गुरु के उदित होते ही इन राशियों की जागेगी सोई किस्मत- रातों-रात बदलेगा भाग्य!
बृहस्पति का वृषभ में उदय: ज्योतिष में गुरु ग्रहको सबसे महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। इन्हें देवताओं का गुरु अर्थात देव गुरु भी कहा जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिस भी व्यक्ति को देवगुरु बृहस्पति की कृपा मिल जाए ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय होना तय हो जाता है। यह महत्वपूर्ण ग्रह गुरु अर्थात बृहस्पति 3 जून को वृषभ राशि में उदय होने जा रहा है।
गुरु का उदय होना सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। तो चलिए अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं गुरु उदय का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, गुरु उदय का समय क्या रहने वाला है, साथ ही जानेंगे गुरु उदय से संबंधित कुछ और अनोखी और दिलचस्प बातों की जानकारी भी।
सबसे पहले बात करें समय की तो देवगुरु बृहस्पति 3 जून को उदित होने जा रहे हैं। बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
बात करें गुरु ग्रह की तो देवगुरु बृहस्पति को वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल आदि का कारक माना गया है। सभी 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व देवगुरु बृहस्पति के पास होता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार गुरु का वृषभ राशि में उदित होना कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ रहने वाला है।
ज्योतिष के जानकार मान रहे हैं कि इन राशियों के अच्छे दिन गुरु उदित से प्रारंभ हो जाएंगे क्योंकि गुरु उदय से राजयोग का भी निर्माण होने जा रहा है। क्या है ये राजयोग और कौन सी हैं ये राशियां और आपकी राशि पर इस परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा जानने के लिए यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
गुरु उदय से बनेगा राजयोग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है। बात करें ये राजयोग कब बनता है तो, जब कुंडली में 3 केंद्र भाव 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली माना जाता है। इससे भाग्योदय, पेशे में उन्नति, सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालय में शीर्ष स्थान मिलता है।
गुरु उदय से बना राजयोग इन राशियों को बनाएगा करोड़पति
यहां हम चार राशियों की बात करने जा रहे हैं जिनके लिए गुरु का उदित होना विशेष रूप से शुभ फलदाई साबित होगा। इनमें से पहली राशि है,
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का उदय होना बेहद ही शुभ संकेत दे रहा है। यह आपके आय और लाभ के भाव में उदित होगा। ऐसे में मेष राशि के जातकों की आय में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। कुछ जातकों को आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे, आपकी कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है, हालांकि आपको इस अवधि में कोई भी नया काम शुरू न करने की सलाह दी जा रही है।
वृषभ राशि: दूसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदित होना शुभ संकेत दे रहा है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान आकस्मिक धन लाभ मिलेगा। इस राशि के जो जातक नौकरी की तलाश में हैं उन्हें शुभ समाचार मिलने वाले हैं। नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन मिलेगा और आय में वृद्धि के भी चांस हैं। इसके अलावा वृषभ राशि के कुछ जातकों को कार्यस्थल पर नए और महत्वपूर्ण पद भी सौंपे जा सकते हैं।
मिथुन राशि: तीसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदय होना शुभ रहने वाला है वह है मिथुन राशि। मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यापार में वृद्धि के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा अगर आपका लंबे समय से कहीं धन अटका हुआ था तो वह अब आपको वापस मिलने वाला है। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए यह समय बेहद ही शुभ रहने वाला है।
धनु राशि: चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए केंद्र त्रिकोण राजयोग शुभ रहेगा वो है धनु राशि। धनु राशि के जातकों को गुरु उदित के प्रभ्व्स्वरूप कोर्ट-कचहरी से संबन्धित मुद्दों में सफलता मिलेगी, कार्यस्थल पर कठिन काम का फल और प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा आपको इस अवधि में भौतिक सुख मिलेगा, आप धन संचित करने में सफल होंगे और नई प्रॉपटी खरीदने में भी सफलता हासिल करेंगे।
बृहस्पति से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
बृहस्पति अर्थात गुरु ग्रह जिसे अंग्रेजी में जुपिटर कहते हैं इनका नाम रोमन पौराणिक कथाओं में देवता के राजा बृहस्पति के नाम पर रखा गया है।
बृहस्पति को ग्रहों के राजा के नाम से जाना जाता है।
बृहस्पति को सबसे बड़े ग्रह का दर्जा दिया गया है जिसके चलते इसका नाम प्राचीन रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया है।
बृहस्पति ग्रह का वातावरण जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना गया है।
बृहस्पति ग्रह के आकार और दूरी की बात करें तो 43,440.7 मील (69,911 किलोमीटर) की त्रिज्या के साथ, बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना अधिक चौड़ा है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो मान लीजिए पृथ्वी एक अंगूर के बराबर की है तो बृहस्पति एक बास्केटबॉल जितना बड़ा है।
84 मिलियन मील (778 मिलियन किलोमीटर) की औसत दूरी से, बृहस्पति सूर्य से 5.2 खगोलीय इकाई दूर है। एक खगोलीय इकाई (संक्षिप्त रूप में एयू), सूर्य से पृथ्वी की दूरी है। इस दूरी से सूर्य के प्रकाश को सूर्य से बृहस्पति तक जाने में 43 मिनट का समय लगता है।
सौरमंडल में बृहस्पति का दिन सबसे छोटा माना जाता है। यहां एक दिन में केवल 10 घंटे होते हैं और बृहस्पति सूर्य के चारों तरफ एक पूर्ण परिक्रमा करता है जिसमें लगभग उन्हें पृथ्वी के 12 वर्षों का समय लग जाता है।
चार बड़े चंद्रमाओं और कई छोटे चंद्रमाओं के साथ, बृहस्पति एक प्रकार का लघु सौर मंडल बनाता है।
बृहस्पति की उपस्थिति रंगीन धारियों और धब्बों की एक टेपेस्ट्री है गैस ग्रह के “आसमान” में संभवतः तीन अलग-अलग बादलों की परतें हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 44 मील (71 किलोमीटर) तक फैली हुई हैं। शीर्ष बादल संभवतः अमोनिया बर्फ से बना है, जबकि मध्य परत संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड क्रिस्टल से बनी है। सबसे भीतरी परत पानी, बर्फ और वाष्प से बनी हो सकती है।
बृहस्पति का वृष राशि में उदय- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और अब आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: बृहस्पति का वृष राशि में उदय कब होगा?
उत्तर: बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
प्रश्न 2: गुरु उदित होकर कौन सा राजयोग बनाएँगे?
उत्तर: गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है।
प्रश्न 3: गुरु उदित से बने राजयोग से किन राशियों को लाभ मिलेगा?
उत्तर: मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि और धनु राशि के जातकों को विशेष रूप से इस राजयोग का लाभ मिलेगा।
इस सप्ताह इन 6 राशियों का निश्चित तौर पर होगा भाग्योदय- अपार धन लाभ के भी बनेंगे योग!
आने वाला सप्ताह आपके लिए कितना खास और यादगार रहने वाला है? इस सप्ताह आपको आर्थिक पक्ष, पारिवारिक जीवन, प्रेम जीवन, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यवसाय आदि में किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे? अगर आप इन सभी बातों का जवाब जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम आपको इसी बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें हमारा यह खास राशिफल विशेष ब्लॉग वैदिक ज्योतिष की गणना के आधार पर हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से हम आपको न केवल आने वाले सप्ताह की राशि अनुसार भविष्यवाणी प्रदान करते हैं बल्कि इस सप्ताह में कौन-कौन से व्रत और त्योहार किस दिन किए जाएंगे, कौन-कौन से ग्रहण गोचर लगने वाले हैं, इस सप्ताह के विवाह मुहूर्त क्या हैं और इस सप्ताह कब-कब बैंक बंद रहेंगे इस बात की जानकारी भी दे रहे हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग।
सबसे पहले बात कर लें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की 2 जून का यह सप्ताह कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को अश्विनी नक्षत्र के तहत ज्येष्ठ के महीने में प्रारंभ होगा वहीं बात करें इस सप्ताह के समापन की तो इस सप्ताह का समापन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र के तहत ज्येष्ठ माह में ही हो जाएगा।
ज्येष्ठ का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार तीसरा महीना बोला जाता है। जहां फाल्गुन महीना खत्म होता है वहीं इसके साथ ही गर्मी की शुरुआत हो जाती है और ज्येष्ठ का महीना आते-आते तक इस महीने प्रचंड गर्मी पड़ने लगती है। यही वजह है कि इस महीने को गर्मी का महीना भी कहते हैं। बात करें वर्ष 2024 में ज्येष्ठ माह की तो यह 22 मई से प्रारंभ हो चुका है और 21 जून तक रहेगा।
इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी
इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के इस विशेष सेगमेंट में हम आपके आने वाले 7 दिनों में मनाए जाने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी प्रदान करते हैं। अपनी व्यस्तता के चलते हैं हम महत्वपूर्ण दिन याद नहीं रख पाते हैं और इसीलिए आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने अपने साप्ताहिक राशिफल में इस खास सेगमेंट को जगह दी है जहां हम 3 से 9 जून के सप्ताह में पड़ने वाले व्रत त्योहार की जानकारी जानेंगे।
सबसे पहले 3 जून को वैष्णव अपरा एकादशी है
4 जून को प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि है
5 जून को मासिक कार्तिगाई, विश्व पर्यावरण दिवस है
6 जून को वट सावित्री का व्रत किया जाएगा। इस दिन शनि जयंती और रोहिणी व्रत भी है। साथ ही इस दिन दर्श अमावस्या भी है।
इसके बाद 7 जून को इष्टि है, चंद्र दर्शन है
और सप्ताह के आखिरी दिन अर्थात 9 जून को महाराणा प्रताप जयंती है।
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इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई महत्वपूर्ण भविष्यवाणी दी जाती है तो इसका आधार ग्रह नक्षत्रों की चाल और उनकी स्थिति होती है। ज्योतिष में माना जाता है कि ग्रहों का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि कब कौन सा ग्रह गोचर या परिवर्तन कर रहा है। बात करें 3 से 9 जून के इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण गोचर की तो इस सप्ताह में कोई गोचर तो नहीं है लेकिन गुरु ग्रह जिसे ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है उसका उदय होगा।
3 जून को गुरु का वृषभ राशि में उदय 3:21 पर हो जाएगा। निश्चित तौर पर गुरु उदित होकर सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेंगे।
इसके अलावा बात करें ग्रहण की तो जून के इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं लगने वाला है।
3-9 जून 2024: विवाह मुहूर्त 2024
विवाह से जुड़ा कोई भी काम हिंदू धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है और यही वजह है कि आज भी जब भी कोई विवाह या उससे जुड़ा कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो इसके लिए मुहूर्त की गणना अवश्य की जाती है। हालांकि कई बार ज्योतिष की गणना आदि के चलते या खरमास के चलते कई कई महीनों तक विवाह की कोई मुहूर्त ही नहीं होते हैं। ऐसा ही कुछ वर्ष 2024 में मई और जून के महीने में देखने को मिलेगा। इन दोनों ही महीनों में विवाह की कोई मुहूर्त नहीं है। जुलाई के बाद विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी।
वहीं बात करें बैंक अवकाश की तो इन्हें जानना भी बेहद आवश्यक हो जाता है क्योंकि अगर बैंक अवकाश की जानकारी हो तो आप समय से पूर्व बैंक से जरूर संबंधित जरूरी काम निपटा कर खुद को परेशानी में फंसने से बचा सकते हैं। बात करें 3 से 9 जून के बीच पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तो इस सप्ताह में केवल एक ही बैंक अवकाश है और यह है महाराणा प्रताप जयंती का अवकाश जो कि हिमाचल प्रदेश हरियाणा और राजस्थान में होगा।
इस सप्ताह जन्में कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी
साप्ताहिक राशिफल के इस आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं सप्ताह में जन्म लेने वाले मशहूर सितारों की जानकारी लेकिन उसे जानने से पहले हम जान लेते हैं कि जून में जन्म लेने वाले लोग का स्वभाव कैसा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बात करें तो जून के महीने में जन्म लेने वाले लोग की तो, अकसर देखा गया है कि ये लोग अधिक कोमल स्वभाव के होते हैं, दयालु होते हैं और विनम्र होते हैं। कोई भी जरूरतमंद इन्हें दिखे तो उसकी मदद करने से यह लोग पीछे नहीं हटते हैं। साथ ही यह लोग स्वतंत्र भावना वाले होते हैं और दूसरों के अधीन रहना इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है।
इसके अलावा जून में जन्म लेने वाले जातक स्वभाव से बेचैन होते हैं, उन्हें अपने दोस्तों के दिलों में जगह बनाने और वहां रहने में अच्छा लगता है। फींकी से फींकी महफिल में भी ये लोग अगर पहुँच जाए तो यह उस महफिल में चार चांद लगा देते हैं। हालांकि जून के महीने में जन्म लेने वाले लोगों के बारे में अक्सर यह भी कहा जाता है कि उनका मूड चुटकी बजाते ही बदल सकता है। कुछ भी पलों में हंसी मजाक से यह कब अचानक क्रोध के प्रकोप तक चले जाते हैं यह समझ पाना सबके बस की बात नहीं है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: 3-9 जून के बीच कौन से व्रत त्योहार पड़ने वाले हैं?
