मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं की जानकारी सबसे पहले देता आया है, ताकि आप ग्रहों की चाल, दशा और दिशा में होने वाले हर परिवर्तन से अवगत रह सकें। अब इसी क्रम में, युद्ध, साहस एवं पराक्रम के कारक ग्रह मंगल की राशि में बदलाव होने जा रहा है जिसका प्रभाव संसार पर दिखाई दे सकता है।

बता दें कि मंगल ग्रह अब 27 अक्टूबर 2025 की दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर अपनी राशि वृश्चिक में गोचर करने जा रहे हैं और ऐसे में, इनका यह गोचर पंच महापुरुष योग में से एक रूचक योग का निर्माण करेगा।
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वैदिक ज्योतिष में मंगल देव को उग्र स्वभाव का ग्रह माना जाता है जो साहस, ऊर्जा और लक्ष्यों को पाने की दिशा में उठाए गए कदमों को दर्शाते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति की समस्याओं से लड़ने की और आंतरिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें सभी नवग्रहों में सेनापति और युद्ध के देवता के नाम से प्रसिद्ध मंगल ग्रह को जुनून, महत्वाकांक्षा, सहनशक्ति और दृढ़ता का मुख्य ग्रह माना जाता है।
साथ ही, यह नियंत्रण से बाहर होने पर आक्रामकता, क्रोध और संघर्ष को भी दर्शाते हैं। इसके अलावा, मंगल महाराज जीवनशक्ति, ताकत, भूमि, संपत्ति और तकनीकी क्षमताओं को भी नियंत्रित करते हैं और इनका प्रभाव करियर में रक्षा, इंजीनियरिंग, सर्जरी और स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं।
कुंडली में मंगल ग्रह की मज़बूत अवस्था व्यक्ति को जीवन में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता आदि गुणों का आशीर्वाद देती है, जबकि मंगल देव की कुंडली में कमज़ोर या दुर्बल अवस्था आवेग, वाद-विवाद और दुर्घटनाओं की वजह बनती है। सामान्य शब्दों में, मंगल ग्रह हमारे जीवन को आकार देते हैं कि हम अपनी ऊर्जा का उपयोग किस तरह से और किस दिशा में करते हैं, इसके माध्यम से निर्धारित करते हैं कि वह हमारे जीवन को प्रगति या विनाश की तरफ लेकर जाएंगे।
मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विशेषताएं
जब मंगल महाराज वृश्चिक राशि में अपनी स्वयं की राशि में विराजमान होते हैं, तब जातक बहुत साहसी और बहादुर होता है। यह जातक ऐसी किसी भी घटना को भूलना या ऐसे व्यक्ति को माफ़ करने में असमर्थ होते हैं, जिसकी वजह से उनको कभी बुरा महसूस हुआ हो। यह जातक अपने आसपास सुरक्षा का एक ऐसा चक्र बना लेते हैं जिसे पार करना दूसरों के लिए बहुत मुश्किल होता है। अगर कोई व्यक्ति इनकी सहायता करने का प्रयास करता है, तो यह काफ़ी सोच-विचार में आ जाते हैं और एक बारी में किसी की मदद स्वीकार नहीं करते हैं।
मंगल की वृश्चिक राशि में मौजूदगी जीवन में एक नई शुरुआत की तरफ संकेत करती है। यह जातक बेहद गुस्सैल होते हैं जो स्वयं को भी नुकसान पहुंचा लेते हैं। हालांकि, चाहे मित्रता हो या शत्रुता, आप दोनों को ही सच्चाई और ईमानदारी से निभाते हैं। वृश्चिक राशि में मंगल के तहत जन्मे जातक अपने लिए एक सीमा का निर्धारण कर लेते हैं और साथ ही, इनका व्यक्तित्व भावनात्मक रूप से काफ़ी मज़बूत होता है।
जब कभी आप किसी कारण से उदास होते हैं, तो आपको ऐसा महसूस होता है कि जैसे दुनिया खत्म हो रही है। इसके विपरीत, जब यह जातक प्रेम में होते हैं, तो अपने जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देते हैं। इस जातकों के व्यक्तित्व का सबसे बड़ा गुण होता है कि यह लोग जिनसे प्यार करते हैं और जिन पर भरोसा करते हैं, उन्हें भी इनके मन की छिपी भावनाओं के बारे में पता नहीं होता है। अज्ञात बातों को जानना और अपने मन की आवाज़ सुनना इन लोगों को पसंद होता है। साथ ही, यह जातक समय आने पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं।
मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर से बनेगा शुभ योग
मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश होने से एक बेहद शुभ योग का निर्माण होगा। बता दें कि वैदिक ज्योतिष में पंच महापुरुष योगों में से एक है रूचक योग। कुंडली में रूचक योग का निर्माण उस समय होता है जब साहस, शक्ति और जीवनशक्ति के कारक ग्रह मंगल महाराज केंद्र भाव (पहले, चौथे, सातवें या दसवें भाव) में अपनी राशि मेष या वृश्चिक राशि में बैठे होते हैं या फिर मंगल अपनी उच्च राशि मकर में उपस्थित होते हैं। इस योग के आशीर्वाद से जातकों को साहस, नेतृत्व क्षमता, प्रसिद्धि, शारीरिक मज़बूती और अधिकार की प्राप्ति होती है।
साथ ही, व्यक्ति निडर, बेखौफ़ और महत्वाकांक्षी बनता है और जीवन की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होता है। रूचक योग के प्रभाव से व्यक्ति की नेतृत्व क्षमता मज़बूत होती है और ऐसे में, वह करियर, राजनीति, रक्षा और प्रशासन से जुड़े क्षेत्रों में अधिकार हासिल करने में कामयाब रहता है। इस प्रकार, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए बहुत शुभ रहेगा जिसके बारे में हम आगे विस्तार से बात करेंगे।
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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों की कुंडली में मंगल महाराज आपके छठे और ग्यारहवें भाव के अधिपति देव है। अब इनका गोचर आपके छठे भाव में होने जा रहा है और यह भाव कुंडली में शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल देव की छठे भाव में मौजूदगी जातक को आरामदायक महसूस करवाती है क्योंकि यह अपनी राशि में बैठे होते हैं इसलिए वृश्चिक राशि में इनकी स्थिति मज़बूत मानी जाएगी। ऐसे में, मंगल देव का यह गोचर आपके लिए काफ़ी सकारात्मक कहा जाएगा। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर होने से आप प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और अपने प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा, मंगल का यह गोचर आपके सामने उन दोस्तों की हकीकत सामने लेकर आएगा जो आपको धोखा दे सकते हैं या फिर आपके खिलाफ भी होंगे।
बता दें कि मंगल के वृश्चिक राशि में प्रवेश की अवधि को किसी भी तरह के निवेश के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको अपनी पहचान अज्ञात रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मंगल ग्रह कई तरह से लोगों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, मंगल महाराज की चौथी दृष्टि आपके नौवें भाव पर, सातवीं दृष्टि आपके बारहवें भाव पर और आठवीं दृष्टि आपके लग्न भाव/पहले भाव पर होगी। ऐसे में, इस दौरान आपकी अपने पिता के साथ छोटी-मोटी बहस हो सकती है इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है, क्योंकि आपका नौवां भाव मंगल द्वारा प्रभावित होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में मंगल देव आपके योगकारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके केंद्र (दसवें भाव) और त्रिकोण भाव (पांचवें भाव) के स्वामी हैं। बता दें कि मंगल का यह गोचर आपके पांचवें भाव में होने जा रहा है जिसे पूर्व पुण्य का भाव भी कहा जाता है। व्यक्ति के जीवन में पांचवां भाव शिक्षा, रोमांस, संतान और रिलेशनशिप को दर्शाता है।
दूसरी तरफ, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर कर्क राशि के छात्रों के लिए शानदार रहेगा, विशेष रूप से मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों के लिए। इस राशि के माता-पिता अपनी संतान के आक्रामक और व्यवहार की वजह से तनाव में आ सकते हैं। मंगल गोचर के दौरान कर्क राशि की गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको अत्यधिक गर्मीं लगने की समस्या परेशान कर सकती है।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए मंगल देव आपकी कुंडली में बेहद लाभकारी और योग कारक ग्रह हैं क्योंकि यह आपके नौवें भाव (त्रिकोण) और चौथे भाव (केंद्र) के स्वामी हैं। वर्तमान समय में आपके योगकारक ग्रह का गोचर आपके चौथे भाव में होगा जिसका संबंध माता, आपके घर, आपकी कार और आपकी संपत्ति से होता है। इसके फलस्वरूप, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए काफ़ी अच्छे परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, मंगल गोचर की अवधि कार खरीदने या रियल एस्टेट में धन निवेश करने के लिए अनुकूल रहेगी। बता दें कि यह अवधि आपके पारिवारिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं जिसके चलते आपकी अपनी माता या जीवनसाथी के साथ मतभेद या बहस भी हो सकती है।
