बुध अस्त से इन 3 राशियों पर छाएंगे काले बादल- अगले 25 दिनों तक रहें सावधान!

वृषभ राशि में बुध अस्त: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का कारक ग्रह माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में बुध शक्तिशाली होता है तो व्यक्ति को तीक्ष्ण बुद्धि, बुद्धि, शरीर की अच्छी सेहत और जीवन में संतुष्टि मिलती है। मजबूत बुध के प्रभाव स्वरूप व्यापार और नौकरी में व्यक्ति को अच्छी सफलता मिलती है। 

वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में बुध राहुकेतु या मंगल के साथ मौजूद होता है ऐसे लोगों को इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। अब यही महत्वपूर्ण ग्रह 2 जून 2024 को वृषभ राशि में अस्त होने जा रहा है।

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वृषभ राशि में बुध के अस्त होने के प्रभाव स्वरूप जीवन में आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव की वृद्धि होने की आशंका है। कई राशियों पर करियर और सेहत के संदर्भ में भी असर देखने को मिलेगा। बुध अस्त के इस समय अवधि में कई राशियों को करियर और सेहत के संदर्भ में भी प्रतिकूल परिणाम उठाने पड़ सकते हैं। अपने खास ब्लॉग में हम बुध के बारे में बात करेंगे जानेंगे इसका समय और दिन क्या रहने वाला है। साथ ही जानेंगे सभी 12 राशियों पर इसका क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है।

अस्त बुध- क्या रहेगा समय?

समय की बात करें तो बुध 2 जून को 18:10 पर वृषभ राशि में अस्त होने वाला है। इसके बाद 14 जून को बुध का मिथुन राशि में अस्त अवस्था में ही गोचर हो जाएगा और फिर 27 जून को बुध मिथुन राशि में अस्त अवस्था से निकलकर उदित अवस्था में आ जाएंगे।  

अस्त बुध के प्रभाव 

ज्योतिष में विचार और वाणिज्य का ग्रह माने जाने वाला बुध ग्रह 2 जून से 27 जून तक सूर्य के बेहद ही निकट मौजूद होने वाला है। ज्योतिष में इसे ही ग्रहों का अस्त होना कहते हैं। दरअसल जब भी कोई ग्रह सूर्य के बेहद ही निकट पहुंच जाता है तो वह धीरे-धीरे अपनी शक्तियां खोने लगता है और इसे ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है। 

बुध के अस्त होने के प्रभाव से जातकों को निर्णय लेने और सोच समझकर कोई भी काम करने में परेशानियां उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा शैक्षणिक और व्यावसायिक समय सीमाएं भी तनावपूर्ण हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में मुमकिन है कि कुछ जातक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ना दिखा पाएँ। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में भी लोगों को परेशानियां उठानी पड़ सकती है। लोग चिंता और ज्यादा सोच में फंसे नजर आ सकते हैं।

क्या यह जानते हैं आप? अलग-अलग ग्रहों के लिए सूर्य के करीब होने की अलग-अलग डिग्रियां निर्धारित होती है और उसी स्थिति में ही वह अस्त माने जाते हैं बात करें बुध की तो अगर बुध सूर्य के दोनों तरफ 14 डिग्री के भीतर आता है तो वह अस्त कहलाता है यह उसी स्थिति में सटीक बैठता है जब बुध मार्गी गति में होता है अगर बुध वक्री गति में है तो इसे सूर्य के 12 डिग्री के भीतर आना होता है और तब यह अस्त माना जाता है

ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि बुध ग्रह हमारी संचारक क्षमताओं को नियंत्रित करता है इसीलिए अस्त बुध व्यक्ति को अपने विचारों को व्यवस्थित करने या किसी व्यावसायिक सौदे पर प्रभावी ढंग से बातचीत करने में कठिनाइयां देता है। इसके अलावा बुध के अस्त होने की अधिक संभावना रहती है क्योंकि यह सबसे छोटा और सूर्य के सबसे करीब मौजूद ग्रह है। बुध की अस्त अवस्था बहुत ही आम होती है। बुध और सूर्य की युति से सबसे शुभ योग बुधादित्य योग का निर्माण होता है। हालांकि यह संयोजन बहुत अधिक निकट नहीं होना चाहिए अन्यथा इसके फल अनुकूल नहीं मिलते हैं।

वृषभ राशि में अस्त बुध- प्रभाव 

जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो इसे कुछ ज्योतिषों के अनुसार बुध के लिए एक कठिन स्थान माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति के अंदर ज़िद्द और अनुकूलन क्षमता की कमी देखने को मिल सकती है। व्यक्ति खुद को प्रभावी ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते हैं, नई चीज़ सीखने में उन्हें परेशानियां उठानी पड़ सकती है आदि। 

वहीं दूसरी तरफ वृषभ राशि में अस्त बुध के सकारात्मक पक्ष देखे जाएँ तो ये प्लेसमेंट उच्च रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर सकता है और समस्या समाधान के लिए ज्यादा मजबूत दृष्टिकोण विकसित करने में भी मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा बुध के वृषभ राशि में अस्त होने के दौरान जीवन में स्थिरता और सुरक्षा के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह अनुकूल समय साबित होता है।

ज्योतिष में वृषभ राशि 

ज्योतिष के अनुसार वृषभ एक स्त्री राशि मानी गई है। माना जाता है कि इस राशि के जातक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो व्यक्ति अपने लक्ष्यों को ज्यादा कुशल तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों की योजना बनाते हैं। इस दौरान व्यक्ति अपने सपनों के प्रति ज्यादा समर्पित और अपने प्रियजनों के प्रति ज्यादा वफादार महसूस करते हैं। 

बुध अस्त का ये चरण किसी भी नई परियोजना को शुरू करने के लिए अच्छा समय नहीं माना जाता है क्योंकि मुमकिन है कि इस दौरान अगर हम कोई काम शुरू करते हैं तो उससे हमें वांछित परिणाम ना मिले और इसके बदले हमें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आप अस्त बुध का अपने जीवन पर व्यक्तिगत और सटीक प्रभाव जानना चाहते हैं तो आप हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी फोन या चैट के माध्यम से जुड़कर इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

बुध वृषभ राशि में अस्त- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और अब आपके दूसरे घर में अस्त…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है और अब प्रथम…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ भाव का स्वामी है। बुध वृषभ राशि…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें घर का स्वामी है। दसवें घर में बुध …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें घर का स्वामी है और नवम भाव में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और बारहवें घर का स्वामी है और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके सप्तम…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और आपके छठे घर में अस्त…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और आपके पांचवे घर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके चतुर्थ भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके तीसरे …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: अस्त ग्रह का क्या प्रभाव होता है? 

उत्तर: अस्त ग्रह अपनी शक्ति खो देते हैं और कमजोर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जातक को उस विशेष ग्रह के गुणों में कमजोरी उठानी पड़ती है।

प्रश्न 2: ज्योतिष में अस्त होना किसे कहते हैं? 

उत्तर: जब कोई ग्रह सूर्य के करीब आता है और कमजोर हो जाता है तो इसे अस्त होना कहा जाता है।

प्रश्न 3: बुध अस्त के दौरान क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं? 

उत्तर: जब बुध ग्रह अस्त होता है तो व्यक्ति को महत्वपूर्ण फैसले लेने में दुविधा, चिंता की परेशानी, मानसिक परेशानियां आदि उठानी पड़ सकती हैं।

दो बेहद शुभ योग में रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत, इन उपायों से बनने लगेंगे हर काम!

सनातन धर्म में एकादशी की तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। बता दें कि साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। इस आधार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक एकादशी होती है और हर एक एकादशी का विशेष महत्व है। सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हर काम में सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से सभी इच्छाएं पूरी होती है। इसी क्रम में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी ज्येष्ठ माह में पड़ती है और शास्त्रों में ज्येष्ठ माह बहुत पवित्र माना जाता है। अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। यानी इस एकादशी को करने वाले साधक को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की वामन अवतार की पूजा की जाती है। अपरा एकादशी को इस नाम के अलावा, जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। 

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ख़ास बात यह है कि इस साल अपरा एकादशी पर बहुत अधिक शुभ योग का निर्माण हो रहा है और इस योग की वजह से इस एकादशी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस साल अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, इस दिन बनने वाले शुभ योग व इस दिन करने वाले आसान उपायों के बारे में हम यहां चर्चा करेंगे।

अपरा एकादशी 2024: तिथि व समय

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि यह एकादशी आम तौर पर कृष्ण पक्ष के दौरान हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने में आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह मई और जून के महीनों में पड़ती है। अपरा एकादशी की तारीखों का उल्लेख नीचे किया गया है।

अपरा एकादशी व्रत: जून 2 2024, रविवार

एकादशी तिथि प्रारम्भ: जून 02, 2024 की सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर होगी

एकादशी तिथि समाप्त: जून 03, 2024 की मध्यरात्रि 02 बजकर 43 मिनट तक

अपरा एकादशी पारण मुहूर्त : 03 जून की सुबह 08 बजकर 08 मिनट से 03 जून 08 बजकर 09 मिनट तक 

अवधि : 0 घंटे 1 मिनट

हरि वासर समाप्त होने का समय : 03 जून 08 बजकर 08 मिनट 

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शुभ योग का निर्माण

इस बार अपरा एकादशी पर बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। दरअसल इस साल अपरा एकादशी पर प्रीति योग व आयुष्मान योग बन रहा है। ज्‍योतिष शास्‍त्र में प्र‍ीति योग को बहुत फलदायी व शुभ योगों में एक माना गया है। कोई भी मंगल कार्य व किसी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए प्रीति योग को बहुत शुभ माना जाता है। प्रीति योग में कोई भी नया काम, प्रोजेक्‍ट या गृह प्रवेश करना अच्छा माना जाता है। यह योग सुखी व समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए शुभ होता है। 

आयुष्मान योग की बात करें तो यह योग भी बहुत अधिक शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते रहते हैं। जीवन भर इनका शुभ प्रभाव रहने के कारण इसे आयुष्मान योग कहा जाता है। 

अपरा एकादशी का महत्व

विष्णु पुराण के अनुसार, अपरा एकादशी को सभी एकादशी व्रत में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से ब्रह्महत्या, प्रेत योनि, झूठ, निंदा इत्यादि जैसे पापों से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, इस एकादशी का व्रत रखने से किसी से गलत भाषा का प्रयोग करना, झूठा वेद पढ़ना और सिखाना या लिखना, झूठा शास्त्र का निर्माण करना, ज्योतिष भ्रम आदि जैसे भयंकर पापों से भी मुक्ति मिल सकती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अपरा एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, कई प्रकार की बीमारियों, दोष और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इस विशेष दिन पर  भगवान श्री हरि कि उपासना करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

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अपरा एकादशी की पूजा विधि

  • अपरा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करने के बाद साफ पीले रंग के वस्‍त्र धारण करें और व्रत का संकल्‍प करें।
  • अब घर के मंदिर में भगवान विष्‍णु के वामन अवतार और बलराम की प्रतिमा लगाएं। फिर उसके सामने दीपक जलाएं। 
  • इसके बाद भगवान विष्‍णु की प्रतिमा को अक्षत, फूल, आम फल, नारियल और मेवे चढ़ाएं। 
  • ध्यान रहे कि विष्‍णु की पूजा करते वक्‍त तुलसी के पत्ते अवश्‍य रखें। 
  • इसके बाद धूप दिखाकर श्री हरि विष्‍णु की आरती उतारें और कथा पढ़े। इस दिन एकादशी की कथा जरूर पढ़ें क्योंकि माना जाता है कि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
  • इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
  • शाम के समय तुलसी के पौधे के पास देसी घी का एक दीपक जलाएं।
  • ध्यान रहे एकादशी के दिन रात के समय सोना नहीं चाहिए। इस दिन पूरी रात भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए। 
  • अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण व जरूरतमंदों को यथाशक्ति भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें। 
  • इसके बाद बिना प्याज लहसुन का भोजन बनाकर ग्रहण करें और व्रत पारण करें।

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अपरा एकादशी के दिन ये कार्य न करें

  • एकादशी का व्रत रखते हुए कई बार हम और आप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिन्हें करने से हमेशा बचना चाहिए। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में।
  • सनातन धर्म के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से अगले जन्म में व्यक्ति रेंगने वाला जीवन बनता है।
  • एकादशी के दिन भूलकर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि क्रोध करने से भगवान विष्णु भी नाराज हो जाते हैं और घर की सुख-समृद्धि कम हो जाती है। इस दिन किसी को गलत शब्द कहने से भी बचना चाहिए।
  • एकादशी के दिन साधक को ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना चाहिए। शारीरिक संबंध या गलत सोच आदि मन में नहीं लाना चाहिए। 
  • इस दिन मांस मदिरा-पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के दिन काले व सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। एकादशी के व्रत में इस रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को अति प्रिय है और यह रंग शुभता लाता है।

