बुध वृश्चिक में होंगे अस्‍त: जानें देश-दुनिया की वित्तीय स्थिति और राजनीति में क्‍या आएंगे बदलाव!

बुध अस्‍त 2024: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं जल्द ही अस्‍त होने वाले बुध से संबंधित यह खास ब्लॉग। इस ब्‍लॉग में हम आपको 30 नवंबर, 2024 को वृश्चिक राशि में अस्‍त हो रहे बुध से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि बुध के अस्‍त होने पर देश-दुनिया पर इसका क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

बुध ग्रह की सतह चट्टानी होती है और इसके ऊपर बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं। इसकी सतह चंद्रमा से मिलती-जुलती है। इस ग्रह का कोई वायुमंडल नहीं है। कहने का मतलब है कि इस ग्रह पर कोई मौसम नहीं होता है और तापमान में भिन्‍नता देखी जा सकती है। यहां पर दिन के दौरान तापमान 430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है और रात में तापमान -180 डिग्री तक गिर सकता है। आकार में छोटा होने के बावजूद बुध का चुंबकीय क्षेत्र काफी महत्‍वपूर्ण है जो कि पृथ्‍वी की क्षमता का एक प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि इसका कुछ हिस्‍सा तरल आयरन का है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

वैदिक ज्‍योतिष में बुध ग्रह का संबंध व्‍यक्‍ति के संचार कौशल, ज्ञान और बौद्धिक प्रक्रियाओं से है। ये बुध के कुछ सबसे महत्‍वपूर्ण ज्‍योतिषीय पहलुओं में से एक हैं। ज्‍योतिष में बुध ग्रह को संचार का कारक भी कहा जाता है एवं कुंडली में बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है कि हम अपने विचारों और भावनाओं को किस तरह से नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा हमारा बात करने का तरीका भी बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है। यह संचार के लगभग हर प्रकार को प्रभावित करता है जिसमें लिखना और बोलना भी शामिल है।

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: समय

30 नवंबर, 2024 को बुध अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में रात्रि 08 बजकर 19 मिनट पर अस्‍त होंगे। बुध के अस्‍त होने से देश-दुनिया पर क्‍या असर पड़ेगा, यह जानने से पहले आप बुध के वृश्चिक राशि में होने से जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में जान लें।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: विशेषताएं

जिन जातकों की कुंडली में वृश्चिक राशि में बुध बैठे होते हैं, वे बहुत परिश्रमी और मेहनती होते हैं एवं अपने दोस्‍तों का चुनाव बहुत सावधानी से करते हैं। जब ये किसी की परवाह करते हैं, तो उसमें अपनी जी-जान लगा देते हैं और जिसकी इन्‍हें परवाह नहीं होती है, उससे ये दूर ही रहते हैं।

इन जातकों की प्रवृत्ति अक्‍सर सवाल पूछने वाली होती है और ये अपने सवालों का उद्देश्‍य किसी को बताते नहीं हैं। ये हर बात को गहराई से जानना चाहते हैं और बुध के वृश्चिक राशि में होने की वजह से ये जातक अपने विचारों पर अड़े रह सकते हैं।

वृश्चिक राशि आपको चीज़ों को छिपाने के लिए मजबूर करती है और बुध ग्रह निर्धारित करता है कि आप अपने विचारों को किस तरह से व्‍यक्‍त करते हैं। वृश्चिक राशि में बुध के होने पर व्‍यक्‍ति अपनी भावनाओं और हाव-भावों को दिखा नहीं पाता है और वह जो दिखाता है, वह असल में वास्‍तविक स्थिति से अलग हो सकता है।

जिन लोगों की कुंडली में वृश्चिक राशि में बुध विराजमान होते हैं, वे जातक जासूस या हैकर बन सकते हैं। इनकी तंत्र विद्या, ज्‍योतिष और विज्ञान में भी रुचि होती है एवं ये आविष्‍कारक भी बन सकते हैं। हालांकि, अगर बुध कमज़ोर अवस्‍था में है, तो ये जातक चोर या हैकर बन सकते हैं। इनका मूर्खतापूर्ण व्‍यवहार हो सकता है और ये मनोरोगी भी हो सकते हैं। जब बुध वृश्चिक राशि में उपस्थित होते हैं, तो व्‍यक्‍ति का स्‍वभाव चीज़ो को छिपाने वाला हो सकता है । हालांकि, आपकी यही बात लोगों को आकर्षित भी कर सकती है। लेकिन अगर बुध पर अशुभ प्रभाव पड़ रहा है, तो ऐसे में स्थिति खराब हो सकती है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: वैश्विक स्तर पर प्रभाव

