बुध वक्री 2024: एस्ट्रोसेज की हमेशा से यही पहल रही है कि किसी भी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की नवीनतम अपडेट हम अपने रीडर्स को समय से पहले दे पाएं और इसी कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं जल्द ही वक्री होने वाले बुध से संबंधित यह खास ब्लॉग। इस ब्लॉग में हम आपको 26 नवंबर, 2024 को वृश्चिक राशि में वक्री हो रहे बुध से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि बुध के वक्री होने पर राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और इसका व्यास लगभग 4,880 किलोमीटर है। इस ग्रह की संचरना चट्टानी है और बुध की कक्षा अंडाकार है एवं इसे सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 88 दिन लगते हैं। बुध अपनी धुरी पर धीरे-धीरे घूमता है और इसे एक चक्कर पूरा करने में 59 दिन लगते हैं।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध व्यक्ति के संचार कौशल, ज्ञान और बौद्धिक प्रक्रियाओं से है। ये बुध के कुछ सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिषीय पहलुओं में से एक हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह को संचार का कारक भी कहा जाता है एवं कुंडली में बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है कि हम अपने विचारों और भावनाओं को किस तरह से नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा हमारा बात करने का तरीका भी बुध की स्थिति पर ही निर्भर करता है। यह संचार के लगभग हर प्रकार को प्रभावित करता है जिसमें लिखना और बोलना भी शामिल है।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: समय
26 नवंबर, 2024 को बुध अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में शाम 07 बजकर 39 मिनट पर वक्री होंगे। तो चलिए जानते हैं कि बुध के वक्री होने से राशियों और देश-दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।
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बुध वृश्चिक राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी हैं। अब बुध वृश्चिक राशि में वक्री होने पर आपके सातवें भाव में रहेंगे। बुध के वक्री होने के दौरान शिक्षकों, कोच, प्रशिक्षक, कंसल्टेंट, थेरेपिस्ट, सलाहकार, वकील, अभिनेता, वक्ता, पत्रकार और ब्लॉगर आदि को अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
इस दौरान आप खूब पैसा कमाएंगे और आपके साथ आपका बिज़नेस पार्टनर अच्छा व्यवहार करते हुए नज़र आएंगे। आपको अपने बिज़नेस पार्टनर का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। यदि व्यक्ति की कुंडली में बुध पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो मोटा पैसा कमाने के लिए यह समयावधि शानदार रहने वाली है।
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सिंह राशि
वक्री होने पर बुध सिंह राशि के चौथे भाव में रहेंगे। बुध सिंह राशि के जातकों के लिए उनके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इस समय आप अपने घर-परिवार में सुधार करने के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं। आप घर या कार को रेनोवेट करवाने, घर के लिए कोई नया उपकरण खरीदने या घर पर पार्टी रखने या दोस्तों से मिलने-जुलने के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं। बुध ग्रह सिंह राशि के जातकों के वित्त को नियंत्रित करता है इसलिए इसके वक्री होने पर इस तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे। बुध के आपके चौथे भाव में वक्री होने की वजह से यह ग्रह आपके ऊपर चौथे भाव से संबंधित चीज़ों में निवेश करने का दबाव बना सकता है। आपको अपनी मां के सहयोग से लाभ होने की संभावना है।
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वृश्चिक राशि
बुध वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वक्री होकर वह आपके पहले भाव में रहेंगे। बुध के पहले भाव में वक्री अवस्था में आने पर जातक को कई तरह से लाभ प्राप्त होंगे। जातक को अपने दोस्तों का साथ मिलता है, सेहत अच्छी रहती है, दीर्घायु होती है, करियर एवं वित्तीय स्थिति अच्छी रहती है, अधिकार, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है एवं सिलेब्रिटीज़ को भी फायदा होता है।
इन जातकों को अपने दोस्तों से लाभ होने के आसार हैं। इन्हें अपनी दोस्ती की वजह से सफलता, संपन्नता, लोकप्रियता या कोई अधिकार मिल सकता है। ये जीवनभर लोगों की सहायता कर सकते हैं और उनकी समस्याओं को सुलझाने में उनकी मदद कर सकते हैं। अध्ययन के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों को लाभ एवं नए अवसर मिलने के संकेत हैं।
बुध वृश्चिक राशि में वक्री: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। अब वृश्चिक राशि में वक्री होकर बुध आपके आठवें भाव में रहेंगे। इस दौरान आपके बात करने के तरीके में कुछ बदलाव आ सकता है। आपकी बातों को गलत समझा जा सकता है और दूसरों के लिए आपकी बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। आपको बात करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
बुध के वक्री होने के दौरान आपको गले या त्वचा से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। वहीं अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण आपको बेचैनी भी हो सकती है। बेहतर होगा कि आप इन स्वास्थ्य समस्याओं को नज़रअंदाज़ न करें क्योंकि ऐसा करने से आपको दीर्घकालिक बीमारियां हो सकती हैं। बुध की नवम भाव से आपके दूसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है। इससे आप अधिक पैसों की बचत कर पाने में सक्षम होंगे लेकिन इसके साथ ही आपके सामने अचानक से खर्चे भी आ सकते हैं।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहे हैं। बारहवां भाव खर्चों, मल्टीनेशनल कंपनी, अस्पताल, घर में अकेले रहने और दूरदराज के देशों को दर्शाता है। बुध के बारहवें भाव में वक्री होने पर आपके लिए विदेश में नौकरी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
वृश्चिक राशि में बुध के वक्री होने पर आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी लेकिन फिर भी आप अपनी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाएंगे। आपके बारहवें भाव में सप्तमेश के उपस्थित होने से आपके जीवनसाथी को स्वास्थ्य से संबंधित समस्या या एंग्जायटी हो सकती है।
बुध के वृश्चिक राशि में वक्री होने पर करें ये उपाय
बुध वृश्चिक राशि में वक्री के दौरान आप निम्न ज्योतिषीय उपाय कर सकते हैं:
- बुध ग्रह को खुश करने के लिए आप बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें।
- बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप बुधवार के दिन व्रत भी रख सकते हैं।
- कनिष्ठिका उंगली में पन्ना रत्न की अंगूठी पहनने से बुध ग्रह को मज़बूती मिलती है।
- बुध के मंत्रों का जाप करने से भी फायदा होता है।
- भगवान विष्णु की उपासना करें।
- ज़रूरतमंदों एवं गरीब लोगों को दान करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. यह बुध ग्रह है।
उत्तर. ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान का कारक माना गया है।
उत्तर. दूसरे और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं।