सौरमंडल के सभी नौ ग्रहों में बृहस्पति ग्रह को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। उन्हें स्वयं देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। जब गुरु ग्रह गोचर करता है, तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। इस ग्रह के गोचर के कारण सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। किसी को कष्ट सहना पड़ता है, तो वहीं कुछ लोगों को शुभ प्रभाव मिलते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु एक राशि में एक साल के अंतराल में गोचर करते हैं और इस तरह वे 12 राशियों में भ्रमण करने में 12 साल का समय लगाते हैं। अब बृहस्पति ने अपने शत्रु की राशि वृषभ में प्रवेश कर लिया है। वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और वे असुरों के गुरु हैं।
असुरों के गुरु शुक्र का देवताओं के गुरु बृहस्पति के साथ शत्रुता का संबंध है। इस वजह से शत्रु की राशि वृषभ में बृहस्पति का आना कुछ राशि के लोगों पर भारी पड़ सकता है। आगे विस्तार से बताया गया है कि बृहस्पति ने किस तिथि एवं समय पर वृषभ राशि में प्रवेश किया है।
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कब हो रहा है गुरु का गोचर
बृहस्पति वृषभ राशि में 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर प्रवेश कर चुके हैं। इसके एक दिन बाद ही 03 मई 2024 को 22:08 पर बृहस्पति वृषभ राशि में अस्त हो रहे हैं। बृहस्पति अपने इस गोचर के साथ नवांश कुंडली में 18 दिन के लिए नीच के हो गए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरु को इस समय 40 दिनों के लिए नीच स्थान का होना था लेकिन इस समय उनकी गति तीन गुना अधिक है और इस वजह से वो नवांश कुंडली में केवल 18 दिनों के लिए ही नीच के रहने वाले हैं।
गुरु की इस अतिचारी गति के कारण कुछ राशियों के जातकों को अपने जीवन में परेशानियों और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। बृहस्पति की इस चाल से सबसे ज्यादा नुकसान तीन राशियों को होने वाला है। इन लोगों के कामों में अड़चनें और रुकावटें आएंगी और इनके कार्यक्षेत्र एवं आर्थिक जीवन में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
तो चलिए जानते हैं कि बृहस्पति की अतिचारी गति किन तीन राशियों पर भारी पड़ने वाली है।
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इन राशियों को होने वाला है नुकसान
धनु राशि
धनु राशि के छठे भाव में अतिचारी गुरु का गोचर हुआ है। इस भाव को रोग और शत्रु का कारक माना जाता है। इस समय आपके स्वास्थ्य में गिरावट आने की आशंका है। आपको अचानक से कोई रोग होने का डर है। आपको सेहत के मामले में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आपके अपने ऑफिस या व्यापारिक क्षेत्र में नए शत्रु बन सकते हैं। हालांकि, कार्यक्षेत्र में आपके उच्च अधिकारी आपके काम से प्रसन्न होंगे लेकिन कुछ लोगों को ये बात खटक सकती है।
ये लोग आपके खिलाफ कोई षड्यंत्र रच सकते हैं। आपको यात्रा के दौरान अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। वाहन चलाते समय किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरतें वरना दुर्घटना हो सकती है। आपके कार्यों में अड़चनें और रुकावटें आने की संभावना है। इसके अलावा आपके ऊपर मानसिक तनाव भी बहुत ज्यादा बढ़ सकता है। हो सकता है कि इस समय आपकी निर्णय लेने की क्षमता थोड़ी कमज़ोर पड़ जाए। आपको काम के सिलेसिले में घर से दूर जाना पड़ सकता है।
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तुला राशि
तुला राशि के आठवें भाव में अतिचारी बृहस्पति का प्रवेश हुआ है इसलिए इस राशि के लोगों को इस दौरान कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस समयावधि में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में कई तरह की समस्याओं और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। आपके ऊपर तनाव भी हावी रहेगा। आपको कार्यस्थल में अपने शत्रुओं से थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। आपके ऑफिस का माहौल इस समय थोड़ा नकारात्मक रह सकता है और यह बात आपको बहुत परेशान करने वाली है।
नौकरीपेशा जातकों को अपने क्षेत्र में उन्नति और प्रगति पाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ेगी, तब जाकर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे। इस समय आपको वित्तीय जीवन में भी समस्याएं होने की आशंका है। आपके खर्चे बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे और आपको कर्ज तक लेना पड़ सकता है। आपको इस समय अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहना चाहिए। आपका अपने भाई-बहनों के साथ भी मनमुटाव हो सकता है। यदि आप संतान प्राप्ति के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो आपको अभी और इंतज़ार करना पड़ सकता है।
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मीन राशि
मीन राशि के तीसरे भाव में अतिचारी गुरु का प्रवेश हो चुका है। इस समय मीन राशि के लोग आलस से घिर सकते हैं। आपका इस दौरान कोई भी काम करने का मन नहीं करेगा। आप हर चीज़ को टालते हुए नज़र आएंगे। कार्यक्षेत्र में आपके शत्रु आपके खिलाफ कोई षड्यंत्र रच सकते हैं इसलिए आप यहां थोड़ा संभलकर रहें।
आपके बिज़नेस में भी कुछ समस्याएं आने के संकेत हैं। व्यापारियों को अपने व्यावसायिक क्षेत्र में कुछ अड़चनों और रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। इस बात की भी संभावना है कि आपकी निर्णय लेने की क्षमता कमज़ोर हो जाए। आपको मामूली फैसले लेने में भी दिक्कत हो सकती है। आपको बेवजह यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। आपको यात्रा के दौरान संभलकर रहना चाहिए क्योंकि इस समय आपके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है।
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बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
बृहस्पति देव को प्रसन्न करने और उनके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए आप पीले रंग के वस्त्र धारण करें या फिर अपनी जेब में पीले रंग का रुमाल रखें। माथे पर केसर का तिलक लगाएं और गुरुवार के दिन बेसन के हलवे का भोग लगाएं। आप केले का दान भी कर सकते हैं।
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FAQ
उत्तर. बृहस्पति एक राशि में एक साल तक रहते हैं।
उत्तर. आप गुरुवार के दिन चने की दाल, हल्दी और पहले रंग के वस्त्र किसी ब्राह्मण को दान करें।
उत्तर. अगर दसवें भाव में गुरु के शत्रु ग्रह बैठे हैं, तो सावधान रहना चाहिए।
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