उत्तर: अपरा एकादशी और वट सावित्री जैसे महत्वपूर्ण व्रत इस सप्ताह में किए जाएंगे।
प्रश्न 2: इस सप्ताह में कौन से ग्रहों का गोचर होगा?
उत्तर: इस सप्ताह में यूं तो कोई गोचर नहीं होगा लेकिन 3 जून को गुरु का वृषभ राशि में उदय हो जाएगा।
प्रश्न 3: इस सप्ताह की सबसे भाग्यशाली राशियाँ कौन सी हैं?
उत्तर: इस सप्ताह कन्या राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि के जातकों को जीवन के विभिन्न मोर्चों पर शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
इन ग्रहों की वजह से गांधी जी और बिल क्लिंटन को मिला है खूब नाम और शोहरत, देखें कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं?
किसी इंसान को जब सफलता या लोकप्रियता मिलती है, तो इसके पीछे उसकी मेहनत के साथ-साथ किस्मत और ग्रहों का भी हाथ होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमारी कुंडली के ग्रह ही ये निर्धारित करते हैं कि हम अपने जीवन में कितने सफल होंगे।
हमारे देश में ऐसे कई महान लोग हैं जिन्हें खूब नाम और शोहरत मिली है और इसके पीछे उनकी कुंडली के ग्रहों का भी हाथ रहा है। आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम महात्मा गांधी और बिल क्लिंटन जैसी महान शख्सियतों की कुंडलियों का विश्लेषण कर के जानेंगे कि उन्हें अपने जीवन में इतना मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और सफलता के साथ लोकप्रियता क्यों हासिल हुई।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
महात्मा गांधी की कुंडली
गांधी जी की कुंडली में लग्न भाव का स्वामी शुक्र और दसवें भाव का स्वामी चंद्रमा अपने स्वक्षेत्र में हैं। चूंकि, चंद्रमा राहु से और शुक्र मंगल से पीड़ित है। क्रमश: पांचवे और सातवें भाव के स्वामित्व के कारण ऐसा कहा जा सकता है कि ये दोनों ही ग्रह बहुत मज़बूत हैं।
दशमेश के दसवें भाव में होने की वजह से जातक को अपने पेशे में बहुत ज्यादा सफलता के साथ मान-सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल होती है। कारक चंद्रमा स्व भाव में हैं। वहीं गुरु चंद्रमा से केंद्र में है और गजकेसरी योग बना रहे हैं।
कर्क राशि में अरुध लग्न है और इसका स्वामी अपने ही घर में है और केंद्र से अरुध लग्न में शुभ ग्रह विराजमान हैं। तुला लग्न वालों के लिए शनि शुभ है क्योंकि वह चौथे और पांचवे भाव के स्वामी हैं।
मंगल, बुध और शुक्र लग्न में हैं। गुरु और चंद्रमा परस्पर केंद्र में हैं। प्रसिद्धि देने वाला ग्रह गुरु लग्न से केंद्र में है।
बिल क्लिंटन की कुंडली
दसवें भाव के स्वामी मंगल की दृष्टि दशम भाव पर पड़ रही है। मंगल के शुक्र के साथ तीसरे भाव में होने की वजह से जातक की लोकप्रियता ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिक पाएगी। दसवें भाव के स्वामी के तीसरे घर में होने की वजह से जातक लेखन के क्षेत्र में खूब नाम कमाता है या बड़ा वक्ता बनता है।
अरुध लग्न में शुभ ग्रह गुरु विराजमान हैं। अरुध लग्न से केंद्र में शुभ ग्रह हैं। चंद्रमा से पचंम भाव के स्वामी सूर्य अपने ही भाव में बैठे हैं और दसवें भाव के स्वामी शनि केंद्र में विराजमान हैं।
लोकप्रियता के भाव यानी दसवें घर में मेष राशि है। यहां पर चंद्रमा की स्थिति के कारण जातक को शोहरत मिली है। गुरु चंद्रमा से एक कोण में हैं और उनकी चंद्रमा पर दृष्टि पड़ रही है इसलिए उन्हें इतनी प्रसिद्धि प्राप्त हुई है।
शनि लग्न भाव में हैं और उनकी दृष्टि दशम भाव पर पड़ रही है। अरुध लग्न से वह दसवें भाव में बैठे हैं।
इनकी कुंडली में लग्न भाव का स्वामी दसवें भाव में है और नीच का होकर नीच भंग हो रहा है।
दसवें भाव का स्वामी गुरु नौवें भाव में है और नौवे भाव का स्वामी शनि दसवें भाव में है। दशमेश के नौवें भाव में होने की वजह से जातक को दिग्गज बनने का मौका मिला और उसकी वजह से कई लोगों की जिंदगी में प्रकाश और उम्मीद आई।
चंद्रमा नीच का होकर छठे भाव में है। नौवें भाव का स्वामी शनि, लग्न और चौथे भाव का स्वामी बुध एवं पांचवे भाव का स्वामी शुक्र की दसवें भाव में युति हो रही है जिससे शक्तिशाली राजयोग का निर्माण हो रहा है। पंचम भाव के स्वामी शुक्र और नौवें भाव के स्वामी शनि के बीच संबंध होना महत्वपूर्ण है।
लोकप्रियता को दर्शाने वाला भाव मीन राशि में है। गुरु लग्न से कोण में स्थित है और चंद्रमा से केंद्र में है। अरुध लग्न का स्वाम इससे केंद्र में है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. कौन सा ग्रह धनवान बनाता है?
उत्तर. बुध के कन्या या मिथुन में पांचवे घर में और मंगल एवं चंद्रमा के 11वें घर में होने र धन योग बनता है।
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बुध अस्त से इन 3 राशियों पर छाएंगे काले बादल- अगले 25 दिनों तक रहें सावधान!
वृषभ राशि में बुध अस्त: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और तर्क का कारक ग्रह माना जाता है। जब व्यक्ति की कुंडली में बुध शक्तिशाली होता है तो व्यक्ति को तीक्ष्ण बुद्धि, बुद्धि, शरीर की अच्छी सेहत और जीवन में संतुष्टि मिलती है। मजबूत बुध के प्रभाव स्वरूप व्यापार और नौकरी में व्यक्ति को अच्छी सफलता मिलती है।
वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में बुध राहु– केतु या मंगल के साथ मौजूद होता है ऐसे लोगों को इसका नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। अब यही महत्वपूर्ण ग्रह 2 जून 2024 को वृषभ राशि में अस्त होने जा रहा है।
वृषभ राशि में बुध के अस्त होने के प्रभाव स्वरूप जीवन में आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव की वृद्धि होने की आशंका है। कई राशियों पर करियर और सेहत के संदर्भ में भी असर देखने को मिलेगा। बुध अस्त के इस समय अवधि में कई राशियों को करियर और सेहत के संदर्भ में भी प्रतिकूल परिणाम उठाने पड़ सकते हैं। अपने खास ब्लॉग में हम बुध के बारे में बात करेंगे जानेंगे इसका समय और दिन क्या रहने वाला है। साथ ही जानेंगे सभी 12 राशियों पर इसका क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है।
अस्त बुध- क्या रहेगा समय?
