बुद्ध पूर्णिमा 2024: हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है जो कि प्रत्येक वर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर आती है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्मदिवस माना गया है और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी इस दिन ही हुई थी इसलिए यह तिथि बेहद ख़ास हो जाती है। हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के अनुयायी बुद्ध जयंती को मानते हैं। इसका साक्षात उदारहण भारत समेत विश्व में स्थित कई ऐसे मंदिरों में मिलता है जो श्री हरि विष्णु और भगवान बुद्ध के संयुक्त मंदिर हैं। हालांकि, दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा को मनाने के तरीके में भिन्नता देखने को मिलती है।
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एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको “बुद्ध पूर्णिमा 2024” के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि व मुहूर्त आदि। इसके अलावा, आपको बुद्ध पूर्णिमा का महत्व और इस दिन क्या करें और क्या न करें, यह भी हम आपको बताएंगे। साथ ही, किन उपायों को करने से दूर होंगी समस्याएं आदि से भी हम आपको अवगत करवाएंगे। तो आइये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की और सबसे पहले जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा तिथि के बारे में।
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बुद्ध पूर्णिमा 2024: तिथि व मुहूर्त
बौद्ध धर्म को समर्पित एक प्रसिद्ध त्योहार है बुद्ध पूर्णिमा और यह भगवान गौतम बुद्ध के जन्मदिन का प्रतीक माना गया है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल बुद्ध जयंती को वैशाख मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह पूर्णिमा सामान्य रूप से मई या अप्रैल के महीने में आता है।
बुद्ध पूर्णिमा 2024 तिथि: 23 मई 2024, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 22 मई 2024 की शाम 06 बजकर 49 मिनट से,
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 23 मई 2024 की शाम 07 बजकर 24 मिनट तक।
बुद्ध पूर्णिमा पर 200 वर्षों बाद दुर्लभ योग
इस वर्ष की बुद्ध पूर्णिमा इस वजह से भी खास और अनोखी मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई दुर्लभ योग बनने वाले हैं। बात करें इन योगों की तो, 23 मई को है और इस दिन दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन सुबह लगभग 11 बजकर 22 मिनट तक शिव योग रहने वाला है।
इसके अलावा इस दिन गुरु, शुक्र और सूर्य, ये तीनों महत्वपूर्ण ग्रह वृषभ राशि में होंगे जिसके चलते त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।
गुरु और सूर्य की युति से गुरु आदित्य योग भी इस दिन बनने वाला है।
सिर्फ इतना ही नहीं इस दिन गजलक्ष्मी और शुक्रादित्य योग भी बनेगा। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इन शुभ योगों में अगर कोई काम किया जाए तो ये जातक के लिए अति शुभ साबित हो सकते हैं।
200 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग: 6 मई को शनि ने पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश किया था। दरअसल अपनी ही राशि कुम्भ में शनि का इस नक्षत्र में प्रवेश 200 वर्षों बाद हुआ है।
ऐसे में यदि बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य किए जाएँ तो व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि अवश्य प्राप्त होती है। क्या कुछ हैं ये काम- आइये जान लेते हैं:
- इस दिन पीपल के पेड़ में जल अवश्य अर्पित करें।
- चंद्रमा को दूध में चावल और चीनी मिलाकर अर्घ्य दें।
- माँ लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें 11 कौड़ियाँ अर्पित करें।
- इस दिन कुछ समय चंद्रमा की रोशीनी में अवश्य खिलाएँ।
- इस दिन ध्यान-योग अवश्य करें।
इन राशियों की चमकेगी किस्मत
मेष राशि: मेष राशि के जातकों को अचानक से धनलाभ होगा, आय में इजाफा होगा, कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन बेहतर होगा और आप अपने खर्चों पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लेंगे। इस राशि के जातकों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, व्यापारी जातक भी मोटा मुनाफा कमाएंगे और छात्र जातकों की एकाग्रता बढ़ेगी।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा, आपके पिता के साथ आपके रिश्ते मजबूत बनेंगे, पारिवारिक जीवन खुशहाल बनेगा और संतान की तरफ से खुशियाँ मिलने की भी संभावना है।
कुम्भ राशि: कुम्भ राशि के जातकों की आय में वृद्धि होगी, आपकी आय के स्त्रोत बढ़ेंगे, अचानक से धन प्राप्ति के योग बनेंगे। इसके अलावा अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए समय बेहद अनुकूल है। इस अवधि में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। व्यवसायी जातकों को भी इस अवधि में लाभ मिलेगा और वैवाहिक जातकों के लिए भी ये समय बेहद शुभ रहने वाला है।
बुद्ध पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
बुद्ध पूर्णिमा के धार्मिक महत्व की बात करें, तो बुद्ध जयंती के अलावा यह वैशाख पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या पीपल पूर्णिमा कहा जाता है। वैसे, हम सब जानते हैं कि हर माह की पूर्णिमा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन इनकी पूजा बहुत श्रद्धाभाव से की जाती है। साथ ही, वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। बता दें कि भगवान बुद्ध को श्री हरि का नौवां अवतार माना जाता है इसलिए इन्हें देवता का दर्जा प्राप्त है।
इनके अनुयायी भारत समेत एशिया के अधिकांश भाग में पाए जाते हैं और इस वजह से बुद्ध पूर्णिमा देश के साथ-साथ पूरे एशिया में मनाई जाती है। भारत के बिहार स्थित बोधगया में भगवान बुद्ध को समर्पित एक पवित्र तीर्थस्थल है जहां महाबोधि का एक मंदिर है। यह मंदिर बौद्ध धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान बुद्ध ने अपनी युवावस्था में सात सालों तक कठोर तपस्या की थी और उन्हें यहां ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी।
