इन तीन राशियों पर बरसती है कुबेर देवता की कृपा, छप्पर फाड़ के मिलता है पैसा
वैदिक ज्योतिष में 12 राशियों का उल्लेख किया गया है और हर राशि का कोई न कोई स्वामी ग्रह है। ग्रहों के अलावा राशियों पर अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी बरसती है। आज इस ब्लॉग के जरिए हम आपको उन कुछ खास राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कुबेर देवता को अति प्रिय हैं।
कुबेर की असीम कृपा प्राप्त करने वाली राशियों के बारे में जानने से पहले आप कुबेर महाराज के बारे में कुछ जरूरी बातें जान लें।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कुबेर देवता धन के देवता हैं। वे व्यक्ति को सुख-संपदा प्रदान करते हैं और उसके जीवन को अपार धन से भर देते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कुबेर देवता को प्रसन्न करने में सफल हो जाए, तो उसे कभी भी अपने जीवन में धन की कमी महसूस नहीं होती है।
शास्त्रों में कुबेर देवता को कोषाध्यक्ष और अध्यक्षों का राजा भी कहा गया है। धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा इसी आशा से की जाती है कि वे अपने भक्तों का घर सुख और संपदा से भर देंगे। तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कुबेर देवता की कृपा किन तीन राशियों पर रहती है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन तीन राशियों पर रहती है कुबेर की कृपा
वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र देव हैं और इस ग्रह को स्वयं धन-वैभव और आकर्षण का कारक माना गया है। इस राशि के लोगों पर भगवान कुबेर की कृपा भी बरसती है। इन्हें अपने जीवन में एवं कार्यों में सफलता जरूर मिलती है। इसके साथ ही इनके जीवन की हर मुसीबत या परेशानी भी दूर हो जाती है। समाज में इनका मान-सम्मान बढ़ता है और ये अपने परिवार में सभी के करीब होते हैं।
कर्क राशि के लोग भी कुबेर देवता को बहुत प्रिय होते हैं। इस राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं और उन्हें शांत एवं मिलनसार स्वभाव का माना जाता है। इस राशि के लोग बहुत मेहनती होते हैं और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपना मुकाम हासिल करते हैं। ये हर चुनौती को पार करने की हिम्मत रखते हैं। इन्हें अपने जीवन में खूब पैसा कमाने का मौका मिलता है। ये अपने ज्ञान, बुद्धि और कौशल से हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं।
धनु राशि पर बृहस्पति देव का आधिप्त्य है और कुबेर देवता को धनु राशि भी बहुत प्रिय है। धनु राशि के लोगों की अध्यात्म में रुचि होती है और इस वजह से इन्हें कुबेर देवता की कृपा प्राप्त होती है। इन लोगों को अपने जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है और ये बहुत मेहनती होते हैं। अपने इसी गुण के कारण ये जीवन में सफल होते हैं।
अगर आप भी कुबेर देवता को प्रसन्न करना या उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो यहां बताए गए उपाय इस काम में आपकी मदद कर सकते हैं।
निम्न उपायों की सहायता से आप कुबेर देवता को प्रसन्न कर अपने जीवन को सुखी और संपन्न बना सकते हैं।
घर की दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा की दीवार पर कैश रखने का लॉकर या अलमारी रखें। इसका दरवाज़ा उत्तर दिशा में खुलना चाहिए। यह दिशा भगवान कुबेर की होती है और इसका उत्तर दिशा में खुलने का मतलब है कि इससे आपकी तिजेारी बार-बार भरती रहेगी।
धन को बढ़ाने के लिए आप अपने कैश लॉकर के सामने एक शीशा लगाएं। इसमें आपके लॉकर की परछाई दिखेगी जिससे आपकी संपन्नता में वृद्धि होगी।
आप किसी से भी कोई भी चीज़ मुफ्त में न लें और न ही खुद किसी का काम मुफ्त में करें।
अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा दान में दें। इससे आपको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और आपके घर में सुख-शांति आएगी।
अपने घर-परिवार की महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें लक्ष्मी का रूप मानें।
अपने घर के पूजन स्थल में कुबेर यंत्र की स्थापना करें और रोज़ उसकी पूजा करें। इससे भी आपके घर में संपन्नता बढ़ती है।
अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और रोज़ उसके आगे घी का दीपक जलाएं। इससे मां लक्ष्मी का वास सदैव आपके घर में रहेगा।
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केतु की चाल से 11 महीनों तक इन राशियों को मिलेगा सुख-सौभाग्य, लोगों को होगी इनसे जलन
जब भी कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसके प्रभाव से सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। इतना ही नहीं गोचर का असर देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर भी पड़ता है। इन गोचरों के कारण किसी के जीवन में खुशियां आती हैं, तो वहीं किसी को कष्टों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिषशास्त्र में केतु को एक मायावी और दुष्ट ग्रह माना गया है। यह ग्रह हमेशा वक्री चाल चलता है। पिछले साल केतु का जो गोचर हुआ है, उसका असर सभी राशियों पर अगले 11 महीनों तक देखने को मिलेगा। इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बता रहे हैं कि केतु का गोचर किस तिथि पर हुआ है और इस गोचर से किन राशियों के जातकों को अगले 11 महीनों तक शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
30 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर केतु ने शुक्र की राशि तुला से बाहर निकल कर बुध की राशि कन्या में प्रवेश किया था। तभी से कुछ खास राशियों के जातकों को अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो गए थे और ये शुभ परिणाम इन्हें अगले 11 महीनों तक प्राप्त होने वाले हैं। आगे जानिए ज्योतिष में केतु ग्रह का क्या महत्व है।
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ज्योतिष में केतु ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह बताया गया है। इस ग्रह के प्रभाव से जातक का सांसारिक सुखों से मोह हट जाता है और उसका ईश्वर की शरण में रहने का मन करता है। केतु एक ऐसा ग्रह है जो जातक को उसके पूर्व जन्म के कर्मों का आभास दिलाने का काम करता है। इस ग्रह का सिर नहीं है इसलिए यह कुंडली में व्यक्ति के जिस भाव में उपस्थित होता है, उस भाव के स्वामी के अनुरूप ही फल देता है।
केतु धर्म और कर्म प्रधान ग्रह है जो जातक को अच्छे और बुरे दोनों तरह के फल प्रदान करता है। केतु के प्रभाव के कारण व्यक्ति का मन चिंतनशील विचारों से घिरा रहता है। इन्हें शोध कार्यों में शानदार सफलता मिल सकती है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि केतु के कन्या राशि में गोचर करने से किन राशियों का भाग्य चमक रहा है।
केतु के गोचर के प्रभाव से मेष राशि के लोगों के लिए आने वाले 11 महीने बहुत लाभकारी सिद्ध होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे। आप अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे। आपके और आपके पार्टनर के रिश्ते में मधुरता आएगी और आपसी समझ भी बढ़ेगी।
आप दोनों के बीच प्यार और स्नेह बढ़ेगा। इसके अलावा व्यापारियों के लिए भी यह समय अनुकूल साबित होगा। इस समय आप अपने बिज़नेस के लिए नई रणनीतियां और योजनाएं बनाने का प्रयास करेंगे। इससे आपको अधिक धन कमाने का मौका मिलेगा। आपको अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर प्राप्त होगा।
यदि आपकी कर्क राशि है, तो इस समय आपके ऊपर केतु की कृपा रहने वाली है। इस समय आप नए कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। इस दौरान किए गए कार्यों में आपको सफलता जरूर मिलेगी। यह समय आपके लिए बहुत मंगलकारी और शुभ साबित होगा। अगर भाई-बहनों के रिश्ते में दूरियां या खटास आ गई है, तो अब वह भी दूर हो जाएगी।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो अब आपकी पैसों से जुड़ी सभी समस्याएं दूर होंगी और आप धन के मामले में राहत महसूस करेंगे। आप परिवार के साथ घूमने या तीर्थस्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। इस दौरान आप अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ न करें।
वृश्चिक राशि के लोगों को भी केतु के गोचर के दौरान शुभ और फलदायी परिणाम प्राप्त होंगे। व्यापारियों को कोई अच्छी डील मिलने की संभावना है। इससे आप खूब मुनाफा कमाएंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। यदि आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह पूरा हो सकता है।
आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। हालांकि, आपको फिज़ूलखर्ची से बचने की सलाह दी जाती है। आप तनाव को खुद पर हावी न होने दें। इसके अलावा अपनी और अपनी मां की सेहत का ख्याल रखें।
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बुध का मेष राशि में गोचर: इन राशियों का चमक उठेगा करियर, समस्याओं से भी मिलेगी मुक्ति!
बुध ग्रह का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में बुध को वाणी, तर्क एवं बुद्धि के कारक ग्रह कहा जाता है। इस साल बुध ग्रह 26 मार्च 2024 से 9 अप्रैल 2024 तक मेष राशि में मौजूद थे। इसके बाद, वह 9 अप्रैल 2024 को पुन: मीन राशि में लौट गए थे क्योंकि 2 अप्रैल 2024 को बुध ग्रह वक्री हो गए थे। वक्री अवस्था में ही बुध ग्रह 9 अप्रैल 2024 को मीन राशि में गोचर कर गए थे। मीन राशि में 25 अप्रैल को बुध मार्गी होकर 10 मई 2024 को मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर बुध ग्रह 31 मई 2024 तक बने रहेंगे।
नैसर्गिक और तात्कालिक मित्रता के आधार पर बुध ग्रह के लिए यह मित्र राशि होगी। मेष राशि मंगल ग्रह की राशि है और मंगल राहु के साथ युति कर रहे हैं। ऐसे में, मेष राशि में रहते हुए बुध ग्रह शनि के द्वारा देखे जाएंगे। अत: इस अवधि में राजनीति का रूप-स्वरूप भयानक रूप ले सकता है। नेताओं के बयान स्तरहीन हो सकते हैं और बाजारों के भाव में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। आइए जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा और सबसे पहले हम चर्चा करते हैं मेष राशि की।
बुध का मेष राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव एवं उपाय
मेष राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी के रूप में आपके पहले भाव में गोचर कर रहें हैं। ऐसे में, स्वयं को ओवरकॉन्फिडेंट होने से बचाना होगा। इसके अलावा, वाणी पर संयम रखना आपके लिए हितकारी सिद्ध होगा। बेवजह किसी से विवाद आदि न करें और फोन के माध्यम से या अन्य किसी माध्यम से किसी के साथ बातचीत करते समय शब्दों का चयन बहुत सावधानीपूर्वक करें।
उपाय: प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
वृषभ राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध ग्रह की इस स्थिति को बहुत अच्छा नहीं माना जाएगा। अतः इस गोचर के दौरान आर्थिक मामलों में बहुत ही सावधानी बरतनी होगी। प्रेम संबंधों में भी अपने विश्वास को बनाए रखना जरूरी होगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो शिक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। इन सावधानियों को अपनाने की स्थिति में ही अच्छे परिणामों की उम्मीद की जा सकेगी।
उपाय: मस्तक पर नियमित रूप से केसर का तिलक करें।
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मिथुन राशि
बुध आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके एकादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर बुध के इस गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा जाएगा। स्वास्थ्य से संबंधित जो परेशानियां पिछले दिनों आपको परेशान कर रही थी अब उनमें कमी देखने को मिल सकती हैं। वहीं, घर-गृहस्थी से जुड़ी समस्याएं तुलनात्मक रूप से कम हो सकती हैं। व्यापार-व्यवसाय के लिए भी बुध का गोचर काफ़ी फायदेमंद रह सकता है।
उपाय: गाय को हरा पालक खिलाना फायदेमंद रहेगा।
कर्क राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होकर आपके कर्म स्थान पर जा रहे हैं। सामान्य तौर पर बुध का यह गोचर आपको अनुकूल परिणाम दे सकता है। विशेषकर ऐसे लोग जो जन्म स्थान से दूर रहकर किसी तरीके का व्यापार-व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें अच्छा फायदा मिल सकता है। यदि आपका विदेश से संबंधित किसी भी प्रकार का व्यापार है, तो उस मामले में भी आप अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यात्राओं के लिए भी बुध का यह गोचर फायदेमंद रह सकता है।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करें।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर भाग्य भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि, बुध ग्रह आपके लाभ भाव के स्वामी होकर अपने से लाभ भाव अर्थात भाग्य भाव में जा रहे हैं। अतः कुछ मामलों में अच्छा लाभ दिला सकते हैं। पिता आदि से संबंधित मामलों में भी आपको कुछ फायदा मिल सकता है लेकिन इन सबके बावजूद भी प्रत्येक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना जरूरी होगा। विशेषकर आर्थिक और पारिवारिक मामले में काफ़ी सावधानी बरतनी होगी।
उपाय: मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर किसी धार्मिक स्थान पर दान करना हितकारी सिद्ध होगा।
बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी हैं तथा वर्तमान में यह आपके अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर ज्यादातर ग्रहों के गोचर आठवें भाव में अच्छे नहीं माने जाते हैं, लेकिन बुध के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः बुध ग्रह कुछ अच्छे परिणाम भी आपको दिला सकता है, विशेषकर रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। अप्रत्याशित रूप से भी कुछ फायदे मिल सकते हैं, परंतु लेकिन लग्न या राशि के स्वामी का आठवें भाव में जाना अच्छा नहीं माना जाएगा। अतः इस गोचर की अवधि में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना होगा।
उपाय: किन्नरों को हरे कपड़े और हरी चूड़ियां भेंट करें।
तुला राशि
बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं और इस भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अत: इस दौरान कुछ बेकार की भागदौड़ करनी पड़ सकती है। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े मामलों में कुछ कठिनाइयां भी देखने को मिल सकती हैं। साझेदारी के कामों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करना भी जरूरी होगा। शासन-प्रशासन से किसी भी प्रकार का विवाद न करें और वाणी पर भी संयम रखना होगा। इन सावधानियों को अपनाने की स्थिति में आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ करें।
वृश्चिक राशि
बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। छठे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। अतः आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। मेहनत के अच्छे परिणाम और अच्छा लाभ दिलवाने में भी बुध का यह गोचर आपके लिए मददगार बन सकता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं, तो आप तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों को तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करने के बाद अच्छे परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: कन्याओं का पूजन करके उनका आशीर्वाद लें।
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धनु राशि
बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। सामान्य तौर पर पंचम भाव में बुध के गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है, लेकिन सप्तम भाव के स्वामी का पंचम भाव में जाना व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों को अच्छे परिणाम दिला सकता है। वहीं, प्रेम जीवन में भी थोड़ी बहुत सकारात्मकता दे सकता है, लेकिन वाणी पर संयम और उचित शब्दों का प्रयोग बहुत जरूरी रहेगा। इन सावधानियों को अपनाकर आप अच्छे परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
मकर राशि
बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में, नौकरी में परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे लोगों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर जो लोग अपने घर या जन्म स्थान के आसपास कोई जॉब ढूंढना चाह रहे हैं, उनकी मनोकामना पूर्ति करवाने में बुध का यह गोचर सहायक हो सकता है। घर-गृहस्थी और वाहन इत्यादि से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है।
उपाय: चिड़ियों को दान चुगाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी के रूप में आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में, बुध ग्रह से आप मिले-जुले परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं। भाई-बंधुओं और पड़ोसियों के साथ संबंधों को मेंटेन करने के लिए तुलनात्मक रूप से अधिक कोशिश करनी होगी, तभी इन मामलों में आप अच्छे परिणाम की उम्मीद रख सकेंगे। प्रेम संबंध और शिक्षा से जुड़े मामलों में आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। इस अवधि में फ़ोन इत्यादि पर बात करते समय अनुचित शब्दों का प्रयोग करने से बचें।
बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आपके दूसरे स्थान पर गोचर कर रहे हैं। बुध ग्रह के गोचर को दूसरे भाव में सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है और इसके फलस्वरूप, आप घर-परिवार से जुड़े मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। गृहस्थ जीवन में अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है और व्यापार-व्यवसाय, पार्टनरशिप और दांपत्य जीवन में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा आदि को त्याग कर शुद्ध एवं सात्विक बने रहें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध का मेष राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर 1. बुध का मेष राशि में गोचर 10 मई 2024 को होगा।
प्रश्न 2. मेष राशि के स्वामी कौन सा ग्रह है?
