इस वर्ष हनुमान जयंती है बेहद खास, जानें वजह और पूजा का शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती यानी प्रभु श्री राम के परम भक्त बजरंगबली हनुमान का जन्मोत्सव। हनुमान जयंती प्रतिवर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष हनुमान जयंती 16 अप्रैल, शनिवार के दिन पड़ रही है। माना जाता है कि हनुमान जयंती अगर सप्ताह में मंगलवार या फिर शनिवार के दिन पड़ती है तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, सप्ताह में मंगलवार और शनिवार के दिन का सीधा संबंध बजरंगबली से जोड़कर देखा जाता है।

हनुमान जयंती विशेष ब्लॉग में आज हम जानेंगे इस वर्ष की हनुमान जयंती क्यों है खास? क्या है इस दिन का सही पूजा मुहूर्त? सही पूजन विधि? इस दिन की पूजा से मिलने वाले लाभ और साथ ही जानेंगे सिंदूर के किन उपायों को करके आप इस दिन बजरंगबली का आशीर्वाद अपने जीवन पर प्राप्त कर सकते हैं।

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हनुमान जयंती 2022

इस वर्ष हनुमान जयंती 16 अप्रैल, शनिवार के दिन पड़ रही है।

बात करें समय की तो पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल को रात 2:25 से प्रारंभ होगी और 17 अप्रैल को सुबह 12:24 पर समाप्त हो जाएगी। चूंकि हनुमान जयंती उदया तिथि में मनाए जाने का विशेष महत्व होता है ऐसे में हनुमान जयंती 16 अप्रैल को मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती पर शुभ संयोग

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि हनुमान जयंती अगर शनिवार या फिर मंगलवार के दिन पड़ती है तो इससे बेहद ही शुभ कहा जाता है। ऐसे में इस साल भी हनुमान जयंती शनिवार के दिन पड़ रही है। तो पहला शुभ संयोग तो यही हो गया कि हनुमान जयंती हनुमान जी से संबंधित दिन पर ही पड़ रही है। दूसरा शुभ योग यह रहने वाला है कि इस वर्ष हनुमान जयंती पर रवि योग और हर्षण योग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन और चित्रा नक्षत्र भी रहने वाला है।

माना जाता है कि इन योगों में किया गया कोई भी शुभ कार्य हमेशा ही शुभ फलदाई होता है। ऐसे में इस शुभ मुहूर्त में यदि आप हनुमान जयंती की पूजा करते हैं तो आपको बजरंगबली की प्रसन्नता और उनका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा।

बात करें इस योग के समय की तो 16 अप्रैल को 5:55 से रात 8:40 तक रवि योग रहने वाला है।

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हनुमान जयंती महत्व

बजरंगबली को समर्पित इस दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और सभी प्रकार के भय डर और बाधाएं भी दूर होती हैं। इसके अलावा यदि आपके जीवन में शनि से संबंधित कोई भी दोष है तो हनुमान जयंती के दिन हनुमान मंदिर अवश्य जाएं और वहां पर शुद्ध घी या फिर सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से आपको प्रभु हनुमान के साथ-साथ शनिदेव की प्रसन्नता हासिल होगी। साथ ही उनके दोषों से भी छुटकारा मिलेगा।

हनुमान जयंती पूजा विधि

  • इस दिन की पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। 
  • ऐसे में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े धारण कर लें। 
  • इसके बाद हनुमान भगवान की पूजा करें। 
  • पूजा में इस दिन आप हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण, रामायण इत्यादि का पाठ भी कर सकते हैं। 
  • इसके बाद हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उसका लेप लगाएं। 
  • इसके अलावा इस दिन दीपक जलाते समय लाल रंग की बाती का प्रयोग करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 
  • अंत में आरती करें और पूजा में अनजाने से भी हुई किसी भूल की क्षमा मांगें।

