मई-जून के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है जिससे लोगों का हाल-बेहाल रहता है। इस गर्मी से राहत पाने के लिए सब एसी, कूलर के आगे बैठे रहना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी गर्मी हमारे पसीने छुड़ा देती है। ऐसे में, सिर्फ बारिश ही होती है जो हमें गर्मी से राहत दिला सकती है। अगर आप भी कर रहे हैं मानसून का इंतज़ार, तो हमारा यह ब्लॉग आपके लिए ही तैयार किया गया है। एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में मानसून कुंडली के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आपके शहर में इस साल बरसाता कब होगी और कब आपको भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
दिनी ज्योतिष का ग्रंथ भविष्यफल भास्कर कहता है कि जब गोचर करते समय बृहस्पति सूर्य से पीछे भ्रमण करते हैं, तब वह पृथ्वी पर जल की कमी नहीं होने देते हैं यानी कि वर्षा ऋतु में अच्छी मात्रा में बरसात होती है। मई के आख़िरी चरण में गोचर करते हुए बृहस्पति सूर्य से वृषभ राशि में अंशात्मक दृष्टि से पीछे होंगे। ऐसे में, ग्रहों की स्थिति साल 2024 में मानसून के समय से पहले आने की तरफ इशारा कर रही है और साथ ही, जून में अच्छी बारिश के भी योग बनेंगे।
हालांकि, मई के अंत और जून माह के शुरुआती समय में वृषभ राशि में सूर्य ग्रह गुरु, शुक्र एवं बुध के साथ युति करेंगे, उस समय दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने के आसार है। इसके अलावा, 6 जून को अमावस्या के दिन देश के उत्तर और पूर्व हिस्से में भूकंप आने की आशंका है और इसके परिणामस्वरूप, कुछ जगहों पर जन-धन की हानि भी देखने को मिल सकती है।
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
अमावस्या तिथि यानी कि 06 मई के दिन वृषभ राशि में पांच ग्रहों की युति हो रही है और ऐसे में, जून माह में दक्षिण, पश्चिम और मध्य भारत में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना बन रही है। अमावस्या के आसपास उत्तर भारत में भी आंधी-तूफ़ान के साथ-साथ बारिश आने के योग बनेंगे। वहीं, गोवा में मानसून 05 जून को दस्तक देगा जबकि मुंबई में 10 जून और 15 मई से पहले ही मानसून रायपुर एवं नागपुर में आ सकता है।
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर का महत्व
ज्योतिष में वर्णन किए गए 27 नक्षत्रों में से शुरुआती 10 नक्षत्र अर्थात आर्द्रा से लेकर स्वाति नक्षत्र स्त्री संज्ञक हैं और इनमें से किसी भी नक्षत्र में सूर्य के रहने पर भारत के मानसून पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि हर साल सूर्य 21 जून के आसपास आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करते हैं और इस नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से निर्मित होने वाली कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर पूरे मानसून सीजन के दौरान होने वाली वर्षा की गणना की जाती है। सामान्य शब्दों में कहें, तो देश में कहां-कितनी बारिश होगी, इसका अंदाज़ा लगाया जाता है।
इस साल की बात करें, तो सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर 22 जून 2024 की देर रात 12 बजकर 06 मिनट पर होगा, उस समय मीन लग्न उदय हो रहा होगा। भविष्यफल भास्कर के मुताबिक, अगर सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर रात के समय होता है और लग्न या चंद्र जल राशि में होता है, तो यह अच्छी वर्षा का सूचक होता है।
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि वर्ष 2024 में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में गोचर आधी रात को हो रहा है और लग्न जल राशि मीन का है। साथ ही, सूर्य का यह गोचर पूर्णिमा तिथि और दिन शुक्रवार को होने जा रहा है और ऐसे में, इसे वर्षा के लिए बेहद शुभ माना जाएगा।
सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में गोचर की कुंडली की बात करें, तो गुरु महाराज की राशि धनु में चंद्रमा दसवें भाव में होकर सूर्य, शुक्र और बुध से समसप्तक योग में होंगे। सूर्य देव के 22 जून को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही चंद्रमा पर जल तत्व के ग्रहों शुक्र और बुध की दृष्टि होगी और ऐसे में, उत्तर भारत को मानसून से पहले की बारिश गर्मी में राहत देने का काम करेगी।
वर्ष 2024 में जून से लेकर सितंबर के दौरान मंगल गोचर में सूर्य से पीछे होंगे और उस समय कोई पापी ग्रह सूर्य से आगे नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप, देशभर में वर्षा का प्रतिशत 95 % से 100% तक रह सकता है।
चावल, गन्ने, पशुचारे और कपास की खेती करने वाले किसानों को विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा। लेकिन, जून माह में पहाड़ी क्षेत्रों विशेषतः उत्तराखंड और बिहार से लेकर झारखंड में आंधी, तूफान और बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 2024 में मानसून कब आएगा?
उत्तर 1. इस साल मानसून 01 जून से भारत में दस्तक दे सकता है।
प्रश्न 2. ज्येष्ठ माह में गर्मी क्यों होती है?
उत्तर 2. ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ के माह में सूर्य काफ़ी शक्तिशाली होते हैं इसलिए इस माह भीषण गर्मी पड़ती है।
प्रश्न 3. भारत में मानसून कितने महीने रहता है?
उत्तर 3. भारत में सामान्य तौर पर मानसून जून से लेकर सितंबर तक रहता है।
मंगल और शनि मिलकर मचाएंगे तांडव, कर्क सहित ये 5 राशियों के शुरू होने वाले हैं उल्टे दिन!
वैदिक ज्योतिष में ग्रह एक निश्चित अंतराल पर अपनी राशि बदलते रहते हैं। इसी क्रम में मंगल की बात करें तो नौ ग्रहों में मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। ये मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी हैं। अब पराक्रम, साहस, शक्ति, ऊर्जा का कारक माने जाने वाले ग्रह मंगल 01 जून की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए अपनी स्वराशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे और मेष राशि में 12 जुलाई 2024 तक विराजमान रहेंगे। आपको बता दें कि मंगल अभी देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि यानी मीन में मौजूद हैं।
मंगल का मेष राशि में गोचर के परिणामस्वरूप जून का महीना मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव के कारण बहुत ही चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। दरअसल मंगल पर कुंभ राशि में विराजमान शनि की तीसरी दृष्टि रहेगी। शनि की दृष्टि मंगल पर होने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन पांच राशियां इस दौरान ऐसी होंगी जिन्हें जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वह कौन की राशियां हैं, जिन्हें इस दौरान कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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मंगल पर शनि की दृष्टि, राशियों के लिए मुश्किल से भरा होगा जून का महीना
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए जून का महीना शनि और मंगल के अशुभ प्रभाव की वजह से काफी उतार-चढ़ाव वाला साबित हो सकता है। इस अवधि आपको अपने बिज़नेस में भारी धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है। आपके प्रयास असफल हो सकते हैं और इसके चलते आपका मन में निराशा हो सकती है। संभावना है कि इस अवधि आप करियर में अच्छी सफलता प्राप्त करने की स्थिति में न हो और ऐसे में, आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको को आर्थिक जीवन में हानि हो सकती है इसलिए पहले से ही सावधान रहें।
इस दौरान आपके रिश्ते उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है क्योंकि आपकी पार्टनर से बहस या विवाद होने की आशंका है। संभावना है कि छोटे मोटे झगड़े बड़े रूप ले लें। स्वास्थ्य के लिए यह अवधि आपके लिए कठिन रहने की संभावना है क्योंकि आपको सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या परेशान कर सकती है। नौकरी करने वालों का भी ऑफिस में विवाद बढ़ सकता है इसलिए किसी से भी बात करते वक्त अपने शब्दों का जरूर ध्यान रखें अन्यथा झगड़ा बढ़ सकता है।
कन्या राशि के लोगों को मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से जीवन के कई क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपको किसी भी तरह के बड़े फैसले लेने से बचने की सलाह दी जाती है। कार्यक्षेत्र में आपको काफी मेहनत करनी पड़ सकती है और हो सकता है कि मेहनत करने के बाद भी आपको उतने अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त न हो जितना आपने लक्ष्य रखा था, जिसके चलते आपको निराशा हो सकती है। आर्थिक मामलों में आपके लिए धन की हानि के योग बन रहे हैं। आपके अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। संभावना है कि अधिक खर्चों की वजह से आपको कर्ज व लोन लेना पड़ जाए।
अगर आपका खुद का व्यापार है, तो संभव है कि आप मनचाहा लाभ पाने में पीछे रह सकते हैं यानी कि लाभ प्राप्ति में कमी आने की आशंका है। प्रेम जीवन की बात करें तो इस गोचर के दौरान आपको पार्टनर के साथ रिश्ते में अहंकार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, रिश्ते में तनाव देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य की बात करें, तो कन्या राशि वालों को इस समय गले में संक्रमण और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं घेर सकती हैं इसलिए अपनी सेहत के प्रति सजग रहें।
तुला राशि