अपरा एकादशी पर जरूर पढ़ें ये कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक राज्य में महिध्वज नाम का एक राजा राज करता था, जो स्वभाव में बहुत ही दयालु था। लेकिन, उसका छोटा भाई वज्रध्वज उससे विपरीत स्वभाव का था। उसने अपने मन में अपने भाई के खिलाफ द्वेष भर रखा था। उसे अपने भाई का व्यवहार पसंद नहीं आता था। वह हमेशा अपने भाई को मारने को पूरा राजपाट अपने हाथों लेने फिराक में रहता था एक दिन मौका पाकर उसने अपने भाई को मार दिया और एक पीपल के पेड़ के नीचे उसे दफना दिया। अकाल मृत्यु के कारण राजा की आत्मा भटकने लगी, वह उस पेड़ के पास से गुजरने वाले हर राहगीर को परेशान करने लगी। संयोगवश एक दिन एक ऋषि उसी रास्ते से गुजर रहे थे। जब उनका सामना उस भटकती आत्मा से हुआ। तब  ऋषि ने उस आत्मा से अब तक मोक्ष प्राप्ति न होने का कारण पूछा। राजा की आत्मा ने अपने साथ हुए विश्वासघात की सारी कहानी ऋषि को बता दी। इसके बाद उस ऋषि ने अपनी शक्ति से, आत्मा को मुक्त कर दिया। राजा की मुक्ति के लिए, ऋषि ने अपरा एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया और उस फल से राजा की आत्मा प्रेत योनि से मुक्त हो गई। एकादशी के दिन व्रत करने से मिलने वाले पुण्य फल को उन्हें राजा की आत्मा को अर्पित किया। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से राजा की आत्मा को प्रेत योनि से छुटकारा मिला और वह पूरी तरह मुक्त हो गई। इसके बाद अपरा एकादशी के व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया। 

हिंदू मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी का महत्व भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को सबसे पहले बताया था। शास्त्रों के अनुसार, जो साधक इस एकादशी व्रत और अनुष्ठान को विधि-विधान से करता है, वह अतीत और वर्तमान के पापों से पूरी तरह छुटकारा पा लेता है और जीवन में सकारात्मकता के मार्ग पर चलता है। यह भी माना जाता है कि व्यक्ति इस एकादशी के व्रत को अत्यंत भक्ति के साथ करके पुनर्जन्म और मृत्यु के चक्र से बाहर निकल सकता है और मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। 

अपरा एकादशी पर किए जाने वाले आसान उपाय

अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा विधि-विधान से करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही इस दिन कुछ उपायों को करके व्यक्ति के सभी काम बनने लगते हैं।

कर्ज से छुटकारा पाने के लिए

अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही, देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे सभी भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। सुख-समृद्धि मिलने के साथ ही व्यक्ति कर्ज व लोन से छुटकारा पाता है।

सकारात्मक ऊर्जा के लिए

अपरा एकादशी के दिन घर के मेन दरवाजे के बाहर घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और  भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही, सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

धन-धान्य के लिए

अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान इस मंत्र का-  (ॐ नमो भगवते वासुदेवाय) कम से कम 108 बार जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, आपको कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।

सुखी पारिवारिक जीवन के लिए

अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शंख से जलाभिषेक करें। इससे वह श्री हरि जल्द प्रसन्न होकर सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही, आपका पारिवारिक जीवन में सुखमय होता है।

संतान के स्वास्थ्य के लिए

अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और इसमें तुलसी की एक पत्ता डालना न भूलें क्योंकि भगवान श्री हरि को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं और बिना तुलसी के पूजा व उनका भोग अधूरा माना जाता है। ऐसा करने से आपकी और आपकी संतान का स्वास्थ्य अनुकूल बना रहेगा।

दुखों से छुटकारा पाने के लिए

एकादशी के दिन किसी जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति को वस्त्र, अनाज, मिठाई आदि का दान करें। ऐसा करने से जीवन में आ रहे उतार-चढ़ाव व सभी दुखों से छुटकारा मिल सकता है।

शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन के लिए

अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फूल, गुड़ और चने की दाल अर्पित करें। ऐसा करने से छात्र शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और उन्हें सफलता प्राप्त होती है।

भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए

अपरा एकादशी के दिन घर की उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ जरूर लगाएं। बता दें कि पद्म पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव ने अपने पुत्र कार्तिकेय को कहा है कि आंवला वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप है इसलिए हर एकादशी के दिन एक आंवले का पेड़ जरूर लगाएं। ऐसा करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. एक साल में कितनी एकादशी होती है?

उत्तर. एक साल में 24 एकादशी पड़ती है।

प्रश्न 2. अपरा एकादशी का व्रत कब तोड़ना है?

उत्तर. अपरा एकादशी के व्रत द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में तोड़ना चाहिए।

प्रश्न 3. अपरा एकादशी पर क्या खाना चाहिए?

उत्तर. अपरा एकादशी के दिन दूध, जल या फल का सेवन कर सकते हैं।

प्रश्न 4. अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

उत्तर. अपरा एकादशी 02 जून 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा।

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 02 जून से 08 जून, 2024

अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 02 जून से 08 जून, 2024: यह सप्‍ताह अलग-अलग मूलांक के लोगों के लिए कई बेहतरीन अवसर लेकर आएगा। अगर आप अपने मूलां‍क के आधार पर अपने प्रेम जीवन, करियर, सेहत या आर्थिक स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस ब्‍लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। इस लेख में हमारे अनुभवी अंकज्योतिषी और ज्योतिषाचार्य हरिहरन जी ने मूलांक के आधार पर अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 02 जून से 08 जून के लिए सटीक भविष्‍यवाणी प्रदान की है।

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला साल? विद्वान ज्योतिषियों से जानें इसका जवाब

कैसे जानें अपना रूट नंबर या मूलांक? 

आप अपनी जन्‍म की तारीख को एकल संख्‍या में बदल कर अपनी रूट संख्‍या या मूलांक जान सकते हैं। रूट नंबर 1 से लेकर 9 के बीच होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका जन्‍म महीने की 11 तारीख को हुआ है, तो आपका रूट नंबर 1+1, यानी कि 2 होगा। इस तरह अपना रूट नंबर जानकर अपना राशिफल जान सकते हैं।

जानें अपना मूलांक आधारित साप्ताहिक राशिफल (02 जून से 08 जून, 2024)

हमारे जीवन पर अंकज्‍योतिष का बहुत प्रभाव पड़ता है क्‍योंकि हमारी जन्‍म तिथि ही अंकों से बनी होती है। आपकी जन्‍मतिथि के आधार पर ही आपका मूलांक या रूट नंबर तय होता है। अपना रूट नंबर जानने के बाद आप अंकज्‍योतिष के अंतर्गत अपने बारे में काफी कुछ जान सकते हैं और अपने भविष्‍यफल की जानकारी भी ले सकते हैं।

1 अंक के स्‍वामी सूर्य हैं और 2 अंक का चंद्रमा, 3 का बृहस्‍पति, 4 का राहु, 5 का बुध, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 अंक के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। इन ग्रहों के गोचर के कारण व्‍यक्‍ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं और इनके द्वारा शासित अंकों का भी हमारे जीवन पर अहम प्रभाव पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि मूलांक के अनुसार 02 जून से 08 जून तक का समय आपके लिए कैसा रहेगा।

मूलांक 1

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातक बहुत व्‍यवस्थित और पेशेवर होते हैं और अपने इन्‍हीं गुणों के कारण जीवन में सफलता प्राप्‍त करते हैं। इस सप्‍ताह आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और इस वजह से आप इस समय बहुत ज्‍यादा व्‍यस्‍त रहने वाले हैं। आपके लिए आध्‍यात्मिक यात्रा के योग भी बन रहे हैं और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी। आप जीवन के विभिन्‍न पहलुओं में अपनी विशिष्‍टता का प्रदर्शन करेंगे।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच सब कुछ अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल उत्‍तम रहेगा। पार्टनर के साथ अच्‍छी बातचीत होने की वजह से आप प्रसन्‍न महसूस करेंगे। आप दोनों को एक साथ कहीं बाहर घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है और यह समय आप दोनों के लिए ही यादगार साबित होगा। आप और आपके जीवनसाथी पर परिवार की जिम्‍मेदारियां बढ़ सकती हैं और आप दोनों मिलकर किसी समस्‍या का समाधान कर सकते हैं। आप अपने पार्टनर को अधिक महत्‍व देंगे। आप और आपका जीवनसाथी सुखी वैवाहिक जीवन का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे।

शिक्षा: इस सप्‍ताह आप अपनी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पेशेवर तरीके से कोई सकारात्‍मक कदम उठा सकते हैं। मैनेजमेंट और फिजिक्‍स जैसे विषय आपको आसान लगेंगे इसलिए इस समय इन विषयों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। प्रतियोगी परीक्षा में हिस्‍सा लेने के लिए भी अनुकूल समय है। इसमें आपके उच्‍च अंक प्राप्‍त करने की प्रबल संभावना है। आप अपने दोस्‍तों और साथी छात्रों से अधिक अंक प्राप्‍त करेंगे।

पेशेवर जीवन: आप नौकरी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। अगर आप पब्लिक सेक्‍टर में नौकरी करते हैं, तो यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार साबित होगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति के योग भी बन रहे हैं। वहीं व्‍यापारियों को आउटसोर्स डील से अच्‍छा मुनाफा होने की उम्‍मीद है। आप पार्टनरशिप में नया बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं और आपका यह कदम फलदायी साबित होगा। इस समय व्‍यापारियों को अपनी उम्‍मीद से अधिक मुनाफा होने के संकेत हैं।

सेहत: इस सप्‍ताह आपकी सेहत बहुत शानदार रहने वाली है। आप जोश और उत्‍साह से भरपूर महसूस करेंगे। नियमित व्‍यायाम की मदद से आप खुद को और ज्‍यादा फिट बना सकते हैं। इससे आप स्‍वस्‍थ जीवन का आनंद ले पाएंगे।

उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के लिए यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 2

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 2 वाले जातकों को निर्णय लेते समय कंफ्यूज़न महसूस हो सकती है जोकि इनके विकास में रुकावट पैदा बनने का काम करेगी। यदि आप अच्‍छे परिणाम पाना चाहते हैं, तो योजना बनाकर चलें। आपको इस सप्‍ताह अपने दोस्‍तों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्‍योंकि उनके कारण आपको समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस समय लंबी दूरी की यात्रा करने से भी बचना चाहिए क्‍योंकि इस समय उनके उद्देश्‍य की पूर्ति होने की संभावना बहुत कम है।

प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस होने की आशंका है। बेहतर होगा कि आप इस समय अपने जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह के झगड़े से बचने का प्रयास करें। यदि आप अपने और अपने पार्टनर के लिए इस सप्‍ताह को रोमांटिक बनाना चाहते हैं, तो आपको अपनी ओर से सामंजस्‍य बैठाने का प्रयास करना चाहिए। आप दोनों के लिए धार्मिक यात्रा पर जाने के योग भी बन रहे हैं और इस यात्रा से आप दोनों काफी राहत महसूस करेंगे। कुल मिलाकर, यह सप्‍ताह प्रेम और रोमांस के लिए ज्‍यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।

शिक्षा: इस समय मूलांक 2 वाले जातकों का अपने काम से ध्‍यान भटक सकता है इसलिए उन्‍हें अपने कार्य पर अधिक ध्‍यान देने और पूरी एकाग्रता के साथ काम करने की सलाह दी जाती है। आपको कड़ी मेहनत और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने की जरूरत है। अगर आप केमिस्‍ट्री या कानून जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको अच्‍छा प्रदर्शन करने में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। आप तार्किक होकर पढ़ाई करेंगे और अपने साथी छात्रों के बीच अपनी जगह बनाने का प्रयास करें।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं जो कि कार्यक्षेत्र में उनके विकास में बाधा का काम करेंगी। गलतियों के कारण आपके हाथ से नौकरी के कई नए अवसर भी छूट सकते हैं। यदि आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं, तो अपने काम में सुधार लाएं और कार्यक्षेत्र में सफलता का उदाहरण पेश करने का प्रयास करें। इससे आप अपने सहकर्मियों से आगे निकलने में भी सफल हो पाएंगे। वहीं व्‍यापारियों के लिए नुकसान की स्थिति बनी हुई है। अपने प्रतिद्वंदियों से मिल रहे दबाव के कारण आपको बिज़नेस में हानि उठानी पड़ सकती है।