व्‍यवसाय और वित्तीय स्थिति

  • एक्‍सपोर्ट का बिज़नेस करने वाले लोगों के लिए यह अनुकूल समय है लेकिन इन्‍हें विदेश से पेमेंट मिलने में देरी हो सकती है।
  • व्‍यवसाय के क्षेत्र में मंदी का असर भारत समेत अन्‍य जगहों के कलाकारों और रचनात्‍मक क्षेत्र से जुड़े व्‍यवसायों पर भी देखने को मिलेगा।
  • मैनेजमेंट की कमी, गलत संचार एवं गलतफहमियों की वजह से बड़ी कंपनियों और उनके संचालन के कार्य पर नकारात्‍मक असर पड़ेगा।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

नेता, मीडिया और स्‍पीकर

  • इस दौरान सरकारी पद पर बैठे अधिकारियों को अपने अनुचित बयानों को लेकर मांफी मांगनी पड़ सकती है या फिर उन्‍हें इसका परिणाम भुगनता पड़ सकता है।
  • कुछ देश भारत के लिए मुश्किलें पैदा करने का प्रयास कर सकते हैं लेकिन चूंकि बुध के अस्‍त होने का समय अनुकूल नहीं है इसलिए भारत को बहुत सोच-विचार करने के बाद ही इसके जवाब में कोई कदम उठाना चाहिए।
  • सरकारी प्रतिनिधि और अधिकारी इस दौरान ऐसे बयान देते हुए नज़र आ सकते हैं जिससे समस्‍याएं या असहमति पैदा हो सकती है।
  • ऊंचे पदों पर बैठे और नामचीन लोग कई तरह के सवाल पूछे जाने पर क्रोधित और अधीर दिखाई दे सकते हैं। इसकी वजह से समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होने की आशंका है।
  • पत्रकारिता और चिकित्‍सा जैसे संचार से संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की बातों से अधिकारी और प्रभावशाली लोग नाराज़ हो सकते हैं।
  • इस दौरान काउंसलर और मोटिवेशनल स्‍पीकरों के काम में बाधाएं एवं अड़चनें आने के संकेत हैं।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

बुध वृश्चिक राशि में अस्‍त: स्‍टॉक मार्केट पर असर

बुध 30 नवंबर को मंगल के स्‍वामित्‍व वाली राशि वृश्चिक में अस्‍त होने जा रहे हैं। चूंकि, बुध अस्‍त अवस्‍था में हैं इसलिए इस दौरान इनकी क्षमता और ताकत क्षीण हो जाएगी। आगे जानिए कि बुध के वृश्चिक राशि में अस्‍त होने का स्‍टॉक मार्केट पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

  • सीमेंट, बिजली, दवा बनाने वाली कंपनियां, पब्लिक सेक्‍टर और केमिकल उद्योग अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे।
  • इसके अलावा बिजली उत्‍पादों, बिजली, चाय, कॉफी, सीमेंट, डायमंड, केमिकल और हैवी इंजीनियरिंग के उद्योग भी अच्‍छा काम करते हुए नज़र आएंगे।
  • हालांकि, कुछ उद्योग विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. वृश्चिक राशि में बुध का होना किन पेशों को दर्शाता है?

उत्तर. इन जातकों को अध्‍ययन, इंश्‍योरेंस, आईटी और टैक्‍स के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

प्रश्‍न 2. क्‍या बुध और मंगल के बीच मैत्री संबंध है?

उत्तर. बुध मंगल के प्रति तटस्‍थ रहता है लेकिन मंगल बुध ग्रह को अपने शत्रु के रूप में देखता है।

प्रश्‍न 3. मंगल की उच्‍च राशि कौन सी है?

उत्तर. मंगल की उच्‍च राशि मकर है।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.