समय की बात करें तो बुध 2 जून को 18:10 पर वृषभ राशि में अस्त होने वाला है। इसके बाद 14 जून को बुध का मिथुन राशि में अस्त अवस्था में ही गोचर हो जाएगा और फिर 27 जून को बुध मिथुन राशि में अस्त अवस्था से निकलकर उदित अवस्था में आ जाएंगे।
अस्त बुध के प्रभाव
ज्योतिष में विचार और वाणिज्य का ग्रह माने जाने वाला बुध ग्रह 2 जून से 27 जून तक सूर्य के बेहद ही निकट मौजूद होने वाला है। ज्योतिष में इसे ही ग्रहों का अस्त होना कहते हैं। दरअसल जब भी कोई ग्रह सूर्य के बेहद ही निकट पहुंच जाता है तो वह धीरे-धीरे अपनी शक्तियां खोने लगता है और इसे ग्रहों का अस्त होना कहा जाता है।
बुध के अस्त होने के प्रभाव से जातकों को निर्णय लेने और सोच समझकर कोई भी काम करने में परेशानियां उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा शैक्षणिक और व्यावसायिक समय सीमाएं भी तनावपूर्ण हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में मुमकिन है कि कुछ जातक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ना दिखा पाएँ। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में भी लोगों को परेशानियां उठानी पड़ सकती है। लोग चिंता और ज्यादा सोच में फंसे नजर आ सकते हैं।
क्या यह जानते हैं आप? अलग-अलग ग्रहों के लिए सूर्य के करीब होने की अलग-अलग डिग्रियां निर्धारित होती है और उसी स्थिति में ही वह अस्त माने जाते हैं। बात करें बुध की तो अगर बुध सूर्य के दोनों तरफ 14 डिग्री के भीतर आता है तो वह अस्त कहलाता है। यह उसी स्थिति में सटीक बैठता है जब बुध मार्गी गति में होता है अगर बुध वक्री गति में है तो इसे सूर्य के 12 डिग्री के भीतर आना होता है और तब यह अस्त माना जाता है।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि बुध ग्रह हमारी संचारक क्षमताओं को नियंत्रित करता है इसीलिए अस्त बुध व्यक्ति को अपने विचारों को व्यवस्थित करने या किसी व्यावसायिक सौदे पर प्रभावी ढंग से बातचीत करने में कठिनाइयां देता है। इसके अलावा बुध के अस्त होने की अधिक संभावना रहती है क्योंकि यह सबसे छोटा और सूर्य के सबसे करीब मौजूद ग्रह है। बुध की अस्त अवस्था बहुत ही आम होती है। बुध और सूर्य की युति से सबसे शुभ योग बुधादित्य योग का निर्माण होता है। हालांकि यह संयोजन बहुत अधिक निकट नहीं होना चाहिए अन्यथा इसके फल अनुकूल नहीं मिलते हैं।
वृषभ राशि में अस्त बुध- प्रभाव
जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो इसे कुछ ज्योतिषों के अनुसार बुध के लिए एक कठिन स्थान माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति के अंदर ज़िद्द और अनुकूलन क्षमता की कमी देखने को मिल सकती है। व्यक्ति खुद को प्रभावी ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते हैं, नई चीज़ सीखने में उन्हें परेशानियां उठानी पड़ सकती है आदि।
वहीं दूसरी तरफ वृषभ राशि में अस्त बुध के सकारात्मक पक्ष देखे जाएँ तो ये प्लेसमेंट उच्च रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर सकता है और समस्या समाधान के लिए ज्यादा मजबूत दृष्टिकोण विकसित करने में भी मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा बुध के वृषभ राशि में अस्त होने के दौरान जीवन में स्थिरता और सुरक्षा के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह अनुकूल समय साबित होता है।
ज्योतिष में वृषभ राशि
ज्योतिष के अनुसार वृषभ एक स्त्री राशि मानी गई है। माना जाता है कि इस राशि के जातक सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। जब बुध वृषभ राशि में अस्त होता है तो व्यक्ति अपने लक्ष्यों को ज्यादा कुशल तरीके से प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों की योजना बनाते हैं। इस दौरान व्यक्ति अपने सपनों के प्रति ज्यादा समर्पित और अपने प्रियजनों के प्रति ज्यादा वफादार महसूस करते हैं।
बुध अस्त का ये चरण किसी भी नई परियोजना को शुरू करने के लिए अच्छा समय नहीं माना जाता है क्योंकि मुमकिन है कि इस दौरान अगर हम कोई काम शुरू करते हैं तो उससे हमें वांछित परिणाम ना मिले और इसके बदले हमें इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आप अस्त बुध का अपने जीवन पर व्यक्तिगत और सटीक प्रभाव जानना चाहते हैं तो आप हमारे विद्वान ज्योतिषियों से अभी फोन या चैट के माध्यम से जुड़कर इस बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
बुध वृषभ राशि में अस्त- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: अस्त ग्रह का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर: अस्त ग्रह अपनी शक्ति खो देते हैं और कमजोर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जातक को उस विशेष ग्रह के गुणों में कमजोरी उठानी पड़ती है।
प्रश्न 2: ज्योतिष में अस्त होना किसे कहते हैं?
उत्तर: जब कोई ग्रह सूर्य के करीब आता है और कमजोर हो जाता है तो इसे अस्त होना कहा जाता है।
प्रश्न 3: बुध अस्त के दौरान क्या प्रभाव देखने को मिलते हैं?
उत्तर: जब बुध ग्रह अस्त होता है तो व्यक्ति को महत्वपूर्ण फैसले लेने में दुविधा, चिंता की परेशानी, मानसिक परेशानियां आदि उठानी पड़ सकती हैं।
दो बेहद शुभ योग में रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत, इन उपायों से बनने लगेंगे हर काम!
सनातन धर्म में एकादशी की तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। बता दें कि साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। इस आधार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक एकादशी होती है और हर एक एकादशी का विशेष महत्व है। सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हर काम में सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से सभी इच्छाएं पूरी होती है। इसी क्रम में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी ज्येष्ठ माह में पड़ती है और शास्त्रों में ज्येष्ठ माह बहुत पवित्र माना जाता है। अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। यानी इस एकादशी को करने वाले साधक को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की वामन अवतार की पूजा की जाती है। अपरा एकादशी को इस नाम के अलावा, जलक्रीड़ा एकादशी, अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
ख़ास बात यह है कि इस साल अपरा एकादशी पर बहुत अधिक शुभ योग का निर्माण हो रहा है और इस योग की वजह से इस एकादशी का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस साल अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, इस दिन बनने वाले शुभ योग व इस दिन करने वाले आसान उपायों के बारे में हम यहां चर्चा करेंगे।
अपरा एकादशी 2024: तिथि व समय
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि यह एकादशी आम तौर पर कृष्ण पक्ष के दौरान हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने में आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह मई और जून के महीनों में पड़ती है। अपरा एकादशी की तारीखों का उल्लेख नीचे किया गया है।
अपरा एकादशी व्रत: जून 2 2024, रविवार
एकादशी तिथि प्रारम्भ: जून 02, 2024 की सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर होगी
एकादशी तिथि समाप्त: जून 03, 2024 की मध्यरात्रि 02 बजकर 43 मिनट तक
अपरा एकादशी पारण मुहूर्त : 03 जून की सुबह 08 बजकर 08 मिनट से 03 जून 08 बजकर 09 मिनट तक
अवधि : 0 घंटे 1 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय : 03 जून08 बजकर 08 मिनट
इस बार अपरा एकादशी पर बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। दरअसल इस साल अपरा एकादशी पर प्रीति योग व आयुष्मान योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में प्रीति योग को बहुत फलदायी व शुभ योगों में एक माना गया है। कोई भी मंगल कार्य व किसी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए प्रीति योग को बहुत शुभ माना जाता है। प्रीति योग में कोई भी नया काम, प्रोजेक्ट या गृह प्रवेश करना अच्छा माना जाता है। यह योग सुखी व समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए शुभ होता है।
आयुष्मान योग की बात करें तो यह योग भी बहुत अधिक शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते रहते हैं। जीवन भर इनका शुभ प्रभाव रहने के कारण इसे आयुष्मान योग कहा जाता है।
अपरा एकादशी का महत्व
विष्णु पुराण के अनुसार, अपरा एकादशी को सभी एकादशी व्रत में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से ब्रह्महत्या, प्रेत योनि, झूठ, निंदा इत्यादि जैसे पापों से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, इस एकादशी का व्रत रखने से किसी से गलत भाषा का प्रयोग करना, झूठा वेद पढ़ना और सिखाना या लिखना, झूठा शास्त्र का निर्माण करना, ज्योतिष भ्रम आदि जैसे भयंकर पापों से भी मुक्ति मिल सकती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अपरा एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, कई प्रकार की बीमारियों, दोष और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान श्री हरि कि उपासना करने से बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
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अपरा एकादशी की पूजा विधि
अपरा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करने के बाद साफ पीले रंग के वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प करें।
अब घर के मंदिर में भगवान विष्णु के वामन अवतार और बलराम की प्रतिमा लगाएं। फिर उसके सामने दीपक जलाएं।
इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को अक्षत, फूल, आम फल, नारियल और मेवे चढ़ाएं।
ध्यान रहे कि विष्णु की पूजा करते वक्त तुलसी के पत्ते अवश्य रखें।
इसके बाद धूप दिखाकर श्री हरि विष्णु की आरती उतारें और कथा पढ़े। इस दिन एकादशी की कथा जरूर पढ़ें क्योंकि माना जाता है कि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
इसके बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
शाम के समय तुलसी के पौधे के पास देसी घी का एक दीपक जलाएं।
ध्यान रहे एकादशी के दिन रात के समय सोना नहीं चाहिए। इस दिन पूरी रात भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
अगले दिन पारण के समय किसी ब्राह्मण व जरूरतमंदों को यथाशक्ति भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें।
इसके बाद बिना प्याज लहसुन का भोजन बनाकर ग्रहण करें और व्रत पारण करें।
एकादशी का व्रत रखते हुए कई बार हम और आप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिन्हें करने से हमेशा बचना चाहिए। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में।
सनातन धर्म के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से अगले जन्म में व्यक्ति रेंगने वाला जीवन बनता है।
एकादशी के दिन भूलकर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि क्रोध करने से भगवान विष्णु भी नाराज हो जाते हैं और घर की सुख-समृद्धि कम हो जाती है। इस दिन किसी को गलत शब्द कहने से भी बचना चाहिए।
एकादशी के दिन साधक को ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना चाहिए। शारीरिक संबंध या गलत सोच आदि मन में नहीं लाना चाहिए।
इस दिन मांस मदिरा-पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन काले व सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। एकादशी के व्रत में इस रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को अति प्रिय है और यह रंग शुभता लाता है।