इस अवधि में आपको घर-परिवार की समस्याओं का कम करने और लाभ को बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे क्योंकि वृश्चिक राशि में मंगल गोचर के दौरान मंगल देव आपके सातवें भाव और ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेंगे जो आपके चौथे भाव में उपस्थित होंगे। कुंडली के चौथे भाव में बैठकर यह आपके सातवें भाव को देखेंगे और इसके फलस्वरूप, आप जीवनसाथी को लेकर अत्यधिक सुरक्षात्मक हो सकते हैं।इस प्रकार, आपका यह व्यवहार आप दोनों के बीच विवाद की वजह बन सकता है। इसके अलावा, मंगल देव का दसवें और ग्यारहवें भाव पर प्रभाव आपको करियर में तरक्की पाने के लिए ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे रहा है जो सिंह राशि के नौकरीपेशा जातकों के लिए फलदायी रहेगा। कुल मिलाकर, यह अवधि आपकी कंपनी, पेशेवर जीवन के रिश्ते, आर्थिक जीवन और लाभ के लिए लाभदायक रहेगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल ग्रह आपके लग्न भाव और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए लाभकारी कहा जा सकता है। ऐसे में, यह आपके मान-सम्मान को बढ़ाएगा और आपके लिए कल्याणकारी साबित होगा। वहीं, इस राशि के जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर एथलीट हैं, उनके लिए यह समय बहुत शुभ साबित होगा। लेकिन, मंगल महाराज की यह स्थिति आपको आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाला भी बना सकती है। अगर आप किसी कानूनी विवाद में फंसे हैं, तो इस दौरान आपको इन मामलों को बहुत धैर्य और बुद्धिमानी से सुलझाना होगा।
मंगल गोचर की इस अवधि में आपको हर कदम पर अपने जीवनसाथी का साथ मिलेगा। हालांकि, मंगल की सातवीं दृष्टि आपके सातवें भाव पर होना बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए लाभदायक रहेगी। साथ ही, मंगल के इस गोचर के दौरान आप अपने गुस्से और आक्रामकता के कारण अपने जीवनसाथी के साथ बहस या विवाद में पड़ सकते हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अपने व्यवहार और गुस्से दोनों पर नज़र बनाए रखनी होगी, ताकि आपके रिश्ते साथी के साथ मज़बूत बने रहें। वहीं, मंगल ग्रह की आठवीं दृष्टि आपके आठवें भाव पर होना जीवनसाथी के साथ संयुक्त संपत्ति और नए व्यापार की शुरुआत की तरफ इशारा कर रही है।
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मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह आपके चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कुंडली में ग्यारहवां भाव धन लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, मंगल देव का ग्यारहवें भाव में गोचर धन लाभ की दृष्टि से फलदायी कहा जाएगा जो आपको अच्छा ख़ासा लाभ प्रदान कर सकता है। इस अवधि में रियल एस्टेट में किया गया निवेश आपके लिए लाभदायक साबित होगा। साथ ही, आप विभिन्न स्रोतों से धन कमाने में सक्षम होंगे।
इस प्रकार, मंगल का यह गोचर धन से जुड़ी दीर्घकालिक योजनाएं बनाने के लिए बहुत शुभ समय रहेगा। इसके अलावा, इस दौरान आपको अपने मामा और बड़े भाई-बहनों से सहायता प्राप्त होगी। आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में बैठकर मंगल आपके दूसरे, पांचवें और छठे भाव को देख रहे होंगे। हालांकि, आपके दूसरे भाव पर मंगल की चौथी दृष्टि को धन से जुड़े मामलों के लिए बहुत शुभ माना जाएगा, लेकिन यह आपको अपने घर-परिवार को लेकर काफ़ी सुरक्षात्मक बना सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब गोचर करके आपके दसवें भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, मंगल की यह स्थिति रूचक योग का निर्माण करेगी क्योंकि दसवें भाव में मंगल ग्रह को दिग्बल यानी दिशाओं का बल प्राप्त होता है। साथ ही, इस भाव में मंगल की स्थिति को बहुत शुभ माना जाता है और ऐसे में, यह आपको कार्यक्षेत्र पर शानदार प्रदर्शन करने का साहस प्रदान करेंगे।
