शनि ने बनाया है मोदी को रंक से राजा, जानें क्‍यों आई थी उन्‍हें चुनाव जीतने में मुश्किलें

नरेंद्र मोदी भारत की ऐसी पहली शख्सियत हैं जिन्‍होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने इतिहास रच दिया है। भारतीय राजनीति के क्षेत्र में मोदी ने ये साबित कर दिया है कि इस समय उनसे ज्‍यादा लोकप्रिय और शक्‍तिशाली लीडर और कोई नहीं है।

हालांकि, इस बार चुनाव का नतीजा देखकर हर कोई हैरान था। इतना काम करने के बाद भी बीजेपी पार्टी को अकेले बहुमत प्राप्‍त नहीं हो पाया। मोदी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर अपनी सरकार खड़ी की है। सभी मुश्किलों को पार कर के आखिरकार मोदी पीएम की कुर्सी पर तीसरी बार बैठ ही गए। आखिर ऐसा क्‍या है उनकी कुंडली में जो उन्‍हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्‍त हुआ।

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पीएम मोदी पर शनि का पड़ा है प्रभाव

पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में सरदार पटेल की लोहे की प्रतिमा बनवाई थी और इस काम के लिए पूरे देश से दान में लोहा मांगा गया था। लोहा स्‍वयं शनि देव का धातु है। ज्‍योतिष के अनुसार शनि देव को खुश करने के लिए सफाई कर्मचारियों, गरीब और मज़दूरों की सेवा करनी चाहिए और शायद मोदी के मामले में यही बात सच साबित हुई और उन्‍हें शनि देव की कृपा से तीसरी बार पीएम बनने का मौका मिला।

अपने पिछले दो कार्यकालों में मोदी ने सफाई कर्मचारियों से बात की है और शायद इसी का फायदा उन्‍हें शनि देव ने दिया है।

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मज़दूरों की सेवा से खुश हुए हैं शनि

तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेने के दौरान पीएम मोदी ने नया संसद भवन विस्‍टा बनाने वाले सफाई कर्मचारी, मज़दूरों, ट्रांसजेंडर समुदाय से कुछ लोगों को आमंत्रित किया था। इन सभी लोगों का संबंध शनि देव से होता है। ज्‍योतिष के अनुसार शनि वो ग्रह हैं जो गरीब, ज़रूरमंद और मज़दूर वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

मोदी के कार्यकाल में शनि देव का बहुत बड़ा प्रभाव है। मोदी ने स्‍वच्‍छ भारत अभियान शुरू किया था और साफ-सफाई का संबंध भी शनि देव से होता है।

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मोदी पर चल रही है शनि की ढैय्या

शनि देव वो ग्रह हैं जो रंक को राजा और राजा को रंक बनाने के लिए जाने जाते हैं। नरेंद्र मोदी के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। शनि देव उन लोगों पर अपनी कृपा जरूर बरसाते हैं जो मेहनत करते हैं और मोदी को एक मामूली इंसान से देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी है।

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मोदी की जन्‍मकुंडली देखें, तो उनका जन्‍म 17 सितंबर 1950 को गुजरात में हुआ था और वे वृश्चिक लग्‍न के हैं एवं उनकी राशि वृश्चिक ही है। इस समय वृश्चिक राशि पर ढैय्या का प्रभाव चल रहा है और शायद इसी वजह से मोदी को चुनाव में बहुमत पाने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ा। किसी को भी इस बात की उम्‍मीद नहीं थी कि कश्‍मीर में से धारा 370 हटाने के बाद और अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण करवाने के बाद मोदी को चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाएगा। शायद यह सब उनकी राशि में चल रही शनि की ढैय्या की वजह से हुआ है।

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वृश्चिक लग्‍न में ली शपथ

मोदी ने पिछली बार वृश्चिक लग्‍न में ही अपने पद की शपथ ली थी और उन्‍होंने इस बार भी कुछ ऐसा ही किया। वृ‍श्चिक एक स्थिर राशि है और मोदी के जन्‍म लग्‍न की राशि भी यही है। जिस समय मोदी पीएम पद की शपथ ले रहे थे, उस समय वृश्चिक राशि पर सप्‍तम भाव वृषभ से गुरु, सूर्य, बुध और शुक्र की दृष्टि पड़ रही थी। वहीं शपथ ग्रहण कुंडली के लग्‍न भाव के स्‍वामी मंगल छठे भाव में स्‍वराशि मेष में होकर शनि की तीसरी दृष्टि से प्रताड़ित हैं। वहीं शनि की दसवीं दृष्टि शपथ ग्रहण कुंडली के लग्‍न भाव पर और मंगल की आठवीं दृष्टि भी इसी पर पड़ रही है। इसके अलावा मंगल शनि की तीसरी दृष्टि से पीडित है जिसकी वजह से उन्‍हें सरकार चलाने में दिक्‍कतें आएंगी।

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सफाई कर्मचारियों ने दिलवाई है शनि की कृपा

मोदी ने अपने सभी कार्यकालों में सफाई कर्मचारियों का सम्‍मान किया है। उन्‍होंने साल 2019 में कुंभ के मेले में सफाई कर्मचारियों के पैरे धोए थे। उनके इस सेवा भाव से शनि देव ने प्रसन्‍न होकर अपना चमत्‍कार दिखाया है। इसके साथ ही मोदी ने इन लोगों को अंगवस्‍त्र भी दिए थे। पीएम मोदी नए संसद भवन को बनाने वाले मज़दूरों से भी मिले और उन्‍हें अपने शपथ समारोह में आमंत्रित किया।

इसके बाद मोदी ने साल 2024 में राम मंदिर बनाने वाले कारीगरों के ऊपर पुष्‍प वर्षा करवाई। वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार गरीबों, ज़रूरतमंदों और मज़दूर लोगों की मदद करने से शनि देव खुश होते हैं और उनकी कृपा प्राप्‍त होती है। मोदी के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है कि इतनी अड़चनों का सामना करने के बाद उन्‍हें तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका मिला है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न. नरेंद्र मोदी की कौन सी राशि है?

उत्तर. मोदी की राशि वृश्चिक है।

प्रश्‍न. मोदी की जन्‍म तिथि क्‍या है?

उत्तर. 17 सितंबर 1950 को मोदी गुजरात में पैदा हुए थे।

प्रश्‍न. नरेंद्र मोदी का लग्‍न क्‍या है?

उत्तर. उनका वृश्चिक लग्‍न है।

प्रश्‍न. नरेंद्र के नाम से कौन सी राशि आती है?

उत्तर. इस नाम से वृश्चिक राशि है।

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