अपरा एकादशी पर जरूर पढ़ें ये कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक राज्य में महिध्वज नाम का एक राजा राज करता था, जो स्वभाव में बहुत ही दयालु था। लेकिन, उसका छोटा भाई वज्रध्वज उससे विपरीत स्वभाव का था। उसने अपने मन में अपने भाई के खिलाफ द्वेष भर रखा था। उसे अपने भाई का व्यवहार पसंद नहीं आता था। वह हमेशा अपने भाई को मारने को पूरा राजपाट अपने हाथों लेने फिराक में रहता था एक दिन मौका पाकर उसने अपने भाई को मार दिया और एक पीपल के पेड़ के नीचे उसे दफना दिया। अकाल मृत्यु के कारण राजा की आत्मा भटकने लगी, वह उस पेड़ के पास से गुजरने वाले हर राहगीर को परेशान करने लगी। संयोगवश एक दिन एक ऋषि उसी रास्ते से गुजर रहे थे। जब उनका सामना उस भटकती आत्मा से हुआ। तब ऋषि ने उस आत्मा से अब तक मोक्ष प्राप्ति न होने का कारण पूछा। राजा की आत्मा ने अपने साथ हुए विश्वासघात की सारी कहानी ऋषि को बता दी। इसके बाद उस ऋषि ने अपनी शक्ति से, आत्मा को मुक्त कर दिया। राजा की मुक्ति के लिए, ऋषि ने अपरा एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से किया और उस फल से राजा की आत्मा प्रेत योनि से मुक्त हो गई। एकादशी के दिन व्रत करने से मिलने वाले पुण्य फल को उन्हें राजा की आत्मा को अर्पित किया। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से राजा की आत्मा को प्रेत योनि से छुटकारा मिला और वह पूरी तरह मुक्त हो गई। इसके बाद अपरा एकादशी के व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया।
हिंदू मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी का महत्व भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को सबसे पहले बताया था। शास्त्रों के अनुसार, जो साधक इस एकादशी व्रत और अनुष्ठान को विधि-विधान से करता है, वह अतीत और वर्तमान के पापों से पूरी तरह छुटकारा पा लेता है और जीवन में सकारात्मकता के मार्ग पर चलता है। यह भी माना जाता है कि व्यक्ति इस एकादशी के व्रत को अत्यंत भक्ति के साथ करके पुनर्जन्म और मृत्यु के चक्र से बाहर निकल सकता है और मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है।
अपरा एकादशी पर किए जाने वाले आसान उपाय
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा विधि-विधान से करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही इस दिन कुछ उपायों को करके व्यक्ति के सभी काम बनने लगते हैं।
कर्ज से छुटकारा पाने के लिए
अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही, देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे सभी भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। सुख-समृद्धि मिलने के साथ ही व्यक्ति कर्ज व लोन से छुटकारा पाता है।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए
अपरा एकादशी के दिन घर के मेन दरवाजे के बाहर घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही, सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
धन-धान्य के लिए
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान इस मंत्र का- (ॐ नमो भगवते वासुदेवाय) कम से कम 108 बार जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही, आपको कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
सुखी पारिवारिक जीवन के लिए
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का शंख से जलाभिषेक करें। इससे वह श्री हरि जल्द प्रसन्न होकर सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही, आपका पारिवारिक जीवन में सुखमय होता है।
संतान के स्वास्थ्य के लिए
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और इसमें तुलसी की एक पत्ता डालना न भूलें क्योंकि भगवान श्री हरि को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं और बिना तुलसी के पूजा व उनका भोग अधूरा माना जाता है। ऐसा करने से आपकी और आपकी संतान का स्वास्थ्य अनुकूल बना रहेगा।
दुखों से छुटकारा पाने के लिए
एकादशी के दिन किसी जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति को वस्त्र, अनाज, मिठाई आदि का दान करें। ऐसा करने से जीवन में आ रहे उतार-चढ़ाव व सभी दुखों से छुटकारा मिल सकता है।
शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन के लिए
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फूल, गुड़ और चने की दाल अर्पित करें। ऐसा करने से छात्र शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और उन्हें सफलता प्राप्त होती है।
भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
अपरा एकादशी के दिन घर की उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ जरूर लगाएं। बता दें कि पद्म पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव ने अपने पुत्र कार्तिकेय को कहा है कि आंवला वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप है इसलिए हर एकादशी के दिन एक आंवले का पेड़ जरूर लगाएं। ऐसा करने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. एक साल में कितनी एकादशी होती है?
उत्तर. एक साल में 24 एकादशी पड़ती है।
प्रश्न 2.अपरा एकादशी का व्रत कब तोड़ना है?
उत्तर. अपरा एकादशी के व्रत द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में तोड़ना चाहिए।
प्रश्न 3. अपरा एकादशी पर क्या खाना चाहिए?
उत्तर. अपरा एकादशी के दिन दूध, जल या फल का सेवन कर सकते हैं।
प्रश्न 4. अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
उत्तर. अपरा एकादशी 02 जून 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा।
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल: 02 जून से 08 जून, 2024
अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 02 जून से 08 जून, 2024: यह सप्ताह अलग-अलग मूलांक के लोगों के लिए कई बेहतरीन अवसर लेकर आएगा। अगर आप अपने मूलांक के आधार पर अपने प्रेम जीवन, करियर, सेहत या आर्थिक स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें। इस लेख में हमारे अनुभवी अंकज्योतिषी और ज्योतिषाचार्य हरिहरन जी ने मूलांक के आधार पर अंक ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल 02 जून से 08 जून के लिए सटीक भविष्यवाणी प्रदान की है।
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कैसे जानें अपना रूट नंबर या मूलांक?
आप अपनी जन्म की तारीख को एकल संख्या में बदल कर अपनी रूट संख्या या मूलांक जान सकते हैं। रूट नंबर 1 से लेकर 9 के बीच होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपका जन्म महीने की 11 तारीख को हुआ है, तो आपका रूट नंबर 1+1, यानी कि 2 होगा। इस तरह अपना रूट नंबर जानकर अपना राशिफल जान सकते हैं।
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हमारे जीवन पर अंकज्योतिष का बहुत प्रभाव पड़ता है क्योंकि हमारी जन्म तिथि ही अंकों से बनी होती है। आपकी जन्मतिथि के आधार पर ही आपका मूलांक या रूट नंबर तय होता है। अपना रूट नंबर जानने के बाद आप अंकज्योतिष के अंतर्गत अपने बारे में काफी कुछ जान सकते हैं और अपने भविष्यफल की जानकारी भी ले सकते हैं।
1 अंक के स्वामी सूर्य हैं और 2 अंक का चंद्रमा, 3 का बृहस्पति, 4 का राहु, 5 का बुध, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 अंक के स्वामी मंगल ग्रह हैं। इन ग्रहों के गोचर के कारण व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं और इनके द्वारा शासित अंकों का भी हमारे जीवन पर अहम प्रभाव पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि मूलांक के अनुसार 02 जून से 08 जून तक का समय आपके लिए कैसा रहेगा।
मूलांक 1
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19 या 28 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातक बहुत व्यवस्थित और पेशेवर होते हैं और अपने इन्हीं गुणों के कारण जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। इस सप्ताह आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं और इस वजह से आप इस समय बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले हैं। आपके लिए आध्यात्मिक यात्रा के योग भी बन रहे हैं और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी। आप जीवन के विभिन्न पहलुओं में अपनी विशिष्टता का प्रदर्शन करेंगे।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके जीवनसाथी के बीच सब कुछ अच्छा रहने वाला है। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल उत्तम रहेगा। पार्टनर के साथ अच्छी बातचीत होने की वजह से आप प्रसन्न महसूस करेंगे। आप दोनों को एक साथ कहीं बाहर घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है और यह समय आप दोनों के लिए ही यादगार साबित होगा। आप और आपके जीवनसाथी पर परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं और आप दोनों मिलकर किसी समस्या का समाधान कर सकते हैं। आप अपने पार्टनर को अधिक महत्व देंगे। आप और आपका जीवनसाथी सुखी वैवाहिक जीवन का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे।
शिक्षा: इस सप्ताह आप अपनी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पेशेवर तरीके से कोई सकारात्मक कदम उठा सकते हैं। मैनेजमेंट और फिजिक्स जैसे विषय आपको आसान लगेंगे इसलिए इस समय इन विषयों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए भी अनुकूल समय है। इसमें आपके उच्च अंक प्राप्त करने की प्रबल संभावना है। आप अपने दोस्तों और साथी छात्रों से अधिक अंक प्राप्त करेंगे।
पेशेवर जीवन: आप नौकरी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। अगर आप पब्लिक सेक्टर में नौकरी करते हैं, तो यह सप्ताह आपके लिए शानदार साबित होगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्नति के योग भी बन रहे हैं। वहीं व्यापारियों को आउटसोर्स डील से अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। आप पार्टनरशिप में नया बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं और आपका यह कदम फलदायी साबित होगा। इस समय व्यापारियों को अपनी उम्मीद से अधिक मुनाफा होने के संकेत हैं।
सेहत: इस सप्ताह आपकी सेहत बहुत शानदार रहने वाली है। आप जोश और उत्साह से भरपूर महसूस करेंगे। नियमित व्यायाम की मदद से आप खुद को और ज्यादा फिट बना सकते हैं। इससे आप स्वस्थ जीवन का आनंद ले पाएंगे।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 2
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 2 वाले जातकों को निर्णय लेते समय कंफ्यूज़न महसूस हो सकती है जोकि इनके विकास में रुकावट पैदा बनने का काम करेगी। यदि आप अच्छे परिणाम पाना चाहते हैं, तो योजना बनाकर चलें। आपको इस सप्ताह अपने दोस्तों से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि उनके कारण आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस समय लंबी दूरी की यात्रा करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इस समय उनके उद्देश्य की पूर्ति होने की संभावना बहुत कम है।
प्रेम जीवन: आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस होने की आशंका है। बेहतर होगा कि आप इस समय अपने जीवनसाथी के साथ किसी भी तरह के झगड़े से बचने का प्रयास करें। यदि आप अपने और अपने पार्टनर के लिए इस सप्ताह को रोमांटिक बनाना चाहते हैं, तो आपको अपनी ओर से सामंजस्य बैठाने का प्रयास करना चाहिए। आप दोनों के लिए धार्मिक यात्रा पर जाने के योग भी बन रहे हैं और इस यात्रा से आप दोनों काफी राहत महसूस करेंगे। कुल मिलाकर, यह सप्ताह प्रेम और रोमांस के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।
शिक्षा: इस समय मूलांक 2 वाले जातकों का अपने काम से ध्यान भटक सकता है इसलिए उन्हें अपने कार्य पर अधिक ध्यान देने और पूरी एकाग्रता के साथ काम करने की सलाह दी जाती है। आपको कड़ी मेहनत और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करने की जरूरत है। अगर आप केमिस्ट्री या कानून जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको अच्छा प्रदर्शन करने में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। आप तार्किक होकर पढ़ाई करेंगे और अपने साथी छात्रों के बीच अपनी जगह बनाने का प्रयास करें।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातकों से अपने काम में कुछ गलतियां हो सकती हैं जो कि कार्यक्षेत्र में उनके विकास में बाधा का काम करेंगी। गलतियों के कारण आपके हाथ से नौकरी के कई नए अवसर भी छूट सकते हैं। यदि आप इस स्थिति से बचना चाहते हैं, तो अपने काम में सुधार लाएं और कार्यक्षेत्र में सफलता का उदाहरण पेश करने का प्रयास करें। इससे आप अपने सहकर्मियों से आगे निकलने में भी सफल हो पाएंगे। वहीं व्यापारियों के लिए नुकसान की स्थिति बनी हुई है। अपने प्रतिद्वंदियों से मिल रहे दबाव के कारण आपको बिज़नेस में हानि उठानी पड़ सकती है।
सेहत: इस समय आपको खांसी होने की आशंका है इसलिए आपको अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आपको रात में सोने में दिक्कत हो सकती है। आपको घुटन महसूस होने के कारण कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: रोज़ 20 बार ‘ॐ चंद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 3
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह मूलांक 3 वाले जातक महत्वपूर्ण निर्णय लेने का साहस दिखाएंगे और ये फैसले इनके हितों को बढ़ावा देने का काम करेंगे। इस समय आप आत्मविश्वास से भरपूर और संतुष्ट महसूस करेंगे। आपकी अध्यात्म के प्रति रुचि बढ़ने के आसार हैं। आत्म-प्रेरणा वह गुण होगा जिससे आप समाज में मान-सम्मान बढ़ाने में सक्षम होंगे। इस सप्ताह आप खुले विचारों वाले रहेंगे और इससे आपको अपने हितों को बढ़ावा देने में बहुत मदद मिलेगी। आपको इस समय अत्यधिक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
प्रेम जीवन: आप अपने पार्टनर से अपनी रोमांटिक भावनाओं को व्यक्त कर पाएंगे। आप और आपका जीवनसाथी एक-दूसरे से अपने विचारों को कुछ इस तरह व्यक्त करेंगे जिससे आप दोनों के बीच आपसी तालमेल विकसित होगा। आप दोनों अपने परिवार में होने वाले किसी कार्यक्रम को लेकर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं। एक-दूसरे को जानने से आप दोनों के बीच आपसी तालमेल बेहतर होगा और आप दोनों के बीच प्यार बढ़ेगा।
शिक्षा: यह सप्ताह छात्रों के लिए शानदार रहने वाला है। आप प्रोफेशनल ढंग से अपनी शिक्षा को आगे ले जाने में सफल होंगे। मैनेजमेंट और बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन जैसे विषय आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। ये विषय आपकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार लाने का काम करेंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको नौकरी का कोई ऐसा नया अवसर मिल सकता है जिसे पाकर आप काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे। इस नई नौकरी में आप पूरी दक्षता के साथ काम करेंगे। व्यापारी कोई नया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिसमें उन्हें उच्च मुनाफा होने की उम्मीद है। व्यापार के क्षेत्र में आप अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकल पाएंगे और उन्हें कड़ी टक्कर देंगे।
सेहत: इस सप्ताह आपका शारीरिक स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहने वाला है। आपके अंदर जोश और उत्साह काफी बढ़ जाएगा और इसका आपकी सेहत पर भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। आपके आसपास इस समय काफी सकारात्मकता रहने वाली है जिससे आपके स्वास्थ्य को भी लाभ होगा।
उपाय: रोज़ 21 बार ‘ॐ गुरुवे नम:’ मंत्र का जाप करें।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मूलांक 4
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों का मन असुरक्षा की भावनाओं से घिर सकता है और इसकी वजह से ये कोई प्रभावी निर्णय लेने में असफल हो सकते हैं। इस समय लंबी यात्राओं के उद्देश्य की पूर्ति होने की संभावना बहुत कम है इसलिए आपको इस समयावधि में लंबी यात्राएं करने से बचना चाहिए। इसके अलावा आपको महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपने बड़ों की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह किसी गलतफहमी के कारण आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस होने की आशंका है। अपने पार्टनर के साथ रिश्ते को मज़बूत करने के लिए आपको अपनी ओर से तालमेल बिठाने की जरूरत है। अहंकार के कारण आप दोनों का झगड़ा हो सकता है और इसकी वजह से आपके रिश्ते में खटास आने के भी संकेत हैं।
शिक्षा: ध्यान भटकने के कारण इस समय छात्रों को एकाग्रता से पढ़ाई करने में दिक्कत आ सकती है। आपको इस सप्ताह अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। आपके पास कुछ नए प्रोजेक्ट आ सकते हैं जिन्हें पूरा करने में आप व्यस्त रहने वाले हैं। इस सप्ताह शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के सामने मुश्किलें खड़ी होने के संकेत हैं और इसकी वजह से आप शीर्ष पर पहुंचने में असफल हो सकते हैं।
पेशेवर जीवन: कार्यक्षेत्र में आपकी कड़ी मेहनत को नज़रअंदाज़ किए जाने की वजह से आप अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर थोड़ा असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। इसके कारण आपका मन निराशा से घिर सकता है। व्यापारियों को अपनी मौजूदा डील से उच्च मुनाफा होने की संभावना कम है। वहीं पार्टनरशिप में काम करने वाले लोगों के अपने पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं। इस समय नई पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करने का फैसला न लें।
सेहत: आपको इस सप्ताह पाचन संबंधी समस्याएं होने का खतरा है और इससे बचने के लिए आपको समय पर खाना खाने की सलाह दी जाती है। आपको पैरों और कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए आप शारीरिक व्यायाम की मदद ले सकते हैं। आपको रात में अच्छी नींद आने में परेशानी हो सकती है और इस वजह से आप थोड़े नाखुश रहने वाले हैं।
उपाय: मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन यज्ञ-हवन करें।
मूलांक 5
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है)
इस सप्ताह आप अपने छिपे हुए स्किल्स के दम पर अच्छा मुनाफा कमाने वाले हैं। आपका हर कदम आपको आगे लेकर जाएगा और इस काम में आपकी तार्किक शक्ति काम आएगी। महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए यह सप्ताह फलदायी साबित होगा।
प्रेम जीवन: आपके रिश्ते में उच्च मूल्य स्थापित होंगे और संबंध में मधुरता आएगी। इससे आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल अच्छा रहेगा और आप अपने पार्टनर के साथ सुखी वैवाहिक जीवन की मिसाल कायम करेंगे। जीवनसाथी के प्रति आपके प्यार में इज़ाफा होगा और आप दोनों ही रिश्ते में खुश रहेंगे। इस सप्ताह आप अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकते हैं।
शिक्षा: आप पढ़ाई में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे और आप मुश्किल विषयों को भी आसानी से पार कर लेंगे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स और एडवांस स्टडीज जैसे विषय आपको सरल लगेंगे। आप जो भी पढ़ेंगे या जिस भी विषय को चुनेंगे, उसकी पढ़ाई तार्किक होकर करने में सक्षम होंगे।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आप अपनी क्षमता और काबिलियत के बारे में जान पाएंगे और पूरे जोश के साथ काम करेंगे। आप कार्यक्षेत्र में अधिक पेशेवर होकर काम करेंगे। आपको अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए कोई पुरस्कार भी दिया जा सकता है। वहीं व्यापारी अपने क्षेत्र में शीर्ष तक पहुंचने में सफल होंगे और खुद को अंग्रणी बनाएंगे।
सेहत: इस सप्ताह आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेंगे। शारीरिक रूप से फिट और एनर्जी से भरपूर रहने की वजह से आपकी सेहत इस समय बहुत बढ़िया रहने वाली है। अपने सेंस ऑफ ह्यूमर की वजह से भी आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।
(यदि आपका जन्म महीने की किसी भी 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है)
इस अंक के जातक अपने अंदर के छिपे स्किल्स को अच्छे से पहचानते हैं और इसके चलते उनकी रचनात्मकता में वृद्धि देखने को मिलती है, जो उन्हे शीर्ष पर पहुंचने में मार्गदर्शन करता है। बुद्धिमानी से काम करने की वजह से आपको पुरस्कृत किया जा सकता है। इस सप्ताह अपने आसपास सब कुछ अच्छा होने की वजह से आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे।
प्रेम जीवन: इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहने वाला है। महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर आपकी और आपके जीवनसाथी की सोच एवं विचार एक-दूसरे से मेल खाएंगे। आपको अपने पार्टनर के साथ कहीं बाहर घूमने जाने का मौका भी मिल सकता है और आप दोनों ही इसका भरपूर आनंद उठाएंगे। इसके अलावा आपके परिवार में कोई शुभ कार्यक्रम हो सकता है या आपको परिवार के सदस्यों के साथ मिलने-जुलने का मौका मिलेगा।
शिक्षा: इस सप्ताह आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने और प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने में सक्षम होंगे। आप अपने किसी विशिष्ट कौशल की वजह से शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने में सफल हो सकते हैं। आपको उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है और यह अवसर आपके लिए फलदायी साबित होगा।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह नौकरी के नए अवसर पाकर आप काफी संतुष्ट महसूस करेंगे। आपको काम के सिलसिले में विदेश जाने मौका भी मिल सकता है और इन अवसरों से आपको उच्च मुनाफा होने के संकेत हैं। व्यापारी अपनी स्थिति को बेहतर करने और उच्च मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे एवं सहज महसूस करेंगे। आप कोई नई बिज़नेस डील भी ले सकते हैं जिससे आपको बड़ा मुनाफा तो होगा ही लेकिन इसके साथ ही आप अपने व्यापारिक क्षेत्र में अपनी सकारात्मक पहचान भी बना पाएंगे।
सेहत: इस सप्ताह आत्मविश्वास बढ़ने के कारण आप ऊर्जा और जोश से भरपूर महसूस करेंगे। इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। आपके अंदर जोश और आत्मविश्वास काफी बढ़ जाएगा जिससे आपकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
उपाय: रोज़ 33 बार ‘ॐ शुक्राय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 7
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों को इस समय अपने कार्यों पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनसे अपने काम में लापरवाही हो सकती है और इसका नकारात्मक असर आपको मिलने वाले परिणामों पर पड़ सकता है। इस सप्ताह आध्यात्मिक कार्यों में आपका रुझान बढ़ेगा।
प्रेम जीवन: आपको अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते में तालमेल बिठाने की जरूरत है। इस सप्ताह आप दोनों के बीच छोटी-छोटी बात पर बहस और झगड़ा होने की आशंका है। इससे आपके रिश्ते की सुख-शांति भंग हो सकती है। इससे बचने और अपने प्रेम संबंध में सुख-शांति को बरकरार रखने के लिए आपको शांत रहने की सलाह दी जाती है।
शिक्षा: इस समय छात्रों की सीखने की क्षमता कमज़ोर हो सकती है और इसके कारण विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने से पीछे सकते हैं। इस वजह से छात्रों के लिए यह सप्ताह ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। इसके अलावा उच्च प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए भी यह समय सही नहीं है। अगर आप इस समय प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, तो आपको नुकसान या खराब प्रदर्शन का सामना करना पड़ सकता है।
पेशेवर जीवन: इस सप्ताह आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बात करते समय अधिक सावधान रहने की जरूरत है वरना आपकी उनके साथ बहस हो सकती है। आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम की गुणवत्ता पर सवाल उठा सकते हैं। इससे आप घबरा सकते हैं लेकिन आपको इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है और अपने उच्च अधिकारियों के सामने अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए आप अपने कार्यों पर थोड़ा नियंत्रण रखें। व्यापारियों को अपने बिज़नेस में मुनाफे को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि कभी-कभी स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर जा सकती है। इसके अलावा आपको इस सप्ताह नई पार्टनरशिप में बिज़नेस शुरू करने से भी बचना चाहिए वरना आप मुश्किल में फंस सकते हैं।
सेहत: आपको इस सप्ताह चोट लगने की आशंका है इसलिए वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। आपको कोई भारी वाहन चलाने से बचने की सलाह दी जाती है।
उपाय: रोज़ 41 बार ‘ॐ गणेशाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मूलांक 8
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है)
यह सप्ताह मूलांक 8 वाले जातकों के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है। बेहतर और लाभकारी परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा। आपकी आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और आपको किसी ऐसी जगह की यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा जहां आपका अध्यात्म के प्रति लगाव बढ़ेगा। इस सप्ताह आप बहुत ज्यादा व्यस्त रहने वाले हैं। आपको इस समय धैर्य से काम लेने की जरूरत है और अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से करें।
प्रेम जीवन: पारिवारिक मसलों की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां बढ़ने की आशंका है। इसके कारण आपके रिश्ते की सुख-शांति भंग हो सकती है और आपको ऐसा लग सकता है जैसे आपने अपना सब कुछ खो दिया है। आपको अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाने और स्नेहपूर्ण संबंध बनाने की जरूरत है।
शिक्षा: इस सप्ताह आपकी एकाग्रता ही आपकी ताकत होगी और आप मन लगाकर पढ़ाई करेंगे। इस समय आपको प्रतियोगी परीक्षा मुश्किल लग सकती है। इसमें उच्च अंक प्राप्त करने के लिए आपको अच्छे से तैयारी करने की जरूरत है। आप अपने स्किल्स के सहारे दृढ़ संकल्पित होकर पढ़ाई करेंगे और सफलता हासिल करेंगे।
पेशेवर जीवन: नौकरीपेशा जातक अपनी मौजूदा नौकरी को लेकर असंतुष्ट महसूस करने की वजह से नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं और यह बात इन्हें परेशान कर सकती है। कभी-कभी आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने से पीछे रह सकते हैं और इसका असर आपके काम की गुणवत्ता पर पड़ने वाला है। वहीं व्यापारियों के लिए मुनाफा कमा पाना आसान नहीं होगा। आपको कम से कम निवेश पर भी बिज़नेस चलाना पड़ सकता है या आपको बिज़नेस में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सेहत: इस सप्ताह आपको तनाव की वजह से पैरों में दर्द और जोड़ों में अकड़न महसूस हो सकती है। स्वस्थ रहने के लिए आपको ध्यान एवं योग करने की सलाह दी जाती है।
उपाय: आप रोज़ 44 बार ‘ॐ मंदाय नम:’ मंत्र का जाप करें।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है)
इस मूलांक वाले जातकों के लिए यह सप्ताह अनुकूल रहने वाला है। आपको इस समय ऐसे कई शानदार अवसर मिलने के संकेत हैं जो आपके भविष्य को संवारने का काम करेंगे। आपको करियर में सुनहरे अवसर मिल सकते हैं या फिर आपको धन लाभ होने की संभावना है या आप नए दोस्त भी बना सकते हैं। आपको इस सप्ताह यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है और ये यात्राएं आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगी।
प्रेम जीवन: इस सप्ताह आपके और आपके पार्टनर के रिश्ते में प्यार और सुख-शांति बनी रहेगी। अगर आप प्रेम संबंध में हैं, तो आपके रिश्ते में खुशियां बढ़ेंगी। वहीं शादीशुदा लोगों के लिए भी रोमांटिक समय है।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह सप्ताह आपके लिए शानदार रहने वाला है और आप उच्च अंक प्राप्त करेंगे। आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और केमिस्ट्री आदि विषयों में शानदार प्रदर्शन करेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में आप अपने लिए एक अलग जगह बना सकते हैं।
पेशेवर जीवन: इस मूलांक के जातकों को नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना है। यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इस समय सुनहरे अवसर मिलने के संकेत हैं। वहीं व्यापारियों को कोई नई बिज़नेस डील मिल सकती है जिससे आपको अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा।
सेहत: इस सप्ताह आप सकारात्मक महसूस करने की वजह से शारीरिक रूप से मज़बूत रहेंगे। आप दृढ़ निश्चयी और आंतरिक रूप से मज़बूत रहेंगे जिससे आप खुद को स्वस्थ रखने में सक्षम हो पाएंगे।
उपाय: रोज़ 27 बार ‘ॐ भूमिपुत्र नम:’ मंत्र का जाप करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. 7 अंक का गुरु कौन है
उत्तर. 7 अंक के स्वामी केतु होते हैं।
प्रश्न. मेष राशि का शुभ अंक क्या है?
उत्तर. इस राशि का शुभ अंक 4 है।
प्रश्न. अपना मूलांक कैसे निकालें?
उत्तर. आपकी जन्मतिथि 26 है तो आप 2 और 6 को जोड़ दें, आपका अंक 8 है।
अच्छा ज्ञान होने के बाद भी फेल हो जाते हैं इंटरव्यू में, तो जानें कौन सा ग्रह है जिम्मेदार !
अच्छी नौकरी हर किसी का एक सपना होता है लेकिन कई बार अच्छा ज्ञान होने के बावजूद और कड़ी मेहनत करने के बाद भी जातक हर परीक्षा पास कर लेता है लेकिन इंटरव्यू में उसे हर बार हार का सामना करना पड़ सकता है। जब हमें सामने से नकारात्मक जवाब आता है तो बहुत ठेस पहुंचती है। कई बार यह अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि आखिर गलती कहां हुई जो इंटरव्यू में बाजी नहीं मार पाए। यूं तो कई कारण हो सकते हैं जिसमें यह भी शामिल है कि आपकी तरफ से कोई कमी नहीं हो लेकिन आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह दोष की वजह से यह समस्या हो सकती है।
कुंडली में मौजूद ग्रह दोष की वजह से हमें इंटरव्यू में उन्नति या तरक्की में बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार नौकरी के लिए बहुत तैयारी और मेहनत करने के बावजूद आपको तरक्की नहीं मिल पाती। ज्योतिष के अनुसार, कुछ ग्रहों का विशेष प्रभाव आपको नौकरी या जॉब में सफलता दिलाने में मदद कर सकता है। जॉब इंटरव्यू को सफल बनाने के लिए अपनी तैयारी के साथ-साथ ग्रहों को मजबूत करने के लिए उपाय भी किए जा सकते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि इंटरव्यू में पास असफल होने के पीछे कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
इंटरव्यू में पास असफल होने के पीछे ये ग्रह है जिम्मेदार
शनि ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में शनि नौकरी के कारक हैं। कुंडली में इनकी स्थिति जितनी मजबूत होगी, आपका इंटरव्यू निकलने के चांसेस उतने अच्छे होंगे। साथ ही आपको अच्छी नौकरी भी मिलने की संभावना इसी से बनती है। वहीं अगर इसकी स्थिति खराब हुई, तो इंटरव्यू देते-देते आप परेशान हो जाएंगे, लेकिन कामयाबी आपके हाथों नहीं आ पाएगी। कुल मिलाकर आपके करियर में मिल रही सफलता और असफलता, शनि की स्थिति से तय होती है। ज्योतिष के अनुसार, जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अंतर्दशा चल रही है, उन्हें नौकरी में परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
बृहस्पति ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में भी गुरु ग्रह को विशेष ग्रह माना गया है, जिसकी कमज़ोर स्थिति से सफलता पाना मुश्किल हो जाता है और जीवन भी परेशानियों से घिर जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति अभाग्य का कारण बनती है और उसे नौकरी व करियर में की प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गुरु को सफलता और उदारता का ग्रह भी कहा गया है। ये ज्ञान के भी कारक है। ऐसे में, यदि कुंडली में देव गुरु बृहस्पति की स्थिति कमज़ोर है तो व्यक्ति को आपार ज्ञान होते हुए भी इंटरव्यू में असफलता झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा, नौकरी में भी कई अन्य प्रकारी की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमज़ोर हो तो उसे अपने कार्यक्षेत्र में सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति नहीं होती है और बार-बार इंटरव्यू में जातक को हार का सामना करना पड़ सकता है। वह चाहे नौकरी करें या व्यापार, उसे सफलता नहीं मिलती है। उसके काम में बाधाएं आती हैं। कई बार जातक बाकी ग्रहों की शुभ स्थिति के परिणामस्वरूप अच्छे से परीक्षा में पास हो जाता है लेकिन उसे इंटरव्यू में हार का सामना करना पड़ जाता है।
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जॉब इंटरव्यू से पहले इन ग्रह को कर लें मजबूत
यदि आप नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो गुरु ग्रह बृहस्पति को मजबूत कर लें। ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्ल पक्ष के गुरुवार से प्रतिदिन माथे पर केसर का तिलक लगाएं, ऐसा करने से आपका भाग्य चमकेगा और आपको किस्मत का भी पूरा साथ मिलेगा। साथ ही, आपको जॉब और इंटरव्यू में शुभ फल की प्राप्ति होगी।
जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, उन्हें कम से कम 21 या 11 गुरुवार का व्रत रखना चाहिए। इस दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें। साथ ही, गुरु ग्रह की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ मंत्र का जाप 108 बार जाप करना चाहिए।
बृहस्पति की स्थिति मजबूत करने के लिए पुखराज या उपरत्न सुनेला या सोनल भी धारण कर सकते हैं क्योंकि ये रत्न गुरु दोष निवारण के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि, इस रत्न को धारण करने से पहले आप ज्योतिष की सलाह जरूर ले लें ।
गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए पीली चीजों का दान करें। जैसे- चने की दाल, बेसन, मक्का, हल्दी, केले आदि करना शुभ माना जाता है।
बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है। किसी भी इंटरव्यू में जाने से पहले बुद्धि के देवता भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें। साथ ही, गणेश जी के मंत्रों को लाल पेन से लिखकर अपने बैग में या जेब में रख लें। इसके अलावा, जरूरतमंदों को दान दें और उनकी अपनी क्षमता अनुसार मदद करें।
कुंडली में बुध कमजोर हो तो मान सम्मान, यश में कमी और नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर हो तो उन्हें भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।
प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल में रोली डालकर जल अर्पित करना चाहिए और सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आपको भाग्य का साथ मिलेगा।
इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें नीले फूल अर्पित करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सफलता के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?
उत्तर 1. सूर्य जीवन में मान-सम्मान और सफलता का कारक है।
प्रश्न 2. कौन सा ग्रह आपको अमीर बनाता है?
उत्तर 2. अगर आपकी कुंडली में शनि, बुध और शुक्र जैसे ग्रह एक साथ एक ही भाव में हैं तो आपको आर्थिक जीवन में कभी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रश्न 3. भाग्य के लिए कौन सा ग्रह अच्छा है?
उत्तर 3. बृहस्पति को अक्सर भाग्य का ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ज्ञान, विस्तार और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न 4. सरकारी नौकरी कौन सा ग्रह देता है?
उत्तर 4. यदि जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत होते है, तो व्यक्ति को सरकारी नौकरी प्राप्त होगी।
जून की दो सबसे शुभ तारीखें- इन तीन राशियों को करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक पाएगा!
जून का महीना शुरू होने वाला है और यह विशेष रूप से तीन राशियों के लिए बेहद की खास साबित होगा। अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि जून की कौन सी हैं वो 2 तारीखें जो तीन राशियों के लिए नहद खास रहने वाली है और क्यों।
दरअसल जून के महीने में कर्म फल दाता ग्रह शनि देव वक्री हो रहे हैं, शनि की वक्री चाल से कुछ राशियों का नकारात्मक पड़ेगा तो कुछ राशियों पर उसके सकारात्मक असर भी देखने को मिलेंगे। ऐसे में आप चाहें तो शनि देव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए जून की इन दो खास तारीख को कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। हालांकि आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं कि वक्री शनि किन राशियों को मालामाल बनाएंगे।
वैदिक पंचांग के अनुसार जून महीने की पहली तारीख 6 जून बेहद खास रहने वाली है क्योंकि इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या है और इसी दिन शनि जयंती भी है। ऐसे में अगर आप शनि मंदिर जाते हैं, इस दिन भगवान शनि देव की पूजा करते हैं तो निश्चित रूप से आपको शनि की शनि की साढ़ेसाती और ढैया के दुष्प्रभाव से राहत मिल सकती है। साथ ही ऐसे लोगों पर शनि देव का आशीर्वाद भी सालों साल बना रहेगा।
इसके बाद जून की अगली तारीख है 29 जून जो की बेहद ही खास मानी जा रही है। दरअसल इस दिन शनि देव वक्री होने वाले हैं। इसके बाद शनि देव नवंबर तक इसी अवस्था में रहेंगे। ऐसे में शनि की यह वक्री स्थिति तीन राशियों के लिए बेहद बेहद ही शुभ मानी जा रही है।
हालांकि अगर आपका नाम नीचे दी गयी शुभ राशियों की लिस्ट में नहीं है तो भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। आप शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय करके अपने जीवन में शनि के शुभ प्रभाव हासिल कर सकते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
शनि को प्रसन्न करने के उपाय
मकर राशि, कुंभ राशि और वृश्चिक राशि के जातक शनिदेव को तेल अवश्य अर्पित करें।
शनि मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं।
गरीब लोगों को खाने-पीने की वस्तुओं का दान करें।
शनिवार के दिन सरसों के तेल में दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
आइए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि किन राशियों के लिए शनि मालामाल होने के संकेत दे रहे हैं।
शनि देव की कृपा से ये राशियाँ होंगी मालामाल
विशेष रूप से वृषभ राशि, कर्क राशि और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की यह स्थिति बेहद शुभ और फलदाई रहने वाली है। इस दौरान इन राशि के जातकों को अचानक से धन लाभ प्राप्त होने की संभावना है, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, काम और व्यवसाय के संबंध में आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं, सेहत अनुकूल बनी रहेगी। हालांकि अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें और अपने खाने पीने की चीजों का भी ध्यान रखें। नौकरी पेशा लोगों को इस अवधि में प्रोमोशन मिलने की संभावना है। साथ ही आपकी आय में भी वृद्धि होगी, पारिवारिक जीवन अनुकूल बना रहेगा, आपके जीवन से तनाव दूर होगा, आदि।
शनि देव की वक्री स्थिति इन तीन राशियों के लिए रहेगी खतरनाक
सकारात्मक प्रभाव के बाद बात करें नकारात्मक प्रभाव की तो तीन ऐसी भी राशियाँ हैं जिन पर शनि देव के वक्री होने का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
पहली राशि जिसके लिए शनि वक्री अनुकूल नहीं साबित होंगे वो है मेष राशि। इस दौरान मेष राशि के जातकों को अपने तमाम कार्यक्रम में रुकावट, परेशानी, बाधा और स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां देखने को मिल सकती है।
दूसरी जिस राशि के लिए वक्री शनि परेशानियाँ बढ़ाने वाले हैं वो है वृश्चिक राशि। वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान आपके जीवन में भारी उथल-पुथल देखने को मिलेगी। करियर में उतार चढ़ाव बना रहेगा, व्यापार करते हैं तो यहां आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तीसरी और आखिरी जिस राशि के लिए वक्री शनि अनुकूल नहीं साबित होंगे वह है मकर राशि। इस दौरान आपको अपनी नौकरी और व्यापार में सफर करने की आवश्यकता पड़ेगी। साथ ही बच्चों की प्रगति को लेकर आप थोड़े अधिक चिंताग्रस्त नजर आने वाले हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: शनि देव कब वक्री हो रहे हैं?
उत्तर: 29 जून 2024 को शनि देव वक्री हो जाएंगे।
प्रश्न 2: ज्येष्ठ अमावस्या कब है?
उत्तर: 02 जून को ज्येष्ठ अमावस्या है। इसी दिन शनि अमावस्या भी है।
प्रश्न 3: शनि जयंती के दिन क्या करें?
उत्तर: शनि मंदिर जाएँ, शनिदेव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएँ, शनि से संबन्धित वस्तुओं का ज़रूरतमन्द लोगों को दान करें।
प्रश्न 4: वक्री शनि किन राशियों के लिए सकारात्मक रहेंगे?
उत्तर: वृषभ राशि, कर्क राशि और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की यह स्थिति बेहद शुभ और फलदाई रहने वाली है।
प्रश्न 5: वक्री शनि किन राशियों के लिए अनुकूल नहीं साबित होंगे?
उत्तर: मेष राशि, वृश्चिक राशि और मकर राशि के जातकों के लिए वक्री शनि अनुकूल नहीं साबित होंगे।
मंगल गोचर: 42 दिनों की इस अवधि में बनेगा रुचक राजयोग – चार राशियों होंगी मालामाल!