उत्तर 2. मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल हैं।
प्रश्न 3. मेष राशि में बुध कब तक रहेंगे?
उत्तर 3. बुध ग्रह मेष राशि में 31 मई तक रहेंगे।
गुरु और शुक्र के गजलक्ष्मी योग बनाने पर, इन तीन राशियों पर होगी धन की वर्षा
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह एक तय समयावधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं जिसे हम गोचर के नाम से जानते हैं। ग्रहों के गोचर करने पर राशियों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है और उनके जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं।
वहीं ग्रहों के गोचर करने पर कुछ शुभ एवं अशुभ संयोग और राजयोग भी बनते हैं और इस बार मई के महीने में देवताओं के गुरु बृहस्पति के गोचर करने पर एक शुभ संयोग बनने जा रहा है।
आगे जानिए कि मई माह में गुरु के गोचर से किस शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है और इससे किन राशियों को लाभ होने की संभावना है।
बृहस्पति 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद शुक्र 19 मई 2024 को 8:29 पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार 12 सालों के बाद वृषभ राशि में गुरु और शुक्र की युति हो रही है और इस युति से गजलक्ष्मी योग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु और शुक्र की युति का शुभ परिणाम कुछ विशेष राशियों को मिलने वाला है।
इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि ज्योतिष में शुक्र और बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है और इन दो शुभ ग्रहों की युति से बन रहे गजलक्ष्मी योग से किन राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलने के संकेत हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व
देवताओं के गुरु बृहस्पति को विस्तार, उन्नति और ज्ञान का कारक माना जाता है और वृषभ राशि में यह स्थिरता लेकर आते हैं। वैदिक ज्योतिष में इस ग्रह का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है। बृहस्पति का असर मानव जीवन के करियर से लेकर अध्यात्म तक पर पड़ता है। गुरु के वृषभ राशि में प्रवेश करने का समय स्वयं को जानने के लिए अनुकूल रहेगा। आप अपने शुभचिंतकों और परिजनों के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत करेंगे। बृहस्पति के गोचर करने का प्रभाव उन्नति, प्रेम जीवन, करियर, सेहत और संतान पर पड़ता है।
शुक्र ग्रह को वैदिक ज्योतिष में सौंदर्य और प्रेम का कारक माना गया है। जिस व्यक्ति पर शुक्र देव की कृपा हो जाए, उसे अपने जीवन में किसी भी प्रकार के भौतिक सुख की कमी महसूस नहीं होती है। किसी व्यक्ति का प्रेम जीवन कैसा रहेगा और उसका जीवन कितने सुख-साधनों के साथ बीतेगा, यह सब उसकी कुंडली में शुक्र की स्थिति पर ही निर्भर करता है।
शुक्र को संतुष्टि, उत्तम स्वास्थ्य और मजबूत दिमाग पाने के लिए आवश्यक ग्रह माना गया है। अगर कुंडली में शुक्र मज़बूत स्थान में हो, तो व्यक्ति को अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख एवं आनंद मिलते हैं। वह सफलता के शिखर तक पहुंचता है और उसे अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
गुरु और शुक्र की युति से बन रहे गजलक्ष्मी योग से मेष राशि के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ होने के आसार हैं। इस योग के शुभ प्रभाव से आपके सुखों में वृद्धि होगी और आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा। इसके साथ ही आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ेंगे और आपके लिए धन लाभ के योग भी बन रहे हैं।
आपको अपने कार्यों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। वहीं यह समय व्यापारियों के लिए भी अनुकूल साबित होगा। उन्हें अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने के कई अवसर मिलेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल भी मिल सकता है। आपको अपनी संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिल सकती है।
इस योग के शुभ प्रभाव का असर आपके वैवाहिक जीवन पर देखने को मिलेगा। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच प्यार और आपसी तालमेल बढ़ेगा। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति भी मज़बूत रहने वाली है। व्यापारी अपने बिज़नेस का विस्तार करेंगे।
इस दौरान आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा रहेगी जिससे आपको पैसों से संबंधित कोई परेशानी नहीं होने वाली है। आपकी आय के स्रोत भी बढ़ेंगे और आपकी सेहत भी अच्छी रहने वाली है। आप आर्थिक रूप से संपन्न महसूस करेंगे।
अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!