यह अवधि तुला राशि के जातकों को अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि परिवार और रिश्ते के मोर्चे पर आपको असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में संपत्ति को लेकर लड़ाई-झगड़े हो सकते हैं, जिसके चलते घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। यदि आपके विवाह की बात चल रही है तो आशंका है कि फिलहाल के लिए यह बात अभी टल जाए। यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो फिलहाल के लिए अभी रुक जाए क्योंकि इस अवधि हानि होने की संभावना अधिक है। करियर में भी आपको भारी समस्याएं आ सकती हैं और आर्थिक मामलों की बात करें तो आपको धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है।
आपकी कोई प्रिय और मूल्यवान वस्तु अचानक से गुम हो सकती है। आप पर जिम्मेदारियां काफ़ी अधिक रह सकती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आप लोन लेने के बारे सोच-विचार कर सकते हैं। प्रेम जीवन के लिहाज़ से, आपको रिश्ते में मधुरता बनाए रखने के लिए पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बिठाना होगा। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है जो कि तनाव की वजह से हो सकता है। स्वास्थ्य अनुकूल न रहने के कारण आपके भीतर का उत्साह कम हो सकता है। इस वजह से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमज़ोर होने की संभावना है।
वृश्चिक राशि के लोगों के जीवन में मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव का भयंकर दुष्प्रभाव झेलना पड़ सकता है। आपको जरूरत से ज्यादा हर मामले में समस्याएं आ सकती हैं। यदि आप अच्छी नौकरी की तलाश में हैं तो इस अवधि निराशा हाथ लग सकती है। जो जातक नौकरी पेशा हैं उनका अपने वरिष्ठों के साथ विवाद हो सकता है, जिसके चलते आपका प्रमोशन रुक सकता है। इसके अलावा, आप पर नौकरी का दबाव काफ़ी अधिक हो सकता हैं जिसकी वजह काम का बेहद व्यस्त शेड्यूल होने की संभावना है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें इस दौरान अच्छा लाभ कमाने की राह में समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सोच-समझकर आगे बढ़ें।
आर्थिक जीवन की दृष्टि से, बुध के मेष राशि में प्रवेश करने से आप पर्याप्त धन कमाने में असफल रह सकते हैं। ऐसे में, लोन या कर्ज़ लेने का रास्ता चुन सकते हैं जिससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। आपके लिए यह महीना व्यस्तता से भरा होगा और परिवार को समय न दे पाने के चक्कर में काफी विवाद हो सकते हैं। प्रेम जीवन की बात करें, तो इस गोचर की अवधि में पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में प्रेम और उत्साह कम रहने की संभावना है जिसके चलते रिश्ते में खुशियां बनाए रखना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। इस दौरान आप अपनी सेहत अच्छी बनाए रखने में असफल हो सकते हैं और आपको अपनी माता के स्वास्थ्य पर भी काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है।
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मकर राशि
मंगल और शनि के अशुभ प्रभाव की वजह से आपकी सुख और सुविधाओं में कमी देखने को मिल सकती है। आपकी प्रगति की रफ़्तार धीमी रह सकती है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो आपको इसे चलाने में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। बात यदि करियर की करें तो मकर राशि वालों को नौकरी के क्षेत्र में औसत परिणामों की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा,आपको ऑफिस में भी बहुत दबाव में काम करना पड़ेगा।
पारिवारिक समस्याओं की वजह से आपका जीवनसाथी से विवाद या बहस होने की संभावना है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें इस अवधि अपने बिज़नेस में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। स्वास्थ्य की बात करें तो इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने की वजह से आप बार-बारो बीमार पड़ेंगे। आशंका है कि इस अवधि आपको जरा भी आराम न मिले। परिवार के किसी सदस्य की खराब सेहत की वजह से आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
प्रश्न 1. मंगल का गोचर कितने दिनों का होता है?
उत्तर. मंगल का गोचर 38 से 40 दिनों तक होता है।
प्रश्न 2.मंगल अभी कौन सी राशि में हैं?
उत्तर. मंगल अभी देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि मीन में विराजमान हैं।
प्रश्न 3.मंगल का गोचर कब होगा?
उत्तर. मंगल 01 जून 2024 की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी राशि मेष में गोचर करेंगे।
प्रश्न 4. मंगल मेष राशि में कब तक रहेगा?
उत्तर. मंगल मेष राशि में 12 जुलाई तक हैं, इसके बाद 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे
मंगल इन राशियों पर बरसाएंगे खूब प्यार, पति-पत्नी दूसरों के लिए बनेंगे मिसाल
ज्योतिष में मंगल को आक्रामकता और साहस का कारक माना गया है और अब यह ग्रह 01 जून को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी ही राशि मेष में प्रवेश करने जा रहा है। इस राशि में मंगल 12 जुलाई तक रहने वाले हैं और मंगल के इस गोचर से रूचक योग का भी निर्माण हो रहा है।
जब भी कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसका प्रभाव सभी राशियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। मंगल के इस गोचर का भी सभी जातकों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर भिन्न-भिन्न प्रभाव देखने को मिलेगा। हालांकि, इस ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों का प्रेम जीवन खुशहाल और प्रेम से परिपूर्ण रहने वाला है।
जिन लोगों की मंगल के गोचर के दौरान लव लाइफ अच्छी रहने वाली है, उसमें सबसे पहले मेष राशि का नाम आता है। आपके पहले भाव में मंगल गोचर करने जा रहे हैं। इसका आपके प्रेम एवं वैवाहिक जीवन पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों रिश्ते में अच्छी प्रगति हासिल करेंगे। कुल मिलाकर मंगल का यह गोचर आपके प्रेम संबंध में खुशियां लेकर आने का काम करेगा।
मिथुन राशि के ग्यारहवें भाव में यह गोचर होने जा रहा है। इस दौरान पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। इसके साथ ही आपको अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का भी मौका मिलेगा। प्रेम जीवन को लेकर आप प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगे।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी हैं और अब मंगल का मेष राशि में गोचर आपके दशम भाव में ही होने वाला है। इस समय आपके और आपके पार्टनर के रिश्ते में सुधार आने की संभावना है। आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा और आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुश रहेंगे एवं अपने रिश्ते में जुड़ाव महसूस करेंगे।
सिंह राशि के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी हैं। मंगल का मेष राशि में गोचर आपके नवम भाव में होने वाला है। आपको इस दौरान अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। यह समय आपके प्रेम एवं वैवाहिक जीवन के लिए बहुत अनुकूल है और आप इस शुभ समय का भरपूर लाभ उठा पाएंगे। जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में मज़बूती आएगी।
वृश्चिक राशि के लिए मंगल पहले और छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आप अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल बनाए रखने में सफल होंगे। आप दोनों के बीच आपसी समझ भी बढ़ेगी। आप अपने जीवनसाथी के प्रेम और स्नेह का आनंद लेते हुए नज़र आएंगे। इस प्रकार मंगल का यह गोचर आपके प्रेम जीवन के लिए शुभ साबित होगा।
मीन राशि के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं और इस बार मंगल गोचर के दौरान आपके दूसरे भाव में स्थित रहेंगे। इस दौरान आपकी शादीशुदा जिंदगी खुशियों से भर जाएगी। आप प्यार के मामले में बहुत संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे। आप अपने रिश्ते से एक मिसाल कायम करेंगे। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच प्यार बढ़ेगा।
जब मंगल मेष राशि में होते हैं, तब व्यक्ति अपनी मन की बात को सहजता से व्यक्त कर पाता है। व्यक्ति आत्मविश्वास से भरपूर और आत्म-प्रेरित बनता है। जातक की निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। इनमें साहस और दृढ़ संकल्प बढ़ता है। ये अधिक आवेगी और मुखर होते हैं। ये अपनी ऊर्जा से दूसरों को प्रभावित करते हैं।
मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल ही है और इसके अलावा मंगल को वृश्चिक राशि का भी स्वामित्व प्राप्त है। इस ग्रह के अधीन आने वाले जातकों में नेतृत्व करने के गुण होते हैं। ये साहसी और ईमानदार होते हैं। मंगल इन्हें अपने सपनों को पूरा करने और अड़चनों को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करता है। आप अपने जीवन की चुनौतियों का किस तरह से सामना करते हैं, यह मंगल पर ही निर्भर करता है।
मंगल को खुश करने के ज्योतिषीय उपाय
आप कुछ ज्योतिषीय उपायों की मदद से कमज़ोर मंगल को बल प्रदान कर सकते हैं। ये उपाय निम्न हैं:
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए आप अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
आप लाल रंग के वस्त्रों, तांबा, मसूर की दाल और बताशों का दान करें।
मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप अपने भाई के साथ मिठाई खाएं।
मंगल को शांत करने के लिए रक्तदान करना भी एक उत्तम उपाय है।
मंगल को मज़बूत करने के लिए आप लाल रंग का बेल फल भी दान कर सकते हैं।
अपने घर में लाल रंग के फूलों का पौधा लगाएं।
मंगलवार के दिन बंदरों को चना दाल और गुड़ खिलाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. मंगल पीड़ित कब होता है?