मंगल गोचर 2024: वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है।मंगल के गोचर का अर्थ होता है उसका एक राशि से निकाल कर दूसरी राशि में प्रवेश करना। इसी कड़ी में 1 जून 2024 को मंगल मेष राशि में गोचर करने वाले हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि मंगल के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा।
अपने इस खास ब्लॉग में हम इसी विषय में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे मंगल का यह गोचर कब से कब तक रहने वाला है, इसका समय क्या रहेगा, मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए क्या कुछ ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए, आदि।
सबसे पहले बात करें, समय की तो मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर 42 दिनों के लिए होने जा रहा है। इस दौरान मंगल 1 जून को मेष राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद 12 जुलाई तक मंगल यहीं स्थिति रहेंगे। समय की बात करें तो, मंगल का ये गोचर 15:27 पर हो जाएगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। मेष और वृश्चिक राशि का आधिपत्य भी मंगल के ही पास है। ऐसे में मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर स्वराशि में होने वाला है।
जब मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति के अंदर ऊर्जा, साहस, पराक्रम काफी अधिक मात्रा में देखने को मिलता है। वहीं इसके विपरीत अगर मंगल कुंडली में शुभ स्थिति में ना हो तो इसके अशुभ प्रभाव से जातक के अंदर साहस और आत्मविश्वास की कमी के साथ-साथ दांपत्य जीवन में तमाम परेशानियां होने की आशंका बनी रहती है।
क्या यह जानते हैं आप? सिंह और कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल को एक योग कारक ग्रह कहा गया है। इसके अलावा अगर मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में स्थित हो तो इससे कुंडली में मांगलिक दोष उत्पन्न होता है। कहीं आपकी कुंडली में भी तो यह मांगलिक दोष नहीं बन रहा है? यह जानने के लिए अभी मांगलिक दोष कैलकुलेटर में अपना विवरण भरकर जानें जवाब।
मंगल गोचर राजयोग
मंगल का यह गोचर इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि 42 दिनों तक मेष राशि में मंगल के रहने के दौरान रुचक राजयोग का निर्माण होगा जो चार राशियों के लिए अपार धन लाभ के संकेत दे रहा है। कौन सी हैं ये राशियाँ जानने से पहले जान लेते हैं क्या होता है ये रूचाक राजयोग।
रूचक राजयोग- अर्थ और महत्व
बात करें रुचक राजयोग की तो इस राजयोग का निर्माण तब होता है जब मंगल मकर राशि या फिर अपनी राशि अर्थात मेष और वृश्चिक में केंद्र स्थान में मौजूद होता है। इस अद्भुत योग के प्रभाव वाली राशियों के अंदर साहस और पराक्रम की वृद्धि देखने को मिलती है। ऐसी राशियों की शान-ओ-शौकत बढ़ती है, धन लाभ के अनेकों अवसर जीवन में आने लगते हैं और उनके मान सम्मान में वृद्धि होती है।
रुचक राजयोग से 4 राशियों को होगा विशेष लाभ
अब जान लेते हैं मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से बनने वाले रुचक राजयोग से किन राशियों को लाभ मिलेगा।
मेष राशि: रुचक राजयोग से जिस पहली राशि को लाभ मिलेगा वह है मेष राशि। मंगल का गोचर आपके करियर में तरक्की दिलाएगा, अटके हुए काम पूरे करने में सहायक साबित होगा, व्यापार में नई डील्स दिलाएगा और आपके भविष्य को और भी उज्जवल बनाने में सहायक साबित होगा।
कर्क राशि: मंगल ग्रह के इस गोचर से कर्क राशि के जातकों को भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। इस राशि के जातकों को मनचाही नौकरी मिलेगी, सभी मनोकामनाएं पूरी होगी, आय में वृद्धि होगी, व्यापारी जातकों को नए प्रोजेक्ट प्राप्त होंगे जिससे आपकी आमदनी बढ़ेगी।
सिंह राशि: तीसरी जिस राशि के लिए राजयोग शुभ रहने वाला है वह है सिंह राशि। मंगल के इस गोचर के दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा, आपके सभी काम बनेंगे, कार्यस्थल में सराहना मिलेगी, व्यापार में धन प्राप्ति के योग बनेंगे, नौकरीपेशा जातकों को धन लाभ होगा और प्रमोशन भी मिल सकता है।
धनु राशि: आखरी जिस राशि के लिए मंगल के गोचर से बनने वाला रुचक राजयोग शुभ रहने वाला है वह है धनु राशि। आपको विदेश जाने के अवसर प्राप्त होंगे, करियर में तेजी आएगी, आप उन्नति करेंगे, बिजनेस की योजनाएं दोबारा से शुरू होगी और आपके लिए सफलता की राह प्रशस्त होगी, धन लाभ होगा और आप धन संचित करने में भी कामयाब होंगे।
मंगल का मेष राशि में गोचर- प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में मंगल को एक पुरुष ग्रह माना जाता है। यह व्यक्ति को सभी कार्यों में साहस, ऊर्जा और स्वतंत्रता प्रदान करता है। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में होता है उन्हें अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यहां हम आपको जो गोचर फल प्रदान कर रहे हैं वह आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अगर आपको अपनी चंद्र राशि का ज्ञान नहीं है तो चंद्र राशि कैलकुलेटर में विवरण देकर तुरंत निशुल्क पता लगाएँ।
जहां एक तरफ मंगल ऊर्जा, दृढ़ संकल्प, जुनून से संबंधित ग्रह माना गया है वहीं मेष एक अग्नि राशि है। ऐसे में मेष में मंगल एक आरामदायक और मजबूत स्थिति में होता है। बात करें मंगल के मेष राशि में गोचर के प्रभाव की तो,
इस अवधि में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के मन में न्याय की प्रबल भावना देखने को मिलेगी।
सशस्त्र बलों की ताकत और उपयोगिता जनता के सामने और अधिक स्पष्ट रूप से आएगी।
मेष राशि में मंगल रियल स्टेट व्यवसाय को बढ़ावा देगा।
चिकित्सा, कानून, सिविल इंजीनियरिंग, शारीरिक प्रशिक्षण आदि क्षेत्रों में इस दौरान प्रमुखता देखने को मिलेगी।
चिकित्सा और कृषि के क्षेत्र में विकास होगा।
ज्यादा से ज्यादा लोग जिम और फिटनेस सेंटर ज्वाइन करेंगे।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: मंगल का मेष राशि में गोचर कब और किस समय होगा?
उत्तर: मंगल का मेष राशि में गोचर 1 जून तो 3:27 बजे हो जाएगा।
प्रश्न 2: मंगल के मेष राशि में गोचर से कौन सा राजयोग बन रहा है?
उत्तर: मंगल के मेष राशि में गोचर से रुचक राजयोग का निर्माण होगा।
प्रश्न 3: मंगल का मेष राशि में गोचर किन राशियों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है?
उत्तर: मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, धनु राशि
प्रश्न 4: मंगल किन राशियों के लिए योग कारक ग्रह होता है?
उत्तर: सिंह राशि और कर्क राशि
5 राशियों पर शनि की टेढ़ी नज़र, शनि जयंती पर इन 3 उपायों को करने से कुदृष्टि से मिलेगी मुक्ति!
शनि ग्रह का नाम लेते ही हर कोई भय में आ जाता है क्योंकि ‘शनि’ कठोर दंड देने वाला ग्रह है और ज्योतिष में शनि को एक क्रूर ग्रह बताया गया है। दरअसल शनि कर्मफल दाता भी हैं, जो जातक को उनके कर्मों के अनुसार अच्छे-बुरे फल प्रदान करते हैं। शनि देव करीब एक राशि से दूसरी राशि में ढाई साल बाद गोचर करते हैं यानी अपनी राशि में परिवर्तन करने के लिए ढाई साल का समय लगाते हैं और इसे शनि की ढैय्या कहा जाता है।
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, वक्री चाल और महादशा आने पर व्यक्ति के जीवन में काफी उथल-पुथल मच जाती है लेकिन, यदि किसी जातक की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में हर तरह की खुशी, वैभव और ऐशोआराम प्रदान करते हैं, वहीं यदि जातक की कुंडली में शनि कमज़ोर स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी कर देते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम आपको उन राशियों के बारे में बताएंगे, जिसमें शनि की टेढ़ी नजर हैं यानी वे साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित हैं। साथ ही, शनि जयंती के दिन इन जातकों को कौन से उपाय करने चाहिए इस बारे में चर्चा करेंगें तो आइए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं।
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इन राशि वाले शनि की साढ़े साती व ढैय्या से हैं प्रभावित
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को आयु, शोक, दारिद्रय, दुख और सेवक के कारक ग्रह माने गए हैं। इन्हें मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व प्राप्त है। शनि तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के होते हैं। सभी ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद होती है। शनि की साढ़ेसाती साढ़े साती सात वर्षों तक रहती है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को अच्छा फल जबकि बुरे कर्म करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं। अभी शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान हैं। आपको बता दें कि 17 जनवरी 2023 को शनि अपनी राशि मकर से निकलकर अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर चुके हैं तब से अभी तक इसी राशि में विराजमान हैं। इसके बाद शनि का राशि परिवर्तन 29 मार्च 2025 को होगा और तब शनि मीन राशि में गोचर करेंगे और करीब ढाई वर्षों तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे।
शनि के कुंभ राशि में विराजमान होने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती है। इसके अलावा, कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती होने की वजह से कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर राशि के स्वामी शनि हैं और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। मकर राशि पर साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 से शुरू हो गई थी जो अब 29 मार्च 2025 पर खत्म होगी।
कुंभ राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव
कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। 23 फरवरी 2028 तक इस राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।
मीन राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव
मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 7 अप्रैल 2030 तक रहेगा। इसके बाद इस राशि के जातक भी शनि के साढ़ेसाती के प्रभाव से छुटकारा पा लेंगे।
जानें, इन राशियों पर कब से शुरू होगा साढ़ेसाती का प्रभाव
मेष राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक
वृषभ राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 03 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक
मिथुन राशि पर साढ़ेसातीप्रभाव: 08 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक
कर्क राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक
सिंह राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक
कन्या राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक
तुला राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 22 अक्टूबर 2038 से 08 दिसंबर 2046 तक
वृश्चिक राशि पर साढ़ेसातीप्रभाव: 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक
धनु राशि पर साढ़ेसाती प्रभाव: 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक
शनि जयंती पर इन तीन उपायों को करने से दूर होंगी हर समस्या
छाया दान करें
यदि आप शनि की साढ़े साती या ढैय्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शनि जयंती के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा पाठ करें। साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए स्टील या लोहे के एक कटोरे में सरसों का तेल भरकर रख लें। फिर उसमें अपनी छवि देखें। उसके बाद उस तेल और कटोरे को किसी गरीब या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। ज्योतिष के अनुसार, छाया दान करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
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गरीब व जरूरतमंदों को दान करें
शनि जयंती पर आप नियानुसार व्रत रखकर शनिदेव की पूजा करें और साथ शनि के मंत्रों का लगातार जाप करें। इसके अलावा, इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को कंबल, काले वस्त्र, लोहा, स्टील के बर्तन, काले तिल, काली उड़द आदि का दान करें। मरीजों और असहाय लोगों की सेवा करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा प्रदान करते हैं और आप को साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्ति भी पा सकते है। आप चाहें तो शनि जयंती के दिन शमी के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।
भगवान हनुमान की पूजा करें
ज्येष्ठ अमावस्या यानी शनि जयंती के दिन आपको हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए उत्तम होगा। शास्त्रों के अनुसार, शनि देव ने भगवान हनुमान को वचन दिया था कि जो भी कोई बजरंगबली की पूजा करेगा या उनकी शरण में जाएगा, वह शनि के अशुभ प्रभाव से बच जाएगा और उस पर शनि की टेढ़ी नजर का नकारात्मक व बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।