वर्ष 2025 में गुरु के दो गोचर का बनेगा अनूठा संयोग, जानें कैसे मिलेंगे आपको परिणाम!

देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव मनुष्य जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं? इसका अंदाज़ा हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि गुरु के अस्त होने के साथ ही शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। ऐसे में, जब-जब गुरु ग्रह अपनी राशि, चाल या स्थिति में परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव मनुष्य समेत पूरे विश्व पर नज़र आता है। एक शुभ ग्रह के रूप में बृहस्पति महाराज के गोचर के साथ-साथ इनकी दृष्टि भी विशेष मायने रखती है जो जातक के जीवन को समस्याओं और खुशियों से भरने का सामर्थ्य रखती है। जैसे कि हम जानते हैं कि नए साल अर्थात वर्ष 2025 दस्तक देने वाला है और ऐसे में, इस साल गुरु ग्रह कब और किस समय गोचर करेंगे, यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है। 

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एस्ट्रोसेज द्वारा तैयार किये गए “गुरु गोचर 2025” में हम आपको साल 2025 में होने वाले गुरु ग्रह के गोचर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, कब और किस समय होगा इनका गोचर? किस राशि में बृहस्पति होंगे उदय और कब अपनी वक्री अवस्था से बाहर आएंगे? गुरु ग्रह का गोचर आपको कैसे प्रभावित करेगा? इन सभी सवालों का जवाब पाने के लिए हमारे इस विशेष अंक को पढ़ना जारी रखें।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कौन है बृहस्पति ग्रह?

गुरु गोचर के बारे में जानने से पहले हम बात करेंगे गुरु ग्रह के महत्व की, वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति महाराज को शुभ, सौम्य एवं मंगलकारी ग्रह माना जाता है। राशि चक्र में इन्हें दो राशियों मीन और धनु राशि पर स्वामित्व प्राप्त है। वहीं, मनुष्य के जीवन में गुरु देव विवाह, संतान, शिक्षा, धन, करियर, धर्म आदि के कारक कहे गए हैं। हालांकि, बृहस्पति देव को तीन दृष्टियां प्राप्त हैं जो कि इस प्रकार हैं: पांचवी, सातवीं और नौवीं दृष्टि। 

कहते हैं जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति मज़बूत स्थिति में, शुभ भाव में या फिर शुभ ग्रहों के साथ होते हैं, तो ऐसे जातक अपने जीवन में खूब मान-सम्मान, वैभव और तरक्की प्राप्त करता है। कुंडली के लग्न/पहले भाव में गुरु की मौजूदगी व्यक्ति को भाग्यशाली और ज्ञानी बनाती है। ज्योतिष में गुरु के महत्व को जानने के बाद अब हम आगे बढ़ते हैं और नज़र डालते हैं वर्ष 2025 में होने वाले गुरु गोचर पर। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

2025 में एक नहीं दो बार होगा गुरु का गोचर

गुरु देव प्रत्येक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं और इस प्रकार, वह शनि देव के बाद सबसे मंद गति से चलने वाले दूसरे ग्रह हैं। बृहस्पति देव कर्क राशि में अपनी उच्च अवस्था में होते हैं जबकि मकर राशि में अपनी नीच अवस्था में होते हैं। बात करें इनके गोचर की तो, गुरु ग्रह का पहला गोचर साल 2025 में 15 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा। इसके बाद, बृहस्पति महाराज का दूसरा गोचर 19 अक्टूबर 2025 को कर्क राशि में होगा जब वह मिथुन राशि से निकलकर चंद्र देव की राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि गुरु ग्रह कर्क राशि में उच्च अवस्था में होते हैं। ऐसे में, इनकी उच्च अवस्था जातकों को शुभ परिणाम देने का काम करेगी और कुछ राशियों के जीवन में बहार आने की संभावना है। 

वर्ष 2025 में कब-कब बदलेंगे गुरु अपनी चाल?

गुरु ग्रह 11 नवंबर 2025 को कर्क राशि में रहते हुए वक्री हो जाएंगे और फिर वक्री चाल में चलते हुए 04 दिसंबर 2025 को पुनः मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे। सामान्य शब्दों में कहें तो, साल 2025 के दौरान देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में जाएंगे और फिर मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके बाद, कर्क राशि में से निकलकर वक्री अवस्था में मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

इस साल कब-कब डूबेगा तारा? 

शायद ही आप जानते होंगे कि इस वर्ष जब बृहस्पति देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 09 जून 2025 को अस्त हो जाएंगे, तो गुरु ग्रह की इस अवस्था को तारा डूबना भी कहा जाता है। इस अवधि में शुभ काम वर्जित होते हैं, लेकिन जब गुरु देव  9 जुलाई 2025 को पुनः उदित हो जाएंगे, तब इसे बृहस्पति तारा उदय कहा जाता है। तो आइए अब हम आपको अवगत करवाते हैं गुरु गोचर 2025 आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेगा। 

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गुरु गोचर 2025: राशि अनुसार राशिफल और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि में गुरु देव भाग्य स्थान यानी नवम भाव और व्यय स्थान यानी द्वादश भाव के……(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु देव को अष्टम भाव और एकादश भाव का स्वामी माना जाता है और मिथुन…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए गुरु देव सप्तम भाव और दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं। मिथुन राशि में गुरु का…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज छठे भाव और नवम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति आपके पंचम भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं। गुरु…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव और सप्तम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में गुरु गोचर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

तुला राशि 

गुरु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए गुरु आपके लिए तीसरे भाव और…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति दूसरे और पंचम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपकी राशि के स्वामी…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज तीसरे भाव और द्वादश भाव के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुम्भ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। गुरु…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

मीन राशि 

गुरु गोचर 2025 आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि गुरु महाराज आपकी राशि के…(अपना विस्तृत राशिफल पढ़ें)

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गुरु ग्रह के मित्र कौन हैं?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और चंद्रमा को बृहस्पति देव के मित्र माना गया है। 

2. मिथुन राशि में गुरु कब प्रवेश करेंगे?

वर्ष 2025 में 15 मई 2025 को मिथुन राशि में गुरु का गोचर होगा। 

3. तारा डूबना किसे कहते हैं?

जब गुरु ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाते हैं, तब इसे तारा डूबना कहते हैं।

  

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