उत्तर. मंगल दूसरे भाव में हो, तो मंगल दोष बनता है।
प्रश्न. मंगल किसका कारक है?
उत्तर. मंगल पराक्रम और साहस का कारक है।
प्रश्न. मंगल दोष कितने साल तक रहता है?
उत्तर. 28 साल के होने के बाद मंगल दोष अपने आप खत्म हो जाता है।
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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: जानें शेयर बाजार समेत देश-दुनिया पर इसका प्रभाव
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी बताएंगे कि यह देश-दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा, इस दौरान शेयर बाजार में क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे और साथ ही, इस दौरान हॉलीवुड व बॉलीवुड में आने वाली फिल्में कैसा प्रदर्शन करेगी इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। बता दें कि शुक्र 12 जून 2024 को बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में गोचर करने जा रहे हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस दौरान देश-दुनिया में इसका अनुकूल व प्रतिकूल प्रभाव।
शुक्र ग्रह दो राशियों वृषभ और तुला पर शासन करते हैं। यह एक राशि में 25 से 30 दिनों तक विराजमान रहते हैं। इसी क्रम में वृषभ राशि में गोचर करने के बाद अब शुक्र मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं और शुक्र व बुध ग्रह आपस में मित्र है। इसके परिणामस्वरूप शुक्र मिथुन राशि में मजबूत स्थिति में विराजमान रहेंगे। आइए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि शुक्र कब अपनी मित्र राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: तिथि व समय
वैवाहिक सुख, भौतिक सुख, प्रतिभा, सौंदर्य और समृद्धि के कारक ग्रह शुक्र 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने के लिए तैयार हैं। ये 07 जुलाई तक मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे और उसके बाद कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मिथुन शुक्र की मित्र राशि हैं और ये इस राशि में बेहतर तालमेल बिठाने में सक्षम होंगे। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि शुक्र यहां विश्वव्यापी घटनाओं को कैसे प्रभावित करेगा।
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मिथुन राशि में शुक्र: विशेषताएं
मिथुन राशि में शुक्र प्यार और रिश्तों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके परिणामस्वरूप जातक बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है। शुक्र प्रेम का ग्रह है और मिथुन वायु तत्व की राशि है। ऐसे में, मिथुन राशि में शुक्र के प्रवेश से जातक का प्रेम जीवन शानदार रहता है और रिश्ते में भरपूर रोमांस रहता है। ये जातक ऐसे लोगों से जल्दी आकर्षित होते हैं, जो बुद्धिमान, ज्ञानी होते हैं और जिनकी रुचि कई चीज़ों में होती है। इन जातकों का चुलबुला व्यक्तित्व दूसरों के मध्य आकर्षण का मुख्य विषय होता है। ये नीरस रिश्तों में रहना बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। ये रिलेशनशिप में बहुत गंभीर रहना नहीं चाहते हैं और बड़ी चालाकी से गंभीर मुद्दों से बच निकलते हैं। इनको वो लोग बहुत अच्छे लगते हैं जो इनकी बुद्धि की तारीफ करते हों। प्यार के मामले में ये थोड़े फ्लर्टी हो सकते हैं। ये लोग अपने रिश्तों में बदलाव और विविधता पर जोर देते हैं, अक्सर ऐसे पार्टनर की तलाश करते हैं जो उनकी तरह खुलकर जीने वाले हों और स्वभाव में जिज्ञासु हों। इसके भीतर रोमांस और उत्साह भरपूर होता है। अपने साथी के साथ मस्ती करने और अच्छे पलों का आनंद लेने की प्रवृत्ति भी इनमें बहुत अधिक होती है। ये अपने जैसा साथी चाहते हैं।
मिथुन राशि में शुक्र होने के फलस्वरूप जातक में बेहतर संचार क्षमता होती है। ये अपनी बातों से दूसरों को आकर्षित करने में कुशल होते हैं और अपनी भावनाओं और इच्छाओं को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं। हालांकि, ये भावनात्मक रूप से कमज़ोर होते हैं और कई बार अधिक इमोशनल होने की वजह से इन्हें संघर्ष करना पड़ सकता है। शुक्र के मिथुन राशि में होने पर व्यक्ति में कल्पना करने की अच्छी क्षमता होती है। ये एक छोटी से चीज़ में अद्भुत संभावनाओं को तलाश सकते हैं। अपने इन्हीं गुण की वजह से ये करियर में बहुत अधिक सफलता प्राप्त करते हैं। ये लोग ऐसी गतिविधियों का आनंद लेना पसंद करते हैं, जिनमें सीखने, विचार साझा करने और एक साथ नई जगहों की खोज करना शामिल हो। ये लोग लेखन से जुड़े काम, कविता लिखना, लेख लिखना, गायन और चित्रकला के कामों में भी दक्ष होते हैं। रंगमंच या सिनेमा से जुड़कर भी अपने करियर को आगे ले जाने में सक्षम होते हैं।
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: आने वाली बॉलीवुड व हॉलीवुड फिल्मों पर इसका प्रभाव
शुक्र कला और मनोरंजन पर शासन करने वाला ग्रह है और इस गोचर का प्रभाव जिस प्रकार देश-दुनिया पर पड़ेगा उसी प्रकार बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों में भी देखने को मिलेगा। शुक्र और सूर्य दो ग्रह हैं जो जन्म कुंडली में रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र अब 12 जून को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो ऐसे में देखते हैं कि इस गोचर का फिल्मों और उनके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। हमें यह समझना चाहिए कि मिथुन राशि पर बुध का शासन है और यह संचार और मीडिया से संबंधित है। शुक्र मिथुन राशि में बहुत आरामदायक स्थिति में है।
12 जून 2024 के बाद रिलीज़ होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में
फिल्म का नाम
स्टार कास्ट
रिलीज़ की तारीख़
चंदू चैंपियन
कार्तिक आर्यन, श्रद्धा कपूर
14 जून, 2024
काइंड ऑफ काइंडनेस
एम्मा स्टोन, जेसी पेलेमन्स
21 जून, 2024
इश्क विश्क रिबाउंड
पश्मीना रोशन, रोहित सराफ
28 जून, 2024
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर 14 जून 2024 के बाद होने वाली बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए अनुकूल साबित हो रही है। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे सभी फिल्में बड़े पर्दे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। हालाँकि, पश्मीना रोशन और रोहित सराफ की फिल्म इश्क विश्क रिबाउंड के लिए गोचर अनुकूल नहीं दिख रहे हैं। आशंका है कि यह फिल्म उम्मीद से कम प्रदर्शन करें लेकिन अभिनेता अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए प्रशंसा बटोर सकते हैं।
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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार की भविष्यवाणी
शुक्र उन प्रमुख ग्रहों में से एक है जो शेयर बाजार को काफी हद तक प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। शुक्र मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिस पर बुध ग्रह का शासन हैं। आइए देखते हैं कि शुक्र का मिथुन राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,
शुक्र का मिथुन राशि में गोचर से कपड़ा उद्योग और हैंडलूम मिलों को लाभ होगा।
इस गोचर के दौरान परफ्यूम और परिधान उद्योग के साथ-साथ फैशन सहायक उपकरण उद्योग में तेजी का अनुभव हो सकता है।
व्यावसायिक परामर्श और लेखन या मीडिया विज्ञापन-संबंधी फर्में, और प्रिंट मीडिया, दूरसंचार व प्रसारण उद्योग के सभी बड़े नाम सकारात्मक परिणामों का अनुभव कर सकते हैं।
वास्तुकला, इंटीरियर डिजाइन और वित्त में लगी फर्मों को इस गोचर से लाभ होगा।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. शुक्र का मिथुन में गोचर कब होगा?