मकर राशि
गुरु और शुक्र की युति से बन रहे गजलक्ष्मी योग से मकर राशि के लोगों की लव लाइफ में मिठास आएगी। आप अपनी मीठी-मीठी बातों से लोगों को प्रभावित करने में सफल होंगे। नौकरीपेशा जातकों को भी अपने कार्यक्षेत्र में खूब तरक्की करने का मौका मिलेगा। वहीं व्यापारियों को भी मुनाफा कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। आपकी आमदनी में भी इज़ाफा होने की उम्मीद है।
यदि आपका पैसा लंबे समय से कहीं अटका हुआ है, तो अब वह भी आपको वापिस मिल जाएगा। आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी। अगर आपका कोई कानूनी मसला चल रहा है, तो अब आपको उससे भी छुटकारा मिलने के संकेत हैं। आपकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी और आप एक संपन्न जीवन जिएंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
मई में चर्तुग्रही योग से चौतरफा मिलेगा लाभ, चार राशियों की चमक जाएगी किस्मत
ग्रहों के गोचर की दृष्टि से मई का महीना बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस महीने में कई ग्रह गोचर करने वाले हैं और इन ग्रहों के गोचर से कई शुभ संयोग और राजयोग भी बन रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मई में वृषभ राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है।
01 मई को बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर कर चुके हैं और इसके बाद सूर्य ग्रह 14 मई को वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। 19 मई को शुक्र वृषभ राशि में आएंगे और 31 मई को बुध ग्रह भी वृषभ राशि में ही प्रवेश कर जाएंगे।
इस तरह मई के महीने में वृषभ राशि में चर्तुग्रही योग बन रहा है। इसके साथ गुरु और शुक्र की युति से गजलक्ष्मी योग बन रहा है, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग और सूर्य एवं शुक्र की युति से शुक्रादित्य योग बनने वाला है। यही वजह है कि ग्रहों के गोचर की दृष्टि से मई का महीना बहुत विशेष रहने वाला है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृषभ राशि में चर्तुग्रही योग बनने से चार राशियों के जातकों की किस्मत खुलने वाली है। इन जातकों को अपने कार्यों में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और इनका जीवन धन-धान्य से संपन्न रहेगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मई में बन रहे चर्तुग्रही योग से किन चार राशियों को लाभ होने की संभावना है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
चर्तुग्रही योग से इन राशियों को होगा फायदा
वृषभ राशि
वृषभ राशि में ही यह शुभ योग बन रहा है इसलिए इस राशि के लोगों को इस योग से विशेष फल प्राप्त होगा। इस योग में शामिल चारों ग्रह ही शुभ हैं जिससे आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और व्यापारियों को भी खूब पैसा कमाने का मौका मिलेगा। आपके पारिवारिक जीवन में भी खुशियां आएंगी।
आप अपने लिए कोई प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं या फिर प्रॉपर्टी में निवेश भी कर सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अनुकूल समय है। आप अपने करियर में प्रगति पाने के लिए जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको सफलता जरूर मिलेगी।
कन्या राशि पर बृहस्पति की पांचवी दृष्टि रहने वाली है। इस शुभ योग के प्रभाव से छात्रों को अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। करियर के मामले में भी बहुत अच्छा समय है। अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो अब आपको इसमें सफलता जरूर मिलेगी। यदि आप विदेश जाने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपकी यह मनोकामना भी पूर्ण हो सकती है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, तो आपकी यह कामना भी अब पूरी होने वाली है।
यदि आपकी वृश्चिक राशि है, तो आपको इस योग से लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार रहना चाहिए। पारिवारिक जीवन में खुशियां आएंगी और सुख-शांति बनी रहेगी। आपको अपने जीवन में हर कार्य और क्षेत्र में अपने परिवार का सहयोग प्राप्त होगा और आपके लिए आर्थिक लाभ के योग भी बन रहे हैं।
वृश्चिक राशि के लोगों को पैतृक संपत्ति भी मिल सकती है। विवाहित जातकों को अपने ससुराल की ओर से धन लाभ होने के संकेत हैं। इस दौरान आपको धार्मिक या तीर्थस्थल की यात्रा पर जाने का मौका भी मिल सकता है।
चर्तुग्रही योग मकर राशि के लोगों के लिए मंगलकारी सिद्ध हाोगा। गुरु की नौवीं दृष्टि आपकी राशि पर रहेगी जिससे आपको इस दौरान अत्यंत ही शुभ फल मिलने वाले हैं। वैदिक ज्योतिष में गुरु की नवम दृष्टि को बहुत शुभ माना गया है। वहीं मकर राशि से द्वितीय भाव में शनि देव विराजमान हैं जिससे आपको मिलने वाले सकारात्मक परिणाम और दोगुने हो जाते हैं।
नौकरीपेशा जातकों के लिए वेतन में वृद्धि के योग बन रहे हैं। इसके साथ ही आपको प्रमोशन मिलने के भी संकेत हैं। आपको नई नौकरी का अवसर भी मिल सकता है। मकर राशि के लोगों को इस समय धार्मिक स्थल की यात्रा करने का मौका भी मिल सकता है। अविवाहित जातकों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है।
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बुध के गोचर से कुछ राशियों की खाली हो जाएगी तिजोरी, बढ़ने वाला है आर्थिक बोझ
बुध ग्रह 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर मेष राशि में गोचर करने वाले हैं। बुध के इस गोचर से कुछ राशियों के जातकों को अपने आर्थिक जीवन में नुकसान उठाना पड़ सकता है। बुध के गोचर करने पर कुछ राशियों के जातकों को धन लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशियों के लोगों पैसों की तंगी हो सकती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बुध के मज़बूत स्थिति में होने पर जातकों को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। इसके साथ ही बुध तेज़ बुद्धि और अच्छा स्वास्थ्य भी प्रदान करते हैं। बुध व्यक्ति को उच्च ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं। इस ग्रह के प्रभाव से जातक को हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। अपने इस ज्ञान की मदद से ये जातक व्यापार के क्षेत्र में अच्छे फैसले ले पाते हैं।
बुध व्यक्ति को बुद्धि के साथ-साथ संपन्नता भी प्रदान करते हैं। इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार आते हैं। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा होती है।
इस ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को लाभ और प्रसन्नता मिलती है और उसके जीवन की सभी अड़चनें दूर होती हैं। इसके साथ ही बुध ग्रह संतान का कारक भी हैं। इस ग्रह का मिथुन और कन्या राशि पर आधिपत्य है और यह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में एक महीने का समय लेते हैं।
तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि बुध ग्रह के मेष राशि में गोचर करने के दौरान किन राशियों को आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इन राशियों को होगी धन की हानि
मेष राशि
बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस समय आपको अपने कार्यक्षेत्र में ज्यादा लाभ नहीं मिल पाएगा। इस दौरान आपके खर्चों में भी बहुत ज्यादा वृद्धि देखने को मिलेगी। आपको अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोन या कर्ज़ तक लेना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको पैसों की तंगी होने की भी आशंका है। धन के मामले में यह समय आपके लिए मुश्किल रहने वाला है।
बुध आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर के दौरान आपके लिए सफलता प्राप्त कर पाना थोड़ा मुश्किल रहेगा। आपको प्रगति प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही आपको अपने करियर में भी ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं मिल पाएंगे। आपको अपने कार्यक्षेत्र में भी असफलता देखने को मिलेगी और इसका असर आपकी वित्तीय स्थिति पर भी पड़ेगा। वृषभ राशि के लोगों को बुध के गोचर के दौरान आर्थिक नुकसान होने के संकेत हैं। पैसों के मामले में आप सतर्क और सावधान रहें वरना आपको कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
कन्या राशि के पहले और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह गोचर कन्या राशि के लोगों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। आपके ऊपर जिम्मेदारियां काफी बढ़ सकती हैं और आपको अपनी एवं अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोन या कर्ज़ लेना पड़ सकता है। आप बढ़ती हुई जिम्मेदारियों को लेकर परेशान और चिंतित हो सकते हैं।
वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी ग्रह बुध हैं और अब वह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। नौकरीपेशा जातकों के ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। वहीं व्यापारियों को भी अपने क्षेत्र में मुनाफा कमाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर इनकी आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिलेगा। आपको अपने जीवनयापन के लिए पर्याप्त धन कमाने में असफलता मिल सकती है। अपनी ज़रूरतों और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको लोन या कर्ज़ तक लेना पड़ सकता है। इसकी वजह से आपके ऊपर आर्थिक बोझ बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।
जिन राशियों के लोगों को बुध के इस गोचर के दौरान आर्थिक नुकसान होने की आशंका है, उसमें कुंभ राशि का नाम भी आता है। बुध आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस समय आपकी तरक्की के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं करियर में भी आपको नकारात्मक परिणाम मिलेंगे। व्यापारियों के लिए भी नुकसान की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान आपके खर्चों में भी अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी। आपको अपनी संतान के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है।
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मीन राशि
मीन राशि के लोगों को भी बुध के मेष राशि में प्रवेश करने के दौरान संभलकर चलने की जरूरत है। बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वे आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपने बिज़नेस में गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं नौकरीपेशा जातकों की स्थिति भी इस समय ज्यादा अच्छी नहीं रहने वाली है। आपके ऊपर खर्चे बहुत ज्यादा बढ़ने वाले हैं। इस समय आपका पैसा बेकार की चीज़ों पर बर्बाद हो सकता है। व्यापारियों को अपनी लापरवाही के कारण धन की हानि उठानी पड़ सकती है।
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इस दिन से शुरू हो रही है चार धाम की यात्रा- नहीं किया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तो नहीं होगी एंट्री!
