बृहस्पति का ‘अतिचारी’ गोचर 2032 तक चलेगा। तो क्या बृहस्पति की इस चाल की वजह से हमारे आसपास कोई खतरा मंडरा रहा है? एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में हम आपको अतिचारी बृहस्पति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम बात की जाती है। इसे लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे लेकिन सबसे पहला और अहम सवाल यही होगा कि आखिर इस अतिचारी बृहस्पति का मतलब क्या है?

आखिर, किसी ग्रह के अपनी सामान्य गति से थोड़ा तेज चलने में समस्या क्या है? इसे लेकर इतना शोर क्यों हो रहा है? बता दें कि जब कोई ग्रह अपनी सामन्य गति से तेज चलता है, तो यह कोई शुभ बात नहीं है लेकिन यह हमेशा बुरा भी नहीं होता है। आमतौर पर इस स्थिति में कोई भी ग्रह अचानक, अस्थिर, असामान्य या अप्रत्याशित परिणाम दे सकता है।
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बृहस्पति अतिचारी 2032 तक: क्या है मतलब
वैदिक ज्योतिष में अतिचारी बृहस्पति का अर्थ है जब गुरु ग्रह किसी राशि में अपनी सामान्य गति से ज्यादा तेजी से गोचर करता है। सामान्य तौर पर बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 12 से 13 महीने का समय लगता है। हालांकि, जब बृहस्पति की गति तेज हो जाती है, तब यह जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि करियर, प्रेम जीवन और विकास पर गहरा एवं महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। अतिचारी का मतलब है ‘बहुत तेज’ या ‘त्वरित’। बृहस्पति बुद्धि, समझ और सौभाग्य का प्रतीक है इसलिए जब यह तेज गति से चलता है, तो इसके त्वरित और गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं। इस समय बृहस्पति ज्यादा तेज गति से चल रहे हैं जिस वजह से बृहस्पति अपने प्राकृतिक कारकत्व में कमी लाएंगे। हालांकि, इस तेज गति से चलने की वजह से वह आपको गलत जानकारी दे सकता है जिससे आप गलत तथ्यों पर भरोसा कर के ऐसे फैसले ले सकते हैं जो आप सामान्य परिस्थिति में नहीं लेते। यह गोचर प्रगति, सुख-सुविधा और संपन्नता प्रदान करेगा।
तो अब आपको पता चल गया कि अतिचारी बृहस्पति क्या होता है, अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि क्या ऐसा पहली बार हो रहा है या पहले भी ऐसा हो चुका है? आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भी ऐसी घटना होती है, तब दुनिया किसी ऐसी बड़ी आपदा का सामना करती है या उसे पार करती है जिसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव-जंतु पर पड़ता है।
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बृहस्पति अतिचारी 2032 तक: अतीत में इसका प्रभाव
पिछली शताब्दियों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब बृहस्पति ने अतिचारी गति में गोचर किया है और इस दौरान भारत और दुनियाभर में इतिहास की कई घटनाएं घटीं। जब बृहस्पति किसी भी राशि में अतिचारी होता है, तब यह अशांति लेकर आता है और ऐसे निर्णय दिलवाता है जो किसी व्यक्ति को खुश नहीं कर सकते हैं। बृहस्पति एक शुभ ग्रह है और इसके तेज गति से चलने से कई बार उथल-पुथल और अस्थिरता आती है। वर्तमान समय में दुनिया के पूर्वी और पश्चिमी देशों के मध्य संघर्ष चल रहा है और यह वैश्चिक स्तर पर एक बड़े असंतुलन के आने का संकेत दे रहा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब कुरूक्षेत्र में ऐतिहासिक महाभारत युद्ध हुआ था, तब बृहस्पति अतिचारी थे। उस समय कौरवों और पांडवों के बीच जबरदस्त रक्तपात के बाद पांडवों ने सत्ता हासिल कर बड़ा परिवर्तन किया था।
वहीं द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी कई महान ज्योतिषियों ने बृहस्पति को अतिचारी देखा था और दुनिया पर मंडरा रहे बड़े खतरे की भविष्यवाणी की थी। उस समय सेना और आम नागरियों को मिलाकर कुल 75 मिलियन लोग मारे गए थे।
15 अगस्त, 1947 को भारत की स्वतंत्रता एक और बड़ी घटना थी। यह भी सत्ता में बड़ा बदलाव था और इस बार भी खूब रक्तपात हुआ था। आश्चर्य की बात है कि जब ब्रिटिश उपनिवेश से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद देश के नेताओं ने सत्ता संभाली। आज़ादी के लिए लंबी और थका देने वाली जंग में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की बाज़ी लगाई और भारत को स्वतंत्र करवाया।
कोरोना वायरस : एक वैश्विक महामारी और आर्थिक मंदी
साल 2020 में बृहस्पति के फिर से तेज गति से चलने की वजह से दुनिया को कोरोना वायरस जैसी महामारी का प्रकोप झेलना पड़ा। इस महामारी ने हर तरीके से परेशानियां खड़ी की, लोग बेघर हो गए, नौकरियां चली गईं, दुनियाभर में कई लोगों की जान गई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली।
हालांकि, कोविड-19 को राहु-केतु की चाल और प्रभाव से भी जोड़कर देखा जाता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कोरोना वायरस को बहुत ही कम समय में तेजी से फैलाने में बृहस्पति की भी अहम भूमिका रही है। बृृहस्पति का स्वभाव विस्तार करने का है और यह बहुत तेजी से चीज़ों को बढ़ाता है। इस बार बृहस्पति की तेज गति ने इस ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
वर्तमान की स्थिति और ऐसे क्षेत्र जिन पर ध्यान देना चाहिए
बृहस्पति की अतिचारी अवधि खासतौर पर 2025 से लेकर 2032 तक निजी जीवन, करियर और दुनियाभर में बड़े बदलाव लेकर आएगी। वर्तमान में चल रहे युद्ध, संघर्ष और संकट, यह दर्शाते हैं कि इन कुछ वर्षों में वैश्विक स्थिति में कितनी तेजी से बदलाव आया है और इन बदलावों के प्रभाव अब और अधिक स्पष्ट नज़र आएंगे। यदि वैश्विक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें, तो तीन प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा:
- सरकार
- अर्थव्यवस्था
- धर्म
यह घटना और बृहस्पति की तेज गति दुनियाभर में कई युद्धों को तेज करने का काम कर सकती है। जैसा कि हम पहले से ही देख रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है और फरवरी 2022 से ही युद्ध चल रह है। वहीं दूसरी ओर, इज़राइल अपनी ही परेशानियों से जूझ रहा है। वहीं 29 मार्च, 2025 को शनि के मीन राशि में प्रवेश करने के बाद 30 मार्च, 2025 को छह ग्रहों की मीन राशि में युति हो चुकी है। यह स्थिति अतिचारी बृहस्पति के साथ मिलकर दुनिया को एक बड़ी आर्थिक मंदी की ओर धकेल सकती है जो कि 1929 की तरह ही भयानक हो सकती है।
इस चरण के गुज़र जाने के बाद दुनिया की कई बड़ी अरअर्थव्यवस्थाएं पूरी तरह से बिखर सकती हैं और इन देशों को इससे उबरने में वर्षों का समय लग सकता है और भारत भी इनमें से एक होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि और राहु की युति होती है, तब यह लोगों और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए वित्तीय संकट का समय होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब शनि बृहस्पति की किसी भी राशि में गोचर करता है, तब वैश्विक स्तर पर ‘दुर्भिक्षा’ या मंदी की स्थिति बन सकती है क्योंकि बृहस्पति धन का कारक हैं और शनि दरिद्रता का कारक हैं। इसलिए जब शनि बृहस्पति की राशि में होता है, तो धन के मामले में हमेशा असंतुलन की स्थिति पैदा होती है।
2025 की शुरुआत से ही विभिन्न धर्मों और संस्कृति के लोग अपनी परंपराओं एवं संस्कारों को बनाए रखने को लेकर अधिक कट्टर और दृढ़ हो सकते हैं। चाहे वह भारत हो, अमेरिका हो या फिर कोई अन्य देश हो, लोग अपने धर्म को थोपने में अधिक कठोरता दिखा सकते हैं या फिर नौकरियों और सेवाओं आदि में विदेशियों की तुलना में अपने समुदाय के लोगों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति दिख सकती है।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
बृहस्पति अतिचारी 2032 तक: 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। कुंडली का नौवां भाव धर्म का और बारहवां भाव अलगाव या विदेश यात्रा का कारक होता है। साल 2025 में 01 मई से ही बृहस्पति मेष राशि के तीसरे भाव में विराजमान है। बृहस्पति की नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से इस समय आपकी आध्यात्मिक कार्यों में अधिक रुचि हो सकती है।
कुछ लोगों के लिए विदेश यात्रा या विदेश में बसने के योग बन सकते हैं जिससे उन्हें निश्चित रूप से लाभ होगा। बृहस्पति लेखकों, मीडियाकर्मियों, कलाकारों आदि को उत्तम परिणाम प्रदान करेगा। हालांकि, बृहस्पति की नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आप धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यों में धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी बृहस्पति ग्रह है। कुंडली का आठवां भाव आकस्मिक घटनाओं और ग्यारहवां भाव बड़े भाई-बहनों का कारक होता है। बृहस्पति आय और पारिवारिक संपत्ति का कारक है। गुरु का दूसरे भाव में होना अत्यंत शुभ माना जाता है। आमतौर पर यह सौभाग्य, आर्थिक समृद्धि और मज़बूत