उत्तर 1. शुक्र 12 जून, 2024 की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं।
प्रश्न 2. मिथुन राशि में शुक्र शुभ है?
उत्तर 2. शुक्र मिथुन की मित्र राशि में। ऐसे में, शुक्र मिथुन राशि में मजबूत स्थिति में होंगे।
प्रश्न 3. मिथुन राशि में शुक्र होने की क्या विशेषता है?
उत्तर 3. मिथुन राशि में शुक्र होने के परिणामस्वरूप जातक बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है।
प्रश्न 4. शुक्र का गोचर कितने समय के लिए होता है?
उत्तर 4. शुक्र का गोचर 25 से 30 दिनों की अवधि का होता है।
जून में जन्मे इन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज पर बुध और चन्द्रमा रहते हैं मेहरबान, जानें क्या आप पर भी हैं इनकी कृपा!
ज्योतिष में किसी भी व्यक्ति के जन्म तिथि जितनी महत्वपूर्ण मानी जाती है, उतना ही जरूरी जन्म का महीना भी होता है। प्रत्येक महीने की अपनी एक विशेषता होती है, जिसका प्रभाव हर व्यक्ति के स्वभाव पर देखने को मिलता है। आपका स्वभाव और व्यक्तित्व कैसा है यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका जन्म कौन से महीने में हुआ है। जिस महीने में आपका जन्म हुआ है उसकी विशेषताएं व गुण आपके व्यक्तित्व में जरूर देखने को मिलेगी। यही नहीं, जन्म का महीना करियर से लेकर स्वभाव तक कई चीज़ों पर प्रभाव डालता है।
यहां हम बात करेंगे जून में जन्म लेने वाले लोगों की तो बता दें कि जून में जन्मे लोगों पर चंद्रमा और बुध ग्रह का प्रभाव रहता है। दरअसल 21 मई से 20 जून तक जन्म लेने वाले लोगों की राशि मिथुन राशि होती है और इस राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं, जो बुद्धि, तर्क शक्ति, व्यापार, वाणी, तकनीक आदि के कारक हैं। इसी तरह 21 जून से 22 जुलाई को जन्म लेने वाले लोगों की राशि कर्क राशि होती है और इस राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। ऐसे में जून महीने में जन्म लेने वाले जातकों के अंदर बुध और चंद्रमा के विशेष गुण देखने को मिलते हैं।
एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको जून में जन्म लेने वाले लोगों के बारे में दिलचस्प बातें बताएंगे और साथ ही, जून में जन्मे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो बिना देरी किए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
जून में होता है इन बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का जन्म
बॉलीवुड सितारें
जन्म तिथि
आर माधवन
01 जून
सोनाक्षी सिन्हा
02 जून
हर्षाली मल्होत्रा
03 जून
सारिका
03 जून
नेहा कक्कड़
06 जून
अमृता राव
07 जून
एकता कपूर
07 जून
शिल्पा शेट्टी
08 जून
डिंपल कपाड़िया
08 जून
अमिषा पटेल
09 जून
सोनम कपूर
09 जून
मीका सिंह
10 जून
तेजस्वी प्रकाश
10 जून
दिशा पटानी
13 जून
शेखर सुमन
14 जून
किरण राव
14 जून
जुबिन नौटियाल
14 जून
मिथुन चक्रवर्ती
16 जून
राज बब्बर
23 जून
करिश्मा कपूर
25 जून
अर्जुन कपूर
26 जून
बता दें कि बॉलीवुड के इन सितारों का जन्म जून माह में हुआ है। इनकी राशि मिथुन राशि है। मिथुन एक वायु राशि है जिसका स्वामी बुध ग्रह हैं। बुध ग्रह की कृपा से इस राशि में जन्मे व्यक्ति अपनी बुद्धिमत्ता, बहुमुखी प्रतिभा और बेहतरीन संचार कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। बुध ग्रह की कृपा से इन जातकों को मजबूत संचार कौशल का आशीर्वाद प्राप्त है और वे जानते हैं कि फिल्म उद्योग में अधिक अवसर और पहचान पाने के लिए अपने अभिनय करियर में इस प्रतिभा का उपयोग कैसे किया जाए।
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जून में जन्मे लोगों का व्यक्तित्व
जून के महीने में जिन लोगों का जन्म हुआ है उनका व्यक्तित्व काफी शानदार होता है। वह अपने आसपास लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय होते हैं। लोग इनके व्यक्तित्व से काफी कुछ सीखना पसंद करते हैं। साथ ही यह कई तरह की एक्टिविटी में भाग लेते हैं और अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। ये जातक खेल, सिंगिंग, डांस, एक्टिंग आदि क्षेत्रों में बेहतरीन करते हैं और खूब नाम व शोहरत प्राप्त करते हैं।
जून में जन्मे लोगों का स्वभाव
जून में जन्म लेने वाले लोग अधिकतर समय अपनी कल्पनाओं में ही खोए रहते हैं। हालांकि, यह स्वभाव से काफी कोमल और इमोशनल होते हैं और लोगों की परेशानी को तुरंत समझते हैं और उनकी मदद करने के लिए आगे आते हैं। ये लोग अपनी खुशी के साथ-साथ दूसरों की खुशी का भी बराबर ध्यान देते हैं। हालांकि, इनको अपने सभी काम अपने तरीके से ही करना पसंद होता है। यह अपनी मर्जी के मालिक होते हैं। जून में जन्म लेने वाले लोगों में एक स्वतंत्र भावना होती है और वे दूसरों के अधीन रहना पसंद नहीं करते हैं।
जून में जन्में लोगों की सबसे अच्छी बात यह है कि ये हर काम में अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश करते हैं और हर काम को पूरे मन से करते हैं। यदि इनका मन नहीं हैं तो ये जबरदस्ती काम नहीं करते हैं, उसे छोड़ देते हैं। ये लोग अपना बेस्ट देने के लिए यह किसी भी हद तक मेहनत करने को तैयार रहते हैं। अच्छी बात यह है कि इन्हें अपने प्रयास के अच्छे परिणाम भी प्राप्त होते हैं। कई बार ऐसा भी हो जाता है कि जब परिणाम इनके अनुसार नहीं होते हैं तब ये स्वभाव से थोड़े चिड़चिड़ा और उदास हो जाते हैं।
जल्द बदल जाता है इन लोगों का मूड
जून में जन्में लोगों के मूड के बारे में आप कुछ ख़ास पता नहीं लगा सकते हैं क्योंकि इनका मूड कैसे पलट जाए यह पता ही नहीं लगाया जा सकता है। कभी तो यह आपके साथ बहुत हंसकर बात करेंगे अगले ही पल से मौन और एकांत पसंद करने वाले हो सकते हैं। वैसे तो ये लोग अपनी भावनाओं पर काबू पाने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन कई बार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण खो देते हैं। इसके अलावा, ये लोग बहुत जल्द ही क्रोधित हो जाते हैं लेकिन, अच्छी बात यह है कि ये ज्यादा वक्त तक किसी से नाराज़ नहीं रहते हैं।
जून में जन्म लेने वाले लोगों में सबसे अधिक प्रभाव बुध और चंद्रमा ग्रह का देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है इसलिए जून में जन्में लोगों की बुद्धि तेज होती हैं यह चीजों को आसानी से और जल्दी सीख लेते हैं। साथ ही इनकी तर्क वितर्क की क्षमता काफी अच्छी होती हैं। अपनी वाणी के बल पर यह लोकप्रियता हासिल करते हैं। चंद्रमा को भी मन और बुद्धि के कारक माना जाता है। चंद्रमा के प्रभाव से यह लोग बहुत ही कल्पनाशील हो सकते हैं।
राशि, भाग्यशाली नम्बर व रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जून में जन्म लेने वाले लोग मिथुन राशि के होते हैं। साथ ही इन लोगों का लकी नंबर 9 या 6 होता है। रंगों की बात करें तो ग्रीन,पीला और मजेंटा इन लोगों के लिए भाग्यशाली रंग माने जाते हैं। जून में जन्में लोगों को रुबी इसके अलावा मोती धारण करने से विशेष लाभ मिलता है।
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इन क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर
ज्योतिष के अनुसार, जून में जन्म लेने वाले लोग मल्टीटास्कर भी होते हैं। साथ ही, अपने आपको अलग-अलग परिस्थितियों में ढालने में सबसे आगे होते हैं। ये डॉक्टर, पत्रकार, डांसर, अभिनेता या अभिनेत्री, मीडिया, पीआर, सेल्स आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. जून में जन्मे व्यक्ति कैसे होते हैं?