जैसे कि मंगल देव आपके दसवें भाव में बैठकर आपके लग्न भाव/पहले भाव, चौथे भाव और पांचवें भाव को प्रभावित करेंगे। ऐसे में, इनकी दृष्टि करियर के क्षेत्र में आपकी स्थिति को मज़बूत बनाएगी। इस राशि के जिन जातकों का संबंध रियल एस्टेट या इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री से है, वह इस अवधि में किसी डील के माध्यम से अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। वहीं, जो जातक फैमिली बिज़नेस करते हैं, उनके छोटे भाई-बहन या रिश्तेदार आपके व्यापार में शामिल होने की इच्छा ज़ाहिर कर सकते हैं।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव का गोचर आपके धर्म, भाग्य और पिता के भाव यानी कि नौवें भाव में होगा। बता दें कि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। नौवां भाव पिता, दूर स्थान की यात्रा, तीर्थ स्थल, धर्म और सौभाग्य का भाव होता है, इसलिए इस दौरान आपका झुकाव धार्मिक कार्यों में बढ़ेगा और आपकी रुचि धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने में होगी।
इसके अलावा, आप मंगल गोचर की अवधि में धार्मिक कार्यों के लिए दान आदि करेंगे और इस दौरान दान-पुण्य के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। इस अवधि में आपको अपने पिता के साथ-साथ अपने गुरु का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त होगा। मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर का समय परिवार के साथ किसी तीर्थ स्थल या धार्मिक यात्रा की योजना बनाने के लिए अनुकूल रहेगा। वहीं, मीन राशि के जो छात्र मास्टर की डिग्री या उच्च शिक्षा हासिल करने की सोच रहे हैं, तो वह इस समय इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इस राशि के लिए रहेगा अशुभ
कन्या राशि
कन्या राशि वालों की कुंडली में मंगल ग्रह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहा है जिसका संबंध भाई-बहनों, आदतों, छोटी दूरी की यात्राओं और संचार कौशल से होगा। साथ ही, यह आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और इस भाव का संबंध अस्पष्टता और गोपनीयता से है जो आपके तीसरे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसे बेहद शुभ भाव माना जाता है। इस प्रकार, मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लिए कई तरह से लाभदायक रहेगा।
मंगल गोचर की अवधि आपको साहस, आत्मविश्वास और भरपूर ऊर्जा प्रदान करेगी। मंगल का यह गोचर आपके कार्यक्षेत्र के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि, आपको अपने भाई-बहनों, विशेषकर छोटे भाई के साथ आपका रिश्ता कैसा रहेगा, यह पूरी तरह से आपकी कुंडली में चल रही दशाओं पर निर्भर करता है।
बता दें कि इस अवधि में आपको निश्चित रूप से उनका साथ मिलेगा, लेकिन अष्टमेश के तीसरे भाव में बैठे होने के कारण आपको उनके साथ अप्रत्याशित वाद-विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और साथ ही, उन्हें सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी जाती है।
मंगल देव की दृष्टि तीसरे भाव से आपके छठे भाव, नौवें भाव और दसवें भाव पर पड़ रही होगी। ऐसे में, इस अवधि में आपके पिता, गुरु और मेंटर जीवन में आगे बढ़ने में आपका मार्गदर्शन करेंगे, लेकिन मंगल की नौवें भाव पर दृष्टि होने से आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। साथ ही, आपके करियर में लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि मंगल की दसवीं दृष्टि आपकी दसवें भाव पर होगी।
मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इस दौरान अपनाएं ये सरल और अचूक उपाय
- मंगल देव को मज़बूत करने के लिए प्रतिदिन “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- हनुमान जी को मंगलवार के दिन सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करें।
- साहस और सुरक्षा के लिए भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
- मंगलवार को लाल रंग के कपड़े, गुड़, मसूर दाल या तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- मंगल से शुभ फल पाने के लिए अपने भाई-बहनों, सैनिकों या खेल से जुड़े लोगों की सहायता करें।