नैतिक मूल्यों का संकेत देता है। आठवें भाव का स्वामी होने की वजह से बृहस्पति आपके लिए वित्तीय समस्याएं पैदा कर सकते हैं। वहीं अतिचारी बृहस्पति आपकी सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेंगे लेकिन आपको कुछ लाभ भी दे सकते हैं। यह समय आपके लिए औसत रहेगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के पहले घर में बृहस्पति का गोचर होने जा रहा है और इस राशि के सातवें और दसवें भाव का स्वामी बृहस्पति है। इस गोचर से उत्पन्न किसी भी प्रकार के अप्रिय विचार से बचने के आपको सचेत प्रयास करना चाहिए। आपको इस समय दीर्घकालिक लाभ मिलने को संभावना कम है।
करियर की बात करें, तो आपको काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है या नौकरी में बदलाव के भी योग हैं लेकिन ये विकल्प उतने अच्छे नहीं होंगे जितनी आप उम्मीद कर रहे हैं। यदि इस समयावधि में व्यापारियों को अपनी उम्मीद के अनुसार लाभ न मिला तो, उन्हें चिंता हो सकती है। आप आर्थिक रूप से स्थिर हो सकते हैं लेकिन फिर भी आपको लगेगा कि आपको आमदनी आपके खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। आपके और आपके पार्टनर के बीच अहंकार के कारण मतभेद हो सकते हैं जिससे आपके रिश्ते का संतुलन बिगड़ सकता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के छठे और नौवें भाव का स्वामी बृहस्पति है और अब वह आपके बारहवें भाव में हैं। इस घटना के कारण आपको अपने बढ़ते हुए दायित्वों को संभालना मुश्किल हो सकता है। इस समय आपको लोन लेने के लिए दबाव महसूस कर सकते हैं।
करियर की बात करें, तो आपको अपनी नौकरी में दबाव महसूस हो सकता है जो कि इस समयावधि में आऊ ज्यादा बदतर हो सकता है। व्यापारी नई चीजें करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं जिससे उन्हें पैसा कमाने में मदद मिलेगी। हालांकि, कंपनी के सफल होने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की ज़रूरत है। वित्त की बात करें तो इस समय आपको धन को सावधानीपूर्व संभालने की ज़रूरत है क्योंकि लापरवाही की वजह से परेशानियां हो सकती हैं।
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सिंह राशि
सिंह राशि के पांचवें और आठवें भाव का स्वामी बृहस्पति है और अब वह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहा है। आपकी इच्छाएं पूरी होंगी और आपको अचानक लाभकारी अनुभव हो सकते हैं।
नौकरीपेशा जातक लगातार प्रगति करेंगे और दीर्घकालिक सफलता के लिए आधार तैयार करेंगे। इस समय आपके प्रयासों को पहचान मिलेगी। अगर आप खासतौर पर ट्रेडिंग या स्टॉक के बिजनेस करते हैं, तो इस दौरान आपकी अच्छी आमदनी होगी और आपको रोमांचक अवसर प्राप्त होंगे। वित्त की बात करें, तो आपको बड़ा लाभ हो शक्तभाई और आपको अपनी बचत के अवसर बढ़ाने के अवसर मिलेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के चौथे और सातवें भाव का स्वामी बृहस्पति है जो कि अब आपके दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहा है। इस समय आप कम सहज महसूस कर सकते हैं। लेकिन आप अपने रिश्तों और करियर पर अधिक ध्यान देते हुए नज़र आएंगे।
करियर की बात करें, तो आपकी नौकरी में लाभकारी बदलाव होने की संभावना है। व्यापारियों को उच्च आय के लिए पर्याप्त अवसर प्राप्त होंगे जिससे आप उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। वित्त की बात करें, तो इस समयावधि में आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के संकेत हैं और इसका श्रेय आपके भाग्य को जाता है।
तुला राशि
तुला राशि के तीसरे और छठे भाव का स्वामी बृहस्पति इस राशि के नौवें भाव में अतिचारी है। इस समय आप अपनी काबिलियत से ज्यादा कुछ हासिल कर सकते हैं और आपको यात्रा करने के अधिक अवसर मिलेंगे। अब आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलना शुरू हो सकता है।
करियर की बात करें, तो आपको विदेश से नए अवसर मिलने की संभावना है जो आपके लिए अनुकूल साबित होंगे। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप इस समय नई व्यावसायिक योजनाएं बना सकते हैं जिनमें अधिक धन कमाने की क्षमता होगी। वित्तीय जीवन की बात करें, तो इस समय आप आर्थिक रूप से मज़बूत रहेंगे। आपको यात्रा के ज़रिए अधिक धन कमाने के अवसर मिलेंगे। निजी जीवन में आपका जीवनसाथी आपकी ईमानदारी की सराहना कर सकता है।
वृश्चिक राशि