उत्तर 1. जून में जन्में लोग अधिकतर समय अपनी कल्पनाओं में ही खोए रहते हैं और स्वभाव में दयालु होते हैं।
प्रश्न 2. जून में जन्म लेने वाले लोगों की कौन सी राशि होती है?
उत्तर 2. जून में जन्म लेने वालों की मिथुन राशि होती है।
प्रश्न 3. जून में किस सेलिब्रिटी का जन्म होता है?
उत्तर 3. जून में आर माधवन, शिल्पा शेट्टी, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, एकता कपूर जैसे कई बड़े सेलिब्रिटी का जन्मदिन होता है।
प्रश्न 4. जून में जन्म लेने वाले जातकों का लकी नम्बर?
उत्तर 4. जून में जन्म लेने वालों का लकी नंबर 9 या 6 होता है।
शनि सहित 5 ग्रहों की हलचल, इन 5 राशि वालों का सबसे बड़ा सपना होगा पूरा!
ज्योतिष में जून 2024 का महीना बहुत अधिक खास रहने वाला है क्योंकि इस माह में पांच बड़े ग्रहों में हलचल होने वाली है। इस अवधि बुध, शुक्र, मंगल और सूर्य ग्रह अपना राशि परिवर्तन करेंगे, वहीं कर्मफल दाता कहे जाने वाले ग्रह शनि अपनी चाल बदलेंगे। इन 5 बड़े ग्रहों के हलचल का प्रभाव सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से देखने को मिलेगा। हालांकि इसमें भी 5 राशि के जातकों पर बहुत अधिक शुभ प्रभाव पड़ेगा, जो उनके लिए भाग्योदय जैसा होगा।
बता दें कि जून में होने वाले ग्रहों का गोचर मेष, वृषभ, सिंह, कन्या और धनु राशि के जातकों को लाभ पहुंचाने वाला होगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं जून में होने वाले पांच बड़े ग्रह गोचर से किन जातकों को लाभ होगा लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं कि जून में कौन-कौन से ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
जून में ये पांच बड़े ग्रहों करेंगे राशि व चाल में परिवर्तन
जून की शुरुआत मंगल के गोचर से होगी। भूमि, साहस, वीरता और रक्त के कारक ग्रह मंगल 01 जून 2024 की दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि मेष में गोचर करेंगे। इसके बाद 02 जून की शाम 06 बजकर 10 मिनट पर बुध वृषभ राशि में अस्त होंगे। 03 जून की सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में ही उदय होंगे। 12 जून की शाम 06 बजकर 15 मिनट पर शुक्र मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 14 जून की रात 10 बजकर 55 मिनट पर बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे। फिर 15 जून की मध्यरात्रि 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे। महीने के अंत में 29 जून की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर बुध कर्क राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन शनि भी रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होंगे।
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जून में पांच बड़े ग्रहों का परिवर्तन आपके लिए बहुत अधिक फलदायी व शुभ रहने वाला है। जो लोग नौकरी ढूंढ रहे हैं उन्हें अच्छे अवसर प्राप्त होंगे और जो पहले से ही नौकरीपेशा हैं, उन्हें प्रमोशन मिल सकता है या उनके वेतन में वृद्धि हो सकती है। खुद का व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। आपको अच्छा मुनाफा होगा, जिससे आपको संतुष्टि मिलेगी। यदि आप अपने काम का विस्तार करना चाहते हैं, वे उसमें सफल होंगे। जून का महीना आपके लिए उन्नतिदायक हो सकता है। इस समय में आपको कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। आपके धन लाभ में वृद्धि हो सकती है। ऐसे में, धन की बचत करना आपके लिए संभव होगा।
इस अवधि पार्टनर के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे। आपकी जीवनसाथी के साथ प्यार भरी नोकझोंक हो सकती है। आपका अपने पार्टनर के साथ रिश्ता मधुर रहेगा और आपको ऐसा लग सकता है जैसे कि आप दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं।
वृषभ राशि
जून में होने वाले बड़े ग्रहों के गोचर से वृषभ राशि के जातकों को सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इस अवधि शुक्र आपके जीवन को सुख और सुविधाओं से भर देगा, वहीं सूर्य का शुभ प्रभाव करियर में नई उड़ान भर सकता है। इस अवधि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। करियर, परिवार और अच्छा पैसा कमाने में भाग्य आपका साथ देगा। इस अवधि में इन लोगों को काफ़ी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिसमें विदेश यात्रा भी शामिल होगी।
करियर की बात करें, तो आप अपने जीवन में उच्च मूल्यों को महत्व देंगे। इस अवधि में आपको ऑन-साइट नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकते हैं जो कि आपको संतुष्टि प्रदान करेंगे। बुध की कृपा से आपको पदोन्नति या फिर कोई विशेष इंसेंटिव मिलने के योग बन रहे हैं और यह आपके बेहतरीन कौशल की वजह से आपको मिल सकता है। अगर आपका खुद का व्यापार है, तो अच्छा लाभ कमाने के लिए आप कार्यों को बहुत सोच-समझकर करते हुए दिखाई देंगे।
जून में ग्रहों के राशि परिवर्तन से सिंह राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने की पूरी संभावना है। आप आय के नए स्रोत बना सकते हैं, इससे आपकी इनकम में बढ़ोतरी हो सकती है। इस वजह से आपका बैंक बैलेंस भी पहले से अधिक होगा। आप काफ़ी अच्छा पैसा कमाने में सक्षम होंगे। संभव है कि इन लोगों को पैतृक संपत्ति या फिर अप्रत्याशित स्रोतों से धन की प्राप्ति हो।
इस अवधि में आपका और पार्टनर का रिश्ता मधुर एवं प्रेमपूर्ण बना रहेगा। इस दौरान आप दोनों एक-दूसरे के प्रति समर्पित होंगे जिसके चलते आप दोनों का रिश्ता अन्य लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाएगा। ऐसे में, आप जीवनसाथी की तमाम इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, बुध का गोचर आपकी सेहत के लिए अच्छा रहेगा। इस दौरान आप ऊर्जावान और उत्साह से भरे रहेंगे और इस वजह से आप फिट रहेंगे। इस दौरान आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं आएगी।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए जून की अवधि बहुत अधिक शानदार रहेगी। इस दौरान आपके सारे रुके काम बनने लगेंगे और आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। जो लोग काफी समय से नौकरी की तलाश में थे, उनके लिए सुनहरा मौका आने वाला है। वर्तमान नौकरी में भी आपका वेतन बढ़ सकता है। इससे सेविंग बढ़ेगी। बिजनेस करने वाले लोगों को भी मुनाफा होगा। यदि आप कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं या फिर नई गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो आपके मन की मुराद पूरी हो सकती है। आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, भाग्य आपका हर कदम पर साथ देगा। ऐसे में, आप पैसा कमाने के साथ-साथ बचत करने के भी मौके मिलेंगे। साथ ही, आप विदेश के माध्यम से भी धन कमा सकते हैं।
इस अवधि में आप नया घर खरीद सकते हैं या फिर आपके घर में कोई मांगलिक कार्य होने की संभावना है। साथ ही, आपके लिए लंबी दूरी की यात्रा करना फलदायी साबित होगा। रिश्ता पार्टनर के साथ मधुर बना रहेगा। ऐसे में, आप अपने रिश्ते में पार्टनर के साथ उच्च मूल्य स्थापित करने में सक्षम होंगे। स्वास्थ्य की बात करें, आपकी सेहत अच्छी रहेगी जो कि आपके भीतर ऊर्जा और उत्साह का परिणाम हो सकती है।
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धनु राशि
जून में इन ग्रहों के राशि परिवर्तन का शुभ प्रभाव आपके जीवन में होगा। आप पर किस्मत मेहरबान रहेगी, जिससे धन की आवक अच्छी होगी। बिजनेस करने वाले लोगों को कोई पार्टनर मिल सकता है या आपके हाथ कोई बड़ी डील लग सकती है, जिससे आशंका है कि आपका भाग्य ही बदल जाए। आपको नौकरी में पदोन्नति मिलने के भी योग बनेंगे जिसके चलते आप ख़ुश दिखाई देंगे।
आपके लिए धन कमाने के साथ-साथ बचत करने की गुंजाइश लेकर आ सकता है। इन जातकों को पैतृक संपत्ति के माध्यम से अप्रत्याशित धन लाभ मिल सकता है। आप अपने पार्टनर के साथ कुछ यादगार लम्हें बिताएंगे और उनके साथ हंसी-मज़ाक करते हुए दिखाई देंगे। ऐसे में, आप दोनों के बीच की आपसी समझ मज़बूत होगी। आप अपनी फिटनेस को बनाए रखने में सक्षम होंगे जो कि आपके भीतर मौजूद उत्साह का परिणाम हो सकता है।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
प्रश्न 1. जून में कितने ग्रहों का गोचर हो रहा है?