देवताओं की भूमि देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा इस वर्ष 10 मई से शुरू होने जा रही है। देवताओं के मंदिरों के कपाट खुलने से फिर बंद होने तक और दोबारा खुलना की अवधि भक्तों के लिए बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होती है। भक्त लंबे समय तक इस बात की राह देखते हैं कि चार धाम की यात्रा कब से शुरू होगी। अपने इस विशेष कवरेज ब्लॉग में हम आपको उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2024 (Char Dhaam Yatra 2024) की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इसके अलावा यहां हम इस बारे में भी आपको अवगत कराएंगे कि अगर आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आप कैसे कर सकते हैं।
सबसे पहले बात करें चार धाम यात्रा की तो, चार धाम यात्रा की शुरुआत असल में कब से हुई इसका कोई वास्तविक इतिहास नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा की परंपरा शंकराचार्य जी ने (जिन्हें महान सुधारक और दार्शनिक का दर्जा दिया गया है उन्होंने) की है। चार धाम की यात्रा तकरीबन 1200 वर्षों पुरानी है। पहले इसे छोटा चार धाम के नाम से जाना जाता था।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कहते हैं कि चार धाम स्थल बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है और विभिन्न देवी देवताओं और पौराणिक घटनाओं से संबंधित है। यमुनोत्री यमुना नदी का स्रोत है जिसे देवी यमुना से जोड़कर देखा जाता है, वहीं गंगोत्री गंगा नदी का स्रोत है जिसे देवी गंगा से जोड़कर देखा जाता है, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ में भगवान शिव द्वारा पांडवों को मोक्ष प्रदान करने की कथा बेहद ही प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ वह स्थान है जहां उन्होंने ध्यान किया था। ऐसे में इन सभी मंदिरों का इतिहास कई दशकों पुराना है।
वर्ष 2024 में चार धाम की यात्रा कब से?
बात करें कब खुलेंगे चार धाम के कपाट तो, केदारनाथ चार धाम तीर्थ स्थल में से पहला नाम है केदारनाथ धाम का जिसके कपट 10 मई 2024 को खुलने वाले हैं, दूसरा है गंगोत्री धाम का जिसके भी कपट 10 मई 2024 को खुलेंगे, तीसरा है यमुनोत्री धाम जिसके कपट भी 10 मई को खुलेंगे, आखिरी है बद्रीनाथ धाम इसके कपट 12 मई को खुलने वाले हैं।
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चार धाम यात्रा करने का सबसे उपयुक्त समय
बात करें सबसे सही समय की जब आप चार धाम की यात्रा पर जा सकते हैं तो आमतौर पर तीर्थ स्थलों का मौसम अप्रैल के अंत से नवंबर तक अनुकूल माना जाता है। ऐसे में चार धाम की यात्रा के लिए दो मुख्य अवधि मानी जाती है। पहली है ग्रीष्म ऋतु जो अप्रैल के अंत से जून के मध्य तक चलती है। ऐसे में आप इस दौरान चार धाम की यात्रा पर जा सकते हैं। यहां पर इस समय सुखद मौसम रहता है, हल्का तापमान रहता है और आसमान साफ रहता है जो यात्रा के लिए अनुकूल समय बनता है। इस दौरान अगर आप मंदिर जाते हैं तो मंदिर जाने वाली सड़क खुली रहती हैं जिससे तीर्थयात्री आसानी से मंदिर तक पहुंच जाते हैं।
दूसरा समय होता है मानसून के बाद का समय अर्थात अगस्त से नवंबर का समय। इस दौरान भी वातावरण साफ हो जाता है और आसमान में सफाई रहती है। इस अवधि के दौरान मौसम आम तौर पर सुखद रहता है, हल्का तापमान रहता है और आसमान साफ रहता है। ऐसे में कठोर मौसम की स्थिति का सामना किया बिना आप आसानी से चार धाम की अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं।
अब सवाल उठता है कि अगर आप चार धाम यात्रा 2024 में इच्छुक हैं और आप इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो कैसे करें तो गाइडलाइंस के अनुसार हम आपको बता दें कि, चार धाम यात्रा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को सबसे पहले अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी श्रद्धालु को यात्रा नहीं करने मिलती है। ऐसे में यात्रा पर जाने से पहले इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। अब बात करें चार धाम यात्रा 2024 के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तो,
सबसे पहले आप चार धाम की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर लॉगिन कर लें।
इसके बाद वेबसाइट के होम पेज पर नजर आ रहे रजिस्टर या लॉगिन बटन पर क्लिक करें।
यहां पर सभी जानकारी जैसे आपका नाम, आपका मोबाइल नंबर, आपकी ईमेल आईडी सब भरें और इसके बाद साइन अप करें।
इसके बाद आपको यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी यहां पर देनी होगी।
जब एक बार आपका रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक हो जाएगा तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन नंबर आ जाएगा।
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन नंबर से ही आप अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड डाउनलोड कर लें।
यात्रा के दौरान इस कार्ड को हमेशा अपने साथ रखें और जरूरत पड़ने पर इसे दिखा दें।
यमुनोत्री: यमुनोत्री पवित्र चार धाम का पहला पड़ाव माना जाता है। यह पवित्र नदी यमुना का स्रोत है। यह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल हिमालय में स्थित है। यहां पर आम तौर पर लोग शुद्धता, तपस्या और परमात्मा से आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं।
गंगोत्री: गंगोत्री चार धाम यात्रा का दूसरा पड़ाव होता है। यह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में राजश्री गढ़वाल हिमालय में भी स्थित है। यमुनोत्री के बाद तीर्थयात्री गंगोत्री दर्शन करने के लिए जाते हैं। इन्हें पवित्र नदी गंगा का स्रोत माना गया है।
केदारनाथ: केदारनाथ चार धाम की यात्रा का तीसरा पड़ाव है। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय में स्थित है। यह हिंदुओं के सबसे पवित्र और सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से भी एक होता है। यहां भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। केदारनाथ की यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है। केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए यात्रियों को तकरीबन 16 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है जिसे आमतौर पर लोग ट्रैकिंग के माध्यम से पूरा करते हैं।
बद्रीनाथ: चार धाम का आखिरी और अंतिम पड़ाव होता है बद्रीनाथ। चार धाम की यात्रा यहां आने से ही पूरी होती है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां पर भगवान विष्णु का मंदिर समर्पित है। इसे चार धाम यात्रा में सबसे पवित्र और सबसे प्रतिष्ठ तीर्थ स्थलों में से एक माना गया है। बद्रीनाथ का रास्ता घुमावदार सड़कों, हिमालय की सुंदरता ऊंची चोटियों, हरी-भरी घाटियों से भरा हुआ है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. चार धाम की यात्रा कहाँ से शुरू होती है?
