आज हर कोई अपने जीवन में अच्छे से सेटल होना चाहता है यानी अच्छी नौकरी हो, अच्छा प्रमोशन को करियर तेज़ी से आगे बढ़े और खूब पैसा कमाए। लेकिन आधुनिक समय में एक बढ़िया नौकरी या जॉब होना एक चैलेंजिंग टास्क की तरह हो गया है। कुछ लोगों को कड़ी मेहनत के बाद भी यदि किसी तरह नौकरी मिल भी जाए तो आगे बढ़ पाने में कई प्रकार की समस्याएं और चुनौतियों का सामना करना पड़ जाता है, जैसे मेहनत करने के बाद भी प्रमोशन न मिल पाना, वेतन न बढ़ पाना आदि कई तरह की समस्याओं से वो परेशान रहते हैं। करियर में उन्नति न मिल पाने और मन मुताबिक परिणाम न मिल के कारण वह कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं। इसके पीछे कारण कुंडली में ग्रह दोष होता है। ग्रह दोष की चलते ही ये समस्याएं जातक के जीवन में आती है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में हर ग्रह का अपना विशेष महत्व और योगदान होता है। इसी तरह नौकरी और जॉब से संबंधित ग्रह भी हमारे कुंडली में मौजूद होते हैं, जिनकी वजह से हमें तरक्की या फिर समस्याएं मिलती है। यदि कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति कमजोर हो तो अक्सर जॉब या प्रमोशन आदि में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं यदि ये ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो जातक अपनी नौकरीपेशा जीवन में खूब आगे बढ़ता है। तो आइए इसी क्रम में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सा ग्रह नौकरी में उन्नति प्रदान करता है। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कुंडली में कौन से भाव का नौकरी से संबंध है।
प्रमोशन के लिए ये भाव माने जाते हैं महत्वपूर्ण
ज्योतिष के अनुसार, जिनकी कुंडली में सूर्य और गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि देवगुरु बृहस्पति शुभ स्थिति में मौजूद हों तो ऐसे लोगों की नौकरी स्थायी रहती है और ये लोग नौकरी में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ते हैं और खूब तरक्की करते हैं। वहीं यदि नौकरी में प्रमोशन या सफलता प्राप्त करनी हो तो इसके लिए मंगल, बुध और शनि ग्रह की शुभ स्थिति में होना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इन ग्रहों की मजबूत स्थिति से जातक को नौकरी में पदोन्नति प्राप्त होती है।
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कुंडली के इन भावों का नौकरी से संबंध
- किसी भी जातक की कुंडली का दसवां भाव जातक के करियर के बारे में जानकारी प्रदान करता है यानी जातक को कैसी नौकरी मिलेगी, उसका प्रमोशन कब होगा या उसे नौकरी में कब तक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा आदि।
- कुंडली के दसवें भाव के स्वामी का संबंध लग्नेश से होने के परिणामस्वरूप नौकरी में कभी भी कोई चुनौतियां या समस्या नहीं रहती और जातक को उसकी मेहनत का उचित परिणाम प्राप्त होता है। इसके साथ, ही वह तेजी से सफलता की ओर आगे बढ़ता है। लेकिन दसवें भाव में पाप या अकारक ग्रह के होने पर नौकरी स्थायी नहीं रहती है और कई प्रकार के उतार-चढ़ाव आते हैं।
- वहीं कुंडली के दसवें भाव में पापी या मायावी ग्रह राहु-केतु या फिर मंगल जैसे ग्रह होने पर कई बार नौकरी छूटने तक की नौबत आ जाती है।
- कुंडली के दसवें भाव में गुरु या सूर्य विराजमान हो तो मेहनत के अच्छे परिणाम प्राप्त होते है। साथ ही, प्रमोशन मिलने के आसार रहते हैं।
- वहीं जिन लोगों की कुंडली में गुरु और सूर्य दोनों शुभ या फिर उच्च स्थिति में हों तो उनकी नौकरी भी स्थायी रहती है और समय-समय पर तरक्की के योग भी बनते हैं। यानी आप अपनी नौकरी से पूरी तरह से संतुष्ट रहते हैं।
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अच्छी नौकरी और प्रमोशन इन ग्रहों की होती है भूमिका
सूर्य ग्रह
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दसवें भाव में सूर्य यदि केवल सूर्य मौजूद हों तो सरकारी नौकरी के मिलने योग अधिक रहते हैं। कुंडली में सूर्य की यदि स्थिति मजबूत हो तो जातक के अंदर लीडर बनने की क्षमता होती है और वे आगे बॉस बनने में सक्षम होते हैं। कई बार ऐसे लोग टीम लीडर और सीईओ तक बन सकते हैं।
मंगल ग्रह
यदि जातक की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में हो कार्यक्षेत्र में रुतबा बना रहता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। यही नहीं हर कोई जातक का सम्मान करता है और उसके प्रयासों की सराहना की जाती है।
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शनि ग्रह
लंबे समय से यदि नौकरी में समस्याएं आ रही है या आपके काम की सराहना नहीं हो रही है तो समझ जाइए कुंडली में शनि कमज़ोर स्थिति में विराजमान है। ज्योतिष के अनुसार, शनि के अंदर राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की क्षमता होती है। शनि ग्रह के खराब होने पर नौकरी में सफलता नहीं मिलती है। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए जातक को शराब, मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए और ऑफिस के दक्षिण दिशा को कभी गंदा नहीं रखना चाहिए।
बुध ग्रह
बुध बुद्धि, व्यापार, वाणी, त्वचा धन के कारक कारक माने जाते हैं। ऐसे में, कुंडली में बुध की स्थिति बहुत अधिक मायने रखती है। कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी होने पर लोग करियर में खूब तरक्की प्राप्त करते हैं। बुध की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप लोग अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर सही फैसले लेने में सक्षम होते हैं और अपने बॉस की आंखों का तारा बन जाते हैं, लेकिन वही यदि बुध कमज़ोर स्थिति में विराजमान हो तो कई बार हाथ आए मौके भी हाथ से निकल सकते हैं और लाख प्रयासों के बाद भी जातक को तरक्की नहीं प्राप्त हो पाती है।
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सूर्य, मंगल, शनि व बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए अपनाएं ये उपाय
- अगर कुंडली में सूर्य कमजोर है तो सुबह सूरज को अर्घ्य देना चाहिए और साथ ही ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
- मंगल ग्रह को मजबूत करने का सबसे आसान उपाय है बजरंगबली की पूजा करना चाहिए और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- शनि के शुभ प्रभाव के लिए शनिवार के दिन 7 बार शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- कुंडली में बुध को मजबूत करने के लिए मां दुर्गा , भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. करियर के लिए सूर्य, गुरु, मंगल, राहु व चन्द्र का बलवान होना शुभ होता है।
उत्तर 2. नौकरी में तरक्की और अच्छी नौकरी के लिए सूर्य, मंगल, शनि व बुध की स्थिति मजबूत होनी चाहिए।
उत्तर 3. ज्योतिष में भाग्य स्थान कुंडली के नवम भाव को माना जाता है।
उत्तर 4. अच्छी नौकरी के लिए सूर्य, मंगल, बृहस्पति और बुध ग्रह की पूजा करनी चाहिए।