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इस दिन सिन्दूर के ये उपाय दिलाएंगे बजरंगबली का आशीर्वाद 

हनुमान जयंती के दिन सिन्दूर के ये उपाय अवश्य करें:

  • अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो हनुमान जयंती के दिन घी में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को इसका लेप लगाएं।
  • आर्थिक संपन्नता के लिए हनुमान जयंती के दिन एक सफेद कागज पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर इसे पहले हनुमानजी को अर्पित करें और उसके बाद इसे अपनी तिजोरी में रख दें।
  • शीघ्र विवाह के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के पैरों में सिंदूर अर्पित करें और उसके बाद इसी सिंदूर का टीका लगाएं।
  • नौकरी या व्यवसाय में परेशानी बनी हुई है तो हनुमान जयंती के दिन हनुमान भगवान के मंदिर जाकर उनके चरणों में सिंदूर अर्पित करें और इसके बाद चढ़ाए हुए संदूर से ही एक सफेद कागज पर स्वास्तिक बनाकर इसे अपने पास किसी और सुरक्षित जगह पर रख लें।
  • यदि आपके जीवन में क़र्ज़ की समस्या लंबे समय से बनी हुई है तो इस दिन चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को इसका लेप लगाएं। साथ ही अपनी उम्र के हिसाब से पीपल के पत्ते लेकर इस पर राम-राम लिख कर इसे भी हनुमान जी को चढ़ाएं।

ख़ास जानकारी: “अष्ट-सिद्धि नव-निधि के दाता”….हनुमान जयंती के मौके पर जानें क्या है अष्ट-सिद्धि और नव-निधि?

हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है, ‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता’ जिसका सरल शब्दों में अर्थ होता है, ‘बजरंगबली अपने भक्तोंको आठ प्रकार की सिद्धयां तथा नौ प्रकार की निधियां प्रदान कर सकते हैं। उन्हें यह सिद्धियां और निधियां देने का वरदान माता जानकी ने दिया था।

ऐसे में प्रश्न उठता है कि, आखिर यह अष्ट-सिद्धियाँ और नव-निधियां हैं क्या?तो आइये हनुमान जयंती के इस विशेष मौके पर जानते हैं इन अष्ट-सिद्धि नव-निधि के बारे में और साथ ही जानते हैं इनका अर्थ।

अष्ट सिद्धियाँ और उनका अर्थ
अणिमाइस सिद्धि के दम पर बजरंगबली कभी भी अति सूक्ष्म रूप धारण कर सकते हैं।
महिमाइस सिद्धि के दम पर हनुमान जी कभी भी विशाल रूप धारण कर सकते हैं और ऐसा उन्होंने कई बार किया भी है।
गरिमाइस सिद्धि के दम पर हनुमान जी खुद का भार किसी पर्वत के बराबर भी कर सकते हैं।
लघिमाइस सिद्धि के दम पर हनुमान जी खुद का भार एकदम हल्का कर सकते हैं।
प्राप्तिइस सिद्धि की मदद से हनुमान जी किसी भी वस्तु को क्षण भर में प्राप्त कर लेते हैं। साथ ही वह पशु और पक्षियों की भाषा भी समझ लेते हैं और भविष्य देख सकते हैं।
प्राकाम्यइस सिद्धि के दम पर हनुमान जी पाताल तक जा सकते हैं और आकाश में उड़ सकते हैं। साथ ही पानी में मनचाहे समय तक जीवित भी रह सकते हैं।
ईशित्वइस सिद्धि के दम पर हनुमान जी को दैवीय शक्ति प्राप्त हुई है।
वशित्वइस सिद्धि के दम से हनुमान की जितेन्द्रिय बनते हैं और मन पर नियंत्रण रखते हैं।
नव-निधियां और उनका अर्थ
पद्म निधिइस निधि से संपन्न मनुष्य सात्विक होता है और दान पुण्य करता है।
महापद्म निधिइस निधि से संपन्न व्यक्ति अपने धन को धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों में दान करता है।
नील निधिइस निधि से सुशोभित व्यक्ति सात्विक तेज से परिपूर्ण होता है।
मुकुंद निधिइस निधि से संपन्न व्यक्ति रजोगुण से संपन्न होता है।
नन्द निधिइस निधि से संपन्न व्यक्ति राजस और तामस गुणों वाला होता है।
मकर निधिइस निधि से संपन्न व्यक्ति वस्तुओं का संग्रह करने वाला होता है।
कच्छप निधिइस निधि से संपन्न व्यक्ति तामस गुणों होता है।
शंख निधियह निधि एक पीढ़ी के लिए होती है।
खर्व निधि इस निधि से संपन्न व्यक्ति के स्वभाव में अलग-अलग तरह के परिणाम दिखाई पड़ते हैं।