उत्तर. जून में पांच बड़े ग्रहों का गोचर हो रहा है।
प्रश्न 2.मंगल का गोचर कब होगा?
उत्तर. मंगल ग्रह 01 जून 2024 को अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे।
प्रश्न 3.शनि देव की सबसे प्रिय राशि कौन सी है?
उत्तर. कुंभ और मकर राशि के स्वामी ग्रह शनिदेव हैं। इन राशियों पर शनिदेव की विशेष कृपा रहती है।
प्रश्न 4. शनि देव की सबसे प्रिय राशि कौन सी है?
उत्तर. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि अपनी राशियों और अपनी उच्च राशि पर दृष्टि डालते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
जून में 6 बड़े ग्रह आएंगे एक साथ, कुंभ समेत इन 4 राशियों पर टूटेगा मुसीबत का पहाड़!
ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का वर्णन मिलता है जो मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। ऐसे में, जब किसी राशि या भाव में कोई दो या तीन ग्रह एक साथ आते हैं , तो इसे ज्योतिष की दुनिया में बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है। इसी क्रम में, अब एक-दो नहीं पूरे छह ग्रह साथ में आने वाले हैं, लेकिन यह किसी भाव या राशि में नहीं आएंगे बल्कि आसमान में एक सीधी रेखा में आएंगे। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको उन 6 ग्रहों के बारे में बताएगा जो एक साथ आएंगे और इन ग्रहों के विशेष संयोजन का कैसा होगा राशि चक्र की चार राशियों पर असर? जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना जारी रखें।
ज्योतिषीय दृष्टि से, 03 जून 2024 को एक बड़ी घटना होने जा रही है क्योंकि इस दिन बुध, मंगल, गुरु, शनि, यूरेनस और नेपच्यून आदि बड़े ग्रह एक साथ एक रेखा में आने वाले हैं। इस संयोजन में यह सभी 6 ग्रह आकाश में एक साथ एक पंक्ति में आएंगे जिन्हें आसमान में देखा जा सकेंगे। बता दें कि यह नज़ारा उत्तरी गोलार्ध के आकाश में दिखाई देगा। हालांकि, ग्रहों की यह स्थिति सभी 12 राशियों को भिन्न-भिन्न तरीके से प्रभावित करेगी। आइए जानते हैं इसके ज्योतिषीय महत्व और प्रभाव के बारे में।
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ग्रहों का एक रेखा में आने का अर्थ और महत्व
सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि वास्तव में यह सभी ग्रह एक पंक्ति में नहीं होंगे, लेकिन पृथ्वी से देखने पर आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे कि यह 6 एक सीधी रेखा में हैं। बुध, मंगल, गुरु, शनि, यूरेनस और नेपच्यून अपनी कक्षा में भ्रमण करते हुए सूर्य के सामने एक ही पंक्ति में होंगे जो कि एक सीधी रेखा के समान लगेगी। साथ ही, इन सभी ग्रहों के बीच की दूरी भी बेहद कम होगी इसलिए यह घटना ज्योतिष एवं विज्ञान की दृष्टि से दुर्लभ मानी जाएगी।
इस विशेष घटना को 3 जून 2024 की सुबह उत्तरी गोलार्ध के आसमान में देखा जा सकेगा। अलग-अलग स्थानों और उनके समय के अनुसार इस दुर्लभ घटना को निर्धारित तिथि के एक या दो दिन बाद भी देखा जा सकता है।
आसमान में घटित होने वाली यह अद्भुत घटना को देखने के अलावा भी इन ग्रहों का प्रभाव सभी राशियों को प्रभावित करेगा जिनमें मेष, वृषभ, कुंभ और मीन राशियों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। इसकी वजह इन ग्रहों का अलग-अलग नक्षत्रों में होना होगा।
इन 6 ग्रहों का कैसा होगा कुंभ समेत चार राशियों पर असर
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए इस समय को बेहतरीन कहा जाएगा क्योंकि इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल महाराज हैं जो कि मेष से मीन राशि में गोचर कर गए हैं। ऐसे में, यह लोग अपने निजी और पेशेवर जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करेंगे। साथ ही, वह आशावादी और ऊर्जावान बने रहेंगे जिससे आपमें आत्मविश्वास की झलक दिखाई देगी। यह अवधि लंबे समय तक चलने वाली योजनाओं को बनाने या नए व्यापार को शुरू करने आदि के लिए उत्तम रहेगी।
वृषभ राशि में वर्तमान समय में दो बड़े ग्रह बुध और बृहस्पति विराजमान हैं। यह दोनों ही ग्रह प्रगति, विकास, संचार और समृद्धि के कारक ग्रह माने जाते हैं। ऐसे में, इस राशि के जातक अपने कार्यक्षेत्र और घर-परिवार में भी अपने विचारों को व्यक्त करने में सक्षम होंगे। बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभाव की वजह से आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर जीवन में कुछ नया करने के लिए आगे बढ़ेंगे। करीबी रिश्ते भी रोमांच से पूर्ण रहेंगे और ऐसे में, आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में शनि देव की मौजूदगी को ज्योतिषीय दृष्टि से काफ़ी शक्तिशाली माना जाता है। बता कि राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि कुंभ वायु तत्व की राशि है जो प्रगतिशील और अपने क्रांतिकारी स्वभाव के लिए जानी जाती है। ऐसे में, इन 6 ग्रहों का एक रेखा में आना इन जातकों को अपने स्वभाव में बदलाव करने के लिए मजबूर करेगा।
शनि महाराज कुंभ राशि के नक्षत्र में मौजूद होंगे जो आपको अपने द्वारा किए गए कर्मों का पुनर्मूल्यांकन करने और स्वयं के बारे में जानने-समझने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हालांकि, यह जातक अपने काम के प्रति ईमानदार रहेंगे और इस अवधि में एक नियमित दिनचर्या का पालन करेंगे। इस समय को व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए अच्छा समय कहा जाएगा क्योंकि शनि देव आपके अनुशासन का पालन करने वाला बनाएंगे।
मीन राशि में मंगल और नेपच्यून ग्रह स्थित है और यह करियर के क्षेत्र में आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। इन जातकों की रचनात्मकता में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। ऐसे में, कला के क्षेत्र में आप कुछ करना चाहेंगे। हालांकि, इन 6 ग्रहों के एक साथ एक रेखा में आने पर इन लोगों को अपने सपनों और हकीकत के बीच संतुलन कायम करने के लिए थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है और आप ऐसा करने में कामयाब रहेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. ग्रहों का एक रेखा में आना किन राशियों को प्रभावित करेगा?
उत्तर 1. वर्ष 2024 में ग्रहों के एक पंक्ति में आने से राशि चक्र की चार राशियां मेष, वृषभ, मीन और कुंभ प्रभावित होंगी।
प्रश्न 2. 6 ग्रह कब एक सीधी रेखा में आ रहे हैं?
उत्तर 2. ज्योतिष के छह बड़े ग्रह 03 जून 2024 को एक साथ आ रहे हैं।
प्रश्न 3. क्या इस दुर्लभ घटना को सामान्य आँखों से देखा जा सकता है?
उत्तर 3. हाँ, इस खगोलीय घटना को उत्तरी गोलार्ध से देखा जा सकता है।
सावधान! राहु-मंगल की युति से अंगारक योग का हो गया है निर्माण; जानें इसके प्रभाव एवं बचने के उपाय!
एस्ट्रोसेज अपने लेखों के माध्यम से आपको ज्योतिष की दुनिया में बनने वाले शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताता आया है और कैसे इन योगों का प्रभाव मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है, इसकी जानकारी भी हमारे लेखों से मिलती रही है। इसी प्रकार, हम अपने इस ब्लॉग में आपको बेहद अशुभ और घातक माने जाने वाले अंगारक योग के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही, कुंडली में कब और कैसे बनता है यह अशुभ योग तथा किन उपायों से अंगारक योग के दुष्प्रभावों को दूर किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी आपको प्रदान करेंगे। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
ज्योतिष के अनुसार, मंगल और राहु की युति से अंगारक योग का निर्माण होता है। वर्तमान समय में मंगल और राहु की युति हो रही है जिससे अंगारक योग बन रहा है। बता दें कि राहु मीन राशि में मौजूद हैं, तो वहीं मंगल देव भी मीन राशि में स्थित हैं और ऐसे में, मीन राशि में बैठे मंगल और राहु मिलकर अंगारक योग बना रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, राशि चक्र की कुछ राशियों को बहुत संभलकर चलना होगा।
01 जून को होने वाले मंगल के गोचर के साथ अंगारक योग समाप्त हो जाएगा क्योंकि मंगल ग्रह मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जिन जातकों की कुंडली में अंगारक योग होता है, उन्हें जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए यह ब्लॉग हम आपके लिए लेकर आये हैं जिससे आप इस योग के बारे में अधिक जान सकें। चलिए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं क्या होता है अंगारक योग।
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क्या होता है अंगारक योग?
ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में मंगल महाराज और राहु देव दोनों ग्रह एक साथ एक राशि में स्थित होते हैं, उस समय अंगारक योग बनता है। हमें इसके नाम से ही पता चल रहा है कि अंगारक योग यानी कि अंगार वाला योग, इसलिए अंगारक योग के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानना भी बेहद आवश्यक हो जाता है जैसे कि यह जातक को किस तरह से हानि पहुंचाता है, कुंडली के किस भाव में यह योग बन रहा है और आपके जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।
बता दें कि अंगारक योग कुछ भाव में सकारात्मक परिणाम देता है। हालांकि, अंगारक योग होने पर व्यक्ति को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है और राहु उनके गुस्से को बढ़ाकर हिंसक काम करवाता है। साथ ही, इस योग में आग लगने जैसी घटनाएं भी होती हैं। व्यक्ति का मन गैर कानूनी कामों में लगने लगता है। जहां मंगल मनुष्य के क्रोध में वृद्धि करता है, तो वहीं, राहु इंसान को इमेजिनेशन करने वाला बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, ऐसा व्यक्ति सोचता कुछ है और उसके साथ होता कुछ है।
राहु और मंगल की युति से बनने वाले अंगारक योग की वजह से मीन और मकर राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। लेकिन, इस योग के प्रभाव की वजह से सभी राशि के लोगों के क्रोध में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या होता है अंगारक योग से?
उत्तर 1. अंगारक योग कुंडली में होने पर व्यक्ति को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न 2. अंगारक योग को कैसे शांत करें?
उत्तर 2. अंगारक योग के प्रभावों को कम करने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
प्रश्न 3. मंगल और राहु की युति से कौन सा योग बनता है?
उत्तर 3. कुंडली में मंगल और राहु के एक साथ आने पर अंगारक योग बनता है।
गुरु के उदित होते ही इन राशियों की जागेगी सोई किस्मत- रातों-रात बदलेगा भाग्य!
बृहस्पति का वृषभ में उदय: ज्योतिष में गुरु ग्रहको सबसे महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। इन्हें देवताओं का गुरु अर्थात देव गुरु भी कहा जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिस भी व्यक्ति को देवगुरु बृहस्पति की कृपा मिल जाए ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय होना तय हो जाता है। यह महत्वपूर्ण ग्रह गुरु अर्थात बृहस्पति 3 जून को वृषभ राशि में उदय होने जा रहा है।
गुरु का उदय होना सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेगा। तो चलिए अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं गुरु उदय का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, गुरु उदय का समय क्या रहने वाला है, साथ ही जानेंगे गुरु उदय से संबंधित कुछ और अनोखी और दिलचस्प बातों की जानकारी भी।
सबसे पहले बात करें समय की तो देवगुरु बृहस्पति 3 जून को उदित होने जा रहे हैं। बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
बात करें गुरु ग्रह की तो देवगुरु बृहस्पति को वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल आदि का कारक माना गया है। सभी 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व देवगुरु बृहस्पति के पास होता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार गुरु का वृषभ राशि में उदित होना कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ रहने वाला है।
ज्योतिष के जानकार मान रहे हैं कि इन राशियों के अच्छे दिन गुरु उदित से प्रारंभ हो जाएंगे क्योंकि गुरु उदय से राजयोग का भी निर्माण होने जा रहा है। क्या है ये राजयोग और कौन सी हैं ये राशियां और आपकी राशि पर इस परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा जानने के लिए यह खास ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें।
गुरु उदय से बनेगा राजयोग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है। बात करें ये राजयोग कब बनता है तो, जब कुंडली में 3 केंद्र भाव 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली माना जाता है। इससे भाग्योदय, पेशे में उन्नति, सरकारी या कॉर्पोरेट कार्यालय में शीर्ष स्थान मिलता है।
गुरु उदय से बना राजयोग इन राशियों को बनाएगा करोड़पति
यहां हम चार राशियों की बात करने जा रहे हैं जिनके लिए गुरु का उदित होना विशेष रूप से शुभ फलदाई साबित होगा। इनमें से पहली राशि है,
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का उदय होना बेहद ही शुभ संकेत दे रहा है। यह आपके आय और लाभ के भाव में उदित होगा। ऐसे में मेष राशि के जातकों की आय में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। कुछ जातकों को आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे, आपकी कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है, हालांकि आपको इस अवधि में कोई भी नया काम शुरू न करने की सलाह दी जा रही है।
वृषभ राशि: दूसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदित होना शुभ संकेत दे रहा है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान आकस्मिक धन लाभ मिलेगा। इस राशि के जो जातक नौकरी की तलाश में हैं उन्हें शुभ समाचार मिलने वाले हैं। नौकरी पेशा जातकों को प्रमोशन मिलेगा और आय में वृद्धि के भी चांस हैं। इसके अलावा वृषभ राशि के कुछ जातकों को कार्यस्थल पर नए और महत्वपूर्ण पद भी सौंपे जा सकते हैं।
मिथुन राशि: तीसरी जिस राशि के लिए गुरु का उदय होना शुभ रहने वाला है वह है मिथुन राशि। मिथुन राशि के जातकों को इस अवधि में कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यापार में वृद्धि के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा अगर आपका लंबे समय से कहीं धन अटका हुआ था तो वह अब आपको वापस मिलने वाला है। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए यह समय बेहद ही शुभ रहने वाला है।
धनु राशि: चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए केंद्र त्रिकोण राजयोग शुभ रहेगा वो है धनु राशि। धनु राशि के जातकों को गुरु उदित के प्रभ्व्स्वरूप कोर्ट-कचहरी से संबन्धित मुद्दों में सफलता मिलेगी, कार्यस्थल पर कठिन काम का फल और प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा आपको इस अवधि में भौतिक सुख मिलेगा, आप धन संचित करने में सफल होंगे और नई प्रॉपटी खरीदने में भी सफलता हासिल करेंगे।
बृहस्पति से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
बृहस्पति अर्थात गुरु ग्रह जिसे अंग्रेजी में जुपिटर कहते हैं इनका नाम रोमन पौराणिक कथाओं में देवता के राजा बृहस्पति के नाम पर रखा गया है।
बृहस्पति को ग्रहों के राजा के नाम से जाना जाता है।
बृहस्पति को सबसे बड़े ग्रह का दर्जा दिया गया है जिसके चलते इसका नाम प्राचीन रोमन देवताओं के राजा के नाम पर रखा गया है।
बृहस्पति ग्रह का वातावरण जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना गया है।
बृहस्पति ग्रह के आकार और दूरी की बात करें तो 43,440.7 मील (69,911 किलोमीटर) की त्रिज्या के साथ, बृहस्पति पृथ्वी से 11 गुना अधिक चौड़ा है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो मान लीजिए पृथ्वी एक अंगूर के बराबर की है तो बृहस्पति एक बास्केटबॉल जितना बड़ा है।
84 मिलियन मील (778 मिलियन किलोमीटर) की औसत दूरी से, बृहस्पति सूर्य से 5.2 खगोलीय इकाई दूर है। एक खगोलीय इकाई (संक्षिप्त रूप में एयू), सूर्य से पृथ्वी की दूरी है। इस दूरी से सूर्य के प्रकाश को सूर्य से बृहस्पति तक जाने में 43 मिनट का समय लगता है।
सौरमंडल में बृहस्पति का दिन सबसे छोटा माना जाता है। यहां एक दिन में केवल 10 घंटे होते हैं और बृहस्पति सूर्य के चारों तरफ एक पूर्ण परिक्रमा करता है जिसमें लगभग उन्हें पृथ्वी के 12 वर्षों का समय लग जाता है।
चार बड़े चंद्रमाओं और कई छोटे चंद्रमाओं के साथ, बृहस्पति एक प्रकार का लघु सौर मंडल बनाता है।
बृहस्पति की उपस्थिति रंगीन धारियों और धब्बों की एक टेपेस्ट्री है गैस ग्रह के “आसमान” में संभवतः तीन अलग-अलग बादलों की परतें हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 44 मील (71 किलोमीटर) तक फैली हुई हैं। शीर्ष बादल संभवतः अमोनिया बर्फ से बना है, जबकि मध्य परत संभवतः अमोनियम हाइड्रोसल्फाइड क्रिस्टल से बनी है। सबसे भीतरी परत पानी, बर्फ और वाष्प से बनी हो सकती है।
बृहस्पति का वृष राशि में उदय- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है और आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और अब आपके….(विस्तार से पढ़ें राशिफल)
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: बृहस्पति का वृष राशि में उदय कब होगा?