सेहत: इस समय आपको खांसी होने की आशंका है इसलिए आपको अपने शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर अधिक ध्‍यान देना चाहिए। आपको रात में सोने में दिक्‍कत हो सकती है। आपको घुटन महसूस होने के कारण कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: रोज़ 20 बार ‘ॐ चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 3

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है)

इस सप्‍ताह मूलांक 3 वाले जातक महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने का साहस दिखाएंगे और ये फैसले इनके हितों को बढ़ावा देने का काम करेंगे। इस समय आप आत्‍मविश्‍वास से भरपूर और संतुष्‍ट महसूस करेंगे। आपकी अध्‍यात्‍म के प्रति रुचि बढ़ने के आसार हैं। आत्‍म-प्रेरणा वह गुण होगा जिससे आप समाज में मान-सम्‍मान बढ़ाने में सक्षम होंगे। इस सप्‍ताह आप खुले विचारों वाले रहेंगे और इससे आपको अपने हितों को बढ़ावा देने में बहुत मदद मिलेगी। आपको इस समय अत्‍यधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं लेकिन अच्‍छी बात यह है कि ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।

प्रेम जीवन: आप अपने पार्टनर से अपनी रोमांटिक भावनाओं को व्‍यक्‍त कर पाएंगे। आप और आपका जीवनसाथी एक-दूसरे से अपने विचारों को कुछ इस तरह व्‍यक्‍त करेंगे जिससे आप दोनों के बीच आपसी तालमेल विकसित होगा। आप दोनों अपने परिवार में होने वाले किसी कार्यक्रम को लेकर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। एक-दूसरे को जानने से आप दोनों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा और आप दोनों के बीच प्‍यार बढ़ेगा।

शिक्षा:  यह सप्‍ताह छात्रों के लिए शानदार रहने वाला है। आप प्रोफेशनल ढंग से अपनी शिक्षा को आगे ले जाने में सफल होंगे। मैनेजमेंट और बिज़नेस एडमिनिस्‍ट्रेशन जैसे विषय आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। ये विषय आपकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार लाने का काम करेंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह आपको नौकरी का कोई ऐसा नया अवसर मिल सकता है जिसे पाकर आप काफी संतुष्‍ट और प्रसन्‍न महसूस करेंगे। इस नई नौकरी में आप पूरी दक्षता के साथ काम करेंगे। व्‍यापारी कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिसमें उन्‍हें उच्‍च मुनाफा होने की उम्‍मीद है। व्‍यापार के क्षेत्र में आप अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकल पाएंगे और उन्‍हें कड़ी टक्‍कर देंगे।

सेहत: इस सप्‍ताह आपका शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आपके अंदर जोश और उत्‍साह काफी बढ़ जाएगा और इसका आपकी सेहत पर भी सकारात्‍मक असर देखने को मिलेगा। आपके आसपास इस समय काफी सकारात्‍मकता रहने वाली है जिससे आपके स्‍वास्‍थ्‍य को भी लाभ होगा।

उपाय: रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 4

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातकों का मन असुरक्षा की भावनाओं से घिर सकता है और इसकी वजह से ये कोई प्रभावी निर्णय लेने में असफल हो सकते हैं। इस समय लंबी यात्राओं के उद्देश्‍य की पूर्ति होने की संभावना बहुत कम है इसलिए आपको इस समयावधि में लंबी यात्राएं करने से बचना चाहिए। इसके अलावा आपको महत्‍वपूर्ण निर्णय लेते समय अपने बड़ों की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह किसी गलतफहमी के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस होने की आशंका है। अपने पार्टनर के साथ रिश्‍ते को मज़बूत करने के लिए आपको अपनी ओर से तालमेल बिठाने की जरूरत है। अहंकार के कारण आप दोनों का झगड़ा हो सकता है और इसकी वजह से आपके रिश्‍ते में खटास आने के भी संकेत हैं।

शिक्षा: ध्‍यान भटकने के कारण इस समय छात्रों को एकाग्रता से पढ़ाई करने में दिक्‍कत आ सकती है। आपको इस सप्‍ताह अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान देने की जरूरत है। आपके पास कुछ नए प्रोजेक्‍ट आ सकते हैं जिन्‍हें पूरा करने में आप व्‍यस्‍त रहने वाले हैं। इस सप्‍ताह शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के सामने मुश्किलें खड़ी होने के संकेत हैं और इसकी वजह से आप शीर्ष पर पहुंचने में असफल हो सकते हैं।

पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत को नज़रअंदाज़ किए जाने की वजह से आप अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर थोड़ा असंतुष्‍ट महसूस कर सकते हैं। इसके कारण आपका मन निराशा से घिर सकता है। व्‍यापारियों को अपनी मौजूदा डील से उच्‍च  मुनाफा होने की संभावना कम है। वहीं पार्टनरशिप में काम करने वाले लोगों के अपने पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं। इस समय नई पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करने का फैसला न लें।

सेहत: आपको इस सप्‍ताह पाचन संबंधी समस्‍याएं होने का खतरा है और इससे बचने के लिए आपको समय पर खाना खाने की सलाह दी जाती है। आपको पैरों और कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए आप शारीरिक व्‍यायाम की मदद ले सकते हैं। आपको रात में अच्‍छी नींद आने में परेशानी हो सकती है और इस वजह से आप थोड़े नाखुश रहने वाले हैं।

उपाय: मां दुर्गा को प्रसन्‍न करने के लिए मंगलवार के दिन यज्ञ-हवन करें।

मूलांक 5

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है)

इस सप्‍ताह आप अपने छिपे हुए स्किल्‍स के दम पर अच्‍छा मुनाफा कमाने वाले हैं। आपका हर कदम आपको आगे लेकर जाएगा और इस काम में आपकी तार्किक शक्ति काम आएगी। महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने के लिए यह सप्‍ताह फलदायी साबित होगा।

प्रेम जीवन: आपके रिश्‍ते में उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित होंगे और संबंध में मधुरता आएगी। इससे आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल अच्‍छा रहेगा और आप अपने पार्टनर के साथ सुखी वैवाहिक जीवन की मिसाल कायम करेंगे। जीवनसाथी के प्रति आपके प्‍यार में इज़ाफा होगा और आप दोनों ही रिश्‍ते में खुश रहेंगे। इस सप्‍ताह आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं।

शिक्षा: आप पढ़ाई में बहुत अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे और आप मुश्किल विषयों को भी आसानी से पार कर लेंगे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्‍स और एडवांस स्‍टडीज जैसे विषय आपको सरल लगेंगे। आप जो भी पढ़ेंगे या जिस भी विषय को चुनेंगे, उसकी पढ़ाई तार्किक होकर करने में सक्षम होंगे।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह आप अपनी क्षमता और काबिलियत के बारे में जान पाएंगे और पूरे जोश के साथ काम करेंगे। आप कार्यक्षेत्र में अधिक पेशेवर होकर काम करेंगे। आपको अपने अच्‍छे प्रदर्शन के लिए कोई पुरस्‍कार भी दिया जा सकता है। वहीं व्‍यापारी अपने क्षेत्र में शीर्ष तक पहुंचने में सफल होंगे और खुद को अंग्रणी बनाएंगे।

सेहत: इस सप्‍ताह आप उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य का आनंद लेंगे। शारीरिक रूप से फिट और एनर्जी से भरपूर रहने की वजह से आपकी सेहत इस समय बहुत बढ़िया रहने वाली है। अपने सेंस ऑफ ह्यूमर की वजह से भी आपका स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहेगा।

उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 6

(यदि आपका जन्‍म महीने की किसी भी 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है)

इस अंक के जातक अपने अंदर के छिपे स्किल्स को अच्छे से पहचानते हैं और इसके चलते उनकी रचनात्मकता में वृद्धि देखने को मिलती है, जो उन्हे शीर्ष पर पहुंचने में मार्गदर्शन करता है। बुद्धिमानी से काम करने की वजह से आपको पुरस्‍कृत किया जा सकता है। इस सप्‍ताह अपने आसपास सब कुछ अच्‍छा होने की वजह से आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।

प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। महत्‍वपूर्ण निर्णयों को लेकर आपकी और आपके जीवनसाथी की सोच एवं विचार एक-दूसरे से मेल खाएंगे। आपको अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है और आप दोनों ही इसका भरपूर आनंद उठाएंगे। इसके अलावा आपके परिवार में कोई शुभ कार्यक्रम हो सकता है या आपको परिवार के सदस्‍यों के साथ मिलने-जुलने का मौका मिलेगा।

शिक्षा: इस सप्‍ताह आप उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने और प्रतियोगी परीक्षा में हिस्‍सा लेने में सक्षम होंगे। आप अपने किसी विशिष्‍ट कौशल की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने में सफल हो सकते हैं। आपको उच्‍च शिक्षा के लिए विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है और यह अवसर आपके लिए फलदायी साबित होगा।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह नौकरी के नए अवसर पाकर आप काफी संतुष्‍ट महसूस करेंगे। आपको काम के सिलसिले में विदेश जाने मौका भी मिल सकता है और इन अवसरों से आपको उच्‍च मुनाफा होने के संकेत हैं। व्‍यापारी अपनी स्थिति को बेहतर करने और उच्‍च मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे एवं सहज महसूस करेंगे। आप कोई नई बिज़नेस डील भी ले सकते हैं जिससे आपको बड़ा मुनाफा तो होगा ही लेकिन इसके साथ ही आप अपने व्‍यापारिक क्षेत्र में अपनी सकारात्‍मक पहचान भी बना पाएंगे।

सेहत: इस सप्‍ताह आत्‍मविश्‍वास बढ़ने के कारण आप ऊर्जा और जोश से भरपूर महसूस करेंगे। इसका सकारात्‍मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। आपके अंदर जोश और आत्‍मविश्‍वास काफी बढ़ जाएगा जिससे आपकी सेहत भी दुरुस्‍त रहेगी।

उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 7

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातकों को इस समय अपने कार्यों पर अधिक ध्‍यान देने की सलाह दी जाती है क्‍योंकि इनसे अपने काम में लापरवाही हो सकती है और इसका नकारात्‍मक असर आपको मिलने वाले परिणामों पर पड़ सकता है। इस सप्‍ताह आध्‍यात्मिक कार्यों में आपका रुझान बढ़ेगा।

प्रेम जीवन: आपको अपने जीवनसाथी के साथ रिश्‍ते में तालमेल बिठाने की जरूरत है। इस सप्‍ताह आप दोनों के बीच छोटी-छोटी बात पर बहस और झगड़ा होने की आशंका है। इससे आपके रिश्‍ते की सुख-शांति भंग हो सकती है। इससे बचने और अपने प्रेम संबंध में सुख-शांति को बरकरार रखने के लिए आपको शांत रहने की सलाह दी जाती है।

शिक्षा: इस समय छात्रों की सीखने की क्षमता कमज़ोर हो सकती है और इसके कारण विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में अच्‍छा प्रदर्शन करने से पीछे सकते हैं। इस वजह से छात्रों के लिए यह सप्‍ताह ज्‍यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। इसके अलावा उच्‍च प्रतियोगी परीक्षा में हिस्‍सा लेने के लिए भी यह समय सही नहीं है। अगर आप इस समय प्रतियोगी परीक्षा में हिस्‍सा लेते हैं, तो आपको नुकसान या खराब प्रदर्शन का सामना करना पड़ सकता है।

पेशेवर जीवन: इस सप्‍ताह आपको अपने वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बात करते समय अधिक सावधान रहने की जरूरत है वरना आपकी उनके साथ बहस हो सकती है। आपके वरिष्‍ठ अधिकारी आपके काम की गुणवत्‍ता पर सवाल उठा सकते हैं। इससे आप घबरा सकते हैं लेकिन आपको इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है और अपने उच्‍च अधिकारियों के सामने अपनी प्रतिष्‍ठा को बनाए रखने के लिए आप अपने कार्यों पर थोड़ा नियंत्रण रखें। व्‍यापारियों को अपने बिज़नेस में मुनाफे को लेकर सावधान रहने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि कभी-कभी स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर जा सकती है। इसके अलावा आपको इस सप्‍ताह नई पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करने से भी बचना चाहिए वरना आप मुश्किल में फंस सकते हैं।

सेहत: आपको इस सप्‍ताह चोट लगने की आशंका है इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी  बरतें। आपको कोई भारी वाहन चलाने से बचने की सलाह दी जाती है।

उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ गणेशाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

मूलांक 8

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है)

यह सप्‍ताह मूलांक 8 वाले जातकों के लिए ज्‍यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। बेहतर और लाभकारी परिणाम प्राप्‍त करने के लिए आपको अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा। आपकी आध्‍यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और आपको किसी ऐसी जगह की यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा जहां आपका अध्‍यात्‍म के प्रति लगाव बढ़ेगा। इस सप्‍ताह आप बहुत ज्‍यादा व्‍यस्‍त रहने वाले हैं। आपको इस समय धैर्य से काम लेने की जरूरत है और अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करें।

प्रेम जीवन: पारिवारिक मसलों की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां बढ़ने की आशंका है। इसके कारण आपके रिश्‍ते की सुख-शांति भंग हो सकती है और आपको ऐसा लग सकता है जैसे आपने अपना सब कुछ खो दिया है। आपको अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाने और स्‍नेहपूर्ण संबंध बनाने की जरूरत है।

शिक्षा: इस सप्‍ताह आपकी एकाग्रता ही आपकी ताकत होगी और आप मन लगाकर पढ़ाई करेंगे। इस समय आपको प्रतियोगी परीक्षा मुश्किल लग सकती है। इसमें उच्‍च अंक प्राप्‍त करने के लिए आपको अच्‍छे से तैयारी करने की जरूरत है। आप अपने स्किल्‍स के सहारे दृढ़ संकल्पित होकर पढ़ाई करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।

पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर असंतुष्‍ट महसूस करने की वजह से नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं और यह बात इन्‍हें परेशान कर सकती है। कभी-कभी आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्‍छा प्रदर्शन करने से पीछे रह सकते हैं और इसका असर आपके काम की गुणवत्‍ता पर पड़ने वाला है। वहीं व्‍यापारियों के लिए मुनाफा कमा पाना आसान नहीं होगा। आपको कम से कम निवेश पर भी बिज़नेस चलाना पड़ सकता है या आपको बिज़नेस में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सेहत: इस सप्‍ताह आपको तनाव की वजह से पैरों में दर्द और जोड़ों में अकड़न महसूस हो सकती है। स्‍वस्‍थ रहने के लिए आपको ध्‍यान एवं योग करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: आप रोज़ 44 बार ‘ॐ मंदाय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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मूलांक 9

(यदि आपका जन्‍म किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है)

इस मूलांक वाले जातकों के लिए यह सप्‍ताह अनुकूल रहने वाला है। आपको इस समय ऐसे कई शानदार अवसर मिलने के संकेत हैं जो आपके भविष्‍य को संवारने का काम करेंगे। आपको करियर में  सुनहरे अवसर मिल सकते हैं या फिर आपको धन लाभ होने की संभावना है या आप नए दोस्‍त भी बना सकते हैं। आपको इस सप्‍ताह यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।

प्रेम जीवन: इस सप्‍ताह आपके और आपके पार्टनर के रिश्‍ते में प्‍यार और सुख-शांति बनी रहेगी। अगर आप प्रेम संबंध में हैं, तो आपके रिश्‍ते में खुशियां बढ़ेंगी। वहीं शादीशुदा लोगों के लिए भी रोमांटिक समय है।

शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह सप्‍ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है और आप उच्‍च अंक प्राप्‍त करेंगे। आप इले‍क्ट्रिकल इंजीनियरिंग और केमिस्‍ट्री आदि विषयों में शानदार प्रदर्शन करेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में आप अपने लिए एक अलग जगह बना सकते हैं।

पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना है। यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इस समय सुनहरे अवसर मिलने के संकेत हैं। वहीं व्‍यापारियों को कोई नई बिज़नेस डील मिल सकती है जिससे आपको अच्‍छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।

सेहत: इस सप्‍ताह आप सकारात्‍मक महसूस करने की वजह से शारीरिक रूप से मज़बूत रहेंगे। आप दृढ़ निश्‍चयी और आंतरिक रूप से मज़बूत रहेंगे जिससे आप खुद को स्‍वस्‍थ रखने में सक्षम हो पाएंगे।

उपाय: रोज़ 27 बार ‘ॐ भूमिपुत्र नम:’ मंत्र का जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 7 अंक का गुरु कौन है

उत्तर. 7 अंक  के स्‍वामी केतु होते हैं।

प्रश्‍न. मेष राशि का शुभ अंक क्‍या है?

उत्तर. इस राशि का शुभ अंक 4 है।

प्रश्‍न. अपना मूलांक कैसे निकालें?

उत्तर. आपकी जन्मतिथि 26 है तो आप 2 और 6 को जोड़ दें, आपका अंक 8 है।

अच्छा ज्ञान होने के बाद भी फेल हो जाते हैं इंटरव्यू में, तो जानें कौन सा ग्रह है जिम्मेदार !

अच्छी नौकरी हर किसी का एक सपना होता है लेकिन कई बार अच्छा ज्ञान होने के बावजूद और कड़ी मेहनत करने के बाद भी जातक हर परीक्षा पास कर लेता है लेकिन इंटरव्यू में उसे हर बार हार का सामना करना पड़ सकता है। जब हमें सामने से नकारात्‍मक जवाब आता है तो बहुत ठेस पहुंचती है। कई बार यह अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि आखिर गलती कहां हुई जो इंटरव्यू में बाजी नहीं मार पाए। यूं तो कई कारण हो सकते हैं जिसमें यह भी शामिल है कि आपकी तरफ से कोई कमी नहीं हो लेकिन आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह दोष की वजह से यह समस्या हो सकती है।

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कुंडली में मौजूद ग्रह दोष की वजह से हमें इंटरव्यू में उन्नति या तरक्की में बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार नौकरी के लिए बहुत तैयारी और मेहनत करने के बावजूद आपको तरक्की नहीं मिल पाती। ज्योतिष के अनुसार, कुछ ग्रहों का विशेष प्रभाव आपको नौकरी या जॉब में सफलता दिलाने में मदद कर सकता है। जॉब इंटरव्यू को सफल बनाने के लिए अपनी तैयारी के साथ-साथ ग्रहों को मजबूत करने के लिए उपाय भी किए जा सकते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि इंटरव्यू में पास असफल होने के पीछे कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं।

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इंटरव्यू में पास असफल होने के पीछे ये ग्रह है जिम्मेदार

शनि ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में शनि नौकरी के कारक हैं। कुंडली में इनकी स्थिति जितनी मजबूत होगी, आपका इंटरव्यू निकलने के चांसेस उतने अच्छे होंगे। साथ ही आपको अच्छी नौकरी भी मिलने की संभावना इसी से बनती है। वहीं अगर इसकी स्थिति खराब हुई, तो इंटरव्यू देते-देते आप परेशान हो जाएंगे, लेकिन कामयाबी आपके हाथों नहीं आ पाएगी। कुल मिलाकर आपके करियर में मिल रही सफलता और असफलता, शनि की स्थिति से तय होती है। ज्योतिष के अनुसार, जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अंतर्दशा चल रही है, उन्हें नौकरी में परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

बृहस्पति ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में भी गुरु ग्रह को विशेष ग्रह माना गया है, जिसकी कमज़ोर स्थिति से सफलता पाना मुश्किल हो जाता है और जीवन भी परेशानियों से घिर जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति अभाग्य का कारण बनती है और उसे नौकरी व करियर में की प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गुरु को सफलता और उदारता का ग्रह भी कहा गया है। ये ज्ञान के भी कारक है। ऐसे में, यदि कुंडली में देव गुरु बृहस्पति की स्थिति कमज़ोर है तो व्यक्ति को आपार ज्ञान होते हुए भी इंटरव्यू में असफलता झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा, नौकरी में भी कई अन्य प्रकारी की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

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सूर्य ग्रह 

ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमज़ोर हो तो उसे अपने कार्यक्षेत्र में सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति नहीं होती है और बार-बार इंटरव्यू में जातक को हार का सामना करना पड़ सकता है। वह चाहे नौकरी करें या व्यापार, उसे सफलता नहीं मिलती है। उसके काम में बाधाएं आती हैं। कई बार जातक बाकी ग्रहों की शुभ स्थिति के परिणामस्वरूप अच्छे से परीक्षा में पास हो जाता है लेकिन उसे इंटरव्यू में हार का सामना करना पड़ जाता है।

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जॉब इंटरव्यू से पहले इन ग्रह को कर लें मजबूत

  • यदि आप नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो गुरु ग्रह बृहस्पति को मजबूत कर लें। ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्ल पक्ष के गुरुवार से प्रतिदिन माथे पर केसर का तिलक लगाएं, ऐसा करने से आपका भाग्य चमकेगा और आपको किस्मत का भी पूरा साथ मिलेगा। साथ ही, आपको जॉब और इंटरव्यू में शुभ फल की प्राप्ति होगी।
  • जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, उन्हें कम से कम 21 या 11 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए। इस दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें। साथ ही, गुरु ग्रह की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ मंत्र का जाप 108 बार जाप करना चाहिए।
  • बृहस्पति की स्थिति मजबूत करने के लिए पुखराज या उपरत्न सुनेला या सोनल भी धारण कर सकते हैं क्योंकि ये रत्न गुरु दोष निवारण के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि, इस रत्न को धारण करने से पहले आप ज्योतिष की सलाह जरूर ले लें ।
  • गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए पीली चीजों का दान करें। जैसे- चने की दाल, बेसन, मक्का, हल्दी, केले आदि करना शुभ माना जाता है।
  • बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है। किसी भी इंटरव्यू में जाने से पहले बुद्धि के देवता भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें। साथ ही, गणेश जी के मंत्रों को लाल पेन से लिखकर अपने बैग में या जेब में रख लें। इसके अलावा, जरूरतमंदों को दान दें और उनकी अपनी क्षमता अनुसार मदद करें।
  • कुंडली में बुध कमजोर हो तो मान सम्मान, यश में कमी और नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर हो तो उन्हें भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
  • प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल में रोली डालकर जल अर्पित करना चाहिए और सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपको भाग्य का साथ मिलेगा।
  • इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें नीले फूल अर्पित करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सफलता के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

उत्तर 1. सूर्य जीवन में मान-सम्मान और सफलता का कारक है।

प्रश्न 2. कौन सा ग्रह आपको अमीर बनाता है?

उत्तर 2. अगर आपकी कुंडली में शनि, बुध और शुक्र जैसे ग्रह एक साथ एक ही भाव में हैं तो आपको आर्थिक जीवन में कभी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

प्रश्न 3. भाग्य के लिए कौन सा ग्रह अच्छा है?

उत्तर 3. बृहस्पति को अक्सर भाग्य का ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ज्ञान, विस्तार और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 4. सरकारी नौकरी कौन सा ग्रह देता है?

उत्तर 4. यदि जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत होते है, तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी प्राप्त होगी।

जून की दो सबसे शुभ तारीखें- इन तीन राशियों को करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक पाएगा!

जून का महीना शुरू होने वाला है और यह विशेष रूप से तीन राशियों के लिए बेहद की खास साबित होगा। अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि जून की कौन सी हैं वो 2 तारीखें जो तीन राशियों के लिए नहद खास रहने वाली है और क्यों। 

दरअसल जून के महीने में कर्म फल दाता ग्रह शनि देव वक्री हो रहे हैं, शनि की वक्री चाल से कुछ राशियों का नकारात्मक पड़ेगा तो कुछ राशियों पर उसके सकारात्मक असर भी देखने को मिलेंगे। ऐसे में आप चाहें तो शनि देव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए जून की इन दो खास तारीख को कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। हालांकि आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं कि वक्री शनि किन राशियों को मालामाल बनाएंगे।

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बेहद खास रहेगी जून की ये 2 तारीख 

वैदिक पंचांग के अनुसार जून महीने की पहली तारीख 6 जून बेहद खास रहने वाली है क्योंकि इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या है और इसी दिन शनि जयंती भी है। ऐसे में अगर आप शनि मंदिर जाते हैं, इस दिन भगवान शनि देव की पूजा करते हैं तो निश्चित रूप से आपको शनि की शनि की साढ़ेसाती और ढैया के दुष्प्रभाव से राहत मिल सकती है। साथ ही ऐसे लोगों पर शनि देव का आशीर्वाद भी सालों साल बना रहेगा। 

इसके बाद जून की अगली तारीख है 29 जून जो की बेहद ही खास मानी जा रही है। दरअसल इस दिन शनि देव वक्री होने वाले हैं। इसके बाद शनि देव नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। ऐसे में शनि की यह वक्री स्थिति तीन राशियों के लिए बेहद बेहद ही शुभ मानी जा रही है। 

हालांकि अगर आपका नाम नीचे दी गयी शुभ राशियों की लिस्ट में नहीं है तो भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आप शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय करके अपने जीवन में शनि के शुभ प्रभाव हासिल कर सकते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।

शनि को प्रसन्न करने के उपाय 

  • मकर राशि, कुंभ राशि और वृश्चिक राशि के जातक शनिदेव को तेल अवश्य अर्पित करें। 
  • शनि मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं। 
  • गरीब लोगों को खाने-पीने की वस्तुओं का दान करें।
  • शनिवार के दिन सरसों के तेल में दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

आइए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि किन राशियों के लिए शनि मालामाल होने के संकेत दे रहे हैं।

शनि देव की कृपा से ये राशियाँ होंगी मालामाल 

विशेष रूप से वृषभ राशि, कर्क राशि और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की यह स्थिति बेहद शुभ और फलदाई रहने वाली है। इस दौरान इन राशि के जातकों को अचानक से धन लाभ प्राप्त होने की संभावना है, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, काम और व्यवसाय के संबंध में आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं, सेहत अनुकूल बनी रहेगी। हालांकि अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें और अपने खाने पीने की चीजों का भी ध्यान रखें। नौकरी पेशा लोगों को इस अवधि में प्रोमोशन मिलने की संभावना है। साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि होगी, पारिवारिक जीवन अनुकूल बना रहेगा, आपके जीवन से तनाव दूर होगा, आदि। 

शनि देव की वक्री स्थिति इन तीन राशियों के लिए रहेगी खतरनाक 

सकारात्मक प्रभाव के बाद बात करें नकारात्मक प्रभाव की तो तीन ऐसी भी राशियाँ हैं जिन पर शनि देव के वक्री होने का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। 

पहली राशि जिसके लिए शनि वक्री अनुकूल नहीं साबित होंगे वो है मेष राशि। इस दौरान मेष राशि के जातकों को अपने तमाम कार्यक्रम में रुकावट, परेशानी, बाधा और स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां देखने को मिल सकती है। 

दूसरी जिस राशि के लिए वक्री शनि परेशानियाँ बढ़ाने वाले हैं वो है वृश्चिक राशि। वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान आपके जीवन में भारी उथल-पुथल देखने को मिलेगी। करियर में उतार चढ़ाव बना रहेगा, व्यापार करते हैं तो यहां आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

तीसरी और आखिरी जिस राशि के लिए वक्री शनि अनुकूल नहीं साबित होंगे वह है मकर राशि। इस दौरान आपको अपनी नौकरी और व्यापार में सफर करने की आवश्यकता पड़ेगी। साथ ही बच्चों की प्रगति को लेकर आप थोड़े अधिक चिंताग्रस्त नजर आने वाले हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: शनि देव कब वक्री हो रहे हैं?

उत्तर: 29 जून 2024 को शनि देव वक्री हो जाएंगे। 

प्रश्न 2: ज्येष्ठ अमावस्या कब है? 

उत्तर: 02 जून को ज्येष्ठ अमावस्या है। इसी दिन शनि अमावस्या भी है।

प्रश्न 3: शनि जयंती के दिन क्या करें?

उत्तर: शनि मंदिर जाएँ, शनिदेव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएँ, शनि से संबन्धित वस्तुओं का ज़रूरतमन्द लोगों को दान करें। 

प्रश्न 4: वक्री शनि किन राशियों के लिए सकारात्मक रहेंगे? 

उत्तर: वृषभ राशि, कर्क राशि और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की यह स्थिति बेहद शुभ और फलदाई रहने वाली है।

प्रश्न 5: वक्री शनि किन राशियों के लिए अनुकूल नहीं साबित होंगे?

उत्तर: मेष राशि, वृश्चिक राशि और मकर राशि के जातकों के लिए वक्री शनि अनुकूल नहीं साबित होंगे। 

मंगल गोचर: 42 दिनों की इस अवधि में बनेगा रुचक राजयोग – चार राशियों होंगी मालामाल!

मंगल गोचर 2024: वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। मंगल के गोचर का अर्थ होता है उसका एक राशि से निकाल कर दूसरी राशि में प्रवेश करना। इसी कड़ी में 1 जून 2024 को मंगल मेष राशि में गोचर करने वाले हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि मंगल के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा। 

अपने इस खास ब्लॉग में हम इसी विषय में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे मंगल का यह गोचर कब से कब तक रहने वाला है, इसका समय क्या रहेगा, मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए क्या कुछ ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए, आदि। 

विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें मंगल गोचर आपको करेगा कैसे प्रभावित?

मंगल गोचर कब से कब तक?

सबसे पहले बात करें, समय की तो मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर 42 दिनों के लिए होने जा रहा है। इस दौरान मंगल 1 जून को मेष राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद 12 जुलाई तक मंगल यहीं स्थिति रहेंगे। समय की बात करें तो, मंगल का ये गोचर 15:27 पर हो जाएगा। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। मेष और वृश्चिक राशि का आधिपत्य भी मंगल के ही पास है। ऐसे में मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर स्वराशि में होने वाला है।

जब मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति के अंदर ऊर्जा, साहस, पराक्रम काफी अधिक मात्रा में देखने को मिलता है। वहीं इसके विपरीत अगर मंगल कुंडली में शुभ स्थिति में ना हो तो इसके अशुभ प्रभाव से जातक के अंदर साहस और आत्मविश्वास की कमी के साथ-साथ दांपत्य जीवन में तमाम परेशानियां होने की आशंका बनी रहती है।

क्या यह जानते हैं आप? सिंह और कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल को एक योग कारक ग्रह कहा गया है। इसके अलावा अगर मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में स्थित हो तो इससे कुंडली में मांगलिक दोष उत्पन्न होता है। कहीं आपकी कुंडली में भी तो यह मांगलिक दोष नहीं बन रहा है? यह जानने के लिए अभी मांगलिक दोष कैलकुलेटर में अपना विवरण भरकर जानें जवाब।

मंगल गोचर राजयोग 

मंगल का यह गोचर इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि 42 दिनों तक मेष राशि में मंगल के रहने के दौरान रुचक राजयोग का निर्माण होगा जो चार राशियों के लिए अपार धन लाभ के संकेत दे रहा है। कौन सी हैं ये राशियाँ जानने से पहले जान लेते हैं क्या होता है ये रूचाक राजयोग।

रूचक राजयोग- अर्थ और महत्व

बात करें रुचक राजयोग की तो इस राजयोग का निर्माण तब होता है जब मंगल मकर राशि या फिर अपनी राशि अर्थात मेष और वृश्चिक में केंद्र स्थान में मौजूद होता है। इस अद्भुत योग के प्रभाव वाली राशियों के अंदर साहस और पराक्रम की वृद्धि देखने को मिलती है। ऐसी राशियों की शान-ओ-शौकत बढ़ती है, धन लाभ के अनेकों अवसर जीवन में आने लगते हैं और उनके मान सम्मान में वृद्धि होती है।

रुचक राजयोग से 4 राशियों को होगा विशेष लाभ 

अब जान लेते हैं मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से बनने वाले रुचक राजयोग से किन राशियों को लाभ मिलेगा।

मेष राशि: रुचक राजयोग से जिस पहली राशि को लाभ मिलेगा वह है मेष राशि। मंगल का गोचर आपके करियर में तरक्की दिलाएगा, अटके हुए काम पूरे करने में सहायक साबित होगा, व्यापार में नई डील्स दिलाएगा और आपके भविष्य को और भी उज्जवल बनाने में सहायक साबित होगा।

कर्क राशि: मंगल ग्रह के इस गोचर से कर्क राशि के जातकों को भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। इस राशि के जातकों को मनचाही नौकरी मिलेगी, सभी मनोकामनाएं पूरी होगी, आय में वृद्धि होगी, व्यापारी जातकों को नए प्रोजेक्ट प्राप्त होंगे जिससे आपकी आमदनी बढ़ेगी।

सिंह राशि: तीसरी जिस राशि के लिए राजयोग शुभ रहने वाला है वह है सिंह राशि। मंगल के इस गोचर के दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा, आपके सभी काम बनेंगे, कार्यस्थल में सराहना मिलेगी, व्यापार में धन प्राप्ति के योग बनेंगे, नौकरीपेशा जातकों को धन लाभ होगा और प्रमोशन भी मिल सकता है।

धनु राशि: आखरी जिस राशि के लिए मंगल के गोचर से बनने वाला रुचक राजयोग शुभ रहने वाला है वह है धनु राशि। आपको विदेश जाने के अवसर प्राप्त होंगे, करियर में तेजी आएगी, आप उन्नति करेंगे, बिजनेस की योजनाएं दोबारा से शुरू होगी और आपके लिए सफलता की राह प्रशस्त होगी, धन लाभ होगा और आप धन संचित करने में भी कामयाब होंगे।

मंगल का मेष राशि में गोचर- प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष में मंगल को एक पुरुष ग्रह माना जाता है। यह व्यक्ति को सभी कार्यों में साहस, ऊर्जा और स्वतंत्रता प्रदान करता है। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में होता है उन्हें अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यहां हम आपको जो गोचर फल प्रदान कर रहे हैं वह आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अगर आपको अपनी चंद्र राशि का ज्ञान नहीं है तो चंद्र राशि कैलकुलेटर में विवरण देकर तुरंत निशुल्क पता लगाएँ।

जहां एक तरफ मंगल ऊर्जा, दृढ़ संकल्प, जुनून से संबंधित ग्रह माना गया है वहीं मेष एक अग्नि राशि है। ऐसे में मेष में मंगल एक आरामदायक और मजबूत स्थिति में होता है। बात करें मंगल के मेष राशि में गोचर के प्रभाव की तो, 

  • इस अवधि में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के मन में न्याय की प्रबल भावना देखने को मिलेगी। 
  • सशस्त्र बलों की ताकत और उपयोगिता जनता के सामने और अधिक स्पष्ट रूप से आएगी। 
  • मेष राशि में मंगल रियल स्टेट व्यवसाय को बढ़ावा देगा। 
  • चिकित्सा, कानून, सिविल इंजीनियरिंग, शारीरिक प्रशिक्षण आदि क्षेत्रों में इस दौरान प्रमुखता देखने को मिलेगी। 
  • चिकित्सा और कृषि के क्षेत्र में विकास होगा। 
  • ज्यादा से ज्यादा लोग जिम और फिटनेस सेंटर ज्वाइन करेंगे। 
  • लोग बागवानी का भी आनंद उठाएंगे

सभी बारह राशियों पर मंगल गोचर का प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले घर और आठवें घर का स्वामी है जिसे स्वयं और अप्रत्याशित बदलाव का….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और मंगल का मेष राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और मंगल का मेष राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है और मंगल का मेष राशि में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है। मंगल का मेष राशि में गोचर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है और मंगल का मेष राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान पांचवे….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है और चतुर्थ भाव में ही इस ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान तीसरे घर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और इस मंगल का मेष राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मंगल गोचर के दुष्प्रभाव कम करने के उपाय 

आपकी चंद्र राशि चाहे जो भी हो इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव कम करने के लिए आप इन ज्योतिषी उपाय का पालन कर सकते हैं। 

  • कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले बड़ों का आशीर्वाद और उनकी राय अवश्य लें।  
  • चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने पास हमेशा रखें।
  • नहाने के पानी में नियमित रूप से तिल या कच्चा दूध मिला लें।
  • रोज कुछ मिनट के लिए ध्यान करें और नकारात्मकता और नकारात्मक विचारों को अपने दिमाग से दूर कर दें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: मंगल का मेष राशि में गोचर कब और किस समय होगा?

उत्तर: मंगल का मेष राशि में गोचर 1 जून तो 3:27 बजे हो जाएगा।

प्रश्न 2: मंगल के मेष राशि में गोचर से कौन सा राजयोग बन रहा है? 

उत्तर: मंगल के मेष राशि में गोचर से रुचक राजयोग का निर्माण होगा।

प्रश्न 3: मंगल का मेष राशि में गोचर किन राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है? 

उत्तर: मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, धनु राशि 

प्रश्न 4: मंगल किन राशियों के लिए योग कारक ग्रह होता है?

 उत्तर: सिंह राशि और कर्क राशि

5 राशियों पर शनि की टेढ़ी नज़र, शनि जयंती पर इन 3 उपायों को करने से कुदृष्टि से मिलेगी मुक्ति!

शनि ग्रह का नाम लेते ही हर कोई भय में आ जाता है क्योंकि ‘शनि’ कठोर दंड देने वाला ग्रह है और ज्योतिष में शनि को एक क्रूर ग्रह बताया गया है। दरअसल शनि कर्मफल दाता भी हैं, जो जातक को उनके कर्मों के अनुसार अच्छे-बुरे फल प्रदान करते हैं। शनि देव करीब एक राशि से दूसरी राशि में ढाई साल बाद गोचर करते हैं यानी अपनी राशि में परिवर्तन करने के लिए ढाई साल का समय लगाते हैं और इसे शनि की ढैय्या कहा जाता है। 

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शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, वक्री चाल और महादशा आने पर व्यक्ति के जीवन में काफी उथल-पुथल मच जाती है लेकिन, यदि किसी जातक की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में हर तरह की खुशी, वैभव और ऐशोआराम प्रदान करते हैं, वहीं यदि जातक की कुंडली में शनि कमज़ोर स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी कर देते हैं। 

एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में बताएंगे, जिसमें शनि की टेढ़ी नजर हैं यानी वे साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित हैं। साथ ही, शनि जयंती के दिन इन जातकों को कौन से उपाय करने चाहिए इस बारे में चर्चा करेंगें तो आइए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं।

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इन राशि वाले शनि की साढ़े साती व ढैय्या से हैं प्रभावित

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को आयु, शोक, दारिद्रय, दुख और सेवक के कारक ग्रह माने गए हैं। इन्हें मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। शनि तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के होते हैं। सभी ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद होती है। शनि की साढ़ेसाती साढ़े साती सात वर्षों तक रहती है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को अच्छा फल जबकि बुरे कर्म करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं। अभी शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान हैं। आपको बता दें कि 17 जनवरी 2023 को शनि अपनी राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर चुके हैं तब से अभी तक इसी राशि में विराजमान हैं। इसके बाद शनि का राशि परिवर्तन 29 मार्च 2025 को होगा और तब शनि मीन राशि में गोचर करेंगे और करीब ढाई वर्षों तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे।

शनि के कुंभ राशि में विराजमान होने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती है। इसके अलावा, कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती होने की वजह से कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है।

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जानें कब से कब तक रहेगा साढ़ेसाती का प्रभाव 

मकर राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर राशि के स्वामी शनि हैं और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। मकर राशि पर साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 से शुरू हो गई थी जो अब 29 मार्च 2025 पर खत्म होगी। 

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव

कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। 23 फरवरी 2028 तक इस राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।

मीन राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव

मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 7 अप्रैल 2030 तक रहेगा। इसके बाद इस राशि के जातक भी शनि के साढ़ेसाती के प्रभाव से छुटकारा पा लेंगे।

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जानें, इन राशियों पर कब से शुरू होगा साढ़ेसाती का प्रभाव

मेष राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक

वृषभ राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 03 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक

मिथुन राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 08 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक

कर्क राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक

सिंह राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक 

कन्या राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक 

तुला राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 22 अक्टूबर 2038 से 08 दिसंबर 2046 तक

वृश्चिक राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक 

धनु राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक

शनि जयंती पर इन तीन उपायों को करने से दूर होंगी हर समस्या

छाया दान करें

यदि आप शनि की साढ़े साती या ढैय्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शनि जयंती के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा पाठ करें। साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए स्टील या लोहे के एक कटोरे में सरसों का तेल भरकर रख लें। फिर उसमें अपनी छवि देखें। उसके बाद उस तेल और कटोरे को किसी गरीब या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। ज्योतिष के अनुसार, छाया दान करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

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गरीब व जरूरतमंदों को दान करें

शनि जयंती पर आप नियानुसार व्रत रखकर शनिदेव की पूजा करें और साथ शनि के मंत्रों का लगातार जाप करें। इसके अलावा, इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को कंबल, काले वस्त्र, लोहा, स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द आदि का दान करें। मरीजों और असहाय लोगों की सेवा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा प्रदान करते हैं और आप को साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्ति भी पा सकते है। आप चाहें तो शनि जयंती के दिन शमी के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।

भगवान हनुमान की पूजा करें

ज्येष्ठ अमावस्या यानी शनि जयंती के दिन आपको हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए उत्तम होगा। शास्त्रों के अनुसार, शनि देव ने भगवान हनुमान को वचन दिया था कि जो भी कोई बजरंगबली की पूजा करेगा या उनकी शरण में जाएगा, वह शनि के अशुभ प्रभाव से बच जाएगा और उस पर शनि की टेढ़ी नजर का नकारात्मक व बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

प्रश्न 1. शनि की ढैया का मतलब क्या होता है?

उत्तर. शनि जब गोचर में जन्मकालीन राशि से चतुर्थ या अष्टम भाव में स्थित होते हैं तो इसे शनि ढैय्या कहा जाता है।

प्रश्न 2. शनि की ढैया कौन कौन सी राशि पर चल रही है?

उत्तर. कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती होने की वजह से कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है।

प्रश्न 3. शनि की साढ़ेसाती लगने पर क्या उपाय करें?

उत्तर. शनिवार का व्रत रखें। हनुमान जी की पूजा करें। शाम के समय काले चने और हलवे का प्रसाद गरीबों को बांटें।

प्रश्न 4. शनि दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर. हर शनिवार और मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

अपरा एकादशी के साथ शुरू होगा जून 2024 का महीना; यहां देखें व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट

जून 2024: मई के बाद जून के महीने की शुरुआत हो जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर में जून साल का छठा महीना है और वहीं हिंदी कैलेंडर के अनुसार, जून के मध्य में आषाढ़ माह शुरू होगा जो कि हिंदी कैलेंडर का चैथा महीना होगा। जून के महीने में गर्मी अत्यधिक बढ़ जाती है। इस दौरान लोग सूरज की चिलचिलाती किरणों से परेशान नज़र आते हैं। इस महीने ठंडी चीज़ें हर किसी को सुकून देती है। कई लोग इस महीने छुट्टियों में कहीं बाहर ठंडी जगहों में घूमना पसंद करते हैं। भले ही इस महीने गर्मी अपने चरम पर हो लेकिन सनातन धर्म में, यह महीना त्योहारों औ पर्वों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ अमावस्या सहित कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं, जो जून की महीने के महत्व को बहुत अधिक बढ़ा रहे हैं।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

इसके अलावा, नए महीने की जैसे ही शुरुआत होती है, हम सब के मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि यह महीने आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा? कौन से त्योहारों एवं व्रतों को इस माह मनाया जाएगा। सबसे जरूरी, जून 2024 में राशिचक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे और किन उतार-चढ़ावों का सामना करना होगा? इन सभी सवालों के जवाब भी आपको एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे इसलिए इस लेख को पढ़ना जारी रखें।

जून 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

जून 2024 के पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 के छठे महीने जून का आरंभ पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि यानी कि 01 जून 2024 को होगा और इसकी समाप्ति अश्विनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि अर्थात 30 जून 2024 को होगी। इस माह का पंचांग जानने के बाद हम इस महीने के तीज-त्योहारों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है जून महीने का धार्मिक महत्व।

जून 2024 का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में जून के महीने को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। बता दें कि जून 2024 का आरंभ ज्येष्ठ महीने के अंतर्गत होगा जबकि इसका अंत आषाढ़ मास के तहत होगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह मई और जून के महीने में आता है। इस माह का धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व माना गया है। वर्ष 2025 में ज्येष्ठ मास की शुरुआत 22 मई 2024 को होगी जबकि इसका अंत 21 जून 2024 को हो जाएगा। 

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इस माह पूजा-पाठ व्रत-उपवास रखे जाते हैं। ज्येष्ठ माह सबसे गर्म महीना होता है। इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में जेठ का महीना भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है बड़ा। ज्येष्ठ माह में सूर्य देव और वरुण देव की उपासना करनी चाहिए। ज्येष्ठ में स्नान, दान और धार्मिक कार्य आदि करना शुभ रहता है। इस माह ऐसी चीज़ों का दान करना चाहिए जो शरीर को ठंडक पहुंचाएं और छाया प्रदान करें। जैसे- छाता, पंखा, पानी इत्यादि वस्तुओं का दान जरूर करना चाहिए। ज्येष्ठ माह में विशेष रूप से गंगा व किसी पवित्र नदी में स्नान और पूजन करने का विधान है। इस माह में आने वाले पर्वों में गंगा दशहरा और इस माह में आने वाली ज्येष्ठ पूर्णिमा और निर्जला एकादशी प्रमुख पर्व है। 

वैज्ञानिक दृष्टि से भी ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने बढ़ती गर्मी की वजह से प्रकृति में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे कि कई जगहों पर जल का स्तर गिर जाता है, पानी की कमी हो जाती है। साथ ही, कई बीमारियां भी जन्म लेती है इसलिए इस अवधि में हरी सब्ज़ियों, सत्तू और रस वाले फलों का सेवन फलदायी साबित होता है। 

अब बात करते हैं आषाढ़ माह की, जिसकी शुरुआत 23 जून से होगी और इसकी समाप्ति 21 जुलाई को होगी। आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस मास में सूर्य देव और माता दुर्गा की उपासना करने से धन-धान्य एवं आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार, आषाढ़ माह से ही भगवान विष्णु योग निद्रा अवस्था में चले जाते हैं। इस कारण से अगले चार महीनों तक शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही हो जाती है। आषाढ़ माह में ही गुरु पूर्णिमा का व्रत मनाया जाता है। इसके अलावा, इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

नोट: हिंदू वर्ष में प्रत्येक महीने का नाम नक्षत्रों पर आधारित होता है। हर महीना का बदलना चंद्र चक्र पर निर्भर करता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है। 

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जून में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व

जून में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के बारे में बात करें तो ये लोग स्वभाव में बहुत अधिक विनम्र होते हैं और अपने इसी गुण के कारण ये हर किसी की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। ये दिखने में आकर्षक भी होते है और अपनी अलग पहचान बनाने में सक्षम होते हैं। ये लोग जहां भी जाते हैं, वहां हर किसी को अपना बना लेते हैं क्योंकि ये मिलनसार होते हैं। ये हर कार्य को सोच समझकर पूरा करते हैं और जल्दबाजी में काम करने से बचते हैं क्योंकि इन्हें पता है कि जल्दबाजी के काम का परिणाम खराब हो सकता है। ये जो भी काम करते हैं उसे योजना बनाकर करते हैं और एक लक्ष्य निर्धारित करते हैं। 

ये मूडी होते हैं और इनका मूड कभी भी बदल सकता है। कभी हो सकता है कि ये आपसे बात करते-करते आपको खुश नजर आएंगे और दूसरे ही पल नाराज भी हो सकते हैं। इनका मूड बहुत जल्द बदलता सकता है। इन लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है लेकिन, ये लोग अधिक समय के लिए किसी से नाराज नहीं रहते हैं और जल्द ही मान जाते हैं। साथ ही, ये लोग अपनी भावनाओं को जल्द किसी के सामने व्यक्ति नहीं करते हैं, जो भी होता है उसे मन में दबाए रखते हैं। इन जातकों के करियर की बात करें तो ये लोग मल्टीटास्कर भी होते हैं। साथ ही अपने आपको अलग-अलग परिस्थितियों में ढालने में माहिर होते हैं। इनका झुकाव डॉक्टर, पत्रकार, टीचर, मैनेजर जैसे क्षेत्रों में अधिक होता है। 

जून 2024 के व्रत एवं त्योहारों की तिथियां

हिंदू धर्म में हर दिन और हर महीने में अनेक व्रत-त्योहार को किये जाते हैं। इसी प्रकार, जून 2024 में कई प्रमुख व्रतों एवं पर्वों को मनाया जाएगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं और जानते हैं इस महीने में पड़ने वाले पर्वों की तिथियों के बारे में। 

तिथिदिनत्योहार
02 जून, 2024रविवारअपरा एकादशी
04 जून, 2024मंगलवारमासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
06 जून, 2024गुरुवारज्येष्ठ अमावस्या
15 जून, 2024शनिवारमिथुन संक्रांति
18 जून, 2024मंगलवारनिर्जला एकादशी
19 जून, 2024बुधवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
22 जून 2024शनिवारज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
25 जून, 2024मंगलवारसंकष्टी चतुर्थी