बुद्ध जयंती के दिन बौद्ध धर्म में विश्वास रखने वाले लोग दूर-दूर से बोधगया में दर्शन के लिए जाते हैं। इस दिन बोधि वृक्ष का पूजन किया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध को इसी वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोग व्रत और विधि-विधान से पूजा करते हैं। हालांकि, इस पूर्णिमा तिथि का संबंध भगवान विष्णु से भी होता है इसलिए इस दिन भगवान बुद्ध के साथ-साथ चंद्र देव व विष्णु जी की भी पूजा-अर्चना का विधान है। इस तिथि पर दान करने से मनुष्य को पुण्य प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का अपना ही महत्व है क्योंकि यह वर्ष भर में आने वाली पूर्णिमा तिथियों में श्रेष्ठ है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा नदी एवं तीर्थ स्थलों पर पवित्र जल में स्नान को भी शुभ और पापनाशक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि वैशाख में पूर्णिमा के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होते हैं इसलिए इस व्रत को नीति-नियम और विधिपूर्वक करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
धर्मराज की पूजा से मिलेगा आशीर्वाद
बुद्ध पूर्णिमा के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की भी परंपरा है। इस तिथि पर जल से भरे कलश, जूते, छाता, पंखा, सत्तू, पकवान आदि का दान करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति दान करता है, उसे गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से धर्मराज का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनुष्य को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें?
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व उठें और घर की साफ-सफाई करें।
- इसके पश्चात, व्रत का संकल्प करें और पूरे दिन का उपवास रखें।
- रात के समय में चंद्रदेव को फूल,धूप, दीप, अन्न, गुड़ आदि अर्पित करें।
- इस दिन मंदिर जाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। साथ ही, श्री हरि की विधि-विधान से पूजा करें।
- अगर हो सके, तो बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान अवश्य करें। ऐसा करने से पूर्वजन्म के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
- इस तिथि पर किया गया दान-पुण्य बेहद शुभ होता है इसलिए ब्राह्मणों को जल से भरा हुआ मिट्टी का कलश और अनेक तरह के पकवान भी दान करना चाहिए।
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बुद्ध पूर्णिमा पर क्या न करें?
- बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन जैसे मांसाहार, मदिरा आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
- इस तिथि पर तुलसी के पत्तों को तोड़ने से परहेज़ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु आपसे नाराज़ हो सकते हैं।
- इस दिन किसी की बुराई करने से बचें और न ही अपने मन में किसी तरह के नकारात्मक विचार लेकर आएं।
बुद्ध पूर्णिमा पर राशि अनुसार करें ये उपाय, चमक उठेगी आपकी किस्मत
मेष राशि
मेष राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही, आप विष्णु जी को हल्दी का तिलक करें और लक्ष्मी जी को सिंदूर अर्पित करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले इस दिन भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और घर के प्रवेश द्वार पर भी घी का दीपक रखें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक वैशाख पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं और यह प्रसाद पूरे परिवार को देने के बाद खुद भी ग्रहण करें।
कर्क राशि
कर्क राशि वाले अगर अपने जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु का चंदन से तिलक करें। आप चाहे तो लड्डू गोपाल का केसर मिले दूध से स्नान कर सकते है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। साथ ही, चरणामृत के प्रसाद का भोग लगाएं। ऐसा करने से घर-परिवार की आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है और समृद्धि आती है।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए इस पूर्णिमा पर घर में हवन करन शुभ रहेगा। बुद्ध पूर्णिमा पर आम की लकड़ियों से हवन और गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपके जीवन में खुशहाली आती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी जी की पूजा एवं आरती करना फलदायी रहेगा। उन्हें लाल फूल भी अर्पित करें। ऐसा करने से आपका जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण रहेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोग इस दिन देवी लक्ष्मी को लाल रंग के फूल चढ़ाएं। साथ ही, विष्णु जी की आरती करें। इससे घर-परिवार में बरकत बनी रहेगी।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर विष्णु जी को पीले चावल का भोग लगाएं और उनकी पूजा में पीले फूलों का उपयोग करें। इससे आपके जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है।
मकर राशि
मकर राशि वाले इस पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य दें और घर-परिवार की कुशलता की कामना करें। ऐसा करने से आपके घर में खुशहाली बनी रहती है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वाले बुद्ध पूर्णिमा के दिन गरीबों एवं जरूरतमंद को भोजन कराएं और उन्हें जरूरत की सामग्री दान में दें। यह उपाय आपके जीवन में खुशहाली लेकर आता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंदिर में दर्शन जरूर करने चाहिए। इस उपाय को करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्मदिवस माना गया है
उत्तर 2. 23 मई 2024, गुरुवार के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाएगा।
उत्तर 3. बुद्ध पूर्णिमा पर जल से भरे कलश और ठंडे फलों का दान करना चाहिए।
उत्तर 4. बुद्ध पूर्णिमा पर जल से भरे कलश और ठंडे फलों का दान करना चाहिए।