उत्तर: चार धाम की यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ पर पूरी होती है।
2. असली चार धाम किसे कहते हैं?
उत्तर: असली चार धाम चारों दिशाओं में स्थित हैं। उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण रामेश्वर, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी।
3. 2024 में गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट कब खुलेंगे?
उत्तर: 2024 में 10 मई को गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे।
4. 2024 में केदारनाथ मंदिर के कपाट कब खुलेंगे?
उत्तर: केदारनाथ मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया के दिन अर्थात 10 मई 2024 को खोले जाएंगे।
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बुध का गोचर इन राशियों के लिए अति शुभ लेकिन 2 राशियों के लिए खतरे की घंटी!
बुध गोचर 2024: एस्ट्रोसेज अपने रीडर्स को ज्योतिष की रहस्यमई दुनिया की नवीनतम घटनाओं से अपडेट रखने के लिए हर वक्त नए-नए ब्लॉग आपके सामने लेकर आता रहता है। इसी कड़ी में हम आज आपके सामने पेश हैं बुध के मेष राशि में गोचर से संबंधित इस ब्लॉग को लेकर के। इस ब्लॉग में हम जानेंगे जल्द होने वाले बुध के मेष राशि में गोचर के बारे में जो 10 मई को होने वाला है। साथ ही जानेंगे इसका सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो इसे नौ ग्रहों के राजकुमार के रूप में जाना जाता है। बुध ग्रह वाणी का कारक है। यह संख्यिक क्षमताएं जातक को प्रदान करता है। बुध ग्रह जीवन में तर्कसंगत और त्वरित समाधान भी प्रदान करता है। बुध शासित व्यक्तियों में हास्य की बहुत अच्छी समझ होती है, वह अपने वास्तविक उम्र से काफी छोटे दिखते हैं, उनकी आंखों में एक चमक होती है, यह अपने आपको शारीरिक रूप के बजाय मानसिक रूप से ज्यादा सुंदर बनाने पर काम करते हैं। यह किसी भी कार्य को पूरा करने में सक्षम होते हैं। इनमें किसी भी कार्य को आसानी से पूरा करने की क्षमता होती है। ऐसे व्यक्ति अपने काम के प्रति समर्पित होते हैं और कोई भी काम तुरंत करने में कामयाब रहते हैं।
सबसे पहले बात कर लें समय की तो बुध 10 मई 2024 को 18:39 पर मेष राशि में गोचर कर जाएगा। मेष राशि का स्वामी मंगल है और बुध मंगल का शत्रु माना जाता है। यह बुध के लिए कोई मित्र राशि नहीं है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बुध यहां पर सभी राशियों पर किस तरह के प्रभाव डालता है।
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मेष राशि में बुध- विशेषताएं
मेष राशि के जातक किसी का इंतजार नहीं करते हैं इसीलिए यह गोचर एक ऐसा समय साबित होगा जब व्यक्ति का मन थोड़ा अधिक बेचैन और अधीर रह सकता है। जातक स्थिर नहीं रहेंगे या अपने दिमाग में चीजों को बार-बार दोहराते नजर आएंगे। मेष राशि में बुध संचार के रास्ते खोलने और हमें वही कहने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए भी बहुत अच्छा समय साबित होगा जो हम सोचते हैं, महसूस करते हैं क्योंकि मेष राशि ‘मैं’ अर्थात अपना चिन्ह है इसलिए हम में अपने मन की बात कहने का आत्मविश्वास आएगा। हालांकि जब सहयोग समझौता और संवेदनशीलता की आवश्यकता होगी तो व्यक्ति जो सोच रहे हैं उसे ठीक-ठाक से कहने में उन्हें समस्या उठानी पड़ सकती है। बुध और मेष राशि के मिलन से व्यक्ति के विचार और वाणी ज्यादा साहसी और नवीन बनेंगे। अंतर्दृष्टि की झलक व्यक्तियों के लिए उन समस्याओं के नए समाधान के बारे में सोचने की राह आसान बनाएगी जो बहुत समय से लटके हुए हैं। अपने बारे में दूसरे अनुमान न लगएँ। इस गोचर के दौरान आपके पहले विचार सबसे ज्यादा सटीक साबित होंगे। जितनी जल्दी हो सके इस प्रेरणा को देखें क्योंकि मेष राशि के प्रभाव का मतलब है की प्रतिभा आपके जीवन से उतनी ही जल्दी चली भी जाएगी जितनी जल्दी वह आएगी।
बुध का मेष राशि में गोचर- इन राशियों के लिए साबित होगा अनुकूल
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और आपके पहले घर में गोचर कर जाएगा। मेष राशि में होने वाला यह गोचर आपको अपनी बुद्धि का अच्छे से उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। आपको अपने सभी प्रयासों में सफलता मिलेगी। हालांकि इसके लिए आपको बहुत अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। आपकी शारीरिक शक्ति आपको बहुत कुछ हासिल करने में सफल बनाएगी और आप जितनी मेहनत करेंगे उतने ही ज्यादा सफल होंगे। आपके निर्णय लेने की क्षमता में शानदार रूप से सुधार होगा और इस अवधि के दौरान आप जो भी निर्णय लेंगे वह आपके भविष्य की सफलता का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
मेष राशि में बुध का यह गोचर मिथुन राशि के राजस्व भाव में विशेष पुरस्कार प्रदान करने वाला साबित होगा। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी। आप ज्यादा राजस्व उत्पन्न करने में कामयाब होंगे। अगर आप कोई नया व्यवसाय शुरू करते हैं तो उसमें आपको अनुमानित सफलता और मुनाफा मिलेगा जिससे आपकी वित्तीय स्थिति में और भी अधिक सुधार देखने को मिलेगा। आप अपने दिमाग और साधन कुशलता का प्रभावी उपयोग करेंगे और उसके परिणाम स्वरुप आपको आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा। प्रमुख अधिकारियों के साथ आपके रिश्ते सकारात्मक बनेंगे जिससे भी आपको लाभ मिलेगा। आपकी वाक्पटु संचार शैली के परिणाम स्वरूप आपकी अपेक्षा से अधिक सफलता आपको इस अवधि में प्राप्त होगी।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके 10 में भाव में प्रवेश कर जाएगा। मेष राशि में बुध का गोचर आपके कार्यस्थल के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण साबित होगा। इस अवधि में आपकी बुद्धि का स्तर बढ़ेगा, आपकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार देखने को मिलेगा, आपकी योग्यता के स्तर में भी सुधार आएगा और आप अपने काम में काफी तेजी से आगे बढ़ेंगे। जीवन में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव लगा रहेगा लेकिन आप अपने प्रयासों और बुद्धिमता से हर क्षेत्र में सफल होंगे और कार्य स्थल पर आपको उचित पहचान मिलेगी। आपके वरिष्ठ, आपके बॉस आपके प्रदर्शन से प्रसन्न होंगे और आपको पदोन्नति भी मिल सकती है। इसके अलावा आपके सहकर्मी आपके प्रति अच्छे और सहायक रहने वाले हैं जिससे आपका उनके साथ मजबूत रिश्ता बनेगा। वह आपके काम में आपकी सहायता करेंगे जिससे उन पर आपका विश्वास बढ़ेगा और परिणाम स्वरुप आपके प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि के तहत पैदा हुए जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है। बुध का मेष राशि में गोचर आपके नवम भाव में होने जा रहा है। बुध का मेष राशि में गोचर धन संबंधी मामलों में मजबूती लेकर आएगा जिससे आप आर्थिक रूप से समृद्ध बनेंगे। आप व्यापक यात्राओं पर जाएंगे जो आपके लिए खुशियां लेकर आएंगी। आपकी योजनाएं गति पकड़ेगी और आपका काम अच्छी तरह से पूरा होगा, आपको सफलता मिलेगी, नौकरी में स्थिरता के अवसर प्राप्त होंगे और जो काम पहले करने से आप डरते थे वह आप आसानी से पूरा होने लगेंगे जिससे भी आपको अच्छी सफलता के योग बनेंगे। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि आएगी। जो लोग पैतृक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं वह अपना काम आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे और नौकरी पेशा लोगों को भी इस गोचर से लाभ मिलेगा।