उत्तर: बृहस्पति का वृषभ राशि में उदय 3 जून 2024 को 3:21 को हो जाएगा।
प्रश्न 2: गुरु उदित होकर कौन सा राजयोग बनाएँगे?
उत्तर: गुरु के वृषभ में उदित होने से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होने वाला है।
प्रश्न 3: गुरु उदित से बने राजयोग से किन राशियों को लाभ मिलेगा?
उत्तर: मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि और धनु राशि के जातकों को विशेष रूप से इस राजयोग का लाभ मिलेगा।
इस सप्ताह इन 6 राशियों का निश्चित तौर पर होगा भाग्योदय- अपार धन लाभ के भी बनेंगे योग!
आने वाला सप्ताह आपके लिए कितना खास और यादगार रहने वाला है? इस सप्ताह आपको आर्थिक पक्ष, पारिवारिक जीवन, प्रेम जीवन, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यवसाय आदि में किस तरह के परिणाम प्राप्त होंगे? अगर आप इन सभी बातों का जवाब जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं क्योंकि एस्ट्रोसेज के इस खास ब्लॉग में हम आपको इसी बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें हमारा यह खास राशिफल विशेष ब्लॉग वैदिक ज्योतिष की गणना के आधार पर हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से हम आपको न केवल आने वाले सप्ताह की राशि अनुसार भविष्यवाणी प्रदान करते हैं बल्कि इस सप्ताह में कौन-कौन से व्रत और त्योहार किस दिन किए जाएंगे, कौन-कौन से ग्रहण गोचर लगने वाले हैं, इस सप्ताह के विवाह मुहूर्त क्या हैं और इस सप्ताह कब-कब बैंक बंद रहेंगे इस बात की जानकारी भी दे रहे हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग।
सबसे पहले बात कर लें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की 2 जून का यह सप्ताह कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को अश्विनी नक्षत्र के तहत ज्येष्ठ के महीने में प्रारंभ होगा वहीं बात करें इस सप्ताह के समापन की तो इस सप्ताह का समापन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र के तहत ज्येष्ठ माह में ही हो जाएगा।
ज्येष्ठ का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार तीसरा महीना बोला जाता है। जहां फाल्गुन महीना खत्म होता है वहीं इसके साथ ही गर्मी की शुरुआत हो जाती है और ज्येष्ठ का महीना आते-आते तक इस महीने प्रचंड गर्मी पड़ने लगती है। यही वजह है कि इस महीने को गर्मी का महीना भी कहते हैं। बात करें वर्ष 2024 में ज्येष्ठ माह की तो यह 22 मई से प्रारंभ हो चुका है और 21 जून तक रहेगा।
इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी
इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के इस विशेष सेगमेंट में हम आपके आने वाले 7 दिनों में मनाए जाने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी प्रदान करते हैं। अपनी व्यस्तता के चलते हैं हम महत्वपूर्ण दिन याद नहीं रख पाते हैं और इसीलिए आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने अपने साप्ताहिक राशिफल में इस खास सेगमेंट को जगह दी है जहां हम 3 से 9 जून के सप्ताह में पड़ने वाले व्रत त्योहार की जानकारी जानेंगे।
सबसे पहले 3 जून को वैष्णव अपरा एकादशी है
4 जून को प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि है
5 जून को मासिक कार्तिगाई, विश्व पर्यावरण दिवस है
6 जून को वट सावित्री का व्रत किया जाएगा। इस दिन शनि जयंती और रोहिणी व्रत भी है। साथ ही इस दिन दर्श अमावस्या भी है।
इसके बाद 7 जून को इष्टि है, चंद्र दर्शन है
और सप्ताह के आखिरी दिन अर्थात 9 जून को महाराणा प्रताप जयंती है।
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इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण और गोचर
ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई महत्वपूर्ण भविष्यवाणी दी जाती है तो इसका आधार ग्रह नक्षत्रों की चाल और उनकी स्थिति होती है। ज्योतिष में माना जाता है कि ग्रहों का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि कब कौन सा ग्रह गोचर या परिवर्तन कर रहा है। बात करें 3 से 9 जून के इस सप्ताह में होने वाले ग्रहण गोचर की तो इस सप्ताह में कोई गोचर तो नहीं है लेकिन गुरु ग्रह जिसे ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है उसका उदय होगा।
3 जून को गुरु का वृषभ राशि में उदय 3:21 पर हो जाएगा। निश्चित तौर पर गुरु उदित होकर सभी 12 राशियों को प्रभावित अवश्य करेंगे।
इसके अलावा बात करें ग्रहण की तो जून के इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं लगने वाला है।
3-9 जून 2024: विवाह मुहूर्त 2024
विवाह से जुड़ा कोई भी काम हिंदू धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है और यही वजह है कि आज भी जब भी कोई विवाह या उससे जुड़ा कोई बड़ा फैसला लिया जाता है तो इसके लिए मुहूर्त की गणना अवश्य की जाती है। हालांकि कई बार ज्योतिष की गणना आदि के चलते या खरमास के चलते कई कई महीनों तक विवाह की कोई मुहूर्त ही नहीं होते हैं। ऐसा ही कुछ वर्ष 2024 में मई और जून के महीने में देखने को मिलेगा। इन दोनों ही महीनों में विवाह की कोई मुहूर्त नहीं है। जुलाई के बाद विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी।
वहीं बात करें बैंक अवकाश की तो इन्हें जानना भी बेहद आवश्यक हो जाता है क्योंकि अगर बैंक अवकाश की जानकारी हो तो आप समय से पूर्व बैंक से जरूर संबंधित जरूरी काम निपटा कर खुद को परेशानी में फंसने से बचा सकते हैं। बात करें 3 से 9 जून के बीच पड़ने वाले बैंक अवकाशों की तो इस सप्ताह में केवल एक ही बैंक अवकाश है और यह है महाराणा प्रताप जयंती का अवकाश जो कि हिमाचल प्रदेश हरियाणा और राजस्थान में होगा।
इस सप्ताह जन्में कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी
साप्ताहिक राशिफल के इस आखिरी सेगमेंट में हम जानते हैं सप्ताह में जन्म लेने वाले मशहूर सितारों की जानकारी लेकिन उसे जानने से पहले हम जान लेते हैं कि जून में जन्म लेने वाले लोग का स्वभाव कैसा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बात करें तो जून के महीने में जन्म लेने वाले लोग की तो, अकसर देखा गया है कि ये लोग अधिक कोमल स्वभाव के होते हैं, दयालु होते हैं और विनम्र होते हैं। कोई भी जरूरतमंद इन्हें दिखे तो उसकी मदद करने से यह लोग पीछे नहीं हटते हैं। साथ ही यह लोग स्वतंत्र भावना वाले होते हैं और दूसरों के अधीन रहना इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है।
इसके अलावा जून में जन्म लेने वाले जातक स्वभाव से बेचैन होते हैं, उन्हें अपने दोस्तों के दिलों में जगह बनाने और वहां रहने में अच्छा लगता है। फींकी से फींकी महफिल में भी ये लोग अगर पहुँच जाए तो यह उस महफिल में चार चांद लगा देते हैं। हालांकि जून के महीने में जन्म लेने वाले लोगों के बारे में अक्सर यह भी कहा जाता है कि उनका मूड चुटकी बजाते ही बदल सकता है। कुछ भी पलों में हंसी मजाक से यह कब अचानक क्रोध के प्रकोप तक चले जाते हैं यह समझ पाना सबके बस की बात नहीं है।