जून में इस तारीख से लग रहा है आषाढ़ का महीना, कुछ आसान उपायों से बन सकते हैं अमीर

हिंदू धर्म में साल के तीसरे महीने को आषाढ़ माह के नाम से जाना जाता है। यह महीना इसलिए बहुत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसमें कई व्रत और त्‍योहार आते हैं। आध्‍यात्मिक और ज्‍योतिषीय दृष्टि से इस माह का बहुत ज्‍यादा महत्‍व है। इस महीने में भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस महीने में मां दुर्गा के गुप्‍त नवरात्रि भी आते हैं। इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि इस साल आषाढ़ महीने की शुरुआत कब हो रही है।

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कब शुरू हो रहा है आषाढ़ माह

वैदिक पंचांग के अनुसार 22 जून को सुबह 06 बजकर 39 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्‍ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन सुबह 05 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार आषाढ़ महीने की शुरुआत 23 जून को हो रही है। यह महीना 21 जुलाई, 2024 को समाप्‍त होगा। ऐसा माना जाता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्‍कर योग की स्‍थापना इसी दिन हुई थी।

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आषाढ़ माह का क्‍या महत्‍व है

ज्‍योतिष में इस महीने को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में धार्मिक तीर्थस्‍थलों की यात्रों करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है। प्राचीन मंदिरों और पौराणिक स्‍थानों का दर्शन करना चाहिए। आाषाढ़ महीने में आने वाली देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्‍णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस समय उनकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं इस महीने में आने वाली गुप्‍त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

आषाढ़ माह को लेकर नियम

ऋतु में परिवर्तन आने का प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। एक ऋतु के खत्‍म होने के बाद दूसरी ऋतु के शुरू होने पर पाचन शक्‍ति में भी बदलाव आता है। इस महीने में बारिश होने की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है। यही वजह है कि इस दौरान खानपान का विशेष ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है। इस समय बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए।

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आषाढ़ महीने में क्‍या करना चाहिए

आषाढ़ महीने में लोगों को कुछ विशेष नियमों का पालन एवं उपाय करने चाहिए।

आप आषाढ़ के महीने में रोज़ सुबह उठकर ‘ॐ नम: शिवाय’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इसके अलावा ध्‍यान भी कर सकते हैं।

इस माह में सूर्योदय से पहले उठें और स्‍नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।

गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। उन्‍हें कपड़े और छाता दान में दें।

इस महीने में तीर्थयात्रा करने से भी अधिक पुण्‍य मिलता है। स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है और मानसिक शांति भी मिलती है।

इस महीने में ही गुरु पूर्णिमा आती है इसलिए इस दौरान अपने गुरु का सम्‍मान करें और उनका आशीर्वाद लें।

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कैसे होते हैं आषाढ़ मास में जन्‍मे लोग

इस महीने में जिन लोगों का जन्‍म होता है, वे मनमौजी और मस्‍त हाेते हैं। ये दूसरों को बहुत आसानी से प्रभावित कर देते हैं। ये लोग बहुत समझदारी और मेहनती होते हैं। इसके साथ ही इन्‍हें दूसरों से अपने काम निकलवाना बखूबी आता है। इन्‍हें अकेले रहना बिल्‍कुल भी अच्‍छा नहीं लगता है।

ये अपने दोस्‍तों के साथ ज्‍यादा खुश रहते हैं। इन्‍हें घूमने-फिरने का भी शौक होता है। ये तीर्थस्‍थल की यात्रा करना भी पसंद करते हैं। इन लोगों को समझ पाना काफी मुश्किल होता है। इनका मूड बहुत ज्‍यादा बदलता रहता है।

ये कोई भी निर्णय जल्‍दबाज़ी में नहीं करते हैं बल्कि बहुत सोच-समझकर फैसला लेते हैं। इनका स्‍वभाव दूसरों के लिए थोड़ा जटिल हो सकता है।

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आषाढ़ माह को कैसे मिला यह नाम

आषाढ़ महीने को यह नाम पूर्वाषाढ़ा अैर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर मिला है। आषाढ़ पूर्णिमा पर चंद्रमा इन दो नक्षत्रों के बीच में होता है इसलिए इस मास का नाम आषाढ़ रखा गया है। हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम उस मास में पड़ने वाली पूर्णिमा के नक्षत्र पर रखा गया है।

इन उपायों से मिलेगी सुख-समृद्धि

इस महीने में आप सच्‍चे मन से ईश्‍वर की भक्‍ति करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

आषाढ़ के मास में भगवान विष्‍णु के साथ जल देवता की पूजा करने से सुख-संपन्‍नता मिलती है। इसके अलावा सूर्य और मंगल देव की उपासना करने से सकारात्‍मक ऊर्जा का एहसास होता है।

इस मास में गुप्‍त नवरात्रि भी आती हैं। इस समय मां दुर्गा की उपासना एवं व्रत करने से व्‍यक्‍ति की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. 2024 में आषाढ़ कब है?

उत्तर. 23 जून से लेकर 21 जुलाई तक है।

प्रश्‍न. हिंदू कैलेंडर में 2024 कौन सा वर्ष है?

उत्तर. यह विक्रम संवत् 2081 है।

प्रश्‍न. आषाढ़ में कौन सी एकादशी आती है?

उत्तर. इस समय देवशयनी एकादशी आती है।

प्रश्‍न. क्‍या आषाढ़ का महीना शुभ होता है?

उत्तर. पूजा-पाठ के लिए यह मास शुभ होता है।

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