- मंगल की ऊर्जा को मज़बूत करने के लिए योग, प्राणायाम या मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करें।
- जल्दबाज़ी में फैसले लेने या कार्यों को करने से बचें।
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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, युद्ध और ऊर्जा का ग्रह माना जाता है और अपनी राशि में विराजमान होने से इनकी ऊर्जा में वृद्धि होती है। वहीं, वृश्चिक राशि को रहस्यों की राशि माना जाता है और ऐसे में, मंगल गोचर की इस अवधि में दुनियाभर में कई बड़े बदलाव, भूमिगत संसाधनों, रिसर्च, तकनीक, शक्ति के लिए संघर्ष और सत्ता में अचानक से परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
राजनीतिक शक्ति के लिए संघर्ष और परिवर्तन
- भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में सरकार के अंदर गुपचुप तरीके से गठबंधन बन सकते हैं, जो भविष्य में कोई बड़े बदलाव लेकर आ सकते हैं।
- मंगल गोचर के दौरान राजनेताओं द्वारा आक्रामक रुख या नीतियां अपनाई जा सकती हैं और इससे विभिन्न देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र को लेकर तनाव पैदा हो सकता है।
- इस अवधि में युद्ध होने, सीमाओं को लेकर संघर्ष बढ़ने और सेना के हस्तक्षेप करने की संभावना बनेगी।
- जब मंगल वृश्चिक राशि में मौजूद होंगे, उस समय कुछ देशों द्वारा हथियारों, सुरक्षा की नीतियों या फिर परमाणु हथियारों का परीक्षण हो सकता है।
विज्ञान के क्षेत्र में खोज और आविष्कार
जेनेटिक, मेडिसिन, गुप्त विज्ञान और अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीक में कुछ बड़ी सफलता हाथ लग सकती है।
सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में गुप्त ज्ञान, रिसर्च और नए-नए आविष्कारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
प्राकृतिक और पर्यावरण से जुड़ी घटनाएं
- मंगल के वृश्चिक राशि में उपस्थित होने से ज्वालामुखी फटना, भूकंप, बाढ़ और खनन से जुड़ी घटनाएं हो सकती हैं।
- जल से जुड़ी समस्याएं जैसे बांध, नदिया आदि वैश्विक समस्याओं का रूप ले सकती हैं।
- भारत समेत दुनियाभर के कई हिस्सों में मौसम में अचानक से बदलाव देखने को मिलेगा।
- मौसम में होने वाला असमय परिवर्तन फसलों को प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से फलों और सब्जियों की पैदावार पर असर पड़ सकता है, जिससे दुनिया में महंगाई बढ़ सकती है।
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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव
शेयर बाज़ार भविष्यवाणी के अनुसार, जब मंगल महाराज वृश्चिक राशि में बैठे होंगे, तब शेयर बाजार अस्थिर और उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। जैसे कि मंगल ग्रह क्रोध, जोखिम उठाने और अचानक से कार्य करने को दर्शाते हैं जबकि वृश्चिक राशि रहस्य, गुप्त संपत्ति, तेल, खनन आदि से जुड़ी है। ऐसे में, यह अवधि बड़े परिवर्तन और आर्थिक स्थिति में अचानक से बदलाव लेकर आ सकती है।
- अग्नि तत्व के ग्रह मंगल और भूमिगत संसाधनों की राशि वृश्चिक की वजह से बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
- सीमाओं और भू-राजनितिक तनाव के चलते कच्चे तेल और प्राकृतिक गैसों की कीमत में अचानक से तेज़ी या गिरावट आने की आशंका है।
- मंगल गोचर की अवधि में सोना, चांदी और कीमती धातुओं के मूल्य में तेज़ी आने की प्रबल संभावना है।
- खनन से जुड़ी कंपनियों को लाभ हो सकता है, लेकिन इस दौरान कोई दुर्घटना होने या नियमों के सख़्त होने की आशंका है।
- यह समय सैन्य हथियारों और साइबर सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों में तेज़ी लेकर आएगा।
- साथ ही, सरकार द्वारा सैन्य बजट बढ़ाया जा सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य, चंद्र और गुरु ग्रह के मंगल ग्रह के साथ मित्रवत संबंध हैं।
मेष राशि को मंगल देव की मूल त्रिकोण राशि माना जाता है।
मकर राशि में मंगल देव उच्च अवस्था में होते हैं।