दौरान आगे बढ़ने के कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे और वे अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त करेंगे। इस अवधि आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे। पारिवारिक संबंधों में मिठास आएगी। बड़े व छोटे भाई-बहनों का आपको सहयोग प्राप्त होगा और आप उनकी सहायता से आगे बढ़ेंगे। जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है उनके लिए रिश्ता आ सकता है और आपकी शादी की बात भी चल सकती है। हो सकता है रिश्ता आप सबको पसंद आ जाए। विवाहित लोगों के जीवन में आ रही समस्याएं दूर होंगी। स्वास्थ्य और आर्थिक जीवन शानदार रहेगा।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए त्रिग्रही योग बहुत अधिक शुभ साबित होगा। इस दौरान आपके सारे काम बनने लगेंगे और जिस चीज़ को लेकर आप तनाव में थे उससे निजात मिलेगा। आप अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचेंगे और हो सकता है उन्हें पढ़ने के लिए बाहर भेज दें। आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहेगी। आप इस अवधि अच्छी मात्रा में धन कमाने में सक्षम होंगे। करियर में भी आप आगे बढ़ेंगे और आपको नौकरी के कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठों व सहकर्मियों का साथ मिलेगा। जो जातक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। यदि आपका खुद का व्यापार है या आप सट्टा व्यवसाय में लगे हुए हैं तो इस अवधि आपको अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है और आपको अच्छा धन लाभ भी होगा। प्रेम जीवन के लिहाज से देखा जाए तो इस अवधि आपके रिश्ते में मधुरता देखने को मिलेगी और आप एक दूसरे के बहुत अधिक करीब आएंगे। आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी और आप रोजाना योग व व्यायाम कर के खुद को फिट रखने का प्रयास करेंगे।

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नवरात्रि चौथा दिन: जानें इस दिन माँ के किस स्वरूप की पूजा की जाएगी और क्या है इसका महत्व!

नवरात्रि का चौथा दिन देवी के कुष्मांडा स्वरूप को समर्पित होता है। देवी कूष्मांडा के नाम का अर्थ निकालें तो कूष्म का अर्थ होता है छोटा अर्थात सूक्ष्म ऊष्मा का अर्थ होता है ऊर्जा और अंडा का मतलब होता है अंडा। माना जाता है की देवी कूष्मांडा की विधिवत रूप से पूजा करने से भक्तों को अपने जीवन में धन, वैभव और सुख शांति का असीम आशीर्वाद मिलता है।

चलिए आज अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं मां कुष्मांडा के स्वरूप से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें। साथ ही जानते हैं नवरात्रि के चौथे दिन किस विधि से पूजा करके आप मां का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं, उन्हें किसी वस्तु का भोग लगाया जा सकता है, साथ ही जानेंगे इस दिन किए जाने वाले उपायों की भी संपूर्ण जानकारी।

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मां कुष्मांडा का स्वरूप

सबसे पहले बात करें मां के स्वरूप की तो मां कुष्मांडा की आठ भुजाएं होती हैं जिनमें उन्होंने चक्र, गदा, धनुष, तीर, अमृत, कलश, कमंडल और कमल लिया हुआ है। मां कुष्मांडा शेरनी की सवारी करती है।

मां कुष्मांडा की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

मां कुष्मांडा की पूजा का ज्योतिषीय महत्व क्या होता है अगर आपके मन में भी इस तरह का सवाल हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कहा जाता है की मां कुष्मांडा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं। ऐसे में माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सूर्य के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

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मां कुष्मांडा की पूजा महत्व 

देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का अलग-अलग और विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में बात करें मां कुष्मांडा की पूजा के महत्व की तो कहा जाता है कि, जो कोई भी भक्त माँ कुष्मांडा की पूजा करता है उनके सभी रोग, शोक और दुख मिट जाते हैं। ऐसे भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। 

मां कुष्मांडा के बारे में कहा जाता है कि माँ का ये स्वरूप बेहद थोड़ी सी सेवा और भक्ति से प्रसन्न हो जाने वाली देवी होती है। ऐसे में अगर आप सच्चे मन से मां के भक्त बन जाएँ तो इससे माँ आपके जीवन में अत्यंत सुगमता और सुख समृद्धि प्रदान करती है।

इसके साथ ही देवी कुष्मांडा पढ़ने वाले छात्रों की बुद्धि विवेक में वृद्धि करती हैं।

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मां कुष्मांडा को अवश्य लगाएँ ये भोग 

मां कुष्मांडा के प्रिय भोग की बात करें तो माँ कुष्मांडा को कुमराह अर्थात पेठा बहुत प्रिय होता है। ऐसे में मां की पूजा में पेठे का भोग लगाना विशेष रूप से फलदाई माना जाता है। अगर आप नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा में सफेद समूचे पेठे की बलि चढ़ा सकते हैं तो इसे बेहद ही ज्यादा शुभ माना गया है। इसके साथ ही आप चाहें तो देवी को मालपुए और दही के हलवे का भी भोग लगा सकते हैं।