बुध का मेष राशि में गोचर- इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
कन्या राशि
बुध कन्या राशि का स्वामी हैं। साथ ही साथ ही आपके दशम भाव पर भी शासन करता है। इस गोचर के दौरान यह आपके आठवें भाव में प्रवेश करने वाला है। बुध के इस गोचर के दौरान आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है क्योंकि इस दौरान आपका वित्तीय और शारीरिक कल्याण फायदेमंद नहीं रहेगा। इस दौरान आपको कई प्रकार के परिणाम प्राप्त होने वाले हैं।कार्यक्षेत्र में भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
आप अपने कार्य स्थल पर काम का दबाव महसूस करेंगे और ठीक से काम करने के लिए आपको बहुत अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। आपका मन भी काम से इस दौरान भटक सकता है। परिणाम स्वरुप आपको अपना पूरा ध्यान अपने काम पर केंद्रित करने की सलाह दी जा रही है। इस दौरान आपके स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इसीलिए बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतें और अपने जीवन शैली और खानपान पर विशेष ध्यान दें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है जबकि बुध आपकी राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। बुध मेष राशि में आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा। बुध का यह गोचर आपके लिए बहुत अधिक लाभदायक नहीं रहेगा क्योंकि इस अवधि के दौरान आपको दो प्रकार के चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है पेशेवर और शारीरिक परेशानियां।
इस अवधि में आपके खर्चों में वृद्धि होगी जिससे आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। आप अपनी ही टिप्पणी के चलते लोगों से असहमत रहेंगे। कुछ लोग आपके विरोधी भी बन सकते हैं। आपके खर्च आसमान छुएंगे जिन्हें नियंत्रित कर पाना आपके लिए आसान नहीं रहने वाला है। हालांकि खर्चों पर आपको नियंत्रण करने की सलाह दी जा रही है। अन्यथा यह आपकी परेशानी की वजह बनेंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बुध मेष राशि गोचर कब करेंगे?
उत्तर 1. 10 मई 2024 को बुध मेष राशि में गोचर करेंगे।
प्रश्न 2. मेष राशि का बुध होने का क्या मतलब है?
उत्तर 2. बुध शासित व्यक्तियों में हास्य की बहुत अच्छी समझ होती है।
प्रश्न 3. ज्योतिष में बुध को मजबूत कैसे करें?
उत्तर 3. बुध यंत्र की पूजा करें और इसे अपने घर पर स्थापित करें।
प्रश्न 4. मेष राशि का सही समय कब आएगा?
उत्तर 4. 10 मई से मेष राशि का अनुकूल समय शुरू होगा।
सूर्य बदल रहे हैं अपना नक्षत्र, इन तीन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, नौकरी में मिलेगा मान-सम्मान
ग्रहों में सूर्य की बात करें, तो वह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग 30 दिनों का समय लेते हैं। इस हिसाब से सूर्य एक साल के अंदर सभी 12 राशियों का भ्रमण कर लेते हैं। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में आते हैं, तो उनके प्रभाव से अन्य सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। सूर्य के गोचर से किसी को अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो वहीं कुछ लोगों के जीवन में संकट के बादल भी छा जाते हैं।
राशि की तरह ही सूर्य कुछ समय के अंतराल में नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं और इस बार मई के माह में सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है। इसका असर सभी 12 राशियों के जीवन पर देखने को मिलेगा लेकिन कुछ राशियों को इससे असीम लाभ मिलने की संभावना है।
इस ब्लॉग में आगे विस्तार से बताया गया है कि सूर्य किस तिथि पर किस नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं और इससे किन तीन राशियों की किस्मत चमकने वाली है।
सूर्य कब कर रहे हैं नक्षत्र परिवर्तन
11 मई को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर सूर्य कृतिका नक्षत्र में आएंगे और यहां पर वे 25 मई की सुबह 03 बजकर 27 मिनट तक रहेंगे। आपको बता दें कि कृतिका सूर्य का ही नक्षत्र है इसलिए इस परिवर्तन को अत्यंत शुभ बताया जा रहा है। इसके बाद सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य के अपने ही नक्षत्र में आने से कुछ राशियों को बंपर लाभ मिलने की संभावना है। इन राशियों के बारे में जानने से पहले आप कृतिका नक्षत्र के बारे में विस्तार से जान लें।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कृतिका नक्षत्र के बारे में
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कृतिका नक्षत्र के स्वामी ग्रह सूर्य देव हैं। कुल 27 नक्षत्रों में यह तीसरे स्थान पर आता है। इस नक्षत्र के देवता अग्नि देव हैं और यह स्त्री तत्व वाला नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक अच्छे सलाहकार बनते हैं और आशावादी प्रवृत्ति के होते हैं। ये सरल जीवन जीते हैं और इनका उदार व्यवहार होता है। ये लोगों में बड़ी आसानी से कमियां ढूंढ लेते हैं और उन्हें ठीक करने का हुनर भी रखते हैं। ये अपनी बात पर टिके रहते हैं।
तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि सूर्य के कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों को लाभ मिलने वाला है।
सूर्य का कृतिका नक्षत्र में जाना कर्क राशि के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। अगर लंबे समय से आपका कोई काम अटका हुआ है, तो अब वह पूरा हो सकता है। यह समय नौकरीपेशा जातकों के लिए भी अनुकूल रहेगा। आपके लिए पदोन्नति और इंक्रिमेंट के योग बन रहे हैं। आपको अपने परिवार के साथ भी अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। कार्यक्षेत्र में आपके उच्च आधिकारी आपके काम की प्रशंसा करते हुए नज़र आएंगे। आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ेंगे।
व्यापारियों के लिए भी यह समय अनुकूल रहने वाला है। यदि कोई बिज़नेस डील अटकी हुई है, तो अब बात बन सकती है। आपके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव आने के संकेत हैं। इसके साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी रहने वाली है। आपको इस दौरान अपनी कड़ी मेहनत का फल मिल सकता है। समाज में आपका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कन्या राशि के लोगों के लिए सूर्य का कृतिका नक्षत्र में आना अनुकूल साबित होगा। नौकरीपेशा जातकों के यहीं से अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। आप अपने कार्यक्षेत्र में जो मेहनत कर रहे हैं, अब आपको उसका फल मिलने वाला है। आपको ऑफिस में कोई बड़ी जिम्मेदारी या प्रोजेक्ट मिल सकता है। इसके अलावा आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से खुश नज़र आएंगे। इस दौरान आपको अपने कार्यों में भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपके संघर्ष पर भी अब विराम लग सकता है।
