बुध का कुंभ राशि में गोचर: जानें सभी 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव

बुध ग्रह का कुंभ राशि में गोचर: ग्रहों में राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं जिन्हें व्यापार, बुद्धि और वाणी का कारक माना गया है। अब बुध ग्रह 20 फरवरी 2024 से लेकर 07 मार्च 2024 तक कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि और व्यापार का कारक ग्रह माना गया है। इसके साथ-साथ बुध ग्रह वाणी और दूरसंचार आदि पर भी गहरा प्रभाव रखते हैं। यही कारण है कि बुध का गोचर में परिवर्तन इन क्षेत्रों में प्रभाव डालता है। 20 फरवरी 2024 को बुध ग्रह शनि ग्रह की दूसरी राशि अर्थात कुंभ राशि में शनि के साथ ही गोचर करने वाले हैं। 

नैसर्गिक और तात्कालिक दोनों तरह की मित्रता की कसौटी पर कसने के बाद बुध के लिए यह शत्रु राशि मानी जाएगी। ऐसे में, सामान्य तौर पर बुध की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगी। फलस्वरूप सूचना और प्रसारण से संबंधित मामलों में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बुध के इस गोचर को थोड़ा सा कमजोर कहा जाएगा। आइए जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा।

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बुध का कुंभ राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय

मेष राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर आपके लाभ भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, बुध आपको सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम दे सकते हैं। फलस्वरूप आप यात्राओं के माध्यम से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नौकरी और व्यवसाय दोनों में अच्छा लाभ मिल सकता है। इस समय अवधि में वरिष्ठों की सलाह आपको काफी अच्छे परिणाम दिलवाने में सहायक बन सकती है।

उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा। 

वृषभ राशि

 बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। फलस्वरूप आपका कार्य व्यवसाय बेहतर होगा। आर्थिक मामलों में भी आप अच्छा कर सकेंगे। विद्यार्थियों को भी सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में आप अच्छा कर सकते हैं। सामाजिक रूप से भी इस गोचर को अनुकूल कहा जाएगा।

उपाय: मंदिर में चावल और दूध का दान करना शुभ रहेगा। 

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मिथुन राशि

बुध आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके भाग्य भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल नहीं माना गया है लेकिन राशि स्वामी का भाग्य स्थान पर जाना कुछ मामलों में भाग्यवर्धन का काम भी कर सकता है। वैसे इस अवधि में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। विशेषकर आर्थिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वहन करने की आवश्यकता रहेगी।

उपाय: मिट्टी के बर्तन में मशरूम भरकर किसी धार्मिक स्थान में दान करना शुभ रहेगा। 

कर्क राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके आठवें भाव में पहुंचे हैं। फलस्वरूप दूर के स्थान से संबंधित कार्य जो लंबे समय से रुके हुए थे अचानक से आगे बढ़ सकते हैं कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। अप्रत्याशित लाभ के साथ-साथ कामों में सफलता और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने में भी बुध का यह गोचर आपके लिए मददगार हो सकता है।

उपाय: मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर किसी सुनसान जगह पर दबाना शुभ रहेगा।

सिंह राशि

बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके सप्तम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर सप्तम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन लाभ भाव का स्वामी सप्तम भाव में पहुंचा है। फलस्वरूप व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में सावधानी पूर्वक किया गया कार्य या प्रयास कुछ मामलों में सार्थक परिणाम भी दे सकता है। वैसे बुध के इस गोचर को ध्यान में रखते हुए आपको कार्य व्यापार और शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में कोई भी बड़ा रिस्क लेने से बचना है।

उपाय: जुआ, सट्टा, लॉटरी जैसे आर्थिक रिस्क से बचना उपाय की तरह काम करेगा। 

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कन्या राशि

बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में ये आपके छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे लग्न या राशि स्वामी का छठे भाव में जाना स्वास्थ्य के मामले में कमजोर माना जाता है लेकिन बुध का गोचर छठे भाव में अच्छा माना जाता है। अतः विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम के मिलने की संभावनाएं हैं। फिर भी स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना समझदारी का काम होगा। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में बुध का यह गोचर आपको काफी अच्छे लाभ दिला सकता है।

उपाय: किसी बोतल में गंगाजल भरकर खेतिहर जमीन में दबाना शुभ रहेगा।

तुला राशि

बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना गया है। फलस्वरूप किसी बात को लेकर मन अशांत रह सकता है। संतान से संबंधित मामलों में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। इस समय अवधि में किसी भी प्रकार का आर्थिक रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। दूर की यात्राओं को भी यथासंभव टालना समझदारी का काम होगा।

उपाय: उपाय के रूप में गाय की सेवा करना शुभ रहेगा। 

वृश्चिक राशि

बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। फलस्वरूप आपको कुछ अच्छे लाभ मिल सकते हैं। खासकर जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। घरेलू सुख सुविधाओं को एकत्र करने में यह गोचर मददगार बन सकता है। कुछ प्रतिष्ठित या बड़े लोगों से मित्रता भी संभावित है।

उपाय: चिड़ियों को दान चुगाना शुभ रहेगा। 

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धनु राशि

बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। फलस्वरूप आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। कार्य व्यापार को लेकर यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। कुछ कठिनाइयों के बाद यात्राएं फायदा दिलाने का काम कर सकती हैं। इस समय मन में कुछ अज्ञात भय के भाव रह सकते हैं। इस अवधि में यथासंभव भाई बंधुओं से विवाद को टालना समझदारी का काम होगा। हालांकि नए मित्रों के बनने की संभावनाएं भी प्रतीत हो रही हैं।

उपाय: अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा। 

मकर राशि

बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। यहां पर बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। फलस्वरूप नौकरीपेशा लोगों को इस अवधि में काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। आर्थिक मामले में भी यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है। विद्यार्थियों को भी तुलनात्मक रूप से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

उपाय: मांस मदिरा अश्लीलता आदि से बचना शुभ रहेगा। 

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कुंभ राशि

बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा पहले भाव के स्वामी होकर आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध के गोचर को यहां पर अच्छा नहीं माना गया है। ऊपर से राहु का गोचर भी दूसरे भाव में बना हुआ है। फलस्वरूप इस अवधि में आपको अपनी वाणी पर पूरा संयम रखना जरूरी रहेगा। आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है तथा संबंधियों का पूरा आदर सत्कार करते रहना है।

उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा। 

मीन राशि

बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। द्वादश भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता अतः इस अवधि में आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है। यथासंभव दूर की यात्राओं को टालने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। व्यापार व्यवसाय में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी या जीवनसंगिनी के स्वास्थ्य और भावनाओं का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा।

उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा। 

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