देवी कुष्मांडा का पूजा मंत्र

ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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नवरात्रि के चौथे दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

  • नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत रूप से पूजा करें। इसके बाद माँ को नारियल, लाल रंग के फल और मालपुआ का भोग लगाएँ। मां की दीपक जलाकर आरती करें। कहा जाता है इस बेहद सरल उपाय को करने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। 
  • नवरात्रि के चौथे दिन की रात में पीपल के पेड़ के नीचे की थोड़ी सी मिट्टी घर ले आयें और इसे अपने घर में कहीं रख दें। इस मिट्टी पर दूध, दही, घी, अक्षत, रोली, अर्पित करें और इसके आगे दिया जलाएं। अगले दिन इस मिट्टी को वापस पेड़ के नीचे डालें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में किसी भी काम को लेकर आ रही समस्याएं दूर होने लगती है।
  • नवरात्रि के चौथे दिन ही आप मिट्टी की पूजा करने के बाद बाधा निवारण मंत्र की एक माला का भी जप करें इससे भी आपके कार्य में सफलता मिलेगी और रुकावटें दूर होगी। 
  • अगर किसी व्यक्ति के संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो आप लौंग और कपूर में अनार के दाने मिला लें और इससे मां दुर्गा को आहुती दें। इससे संतान सुख का वरदान अवश्य प्राप्त होता है। 
  • अगर आप कारोबार में तरक्की या नौकरी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो लॉन्ग और कपूर में कोई भी पीले रंग का फूल मिला लें और इससे मां दुर्गा को आहुति दें। 
  • परिवार में अगर किसी का स्वास्थ्य बार-बार खराब हो रहा है या आप खुद खराब स्वास्थ्य से पीड़ित है तो 152 लॉन्ग और 42 कपूर के टुकड़े ले लें। नारियल की गिरी, शहद और मिश्री मिलाकर इससे हवन करें। इससे आपको जल्द ही सेहत के संदर्भ में सुधार देखने को मिलेगा। 
  • अगर किसी व्यक्ति के जीवन में विवाह से संबंधित रुकावटें बनी हुई है तो नवरात्रि के चौथे दिन 36 लॉन्ग और 6 कपूर के टुकड़े लेकर इसमें हल्दी और चावल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दे दें। आहुति से पहले लौंग और कपूर पर बाधा निवारण मंत्र की 11 माला का जाप करें। इससे जल्दी विवाह के योग बनने लगते हैं। 

क्या यह जानते हैं आप? 

देवी कुष्मांडा के बारे में ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि नहीं थी और चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था तब देवी के कुष्मांडा स्वरूप ने अपनी हंसी से ही ब्रह्मांड की रचना की थी इसीलिए इन्हें सृष्टि की आदि स्वरूप या आदि शक्ति का नाम भी दिया जाता है। इसके अलावा मां के बारे में कहा जाता है कि  मां कुष्मांडा सूरज के घेरे में रहती हैं और सिर्फ देवी के अंदर ही इतनी शक्ति है कि वह सूरज की तपिश को सह सकती हैं।

यहां यह भी जानना बेहद आवश्यक है कि नवरात्रि के चौथे दिन का पीले रंग के साथ विशेष महत्व जोड़कर देखा जाता है। अगर आप कर पाएँ तो इस दिन की पूजा हमेशा पीले रंग के वस्त्र पहनकर ही करें, माँ को पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र, आदि अर्पित करें तो आपको माँ की प्रसन्नता निश्चित रूप से हासिल होगी।

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इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां की पूजा 

मां कुष्मांडा की पूजा विशेष रूप से छात्रों को करने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है मां की पूजा करने से पढ़ाई वाले छात्रों का बुद्धि और विवेक तेज होता है और पढ़ाई में ज्यादा मन लगता है।

इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य निरंतर रूप से खराब रहता है यह आपके परिवार में कोई बीमार रहता है तो उन्हें भी मां कुष्मांडा के स्वरूप की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

मां कुष्मांडा से संबंधित पौराणिक कथा 

देवी कुष्मांडा से समर्पित पौराणिक कथा की बात करें तो कहा जाता है कि, सृष्टि की उत्पत्ति से पहले जब हर तरफ अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी के चलते इन्हें कुष्मांडा कहा जाता है। सृष्टि की उत्पत्ति करने की वजह से इन्हें आदिशक्ति नाम से भी जाना जाता है। 

मां के इस स्वरूप का वर्णन करते हुए शास्त्रों में लिखा गया है की देवी की 8 भुजाएं हैं और यह सिंह पर सवारी करती हैं। मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा अर्चना करने के लिए आप निम्नलिखित मंत्र का जाप कर सकते हैं। जिसका अर्थ होता है कि अमित से परिपूर्ण कलश को धारण करने वाली और कमल के फूल से युक्त तेजोमय मां कुष्मांडा हमें हर कार्य में शुभ फल प्रदान करें।

सुरासंपूर्णकलशं,रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां,कूष्मांडा शुभदास्तु मे।।

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