यहां हमने आपको जून 2024 माह में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान की है। लेकिन, अब हम आपको अवगत करवाते हैं इन त्योहारों के धार्मिक महत्व से। 

जून 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

अपरा एकादशी (02 जून 2024, रविवार): ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस एकादशी को सभी 24 एकादशी में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इसका महत्व बहुत अधिक है। अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। पदम पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करनी चाहिए। अपरा एकादशी को जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

मासिक शिवरात्रि (04 जून 2024, मंगलवार): मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को धूमधाम से मनाई जाती है। इस तरह साल में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती हैं और पौराणों में इन सभी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, माता लक्ष्मी, सरस्वती, इंद्राणी, गायत्री, सावित्रि और माता पार्वती ने शिवरात्रि का व्रत किया था और शिव कृपा से उन्हें अनंत फल की प्राप्ति हुई थी। इस दिन उपवास रख के भोलेनाथ को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि जो कुंवारी कन्या इस दिन उपवास रखती हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

ज्येष्ठ अमावस्या (06 जून 2024, गुरुवार): ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या कहते हैं। यह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है। इसके बाद से शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होता है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र ​नदियों में स्नान करने व दान देने की परंपरा है। ऐसा करने से सभी पापों छुटकारा मिलता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्नान और दान से ​पितर प्रसन्न होते हैं और वे आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और ग्रहों के उग्र स्वभाव को शांत करने के लिए हर एक व्यक्ति को सात प्रकार की चीजों का दान जरूर करना चाहिए। वह चीज़ें इस प्रकार है- चावल, गेहूं, जौ, कंगनी, चना, मूंग दाल और तिल।

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मिथुन संक्रांति (15 जून 2024, शनिवार): ग्रहों के राजा और आत्मा के कारक ग्रह सूर्य हर महीने अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं और ये जिस राशि में गोचर करते हैं, उस तिथि को उसी राशि के नाम की संक्रांति कहा जाता है, जैसे आने वाले 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में विराजमान होंगे और इस तिथि को मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। संक्रांति तिथि पर गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान व ध्यान करने का विधान है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के बाद भक्ति के भाव से गरीब व जरूरतमंदों को धन व वस्त्र दान करना चाहिए। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

निर्जला एकादशी ( 18 जून 2024, मंगलवार): सभी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। सनातन धर्म में इस व्रत को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। साल के हर महीने दो एकादशी तिथि पड़ती है। इस तरह से एक साल में कुल 24 और अधिक मास में कुल 26 एकादशी तिथि पड़ती है। शास्त्रों में इन सभी एकादशी तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और इन सभी का विशेष महत्व है लेकिन सभी एकादशी में निर्जला एकादशी व्रत को बहुत अधिक कठिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी की तिथि प्रत्येक साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। निर्जला एकादशी का व्रत पौराणिक काल से ही रखा जाता आ रहा है और इसका वर्णन महाभारत में किया गया है। बता दें कि द्वापर युग में भीम ने यह व्रत रखा था, जिस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी व्रत की कहा जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (22 जून 2024, शनिवार): शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर स्नान-दान व पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करने से या उनका श्रवण करने से साधक को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। साथ ही इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन चंद्रमा की उपासना भी करनी चाहिए और चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

संकष्टी चतुर्थी (25 जून 2024, मंगलवार): सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल, दोनों पक्षों की चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बस फर्क केवल यह है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस साल संकष्टी चतुर्थी 25 जून को पड़ रही है। इस खास अवसर पर भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही, शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और भगवान गणेश की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है। 

जून 2024 में आने वाले बैंक अवकाश एवं अन्य महत्वपूर्ण दिन 

9 जून 2024, रविवार: महाराणा प्रताप जयंती

10 जून 2024, सोमवार: श्री गुरु अर्जुन देव शहीदी दिवस

14 जून 2024, शुक्रवार: पहला राजा उत्सव

15 जून 2024, शनिवार: राजा संक्रांति

15 जून 2024, शनिवार: वाईएमए दिवस

17 जून 2024,सोमवार: ईद-उल-अधा (बकरीद)

18 जून 2024, मंगलवार: ईद-उल-अधा (बकरीद) का अवकाश

22 जून 2024,शनिवार: संत कबीर जयंती

30 जून 2024, रविवार: रेमना नी

ज्येष्ठ माह में किन बातों का रखें ध्यान

  • ज्येष्ठ माह में तिल का दान करना बहुत ही फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • ज्येष्ठ के महीने में तिल, तांबा, घी और गुड़ का दान करना चाहिए। इससे मंगल दोष से बचा जा सकता है।
  • ज्येष्ठ महीने में प्रतिदिन सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। इससे बिज़नेस और नौकरी में तरक्की हासिल होती है।
  • इस महीने में घड़े, जल, व पंखे का दान करें। 
  • ध्यान रहें कि इस माह में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने दोष लगता है और व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से भी परेशान रहता है। इसके अलावा, तेल-मसाला आदि खाने से भी परहेज करें।
  • ज्येष्ठ महीने में कभी घर आये व्यक्ति को बिना पानी पिलाए घर से न भेजे। 
  • ज्येष्ठ माह में बड़े पुत्र या पुत्री की शादी नहीं करनी चाहिए। अगर विवाह करते हैं, तो जातक पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • ज्येष्ठ के महीने में शरीर में तेल लगाने से बचना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में दिन के समय में कभी नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं।

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सुख-समृद्धि के लिए ज्येष्ठ व आषाढ़ माह में करें ये ख़ास उपाय

आषाढ़ माह के उपाय

  • यदि आपको अपनी कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति को मजबूत करना है और साथ ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाना है,तो आषाढ़ मास में श्री हरि विष्णु, भोलेनाथ, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा अवश्य करें। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 
  • आषाढ़ मास में सूर्योदय से पहले उठकर सभी कार्यों से निपटकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। उसके बाद कुछ भोजन करना चाहिए। सूर्यदेव आरोग्य के देवता कहे जाते हैं और आषाढ़ माह उनकी उपासना करने से व्यक्ति निरोगी बनता है।
  • आषाढ़ माह में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं इसलिए यह माह पूजा-पाठ के लिए महत्वपूर्ण महीना माना जाता है।  
  • आषाढ़ महीने में स्नान के साथ ही दान का भी खास महत्व है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार आषाढ़ मास में जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें। मान्यता है कि आषाढ़ माह में छाता, आंवला,जूते-चप्पल और नमक आदि का दान करना फलदायी होता है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है।

ज्येष्ठ माह के उपाय

  • जो लोग कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबा, गुड़ का दान करना चाहिए।
  • माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ महीने में रोज पशु-पक्षियों को दाना डालें और गाय को चारा खिलाना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की किरणें तेज होती है। इस महीने सूर्यदेव को जल देने से व्यक्ति के धन प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • जिन लोगों की कुंडली में ग्रह दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए तांबा, गुड़ का दान करना चाहिए।
  • माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ज्येष्ठ महीने में रोज पशु-पक्षियों को दाना डालना चाहिए और गाय को चारा खिलाना चाहिए।
  • ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की रोशनी सबसे तेज होती है। इस महीने सूर्यदेव को जल देने से व्यक्ति के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।

जून 2024 में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर   

व्रत-त्योहार, बैंक हॉलिडे और जून का धार्मिक महत्व जानने के बाद, अब हम इस महीने में होने वाले गोचर और लगने वाले ग्रहण के बारे में बात करेंगे। जून 2024 में कुल 9 बार ग्रहों की स्थिति और दशा में परिवर्तन देखने को मिलेगा जिसमें 5 बड़े ग्रह गोचर करेंगे और इसमें एक ग्रह 2 बार अपनी राशि बदलेगा जबकि 4 बार ग्रहों की चाल एवं दशा में बदलाव आएगा। तो आइए बिना देर किये जानते हैं इन ग्रहों के गोचरों के बारे में।

मंगल का मेष राशि में गोचर (01 जून 2024): लाल ग्रह के नाम से प्रसिद्ध मंगल महाराज 01 जून 2024 की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि मेष में गोचर कर जाएंगे। 

बुध वृषभ राशि में अस्त (02 जून 2024): बुध को ग्रहों के राजकुमार के नाम से जाना जाता है जो अब 02 जून 2024 की शाम 06 बजकर 10 मिनट पर वृषभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं।

बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय (03 जून 2024): गुरु ग्रह को देवताओं के गुरु का दर्जा प्राप्त है और इनके उदय व अस्त होने से संसार पर प्रभाव पड़ता है। अब यह 03 जून 2024 की रात 03 बजकर 21 मिनट पर उदय होने जा रहा है।  

शुक्र का मिथुन राशि में गोचर (12 जून 2024): प्रेम, विलासिता और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र देव 12 जून 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

बुध का मिथुन राशि में गोचर (14 जून 2024): बुद्धि, वाणी और तर्क के कारक ग्रह के रूप में प्रसिद्ध बुध महाराज 14 जून 2024 की रात 10 बजकर 55 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। 

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2024): ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है और अब यह 15 जून 2024 की रात 12 बजकर 16 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करने वाले हैं। 

बुध का मिथुन राशि में उदय (27 जून 2024): जून में एक बार फिर बुध ग्रह की दशा में सुबह बदलाव देखने को मिलेगा और यह अपनी अस्त अवस्था से बाहर आते हुए 27 जून 2024 की सुबह 04 बजकर 22 मिनट पर मिथुन राशि में उदित होने जाएंगे।

बुध का कर्क राशि में गोचर (29 जून 2024): ज्योतिष में बुध ग्रह को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना गया है और ऐसे में, जून में यह पुनः अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए 29 जून 2024 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। 

शनि कुंभ राशि में वक्री (29 जून 2024): न्याय और कर्मफल दाता के नाम से विख्यात सूर्य पुत्र शनि अपनी ही राशि कुंभ में 29 जून 2024 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर वक्री हो जाएंगे। 

नोट: जून 2024 में कोई ग्रहण नहीं लगेगा।   

जून मासिक भविष्यवाणी 2024: 12 राशियों का राशिफल 

मेष राशि 

इस राशि के जातक करियर में कड़ी मेहनत करेंगे और इस मेहनत के बल पर आप अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। लेकिन……विस्तार से पढ़ें

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों का करियर जून 2024 में अनुकूल रहेगा। इस दौरान आप काम में ख़ूब मेहनत करेंगे और……(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों का करियर इस महीने उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। इस अवधि में आप…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि वालों की करियर के क्षेत्र में स्थिति मज़बूत होगी और आप तरक्की हासिल करेंगे। आपका पद…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि वालों का जून 2024 में करियर अनुकूल रहेगा। नौकरी ढूंढ रहे जातकों को…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों का करियर जून माह में सामान्य रहेगा। इस अवधि में आप अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकेंगे। लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

इस राशि के लोगों का आर्थिक जीवन जून में थोड़ा मुश्किल रह सकता है। इस दौरान आपको व्यापार में लाभ प्राप्त होने की संभावना है। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि वालों का करियर जून 2024 में ज्यादातर अनुकूल रहेगा। इस दौरान नौकरी में आपका…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि 

जून में आपका पारिवारिक जीवन काफ़ी अशांत रह सकता है जिसकी वजह से आप बैचैन नज़र आ सकते है। ऐसे में, आपको…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों का करियर इस महीने मिल-जुला रहेगा क्योंकि आपको नौकरी में बदलाव से जूझना पड़ सकता है या फिर…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

इन जातकों का पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा और आपके माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

इस माह आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। लेकिन, आपको ध्यान रखना होगा कि भावनाओं में बहकर कुछ भी ऐसा न करें…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

प्रश्न 1. मकर राशि वालों का 2024 कैसा रहने वाला है?

उत्तर. साल 2024 मकर राशि वालों का मिलाजुला रहेगा।

प्रश्न 2. 2024 तुला राशि वालों के लिए कैसा रहेगा?

उत्तर. इस राशि के लोगों का आर्थिक जीवन जून में थोड़ा मुश्किल रह सकता है।

प्रश्न 3. मिथुन राशि का करियर क्या है?