नौकरीपेशा लोगों को अपनी बुद्धि, समझदारी और संचार कौशल के दम पर प्रमोशन मिल सकता है। अध्यात्म में रुचि रखने से आपका मन शांत महसूस करेगा। आपको अपने परिवार या दोस्तों के साथ किसी तीर्थस्थान की यात्रा करने का मौका मिल सकता है। जो छात्र विदेश में पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, इस समय उनका सपना भी पूरा हो सकता है।
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धनु राशि
अगर आपकी धनु राशि है, तो सूर्य के नक्षत्र परिवर्तन करने पर आपको भी लाभ मिलने के संकेत हैं। आपकी धर्म और अध्यात्म में रुचि बढ़ सकती है। आप अपनी फिटनेस और सेहत पर ध्यान देंगे। इसके साथ ही इस समय आपके अंदर आत्मविश्वास भी बहुत बढ़ जाएगा और आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे। इस दौरान आपको अपनी सेहत की चिंता करने की भी ज़रूरत नहीं है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। नौकरीपेशा जातकों को इंक्रिमेंट या प्रमोशन के साथ बोनस भी मिल सकता है। यदि आप नई नौकरी देख रहे हैं, तो आपको इस काम में भी सफलता मिलेगी।
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राहु और गुरु की युति में अपना ही विनाश कर लेता है इंसान, जानें क्या-क्या पीड़ा पड़ती है सहनी
मनुष्य के जीवन की लगभग सभी घटनाओं पर ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव रहता है। ग्रहों की दशा और दिशा के कारण जातक के जीवन में बहुत कुछ घटित होता है। यह घटनाएं शुभ भी हो सकती हैं और अशुभ भी हो सकती हैं। ग्रह जब गोचर करते हैं, तो इनके प्रभाव के कारण मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं। किसी को अपने जीवन में सुख प्राप्त होता है, तो वहीं कुछ लोगों को कष्टों और संघर्षों का सामना करना पड़ता है।
गोचर करने के दौरान ग्रहों की अन्य ग्रहों के साथ युति भी होती है जिससे शुभ व अशुभ संयोग एवं राजयोग का निर्माण होता है। ग्रहों की युति होने पर सभी राशियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।
आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको राहु और बृहस्पति की युति के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां आप जान सकते हैं कि जब किसी एक भाव या राशि में गुरु और राहु की युति होती है, तो किस तरह के परिणाम प्राप्त होते हैं लेकिन उससे पहले आप ज्योतिष में राहु और बृहस्पति के महत्व के बारे में जान लें।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मनुष्य के जीवन पर ग्रहों का विशेष प्रभाव पड़ता है। बृहस्पति एक महत्वपूर्ण और सभी ग्रहों में सबसे विशाल ग्रह है। इसे देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। ये ग्रह जातक को भाग्य प्रदान करता है और उसे दयालु बनाता है।
यह सूर्य की परिक्रमा करने में 12 साल से कुछ कम का समय लगाते हैं। यह प्रतिष्ठा और मान-सम्मान का ग्रह है। इस ग्रह को धर्म और अध्यात्म का कारक भी कहा जाता है। शास्त्रों में बृहस्पति को उग्र, महान और परोपकारी बताया गया है। इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति आशावादी और सकारात्मक बनता है। इसका स्वभाव उदार और दयालु है। इसे भाग्य, धन, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि, आध्यात्मिकता, भक्ति और विश्वास का कारक माना गया है।
यह ग्रह कफ प्रकृति का है और धनु एवं मीन राशि पर इसका आधिपत्य है। यह ग्रह व्यक्ति को उच्च तर्क क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
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वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व
राहु एक छाया ग्रह है जो हमेशा वक्री चाल चलता है। राहु भ्रम की स्थिति पैदा करता है और इसके प्रभाव के कारण व्यक्ति कk सांसारिक सुखों से लगाव हट जाता है। राहु व्यक्ति को प्रसिद्धि भी प्रदान करता है और यह ग्रह आईटी सेक्टर को दर्शाता है। राहु की वजह से व्यक्ति कभी भी अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हो पाता है। उसे हमेशा और पाने की लालसा रहती है।
राहु एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में 18 महीने का समय लेते हैं। राहु की महादशा भी 18 साल की होती है। राहु का किसी भी राशि या कुंडली के किसी भी भाव पर आधिपत्य नहीं है। आर्द्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों पर राहु का शासन होता है। माना जाता है कि राहु वृषभ या मिथुन राशि में उच्च के होते हैं और धनु या वृश्चिक राशि में नीच के होते हैं। जन्मकुंडली में लाभ भाव में होने पर राहु अच्छे फल प्रदान करता है।
तो चलिए अब जानते हैं कि राहु और बृहस्पति की युति होने पर किस तरह के प्रभाव मिलते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह को बुद्धि का कारक माना गया है। यह ग्रह सफलता, शिक्षा, बुद्धि और नौकरी एवं व्यापार के क्षेत्र से संबंधित है। राहु को पापी ग्रह भी बताया गया है। यदि राहु कुंडली में शुभ स्थान में बैठा है तो यह जातक को रंक से राजा बना सकता है लेकिन अगर अशुभ फल प्रदान कर रहा हो, तो व्यक्ति के जीवन को दरिद्रता और दुखों से भर सकता है।
कुंडली में राहु और बृहस्स्पति की युति से शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम मिल सकते हैं। अगर गुरु और राहु जन्मकुुंडली में एक ही स्थान में बैठे हैं लेकिन यहां पर बृहस्पति उच्च स्थान में है और राहु नीच स्थान में है, तो इस युति से व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। इन लोगों को अपने जीवन में अपार सफलता मिलती है। इसका शुभ प्रभाव करियर, पारिवारिक जीवन, घर और व्यापार आदि पर पड़ता है।
वहीं अगर गुरु नीच स्थान में है और राहु उच्च स्थान में बैठा है, तो इस स्थिति में जातक को अशुभ परिणाम झेलने पड़ते हैं। इन लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। ये पैसों के लिए तो मोहताज हो ही जाते हैं साथ ही इनकी बुद्धि भी काम करना बंद कर देती है। गुरु और राहु की इस युति के कारण जातक गलत रास्ते पर चलने लगता है और बुरी संगत में रहना शुरू कर देता है। ये जातक अपने ही हाथों से अपना विनाश कर लेते हैं।
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FAQ
प्रश्न. गुरु और राहु के एकसाथ होने से क्या होता है?
उत्तर. इन दो ग्रहों के एकसाथ होने पर गुरु चांडाल योग बनता है।
प्रश्न. राहु का गुरु कौन है?
उत्तर. राहु दैत्यों में से एक है इसलिए उनके गुरु शुक्राचार्य हैं।
प्रश्न. कौन-सा देवता राहु को नियंत्रित करता है?
उत्तर. राहु को शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।