अतिचारी बृहस्पति वृश्चिक राशि के आठवें भाव में हैं जिससे आपके लिए कुछ कठिनाईयां उत्पन्न हो सकती हैं। इस राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी बृहस्पति हैं। अगर आप नौकरी के नए अवसरों को अनदेखा करते हैं, तो आपको अपने करियर में परेशानियां हो सकती हैं। इस समयावधि में आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करते समय सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि इस दौरान कार्यक्षेत्र में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो आपके अवसरों और आमदनी में गिरावट आने की आशंका है। इन अड़चनों से उबरने के लिए व्यवस्थित और रणनीतिक योजना बनाना आवश्यक है। धन की बात करें, तो आप सामान्य रूप से धन कमाएंगे। अगर आप पैसा कमा भी लेते हैं, तो भी इसके डूबने का खतरा रहेगा। आपके लिए बचत करना मुश्किल हो सकता है।
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धनु राशि
धनु राशि के सातवें भाव में बृहस्पति है जो कि इस राशि के पहले और चौथे भाव का स्वामी भी है। इस समय आपकी अध्यात्म रुचि अधिक बढ़ सकती है। आप अपने आध्यात्मिक विकास की खोज में अधिक धन खर्च कर सकते हैं।
आपको काम के सिलसिले में अधिक यात्रा करनी पड़ सकती है और इनमें से कुछ यात्राएं मुश्किल साबित होंगी। व्यापारियों के लिए इस समयावधि में अधिक लाभ अर्जित करना प्राथमिकता रहने वाली है। अगर आप रणनीतिक योजना के साथ आगे बढ़ते हैं, तो आपके प्रयास अच्छे वित्तीय परिणाम देंगे और आप धन संचय भी कर सकते हैं।
मकर राशि
मकर राशि के छठे भाव में बृहस्पति रहेंगे और इस राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं। इस समय आपको अप्रत्याशित आय होने के संकेत हैं। बृहस्पति के अतिचारी होने के दौरान लोन लेना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
आप अपने काम में अधिक रुचि लेंगे और सेवा भावना से प्रेरित होकर काम कर सकते हैं जिससे आपको संतुष्टि महसूस होगी। हालांकि, अगर आप बिज़नेस करते हैं, तो आपको इस समय अपने व्यवसाय के दायरे को सीमित करने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इस दौरान आपके लिए मुनाफा कमाना कठिन हो सकता है। आपके खर्चों में वृद्धि होने और वित्तीय नुकसान के योग बन रहे हैं जिससे नई जिम्मेदारियों के चलते लोन लेने की ज़रूरत बढ़ सकती है।
कुंभ राशि
बृहस्पति इस राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके पांचवे भाव में उपस्थित हैं। इससे आपको अनुकूल और लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे। इस समय आप आत्मविश्वास से भरपूर और आशावादी महसूस करेंगे।
करियर के मामले में आप अपनी स्थिति से संतुष्ट रहने वाले हैं। इसके अलावा आपको अपने प्रयासों के लिए सराहना और मान्यता मिल सकती है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो इस समय आपको सफलता मिलेगी और खासतौर पर ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में काम करने वाले लोगों की आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपकी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी होने के आसार हैं। जैसे-जैसे आप अधिक पैसा बचाने की मानसिकता रखेंगे, वैसे-वैसे आपको अधिक धन कमाने और बचाने के वित्तीय अवसर प्राप्त होंगे।
मीन राशि
मीन राशि के पहले और दसवें भाव के स्वामी बृहस्पति हैं जो कि अब आपके चौथे भाव में हैं। इससे आपको अधिक सुख-सुविधा मिल सकती है। इस समय आप अपने करियर को लेकर अधिक ध्यान केंद्रित रहेंगे। आपको यात्रा करने के अधिक अवसर मिलेंगे और आप शायद स्थानांतरण भी कर सकते हैं।
आपका आत्मविश्वास और तेजी से निर्णय लेने की क्षमता आपको अपने कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता और प्रगति दिला सकती है। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आप विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में सफल होंगे, अधिक पैसा कमाएंगे और आपको महत्वपूर्ण लाभ मिल सकता है। धन की बात करें, तो इस समय आपकी आय और खर्चों दोनों में वृद्धि देखने को मिलेगी। आपका पारिवारिक कार्यक्रमों और स्वास्थ्य पर खर्चा हो सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. अतिचारी का अर्थ होता है जब कोई ग्रह अपनी सामान्य गति से अधिक तेजी से चलता है और इसका लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
उत्तर. हां, बृहस्पति सबसे शुभ ग्रहों में से एक है।
उत्तर. 2032 तक गुरु अतिचारी रहने वाले हैं।