उत्तर. मिथुन राशि के जातकों का करियर इस महीने उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा।

प्रश्न 4. अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

उत्तर. अपरा एकादशी 02 जून 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा।

नए साल के आते ही इन राशियों के परिवार में आएंगी खुशियां, मिलेगा खूब प्‍यार

अगर आप भी अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं, तो इस ब्‍लॉग में जान सकते हैं कि साल 2025 में आपका पारिवारिक जीवन कैसा रहेगा। इस ब्‍लॉग में उन राशियों के बारे में बताया गया है जिनका वर्ष 2025 में पारिवारिक जीवन खुशहाल और आपसी प्रेम से भरा रहेगा।

यदि आपके परिवार में भी कुछ परेशानियां चल रही हैं और आप जानना चाहते हैं कि इन समस्‍याओं और दिक्‍कतों का अंत कब होगा, तो आपको अपने इन सभी सवालों का जवाब इस ब्‍लॉग में मिल जाएगा।

तो चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वर्ष 2025 में किन राशियों के परिवार में सुख और समृद्धि आने की संभावना है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके  

इन राशियों के परिवार में आएंगी खुशियां

मेष राशि

अप्रैल तक मेष राशि के लोगों के परिवार में खुशियों का माहौल बना रहेगा। इस दौरान शनि आपके ग्‍यारहवें भाव में रहेंगे जिससे आपका पारिवारिक जीवन खुशियों से भर जाएगा। इस समय गुरु के भी अनुकूल स्थिति में होने की वजह से आपको अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त होंगे। मार्च के महीने से आपकी साढ़े साती शुरू हो जाएगी।

इसके बाद आपको अपने परिवार में धैर्य से काम लेने की सलाह दी जाती है। इस बीच परिवार में थोड़ी तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो सकती है। अप्रैल तक आप अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ प्रेम और आपसी तालमेल का भरपूर आनंद उठाएंगे।

मेष साप्ताहिक राशिफल         

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के लोगों का पारिवारिक जीवन मई के बाद अच्‍छा होना शुरू होगा। इस समय गुरु के गोचर की वजह से आपके परिवार में खुशियां आने के संकेत हैं। आपके घर-परिवार में सुख-शांति, सौहार्द और आपसी समझ आदि बनी रहेगी। आपके परिवार के सदस्‍यों के बीच एक-दूसरे के लिए प्‍यार बढ़ेगा।

शनि के ग्‍यारहवें भाव में होने पर आप अपने परिवार की जिम्‍मेदारियां उठाने के लिए तैयार रहेंगे। इसके साथ ही अपनी पारिवारिक समस्‍याओं को भी दूर करने का प्रयास करेंगे। आप अपने पार्टनर से अपने मन की बात साझा कर सकते हैं।

इससे आपको खुशी और संत‍ुष्टि मिलेगी। पारिवारिक माहौल सुखमय रहने से आपका खुद का मिज़ाज भी अच्‍छा रहेगा। आप अपने हंसमुख और चंचल स्‍वभाव से अपने परिवार का मनोरंजन करते हुए नज़र आएंगे।

मई के महीने में आपके परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। हालांकि, अप्रैल के महीने में परिवार में विवाद या मतभेद उत्‍पन्‍न होने की आशंका है। आप अपने परिवार के सदस्‍यों के बीच आपसी तालमेल और समझ विकसित करने की कोशिश करें। इसकी मदद से पारिवारिक समस्‍याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

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सिंह राशि

मई के महीने के बाद सिंह राशि के लोगों के परिवार में खुशियां दस्‍तक देंगी। आप अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे और उनके साथ कहीं बाहर घूमने की योजना भी बना सकते हैं। आप इस समय का खूब आनंद लेंगे। मई के बाद गुरु की शुभ स्थिति के कारण आपको अपने पारिवारिक जीवन में इस तरह के अनुकूल परिणाम प्राप्‍त होंगे।

आप इस खुशहाल समय का तो आनंद लेंगे ही साथ ही अपने जीवन में उच्‍च मूल्‍य भी स्‍थापित करेंगे। शनि के आठवें भाव में होने की वजह से आपके परिवार में कुछ समस्‍याएं भी उत्‍पन्‍न हो सकती हैं।

वहीं राहु की पहले भाव में और केतु की सातवें भाव में उपस्थिति आपके परिवार की खुशियों पर नज़र लगाने का प्रयास करेगी। हालांकि, मई में हो रहे गुरु के गोचर की वजह से आपके परिवार की सुख-शांति में वृद्धि होगी।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

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कन्‍या राशि

अप्रैल तक कन्‍या राशि के लोगों के परिवार में खुशियां और स्‍नेह बना रहेगा। गुरु के आपकी चंद्र राशि के नवम भाव में आने की वजह से पारिवारिक जीवन में खूब खुशियां और प्‍यार बढ़ेगा। आप अपने परिवार के उच्‍च मूल्‍यों को बनाए रखने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही अपने परिवार को एकसाथ रखने की आपकी कोशिश भी सफल होगी।

आप अपने परिवार में अपनी खास जगह बनाने में भी सफल होंगे। हालांकि, मई में गुरु के गोचर के बाद आपके परिवार में कुछ समस्‍याएं आने की आशंका है। गुरु आपके दसवें भाव में रहेंगे जिससे परिवार के सदस्‍यों के बीच अहंकार से संबंधित समस्‍याएं होने का खतरा है।

शनि मार्च से आपके सातवें भाव में रहेंगे और यहां से आपको अपने परिवार को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आपके परिवार में अलगाव की भावना पैदा होने का डर है।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

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तुला राशि

मई के महीने से तुला राशि के लोगों के परिवार के अच्‍छे दिन शुरू हो जाएंगे। गुरु इस दौरान आपके नवम भाव में आएंगे और अप्रैल तक वह आठवें भाव में स्थित रहेंगे। गुरु की वजह से अप्रैल तक आपको परिवार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, गुरु के मई में राशि परिवर्तन करते ही आपको खुशियां मिलेंगी।

मार्च से शनि देव आपके छठे भाव में रहेंगे जिससे आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। शुक्र 29 जून से लेकर 26 जुलाई 2025 और 20 नवंबर 2025 से लेकर 26 नवंबर 2025 तक आपके परिवार की खुशियों में वृद्धि करेंगे। आपके अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ रिश्‍ते मज़बूत होंगे। आप अपने परिवार में उच्‍च मूल्‍य कायम रख पाने में सफल होंगे।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. कुंभ राशि के लोगों का अच्‍छा समय कब शुरू होगा 2025?

उत्तर. यह साल कुंभ राशि के लोगों के लिए उत्तम साबित होगा।

प्रश्‍न. तुला राशि का पारिवारिक जीवन कैसा रहेगा 2025?

उत्तर. इनके परिवार में खुशियां आएंगी।

प्रश्‍न. कन्‍या राशि के लोगों के परिवार की स्थिति कैसी रहेगी 2025?

उत्तर. इस राशि के लोगों के परिवार में स्‍नेह और सुख बढ़ेगा।

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मंगल के मेष में आते ही भरने लगेगी इन लोगों की तिजोरी, दोगुना हो जाएगा पैसा

01 जून 2024 को दोपहर 03 बजकर 27 पर मंगल अपनी ही राशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे। इस राशि में मंगल 12 जुलाई तक उपस्थित रहने वाले हैं। इस दौरान मंगल रूचक योग भी बना रहे हैं जो कि पंच महापुरुष योग में से एक है। मंगल के इस गोचर का सभी राशियों के जीवन के विभिन्‍न पहलुओं पर अनूकूल-प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा और इनमें से कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्‍हें इस समयावधि में खूब पैसा कमाने का मिलेगा।

इस ब्‍लॉग में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि 01 जून को मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों की वित्तीय स्थिति में सुधार आने के संकेत हैं।

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इन राशियों की आर्थिक स्थिति होगी मज़बूत

मेष राशि

मंगल के गोचर के दौरान मेष राशि के लोगों को खूब धन कमाने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। आप अपने करियर में भी प्रगति हासिल करेंगे और व्‍यापारियों को भी अपने क्षेत्र में खूब धन कमाने का मौका मिलेगा। इससे आपकी आर्थिक स्थिति को लाभ होगा।

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कर्क राशि

मंगल के स्‍वराशि में आने पर कर्क राशि के लोग खूब धन कमाएंगे। यदि आप सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो अब आपको इस दिशा में सफलता मिल सकती है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। व्‍यापारी भी अधिक मुनाफा कमाएंगे और अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्‍कर देंगे। इस दौरान आपको अधिक धन कमाने का मौका मिलेगा। नौकरी में पदोन्‍नति के रूप में आपको धन लाभ हो सकता है।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

इस दौरान आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलने वाला है। आप धन तो कमाएंगे ही साथ ही उसकी बचत करने में भी सफल होंगे। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू होगा। आप अपने जीवन में ज्यादा धन और खुशियां अर्जित करने में कामयाब रहेंगे। व्‍यापारियों के लिए भी अच्‍छा समय है। इस गोचर के समय इन्‍हें कई नए और बेहतरीन अवसर प्राप्‍त होंगे।

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के छठे भाव में मंगल का यह गोचर होने जा रहा है। आपको इस समय कम प्रयास करने पर भी अपने कार्य में सफलता मिल जाएगी। व्‍यापारी भी खूब धन कमाने में सफल होंगे। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति अच्‍छी रहने वाली है। आप धन कमाने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सक्षम होंगे।

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धनु राशि

धनु राशि के पांचवे घर में यह गोचर होने जा रहा है। आपको शेयर मार्केट से पैसा कमाने का मौका मिलेगा। आपको अच्‍छी नौकरी मिल सकती है जिससे आपकी आय के साधन बढ़ेंगे। आप सट्टेबाज़ी से अधिक धन कमाने और पैसों को संचय करने में सफल होंगे। आपके खर्चों के भी बढ़ने की संभावना है। हालांकि, आय बढ़ने से आप अपने खर्चों को भी आसानी से संभाल लेंगे।

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कुंभ राशि 

कुंभ राशि के तीसरे घर में मंगल का यह गोचर होने जा रहा है। इस दौरान आपको अपने प्रयासों में सफलता ज़रूर मिलेगी। कार्यक्षेत्र में भी आपकी प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होगी। आर्थिक स्‍तर पर आप खूब धन कमाएंगे और आप धन को संचित करने में भी कामयाब होंगे। इस तरह मंगल के गोचर करने के दौरान आपकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ रहने वाली है।

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मीन राशि

मीन राशि की बात करें, तो इनके लिए भी मंगल का गोचर अनुकूल साबित होगा। आपके दूसरे भाव में यह गोचर होने जा रहा है और आपकी राशि के दूसरे एवं नवम भाव का स्‍वामी मंगल ग्रह है। आप इस समय खूब पैसा कमाने की इच्‍छा रखेंगे। व्‍यापारी नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। धन के मामले में इनके लिए लाभ की स्थिति बनी हुई है और ये अपने पैसों की बचत भी कर पाएंगे। इससे इनकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आने की संभावना है।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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इन हस्तियों की कुंडली में मेष राशि में हैं मंगल

क्रिस्टियानो रोनाल्‍डो, एंजलीना जोली और स्‍टीव जॉब्‍स की कुंडली में मंगल मेष राशि में विराजमान हैं। मेष राशि में होने पर मंगल व्‍यक्‍ति को जोश, ताकत और दृढ़ता से भर देते हैं। इसके प्रभाव में जातक अपने लक्ष्‍यों को पाने के लिए साहसिक कदम उठाता है। व्‍यक्‍ति अपने रिश्‍तों में चुनौतियों का सामना करने और आत्‍म-खोज करने के लिए अपनी आंतरिक ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम होता है।

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मंगल को प्रसन्‍न करने के लिए करें इन चीज़ों का दान

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभावों से मुक्‍ति पाने का सबसे सरल तरीका है दान करना। इससे आपके पाप कर्म भी नष्‍ट हो जाते हैं। मंगल को मज़बूत करने और इस ग्रह से शुभ फल प्राप्‍त करने के लिए आप मंगलवार को मंगल के होरा और मंगल के नक्षत्र जैसे कि मृगशिरा, चित्रा और धनिष्‍ठा में लाल दाल, खांड, सौंफ, गेहूं, लाल कनेर के फूल, तांबे के बर्तन और गुड़ आदि का दान करें।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. मेष राशि में मंगल होने का क्‍या मतलब है?

उत्तर. इसका अर्थ है कि व्‍यक्‍ति के सफलता के मार्ग में कोई बाधा नहीं आएगी।

प्रश्‍न. मंगल मेष राशि में कब तक रहेगा?

उत्तर. 12 जुलाई तक मंगल मेष राशि में रहेंगे।

प्रश्‍न. क्‍या मेष राशि में मंगल मज़बूत है?

उत्तर. इस राशि में मंगल मज़बूत होता है।

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