इस दिन अवश्य करें ये राशिनुसार उपाय 

  • मेष राशि: हनुमान जयंती के दिन मेष जातक एकमुखी हनुमान कवच का पाठ करें। साथ ही इस दिन बजरंगबली को बूंदी अवश्य चढ़ाएं और इसके बाद उसे गरीबों में बाँट दें।
  • वृषभ राशि: वृषभ जातक इस दिन रामचरितमानस का पाठ अवश्य  करें और बजरंगबली को उनकी प्रिय मीठी रौठ अवश्य भोग में अर्पित करें। ऐसा करने से आपको बजरंग बली का आशीर्वाद अवश्य ही प्राप्त होगा। 
  • मिथुन राशि: हनुमान जयंती के दिन मिथुन जातक अगर सुन्दरकाण्ड का पाठ करते हैं और भगवान हनुमान को बूंदी का प्रसाद अर्पित करते हैं तो आपको शुभ फल की प्राप्ति अवश्य होगी।
  • कर्क राशि: कर्क जातक इस दिन पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करें और बजरंगबली को लाल चोला अर्पित करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति अवश्य होगी।
  • सिंह राशि: हनुमान जयंती के दिन सिंह जातक रामचरितमानस के बालकाण्ड का पाठ अवश्य करें और हनुमान जी को भोग अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी समस्त मनोकामना पूरी होगी।
  • कन्या राशि: कन्या जातक इस दिन रामचरितमानस के लंका काण्ड का पाठ करें और हनुमान मंदिर जाकर बजरंगबली के समक्ष शुद्ध घी के छह दीपक अवश्य जलाएं।
  • तुला राशि: हनुमान जयंती के दिन तुला राशि के जातक रामचरितमानस के बालकांड का पाठ करें और हनुमान जी को खीर का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस खीर को गरीब बच्चों में बांट दें।
  • वृश्चिक राशि: हनुमान जयंती के दिन वृश्चिक राशि के जातकों को हनुमान अष्टक का पाठ करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा भगवान हनुमान जी को गुड़ वाले चावल का भोग भी अवश्य लगाएं।
  • धनु राशि: हनुमान जयंती के दिन धनु राशि के जातक यदि रामचरितमानस के अयोध्या कांड का पाठ करते हैं और हनुमान जी को शहद भोग के रूप में अर्पित करके उसे स्वयं प्रसाद रूप में खाते हैं तो ऐसा करने से आपको सुख समृद्धि प्राप्त होती है और साथ ही आप के जीवन से दुख दर्द भी दूर होने लगता है।
  • मकर राशि: मकर राशि के जातक हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के किष्किन्धा कांड के पाठ करें और हनुमान जी को मसूर अर्पित करें।
  • कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातक हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के उत्तरकांड का पाठ अवश्य करें और हनुमान जी को मीठी रोटियों का भोग लगाएं।
  • मीन राशि: मीन राशि के जातक इस दिन हनुमंत बाहुक का पाठ करें और हनुमान मंदिर में जाकर लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं और अपनी मनोकामना कहें। 

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